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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
अम्मी बेड की दूसरी साइड लेट गई और बोली- “सन्नी बेटा अगर तुम अपनी माँ को माफ कर सको तो अच्छा है क्योंकी मैं जानबूझ के ये सब नहीं करती। ये सब तुम्हारे अब्बू की लगाई हुई आग का नतीजा ही है कि आज मैं अपने ही सगे बेटे से माफी माँग रही हूँ, मेरे लिए इस बुरा और क्या हो सकता है?”
मैंने अम्मी को कोई जवाब नहीं दिया तो अम्मी ने करवट बदल के अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और अपनी गाण्ड मेरी तरफ कर ली और मैं इंतजार करने लगा कि अम्मी सो जायें और मैं कुछ हरकत करूं और अब तो मुझे कुछ-कुछ उम्मीद भी हो चली थी कि अम्मी मुझे कुछ भी करने से मना नहीं करेगी, क्योंकी अम्मी ने खुद ही मुझे बता दिया था कि वो कितनी बड़ी गश्ती हैं।
अम्मी मेरी तरफ अपनी कमर किए लेटी हुई थीं और मैं बार-बार उनकी गाण्ड की तरफ देखते हुये अपना लण्ड मसल देता था, क्योंकी मुझसे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था। लेकिन क्योंकी अभी मुझे कुछ देर । इंतेजार करना था, जिसकी वजह से मैं बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल कर पा रहा था।
खैर, अम्मी को करवट बदल के लेटे हो अभी कोई 5 मिनट ही हुये होंगे और इस दौरान मैं ये भी जानता था कि अम्मी अभी तक सोई नहीं होंगी क्योंकी आज उनका राज मुझे यानी उनके एकलौते बेटे को पता चल चुका था, तो अम्मी को नींद किस तरह आ सकती थी? लेकिन अब मुझमें बर्दाश्त खतम हो चुकी थी, जिसकी वजह से मैंने उसी वक़्त रिस्क लेने का फैसला किया, और धीरे से खिसक के अम्मी के करीब हो गया।
और अम्मी की तरफ करवट लेते हुये अपना लण्ड जो कि पहले ही जोश से भरा हुआ था, अपनी माँ की गाण्ड पे टच किया और साथ ही अम्मी को आवाज देने लगा- “अम्मी क्या आप जाग रही हो अभी? अम्मी-अम्मी..."
लेकिन अम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो मैं समझ गया कि मेरे लण्ड के टच होते ही अम्मी सब कुछ समझ चुकी होंगी और अब देखना चाहती होंगी कि मैं कहाँ तक जाता हूँ? जिसकी कि मैं अब परवाह करना भी नहीं चाहता था। अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे मैंने अपना बाजू अम्मी के ऊपर रख दिया फैलाकर, जिससे मेरा हाथ अम्मी के बाजू से होता हुआ अम्मी की चूचियों पे चला गया।
मेरा हाथ अम्मी की चूचियों से टच होना ही था कि मेरा पूरा जिम मजे की एक अंजानी लज्जत से सिहर उठा और साथ ही मैंने अपना लण्ड अपनी माँ की गाण्ड पे थोड़ा जोर से दबा दिया। जिससे मेरा लण्ड अम्मी की। गाण्ड की दरार में सलवार के ऊपर से ही घुस गया, और साथ ही मैं अपनी अम्मी की चूचियों को भी हल्के से सहलाने लगा। जिससे मेरा मजा सातवें आसमान तक जा पहँचा। लेकिन अम्मी खामोश पड़ी ये सब होने दे रही थी, जिससे मेरा हौसला बढ़ता चला गया। कुछ देर तक मैं अम्मी की चूचियों सहलाता रहा और उसके बाद मैंने अपना हाथ अम्मी की चूचियों से नीचे खिसकाया और अम्मी की सलवार तक ले गया और हाथ से अम्मी की कमीज का पल्लू हटा दिया।
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
अपना हाथ जैसे ही अम्मी की सलवार में घुसाने लगा, तभी अचानक अम्मी का जिश्म हिला और अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपना चेहरा पीछे मेरी तरफ घुमाकर देखते हुये बोली- “सन्नी ये क्या कर रहे हो तुम? मैं माँ हूँ तुम्हारी...”
अम्मी की बात सुनकर मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने अपना हाथ अम्मी से छुड़ा लिया और बोला- “हाँ... पता है आप मेरी माँ हो, लेकिन ये बात आपको तब याद नहीं होती जब आप सफदर अंकल से चुदवाने जाती हो, या फिर अब्बू के सामने उनके दोस्तों से चुदवाया करती थी। अगर मैंने कुछ कर दिया तो आपको हर बात याद आने लगी है.”
अम्मी ने अपने आपको मेरी तरफ घुमाने की कोशिश की जिससे कि मैं धक्का लगने से सीधा हो गया और अम्मी मेरी तरफ करवट लेकर अपने हाथ को सिर के नीचे टिकाकर जिससे अम्मी का चेहरा मुझसे ऊंचा हो। गया। अम्मी बोली- “देखो सन्नी, हम माँ बेटा हैं। मैं मानती हैं कि मैं आज तक अपनी मर्जी से या तुम्हारे अब्बू की खुशी के लिए जो कुछ करती रही हूँ गलत था, लेकिन अगर तुम ये चाहते हो कि मैं वो सब कुछ तुम्हारे साथ करूं तो बेटा ये नहीं हो सकता। क्योंकी हमारा मुअशरा और मजहब हमें इस चीज की इजाजत नहीं देता..."
अम्मी की बात खतम होते ही मैं उठकर बैठ गया और बोला- “मैं जानता हूँ कि ये सब गलत है, और अगर किसी को पता चला तो बहुत बुरा होगा और मैं मानता हूँ कि ये बहुत बड़ा गुनाह है। लेकिन जब आप आज तक गैर मर्दो के साथ गुनाह करती आई हो, तो मुझे भी इस गुनाह का मजा लेना है। और अगर आप ने मना किया तो याद रखना अम्मी कि मैं किसी से कुछ बोलूंगा तो नहीं, लेकिन हमेशा के लिए आपको और घर को छोड़कर चला जाऊँगा...”
ये धमकी मैंने इसलिए दी थी कि मकान और दुकान वगैरा अब्बू मेरे नाम कर गये थे मरने से पहले ही, जिसकी वजह से अम्मी मुझे कभी खुद से अलग नहीं कर सकती थीं।
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मेरी बात सुनकर अम्मी के चेहरा में परेशानी के आसार नजर आने लगे, तो मैंने कहा- “देखो अम्मी, बात ये है। कि आप क्या करती थीं, अब भी करती रहो। लेकिन अब अब्बू की जगह आप मुझे अपनी लाइफ में शामिल कर लो, इसमें हम सबका ही भला है..”
अम्मी कुछ सोच में पड़ गईं और कुछ देर बाद बोलीं- “लेकिन सन्नी बेटा, फरी और निदा को अगर पता चल गया तो मैं उनको क्या मुँह दिखाऊँगी?”
अम्मी की बात से मैं खुश हो गया और बोला- “देखो अम्मी, बात ये है कि जब तक हम कोई बे एहतियाती नहीं करेंगे उन्हें कैसे पता चलेगा किसी बात का? और अगर उन्हें कुछ पता चला भी तो वक़्त आने पे देखा जाएगा। जो बात अभी हुई नहीं उसके लिए इतनी परेशानी क्यों उठाना?”
अम्मी- “लेकिन फिर भी सन्नी, ये सब गलत है बेटा। आखिरकार, मैं माँ हूँ तुम्हारी...” अम्मी ये बात करते हुये ट्राउजर में खड़े मेरे लण्ड की तरफ ही देख रही थी। जिससे मैंने और ज्यादा टाइम जाया करना मुनासिब ना समझते हुये अम्मी की तरफ करवट ली और अपनी अम्मी के सीने से लग गया और अपने होंठ अम्मी के साफ्ट होंठों पे रख दिए और किस करने लगा।
मैं अम्मी को थोड़ी देर तक किस करता रहा जिसमें अम्मी मेरा साथ नहीं दे रही थी। जिसका मैंने कुछ भी बुरा नहीं माना। क्योंकी मैं समझ सकता था कि अम्मी इतनी जल्दी नहीं खुलने वाली। और उठकर बैठ गया और अम्मी की तरफ देखते हुये हल्का सा मुश्कुराया तो अम्मी ने मुँह बनाते हुये अपनी आँखें बंद कर लीं। मैं अम्मी की टाँगों के पास खिसक आया और अपने दोनों हाथ अम्मी की सलवार पे डाले और धीरे से नीचे खिसकाने । लगा और साथ ही मैं अम्मी की तरफ भी देखता जा रहा था, जहाँ अब मुझे अपनी अम्मी के चेहरे पे पशीना साफ नजर आने लगा था। लेकिन अम्मी ने ना तो मेरा हाथ रोका और ना ही अपनी आँखें खोली।
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मैंने धीरे-धीरे अम्मी की सलवार उतार दी, जिससे अम्मी की चिकनी और मुलायम रानें बिल्कुल नंगी मेरे सामने आ गईं। मैंने अम्मी की रानों को पकड़कर धीरे से फैला दिया जिन्हें अम्मी ने अपस में दबा रखा था। जैसे ही अम्मी की रानों को खोलकर मैंने अपनी अम्मी की फुद्दी को देखा तो मेरा लण्ड तेजी से झटके खाने लगा, । क्योंकी आज मैं उस औरत की फुद्दी को देख रहा था, जिसकी फुद्दी में से मैं निकला था। अम्मी की फुद्दी बिल्कुल साफ थी बलों का जरा भी नाम-ओ-निशान तक ना था। जिसे देखते ही मेरे मुँह में पानी भर आया और मैं अम्मी की टाँगों को पूरा खोलते हुये बीच में आ गया और अपना सिर झुकाकर अम्मी की फुद्दी चाटने लगा।
अम्मी की फुद्दी जो कि पहले ही अपने ही पानी से भीगी हुई थी, और एक नमकीन सा और बड़ा अजीब सा टेस्ट दे रही थी। मैं अपनी जुबान को ऊपर से नीचे की तरफ चलाते हुये चाटने लगा।
जिससे कुछ ही देर में अम्मी भी अपनी गाण्ड को थोड़ा सा उठाकर मेरे मुँह की तरफ दबाने लगी और साथ ही हल्की आवाज में- “सस्सीईई.. आअहह... सन्नी मत करो ऊओहह... बेटा..” की आवाज के साथ ही मेरा सिर अपनी फुद्दी की तरफ दबाने लगी।
मैं भी अपनी जुबान को अम्मी की फुद्दी में घुसाकर चुसाई करने लगा, जिससे अम्मी की सिसकियां और भी बढ़ने लगीं और उनके मुँह से- “आअहह... सन्नी उनम्म्मह... हाँन् खा जाओ आज अपनी अम्मी की फुद्दी को ऊऊओहह... सन्नी जुबान को पूरा घुसाकर चाटोओ प्लीज़्ज़... हाँन् मजा आ रहा है बेटा उफफ्फ़..” की आवाज करने लगी।
अम्मी की इन आवाजों से मुझे साफ पता चल रहा था कि अब अम्मी पूरी तरह गरम हो चुकी हैं, और कोई भी लम्हा जिसमें अम्मी की फुद्दी पानी छोड़ने वाली है, तो मैं अचानक अम्मी की फुद्दी को चाटना छोड़कर उठा
और अपने कपड़े उतारने लगा। अम्मी ने एक झटके से अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखने लगी और जैसे ही मैं नंगा हुआ तो अम्मी की नजर मेरे लण्ड पे टिकी हुई थी और उनकी जुबान खुश्क होते होंठों पे घूम रही थी।
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मैं सीधा हुआ और फिर से अम्मी की फुद्दी में तेजी से अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा, जिससे रूम में थप्प-थप्प की आवाजें गूंजने लगीं और फिर मैं भी दो मिनट में ही अम्मी की फुद्दी में फारिघ् हो गया और अम्मी के ऊपर ही गिरकर लंबी सांसें लेने लगा।
थोड़ी देर हम दोनों माँ बेटा ऐसे ही लेटे रहे और फिर अम्मी ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया जिससे मैं अम्मी की साइड में होकर लेट गया। अम्मी ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख ली और बोलीक्यों सन्नी, अब खुश हो न तुम? मेरे साथ ये सब करके अब तो तुम अपनी अम्मी और बहनों को छोड़कर नहीं जाओगे ना?”
मैंने भी अम्मी की तरफ करवट ली और अम्मी के सीने से लग गया और बोला- “नहीं अम्मी, जिस तरह आप मुझे प्यार करती हो मैं आपको छोड़कर जाने का सोच भी नहीं सकता कभी। वो तो मैं बस मजाक कर रहा था बस...” और इतना बोलते हुये अम्मी से बुरी तरह चिमेट गया और किस करने लगा।
अम्मी भी मुझे किस का जवाब किस से देती रही और फिर मेरे सीने पे हाथ रखकर मुझे अलग कर दिया और बोली- “बस सन्नी बेटा, अब और कुछ नहीं। आज के लिए इतना ही बहुत है। अब सो जाओ...” और खुद उठकर अपने कपड़े लेकर बाथरूम में जा घुस गई।
मैं अम्मी के बेड पे नंगा ही पड़ा रह गया और सोचने लगा कि क्या मैंने अपनी अम्मी के साथ ये सब जो किया है, क्या ठीक है? तो मेरे अंदर से जवाब आया कि हाँ जिस तरह तुम्हें और फरी बाजी को चुदाई की जरूरत है,
उसी तरह अम्मी भी लण्ड की प्यासी हैं और उन्हें भी पूरा हक है कि अपनी लाइफ एंजाय करें। ये सोच आते ही में मुतमइन हो गया और अपनी आँखें बंद करके सोने की कोशिश करने लगा।
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मुझे अपनी आँखें बंद किए अभी कुछ ही देर हुई थी के अम्मी रूम में आ गई और खामोशी से मेरे साथ बेड पे लेट गई, लेकिन कुछ बोली नहीं और खामोशी से लेटी रही। मैं भी चुपचाप लेटा रहा, क्योंकी मैं समझ रहा था कि अम्मी को ये सब जो अम्मी और मेरे बीच हुआ है उसे हजम करना मुश्किल हो रहा होगा। जिस वजह से । मैंने भी अम्मी से कोई बात नहीं की और आँखें बंद किए सोता बना रहा, जिससे कब मेरी आँख लगी मुझे पता ही नहीं चला।
सुबह जब मेरी आँख खुली तो 9:00 से ऊपर का टाइम हो रहा था लेकिन मैं अभी भी नंगा ही अम्मी के बेड पे लेटा हुआ था, लेकिन अब मेरे ऊपर अम्मी ने चादर डाल दी थी। मैं जल्दी से उठा और अपने कपड़े उठाकर बाथरूम में जा घुसा और नहाकर कपड़े पहनकर बाहर निकला तो देखा कि बाजी फरी बाहर बैठी टीवी देख रही थी। लेकिन अम्मी और निदा कहीं भी नजर नहीं आ रही थीं।
फरी मुझे देखकर मुश्कुराने लगी और टीवी बंद करते हुये बोली- “क्यों भाई क्या हाल है आपका? लगता है रात नींद ठीक से नहीं आई मेरे भाई को...”
मैं भी हँस दिया और बोला- “हाँ यार नई जगह थी ना इसलिए..” और फरी के करीब ही बैठ गया और बोला“अच्छा ये अम्मी और निदा नजर नहीं आ रहे, कहाँ हैं दोनों?”
फरी ने कहा- “भाई अम्मी और निदा जरा सफदर अंकल की तरफ गई हैं, अभी आ जायेंगी। आप बैठो मैं नाश्ता लाती हूँ आपके लिए। लगता है काफी भूख लग रही है आपको?”
फरी की बात समझते हुये मैं भी हँस दिया और बोला- “नहीं यार, अब ऐसी भी कोई बात नहीं। बस थोड़ा थका हुआ हूँ घूमने फिरने से ठीक हो जाऊँगा। बाकी तुम बैठो मैं खुद ही नाश्ता ले लेता हूँ। तुम्हारा पांव ठीक नहीं है..."
फरी ने कहा- “नहीं तुम बैठो। अब काफी बेहतर है, हल्की सी मोच थी अब आराम है। मैं लाती हूँ नाश्ता..” और उठकर किचेन की तरफ चल दी।
मेरा नाश्ता, जो कि पहले से ही तैयार था, बाजी जल्दी से ले आई और आते ही मेरे सामने नाश्ता रखते हुये बोली- “तो क्या रहा भाई? कहाँ तक बात पहुँची रात को?”
मैंने नाश्ते की तरफ हाथ बढ़ते हुये कहा- “यार जो तुम चाहती थी वो सब हो गया है। अब अम्मी हमारे हाथ में हैं और अब हमें कोई मसला नहीं है...”
बाजी खुशी से मुझे लिपट गई।
मैंने बाजी को पीछे हटते हुये कहा- यार नाश्ता तो आराम से कर लेने दो मुझे।
बाजी ने मुझे छोड़ दिया और बोली- “भाई अब मजा आएगा अम्मी भी हमारा साथ देंगी। और निदा को कोई मसला ही नहीं है हमसे...”
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मैं सफदर अंकल के पास पहुँचकर बोला- “क्यों अंकल, कोई खास बात करनी थी जो आप मेरी तरफ ही आ रहे। थे?”
अंकल ने कहा- “हाँ मेरे शेर बात तो खास ही करनी थी तुम्हारे साथ। लेकिन तुम ऐसा करो पहले अंदर तो आओ बैठकर बात करते हैं..."
और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर ले गये। दरवाजा लाक करके अंकल मुझे उसी रूम में । ले गये जहाँ मैंने अम्मी को अंकल से चुदवाते हुये देखा था।
अंकल ने मुझे रूम में बिठा दिया और बोले- “सन्नी मेरा खयाल है कि ये रूम हम सबके लिए लकी है क्योंकी यहाँ हमारे बीच कई पर्दे गिर गये हैं..”
मैं अंकल की बात को अच्छी तरह समझ गया लेकिन भोला बनते हुये बोला- “क्या मतलब अंकल? मैं समझा नहीं कि आप किन पर्यों की बात कर रहे हैं? आप जरा खुल के बात करो जो भी बात है."
अंकल- देखो सन्नी बात ये है कि थोड़ी देर पहले तुम्हारी अम्मी यहाँ आई थी और उसने मुझे सब बता दिया है। कि तुमने कल क्या देखा? और रात को तुमने अपनी माँ के साथ क्या किया? अब बात ये है कि आगे का क्या इरादा है तुम्हारा?”
मैं- पूरी तरह खुल के बात करते हुये बोला- “अंकल बात ये है कि अम्मी की भी एक पेरसोनल लाइफ है जिसे जीने का उनको पूरा हक है और मेरे खयाल में उनके इस हक का हमें सम्मान करना चाहिए..”
अंकल मेरी बात से खुश होते हुये बोले- “हाँ सन्नी बेटा ये बात तो ठीक है तुम्हारी। और अब जबकी तुम भी अपनी माँ की सेवा में लग गये हो तो मेरा और तुम्हारी अम्मी का खयाल है कि अब हमारे बीच कोई पर्दा नहीं होना चाहिए। हम जो भी किया करें मिलकर करें..”
मैं- “हाँ अंकल मैं भी आप लोगों की इस बात से सहमत हूँ। लेकिन क्या अम्मी हम दोनों को एक साथ झेल लिया करेंगी?”
अंकल- “अरे यार बस एक हफ्ता तक तो सलमा को ही बर्दाश्त करना पड़ेगा उसके बाद तो इरम भी आ जाएगी हमारे साथ। फिर दोनों मिलकर हमें बर्दाश्त कर लेंगी क्या समझे?”
मैं हैरानी से अंकल की तरफ देखते हुये बोला- “अंकल इरम कौन? कहीं आपकी बेटी तो नहीं?”
अंकल- हाँ यार, मैं अपनी बेटी इरम की ही बात कर रहा हूँ। वो मेरे और तुम्हारी माँ सलमा के बारे में सब जानती है और हमारे साथ मिलकर कई बार मजा भी ले चुकी है।
मैं हैरत भरी नजरों से अंकल को देखते हुये बोला- “मतलब आप मेरी अम्मी के साथ-साथ अपनी सगी बेटी को भी चोद चुके हैं?”
अंकल- “अरे हाँ यार, आजकल तो ये नार्मेल होता जा रहा है बाप बेटी और बहन भाई, माँ बेटा का सेक्स और इस में सुरक्षा भी है, कोई बदनामी का डर भी नहीं होता कहीं से भी...”
मैं- “हाँ अंकल, बात तो आपकी ठीक है लेकिन मेरा खयाल है कि इरम के आने तक अकेली अम्मी को क्यों मुसीबत में डाला जाए? अम्मी का साथ देने के लिए किसी और को क्यों ना मिला लिया जाए अपने साथ, जो इस सबके बारे में जानती भी है और हमारे साथ मिलकर मजा भी करना चाहती है...”
अंकल- “क्या मतलब? कौन है वो? तुम किसकी बात कर रहे हो? देखो कोई पंगा नहीं कर देना समझे?”
मैंने अपना मोबाइल निकाल करके फरी बाजी को काल करके कहा- “आप सफदर साहब के मकान पे आ जाओ...”
और काल कट कर दी।
अंकल ने कहा- “यार किसे बुला रहे हो कुछ बताओ तो सही?”
मैंने कहा- “अंकल बस आप देखते जाओ और एक जवान फुददी के मजे के लिए तैयार हो जाओ जल्दी से, और वो हमारा ये राज कभी किसी को नहीं बताएगी टेन्शन नहीं लो आप...”
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09-03-2019, 06:52 PM,
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RE: vasna story अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मैंने कहा- “अंकल बस आप देखते जाओ और एक जवान फुददी के मजे के लिए तैयार हो जाओ जल्दी से, और वो हमारा ये राज कभी किसी को नहीं बताएगी टेन्शन नहीं लो आप...”
अंकल कुछ देर सोचते रहे और फिर उठकर अलमारी में से दो गोलियां निकालकर ले आए और एक मुझे देकर एक खुद खाते हुये बोले- “तो फिर आज तुम्हारी उस जवान फुद्दी का बाजा बजाते हैं मिलकर...”
मैं अंकल की बात सुनकर हँस दिया और गोली निगल गया और फिर हम दोनों ही फरी बाजी का इंतेजार करने लगे। रूम में अब हम दोनों ही बड़ी बेसब्री से फरी बाजी का इंतेजार कर रहे थे और हमसे ज्यादा हमारे लण्ड फरी की फुद्दी में जाने के लिए बेताब हो रहे थे। तभी मेरे मोबाइल में फरी की तरफ से एस.एम.एस. आया जिसमें बाजी ने बस इतना लिखा हुआ था मैं निकल आई हूँ दरवाजा खोलकर रखो।
मैं अपनी बहन का एस.एम.एस. पढ़कर जल्दी से उठा और भागता हुआ गया और दरवाजा खोल दिया, तो बाजी जो कि तब तक दरवाजे पे आ चुकी थी झट से अंदर आ गई। मैंने दरवाजा लाक किया और बाजी को अपने साथ लेकर अंदर रूम की तरफ चल दिया, जहाँ सफदर अंकल इंतजार कर रहे थे।
जैसे ही मैं बाजी को अपने साथ लेकर रूम में इन हुआ तो अंकल फरी बाजी को देखते ही बौखला गये और हकलाते हुये बोले- “फऽफरी बेटा तुम यहाँ इस वक़्त? क्या कोई काम था?”
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तब मैं जल्दी से आगे बढ़ा और फरी बाजी का हाथ पकड़कर अंकल के पास ले गया और बोला- “अंकल ये ही मेरी गर्लफ्रेंड है और बहन भी। आप परेशान ना हों, इसे सब पता है जो आपके और अम्मी के बीच है..”
अंकल मेरी बात सुनकर थोड़ी देर तक हैरत से हमारी तरफ देखते रहे और फिर सिर झटक के मुश्कुरा दिए और बोले- “चलो अच्छा हुआ कि अब ये भी हमारा साथ देगी..."
और इतना बोलते हुये मेरी बहन के हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। जिससे मेरी बहन सफदर अंकल के सीने से जा लगी, तो अंकल ने मेरी बहन को मुश्कुरा के देखा और साथ ही अपने होंठ बाजी के होंठों से लगा दिए और किस करने लगे। बाजी भी अंकल की रेस्पोन्स देने लगी।
मैंने अपनी बहन को अंकल से किस में मसरूफ देखा तो मैं पीछे होकर अपने कपड़े उतारने लगा और पूरा नंगा होकर आगे बढ़ा और अपनी बड़ी बहन के पीछे जाकर उसकी कमीज ऊपर करने लगा, तो बाजी ने भी अंकल से अलहदा होकर अपने हाथ ऊपर उठा दिए जिससे बाजी की कमीज निकल गई। अंकल ने नीचे बैठकर मेरी बहन की सलवार उतार दी जिसके बाद मेरी बहन सिर्फ ब्रा में हमारे सामने नंगी खड़ी रह गई थी।
बाजी को इस हालत में देखकर अंकल ने कहा- “वावव... फरी बेटा तुम्हारा जिम सच में लाजवाब है.." और इतना बोलते ही बाजी को बेड पे बिठा दिया और अपने कपड़े उतारने लगे।
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