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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
में तुरंत उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ तब जाकर वो रोना थोड़ा कम करती है.
नीरा--भैया अब में कभी आपको तंग नही करूँगी ....में आपसे बहुत प्यार करती हूँ आप मुझ से नाराज़ मत होना कभी भी.
में--नीरा में कभी तुझ से नाराज़ नही हो सकता लेकिन जिस तरह से आज तूने खुद को चोट पहुँचाई है.वो चोट सीधे मेरे दिल पर लगी है.
नीरा--सॉरी भैया आगे से में ऐसा कभी कुछ नही करूँगी. और मुझे कस कर गले से लगा लेती है .तभी मम्मी भी अंदर आजाती है.
मम्मी--में इसीलिए बाहर गयी थी ताकि तुम दोनो अपना मसला आपस में सुलझा लो फिर नीरा उठ कर मम्मी के गले से लग जाती है और हम तीनो वहाँ एक साथ सो जाते है.
उधर भाभी और रूही कॅंप में लेटे हुए थे तभी भाभी रूही से एक सवाल पूछ लेती है.
भाभी--रूही तुम लोगो ने कौनसा राज दबा रखा है अपने अंदर.
रूही ये बात सुनकर तुरंत चोंक जाती है और उठ के बैठ जाती है.
भाभी--क्या तुम लोग मुझे अपना नही समझते जो मुझे बता भी नही सकते.
रूही बस एक टक भाभी की तरफ़ देखे जा रही थी ...उसे उसके कानों पर भरोसा नही हो रहा था.
भाभी--रूही मैने मम्मी और तेरी बातें सुन ली थी....ऐसा कौनसा राज है जिस से इतना बड़ा तूफान आज़ाएगा.
रूही अब संभल चुकी थी.
रूही--भाभी आप अपने परिवार से कितना प्यार करती हो.
भाभी--में अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती हूँ.
रूही --तो आपको उसी परिवार की कसम आप आज के बाद दुबारा ये सवाल नही पुछोगि...कुछ राज हमेशा राज ही रहने चाहिए जिस दिन वो बाहर आजाते है सब कुछ खाक हो जाता है. क्या आप अपने परिवार को बिखरता देख सकोगी..क्योकि अगर वो राज खुल गया तो ये परिवार पूरी तरह से बिखर जाएगा.
भाभी भी अब उठ कर बैठ चुकी थी ....उसके बाद उन्होने कोई सवाल नही किया और रूही को. रोता देख उसे गले से लगा लिया.
भाभी--मुझे पता नही था रूही के इस मुस्कुराते नन्हे से दिल पर एक राज का इतना भारी बोझ पड़ा है...तेरी कसम....में ये सवाल किसी से नही पुछुन्गि.तेरी कसम....रूही तेरी कसम...,,.
रूही और भाभी अपने आँसू पोछ कर सोने लगते है...इधर मम्मी की नींद उड़ी हुई थी.
वो लगातार पुरानी यादो में खोती चली जा रही थी ....
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20 साल पहले.... आगे की कहानी राज की ज़ुबानी
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उस समय संध्या(मम्मी) के दो बच्चे थे.
एक राज और एक रूही राज अभी राज ** साल का हो गया था और रूही ** साल की थी ...
संध्या के पति किशोर गुप्ता अपने बिज़्नेस को फैलने में दिन रात मेहनत कर रहे थे जबकि संध्या अपने द्वारा बनाए गये एक एनजीओ जो कि बेसहारा बच्चो को घर और अच्छी पढ़ाई और खाने का इंतज़ाम करवाता था.
उस दिन संध्या बहुत ज़्यादा थक गयी थी घर आते ही वो नहाना चाहती थी...
घर आकर संध्या ने अपने कपड़े उतारे और बाथरूम में घुस गयी , नहाने के बाद वो किचन में घुस गयी और खाना बनाने लग गयी ...तभी राज और रूही दोनो स्कूल से आगये...और आते ही मम्मी मम्मी करते हुए संध्या से लिपट गये.
राज--मम्मी आज क्या बना रही हो बहुत अच्छी खुश्बू आरहि है..
मम्मी--में तुम लोगो के लिए पालक के पकौड़े और आलू टमाटर की सब्जी बना रही हूँ...तुम लोगो को ये पसंद है ना..
रूही--हाँ मम्मी काफ़ी दिन हो गये पकोडे खाए हुए.
मम्मी--चलो अब जा कर चेंज कर लो और मुँह हाथ धो कर डाइनिंग टॅबेल पर आ जाओ..में तब तक खाना लगाती हूँ.
उसके बाद हम सभी डाइनिंग टॅबेल पर रेडी हो कर आ जाते है और मम्मी हम लोगो को खाना खिलाने लगती है...
राज--मम्मी आप खाना नही खा रही हो..
मम्मी--बेटा तुझे पता है ना में वो दवाई पीने के बाद ही खाना खाती हूँ.
फिर दोनो अच्छे से खाना खा कर मम्मी के बेडरूम में जाकर टीवी देखने लग जाते है...उधर मम्मी ने बाथरूम में जाकर एक सिल्क की नाइटी पहन ली थी जो कि एक शर्ट और एक पाजामे जैसी थी...
फिर मम्मी ने अपनी अलमारी में से एक बोतल निकाली जिसपर शिवास लिखा हुआ था.
वो आकर हमारे पास बैठ जाती है और एक गिलास में उस दवाई को डालकर पानी मिलाने लगती है...
फिर उसकी एक सीप लेने के बाद वो एक पकोड़ा अपने मुँह में डाल लेती है...और इस तरह करते करते वो 5 ग्लास दवाई के पी जाती है ..में कब से ये देखे जा रहा था... तभी मम्मी ने कहा ऐसे क्या देखे जा रहा है.
में(राज)--मम्मी आप तो हमे अगर दवाई देनी होती है तो एक चम्मच में भरकर एक छ्होटी सी बोतटेल में से देती हो ...ये आप कौनसी दवाई पीटी हो जो इतनी बड़ी बोतटेल लानी पदती है...और वो भी 5 ग्लास आप पी जाती हो.
मम्मी--ये बडो की दवाई है तू नही समझेगा चल अब थोड़ी देर मेरे पेर दबा दे काफ़ी दर्द कर रहे है.
फिर उसके बाद में मम्मी के पैर दबाने लगता हूँ और रूही मुझे देख कर उनके हाथ दबाने लगती है मम्मी अब पेट के बल लेट जाती है और में उनके पैर का पंजा अपनी गोद में रख कर दबाने लगता हूँ मम्मी का पंजा मेरे लिंग पर रगड़ खा रहा था जिस से मेरा लिंग अकड़ गया..
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मम्मी को भी मेरे लिंग का कड़क होना महसूस हो गया और वो अपने पैर का अंगूठा मेरे लिंग पर रगड़ने लग जाती है.
मम्मी अंगूठा रगड़ रगड़ कर काफ़ी गरम हो जाती है और मुझे कहती है..
मम्मी-- थोड़ा उपर दबा यहाँ ज़्यादा दर्द हो रहा है ..
में मम्मी की जाँघो को दबाने लगता हूँ...लेकिन मम्मी मुझे और उपर दबाने के लिए कहती है...में अब उनके कूल्हे दबा रहा था...वो दबाते हुए मुझे काफ़ी मज़ा भी आ रहा था मेरे हाथ बार बार फिसल के उस दरार में जाने लगते है...
और मेरा लिंग अब पहले से भी ज़्यादा कड़क हो जाता है फिर मम्मी मुझे रुकने को कहती है और सीधी लेट जाती है अब मुझे वो अपने कंधे दबाने को कहती है.
में अब उनकी जाँघो पर बैठा था और उनके कंधे दबाए जा रहा था मम्मी के बूब्स की निपल मुझे नाइटी में से मुझे बिल्कुल कड़ी हुई नज़र आ रही थी रूही अभी भी मम्मी के हाथ दबाए जा रही थी.
में कंधे दबाने के लिए जैसे ज़ोर लगाता मम्मी की चूत और मेरा लिंग रगड़ जाता और हाथो पर उनके बूब्स.
फिर मम्मी ने मुझे खड़ा होने को कहा और ये बोला कि मेरे पेट पर क्या चुभ रहा है...
में--मम्मी मेरे पास तो चुभने जेसा कुछ भी नही है ..
मम्मी--तेरा निक्कर उतार ज़रूर कुछ ना कुछ तो है जो मुझे चुभ रहा है...
मेने अपना निक्कर तुरंत उतार दिया मेरा लिंग जो इस समय कड़क हो गया था जो कि लगभग 4 इंच से ज़्यादा का था....
मम्मी मेरे लिंग को हाथ में लेकर...
मम्मी--तेरा ये इतना बड़ा कैसे हो गया.
में --पता नही मम्मी मुझे भी समझ नही आया.
मम्मी--मेरे शरीर से रगड़ खाने की वजह से ये बड़ा हो गया है चल में इसे ठीक कर देती हूँ .
और फिर वो मुझे पूरा नंगा कर देती है और खुद अपनी शर्ट उतारकर रूही को बोबे से दूध पीने को बोलकर मेरा लिंग अपने मुँह में लेकर चूसने लग जाती है.
रूही मम्मी का बोबा चूस्ते चूस्ते बोलती है मम्मी इन में से दूध तो आ ही नही रहा..
मम्मी मेरा लिंग अपने मुँह से निकाल कर .
मम्मी--इनमें ऐसे दूध नही आएगा तू एक काम कर एक बोबा ज़ोर ज़ोर से चूस और दूसरा बोबा पूरी ताकत लगा कर दबा जितनी ज़्यादा ज़ोर से तू चुसेगी और दबाएगी उतनी ही जल्दी इन में से दूध निकलने लगेगा.उसके बाद रूही अपनी पूरी ताकत लगा कर उस काम में जुट जाती है..
और इधर मम्मी मेरे लिंग को फिर से मुँह में लेकर चूसने लग जाती है ...मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था तभी मेरा शरीर अकड़ने लगता है और में अपना पानी मम्मी के मुँह में ही छोड़ देता हूँ और मम्मी के चेहरे की तरफ़ देखने लगता हूँ...मम्मी का चेहरा इस समय पूरा लाल हो तखा था मेरा सारा पानी उनके मुँह मे छूट गया था लेकिन कुछ बूंदे उनके होंठो पर आ गयी थी उन्होने अच्छे से मेरे लिंग को अपनी जीभ से सॉफ किया और होंठो पर लगा मेरा पानी भी जीभ फेर कर सॉफ कर दिया..
में--मम्मी सॉरी पता नही ये सुसु आपके मुँह में कैसे निकल गया मुझे तो बड़ा मज़ा आरहा था.
मम्मी--कोई बात नही बेटा तू एक काम कर अब तू मेरे बोबो में से दूध निकाल ये रूही से ढंग से ताक़त नही लग रही.
फिर रूही को वो अपने बोबे से हटा देती है और अपने सारे कपड़े खोल कर मुझ अपनी टाँगो के बीच में ले लेती है और मेरा लिंग अपनी चूत में डालकर कहती है..अब तू यहाँ अपना लिंग ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर कर और दोनो हाथो से मेरे बोबे दबाता जा और बीच में रुकना मत...
उसके बाद में लगातार ज़ोर ज़ोर से अपना लिंग मम्मी की चूत में अंदर बाहर कर रहा था और अपने हाथो से उनके बोबे दबाए जा रहा था....और मम्मी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और ज़ोर लगा बेटा और ज़ोर लगा...
मम्मी तीन बार झड चुकी थी लेकिन मेरा पानी छूट ही नही रहा था लेकिन में लगातार धक्के लगाए जा रहा था तभी मेरे शरीर में सिहरन आने लगी और मेरे लिंग से खूब सारा पानी मम्मी की चूत की गहराइयो में जाता चला गया......
हम ये खेल काफ़ी दिनो तक खेलते रहे...और उसके बाद एक दिन ऐसा हुआ जो किसी तूफान से कम नही था....संध्या के पीरियड्स आने बंद हो गये थे...
एक दिन.....
राज--रूही मम्मी जब तक बाहर से आती है तब तक हम दोनो वो खेल खेलते है बड़ा मज़ा आएगा..
रूही--हाँ भैया कल मम्मी आप पर कैसे उच्छल रही थी..
राज--चल तू अपने कपड़े उतार और वहाँ सोफे पर बैठ जा ..
राज भी अपने सारे कपड़े उतार के अपनी बहन के नंगे जिस्म पर हाथ घुमाए जा रहा था....
तभी अचानक घर का दरवाजा खुल जाता है...मम्मी बस हम दोनो को लगातार घुरे ही जेया रही थी...
राज--मम्मी जल्दी आओ हम दोनो वो खेल शुरू करने ही वाले थे..
लेकिन संध्या को होश नही रहा वो वही फर्श पर बैठ कर रोने लगी...
संध्या को रोता हुआ देख कर राज और रूही अपने कपड़े पहन कर संध्या के पास आ जाते है.
राज --क्या हुआ मम्मी आप रो क्यो रही हो....
संध्या--रोते हुए ...राज मेरी एक बात मानेगा.
राज--हाँ मम्मी बोलो.
संध्या--हमने जो कुछ भी किया वो अब दुबारा इस घर में नही होगा..में तुझे कुछ सालो के लिए हॉस्टिल में डाल रही हूँ...क्योकि तू अब कुछ टाइम हम लोगो से दूर रहेगा.
जो ये खेल हम खेल रहे थे ये सब ग़लत है ये सब एक परिवार में नही होना चाहिए...आज के बाद तुम दोनो इस बारे में किसी से कोई भी बात नही करोगे.
राज--मम्मी हम अब दुबारा ऐसा कुछ नही करेंगे प्लीज़ मुझे हॉस्टिल मत भेजो..
और राज रोने लग जाता है.
संध्या राज को अपनी छाती से लगा लेती है और कहती है तुम्हे हॉस्टिल जाना ही होगा.इसी में तुम सब की भलाई है...उसके बाद वो अपने रूम में चली जाती है.
सिटी हॉस्पिटल.....
संध्या यहाँ अपना चेकप करवाने आई थी.
डॉक्टर.आएशा संध्या का चेकप करती है और संध्या को सोनोग्राफी करवाने को कहती है...सोनोग्राफी में पता चलता है संध्या गर्भ से है...
डॉक्टर--कंग्रॅजुलेशन्स मिसेज़.गुप्ता आप प्रेग्नेंट है.
संध्या--लेकिन में अभी बच्चा नही चाहती.
डॉक्टर--इम सॉरी मिसेज़ गुप्ता अब अबोर्शन नही किया जा सकता आपका गर्भाशय काफ़ी कमजोर है और अबोर्शन की वजह से आप दुबारा कभी माँ नही बन पाओगि.
संध्या--कोई तो रास्ता होगा जिस से ऐसा हो सके.
डॉक्टर--नही मिसेज़ गुप्ता कोई रास्ता नही है ....सिर्फ़ यही एक रास्ता है या तो आप इस बच्चे को जन्म दे या फिर दुबारा कभी माँ बनने के बारे में भूल जाए.
उसके बाद संध्या वहाँ से चली जाती है..घर पर किशोर भी आ चुका था संध्या उसे सारी बात बता देती है..किशोर पहले तो बहुत नाराज़ होता है लेकिन बाद में वो समझ जाता है कि अकेलेपन की वजह से संध्या से ये ग़लती हो गयी है...राज को बोर्डिंग में डाल दिया जाता है और कुछ सालो के लिए. और रूही को स्कूल से निकलवा दिया जाता है.
जय के बाद संध्या को एक बेटी होती है जिसका नाम वो नीरा रखते है और वो लड़की किशोर की संतान थी......
भाइयो में इस फ्लॅशबॅक को ज़्यादा खिचना नही चाहता इस लिए मैने इसको यही ख्तम करने का निश्चय किया है.
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
आगे की कहानी मेरे यानी जय की ज़ुबानी
प्रेज़ेंट डे.
यही बाते सोचते सोचते मम्मी को नींद आजाती है.
अगले दिन सुबह हम लोग फ्रेश हो जाते है और नाश्ता करने लगते है....रिजोर्ट की गाड़ी सुबह नाश्ता लेकर आई थी.
भाभी--जय आज कहाँ जाने का मूड है.
में--भाभी आज हम इस तरफ़ जंगल में चलेंगे देखते है वहाँ क्या है....
वहाँ थोड़ी दूर एक कॅंप और लगा हुआ था शायद वो कल शाम को ही आए थे वो बस तीन लोग थे एक लड़की जो तकरीबन 10 साल की थी और एक लड़का जो 6 साल के लगभग था उनके साथ में उनकी मम्मी भी आई थी.
मुझे उन तीनो को देख कर काफ़ी आश्चर्य हुआ क्योकि उनके साथ कोई आदमी नही था...
जब हम उनलोगो के कॅंप के सामने से निकल रहे थे तो वहाँ एक 32 साल की खूबसूरत लड़की खड़ी थी ..उसने हम लोगो को देख कर आवाज़ लगाई...और दौड़ कर हमारे पास आने लगी उसके इस तरह से दौड़ने से उसकी चुचियाँ ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी...
वो हमारे पास आकर अपना नाम रिया बताती है.
रिया--आप लोग क्या जंगल में घूमने जा रहे है...??
मम्मी--हाँ आज जंगल में घूमने का प्लान बनाया है...आप यहाँ कब आए.
रिया--हम लोग कल रात को ही यहाँ आए है ...मेरे साथ मेरे दो बच्चे भी है....अगर आप बुरा ना माने तो क्या हम भी आप लोगो के साथ जंगल में घूमने आ सकते है.??
मम्मी--हाँ क्यो नही वैसे भी आपके साथ बच्चे है और बच्चो की चहलपहल से तो माहॉल वैसे भी खुशनुमा हो जाता है..आप चलिए हमारे साथ .
फिर रिया आवाज़ लगाती है और अपने बच्चो को बुला लेती है.
रिया--ये है मेरे दो बदमाश एक का नाम शीना है और ये निक्कू.
फिर वो हमारे साथ जंगल के अंदर चलने लग जाती है ..जंगल काफ़ी खूबसूरत था वहाँ काफ़ी बड़े बड़े पेड़ थे हम लोगो को वहाँ एक दो जगह हिरण भी दिख गये जो हम लोगो को देखते ही भाग गये....काफ़ी आगे जाने के बाद हम लोग एक झरने के पास पहुँच गये वो झरना ज़्यादा बड़ा तो नही था लेकिन उसमें से काफ़ी पानी आ रहा था झरने के आस पास काफ़ी सुंदर फूल भी खिले हुए थे झरना जहाँ गिर रहा था उसके नीचे एक चट्टान थी जो काफ़ी बड़ी और समतल थी झरने का पानी उस चट्टान से गिरकर एक कुंड में जमा हो रहा था और उस खुंद से पानी एक छोटी नदी के रूप में दूसरी तरफ़ बढ़ रहा था ये वो ही नदी थी जिसमें कल हम कल नहा रहे थे..
मम्मी--वाह मज़ा आ गया क्या जगह है...
रूही--हाँ मम्मी कितनी खूबसूरती फैली हुई है यहाँ
रिया के दोनो बच्चे भाग कर झरने के नीचे नाचने लगते है...
रिया--ये लो शुरू हो गयी इनकी बदमाशियाँ लेकिन हम साथ में कपड़े तो लाए ही नही...यहाँ से वापस पहनकर क्या जाएँगे.
में एक काम करती हूँ आप इन दोनो को संभाल लो और में इनके कपड़े लेकर आती हूँ...
इतना कह कर रिया वहाँ से जाने लगती है तभी मम्मी उनको रोकते हुए कहती है इतनी दूर अकेले कैसे जाओगी...आप साथ में जय को ले जाओ.
में वापस जाना तो नही चाहता था लेकिन मम्मी की बात तो माननी ही पड़ेगी....इसलिए में रिया को मन में कोस्ता हुआ वापस कॅंप में जाने लग जाता हूँ...
हम लोगो को कॅंप से झरने तक आने में ही 1 घंटा लग गया था मतल्ब अब दो घंटे लगातार चलने से में काफ़ी दुखी हो रहा था....
रिया--जय सॉरी मेरी वजह से तुम को इतनी दूर वापस आना पड़ रहा है.
में--कोई बात नही...आप लोग अकेले आए हो आपके साथ आपके हज़्बेंड नही आए..
रिया--उनको अपने बिज़्नेस से फ़ुर्सत नही है....पिच्छले 6 महीने से वो इंग्लेंड गये हुए है.
में--ओह्ह ये तो काफ़ी बुरी बात है आप लोग उनके साथ क्यो नही गये.
रिया--एक तो बच्चो की पढ़ाई खराब हो जाती है और दूसरा...वो इंग्लेंड में भी एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते है इसलिए उनके पीछे पीछे घूमने से बढ़िया हम अपने घर में ही रहें.
में--आप लोग कहाँ से है.
रिया--हमारा घर देल्ही में है आप लोग कहाँ से हो.
में--उदयपुर राजस्थान.
रिया--थ्ट्स नाइस काफ़ी पीस्फुल जगह है में एक बार वहाँ आई थी और वहाँ के महलो जंगलों और फ़ौर्ट्स को देखने के बाद जब सिटी में आए तो वो तो और भी खूबसूरत थी...कहीं पर भी गंदगी और पोल्यूशन नही था...काफ़ी मज़ा आया था हम सब को वहाँ .
ये बाते करते करते हम लोग कॅंप तक पहुँच गये और कपड़े लेकर वापस चलने लगे...हम झरने तक वापस पहुँचने ही वाले थे के सामने से सब लोग आते हुए दिखाई दे रहे थे..
मम्मी--इतनी देर से नहाते नहाते बोर हो गये थे और फिर बच्चो को भूख भी लगने लगी थी इसलिए हम सब ने वापस जाने का फ़ैसला किया.
रिया चलिए में भी चलती हूँ आप लोगो के साथ...
भाभी--अरे नही....नही...आप यहाँ थोड़ी देर झरने का मज़ा लेकर देखो बड़ा मज़ा आएगा हम लोग भी रुकते आप लोगो के साथ मगर बच्चो के साथ साथ हमारे भी पेट में चूहे कूदने लग गये थे...
उसके बाद रिया भाभी को बच्चो के कपड़े दे देती है फिर मम्मी और बाकी लोग कॅंप की तरफ़ चल देते है और हम लोग झरने की तरफ़ बढ़ जाते है.....
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दुबई
एक ऐसी जगह जहाँ नामुमकिन कुछ भी नही जो जाना जाता है बेशुमार दोलत के लिए...
राज--पापा मीटिंग काफ़ी बढ़िया रही हमारी एक ब्रांच और यहाँ खुल गयी है...और यहाँ बार बार आने से भी पीछा च्छुटा अब भारत से ही हम इस ब्रांच को चला पाएँगे.
पापा--बेटा मैने इसी तरह ही अपनी सारी ब्रांचो को सही हाथो में दे दिया है..अब हर महीने बॅलेन्स शीट उदयपूर ही आ जाएगी और पैसा बॅंक में. अब काफ़ी मेहनत कर ली....अब में घर बैठना चाहता हूँ...हर महीने इतना पैसा आज़ाएगा कि चाहो तो हर हफ्ते एक नयी कार ले सकते है हम..
राज--हाँ पापा आपने सही किया ....में भी अब सुकून से घर पर रह सकता हूँ...
पापा--देख हम यहाँ भटक रहे और वहाँ वो सब ऋषिकेश में मस्ती मार रहे होंगे.
चल होटेल चलते है. और उनको भी फोन करके यहाँ की खुश खबरी दे देते है और फिर भारत जा कर सीधा ऋषिकेश में ही चलते है...
होटेल में पहुँच कर पापा हमारे रिजोर्ट में फोन लगाते है.
उधर से आवाज़ आती है ...हेलो सर में लक्ष्मी निवास रिजोर्ट से सुहानी बात कर रही हूँ.... में आपके लिए क्या कर सकती हूँ.
पापा--हेलो में किशोर गुप्ता बात कर रहा हूँ मेरी फॅमिली आपके रिजोर्ट में रुकी हुई है, क्या में उन से बात कर सकता हूँ.,
सुहानी--सर क्या में आपके फॅमिली मेंबर्ज़ के नाम जान सकती हूँ.....
पापा--संध्या गुप्ता जय नीरा रूही और नेहा गुप्ता.
सुहानी--वेट आ मोमेंट सर....सर आपकी फॅमिली इस समय कॅंप में है और वहाँ हमने कोई फोन नही लगवा रखा क्योकि टूरिस्ट वहाँ पीस के लिए आते है और वहाँ मोबाइल नेटवर्क भी नही आता.
पापा--ठीक है आप उनको मेरा मेसेज दे दीजिए और कहिए कि वो वहाँ से ना जाए हम भी वही आ रहे है....
सुहानी--जी सर में आपका मेसेज जल्दी से जल्दी उन तक पहुँचा दूँगी और तकरीबन घंटे भर बाद उनसे आपकी बात भी करवा दूँगी...लक्ष्मी निवास रिजोर्ट में फोन करने का शुक्रिया.
इसके बाद फोन कट जाता है.
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पापा-- राज चल बाहर घूमने चलते है कही...
राज--हाँ पापा वैसे भी हमको कहीं भी जाने का टाइम नही मिलता आज टाइम मिला है तो थोड़ी तफ़री मार ही लेते है....
होटेल से बाहर निकलते ही एक कार उनके सामने रुकती है और दो नक़ाबपोश उसमें से गन निकाल कर अँधा धुन्ध फाइरिंग करने लग जाते है...थोड़ी ही देर में वहाँ 8 लाषे पड़ी होती है जिनमें किशोर और राज भी होते है.......
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उधर जय और रिया झरने के पास पहुँच जाते है और झरने को देखने लगते है..तभी रिया कहती है..
रिया --जय में चेज कर के आती हूँ तब तक तुम भी चेंज कर लो.
उसके बाद वो वहाँ से अपना बेग लेकर झाड़ियो के पीछे चली जाती है..
उधर रास्ते में..
नेहा--मम्मी अगर आप इजाज़त दो तो में झरने की तरफ़ वापस जाना चाहती हूँ.
मम्मी--क्यो तेरा मन नही भरा क्या झरने में नहाने से...और तुझे तो भूक भी लग रही थी उसका क्या हुआ....
नेहा--वो क्या है ना मुझे भूक तो लग रही थी लेकिन बहता हुआ झरना मेरी आँखो के सामने घूम रहा है...में एक बार फिर से उसमें नहाना चाहती हूँ ...पता नही दुबारा कब ये मोका मिलेगा और फिर वहाँ रिया और जय भी है तो मुझे कोई डर भी नही है किसी का.
मम्मी--ठीक है अगर तेरा इतना ही मान कर रहा है तो जा ....लेकिन जल्दी आ जाना.
उधर झरने के पास.
रिया चेंज कर के आ गयी थी ....जब मैने उसे देखा तो मेरी सारी बत्तिया गुल हो गयी.
उसने एक रेड कलर की लेस वाली ब्रा और एक पैंटी पहन रखी थी ....उसकी ब्रा उसके बूब्स का बोझ नही संभाल पा रही थी और जब वो चलते हुए मेरे करीब आ रही थी तब उसके बूब्स की थिरकन मेरे होश उड़ा रही थी इतनी सुंदर इतनी सेक्सी लग ही नही रहा था कि ये दो बच्चो की माँ है.
वो मेरे पास आकर बोलती है...
रिया--क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो कभी बिकिनी में किसी को देखा नही है क्या...चलो अब जल्दी तुम भी चेंज कर के आ जाओ.
मुझे चेज क्या करना था मैने फट से अपनी जीन्स और टी शर्ट खोल दी और उसके सामने अपनी वी शैयप अंडरवेर में आ गया..ये देख कर वो हँसने लगी..
में--क्या हुआ हंस क्यो रही हो क्या कभी अंडरवेर में किसी को देखा नही ...झरने में क्या में जीन्स पहन कर नहाऊ...
रिया--नही जय वो बात नही है दरअसल शायद मुझे देख कर तुम्हारी हालत खराब हो गयी है...जो कि तुम्हारी अंडरवेर तुम्हारी हालत को बयान कर रही है...
में तुरंत अपने लिंग की तरफ़ देखता हूँ वहाँ पूर टॅंट बना हुआ था..
में--झेप्ते हुए....दरअसल यहाँ का मोसम ही ऐसा है चलो अब नहाते है...
उसके बाद हम झरने के नीचे जाने लगे सब से पहले झरने के नीचे जा कर में खड़ा हो गया और पानी की ताक़त को महसूस करने लग गया...उसके बाद रिया भी झरने के नीचे आ गयी रिया बार बार नहाते हुए अपनी ब्रा संभाल रही थी उसके निप्पल एक दम कड़क होकर ब्रा में से दिखाई दे रहे थे फिर वो दूसरी तरफ घूम के अपनी ब्रा सही करने लगी...उसकी पैंटी भी पानी के प्रेशर से नीचे हो गयी थी उसकी गान्ड की लकीर मुझे दिखाई देने लगी...
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
उधर हम लोगो को इस तरह नहाता देख नेहा झाड़ियो के पिछे छुप गयी और हम दोनो को देखने लगी
रिया अपनी ब्रा को ठीक कर के अपनी गर्दन पीछे घुमाती है और मुझे इस तरह उसकी गान्ड को घूरते हुए देख कर वो अपनी गान्ड की तरफ़ देखती है और अपने एक हाथ से फट से अपनी पैंटी उपर कर लेती है...
रिया--क्या देख रहे थे अभी...
में--घबराते हुए....कुछ नही में क्या देखा रहा था ....मैने कुछ नही देखा...
रिया--हँसते हुए चलो अब नहाने पर ध्यान दो इधर उधर द्देखना बंद करो..
तभी अचानक वो हो जाता है जो ना रिया ने सोचा था और ना जय ने और ना ही शायद झाड़ियो के पिछे छुपि नेहा ने....
मेरी आँखे वो मंज़र देख कर फट सी गयी थी...रिया की ब्रा की लेस तेज पानी की वजह से टूट गयी थी और उसके मांसल बूब्स मेरी आँखों के सामने उछल कर आगये ....
रिया को पता ही नही चला कि वो उपर से पूरी नंगी है जब उसने मेरी तरफ़ देखा तो में बस उसकी चुचियों को ही देखे जा रहा था.
रिया--क्या हुआ तुम बार बार ऐसे क्यो देख रहे हो जो चाहते हो खुल कर बोलो...
में--अपनी उंगली का इशारा उसकी चुचियों की तरफ़ करता हूँ तो वो एक दम से नीचे देखती है...और घबराकर अपने दोनो हाथ अपनी चुचियों के सामने ले आती है.. और मेरी तरफ़ देखने लगती है
में--अब मुझे तुम ऐसे क्यों देख रही हो.,,,
रिया--आप मेरे बूब्स को कब से देख रहे थे.
में --जब आपकी ब्रा की डोरी टूटी थी तब से.
रिया--आपको पसंद आए?
में--बेहद...
अब रिया मेरे टेंट को देखने लग गयी थी.
रिया--आपका ये शैतान फिर से मुझे देख कर बेचैन हो गया है.
में--जब सामने इतनी खूबसूरत लड़की नज़ाकत के साथ खड़ी होगी तब तो ये शैतानी करेगा ही.
रिया--क्या में इतनी खूबसूरत हूँ...जो ये शैतान आपके काबू में नही रह पाता.
में--ये बात तो आप इस से खुद ही पूछ लो...
रिया--क्या ये मुझे जवाब देगा.
में--ये सिर्फ़ खूबसूरती को ही जवाब देता है.
रिया--कहीं ये मुझे रुसवा तो नही कर देगा अपना जवाब ना देकर.
में--इसको रुसवा करना नही आता....
रिया--तो फिर क्या आता है इस शैतान को....
में--ये जवाब तो आप इसी से पूछ लो कि क्या करना आता है....
रिया अपने घुटनो के बल वहाँ बैठ जाती है और मेरे लिंग के पास अपना मुँह लेकर जाती है वो मेरे लिंग को अंडर वेर के उपर से सूंघने लग जाती है लेकिन लिंग पर अपना चेहरा टच नही होने देती...
रिया ने अपने दोनो हाथ अभी भी अपने बूब्स पर रख रखे थे...
फिर वो अपना सिर उठती है और मुझ से कहती है,,,
रिया--ये शैतान नाराज़ हो रखा है...
में--तो इसे मनाओ.
रिया--लेकिन ये बोल रहा है तुम्हारी गंदी अंडरवेर में इसका दम घुट रहा है.,
में--तो फिर आज़ाद कर दो ना इसे....
फिर रिया मेरे अंडरवेर. की इलास्टिक्क मेरी कमर के यहाँ से पकड़ती है और एक झटके से उसे खेच के मेरे पैरों में पटक देती है..
मेरा साढ़े सात इंच लंबा लिंग उसकी आँखो के सामने लहराने लगता है...रिया ने अपने हाथ अपने बूब्स पर से हटा लिए थे...और वो बस मेरे झटके मारते लिंग को देखती ही जा रही थी...
में--क्या हुआ रिया इसने कुछ बोला नही क्या अभी तक...
रिया--मेरे लिंग को देख कर कहती है...ये अभी भी बहुत ज़्यादा गुस्सा है...ये कह रहा है तू मुझे हाथ तो लगा कर दिखा में तेरी जान निकाल दूँगा.
में--तो फिर हाथ मत लगाओ अपने होंठो से मनाओ.,
उसके बाद रिया थोड़ा सा और जय की टाँगो के पास चली जाती है और नीचे लटक रही गोलियो पर से अपना नाक रगड़ते हुए लिंग को अपने चेहरे पर रगड़ने लगती है.
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10-12-2019, 11:50 AM,
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मैने रिसेप्षन पर फोन कर के सुहानी को यहाँ भेजने के लिए कहा....उसे गये हुए अभी ज़्यादा वक़्त नही हुआ था लेकिन में कुछ समझ नही पा रहा था कि उन लोगो को कैसे बताऊ.
तभी सुहानी वापस रूम में आ गयी...
सुहानी--सर आपने बुलाया ?
में--हाँ सुहानी...में कुछ लिखना तो चाहता हूँ लेकिन लिख नही पा रहा हू मुझे समझ नही आ रहा इस वक़्त में क्या करूँ.
सुहानी--सब से पहले तो आप अपने परिवार को घर लेजाओ और दूसरा.....
तभी रूम के लॅंड लाइन पर कॉल आने लग जाता है.
जिसे सुहानी उठाती है वो किसी से लाइन कनेक्ट करने को बोलती है, और मुझे रिसीवर पकड़ा कर कहती है दुबई से फोन है पोलीस ऑफीसर अब्दुलह का.
में सुहानी से फोन ले लेता हूँ..
में--हेलो...
उधर से आवाज़ आती है.
अब्दुलह-- में दुबई से अब्दुलहा बात कर रहा हूँ , और यहाँ जो हत्याए हुई है उस केस को इन्वेस्टिगेट में ही कर रहा हूँ...
मैने आपको फोन इस लिए किया है ताकि आप अपने रिश्तेदारो की बॉडी यहाँ से ले जाए.
में--में कब आसाकता हूँ बॉडी क्लॅम करने.
अब्दुलह--आप कल सुबह ही यहाँ आजाए .
में--ठीक है अब्दुलहा साहब में कल सुबह पहुँच जाउन्गा.
उसके बाद अब्दुलहा अपना नंबर मुझे देता है में मेरा नंबर उसे. इसके बाद फोन कट जाता है.
में--सुहानी से....बॉडी क्लॅम करने के लिए मुझे दुबई बुलाया है.
सुहानी--आप एक काम करो एक लेटर लिखो जिसमें आपके परिवार को वापस घर जाने की बात बोल दो और उनसे ये कह दो के कोई अमरजेंसी आ गयी है इसलिए आप वहाँ जा रहे हो ...वैसे तो में ये बात यहाँ से वाइयर लेस भिजवा कर आपकी बात डाइरेक्ट करवा देती लेकिन आपका अभी उन लोगो से सामना यहाँ इस हाल में करना ठीक नही है..
उसके बाद में वो लेटर लिख देता हूँ...और तभी मुझे सुहानी एक लेटर और लिखने को कहती है जो सारा सच बयान करता हो....जिसमें सच्चाई लिखी होती है वो लेटर सुहानी अपने पास रख लेती है और जो झूठा लेटर था वो सुहानी किसी को बुलवा कर उसे दे देती है मेरे परिवार तक पहुचाने के लिए...
में--तुम इस लेटर का क्या करोगी.
सुहानी--में ये लेटर उस ड्राइवर को दूँगी जो तुम्हारी फॅमिली को घर छोड़ेगा...घर छोड़ने के बाद वो तुम्हारे घर वालो को वो लेटर दे देगा....इस से ये होगा तुम्हे सच बताने के लिए उनका सामना नही करना पड़ेगा.
में--लेकिन जब उन्हे सच पता चलेगा तब वो कितना टूट जाएँगे और उस समय एक में ही उन लोगो को संभाल सकता हूँ.
सुहानी--जब तुम वहाँ से बॉडी क्लॅम कर के घर पहुँचने वाले होगे तभी वो ड्राइवर तुम्हारे घर वालो को ये लेटर देगा. और वैसे भी. उनके घर पहुँचने से पहले तुम वापस आज़ाओगे तब तक ड्राइवर तुम्हारे घर के आस पास ही रहेगा.
में-- हाँ ये सही रहेगा इस से में उन लोगो के पास में भी रहूँगा.
सुहानी--अब आप जाओ क्योकि आपको एयिरपोर्ट पहुचने में भी टाइम लगेगा में कल सुबह आपकी फॅमिली को घर के लिए रवाना कर दूँगी और में फोन पर आपके साथ टच में रहूंगी.
में--सुहानी तुम ने मुझे पर बहुत बड़ा उपकार किया है वक़्त आने पर कभी भी मेरी ज़रूरत पड़े बस एक बार याद कर लेना तुम्हे इस बार परेशानी से निकालने की ज़िम्मेदारी मेरी होगी.
फिर में अपना ग्लास खाली करता हूँ और थोड़ी ही देर में वो ड्राइवर भी वापस आ जाता है वो अपने साथ मेरा पासपोर्ट और कुछ ज़रूरी सामान लेकर आ गया था......
.,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मम्मी और वो सब लोग अपना सामान पॅक कर के रिजोर्ट में ले आए थे ...होटेल मॅनेज्मेंट ने उन्हे कुछ भी नही बताया था ..
उनलोगो को जो सूयीट दिया था वो काफ़ी बड़ा था उसमें दो बेडरूम थे और दोनो बेडरूम हॉल में खुलते थे...उन सब ने खाना खा कर थोड़ी देर टीवी देखा और फिर नीरा और नेहा भाभी एक कमरे में और मम्मी और रूही दूसरे कमरे में सोने चले गये .
रात को तकरीबन 1 बजे नीरा की आँख खुल गयी...वो सोने की कोशिश कर रही थी लेकिन सो नही पा रही थी वो अंदर से बाहर हॉल में आ गई और टीवी ऑन करने ही वाली थी कि उसके कानो में मम्मी की हँसी की आवाज़ सुनाई दे जाती है...
वो रिमोट छोड़कर मम्मी के रूम की तरफ़ बढ़ जाती है...दरवाजा पूरी तरह से बंद नही था..दरवाजे को नीरा खोलने ही वाली थी कि एक बार फिर से उसके कानो में मम्मी की आवाज़ आ जाती है.
मम्मी--रूही ज़रा आराम से चूस ..लगता है तू इन में से दूध निकाल कर ही रहेगी.
रूही--क्या करूँ मम्मी बचपन से में आपके बूब्स के पीछे पागल हूँ...कितने सॉफ्ट बूब्स है आपके.
ये बात सुनते ही नीरा दरवाजे पर ही रुक जाती है और दरवाजे की झिर्री में से अंदर का हाल देखने लग जाती है.
अंदर बेड पर मम्मी पूरी नंगी अपने घुटनो के बल बिल्कुल सीधी बैठी हुई थी...और रूही अपने दोनो हाथो में उनका एक बूब पकड़कर बेदर्दी से चूसे जा रही थी...रूही अभी तक अपनी नाइटी में थी.
ये सीन देख कर नीरा की आँखे एक दम से नशीली होगयि उसने धीरे धीरे कपड़ो के उपर से ही अपने टाइट हो चुके बूब्स को सहलाने लगी...
रूही मम्मी के बूब्स चूसे जा रही थी और मम्मी उसके सिर पर धीरे धीरे हाथ फेरते हुए सिसक रही थी...
फिर मम्मी ने रूही की नाइटी उतार दी...और अपने हाथो की उंगलियो से रूही की पिंक निप्पल मसल्ने लगी...
रूही--मम्मी में आप से एक बात कहना चाहती हूँ अगर आप बुरा ना मानो तो..
मम्मी अभी भी अपने एक हाथ से रूही के बूब्स दबाती जा रही थी और उसकी चूत को अपनो मुट्ठी में भरकर कहने लगी ...
मम्मी--बोल रूही क्या बात है तेरी ऐसी कौनसी बात है जिसका बुरा मुझे लग सकता है...
रूही--मम्मी में जय भैया से शादी करना चाहती हूँ ....में उनसे हद से ज़्यादा प्यार करने लगी हूँ.
मम्मी--गुस्से से....रूही....ये फिर से इस घर में दोहराया नही जाएगा तू समझती क्यो नही है बेटा जय तेरा भाई है...
रूही--मम्मी समझो आप...मैने कह दिया मुझे जय चाहिए नही तो में सब को वो बात बता दूँगी...कि कैसे जय पैदा हुआ कैसे आपकी हवस ने मेरी और राज भैया की लाइफ लगभग खराब ही कर दी थी. में बता दूँगी आप राज भैया से चुदाती थी और उस पाप में आपने भी मुझे भागीदार बना लिया.. बता दूँगी जय आपके और राज भैया के मिलन की निशानी है...
मम्मी--रूही चुप कर दीवारो के भी कान होते है कहीं किसी ने सुन लिया तो सब कुछ तबाह हो जाएगा.
रूही--कोई सुनता है तो सुन ले ....अगर जय मेरा ना हो सका तो में उसे आप लोगो के साथ भी रहने नही दूँगी.
मम्मी--रूही तू पागल हो गयी है...जय कभी भी ऐसा कोई काम नही करेगा..
रूही--आप बस मेरा साथ दो मम्मी ...में जानती हूँ पापा ने सिर्फ़ आपको बच्चे दिए है लेकिन कभी आपकी खुशियो के बारे में नही सोचा..मेरा साथ देने में आपका भी भला है मम्मी.
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मम्मी--तू ये कैसी बाते कर रही है....में तेरे पापा से प्यार करती हूँ उन्होने जो कुछ भी किया है वो हमारे लिए ही किया है...जय मेरी भूल का नतीजा है और ये भूल दुबारा इस घर में दोहराने नही दूँगी में..
रूही--ठीक है आप मेरा साथ दो या ना दो लेकिन मुझे अब रोकना मत.
मम्मी--रूही में अब झड़ने वाली हूँ तू ये फालतू बाते बंद कर और थोड़ी ज़ोर से मेरी चूत में अपनी उंगलिया चला...
रूही लगातार मम्मी की चूत में अपनी दो उंगलिया चलाते हुए कहती है..
रूही--ज़रा सोचो जब जय का लंड आपकी चूत को ठंडा करेगा ज़रा सोचो जब वो हम दोनो को बेड पर पटक पटक कर चोदेगा...कैसा मज़ा आज़ाएगा हमारे जीवन में .
मम्मी--जय .....जय चोद मुझे..आअहह... डाल दे अपना मोटा लंड सीहह भर दे तेरी माँ की चूत तेरे गर्म लावे से...ऊहहााअहह में गाइिईईईईई. और उसके बाद वो झटके खाती खाती झड़ने लग जाती है.
उधर दरवाजे पर खड़ी नीरा की चूत भी अपना पहला काम रस छोड़ देती है उसकी चूत का रस उसके शौरट्स की साइड में से होता हुआ उसकी जाँघो पर बहने लगता है ....वो मन ही मन एक कसम खा चुकी थी...
तेरी कसम जय में शादी अब तुझ से ही करूँगी...तेरी कसम मेरे जिस्म को रोन्दने वाला मेरी जिंदगी में पहला और आख़िरी मर्द तू ही होगा....तेरी कसम ....जय मेरी हर साँस अब तुझे ही पाने के लिए चलेंगी...तेरी कसम......तेरी कसम........
वहाँ रूही , मम्मी और नीरा तीनो ही जय को पाने की कामना कर रहे थे वही...नेहा इन सारी बातो से दूर अपने सपनो की दुनिया में मस्त हो रखी थी...शायद आने वाला समय उसके लिए ही सब से भारी होने वाला था....
में--एयिरपोर्ट पर पहुँच कर दुबई की एक फ्लाइट ले लेता हूँ जो बस थोड़ी देर में छूटने ही वाली है...में फ्लाइट में बैठा बैठा सारी बातो के बारे में सोचे जा रहा था...में इतनी गहराई से उन सोचो में डूब गया था कि मुझे कुछ सुनाई नही दे रहा था....
एक हाथ मेरे कंधे को लगातार हिलाए जा रहा था....सर ....सर...सर....सर आपको क्या हुआ है....आप जवाब क्यो नही दे रहे...
कंधे के हिलने से मेरी चेतना फिर से वापस आने लगी....में हड़बड़ा कर अपना सर उपेर कर के देखता हूँ... वहाँ एक सुंदर सी एर होस्टेस्स मेरी आँखो में झाँक रही थी..उसकी छाती पर जो नेम प्लेट लगी हुई थी उस से मुझे उसका नान पता चला...रीना नाम था उसका.
रीना--सर आप ठीक है...आपको क्या हुआ था सर में काफ़ी देर से आपको पुकारे जा रही थी..
में--कुछ नही बस ऐसे ही आँख लग गयी थी आप मुझे बताइए आप क्यो मुझे आवाज़ लगा रही थी.
रीना--सर आपने सीटबेल्ट्स नही बाँधी है प्लेन अब उड़ने वाला ही है...प्ल्ज़ आप अपनी बेल्ट बाँध लीजिए.
में अपनी बेल्ट बाँधने लग जाता हूँ फिर वो कहती है...
रीना--सर फ्लाइट के दौरान आप कुछ लेना चाहेंगे
में--मुझे एक ड्रिंक चाहिए लेकिन थोड़ा हार्ड...क्या आप मेरे लिए इतना कर सकती है..
रीना--ज़रूर सर...में थोड़ी ही देर में आपका ड्रिंक ले आउन्गि आप जब तक आराम कीजिए...
उसके बाद वो वहाँ से चली गयी और में अपने आस पास के लोगो को देखने लगा...थोड़ी ही देर बाद हमारा प्लेन आकाश की उँचाइयो में था...
तभी मुझे वो खूबसूरत एर होस्टेस्स मेरी तरफ़ आती नज़र आ गयी.
रीना --सर ये आपके लिए ड्रिंक...क्या आप इसके साथ खाने में कुछ लेना चाहेंगे....
में--नही मुझे और कुछ नही चाहिए लेकिन जब तक हम लोग दुबई नही पहुँच जाते आप मुझे ड्रिंक देती रहना.
रीना--जेसी आपकी मर्ज़ी सर...लेकिन इतनी ज़्यादा ड्रिंक आपके दिल को नुकसान पहुँचाएगी...
में--दिल तो वैसे भी टूट चुका है बस ये शराब ही है जो मेरे दिल को बिखरने से बचा रही है...
उसके बाद में वो ड्रिंक एक ही साँस में ख्तम कर देता हूँ...
रीना--सर हो सकता है शराब दर्द को कम कर देती हो लेकिन इसको ज़्यादा पीने से वो दर्द कम होने की बजाए और बढ़ जाता है...अगर जीवन मिला है तो अपनी परेशानियो का सामना करो ना कि परेशानियो से छिप्कर जीवन का कीमती समय खराब करो.
उसकी इस बात ने मुझे सुहानी की बात याद दिला दी...
में--सॉरी रीना में आज कुछ ज़्यादा परेशान हूँ इस लिए प्ल्ज़ मेरे लिए बस एक और ड्रिंक ला दो इसके बाद आप और ड्रिंक मत लाना..
ये सुनकर वो मुस्कुरा उठती है...
सर--आपने मेरी बात का मान रखा उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया...में आपका ड्रिंक लेकर आती हूँ....
और उसके बाद वो वहाँ से चली जाती है ...और जब वापस आती है तो वो ड्रिंक के साथ कुछ खाने को भी ले आती है..
रीना--सर आपको मेरी एक बात और माननी पड़ेगी आपको ड्रिंक के साथ ये पनीर पकोडे भी खाने होंगे..क्योकि आप को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे आपने सुबह से कुछ नही खाया...
मैने उसकी बात मानते हुए खाने के लिए हाँ कह दी फिर वो चली गयी....
एक एर होस्टेस्स मुझे जिंदगी की एक और सीख दे गयी....अपनी परेशानियो से घबराने की बजाए उनका सामना करना ही असली जिंदगी जीना होता है.....
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