MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 12:25 PM,
#25
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
कीर्ति के कमरे मे पहुच कर, मैने दरवाजे पर दस्तक दी. लेकिन दरवाजा नही खुला और इसलिए मैं लगातार दरवाजे पर देता रहा. मेरे लगातार दस्तक देने पर, कीर्ति ने दरवाजा खोला.

वो अभी भी रात वाले नाइट सूट मे ही थी. जिसका मतलब था कि, वो अभी अभी नींद से जागी है. उसे देखते ही मैने कहा.

मैं बोला “क्या हुआ, आज तेरा जनमदिन है और तू अभी 9:30 बजे तक सो ही रही है.”

कीर्ति बोली “नींद तो मेरी 6 बजे ही खुल गयी थी. लेकिन कोई काम तो था नही. इसलिए सोचा कि क्यो ना आज देर तक सोया जाए. यही सोचकर फिर से सो गयी थी.”

मैं बोला “ओके, अब तेरा सोना पूरा हो गया हो तो, जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जा. छ्होटी मा नस्टे के लिए हम दोनो का इंतेजर कर रही है.”

कीर्ति बोली “तू चल, मैं अभी तैयार होकर आती हूँ.”

ये कहकर वो फ्रेश होने चली गयी. उसका मूड सही देख कर, मैने भी सुकून की साँस ली और मैं नीचे आ गया. मैं नीचे आकर टीवी देखते हुए कीर्ति के आने का इंतेजर करने लगा.

मगर मेरा मन टीवी देखने मे नही लग रहा था. मुझे इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि, आज कीर्ति क्या ड्रेस पहन कर आने वाली है. इसलिए मैं बार बार सीडियों की तरफ देख रहा था.

कुछ देर बाद कीर्ति, मुझे सीडियों से नीचे आते दिखाई दी. उसने ब्लॅक कलर के मिनी स्कर्ट के साथ वाइट कलर का स्लीवेलेस्स टॉप पहना हुआ था. उसका स्कर्ट घुटनों से बहुत उपर था.

जिसकी वजह से उसकी पिंदलियों मे पड़ रहे बल से उसकी पिंदलियों के उपर के हिस्से का अंदाज़ा लगाया जा सकता था और उसके स्लीवेलेस्स वाइट टॉप से बाहर निकले हाथों की गोलाई से यह पता लगाना मुस्किल था कि, उसकी टांगे ज़्यादा सेक्सी है या फिर उसके हाथ ज़्यादा सेक्सी है.

मगर इस समय मेरे उपर, सबसे ज़्यादा कहर उसके बूब्स के उभर ढा रहे थे. उसके स्लीवेलेस्स टॉप्स का गला कुछ इस तरह से बना हुआ था कि, उसके सामने बैठने वाले को, उसके बूब्स का उपरी कटाव सॉफ नज़र आ जाए. वही कोई यदि उसके अगल बगल बैठे तो, उसे सिर्फ़ एक ही बूब्स का एक ही हिस्सा नज़र आए, मगर उसे अंदर का कुछ ज़्यादा हिस्सा दिखाई दे.

कीर्ति इस समय कयामत ढा रही थी. वो बहुत ही सुदार और सेक्सी लग रही थी. मुझे तो वो दुनिया की सबसे सुंदर लड़की नज़र आ रही थी और मैं ना चाहते हुए भी उसे अपलक देखे जा रहा था.

आज पहली बार मैं अपने पापा की पसंद को सराह रहा था और अपनी किस्मत को रो रहा था कि, काश ये मेरी बहन ना होती. मैं इन्ही सब ख़यालों मे खोया हुआ था और कीर्ति मेरे पास आकर बैठ गयी थी.

कीर्ति को आया देख कर, छोटी माँ ने नाश्ता लगाने का पुछा तो, मैं अपने ख़यालों से बाहर आ गया. कुछ ही देर मे छोटी माँ ने हम दोनो के लिए नाश्ता लगा दिया और वो वापस किचन मे चली गयी.

छोटी माँ के जाने के बाद, हम नाश्ता करने लगे. कीर्ति ने नाश्ता करते हुए मुझसे पुच्छा.

कीर्ति बोली “ऐसे मुझे क्यो घूर रहे थे.”

मैं बोला “तुम इस ड्रेस मे सच मे बहुत सुंदर लग रही हो.”

कीर्ति बोली “तुम्हे तो तारीफ करना भी नही आता.”

मैं बोला “क्यो, ऐसा क्या ग़लत बोल दिया मैने.”

कीर्ति बोली “ऐसी ड्रेस कोई लड़की पहने तो उसे सुंदर नही, सेक्सी कहा जाता है.”

मैं बोला “ऐसा क्यो.? क्या सुंदर कहना तारीफ करना नही होता.?”

कीर्ति बोली “सुंदर उसको कहते है, जब किसी लड़की के कपड़े देख कर आँखे उसके चेहरे पर जाकर थम जाए.”

मैं बोला “और सेक्सी किसे कहते है.?”

कीर्ति बोली “सेक्सी उसे कहते है, जब किसी लड़की के कपड़ो को देख कर, उसके बदन के हर अंग पर नज़र जाए और देखने वाले का दिल उसके अंग अंग को देखने को मचल जाए.”

मैं बोला “तू इतनी फालतू की बातें कहाँ से सीख आती है. क्या तेरी सभी सहेलियाँ इस तरह की है.”

कीर्ति बोली “मेरी कोई सहेली मेरी तरह की नही है, पर मेरी तरह की बनना ज़रूर चाहती है, क्योकि उन्हे मेरा रहन सहन और पहनावा बहुत पसंद आता है.”

मैं बोला “क्या निकिता भी तेरी जैसा बनना चाहती है.”

कीर्ति बोली “बनना क्या चाहती है, वो तो इसी तरह की ही लड़की है. वरना तू खुद सोच कि, क्या कोई बहन जी टाइप की लड़की को, मैं अपनी फ्रेंड बना सकती हूँ.”

मैं बोला “मैं तो उस से 2 बार मिला, पर वो तो मुझे दोनो बार ही सीधी सादी और सादगी पसंद लड़की समझ मे आई है.”

कीर्ति बोली “बात तो तेरी सही है. लेकिन जब वो तुझसे पहली बार मिली. तब उसका भाई भी उसके साथ स्कूल आया था और जब तू दूसरी बार उस से मिला तो, तब वो अपने घर के पास ही थी. लेकिन यदि तुझे उसका असली रूप देखना है तो, तू उस से तब मिल जब कभी वो तेरे दोस्त मेहुल से मिलने जाए. तभी तुझे उसका असली रूप नज़र आ जाएगा.”

मैं बोला “मेहुल की गर्लफ्रेंड तो शिल्पा है. फिर नितिका मेहुल से मिलने क्यो जाएगी.”

कीर्ति बोली “अरे शिल्पा मेहुल से अकेले मिलने से डरती है. इसलिए उसने नितिका को साथ चलने को कहा है और मेहुल से भी बोला है कि, वो भी अपने किसी दोस्त को साथ लेकर आए. ताकि वो मेरी सहेली का साथ दे सके और यदि लड़का नितिका की पसंद का हुआ तो वो उसे अपना बाय्फ्रेंड भी बना सकती है.”

कीर्ति की ये बात सुनकर मैं चौक गया और मैने उस से कहा.

मैं बोला “मेहुल इस बात के लिए तैयार हो गया.”

कीर्ति बोली “मेहुल तैयार नही हुआ. बल्कि उल्टा शिल्पा से नाराज़ हो गया और अपना मोबाइल बंद करके, अपने मामा के घर रहने चला गया.”

मैं बोला “मैं जानता हूँ कि मेहुल अपने किसी दोस्त को साथ लाने के लिए तैयार क्यो नही हुआ.”

कीर्ति बोली “क्यो नही हुआ.”

मैं बोला “क्योकि शिल्पा की वजह से, मेहुल अपनी क्लास बदलवा कर, मेरी क्लास से शिल्पा की क्लास मे चला गया था. तब मैने गुस्से मे उस से कहा था कि, आज तू इसके लिए क्लास बदल रहा है. कल कही ऐसा ना हो कि, इसके साथ घूमने के चक्कर मे अपना ये दोस्त भी बदल दे. याद रख आज से हम उस के सामने कभी एक दूसरे से नही मिलेगे और मैं तेरे दोस्त की हैसियत से भी, कभी उस से नही मिलुगा. शायद इसी वजह से मेहुल ने शिल्पा की बात मानने से इनकार कर दिया है.”

कीर्ति बोली “क्या वो किसी दूसरे दोस्त को अपने साथ नही ले जा सकता.”

मैं बोला “मेहुल तभी किसी को अपने साथ ले जा सकता है. जब मैं खुद उस पर ऐसा करने के लिए ज़ोर डालु. वरना ऐसा होना नामुमकिन है.”

कीर्ति बोली “तो क्या तुम मेहुल के उपर ऐसा करने का ज़ोर डालोगे.”

कीर्ति की इस बात के जबाब मे मैने कुछ नही कहा और चुप चाप नाश्ता करने लगा. कुछ देर कीर्ति मेरा चेहरा देखती रही और फिर वो भी नाश्ता करने लगी. इसके बाद नाश्ता करते समय हम लोगों के बीच कोई बात नही हुई.

नाश्ते के बाद कीर्ति ने गिफ्ट देखने उसके कमरे मे चलने को कहा तो, मैं उसके साथ, उसके कमरे मे चला आया. कमरे मे आकर मैं उसके बेड पर बैठ गया और कीर्ति सारे गिफ्ट के पॅकेट बेड पर मेरे सामने रखने लगी. उसके बाद वो खुद भी मेरे पास आकर बैठ गयी.

फिर सबसे पहले उसने पापा के दिए गिफ्ट के पॅकेट खोले. उनमे जीन्स टी-शर्ट और एक वीडियो गेम भी था. जिसे देख कर वो बहुत खुश हुई. फिर उसने छोटी माँ का गिफ्ट खोला तो, उसमे एक गोल्ड रिंग थी. जो उसने तुरंत पहन ली. इसके बाद उसने मेरा दिया हुआ गिफ्ट खोला और गिफ्ट देखते ही, मुझे घूरते हुए कहने लगी.

कीर्ति बोली “गुड, तुम्हारी पसंद बहुत अच्छी है. तुम मेरे लिए ऐसी गिफ्ट लेकर आए हो कि, मई गिफ्ट देखते ही तुम्हे गोली मार दूं. आख़िर क्या सोच कर तुम मेरे लिए ये गिफ्ट लाए थे.”

मैं बोला “मैं तो सिर्फ़ ये सोच कर लाया था कि, यदि तुम इसे पह्नोगि तो, बहुत सुंदर लगोगी. लेकिन जानता हूँ कि, ना तो तुम्हे ये सूट पसंद आएगा और ना ही इसका कलर पसंद आएगा.”
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 12:25 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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