RE: स्पर्श ( प्रीत की रीत )
'फिर चली क्यों गई वह?'
'विचारों में असमानता आ गई थी। मुझे सादगी पसंद थी और वह किसी पंछी की भांति आकाश में उड़ना चाहती थी। प्रतिदिन शॉपिंग, सिनेमा और क्लब इन सब बातों के कारण दूरी बढ़ती गई और फिर एक दिन वह आया जब वह मुझसे हमेशा के लिए अलग हो गई।'
'विवाह कर लिया होगा?'
'शायद।'
'और आपका बेटा?'
'उसे भी ले गई। खैर! यह तो बीती हुई कहानी है। दोहराने से कोई लाभ नहीं। बीती हुई राहों को भूल जाना ही ठीक रहता है।' इतना कहकर राज लेट गया और डॉली को बाहों में भरकर बोला- 'आओ देखें कि यह रात हमारे लिए क्या लेकर आई है।' कहते हुए राज ने अपने होंठ डॉली के होंठों से सटा दिए। डॉली ने घबराकर आंखें मूंद लीं। यों लगा मानो वह विवशताओं के कुहरे में फंस गई हो।
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