RE: bahan sex kahani बहना का ख्याल मैं रखूँगा
शालिनी की तो जैसे जान ही मुंह में आ गयी...वो गरम होने लगी थी... मैं उसके चेहरे के हाव भाव देख रहा था... मुझे शालिनी की फूली हुई बुर का मुलायम अहसास साफ़ साफ़ हो रहा था। मैंने अपना सर अड्जस्ट करने के बहाने से एक दो बार शालिनी की बुर पर और दबा दिया। शालिनी को मजा आने लगा था... शायद ...
वो भले ही कितनी भी कोशिश करती हो मुझसे दूर रहने की पर जब भी वो करीब आ जाती थी तो शालिनी को शायद खुद को काबू रखना दिन ब दिन मुश्किल होते जा रहा था। मैने बहुत बढ़िया चाल चली थी...क्यू की अब शालिनी जब भी मेरा सर दबाने के लिए जोर डालती मैं अपना सर पीछे ले जा के जोर से शालिनी की बुर पे दबा देता...शालिनी की हालत बहुत ख़राब हो चली थी...अब शालिनी भी अपनी गांड़ को थोड़ा सरका के अपनी बुर को मेरे सर पर दबाने लगी थी... इस हालात में लन्ड बेकाबू और खयालात में सिर्फ इस संगमरमरी बदन को भोगने की इच्छा ... बस और कुछ नहीं ...
शालिनी की फूली हुई मुलायम बुर के स्पर्श को पाकर मैने अपनी आँखे बंद कर ली ...उसकी बुर का इस तरह महसूस करने का मेरे लिए यह पहला मौका था भले ही बीच में कपड़े की एक दीवार थी मेरे सिर और शालिनी की बुर के बीच में,,,, मैंने फिर से अपने हाथ अपने लंड पर रख लिए और थोड़ा थोड़ा उसे दबाने लगा।
शालिनी ने जब ये देखा की मैं बेशर्म हो कर उसके सामने ही लंड को मसल रहा हूं तो उसकी बुर शायद और पानी छोड़ने लगी होगी .... मुझे लगने लगा की उसकी निक्कर अब गीली होने लगी है.... वो क्या करे उसे शायद कुछ समझ नहीं आ रहा था।
मुझे लगने लगा कि ऐसे ही थोड़ी देर चलते रहा तो हम दोनों ऐसे ही झड़ जायेंगे ।।
शालिनी - भाई ईईईई ....बस हो गया क्या?? मेरे हाथ दर्द करने लगे हैं...
मुझको तो लग रहा था कि ये सब कभी खत्म ही ना हो पर अब मेरी मज़बूरी थी...
मैं :- हां...ठीक है...अब आराम है मुझे।।
मैं फर्श पर ही सीधा बैठा रहा और पीछे मुड़ा..मुड़ते ही मेरी नजर पहले शालिनी की बुर की तरफ़ गयी .. मुझेे वहां कुछ गीला सा दिखा.. एक धब्बा जेसे......पहले तो मुझे लगा की तेल का होगा पर अगले ही पल मुझे समझ आ गया की वो तेल नहीं है... शालिनी ने झट से अपने पैर पास कर लिए क्यू की वो देख रही थी की मैं उसकी बुर वाले हिस्से को बड़े गौर से देख रहा हूं...
ओह्ह्ह्ह्ह इसका मतलब शालिनी की बुर ने पानी छोड़ दिया था ...मेरे साथ ... शायद पहली बार ... और उसकी बुर गीली हो गयी थी..,मतलब उसे ये सब अच्छा लग रहा है.....उसे मजा आ रहा था....ह्म्म्म्म तो चलो कुछ और करते है...
मैं :- ह्म्म्म .... शालिनी बहूत अच्छा मस्साज किया तुमने... अब चलो मैं भी तुम्हारे सर में तेल लगा देता हूं.....बड़ा अच्छा तेल है...फ्रेश हो जाओगी... बेबी तुम ...भी ...और नींद अच्छी आएगी ।।
शालिनी शायद समझ गयी की मैं अब और कुछ हरकत करने वाला हूं....अभी मेरा मन नहीं भरा था ....
शालिनी:- नही भाई जी ठीक है...
मैं :- क्या सोचने लगी ?? चलो बैठो नीचे मैं ऊपर बैठता हूं.....
शालिनी शरमाते हुए नीचे बैठ गयी... मैं ऊपर बेड पे बैठ गया... और उसके सर पे तेल डाल के धीरे धीरे मालिश करने लगा...ऊपर से शालिनी के बड़े गले की समीज से शालिनी की चुचियां आधी से ज्यादा दिखाई दे रही थी। गोल गोल बड़ी बड़ी गोरी चुचियों को देख के मेरा लंड फिरसे खड़ा होने लगा था...
शालिनी ने आईने में देखा की मैं उसकी चुचियों को ज्यादा से ज्यादा देखने की कोशिश कर रहा हूं.... . शालिनी को हल्की सी हँसी आ गई ..... शालिनी भी अब इस खेल का मजा ले रही थी या कुछ और चाहती थी.. और मुझे तड़पाने के लिए उसने जानबूझकर
धीरे से अपनी समीज का निचला हिस्सा पकड़ा और नीचे खींचने लगी...ब्रा नही होने के कारण समीज उसकी चिकनी चूचियों पे फिसलते हुए नीचे जाने लगा....शालिनी ये काम इतने धीरे कर रही थी की मुझको पता भी ना पड़े ...लेकिन अब मुझको शालिनी की चूंचियों का काफी हिस्सा साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मेरा लंड अब बेकाबू हो रहा था.... मैं थोड़ा आगे हुआ और शालिनी के सर को पीछे खींचा...और अपने लंड पे रख लिया....जैसे ही शालिनी को मेरे कड़क लंड का स्पर्श अपने सर पे हुआ उसने आँखे बंद कर ली ।
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