RE: Behan Sex Kahani मेरी प्यारी दीदी
मैं शिप्रा दीदी के गीले बालों में हाथ फेर रहा था अब दीदी मेरे लंड के टोपे को अपने होंठो से चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले के अंदर डाल दिया और उनके बोबे दबाने शिप्रा दीदी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाने लगी फिर शिप्रा दीदी ने वापस पूरा लंड अपने मुह में लिया और जल्दी जल्दी चूसने लगी अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था मैंने अपने दोनों हाथ शिप्रा दीदी के कुर्ते के गले में डाल दिए और उनके दोनों बोबे जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी मेरा लंड लगातार जल्दी जल्दी चूस रही थी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह में था और वो अभी भी मेरे लंड को चूस रही थी और मेरी तरफ ऊपर देख रही थी मैंने उनके कुर्ते में से अपने हाथ निकाले और उन्हें ऊपर उठाया फिर हम दोनों ने एक लम्बा किस किया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे शिप्रा दीदी बोली "यार सोनू तू भी ना कभी भी कहीं भी मूड बना लेता अब ले बस मिल गयी शांति तुझे कर दिया मेरा लिप ग्लोस और मेकअप गायब उतार दिया मेरा सूट मेरी ब्रा पेंटी सब कुछ " मैंने कहा "नहीं दीदी कुर्ता और ब्रा कहाँ उतारी उतारो ना " शिप्रा दीदी बोली "चुप कर तेरा तो कभी मन ही नहीं भरेगा चल अब तैयार होने दे मुझे " ये कह के शिप्रा दीदी अपने बाल बाँधने लगी जिस से उनके दोनों बोबे बाहर की तरफ आ गए और मैं उनके बोबे दबाने लगा उन्होंने मेरा हाथ झिड़क दिया मैंने फिर उन्हें पकड़ के दीवार से सटा दिया और उन्हें किस करने लगा और उन्हें किस करते हुए उनकी नंगी चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा उन्हें वापस गरम करने के लिए तभी उन्होंने मुझसे अपने होंठ छुडाये और जोर से चिल्लाई " मौसी............" मैं एक दम से डर गया और मैंने उन्हें छोड़ दिया वो हँसने लगी और बोली "देखा बहुत आईडिया है मेरे पास " तभी मम्मी गेट पे आ गयी और गेट खटखटाते हुए बोली "क्या हुआ शिप्रा तूने बुलाया "हम दोनों की हालत ख़राब हो गयी शिप्रा दीदी ने कहा "नहीं मौसी " तो मम्मी ने कहा "अच्छा गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से " शिप्रा दीदी बोली "वो मौसी मैं चेंज कर रही हूँ " तो मम्मी बोली "हाँ तो क्या हुआ बस मैं ही हूँ यहाँ पे तू गेट खोल मुझे कुछ लेना है अंदर से" अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी आज तो लगा की हम फंस गए बुरी तरह से ......
अब हम दोनों की हालत ख़राब हो चुकी थी क्योंकि मम्मी गेट के बाहर ही खड़ी थी हम दोनों ने जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये मम्मी ने फिर कहा "अरे खोल ना शिप्रा " शिप्रा दीदी ने डरते डरते कहा "हाँ मौसी खोल रही हूँ " और उन्होंने मेरी तरफ देख के आँखों से इशारा करके पूछा की क्या करे अब मेरा भी दिमाग काम नहीं कर रहा था तभी मैंने फटाफट अपना मोबाइल निकाला और घर के लैंडलाइन नंबर पे कॉल कर दिया दूसरे रूम में से फोन की घंटी बजने लगी मम्मी फोन उठाने उस रूम में गयी तो शिप्रा दीदी ने फटाफट गेट खोला इधर उधर देखा और मुझे बाहर निकाल दिया मैं जल्दी से रूम में से निकल के बाहर की तरफ चला गया और शिप्रा दीदी ने वापस गेट बंद कर लिया थोड़ी देर में मम्मी फोन रख के रूम से बाहर आई और शिप्रा दीदी ने मम्मी के सामने गेट खोला
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