Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-14-2019, 11:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
इसमे सॉरी की क्या बात रितिका,,,मैं समझता हूँ,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,हेलो रितिका,,,,,

तुम दोनो एक दूसरे को जानते हो,,,,,,,

जी ख़ान भाई,,,,,ये मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड है,,,,,मैं एक दम जल्दी जल्दी मे बोल दिया ,,,मेरे ऐसा बोलते ही
ख़ान सर रितिका की तरफ देखने लगे ओर रितिका थोड़ा डर गई ओर शर्मा भी गई,,,

अरे शरमा क्यू रही है पगली,,जानता हूँ अब तू बड़ी हो गई है,,,,तभी लिफ्ट खुली ऑर हम लोग लिफ्ट से
बाहर आ गये,,,,,


ख़ान सर आगे चलने लगे ऑर मैं उनके पीछे तभी पीछे से रितिका ने मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,ऐसा बोलने
की क्या ज़रूरत थी,,सीधी तरह नही बोल सकता था मैं तेरी दोस्त हूँ,,,,,देखा ख़ान भाई मुझे कैसे
देख रहे थे,,शायद उनको गुस्सा आ गया था,,,,,

तो फिर क्या हो गया,,,उन्होने कुछ बोला तो नही,,,,,ऑर मुझे कुछ सूझा नही मैं एक दम से जो मूह मे
आया बोल दिया,,वैसे मैने कुछ ग़लत तो नही बोला ना,,,,वो अभी भी मेरा हाथ पकड़ कर खड़ी हुई थी,,
चल हाथ छोड़ मुझे ख़ान सर से कोई बात करनी है,,,,,

क्या बात करनी है,,मुझे बता मैं बोल देती हूँ,,,,,

है कोई बात तू रुक मैं आता हूँ,उसने मेरा हाथ छोड़ा ओर मैं ख़ान सर के पास चाल गया,,,,,,

ख़ान भाई,,,,वो ज़ीप मे बैठ चुके थे,,,,,,

बोलो सन्नी,,,,

भाई आप इन लोगो के साथ क्या करोगे,,,,मैं अपने उन दोस्तो की तरफ उंगली करके बोला जो पोलीस वॅन मे बंद
थे ऑर वॅन मेरे पास ही खड़ी हुई थी,,,,,

तुमको क्या लगता है मैं क्या करूँगा इन लोगो के साथ,,,,,

आपको इनको मारोगे क्या,,,,,

नही सन्नी मैं बेक़सूर लोगो पर हाथ नही उठाता लेकिन उपर से ऑर्डर है तो इनको 1-2 दिन अंदर तो
रखना पड़ेगा,,,,,

भाई अगर बेक़सूर लोगो पर हाथ नही उठाया जाता तो बेक़सूर लोगो को बिना ग़लती के अंदर भी नही
रखना चाहिए,,,,,,

ठीक कह रहो हो तुम सन्नी,,,ऑर मैं तुम्हारी बात समझ भी गया हूँ,,,तुम फ़िक्र नही करो मैं 1-2 अवर्स
के बाद इनको छोड़ दूँगा,,,,,वो लोग वॅन मे बैठे हुए मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोलते जा रहे थे,,,वो कॅंटीन
वाला तो बस रोता ही जा रहा था,,,,,,

तुम सब फ़िक्र नही करो तुम लोगो को कुछ नही होगा ,,ख़ान सर ने बोला है तुम लोगो को 1-2 अवर्स बाद
रिहा कर दिया जाएगा,,,,,उनकी मजबूरी है वर्ना तुमको अभी रिहा कर देते,,,,,


रिहा तो मैं कर दूँगा लेकिन इन लोगो से बोलना कि 2-3 दिन कॉलेज नही जाए,,,,,क्यूकी एएसपी तो आज ही आया है
पोलीस स्टेशन लेकिन प्रिन्सिपल तो रोज ही होगा कॉलेज मे ,,,उसने तुम लोगो को देख लिया तो मेरी शिकायत
कर देगा,,,फिर मुझे मुश्किल हो जानी है,,,,,,,

सुन लिए तुम लोगो ने,,,,,,पोलीस स्टेशन से सीधा अपने अपने घर जाना ऑर 2-3 दिन कॉलेज मत आना,,


ठीक है सन्नी भाई,,,बहुत बहुत मेहरबानी आपकी,,,,



ख़ान सर की ज़ीप आगे निकल गई ओर पीछे पीछे पोलीस की वॅन भी चली गई,,,,

मैं अपनी बाइक की तरफ बढ़ने लगा तभी पीछे से रितिका ने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,

ओई किधर चला मूह उठाके ,,मुझे बोला कि वहाँ रूको मैं आया ओर अब खुद भाग रहा था,,,


सॉरी मैं तो भूल ही गया था,,,,,बोलो क्या काम है मेरे से,,,,,

कुछ नही बस कॉफी पीने को दिल कर रहा है ऑर मेरे पास पैसे नही,,,,,,

क्यू मज़ाक करती हो,,इतने बड़े बाप की बेटी हो,,चाहो तो कॉफी शॉप खरीद सकती हो ऑर बोलती हो पैसे
नही है,,,,,,

मेरा पर्स कार मे है ऑर कार की चाबी डॅड के पास ,,मैं उन्ही के साथ तो आई थी भाई को देखने,,,वो
थोड़ा नखरे से बोली,,,,अब तुझे कॉफी पिलानी है तो पिला वर्ना मैं चली,,

वो आगे चली गई ऑर मैं उसको आवाज़ देने लगा लेकिन वो नही रुकी,,,,मैं भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा
ऑर वो सीधा कॉफी शॉप मे घुस गई ऑर कॉफी ऑर्डर करने लगी,,,,उसने कॉफी ऑर्डर की ऑर मैं पैसे
देके उसकी तरफ बढ़ने लगा तब तक वो एक टेबल पर जाके बैठ गई जो विंडो के पास था,,,,मैं भी उसके
पास जाके बैठ गया,,,,

तुम्हारा दोस्त कहाँ है आज कल नज़र नही आ रहा ,,,मोबाइल भी ऑफ है उसका,,,,,

वो अपने दोस्तो के साथ बाहर गया है कहीं,,,,,

दोस्तो एक साथ,,,,,,,,,लेकिन जहाँ तक मैं जानती हूँ उसका तो कोई दोस्त नही तुम्हारे सिवा,,,,

मुझे भी नही पता किस दोस्त के साथ गया है मुझे तो उसको मोम ने बताया था,,,,

अच्छा ये ख़ान भाई को कैसे जानते हो तुम,,,वो मुझसे बात करती हुई बार बार बाहर देख रही थी

ख़ान भाई सूरज भाई के दोस्त है,,,मैं उन्ही के ऑफीस मे मिला था उनको,,,,,

सूरज भाई कॉन है अब,,,,,,,

सूरज भाई कविता के भाई है,,उन्ही के ऑफीस मे मिला था मैं ख़ान भाई को,,,,वहीं मुलाक़ात हुई थी
मेरी ख़ान भाई से,,,,,

कविता कॉन कविता ?,,,,अच्छा वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड

मेरी गर्लफ्रेंड,,,,तुझे किसको बोला वो मेरी गर्लफ्रेंड है,,,वो तो बस मेरी दोस्त है,,,,,,ऑर मेरी नही मेरी सिस सोनिया की
दोस्त है वो,,,हम लोग --- क्लास से साथ स्टडी कर रहे है,,,,

वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड नही है,,,,,,?

नही ,,,सिर्फ़ अच्छी दोस्त है,,,,वैसे तेरी जानकारी के लिए बता दूं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है,,ऑर ना गर्लफ्रेंड की ज़रूरत
है मुझे,,,,

जानती हूँ तुम ऐसे लड़के नही हो,,,ऑर इतना एक्सपेरिन्स हो गया है मुझे,,,तुम्हारी शराफ़त का,,उस दिन करण
के घर पे तुम चाहते तो मेरे साथ कुछ भी कर

वो अभी बोल रही थी तभी मैने उसके मूह पर हाथ रख दिया,,,,,बुरी बातों को याद नही करते,,दिल
दुख़्ता है उनसे,,,,याद करना है तो उन अच्छे पलों को याद करो जो तुमने करण के साथ बिताए,,उन
पलों को याद करके दिल को सकून मिलेगा,,,,खुशी होगी,,,,,बुरी यादें ऑर बुरी बातें जब पुरानी हो
जाती है तो उनको दोबारा से याद नही करना चाहिए,,वर्ना वो उन ज़ख़्मो को कुरेदने लगती है जिनको
वक़्त भर चुका होता है ऑर साथ ही उनपे नमक भी लगा देगी है,,,,,

मेरी बातें सुनकर वो चुप हो गई,,,,सही बोला था करण ने तुम सच मे बहुत अच्छे हो सन्नी,,,अक्सर
वो तुम्हारे बारे मे बहुत बात करता है,,

सिर्फ़ अच्छी बातें करता है,,,,कोई बुरी बात नही करता क्या मेरे बारे मे,,,,,

बुरी बात होगी तो करेगा ना,,,लेकिन तुमको जितना मैने जाना है मुझे नही लगता तुम मे कुछ बुरी बात
भी होगी,,,,जब देखो तुम्हारे बारे मे अच्छी बात ही सुन-ने को मिलती है,,ऑर आज देखने को भी मिली,,,

देखने को मिली,,,,,,क्या बात कर रही हो तुम मैं समझा नही,,,,,

वही जो तुम ख़ान सर से कह रहे थे,,उन बेक़सूर लोगो को रिहा करने के लिए,,,,मैं सब सुना,,,,तुम सच
मे बहुत अच्छे हो सन्नी,,,,,

कभी इंसान के बारे मे इतनी जल्दी कोई राई नही बनानी चाहिए रितिका,,,,मेरे कुछ पहलू सही है लेकिन मैं
भी इसी दुनिया का इंसान हूँ जहाँ कमिने ऑर ख़ुदग़र्ज़ लोग बस्ते है,,,,फिर भला मैं अच्छा कैसे हो सकता
हूँ,,,,,,हाँ कुछ अच्छी बातें ज़रूर है मेरे मे लेकिन उन चन्द बातों की वजह से मैं अच्छा इंसान
हूँ ऐसा मत सोचो तुम,,,

मुझे नही लगता सन्नी तुम मे कोई बुरी बात हो सकती है क्यूकी मैने तो जब भी देखी अच्छी बात देखी है
तुम मे,,,,,

फिर इधर उधर की बातें करते हुए हम लोगो ने कॉफी ख़तम की ऑर कॉफी शॉप से बाहर आ गये,,,

मैं अपने बाइक की तरफ जा रहा था रितिका भी मेरे साथ थी,,,,,,

ओह्ह शिट,,,,रितिका एक दम से बोली,,,,,,,,,,,



क्या हुआ रितिका,,,,,,

देखो ना बातों मे मैं इतनी बिज़ी हो गई कि पता नही चला कि डॅड कब चले गये,,,,,अब मैं घर
कैसे जाउन्गी,,,,मेरा तो मोबाइल ऑर पर्स भी कार मे ही था,,,,

कोई बात नही मैं तुमको घर ड्रॉप कर देता हूँ,,,,,

थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी,,,,,,,,,

इसमे थन्क्ष्क्ष्क्ष की क्या बात,,,अगर मैं यहाँ होता तो क्या तुम अपनी कार मे मुझे घर ड्रॉप नही करती

हम बाइक के पास गये मैने बाइक स्टार्ट की ऑर रितिका मेरी पीछे बाइक पर बैठ गई,,,उसने सूट पहना हुआ
था ऑर वो दोनो टाँगें एक तरफ करके बैठी हुई थी,,,,,वो बहुत सिंपल लड़की थी ज़्यादा डुइत ही पहनती
थी लेकिन कभी कभी जियाब ओर टॉप भी पहन लेती थी ,,,इतने बड़े बाप की बेटी थी लेकिन नखरा बिल्कुल
नही था उसमे,,,वर्ना आजकल की लड़कियाँ 50000 की अक्तिवा ऑर 10000 का फोन लेके खुद को कहीं की
प्रिन्सेस समझने लगती है,,,,,,

खैर वो बाइक पर बैठ गई ऑर हम उसके घर की तरफ चल पड़े,,,रास्ते मे हमने को बात नही की बस
वो मुझे रास्ता बताती रही ऑर मैं बाइक चलाता रहा,,,,,,उसका घर एक बढ़िया एरिया मे था जहाँ बड़े
बड़े लोग ही रहते थे,,,,इतने बड़े बड़े घर थे वहाँ की देख कर दिल खुश हो गया,,फिर आया उसका
घर ,,जिसको देख मैं दंग रह गया,,,,साला मैं अपने घर को बड़ा घर कहता था लेकिन इसका घर देख
कर तो मुझे मेरा घर की माचिस की डिबिया जैसा लगने लगा था,,,,,,मैने बाइक को उसके घर के बाहर रोका
तभी दो लोग गन लेके बाहर आ गये,,,,,

जाओ अंदर,ये मेरा दोस्त है,,,रितिका ने इतना बोला तो वो लोग अंदर चले गये लेकिन गेट खुला हुआ था वो
लोग बाहर हम लोगो को ही देख रहे थे,,,,,

ओके अब मैं चलता हूँ,,,,

नही ऐसे कैसे जा सकते हो तुम पहली बार मेरे घर आए हो,,ऑर पहली बार जब किसी के घर जाते है तो
बाहर से ही वापिस नही जाते,,,,अब्स्गुन होता है ये,,,बुरी बात है,,,,

मैं कुछ कहता तभी रितिका का बाप बाहर आ गया,,,,,,हाँ सन्नी बेटा ये ठीक बोल रही है,,पहली बार
किसी के घर से ऐसे ही वापिस नही जाते,,,,चलो अंदर आओ,,,,

उनके कहने पर मैं अंदर जाने लगा तो रितिका के बाप ने एक आदमी को इशारा किया तो उसने आगे बढ़ कर
मेरे से मेरी बाइक को पकड़ लिया ऑर अंदर ले आया,,,मैं रितिका ओर उसके बाप के साथ चलके घर के अंदर
जाने लगा लेकिन वो लोग घर के अंदर नही बल्कि बाहर गार्डन मे एक बड़ी सी छतरी के नीचे बैठ
गये ,,,,,,,,

बोलो बेटा क्या लोगे,,चाइ या कॉफी,,,,,

जी नही शुक्रिया सर मैं अभी कॉफी लेके ही आया हूँ,,,,रितिका ने मेरी तरफ देखा ऑर इशारा किया तो
मैं समझ गया,,,,,उसने बाप को नही बताना कुछ भी,,,,

तो चलो फिर जूस पे लेते है,,,क्यू रितिका बेटा,,

जी पापा ,,,,मैं अभी लेके आती हूँ,,,,,

तुम क्यू,,,किसी को बोल दो,,,,तुम्हारा दोस्त आया है तुम उसके साथ बात करो यहाँ बैठ कर,,,,वैसे तुम
हॉस्पिटल मे कहाँ गुम हो गई थी,,,,सेल भी कार मे था तुम्हारा ऑर पार्स भी,,मैं तो परेशान हो
गया था,,,,,

कुछ नही डॅड हॉस्पिटल मे एक कॉलेज की फ्रेंड मिल गई थी उसी से बातें करने लगी थी ,,जब फ्री हुई तो
देखा आप चले गये थे,,,ये तो सन्नी मिल गया तो इसके साथ आ गई,,,,,

इसको कैसे जानती हो तुम,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:37 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रितिका चुप हो गई ऑर मैं भी,,,,

पापा ये मेरी एक दोस्त का भाई है,,,,शोबा का,,,

अच्छा ठीक है बेटी,,,,,अब तुम बताओ सन्नी बेटा तुमने हॉस्पिटल मे बोला था कि तुम्हारा झगड़ा नही
हुआ सुरेश से लेकिन एक बार जब सुरेश ऑर अमित उस कमिने सुमित को मार रहे थे तब तुमने सुरेश
ऑर अमित से पंगा क्यू किया था,,,,,

सर मैने पंगा नही किया था,,,मैं तो सुरेश ऑर अमित को रोक रहा था,,,,क्यूक वो लोग एक कमजोर
पर हाथ उठा रहे थे,,उसका तो हाथ भी टूटा हुआ था,,,


जानता हूँ वो हाथ भी अमित ऑर सुरेश ने तोड़ा था,,,,सुरेश का बाप एक अकड़ के साथ बोला,,,,,

मैं भी जानता हूँ सर,,,,तभी तो मैं उनको रोकने गया ताकि वो उसका दूसरा हाथ भी ना तोड़ दे,,,

तोड़ देते तो क्या होता,,,तुमको क्या ज़रूरत थी उन लोगो के बीच मे आने की,,सुमित तुम्हारा कोई सगे
वाला है क्या,,,,

सगा वागा कुछ नही है सर बस कॉलेज मे है तो दोस्त है,,उसकी जगह कोई ऑर होता ऑर आपके बेटे ऑर अमित की
जगह भी कोई ऑर होता तो भी मैं ऐसा ही करता,,,वैसे भी मैं पहले फाइट शुरू नही की मैं तो उनको
रोक रहा था लेकिन उन लोगो ने मुझे मारना शुरू कर दिया,,,,मैं पहले शुरू नही करता कभी लेकिन बाद
मे कभी पीछे भी नही हट-ता,,अब जवान हूँ मैं खून भी गरम है मेरा,,,,,,मैं भी थोड़ी
अकड़ से बोल रहा था,,,,,ऑर उसका बाप मुझे घूर रहा था,,,,


ऑर वैसे भी अगर सड़क पर कोई आवारा कुत्ते को भी पत्थर से मारता है तो मेरा दिल करता है कि मैं उसी
पत्थर से उस इंसान का सर फोड़ दूं क्यूकी ग़रीब ऑर लाचार पर अत्याचार मेरे से बर्दाश्त नही होता


चलो जूस पियो ऑर जवानी के जोश को ठंडा करो,,,,,,इतना बोलते ही उन्होने जूस का ग्लास लेके मेरी तरफ बढ़ा
दिया,,,,मैं जूस पीने लगा ऑर एक ही बार मे ग्लास खाली कर दिया,,क्यूकी मैं हल्के गुस्से मे आ गया था

ऑर उधर सुरेश के बाप ने भी एक ही बार मे ग्लास ख़तम किया ऑर चेयर से उठ गया,,,,जवानी मे जोश
ऑर खून का गर्म होना ज़रूरी है सन्नी ,,लेकिन एक बात समझ लो जब आग से खेलो तो थोड़ा दूर से खेलो
ज़्यादा करीब मत जाओ वर्ना हाथ जल जाता है,,इतना बोलकर वो वहाँ से चले गये मैं भी उठा ऑर वहाँ
से बाहर की तरफ आने लगा,,,रितिका ने मुझे नही रोका क्यूकी वो जान गई थी मैं गुस्से मे हूँ ऑर मेरा
गुस्सा वो करण के घर पे देख चुकी थी,,,बस उसने मुझे बाइ बोला ऑर मैं भी उसको बाइ बोला ऑर अपनी
बाइक लेके वहाँ से करण के घर की तरफ आ गया,,,,

करण के घर पहुचा तो आज काफ़ी टाइम हो गया था ,,,,गेट खुलते ही आंटी ने उदास चेहरे से बोला

आज लेट क्यू हो गया सन्नी,,,पता है कितनी देर से वेट कर रही थी मैं,,,,,

सॉरी आंटी थोड़ा काम था इसलिए लेट हो गया,,,,,

चल कोई बात नही,,,कुछ खाया पिया बाहर या अभी लंच बना दूं,,,,

नही आंटी जी मैं ठीक हूँ ,,,बस मुझे थोड़ा आराम करना है,,,,सर मे दर्द हो रहा है,,,,

ठीक है तू जाके फ्रेश हो जा बेटा मैं कॉफी बना देती हूँ सर दर्द ठीक हो जाएगा ,,ऑर अगर नही हुआ तो
मालिश कर दूँगी,,,,,

मैं करण के रूम मे गया ऑर फ्रेश होने लगा,,ऑर फ्रेश होके बाहर आने लगा तभी मैने अपने मोबाइल
पर देखा कि माँ की 3 मिस कॉल थी मैने वापिस कॉल किया तो माँ ने फोन नही उठाया,,,

मैं बाहर गया ऑर तबतक कॉफी बन गई थी,,,,सुरेश के बाप ने दिमाग़ का दही कर दिया था,,,,इतना
गुस्सा आ रहा था साले पर कि बता नही सकता ,लेकिन अलका आंटी को देख कर सारा गुस्सा उड़ गया ऑर फिर
से एक मस्ती भरी लहर उठने लगी पूरे बदन मे,,,,

मैने देखा कि आंटी ने पहले तो सूट पहना हुआ था लेकिन अभी आंटी पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे थी,,,,साला
ये औरत तो कुछ ज़्यादा ही लग रही है सेक्स की आग मे ,,,इसका बस नही चलता वर्ना अभी नंगी हो जाए,,,,

मैं कॉफी पीने लगा ऑर सर दर्द से थोड़ा आराम भी मिलने लगा,,,,,कॉफी पीक मैं सोफे पर लेट गया

क्या हुआ बेटा सर मे अभी भी दर्द हो रहा है क्या,,बोलो तो दबा दूं क्या,,,,

पहले तो दिल किया कि रहने दो फिर जब नज़र पड़ी आंटी के बड़े बड़े बूब्स पर तो मन मचल गया,,,

जी आंटी जी ,,थोड़ा सर दबा ही दीजिए शायद दर्द कम हो जाए,,,,,

आंटी उठी ऑर मेरे सोफे पर आ गई ऑर मैने अपने सर को उठा दिया ,,फिर आंटी बैठ गई ऑर मैने अपना
सर आंटी की गोद मे रख दिया ऑर फेस उपर कर लिया,,,,,आंटी दोनो हाथों से मेरे सर को हल्के से दबाने
लगी ,,जब जब आंटी अपने हाथ का ज़ोर लगाती या हल्के से मेरे सर पर दबाब डालती तो नीचे झुकने की वजह से
उनके बूब्स मेरे फेस पर टच होने लगते ,,,,दिल तो किया कि अभी मूह मे भर लूँ लेकिन मैं सबर
कर रहा था,,,,ऑर तभी सारा खेल ख़तम हो गया,,,,अंदर रूम मे मेरा फोन बजने लगा ऑर मैं
आंटी की गोद से उठकर करण के रूम मे चला गया,,,,,

ये माँ की कॉल थी,,,,


हेलो बेटा,,क्या कर रहा था,,,,

कुछ नही बस आंटी को गोद मे लेटा हुआ था,,,,

अच्छा तो गोद तक पहुँच ही गया तू,,,,चल आज तुझे एक प्लान बताती हूँ जिस से गोद से आगे तक पहुँच
जाएगा तू,,,,

नही माँ रहने दो,,,,आज मेरे पास एक प्लान है,,,बस आप मेरा एक काम करो,,,शाम को 4-5 बजे आंटी
को बाहर शॉपिंग करने के लिए बोलना ऑर जब वो तैयार हो जाए तो उनको मना कर देना ,,बोल देना आपको
कोई काम पड़ गया,,,,

तेरे पास क्या प्लान है,,,,,

है एक प्लान माँ ,,,आप बस आंटी को फोन कर देना,,,,,,

ठीक है बेटा,,,,,,जब माँ बोल रही थी तो पीछे से किसी की आवाज़ सुनाई दी जो जानी पहचानी लग रही थी
लेकिन इस से पहले कुछ ऑर सुनता माँ ने फोन कट कर दिया,,,,,फिर मैं बाहर नही गया ऑर वहीं रूम
मे लेट कर लॅपटॉप ऑन कर लिया,,,आंटी भी मेरे रूम मे नही आई,,,


मेरी आँख लग गई ऑर जब उठा तो 4 बज रहे थे,,,,,मैं उठा ऑर बाहर हॉल मे आ गया,,आंटी अपने रूम
मे थी,,,,मैने माँ को मेसेज कर दिया कि आंटी को कॉल करे ऑर तभी 5-7 मिनट मे आंटी का फोन बजने
लगा,,माँ ने वैसा ही किया जैसा मैने बोला था,,,,


बात करने के बाद आंटी अपने बाथरूम मे चली गई ऑर मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा,,,

फिर कुछ देर बाद आंटी तैयार होके बाहर आ गई,,,,,साला जब भी ये तैयार होती थी मेरे दिल मे आग लग जाती
थी,,,,ऑर उपर से इसका टाइट फिटिंग वाला पंजाबी सूट ,,जिसमे से पूरी बॉडी का ठीक ठीक नाप मिल जाता था,,,बड़े
बूब्स खुल कर बाहर निकल आते थे,,,गान्ड भी एक दम फस जाती थी सलवार मे,,,,,

आंटी आप कहीं जा रही हो क्या,,,,,,

हाँ बेटा ,,एक सहेली के साथ शॉपिंग करने जा रही हूँ ,,

कब जाना है आंटी जी,,ओर वापिस कब आना है,,,,,

अभी चली जाउन्गी 10-15 मिनट मे ऑर वापसी आउन्गी कम से कम 2-3 अवर्स मे,,,,क्यू कोई काम था क्या,,,,

नही आंटी जी बस ऐसे ही पूछा था,,,,,,,

आंटी अपने रूम मे चली गई ऑर मैं भी करण के रूम मे चला गया,,फिर कुछ देर बाद मैं करण
के रूम से ऐसे निकला जैसे कोई चोर निकलता है,,,मैं जान बूझ कर ऐसे चल रहा था कि आंटी मुझे
देख नही सके,,लेकिन मैं चाहता था कि आंटी मुझे देख ले,,,,,मैं किचन मे गया ऑर आंटी के रूम के
पास से हल्के से गुजरा ,,,ऑर आंटी ने भी मुझे देख लिया ऐसे चलते हुए,,,,मैं किचन मे गया ऑर एक
कटोरी मे देसी घी डालके वापिस हल्के कदमो से करण के रूम की तरफ आने आगा,,,,,,,आंटी ने मुझे देखा
ऑर मेरे पे शक करती हुई हल्के से मेरे पीछे पीछे आ गई,,,मैं जान गया था वो मेरे पीछे है,,,
Reply
07-14-2019, 11:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं रूम मे जाते ही अपने फोन को कान पर लगाया ऑर बात करने का नाटक करने लगा,,,,,

हाँ बस कुछ देर मे आंटी जाने वाली है,,फिर मैं घर पे अकेला हूँ,,2-3 अवर्स तक मस्ती कर सकते
है,,,,,जैसे ही वो जाती है मैं तुझे मेसेज कर दूँगा,,,तू आ जाना,,,,इतना बोलकर मैने फोन को वापिस
रख दिया ऑर आप भी आराम से बेड पर लेट गया,,,

करीब 5 मिनट बाद आंटी वापिस मेरे रूम मे आई,,,,बेटा मैं जा रही हूँ तू गेट बंद करले,,,

आंटी जी आपके पास घर की चाबी है ना,,,,,

हाँ बेटा ,,क्यू चाहिए क्या,,,,,

नही आंटी जी,,,,,मेरे को नींद आ रही थी ,,मैं सोच रहा था कि आप गेट को खुद लॉक कर दो ,,पता
नही आपके वापिस आने पर मैं नींद से जाग पाउन्गा भी या नही,,,आपके पास चाबी होगी तो आप अंदर तो
आ जाओगी ,,,,,

ठीक है बेटा,,मैं खुद गेट लॉक करके जाती हूँ तुम आराम से सो जाना,,,,,फिर आंटी वहाँ से चली
गई ऑर जाते टाइम मुझे अजीब शक्की नज़रो से देख कर गई,,यही तो मेरा प्लान था,,,,ऑर प्लान के हिसाब से
जब आंटी घर से निकली तो 5 मिनट बाद ही माँ ने आंटी को फोन कर दिया ऑर मना कर दिया आज
शॉपिंग के लिए ऑर आंटी वापिस घर आ गई,,,,,ऑर उनके आने से पहले मैं बेड पर नंगा होके लेट गया
थे ,,मेरा लॅपटॉप मेरे सामने था ऑर उसपे मेसेन्जर ऑन था ऑर मेरे साथ वीडियो चॅट कर रही थी शिखा
दीदी,,,,वो भी बुटीक पर नंगी होके बेड पर लेटी हुई थी,,लेकिन ना तो वो अपना फेस दिखा रही थी ऑर
ना ही मैं,,,हम दोनो अपने सर से नीचे का बॉडी पार्ट दिखा रहे थे,,,मैं तो दीदी को ये भी बोल
दिया था कि मूह पर कपड़ा बाँध ले ताकि उनकी आवाज़ कुछ अलग हो जाए ऑर आंटी उनकी आवाज़ नही पहचान
सके ऑर दीदी ने ऐसा ही किया,,,,

ऑर जैसे ही गेट खुलने की आवाज़ आई मैं ऑर दीदी शुरू हो गये,,,,मैं जानता था गेट खुलने के बाद आंटी
सीधा मेरे रूम मे आएगी क्यूकी उन्होने मुझे फोन पर बात करते भी सुना था ऑर किचन मे चोरों
की तरह जाते भी देखा था,,,ऑर ऐसा ही हुआ आंटी सीधा मेरे रूम के दरवाजे के पास आ गई ऑर यहाँ
मैं बेड पर नंगा बैठा हुआ था ऑर मेरा लॅपटॉप मेरे बेड पर मेरी टाँगों के बीच मे पड़ा हुआ
था ऑर मेरे लॅपटॉप पर एक लड़की नंगी थी जिसकी वीडियो आंटी देख सकती थी,,,,वो लड़की शिखा थी ये आंटी
को नही पता चलने वाला था क्यूकी वो अपना फेस नही दिखा रही थी,,,बस जो हिस्सा देखना था मुझे वही
दिखा रही थी,,,,,

मैने शिखा से ऐसे बात करनी शुरू की जैसे वो मेरी कोई नेट की चॅट फ्रेंड है,,फिर हम दोनो की
वीडियो चॅट शुरू हो गई,,,,

शिखा को भी मैने बता दिया था कि उसकी माँ रूम के दरवाजे के पास खड़ी हुई है,,,,,,,,

शिखा,,,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया,,,,,


मैं,,,,,,,,,,यार आंटी के जाने का वेट कर रहा था वो अभी गई,,,,वो अगर होती तो मैने कहाँ ऑनलाइन
आना था,,,

शिखा,,,,,,अब कब तक वापिस आना है तुम्हारी आंटी जी ने,,,,

मैं,,,,बोल कर तो गई है 3 अवर्स तक ,,बाकी पता नही,,,,

शिखा,,,,ओह्ह वाउ मतलब हम 3 अवर्स तक मस्ती कर सकते है,,,,

मैं,,,,,हाँ कर तो सकते है ,,अगर आंटी नही आई तो,,,,,

शिखा,,,,आंटी आती है तो आने दो उसको भी अपने खेल मे शामिल कर लेना तुम,,,वैसे भी तुम तो यही
चाहते हो ना,,,,

मैं,,,,हां यार चाहता तो हूँ कि आंटी भी मेरे साथ इस मस्ती के खेल मे शामिल हो जाए लेकिन उनको
मैं शामिल करूँ तो कैसे करूँ,,,मुझे तो बहुत डर लगता है उनके पास जाने मे,,,,

शिखा,,,,इतना डरोगे तो चुदाई कैसे करोगे आंटी की,,,,या तो डरना छोड़ दो या आंटी को चोदने का
ख्याल अपने दिल से निकाल दो,,,,

मैं,,,अरे यार ऐसा मत बोल प्लज़्ज़्ज़्ज़ ,,,मैं ये ख्याल कभी दिल से नही निकाल सकता,,,तुझे तो पता है ना
कि मैं अलका आंटी को कितना लाइक करता हूँ,,,,,

शिखा,,,,,,अच्छा बता कितना लाइक करता है,,,मुझे भी तो पता चले आख़िर क्या है तेरी आंटी मे ऐसा जो
मेरे मे नही,,,,,शिखा सामने से अपनी चूत मे उंगली करती हुई एक हाथ से अपने बूब्स को बारी बारी से
मसल्ति हुई बोल रही थी,,,

मैं,,,,,,मत पूछ यार,,,,गोरा रंग है संगमरमर की तरह,,,भरा हुआ बदन है ,,मोटी नही है
लेकिन कुछ हेल्थि है,,,,बड़े बड़े बूब्स कम से कम 40 साइज़ के है,,,,बड़ी मस्त गान्ड है उनकी ,,,जब
भी उनको देखता हूँ तो दिल करता है अपना से 9" इंच का लंड उनकी चूत मे घुसा दूं ऑर उनके
बड़े-बड़े बूब्स को हाथों मे लेके मसलता हुआ उनकी चूत मे झटके मारने शुरू कर दूं ऑर साथ
ही उनके सॉफ्ट सॉफ्ट लिप्स को अपने मूह मे भरके चूस्ता रहूं,,फिर कुछ देर बाद उनको बेड पर झुका
कर पीछे से अपने मूसल को उनकी गान्ड मे घुसा दूं ऑर इतनी चुदाई करूँ कि उनकी गान्ड को अपने
लंड के पानी से भर दूं,,,,,,,,,,,,,मैं भी अपने लंड को हल्के हल्के से मसल रहा था देसी घी
लगा कर,,,,,

आंटी बाहर खड़ी सब सुन रही थी ऑर सब देख भी रही थी,,,,पक्का वो कुछ परेशान होंगी लेकिन वो
मेरी बातों से कुछ गरम भी हो गई होगी,,,,,चूत मे उंगली भी करने लगी होगी,,,,क्यूकी मुझे लॅपटॉप
मे उनकी परच्छाई तो नज़र आ रही थी लेकिन वो क्या कर रही थी ये नज़र नही आ रहा था,,,

शिखा,,,,,अच्छा ये बता तू कभी आंटी के साथ सोया है क्या,,,,,

मैं,,,,हाँ मैं 3 दिन से यहाँ हूँ ऑर 2 रात मैं आंटी एक साथ सोया भी था,,,

शिखा,,,,,,,,,,कुछ हुआ क्या फिर,,,तूने उनको कहीं टच किया कि नही सोते टाइम,,,,

मैं,,,,,,नही मुझे बहुत डर लगता है,,,कहीं वो जाग जाती तो,,,,,ऑर वैसे भी मैं बेड पर लेटते-ते ही सो
जाता हूँ,,कुछ करने का मोका ही नही मिलता मुझे,,,,

शिखा,,,तू सच मे बुद्धू है,,,नींद मे जब आंटी होती है तू हल्का सा हाथ तो लगा ही सकता है ,,बूब्स
पर या उनकी चूत पर,,,,

मैं,,,,नही यार मुझे बहुत डर लगता है,,,वो मेरे दोस्त की माँ है तो मेरी भी माँ हुई ना,,,ऑर उमर
मे इतनी बड़ी है मेरे से कि मेरी हिम्म्त ही नही होती कभी कुछ करने की,,,,,

शिखा,,,,फिर तुझे क्यू लगता है कि तू उनको चोद सकता है,,,,जब तेरे मे हिम्मत ही नही,,,,क्या वो तुझे
सामने से आके ऐसा बोलेगी कि आजा सन्नी मेरी चूत मारले,,,,,

मैं,,,नही यार ऐसी बात नही है,,,मुझे ही कुछ करना होगा वो नही कहने वाली कुछ,,लेकिन एक बात
है कि वो चुदाई क लिए मान ज़रूर जाएगी,,,,

शिखा,,,,अच्छा ,,तुझे ऐसा क्यू लगता है भला,,,,

मैं,,,,,अरे यार तूने उसको देखा नही कभी,,क्या मस्त माल है वो,,,,ऐसी औरत का पति हर रात को उसको
एक बार तो ज़रूर चोदता होगा,,,,तभी तो इतने बड़े बूब्स ऑर इतनी मस्त गान्ड है उनकी,,,,ऑर अब करण
के पापा को आउट ऑफ कंट्री गये काफ़ी महीने हो गये है,,,जहाँ तक मुझे लगता है आंटी इतने टाइम से
बहुत चुदासी हो गई होंगी,,,,,अगर मैं कोशिश करूँगा तो शायद मान जाएगी,,,,,क्यूकी पूरी भरी बैठी
हुई है वो,,,,आग लगी हुई होगी उनके जिस्म मे,,,,बस जलते हुए अंगारों पर हल्की राख पड़ी हुई है जिसको
हल्की मस्ती की फूँक मार कर उड़ाना होगा ओर फिर से शोले भड़कने शुरू हो जाने है,,,,

शिखा,,,,,,फिर तो तुझे कुछ करना ही होगा,,,रात को सोते टाइम,,,,,वैसे तू जवान लड़का है उनको तेरे
साथ सोने मे कोई दिक्केट तो नही होती,,,,,

मैं,,,,नही कोई दिक्कत नही होती,,,,वो तो मुझे अपना बेटा समझती है बिल्कुल करण की तरह,,,दिक्कत तो
मुझे होती है क्यूकी मैं अक्सर निक्कर पहन कर सोता हूँ ऑर मुझे उनके साथ ऐसे सोने मे शरम
आती है,,,,,,,,ऑर सॉरी भूल गया उनको भी दिक्कत होती है,,,मेरी स्नोरिंग की वजह से,,,जब भी मैं गहरी
नींद मे होता हूँ तो मेरे खर्राटे शुरू हो जाते है,,जिनसे आंटी को थोड़ी प्रोबलम होती है,,,,

शिखा,,,,,क्या तू गहरी नींद मे खर्राटे मारता है,,,,,

मैं,,,हाँ यार जब नींद गहरी होती है तो कहाँ पता चलता है सोने वाले को की वो क्या कर रहा है,,

शिखा,,,,,अच्छा ये बता तुझे कभी आंटी के साथ सोते हुए ऐसा लगा कि आंटी तेरे बहुद करीब है ,,,या
तेरी बॉडी को कहीं टच कर रही है,,,

मैं,,,,क्या मतलब,,,,,

शिखा,,,मतलब कि आंटी कभी तेरी चेस्ट को या कभी तेरे लंड को हाथ लगाती है जब तू सो जाता है,,,

मैं,,,,नही मुझे नही पता,,,,मैं तो गहरी नींद मे होता हूँ ना,,,,लेकिन कभी कभी मुझे लगता
है जैसे उनका हाथ मेरी चेस्ट पर रखा हुआ है या चेस्ट पर घूम रहा है,,लेकिन वो तो नींद मे
होती होंगी शायद इसलिए ऐसा कुछ हो जाता होगा,,,,,मैं भी तो नींद मे खर्राटे मारता हूँ,,,,

शिखा,,,,,अरे बुद्धू अगर वो भी तीर साथ चुदाई करने की तमन्ना दिल मे रखती होगी तो तेरे सोने के
बाद वो तुझे कहीं ना कहीं टच ज़रूर करती होंगी,,,,,,

मैं,,,,,पता नही मुझे,,,,,,

शिखा,,,,अच्छा एक बात बता,,तू गहरी नींद मे खर्राटे मारता है ये बात आंटी को पता है क्या,,,,

मैं,,,,हाँ पता है,,,ऐसा क्यो पूछा तूने,,,,,

शिखा,,,,देख आज रात जब तू आंटी के साथ सोएगा तो कोशिश करना कि तुझे नींद नही आए लेकिन तू
सोने की आक्टिंग करते हुए जान बूझ कर खर्राटे मारना शुरू कर देना,,,

मैं,,,,इस से क्या होगा,,,,

शिखा,,,,अगर आंटी के दिल मे भी कुछ ऐसा हुआ जैसा तेरे दिल मे है तो आंटी शायद सोते टाइम तेरे को
टच करती हो,,,शायद तेरे लंड को भी पकड़ती हो,,,,तू तो गहरी नींद मे होता है ना,,,,,,,,,,वैसे तुझे
ऐसा क्यू लगता है कि आंटी भी वैसा चाहती होगी जैसा तू चाहता है,,,,

मैं,,,,,मैने देखा है उनकी आँखों मे,,,,मैं उनको काफ़ी टाइम से लाइक करता आ रहा हूँ,,,,ऑर हर
बार जब मैं उनके घर आता हूँ तो उनके बूब्स ऑर मस्त गान्ड को दिल भरके देखता हूँ लेकिन आंटी
मेरी तरफ कभी नही देखती थी,,,अगर देखती थी तो बस नॉर्मल तरीके से लेकिन अभी कुछ महीनो मे मैने
देखा है कि जब भी मैं आंटी को देखता हूँ या उनके बड़े बड़े बूब्स की तरफ देखता हूँ तो वो हंस कर
हल्का सा शरमा जाती है,,,,उनको कोई परेशानी नही होती जब मैं उनके बूब्स देखता हूँ,,,ऑर अभी कुछ
दिन से तो वो ज़्यादा ही बूब्स दिखा रही है मुझे,,,,रात खाना खाते टाइम भी झुक झुक कर मुझे अपने
बूब्स दिखाती है,,,,मेरा ध्यान खाने की प्लेट की तरफ कम ऑर उनके बूब्स की तरफ ज़्यादा होता है,लेकिन
वो ऐसा अंजाने मे करती है है जान भूज कर मैं ये नही जानता,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शिखा,,,,तो जैसा मैं कहती हूँ वैसा कर,,,,,आज रात सोने की आक्टिंग कर ऑर नकली खर्राटे मारने शुरू
कर देना,,फिर देखना आंटी तुझे कहीं हाथ लगाती है या नही,,,,अगर उन्होने ऐसा वैसा कुछ किया तो
समझ जाना तेरी लाइन क्लियर है,,,,

मैं,,,,सच मे ऐसा हो गया तो मज़ा आ जाना है,,,,,मैं नही जानता आंटी भी वैसा चाहती है या नही
लेकिन मैं तो चाहता हूँ लेकिन मैं पहले कुछ करने से डरता हूँ क्यूकी वो मेरे दोस्त की माँ है
ऑर मेरी माँ जैसी है,,लेकिन अगर वो भी वहीं चाहती है तो बस एक बार मुझे अजीब तरीके से कहीं
टच कर्दे फिर मैं नही छोड़ने वाला आंटी को,,,,इतनी दमदार चुदाई करूँगा कि आंटी करण के
पापा को भी भूल जाएगी,,,,,

शिखा,,,,चल आंटी के साथ तो जो होगा वो होगा लेकिन बता क्या अभी तू आंटी के साथ मस्ती करना चाहता
है,,,,,

मैं,,,अभी ? अभी कैसे,,,,??

शिखा,,,मैं बनती हूँ ना तेरे लिए तेरी अलका आंटी ऑर तेरा जितना दिल करे उतनी देर चुदाई करले मेरी,,

मैं,,,हाँ ये ठीक है ,,,,हर बार की तरह हम लोग रोल प्ले करते है,,,,तुम अलका आंटी बन जाओ आज मेरे
लिए ऑर मैं पूरी मस्ती से तुम्हारी चुदाई करता हूँ,,,,

फिर मेरा ऑर शिखा का रोल प्ले शुरू हुआ जो करीब 1 अवर से ज़्यादा चला ओर इसके साथ ही मैं अपने
लंड की मालिश भी करता रहा ,,,जब मेरा ऑर शिखा दोनो का पानी निकल गया तो हम दोनो बेड पर लेट
गये फिर वो ऑफलाइन हो गई लेकिन जैसे ही वो ऑफलाइन होने लगी पीछे से उनके लॅपटॉप से आवाज़ आई,,,,,जल्दी
कर घर जाना है सभी वेट कर रहे होंगे,,,,,ये आवाज़ शोबा दीदी की थी,,,पता नही आंटी ने वो आवाज़
सुनी थी या नही लेकिन मैं तो सुन ली थी,,,,जैसे ही मैं अपने लॅपटॉप बंद करके पीछे की तरफ मुड़ा तो
देखा कि आंटी वहाँ से जा चुकी थी,,,,,शायद आंटी ने शोबा की आवाज़ नही सुनी थी,,,,,

मैं बहुत खुश था ,,,मेरा काम तो हो गया था,,,आंटी आज पूरी तरह क़ाबू मे आ गई थी,,अब तो बस
रात का इंतजार था,,लेकिन अभ तो शाम थी डिन्नर भी करना था,,,,,,,देखते है रात को क्या होता है ,,,,,,
मैं लॅपटॉप बंद करके निक्कर पहन कर रूम से बाहर निकला ,,,आंटी घर वापिस आ चुकी थी लेकिन मैं
रूम से ऐसे अंजान बनके निकला जैसे आंटी अभी घर मे है ही नही,,,,,

जब मैं आंटी के रूम के सामने से गुजर रहा था तो रूम के अंदर देखा तो आंटी अपने कपड़े चेंज
करके नाइटी पहन रही थी,,,,ये नाइटी भी काफ़ी पलते कपड़े की थी लेकिन काफ़ी लंबी थी जो घुटनो से काफ़ी
नीचे तक आ रही थी,,,,,,मैने एक बार आंटी की तरफ देखा ओर जैसे ही उन्होने पलट कर बाहर की तरफ देखा
तो मैं अंजान बनके वहाँ से आगे बढ़ गया किचन की तरफ,,मेरे हाथ मे देसी घी की खाली कटोरी थी,,
मैं अपनी मस्ती मे अंजान बनते हुए किचन की तरफ जाने लगा तभी आंटी अपने रूम से बाहर निकली,,


सन्नी बेटा तू इतनी जल्दी उठ भी गया,,या अभी तक सोया ही नही,,,,आंटी ने बड़े शरारती अंदाज़ मे बोला ,,,,


मैं डरने का नाटक करते हुए एक दम से पीछे मुड़ा,,,,,,आअप्प्प्प कब आयई अयूयूंटीयी ज्जिि,,,,मैं इतना
ज़्यादा नाटक कर रहा था की आंटी को लगा जैसे मैं बहुत ज़्यादा डर गया हूँ,,,,,

अरे तुम इतना डर क्यूँ रहे हो,,,,ऑर तुमको पसीना क्यू आ रहा है,,,तुम तो ऐसे डरने लगे हो जैसे मैने
तुम्हारी चोरी पकड़ ली है,,,,

चूरिई कैइईसीई चोरी मायिनी क्कोइ चोरि ंहिी क्कीिई,,,ऊरर पास्सीनना क्काहहानं आय्या हहाई
म्मूउुज्झहही ,,,मैं जानभूज कर अपने हाथ को अपने माथे पर रखते हुए बोला,,,,


तभी आंटी मेरे पास आ गई,,,,ऑर अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर मेरे माथे से नीचे कर दिया ऑर
हँसने लगी,,,,,,मैं तो मज़ाक कर रही थी बेटा,,,लेकिन तुम तो ऐसे डर रहे हो जैसे सच मे कोई ग़लत काम
कर के आरहे थे,,,,,

मैं क्या ग़लत काम कर रहा था,,,मैं तो सो रहा था आंटी जीई,,अभी उठा हूँ,,,,

अच्छा तो तेरे हाथ मे क्या है ये,,,,

ये तो देसी घी है आंटी जी,,,,मेरा दिल किया था देसी गीयी खाने को,,,,,इसमे कुछ ग़लत बात है क्या,,,,

नही बेटा ये तो बहुत अच्छी बता है,,,,तेरी उमर ही ऐसी है ,,,,,वैसे भी आज कल तू जितनी मेहनत करता है
उसके लिए अच्छी खुराक खानी ही चाहिए,,तभी तो ऑर ज़्यादा मेहनत करने की ताक़त आएगी,,,,लेकिन तू मेहनत
सही जगह किया कर,,,,फालतू मे थका मत कर,,,,,आंटी बड़ी नटखट अंदाज़ मे बोली थी ऑर मैं समझ गया
था उनका मतलब,,,,

ग़लत जगह ,,,,कॉन्सी ग़लत जगह मेहनत की है मैने आंटी जी,,,,

अरे मेरे कहने का मतलब है तू वीडियोगेम मे मेहनत बहुत करता है,,जब देखो लॅपटॉप पर लगा रहता
है पता नही क्या क्या गेम खेलता रहता है,,,,,मेहनत करनी है तो किसी ऑर तरफ मेहनत किया कर,,,,

कहाँ मेहनत करूँ आंटी जी,,,,मुझे तो गेम खेलने मे ही मज़ा आता है,,,,,आपको क्या पता गेम खेलके
कितना मज़ा आता है,,अपने एक बार खेली हो तो पता लगे,,,,,

जानती हूँ बेटा तू कितनी मस्ती करता है गेम खेलने मे,,,,आंटी हँसते हुए बोली,,,,,,


वैसे आप इतनी जल्दी कैसे आ गई आंटी जी,,,,मुझे तो आपके आने का पता भी नही चला,,,,,,

पता कैसे लगना था तुझे बेटा,,,,इतनी मेहनत करने मे जो बिज़ी था,,,,,,

क्या मतलब आंटी जी,,,,,,,

मेरा मतलब इतनी मेहनत करता है तू थक गया होगा,,,,ऑर वैसे भी तेरी नींद इतनी पक्की है कि तुझे सोते
टाइम कुछ पता नही चलता,,,,,,

हाँ ये बात तो ठीक कही अपने आंटी जी,,,,,सोते टाइम मुझे कुछ पता नही चलता,,,,,इसलिए तो अपने खर्राटे
भी नही सुन पाता मैं,,ये तो आपसे पता चलता है कि मैं खर्राटे मारता हूँ,,,,,वैसे आपने बताया नही
आप इतनी जल्दी कैसे आ गई,,,,,,

कुछ नही बेटा ,,जिस सहेली के साथ गई थी उसको कोई ऑर काम आन पड़ा ओर वो माल से वापिस घर चली गई,,तो
मैं अकेली क्या करती इसलिए मैं भी वापिस आ गई,,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने फिर जान बूझ कर डरते हुए,,,,आप माल नही गई ,,क्या रास्ते से वापिस आ गई थी,,,,कब आई आप वापिस

अरे तू फिर से डर क्यू रहा है,,इतना बोलके आंटी ने मुझे अपने पास खींच लिया ऑर अपने गले से लगा
लिया,,,,बोला ना मैं अभी आई हूँ ,,,तू डर मत तेरी कोई चोरी नही पकड़ी मैने,,,,,

मैं जब कोई चोरी की ही नही तो मैं क्यू डरू आंटी जी,,,,,

फिर डर क्यू रहा है,,इतना बोलकर आंटी ने मुझे अपने जिस्म से ज़ोर से चिपका लिया ,,आंटी के हाथ मेरे सर
पर थे ,,आंटी ने मेरे सर को अपने बूब्स पर रख लिया ऑर मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा लिया,,

मेरा दिल तो किया कि अभी बूब्स को मूह मे भर लूँ लेकिन मैने कोई जल्दबाज़ी नही की ऑर आंटी ने भी मुझे
ज़्यादा देर तक नही पकड़ा ऑर जल्दी ही छोड़ दिया,,,,,


अच्छा बता डिन्नर मे क्या खाना है,,,,,

डिन्नर अभी,,,,,अभी तो बहुत टाइम है डिन्नर मे आंटी जी,,,,

बेटा तू ठीक से अभी सो नही पाया है,,,,मैं भी कुछ थक गई हूँ,,,,क्यू ना आज जल्दी डिन्नर करले ऑर जल्दी
सो जाए,,,,नही तो तुम्हारा सर दर्द होने लगेगा,,,,ऑर मुझे भी अजीब फील होने लगेगा,,,,

ठीक है आंटी जी जैसा आप बोलो.,,,,,,

फिर आंटी किचन मे चली गई ऑर मेरे हाथ से देसी घी की कटोरी भी पकड़ कर ले गई,,,,

मैं वापिस करण के रूम मे चला गया,,,,,

करीब 5-20 मिनट बाद ही आंटी ने मुझे आवाज़ लगा दी डिन्नर के लिए,,,,मैं हैरान इतनी जल्दी डिन्नर
कैसे बन गया,,,,,


मैं बाहर गया ऑर देखा की आंटी ने राइस बना लिए थे,,ऑर साथ मे जो दाल ऑर सब्जी थी वो कल वाली थी,,,

मैं समझ गया आंटी ने जल्दी जल्दी मे कुछ नही बनाया बिना राइस के,,,,मैं जाकर चेयर पर बैठ गया ऑर
आंटी ने मुझे प्लेट लगा दी,,,,आज मैं डिन्नर टाइम से 2 अवर्स पहले ही डिन्नर कर रहा था,,भूख तो
नही थी लेकिन जल्दी सोने की चाहत मे मैं खाना खाने लगा ऑर आंटी भी,,,,जितना टाइम आंटी ऑर मैं
खाना खाते रहे उतना टाइम आंटी मुझे शरमाते हुए अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,

डिन्नर करके मैं करण के रूम मे चला गया ऑर जाके लेट गया,,,,मैं आज आंटी के रूम मे नही जाना
चाहता था,,,देखना चाहता था कि आंटी के जिस्म मे कितनी आग लगी है आज,,,क्या वो मेरे रूम मे आती है
या नही,,,अगर आ गई तो आज का प्रोग्राम फिट हो जाना है,,,अगर नही आई तो देखते है,,,,,,

करीब 30 मिनट बाद आंटी मेरे रूम मे आ गई,,,,,,

क्या हुआ बेटा ,,आज सोना नही क्या,,,,

सोना है आंटी जी ,,,,,,अभी नींद नही आई थोड़ी देर गेम खेल लेता हूँ शायद नींद आ जाए,,,,

तभी आंटी मेरे बेड पर बैठ गई,,,,ये बेड करण का था जो 4 बाइ 6 फीट का था,,,,एक आदमी के लिए काफ़ी था
लेकिन 2 लोगो का सोना मुश्किल था,,,,

आंटी बेड पर बैठ गई,,,,,सोने के लिए गेम खेलने की क्या ज़रूरत है,,,मैं सुला देती हूँ तुमको,,,,इतना
बोलकर आंटी ने मेरे हाथ से लॅपटॉप पकड़ा ऑर टेबल पर रख दिया,,ऑर मेरे साथ लेट गई,,,,ऑर मेरे सर
पर प्यार से हाथ फेरने लगी,,,,,चलो सो जाओ वर्ना सर दर्द होने लगेगा,,,,ऑर मुझे भी बहुत नींद आई
है,,,,,

आंटी ने मेरी तरफ करवट ली जबकि मैं सीधा लेटा हुआ था छत की तरफ मूह करके,,,,आंटी मेरे सर पर
हाथ फेरने लगी ओर करीब 15-20 मिनट बाद मेरी स्नोरिंग शुरू हो गई ,,हमेशा की तरह,,,,ये नकली
स्नोरिंग थी लेकिन फरक इतना था कि आज आंटी को भी पता था ये स्नोरिंग नकली है,,,,,स्नोरिंग शुरू होने के
2 मिनट बाद ही आंटी का हाथ मेरे सर से उठा ऑर मेरी छाती पर आ गया ऑर आंटी ने मेरी छाती को
प्यार से सहलाना शुरू कर दिया,,,लेकिन ये सब नॉर्मल था,,कुछ खास नही था,,,कुछ देर ऐसे ही आंटी मेरी
चेस्ट को सहलाती रही,,,मैं समझ गया कि आंटी का दिल तो कर रहा है मस्ती करने का लेकिन आंटी थोड़ा डर
रही है इसलिए आंटी का डर कम करने के लिए मैने आंटी की तरफ करवट ली,,,,बेड पर जगह कम थी ऑर
जैसे ही मैने करवट ली मैं आंटी के साथ चिपक गया,,,,आंटी का फेस मेरी तरफ था ऑर मेरा फेस आंटी
की तरफ,,आंटी का एक हाथ पिल्लो ऑर मेरे सर के बीच था ,,मेरा सर आंटी के हाथ पर था जबकि आंटी का
दूसरा हाथ मेरे सर पर था,,,,मैं मोका देखा ऑर मैने अपने सर को आंटी के बूब्स के करीब कर लिया
लेकिन बूब्स को टच नही किया,,,,,,लेकिन तभी आंटी ने आगे बढ़ कर अपने बूब्स को मेरे करीब कर दिया ऑर
अपने हाथ को भी मेरी पीठ पर ले गई,,,ऑर प्यार से मेरी पीठ को सहलाने लगी,,,,,मैं समझ गया कि आंटी
अकेले कुछ नही करने वाली,,,क्यूकी वो थोड़ा डर रही थी,,,,आंटी का डर दूर करने क लिए मुझे भी आंटी
का साथ देना होगा,,,,,,,,,मैं आगे बढ़ कर अपने सर को आंटी के बूब्स पर दबा दिया ऑर तभी आंटी ने भी
अपने हाथ को मेरी पीठ से उठा कर मेरे सर पर रखा ऑर मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा लिया ,,,,

आंटी ने आज लोंग नाइटी पहनी हुई थी ,,,,,जो उनके घुटनो तक आती थी,,,लेकिन ये नाइटी भी काफ़ी पतले कपड़े
की थी,,,,,आगे से एक पट्टी थी जिस से उन्होने अपनी नाइटी को अपने पेट पर बाँधा हुआ था,,,,,जहाँ से पट्टी
पेट पर बँधी हुई थी वहाँ से तो उनकी नाइटी ठीक थी लेकिन बाकी जगह से उनकी नाइटी थोड़ी खुली हुई थी
जिसस वजह से उनके बूब्स भी नंगे हो गये थे,,,उन्होने नीचे ब्रा भी नही पहना हुआ था,,,,मेरा सर उनके
दोनो बूब्स की लाइन पर चला गया था,,,आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े थे,,,,उनका उपर की तरफ वाला बूब
मेरे गाल पर लगा हुआ था ऑर उनके बूब की ब्राउन कॅप मेरे गाल को टच कर रही थी,,मैने हिम्मत
करके अपने फेस को हल्का सा टर्न किया ऑर अपने लिप्स को बूब की कॅप पर टच कर दिया,,,मेरे ऐसा करते ही
आंटी के मूह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई ,,,,,
Reply
07-14-2019, 11:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे लिप्स आंटी के एक बूब की कॅप पर टच तो हो गये थे लेकिन मैने इस से आगे कुछ नही किया ऑर आराम
से लेटा रहा तभी आंटी का हाथ पूरी मस्ती मे मेरी पीठ ऑर सर पर घूमने लगा,,,,उनसे अब कंट्रोल नही
हो रहा था ,,वो अपनी मस्ती को जाहिर करने के लिए बड़े मस्त अंदाज़ से मेरी पीठ ऑर सर पर अपना हाथ
घुमा रही थी,,,,,,लेकिन मैं ऐसे ही लेटा रहा ऑर हल्की स्नोरिंग करता रहा,,,आंटी को पता था कि मैं
जाग रहा हूँ लेकिन मैं डर रहा हूँ कुछ करने से इसलिए उन्होने हिम्मत की ऑर अपने उस बूब को
अपने हाथ मे पकड़ लिया जिसकी कॅप मेरे लिप्स पर टच कर रही थी,,,,आंटी ने उस बूब को हाथ मे पकड़ा
ऑर अपने हाथ से हिला कर अपने बूब की कॅप को मेरे होंठों पर रगड़ने लगी,,,वो मुझे इशारा कर रही
थी अपने लिप्स खोलने के लिए ऑर मैने भी ऐसा ही किया,,,,एक ही पल मे अपने लिप्स खोल दिया ऑर आंटी के बूब
की कॅप को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन आंटी इतने से खुश नही हुई उन्होने अपने बूब को हाथ से आगे
करके ऑर ज़्यादा मेरे मूह मे भरने की कोशिश की ऑर मैने भी अपने मूह को ऑर ज़्यादा खोल दिया जिस से बूब
मेरे मूह मे भर गया ,,,,लेकिन अभी भी मैने उसको चूसना शुरू नही किया,,,,


ये बात नही थी कि मैं मस्त नही हुआ था लेकिन मैं चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा मेहनत आंटी करे ऑर
कुछ ऐसा करे कि मैं मस्ती मे पागल हो जाउ,,,,वैसे मैं मस्त हो चुका था ऑर मेरा लंड भी पूरी
ओकात मे आ गया था,,,,ऑर इस बात का आंटी को भी पता चल गया था,,,,मेरा लंड आंटी की टाँगों के
साथ टच हो रहा था ,,,तभी आंटी ने अपनी एक टाँग से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया ऑर अपने
घुटने से मेरे लंड को हल्के से रगड़ने लगी,,,,,,,लेकिन फिर भी मैने कुछ नही किया तो आंटी से अब
रहा नही गया आंटी ने जल्दी से अपने हाथ को नीचे किया ऑर निक्कर के उपर से मेरे लंड को हाथ मे पकड़
लिया,,,,,बस मेरे लिए इतना ही काफ़ी था ,,,,मैने भी अपने मूह को हल्का सा खोला ऑर आंटी के बूब को ऑर भी
ज़्यादा मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,,,,आंटी के मूह से आह निकली ऑर आंटी ने मेरे लंड को
निक्कर के उपर से सहलाना शुरू कर दिया,,,,,पहले तो आंटी ने लंड को मुट्ठी मे दबा लिया ऑर हल्के हल्के
दबाती रही फिर आंटी का हाथ मेरे लंड पर उपर नीचे चलने लगा,,,ऑर इधर मैं भी आंटी के बूब को
अच्छी तरह से चूसने लगा,,,,तभी मैने अपने हाथ को नीचे किया ऑर आंटी के हाथ को अपने लंड से अलग
करके अपने लंड को निक्कर से बाहर निकाल दिया ऑर फिर से आंटी का हाथ पकड़ा ऑर अपने लंड पर रख दिया


,,,,,पहले तो आंटी ने हाथ हटा लिया लेकिन मैने दोबारा से आंटी का हाथ पकड़ा ऑर अपने लंड पर रख
दिया,,,इस बार आंटी ने हाथ दूर नही किया ऑर मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,मैने भी हिम्मत की
ऑर आंटी के बूब को मूह मे भरके चूसने लगा,,,,फिर मैने अपने हाथ से नाइटी की उस पट्टी को खोल
दिया जो आंटी एक पेट पर बँधी हुई थी,,ऐसा करते ही नाइटी का वो हिस्सा जो बेड पर नीचे की तरफ था वो
बेड पर गिर गया ओर उपर वाले हिस्से को मैने अपने हाथ से उठा कर उनकी पीठ की तरफ मोड़ना चाहा ,,,

मेरी आँखें बंद थी लेकिन नाइटी को अड्जस्ट करते टाइम मैने अपनी आँखें खोल ली थी,,,,रूम की लाइट अभी
भी जल रही थी,,,,मैं नाइटी को आंटी की पीठ की तरफ करते हुए एक बार नज़रे उठा कर आंटी की तरफ देखा
तो आंटी ने जल्दी से मेरे लंड पर से अपना हाथ उठा लिया ऑर अपने हाथ को बेड के पीछे की तरफ लगे स्विच
बोर्ड की तरफ ले गई ऑर लाइट बंद करदी,,,,,,,मैं समझ गया कि आंटी कुछ डरी हुई थी,,,,वो मेरी नज़रो का
सामना करने से खुद को बचा रही थी,,इसलिए तो लाइट ऑफ करदी थी,,,,,,लाइट ऑफ होते ही मेरी हिम्मत पूरे
जोश के साथ बढ़ गई ऑर मैने आंटी की नाइटी को उनकी पीठ की तरफ मोड़ दिया ओर आंटी के दोनो बूब्स को
अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर एक बूब को मूह मे भरके चूसने लगा ऑर दूसरे को हाथ मे लेके मसल्ने
लगा,,,,,आंटी के मूह से आह आह की सिसकियाँ निकलने लगी ऑर आंटी ने अपने हाथ को वापिस मेरे लंड
पर रख दिया,,,,मैने अपनी टाँगों को थोड़ा हिला हिला कर अपनी निक्कर को नीचे किया ऑर फिर अपनी टाँगों
से अलग करके साइड पर फैंक दिया ऑर नंगा हो गया ऑर अपने एक हाथ को आंटी की चूत की तरफ ले गया लेकिन
मैने आंटी की चूत को हाथ नही लगाया बल्कि आंटी की एक टाँग को पकड़ कर उपर उठा लिया ऑर अपनी कमर
पर रख दिया जिस से आंटी की चूत खुल कर मेरे लंड के सामने आ गई ऑर आंटी ने भी खुद को अड्जस्ट करते
हुए अपनी चूत को मेरे लंड के करीब कर दिया,,,,आंटी का हाथ मेरे लंड को सहलाता हुआ उनकी चूत पर
टच करने लगा था ऑर साथ ही मेरे लंड की टोपी भी आंटी की चूत पर रगड़ खाने लगी थी,,,मेरे से
अब सबर नही हो रहा था मैने आंटी की टाँग को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया ऑर अपनी कमर को आगे की
तरफ झटका मारा तो लंड आंटी की चूत के मूह पर लगने लगा,,,आंटी भी समझ गई कि अब मेरे से
रुका नही जा रहा तो आंटी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा ऑर अपनी चूत के मूह पर रख दिया ऑर
तभी मैने झटका मार तो मेरा 3 इंच लंड आंटी की चूत मे घुस गया ऑर आंटी के मूह से एक लंबी
आहह निकल गई लेकिन आंटी ने जल्दी से अपने हाथ को अपने मूह पर रखा ऑर आवाज़ को दबाने की कोशिश
की लेकिन आंटी थोड़ा लेट हो गई,,,,उनके मूह से आहह निकल चुकी थी ऑर उनकी मस्ती को ब्यान कर चुकी
थी,,,,
Reply
07-15-2019, 01:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही

मैने आंटी की टाँग को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर फिर लंड को पीछे किया ऑर तेज़ी से झटका मारा तो एक बार
मेरा आधे से ज्याद लंड आंटी की चूत मे घुस गया ऑर आंटी की फिर से आहह निकल गई लेकिन आंटी का
हाथ उनके मूह पर था इसलिए अहह कुछ दब कर रह गई,,,,,मैने अपनी कमर को पीछे किया ऑर तीसरा झटका
मारा तो पूरा का पूरा लंड आंटी की चूत मे घुस गया ऑर इस बार मूह पर हाथ रखा होने के बावजूद
आंटी के मूह से निकलने वाली आहह को आंटी दबा नही सकी ऑर वो आवाज़ पूरे कमरे मे गूँज गई ,,,

इसी मोके की तलाश मे था मैं जब आंटी के मूह से एक तेज आहह निकली जिसने मुझे ये बता दिया कि बाजी अब
पूरी तरह से मेरे हाथ मे आ गई है तो पूरी हिम्मत के साथ मैं आंटी के उपर चढ़ गया ऑर बिना कोई देर
किए आंटी की चूत मे लंड पेलने लगा,,,,,मेरा एक हाथ आंटी के बूब पर था जबकि एक हाथ से मैने
आंटी के शोल्डर पर अपनी पकड़ बनाई हुई थी जिस से धक्का मारने मे मुझे आसानी हो रही थी,,,,मेरा
पूरा लंड आंटी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था ऑर आंटी के मूह से हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी


,,,आंटी का हाथ अभी तक उनके मूह पर था मैने आंटी एक हाथ को पकड़ा ऑर उठा कर बेड पर रख दिया
ऑर अपने लिप्स को आंटी एक लिप्स की तरफ मोड़ दिया एक ही पल बाद मेरे लिप्स आंटी के लिप्स पर थे ऑर मैने
आंटी के लिप्स को अपने मूह मे भर लिया लेकिन आंटी ने अपने सर को हिला कर अपने फेस को टर्न कर लिया ,,


मैने जल्दी से अपने हाथ से आंटी के सर को पकड़ा ऑर आंटी के लिप्स को दोबारा से अपने मूह मे भरके
चूसने लगा तभी आंटी ने भी एका एक ही मेरा साथ देना शुरू कर दिया,,,मैं ऐसे ही लेटा रहा ऑर आंटी
की चूत मे लंड डालके तेज़ी से झटके मारता हुआ आंटी को किस करने लगा ,,,,अब तक मेरा दूसरा हाथ भी
आंटी के बूब्स पर चला गया था,,,,मेरे दोनो हाथों मे आंटी एक बूब्स थे ऑर मैं उनके बूब्स
को मसलता हुआ आंटी को किस करता हुआ उनकी चुदाई कर रहा था,,,,

आंटी भी मेरा साथ देती हुई मुझे किस का पूरा रेस्पॉन्स दे रही थी ऑर उनके दोनो हाथ मेरी पीठ को
अच्छी तरह से सहला रहे थे,,,,मैं करीब 15 मिनट ऐसे ही चुदाई करता रहा फिर मेरा दिल किया पोज़
चेंज करने को इसलिए मैने आंटी के उपर से उतरना चाहा लेकिन आंटी ने मुझे उतरने नही दिया,,,,

इसीलिए मैं ऐसे ही लेटा लेटा आंटी की चूत मारता रहा,,,,मैं करीब 30-35 मिनट तक आंटी की चुदाई
'करता रहा ऑर लास्ट मे आंटी की चूत मे भी झड गया,,,,इतना टाइम मेरे हाथ आंटी के बूब्स पर रहे ऑर
हम दोनो के लिप्स भी आपस मे जकड़े रहे ,,,,आंटी के हाथ भी मेरी पीठ पर ही थे,,,30-35 मिनट
तक हम दोनो एक ही हालत मे रहे ,,,,,जब तक मेरा पानी निकाला तब तक आंटी की चूत ने 3 बार पानी
बहा दिया था,,,,इतना पानी निकला था उनकी चूत से कि मेरी टाँगे ऑर बेड भी पूरा गीला हो गया था ,,,हो ना
हो आंटी का पेशाब निकल गया था मस्ती मे पागल होके,,,,जब मेरे लंड से पानी निकल गया तो मैने अपने
लंड को आंटी की चूत से निकाल लिया ऑर बेड पर गिर गया,,,,आंटी कुछ देर अपनी सांसो पर क़ाबू करती
रही फिर उठ कर अपने रूम मे चली गई,,,,,,,


मैं उनके रूम मे नही गया,,,,मैं जानता था उन्होने आज मस्ती तो करली मेरे साथ लेकिन फिर भी वो कुछ
डरी हुई थी,,,,कुछ सहमी हुई थी,,,,,मैं भी उनके रूम मे नही गया ऑर पेशाब से गीले हो चुके बेड
पर ऐसे ही सो गया,,,,,दिल तो कर रहा था आंटी के रूम मे जाने को लेकिन मैं उनको ज़्यादा परेशान नही
करना चाहता था,,,,

सुबह उठा तो पूरे बदन से ऑर रूम से पेशाब की हल्की स्मेल आ रही थी जो मुझे नींद से जागते ही
फिर से उतेजित्त करने लगी थी,,,,,मुझे भी बहुत तेज पेशाब आया हुआ था इसलिए लंड पूरे आकड़ा हुआ था लेकिन
'आंटी के पेशाब की स्मेल से लंड की अकड़न कुछ ज़्यादा हो गई इसलिए जल्दी से भाग कर बाथरूम मे
जाके पेशाब किया ऑर फिर शवर लेके फ्रेश हो गया,,,,,,,रूम से बाहर जाने से पहले मैने मॅट्रेस ऑर
उसपे बिछी हुई बेडशीट उठा ली ऑर रूम से बाहर निकल गया,,,मैने देखा कि आंटी किचन मे अपना काम
कर रही थी,,,,जैसे ही आंटी की नज़र मेरे पर पड़ी वो एक दम से डर गई ऑर हल्के से शरमा भी गई,,,ऑर
जब उनका ध्यान मेरे हाथों मे पकड़े हुए मॅट्रेस ऑर बेडशीट पर गया तो उनका फेस शरम से लाल
हो गया ,,वो मेरे से नज़रे नही मिला सकी ऑर फेस को ज़मीन की तरफ कर लिया,,,,,मैं भी सीडियों की
तरफ गया ऑर जाते टाइम बेडशीट को वॉशिंग मशीन मे डाल गया ऑर मॅट्रेस को उपर छत पे जाके
धूप मे सूखने के लिए डाल दिया,,,,,अभी धूप नही निकली थी क्यूकी अभी सुबह के 6 बजे थे,,,मैं बहुत
जल्दी उठा गया था आज,,,,,आंटी भी जल्दी उठकर किचन के काम मे लग गई थी,,,,,,


मैं छत से उतर कर सीधा किचन मे चला गया,,,,,मुझे किचिन मे देख कर आंटी बुरी तरह से डर
गई शर्मा गई,,,,आंटी ने अभी सूट पहना हुआ था,,,,जो बहुत टाइट फिटिंग वाला था,,,आंटी ने एक बार मेरी
तरफ देखा ऑर फिर से अपने काम मे लग गई,,,,वो बर्तन धो रही थी,,,,,मैने फ्रिड्ज मे से पानी निकाला
ऑर पीने लगा फिर पानी पीने के बाद बॉटल को फ्रिड्ज मे रखा ओर फ्रिड्ज के डोर को थोड़ी तेज़ी से बंद
किया जिस से एक हल्का सा शोर हुआ ऑर आंटी का ध्यान मेरी तरफ आया लेकिन एक ही पल मे आंटी ने अपने फेस को
वापिस टर्न कर लिया ऑर अपना काम करने लगी,,,,,,,आंटी की इसी हरकत से मैं बहुत खुश हो गया ऑर आंटी के
करीब जाके उनके पीछे खड़ा हो गया,,,,,मैं अपने हाथ आंटी के शोल्डर पर रख दिए जिस से आंटी
एक दम से सिहर गई,,,आंटी के हाथ मे जो बर्तन था वो नीचे गिर गया,,,,आंटी के इसी डर का फ़ायदा उठा कर
मैं आगे हुआ ऑर पीछे से आंटी के साथ चिपक गया,,,,ऑर आंटी को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया,,,,फिर आंटी
को अपनी तरफ घुमा लिया,,आंटी का फेस ज़मीन की तरफ था मैने अपने हाथ से आंटी की चिन को पकड़ा ऑर
आंटी के फेस को उपर उठा दिया लेकिन आंटी की नज़रे अभी भी झुकी हुई थी,,,मैने हल्के से आगे बढ़ कर
आंटी को किस करनी चाही तो आंटी ने अपने फेस को टर्न कर दिया मैने आंटी के फेस को पकड़ा ऑर अपनी
तरफ घुमा लिया ऑर फिर से किस करने की कोशिश करने लगा,,,,,,,

नही सन्नी बेटा ऐसा मत करो ,,ये ग़लत है,,,,,,


अगर ये ग़लत है तो रात को क्या हुआ था ,,,,,क्या तब वो ग़लत नही था,,,

रात को जो हुआ वो भी ग़लती थी,,,,,

चलो अगर वो ग़लती थी तो हम उस ग़लती को दोबारा से दोहरा लेते है,,,,,,

नही बेटा ,,,हमे उस ग़लती को दोबारा से दोहराना नही चाहिए,,,,क्यूकी फिर वो ग़लती नही होगी ,,,

हम लोग इंसान है आंटी जी ऑर इंसान तो ग़लतियों का पुतला है,,,,एक ग़लती एक बार करे या 100 बार कोई
फ़र्क नही पड़ता,,,,,इतने बोलकर मैने आंटी के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिये,,,,,वैसे तो आंटी बड़ा बोल
रही थी लेकिन लिप्स से लिप्स टच होते ही किस का रेस्पॉन्स देने मे उनको एक पल का भी टाइम नही लगा,,,,

वो उसी अंदाज़ ऑर मस्ती से मुझे किस करने लगी जिस अंदाज़ से मैं उनको किस कर रहा था,,,,,तभी किस
करते हुए मैं अपने हाथ नीचे ले गया ऑर आंटी की कमीज़ को उपर उठाने लगा ऑर जब आंटी की कमीज़
उपर उठने लगी तो आंटी ने भी मेरा साथ देते हुए अपने हाथ उपर उठा दिए जिस से मुझे उनकी कमीज़
निकालने मे कोई परेशानी नही हुई ऑर कमीज़ निकलते ही हम दोनो के लिप्स फिर से एक दूसरे के लिप्स मे
जकड गये,,,,,,ऑर फिर से शुरू हो गई एक मस्त किस ,,,,आंटी भी किस करने मे भी तेज थी वो मेरी ज़ुबान
को अपने मूह मे खींच खींच कर चूस रही थी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मूह मे हर तरफ घुमा
रही थी,,,,,कमीज़ निकलते ही मैने आंटी के बॉल खोल दिए ऑर उनके सर से बलों को सहलाता हुआ उनकी
पीठ की तरफ बढ़ने लगा ऑर पीठ से नीचे की तरफ हाथ करके उनकी ब्रा के हुक्स पर ले गया ऑर बिना देर किए
उनकी ब्रा को खोल दिया ऑर आगे से उनकी ब्रा को हटा कर किचन के फ्लोर पर फैंक दिया,,,आंटी का उपर का
जिस्म अब नंगा हो गया था,,,,

आंटी ने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर फिर अपने हाथों से अपने बूब्स को छुपाने लगी,,,सन्नी अभी भी टाइम
है रुक जाओ ये ग़लती मत करो,,,,,फिर से वही रात वाली ग़लती को मत दोहराओ,,,,

मैं रात वाली ग़लती नही दोहराने वाला आंटी जी,,,,,अबकी बार ये ग़लती एक नई ग़लती होगी,,,,,

आंटी सवालिया नज़रो से मुझे देखने लगी,,,,,,


जी आंटी जी ,,मैं सही कह रहा हूँ ,,,,रात वाली ग़लती अंधेरे मे हुई थी ,,बेड पर हुई थी,,,,ऑर सिर्फ़ आगे
से हुई थी,,,,,,,,जबकि ये ग़लती दिन की रोशनी मे,,,,किचन मे ,,ऑर पीछे से होगी,,,,,

मेरा बात सुनके आंटी शर्मा गई ऑर मैने आगे बढ़ कर आंटी के हाथों को उनके बूब्स से हटा दिया ऑर
उनके बूब्स को एक एक करके मूह मे भरके चूसने लगा,,,,आंटी के दोनो हाथ मेरे हाथों मे थे जिनको
मैने अपने सर पर रख दिया ऑर आंटी ने मेरे सर को सहलाना शुरू कर दिया ,,फिर मेरे हाथ फ्री होते
ही मैं अपने हाथों की नीचे की तरफ ले गया ऑर आंटी की सलवार के नाडे को खोल दिया ऑर एक पल बाद आंटी
की सलवार भी नीचे फ्लोर पर थी ऑर आंटी मेरे सामने नंगी हो गई थी,,,,आंटी ने सलवार के नीचे पेंटी
नही पहनी हुई थी,,,मेरा हाथ एक पल मे ही आंटी की चूत पर चला गया था,,,मैने महसूस किया कि
अब चूत पर एक भी बाल नही था जबकि रात को छोटे छोटे बाल थे चूत पर,,,,मतलब आंटी ने सुबह
सुबह ही चूत के बाल शेव किए थे,,,,,,उनको पता था मैं दिन मे भी चुदाई ज़रूर करूँगा,,,,


मैं अपने हाथ को उनकी चूत पर रखा ऑर हल्के से चूत की लाइन पर अपने हाथ की बीच वाली सबसे लंबी
उंगली को चूत की लाइन पर सहलाने लगा,,,,,मस्ती की वजह से आंटी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया
था जिस से चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी ऑर उंगली फिसल कर उनकी चूत मे घुस गई ऑर आंटी के मूह से आह
निकल गई साथ ही उनके हाथ मेरे सर पर ऑर भी ज़्यादा मस्ती से फिरने लगे,,,,मैं बारी बारी से आंटी के बूब्स
को चूस रहा था ऑर साथ मे अब उनकी चूत मे उंगली भी करने लगा था,जो उंगली उनकी चूत के पानी की
वजह से फिसल कर उनकी चूत मे घुस गई थी,,,मैने पहले एक उंगली से फिर 2 उंगली से आंटी की चूत
को सहलाना शुरू कर दिया,,,आंटी मस्ती मे सिसकियाँ लेते हुए मेरे सर को सहला रही थी,,,मेरा उपर का
बदन नंगा था इसलिए आंटी के हाथ मेरी पीठ तक भी आ गये थे ऑर पीठ को सहलाना शुरू भी कर
दिया था,,,,
Reply
07-15-2019, 01:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद मैं बूब्स को चूस्ता हुआ आंटी के पेट पर किस करता हुआ नीचे की तरफ बढ़ते हुए ज़मीन
पर घुटनो के बल बैठ गया,,,आंटी मेरी तरफ हैरत भरी नज़रो से देखने लगी,,,,वो सोच रही होगी कि
अब मैं क्या करने वाला हूँ,,,,तभी मैने आंटी की एक टाँग को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर उपर उठा दिया
जिस से उनकी चूत खुल कर मेरे सामने आ गई ऑर मैने बिना देर किए अपने लिप्स को आंटी की चूत पर रख
दिया ऑर पल भर मे आंटी की चूत के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,,आंटी एक दम से उछल गई ऑर मेरे
सर को अपनी चूत पर दबा लिया,,,,मैने आंटी की चूत को मूह मे भर लिया ऑर चूस्ते हुए एक हाथ की
उंगलियों को चूत मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से 2 उंगलियों से उनकी चूत को चोदने लगा,,,ऑर साथ ही उनकी
चूत को मूह मे भरके चूसने लगा ,,,,बीच बीच मे मैं उंगलियों को निकाल कर अपनी ज़ुबान को
उनकी चूत मे घुसा देता ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगता,,,आंटी ये 2-3 तरफ़ा हमला बर्दाश्त नही
कर पाई,,,एक तो मैं उनकी चूत के लिप्स को मूह मे भरके चूस रहा था साथ साथ उनकी चूत को अपनी
ज़ुबान से चाट भी रहा था ऑर 2 उंगलियाँ भी अंदर बाहर कर रहा था उनकी चूत मे ऑर अब उंगलियों
के साथ अपनी ज़ुबान को भी उनकी चूत मे घुसाने लगा था ,,,इस हमले से आंटी ज़्यादा देर तक नही टिक सकी
ऑर तेज़ी से चिल्लाते हुए अपनी चूत से एक सैलाब को आज़ाद करने लगी,,उनकी चूत से जो पानी निकला वो कुछ
आयिल जैसा गाढ़ा गाढ़ा था,,जिसका स्वाद तो अजीब था लेकिन उसकी खुश्बू किसी भी मर्द को पागल करने के
लिए काफ़ी थी,,,,,जैसे मैं पागल हो गया था,,,,मैने उनकी चूत के पानी की एक ड्रॉप भी जाया नही होने दी
बल्कि जो थोड़ा बहुत पानी उनकी चूत पर लगा था उसको भी अपनी ज़ुबान से चाट कर सॉफ कर दिया था,,,,


फिर मैं उठ कर खड़ा हो गया ,,,,मैं आंटी की तरफ देखा तो उनका डर अब कहीं उड़ गया था ऑर फेस
पर हल्की खुशी के साथ एक राहत थी,,,,उन्होने मुझे प्यार से देखा ऑर चलके मेरे करीब आके मेरे लिप्स
पर किस करने लगी ऑर अपने हाथों से मेरे हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए,,लेकिन मैने अपने
हाथों को उनके बूब्स से हटा लिया ऑर उनसे थोड़ा पीछे हट गया,,आंटी ने मुझे अजीब नज़रो से देखा तो
मैं उनको नीचे अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला कि अब आपकी बारी है,,,,,तो वो हंस कर मेरे पास
आ गई ऑर फिर से मुझे किस करने लगी ऑर अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर हल्के से मसल्ने लगी,,मेरे
हाथ भी उनकी पीठ पर थे जो नीचे जाके उनकी गान्ड पर टिक गये,,,इस से पहले मैं आंटी की गान्ड को
सही तरीके से टच करता उस से पहले ही आंटी नीचे बैठ गई ऑर देखते ही देखते मेरी निक्कर भी उतार
दी ,,,,मैं नीचे आंटी की तरफ देखा तो वो मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर गौर से देख रही थी,,उनकी
आँखों मे अजीब चमक थी,,,,वो मेरे लंड को देख कर बहुत खुश थी,,,,तभी मैने उनको इशारा किया
लंड को मूह मे लेने को तो उन्होने हल्की किस करदी मेरे लंड पर लेकिन मूह मे नही लिया,,,,तो मैने उनके
सर को अपने हाथों मे पकड़ा ऑर अपने लंड को उनके मूह के करीब कर दिया,,,लेकिन आंटी ने अपना मूह
नही खोला तो मैं गुस्सा होके पीछे हो गया तभी आंटी जल्दी से आगे बढ़ी ऑर मेरे लंड को हाथ मे पकड़
लिया ऑर बिना देर किए अपना मूह खोल कर मेरे लंड को मूह मे भर लिया,,,,लेकिन आंटी ने सिर्फ़ लंड की
टोपी को ही मूह मे भरा था ,,तो मैने उनको ऑर ज़्यादा लंड मूह मे लेने का बोला तो उन्होने बोला इशारा
किया कि उनसे नही होगा तो मैने अपने हाथों से उनके सर को फिर से पकड़ा ऑर लंड को उनके मूह मे थोड़ा
ऑर अंदर घुसा दिया,,,,,जिस से मेरा 4 इंच लंड आंटी के मूह मे चला गया,,,,आंटी ने भी अपने हाथों
को मेरी गान्ड पर रखा ऑर मुझे अपना लंड आगे पीछे करने को बोला,,,,वो खुद अपना सर नही हिला रही
थी ऑर मुझे लंड आगे पीछे करने को बोल रही थी,,,,मैने भी अपनी कमर को हिला कर लंड को आगे पीछे
करना शुरू कर दिया,,,,पहले तो 4 इंच तक ही लंड अंदर कर रहा था फिर जब आंटी का सर भी मेरी कमर
की तरह आगे पीछे हिलने लगा तो वो खुद मेरे लंड को थोड़ा ज़्यादा मूह मे भरने लगी,,,,अब मेरा 6
इंच लंड उनके मूह मे था ऑर वो बड़े प्यार से अपने सर को आगे पीछे करने लगी थी,,मैने अब अपनी
कमर को हिलाना बंद कर दिया था ऑर आंटी खुद ही अपने सर को आगे पीछे हिला रही थी,,,


मैने अपने लंड को आंटी के मूह से बाहर निकाल लिया ,,आंटी ने अपना सर उठा कर मेरी तरफ देखा ऑर अपना
मूह खोला ,,उनका मूह थूक से भर गया था मैने उनको मूह मे जमा थूक को लंड पर उगलने को
बोला तो उन्होने ऐसा ही किया ,,जितना थूक था मूह मे सब लंड पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से लंड पर
थूक मलने लगी ऑर लंड की मालिश करने लगी,,फिर कुछ देर बाद मैने लंड को उनके मूह के करीब किया
तो
बिना कोई देर किए आंटी ने लंड को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,,करीब 7-8 मिनट तक आंटी ऐसे
ही लंड को चुस्ती रही ऑर थूक लगा कर सहलाती रही,,फिर मेरी तरफ सर उठा कर देखने लगी,,मानो
पूछ रही थी कि पानी कब निकलेगा तुम्हारे लंड से ,,तो मैने हंस कर आंटी की तरफ देखा ऑर बता दिया कि
इतनी जल्दी नही आंटी जी,,,,आंटी ने वापिस लंड को मूह मे भरना चाहा पर मैने झुक कर आंटी को
पकड़ा ऑर उपर उठने को बोला,,,,मैं जानता था पानी निकालने तक वो लंड नही चूस सकती और मैं भी
इतनी जल्दी झड़ने वाला नही,,,,,मैने आंटी को उठाया ऑर आंटी के लिप्स पर किस करने लगा,,,,फिर कुछ देर
बाद मैं आंटी से अलग हुआ ऑर पीछे की तरफ जाके किचन शेल्व पर पड़ी एक सरसों के आयिल की शीशी
उठा ली ,,,,आंटी ने मेरी तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,,,,मैने आंटी का हाथ पकड़ा ऑर आंटी को बाहर
ड्रॉयिंग रूम मे ले आया ऑर सोफे पर बिठा दिया फिर आंटी को झुका कर कुटिया बना दिया ऑर खुद पीछे
से उनकी गान्ड के पास बैठ कर उनकी गान्ड को अच्छी तरह से दोनो हाथों मे पकड़ कर खोल दिया जिस से
ना सिर्फ़ उनकी गान्ड का होल बल्कि चूत का होल भी खुल कर मेरे सामने आ गया ऑर मैने उनकी चूत पर
अपनी ज़बान रखी ऑर चूत को चाट्ता हुआ अपनी ज़ुबान को उनकी गान्ड के होल तक ले आया ,,,मेरी ज़ुबान उनकी
गान्ड के होल पर रगड़ खाने लगी ऑर मैं हल्के हल्के उनकी चूत के साथ गान्ड के होल को भी अच्छी
तरह से चाटने लगा,,,,
Reply
07-15-2019, 01:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर कुछ देर बाद मैं खड़ा हो गया ,,,आंटी ने पीछे मूड के मेरी तरफ देखा तो मैने अपने हाथ
से आयिल वाली शीशी से थोड़ा आयिल उनकी गान्ड पर गिरा दिया,,,आंटी समझ गई मैं क्या करने वाला हूँ तो
आंटी ने अपनी टाँगों को थोड़ा खोल दिया ,,,,,करण का बाप आंटी की गान्ड मारता तो था लेकिन बहुत ही
कम,,उनकी गान्ड खुली हुई थी लेकिन इतनी नही,,,,अभी भी काफ़ी टाइट लग रही थी उनकी गान्ड,,,,मैने गान्ड
पर आयिल लगाया ओर फिर गान्ड के होल को खोल कर उंगलियों से आयिल को गान्ड के अंदर तक भरने लगा जिस
से गान्ड अंदर से भी चिकनी हो जाए,,,,जब काफ़ी आयिल लग गया उनकी गान्ड पर तो मैने खूब सारा आयिल अपने
लंड पर लगा लिया ऑर फिर लंड की टोपी को उनकी गान्ड पर रखा ऑर हल्के से झटका लगाया तो आयिल की वजह
से लंड पहली बार मे ही आधा घुस गया आंटी की गान्ड मे ऑर आंटी ने मूह से एक लंबी अहह
निकल गई,,,, कोई शक नही था इसमे कि वो आह मस्ती की नही बल्कि दर्द की थी,,,,,मैने लंड को बाहर नही
निकाला ऑर ऐसे ही आगे की तरफ धाकेल दिया जिस से लंड फिसल कर ऑर ज़्यादा अंदर चला गया,,,,मैने लंड को
थोड़ा सा पीछे किया ऑर फिर से तेज झटका मारा तो लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया ऑर आंटी की तेज तेज
दर्द भरी आह निकलने लगी,,,,आंटी खुद को आगे करके मेरे से दूर होने की कोशिश करने लगी,,लेकिन
मैं कहाँ छोड़ने वाला था उनको,,,,मैने खुद को उनकी पीठ पर झुका दिया ऑर जल्दी से अपने एक हाथ
को उनके बूब्स पर ले गया ऑर दूसरे हाथ को उनकी चूत पर,,,,मेरी चेस्ट उनकी पीठ से चिपक गई थी,,


मेरा आयिल से भीगा हुआ लंड उनकी गान्ड मे था ,,जबकि आयिल से भीगे दोनो हाथ उनकी चूत ऑर बूब्स
पर पहुँच गये थे,,,,,मैने बिना देर किए आयिल से सनी हुई उंगलियों को उनकी चूत मे घुसा दिया ऑर
आयिल लगे हाथ से उनके बूब्स को मसल्ने लगा,,,,,जब भी मैं उनके बूब्स को मसलता तो आयिल की वजह से
मेरा हाथ फिसल जाता ऑर उनको हल्की मस्ती चढ़ जाती,,,,उधर मेरा दूसरा हाथ भी उनकी चूत पर कमाल
दिखा रहा था,,जल्दी ही उनकी मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,इतनी देर तक मैने अपने लंड को ज़रा सा
भी नही हिलाया था उनकी गान्ड मे ऑर जब सिसकियाँ शुरू हुई तो मैने लंड को हल्के से आगे पीछे करना
शुरू किया,,आंटी के मूह से अब हल्की हल्की मस्ती भरी सिसकियाँ निकल रही थी क्यूकी आंटी को चूत ऑर
बूब्स पर आयिल लगे हाथों से मस्ती चढ़ रही थी इसलिए वो गान्ड मे लंड के दर्द को भूल ही गई थी ऑर
मेरे लिए ये सही मोका था मैं हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करने लगा लेकिन मेरी स्पीड बहुत स्लो
थी,,,,,आंटी मस्ती मे सिसकियाँ लेती हुई अपनी गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ कर मुझे देखने लगी ऑर हल्के
से मुस्कुराने लगी,,मानो बोल रही हो सन्नी तुम बहुत तेज हो,,मैने भी हंस कर आंटी की तरफ देखा ऑर लंड
को धीरे धीरे गान्ड मे पेलने लगा तो आंटी ने अपने सर को हिला कर मुझे बता दिया कि अब मैं अपने
लंड की स्पीड तेज कर सकता हूँ ऑर मैने भी देर किए बिना स्पीड थोड़ी तेज करदी,,ऑर तभी आंटी की
सिसकियाँ भी तेज हो गई,,,,आंटी अब पूरी मस्ती मे आ चुकी थी अब उनको गान्ड मे भी मज़ा आने लगा था
जो मेरे लिए खुशी की बात थी,,,मैं हल्के हल्के बूब्स दबाता गया चूत मे उंगली करता गया ऑर गान्ड
मे लंड पेलता गया,,,,मेरा दिल कर रहा था कि मैं स्पीड ऑर तेज कर दूं लेकिन ऐसी हालत मे मैं स्पीड
तेज नही कर पा रहा था,,,,तभी आंटी ने मेरी बात समझ ली ऑर मेरे हाथ को अपने बूब्स ऑर चूत से
हटा दिया ,,मैने भी जल्दी से अपने हाथों को आंटी की कमर पर रख दिया ऑर स्पीड तेज करते हुए आंटी
की गान्ड को चोदने लगा,,,,,


मैं ऐसे ही 10 मिनट तक आंटी की गान्ड मारता रहा फिर लंड को आंटी की गान्ड से बाहर निकाल लिया
ऑर पीछे हट गया,,,,,आंटी ने जल्दी से पीछे मूड कर देखा और नज़रो ही नज़रो मे पूछा कि तुम रुक क्यूँ गये
तो मैने आगे बढ़ कर आंटी को पकड़ा ऑर सोफे पर सीधी तरह लेटने को बोला तो आंटी भी जल्दी से सीधी होके
लेट गई,,,,मैने आंटी की दोनो टाँगों को अपने हाथों मे पकड़ा ऑर उनके सर की तरफ मोड़ दिया ऑर
फिर उनके हाथों मे उनकी टाँगों को पकड़ा दिया ,,,,फिर पास पड़ी आयिल वाली शीशी से थोड़ा आयिल लगा दिया
उनकी गान्ड पर ऑर लंड पर भी ,,,,,फिर लंड को उनकी गान्ड मे घुसा दिया जो एक ही बार मे पूरा
अंदर तक घुस गया,, आंटी ने हल्के से मुस्कुरा कर मुझे देखा ऑर अपने हाथों से अपनी टाँगों को
छोड़ दिया ऑर मुझे अपने करीब आने को बोला तो मैं आंटी के करीब हो गया आंटी ने पल भर मे मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड लिया ऑर पागलो की तरह मुझे किस करने लगी,,मैं भी अब तक पूरा पागल हो गया
था ऑर तेज़ी से आंटी की गान्ड मारता हुआ आंटी को उसी अंदाज़ मे किस करने लगा था,,,,मेरे हाथ आंटी के
बूब्स पर थे मुझे झटके मारने के लिए कहीं पकड़ बनानी थी लेकिन हाथ ऑर बूब्स पर आयिल की वजह
से मैं पकड़ नही बना पा रहा था इसलिए मैने अपने हाथों से सोफे को पकड़ लिया ऑर तेज़ी से आंटी की
गान्ड मारने लगा,,,,आंटी भी अपने हाथों से मेरी पीठ पर पकड़ बना कर मुझे तेज़ी से उपर नीचे
'होने मे हेल्प करने लगी,,,,,आंटी के बूब्स पर आयिल लगा हुआ था जिस से मेरी चेस्ट पर भी आयिल लग गया ऑर
मुझे आंटी के उपर लेट कर फिसलने मे हेल्प मिलने लगी ऑर मेरी स्पीड काफ़ी तेज होने लगी,,,आंटी के हाथ
अब मेरी पीठ से मेरी गान्ड पर चले गये ऑर आंटी मेरी गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे करने लगी,
मेरी स्पीड इतनी ज़्यादा तेज हो गई थी कि मैं झड़ने ही वाला था ,,ऑर झडता भी क्यू नही मैं कम से कम
20-25 मिनट से आंटी की गान्ड मार रहा था,,,,चूत होती तो कम से कम 30-40 मिनट लगा देता लेकिन
गान्ड चूत के मुक़ाबले काफ़ी टाइट थी इसीलिए जल्दी ही झड़ने वाला था मैं,,,मैने देखा कि आंटी का
एक हाथ मेरी गान्ड से उठ गया ऑर मेरे पेट ऑर आंटी के पेट के बीच से होता हुआ उनकी चूत पर चला
गया,,मैं समझ गया कि शायद अब आंटी भी झड़ने वाली है,,,ऑर ऐसा ही हुआ,,,,आंटी का हाथ अभी उनकी
चूत पर गये 2 मिनट ही हुए थे कि आंटी के बदन ने झटके मारने शुरू कर दिए ऑर कुछ पल मे ही
वो झड गई आंटी के झाड़ते ही मेरा भी काम होने वाल हो गया था मैं भी जल्दी से उठा ऑर आंटी के
उपर से उठकर ज़मीन पर खड़ा हो गया ऑर अपने हाथ से अपने लंड को सहलाता हुआ आंटी के मूह के
पास चला गया ,,,आंटी को समझ नही आया मैं क्या करने वाला हूँ लेकिन मस्ती की वजह से आंटी अभी भी
सिसकियाँ ले रही थी जिस वजह से उनका मूह खुला हुआ था ऑर जैसे ही लंड से पानी निकलने लगा तो मैने आगे बढ़ कर
लंड को आंटी एक मूह मे घुसा दिया आंटी भी समझ गई मैं क्या करने लगा हूँ तो आंटी ने अपने मूह
को टर्न करने की कोशिश की लेकिन तब तक मैं एक हाथ से आंटी के सर को पकड़ चुका था ऑर मेरा लंड
भी आंटी के मूह मे गले तक नीचे जा चुका था ऑर तभी मेरे लंड से पानी की पिचकारी निकलने लगी जो
आंटी के गले से नीचे जाने लगी,,,,मेरे लंड से जितना भी पानी निकला उसकी एक भी ड्रॉप आंटी के मूह मे नही
बल्कि गले से नीचे चली गई,,,,,मैं जानता था आंटी पानी को मूह मे नही झड़ने देगी क्यूकी शायद उन्होने ऐसा
कभी किया भी नही था,,,,,

जब लंड से सारा पानी निकल गया तो मैने लंड को मूह से निकाला ऑर पीछे हटके दूसरे सोफे पर जाके बैठ
गया ,,आंटी भी जल्दी उठी ऑर तेज़ी से खांसने लगी,,,,ऑर हल्के गुस्से से मुझे देखने लगी,,,,,,,फिर आंटी भाग
कर अपने रूम मे चली गई,,शायद बाथरूम गई थी,,,,,,मैं भी उठा ऑर उनके पीछे पीछे चला गया
लेकिन मैं बाथरूम मे नही गया बल्कि उनके रूम मे बेड पर जाके लेट गया,,,,

आंटी बाथरूम से बाहर निकली तो वो फ्रेश होके आई थी ,,शायद शवर लिया था,,,,लेकिन मैं ऐसे ही
आयिल से सने हुए बदन से उनके बेड पर लेटा हुआ था,,,आंटी ने बाहर निकल कर एक बार मुझे हल्के गुस्से
से देखा ,,,,शायद गुस्सा इसलिए था क्यूकी मैं उनके मूह मे झड गया था,,,,,,,,,फिर आंटी ने मुझे प्यार से
देखा ऑर मेरे पास आके बेड पर लेट गई,,,,,,

करली अपनी मनमानी ,,,अब तो खुश है तू सन्नी बेटा,,,,,
Reply
07-15-2019, 01:48 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
नही आंटी जी ,,अभी कहाँ खुश होने लगा मैं इतनी जल्दी,.,,,,अभी तो बहुत कुछ बाकी है खुश होने के
लिए,,,,


हाँ हाँ जानती हूँ कुछ ज़्यादा ही जोश है तेरे मे ,,,,आज कल मेहनत जो ज़्यादा करने लगा है


हाँ मेहनत तो करने लगा हूँ,,,,अभी देख ही लिया आपने कि मैं कितनी मेहनत करता हूँ,,,,

हाँ देख लिया,,,अभी भी देखा ऑर कल शाम को भी,,,,,,

मैं जान बूझ कर हैरान होते हुए,,,,,,,कल शाम को क्या देखा आपने आंटी जी,,,,

वही देखा जो तू कर रहा था,,,,,कितनी मेहनत की थी कल तूने,,,जब मैं माल गई थी,,इतना बोल कर आंटी
हँसने लगी,,,,

तो आपने सब देख लिया था,,,,,,

हाँ देख लिया तभी तो रात को तेरे साथ मस्ती करने लगी थी,,,,वर्ना तूने कुछ करना ही नही था,,,,

क्या करूँ आंटी जी डर लगता था,,,अगर आप कुछ नही करती तो सच मे मैं भी कुछ नही करता,,,,,,

अच्छा तो ये बता तू उस लड़की के साथ क्या कर रहा था,,,,,,

आपने तो सब कुछ देखा ना ,,,आपको तो पता होगा सब,,,,,,

पता तो है लेकिन तू क्या बात कर रहा था,,,,कि मुझे कब्से लाइक करता है,,,,क्या ये सच है,,,,,

जी आंटी जी,,मैं बहुत टाइम से आपको लाइक करता हूँ,,,,,

क्या अच्छा लगता है तुझे मेरे मे,,बता ज़रा,,,,,,,,

सब कुछ आंटी जी,,,,,अपने सॉफ्ट लिप्स,,बड़े बड़े बूब्न्स,,भरा हुआ बड़ा,,गोरा रंग,,,,,मस्त बड़ी गान्ड,,,

हाई राम इतना सब कुछ एक दम से बोल गया तू,,तुझे शरम नही आई क्या,,,,

इसमे शरमाने वाली क्या बात है आंटी जी,,शरमाता रहता तो आज आपके साथ मस्ती कैसे करता,,,

अच्छा बता ज़रा ,,मेरे साथ मस्ती करके मज़ा आया क्या,,,,,

हाँ आंटी जी बहुत मज़ा आया,,,,

कितना मज़ा ,,,,उतना मज़ा जितना कल उस लड़की को अलका आंटी बना कर आया या उस से भी ज़्यादा,,,,,

वो तो जस्ट रोल प्ले था आंटी जी ,,असली मज़ा तो आज आया है,,ऑर कल रात को भी,,,,

रोल प्ले,,,वो क्या होता है,,,,ऑर वो लड़की कॉन थी,,,,

वो मेरी दोस्त थी आंटी जी,,,,हम अक्सर वीडियो चॅट करते है ऑर मस्ती के लिए रोल प्ले भी करते है,,,


रोल प्ले क्या बला है सन्नी बेटा,,,,

आंटी जी मस्ती करते टाइम जब हम कोई किरदार प्ले करते है तो उसी को रोल प्ले बोलते है,,,,जैसे कल वो मेरे
लिया अलका आंटी बनी थी,,,,कभी मेरी टीचर बन जाती है,,,,कभी मेरी मालकिन ऑर मैं उसके घर पर रहने
वाला किरायेदार,,,ऐसे ही बहुत सारे किरदार है जो हम लोग प्ले करते है,,,,बस हम लोगो की शर्त होती है कि
हम लोग कभी अपनी शकल नही दिखाते कॅम पर,,बस बाकी का हिस्सा दिखा देते है,,,,पहचान छुपा कर रखते
है,,,
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