RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
सन्नी ने कांपते हुए हाथो से उसकी सलवार का नाड़ा खींचा और उसे उतार दिया, नीचे उसने काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, विशाल ने उसकी पेंटी को पकड़ा और उसे नीचे उतार दिया, उसकी चूत से निकलती हुई गर्म हवा मेरे लंड तक आ रही थी.
मैंने उसकी चूत में हाथ डालकर उसके जूस को इकठ्ठा किया और उसके मुंह में डाल दिया, वो मेरी उँगलियाँ किसी पालतू कुतिया की तरह चाटने लगी और उन्हें साफ़ करने में लग गयी..
उसने फिर मेरी शर्ट उतारी और नीचे बैठ कर मेरी जींस के बटन खोलने लगी..और उसे नीचे कर दिया..
मेरा लंड उछल कर उसके मुंह से जा टकराया, फिर वो सन्नी की तरफ मुड़ी और उसकी जींस को भी उतारा और फिर विशाल की भी...
अब वो रंडियों की तरह , हमारे सामने जमीन पर, अपने पंजो के बल, नंगी बैठी थी, उसने एक हाथ में सन्नी का और दुसरे में विशाल का लंड पकड़ा और उसे हिलाने लगी, और अपने मुंह में मेरा लंड डालकर चूसने लगी,
हम तीनो की आँखें बंद होने लगी , मैंने उसके सर के ऊपर हाथ रखा और आठ दस धक्के मार दिए उसके मुंह में, फिर उसने मेरा लंड बाहर निकाला और घूम कर सन्नी के लंड को चूसने लगी, और मेरे लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी, थोड़ी देर बाद उसने विशाल के लंड को भी चूसा और बाकी दोनों को मसला..
इस तरह बारी-२ से वो लगभग दस मिनट तक सभी का लंड चुस्ती रही और मसलती रही..और फिर एक साथ हम सभी उसके नंगे जिस्म के ऊपर झड़ने लगे...
मेरा लंड उस समय उसके मुंह में था, मैंने उसे बाहर निकला और उसके चेहरे और मुम्मो का निशाना बना कर धारे मारनी शुरू कर दी..
"आआआअह्ह्ह ले साली.....अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ....भेन चोद....तेरी माँ चोदुं......अह्ह्हह्ह्ह्ह .......ओफ्फ्फफ्फ्फ़ .......एई......ईई........"
विशाल और सन्नी की पिचकारियाँ भी उसके कानो में पड़ने लगी, उन्होंने भी उसके चेहरे और छाती को पूरी तरह से भिगो डाला....
उसकी हालत बड़ी खराब हो चुकी थी, पुरे चेहरे पर सफ़ेद वीर्य की चादर सी बिछी हुई थी, वो किसी पोर्न स्टार की तरह बेठी हुई थी, फिर उसने अपने मुंह पर गिरे वीर्य को साफ़ किया और उसे चाटने लगी..
हम सभी सोफे पर बैठ कर गहरी साँसे लेने लगे.
अपने चेहरे और छाती को पूरी तरह से साफ़ करने के बाद वो उठी और बाथरूम में जाकर साफ़ होकर आ गयी, वापिस अन्दर आते हुए मैंने नोट किया की उसका एक हाथ अपनी रस टपकाती चूत के ऊपर है, मैंने उसे इशारे से अपने पास बुलाया और वो आकर मेरे घुटनों के ऊपर अपने मुम्मे टीकाकर बैठ गयी, और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी..
जल्दी ही मेरे लंड में फिर से कसाव आने लगा, उसने फिर सन्नी और विशाल के लंड को भी उसी स्टाईल में चूसा और उनके लंडो को भी खड़ा कर दिया.. उसके बाद वो खड़ी हुई और उठकर मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत को रखा और बैठ गयी..
"आआआआआह्ह .....साब्ब्ब्बब......क्या लंड है आपका....अह्ह्हह्ह ....."
और उसने मेरे गले में बाहें डालकर ऊपर नीचे होने लगी..मेरे दोनों तरफ बेठे सन्नी और विशाल एक हाथ से अपना लंड और दुसरे से उसके हिलते हुए मुम्मो को पकड़कर दबा रहे थे...
मेरे लंड पर सोनी अपनी चूत को बुरी तरह से पीस रही थी, मैंने हाथ नीचे करके उसकी फेली हुई गांड को पकड़ा और अपनी एक ऊँगली उसकी गांड के छेद पर लगा दी..बड़ा ही टाईट था वहां का छेद...
मेरे मन में उसकी गांड को मारने का विचार आया...और जिस तरह से उसे चुदाई का नशा चड़ा हुआ था, शायद आज वो मना भी ना करे, मैंने उसे अपनी गोद से उतारा और वो अनमने मन से उठ कर सन्नी के लंड पर जा बेठी, सन्नी को अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हुआ की देर से ही सही, आज उसका कुंवारापन तो चला गया, आखिर उसका लंड भी घुस ही गया किसी की चूत में...
उसने दुगने जोश से उसकी चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए...और अपने मुंह में उसके मुम्मे लेकर बच्चे की तरह से चूसने लगा.. मैं बाथरूम से सरसों का तेल लेकर आया और उसे अपने लंड पर मलने लगा, और कुछ तेल लेकर मैंने सोनी की गांड के छेद पर भी लगाया और अपनी ऊँगली से उसे अन्दर तक रन्वा कर दिया..
सोनी भी शायद मेरा उद्देश्य समझ चुकी थी, उसने मेरी तरफ दयनीय तरीके से देखा की शायद मुझे उसपर दया आ जाए पर मैं अपने फेंसले पर अडिग था, कल पापा ने भी उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश की थी पर वो बिदक गयी थी, फिर पापा ने अन्नू की गांड मारकर काम चलाया था,
वैसे एक बात तो मैं भी कहूँगा, जब लंड को सनक लग जाए की उसे गांड में ही जाना है तो उसके आगे चूत की कुछ नहीं लगती , लंड को तो बस गांड ही चाहिए उस समय..
जैसे वो लोग होते हैं न, नॉन वेज खाने वाले, जो लोग मटन खाते है, वही जानते है की असली नॉन वेज तो वही है, ना की चिकन या फिश वगेरह....
खेर..सन्नी जो पहली बार किसी की चूत मार रहा था, उसके लंड ने अब झड़ना शुरू कर दिया था, उसने अपना सारा रस सोनी की चूत में निकाल दिया..
"आआआआह्ह्ह्ह हूऊऊ .....अह्ह्ह्ह ....हाय री सोनी.....क्या चीज है यार.....अह्ह्हह्ह......मेरी वर्जिनिटी ले गयी रे....अह्ह्ह्ह....मजा आ गया.....थेंक्स...." और उसने भावुक होकर उसके चेहरे को चूम लिया.
अब सोनी उसके लंड से उठी और विशाल की तरफ बड़ी...मैंने विशाल को बेड पर लेटने को कहा, वो लेटा और सोनी ने उसके लंड को भी निगल कर उसका कुंवारापन छीन लिया एक ही झटके में...."
"अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह......मेरा लंड.....ये क्या हो रहा है....अह्ह्ह्ह....मेरी स्किन फंस गयी है.....अहह....." पहली चुदाई के कारण उसके लंड के आगे के हिस्से की स्किन अन्दर जब रगड़ खायी तो उसे बड़ा दर्द हुआ, कोन कहता है की पहली बार करने में दर्द सिर्फ लड़की को होता है...
खेर उसने थोड़ी देर कोशिश करने से अन्दर की चिकनाहट को अपने लंड पर लपेट कर जब धक्के मारने शुरू किये तो उसका दर्द जाता रहा.
अब तो वो अपने मुंह पर पड़ रहे उसके मुम्मो के थपेड़ों के मजे ले रहा था और उसकी चूत में अपने लंड से थपेड़े दे रहा था..
मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद में लगाया तो उसका शरीर कांप सा गया, पर तेल की चिकनाहट के कारण लंड जब उसके भूरे छेद में जाकर फंसा तो मैंने भी अपनी कमर उसके साथ आगे पीछे करनी शुरू कर दी...
उसकी चूत में पहले से ही लंड था, और मैं अब उसकी गांड में भी लंड डालकर एक साथ दोनों छेदों को मारने की तय्यारी कर रहा था, जल्दी ही मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया,
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