12-09-2020, 12:32 PM,
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desiaks
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Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
भाई की जवानी
लेषक अज्ञात
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पात्र (किरदार) परिचय
01. राजेश- उम्र 42 साल, सुमन का पति, मैनेजर,
02. समन- उम्र 40 साल, राजेश की पत्नी, टीचर,
03. विशाल- उम्र 20 साल, राजेश और सुमन का बेटा, इंटर की पढ़ाई,
04. आरोही- उम्र 18 साल, राजेश और सुमन की बैटी, इंटर की पढ़ाई,
05. प्रिया- विशाल के मामा की लड़की,
06. अजय प्रिया का भाई,
07. राहुल- प्रिया का पति,
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12-09-2020, 12:33 PM,
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desiaks
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
आरोही की गोटी पहले खुलती है, और जैसे ही विशाल की गोटी खुलती है, जिसे आरोही की गोटी फिर से बंद कर देती है। आरोही की 3 गोटी खुल चुकी थी और विशाल की अभी तक चारों गोटी बंद थी। आरोही के चेहरे पर मुश्कान बढ़तीजा रही थी थी।
अचानक विशाल की गोटी खुल जाती है, और आरोही की गोटी पीट देती है। गेम फिर से इंदरस्टिंग मोड़ पर आ चुका था। आरोही की 3 गोटी जा चुकी थी सिर्फ एक गोटी बची थी। जैसे ही आरोही की गोटी खुलती है विशाल फिर से बंद कर देता है। ऐसे ही खेलते हुए विशाल की भी 3 गोटी जा चुकी थी।
आरोही का चेहरा मुरझाने लगता है। और विशाल जैसे ही अपनी चाल चलता हुआ आरोही से आगे आता है, आरोही की गोटी खुल जाती है और खुलते ही विशाल की गोटी पिट जाती हैं।
आरोही का मुग्झाया चेहरा एकदम फिर से खिल जाता है, और आरोही की गोटी को रोकने वाला अब रास्ते में कोई नहीं था। विशाल की एक ही गोटी बची थी जो बंद थी, और आरोही की गोटी जैसे ही मंजिल पर पहुँचती है। आरोही जीत की खुशी में चिल्ला पड़ती है- "हरेर... मैं जीत गई.."
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विशाल का चेहरा देखने लायक था।
और यूं ही मस्ती करते हुए दोनों के ये दो दिन यूं ही गुजर जाते हैं। सुबह करीब 10:00 बजे घर की डोर बेल बजती है।
आरोही जैसे ही दरवाजा खोलती है। मम्मी पापा के साथ मामा की लड़की प्रिया को देखकर खुशी में एकदम गर्ने में लिपट जाती है।
आरोही- अरे प्रिया तुम?
सुमन- मैं बेटा, पहले अंदर तो आने दें फिर आराम से गले मिल लेना।
आरोही- ओह आओ आओ अंदर आओ। भैया देखो कौन आया है?
विशाल भी प्रिया को देखकर बहुत खुश होता है। विशाल आगे बढ़कर प्रिया से हाथ मिलाता है- "कैसी हो प्रिया?"
प्रिया- एकदम बंदिया, तुम बताओ?
विशाल- आई आम फाइन।
राजेंश- आरोही बेटा, प्रिया को ऊपर रूम में ले जाओ। थोड़ा आराम कर लेंगी, सफर में थक गई होगी।
आरोही- "जी पापा.. और आरोही प्रिया को लेकर ऊपर चली जाती है।
नीचे राजेश और सुमन भी आराम करते हैं। विशाल होटल से खाना लेने चला जाता है।
ऊपर आरोही और प्निया बातें कर रही थी।
प्रिया- और सजाओ आरोही तेरी लाइफ कैंसी चल रही है?
आरोही- ठीक चल रही हैं। बस एक टेन्शन सी है।
प्रिया- कैसी टेन्शन?
आरोही- अबकी बार भी लगता है भाई के मार्क मुझसे ज्यादा आयेंगे।
प्रिया. तुझे पढ़ाई के अलावा भी कोई बात नहीं आती?
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आरोही- क्यों तेरी पढ़ाई कैंसी चल रही है?
प्रिया- मैंने तो पढ़ाई छोड़ दी। क्या करेंगी इतना पटकर?
आरोही- क्या?
प्रिया- इतना चकित क्यों हो रही है? कुछ दिन में शादी हो जायेंगी। फिर बस पतिदेव की सेवा। क्या होगा इस
पढ़ाई का?
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12-09-2020, 12:34 PM,
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desiaks
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RE: Bhai Bahan XXX भाई की जवानी
विशाल भी प्रिया की बातों को सुनकर हैरान था।
तभी आरोही चाय लेकर ऊपर आ जाती है- "क्या-क्या बातें हो रही हैं दोनों में?"
विशाल- पढ़ाई के लिए पूछ रहा था।
और थोड़ी देर , ही चाय पीते हुए बातें करते रहे। रात के 10:00 बजे चुके थे। विशाल ऊपर रूम में जाकर लेट गया। राजेश और सुमन भी अपने रूम में सो चुके थे। नीचे मम्मी पापा के रूम के बराबर में एक रूम और था। आरोही और प्निया दोनों उसी रूम में लेट गये।
आरोही- प्रिया तूनें विशाल को राहुल के बारे में तो कुछ नहीं बताया?
प्रिया- बस बताने वाली थी की त आ गई।
आरोही अपने माथे पर हाथ मारते हुए- "तू कैसी बेवकूफ है? ये बातें तू किसी को नहीं बतायेगी.."
प्रिया- "अच्छा बाबा नहीं बताऊँगी..." फिर कहा- "आराही, अपना मोबाइल दिखाना..."
आरोही- किसलिए?
प्रिया- एक काल करनी है।
आरोही- किसे?
प्रिया- राहल को।
आरोही- नहीं।
प्रिया- प्लीज मार, बस एक काल करेंगी।
आरोही- तुझे इतना समझाने पर समझ में नहीं आ रहा?
प्रिया- प्यार ऐसा ही होता है।
आरोही- ये प्यार नहीं है।
तभी प्रिया की नजर टेबल पर रखें मोबाइल पर जाती है, और प्रिया मोबाइल उठाकर राहुल का नंबर मिला देती है। आरोही प्रिया को देखती रह जाती है। मगर ल का नंबर स्विच-आफ जा रहा था, और प्रिया आकर आरोही के बराबर में लेट जाती है।
आरोही- प्रिया तू तो बहुत आगे निकल चुकी है।
प्रिया. मेरा तो ऐसा दिल कर रहा है की अभी भागकर राहुल के पास पहुंच जाऊँ।
आरोही- क्या?
प्रिया- इतना क्यों चकित हो रही है?
आरोही- "वैसे तुम्हारे बीच... मेरा मतलब है कुछ ऐसा वैसा?"
प्रिया- हौं, थोड़ा बहुत किस वगैरह।
आरोही- "ओह माई गोड... तमनें आपस में किस भी कर लिया?"
प्रिया- "अरें किस तो नार्मल है.." कहकर प्रिया अपना एक हाथ बढ़ाकर आरोही की चूचियों पर रखते हए- "राहल
तो मेरी चूचियों को भी मसल चुका है.."
आरोही अपनी चूचियों से प्रिया का हाथ हटाते हुए- "ये सब क्या हैं प्रिया?"
प्रिया- "ये ही तो जवानी के मजें हैं मेरी जान."
तभी प्निया को बराबर वाले रूम से कुछ आवाजें सुनाई देती हैं- "आहह... सस्सीई..."
प्रिया- "लगता है तेरे मम्मी पापा का शो स्टार्ट हो गया..."
आरोही- तुझं ऐसा क्यों लगता है?
प्रिया. साइलेंट होकर गौर से सुन।
आरोही बड़े गौर से कुछ सुनने की कोशिश करती है। उसे भी मम्मी के कराहने की आवाजें सुनाई देती है "आहह... सस्स्स्सी ... ऊहह.."
आरोही- लगता है मम्मी की तबीयत ठीक नहीं हैं।
प्रिया- "तू तो वाकई बिल्कुल ढक्कन है। ये कराहने के आवाजें तबीयत खराब की नहीं, मजे की है। चल तुझे दिखाती हूँ..."
आरोही- नहीं मुझे नहीं देखना।
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