RE: antarwasna आधा तीतर आधा बटेर
इमरान ने अख़बार ब्लॅक-ज़ीरो की तरफ बढ़ते हुए कहा….जब उस लड़की ने कबूल कर लिया कि वही मलइक़ा को ले गयी थी….
तो फिर…. मोबार वाले ड्रामे की ज़रूरत ही बाकी नही रहती….!
आप ही ने फरमाया था कि वो अपने बारे में हमे ग़लतफहमी में मुब्तेला करने की कोशिश कर रही है….
फिलहाल उसके अलावा और कुछ नही कहा जा सकता….!
फोन की घंटी बजी….
और
इमरान ने रिसीवर उठा लिया….
दूसरी तरफ से सफदार की आवाज़ आई….नयी खबर है जनाब….डेविड हॅमिल्टन नामी आदमी 6 माह पहले उस फ्लॅट में रहता था….अब वहाँ एक बूढ़ी औरत रहती है….पड़ोसियों ने भी उसकी पुष्टि कर दी है….
तो क्या वो दोनो उसके रिश्तेदार थे जिन के साथ तुम मोबार गये थे….?
वो कहती है कि मैं यहाँ तन्हा रहती हूँ….
और
कल तो कोई आया भी नही था….!
तुम्हे यक़ीन है कि तुमने 7वे फ्लॅट से उन्हे निकलते देखा था….?
जी हाँ….मुझे यक़ीन है….!
गाड़ी कहाँ खड़ी की थी….?
इमारत के दो-ढाई फ्रलॉंग के फ़ासले पर वो दोनो वहाँ से पैदल गाड़ी तक गये थे….
बूढ़ी औरत के बारे में क्या ख़याल है….
वो एक ईसाई औरत है….ग्रीन टेंपल गर्ल’स स्कूल में हेडमिस्ट्रेस है….पड़ोसियों से मालूम हुआ है उन्होने कभी किसी मर्द को उसके फ्लॅट में आते नही देखा औरतें ही आती है….
बहेरहाल
मैने उस आदमी का हुलिया भी पड़ोसियों को बताया था….
लेकिन जवाब मिला कि वो डेविड हॅमिल्टन नही हो सकता….डेविड हॅमिल्टन एक मोटा और अड़ेढ़ उम्र का आदमी है….जवान और स्मार्ट नही….!
हुह….अच्छा….दूसरी हिदायत का इंतेज़ार करो….इमरान ने कह कर रिसीवर रख दिया….
फिर
उसने ब्लॅक-ज़ीरो को सफदार की रिपोर्ट से आगाह किया….!
किसी हरकत का भी मक़सद समझमे नही आ रहा है….ब्लॅक-ज़ीरो बोला
पूरी पार्टी इमरान मालूम होती है….इमरान बाईं आँख दबा कर मुस्कुराया
मेरी समझमे तो वो यही चाहते है कि हमारी तमाम तर तवज्जो कॉर्निला ही की तरफ रहे
और कॉर्निला की बेगुनाही का सबूत मैने फरहाम कर दिया है….वाह क्या ग़ज़ल हुई है….मर्ज़ा गालिबान के शुरुआती दौर की….
मद आंगंगा है अपने अलाम तक़रीर का….
इस बार मैने खुद ही अपने सर पर डंडा रसीद कर लिया है….!
ब्लॅक-ज़ीरो उसे हैरत से देखने लगा
सब से शानदार गाड़ी गॅरेज से निकलवा दो….
बहुत बेहतर जनाब….ब्लॅक-ज़ीरो उठता हुआ बोला
और थोड़ी देर बाद एर-कंडीशंड इंपाला राणा पॅलेस की कॉंपाउंड से निकली….इमरान खुद ही ड्राइव कर रहा था….इस वक़्त भी उसका अंदाज़ा ग़लत ना निकला….पीछा हो रहा था….
और एक गाड़ी आगे भी थी….!
खुद इमरान की गाड़ी वाइयरलेस से लैस थी….
इसलिए
दोनो गाड़ियों के दरमियाँ वाइयरलेस राबते से भी अंजान ना रह सका….
कोई कह रहा था….ये इस वक़्त उधर ही जाएगा….
लिहाज़ा तुम इतमीनान से चलते रहो….!
किधर जाएगा….? गालिबान अगली गाड़ी से पूछा गया
हंस की तरफ….पिछली गाड़ी से जवाब मिला
गुफ्तगू अँग्रेज़ी में हो रही थी….
और
लहजे से इमरान ने उनकी ख़ौमियत (नॅशनाटी) का अंदाज़ा भी लगा लिया….शरारत अमेज़ मुस्कुराहट उसके होंठों पर अटखेलिया करने लगी….उसने रास्ता बदल दिया….!
अगली गाड़ी उसी सड़क पर मूड गयी….जिस से गुज़र कर हंस की कोठी की तरफ जाती….
लेकिन इमरान सीधा चलता गया….पिछली गाड़ी अब भी रिवर में नज़र आ रही थी….
अचानक….ट्रॅन्समिट्रर से आवाज़ आई….मेरा अंदाज़ ग़लत रहा….वो शायद हंस की तरफ नही जा रहा….गाड़ी सीधी जा रही है….तुम भी पलट कर सीधे ही चले आओ….!
बहुत अच्छा….जवाब मिला
इमरान ने सर को जुम्बीश दी….
और
सीटी बजाने वाले के से अंदाज़ में होंठ सिकुडे….!
दोनो गाडियो के दरमियाँ मीडियम वेव में संपर्क हो रहा था
इमरान ने अपनी गाड़ी के ट्रांसमीटर के माइक्रोवेव का बटन दबाया
और
सेइको मॅन्षन संपर्क करने की कोशिश करने लगा….वो अपने किसी मातहत को दोनो गाड़ियों की निगरानी के लिए तैनात करना चाहता था….
संपर्क जल्दी हो गया….
और वो एक्स-2 की आवाज़ में आदेश जारी करने लगा….अब उसे उस वक़्त तक ख़ामाखाँ शहेर के चक्कर लगाने थे जब तक उसके किसी मातहत की तरफ से इततेला ना मिल जाती कि दोनो गाड़ियाँ उसकी नज़र में आ गयी है….!
|