MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 01:59 PM,
#93
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
83
उसे देखते ही मेरा लिंग फिर सलामी देने लगा. वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और मेरी गोद मे आकर बैठ गयी. मैने उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया. उसने मेरे हाथों से मेरा पेग ले लिया और फिर मुझे अपने हाथों से पिलाने लगी.

मेरे अंदर उसकी जवानी और शराब दोनो का नशा छाने लगा. लेकिन मैने अपने उपर सायं रखते हुए कहा.

मैं बोला “पहले एक राउंड लगाना पसंद करोगी या फिर पहले खाना खाओगी.”

अलीशा बोली “अपुन के पास सारी रात पड़ी है. अभी अपुन खाना खा लेते है. फिर आराम से रात का मज़ा लूटेगे.”

ये कह कर वो मेरी गोद से उठ गयी और हम खाना खाने लगे. लेकिन अब मेरे अंदर उस से दूर रहने का सब्र नही था. मैने उसे खीच कर अपनी गोद मे बैठा लिया और अपने लिंग को उसके कुल्हों से मसल्ते हुए खाना खाने लगा.

हम दोनो अपनी मस्ती मे ही मस्त होकर खाना खाने मे व्यस्त थे. तभी फिर से डोरबेल बजी. मुझे समझ मे नही आ रहा था कि, इतने समय कौन आ सकता है. मेरे उपर अलीशा के हुश्न और शराब दोनो का नशा छाया हुआ था.

मैने सोचा कि डोरबेल बजने दो. जो भी होगा दरवाजा खुलते ना देख कर चला जाएगा. लेकिन डोरबेल बराबर बजती रही. जिस वजह से ना चाहते हुए भी मुझे दरवाजा खोलने उठना पड़ा.

मैने अलीशा को कुछ देर के लिए अंदर जाने को कहा और अलीशा के अंदर जाने के बाद दरवाजा खोलने चला गया. मैने दरवाजा खोला तो, मेरे सामने पद्मिानी खड़ी थी.

पद्मि नी को अपने सामने देख कर, मेरा सारा नशा उडान छु हो गया. मुझे कुछ समझ मे नही आया कि, ये अचानक यहाँ वापस कैसे आ गयी. मैं ठगा सा दरवाजे पर खड़ा रह गया.

दरवाजा खुलते ही पद्मिेनी अंदर आई और कहने लगी.

पद्मिानी बोली “पिताजी मैं कब से बेल बजा रही हूँ. आपको दरवाजा खोलने मे इतना समय क्यो लगा.”

मैं कुछ बोल पाता, उसके पहले ही उसकी नज़र डाइनिंग टेबल पर रखी शराब की बॉटल पर पड़ गयी. उसे दरवाजा खोलने मे होने वाली देरी की वजह का पता चल गया. उसने मुझ पर गुस्सा करते हुए कहा.

पद्मिहनी बोली “पिताजी, ये सब क्या चल रहा था. आप अकेले मे शराब पी रहे थे. लगता है आप अकेले रहना इसी लिए पसंद करते है. ताकि आपको ये सब करने की आज़ादी मिल सके.”

मैं बोला “नही बेटी, ऐसी कोई बात नही है. मैं तो बस अकेलापन मिटाने के लिए कभी कभी घर मे ऐसे ही पी लेता हूँ. लेकिन यदि तुम्हे पसंद नही है तो, आज के बाद नही पियुगा.”

पद्मिीनी बोली “ठीक है, ये आपकी पहली ग़लती है इसलिए मैं ये बात अपने तक ही रखुगी. लेकिन आज के बाद ऐसा नही होना चाहिए.”

मैं बोला “थॅंक्स बेटी, आज के बाद ऐसा नही होगा. लेकिन तुम तो 3-4 दिन का बोल कर गयी थी. फिर अचानक कैसे वापस आ गयी. क्या आकाश भी वापस आ गया है.”

पद्मिचनी बोली “नही वो नही आए है. मुझे आपकी फिकर लगी थी. इसलिए मैं वापस आ गयी.”

मैं बोला “तुमने खाना नही खाया होगा. थोड़ा बहुत कुछ खा लो. मैने होटेल से खाना मँगवाया है.”

पद्मिोनी बोली “ठीक है पिताजी, आप ये शराब की बोतल वहाँ से अलग कीजिए. तब तक मैं फ्रेश होकर आती हूँ.”

ये कह कर वो उपर अपने कमरे मे चली गयी. मैने जल्दी जदली शराब की बोतल उठाई और एक प्लेट मे खाना लगा कर, उन्हे लेकर अपने कमरे मे आ गया.

वहाँ पर अलीशा मेरे बड़ी बेचेनी से मेरे आने का इंतजार कर रही थी. वो शायद पद्मि्नी के आ जाने से घबरा गयी थी और अपने कपड़े पहन चुकी थी. मेरे अंदर पहुचते ही उसने कहा.

अलीशा बोली “ये कौन है सेठ. क्या ये तुम्हारी बेटी है. अब अपुन का क्या होगा.”

मैं बोला “वो मेरी बहू है. वो अभी बाहर से आ रही है. खाना खाकर अपने कमरे मे आराम करने चली जाएगी. उसका कमरा उपर है. इसलिए तुम उसकी चिंता मत करो. बस जब तक वो यहाँ नीचे रहती है. तब तक चुप चाप तुम मेरे कमरे मे रहना.”

अलीशा बोली “अब क्या अपुन को जाना पड़ेगा.”

मैं बोला “नही, मैं तुम्हे सुबह घर छोड़ डुगा. आज की रात तुम मेरे साथ ही रहोगी.”

अलीशा बोली “लेकिन सेठ, तेरी बहू के रहते. क्या अपुन का यहाँ रुकना ठीक होगा.”

मैं बोला “कुछ नही होगा. वो थकि हुई है. इसलिए खाना खाकर अपने कमरे मे जाकर सो जाएगी और सुबह के पहले नही जागेगी.”

अलीशा बोली “सेठ अपुन को तो बहुत डर लग रहा है. अपुन नही चाहती कि, अपुन की वजह से तेरे घर मे कोई बखेड़ा खड़ा हो.”

मैं बोला “तुम चिंता मत करो. ऐसा कुछ भी नही होगा. तुम आराम से खाना खाओ. मैं पद्मिजनी के साथ खाना खाकर अभी आता हूँ.”

ये कह कर मैं अपने कमरे से बाहर आ गया. बाहर आकर मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और पद्मि नी के आने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर बाद पद्मि नी फ्रेश होकर नीचे आ गयी. मुझे मेरी चोरी पकड़े जाने से थोड़ी सी शर्मिंदगी ज़रूर थी. लेकिन अलीशा के मेरे कमरे मे होने की बात, पद्मि नी को पता ना होने की वजह से, कुछ राहत भी थी.

पद्मिेनी ने डाइनिंग टेबल पर बैठते हुए, खाना लगाते हुए कहा.

पद्मिेनी बोली “पिताजी, मुझे आपसे बोलने का हक़ तो नही है. फिर भी यदि आपकी इजाज़त हो तो, मैं आपसे एक बात कहना चाहती हूँ.”

मैं बोला “बेटी, मैने तुम्हे अपनी बहू नही, हमेशा अपनी बेटी ही समझा है. तुम्हे जो भी कहना है. दिल खोल कर कह सकती हो. इसके लिए तुम्हे मुझसे इजाज़त लेने की ज़रूरत नही है.”

पद्मिोनी बोली “पिताजी, आपको यदि माँ जी की कमी ज़्यादा अखरती है तो, आप दोबारा शादी कर लीजिए. लेकिन आपको ये सब हरकतें शोभा नही देती है.”

पद्मिजनी की बात सुन कर तो मेरे सर से आधा नशा उतर गया. मुझे समझ नही आया कि, अचानक वो ये सब क्यो बोल रही है. मुझे लगा कि, वो मेरे शराब पीने की बात के उपर से ये सब बोल रही है. इसलिए मैने उस को समझाते हुए कहा.

मैं बोला “बेटी, ये नशा तो, मैं कभी कभी अपना अकेलापन दूर करने के लिए कर लेता हूँ. यदि तुम्हे ये पसंद नही है तो, आज के बाद ऐसा नही करूगा. इसमे शादी करने वाली बात कहाँ से आ गयी.”

पद्मिेनी बोली “पिताजी, मैं सिर्फ़ शराब का नशा करने की बात नही कर रही हूँ. बल्कि मैं उस नशे की बात कर रही हूँ. जिसे आप अपने कमरे मे छुपा कर रखे है.”

उसकी ये बात सुनकर तो मेरा सर ही चकरा गया. मैं समझ नही पा रहा था कि, पद्मिसनी किस चीज़ की बात कर रही है. क्या उसे अलीशा के मेरे कमरे मे होने की बात का पता लग गया है.

बिना कारण पता किए ही मैं हथियार डाल चुका था. मेरे मूह से अपनी सफाई मे एक शब्द भी नही निकला. मुझे खामोश देख कर पद्मिीनी ने कहा.

पद्मििनी बोली “पिताजी, आप से हम लोगों को जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है. आप हमारे आदर्श है. आपको ऐसा नीचे गिरते हुए हम नही देख सकते. आज ये बात मुझे पता चली है. हो सकता है कल उनको भी पता चल जाए. तब सोचिए, उनकी नज़रों मे, आपकी क्या इज़्ज़त रह जाएगी.”

अब मुझे पक्का यकीन हो चुका था कि, पद्मिीनी अलीशा के बारे मे ही बात कर रही है. फिर भी मैने अपना शक़ दूर करने के लिए उस से पुच्छ ही लिया.

मैं बोला “बेटी, मुझे समझ मे नही आ रहा कि, तुम किस बारे मे बात कर रही हो. मैने ऐसा किया क्या है.”

पद्मिहनी बोली “पिताजी, मैं उस लड़की के बारे मे बात कर रही हूँ. जो इस समय आपके कमरे मे है. मैं अभी आपसे सर दर्द की दवा लेने नीचे आई थी. तब मैने आपके कमरे मे आपकी और उस लड़की की बातें सुनी थी. इसलिए मैं कह रही हूँ कि, आप शादी कर लीजिए. रही उनको मनाने की बात तो, उनको मैं मना लूँगी.”

पद्मितनी की इस बात के बाद मेरा तो गला सूख कर रह गया. मैने पानी पिया और बड़ी हिम्मत जुटा कर अपनी सफाई देते हुए कहने लगा.

मैं बोला “बेटी, तुम्हारी सास मुझे, आज से प्रकाश के जनम के 3 साल बाद ही छोड़ कर चली गयी थी. मैने अपने बच्चों को सौतेली माँ लाकर देने से अच्छा, खुद उनकी माँ बनकर पालना बेहतर समझा था. लेकिन धीरे धीरे वक्त के साथ बच्चे बड़े होते चले गये और मैं अकेला पड़ता गया. इसलिए कभी कभी इस अकेलेपन को मिटाने के लिए, ये सब कर लेता हूँ. लेकिन अब मैं तुम्हे यकीन दिलाता हूँ कि, आगे से ऐसा कुछ नही होगा.”

पद्मिदनी बोली “पिताजी, मैं आपकी भावनाओं का गला घोटना नही चाहती. मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि, आप बाजारू औरतो की जगह, अपना अकेलापन मिटाने के लिए, एक जीवन साथी का सहारा लीजिए. यदि आप ऐसा करते है तो, इसमे कोई बुराई नही होगी.”

मैं बोला “नही बेटी, ये नही हो सकता. अब मेरी उमर घर मे बच्चों की बहू लाने की है, ना की बच्चों के लिए उनकी नयी माँ लाने की है. लोग देखेगे तो, सब हसेगे.”

पद्मिएनी बोली “लोग हंसते है तो, उन्हे हँसने दीजिए. लोगों का तो काम ही ये बन गया है. उनसे किसी की खुशी देखी नही जाती. इन्ही लोगों का ख़याल करके हमे, रायपुर छोड़ना पड़ा था. आख़िर कब तक हम लोगों की परवाह करके अपनी खुशियों का गला घोंटते रहेगे. मैं उनके आते ही, उनसे आपकी शादी की बात करती हूँ.”

मैं बोला “नही बेटी, तुम ऐसा कुछ नही करोगी. तुम्हे मेरी कसम है. मैं तुमसे वादा करता हूँ कि, आज के बाद तुम्हे मुझसे कोई शिकायत नही होगी.”

ये कह कर मैं उठ कर अपने कमरे मे चला गया. अंदर अलीशा वैसे ही बैठी थी. जैसे मैं उसे छोड़ कर गया था. उसने खाने को हाथ तक नही लगाया था. शायद वो हमारी सारी बात सुन चुकी थी. इसलिए मेरे पहुचते ही वो उठ कर खड़ी हो गयी. मैने उसकी प्लेट को वैसा ही रखा देखा तो, उस से कहा.

मैं बोला “क्या हुआ. तुमने अभी तक खाना नही खाया.”

पद्मिोनी बोली “सेठ, अपुन का पेट तो, तेरी बहू का बात सुन कर ही भर गया. वो सच बोलती है. तेरे जैसे सरीफ़ लोगों को, अपुन जैसी बाजारू औरतों से दूर रहना चाहिए.”

मेरा दिमाग़ पहले ही पद्मिेनी की बातों से खराब हो गया था. उस पर अलीशा की जाली कटी बातें सुन कर मेरा दिमाग़ और भी ज़्यादा खराब हो गया. मैने उस की बात का खरा सा जबाब देते हुए कहा.

मैं बोला “इसमे बुरा मानने वाली बात क्या है. जो तुम हो, उसने वही तो बोला है. आख़िर तुम एक बाजारू औरत ही तो हो.”

मेरी बातों से अलीशा की आँखों मे आँसू आ गये. मैं नही समझ सका कि ऐसा क्यो हुआ. लेकिन उसने भी अपने दिल का गुबार बाहर निकालते हुए कहा.

अलीशा बोली “सेठ, अपुन को तेरी बहू का बात उतना बुरा नही लगा. जितना तेरी ये बात बुरा लगा. अपुन तेरे को कभी अपुन का ग्राहक समझ के तेरे पास नही आई. अपुन को तेरे मे एक अछा इंसान नज़र आता था. इसी वास्ते अपुन तेरे पास आती थी. लेकिन ये अपुन की भूल थी. तू भी उन्ही मर्द लोगां की माफिक है. अब अपुन चलती है. आज के बाद अपुन तेरे से कभी नही मिलेगी. जो भी कहा सुना हो, माफ़ करना.”

ये कह कर अलीशा बिस्तर से उठी और बिना मेरा जबाब सुने कमरे से बाहर निकल गयी. अब मेरे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था कि, ये क्या हो रहा है.

मेरा अलीशा के दिल को, चोट पहुचने का ज़रा भी इरादा नही था. फिर भी मैने उसके दिल को ठेस लगा दी थी. मैं एक के बाद एक ग़लती करता गया था.

अब अलीशा मेरे कमरे से बाहर जा चुकी थी. बाहर जाते ही उसका सामना पद्मि नी से होगा. ये बात दिमाग़ मे आते ही, मैं भी बाहर आ गया.

लेकिन तब तक अलीशा पद्मिानी के सामने से होते हुए, मुख्य दरवाजे तक पहुच चुकी थी. मेरी पद्मि नी के सामने उस से कुछ बोलने की हिम्मत ही नही हुई.

वो दरवाजा खोल कर बाहर निकल पाती. उसके पहले ही पद्मिसनी की आवाज़ से उसके कदम रुक गये. पद्मि नी ने उस से कहा.

पद्मि.नी बोली “आए ज़रा सुनो.”

अलीशा ने पलट कर देखा और पद्मििनी के बोलने का इंतजार करने लगी. पद्मिउनी ने कहा.

पद्मि नी बोली “ज़रा यहाँ आना, मुझे तुमसे कुछ बात करना है.”

उसकी बात सुनकर अलीशा ने उसके पर आते हुए कहा.

अलीशा बोली “हाँ बोलो मेम साब, आपको अपुन से क्या बात करना माँगता.”

पद्मि नी बोली “मैं ये जानना चाहती हूँ कि, तुम इतना गिरा हुआ काम क्यो करती हो. क्या तुम कोई इज़्ज़त वाला काम नही कर सकती.”

पद्मिजनी की बात सुनकर अलीशा ने हंसते हुए कहा.

अलीशा बोली “मेम साब, अपुन के बारे मे ये सब जानने से अच्छा होता कि, आपने, ये जानने का कोसिस किया होता की, आपका ससुर ये सब काम क्यो किया.”

पद्मि नी बोली “मुझे पिताजी के बारे मे कुछ भी जानने की ज़रूरत नही है. मैं समझ सकती हूँ की, उन्हो ने ऐसा क्यो किया है. मैं सिर्फ़ तुम्हारे ये सब करने की वजह जानना चाहती हूँ.”

अलीशा बोली “मेम साब, अपुन की तो दो लाइन की कहानी है. अपुन को एक सारीफ़ जादे ने प्यार मे धोका देकर इस दल दल मे धकेल दिया. जब अपुन के सामने जीने का कोई रास्ता नही बचा तो, अपुन को मजबूरी मे ये रास्ते पर चलना ही पड़ा.”

पद्मिोनी बोली “क्या तुम इस सब से बाहर निकलना नही चाहती.”

अलीशा बोली “चाहने से क्या होता. अपुन इस रास्ते से बाहर निकल भी आई तो क्या कोई शरीफ जादा अपुन का हाथ थाम लेगा.”

पद्मिजनी बोली “ये सब तो मैं नही जानती मगर मेरे पास एक रास्ता ज़रूर है. जिस से तुम ये सब करने से बच सकती हो. यदि तुम ऐसा करना चाहती हो तो मैं तुम्हे रास्ता बताऊ.”

अलीशा बोली “इज़्ज़त का जिंदगी कौन नही चाहता. आप रास्ता बताओ. यदि अपुन को ठीक लगा तो, अपुन उस रास्ते पर ज़रूर चलेगी.”

पद्मिोनी बोली “एक मिनट रूको. मैं तुम्हारे साथ चलती हूँ. तुम्हे घर भी छोड़ दूँगी और रास्ते मे तुम्हे सारी बात भी समझा दूँगी.”

इसके बाद पद्मितनी ने मुझसे जताया कि, वो अलीशा के साथ जा रही है और फिर वो अलीशा के साथ घर के बाहर निकल गयी. मैं किसी बच्चे की तरह उन्हे अपने सामने से जाते हुए देखता रहा.

मुझे पद्मिबनी का ये सब करना समझ मे नही आया था. फिर भी उस से कुछ भी पूछने की मेरी हिम्मत नही हुई थी. उन दोनो के जाने के बाद मैं अपने कमरे मे आकर लेट गया.

लेकिन अभी भी ये सब बातें मेरे दिमाग़ मे घूम रही थी. जिस से परेशान होकर मैने एक के बाद एक, दो पेग शराब के पी लिए. इस से मुझे कुछ शांति मिली और मैं आँख बंद करके लेट गया.

आँख बंद करते ही मुझे नींद ने घेर लिया और मुझे पता ही नही चला कि कब मेरी नींद लग गयी. मुझे पता नही मैं कितनी देर ऐसे ही सोता रहा.

नींद मे मुझे मेरे चेहरे पर किसी के हाथों का कोमल स्पर्श महसूस हुआ, और मेरी नींद एक झटके मे खुल गयी.

मैने आँख खोल कर देखा तो, सामने का दृश्य देख कर, मुझे अपनी आँखों पर विस्वास नही हो रहा था.
Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 01:59 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,585,459 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,914 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,269,248 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 959,519 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,701,280 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,120,910 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,020,971 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,296,182 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,113,994 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,086 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)