Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-28-2020, 02:30 PM,
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
“ओह्ह्ह्ह् राक्षस, मरी जा रही हूं मैं।”

“न न न, ऐसी अशुभ बात नहीं बोलते लंडखोर। देख मुझे कितना मजा आ रहा है, तेरी गांड़ मेरा लौड़ा चूस रही है, वाह।”

“तेरा लंड मेरा्आ्आ्आ्आ्आ गांड़ फाड़ रहा है मादरचोद।” अबतक पीड़ा से बेहाल थी।

“हट हरामजादी, फाड़ रहा है, ड्रामा कर रही है गांड़ की गुनिया। न जाने कितने लंड खा चुकी है इसी गांड़ में साली गांड़ चोदी।” दरिंदगी की पराकाष्ठा थी यह मेरे लिए। मेरी कमर को वहशी जानवर ने इतनी सख्ती से जकड़ा था कि मानो उसके पंजे मेरी चमड़ी के अंदर धंसे जा रहे हों। उसी पाशविक पकड़ के साथ उसने जो एक बार मेरी गांड़ की कुटाई शुरू की तो एकबारगी मैं दहल उठी।

“धीरे, धीरे रे कसाई। ओह्ह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्।” मै सचमुच परेशानी में थी। लेकिन वह तो जंगली जानवर बन चुका था। एक बार शुरू हुआ तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। रोबोट की तरह गचागच ठोके जा रहा था, कूटे जा रहा था मेरी गुदा का गूदा निकालने पर अमादा था वह।

“न न न न, अब कहां धीरे। ऐसे में बड़ा्आ्आ्आ्आ मजा्आ्आ्आ्आ आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह रहा है। ले ले ले ले ले मेरा्आ्आ्आ्आ्आ लौड़ा खा अपनी गांड़ मे। ओह ओह आह आह आह। तू भी मजा ले।”

“मजा? आह्ह्ह्ह्ह् साले मजा? दर्द दे कर मजा?”

“अब चुप रह।” ओह अब कुछ ही मिनटों पश्चात मैं भी संभोग का लुत्फ उठाने में सक्षम हो गयी। दर्द काफूर हो गया। मीठा मीठा दर्द जरूर था, शायद मेरी गांड़ का अंदरूनी हिस्सा छिल गया था, इतने मोटे और लंबे सूखे सूखे लिंग को ग्रहण करने के प्रयास में। खैर जो भी हो, थोड़ी जलन के साथ लंड के घर्षण का अद्भुत आनंद आ रहा था।

“आह्ह्ह्ह्ह्, ओह्ह्ह्ह्, चोद मां के चोदू बेटे चोद, मेरी गांड़ का भुर्ता बना आह्ह्ह्ह्ह् मां के लौड़े।” अब आ रहा था मजा। ओह्ह्ह्ह्, पीड़ा के पश्चात स्वर्गीय सुख की अनुभूति। उत्तेजना के आवेश में मैं भी अपनी गांड़ उछालने लगी।

[Image: tumblr_n20hmg6hzX1seaa6oo5_500.gif]
“देख, देख मेरी गांड़मरानी मां को भी आया जोश। वाह वाह, ये हुई चुदासी मां की असलीयत। हां हां हां, ऐसे ही चुदती रह मेरी कुतिया मां।” खुशी के मारे चहक उठा वह। और जोश खरोश के साथ मेरी गांड़ का तिया पांचा करने में लीन हो गया। बीच बीच में मेरी चूत में उंगली भी करता जा रहा था। आनंद देना सीख गया था मेरा चोदू बेटा। मैं अब निहाल थी, सुख के सागर में डुबी चुदी जा रही थी। यह चुदाई कुछ अधिक ही लंबा चला। कभी उल्टा करके, कभी सीधा करके, कभी गोद में उठा कर, चोदे जा रहा था मुझे। यह चुदाई विशेष कर मेरी गुदा पर ही केंद्रित थी, किंतु रह रह कर तीन बार झड़ चुकी थी इस दौरान। समय का हमें पता ही नहीं चला। मेरी गांड़ का फालूदा बनाने के बाद फचफचा कर अपने वीर्य से सराबोर कर दिया। उफ्फ्फ्फ्फ्फ वह रात, रात भर में मेरे जिस्म को निचोड़ कर रख दिया क्षितिज ने। सवेरे तक इसी तरह कामक्रीड़ा का दौर रुक रुक कर पांच बार चला। वह तो पता नहीं कहां से इतनी शक्ति पाया था, छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था मुझे। हर संभव तरीके से मेरे जिस्म का उपभोग करता रहा, करता रहा, अंततः मेरा शरीर अर्धबेहोशी की अवस्था में पहुंच गया। ऐसा लग रहा था कि तीन चार चुदाई के बाद मेरे निर्जीव शरीर को चोद कर अपनी कसर निकालने पर आमादा हो। थक कर चूर, नुची चुदी, निचुड़ी, मसली, बेजान सी, हिलने डुलने से भी लाचार वाली अवस्था थी मेरी। क्षितिज, उसकी चुदाई तो अंतहीन चलती ही चली सुबह तक। सांढ़ था सांढ़, पूरा चुदक्कड़ मशीन।

खैर, सवेरा हुआ, चुदाई बंद हुई, मेरी जान में जान आई। वह तो मुझे नोच खसोट कर, चोद चाद कर मदमस्त चाल में चल दिया। जाने के पहले मुझे चूम कर बोला, “आह्ह्ह्ह्ह् मॉम, यू आर रीयली ग्रेट। जाने का मन नहीं कर रहा है।”

“जाओगे क्यों नहीं?”

“हां जाना तो है ही।” मायूसी से बोला।

“हां, दैट्स लाईक अ गुड बॉय।”

फिर वह चला अपने कमरे में जाने की तैयारी करने के लिए। इधर मैं किसी प्रकार उठी, लड़खड़ाते कदमों से बाथरूम तक गयी और शॉवर चला कर उसके नीचे पसर गयी। पांच मिनट तक शॉवर के नीचे उसी तरह बेजान सी पसरी रही। फिर किसी प्रकार सारी शक्ति जोड़कर उठी और क्षितिज के जाने की तैयारी में व्यस्त हो गयी। नाश्ते के बाद वह जाने के पहले मुझे अपनी बांहों में कस कर जकड़ लिया और एक प्रगाढ़ चुम्बन मेरे होंठों पर अंकित कर दिया, हरिया और करीम के सम्मुख ही। बेशरम कहीं का। जितने दिन था, तूफान मचाता रहा और कल रात तो मानो पागल ही हो गया था। बिल्कुल निचोड़ कर रख दिया था मुझे।
[Image: tumblr_inline_opekyvtS0n1uhp88c_540.gif]

इसके बाद फिर उसे किसी सहायता या निर्देश की आवश्यकता नहीं रही। पढ़ाई पूरी करने के पश्चात एक बड़ी गैर सरकारी इंजीनियरिंग संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर पदस्थापित होने के दो साल बाद ही तरक्की पा कर वरीय अभियंता के पद पर आसीन हो गया। कई लड़कियां और औरतें उसकी जिंदगी में आई और गयीं, लेकिन शादी व्याह के लफड़े से दूर ही रहना पसंद था उसे, इसलिए आजतक वह आजाद पंछी बनारहा। अब भी जब जी चाहता, मेरी देह में डुबकी लगा लेता था, जो कि अबतक बदस्तूर जारी है।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-28-2020, 02:30 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,670,699 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 564,563 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,305,509 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 988,884 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,751,926 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,161,485 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,091,747 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,537,886 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,185,889 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 301,247 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)