10-30-2019, 12:39 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मेने मुन्ना को देखा उसकी आँखों में वासना के लाल लाल डोरे साफ दिख रहै थे,असल में अनिल ने उसे ये कहा था की वो अपनी बीबी को उस से चुदवाना चाहता हें लेकिन उसकी बीबी तेयार नहीं होगी इसलिए वो कमर दर्द दूर करने के बहाने उसे भेजेगा\यानि हम तीनो जानते थे की होगा क्या लेकिन तीनो अपना नाटक कर रहै थे \
मुन्ने ने मुझे दीवान पर लेटने को कहा में पेट के बक लेट गयी, मुन्ना ने मेरी कमर पर हाथ रख दिया और होले होले उसे दबाने लगा मेरी तो जान ही निकल गयी में तो चाहती थी ये भाडू कमर क्या दबा रहा हें ये तो मेरी गांड सहलाये जेसे मुन्ना ने मेरे दिल की बात भाप ली उसके हाथ अब मेरी कमर से हट गए और वो मेरे चुत्डो को दबाने लगा ,हाय पहली बार कोई मर्द मेरे चुत्डो को दबा रहा था में तो उतेजना में मरी जा रही थी \
मेने सोचा इसे तो काफी समय ख़राब हो जायेगा ,मेने अनिल से कहा मुझे तुम्हारा सामने शर्म आ रही हें में अंदर बेडरूम में जाकर अपनी कमर दबवा लेती हूँ अनिल तो नशे में था उसने हाँ भर दी में मुन्ना को लेकर बेडरूम में चली गयी और अंदर जाकर कुण्डी लगा ली \में अंदर जाते ही मुन्ना से चिपट गयी मुन्ना मेरी भावना समझ गया उसने मुझे बांहों में भर लिया और मुझे चूमने लगा उसके होठ मेरे होठो पर थे उसके हाथ मेरी गांड सहला रहै थे उसका लंड कपड़ो में ही खड़ा होकर मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था\
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहै, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगी । करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते उसका एक हाथमेरी चूचियों को और दूसरा हाथमेरी गांड को सहलाने लगा।उसका लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा।
मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेती हुआ वहीं पड़ी रही ....
उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो ...
फ़िर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से अपने कपड़े उतरवा रही थी और वो मुझे चूमे जा रहा था ..
अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी ....
उसने मेरे बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था !में इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि उसे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था ....
तो वो फ़िर सेमुझे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, मेरे समतल पेट को चूमा और अब मेरी नाभि की ओर बढ़ा।
अपनी जीभ को घुमाया मेरी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था ...उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ....वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही था और उसका काला सा बदन मचल रहा था। मगर अब भीमें चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी ....
वो चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब उसका मुँह मेरी पैंटी के ऊपर था ...पैंटी से ही उसने चूत को चूमा और मुँह को दबाया मेरी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है ....
उसने धीरे से मेरी पैंटी को नीचे सरकाया ...वाह क्या गुलाबी चूत थी मेरी ... बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है मेरी चूत जो उसकी काली सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है ...
उसने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा ...बहुत ही मीठी खुशबू मेरी चूत से आ रही थी और वो पागल हुए जा रहा था ...मेरी चूत के बीच के हिस्से मेंवो चूम रहा था ...चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी ...बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी ...
|
|
10-30-2019, 12:39 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और उसने चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए मेरी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने उसके लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और वो जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा।
उसका लण्ड पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी,में पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को !
मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गयी और उसके लण्ड को अपने मुँह के पास कर दिया ... लण्ड को इतना करीब देख के मुझसे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया ...ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ....अब मैं अपनी पूरी रवानी में थी उसका लण्ड मेरे मुँह में चुदाई कर रहा था और वो मेरी चूत को जीभ से चाट रहा था ....उसने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रहा। साथ साथ एक ऊँगली मेरी गांड में भी घुसेड़ दी।
वो मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था ...मानो वो जन्नत की सैर कर रहा था ....मेरेको चोदने की उसे कोई जल्दी नहीं थी . बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और में भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ....ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए .....
अब मैं उसकी बगल में आगयी और उसके साथ ही लेट गयी । चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगी ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा थी । अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे .... हम प्यार में डूबे जा रहै थे !
तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़तुम्हारा हूँ जान ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है करो !! आई लव यू रानी ....!!!
उसने मेरे बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और मेरी ब्रा को अब निकाल दिया मेरे मशरूम से बदन परमेरे स्तन क़यामत ढा रहै थे।वो धीरे धीरेउन्हें सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए मेरे स्तनों को मसल रहा था।
अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगी ,वो मेरे स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था,में भी मस्ती से साथ निभा रही थी !
हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहै थे औरमेरे स्तनों को निचोड़ रहा था वो ! वोमेरी गाण्ड को सहला रही था । वो मेरे बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया उसका और अबउसने मेरे चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा थामेरे बूब्सउसके हाथो में मचल रहै थे और वो मेरे चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ....उसी दौरान उसका लण्ड मेरी चूत पर रगड़ रहा था ...मेरी चूत का गीलापन उसके लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था ... बूब्स गोरे से लाल होने चले थे ....
उसका लंड बहुत सख्त होते जा रहा था. मैंने ज़िन्दगी में पहली बार किसी मर्द का इतना सख्त लंड पकड़ा था.
क्या मर्द था ! कभी ऐसा आनंद नहीं लिया था मैंने ! वो मुझे 69 में करके मेरी चूत
चाटने लगा। मेरे दाने को चबाने लगा। मैं पागलों जैसे उसका लण्ड चूसने में मस्त थी।
वो जब अपनी ज़ुबान तेज़ करता तो मैं भी लण्ड उतनी तेज़ी से चुसती। थोड़ी देर में मुझे
लगा मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है. मै मचलने लगी. उसका सर मेरी चूत पर दबाया.. वो शायद समझ गया. वो जल्दी से उठा और उसने मेरी कमर के नीचे तकिया लगाया और मेरी टांगों के बीच में बैठ अपना लण्ड मेरे दाने पे रगड़ने लगा। मुझसे जवानी की आग सही नहीं गई, मेरे मुंह से निकल गया- मुन्ना .. अब सहन नहीं हो रहा.. मै मर जाउंगी.. अंदर डालोगे या बाहर ही छुटने का इरादा है !
उसने कहा रानी.. पहली बार है.. फिर भी इतनी बेताबी.. ले.. और उसने झटका मारा, आधा लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया। मेरी चूत का पर्दा उस झटके से फट गया और मेरी चीखें निकल गई। उसने मेरी दोनों बाहें पकड़ कर अपने होंठों से मेरे होंठ दबा लिए। मेरी तो जैसे दर्द से जान ही निकल गयी..
मैं चीखती रही- मर गई !अहह !निकाल कमीने ! फट गई मां ! मैं चुद गई री ईईईईईईईई... बाहर निकालो.. बस.. अब नहीं..
लेकिन वो नहीं माना .. मेरी चुन्चियो को चूसने लगा मुझे चूमने लगा और हलके हलके धक्के लगाने लगा.. धीरे धीरे उसका लंड फिसलते हुए अन्दर जा रहा था.. उसने मेरे पैर और ऊपर उठा दिए. मेरी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था... अब लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा. वो पूरा लंड बाहर खिंच कर अन्दर करते हुए मुझे चोदने लगा.
फ़िर लण्ड अंदर-बाहर आसानी से होने लगा, मानो मैं स्वर्ग में पहुँच गई।
|
|
10-30-2019, 12:40 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैं ज़ोर ज़ोर से चुदने लगी। जब जब उसका लंड मेरी बच्चेदानी से रग़ड़ ख़ाता, मानो स्वर्ग बिस्तर पे आ गया लगता था।
अब मैं खुद नीचे से बोली- हाए मेरे ख़सम ! फाड़ डाल ! छोड़ना मत !
और मैं गाण्ड उठा उठा के चुदने लगी। उसने मुझे घोड़ी बना लिया और पेलने लगा। मैं झड़ गई लेकिन वो थमा नहीं। करीब २५ मिनट यूँ ऐसे ही गैर मर्द की बाहों में झूलती हुई जो चुदी।
उसने अपना गरम गरम पानी जब मेरी बच्चेदानी के पास में छोड़ा, मैं पागल हो गई। कितना लावा निकालता था उसका लंड !
मॉम की चुदाई की कहानी सुन कर में तो सन्न रह गया,में मॉम के बूब्स जोर से मसलता हुआ बोला,मुझे भी आप ऎसे ही सुख दीजिये न,में भी आपकी ऐसी ही मस्त चुदाई करना चाहता हु। मॉम ने मेरा लौड़ा जोर से पकड़ा और उसे हिलाते हुए कहा चिंता मत कर बेटे जब मौका मिलेगा में तुझे तेरी बीबी बनकर चुदाई का सुख दूंगी। और वो मौका मुझे जल्दी ही मिल गया डैड रचना को लेकर मेडिकल की कोचिंग करवाने के लिए कोटा ३-४ दिन के लिए चले गए अब घर पर मॉम और अकेले रह गए,मेने मॉम से कहा की क्या रात वो मेरी बीबी बनकर चुदना पसंद करेंगी मॉम ने सहमति में अपना सर हिलाया और कहा की में कंही घूम कर आ जाऊ तब तक वो अपनी चुदाई की तैयारी करती है वो मेरे से लिपट ग यी मेरी आग और भड़क गयी ,मेने तो अब सोच लिया की किसी भी तरह मॉम की मुझको चुदाई करनी है|
आज तो दिन भर मॉम रात कि तैयारी में ही लगी रही. सबसे पहले अपनी चूत को चका चक बनाया और फिर पूरे शरीर पर उबटन लगवाकर, गुलाबजल मिले गर्म पानी से स्नान किया. आजउ न्होंने अपनी शादी वाला जोड़ा पहना था. गले में मंगलसूत्र, हाथों में लाल रंग कि चूड़ियाँ, बालों में गज़रा और आँखों में कज़रा. पांवों में पायल और कानो में सोने की छोटी छोटी बालियाँ . उन्होंने हाथों में मेंहंदी लगाई और पावों में महावर.वो तो आज पूरी दुल्हन की तरह सजी थी जैसे कि मेरी सुहागरात हो. पूरे कमरे में गुलाब कि भीनी भीनी खुशबू और पलंग पर नयी चद्दर, गुलाब की पंखुडियां पूरे बेड पर बिछी हुई और 4-5 तकिये. साइड टेबल पर एक कटोरी में शहद और गुलाबजल, 5-6 तरह की क्रीम, तेल, वैसलीन, पाउडर आदि सब संभाल कर रख दिया था. एक थर्मोस में केशर, बादाम और शिलाजीत मिला गर्म दूध रख लिया था. आज तो पूरी रात हमें मस्ती करनी थी. और आज ही क्यों अब तो अगले 4 दिनों तक . |
और फिर वो लम्हा आ ही गया जिसके लिए मैं पिछले 2 महीनो से बेकरार था . मेने चूडीदार पायजामा और सिल्क का कुरता पहना . मॉम तो मेरे से इस कदर लिपट गयी जैसे कोई सदियों की प्यासी कोई विरहन अपने बिछुडे प्रेमी से मिलती है. मैंने उन्हें अपनी बाहों में भर लिया और अपने जलते हुए होंठ उसके थरथराते हुए होंठों पर रख दिए. मैं तो उन्हें बेतहासा चूमते ही चली गया . वो तो बस ऊँ…उन्नन.. आआं.. ही करता रह गयी . अचानक मैंने उसके गालों पर अपने दांत गडा दिए तो उनकी चींख निकलते निकलते बची. उन्होंने भी मुझे जोर से अपनी बाहों में कस लिया. यही तो मैं चाहता था . कि वो आज की रात मेरे साथ किसी तरह की कोई नरमी ना बरते. बस वो मेरे जलते बदन को पीस ही डाले और मेरा पोर पोर इस कदर रगडे कि मैं अगले दो दिन बिस्तर से उठ ही ना पाऊं.
3-4 मिनिट तक तो हम इसी तरह चिपके खड़े रहै. हमें तो बाद में ख़याल आया कि हमने कितनी बड़ी बेवकूफी की है ? जोश जोश में दरवाजा ही बंद करना भूल गए. है भगवान् तेरा लाख लाख शुक्र है किसी ने देखा नहीं.
मैंने झट से दरवाजा बंद कर लिया और फिर दौड़ कर मॉम से लिपट गया . मेने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया. उन्होंने मेरे गले में अपनी दोनों बाहें डाल दीं और मेरे सीने से अपना सिर लगा दिया. उनके उरोज उसके सीने से लग गए थे. उनके दिल की धड़कन तो किसी रेल के इंजन की तरह धक् धक् कर रही थी. उनके होंठ काँप रहै थे और उनकी तेज और गर्म साँसे तो मैं अपने सिर और चहरे पर आसानी से महसूस कर रही था . पर उस समय इन साँसों की किसे परवाह थी. में उन्हें गोद में उठाये ही चोबारे में ले आया. हलकी दूधिया रोशनी, गुलाब और इत्र की मादक और भीनी भीनी महक और मॉम के गुदाज़ बदन की खुश्बूमुझे मदहोश करने के लिए काफी थी. जब में ये सब लिख रहा था तब मॉम साथ बैठी थी उन्होंने कहा की आगे की कहानी में मेरे शब्दों में बया करती हु /
|
|
|