Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
08-16-2019, 12:16 PM,
#31
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि- मुस्कुराते हुए, पर मम्मी कहीं भैया ने आपके चूचे को भी दबा दिया तो, आपके चूचे तो मुझसे भी बड़े-बड़े है और वह जिस तरह उन किताबो की औरतो को देख रहे थे वह औरते बिल्कुल तुम्हारे जैसे गदराए बदन की और तुम्हारी उमर की थी, मुझे तो लगता है भैया को तुम्हारी उमर की भारी शरीर वाली औरते पसंद है, मुझे तो लगता है वह तुम्हारे जैसे भरे बदन की औरत को चोदना चाहते है

रजनी- क्या तू सच कह रही है, उन फोटो में मेरी उमर की औरते थी

रश्मि- हाँ मम्मी एक औरत तो पूरी नंगी बिल्कुल ऐसी नज़र आ रही थी जैसी तुम नंगी नज़र आती हो, और भैया उसी औरत की फूली हुई चूत और मोटी गान्ड देख कर सबसे ज़्यादा लंड हिला रहे थे

रजनी- अपनी चूत का पानी पोछती है और रश्मि उसको देख लेती है,

रश्मि- अब बताओ मम्मी भैया कितने गंदे है ना

रजनी- गहरी सांस लेकर नही बेटी राज अब जवान हो गया है उसका भी मन वह सब करने का करता होगा

रश्मि- मम्मी तुम मुझे भी तो कहती हो कि तू अब जवान घोड़ी हो गई है,

रजनी- आँखे निकल कर रश्मि को देखती हुई, जवान हो गई है तो

रश्मि- मम्मी जैसे भैया जवान हो गये है और उनका मान वह सब करने को करता है वैसा ही मेरा मन भी वह सब करने का होने लगा है

रजनी- उसकी पीठ में हँस कर मारती हुई, चुप कर कामिनी, में जानती हूँ तेरा मन तो कुछ ज़्यादा ही करता होगा

रश्मि- मम्मी भैया का लंड देख कर तो सचमुच मेरा मन करने लगा है

रजनी- चुप कर दुष्ट कही की अपने भैया के बारे में ऐसा सोचती है

रश्मि- मुस्कुराते हुए, मम्मी अगर तुम भैया का मोटा लंड देख लेती तो तुम्हारा मन भी करने लगता

रजनी- चुप हो जा और यह बता फिर और कुछ तो नही किया तेरे भैया ने

रश्मि- सड़ा सा मुँह बनाते हुए, नही मम्मी वह तो सिर्फ़ मेरे चूचे को दबाते हुए मुझे अपने से चिपका कर सो गये

रजनी- तो तू क्या चाहती थी कि वह तेरी छूट अपने लंड से मार दे

रश्मि- मम्मी उनका लंड इतना मस्त है कि अगर वह मुझे चोदते तो में बड़े प्यार से चुदवा लेती

रजनी- चुप कर बेशरम, वह तेरी हरकते देख-देख कर ही यह सब सोचने लगा है, में कहती थी ना कि कपड़े ज़रा ढंग से पहना कर, अगर तू अपनी ब्रा पहन कर अपने चूचे इतना ना दिखाती तो वह यह कभी ना करता

रश्मि- रहने दो मम्मी, में तो फिर भी ठीक कपड़े पहनती हूँ, पर तुम देखो तुम्हारी साड़ी तुम्हारे पूरे नंगे पेट के कितना नीचे है थोड़ा और सरका दो तो तुम्हारी चूत दिखने लगे और चूचे देखो इतना छोटा ब्लौज पहनती हो की आधे से ज़्यादा बाहर आए जा रहे है, मुझे तो लगता है भैया तुम्हे ही अधनंगी देख-देख कर पागला रहे है, और तो और फोटो भी तो वो तुम्हारी उमर की और तुम्हारे जैसे गदराए भारी बदन वाली औरतो के देखते है, मुझे तो लगता है तुम उन्हे बहुत अच्छी लगती हो कहीं भैया तुम्हे ही तो नही चोदना चाहते है

रजनी- अंदर ही अंदर रश्मि की बात सुन कर मुस्कुराते हुए अपनी मुस्कान को अपने चेहरे पर लाने से नही रोक पाती है और रश्मि उसकी खुशी को महसूस करके खुद भी मुस्कुराने लगती है

रजनी- चुप कर रश्मि ज़रा तो सोच समझ कर बोला कर, में उसकी मम्मी हूँ क्या वह मुझे चोदना चाहेगा

रश्मि- मम्मी तुम लगती ही इतनी गदराई और सेक्सी हो कि अगर में तुम्हारा बेटा होती तो कब का तुम्हे रगड़-रगड़ कर चोद चुकी होती,

रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई चुप कर घोड़ी, कहीं तू मत चुद जाना अपने भैया से, बड़ी बेशरम हो गई है तू

रश्मि- मम्मी ऐसा मोटा लंड देख कर तो कोई भी बेशरम हो जाएगा

रजनी- चल अब चुप हो जा और चल किचन में चल कर मेरे काम में हाथ बटा और एक बात ध्यान से सुन ले यह बात कभी किसी से नही करना और ना अपने भैया को ही मालूम पड़ने देना कि तू सब जानती है

रश्मि- पर मम्मी अगर भैया ने फिर से मेरे चूचे दबाए तो

रजनी- अब में उसे तेरे पास सोने ही नही दूँगी आज से वह मेरे साथ सोएगा

रश्मि- मुस्कुराते हुए, अच्छा तो आज से तुम भैया से अपने चूचे दबवाओगी

रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, कमिनि कहीं की जो मुँह में आता है बोल देती है, चल उठ अब यहाँ से और मेरी बात ध्यान रखना यह बात किसी को भी नही बताना

रश्मि- ठीक है मम्मी में किसी को भी नही बताउन्गी पर मम्मी कभी-कभी तो भैया को मेरे साथ सोने दोगि ना

रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, हाँ ठीक है सो जाना अब चल, कमिनि कहीं की
और फिर दोनो माँ बेटी मुस्कुराती हुई किचन में आ जाती है.
रजनी अपने काम में लग जाती है और रश्मि उसके पास खड़ी हुई फिर से शुरू हो जाती है

रश्मि- मम्मी तुम पेंटी क्यो नही पहनती हो

रजनी- तू भी तो अपनी ब्रा नही पहनती है

रश्मि- मुझे तो ब्रा मेरे चूचे में बहुत कसी हुई लगती है तो मुझे अच्छा नही लगता है इसलिए में अपने चूचे हमेशा खुले रखना पसंद करती हूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए मुझे भी पेंटी कसी हुई लगती है इसलिए मुझे भी अच्छा नही लगता है

रश्मि- मुस्कुराते हुए मम्मी भैया को जाकर बता दूं कि मम्मी पेंटी नही पहनती है साड़ी के अंदर पूरी नंगी रहती है

रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए अपनी आँखे दिखा कर रश्मि तू मेरे हाथ से बहुत मार खाएगी

रश्मि- अच्छा मम्मी जब कोई अपने चूचे दबाता है तो कितना अच्छा लगता है ना

रजनी- तेरे भैया ने बहुत देर तक तेरे चूचे दबाए थे क्या

रश्मि- हाँ मम्मी भैया बहुत कस-कस कर मेरे चूचे दबा रहे थे और उपर से मेरी गान्ड में अपने मोटे लंड को भी ज़ोर से दबा कर मुझसे कस कर चिपके हुए थे, क्या बतौ मम्मी मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था

रजनी- चल अब चुप हो जा कोई सुन ना ले,

रश्मि- अरे मम्मी यहा कौन सुनने वाला है, अच्छा मम्मी एक बात बताओ भैया तुम्हारी उमर की औरतो के नंगे फोटो क्यो देख रहे थे

रजनी-मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता

रश्मि- मम्मी बताओ ना तुम्हे सब पता है

रजनी- अरे पागल उसे बड़ी-बड़ी औरते अच्छी लगती होगी इसलिए देख रहा होगा

रश्मि- पर मम्मी भैया को बड़ी उमर की औरते क्यो अच्छी लगती है
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08-16-2019, 12:16 PM,
#32
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रजनी- अरे बड़ी औरतो के चूचे ज़्यादा बड़े होते है उनकी गान्ड बहुत मोटी होती है और उनकी चूत भी काफ़ी फूली और बड़ी दिखती है, इसलिए शायद तेरे भैया को बड़ी उमर की औरते अच्छी लगती है

रश्मि- फिर तो मम्मी भैया को आप भी बहुत अच्छी लगती होगी ना

रजनी-मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता

रश्मि- में जानती हूँ मम्मी, भैया को आपकी यह मोटी गान्ड बहुत पसंद है

रजनी- उसे देखती हुई तुझे कैसे पता

रश्मि- मेने देखा है मम्मी जब तुम भैया के सामने से आती जाती हो तो भैया तुम्हारे इन मोटे-मोटे चुतड़ों को खूब घूर-घूर कर देखते है,

रजनी- उसे देखती हुई झूठ मत बोल रश्मि

रश्मि- तुम्हारी कसम मम्मी बहिया को तुम्हारे गदराए चूतड़ बहुत पसंद है वह तुम्हारे चुतड़ों को बहुत प्यार से देखते हुए अपने लंड को मसल्ते रहते है, मेने अपनी आँखो से देखा है

रश्मि- मम्मी भैया आपके चुतड़ों को देख कर अपना लंड क्यो मसल्ते है




रजनी की चूत तो पहले से ही बहुत गीली थी लेकिन रश्मि की बातों ने उसकी हालत खराब कर दी थी और चाह रही थी की रश्मि बस ऐसे ही उससे बाते करती रहे, रश्मि अपनी मम्मी की कमजोर नब्ज़ को पकड़ चुकी थी और वह अपनी मम्मी को पानी-पानी करने का ठान चुकी थी,

रश्मि- बताओ ना मम्मी

रजनी- क्या

रश्मि- यही कि भैया आपके मोटे-मोटे चुतड़ों को देख कर अपना लंड क्यो मसल्ते है

रजनी- मुस्कुराकर क्यो तू नही जानती कि एक लड़का एक औरत की मोटी गान्ड देख कर अपना लंड क्यो मसलता है

रश्मि- मुस्कुराकर में जानती हूँ पर में आपके मुँह से सुनना चाहती हूँ

रजनी- इसलिए कि वह उस औरत को चोदना चाहता है

रश्मि- किस औरत को

रजनी- मुझे और किसको

रश्मि- कौन आपको चोदना चाहता है

रजनी- तेरा भैया और कौन

रश्मि- क्या आपको पता है कि भैया आपको चोदना चाहता है

रजनी- जब तू कह रही है की वह मेरी गान्ड देख कर अपना लंड मसलता है तो फिर इसका मतलब यही हुआ ना कि उसका लंड अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देख कर खड़ा हो जाता है

रश्मि- मम्मी एक बात पुच्छू


रजनी- पूछ

रश्मि- मम्मी अगर रात को भैया आपके चूचे पकड़ कर दबाएगे तो फिर आप क्या करोगी

रजनी- चुप कर रश्मि क्या अनाप सनाप बोले जा रही है

रश्मि- अपना मुँह बना कर अच्छा मत बताओ में जा रही हूँ

रजनी- मुस्कुराकर अरे सुन तो

रश्मि- क्या है

रजनी- अरे कहाँ जा रही है

रश्मि- तुमने मुझसे तो सब पूछ लिया और अब में कुछ पूछती हूँ तो नखरा दिखाती हो, मत बताओ, अब मुझे कुछ भी मालूम चलेगा तो में भी तुम्हे नही बताउन्गी, और फिर से रश्मि जाने लगती है

रजनी- अरी कहाँ जा रही है इधर आ में बताती हूँ

रश्मि- मंद-मंद मुस्कुराते हुए अपने मन में, शिकार फस रही है जल में, बहुत तड़प रही है साली अपने बेटे का लंड लिए बिना मानेगी नही, अगर इसकी चूत में हाथ डाल कर देखु तो पानी-पानी होगा

रश्मि- हाँ तो अब सीधे-सीधे बताओ

रजनी- क्या बताऊ

रश्मि- यही कि अगर रात को भैया तुम्हारे चूचे को दबाएगे तो तुम क्या करोगी

रजनी- मुस्कुरा कर अच्छा तू ही बता दे मुझे क्या करना चाहिए

रश्मि- में बताउन्गी तो मेरी बात मनोगी

रजनी- मुस्कुराकर तू बता तो सही

रश्मि- नही पहले बोलो मनोगी या नही

रजनी- अच्छा बाबा मानूँगी अब बता

रश्मि- मम्मी जब भैया तुम्हारे चूचे दबाए तो चुपचाप पड़ी रहना, भैया बहुत मस्त तरीके से खूब कस-कस कर चूचे दबाते है तुम्हे मज़ा आ जाएगा

रजनी- मुस्कुराते हुए क्यो तुझे बहुत मज़ा आया था क्या

रश्मि- हाँ मम्मी भैया जब मेरे चूचे को कस-कस कर दबा रहे थे तो मेरा मन कर रहा था कि में भैया के मोटे लंड को अपने हाथो में कस कर पकड़ लूँ, बहुत ही मोटा लंड है भैया का

रजनी- पर बेटी क्या यह ठीक रहेगा

रश्मि- अरे तुम्हे क्या करना है तुम चुप चाप पड़ी रहना वह तुम्हे पड़े-पड़े ही मस्त कर देंगे

रजनी- पर अगर राज ने कहीं और भी हाथ लगाया तो

रश्मि- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को उसकी साड़ी के उपर से अपने हाथ से दबोचती हुई, तुम्हारा मतलब है कि भैया ने अगर यहा हाथ लगाया तो

रजनी- आह, क्या करती है, छोड़ मेरी चूत

रश्मि- अपनी मम्मी की चूत को छोड़ कर तुम इसी को हाथ लगाने की बात कर रही थी ना
रजनी-मुस्कुराकर हाँ

रश्मि- तो क्या हुआ मम्मी भैया तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने हाथो में भर कर जब दबाएगे तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा,

रजनी- क्या राज ने तेरी भी चूत को छुआ था

रश्मि-जान बुझ कर नखरा करके मुस्कुराती है, नही मम्मी मेरी चूत को तो भैया ने नही छुआ

रजनी- झूठ मत बोल में सब जानती हूँ तू मुझसे छुपा रही है

रश्मि- नही में कुछ नही छुपा रही हूँ

रजनी- रश्मि देख हम दोनो एक दूसरे से कुछ भी ना छुपाने का वादा कर चुके है तो फिर तू मुझसे क्यो छुपा रही है, क्या में किसी से कहने जा रही

रश्मि- अगर ऐसी बात है तो में बता दूँगी लेकिन तुम कौन सा अपना वादा निभा रही हो, तुम भी तो मुझसे
सच-सच कुछ नही बताती हो

रजनी- मेने सब तो बताया तुझे,

रश्मि- नही जो तुम्हारे मन में है वह तुम मुझे नही बता रही हो जब की में तुम्हारी हेल्प ही करती रहती हूँ

रजनी- क्या है मेरे मन में जो तुझे नही बताया

रश्मि- सच-सच बताओ

रजनी- हाँ पूछ क्या पूछना है

रश्मि- मम्मी तुम भैया के मोटे लंड से चुदना चाहती हो ना

रश्मि की बात सुन कर रजनी की साँसे फूलने लगती है और उसके मुँह से कोई जवाब नही निकलता है

रश्मि- बोलती क्यो नही,

रजनी- अपना थूक अपने गले में निगलते हुए, क्या बोलू

रश्मि- यही कि तुम भैया के मोटे लंड से चुदना चाहती हो ना

रजनी- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, मुझे नही मालूम

रश्मि- ठीक है तो अब मुझसे भी मत पूछना कि भैया ने मेरे साथ क्या-क्या किया है, अब में जा रही हूँ अपने भैया के पास

और रश्मि मंद-मंद मुस्कुराती हुई किचन के बाहर निकल जाती है, और जाकर राज के रूम में राज से चिपकते हुए उसके होंठो को चूम कर भैया, तुम्हारा काम तो समझो हो गया

राज - कौन सा काम

रश्मि- भैया अब तुम तैयार हो जाओ मम्मी को चोदने के लिए

राज - क्या बात कर रही है, साफ-साफ बोल क्या हुआ है

रश्मि- वो सब में बाद में बताउन्गी पर बस अभी के लिए एक बात सुन लो जब रात को मम्मी सो जाए तब तुम बिना डरे खूब कस-कस कर मम्मी के चूचे दबाना पर चूत को आज मत छूना, आज सिर्फ़ चूचे दबाना पर ज़रा अच्छे से मसल-मसल कर,

राज - लेकिन रश्मि पूरी बात तो बता क्या हुआ है

रश्मि- अच्छा में दोपहर को खाना खाने के बाद तुम्हारे पास आउन्गि तब हम बात करेगे अभी मम्मी फिर मुझे बुलाने आ सकती है

राज - अच्छा ठीक है

रश्मि- में बाहर बैठ जाती हूँ आप आराम कर लो और फिर रश्मि बाहर हॉल में जाकर बैठ जाती है

रश्मि को अकेले बैठे देख रजनी अपनी गदराई गान्ड मटकाते हुए थोड़ा मुस्कुराकर रश्मि के पास आकर बैठ जाती है और

रजनी- रश्मि का मुँह चूमते हुए नाराज़ हो गई क्या मुझसे

रश्मि- मुँह फूला कर में क्यो नाराज़ होने लगी तुमसे

रजनी- तो फिर मुँह फुलाए क्यो बैठी है

रश्मि- मेरी मर्ज़ी

रजनी- अच्छा तू किचन में क्या कह रही थी

रश्मि- कुछ नही कह रही थी

रजनी- अरे नखरा क्यो दिखती है, सच-सच बता कहीं अपने भैया के साथ तूने कुछ किया तो नही है


रश्मि- किया भी होगा तो तुम्हे क्यो बताऊ

रजनी- रश्मि को अपनी बाँहो में भरती हुई, मेरी लाडो रानी प्लीज़ बता दे, क्या तू अपनी मम्मी को नही बताएगी
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08-16-2019, 12:16 PM,
#33
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि- उसकी और गुस्से से देखती हुई, क्या सुनना चाहती हो तुम कि मेने अपने भैया से अपनी चुत तो नही मरवाई

रजनी- धीरे बोल कही तेरा भैया ना सुन ले

रश्मि- सुनते है तो सुनने दो

रजनी- अच्छा अब गुस्सा छोड़ कर मुझे सब सच-सच बता दे

रश्मि- में एक बार कह चुकी हूँ ना कि जब तुम अपने दिल की कोई बात मुझे नही बताती हो तो में भी तुम्हे आज से कुछ नही बताउन्गी

रजनी- मेरे दिल में कोई बात ही नही है तो में तुझे क्या बताऊ

रश्मि- तुम झूठ बोल रही हो, में जानती हूँ तुम भैया के साथ क्या करना चाहती हो

रजनी- मुस्कुराते हुए, क्या करना चाहती हूँ

रश्मि- तुम भैया के साथ नंगी सोना चाहती हो

रजनी- धीरे बोल कामिनी कहीं राज ने सुन लिया तो गजब हो जाएगा

रश्मि- पहले तुम सच-सच बोलो में सही कह रही हूँ ना

रजनी- तू पागल है रश्मि में भला अपने बेटे के साथ ऐसा क्यो सोचूँगी

रश्मि- रजनी का हाथ अपने सर पर रखते हुए, तो ठीक है अब बोलो कि तुम भैया से अपनी चूत नही मरवाना चाहती हो

रजनी- अपना हाथ रश्मि के सर से हटा कर, मुझे कुछ नही बोलना

रश्मि- मतलब में सही कह रही हूँ ना,

रजनी- मुझे नही मालूम

रश्मि- मुस्कुराते हुए, सच तो यह है मम्मी कि में भी भैया का मोटा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ, क्या में भैया से चुदवा लूँ

रजनी- उसे मारती हुई, अपने भाई से अपनी चूत मराते हुए तुझे शरम नही आएगी

रश्मि- पर अगर भैया ही मेरी चूत मारना चाहते है तो में क्या करूँ

रजनी- वह ऐसा कुछ नही चाहता है

रश्मि- अच्छा ऐसा कुछ नही चाहते होते तो मेरे चूचे क्यो दबाते

रश्मि की बात सुन कर रजनी लाजवाब हो जाती है,

रश्मि- मम्मी एक बात कहूँ

रजनी- क्या

रश्मि- मम्मी सच तो यह है कि भैया तुम्हे और मुझे दोनो को चोदना चाहते है, रश्मि की बात सुन कर रजनी की चूत फूल चुकी थी और वह रश्मि की बाते सुन कर बहुत चुदासी हो गई थी

रश्मि- मम्मी जब भैया मेरी मोटी गान्ड और चूचे सहलाते है तो मुझे बहुत मज़ा आता है, मेरा दिल करता है भैया मुझे पूरी नंगी करके अपने सीने से चिपका ले, में भैया से पूरी नंगी होकर चिपकने के लिए मरी जा रही हूँ, क्या तुम्हारा मन नही करता कि भैया तुम्हे पूरी नंगी करके अपने सीने से चिपका ले, और तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने मोटे लंड से खूब कस-कस कर चोदे.

रजनी- पर रश्मि यह ज़रूरी नही कि राज यह सब करना चाहता हो

रश्मि- अच्छा ठीक है तुम्हे यकीन नही है ना कि भैया तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हे चोदना चाहते है तो फिर एक काम करो आज रात को सोने का बहाना करके देख लेना कि भैया तुम्हारे साथ कुछ करते है कि नही, तुम्हे खुद ही पता चल जाएगा, और हाँ थोड़ा लिपस्टिक वग़ैरह अपने होंठो पर लगा लेना, फिर देखना भैया तुम्हारे होंठो को भी ज़रूर चूसेंगे,

रजनी- क्यो उसे लिपस्टिक बहुत पसंद है क्या

रश्मि- अरे कश्मीर में तो उन्होने खुद मेरे होंठो पर लिपस्टिक लगाई और वह भी रात को और जब में सोने का बहाना करने लगी तो उन्होने मेरे चूचे को दबाते हुए मेरे होंठो को रात भर चूसा था,

रजनी- और क्या किया था उसने तेरे साथ

रश्मि- मुस्कुराकर पहले बताओ तुम भैया से अपनी चूत मरवाना चाहती हो कि नही

रजनी- झल्ला कार हाँ मरवाना चाहती हूँ, बस अब शांति मिल गई, अब बता मुझे

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपनी मम्मी का मुँह चूम कर जब तुम अपने बेटे के मोटे लंड से चुदने के लिए इतनी मरी जा रही हो तो फिर अपनी बेटी से क्यो शरमाती हो, तुम क्या में तो खुद भी भैया का मोटा लंड लेने के लिए तड़प रही हूँ,

रजनी- उसे मारती हुई, चल कमिनि कितनी बदमाश है तू मुझे तो पहले से ही तेरे लक्षण अच्छे नही दिखते थे पर अब तो पूरा यकीन हो गया

रश्मि- मुस्कुराते हुए आख़िर अपनी मम्मी पर गई हूँ ना


रजनी- मुस्कुराते हुए चल अब बता भी और क्या किया था राज ने तेरे साथ

रश्मि- मम्मी भैया मेरी चूत भी सहला रहे थे और फिर उन्होने मेरी फूली हुई चूत को कस कर अपने हाथो में भर कर दबोच लिया था, क्या बताऊ मम्मी मुझे इतना मज़ा आया कि में पागल हो गई, सच मम्मी भैया जब अपने हाथो में पूरी चूत भर कर दबोचते है तो बहुत अच्छा लगता है, तुम देखना जब भैया तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने हाथो में भर कर दबोचेंगे तो भैया मस्त हो जाएगे, तुम्हारी चूत तो मेरी चूत से भी ज़्यादा फूली हुई है ना


रजनी अब रश्मि की चुदास भरी बाते सुन कर पूरी तरह खुल चुकी थी और वह भी अब रश्मि से बिना किसी झिझक के बात कर रही थी और रश्मि अपनी चुदासी मम्मी की फूली हुई चूत को गरम करके खुस हो रही थी

रजनी- पर रश्मि तू यह कैसे कह सकती है कि राज मुझे भी चोदना चाहता है

रश्मि- अरे मम्मी भैया जब अपना मोटा लंड अपने हाथो में लेकर हिला रहे थे तो वह तुम्हारा बारे में ही बोल-बोल कर मूठ मार रहे थे

रजनी- क्या कह रहा था मेरे बारे में

रश्मि- मेने ठीक से तो नही सुना लेकिन इतना ज़रूर सुना था कि वह कह रहे थे ओह मम्मी कितनी मोटी और गदराई गान्ड है तुम्हारी, में तुम्हे पूरी नंगी करके चोदना चाहता हूँ, तुम्हारी चूत कितनी फूली हुई होगी, में तुम्हारी मस्त चूत को खूब कस-कस कर अपने मोटे लंड से फाड़ना चाहता हूँ,

रजनी- कहीं तू झूठ तो नही बोल रही

रश्मि- अपनी मम्मी के सर पर हाथ रख कर तुम्हारी कसम मम्मी भैया तुम्हे पूरी नंगी करके चोदने के लिए बहुत तड़प रहे है, एक बार चुदवा लो ना भैया से

रश्मि- अपनी मम्मी को अपनी बाँहो में भर कर उसका गाल चूमते हुए, मम्मी जब तुम्हारा खुद का बेटा अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके उसके उपर पूरा नंगा होकर अपनी मम्मी की चूत को अपने मोटे लंड से कस कर चोदेगा तब तुम्हे कैसा लगेगा,

रजनी- मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता

रश्मि- मम्मी तुम जैसी जवान कसी हुई घोड़ी को छोड़ कर भैया तो पागल हो जाएगे,

रजनी- क्या में वाकई इतनी मस्त दिखती हूँ

रश्मि- अरे मम्मी तुम्हारी इस गदराई जवानी को देख-देख कर ही तो भैया का मोटा लंड पगलाया हुआ है तभी तो वह रात को तुम्हे नंगी सोच कर मेरे उपर चढ़ने की कोशिश करते है

रजनी- तेरी चूत को जब तेरा भैया सहला रहा था तो तुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्या

रश्मि- हाँ मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था, पर क्या तुम चाहती हो कि भैया आज तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने हाथ में भर कर दबोचे

रजनी- पता नही वह ऐसा करेगा कि नही

रश्मि- मेरे पास एक आइडिया है मम्मी

रजनी-क्या

रश्मि- पर पहले यह बताओ की क्या तुम चाहती हो कि भैया तुम्हारी चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर दबोचे

रजनी- हाँ

रजनी रश्मि की बातों से पागल हो गई थी और उसकी फूली हुई चूत पूरी तरह गीली हो गई थी

रश्मि- अच्छा ठीक है भैया आज तुम्हारी चूत को अपने हाथो में भर कर ज़रूर दबोचेगे पर क्या तुम यह भी चाहती हो कि भैया तुम्हारी फूली हुई चूत को अपने मुँह से दबा-दबा कर चूमे

रजनी- हाँ, में चाहती हूँ कि मेरा बेटा मेरी पूरी चूत को फैला कर अपने मुँह से खूब कस कर चूस ले

रश्मि- अपनी मम्मी की बात सुन कर मुस्कुरा उठती है और उसका हाथ पकड़ कर कमरे में चलने को कहती है

रजनी- कहाँ ले जा रही है,

रश्मि- तुम चाहती हो ना कि भैया रात को तुम्हारी चूत को चूमे और सहलाए
रजनी- हाँ लेकिन

रश्मि- तो फिर जैसा में कहती हूँ वैसा करो आओ मेरे साथ और रश्मि अपनी मम्मी का हाथ पकड़ कर रूम में लेजा कर दरवाजा बंद कर देती है

रजनी- क्या कर रही है बेटी

रश्मि- पहले मुझे अपनी चूत दिखाओ

रजनी- लेकिन क्यो

रश्मि- अरे दिखाओ ना अपनी साड़ी उपर करो और फिर रश्मि खुद अपनी मम्मी की साड़ी उपर तक चढ़ा देती है और रजनी पागलो की तरह उसको देखती रहती है

रश्मि- लो अपनी साड़ी पकडो और फिर रजनी अपनी साड़ी को कमर तक उठा कर पकड़ लेती है और रश्मि अपनी मम्मी की गदराई फूली हुई चूत को देखते हुए उसे अपने हाथो में भर कर, कितने बाल उगा रखे है भैया कभी इस पर अपना मुँह नही रखेगे, उन्हे तो पूरी चिकनी चूत पसंद है, चलो लेट जाओ में तुम्हारे बाल साफ कर देती हूँ

रजनी- पर बेटी मुझे शरम आती है

रश्मि- में कोई लड़का हूँ जो अपनी चूत दिखाने में शर्मा रही हो चलो लेट जाओ और रजनी की साड़ी को उसकी मोटी गदराई गान्ड से पूरा उपर तक चढ़ा कर रश्मि अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर हाथ फेरते हुए उसकी चूत की फूली हुई फांको को फैला कर जब देखती है तो मम्मी तुम भैया के लंड से चुदने के लिए इतना तड़प रही हो और मुझसे कहने में शरमाती हो देखो तुम्हारी चूत कितना पानी छोड़ रही है, फिर रश्मि रेज़र उठा कर अपनी मम्मी के चूत के बाल साफ करने लगती है और रजनी अपनी आँखे बंद किए हुए आराम से लेटी रहती है, कुछ ही देर में रश्मि अपनी मम्मी की फूली हुई चूत के सारे बाल साफ करके उसे एक दम चिकना कर देती है और जब वह अपनी मम्मी की फूली हुई चूत पर हाथ फेरती है तो रजनी एक सिसकी लेती हुई आह रश्मि यह क्या कर रही है,

रश्मि- मम्मी अब देखो अपनी चूत को झट के बाल साफ होने के बाद यह कितनी ज़्यादा फूल कर गदरा गई है भैया जब इसे देखेगे तो पागल हो जाएगे और तुम्हे चोदे बिना नही रह पाएगे, रजनी उठ कर अपनी चूत को देख कर उस पर हाथ फेरती हुई तूने तो सचमुच कितना चिकना कर दिया है इसे

रश्मि- इसलिए कि ताकि भैया अच्छे से तुम्हारी चूत पी सके,

रजनी- क्या राज ने तेरी चूत को भी पिया था

रश्मि- अरे मम्मी तुम बहुत सीधी हो तुम मुझसे कहती थी ना कि तू अपने भैया की गोद में क्यो बैठ जाती है

रजनी- हाँ कहती तो थी

रश्मि- जानती हो क्यो, वो इसलिए कि में अब भैया की गोद में खुद ही जाकर बैठ जाती हूँ और भैया खूब कस कर मेरे सामने ही मेरे रसीले होंठो को चूस्ते हुए मेरी कसी हुई चुचियो को मसलते है

रजनी- उसे आश्चर्य से देखती हुई, क्या तू सच कह रही है

रश्मि- अच्छा तुम देखना चाहती हो कि में जब भैया की गोद में बैठ जाती हूँ तो वह मेरे रसीले होंठो को चूस्ते हुए कैसे मेरे मोटे-मोटे चूचे को खूब कस-कस कर मसल्ते है

रजनी- वो कैसे

रश्मि- अच्छा तुम रूम के अंदर से चुपचाप पर्दे के पीछे से खड़ी होकर बाहर देखना में तुम्हारे सामने ही उस सोफे पर भैया को बैठा कर उनसे अपने चूचे मसलवाउन्गी और देखना वह कितने प्यार से मेरे चूचे को खूब कस-कस कर दबाएगे, बोलो में जाउ तुम देखोगी

रजनी-मुस्कुराकर अपनी वासना को छुपाते हुए, राज ऐसा कभी नही करेगा
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08-16-2019, 12:17 PM,
#34
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि- अच्छा तुम इस पर्दे के पीछे से छुप कर देखो में अभी तुम्हे दिखाती हूँ, पर बाहर मत आना नही तो भैया डर जाएगे और फिर तुम उनसे कभी नही चुदवा पाओगी, इतना कह कर रश्मि राज के रूम की ओर जाने लगती है और उसके जाते ही रजनी अपनी साड़ी उठा कर अपनी चूत में गछ से दो उंगली डाल कर खूब कस-कस कर हिलने लगती है

रश्मि- राज के पास जाकर, भैया में जैसा कहती हूँ वैसा ही करो और जल्दी चलो,

राज – कहाँ

रश्मि- कोई सवाल मत करो और चलकर सोफे पर बैठ कर मेरी टीशर्ट को मेरे चूचे के उपर तक उठा कर खूब कस-कस कर मेरे चूचे को मस्लो और दबाओ और साथ में मेरी जीभ को भी पियो

राज - लेकिन मम्मी

रश्मि- मम्मी की फिकर मत करो वह अपने बाथरूम में अपनी चूत के बाल साफ कर रही है,

राज - पर रश्मि

रश्मि- मेने कहा ना कोई सवाल नही क्या अपनी बहन पर भरोसा नही है

राज - अच्छा चल

रश्मि- ऐसे नही मुझे अपनी गोद में उठा कर ले चलो

राज - मुस्कुराते हुए ओके और फिर राज रश्मि को अपनी गोद में उठा कर जैसे ही बाहर लाता है रजनी पर्दे के पीछे से उन दोनो को देख कर पागल हो जाती है और उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है

राज सोफे पर रजनी की नज़रो के बिल्कुल सामने बैठ जाता है और रश्मि को अपनी गोद में बैठा कर उसके होंठ को चूमता हुआ उसकी टीशर्ट को उपर उठा कर एक झटके में पूरे मोटे-मोटे चूचे को नंगे कर देता है और फिर रश्मि की मोटे-मोटे कसे हुए चूचे को खूब ज़ोर-ज़ोर से भींच-भींच कर दबाने लगता है,

रजनी वह दृश्य देख कर पागल हो जाती है और अपनी आँखे फाडे-फाडे उन दोनो को देखने लगती है






राज कस-कस कर रश्मि के चूचे को मसल्ने लगता है और फिर रश्मि अपनी जीभ उसको निकाल कर दिखाती है और राज अपनी बहन की रसीली जीभ को अपने मुँह में भर कर कस-कस कर उसकी रसीली जीभ को चूस्ता हुआ उसके मोटे-मोटे चूचे को मिजने लगता है, रजनी उन दोनो को देख कर खूब चुदासी हो जाती है और अपनी साड़ी को पूरी उठा कर नंगी होकर अपनी फूली हुई चूत में अपनी उंगली भर कर कस-कस कर अपनी चूत में अपनी उंगली को ठोकने लगती है, राज लगातार रश्मि के कसे हुए मोटे-मोटे चूचे को दबाता हुआ उसकी रसीली जीभ को पीता रहता है, वह दोनो कुछ देर एक दूसरे को चूस्ते रहते है उसके बाद रश्मि उठ कर अपनी मम्मी को सुनाती हुई बस भैया कहीं मम्मी ना आ जाए अब जाओ तुम अपने रूम में और राज उसकी चूत को उसकी स्कर्ट के उपर से दबोचता हुआ अपने रूम में चला जाता है और रश्मि मुस्कुराते हुए वापस अपनी मम्मी के पास आती है और रजनी जल्दी से अपनी साड़ी नीचे कर लेती है,

रश्मि- अब तो यकीन हो गया मम्मी की भैया हम दोनो को चोदने के लिए कितना तड़प रहे है,

रजनी- गहरी सांस लेती हुई लॉट कर बेड पर आकर बैठ जाती है और रश्मि उसके पीछे आकर बैठते हुए

रश्मि- मम्मी इतनी गहरी साँसे क्यो ले रही हो, लगता है तुम्हे बहुत अच्छा लग रहा था जब भैया मुझे अपनी गोद में बैठा कर मेरे चूचे मसल रहे थे, है ना

रजनी- उसको देखती है उसका मुँह पूरा लाल हो रहा था, वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नही लग रही थी, रश्मि उसकी स्थिति को समझ रही थी और वह अपनी मम्मी को इतना पागल कर देना चाहती थी कि उसकी मम्मी उससे खुद कहने लगे कि रश्मि मेरी भी चूत को मेरे बेटे से चुदवा दे

रश्मि- अपनी मम्मी के गले में हाथ डाल कर उसके गालो को चूमती हुई अपने उपर झुका कर धीरे से अपना हाथ अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चूचे पर लेजा कर कस कर उसके चूचे दबाती हुई, मम्मी जब भैया ऐसे मसल्ते है ना चूचे तो बहुत मज़ा आता है, बोलो तुम्हे मसलवाना है, भैया तो तुम्हारे मोटे-मोटे चूचे देख कर इन्हे खूब दबोच-दबोच कर अपनी प्यारी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदेन्गे, और फिर रश्मि खूब ज़ोर से अपनी मम्मी के चूचे दबा देती है

रजनी- आह, रश्मि यह क्या कर रही है,

रश्मि- अच्छा तुम अपनी चूत दिखाओ अब बिना बालो के कैसी लग रही है और रश्मि अपनी मम्मी की साड़ी को उठाने लगती है

रजनी- उसका हाथ पकड़ते हुए रश्मि यह क्या कर रही है

रश्मि- मुस्कुराते हुए अरे मम्मी में जानती हूँ तुम्हारी पूरी चूत से खूब पानी बह रहा है, तो क्या हुआ मेरी चूत भी खूब पानी छोड़ रही है, तुम लेट जाओ में ज़रा देखु तो,

रजनी- रश्मि दरवाजा खुला है राज आ जाएगा

रश्मि- अच्छा तुम लेट जाओ में दरवाजा बंद कर देती हूँ और रश्मि उठ कर दरवाजा बंद कर देती है और फिर से अपनी मम्मी के पास आकर उसे धकेलते हुए लिटा देती है और उसकी साड़ी को उसकी मोटी गदराई जाँघो से पूरी तरह उठा कर उसके पेट तक चढ़ा देती है और रजनी की फूली हुई चिकनी चूत उसके सामने आ जाती है, रश्मि अपनी मम्मी की फूली हुई पूरी चूत को अपनी मुट्ठी में भरते हुए

रश्मि- वाह मम्मी कितनी गदराई और फूली हुई चूत है तुम्हारी भैया जब इसे देखेंगे तो पागल हो जाएगे, तुम जानती हो भैया तुम्हारी चूत को कैसे मसलना चाहते है

रजनी- कैसे

रश्मि- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को कस कर अपने हाथो से दबोचती है और रजनी आह करते हुए

रजनी- रश्मि मत कर में मर जाउन्गी

रश्मि- अपनी मम्मी के साइड में लेट कर उसकी फूली हुई बुर को सहलाते हुए, बोलो भैया से अपनी चूत मरवाओगी

रजनी- तड़प्ते हुए हाँ

रश्मि- अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को दबोच कर कैसे मरवाओगी अपने बेटे से अपनी फूली हुई चूत

रजनी- आह, पूरी नंगी होकर

रश्मि- तुम जानती हो भैया सबसे ज़्यादा किसको चोदना चाहते है

रजनी- मुझे

रश्मि- कैसे चोदना चाहते है भैया तुम्हे

रजनी- अपनी आँखे बंद किए हुए, पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता है वो

रश्मि- भैया की गोद में बैठोगी

रजनी- हाँ

रश्मि- उसकी चूत को दबोचते हुए, भैया का मोटा लंड चुसोगी

रजनी- आह हाँ

रश्मि- आज रात को भैया के साथ कैसे सौओगि

रजनी- पूरी नंगी होकर

रश्मि- क्या तुम अपने बेटे से अपनी चूत मरवाना चाहती हो

रजनी- हम रश्मि में अपने बेटे से पूरी नंगी होकर खूब चुदना चाहती हूँ

रश्मि- उसकी चूत को सहलाते हुए और क्या करोगी अपने बेटे के साथ

रजनी- पूरी नंगी होकर उसको अपनी चूत पिलाउन्गी

रश्मि और कुछ कहना चाहती थी लेकिन तभी उसका मोबाइल बज उठता है और वह जब मोबाइल पर कोमल का नाम देखती है तो अपने मन में कुतिया कही कि इसे अभी मरना था और वह फोन अटेंड करती है और रजनी उठ कर अपनी साड़ी नीचे करती हुई अपनी चूत का पनी पोछ कर रश्मि का मुँह चूमकर उसकी और मुस्कुराते हुए रूम के बाहर चली जाती है और रश्मि भी अपनी मम्मी को मुस्कुराते हुए देखती हुई कोमल से बाते करने लगती है,

कोमल- यार रश्मि क्या बात है आजकल याद ही नही करती है

रश्मि- अरे बाबा में तो तुझे रोज याद करती हूँ पर अब थोड़ा घर के कम में भी मम्मी की हेल्प करना पड़ती है ना

कोमल- आज कल मेरी चूत मुझे बहुत परेशान कर रही है, कुछ बता ना क्या करूँ

रश्मि- हँसते हुए, अच्छा दूसरो को राय देने वाली आज खुद ही राय माँग रही है, तू तो खुद इस मामले में मेरी गुरु है

मुझसे क्या पूछ रही है,

कोमल- रश्मि मज़ाक मत कर यार में सचमुच बहुत चुदासी हूँ और मुझे अपनी फूली हुई चूत मराने के लिए एक अच्छा

तगड़ा मोटा लंड चाहिए

रश्मि- कुछ सोच कर अच्छा एक काम कर तू आज शाम को मुझसे वही पहले वाली जगह पर मिल फिर हम बैठ कर बाते करते है,

कोमल- ठीक है में पहुच जाउन्गी

रश्मि- चल ठीक है बाइ

कोमल- ओके बाइ

रश्मि- अरे मम्मी यहाँ क्यो आकर बैठ गई

रजनी- मुस्कुराते हुए, तो क्या करूँ तू तो मेरी जान लेने पर तुली हुई थी

रश्मि- मम्मी जान तो आपकी भैया लेंगे, जब आपको पूरी नंगी करके कस-कस कर आपकी फूली हुई चूत मारेंगे

रजनी- रश्मि में नही जानती थी तू इतनी गंदी हो जाएगी, तू बहुत बदमाश हो गई है
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08-16-2019, 12:17 PM,
#35
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि- क्या करूँ मम्मी तुम्हारे बेटे ने अपना मोटा लंड मेरी गान्ड में चुबा-चुबा कर मुझे इतनी गंदी बना दिया है

और अब वह तुम्हे भी पूरी गंदी बना देना चाहता है, तुम जानती हो भैया पूरी रात मुझसे गंदी-गंदी बाते करते है

रजनी- क्या बाते करता है वह तुझसे

रश्मि- वह सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही मुझसे बाते करते है, पर रात को चूचे मेरे दबाते है और बाते तुम्हारी करते है

रजनी- क्या कहता है मेरे बारे में

रश्मि- नखरा करती हुई वह में तुम्हे बाद में बताउन्गी

रजनी- उसके गले में हाथ डाल कर मेरी प्यारी बेटी प्लीज़ बता दे ना

रश्मि- ऐसे नही बताउन्गी

रजनी- तो फिर कैसे बताएगी

रश्मि- एक शर्त पर बताउन्गी

रजनी- कौन सी शर्त

रश्मि- तुम्हे बैठ कर मेरी चूत सहलानी पड़ेगी तभी में इतनी गंदी बाते तुमसे कह पाउन्गी

रजनी- पर यहाँ तेरा भैया आ जाएगा तो

रश्मि- यहाँ नही कमरे में चलो

रजनी- मुस्कुराते हुए अच्छा चल और फिर रश्मि मुस्कुराती हुई अपनी मम्मी के साथ चल देती है और दोनो रूम में

जाकर दरवाजा बंद कर लेती है

रश्मि जाकर बेड पर अपनी स्कर्ट उपर करके लेट जाती है और रजनी उसकी पेंटी के उपर से उसकी चूत को सहलाते हुए अब बता

रश्मि- ऐसे नही पेंटी उतार कर सहलाओ ना

रजनी- मुस्कुराते हुए उसकी पेंटी उतार कर उसकी फूली हुई चूत पर हाथ फेरते हुए अब बोल भी
रश्मि- आह क्या बोलूं मम्मी

रजनी- यही कि राज मेरे बारे में तुझसे क्या गंदी बाते करता है

रश्मि- मम्मी भैया कहते है रश्मि मम्मी कितनी गदराई हुई है, पूरी नंगी कैसी लगती होगी

रजनी- और क्या कहता है

रश्मि- और कहते है कि रश्मि मम्मी की मोटी गान्ड कितनी मस्त है एक बार मुझसे मम्मी नंगी देखने को मिल जाए तो मज़ा आ जाएगा, तुम्हे मालूम है मम्मी मेने तुम्हारी मोटी गान्ड का फोटो भी भैया को दिखाया था

रजनी- तो फिर क्या कह रहा था वह

रश्मि- मम्मी भैया तुमको पूरी नंगी करके तुम्हे खूब कस-कस कर चोदना चाहते है वो कहते है मम्मी की फूली हुई

चूत को चाटने का उनका बहुत मन करता है, वह तुम्हे नंगी देखने के लिए तड़प रहे है, एक बार उनके सामने तुम नंगी हो जाओ ना

रजनी- रश्मि की चूत को दबाते हुए कैसे नंगी हो जाउ, मुझे शर्म आती है

रश्मि- अच्छा तुम चाहती हो ना कि भैया पूरे नंगे होकर तुम्हे पूरी नंगी करके अपने बदन से चिपका ले

रजनी- चाहती तो हूँ पर यह सब कैसे होगा

रश्मि- अच्छा में जैसा कहती हूँ वैसा ही करो

रजनी- क्या करूँ

रश्मि- चलो पहले अपनी साड़ी और पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो जाओ

रजनी- पर क्यो

रश्मि- में तुम्हारा नंगा फोटो खींच कर भैया को दिखाती हूँ

रजनी- में नही होउंगी

रश्मि- तुम्हे भैया का मोटा खड़ा लंड देखना है कि नही

रजनी- देखना है पर

रश्मि- में तुम्हे अभी भैया का मोटा लंड दिखा सकती हूँ

रजनी- वह कैसे

रश्मि- तुम पूरी नंगी होकर फोटो खिचवा लो फिर में भैया को बाहर सोफे पर बैठा कर तुम्हारा फोटो दिखाउन्गा और उनका लंड उनकी पेंट से बाहर निकल कर सहलाउन्गा तब तुम रूम के अंदर से चुपचाप देख लेना

रजनी- नही रश्मि मुझे डर लग रहा है

रश्मि- अरे इसमे डरने वाली क्या बात है में अभी तुम्हे भैया का मोटा लंड दिखा सकती हूँ अब चलो जल्दी से अपने कपड़े उतारो और रश्मि उठ कर रजनी का ब्लौज खोलने लगती है, आज भैया जब अपनी खुद की गदराई जवान मम्मी को पूरी नंगी देखेंगे तो फिर देखना उनका लंड कितना मोटा हो जाता है अपनी मम्मी को चोदने के लिए और रश्मि अपनी मम्मी का ब्लौज खोल कर उसके गदराए चूचे को पूरा नंगा कर देती है और फिर उसे खड़ी करके उसकी साड़ी और पेटिकोट उतार देती है, रजनी पूरी नंगी खड़ी हो जाती है और रजनी उसकी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए हाय मम्मी क्या गदराई और चिकनी चूत है तुम्हारी भैया तो पागल हो जाएगे अपनी मम्मी की ऐसी गदराई फूली हुई चूत को देख कर

रजनी- रश्मि राज क्या सोचेगा मुझे नंगी देख कर

रश्मि- अभी उनका मोटा लंड जब देखोगी तो खुद ही समझ जाओगी कि भैया क्या सोचते है अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख कर, चलो पीछे घूम जाओ अब तुम्हारी मोटी गान्ड का फोटो खिचना है और फिर रश्मि अपनी मम्मी को घुमा कर उसकी मोटी गदराई गान्ड पर हाथ मारते हुए वाकई मम्मी क्या मोटे-मोटे चूतड़ है तुम्हारे तभी तो भैया तुम्हे चोदने के लिए मरे जा रहे है और फिर रश्मि अपनी मम्मी का हर तरफ से फोटो खींच कर अब तुम चुपचाप दरवाजे के पास पर्दे के पीछे से चुप कर देखो और हाँ ऐसे ही नंगी होकर अपने बेटे का मोटा लंड देखना तब तुम्हे और भी मज़ा आएगा अब में जा रही हूँ भैया के पास और रश्मि मुस्कुराती हुई अपने भैया के रूम की ओर चल देती है और उसके जाते ही रजनी अपनी
फूली हुई चूत में अपनी दो उंगलिया सट से डाल कर अपनी आँखे बंद करके अपने बेटे के मोटे लंड को सोचने लगती है और उसे अपनी बंद आँखो से अपने बेटे का मोटा लंबा लंड नज़र आने लगता है और वह मन में सोचने लगती है कि उसका बेटा उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर उसकी फूली हुई चुत को चोद रहा है,






रश्मि अपने भैया के रूम में जाकर चलो भैया एक चीज़ दिखाती हूँ और फिर उसका हाथ पकड़ कर सोफे पर लाकर बैठते हुए, अपनी मम्मी के रूम के पर्दे की ओर चुपचाप नज़र मार कर देखती है तो रजनी उसे पर्दे से झाँकती हुई नज़र आ जाती है और वह थोड़ी तेज आवाज़ में

रश्मि- भैया मम्मी को नंगी देखोगे

राज - वो कैसे और मम्मी कहाँ है

रश्मि- वह तो अपने रूम में सो रही है

राज - तो फिर में नंगी कैसे देखूँगा अपनी मम्मी को

राज की बात सुन कर रजनी अपनी फूली हुई चूत को कस कर दबा लेती है

रश्मि- पहले बोलो मम्मी को पूरी नंगी देखना है कि नही

राज - हाँ देखना है

रश्मि- तो अपना पेंट और अंडरवेर नीचे सरकाओ

राज - मगर क्यो

रश्मि- में जैसा कहती हूँ वैसा करो मुझे तुम्हारा मोटा लंड देखना है और फिर रश्मि अपने भैया की पेंट को खुद ही
खोलकर उसकी पेंट को उसके पैरो में गिरा देती है और उसकी अंडरवेर के उपर से ही उसके मोटे लंड को सहलाती हुई भैया आप ऐसे ही खड़े रहना में सोफे पर बैठ जाती हूँ और फिर रश्मि सोफे पर बैठ कर अपने भैया का मुँह पर्दे की ओर कर देती है और उसके हाथ में मोबाइल देते हुए लो देख लो अपनी मम्मी को पूरी नंगी, राज अपने हाथो में मोबाइल लेकर अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख कर पागल हो जाता है और उसका मोटा लंड उसके अंडरवेर को उपर उठाने लगता है, रजनी की साँसे तेज हो जाती है और वह अपनी चूत में अपनी दो उंगलिया भर कर उसे चोदने लगती है,

राज - अरे मेरी प्यारी बहना क्या गदराई और फूली हुई चूत है मम्मी की वाह मज़ा आ गया ओह क्या मोटी गान्ड है मम्मी की, मम्मी का नंगा बदन देख कर ऐसा लगता है कि मम्मी के गदराए नंगे बदन से पूरा नंगा होकर चिपक जाउ और अपनी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदु,

रजनी राज के मुँह से ऐसी बाते सुन कर पागल हो जाती है और तभी रश्मि अपने भैया का अंडरवेर पूरा नीचे सरका देती है और उसका मोटा लंड जैसे ही रजनी के सामने आता है वह उसे आँखे फाड़-फाड़ कर देखने लगती है और रश्मि अपने भैया के मोटे लंड को सहलाते हुए उँची आवाज़ में, भैया कैसी लगती है मम्मी पूरी नंगी

राज - हाई रश्मि मम्मी तो बहुत ही मस्त घोड़ी लग रही है कितनी गदराई हुई है मेरा तो अपनी मम्मी की फूली हुई चूत मारने का मन कर रहा है, रश्मि राज के लंड को खूब मसल-मसल कर सहलाती है और राज अपनी मम्मी के नंगे फोटो को आँखे फाड़-फाड़ कर देख रहा था, रजनी अपने हाथो से अपनी चूत को खूब मसल्ते हुए अपने बेटे का मोटा लंड देख रही थी,

रश्मि- भैया मम्मी कह रही थी कि वह तुमसे बहुत प्यार करती है पर तुम्हे उसका कोई ख्याल नही है वह तुम्हे अपने सीने से लगा कर प्यार करना चाहती है, बोलो मम्मी के सीने से लगोगे कि नही

राज - हाँ रश्मि मम्मी को पूरी नंगी देख कर तो में मम्मी को चोदने के लिए तड़प रहा हूँ, फिर सीने से लगने की बात ही क्या है

रश्मि- तो ठीक है अब अपनी पेंट पहन लो और में मम्मी को बुलाती हूँ जब वह आएगी तो बेचारी को अपने सीने से लगा लेना वह तुम्हे बहुत प्यार करती है, और में ज़रा कोमल से मिलने जा रही हूँ, और फिर रश्मि उसका पेंट उपर चढ़ा कर उसे सोफे पर बैठने को कहती है और अपनी मम्मी के रूम की ओर जाने लगती है, रजनी उसे देख कर जल्दी से अपने कपड़े उठा कर पहनने लगती है,

रश्मि- मम्मी में ज़रा कोमल से मिल कर आती हूँ तुम भैया के पास जाकर बैठो और वह तुम्हारा अपना बेटा है उसे अपने सीने से लगाकर खूब प्यार करो यह नही कि अब अपने बेटे को अपने सीने से लगाने में भी शरमाने लगो, शाम को में तुम्हे बताउन्गा की रत को क्या करना है

रजनी- लेकिन रश्मि तू कहाँ जा रही है

रश्मि- मुस्कुराते हुए तुम फिकर मत करो एक दो दिन में भैया तुम्हे पूरी नंगी करके कस के चोदेन्गे बस तुम वही करती जाओ जैसा में कह रही हूँ और फिर रश्मि बाहर चली जाती है, थोड़ी देर बाद रजनी बाहर आती है और अपने आप को रिलॅक्स करती हुई,

रजनी- क्या कर रहा है राज

राज - आओ मम्मी रश्मि कह रही थी कि तुम मुझे बहुत मिस कर रही हो और फिर राज अपनी मम्मी की गदराई जवानी को घूरता हुआ खड़ा होकर उसके पास जैसे ही जाता है रजनी की चूत का फूला हुआ दाना जोरो से फड़कने लगता है और राज अपनी मम्मी के भरे हुए गदराए गालो को अपने दोनो हाथो से थामता हुआ, उसकी आँखो में देख कर में जानता हूँ मम्मी आप मुझे बहुत प्यार करती हो, पर में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके बिना एक पल नही रह सकता हूँ, उसके इस तरह से अपने भरे हुए गालो को पकड़ कर देखने से रजनी की चूत पानी-पानी हो जाती है और तभी राज अपनी मम्मी के गदराए जिस्म को अपनी मजबूत बाँहो में भर कर उसके मोटे-मोटे चूचे को अपनी छाती से जाकड़ लेता है और
रजनी भी अपने बेटे से कस कर चिपक जाती है,
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08-16-2019, 12:17 PM,
#36
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
राज अपनी गदराई भरे बदन की मम्मी से बुरी तरह चिपके हुए उसके गोरे और भरे हुए गालो को अपनी औरत समझ कर चूमने लगता है और उसका मोटा लंड अपनी मम्मी की गदराई जवानी को चोदने के लिए पागल होने लगता है रजनी राज के सीने को कस कर अपने मोटे-मोटे चूचे से दबाए रहती है और राज अपनी मम्मी के भारी-भारी उभरे हुए चुतड़ों पर अपना हाथ फेरता हुआ उन्हे सहलाने लगता है, अपनी मम्मी के मोटे-मोटे भारी और गुदाज चुतड़ों का अहसास राज को पागल कर देता है और एक बार तो उसके हाथो की उंगलिया उसकी मम्मी की मोटी गान्ड की फैली हुई दरार में चली जाती है और रजनी एक हल्की सी सिसकारी मार देती है रजनी केवल साड़ी और पेटिकोट पहने होती है इसलिए उसकी गान्ड की मोटी दरार राज के हाथो में आसानी से आ जाती है और राज अपनी मम्मी के चुतड़ों पर अपने हाथ लगातार फेरता हुआ अपनी मम्मी के भारी-भारी मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाता हुआ अपनी मम्मी के गुलाबी गालो को अपने होंठो से चूमता रहता है

राज - मम्मी आज तुमने अपने मुँह में क्या लगाया है कितनी अच्छी खुश्बू आ रही है और फिर राज अपनी मम्मी के
गोरे-गोरे भरे हुए गालो को पागलो की तरह चूमता हुआ अपनी मम्मी के गुदाज और भरे हुए चुतड़ों को कस कर दबाने लगता है और

रजनी- अपने बेटे को अपने मोटे-मोटे चूचे से कस कर दबाती हुई, बेटे में तुझसे बहुत प्यार करती हूँ, तू मुझे ऐसे ही रोज प्यार किया कर

राज - अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने दोनो हाथो से अपने लंड की ओर दबाता है जिससे उसका मोटा लंड उसकी मम्मी की फूली हुई चूत में उसकी साड़ी के उपर से घुसने की कोशिश करता है और रजनी की फूली हुई चूत की फूली हुई फांके अलग-अलग हो जाती है और उसकी फूली हुई चूत का खड़ा हुआ भज्नासा फड़कने लगता है फिर राज अपनी मम्मी के गालो को चूमता हुआ, हाँ मम्मी आज से में आपको खूब प्यार करूँगा आपके बिना तो में भी नही रह पाता हू, और फिर राज अपनी मम्मी के गदराए बदन को सहलाता हुआ उसे बेतहाशा चूमने लगता है,

रजनी अपने बेटे के खड़े लंड की करारी चुभन अपनी फूली हुई चूत पर महसूस करते ही उसे अपने मोटे-मोटे चूचे से कस कर दबा लेती है, राज लगातार अपनी मम्मी के गदराए हुए मोटे-मोटे चुतड़ों को अपने हाथो से सहलाता हुआ बार-बार अपनी उंगलियो को अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की गहरी दरार में भर कर उसकी गुदा को सहला देता है, रजनी उसकी हरकत से पागल होने लगती है, राज का मन करता है कि अभी मम्मी की फूली हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर कस कर दबोच दे और रजनी का मन करता है कि अभी अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो से खूब कस-कस कर दबोचने लगे, दोनो इतने चुदासे हो चुके होते है कि अचानक राज अपनी मम्मी के गालो को चूमता हुआ उसके रसीले होंठो को
चूम लेता है और बस उसी क्षण रजनी को ऐसा लगता है कि उसकी फूली हुई चूत पानी छोड़ देगी,

रजनी- मुस्कुराते हुए बेटे यह क्या कर रहा है

राज - कुछ भी तो नही मम्मी

रजनी- मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़ कर आ मेरे पास बैठ जा और फिर उसे लेकर सोफे पर बैठ जाती है

रजनी- रश्मि कह रही थी कि तू कश्मीर में हमेशा मेरी ही बाते करता था

राज - अपने मन में मम्मी तुम ऐसी गदराई हुई हो कि मुझे दिन रात तुम्हारा नंगा बदन ही याद आता रहता है,

राज - अपनी मम्मी के गालो को चूमता हुआ, हाँ मम्मी में हमेशा आपकी ही बाते करता था, आपको प्यार जो इतना करता हूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए, तो फिर मुझे अपने साथ क्यो नही ले गया

राज - मम्मी अगली बार सिर्फ़ हम दोनो ही घूमने जाएगे, रश्मि को भी हम नही ले चलगे

रजनी- पता नही तू अपनी मम्मी को कब घुमाने ले जाएगा

राज - बहुत जल्दी ही में आपको दुनिया की हर खुशी दूँगा

रजनी- मुस्कुराते हुए अपने मन में, लगता है तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोद कर सारी खुशिया देगा
दोनो बैठे -बैठे बाते करते रहते है और उधर रश्मि कोमल के पास पहुच जाती है

रश्मि- क्यो मेडम क्या कह रही थी फोन पर

कोमल- सीरियस होते हुए, रश्मि तुझे मज़ाक सूझ रहा है और मेरी चूत एक मोटे लंड के लिए तड़प रही है और कोई मोटा लंड मुझे नज़र भी नही आ रहा है

रश्मि- उसके चूचे को मसल्ते हुए अपने पापा का लंड क्यो नही ले लेती उनका लंड तो खूब मोटा होगा
कोमल- गुस्साते हुए तू फिर मज़ाक करने लगी

रश्मि- क्यो जब में चुदने की बात करती थी तब तू भी तो मुझे अपने भैया का मोटा लंड लेने की सलाह देती थी अब क्या हुआ, क्या तेरे पापा का लंड मोटा नही है

कोमल- अरे क्या मेने अपने पापा का लंड देखा है जो में तुझे बता दूं कि मोटा है कि नही

रश्मि- उसके मोटे-मोटे चूचे को दबोचते हुए, रानी एक बार अपने पपाजी का मोटा लंड देख लेगी तो तेरी चूत उनके मोटे लंड पर मरने के लिए तड़पने लगेगी

कोमल- रश्मि मज़ाक मत कर यार कोई सही रास्ता बता ना जिससे मुझे किसी का डर भी ना हो और मेरी चूत को एक मोटे लंड से चुदने का भी मोका लग जाए

रश्मि- अरे में मज़ाक नही कर रही हूँ, अगर तू अपने पापा से चुद जाएगी तो तुझे क्या दिक्कत रहेगी आराम से घर में ही तुझे तगड़ा लंड खाने को मिल जाएगा, अच्छा ये बता क्या तेरे पापा हॅंडसम नही है

कोमल- वो तो है और उनका बदन भी खूब कसरती है, मेरी मम्मी इतनी मोटी है उसके बाद भी मेरे पापा को मेने कई बार उनको अपने गोद में उठाते देखा है

रश्मि- फिर तो तेरे पापा का लंड भी खूब मोटा होगा, तेरी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब हुमच-हुमच कर चोदते होंगे,

कोमल- हाँ ये तो है, पर मेरी मम्मी इतनी गदराई और मस्त है, खूब मोटे-मोटे गदराए हुए चूतड़ है उसके और उसकी चूत भी खूब फूली हुई है, मेरे पापा तो उसको पूरी नंगी करके उसे चोद कर खूब खुश रहते होंगे तो फिर वह मुझे क्यो चोदेगे और उपर से में उनकी बेटी हूँ,

रश्मि- अरे मेरी रानी तू इन मर्दो की जात को नही जानती यह नंगी चूत देखने और उसे कस-कस कर चोदने के खूब भूखे होते है इन्हे अगर अपनी माँ, बहन या बेटी भी नंगी देखने को मिल जाए तो वह उसकी फूली हुई चूत को देखने से नही चूकते है, और तेरे पापा की उमर के मर्दो को तो तुझ जैसी कच्ची कली की चूत मारने में बहुत मज़ा आता है, तेरे पापा भी जवान लोंदियो की चूत फाड़ने के सपने भी ज़रूर देखते होंगे, अच्छा तेरे पापा का नाम क्या है में भूल गई

कोमल- रवि

रश्मि- और तेरी मम्मी का

कोमल- मालती

रश्मि- अच्छा यह बता तूने कभी अपनी मम्मी को तेरे पापा से अपनी चूत मरवाते हुए देखा है कि नही
कोमल- नही

रश्मि- तेरी मम्मी कितने साल की होगी

कोमल- 38

रश्मि- और तेरे पापा

कोमल- 40

रश्मि- फिर तो तेरे पापा अभी भी तेरी मम्मी को कस कर चोदते होंगे

कोमल- हाँ वो तो है कई बार मेने मम्मी को अपने पापा से चुदने के बाद केवल पेटिकोट पहने हुए बाथरूम में जाते देखा है,

रश्मि- अच्छा यह बता कभी तेरे पापा ने तुझे नंगी देखा है

कोमल- नही

रश्मि- कभी तुझसे बात करते हुए तुझे छूते है

कोमल- कभी-कभी हाथ पकड़ कर या कमर के पीछे हाथ रख कर बाते करते है

रश्मि- कभी तू उनकी गोद में बैठी है

कोमल- नही

रश्मि- अच्छा कभी तूने अपने गदराए बदन का अहसास उनके हाथो को नही करवाया

कोमल- अब यू थोड़ा बहुत छु लेते है

रश्मि- अच्छा तेरे पापा जब तुझसे बात करते है तब उनकी नज़रे तेरे मोटे-मोटे चूचे पर जाती है कि नही

कोमल- जाती तो है लेकिन जब में ब्रा नही पहनती हूँ और सिर्फ़ घर में टीशर्ट पहन कर घूमती हूँ तब वह मेरे चूचे को कई बार देखने लगते है

रश्मि- तो मेरी रानी अब तू एक काम कर सबसे पहले तो तू अपने पापा को अपनी मम्मी को चोदते हुए देखने का जुगाड़ कर और देख कि तेरे पापा का लंड कितना मोटा है और वह तेरी मम्मी को किस तरह कस-कस कर चोदते है, दूसरी बात अब से अपने पापा के पास जाकर उन्हे ज़रा अपने गदराए बदन की गर्मी और नर्मी का अहसास करा

कोमल- मतलब

रश्मि- अरे अब जब भी तुझे मोका मिले अपने पापा के पास जाकर उनसे चिपकने की कोशिश करा कर और अगर वह तेरी गान्ड में हाथ फेरने की कोशिश करे तो उनके और करीब चली जाया कर, देखना वह तुझे प्यार करने के बहाने अपनी गोद में ज़रूर बैठाने की कोशिश करेगे और तेरी गान्ड भी तो इतनी मोटी है कि अगर एक बार उन्होने तेरी गदराई गान्ड को अपने हाथो से छु लिया तो फिर वह तुझे बार-बार अपने से चिपकाने की कोशिश करेगे, यू भी मर्द तो औरतो के गदराए बदन को देखते ही उत्तेजित हो जाते है, अगर एक बार तेरे पापा का लंड तेरे लिए खड़ा हो गया तो समझ ले फिर तू नही तेरे पापा खुद तेरी कसी हुई चूत को मारने के लिए तड़पने लगेगे

कोमल- तुझे लगता है यह सब इतना आसान है

रश्मि- मेने कुछ दिन में यह जाना है कि कोई भी काम नामुमकिन नही है, तू अपने पापा को अपने गदराए बदन का एक बार अहसास करवा दे वह खुद ही सोचने लगेगे कि कोमल की चूत कितनी कसी हुई होगी, इसकी गान्ड तो पूरी इसकी मम्मी के उपर गई है, यह नंगी कैसी लगती होगी

कोमल- बात तो तू सही कर रही है, पर कही मम्मी को कुछ पता चल गया तो

रश्मि- तेरी मम्मी तुझ पर शक नही करेगी उसके लिए तू बेफिकर रह और आज से ही अपने कम में भीड़ जा

कोमल- ठीक है में देखती हूँ

रश्मि- फिर मुझे बता कि तूने क्या-क्या किया और क्या हुआ

कोमल- मुस्कुराते हुए ओके

रश्मि- चल अब में चलती हूँ मुझे थोड़ा ज़रूरी कम है

कोमल- मुस्कुराते हुए अपने भैया से चुदना है क्या

रश्मि- मुस्कुराकर यही समझ ले

कोमल- मुस्कुराते हुए चल अच्छा बाइ

रश्मि-बाइ-बाइ

मीटिंग के बाद रश्मि अपने घर आ जाती है और उसकी मम्मी अकेली बैठी हुई टीवी देख रही थी,

रश्मि- मम्मी भैया कहाँ गये

रजनी- अरे वह ज़रा मार्केट तक गया है

रश्मि- मुस्कुराकर क्या भैया से गले लगी कि नही

रजनी- मुस्कुराते हुए, रश्मि अब अपना मुँह बंद रख, आज दिन भर से तूने मुझे बहुत परेशान किया है

रश्मि- मुस्कुराते हुए, अच्छा भोली तो इतनी बन रही हो जैसे तुम्हे मज़ा ही नही आया हो

रजनी- चल शाम हो रही है खाना-वाना बनाना है कि नही

रश्मि- चलो आज में तुम्हे रात को जल्दी फ्री कर देती हूँ और फिर भैया को भी जल्दी ही तुम्हारे पास भेज दूँगी और फिर रश्मि अपनी मम्मी के साथ किचन में घुस जाती है, रात को खाना खाने के बाद राज अपने रूम में चला जाता है और रश्मि अपनी मम्मी के साथ उसके रूम में आ जाती है

रजनी- आज तुझे पढ़ाई नही करना है क्या

रश्मि- मुस्कुराते हुए, क्यो में तुम्हे यहाँ अच्छी नही लग रही क्या

रजनी- नही वो बात नही है

रश्मि- भैया को भेजू तुम्हारे साथ सोने के लिए

रजनी- अपना मुँह जान बुझ कर बनाते हुए, रहने दे तू ही सोजा अपने भैया के साथ, वैसे भी तुझे अपने भैया के साथ सोने में बहुत अच्छा लगता है ना

रश्मि- मुस्कुराते हुए, क्यो तुम्हे अच्छा नही लगता अपने बेटे के साथ सोने में

रजनी- मुस्कुराते हुए, मुझे तो लगता है पर पता नही मेरे बेटे का मन अपनी मम्मी के साथ सोने का करता है या फिर अपनी बहन के साथ

रश्मि- अरे मम्मी उनका मन तो हम दोनो के साथ सोने का करता है वह तो चाहते है कि एक तरफ तुम सो जाओ एक तरफ में सो जाउ और बीच में वह सो जाए

रजनी- मुस्कुराते हुए, कमिनि तू बहुत बड़ी बदमाश रांड़ निकलेगी

रश्मि- चलो अब यह सब बाते छोड़ो और लाओ आज में तुम्हारे होंठो पर थोड़ी लिपस्टिक लगा देती हूँ

रजनी- अरे अब रात में भी कोई लिपस्टिक लगाता है क्या

रश्मि- मुस्कुराते हुए मम्मी अपने देश की अधिकतर औरते रात को ही लिपस्टिक लगा कर सोती है

रजनी- मुस्कुराते हुए, तू भी अपने भैया के साथ लिपस्टिक लगा कर सोती है क्या

रश्मि- अरे मेरे होंठो पर तो भैया ने खुद ही लिपस्टिक लगाई थी

रजनी- मुस्कुराते हुए और फिर लगा कर क्या किया था

रश्मि- कुछ नही लगाने के बाद वापस अपने होंठो से उसे चाट-चाट कर साफ कर दिया था, और आज वह अपनी मम्मी के होंठो की लिपस्टिक चाट-चाट कर साफ करेगे
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08-16-2019, 12:17 PM,
#37
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रश्मि अपनी मम्मी के रसीले होंठो पर खूब डार्क लिपस्टिक लगा देती है और रजनी का चेहरा एक दम चोदने लायक दिखने लगता है,

रश्मि- चलो अपना ब्लौज उतारो

रजनी- वह क्यो

रश्मि- अपनी ब्रा उतार कर रख दो और सिर्फ़ ब्लॉज पहन लो और उपर के दो बटन खुले रखो और फिर रश्मि उसका ब्लॉज उतरवा देती है और फिर वह उसकी साड़ी भी खोलने लगती है

रजनी- अब साड़ी क्यो उतार रही है

रश्मि- मम्मी साड़ी उतार कर अपना पेटिकोट भी उतार दो और सिर्फ़ साड़ी पहन कर ही सोना

रजनी- लेकिन रश्मि ऐसे में तो साड़ी कभी भी सोते में खुल जाएगी

रश्मि- अरे तो क्या हुआ फिर से बाँध लेना चलो अब जल्दी करो और फिर रश्मि फटा-फॅट अपनी मम्मी की साड़ी उतार कर उसके पेटिकोट का नाडा खीच देती है और फिर रजनी अपने गदराए चुतड़ों पर केवल साड़ी पहनकर बाँध लेती है

रश्मि- अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों को पतली सी साड़ी के उपर से दबाती हुई, मम्मी अब भैया तुम्हारे चुतड़ों को जब छुएगे तो उन्हे लगेगा कि तुम पूरी नंगी ही हो, और हाँ एक बात ध्यान रखना उनसे खूब कस कर चिपक कर सोना

और फिर रश्मि रूम से बाहर चली जाती है और राज को मम्मी के पास जाने को कहती है, राज जल्दी से अपनी पेंट उतार कर केवल अपनी अंडर वेअर के उपर टॉवेल पहनकर अपनी मम्मी के रूम में चला जाता है,

रजनी- पहले से ही लेटी हुई थी और राज उसके पास जाकर जाते ही उसके मोटे चुतड़ों पर हाथ रखते हुए, मम्मी सो गई क्या

रजनी- उसको देख कर स्माइल करते हुए हाँ बेटा बस सोने की कोशिश कर रही हूँ आज तो बहुत थकान लग रही है

राज - वही बैठा हुआ उसकी मोटी जाँघो पर हाथ फेरता हुआ तुम्हारे पैर दबा दूं क्या

रजनी- नही बेटा तू तो मेरे पास आकर लेट जा

राज - ठीक है मम्मी और फिर राज अपनी मम्मी के पास जाकर लेट जाता है और जब उसके गदराए भरे हुए चेहरे और
उस पर उसके रसीले होंठो पर डार्क लिपस्टिक देखता है तो उसका लंड अंगड़ाई लेने लगता है

रजनी- दूर क्यो लेता है पास आजा

राज - अपनी मम्मी के करीब सरक कर अपने हाथ को उसके गुदाज पेट के उपर रख लेता है और धीरे-धीरे सहलाते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त जवानी को अपनी आँखो से पीने लगता है, रजनी की चूत तो पहले से ही खूब फूली हुई थी और जब

राज उसके पेट पर अपना हाथ फेरने लगता है तो उसकी चूत और फूलने लगती है,

राज - अपनी मम्मी को अपनी बाँहो में भर कर उसके गदराए हुए गालो को चूम कर मम्मी मुझे आपके साथ सोने में बहुत अच्छा लगता है

रजनी- अपने बेटे के मुँह को अपने मोटे-मोटे चूचे में भर कर दबाती हुई, बेटे मुझे भी तुझसे चिपक कर सोने में बड़ा सुकून मिलता है

राज - मम्मी एक बात कहूँ आप बुरा तो नही मनोगी

रजनी- उसके सर पर हाथ फेरते हुए कोई माँ अपने बेटे की किसी भी बात का बुरा नही मान सकती है, बेटा चाहे अपनी मम्मी के साथ कैसी भी बात कर ले

राज - मम्मी आपके होंठ बहुत खूबसूरत है

रजनी- मुस्कुराकर तो तेरा क्या मन कर रहा है

राज - क्या में आपके होंठ को चूम लूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए क्या कोई बेटा अपनी मम्मी के होंठ चूमता है

राज - मम्मी आपके होंठ मुझे बहुत अच्छे लग रहे है इसलिए कह रहा हूँ

रजनी- ठीक है चूम ले

राज - अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की कल्पना करते हुए उसके रस भरे होंठो को कस कर चूम लेता है और रजनी को ऐसा लगता है जैसे उसका बेटा उसकी फूली हुई चूत को चूम रहा हो

रजनी- अब मेरे सीने से लग कर चुप चाप सो जा और मुझे भी सोने दे

राज - अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को सहलाता हुआ मम्मी अब में आपके होंठो को रोज चुसूंगा

रजनी- क्यो तुझे मेरे होंठ इतने अच्छे लगते है क्या

राज - अपनी गदराई मम्मी को कस कर अपनी बाँहो में भर कर उसके रसीले होंठो को खूब कस कर चूस्ता हुआ मम्मी मुझे तो आप पूरी बहुत अच्छी लगती है ऐसा लगता है में आपसे दिन भर ऐसे ही चिपका रहूं

रजनी- अपने मन में बेटा जब तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके उससे चिपकेगा तो तुझे और भी अच्छा लगेगा

राज - मम्मी आप आराम से सो जाओ में आज आपको सहलाते हुए सुला देता हूँ

रजनी- मुस्कुराते हुए क्यो इतना प्यार करता है अपनी मम्मी से

राज - दुनिया में सब से ज़्यादा, चलो अब अपनी आँखे बंद करके सोने की कोशिश करो

आप सो जाओ में धीरे-धीरे आपकी पीठ सहला देता हूँ तो आपको जल्दी नींद आ जाएगी

रजनी- ठीक है बेटे और फिर रजनी अपनी आँखे बंद कर लेती है और राज अपनी मम्मी की मदमस्त गदराई जवानी की खुश्बू लेता हुआ उसकी पीठ को धीरे-धीरे सहलाता हुआ अपने हाथो को अपनी मम्मी के गदराए हुए चुतड़ों पर ले जाता है और वह अपनी मम्मी के भरे-भरे मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाने लगता है और रजनी अपने बेटे से कस कर चिपक जाती है, राज को अपनी मम्मी के भारी-भारी चुतड़ों को सहलाने में बहुत मज़ा आने लगता है और उसका मोटा लंड उसके टॉवेल को हटाते हुए अंडरवेर को उपर उठा देता है और उसका मोटा लंड रजनी के पेडू में चुभने लगता है, रजनी
अपने बेटे के मोटे लंड के अहसास से पागल होने लगती है, और वह उसकी बाँहो में ऐसे चिपकी रहती है जैसे अभी चुद जाएगी, राज करीब आधे घंटे तक अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को सहलाता रहता है, उसके बाद वह धीरे से

राज - मम्मी सो गई क्या

रजनी- चुपचाप आँखे बंद किए हुए लेटी रहती है और उसका दिल बहुत जोरो से धड़कता रहता है, राज तो पहले से ही जनता था कि उसकी मम्मी केवल नखरा कर रही है और फिर अपनी मम्मी को सुनाते हुए, मम्मी लगता है तुम सो गई हो पर तुम्हारे रसीले होंठ देख कर तुम्हारे बेटे का मन इनको पीने का हो रहा है और राज अपनी मम्मी को अपनी बाँहो में भरकर उसके रसीले होंठो को चूम लेता है और रजनी उस समय आनंद के सागर में डूबने लगती है राज बार-बार अपनी मम्मी के रस भरे होंठो को चूस्ता हुआ उसके मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाता रहता है, फिर अचानक राज अपनी मम्मी के मोटे-मोटे कसे हुए चूचे को अपने मुँह से दबाते हुए उसके चूचे को अपने हाथो का पूरा पंजा फैलाकर कस लेता है और स्पंज की तरह मुलायम और मोटे चूचे को दबाने में उसे बहुत मज़ा आने लगता है और अपनी मम्मी के गदराए बदन को सहलाता हुआ फिर से अपनी मम्मी के रसीले होंठो को चूसने लगता है,

रजनी- अपने मन में राज आज तू तो मेरी जान ले लेगा मुझसे तो चुपचाप पड़े नही रहा जाता है, में क्या करूँ

राज - लगातार अपनी मम्मी के रसीले होंठो को पीता हुआ उसके मोटे-मोटे चूचे मसलता रहता है और रजनी अपनी मोटी जाँघो के बीच अपनी फूली हुई गदराई चूत को दबाए अपने बेटे की और मुँह करके करवट लेकर पड़ी रहती है, थोड़ी देर बाद राज अपनी मम्मी की थोड़ा धकेल कर उसे सीधा चित लिटा देता है और फिर अपने हाथो से उसका गदराया हुआ उठा पेट सहलाते हुए अपने हाथ को धीरे-धीरे अपनी मम्मी की फूली हुई चूत की ओर बढ़ने लगता है और रजनी के दिल की धड़कन तेज होने लगती है, राज अपनी मम्मी के उभरे हुए पेट और पेडू को थोड़ा साड़ी नीचे करके सहलाता और दबाता रहता है और फिर अचानक राज अपनी मम्मी की फूली हुई गदराई छूट को अपनी हथेली में कस कर दबोच लेता है और रजनी की सांस रुकते-रुकते रह जाती है राज अपनी मम्मी की फूली हुई चूत के गुदाज अहसास से पागल हो जाता है और उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाता हुआ थोड़ा उठ कर उसके रसीले होंठो को पीने लगता है,




रजनी उसकी इस हरकत से पागल हो जाती है और अपने हाथ की मुत्ठियो को कसे हुए अपनी फूली हुई चूत को अपने बेटे से मसलवाने का मज़ा लेती रहती है, अब राज धीरे-धीरे अपनी मम्मी की साड़ी को उपर की ओर चढ़ाने लगता है और उसका हाथ अपनी मम्मी की गोरी-गोरी गदराई जाँघो को भर-भर कर दबोचते हुए उपर की ओर बढ़ने लगता है और फिर वह एक दम से अपनी मम्मी की नंगी फूली हुई छूट को अपनी मुट्ठी में कस कर दबोच लेता है और रजनी की चूत ढेर सारा पानी छोड़ने लगती है, राज अपनी मम्मी की नंगी फूली हुई चूत को खूब कस-कस कर दबोचते हुए उसके होंठो को चूसने लगता है, तभी रजनी के मुँह से एक गहरी सिसकी निकल जाती है और राज एक दम से उसे छोड़ देता है और रजनी करवट लेकर दूसरी तरफ मुँह कर के लेट जाती है और राज धीरे से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड से अपने लंड को सटा कर उससे कस कर चिपक कर उसे अपनी बाँहो में भर कर लेट जाता है, उसका मोटा लंड रजनी की साड़ी के उपर से ही उसकी मोटी गान्ड के छेद में घुसा हुआ होता है और राज अपनी कमर को खूब कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड से दबा लेता है,

राज अपना हाथ आगे लेजा कर अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध को खूब कस कर दबोच लेता है और रजनी अंदर ही अंदर सीसियाते हुए खूब मज़ा लेती रहती है, राज धीरे से अपनी मम्मी के भारी और मोटे चुतड़ों से साड़ी उठा कर उसकी गदराई गान्ड को पूरी नंगी कर देता है और जब वह अपनी मम्मी की मोटी और गदराई गान्ड को देखता है तो पागल हो जाता है और जल्दी से उठ कर अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों के पास अपना मुँह रख कर लेट जाता है और फिर अपनी मम्मी की गदराई चिकनी गुदाज जाँघो को अपने हाथो में भर कर अपने मुँह को अपनी मम्मी की गदराई उठी हुई गान्ड से कस कर चिपका देता है, रजनी को जब महसूस होता है कि उसका बेटा उसके मोटे-मोटे चुतड़ों में अपना मुँह भर कर उसकी गदराई गान्ड से अपना मुँह लगाकर सोया है तो उसकी फूली हुई चूत पानी-पानी हो जाती है, राज अपने मुँह को कस कर अपनी मम्मी के भारी-भारी चुतड़ों से कस-कस कर दबाता हुआ अपने एक हाथ को अपनी मम्मी के नंगे पेट पर लेजा कर उसके गदराए पेट को मसलता हुआ अपनी मम्मी के चुतड़ों को पागलो की तरह चूमने लगता है, रजनी दूसरी और करवट लिए हुए अपनी गदराई गान्ड को और ज़्यादा पीछे की ओर उभर देती है और राज के सामने उसकी मम्मी की गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पट चौड़े हो जाते है और उसकी गुदा का कसा हुआ छेद जैसे ही राज को नज़र आता है राज अपनी मम्मी के चुतड़ों के दोनो पाटो को और कस के फैला कर देखता है और फिर वह अपनी मम्मी के मोटे-मोटे भारी भरकम चुतड़ों को खूब कस कर अपने हाथो से फैलाता हुआ अपनी जीभ अपनी मम्मी के भारी चुतड़ों की गहरी दरार में डाल कर चाटने लगता है और रजनी की चूत पानी-पानी हो जाती है.

राज लगातार अपनी मम्मी के मोटे-मोटे नंगे चुतड़ों को फैला-फैला कर चाटने लगता है और वाह मम्मी क्या गजब की मोटी गान्ड है तुम्हारी और तुम्हारे इन भारी चुतड़ों में कितनी गहराई है, राज जब अपनी मम्मी की गुदा को चाटता है तब कभी-कभी उसकी जीभ उसकी मम्मी की फूली हुई चूत के बड़े से गुलाबी छेद में चली जाती है, राज बड़े प्यार से अपनी मम्मी की गदराई गान्ड के मोटे छेद को चाटता हुआ अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को जब सहलाता है तो वह उसे कुछ ज़्यादा ही बड़ी और फूली हुई महसूस होती है और राज अपनी मम्मी की गान्ड से अपनी जीभ निकाल कर उसे पलटा कर सीधा कर देता है और जब बिल्कुल पास से अपनी मम्मी की फूली हुई गदराई चूत जो बिना बालो के बिल्कुल चिकनी लग रही थी को देख कर एक दम से पागल होते हुए अपनी मम्मी की फूली हुई मस्तानी चूत पर सीधे अपना मुँह रख कर उसे कस कर अपने मुँह से दबाता है और रजनी आँखे खोल कर राज की इस हरकत को देख कर पागल हो जाती है उसका मन करता है कि वह राज के सर को पकड़ कर अपनी चूत में दबा दे, राज अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को सुन्घ्ता हुआ उसकी गदराई भोसड़ी पर खूब कस-कस कर अपने मुँह को दबाता है और अपनी मम्मी की गदराई भोसड़ी को खूब कस-कस कर चूमने लगता है रजनी से रहा नही जाता है और वह अपनी जाँघो को थोड़ा सा खोल देती है और राज को उसकी मम्मी की मादक चूत की खुश्बू का अहसास बढ़ता हुआ महसूस होता है और वह अपना मुँह उठा कर अपनी मम्मी की चूत की मोटी-मोटी फांको को अपने हाथो से फैला कर जब देखता है तो अपनी मम्मी की एक दम गुलाबी भोसड़ी को देख कर उसके भगनासे को अपने होंठो से खूब गहराई से चूम लेता है और रजनी को ऐसा लगता है जैसे वह वही मूत देगी, वह बर्दास्त करने की स्थिति में नही रह जाती है और एक दम से करवट लेकर अपनी मोटी-मोटी जाँघो से अपनी फूली हुई चूत को छुपा लेती है और राज अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के पीछे फिर से आ जाता है और उसकी गुदा को फैला-फैला कर फिर से चाटने लगता है,
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08-16-2019, 12:17 PM,
#38
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
जब राज अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के छेद को खूब देर तक जी भर कर चाट लेता है तब वह अपना मोटा लंड बाहर निकाल कर अपनी मम्मी की गान्ड के छेद से सटा कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने लंड से कस लेता है और फिर उसके दूध पर हाथ लेजा कर उसके दूध दबाते हुए अपने लंड को अपनी मम्मी की नंगी गान्ड की गुदा में गढ़ाते हुए मज़ा लेने लगता है, कुछ देर बाद राज सोचता है मम्मी चुपचाप पड़ी मज़ा ले रही है पर कोई रिक्षन नही कर रही है,
लगता है बहुत शरमा रही है, अब में भी सोने का नाटक करता हूँ और मम्मी को भी थोड़ा अपने लंड से खेलने का मोका देता हूँ और राज अपनी मम्मी की गदराई गान्ड से अपने लंड को भिड़ाए हुए चुपचाप लेट जाता है और हरकत करना बंद कर देता है, लेकिन राज का लंड बैठने का नाम नही लेता है और रजनी उसके खड़े लंड को महसूस करती हुई यह जानती रहती है कि राज सोया नही है और राज जब तक जागता है उसका मोटा लंड खड़ा ही रहता है और फिर इंतजार करते-करते उसकी नींद ना जाने कब लग जाती है और जब उसकी आँख खुलती है तो उसके बदन पर उसका अंडरवेर चढ़ा रहता है और टॉवेल उसकी कमर से बँधा रहता है, और वह उठ कर बैठ जाता है तभी रश्मि उसके लिए चाइ लेकर आती है और उसको चाइ देते हुए मुस्कुराकर उसके पास बैठ जाती है और राज भी उसको देख कर मुस्कुराते हुए चाइ पीने लगता है.

रश्मि- क्यो भैया कैसी कटी रात

राज - मुस्कुराते हुए चाइ पीने लगता है

रश्मि- भैया मुस्कुरा तो ऐसे रहे हो जैसे मम्मी को चोद चुके हो

राज - चोदा नही तो क्या हुआ पर रात भर मम्मी का गदराया हुआ बदन सहलाया और दबाया बहुत

रश्मि- भैया कैसा लगा मम्मी का गदराया बदन क्या तुमने उसकी फूली हुई चूत को भी दबोचा था

राज - अरे अब क्या बताऊ रश्मि तुझे मम्मी तो बहुत गरम माल है उसे तो पूरी नंगी करके खूब तबीयत से उसकी फूली हुई चूत मारनी पड़ेगी,

रश्मि- मुस्कुराते हुए, क्यो इतनी पसंद आई मम्मी की चूत

राज - हाँ रश्मि मम्मी बहुत ही मस्त है क्या मोटी-मोटी जांघे थी उसकी क्या गजब के रसीले होंठ थे क्या फूली हुई चूत थी और उसकी सबसे ज़्यादा मस्तानी और गदराई हुई मोटी गान्ड ने तो मुझे पागल कर दिया था, मेने अपना मुँह सीधे मम्मी की नंगी गान्ड में भर दिया था,

रश्मि- क्या तुमने मम्मी की गान्ड पूरी नंगी कर दी थी,

राज - हाँ रश्मि मेने तो रात भर मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को खूब दबोच-दबोच कर सहलाया था, मम्मी बहुत ही सेक्सी है उसको तो पूरी नंगी करके चोदने में मज़ा आ जाएगा,

रश्मि- अच्छा ठीक है में आपके रूम में जा रही हूँ आप जाकर मम्मी से तो मिल लो बेचारी किचन में काम में लगी हुई है, जाओ जाकर थोड़ा अपनी मम्मी को पीछे से दबोच लो बिना चुदे हुए उसे बड़ी तकलीफ़ हो रही होगी,

रश्मि रूम से बाहर चली जाती है और राज अपनी मम्मी के पास किचन में जाता है उसकी मम्मी अपनी मोटी गान्ड उठाए खड़ी हुई काम में लगी थी और राज पीछे से जाकर उसकी मोटी गान्ड से चिपक जाता है

रजनी- मुस्कुराते हुए उठ गया सो कर

राज - पीछे से अपनी मम्मी के गालो में अपने होंठो को फेरता हुआ हाँ लेकिन तुम इतनी जल्दी क्यो उठ गई अभी तो कुछ दिन और मुझे ऑफीस भी नही जाना है,

रजनी- मुस्कुराते हुए तो क्या तेरे साथ दिन भर चिपकी पड़ी रहूं

राज - क्यो आपको मेरे साथ चिपक कर सोना अच्छा नही लगता

रजनी- क्यो तुझे अच्छा लगता है क्या

राज - अपनी मम्मी की मोटी गान्ड में अपना लंड दबाते हुए मुझे तो आपके साथ चिपक कर सोने में बहुत अच्छा लगता है,

रजनी- क्या बात है आजकल अपनी मम्मी पर बहुत प्यार आ रहा है,

राज -अपनी मम्मी के गालो को अपनी जीभ से गीला करता हुआ, आप हो ही इतनी खूबसूरत कि आप पर मुझे बहुत प्यार आता है

रजनी- तू तो ऐसी बाते कर रहा है जैसे में तेरी मम्मी नही तेरी बीबी हूँ

राज - का लंड खड़ा हो चुका था अपनी मम्मी की गदराई मोटी गान्ड से चिपकने के कारण, मम्मी आपको तो में अपनी बीबी से भी ज़्यादा प्यार करूँगा, आप के बिना तो में रह ही नही सकता और फिर अपनी मम्मी को अपनी ओर घुमा कर राज उसको अपनी बाँहो में कसता हुआ, अपनी मम्मी के रसीले होंठो को अपने मुँह में भर कर खूब कस कर चूस लेता है

रजनी- मुस्कुराते हुए यह क्या कर रहा है बेटे

राज - मम्मी मुझे आपके होंठ बहुत अच्छे लगते है एक बार चूमने दो ना

रजनी- का चेहरा लाल हो गया था और, पर बेटे

राज - पर-वर कुछ नही मम्मी प्लीज़ मुझे अपने होंठो को पी लेने दो ना, और फिर राज अपनी मम्मी की गदराई मोटी गान्ड को अपने हाथो में भर कर कस कर मसलता हुआ अपनी ओर खींच कर उसके रसीले होंठो को फिर अपने मुँह में भर लेता है, रजनी की चूत फिर से फूल जाती है और वह भी राज को अपने मोटे-मोटे दूध से लगाते हुए, राज यह क्या कर रहा है बेटे रश्मि देखेगी तो क्या सोचेगी

राज - अपनी मम्मी की गदराई हुई गान्ड को अपने दोनो हाथो से विपरीत दिशा में फैलाता हुआ उसके होंठो को चूम कर अरे मम्मी रश्मि क्या कोई भी देखेगा तो यही सोचेगा ना कि एक बेटा अपनी मम्मी को प्यार कर रहा है, और फिर आप है ही इतनी सुंदर की आपको तो देख कर किसी का भी मन आपको प्यार करने का होगा

रजनी- मुस्कुराते हुए क्या तुझे अपनी मम्मी इतनी अच्छी लगती है

राज - मम्मी जब में आपके करीब आता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है कि में आपको अपने सीने से लगाकर खूब प्यार करू सच में आप बहुत खूबसूरत है और राज उसके चुतड़ों को दबाता हुआ उसके रसीले होंठो को फिर से चूसने लगता है

रजनी- बेटे अब हट मुझे काम करने दे बाद में तेरी जो इच्छा हो कर लेना

राज - अच्छा ठीक है आप जल्दी से काम ख़तम कर लो में तब तक बाहर बैठ कर आपका वेट करता हू

रजनी- मुस्कुरा कर उसके गालो को चूम लेती है और फिर राज रूम के बाहर आ जाता है

रश्मि रूम में लेटी हुई कोमल को कॉल करती है और

रश्मि- हाँ कोमल बोल क्या कर रही है

कोमल- कुछ नही यार टीवी देख रही थी

रश्मि- क्या हुआ कल रात तूने अपने मम्मी पापा की चुदाई देखी कि नही

कोमल- अरे में तो कल रात से अपनी फूली हुई चूत से कम से कम 4 बार पानी निकल चुकी हूँ

रश्मि- क्यो ऐसा क्या हो गया

कोमल- कल रात को मेने दरवाजे के छेद से अपने पापा की अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को मारते हुए देख लिया, क्या बताऊ रश्मि इतना मोटा लंड है मेरे पापा का पर मेरी मम्मी अपनी फूली हुई चूत में उसे सतसट ले रही थी और खूब ज़ोर-ज़ोर से सीसीया रही थी, पापा मम्मी को पहले खड़ी करके उसकी साड़ी को उपर उठा कर उसकी मोटी गान्ड को उसकी पेंटी के उपर से सहलाते हुए उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी गुदा में उंगली डाल-डाल कर मम्मी के रसीले होंठो को चूस रहे थे और मेरी मम्मी ने मेरे पापा का मोटा लंड पकड़ रखा था उनका लंड देख कर तो मेरी साँसे रुकने लगी थी क्या मोटा लंड है फिर मम्मी अचानक बैठ गई और उनके लंड को अपने मुँह में भर कर खूब कस-कस कर चूसने लगी, मेरी तो हालत खराब हो रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि अभी जाकर अपने पापा का मोटा लंड अपने हाथो से दबोच-दबोच कर खूब कस-कस कर चूस लूँ फिर पापा ने मम्मी को पूरी नंगी कर दिया और उसके गदराए नंगे बदन को खूब कस-कस कर मसल्ने और चूमने लगे,


कुछ देर बाद उन्होने अपने मोटे लंड को मम्मी को बेड पर झुका कर पीछे से उसकी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर एक झटके में पूरा मम्मी की फूली हुई चूत में ठूंस दिया और फिर मम्मी की मोटी गान्ड को पकड़ कर सतसट उसे चोदने लगे कुछ देर चोदने के बाद पापा तो जैसे पागल हो गये और मम्मी की गान्ड के पास बैठ कर उसकी गान्ड के छेद को खूब कस कर फैला लिया और अपनी जीभ निकाल कर मेरी मम्मी की गान्ड के छेद को खूब कस-कस कर चाटने लगे मम्मी ने जैसे ही अपनी एक टाँग उठा कर बेड पर रखी पापा ने उसकी फूली हुई चूत को खूब फैला कर उसकी चूत के बड़े से गुलाबी छेद में अपनी जीभ भर कर उसका रस पीने लगे मम्मी हाई-हाई करती हुई अपनी गदराई गान्ड को जितना ज़ोर से मटकाती पापा उतने ही तेज़ी से उसकी भारी गान्ड को अपने हाथो से दबोच कर उसकी चूत और गान्ड को चाटने लगते थे,

रश्मि- की साँसे भारी हो रही थी तभी राज ने रश्मि के पास आकर उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो में कस लिया और एक हाथ से रश्मि की पेंटी में कसी हुई चूत को दबोचते हुए उसके गालो को चूमने लगा, रश्मि को ना जाने क्या हुआ और उसने मोबाइल का स्पीकर ऑन कर दिया और राज को देख कर मोबाइल की बात सुनने का इशारा किया,


रश्मि- फिर क्या हुआ

कोमल- फिर पापा ने मम्मी को अपनी गोद में उठा कर एक उँची टेबल पर मूतने वाली स्टाइल में बैठा दिया और फिर मम्मी की पूरी चूत खुल कर उनके मुँह के सामने आ गई और पापा मम्मी की फूली हुई चूत को पीने लगे, राज कोमल की आवाज़ सुन कर एक दम से सन्न रह जाता है और रश्मि को देखता है रश्मि अपने भैया के हाथ को अपने दूध पर रख कर उन्हे दबाने का इशारा करती हुई अपने मुँह पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा करती है, राज रश्मि के मोटे-मोटे दूध की खूब कस कर चूमते हुए उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख लेता है और रश्मि राज का लंड पकड़ कर कस कर दबाते हुए

रश्मि- कोमल तेरे पापा का लंड क्या खूब मोटा लग रहा था,


कोमल- हाई मेरी रश्मि क्या बताऊ, मुझे तो ऐसा लग रहा था कि अपनी मम्मी की हटा कर में अपनी मोटी गान्ड झुका कर उनके सामने खड़ी हो जाउ और वह कस-कस कर अपने मोटे लंड से अपनी बेटी की फूली हुई चूत को फाड़ दे

रश्मि- फिर क्या हुआ

कोमल- फिर पापा ने खड़े-खड़े ही अपने मोटे लंड को मेरी मम्मी की फूली हुई मस्तानी चूत में एक झटके में जड़ तक पेल दिया और फिर उन्होने मम्मी की खूब कस-कस कर चोदना शुरू कर दिया, राज रश्मि की चूत को अपने हाथ में दबोचता हुआ उसके होंठो को चूम लेता है

रश्मि- अरे रुक क्यो गई फिर बता ना क्या हुआ,

कोमल- फिर होना क्या था मम्मी कुछ देर में ही अपना पानी छोड़ने लगी लेकिन पापा उसे खूब कस-कस कर चोदे जा रहे थे,

रश्मि- लगता है तेरे पापा का स्टेमीना बहुत ज़्यादा है,

कोमल- हाँ रश्मि और उनका मोटा लंड भी खूब बड़ा है काश ऐसा मोटा लंड मुझे भी मिल जाता तो में मस्त होकर चुदवाती

रश्मि- अब क्या करेगी

कोमल- अरे तू ही कुछ आइडिया दे ना


रश्मि- तेरे पापा कहाँ है

कोमल- वह तो आज घर पर ही है उन्होने दो दिन की छुट्टी ले रखी है, उन्हे कहीं बाहर जाना था फिर पता नही क्यो अचानक कॅन्सल कर दिया और अभी तो सोफे पर बैठे टीवी देख रहे है

रश्मि- और तेरी मम्मी

कोमल- वह तो खाना बना रही है

रश्मि- अरे तो फिर तू क्या कर रही है जा उनकी गोद में जाकर बैठ जा वह भी तो देखे कि उनकी बेटी की गदराई हुई गान्ड कितनी मोटी है

कोमल- पर यार मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है


रश्मि- अरे तू तो पागल है तेरे घर में ही इतना मोटा लंड है पर तू बेकार अपनी चूत मरवाने के लिए परेशान हो रही है, जा जाकर अपने पापा के पास जा और सुन केवल एक टीशर्ट डाल ले ब्रा मत पहनना और जाकर उन्हे अपनी ठोस कसी हुई बड़ी-बड़ी गदराई चुचियों का जलवा दिखा दे अगर वह तेरी गदराई जवानी देख कर पागल ना हो जाए तो कहना, एक बार बस उन्हे अपनी उठी हुई जवानी का अहसास करा दे फिर तुझे उनके पीछे नही घूमना पड़ेगा बल्कि वह तेरे पीछे घूमेगे

कोमल- अच्छा तू कहती है तो में जाती हूँ, उसके बाद कोमल पूरी नंगी होकर सिर्फ़ एक टीशर्ट और पाजामा पहनकर अपने पापा के सामने जाकर अपनी छातियों को तान कर बैठ जाती है और टीवी देखने लगती है



रवि- एक दम जब कोमल को देखता है और फिर उसकी नज़र जैसे ही कोमल के मोटे-मोटे गदराए हुए दूध पर पड़ती है तो एक दम से वह उसके कसे हुए गदराए दूध को देखने लग जाता है, कोमल अपने पापा की नज़रो को ताड़ जाती है और अपने पापा के पास सरक कर बैठते हुए

पापा- आज आप ऑफीस क्यो नही गये

रवि- कोमल की पीठ पर हाथ फेरता हुआ बेटे आज मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नही लग रही है इसलिए मन नही हुआ

कोमल- अपने मन में कल रात तो खूब कस-कस कर मम्मी को पूरी नंगी करके उसकी चूत मार रहे थे और अब तबीयत खराब हो गई,

रवि- कोमल को अपनी ओर खीच कर उसके गले में हाथ डाल कर तू बता कब आ रहा है तेरा रिज़ल्ट

कोमल- पापा अभी तो टाइम है, पर आप फिकर मत करो आपकी बेटी अच्छे नंबारो से पास हो जाएगी

रवि- मुस्कुराते हुए उसके गाल को चूम कर में जानता हूँ मेरी बेटी खूबसूरत होने के साथ माइंडेड भी है,

कोमल- पापा आज आप फ्री हो तो मुझे शॉपिंग करने ले चलो ना मुझे काफ़ी समान खरीदना है

रवि - अच्छा ठीक है तेरी मम्मी को बोल दे हम शॉपिंग करने जा रहे है

कोमल- अपने पापा के सामने अपने गदराए चुतड़ों को खूब ज़ोर से मटकाती हुई जाने लगती है और रवि का लंड अपनी बेटी के मोटे-मोटे भारी चुतड़ों को देख कर खड़ा हो जाता है और वह अपने मन में सोचने लगता है,


कोमल तो बहुत बड़ी हो गई है मेरी तो आज तक उस पर नज़र ही नही गई, उसका शरीर कितना भर गया है, और उसके दूध कितने मोटे-मोटे है मेने तो आज तक उसे कभी इतनी गौर से देखा ही नही और उसके चूतड़ कितने बड़े-बड़े हो गये है, अगर कोमल पूरी नंगी होकर सामने आए तो वह अपनी मम्मी से भी ज़्यादा भरी नज़र आएगी,

रवि का मोटा लंड अपनी बेटी की गदराई उठी हुई जवानी को देख कर झटके मारने लगता है और वह अपने मोटे लंड को अपनी लूँगी के उपर से मसल्ने लगता है,

कोमल- मम्मी में पापा के साथ शॉपिंग करने जा रही हूँ

मालती- तुम दोनो बाप बेटी को जहाँ जाना हो जाओ पर पहले खाना खा लो खाना बन गया है फिर मुझे भी दोपहर को सोना होता है और में तुम्हारा कब तक खाने के लिए रास्ता देखूँगी, जा अपने पापा से कह दे खाना खा के जाए

कोमल- बाहर आकर अपने पापा के सामने खड़ी होकर कुछ कहती उससे पहले ही

रवि -हाँ-हाँ में सुन चुका हूँ चल हम दोनो खा पी कर आराम से चलेंगे तो फिर हमे भी आने की जल्दी नही होगी और फिर रवि कोमल के दोनो हाथो को पकड़ कर बैठे-बैठे उसके गदराए दूध को खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ, हाँ तो अब यह बता कि तुझे क्या शॉपिंग करना है

कोमल- पापा मुझे सबसे पहले तो एक दो जोड़ी टीशर्ट लेना है

रवि - कोमल की कमर को अपने हाथ से सहलाता हुआ उसके मोटे-मोटे चुचो को देख कर हाँ तेरी यह टीशर्ट तो बहुत पुरानी हो गई है, और क्या लेगी क्या तुझे जीन्स भी लेना है

कोमल- हाँ पापा और मुझे मिनी स्कर्ट भी लेना है,

रवि उसकी मोटी जाँघो की और देख कर उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथो से दबा कर तेरा यह पाजामा भी तो बहुत पुराना लग रहा है,

कोमल- पापा मुझे सब तरह के कपड़े लेने है

रवि- कोमल का हाथ पकड़ कर आ यहाँ अपने पापा की गोद में बैठ और मुझे बता तुझे क्या-क्या चाहिए, मेने भी तो आज तक अपनी बेटी पर ध्यान ही नही दिया और फिर रवि जैसे ही कोमल को अपनी ओर खिचता है कोमल तो चाह ही रही थी कि उसके पापा उसे अपनी गोद में बैठा ले, और वह अपने पापा की गोद में बैठ जाती है, वह जैसे ही अपने पापा की गोद में बैठती है उसकी गदराई मोटी गान्ड पर उसके पापा का लूँगी के अंदर खड़ा हुआ लंड एक दम से घुस चुभ जाता है और रवि अपनी बेटी की गदराई मोटी गान्ड को सहला कर पागल हो जाता है और कोमल के गोरे-गोरे भरे हुए गालो को चूमता हुआ, कोमल तू कितनी बड़ी हो गई है मुझे तो पता ही नही चला

कोमल- नखरा दिखाते हुए कहाँ बड़ी हुई हूँ पापा, में तो अभी छोटी ही हूँ
Reply
08-16-2019, 12:18 PM,
#39
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम

रवि -अपने दोनो हंतो को कोमल के मोटे दूध पर लेजा कर उसकी पीठ को अपने सीने से चिपका कर उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो के बंधन से दबाता हुआ उसके गदराए और गुदाज दूध का अहसास करता हुआ पागल होने लगता है और उसका मोटा लंड अपनी बेटी की गदराई गान्ड में चुभता हुआ झटके खाने लगता है, कोमल की चूत अपने पापा के मोटे लंड के अहसास से बहने लगती है,

रवि- कोमल के गालो को चूमता हुआ एक हाथ से उसकी गदराई जाँघो को सहलाता हुआ, कोमल तेरे पास पेंटी भी नही है क्या

कोमल- अपने पापा की बात सुन कर अपने मन में सोचती है मेरे पापा तो बड़ी जल्दी मेरी गदराई जवानी के जादू में आ गये और वह मुस्कुराते हुए, क्यो आपको कैसे पता है कि मेरी दोनो पेंटी फॅट गई है

रवि- कोमल की मोटी गान्ड पर हाथ फेर कर उसे दबाता हुआ, इसलिए की अभी तूने पाजामे के नीचे कुछ भी नही पहना है ना

कोमल- शरमाने का नाटक करते हुए, पापा मेरी ब्रा की लेस भी खराब हो गई है

रवि- कोमल के दूध को एक दम से हल्के से दबा कर पकड़ कर सहलाते हुए हाँ बेटी तूने तो ब्रा भी नही पहनी है

कोमल- का चेहरा अपने पापा की हरकतों से लाल हो जाता है,


रवि जब कोमल के मोटे-मोटे गुदाज और गदराए दूध को एक बार हल्के से दबाता हुआ पकड़ता है तो उसको इतना मज़ा आता है कि वह पागल हो जाता है, और वह एक बार बिना डरे फिर से कोमल के मोटे-मोटे दूध को अपने पूरे हाथ में भर कर दबाता हुआ, बेटी तू ब्रा क्यो नही पहनती

कोमल- सीसियाते हुए अपने पापा के सीने से अपनी पीठ को चिपकाते हुए पापा मेरी दोनो ब्रा बहुत छोटी हो गई है

रवि- उसके दोनो मोटे दूध के उपर अपने दोनो हाथो का घेरा बना कर कस कर दबाता हुआ, हाँ तेरी छातियाँ बहुत बढ़ गई है ना तो ब्रा तो छोटी होगी ही ना

कोमल- पापा एक तो मम्मी से अच्छी ब्रा और पेंटी खरीदते भी नही बनता है ना


रवि- कोमल के गालो को चूमता हुआ, तू फिकर मत कर इस बार में तुझे अपनी पसंद की ब्रा और पेंटी दिलाउन्गा, फिर तू मुझे पहन कर दिखाना कि तुझ पर फिर रहती है कि नही

कोमल- जान बुझ कर इठलाते हुए पापा में आपके सामने कैसे पहनुगी

रवि- उसे अपने सीने से दबाते हुए तो क्या हुआ तू तो मेरी बेटी है और फिर अभी तू कौन सी बड़ी हो गई है अभी तो तू बच्ची ही है, बोल पहन कर दिखाएगी ना

कोमल- मन ही मन खुश होती हुई आप कहते है तो दिखा दूँगी पर अगर मम्मी कुछ कहेगी तो

रवि- अरे पागल हम क्या खरीदेगे और हम दोनो के क्या सीक्रेट है अपनी मम्मी को मत बताया कर वह बेकार में ही ताने मारने लगती है, तू समझी की नही

कोमल- हाँ पापा मम्मी जब देखो चिड-चिड करती रहती है में उसे कुछ भी नही बताउन्गी


रवि- वेरी गुड

तभी किचन से मालती आवाज़ देती हुई कोमल ले तेरे पापा की थाली ले जा और तू भी वही बैठ कर खा ले

कोमल- जाकर अपनी और अपने पापा की थाली लेकर आ जाती है और फिर अपने पापा के सामने बैठ कर खाने लगती है और रवि खाना कहते हुए कोमल के मोटे-मोटे दूध को घूर-घूर कर देखता रहता है और बीच-बीच में अपने खड़े लंड को अपनी लूँगी के उपर से मसलता रहता है, कोमल अपने पापा को अपना मोटा लंड मसल्ते हुए देखती रहती है और उसकी चूत भी पूरी तरह से गीली हो जाती है, दोनो बाप बेटी खाना खाने के बाद मार्केट जाने के लिए रेडी हो जाते है,

उधर राज को रश्मि कोमल से हुई बातों को बता देती है और

राज - बड़ी चुदासी लग रही है कोमल, क्या में उसकी चूत मार दूं

रश्मि- पहले अपनी बहन और मम्मी को तो अच्छे से चोद लो फिर कोमल के बारे में सोचना अब चलो मेरे दूध को थोड़ा कस-कस कर दबा दो

राज रश्मि के दूध को खूब कस-कस कर दबाता हुआ उसकी चूत को चूसने लगता है तभी रजनी की आवाज़ आती है राज , रश्मि चलो खाना खा लो और फिर राज रश्मि की चूत से मुँह हटाते हुए, चल रश्मि पहले खाना खा लेते है

रश्मि- मुँह बनाते हुए, भैया ऐसा लगता है जैसे तुमने मुझे सालो से नही चोदा हो

राज - उसके होंठो को चूमते हुए, आज दोपहर को तुझे अच्छी तरह कस कर चोदने के बाद ही में मम्मी के रूम में जाउन्गा

राज की बात सुन कर रश्मि खुश हो जाती है और फिर दोनो बाहर आ कर खाना खाने लगते है और राज रश्मि के गदराए जिस्म को देखता हुआ मुस्कुराने लगता है,

इधर...................

रवि- चल बेटे बैठ बाइक पर और कोमल अपनी दोनो मोटी-मोटी जाँघो को फैला कर बैठ जाती है,
दोनो बाइक पर बैठ कर शॉपिंग माल पहुच जाते है और फिर रवि अपनी बाइक पार्क करके अपनी बेटी का हाथ पकड़ कर शॉपिंग माल के अंदर जाकर ले बेटा देख ले तुझे क्या-क्या लेना है, कोमल अपनी पसंद की टॉप और स्कर्ट पसंद कर लेती है और फिर एक दो अच्छी टीशर्ट भी ले लेती है,

रवि - क्या-क्या सेलेक्ट किया

कोमल- मुस्कुराते हुए ये देखो पापा और अपने पापा को अपने कपड़े दिखाने लगती है

रवि- अरे यह तो बहुत अच्छे है, और क्या लेना है

कोमल- मुस्कुराते हुए वो पापा

रवि- मुस्कुराकर समझ गया तेरी ब्रा और पेंटी भी फॅट गई है ना चल तुझे एक दम फेशनेबल ब्रा और पेंटी दिला देता हूँ, अच्छा अभी तूने अपनी जीन्स के नीचे पेंटी पहनी है कि नही

कोमल- मुस्कुराते हुए पहनी है पर वह बहुत पुरानी हो गई है

रवि- कोई बात नही हम दूसरी ले लेते है

कोमल- पापा मम्मी के लिए भी आप ही ले कर आते हो ना

रवि- हाँ लेकिन तेरी मम्मी साड़ी के नीचे कभी पहनती ही नही है

फिर कोमल ब्रा और पेंटी देखने लगती है और

रवि- अरे यह तो बहुत छोटी लग रही है, तेरी बॉडी पर तो बहुत कसी हुई लगेगी

कोमल- नही पापा में ऐसी साइज़ ही पहनती हूँ मुझे कसी हुई फिटिंग ही अच्छी लगती है

रवि- अच्छा जैसी तेरी मर्ज़ी, फिर कोमल अपनी पसंद की ब्रा और पेंटी ले लेती है

रवि- तूने रेड और ब्लू कलर ही क्यो सेलेक्ट किया क्या तुझे यही कलर पसंद है

कोमल- हाँ यह कलर मुझे अच्छे लगते है

रवि- अच्छा अभी तूने कौन से कलर की पेंटी पहनी है

कोमल- वाइट पर वह मम्मी की है

रवि- कोमल की गदराई उठी हुई गान्ड को देखता हुआ, तेरी मम्मी की पेंटी तो तुझे ढीली लगती होगी ना

कोमल- नही पापा मम्मी और मेरी साइज़ लगभग एक ही है

रवि अपने मन में सोचने लगता है कि कोमल के भारी-भारी चूतड़ नंगे कैसे लगते होंगे, और उसकी चुचिया तो बहुत ही मोटी है और खूब कसी हुई होंगी टीशर्ट के उपर से ही कितनी ठोस और गदराई हुई नज़र आती है

कोमल- अपने पापा की नज़रो को ताड़ कर अपने मन में देख लो पापा अपनी बेटी की गदराई जवानी को आपके मोटे लंड से पानी नही निकाल दिया तो मेरा नाम कोमल नही, आगे देखते जाओ में आपको जब अपनी गदराई जवानी दिखाउन्गी तो आप पागलो की तरह मेरी गान्ड के पीछे -पीछे फ़िरोगे

कोमल शॉपिंग करने के बाद अपने पापा के साथ बाहर आ जाती है

रवि- कोमल तूने तो कोई भी कपड़े ट्राई करके नही देखे अगर फिटिंग गड़बड़ निकली तो

कोमल- पापा सब बिल्कुल फिट है और फिर में घर पर पहन कर देखूँगी ना

रवि- अच्छा ठीक है चल अब घर चलते है

कोमल- पापा अभी से अभी तो बहुत टाइम है चलो कहीं घूमने चले

रवि- अच्छा ठीक है घर नही चलते है किसी पार्क में चल कर बैठते है और कुछ खाने पीने का समान ले लेते है

कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ यह ठीक रहेगा

फिर रवि कुछ खाने का समान लेकर उसे के पार्क में ले जाता है और वहाँ वह अपनी बेटी को एक एकांत वाली सीट पर लेजा कर बैठ जाता है और कोमल को अपने पास बैठा कर उसे खाने का समान दे कर ले खा बेटी

कोमल- बैठ जाती है और रवि उसके गले में हाथ डाल कर उसकी बाँहो को सहलाता हुआ बीच-बीच में उसके गालो को चूमने लगता है,

कोमल- पापा आप नही खाओगे

रवि- नही तू खा में तब तक तेरी ड्रेस देखता हूँ और फिर रवि उसकी ब्रा और पेंटी निकाल कर उसकी लाल वाली पेंटी को फैला कर देखता हुआ, कोमल तेरे बदन पर यह बहुत कसी हुई रहेगी ना

कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ वह तो है

रवि -पर इसमे तेरे आधे से ज़्यादा चूतड़ तो बाहर ही दिखेगे ना

कोमल- मुस्कुराते हुए हाँ पापा लेकिन लड़किया ऐसी ही पेंटी पहनती है

रवि- अब मुझे क्या पता तेरी मम्मी तो पेंटी पहनती ही नही

कोमल- पर पापा मम्मी क्यो नही पहनती है

रवि- में उसे पहनने के लिए मना करता हूँ ना

कोमल- आप क्यो मना करते है
Reply
08-16-2019, 12:18 PM,
#40
RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
रवि- इसलिए कि वह मुझे बिना पेंटी के ही अच्छी लगती है और फिर रवि कोमल की पेंटी को सूंघ लेता है और कोमल कनखियो से अपने पापा की हरकत देख कर मुस्कुराती रहती है, कुछ देर बाद कोमल खा पीकर अपने पापा की बाँहो से चिपक कर बैठ जाती है,

रवि- कोमल के खूबसूरत चेहरे को देखता हुआ उसके लाल-लाल होंठो को देख कर मिर्ची ज़्यादा थी क्या तेरे पूरे होंठ लाल हो गये है

कोमल- अपने होंठो को अपनी जीभ से गीला करती हुई अपने पापा को अपनी कामुक नज़रो से देखती हुई क्या बहुत लाल है मेरे होंठ

रवि- हाँ और रसीले भी बहुत है ऐसा लगता है इनको अपने मुँह से चूम लूँ

कोमल- अपनी जीभ को अपने होंठो पर फेर कर गीला करती हुई, क्यो आपके चूसने से मेरे होंठ जो मिर्ची से लाल हो गये है वह ठीक हो जाएगे क्या

रवि- हाँ तेरी मम्मी जब कुछ खा कर मेरे पास बैठती है तो में उसके होंठो को चूस लेता हूँ और उसे काफ़ी अच्छा लगता है, तेरे होंठ भी बिल्कुल लाल हो रहे है तेरी मम्मी की तरह ही

कोमल- आपका मन कर रहा है क्या मेरे होंठ चूसने का

रवि- कोमल को अपनी बाँहो में भर कर उसके रसीले होंठो को खूब कस कर पीने लगता है और कोमल उसकी बाँहो से चिपकते हुए आह पापा क्या कर रहे हो, क्या मेरे होंठ आपको इतने अच्छे लगते है

रवि- उसके रस भरे होंठो को पी कर हाँ बेटी तेरे होंठ बहुत सुंदर है

कोमल- आपने मेरी यह लाल वाली पेंटी को क्यो निकाल लिया

रवि- में चाहता हूँ कि में तुझे इस पेंटी में देखु कि तेरा फिगुर क्या तेरी मम्मी जैसा है, कोमल अपने पापा से अपनी पेंटी ले कर अपने बेग में रखती हुई,

कोमल- पापा एक बात पुछु

रवि- क्या

कोमल- आप मेरी पेंटी सूंघ क्यो रहे थे

रवि- में देख रहा था कि इसमे तेरी खुश्बू आती है या नही

कोमल- पर यह तो नई है अगर आपको मेरी खुश्बू लेना है तो जो पेंटी मेने पहनी है उसको सूंघना

रवि- अच्छा ठीक है चल अब घर चलते है

फिर दोनो घर आ जाते है मल्टी अपने रूम में सोई रहती है और रवि कोमल को लेकर उसके रूम में जाकर उसके बेड पर बैठ जाता है,

रवि- कोमल पहन कर दिखा ना अपने कपड़े में भी तो देखु तू नई ड्रेस में कैसी लगती है

कोमल- मुस्कुराते हुए अपने मन में पापा साफ क्यो नही कहते कि मुझे पूरी नंगी देखना चाहते हो

कोमल- पापा क्या पहन कर दिखाऊ टॉप और स्कर्ट या टीशर्ट

रवि- पहले तो तू अपनी पेंटी ट्राइ करले कहीं छोटी तो नही है

कोमल- मुस्कुराते हुए पापा आपके सामने कैसे ट्राइ करूँ

रवि- उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद में बैठा कर उसके गालो को चूमते हुए, क्यो अब क्या तू बड़ी हो गई है जो मेरे सामने शर्मा रही है, अभी कुछ समय पहले तक तो मेरे सामने पूरी नंगी हो जाया करती थी, तू तो अभी भी मेरे लिए छोटी बच्ची ही है चल अपनी जीन्स उतार कर मुझे यह लाल वाली पेंटी पहनकर दिखा और हाँ जा पहले जाकर दरवाजा बंद कर दे

कोमल- मुस्कुराते हुए अपने पापा के सीने से अपने मोटे-मोटे दूध को दबा कर उनसे चिपकती हुई, पापा आप मुझसे बहुत प्यार करते है ना मेरे एक बार कहने पर ही आप तुरंत मुझे शॉपिंग करने ले गये


रवि- कोमल को कस कर अपने सीने से दबाता हुआ उसके होंठो को कस कर चूमते हुए हाँ बेटी में तुझसे तेरी मम्मी से भी ज़्यादा प्यार करता हूँ, तू है ही इतनी खूबसूरत कि तुझे तो हर कोई चूमना चाहेगा

कोमल- पापा मेरी सहेली भी यही कहती है कि कोमल तू बहुत खूबसूरत लगती है, खास कर तेरे होंठ बहुत खूबसूरत है

रवि- उसके रसीले होंठो को चूमते हुए हाँ बेटी सचमुच तेरे होंठ बहुत सुंदर है, कोमल अपने पापा से चिपकी रहती है और रवि उसकी गदराई जवानी को भिचता हुआ उसके गदराए बदन को सहलाता रहता है,

कोमल -चलो पापा में आपको अपनी ब्रा और पेंटी पहन कर दिखाती हूँ

उसकी बात सुन कर रवि का मोटा लंड झटके मारने लगता है और वह उसे छोड़ देता है और कोमल दरवाजे की तरफ अपने भारी-भारी चूतड़ मटका कर जाने लगती है और रवि अपने मोटे लंड को अपनी पेंट के उपर से मसलता हुआ अपनी बेटी के गदराए हुए मोटे चुतड़ों की मटकती थिरकन को देखने लगता है, कोमल दरवाजा लगा कर आ जाती है और अपने पापा के सामने खड़ी होकर,

कोमल- पापा क्या में मम्मी से भी मोटी लगने लगी हूँ और अपनी मोटी गान्ड अपने पापा की ओर घुमा कर उसे दिखाने लगती है,

रवि -अपनी बेटी की गदराई गान्ड में अपना हाथ फेर कर उसके भारी चुतड़ों को दबा कर उनका साइज़ महसूस करते हुए, बेटी जीन्स के उपर से सही अंदाज़ा नही लगता है कि तू अपनी मम्मी से मोटी है या नही

कोमल- अच्छा में जीन्स उतार कर आपको दिखाती हूँ फिर बताना और कोमल अपनी जीन्स का बटन खोल कर उसे नीचे सरका देती है, रवि कोमल की कसी हुई गदराई गोरी-गोरी जाँघो को देख कर मस्त हो जाता है और जब उसकी नज़र अपनी बेटी की वाइट पेंटी में कसी हुई फूली चूत के पाव रोटी की तरह फूले उभार पर पड़ती है तो वह पागलो की तरह उसकी फूली हुई चूत को देखने लगता है और कोमल पूरा जीन्स उतार कर बेड पर फेंक देती है, अब वह अपने पापा के सामने टीशर्ट और पेंटी में खड़ी थी, और फिर अपने पापा की ओर देखते हुए अब देखो पापा में क्या मम्मी से भी मोटी हूँ और अपने पापा की ओर घूम कर अपनी गदराई उठी हुई मोटी गान्ड को दिखाने लगती है और रवि का मोटा लंड उसकी पेंट फाड़ने को बेकरार हो जाता है कोमल की पेंटी उसके भारी चुतड़ों की मोटी दरार में फसि हुई थी और उसकी गान्ड के मोटे-मोटे गदराए हुए पाट पूरे नंगे नज़र आ रहे थे , रवि कोमल की कमर पकड़ कर उसे अपनी ओर खींच लेता है और फिर उसकी गदराई गान्ड को अपने हाथो से दबोचते हुए, हाँ बेटी तेरा फिगर तो अब बिल्कुल तेरी मम्मी से भी भारी लगने लगा है लेकिन मुझे बिल्कुल तेरे जैसा फिगर ही ज़्यादा अच्छा लगता है,

कोमल- अपने पापा की ओर घूम कर पर पापा मेरा पेट तो मम्मी की तरह ज़्यादा उठा हुआ नही है ना और फिर कोमल अपनी टीशर्ट अपने पापा के सामने उठा कर अपने पेट को नंगा करके दिखाने लगती है रवि जब अपनी जवान गदराई बेटी का मासल उठा हुआ चिकना पेट देखता है तो उसका बुरा हाल हो जाता है और वह कोमल को बैठे-बैठे अपनी दोनो टाँगो के बीच खीच कर उसके मसल और चिकने पेट को मसल्ते हुए,

रवि- बेटी तेरा पेट तो बहुत ही सुंदर है

कोमल- और क्या सुंदर है पापा मुझमे क्या आप मम्मी को भी नंगी करके उनका फिगर इसी तरह देखते हो

रवि- कोमल की फूली हुई चूत पर एक दम से अपने हाथ को फेर देता है और फिर उसे अपनी गोद में बैठा कर उसकी मोटी नंगी जाँघो को दबाता हुआ, हाँ बेटी तेरी मम्मी तो रोज मेरे साथ पूरी नंगी चिपक कर ही सोती है ना

कोमल-मम्मी को शर्म नही आती इतनी बड़ी होकर आपके साथ नंगी होकर चिपकती है

रवि- कोमल के गदराए पेट को सहलाते हुए अपनी कोहनी से उसके मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ, बेटी तेरी मम्मी कहती है मुझे आपके साथ पूरी नंगी होकर चिपकने में बहुत अच्छा लगता है

कोमल- तो क्या आप भी पूरे नंगे हो जाते हो

रवि अपने हाथ को कोमल की कसी हुई फूली चूत पर धीरे से लेजा कर अपनी बेटी की फूली हुई चूत को हल्के-हल्के दबाते हुए हाँ बेटी में भी पूरा नंगा होकर तेरी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने से चिपका लेता हूँ

कोमल- एक बात कहूँ पापा

रवि - कोमल की चूत को सहलाता हुआ हाँ बोल

कोमल- पापा एक दिन मेने आप दोनो को नंगे होकर सोते हुए देखा था

रवि- अच्छा, तो क्या तेरा भी मन करता है मेरे साथ नंगी होकर चिपकने का और रवि अपनी बेटी की चूत को कस कर अपने हाथो में भर कर मसल देता है, कोमल की चूत तो पहले से ही पूरी पानी-पानी थी लेकिन जब उसके पापा ने उसकी कसी हुई चूत को अपने हाथो में भर कर दबोचा तो वह अपने पापा के सीने से चिपक गई, रवि उसके होंठो को चूमते हुए

रवि- बोल ना बेटी मेरे साथ पूरी नंगी होकर सोएगी और कोमल के मोटे-मोटे दूध को कस कर मसल्ने लगता है और
कोमल- हाँ पापा में भी आपके साथ पूरी नंगी होकर सोना चाहती हूँ, पर आपको भी पूरा नंगा होना पड़ेगा

रवि- कोमल के मोटे-मोटे दूध को कस-कस कर मसलता हुआ, क्या तू मुझे नंगा देखना चाहती है,

कोमल- हाँ पापा और फिर अपने पापा के मोटे लंड को अपने हाथो से दबाती हुई, मेने जब से आपका यह देखा है मुझे आपके इसको देखने का बहुत मन करता है

रवि- मुस्कुराते हुए क्या तूने मेरा लंड देखा है

कोमल- हाँ पापा और मुझे आपका मोटा लंड बहुत अच्छा लगता है

रवि- अभी देखेगी

कोमल- अपने पापा को देख कर मुस्कुराती हुई उसके सीने से पूरी चिपक जाती है और रवि उसकी फूली हुई चूत को कस कर दबाते हुए अपनी पेंट की चैन खोल कर अपने मोटे लंड को बाहर निकाल लेता है और कोमल जैसे ही अपने पापा का मोटा खड़ा लंड देखती है उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है, रवि उसका हाथ पकड़ कर अपने मोटे लंड पर रख देता है और कोमल अपने पापा के मोटे लंड को अपने हाथो में कस-कस कर पकड़ कर दबाने लगती है

रवि- अब बता कोमल अच्छा लग रहा है तुझे, कोमल अपने पापा से कुछ बोले बिना ही उसके मोटे लंड को बैठ कर सीधे अपने मुँह में डाल कर चूसने लगती है और रवि उसकी इस हरकत पर पागल हो जाता है और उसके दूध को खूब कस-कस कर दबाने लगता है

कोमल- पापा आप मेरी पेंटी सूंघना चाहते थे ना

रवि- तू खड़ी हो में सूंघ कर देखता हूँ और फिर कोमल खड़ी हो जाती है और रवि उसके पास बैठ कर अपना मुँह सीधे अपनी बेटी की वाइट पेंटी में कसी हुई फूली चूत से लगा देता है और अपनी बेटी की फूली हुई चूत को अपने मुँह से कस कर दबाता हुआ उसके भारी-भारी चुतड़ों को मसल्ने लगता है और कोमल आह,आह करने लगती है,

रवि कस-कस कर अपने मुँह को अपनी बेटी की फूली हुई चूत से दबा-दबा कर उसकी चूत की मादक गंध को सुघने लगता है

कोमल- सीसियाते हुए, पापा आप मम्मी की पेंटी भी ऐसे ही सूंघते है क्या

रवि-कोमल की चूत को अपने हाथो से दबोचता हुआ, बेटी तेरी मम्मी पेंटी पहनती ही कहाँ है इसलिए में उसे पूरी नंगी करके ऐसे ही उसकी फूली हुई चूत को चूमता हूँ और फिर उसकी चूत की खुश्बू सूंघ-सूंघ कर देखता हूँ

कोमल- पापा मेरी पेंटी भी उतार कर मेरी चूत की खुश्बू भी सूँघो ना क्या मेरी भी चूत मम्मी की चूत की तरह ही महकती है

उसकी बात सुन कर रवि उसकी पेंटी को उसकी कमर से पकड़ कर नीचे सरका देता है और जब अपनी बेटी की बिना बालों वाली चिकनी फूली हुई गदराई चूत को देखता है तो पागलो की तरह अपनी बेटी की फूली हुई चूत को अपने होंठो से दबा-दबा कर उसकी फूली हुई बुर की मस्त मादक गंध को सुघने लगता है और कोमल अपने पापा के सर को पकड़ कर कस कर अपनी चूत से उनका मुँह दबा लेती है, कोमल आह पापा बहुत अच्छा लग रहा है,

रवि- अपनी बेटी की फूली हुई बुर को अपने मुँह से दबाता हुआ उसकी एक टाँग को उठा कर जैसे ही अपने कंधे पर रखता है तभी उसे बाहर से कुछ आहट सुनाई देती है और वह कोमल को छोड़ कर जल्दी से उसे कपड़े पहनने को कहता है और कोमल जल्दी से अपनी जीन्स पहन कर अपने सारे कपड़े छुपा देती है और फिर धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर देखती है तो उसकी मम्मी उसे बाथरूम में घुसती हुई नज़र आती है और रवि अपने रूम में चला जाता है और कोमल अपने बेड पर लेट कर मंद-मंद मुस्कुराने लगती है.

तभी उसके पास अचानक राज का फोन आता है और वह कोमल से कहता है कि रश्मि ने उसको अर्जेंट आने के लिए कहा है, और फिर राज फोन काट देता है, कोमल कुछ समझ नही पाती है और सोचती है रश्मि ने खुद फोन क्यो नही किया और वह रश्मि को कॉल करती है और रश्मि का मोबाइल स्विच ऑफ आता है वह कुछ सोचती है और फिर अपनी मम्मी से रश्मि के पास जाने का कह कर चल देती है,

राज - रश्मि का मोबाइल ऑन करते हुए अरे रश्मि तेरा फोन तो लेकर जा, पर मम्मी तुम दोनो कितनी बजे तक लौट कर आओगे

रजनी- बेटे अब शर्मा जी की बेटी का बर्तडे है तो वह शाम को ही सेलेब्रेट होगा इसलिए हमे 7-8 बज जाएगे

राज - ओके मम्मी ठीक है

रश्मि और रजनी दोनो घर के बाहर निकल जाती है उनके जाने के करीब आधे घंटे बाद कोमल आती है और राज सोफे पर बैठा टीवी देख रहा था

कोमल- हेलो भैया, क्या बात है इस तरह अचानक रश्मि ने क्यो बुलाया है क्या कुछ बात हो गई है

राज - अरे पहले तुम यहाँ आकर बैठो तो सही फिर में बताता हूँ

कोमल- राज के पास आकर बैठ जाती है और राज टीवी ऑफ करते हुए, कोमल की तरफ घूम कर उसे देखता हुआ अचानक उसके एक दूध को कस कर अपने हाथो में भर कर मसल देता है, उसकी इस हरकत का कोमल को ज़रा भी आभाष नही था और वह एक दम से चौंकते हुए गुस्सा दिखा कर,

कोमल-राज भैया यह क्या कर रहे हो आप,

राज - मुस्कुराते हुए, कोमल आज में तुमको खूब कस कर चोदना चाहता हूँ

कोमल- राज को आश्चर्य से देखती हुई, भैया आपको शर्म नही आती में आपकी छोटी बहन के समान हूँ और आप मुझसे इतनी गंदी बात कह कैसे सकते हो

राज - मेरी रानी माना कि तुम मेरी बहन के समान हो लेकिन आज में अपनी बहन को पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हूँ, और राज अपने मोटे लंड को अपने पाजामे के उपर से सहलाता हुआ, मेरी रानी मेरा मोटा लंड तुम्हारी फूली हुई चूत को फाड़ने के लिए देखो कैसे तना है,
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