Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
11-27-2020, 11:03 PM,
#98
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा
चाची तुरंत बोली, “यह क्या? मेरा नाम दुबारा कैसे निकला?”

“जितनी बार आपका नाम निकलेगा उतनी बार आपके लिए काम भी मिलेगा और आप के लिए पार्टनर का नाम भी निकाला जाएगा। पार्टनर एक से ज्यादा कितने होंगे यह लॉटरी से पता चलेगा।” मैं बोली।

चाची निरुत्तर हो गई। अब उनके लिए काम निकला, “अपने पार्टनर के कपड़े उतारो।”

“नहीं नहीं। मैं हरिया के कपड़े नहीं उतारूंगी।” चाची ने फिर विरोध किया।

“कैसे नहीं उतारेगी, चल शुरू हो जा,” दादाजी डांटे।

अनिच्छा से चाची हरिया के कपड़े उतारने लगी। जैसे ही हरिया का अंतिम वस्त्र कच्छा खुला, चाची तो एक कदम पीछे हो गयी और विस्फारित नेत्रों से देखती रह गई, कुलांचे भरता हुआ टनटनाया आठ इंच लम्बा काला मोटा लिंग नामुदार हुआ ऊपर नीचे होते हुए सलामी देने लगा। ऐसा लग रहा था मानो सिग्नल मिलते ही चाची की फूली दपदपाती योनि का तिया पांचा कर डालने को बेताब हो। छ: फुटा गठा शरीर और आठ इंच का झूमता हुआ लिंग। चाची की हालत देख कर सभी मुस्कुरा उठे। दर असल कल रात को किसी ने एक दूसरे के शरीर को इतने ध्यान से नहीं देखा था, आज सभी कमरे की दूधिया रोशनी में बड़ी फुर्सत से और इत्मिनान से एक दूसरे को बखूबी देख पा रहे थे। अब नाम निकला “लक्ष्मी”, उसे भी उठ कर सबके सामने आना पड़ा। कार्य वही, ” अपने कपड़े उतारो”। मम्मी ने बेझिझक अपने कपड़े उतार दिए। असल में माहौल धीरे धीरे गरम हो रहा था और काम वासना का नशा धीरे धीरे सभी पर चढ़ता जा रहा था, अतः सभी बेसब्री से अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मम्मी ने बिना एक पल गंवाए अपने वस्त्रों से मुक्ति पा ली और लो, उनका पूर्ण व्यस्क, विकसित और कामोत्तेजक नग्न शरीर न सिर्फ आकर्षित कर रहा था बल्कि बाकी बचे मर्दों को आमंत्रण देता प्रतीत हो रहा था। उनके भाग्य में जो पहला नाम निकला वह था नानाजी, अर्थात उनके पिता जी का। नानाजी भी बिना समय गंवाए मम्मी के पास पहुंचे और फिर वही हुआ जो हरिया के साथ हुआ था। मम्मी ने स्टैचू बने हुए नानाजी के शरीर के सारे वस्त्र उतार फेंके और उनका नाटा गैंडे की तरह मोटा तोंदियल शरीर अपने अकड़े हुए फनफनाते विशाल लिंग के साथ गजब का दृश्य प्रस्तुत कर रहे था। फिर नाम निकला रमा चाची का। चाची घबराई अब यह दूसरी बार नाम निकला, पता नहीं इस बार उसका दूसरा पार्टनर कौन होगा। इस बार पूर्वनियोजित नाम करीम चाचा का नाम था। करीम चाचा उछल कर चाची के पास जा खड़े हुए। उनके साथ भी वही हुआ। उनका गठा हुआ लंबे कद का आकर्षक शरीर और उस पर उनका आठ इंच का लंबा और वैसा ही गधे सरीखे मोटा लिंग, चर्मरहित गुलाबी सुपाड़े के साथ अद्भुत नजारा प्रस्तुत कर रहा था। इसी तरह बारी बारी से सबका नाम निकलता गया और अन्ततः चाची के भाग्य में हरिया और करीम, मम्मी के भाग्य में दादाजी, नानाजी और बड़े दादाजी, मेरे भाग्य में काला भुजंग तोंदियल भालू सरीखा पंडित मिला। कहां मेरी दपदपाती सुगठित कमनीय काया और कहां पंडित जी जैसा बनमानुष, निहायत ही बेमेल जोड़ी। मेरे भाग्य पर पंडित जी को छोड़ कर सभी मर्द हंस रहे थे किन्तु मेरी मम्मी और चाची को ही पता था कि मैं ने क्या हासिल कर लिया था, वे ईर्ष्या भरी नजरों से मुझे देखे जा रहे थे। उनकी नजरें मानो कह रही थी, “साली कमीनी कुतिया की तो लॉटरी लग गई।” पंडित जी भी अपनी किस्मत पर अंदर ही अंदर बेहद खुश हो रहे थे, “नयी नकोर, इतनी कमसिन और कमनीय लौंडिया को दूसरी बार भोगने का सौभाग्य जो मिल गया था”। सभी मादरजात नंगे हो चुके थे। सभी कामातुर, बेताबी अपनी चरम पर थी। मैं अपने भाग्य पर मायूसी का नाटक कर रही थी किंतु अंदर ही अंदर बेहद खुश थी कि मेरी योजना कारगर रही। सभी मर्द बेकरारी से सिग्नल का इंतजार कर रहे थे कि कब हरी झंडी मिले और अपने शिकार पर टूट पड़ें। इस वक्त मैं बड़े गौर से स्टैचू बने पंडित जी के पूरे शरीर का मुआयना कर रही थी। उफ्फ कितना वीभत्स रूप था उनका। शारीरिक रूप से तो पूरा बनमानुष ही था। उनके विशाल लपलपाते काले मोटे लिंग के करीब आधे हिस्से पर भी काले काले घुंघराले घने बाल उगे हुए थे इसलिए उनके लिंग की निश्चित लंबाई स्पष्ट दृष्टिगोचर नहीं हो रही थी। तो इसका मतलब यह हुआ कि उनके घुंघराले घने बालों से भरे लिंग का पिछला आधा भाग भी कल मेरी योनि में प्रविष्ट हुआ था जिसके घर्षण से मेरी योनि के भीतरी नाजुक संवेदनशील मार्ग में अद्भुत हलचल मच रही थी। उनके भयावह लिंग के नीचे थैले की शक्ल में वृहद अंडकोष झूल रहा था जिसमें उनका अथाह वीर्य संचित था। कल रात को इतनी अच्छी तरह से मैं पंडित जी के अंग प्रत्यंग का दर्शन नहीं कर पाई थी। मैं बेहद रोमांचित हो उठी थी। मेरी खुुुुद की योनि पनिया रही थी।इस पूरे खेल की सूत्रधार मैं ही थी और मैं अपनी मर्जी से सबको नचा रही थी।

मैंने एक मिनट बाद का अलार्म सेट किया और घोषणा की, “अलार्म बजते ही सभी मर्द अपने शिकार पर टूट पड़ेंगे, पूरी स्वतंत्रता के साथ जैसी मर्जी, पूरी छूट है।” अब तक उत्तेजना के चरम पर पहुंच चुके थे। जैसे ही अलार्म बजा, मानो कमरे में भूचाल आ गया।
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani कामिनी की कामुक गाथा - by desiaks - 11-27-2020, 11:03 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,616,096 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 557,374 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,282,861 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 969,467 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,718,539 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,135,148 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,046,509 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,384,190 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,139,352 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 295,915 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)