Raj Sharma Stories जलती चट्टान
08-13-2020, 12:57 PM,
#23
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान
‘वह क्यों?’

‘कहीं फिर से मेरा सिर फोड़ने की न सोच लो।’

‘चलो हटो, निर्लज्ज कहीं के!’

‘पार्वती...!’

‘हूँ।’

‘तुम्हारे चारों ओर क्या है?’

‘जल-ही-जल!’

‘क्या इतना जल भी तुम्हारे शरीर की जलती आग को बुझा नहीं पाया?’

‘आग, कैसी आग?’

‘प्रेम की आग।’ और इसके साथ ही राजन, पार्वती के और भी समीप हो गया। राजन के गर्म-गर्म श्वासों ने पार्वती के मुख पर जमे जलकणों को मिटा दिया। पार्वती की आँखों में एक ऐसा उन्माद था, जो राजन को अपनी ओर खींचता जा रहा था। वह बेसुध सी मौन खड़ी थी। उसके कोमल गुलाबी होंठ राजन के होठों से मिल जाना चाहते थे, परंतु मुख न खुलता था। राजन से न रहा गया, ज्यों ही वह अपने होंठ उसके करीब ले जाना चाहा, पार्वती चिल्लाई-‘राजन्।’

राजन चौंका-उसके हाथ पार्वती के शरीर से अलग हो गए-राजन बोला-‘क्या है?’

‘वह देखो सामने।’ वह हाथ से संकेत करती हुई बोली।

राजन ने घूमकर देखा-चारों ओर जल के सिवाय कुछ न था, वह फिर बोला-‘क्या है पारो?’

पर यह शब्द उसकी जबान पर आते-आते रुक गए। उसने देखा कि पार्वती उससे काफी दूर खड़ी मुस्करा रही थी। पार्वती बोली-‘धरती छोड़ अब क्या जल में ही रहने का निश्चय कर लिया है?’

‘जी हाँ, मछलियाँ जल में रहना पसंद करती हैं।’

‘मछलियाँ तो रहना पसंद करती हैं, परंतु शिकारी का जल में क्या काम?’

‘शिकारी बेचारा क्या करे, मछली को बाहर खींचते-खींचते स्वयं ही जल में खिंच गया।’

‘बिना किसी फंदे के?’

‘नहीं तो, इस बार तो ऐसा फंदा पड़ा कि मछली तथा शिकारी दोनों उसमें फंस गए।’

‘कैसा फंदा?’

‘प्रेम का।’

‘अब यहाँ से जाओ भी, तुम्हें तो हर समय दिल्लगी ही सूझती है।’

‘तुम्हें जाना है तो जाओ, मैं तो स्नान करके आऊँगा।’

‘परंतु बाहर कैसे निकलूँ?’

‘लाज लगती है? निर्लज्ज बन जाओ।’

‘तुम्हारी तरह।’

‘और नहीं तो डूब मरो, नदी सामने ही है।’

पार्वती मौन हो गई और कातर दृष्टि से राजन की ओर देखने लगी। उसका विचार था कि शायद वह स्नेह भरी दृष्टि देख राजन को उस पर दया आ जाए, परंतु वह वहाँ से न हिला। आखिर पार्वती बोली-‘राजन! तुम्हें मुझसे प्रेम है न?’

‘है तो।’

‘तो मेरी इतनी-सी भी बात नहीं मानोगे?’

‘क्या?’

‘यहाँ से चले जाओ।’

‘न भाई तुम्हारे ही संग चलेंगे।’

‘मैं तो कभी नहीं जाऊँगी।’

‘देखो पार्वती, मैं एक उपाय बताता हूँ-हम दोनों की बात रह जाएगी।’

‘कहो।’

‘मैं नदी में मुँह फेर सूर्य की पहली किरण देखता हूँ और तुम बाहर निकल वस्त्र बदल लो। बदलते ही मुझे पुकार लेना, इस प्रकार तुम वस्त्र भी बदल लोगी और हमारा साथ भी न छूटेगा।’
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान - by desiaks - 08-13-2020, 12:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,618,237 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 557,699 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,283,979 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 970,242 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,719,700 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,136,333 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,048,448 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,390,375 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,141,149 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 296,134 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)