RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
इतना सब बोलते हुए रामू की मां बेहोश हो गई और वहीं पर गिर पड़ी। नीचे गिरने से पहले ही अन्नू ने उन्हें पकड़ लिया था और जमीन पर गिरने नहीं दिया जिसके कारण उन्हें कोई चोट नहीं आई। अनु ने अपनी हवलदार ओं को आदेश दिया कि इसे पकड़ कर ले जाओ और हवालात में डाल दो । अब इससे मैं शाम को पूछताछ करूंगी।
यह सुनकर हवलदार रावण को पकड़कर लेकर चले गए जब तक वहां पर दीपा और दिया दोनों ही आ गई थी और अनु से प्रेम की हाल चाल पूछने लगी तो अनु ने उन्हें बताया की प्रेम की हालत बहुत ही खराब है हां उसकी याददाश्त चली गई है उसे सिर्फ इतना ही याद है कि उसकी बहन ने उसे मारा है इस बात का मुझसे बहुत ही गहरा सदमा पहुंचा है डॉक्टर ने बोला है कि जिस लड़की ने इसे मारा है वह इसके सामने ना आए अन्यथा कुछ भी हो सकता है।
यह सुन कर दिया और भी ज्यादा रोने लगी और अपने आप को भला बुरा कहने लगी कि मैंने ऐसा क्यों किया।
दीया- अनु दीदी क्या मैं एक बार प्रेम को दूर से देख सकती हूं मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।
अनु- दीया अभी मैं कुछ भी नहीं कर सकती हूं उसके लिए मुझे डॉक्टर से परमिशन लेनी पड़ेगी तभी मैं कुछ जवाब दे पाऊंगी और हां तुम्हें एक बात बतानी थी।
डीजे- क्या बात है दीदी बोलो
अन्नू- अब मैं जो कुछ भी कहने जा रही हूं अब से तुम बहुत ही ध्यान से सुनना प्रेम और कोई नहीं ज्योतिका बिछड़ा हुआ भाई है जो कि बचपन में ही खो गया था बाद में बहुत खोजने पर भी नहीं मिला इसकी शक्ल हुबहू उसके जुड़वा भाई रवि से मिलती है ऐसी शक्ल देख कर मैंने पहचाना तो इसकी बहन को भी बुला लिया यह है इसकी बहन ज्योति।
अनु ने ज्योति को पास बुलाया और दीया से परिचय कराया । ज्योति उम्र में दिया से बड़ी है इसलिए दीया ने उसे भी दीदी बुलाया।
दोस्तों माना कि यह बात सच है परंतु इस बात में अनु को भी कोई भी सच्चाई के बारे में मालूम नहीं है वह तू प्रेम को अपने पास रखने के लिए इस बात को फायदा उठा रही थी की प्रेम और रवि की सकल एक दूसरे से काफी ज्यादा मिलती-जुलती थी या यूं कहें कि हुबहू कार्बन कॉपी है
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