Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
05-16-2020, 02:32 PM,
#69
RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार
पांचों योद्धाओं के बीच अब काफी फासला था । वह बाकायदा ‘मृत्यु का कटोरा’ बनाकर चल रहे थे ।
रोनी उनमें सबसे आगे था ।
रोनी !
वह बर्मा का ही नागरिक था और कभी वो समुद्री लुटेरा हुआ करता था । वह हिंद महासागर और अरब महासागर में आते-जाते मालवाहक जहाजों को लूटता । तब बाकायदा उसका पूरा गिरोह था ।
रोनी हमेशा अपने पास 9 एम0एम0 की पिस्टल रखता था, जो उसकी पसंदीदा पिस्टल थी ।
9 एम0एम0 की पिस्टल की कुछ विशेषतायें भी होती हैं, जैसे उसके अंदर मैगजीन फिट करो और बस चलाने लगो । उसे हर गोली चलाने के बाद पीछे स्पूक करने की जरूरत नहीं होती । इसके अलावा वो पिस्टल मेंटेनेंस फ्री होती है । पानी के अंदर चल सकती हैं, ऑयलिंग की भी जरूरत नहीं ।
उस रिवॉल्वर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि रोनी उसके अंदर ‘साइनाइट’ (सबसे घातक जहर) की बुलेट चलाता था । वह बुलेट अगर किसी आदमी के शरीर को खरोंच भी देती हुई गुजर जाये, वह तब भी मर जायेगा ।
उस वक़्त भी 9 एम0एम की वही पिस्टल रोनी के हाथ में थी ।
रोनी अकेला आगे बढ़ा जा रहा था ।
उसके पीछे दूर-दूर तक कोई योद्धा नहीं था ।
तभी एकाएक रोनी की चीख निकल गयी और वो लड़खड़ाकर धड़ाम से नीचे गिरा ।
उसने अपने पैरों की तरफ देखा ।
“माई गॉड ।”
रोनी के शरीर का एक-एक रोआं खड़ा हो गया ।
उसके पैरों में कोई तीन फुट लंबा काला चितकबरा सांप लिपटा हुआ था । वह न जाने किस वक्त उसके पैरों से आकर लिपट गया था और अब उसने वहाँ कई ‘बंद’ भी लगा दिये थे ।
“तुझे तो अभी यमलोक पहुँचाता हूँ ।”
रोनी ने फौरन अपनी 9 एम0एम0 की पिस्टल का ट्रेगर दबाया ।
तुरंत गोली सांप के उस ‘बल’ पर जाकर लगी, जहाँ उसने कई सारे अलबेट डाले हुए थे । सांप के चीथड़े बिखर गये ।
“क्या हुआ, क्या हुआ ?”
फौरन सब यौद्धा भागे-भागे वहाँ आये ।
“कुछ नही हुआ है ।” रोनी सांप के टुकड़ों को अपने जूतों से एक तरफ धकेलते हुए बोला- “एकाएक सांप मेरे पैरो में आकर लिपट गया था, उसी को मारने के लिए गोली चलानी पड़ी ।”
“तौबा !” अब निदाल हाँफते हुए बोला- “मैं तो यह समझ बैठा था कि कमाण्डर करण सक्सेना ने तुम्हारे ऊपर हमला कर दिया है ।”
“तुम्हें तो ख्वाब में भी बिल्ली की तरह छिछड़े ही नजर आते हैं अबू निदाल भाई ।” रोनी हंसकर बोला ।
“तुम शायद यह नहीं जानते ।” अबू निदाल बोला- “कि कभी-कभी छिछड़े सच भी हो जाते हैं ।”
“यह तो है ।”
“चलो, सब वापस अपनी-अपनी जगह पहुंचो ।” मास्टर हंसिये को हाथ में पकड़े हुए बोला- “बार-बार इस तरह के हंगामे होने ठीक नहीं है ।”
सब वापस अपनी-अपनी जगह जाने के लिए मुड़े ।
“रुको-रुको ।” एकाएक रोनी फुसफुसा उठा ।
उसकी आवाज एकाएक बहुत रहस्यमयी हो उठी और वो दूर पहाड़ों के एक बहुत बड़े समूह की तरफ ध्यान से देखने लगा ।
पहाड़ों का वह समूह ‘मंकी हिल’ के नाम से विख्यात था ।
वहाँ अफ्रीकन गुरिल्लों के झुण्ड के झुण्ड रहते थे ।
“क्या हुआ ?”
“शी इ इ !”
रोनी ने अपने होंठों पर उंगली रखकर सबको खामोश रहने का इशारा किया ।
सब यौद्धाओं के चेहरे पर अब सस्पैंस के भाव मंडराने लगे ।
कोई कुछ नहीं समझ पा रहा था कि क्या चक्कर है ।
“आखिर बात क्या है?” माइक कुछ झुंझलाकर बोला ।
“क्या तुम लोग महसूस कर रहे हो ।” रोनी की आवाज बेहद धीमी थी- “कि सामने ‘मंकी हिल’ पर एकाएक बड़ा खौफनाक सा सन्नाटा छा गया है । जबकि उस हिल पर से हमेशा अफ्रीकन गुरिल्लों के जोर-जोर से छाती पीटने और चक-चक की आवाजें आती रहती हैं ।”
सब यौद्धाओं की निगाहें अब ‘मंकी हिल’ की तरफ उठ गयीं ।
वह भी बहुत ध्यानपूर्वक आवाजें सुनने का प्रयास करने लगे ।
“बात तो ठीक है ।” हवाम भी स्तब्ध मुद्रा में बोला- “वाकई इतना गहरा सन्नाटा तो कभी भी ‘मंकी हिल’ पर नहीं होता ।”
“लेकिन इस बात से तुम साबित क्या करना चाहते हो ?” मास्टर बोला ।
“तुम शायद जंगल की एक खासियत नहीं जानते ब्रदर !” रोनी की आवाज अभी भी सस्पेंस में डूबी हुई थी- “जब जंगल के पशु-पक्षियों को इस बात का अहसास होता है कि उनका कोई दुश्मन आसपास मौजूद है, तो वह आवाज निकालना बंद कर देते हैं । वहाँ बिल्कुल खामोशी छा जाती है और इस समय ऐसी ही रहस्यमयी खामोशी ‘मंकी हिल’ पर व्याप्त है ।”
“इ... इसका मतलब !” अबू निदाल हकबकाया- “कमाण्डर करण सक्सेना इस वक्त ‘मंकी हिल’ पर मौजूद है ।”
“ऐसा ही मालूम होता है और वो अभी-अभी वहाँ पहुँचा है । क्योंकि ‘मंकी हिल’ पर यह सन्नाटा बस एकदम से छाया है, थोड़ी देर पहले वहाँ से आती हुई चक-चक की आवाजें तो मैंने खुद अपने कानों से सुनी थीं ।”
योद्धाओं की संदेह में डूबी हुई आँखें एक-दूसरे से मिलीं ।
“चलो ।” हवाम एकाएक बोला- “सब मंकी हिल की तरफ चलो । अगर कमाण्डर वहाँ मौजूद है, तो समय गंवाने से कोई फायदा नहीं ।”
सारे योद्धा पहले जैसी ही अलग-अलग पोजिशन में मंकी हिल की तरफ बढ़े ।
अब वो हद से ज्यादा चौंकन्ने थे ।
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RE: Kamukta kahani मेरे हाथ मेरे हथियार - by hotaks - 05-16-2020, 02:32 PM

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