RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
इमरान कुछ ना बोला….
लेकिन उसका मुँह इस तरह बिगड़ा हुआ था जैसे बच्चों को ज़बरदस्ती कड़वी दवा खिला दी हो….!
लड़कियाँ मुझे रास नही आती….इमरान कुछ देर बाद बोला
क्या मतलब….?
नजूमी (ज्योतिषी) ने कहा है कि लड़कियों से दूर रहा करो….!
क्यूँ….?
दूसरों के असरात बहुत जल्द कबूल कर लेता हूँ….एक बार एक कुत्ता पाला था….और….6 माह बाद खुद भी भोंकने लगा था….!
ग़ालीबान तुम यह कहना चाहते हो कि लड़कियों में रहे कर खुद भी लड़की हो जाने का डर है तुम्हे….?
हो सकता है….!
तुम सिर्फ़ बेवक़ूफ़ लगते हो…. और कोई ख़ास बात नही….!
तुम्हारे बाप ने तुम्हे क्यूँ नही बताया कि तुम तीन दिन से गायब हो….?
अगर बता देते तो मैं घर से बाहर कदम भी ना निकालती….क्या समझते हो….मैं नही समझ नही कि तुम्हे किसी दुश्वारी में डालने की कोशिश करूँगी….?
सवाल का जवाब मेरे बस से बाहर है….
क्यूँ….?
लोग ठुड्डी सहलाते-सहलाते गला पकड़ लेते है….
क्या मैं तुम्हे ऐसी लगती हूँ….?
खुदा जाने….मुझे औरतों का कोई तजूर्बा नही….!
तब फिर….तुम मुझे यहीं इसी वीरान सड़क पर उतार दो….
अचानक….इमरान ने ब्रेक लगा दिया….कॉर्निला के कहने से नही….
बल्कि टक्कर से बचने के लिए….ढलान से उतरते ही गाड़ी नज़र आई जो कुछ देर पहले पीछा कर रही थी….
और अब इस तरह तिरछी खड़ी थी कि इमरान अपनी गाड़ी की रफ़्तार कम किए बगैर उससे आगे निकल ही नही सकता था….
और फिर….इसकी भी कहाँ गुंजाइश थी जितनी देर में गाड़ी आगे निकालने की कोशिश करता उससे भी कम वक़्त में वो दोनो छलनी हो कर रह जाते…. क्यूँ कि सामने ही एक आदमी स्टॅन गन लिए खड़ा नज़र आया….जिस का रूख़ टू-सीटर की वाइंड-स्क्रीन की तरफ था….!
अब बताओ….? इमरान लंबी साँस ले कर बड़बड़ाया
दो आदमी टू-सीटर की तरफ बढ़े….
और तीसरा उन्हे स्टॅन गन से कवर किए हुए खड़ा रहा….!
चुप-चाप नीचे उतर आओ….उनमे से एक बोला
उतर जाओ…..इमरान ने कॉर्निला से कहा
म….म…..मैं….? कॉर्निला बौखला गयी
और नही तो क्या मैं….भला मुझे ले जा कर क्या करेंगे….इमरान गुस्सैले लहजे में कहा
नही….तुम भी उतरो….बाहर से कहा गया
यह तीनो ही विदेशी थे….!
गौर से देखो….क्या मैं तुम्हे लड़की नज़र आता हूँ….इमरान ने उँची आवाज़ में पूछा
नीचे उतरो….
मैं तो नही उतरून्गा….
अगर यह तुम्हारी बहेन है तो शौक़ से ले जाओ….इसने मुझसे लिफ्ट माँगी थी….अगवा कर के नही ले जा रहा था….!
एक ने टू-सीटर का दरवाज़ा खोला….
और एक ने इमरान को खींच कर उतारना चाहा….!
शराफ़त से….शराफ़त से….मैं खुद उतर रहा हूँ….मेरे कपड़े खराब ना होने पाए….इमरान उसका हाथ झटक कर बोला
स्टॅन गन वाला और करीब आ गया….
इमरान टू-सीटर से उतर आया….कॉर्निला भी उतर गयी थी….!
चलो बैठ जाओ….एक ने दूसरी गाड़ी की तरफ इशारा किया….
और अपनी गाड़ी यही खड़ी रहने दूं सड़क पर….कोई पार कर ले गया तो कौन ज़िम्मेदार होगा….?
देखो दोस्त…. अगर तुमने गड़बड़ की तो लड़की मुफ़्त में मारी जाएगी….दूसरा बोला
इमरान ने महसूस कर लिया कि कयि बार की नाकामी के बाद वो लोग ख़ासे चौकन्ने नज़र आ रहे है….
और फिर….एक के हाथ में स्टॅन गन भी है….कोई भी चूक हुई गोलियों की बौछार कॉर्निला को चाट सकती है….!
वो दोनो हाथ उपर उठाए हुए उनकी गाड़ी में दाखिल हो गये….कॉर्निला को उसके करीब जगह मिली….
और एक आदमी इमरान के पहलू से रेवोल्वेर लगाए बैठा….!
यार मेरी गाड़ी का क्या होगा….? इमरान ने बौखलाए हुए अंदाज़ में कहा
यह क्यूँ नही पूछते तुम्हारा क्या होगा….? कॉर्निला झुनझूला कर बोली
मुझे तो अपने बारे में मालूम होगा कि मैं कहाँ हूँ….
तुम खामोश ही बैठो तो बेहतर है….रेवोल्वेर वाले ने कहा
तुम्हे भी मेरी आवाज़ ज़हर लगती है क्या….?
चुप रहो….वो ज़ोर से बोला
इमरान ने सहेम जाने की आक्टिंग की….
गाड़ी तेज़ रफ़्तार से चल रही थी….इमरान के अंदाज़े के मुताबिक उनकी मंज़िल वोही इमारत थी….जहाँ से उसने डॉक्टर मलइक़ा को बरामद किया था….!
जो कुछ भी हो रहा था खुद उसके मुताबिक हुआ था….अच्छी तरह जानता था कि वो कॉर्निला के ज़रिए उस पर हाथ डालना चाहते है….
तो फिर….
उन्हे इसका मौक़ा क्यूँ ना देता….ढांप वाला चक्कर भी इसलिए चलाया था कि बा-हैसियत इमरान खुद को गैर ताल्लुक ज़ाहिर कर सके….अपने मातहतों को भी अपनी निगरानी से रोक दिया था….असल मक़सद के लिए यह अंधी चाल भी कही जा सकती थी….
क्यूँ कि वो नही जानता था कि खुद को उनके सुपुर्द कर देने के बाद उस पर क्या गुज़रेगी….!
कितनी गैर फित्रि बात हुई है….इमरान बड़बड़ाया
क्या कहना चाहते हो….? रेवोल्वेर वाला बोला
अरे….ना मैने पूछा….
और ना तुम ने बताया की जाना कहाँ है….?
तुम अच्छी तरह जानते हो….
क्या जानता हूँ….?
खामोश रहो….
पहले ही खामोश करा देते सवाल ही क्यूँ किया था….?
अब कह रहा हूँ कि खामोश रहो….
चुप रहो ना….कॉर्निला भी बोली
तुम कहती हो तो अब नही बोलूँगा….लड़कियाँ ज़्यादा अक़ल्मंद होती है….!
थोड़ी देर बाद गाड़ी उसी इमारत के कॉंपाउंड में दाखिल हुई….जिस के बारे में इमरान सोच रहा था
सब से पहले रेवोल्वेर वाला उतरा….
अरे….अब भाग कर कहाँ जाउन्गा….इमरान गाड़ी से उतरता हुआ बोला….उससे कहो आए सूरत हराम बंदूक मुझे ना दिखाए
अंदर चलो….
ज़ाहिर है कि यहाँ लॉन में टेंट लगाने तो वाला नही हूँ….
लड़की तुम आगे चलो….रेवोल्वेर वाला बोला
यहाँ भी तुम मेरी तौहीन कर रहे हो….मैं लॅडीस फर्स्ट का कायल नही हूँ….इमरान ने शिकवा करने वाले अंदाज़ में कहा
तुम ने दिमाग़ चाट लिया है….
इसी लिए तो लॅडीस फर्स्ट का कायल नही हूँ….मैं खुद फर्स्ट हूँ….कयि दर्जन औरतों से अपने बारे में राय कदम कर के खुद फर्स्ट का कायल हुआ हूँ
मेरा मशवरा है कि खामोश रहो….
वरना मेरा बॉस तुम्हारी ज़ुबान काट देगा….!
तो क्या वो सिर्फ़ मेरी शक्ल देखना चाहता है….?
वो एक कमरे में ला बैठाए गये….
लेकिन स्टॅन गन बा-दस्तूर तनी रही….!
बस बैठे रहो यूँ नही….इमरान ने मायूसना अंदाज़ में पूछा
तुम चुप नही रहोगे….?
देखो दोस्त….मैं तकरीबात (इवेंट्स) के मौक़े पर ऐसे घरों में बुलाया जाता हूँ….जहाँ की खवतीन (औरतें) कम ज़हीन होती है….
लेकिन इस तरह नही बुलाया जाता….जैसे तुम लोग लाए हो….!
तुम खामोश रहो ना….कॉर्निला घिघियाई
अच्छी बात है….अब नही बोलूँगा
थोड़ी देर बाद….एक लंबा और हॅटा कट्टा हिप्पी कमरे में दाखिल हुआ….घनी दाढ़ी और मूछौं ने आधा चेहरा छुपा लिया था….
और बड़े-बड़े बाल चहरे पैशानी पर छाए हुए थे….आँखें लाल और ख़ौफफनाक थी….!
नामुमकिन….इमरान बोल पड़ा
हिप्पी जहाँ था वहीं रुक कर इमरान को घूर्ने लगा….
ठीक कह रहे हो….इमरान सर हिला कर बोला….आज-कल बड़ी पक्कड़-धक्कड़ हो रही है चरस सप्लाइ नही कर सकूँगा….!
तो तुम चरस भी सप्लाइ करते हो….? हिप्पी घुर्राया
मैं बिज़्नेस यही है….आधे युरोप में मेरा माल जाता है….मेरा से मतलब मेरा माध्यम है….!
यह नयी बात मालूम हुई है….
चरस फोशि के लिए साइग्नबोर्ड नही लगाए जाते….
मैं तुम से चरस नही खरीदुन्गा….!
फिर….तुम्हारे किस काम आ सकता हूँ….?
क्या डाइरेक्टर-जनरल को तुम्हारे पेशे का मालूम नही है….?
सवाल ही पैदा नही होता…. वरना मैं अंदर होता….!
अब मालूम हो जाएगा….
मैं तसवूर भी नही कर सकता के तुम ऐसा करोगे….इमरान ख़ौफफज़दा लहजे में बोला
यही होगा…. अगर तुमने मेरे सावालात के तशल्लि बक़्ष (संतोष जनक) जवाब ना दिए….
प….प….पूछो क्या पूछना है….?
तुमने इस लड़की के लिए झूठा गवाह क्यूँ मुन्हैय्या किया था….?
अरे….तो क्या तुम ढांप हो….? इमरान उछल पड़ा
सवाल मैं करूँगा….वो आँखें निकाल कर घुर्राया
अच्छा….अच्छा….दरअसल मैं लड़की के करीब हो कर देखना चाहता था कि यह क्या चक्कर है….पोलीस देर लगा देती है….!
तो फिर क्या मालूम किया….?
खोदा पहाड़ निकला चूहा….डॉक्टर शाहिद ने तुम से बड़ी रकम क़र्ज़ ली थी….!
मुझसे….?
अगर….तुम ढांप हो तो तुम ही से….
लेकिन उसने यह बात सिर्फ़ मुझसे बताई है….पोलीस को नही….पोलीस से यह कहा गया है कि वो खुद भी हैरत में है आख़िर ढांप उससे क्या चाहता है….! और कुछ….?
और क्या….बस यही कहना है कि ज़्यादा घपला ना करो….शादी हो जाने दो….यहाँ बड़ी मुश्किल से अच्छा रिश्ता मिलता है….!
उसके बाद….?
जिसस तरह चाहे डॉक्टर शाहिद से रकम वसूल कर लेना….
तुम्हारी बात मेरी समझमे नही आई….
नही आएगी….यह सूरत हराम बंदूक मुझे नर्वस कर रही है….इमरान ने स्टॅन गन की तरफ उंगली उठा कर कहा….आख़िर इसकी क्या ज़रूरत थी एक खत लिख कर मुझे बुलवा सकते थे….!
देखो दोस्त….तुम मुझसे भी अड़ने की कोशिश कर रहे हो….जब क़ि मुझे मालूम है कि पोलीस बाज़ मामलात में तुम से मदद लेती रहती है….!
डाइरेक्टर-जनरल का बेटा हूँ….किसी बानिए की औलाद नही हूँ….इमरान अकड़ कर बोला
और तुम अहमाक़ भी नही हो….जैसे कि नज़र आते हो….!
|