RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
उनकी तकदीर अच्छी थी । रास्ते में एक किसान के घर में उन्हें शरण मिल गई जहां उन्हें कपड़े सुखाने की सुविधा तो प्राप्त हुई ही, साथ ही वहां उनके भोजन का भी प्रबन्ध हो गया । फिर उसी किसान के सब्जी के ट्रक पर बैठकर वे डेनवर
पहुंच गये । जब तक वे समुद्र के किनारे पहुंचे तब तक अंधेरा हो चुका था |
मार्गरेट उसे समुद्र के पानी में बने एक स्टील और लकड़ी के शैड में ले आई।
शैड में एक लगभग बीस फुट लम्बी मोटरबोट खड़ी थी। '
मार्गरेट मोटरबोट के केबिन में प्रविष्ट हो गयी। उसने अपना बैग खोला और उसमें से एक चाबी छांट कर इग्नीशन में लगाई । मोटरबोट के शक्तिशाली इंजन की घरघराहट से वातावरण गूंज उठा।
"आओ।" - मार्गरेट ने राज को आवाज दी ।
राज ने पैर आगे बढाया ही था कि उसे अपने पीछे हल्की-सी आहट की आवाज सुनाई दी ।
उसने घूमकर पीछे देखा ।
अन्धकार में उसे कुछ दिखाई नहीं दिया ।
"कौन है?" - वह जोर से बोला ।
भूत की तरह रोशनी उसके सामने आ खड़ी हुई ।
राज ने देखा उसके होंठ भिंचे हुये थे और चेहरा राख की तरह सफेद था ।
"हल्लो !" - राज बोला ।
"जार्ज टेलर के टापू पर जा रहे हो?" - रोशनी का स्वर ऐसा था जैसे किसी कुयें में से निकल रहा हो।
"हां । यह मोटरबोट जार्ज टेलर की है । मारिट हमें टापू तक ले जायेगी।"
"अन्धकार में वह हमें भटका तो नहीं देगी ?"
"अगर वह खुद भटक जाये तो दूसरी बात है वर्ना वह जानबूझ कर ऐसा करे, इसकी मुझे संभावना नहीं दिखाई देती ।"
"चलो।" - रोशनी बोली और मोटरबोट की ओर बढी।
“अनिल साहनी कहां है ?" - राज ने पूछा ।
"मोटरबोट में चलो । मैं सब बताती हूं।" दोनों मोटरबोट में सवार हो गये और केबिन में
आ गये।
मार्गरेट ने मोटरबोट की हैड लाइट ऑन कर दी
और इन्जन स्टार्ट कर दिया । मोटरबोट समुद्र की छाती को चीरती हुई आगे बढी ।
राज कुछ क्षण केबिन के प्रकाश में रोशनी के वीरान चेहरे को देखता रहा और फिर बोला "अनिल साहनी..."
"मर चुका है ।" - रोशनी धीरे से बोली ।
"कैसे?" - राज हैरानी से बोला - "क्या हुआ था ? क्या पुलिस..."
"वह भी जार्ज टेलर का शिकार बन गया ।"
मार्गरेट के होंठों से सिसकारी निकल गई ।
"कैसे ?" - राज ने पूछा।
"बताती हूं।" - रोशनी यूं बोली जैसे नींद में बोल रही हो - "मैं और अनिल साहनी लन्दन से चुपचाप एक मालगाड़ी में सवार होने में सफल हो गये थे । अनिल बुरी तरह घायल था । पुलिस की एक गोली उसके कन्धे को फाड़ती हुई। निकल गयी थी । जख्म की मुनासिब ड्रेसिंग करवाने का कोई साधन नहीं था । मैंने किसी प्रकार बांधकर खून रोक दिया था लेकिन अनिल की हालत खराब होती जा रही थी । रात में उसको बुखार भी हो गया । सारी रात वह भयंकर तकलीफ में तडपता रहा । प्यास से उसका बरा हाल था लेकिन कहीं पानी नहीं था । सवेरा होने पर गाड़ी एक स्थान पर खेतों के बीच में रुकी। मुझे दूर खेतों में एक ट्यूबवैल दिखाई दिया । मैं मालगाड़ी से उतर कर अनिल के लिये पानी लेने चली गयी । अभी मैं थोड़ी ही दूर गयी थी कि अनिल की चीख सुनायी दी । मैंने घूमकर देखा और..."
एकाएक रोशनी चुप हो गई । उसकी मुट्ठियां भिंच गई । उसके होंठ एक-दूसरे के साथ कस गये । उसकी आंखें सिकुड़ गयी ।
"फिर क्या हुआ ?" - राज ने व्यग्र स्वर से पूछा।
|