Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
09-17-2020, 12:49 PM,
#19
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
प्रातः सूरज निकला। रुपहली किरणों का कारवां निकल पड़ा था। सूर्य की किरणें अर्चना के मुंह पर पड़ी तो उसकी नींद टूटी। उसका मन बहुत पीड़ित था। ऐसा विनीत का प्यार न मिलने के कारण था या आत्मिक टूटन, वह नहीं जान सकी। पलंग से उठी तो दिमाग सांय-सांय करने लगा। वह दुबारा पलंग पर बैठ गई। कितनी ही देर तक पलंग पर बैठी शून्य को निहारती रही। कमरे में बिखरे सन्नाटे शेष थे। वह पलंग से उठी। ना जाने किस प्रकार वह खिड़की के समीप आकर ठहर गई। बाहर देखा तो पेड़ पर तोता-मैना बैठे थे। अर्चना की सोईं आंखों में इतनी ताकत न थी कि उस जोड़े को देख सके। बहू पीछे हट गई। फिर कॉलिज आने-जाने का सिलसिला चलता रहा। मगर जिसका डर था बहीं हुआ। विनीत उसके कॉलिज में भूले से भी दिखाई नहीं दिया। वह भी पढ़ाई में लग गई। काफी दिन गुजर गये। उसने हालात से समझौता कर लिया और अपनी जिन्दगी में मस्त हो गई। मगर वह विनीत को कभी न भुला सकी।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रात का अन्धेरा। शहर का बाहरी स्थान, निर्जन तथा खामोशी युक्त नदी का किनारा। हल्के-हल्के हवा के झांकों के साथ कोहरा भी टहल रहा था। विनीत नदी के एक छोर पर खड़ा रेत पर स्वयं बनायी तस्वीर देख रहा था। तभी उसे फूलों के रस में नहाई उसकी बचपन की प्रेयसी प्रीति की परछाई दिखाई दी। विनीत पीछे पलटा। अब वह अपलक अपनी बचपन की प्रेयसी प्रीति को निहार रहा था।

प्रीति भी टकटकी लगाये विनीत को देख रही थी। विनीत के कदम तनिक आगे बढ़े। समीप आया तो प्रीति के बदन से उठने वाली खुशबू सांसों में उतर गई। विनीत की पलकों में प्रीति के बचपन की तस्वीर उभर आयी। बचपन का प्रत्येक क्षण जीवित आंखों में मंडराने लगा। विनीत प्रीति से कुछ कदम दूर ठिठक गया।

"रुक क्यों गये विनीत ?" बेहद नशीली आबाज विनीत के कानों में उतर गई। विनीत प्रीति पर निहाल हो उठा। उफ्! यह आवाज किस कदर दिलकश है खुमारयुक्त है। सच, प्रीति की आवाज में एक नशा-सा था। जो विनीत को उसके करीब ले आया, एकदम करीब। प्रेम की अमृतधारा आंखों से छलक पड़ना चाहती थी। विनीत ने अपने मजबूत मर्दाने हाथ प्रीति के दोनों कन्धों पर रख दिये—प्रीति!"

प्रीति की पलकें बंद हो गईं। एक नशीला अहसास पूरे शरीर में दौड़ गया।

"प्रीति!" वह बुदबुदाया।

“हूं।" प्रेम और यौबन के नशीले अहसास में डूबा स्वर। विनीत ने प्रीति को गले से लगा लिया। वह कहीं खो गई। हल्के से हिलाकर विनीत ने पूछा
-
"कहां खो गईं तुम?” विनीत के जज्बात भरे होंठ खुले। स्पर्श के नशीले घेरे से निकलकर प्रीति ने आंखें खोली।

विनीत प्रीति की आंखों में उतरी प्रेम लालिमा को देखकर नशीले अन्दाज में मुस्कराया। प्रीति का चेहरा झुक गया। वह शर्माकर नीचे देखने लगी। वह अपने दिल की धड़कनों पर काबू नहीं कर पा रही थी। वह लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी। चेहरा गुलाबी पड़ गया था। प्रीति ने एक बार फिर अपनी घनेरी पलकें ऊपर उठाकर विनीत को देखा तो वह प्रीति को देखकर मुस्करा उठा। प्रीति ने गर्दन हल्की सी उठा ऊपर देखा और विनीत से नजरें मिलते ही नजरं चुराकर बोली-“ऐसे मत देखो मुझे! मैं मर जाऊंगी....।"
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस - by desiaks - 09-17-2020, 12:49 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,677,045 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 565,453 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,307,897 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 991,570 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,755,450 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,164,454 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,096,742 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,552,673 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,190,918 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 301,845 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)