RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
अगले कुछ दिनों तक कबीर, राज से भी कटा-कटा सा रहने लगा। उसे राज से कुछ ईष्र्या भी होने लगी थी। जिस राज की, मिस्टर परफेक्ट की छवि से उसे कभी ईष्र्या नहीं हुई; जिस राज की साइडकिक बनकर भी वह खुश था; उसी राज से उसे अब ईष्र्या होने लगी थी, सि़र्फ इसलिए कि उसने उससे नेहा का साथ छीन लिया था। इस बात का अहसास राज को भी था कि कबीर उससे कटा-कटा सा रह रहा था, जो उसकी मिस्टर परफेक्ट की छवि के लिए अच्छा नहीं था। उसने कबीर की नारा़जगी दूर करना तय किया।
‘‘हे कबीर, आज रात क्लब चलते हो?’’ राज ने कबीर के दायें कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा।
‘क्लब?’
‘‘हाँ यार, बहुत दिन हो गए तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड किए हुए... लेट्स एन्जॉय अवरसेल्व्स टुनाइट।’’
‘‘मगर..।’’
‘‘मगर वगर कुछ नहीं, लेट्स गो बडी।’’ राज ने ज़ोर देकर कहा।
‘‘ओके।’’ कबीर मना नहीं कर सका।
राज के साथ कबीर क्लब में कुछ अनमना सा ही दाखिल हुआ, मगर क्लब के भीतर के माहौल ने उसे थोड़ी जीवंत ऊर्जा से भरना शुरू किया। गूँजता हुआ संगीत, झिलमिलाती रौशनी और थिरकते हुए जवान जिस्मों का जोश उसके बदन को हरकत में लाने लगा। कबीर, राज के साथ बार की ओर बढ़ा ही था कि पीछे से किसी लड़की की आवा़ज आई, ‘‘हाय! कबीर, हाय राज!’’
कबीर ने आवा़ज से ही पहचान लिया कि वह नेहा की आवा़ज थी। कबीर ने ख़ुशी से मुड़कर देखा, पीछे नेहा खड़ी थी, मुस्कुराकर हाथ हिलाते हुए।
‘‘हाय! नेहा, तुम यहाँ?’’ कबीर ने चौंकते हुए पूछा।
‘‘राज ने मुझे यहाँ बुलाया है; उसने तुम्हें नहीं बताया।’’ नेहा ने आँखों से राज की ओर इशारा किया।
‘‘मैं कबीर को सरप्राइ़ज देना चाहता था।’’ राज ने कबीर के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
कबीर को राज का यह जेस्चर अच्छा लगा – तो राज उसके मन की हालत समझता था। राज वाकई मिस्टर परफेक्ट था, मगर फिर कबीर को वही घबराहट हुई; कहीं नेहा और राज उस दिन की तरह एक दूसरे में व्यस्त होकर उसे फिर से अकेला न कर दें। मगर कबीर ने निश्चय किया कि आज वह पीछे नहीं हटेगा, नेहा से जम कर बातें करेगा, और उसके साथ जम कर डांस भी करेगा। आ़िखर राज ने नेहा को उसके लिए ही तो वहाँ बुलाया था। या फिर राज का इरादा कुछ और तो नहीं था? वह ख़ुद तो नेहा को पसंद नहीं करता था? मगर यदि वह ख़ुद नेहा को पसंद करता होता, तो उसे क्यों क्लब में साथ ले आता, कबाब में हड्डी बनाकर; नेहा तो उसके लिए ही वहाँ आई थी।
कबीर और राज ने बार से बियर की एक-एक बोतल ली, और नेहा ने वाइट रम, पाइनएप्पल जूस और कोकोनट क्रीम का कॉकटेल। अपनी-अपनी ड्रिंक लेकर वे एक बूथ में पसर गए। गपशप करते हुए ड्रिंक्स के दौर चलते रहे। बीच-बीच में वे डांस फ्लोर पर भी हो आते, और फिर बैठकर शराब के घूँट भरते हुए बातों में लग जाते। इस बीच राज ने इस बात का पूरा ख़याल रखा, कि वह नेहा को अपनी बातों में इतना व्यस्त न कर ले कि कबीर अकेला महसूस करने लगे, मगर साथ ही नेहा की मेहमाननवा़जी में भी कोई कमी नहीं रखी। नेहा के ड्रिंक का गिलास खाली होता, और तुरंत ही दूसरा हा़िजर हो जाता। थोड़ी देर बाद राज का सेलफोन वाइब्रेट हुआ। राज ने अपना फ़ोन चेक किया। कोई मैसेज आया था।
‘‘गाए़ज, देयर इ़ज एन इमरजेंसी; आई हैव टू गो समवेयर; यू गाए़ज एन्जॉय योरसेल्व्स।’’ राज ने उठते हुए कहा।
कबीर को समझ आ गया, कि यह सब राज का प्लान किया हुआ था, उसे नेहा के साथ अकेले छोड़ने के लिए। राज वा़ज रियली ए वेरी नाइस गाए... मिस्टर परफेक्ट।
‘‘लेट्स गो टू डांस फ्लोर।’’ राज के जाते ही कबीर ने नेहा से कहा।
‘‘कैन आई हैव एनअदर ड्रिंक प्ली़ज।’’ नेहा ने खाली गिलास की ओर इशारा करते हुए कहा।
‘‘नेहा, तुम पहले ही बहुत अधिक पी चुकी हो।’’ कबीर ने ऐतरा़ज किया।
‘‘जस्ट वन मोर।’’
‘‘अच्छा, क्या लोगी?’’ नशे में डूबी नेहा की अदा के आगे कबीर का ऐतरा़ज टिक न सका।
‘सेम।’
‘ओके।’
कबीर, नेहा के लिए वाइट रम, पाइनएप्पल जूस और कोकोनट क्रीम का एक और कॉकटेल ले आया।
‘‘डू यू ड्रिंक ए लॉट?’’ कबीर ने गिलास नेहा के सामने रखते हुए पूछा।
‘‘आई लाइक ड्रिंक्स।’’ नेहा ने गिलास उठाते हुए कहा। नेहा की आवा़ज से कबीर को लगा कि उस पर शराब का नशा कुछ ज़्यादा ही हो चुका था।
‘‘कितनी ड्रिंक्स लेती हो तुम!’’
‘‘जितनी मॉम की याद आती है।’’ नेहा ने ड्रिंक का एक लम्बा सिप लिया।
‘‘उसके लिए इतना ड्रिंक करने की क्या ज़रूरत है; वीकेंड पर घर जाकर माँ से मिल आओ।’’ कबीर ने बड़े भोलेपन से कहा।
कबीर की बात सुनकर नेहा के होठों पर एक हल्की सी हँसी उभरी, मगर तुरंत ही उस हँसी को हटाती उदासी की परत फैल गई, ‘‘कबीर, मॉम हमारे साथ नहीं रहतींr।’’
‘‘क्या मतलब?’’ कबीर ने चौंकते हुए पूछा।
‘‘मैं पाँच साल की थी, जब मॉम और डैड अलग हो गए थे।’’
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