Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
12-13-2020, 03:03 PM,
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
अगले दो दिनों तक यही खेल चलता रहा..पापा भी ऑफिस नहीं जा पा रहे थे..चुदाई के खेल में उन्हें अब अपने बाप, बेटे, बेटी और पत्नी के साथ खेलने में काफी मजा आ रहा था.
आखिर वो दिन भी आ गया जब दादाजी को वापिस जाना था.. दादाजी ने मेरे साथ-२ ऋतू को भी बीस दिनों के लिए गाँव में जाने को राजी कर लिया था.. और हमारे प्लान के अनुसार पहले हम अजय चाचा और आरती चाची से मिलने उनके घर जायेंगे और वहीँ से उनके गाँव जो की लगभग 1 घंटे की दुरी पर है वहां से..
मुझे आरती चाची से मिलने के साथ-२ नेहा से भी मिलने की उत्सुक्ताता थी..हम ट्रेन से गए और अगले दिन हम इंदोर पहुँच गए..
स्टेशन पर चाचू हमें लेने के लिए आये थे..उनसे मिलकर सभी बहुत खुश हुए और उन्होंने तो ऋतू को अपने सीने से लगाकर लगभग मसल ही डाला..अगर उनके पिताजी वहां न होते तो शायद वो ऋतू की चूत मार लेते स्टेशन पर ही.. पर उन्हें क्या मालुम था की अब दादाजी के साथ हम सबकी क्या टयूनिंग हो गयी है...दादाजी का रोब उन पर बना रहे ये हमारी पहले से ही प्लानिंग थी..और जब मौका आएगा तभी उन्हें जाहिर करेंगे की अब दादाजी भी हमारी टीम में आ चुके हैं..
हमारा उनके घर पर एक-दो दिन रुकने का प्लान था..
रास्ते में चाचाजी सभी के बारे में पूछते रहे और अपने, नेहा और आरती चाची के बारे में भी बताते रहे..जल्दी ही उनका घर आ गया.
हम यहाँ लगभग चार साल के बाद आ रहे थे. उनका घर पूरा बदल चूका था, चाचू ने अपने फर्स्ट फ्लोर पर भी दो कमरे डाल दिए थे, जिन्हें गेस्ट रूम के लिए रखा हुआ था..
घर पहुँचने पर चाची ने दरवाजा खोला और अपने ससुर के पाँव छुए ..मेरा ध्यान दादाजी के ऊपर ही था..उनकी नजरें अपनी छोटी बहु के पुरे शरीर को नापने में लगी हुई थी..
जैसा की पहले से ही उन्होंने बताया था की उनके चूचों के वो शुरू से ही दीवाने है..इसलिए वो चाची की छाती को घूर-२ कर देख रहे थे..
चाची ने हम दोनों भाई बहन को भी एक साथ गले से लगाकर हमारा स्वागत किया..मैं जब उनके गले लगा तो मैंने हाथ पीछे ले जाकर उनकी गांड में ऊँगली डाल दी..जिसे पीछे खड़े हुए चाचू ने साफ़ देखा और मुस्कुरा दिए..
चाची तो मेरी ऊँगली गांड में पाकर ऐसी उछली जैसे मैंने लंड पेल दिया हो वहां...
ऋतू : "चाची, नेहा कहाँ है.."
चाची : "बेटा वो स्कूल गयी है...तुम बैठो, बस आने ही वाली होगी .."
हम बात कर ही रहे थे की बेल बजी और चाची ने दरवाजा खोला ..बाहर नेहा थी..
उसने हम सभी को देखा और भागकर मुझसे और ऋतू से गले मिली और फिर दादाजी के पास गयी तो दादाजी ने भी उसके सर पर हाथ रखने के बाद उसे अपनी छाती से लगा लिया... नेहा भी दादाजी से काफी डरती थी।
पर जब दादाजी ने उसे अपने कठोर से शरीर से रगड़ना शुरू किया तो उसे अजीब सा महसूस हुआ और उसने मेरी तरफ नजरे घुमाई और आँखों ही आँखों में मुझसे पूछा "ये आज बुड्ढे को क्या हो गया है...?
उसके बाद हम सभी अन्दर गए और फ्रेश होने के बाद चाय पी और फिर खाना खाया..
चाची : "बेटा नेहा, जाओ ऊपर जाकर तुम ऋतू को उसका कमरा दिखाओ..और पिताजी का सामान भी ऊपर ही दुसरे कमरे में रख देना.."
दादाजी अभी खाना खा रहे थे, इसलिए मैंने और ऋतू ने मिलकर सारा सामान उठा लिया और ऊपर की और चल दिए.. ऊपर जाकर मैंने जैसे ही अपना सामान नीचे रखा, नेहा उछल कर मेरी पीठ पर चढ़ गयी...और मेरे मुंह के पीछे से ही चूमने लगी..
नेहा : "ओह्ह..भाई...मैंने तुम्हे काफी मिस किया....अह्ह्ह...पुच...पुच...पुच..."
उसने तो मेरी गर्दन पर किस्सेस की झड़ी सी लगा दी..
मैंने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए उसे पीठ से घुमा कर हवा में ही उठाये हुए आगे की तरफ कर लिया ...और नेहा ने अपनी टाँगे मेरी कमर से किसी बेल की भाँती लपेट दी और मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी...
ऋतू ये सब बड़े चाव से देख रही थी और अपनी चूत और निप्पल को एक साथ मसल कर हमारे अनोखे मिलन का मजा ले रही थी. मैंने अपने हाथ नेहा की कोमल सी गांड के नीचे रख दिए...वो पहले से ज्यादा भर चुकी थी ..
मैं : "क्या बात है नेहा, तुम्हारी गांड पर तो चर्बी कुछ ज्यादा ही चढ़ गयी है...पहले तो ऐसी नहीं थी.."
नेहा : " ये सब तो पापा का कमाल है, वो रोज रात को जब तक मेरी गांड न मार ले उन्हें नींद ही नहीं आती...जानते हो, हम लोग जब से दिल्ली से वापिस आये हैं, मैं मम्मी और पापा के कमरे में ही सोती हूँ...और वो भी बिलकुल नंगी..."
मैं : "वाव...रोज सोती हो उनके साथ..."
नेहा : "नहीं रोज तो नहीं...जब कभी मेरा बोय्फ्रेंड मेरे साथ ऊपर इसी कमरे में सोता है तो उस दिन नहीं...."
ऋतू : "यानी तुम्हारा बॉय फ्रेंड भी यहाँ आता है...और चाची अब कुछ नहीं कहती तुम्हे..."
नेहा : "वो कहती तो हैं...पर यही की 'बेटा, अपने फ्रेंड से मजे लेने के बाद उसे मेरे कमरे में भी भेज देना'..हा हा.."
उसकी बात सुनकर सभी हंसने लगे..
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