Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 07:02 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
साला खुद मे तो दम नही है लेकिन कुछ चम्चे साथ मे रख कर बड़ा दादा बनता है कॉलेज का,,,हाइट 5 फीट
से भी छोटी है ,,,,रंग एक दाम कोयले जैसा काला,,,,मुँह ऐसा है जैसे किसी ने दीवार पर गोब्बर पटक कर मारा होता
है,,,साला देखो तो उल्टी करने का दिल करता है,,,,किसी साउतइंडियन फिल्म का गुंडा लगता है,,,,लेकिन हाइट मे उनसे कहीं
छोटा है,,,,

उसकी धमकी से मैं ऑर करण तो नही डरे लेकिन बेचारा सुमित डर गया ,,क्यूकी उनलोगो ने बहुत मारा था उसको,,,उसका
एक हाथ तो पहले से टूटा हुआ था,,,,वो डर तो गया था लेकिन मेरे ऑर करण के साथ होते ही उसकी हिम्मत बढ़ गई थी,,,,

साले फिर कभी की बात क्या करते है आज ही फैंसला कर लेते है,,,,,आ अगर माँ का दूध पिया है,,लेकिन याद रखना
अब अगर मुझे हाथ भी ल्गया तो सोच लेना ,,,तेरे ऑर तेरे बाप अमित की वो सीडीज़ मेरे पास है,,,तेरा बाप भले ही वो
असली सीडीज़ अपने साथ ले गया लेकिन उन सीडीज़ की कॉपीस मेरे पास है,,,,दोबारा अगर मेरे रास्ते मे भी आया तो सीडीज़ की इतनी कॉपीस बना लूँगा कि पूरे कॉलेज मे बाँट दूँगा,,

सीडीज़ की बात सुनके सुरेश थोड़ा डर गया ओर बिना कुछ बोले वहाँ से चला गया लेकिन फिर से जाते जाते अपना गुस्सा वो
किसी ऑर पर उतार गया,,,,,,,,,सुरेश ने जाते जाते कॅंटीन के बाहर पड़ी कोल्ड्रींक्स की बोतटेल्स पर लत मरके उसको गिरा दिया
बेचारा कॅंटीन वाला भी कुछ नही कर सका,,,ऑर बस रोता रह गया,,,,अगर वो कुछ कहता तो उन लोगो ने उसको भी
मारना था,,,,

कॅंटीन वाला रो रहा था लेकिन सुमित खुश हो रहा था क्यूकी उसने देख लिया था कि सीडीज़ की बात सुनके वो लोग चुप चाप
वहाँ से चले गये थे,,,

वो लोग वहाँ से चले गये ,,,,भीड़ भी अपने अपने रास्ते चली गई ,,लेकिन भीड़ दूर होते ही मैने देखा कि सोनिया ऑर कविता
वहाँ खड़ी हुई मुझे ऑर करण को देख रही थी ,,,,लेकिन जैसे ही मेरी नज़ारे सोनिया से मिल्ली वो कामिनी वही हिट्लर वेल गुस्से
के अंदाज़ से मुझे देखती हुई कविता का हाथ पकड़ कर वहाँ से ले गई,,,,


मैं ऑर करण भी सुमित को कॉलेज के क्लिनिक पर ले गये ओर उसकी मरहम पट्टी करवके उसको घर छोड़के अपने घर
की तरफ चले गये,,क्यूकी हम लोगो को जल्दी थी ,,सोनिया ऑर कविता भी घर के लिए निकल गई थी,,अगर तो सोनिया कविता के
घर पर रुक जाती तो ठीक था वर्ना मेरा ऑर करण का मस्ती करने का प्लान बीच मे ही अटक कर रह जाता,,,,

वहाँ से जल्दी जल्दी बाइक चला कर मैं ऑर करण घर पहुँचे तो बेल बजाने के तुरंत बाद ही माँ ने दरवाजा
खोल दिया,,,

दरवाजा इतनी जल्दी खुलते ही मैं समझ गया कि अंदर कोई प्रोग्राम नही चल रहा है,,,उपर से माँ की हालत भी ठीक
थी ऑर उनका चेहरा भी उदास था,,,मैं उनका उदास चेहरा देख कर हँसने लगा,,,

क्या हुआ माँ इतनी उदास क्यूँ हो,,,,,मैने हँसते हुए माँ से पूछा,,,,

चल बदमाश ऐसे पूछ रहा है जैसे कुछ जानता ही नही,,,,तेरी हिट्लर सोनिया घर आ गई है ,,,सारा मज़ा खराब
कर दिया,,,,

कहाँ है सोनिया माँ,,,,,,,,,मैने माँ से पूछा,,,,

वो उपर है अपने रूम मे अभी कुछ देर पहले आई,,,सारा खेल बीच मे रोकना पड़ा हम सब को,,,,इतना मज़ा आ रहा
था कि क्या बताऊ,,,,इतना बोलते बोलते माँ एक साइड हट गई ,,,

मैं ऑर करण घर के अंदर आ गये,,,,

क्यू क्या हुआ माँ ,,,,,सारा मज़ा खराब क्यू हो गया,,,,,

अरे बेटा तेरा मामा मुझे तो देख ही नही रहा था,,,शोभा ऑर शिखा के पीछे ही पड़ा हुआ था,,मैं तो बस नकली
लंड से खुद को खुश करती रही ओर जब मेरी बारी आई शिखा के साथ मस्ती करने की तो अभी मैने उसकी चूत पर अपनी
ज़ुबान रखी ही थी तभी सोनिया आ गई,,,,सारा मज़ा किरकिरा हो गया,,,,,,

बाकी सब कहाँ है आंटी,,,,करण ने आगे होके माँ से पूछा,,,

वो सब तो मज़ा करने बुटीक पर चले गये बेटा,,,मुझे यहाँ अकेला छोड़ गये,,,

आप अकेली कहाँ हो आंटी,,,अब मैं ऑर सन्नी आ गये है ना,,,,,करण ने इतना बोलके माँ के बूब्स को हाथों मे
पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा,,,,

नही बेटा अभी नही ऑर यहाँ तो बिल्कुल नही,,,,सोनिया उपर है,,,अभी तुम दोनो बैठो कुछ चाइ कॉफी पिओ फिर देखते
है क्या करने है आगे ऑर कैसे करना है,,,,

मैं ऑर करण मुँह हाथ धो कर सोफे पर बैठ गये,,,,

अरे यार आज तो सच मे कलपद हो गया ,,,,,पहले सुबह घर पर ऑर फिर कॉलेज मे पंगा ऑर अब घर वापिस आके फिर
से कलपद ,,,,आज हम दोनो की किस्मत ही खराब है,,,

तेरी किस्मत नही सन्नी मेरी किस्मत खराब है तू तो जब चाहहे शोभा ऑर आंटी के साथ मस्ती कर सकता है लेकिन मेरा
क्या,,,,मैं तो शिखा दीदी के साथ तभी मस्ती कर सकता हूँ जब माँ घर पर नही होती,,,,या रात को जब वो सो रही होती
है लेकिन उस मे टेन्षन बहुत होती है ,,,हर टाइम डर लगा रहता है कि कहीं माँ ना आ जाए ,,,

क्या सही टाइम पर बात बोली तूने यारा,,,,आज अभी तेरे घर चलते है माँ को लेके फिर माँ अलका आंटी को पटाने मे
हम लोगो की मदद करेगी,,,,

मेरी बात सुनके करण सोफे से उछल पड़ा,,,,,ऑर मेरे को कस्के बाहों मे भर लिया,,,,जल्दी करो सन्नी भाई नैक
काम मे देरी नही होनी चाहिए,,,

इतने मे माँ कॉफी लेके आ गई,,,,,कॉन्सा नेक काम करने की सोच रहे हो तुम दोनो,,,,

कुछ नही माँ आपको तो पता ही है कि करण अपनी माँ को यानी अलका आंटी को भी चोदना चाहता है ऑर उनको भी अपने
ऑर शिखा दीदी के साथ खेल मे शामिल करना चाहता है,,,,

हाँ हाँ पता है मुझे उस दिन शोभा ने बोला था,,,,

ऑर ये भी बोला था कि आपको हम लोगो की मदद करनी होगी,,,,

हाँ बेटा ये भी बोला था शोभा ने ,,तो इसमे कोन्सि बड़ी बात है अलका को तो मैं चुटकी मे मना लूँगी,,,,

सच मे आंटी जी,,,आप मेरी माँ को मना लोगि क्या ,,,करण खुशी से उछल कर माँ के पास चला गया,,,ऑर माँ को
बाहों मे भर लिया,,,,करण सच मे पागल हुआ जा रहा था अपनी माँ के बारे मे सुन सुन कर,,,,

हाँ करण बेटा ,,,तेरी माँ को मनाना कोई मुश्किल काम नही है ,,,लेकिन फिर भी कोई जल्दबाज़ी करनी ठीक नही होगी,,,हमे
आराम से सब कुछ करना होगा,,,,

सही बोला माँ इसलिए मैं ऑर करण सोच रहे थे क्यू ना आज आप ऑर मैं इसके घर चले,,,आप आज से ही अपने प्लान को
आगे बढ़ाना शुरू करदो,,,,

हाँ ये बात तो ठीक है बेटा,,,,तुम लोग कॉफी पिओ तब तक मैं तैयार हो जाती हूँ,,,,

मैं ऑर करण कॉफी पीने लगे,,,,मैं तो आराम से पी रहा था लेकिन करण को तो जैसे बहुत जल्दी थी,,,जैसे मेरी माँ
इसके घर जाते ही इसकी माँ को चुदाई क लिए माना लेगी ओर जाते ही ये अपनी माँ की गान्ड मे लंड घुसा देगा,,,तभी तो
सला गर्म गर्म कॉफी को भी तेज़ी से पी रहा था,,

मैने ऑर करण ने जितनी देर मे कॉफी ख़तम की उतनी देर मे माँ तैयार हो गई ऑर बाहर आ गई,,,माँ ने ब्लॅक कलर का
तंग फिटिंग वाला सूट पहना हुआ था ,,जो उनके जिस्म से चिपका हुआ था,,,,उनके बड़े बड़े बूब्स आधे से भी ज़्यादा
बाहर निकले हुए थे,,,मैं तो माँ को देख कर ही दंग रह गया लेकिन करण जल्दी से सोफेसे उठकर माँ के करीब
चला गया,,,,,

अरे आंटी जी आज तो आप कयामत लग रही हो,,,कसम से अगर सोनिया घर नही होती तो अभी आपको यहीं हॉल मे नंगा
करके चोदना शुरू कर देता,,,,

चल बदमाश जब देखो मसखरी करता रहता है,,,,,,माँ ने हल्के हाथ से थप्पड़ मारा करण के ऑर हँसने लगी

मैं भी माँ के करीब चला गया,,,,,सच मे माँ आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो,,,,करण सही बोल रहा है ऑर अगर
इसकी जगह मैं होता तो मैं भी ऐसा ही करता ,,,,बस 2 मिनट मे आपको नंगी करके यहीं चोदना शुरू कर देता

तुम दोनो भी ना,,कितनी झूठी तारीफ करते हो,,अब मैं बूढ़ी हो गई हूँ ,,,,थोडा रस भी नही बचा है मुझमे
जो तुम लोगो को पिला सकु,,जवान थी तो बात कुछ ऑर थी,,,

अरे आंटी आपको किसको कहाँ आप बूढ़ी हो ,,,आज भी आपकी मस्त मोटी गान्ड ऑर बड़े बड़े बूब्स देख कर 1000 लंड
खड़े हो जाते होंगे सलामी देने के लिए,,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,

सही बोला माँ करण ने यकीन नही तो ये देखो,,,,मैने अपने लंड की तरफ इशारा किया जो माँ के बड़े बड़े बूब्स
देख कर पूरी ओकात मे आ गया था,,,,,

हाई राम क्या करूँ मैं इस लड़के का,,,,,एक ही पल मे लंड खड़ा कर लेता है,,,,वक़्त ऑर हालात भी नही देखता,,,,क्यू
बार बार तडपा रह है अपनी माँ को,,,,मैं भी सोनिया की वजह से चुप हूँ वर्ना तुम दोनो को ऐसा निचोड़ती की याद
रखते,,,

चलो अब ज़्यादा बातें नही करो करण के घर चलते है इसकी माँ को भी तो मनाना है,,,,

अपनी माँ ना नाम सुनते ही करण जल्दी से चलता हुआ दरवाजे की तरफ जाने लगा मैं ओर माँ पीछे से उसको जाते देख
कर हँसने लगे,,,,

करण अपने बिके पर चला ओर मैं अपने बाइक पर ,,,माँ मेरे साथ ही बैठी हुई थी,,,,,,

करण चाहता था कि माँ उसके साथ बैठे लेकिन माँ मेरे साथ बैठ गई थी,,,
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07-11-2019, 07:02 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आज बहुत टाइम बाद माँ मेरे साथ बैठी थी बाइक पर मुझे एक अलग ही मज़ा आ रहा था ,,उनके बड़े बड़े बूब्स
मेरी पीठ से दब रहे थे,,,नून टाइम था इसलिए गर्मी बहुत थी ऑर सभी सड़कें सुनसान थी,,बहुत कम लोग थे
सड़को पर,,,,लेकिन जितने भी लोग थे सब मेरी माँ की तरफ घूर घूर कर देखते जा रहे थे,,जितने भी मर्द
हमारे पास से गुजर रहे थे उनमे से शायद ही कोई मर्द होगा जिसनेपलट कर माँ को नही देखा होगा,,,आज मेरी
माँ इतनी खूबसूरत लग रही थी कि हर कोई मर्द दिल ही दिल मे उसको चोदने की ख्वाहिश कर रहा था ,,मेरा भी हाल
कुछ ऐसा ही था,,,

माँ आज तो आप सच मे बहुत मस्त लग रही हो,,,देखो सड़क पर जो भी मर्द गुजर रहा है आपको एक बार पलट कर
ज़रूर देख रहा है,,,,हर किसी का लंड खड़ा हो रहा होगा आपको देख कर,,,

मुझे हर किसी के लंड की नही तेरे लंड की ज़रूरत है बेटा,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर
हल्के से दबा दिया,,,,,,

क्या करती हो माँ कोई देख लेगा,,,,

तो मैं क्या करूँ कोई देखता है तो देखने दे,,,,,,इतना बोलकर माँ ने हल्के से लंड को फिर से दबा दिया,,मेरे मुँह
से अहह निकल गई ,,,,

करण मेरे एक साइड मे बराबर ही बाइक चला रहा था उसको मेरी अह्ह्ह्ह सुन गई ओर वो मुझे ऑर माँ को देख कर
हँसने लगा ऑर जल्दी ही उसने बाइक को एक गली मे मोड़ दिया,,,,

मैने भी उसके पीछे पीछे बाइक मोड़ दिया,,,

अबे करण इस तरफ बाइक क्यू मोड़ा ,,,तेरे घर नही जाना क्या,,,,

सन्नी भाई ये रास्ता भी मेरे घर को ही जाता है ,,,,बस फ़र्क इतना है कि रास्ता खराब होने की वजह से यहाँ से कोई आता
जाता नही,,,,,,अब आंटी जितना चाहहे तेरे लंड को मसल सकती है ,,,किसी के आने का डर नही इस रास्ते पर,,,,

मेरा बेटा कितना ख्याल रखता है अपनी माँ का,,,,,माँ ने करण को हँसते हुए बोला,,,,

मैं मिरर मे से पीछे देख रहा था तभी माँ ने हँसके मुझे देखा ऑर मेरे लंड से हाथ हटा लिया ऑर फिर
अपने दुपट्टे से अपने सर ऑर फेस को कवर कर लिया ताकि कोई अगर हमे देख भी ले तो माँ को पहचाने नही,,,माँ
की सिर्फ़ आँखें ही बाहर थी बाकी फेस कवर हो गया था,,,,,

माँ ने वापिस हाथ मेरे लंड पर रखा ऑर मसल्ने लगी,,,मैने नीचे अंडरवेार नही पहना हुआ था जिस से मेरा
लंड पॅंट मे पूरी तरह से फूल गया ऑर पूरा ओकात मे आ गया,,,माँ तेज़ी से मूठ नही मार रही थी बस हल्के हल्के लंड
को सहला रही थी,,लेकिन इतने से ही मेरी हालत खराब हो रही थी,,,,,जैसे तैसे 10 मिनट खुद पर क़ाबू करते हुए
मैं करण के घर तक पहुँच गया,,,,

करण बाइक से उतरा ऑर घर के गेट पर गया ऑर बेल बजाने लगा,,,,इतने मे मैं भी बाइक साइड पर रोक चुका था,,,माँ
बाइक से उतरी ऑर मेरे गाल पर हल्की किस करके मेरे लंड को एक बार ऑर दबा कर आगे करण के घर की तरफ बढ़ गई,,

मैं बाइक से उतरा ऑर मेरा ध्यान अपने लंड पर गया तो मेरी पैंट पर मेरे लंड का हल्का पानी लगा हुआ था,,,जो लंड
की चिकनाई थी जो चुदाई करते टाइम बीच बीच मे निकलती रहती है,,,उस चिकनाई की वजह से मेरी पैंट हल्की गीली हो
गई थी,,,,

मैं भी बाइक से उतर कर करण ऑर माँ के पास चला गया,,,

लगता है माँ घर पर नही है,,,,इतना बोलकर करण नीचे झुक गया ऑर गाते पर अंदर से लगे लॉक को देखने की
कोशिश करने लगा,,,,

माँ घर पर नही है ,,,लॉक लगा हुआ है अंदर से,,,,,

अब क्या करे वापिस चले क्या,,,माँ ने करण से पूछा,,,,

अरे नही आंटी जी मेरे पास घर की दूसरी चाबी है,,,इतना बोलकर करण ने पॉकेट से चाबी निकाली ऑर लॉक खोल दिया,,,,

लॉक खुलते ही माँ जल्दी से अंदर चली गई क्यूकी बाहर गर्मी बहुत थी,,,,माँ के पीछे पीछे करण भी अंदर चला गया
ऑर करण के पीछे मैं भी,,,,,

अंदर जाते ही करण घर के मेन डोर का लॉक खोलने लगा ऑर लॉक खुलते ही माँ अंदर चली गई ऑर मैं भी जल्दी से
अंदर चला गया,,,,जबकि करण वापिस पीछे मूड कर बाहर की तरफ चला गया गेट बंद करने,,,,

अंदर आते ही माँ सोफे पर बैठ गई,,करण ने एसी ऑन किया ऑर माँ के लिए पानी लेने किचन मे चला गया जबकि मैं
जल्दी से भाग कर करण के रूम मे बाथरूम मे चला गया,,,माँ ने रास्ते मे मेरे लंड को इतना सहलाया था कि
करण के घर तक आते आते मेरा लंड फटने वाला हो गया था,,,,जब बाथरूम मे जाके पेशाब किया तो कुछ राहत मिली


मैं बाथरूम से बाहर आया तो माँ अपना दुपट्टा उतार कर साइड पर रख चुकी थी ऑर मुझे करण के रूम से आते
देख कर हंस रही थी,,,,मैं भी माँ के पास आके सोफे पर बैठ गया ,,,इतने मे करण 3 ग्लास मे कोल्ड्ड्रिंक लेके आ गया

करण ने एक ग्लास माँ की तरफ बढ़ाया ऑर एक ग्लास मुझे दिया ऑर एक ग्लास खुद लेके साथ वाले सोफे पर बैठ गया,,,

मैं कोल्ड-ड्रिंक पीता हुआ अपनी पैंट की तरफ देख रहा था तभी माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे अपनी गीली पॅंट
की तरफ देखता हुआ पा कर हँसने लगी,,,,

अरे बेटा तूने पॅंट मे भी पेशाब कर दिया क्या,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर करण भी माँ का साथ देने लगा

आंटी जी अपने इतने प्यार से सारे रास्ते इसके लंड को मसला था पेशाब तो निकलना ही था इसका,,,करण फिर हँसने लगा,,

मैने जल्दी से अपना ग्लास ख़तम किया फिर ग्लास को टेबल पर रख दिया,,,,

हाँ माँ करण सही बोल रहा है तूने रास्ते भर इतने प्यार से मसला मेरे मूसल को की इसने पॅंट मे ही पानी निकलना
शुरू कर दिया था ऑर अब देख मैं तेरी चूत को ऐसी मसलूंगा की तेरा भी पानी निकल जाएगा,,,

इतना बोलकर मैं माँ के करीब हो गया ऑर माँ ने भी एक ही पल मे खुद को मेरी तरफ़ मोड़ लिया ऑर मेरे आगे होते ही
माँ ने अपना हाथ मेरे पॅंट के उपर से मेरे लंड पर रख दिया जो अभी तक हल्की मस्ती मे आधा खड़ा हुआ था,,

हयी राम अभी तक सोया नही ये,,,,,

नही माँ अभी ये अंगड़ाई लेना शुरू ही हुआ था कि अब फिर से तेरे हाथ लगते नींद उड़ गई इसकी,,,इतना बोलकर मैं
ऑर आगे हुआ ऑर माँ के लिप्स की तरफ़ बढ़ने लगा,,,माँ ने भी अपने फेस को मेरे करीब करण शुरू कर दिया ऑर पल भर
मे मेरी ऑर माँ की किस शुरू हो गई,,,,,मैं माँ को किस करते हुए माँ के बूब्स को हल्के से दोनो हाथों मे लेके
मसल्ने लगा माँ भी मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,रास्ते भर माँ ने मेरे लंड को इतना मसला था कि मैं तो
करण के घर आते ही माँ को चोदने क लिए तैयार बैठा था ऑर माँ का भी यही हाल था,,,,मैं ऑर माँ किस कर रहे थे
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07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने देखा कि करण ने अपनी माँ को फोन कर दिया,,,,


करण,,,,,,,,,,हेलो,,,

अलका,,,,,,हेलो बेटा

करण,,,माँ कहाँ हो आप,,,,

अलका ,,,,,,,,,बेटा मैं बाहर आई हूँ शॉपिंग के लिए ,,घर का कुछ समान लेना था ऑर सब्जी भी लेनी थी,,,

करण,,,,,माँ जल्दी आ जाओ आपसे मिलने के लिए कोई आया है घर पे,,,,

अलका ,,,,,,,बेटा मुझे तो 3-4 घंटे लग जाने है,,,,वैसे कॉन आया है ये तो बता,,,,

करण,,,,,सन्नी ऑर उसकी मोम आए है आपसे मिलने,,,,,

अलका,,,,,क्या सरिता दीदी आई है,,,,हाइ राम मैं तो अभी बहुत दूर हूँ बेटा,,,,मुझे तो काफ़ी टाइम लग जाना है,,,इतने
दिनो बाद सरिता दीदी आई है ऑर मैं घर पर नही हूँ,,,,,तू ऐसा कर बेटा उन लोगो को चाइ कॉफी पिला मैं जल्दी से
जल्दी घर आने की कोशिश करती हूँ,,

करण,,,,,,,ठीक है माँ लेकिन फिर भी कितनी देर तक आओगी आप,,,,,,सरिता आंटी पूछ रही है,,,,

अलका,,,,,बेटा वैसे तो मुझे 3 अवर्स लग जाने है लेकिन तुम सरिता दीदी को मत बोलना,,उनको बोलो कि मैं बस 15-20
मिनट मे आ रही हूँ,,,,,वर्ना उन लोगो ने चले जाना है ओर फिर पता नही कब आएँगी दोबारा ,,,,

करण,,,,,,,,,,ठीक है माँ लेकिन आप जल्दी आने की कोशिश करना,,,,

अलका,,,ठीक है बेटा,,,,बयी

करण फोन बंद करता है इतनी देर मे मैं माँ की कमीज़ उतार चुका था ओर अपनी टी-शर्ट भी क्यूकी मैने करण
ऑर उसकी माँ की बात सुन ली थी जब उसकी माँ उसको 3-4 अवर्स मे वापिस आने का बोल रही थी,,,

मैं ऑर माँ तो पहले ही मोका ढूँढ रहे थे ,,क्यूकी माँ आज सोनिया के जल्दी वापिस घर आने की वजह से पूरी मस्ती
नही कर सकी थी इसलिए पूरी भरी बैठी थी ,,,ऑर रास्ते मे माँ ने मेरे लंड को इतना मसला था कि मैं भी बस मोके की
तलाश मे था कि कब मोका मिले ऑर मैं अपना मूसल घुसा दूं माँ की गान्ड मे,,,,मेरे लंड को सहलाने की वजह
से माँ की आग भी कुछ ज़्यादा भड़क गई थी,,,वो भी बस जल्दी से मोका देख कर मेरे लंड को गान्ड मे लेना चाहती
थी,,,,,

सोफे पर बैठे हुए मैं अपनी टी-शर्ट उतार चुका था ऑर माँ की कमीज़ भी उतर गई थी,,,,मैं ऑर माँ किस करते हुए
एक दूसरे के जिस्म पर हाथ फेरने लगे थे,,,,मेरे हाथ माँ की ब्रा के उपर से माँ के बूब्स को सहलाना शुरू कर
चुके थे ऑर माँ के हाथ भी मेरी चेस्ट पर घूमने लगे थे ,,,मैं माँ को किस करते हुए करण की तरफ देखने
लगा वो उठा ऑर जल्दी से भाग कर बाहर की तरफ चला गया शायद गेट को अच्छी तरह बंद करने गया था फिर वापिस
आके उसने घर के अंदर वाला मेन डोर भी लॉक किया ऑर सोफे पर हम लोगो की तरफ बढ़ने लगा ,,आगे की तरफ चलते
हुए उसने अपने कपड़े खोलना शुरू कर दिए,,,पहले टी-शर्ट ऑर बनियान निकाल दी फिर बूट उतार कर जल्दी से पैंट भी
निकाल कर एक दम नंगा हो गया ,,,उसने भी नीचे अंडरवेार नही पहना था ,,,,या तो शुरू से नही पहनता होगा या
फिर मेरी तरह जबसे घर मे चुदाई का सुख लेना शुरू किया होगा तबसे पॅंट के नीचे अंडरवेार डालने की आदत
छोड़ चुका होगा,,,,जहाँ मैं ओर माँ 2 मिनट मे आधे नंगे हुए थे वहीं करण 2 मिनट मे पूरा नंगा
हो गया था,,

माँ ने मुझे किस करना बंद किया ऑर करण की तरफ देखने लगी,,,,करण नंगा सोफे के करीब खड़ा हुआ था ऑर
हम दोनो उसके ऐसे नंगा खड़ा देख कर हँसने लगे,,,,जहाँ मेरा ऑर माँ का बुरा हाल था वहीं करण का तो
हमसे भी ज़्यादा बुरा हाल था,,,,,

माँ ने हाथ उठाकर करण का हाथ पकड़ा ऑर उसको अपने साथ सोफे पर बिता लिया करण भी जल्दी से बैठ गया ,,माँ
बीच मे थी जबकि मैं ऑर करण माँ की दोनो तरफ बैठ गये थे,,माँ पहले तो मेरी तरफ फेस करके बैठी हुई
थी ऑर मुझे किस कर रही थी लेकिन करण के बैठने के बाद माँ एक दम सीधी बैठ गई उसने ना तो मेरी तरफ फेस
किया ऑर ना ही करण की तरफ,,,वो तो बस अपनी पीठ सोफे से सटा कर आराम से बैठ गई ,,वो जैसे मुझे ऑर करण को ये
बोल रही थी कि मुझे कुछ नही करना तुम दोनो ही मिलकर मुझे खुश करो,,,,करण तो नंगा था ऑर उसने जल्दी से
माँ के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिया ऑर माँ को किस करने लगा माँ भी पल भर मे उसकी किस का रेस्पॉन्स देने लगी
तभी मैं उठा ऑर मैने भी अपने कपड़े निकाल दिए ऑर नंगा होके वापिस सोफे पर बैठ गया ,,,करण ऑर माँ दोनो
किस कर रहे थे करण का एक हाथ माँ के बूब्स को ब्रा के उपर से मसल रहा था ऑर माँ का हाथ भी उसके लंड पर
चला गया था ऑर माँ ने उसके लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया था ,,,मैं भी माँ की दूसरी तरफ बैठ
गया था मैने माँ के एक बूब को हाथ मे लिया ऑर मसल्ने लगा करण ने दूसरे बूब को पकड़ लिया कुछ देर तो मैं
मसलता रहा लेकिन फिर मेरे से रहा नही गया तो मैने बूब को ब्रा के उपर से बाहर निकाल लिया ऑर मुँह मे भर लिया
माँ ने जल्दी से अपनी पीठ को सोफे से थोड़ा आगे किया ऑर अपने दोनो हाथ पीठ पर ले गई ऑर जल्दी से अपनी ब्रा खोल दी
ऑर फिर मेरे सर को अपना हाथ मे पकड़ा ओर मुझे जबरदस्त किस करने लगी ,,

माँ मेरे लिप्स को अपने मुँह मे भरके चूसने लगी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह के अंदर हर कोने मे अच्छी तरह
टच करने लगी ,,इधर उधर घुमाने लगी ,,मैं भी माँ के मुँह मे अपनी ज़ुबान घुसा कर माँ के मुँह का
अंदर से मुआयना करने लगा ,,माँ का लोवर लिप्स मेरे लिप्स मे जकड़ा हुआ था जबकि मेरा उपर वाला लिप्स माँ के
लिप्स मे क़ैद हो गया था ,,माँ मेरे लिप्स को चूस चूस कर मेरे रस को पीने मे लगी हुई थी ऑर मैं भी माँ के लिप्स
को कस्के अपने लिप्स मे जाकड़ कर चूस्ता जा रहा था ,,माँ के सॉफ्ट सॉफ्ट लिप्स मेरे मुँह मे घुलते ही जा रहे थे ऑर
मैं उन घुलते हुए लिप्स के रस को पीता हुआ अपने गले से नीचे गटाकता जा रहा था,,,मेरा हाथ माँ के बूब पर था
ऑर मैं उस बूब को हाथ मे लेके मसल्ने लगा तभी मैने हाथ आगे करके दूसरे बूब को पकड़ने की कोशिश की
तो मेरा हाथ करण के सर पर लग गया मैं समझ गया कि वो माँ के दूसरे बूब को मुँह मे भरके चूस रहा होगा,,

मेरा हाथ माँ के बूब को मसल्ने लगा तो माँ का हाथ भी मेरे लंड पर चला गया माँ का एक हाथ मे मेरा लंड
था जबकि दूसरे हाथ मे करण का लंड ,,,माँ दोनो लंड को बड़े प्यार से उपर से नीचे तक मसल्ति हुई मूठ मार
रही थी,,बीच बीच मे माँ मेरे लंड की टोपी को अपनी हाथ की मुट्ठी मे भरके हल्के से दबा रही थी जिस से पूरे
लंड मे एक तेज मस्ती की लहर दौड़ जाती थी,,लंड की नसों मे खून पूरी तेज़ी से दौड़ने लगता था ऑर लंड मे रुक रुक
कर एक हल्का मीठा दर्द होने लगता था जिस से मेरी मस्ती कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी ऑर उसी मस्ती मे मैं माँ के
लिप्स को चूस्ता ही जा रहा था ऑर साथ ही बड़े प्यार से लेकिन थोड़ा ज़ोर लगा कर माँ के बूब को भी मसल रहा था,,,कुछ
देर बाद माँ ने मेरे लिप्स से अपने लिप्स दूर कर लिए ऑर वापिस करण के सर को अपने बूब से हटा कर उसके लिप्स पर
किस करने लगी ,,मेरे लिप्स फ्री होते ही मैने अपने लिप्स को माँ मे बूब की तरफ मोड़ दिया ऑर जल्दी से माँ के बूब को
मुँह मे भर लिया ,,मैं माँ के बूब को अपने दोनो हाथों मे पकड़ कर ज़ोर से दबा रहा था ऑर बूब की डुँड़ी को
अपने दाँतों मे हल्के से दबा कर काट रहा था ऑर बीच बीच मे हल्की ज़ुबान से बूब के उपर बनी डुँड़ी ऑर
उसके आस पास के हल्के ब्राउन कलर के राउंड को अपनी ज़ुबान से चाटने लग जाता फिर वापिस मुँह मे भर लेता,,
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07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उधर करण के लिप्स फिर से माँ के लिप्स मे जकड़े गये ऑर फिर से उन दोनो की किस शुरू हो गई ,,माँ करण के लंड को
मसल रही थी ऑर कारण का हाथ माँ के दूसरे बूब पर था ,,तभी करण ने अपने हाथ को माँ के बूब्स से हटा कर
पेट पर रखा ऑर पेट से सहलाते हुए अपने हाथ को माँ की सलवार के उपर से माँ की छूट पर ले गया ,,वो माँ की छूट
को सलवार के उपर से सहलाने लगा तो मैने जल्दी से अपने हाथ को माँ की सलवार मे घुसा दिया ऑर माँ की सलवार
के नाडे को बाहर निकाल कर जल्दी से खोल दिया ऑर माँ की सलवार को नीचे करने लगा ,,मेरा दूसरा हाथ भी माँ के बूब
से हट गया ओर माँ की पीठ पर चला गया ओर वहाँ से भी माँ की सलवार को नीचे करने लगा ,,माँ ने भी खुद अपनी
गान्ड को सोफे से हल्का उपर उठा लिया ऑर मुझे उनकी सलवार निकालने मे हेल्प करने लगी ,,गान्ड उपर उठते ही मैने
तेज़ी से माँ की सलवार को गान्ड से हटा कर उनकी टाँगों के बीच मे ले आया ऑर देखते ही देखते माँ की सलवार
ज़मीन पर थी ऑर माँ भी मेरी ऑर करण की तरह नंगी होके हम दोनो के बीच मे थी,,,जैसे मैने ऑर करण ने
पॅंट के नीचे कुछ नही पहना हुआ था वैसे माँ भी सलवार के नीचे कुछ नही पहनकर आई थी,,सलवार निकलते
ही माँ नंगी हो गई ऑर करण का हाथ माँ की चूत को सहलाने लगा लेकिन ज़्यादा देर तक नही ,,,करण ने जल्दी ही माँ
की चूत मे उंगलियाँ घुसा दी ,, माँ की चूत को सहलाना मैं चाहता था लेकिन करण का हाथ पहले वहाँ
पहुँच गया ,,मेरा मस्ती से बुरा हाल हो रहा था क्यूकी मैं रास्ते भर माँ के हाथ द्वारा लंड सहलाने से काफ़ी
उत्तेजित हो गया था,,
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07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उधर करण ने माँ की चूत मे उंगली करते हुए अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग कर लिया ऑर माँ के खाली पड़े बूब
को मुँह मे भर लिया ,,,माँ के लिप्स फ्री होते ही मैं वापिस टूट पड़ा माँ के लिप्स पर ऑर जल्दी ही उनके लिप्स को अपने लिप्स
मे जाकड़ कर किस करने लगा ,,उधर करण का मुँह माँ के बूब पर था ऑर वो बूब को चूस्ता हुआ माँ की चूत मे
उंगली कर रहा था इधर मैं वापिस माँ को किस करते हुए माँ के एक बूब को हाथ मे लेके मसल रहा था ,,तभी
मैने देखा कि करण ने माँ के बूब को मुँह से निकाला ऑर ज़मीन पर माँ की टाँगों के बीच जाके बैठ गया ऑर
माँ की टाँगों को खोलकर माँ की चूत को सोफे के लास्ट मे अपने सर के करीब खींच लिया ,,,माँ भी जल्दी से अपनी
चूत को करण के मुँह के करीब करने के लिए सोफे से उठकर आगे की तरफ खिसक गई ऑर पल भर मे माँ की चूत '
करण के मुँह के करीब थी ऑर करण ने माँ की चूत को मुँह मे भर लिया था ,,करण ने मस्ती मे इतना कस्के माँ की
चूत को मुँह मे भरके चूसा था कि माँ की हालत खराब हो गई थी वो मस्ती मे चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसके लिप्स
मेरे लिप्स मे जकड़े हुए थे इसलिए वो चिल्ला नही सकी लेकिन बदले मे उसने मेरे लिप्स को इतनी ज़ोर से दबा कर अपने मुँह
मे भर लिया जैसे खा ही जाएगी मेरे लिप्स को,,मैने भी उसी मस्ती मे माँ के लिप्स को चूसना शुरू कर दिया,,माँ के
लिप्स मेरे लिप्स मे जकड़े हुए थे लेकिन फिर भी माँ की हल्की हल्की दबी हुई सिसकियाँ निकल रही थी क्यूकी करण बड़ी
मस्ती भरे अंदाज़ मे माँ की चूत को चूस रहा था,,,

कुछ देर बाद मैने माँ के लिप्स से अपने लिप्स अलग किए ऑर माँ के बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लाग ,,मैं एक
बूब्स को मुँह मे भरके चूस रहा था ऑर दूसरे को हाथ मे लेके मसल रहा था ,,मेरे लिप्स माँ के लिप्स से दूर होते
ही माँ की सिसकियाँ निकलना शुरू हो गई,,,,अहह उउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हययइईईईईईईई
क्काररांंणणन् ब्बीतता आईसीए शियी च्छुउस्सूऊ म्मेरेइईईई चूऊऊओत ककूऊव आहह प्पूउर्रा म्मूउहह
म्मीई बभ्ारर ल्लूऊ म्मेरेइईईई चूत्त ककूऊऊ क्क्हाअ ज्जाऊओ इश्स कच्छीककन्णीी कच्छाम्मील्लीइीई ककूऊऊ
आहह ऊओररर्र ज्ज़्य्यददााअ ककाट्तूओ म्मेरेइईईई छ्छूवतत क्की कच्छांम्मददीए ककूऊऊओ आअहह
उूुुुउऊहह हहयययययईईई हमम्म्ममममममममममम ऊओरर्र्र्र्र्र्र्र्ररर
ज्जूओर्रर ससी च्छुउस्ूओ मेरेयिइ चुत्त्त्त्त्त्त्त्त ककूऊ आपपनन्ी प्पूउर्रिइ ज्जुउब्बान्न्न्न् उउन्न्ञददीर्रर ग्घुउस्स्स्साआ
दद्दूऊव क्काररांन्न ब्बीत्ताअ आहह कारण भी माँ की सिसकियों सुनकर ऑर भी तेज़ी से माँ की चूत को
चूसने लगा मैने देखा कि करण ने माँ की चूत के चमड़े को अपने दाँतों मे दबा रखा था ऑर मुँह मे
भरके चूस रहा था ऑर हल्के से काट भी रहा था ,,करण को मस्ती से माँ की चूत चूस्ते देख ऑर माँ की मस्ती
भरी सिसकियाँ सुनकर अब मेरे से रहा नही गया मैने जल्दी से सोफे पर खड़ा हो गया ऑर जैसे ही माँ ने अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
करने के लिए मुँह खोला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया ,,माँ आराम से मस्ती मे आँखें बंद करके
चूत चुसाइ का मज़ा ले रही थी लेकिन जैसे ही मेरा लंड माँ के मुँह मे गया माँ की आँखें खुल गई ऑर माँ ने लंड
को हाथ मे पकड़ ओर मुँह से निकाल दिया फिर हँसके मेरी तरफ देखा ऑर वापिस लंड को मुँह मे भर लिया ,,,

माँ ने अपने सर को लंड पर आगे पीछे करने की कोशिश की लेकिन ऐसी हालत मे माँ को अपना सर हिलाने मे मुश्किल हो
रही थी तो मैने माँ के हाथ को अपने लंड से हटा दिया ऑर खुद अपने लंड को माँ के मुँह मे अंदर बाहर करने
लगा ,,जिस तरह से माँ बैठी हुई थी उस तरह से माँ के मुँह मे आधा लंड ही जा रहा था जिस से मुझे मज़ा नही आ
रहा था ऑर ना ही माँ को मज़ा आ रहा था क्यूकी चूत हो गान्ड हो या मुँह हो जब तक लंड जड़ तक अंदर नही चला
जाता ना तो मुझे मज़ा आता था ना ही माँ को ,,तभी माँ ने खुद को अड्जस्ट करते हुए अपने सर को सोफे के पीछे की दीवार
पर रखके सोफे से हल्का सा पीछे की तरफ झुका दिया जिस से माँ का सर थोड़ा नीचे झुक गया ऑर माँ की आँखें ऑर मुँह
उपर छत की तरफ हो गये जिस से मुझे अपने लंड को माँ के मुँह मे डालने मे आसानी हो गई ऑर मैने भी जल्दी से अपने
लंड को माँ के मुँह मे गले से नीचे तक उतार दिया ऑर ऐसे ही पूरा लंड माँ के गले से नीचे तक उतारकर उपर नीचे
करने लगा ऑर माँ के मुँह को लंड से चोदने लगा,,माँ ने भी अपनी ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाल लिया ऑर मेरे लंड
को अंदर बाहर होने के लिए जगह बना दी जिस से मेरा लंड बड़े आराम से माँ के मुँह मे अंदर बाहर होने लगा ऑर
मैं मस्ती मे भरने लगा ,,मैने अपनी टाँगों को थोड़ा खोला ऑर माँ के उपर से दोनो टाँगों को माँ के जिस्म
से दोनो तरफ सोफे पर रख दिया ऑर हाथ सोफे की बॅक पर रख दिए जहाँ माँ का सर टिका हुआ था फिर तेज़ी से माँ के
मुँह को लंड डालके चोदने लगा ,,,,
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07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
नीचे करण भी अपना पूरा हुनर दिखा रहा था ऑर माँ की चूत को बड़े प्यार ऑर
मस्ती से पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूस रहा था ,,माँ भी मस्ती मे अपने एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने
लगी ऑर एक हाथ को करण के सर पर रख कर करण के सर को अपनी चूत पर दबाने लगी,,,उपर मैं पूरी स्पीड से माँ
क मुँह को चोदने मे लगा हुआ था ,,तभी लंड चूस्ते हुए माँ ने मेरी पीठ पर हल्के से हाथ मारते हुए मुझे
अपनी स्पीड तेज करने को बोला ऑर तभी माँ के मुँह से दबी दबी हल्की सिसकियाँ निकलने लगी मैं समझ गया कि माँ
झड़ने लगी है इसलिए मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर माँ मे मुँह मे लंड को जड़ तक घुसा कर माँ के मुँह
को चोदने लगा तभी 2 मिनट बाद ही माँ की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया में नीचे की तरफ देखा ऑर
करण माँ की चूत से निकलने वाले पानी की एक भी बूँद को जाया नही कर रहा था ऑर माँ की चूत के पानी को पीता हुआ
अपनी ज़ुबान से माँ की चूत को अभी भी चाट रहा था ,



माँ ने रास्ते भर मेरे लंड को इतना प्यार से मसला था कि मुझे करण के घर आने तक पेशाब का पूरा ज़ोर पड़ गया
था ऑर लंड हल्का हल्का दुखने लगा था इसलिए मेरा भी काम जल्दी ही होने वाला था मैने भी माँ के मुँह को तेज़ी से
चोदते हुए अपने पानी की पिचकारी माँ के गले से नीचे तक छोड़ना शुरू कर दिया था मेरे लंड से निकलने वाला
स्पर्म सीधा माँ के गले से नीचे तक बहने लगा था जो थोड़ा बहुत माँ के मुँह मे रह गया उसको भी माँ ने गले
से नीचे गटक लिया ऑर मेरे लंड को भी अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ,,लंड सॉफ होते माँ ने लंड को मुँह से निकाल
दिया ऑर मैं भी सोफे पर माँ के साइड मे बैठ गया ,,मैने सोफे पर बैठ कर करण की तरफ देखा तो करण अभी भी
माँ की चूत को चाट रहा था ऑर साथ ही अपने हाथ से अपने लंड की मूठ मार रहा था ,,,मैं अभी बैठा ही था कि
करण जल्दी से उठकर खड़ा हो गये ऑर सोफे के उपर चोदने लगा,,,मैं समझ गया कि अब इसका भी होने वाला है ऑर ये
अब सोफे पर चढ़के माँ के मुँह मे झड़ने वाला है ऑर ऐसा ही हुआ करण अपने लंड को हाथ मे लेके मूठ मारता
हुआ जल्दी से सोफे पर चढ़ गया ऑर लंड को माँ के मुँह के करीब कर दिया माँ ने भी जल्दी से अपने मुँह को खोल दिया
ऑर करण के लंड को मुँह मे भर लिया ,,,अभी करण का लंड माँ के मुँह मे गया ही था कि लंड ने पिचकारी मारना
शुरू कर दिया ऑर देखते ही देखते करण भी माँ के मुँह मे झड गया ऑर माँ ने उसके लंड के पानी को भी गले से
नीचे गटकना शुरू कर दिए जैसे कुछ देर पहले मेरे लंड के पानी को गटका था ,,,जब करण भी झड गया ऑर उसके
लंड से लास्ट ड्रॉप माँ के मुँह मे मे गिर गई तो माँ ने करण के लंड को अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ऑर लंड को
मुँह से बाहर निकाल दिया,,,करण भी हांफता हुआ माँ की दूसरी साइड पर बैठ गया ,,,मैं भी तेज़ी से साँसे ले रहा था
ऑर उधर करण भी अपनी सांसो पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रहा था ,,बीच मे बैठी हुई माँ अपने मुँह से बहने
वाले स्पर्म को हाथ से सॉफ करके वापिस मुँह मे भर रही थी वो एक ड्रॉप भी स्पर्म की जाया नही होने दे रही थी,,उसका
मुँह स्पर्म से भर गया था क्यूकी एक साथ 2 लंड ने पानी निकाला था उसके मुँह मे फिर भी वो सारा का सारा पानी गटक
गई थी,,,,,,

कुछ देर तक हम तीनो सोफे पर ऐसे ही बेसूध बैठे रहे ओर अपनी अपनी हालत को क़ाबू करने की कोशिश करते रहे
तभी माँ उठी ऑर मेरा हाथ पकड़ लिया ऑर साथ ही दूसरे हाथ से करण का हाथ पकड़ लिया ऑर हम दोनो को सोफे से
उठा दिया,,,ऑर हम दोनो को हाथ से पकड़ कर करण के रूम की तरफ ले गई ,,हम दोनो भी चुप चाप माँ के साथ
करण के रूम मे चले गये ,,,,रूम मे जाते ही माँ ने मुझे ऑर करण को बेड पर लेटा दिया ऑर खुद एसी ऑन करके
वापिस हमारे पास बेड पर आ गई ऑर आते ही मेरे लंड को हाथ मे लेके सहलाने लगी ,

मेरा लंड अभी कुछ देर पहले ही झडा था ऑर सुस्त हो गया था लेकिन माँ के हाथ लगते ही उसने फिर से ओकात मे आना
शुरू कर दिया था ,,लंड अभी हल्का सर उठाने ही लगा था कि माँ ने लंड को मुँह मे भर लिया ऑर लंड एक दम से
हार्ड होने लगा ,,उधर माँ ने करण के लंड को भी हाथ मे पकड़ लिया जो मुझे ऑर माँ को देख कर पहले से ही
मस्ती मे आने लगा था ,,माँ ने 2 मिनट तक ही मेरे लंड को चूसा ऑर जब लंड पूरा हार्ड हो गया ऑर थूक से चिकना
हो गया तो माँ ने लंड को मुँह से निकाला ऑर जल्दी से अपनी टाँगों को खोल कर मेरे उपर चढ़ गई ऑर पल भर मे मेरे
लंड को हाथ मे लेके अपनी चूत पर रख दिया ,,माँ की चूत पहले से गीली ओर चिकनी थी मेरा लंड भी माँ के थूक
की वजह से चिकना था जो एक ही बार मे हल्का धक्का लगते ही चूत की जड तक समा गया ऑर माँ ने अपनी गान्ड को
उपर नीचे करते हुए लंड को चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया
Reply
07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उधर करण बेड पर लेटा हुआ था माँ ने
उसको लंड से पकड़ कर उठा दिया ऑर अपने करीब आने को बोला,करण भी बेड से उठा फिर मेरे ऑर माँ के करीब आके
घुटनो के बल बैठ गया माँ ने भी जल्दी से खुद के सर को करण के लंड की तरफ मोड़ दिया ऑर करण के लंड को मुँह
मे भर लिया करण ने भी मस्ती मे माँ के सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर माँ के सर को पकड़ कर अपनी कमर हिलाने
लगा ऑर माँ के मुँह मे लंड को अंदर तक घुसाते हुए माँ के मुँह को चोदने लगा ,,करण का लंड पतला था लेकिन
लंबा बहुत था पतला होने की वजह से माँ को कोई ज़्यादा परेशानी नही हो रही थी करण के पूरे लंड को अपने गले
से नीचे उतारने मे ,,,




करण इतनी तेज़ी से माँ के मुँह को चोदने लगा था कि उसको देख कर मेरी मस्ती भी बढ़ने लगी मैने अपने हाथ माँ
की पीठ पर रखे ऑर माँ को अपनी बाहों मे कस्के अपनी कमर को बेड से उपर उछालने लगा मेरे उपर उछलते ही
माँ ने खुद की कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर मुझे खुद उनकी चूत चोदने का मोका दिया मैने भी तेज़ी से अपनी
कमर को बेड से उछाल उछाल कर माँ की चूत को चोदना शुरू कर दिया ,,,,माँ ने एक हाथ को बेड पर रखा हुआ
था ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ने लगी थी ,,करण का लंड बड़ी तेज़ी से माँ के मुँह मे अंदर बाहर हो रहा
था जिस वजह से माँ के मुँह से थूक बाहर निकलने लगा था ,,माँ ने जल्दी से अपने हाथ को अपने बूब से उठाया ऑर
अपने मुँह से निकलने वाले थूक को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड पर लगा दिया ऑर कारण को भी वहाँ से उठकर
अपने पीछे जाने को बोला करण ने भी माँ का इशारा मिलते ही जल्दी से उठकर माँ के पीछे चला गया ,,माँ अपने हाथ
से अपनी गान्ड पर थूक लगा रही थी जो अभी अभी उसके मुँह से निकला था ,मस्ती मे माँ की गान्ड थोड़ा खुल गई थी जिस
वजह से माँ ने अपनी 2 उंगलियाँ गान्ड मे घुसा दी थी ऑर उंगलिओ से अपने थूक को अपनी गान्ड मे भरने लगी थी
जब अच्छी तरह थूक लग गया तो माँ ने अपने हाथ को अपनी गान्ड से उठा लिया ऑर करण ने आगे बढ़ कर अपने लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,माँ एक दम मस्ती मे उछल गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,करण ने भी एक दम से लंड अंदर
घुसते ही माँ की कमर को अपने हाथ मे पकड़ लिया था ऑर बिना कोई देर किए तेज़ी से माँ की गान्ड को ठोकना शुरू
कर दिया था ,,,




जिस स्पीड से करण माँ की गान्ड मार रहा था उसी स्पीड से मैं भी अपनी कमर बेड से उपर उछाल उछाल कर माँ
की चूत मार रहा था ,,कुछ ही देर मे माँ की सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,हयीईईईईईईई आआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज एयेए
राहहा हहाइईइ आसल्लीइी मामज़्जजाअ म्मेरेरी 2-2 बीट्टी ममिल्लककाररर म्मूउज़्झहही क्क्हुउस्शह क्कार्र रहही
हहाईईइ हययईई क्क्य्या म्मामज़्जज़ा हहाइईइ ,,हमम्म्मममम आहह ीसस्सीईई हहिईीईईईईईईई
ब्बाचहूऊ ऊर्र्टटीिई ससीई चछूड्डूऊ आप्प्पनन्िईिइ मामा ककूऊ हहययइईई आहह
कककाररान्ण ब्बीत्टता टतरराा ददिल्ल्ल्ल क्काररत्ता हहाइईइ नाअ अपपनन्िईिइ हहिि मामा क्कीईइ गगाणनदडड़ मार्रननी
कक्कूव टूऊ आआअजजज अब्भहिि म्मूउुज्झहहीए आपपनन्िईिइ मामा हहिि स्सामंमज़्जहहूओ ऊरर टटेजज़ििइईईई सीए
गगाणन्दड़ मारूव मेरेइईइ ससूच्छू क्कीिई तुउउंम आप्प्पनन्िईीई माँ क्कीिई गाणनदडड़ मररर र्रहही हूऊओ
हहयइईईई आजज्ज म्मेरेरी ब्बीत्टी ब्बान्न्णणन् ज्ज्ज्जाऊओ तुउउंम्म ऊरर ज्जिि बभ्ार्ररक्की म्म्मेररेइईईईईईईई
ग्गगाणंननन्न्ंदड़ म्मार्रूऊऊऊऊओ क्कूिइ त्तररासस्स माँात्त क्काररन्ना म्मूउज़्झहह पीररर हहययययई
मामाआ क्कीिट्त्न्ना म्मामज़्जज़ा आ र्राहहा अहहाईईईईई हययययए उऊहह हमम्म्मममम
आहह ऊरर त्टीज्जज क्कारूऊऊ सुउउन्नयी ब्बेतटटा पफाड्दड़ द्डूऊऊऊओ
आहज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आपपनन्िईीईईईईई मामा क्कीईईईई चहूऊतत कककूऊऊओ ऊओरर टटेजज़्ज़्जििीइ ससीए त्तूकककूऊ मेरेइईईईईईईईईई
चहूवततत्त कककूऊऊओ हहययईई ऊरर त्टीजज कारूऊ क्काररान्ण बीत्टता तटुउंम्म बभहीइ टटेजज़्ज़ििीइ सस्स्स्स्सीए
गाअंन्दड़ म्मर्रूऊ मेरेइईईईईईईईई ,,,,,,,,,,आअज्ज आ र्राहहा हहाइईइ ज्जाननाट्त्ट क्का म्मामाजजा मेरेररी ब्बीत्टी
क्कीत्न्ननिईिइ माँसत्त्तिीई ससीए छ्छूड्द र्राहही हहाइईइ अप्प्पनन्ी मामा कूऊऊऊ हयीईईईईईईई


माँ की सिसकियाँ सुनकर मेरी स्पीड तेज हो गई ऑर साथ ही करण की भी हम दोनो फुल स्पीड से माँ को चूत ऑर गान्ड
मारने लगे ,,माँ ने अपने हाथ मे अपने बूब को पकड़ा ऑर मेरे मुँह की तरफ बड़ा दिया मैने भी जल्दी से अपने
मुँह को खोल दिया ऑर माँ के बूब को मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगा माँ कभी एक बूब को मेरे मुँह मे डालने
लगती तो कभी दूसरे को ,,ब्बीत्टता सिर्रफफ़्फ़ छ्छूवस्स्स न्नहहिि हाल्लकई हाल्लक्की आपपन्ने दडंन्तूओंन्न म्मी
द्डब्बा क्काररर काट्त इन्नक्कू ट्टाब्भीी मांज़्जा आयएएग्गा म्मूुझहही हहूओ स्सक्क्की टूऊ त्हूऊददाअ
ज्जूओर्रर ससीए बहिि काट्त डीएन्न्ना आज्ज्जज ककुउक्च ररीहम्म मॅट कररन्ना म्मेरेर ई ब्बीत्टी जीिथन्नाअ
हूऊ स्साक्क्की ददार्रद्द डीनना म्मूउज़्झहही क्क्ययुउककिईईईई उसस्स्सीई ददार्र्द्द म्मईए आसल्लीी मांज़्जा हूत्ताअ
हहाइईइ व्वाइईसी बबीी अओउर्रत्त्त्टतत्त क्कूव जबब्ब्ब त्टाकक च्छुद्दाइ मईए ददार्र्द्द ना हहूओ उउस्स्क्क्कू
म्मांजजई ऊरर मांसस्त्तिीई काअ ईहहस्स्साआस्स्स हहिि नाहहीी हूटता ,,र जजूर्र ससीए काट्त मेरेरी बॉब्ब पीरररर
ब्बेतटटा ख्हाा ज्जा म्मेररी ब्बूबबसस ककूऊ ,,मैं भी माँ के कहने पर मस्ती मे भरता चला गया ऑर माँ
के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से काटने लगा कभी कभी तो निशान भी पड़ने लगे थे मेरे दाँतों के ,,माँ दर्द से चिल्ला
भी रही थी ऑर मस्ती मे सिसकियाँ भी ले रही थी उसकी आवाज़ मे दर्द ऑर मस्ती का मिला जुला असर था ,,ओरर ज्जूओर्र ससीए
काट्त मेरेरी ब्बीत्टी ऊरर जय्याद्दा ददार्रद्द डदीई म्मूउज़्झहही इसी ददार्र्द्द म्मी म्मांज़्जा आत्ता
हहाीइ मुऊऊुज्झहीई,,,,,,,,,,,,,,,,

तभी मैने माँ के बूब को मुँह से निकाल दिया ,,माँ मेरी तरफ हैरान होके देखने लगी तभी मैने माँ को
अपने उपर से हटने को बोला ऑर माँ आगे होके मेरे उपर से हट गई जिस वजह से करण का लंड भी माँ की गान्ड से
बाहर निकल गया,,माँ मेरी तरफ देख रही थी तभी मैने करण को पकड़ा ऑर बेड पर लेटा दिया करण बेड पर लेट
गया तो मैने माँ को उसके पास लेटने का इशारा किया माँ ने भी मेरी बात समझ ली ऑर करण की तरफ मुँह करके अपनी एक टाँग करण की टाँगों पर रख दी ऑर अपने हाथ को भी करण की पीठ पर रख कर करण से चिपक गई करण ने
भी जल्दी से अपने हाथ मे अपने लंड को पकड़ा ऑर माँ की उस टाँग के नीचे से जो टाँग केरेन की टाँगों पर पड़ी
हुई थी वहाँ से अपने लंड को माँ की चूत पर रख दिया ,माँ ने अपने हाथ मे करण के सर को पकड़ा ऑर उसके सर
को अपने बूब्स मे दबा लिया करण ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर माँ के बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगा ,इतनी
देर मे मैं माँ की पीठ पीछे लेट गया ऑर अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,मैने
अपने हाथ से अपने लंड को अच्छी तरह सॉफ कर लिया था ,,मेरे लंड पर जितना भी माँ की चूत का पानी लगा हुआ था
मैने उसको करण की बेडशीट से सॉफ करके अपने लंड को खुश्क कर लिया ऑर अपने हाथ से बेडशीट को खींच कर
माँ की गान्ड पे ले गया ऑर माँ की गान्ड पर लगे थूक ऑर करण के लंड के पानी को भी सॉफ कर दिया ,,
Reply
07-14-2019, 03:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
जब मैं ऐसा
कर रहा था तो माँ ने मेरी तरफ मूड कर देखा ऑर नज़रो ही नज़रो मे पूछने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो ,,मैने
माँ की बात का कोई जवाब नही दिया ऑर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की पीठ के साथ सट गया ऑर लंड को माँ की
गान्ड के होल पर रख दिया फिर तेज़ी से झटका मार कर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया ,,मेरा लंड भी
ऑर माँ की चूत भी एक दम खुश्क थी जिस वजह से लंड को अंदर जाने मे मुश्किल हो रही थी लेकिन मैने अपने एक
हाथ से माँ की गान्ड को थोड़ा खोला ऑर फिर से लंड को तेज़ी से झटका लगा कर अंदर घुसा दिया इस बार मेरा लंड
माँ की गान्ड की दीवार से रगड़ ख़ाता हुआ पूरा अंदर चला गया ऑर माँ के मुँह से एक तेज चीख निकल गई माँ
ने मेरी तरफ मूड कर देखा ,,



माँ की आँखों मे हल्के आँसू थे शायद माँ को दर्द हुआ था मैने माँ की तरफ हँसके देखे ऑर नज़रो ही नज़रो
मे बोला कि माँ तुमने ही बोला था कि तुमको दर्द चाहिए बिना दर्द के तुमको मज़ा नही आता इसलिए मैं तुमको दर्द
दे रहा हूँ ताकि तुम मज़ा कर सको ,,माँ ने हल्की मस्ती के साथ साथ गुस्से से मुझे देखा लेकिन मैं नही रुका ऑर
लंड को अंदर घुसा कर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा ,,,खुश्क लंड जब भी माँ की गान्ड की दीवारों से
रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता तो माँ के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल जाती ,,इस चीख से मुझे माँ पर तरस
नही आता बल्कि मुझे ज़्यादा मस्ती चोदने लगती ऑर मैं तेज़ी से जोरदार धक्का लगाने लगता ,,,मैं काफ़ी देर तक माँ की
गान्ड मे तेज धक्के लगाता रहा ऑर माँ चिल्लाती रही कभी कभी मेरी तरफ पीछे मूड कर देखती ऑर आँखों मे पानी
ऑर फेस पर गुस्सा लिए मुझे घूर्ने लग जाती लेकिन मैं हँसके माँ की तरफ देखता ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड मारने
लग जाता ,,,मैने अपने हाथ को आगे करके माँ के बूब को पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया ,,,,,,,,,,,,ध्हीर्र्री कार्ररर
कमिन्नईए ददार्रद्द हहू राहहा हाइी माँिन्न तीरीइ माँ हहूओन्न क्कूिइ र्रन्न्दडी न्नाहहिि आर्रामम्म्ममम
ससी न्नाहहीी छ्छूड्द स्सककत्ता कय्याअ हहययईईए मार्र द्दाल्ला ररीए क्कममिन्नी सुउन्नयी टुउन्नी
म्मूउुज्झीए आअज्जजज्ज्ज्ज्ज ठूड्दा अर्रामम ससीए म्मांस्साल्ल्ल ली मेरररी ब्बूबबसस क्कू आब्ब क्क्य्य्ाआअ
क्काहहत्तिईइ ससीए उउक्खाडदननी क्का ईर्राद्ड़ा हहाइईईईई आहह म्मार्र गगययईीीईईई हहयइईईईई


तभी मैने माँ की पीठ के उपर से करण की तरफ देखा जो माँ की चूत मारते हुए माँ के एक बूब को मुँह मे
भरके चूस रहा था ,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने भी मेरी तरफ़ देखा मैने उसको माँ के लिप्स पर किस करने
को इशारा किया ऑर उसने भी ऐसा ही किया उसने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया ओर माँ की आवाज़ को बंद कर दिया ,,

मैने मोका देख कर जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला ऑर बेड शीट से सॉफ कर दिया क्यूकी माँ की गान्ड ने मस्ती
मे पानी भरना शुरू कर दिया था ऑर लंड फिर से चिकना होने लगा था ,,,मैने लंड को फिर से खुश्क किया ऑर माँ
की गान्ड पर लगे पानी को भी बेड शीट से सॉफ कर दिया ऑर अपने लंड को वापिस अपने हाथ मे लेके माँ की गान्ड पर
रख दिया ,,माँ को फिर से दर्द होना था खुश्क लंड गान्ड मे लेके इसलिए माँ ने मुझे रोकने की कोशिश की तो मैने
माँ के हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर जल्दी से लंड को गान्ड मे घुसा दिया ,,माँ ने चिल्लाने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के लिप्स को इतना कस्के अपने मुँह मे भर लिया कि माँ चाह कर भी चिल्ला नही सकी ,,मैने लंड अंदर
घुसते ही तेज़ी से माँ की गान्ड मारनी शुरू करदी ऑर हाथ को वापिस माँ के बूब्स पर ले गया ऑर ज़ोर से दबाने लगा ,,माँ
ने अपने हाथ को मेरे हाथ पर रखा ऑर अपने बूब से दूर करने लगी तभी मैने करण के हाथ को अपने हाथ मे
पकड़ा ऑर उसको माँ का हाथ पकड़ कर साइड करने का इशारा किया उसने भी ऐसा ही किया ऑर माँ का हाथ पकड़ कर साइड
कर दिया ,,मैं फिर अपने हाथ को माँ के बूब पर रखा ऑर ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ी से माँ की गान्ड मारने लगा,,

माँ के मुँह से हल्की हल्की दबी हुई दर्द भरी सिसकियाँ निकालने लगी थी,,इधर मैं तेज़ी से माँ की गान्ड मारते हुए
माँ के बूब्स को कस कस के हाथ मे लेके मसल रहा था ऑर उधर करण माँ की टाँग को अपनी टाँगों पर रखके माँ
की चूत मारते हुए माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड कर चूस रहा था,,,तभी उसने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे
पीछे हटने को बोला,,मैने माँ की गान्ड से लंड निकाल लिया ऑर उठ गया तभी जल्दी से करण ने माँ को खुद से पीछे
ऑर माँ को पलट कर उल्टी कर दिया जिस से माँ का पेट बेड से लग गया ऑर गान्ड उठकर उपर आ गई ,,करण ने बेडशीट
की तरफ देखा जहाँ मैने अपने लंड की चिकनाई सॉफ की थी करण ने भी जल्दी से अपने लंड की वहीं सॉफ किया ऑर माँ
की गान्ड को भी जल्दी से सॉफ कर दिया ,,,माँ ने करण को ऐसे करते देख लिया था वो समझ गई थी कि अब करण भी
अपने लंड को खुश्क करके उसकी गान्ड मे डालने वाला है तो माँ ने जल्दी उठने की कोशिश की लेकिन तभी करण ने
माँ के राइट वाले हाथ को पकड़ कर माँ की पीठ पर रख दिया ओर मैने लेफ्ट वाले हाथ को अपने हाथ मे पकड़
कर फिर एक हाथ से माँ के सर को अपनी तरफ मोड़ कर बेड से लाग दिया ऑर माँ के गाल पर हल्का सा दबाव डाला तो माँ
का मुँह खुल गया ऑर जैसे ही मैने माँ के मुँह मे लंड डालने की कोशिश की माँ ने जल्दी से मुँह को बंद कर लिया,,
Reply
07-14-2019, 03:56 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कारण ने माँ की गान्ड पर अपना लंड रखा ऑर एक हाथ से माँ की गान्ड को खोल कर अपने खुश्क लंड को माँ
की गान्ड मे घुसा दिया ,,,करण का लंड मेरे लंड से काफ़ी पतला था जो बड़े आराम से एक ही बार मे पूरा अंदर चला
गया लेकिन खुश्क होने की वजह से माँ को फिर दर्द हुआ तो माँ ने चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोला ऑर जैसे ही माँ का
मुँह खुला मैने अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसा दिया माँ की चीख दब कर रह गई ,,मैने माँ के एक हाथ
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर एक हाथ से माँ के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपने लंड को माँ के मुँह मे घुसाने लगा ऑर
पीछे से करण ने माँ के हाथ को पकड़ कर उनकी पीठ पर रखा हुआ था ऑर एक हाथ से बेड का सहारा लेके माँ की
गान्ड पर झुक कर तेज़ी से खुश्क लंड से माँ की गान्ड मारने लगा था ,,माँ को दर्द हो रहा था लेकिन वो चिल्ला नही
सकती थी क्यूकी मेरे लंड ने माँ के मुँह को पूरी तरह से बंद किया हुआ था ,,,लेकिन फिर भी माँ अपने दर्द को ब्यान
करने के लिए थोड़ा सा झटपटा रही थी जिसका मेरे ऑर करण पर कोई खास फ़र्क नही पड़ रहा था ,,,

कुछ देर बाद माँ ने झटपटाना बंद कर दिया ऑर मेरे लंड पर अपने मुँह को हलके से आगे पीछे करने लगी मैं
समझ गया कि माँ को मज़ा आने लगा है ऑर दर्द कम हो गया होगा क्यूकी काफ़ी टाइम से करण माँ की गान्ड मार रहा था

उसने खुश्क लंड डाला था माँ की गान्ड मे लेकिन अब तक मस्ती मे माँ की गान्ड ने काफ़ी पानी बहा दिया होगा जिस से
लंड चिकना हो गया होगा ऑर इसलिए माँ को मज़ा आना शुरू हो गया होगा ,,अब चिकने लंड की वजह से करण की स्पीड
भी काफ़ी तेज हो गई थी ऑर वो माँ के हाथ को अपने हाथ से छोड़ कर माँ के उपर ही लेट गया था ऑर तेज़ी से माँ की गान्ड
मारते हुए चिल्लाने लगा था मैं समझ गया कि ये बंदा तो अब झड़ने वाला हो गया है ऑर तभी करण ने ज़ोर से
आअहह की ऑर माँ की गान्ड मे झड गया ओर कुछ देर माँ की पीठ पर चढ़ कर ऐसे ही लेटा रहा ,,,,फिर उतर कर साइड
हो गया तभी माँ ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया मैं समझ गया माँ मुझे हटने को बोलेगी लेकिन जो मैं सोच
रहा था उस से उल्टा ही हुआ माँ उठी ऑर बेड शीट को अपने हाथ मे लेके अपनी गान्ड सॉफ करने लगी ऑर करण के लंड
पर झुक कर करण के लंड पर लगे स्पर्म को चाटने लगी फिर करण के लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी जब तक
माँ ने बेडशीट से अपनी गान्ड को सॉफ किया उतनी देर मे माँ ने करण के लंड को भी चूस कर सॉफ कर दिया ऑर
वापिस बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर मुझे इशारा किया अपनी पीठ पर चोदने के लिए मैं भी माँ की पीठ पर
चढ़ गया ऑर आगे झुक कर अपने लंड को हाथ मे लेके माँ की चूत पर रखा क्यूकी मैं माँ को ऑर दर्द नही देना
चाहता था इसलिए लंड को माँ की गान्ड मे नही चूत मे पेलना चाहता था लेकिन जैसे ही मैने अपने लंड की माँ की
चूत के होल पर रखा माँ ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया ऑर फिर पीछे मूड कर मेरी
तरफ देखा ऑर हँसने लगी,,मैं तो साला हैरान ही रह गया कि अभी कुछ देर पहले मैने ऑर करण ने इसकी सुखी गान्ड
मारी थी ऑर इसको इतना दर्द भी हुआ था ,,इतना दर्द कि इसका पूरा जिस्म झटके खाने लगा था ऑर आँखों मे भी आँसू आ
गये थे लेकिन ये औरत तो फिर से लंड को गान्ड मे लेने को तैयार थी ,,,मैने अपने लंड को माँ के हाथ से पकड़ा ऑर
चूत पर रखा लेकिन माँ ने मेरी तरफ देख कर अपने हाथ से लंड को पकड़ कर वापिस गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने
फिर कोई देर नही की अगर ये खुद गान्ड फाडवाना चाहती है तो ठीक है यह सोच कर मैने अपने लंड को माँ की गान्ड
मे पेल दिया ,,
Reply
07-14-2019, 03:56 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे लंड पर तो माँ का थूक लगा था क्यूकी अभी कुछ देर पहले मेरा लंड माँ के मुँह मे था लेकिन माँ की गान्ड
उपर से काफ़ी सुखी ऑर खुश्क थी लंड को थोड़ी दिक्कत हो रही थी अंदर जाने मे लेकिन एक बार जब अंदर घुस गया तो
फिसल कर गान्ड की जड़ तक समा गया ऑर माँ की हल्की आहह निकल गई जिसमे मज़ा ज़्यादा था और दर्द कम था,,


मैने हलके से झटके मारने शुरू किया तो माँ ने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर तेज़ी से चोदने को बोला,,,,आब्ब्ब्बब
कय्या हहूउआ क्कामिन्नी ज़्जब्ब ददार्रद्द ससीए त्टाद्दप्प र्राहहिि टहिईिइ ज्जू जजूर्र जजूर्र ससी छूओद्द्द द्द्दद्ड
र्राहहा त्तहा ऊररर आब्ब्ब्ब ज़्जबब्ब्ब म्मांज़्जा आन्नी ल्लागगगा हहाईईइ तटूऊ स्स्पपीएद्ड क्क्ययउउू स्ल्लूओवव्वव
क्कार्र र्राहहा हहाईईइ व्वाईससीए हहिि टीज्जिई र बीररीहममी ससीए छ्छूड्द ज्जाससी प्पीहील्ल्लीए छ्छूड्द
र्र्र्ररराहहा त्तहााअ इतना बोलकर माँ हँसने लगी ऑर मैने भी माँ की हसी देख कर खुद को माँ की पीठ पर
लेटा लिया ओर हाथों को माँ के शोल्डर पर रख कर अच्छी तरह से पकड़ बना ली ऑर तेज़ी से जोरदार धक्के मारते हुए
माँ की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर हल्के हल्के से अपने दाँतों से माँ की पीठ को काटने लगा ,,,आहह
आहंंननननणणन् हहानं मेरेरी ब्बीत्टी आईसीए हहिईिइ ऊरर त्तीज्ज ऊरर त्तीज्ज छ्छूओद्द अपपननीी माँ कीईईईईईईई
माँसतटत्त ब्बाहहर्रिई भार्रककामम गाअंन्दड़ ककूऊ क्कूिइ त्तार्रास्स्स मांत्त क्काररन्ना आज्ज्जज हययइईईई
चछूड्द म्मेरेरे ब्बीत्टी ऊरर त्टीजज चछूड्द मैने देखा की सिसकियाँ लेते हुए माँ अपने एक हाथ को अपने
जिस्म के नीचे ले गई शायद अपनी चूत पर लेके गई होगी क्यूकी माँ का हाथ जब उसके जिस्म के नीचे गया था तभी से
माँ का हिलना जुलना कुछ ज़्यादा हो गया था ,,,,,,माँ खुद अपनी चूत मे उंगली करती हुई तेज़ी से चिल्ला रही थी ऑर मुझे
ज़ोर ज़ोर से झटका मारने को बोल रही थी मैं भी तेज़ी से जोरदार धक्का लगा कर माँ की ख्वाहिश पूरी कर रहा था ,,


तभी माँ की सिकियाँ तेज होने लगी मैं समझ गया कि माँ झड़ने वाली है क्यूकी माँ ने पीछे मूड कर मेरी तरफ
देखा था ऑर बता दिया था कि वो अब झड़ने वाली है तो मैने जल्दी से माँ के हाथ को पकड़ा जो उनकी चूत पर था ऑर
खींच कर उसको माँ की चूत से दूर कर दिया क्यूकी कुछ देर मे मैं भी झड़ने ही वाला था मैं नही चाहता
था कि माँ मेरे से पहले झड जाए लेकिन माँ के हाथ उनकी चूत से पीछे करके मैने माँ का मज़ा कम कर दिया
था इसलिए मैं अपने हाथ को माँ की कमर की साइड से बेड ऑर माँ के जिस्म के बीच मे से माँ की चूत पर ले गया ऑर
हल्के हल्के चूत को सहलाने लगा ,,,


माँ फिर से दुगनी मस्ती मे आ गई ऑर सिसकियाँ लेने लगी ,,,करण साइड पर लेटा हुआ था ऑर हम लोगो की तरफ देख रहा था तभी माँ ने करण को अपने पास आने का इशारा किया ऑर करण भी माँ के पास आ गया माँ ने उसको अपना लंड माँ के करीब करने को बोला लेकिन करण ने मना कर दिया ऑर माँ को वॉल क्लॉक की तरफ इशारा करने लगा वो माँ
को ये बताने की कोशिश कर रहा था कि टाइम बहुत हो गया है ऑर उसकी माँ कभी भी आ सकती है क्यूकी उन लोगो को मस्ती
करते हुए 2 घंटे हो गये थे ,,लेकिन मेरी माँ नही मानी ओर करण के लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी तो करण
जल्दी से पीछे हट गया क्यूकी उसको डर था कि अगर उसका लंड खड़ा हो गया ऑर बीच मे ही उसकी माँ आ गई तो काम खराब हो जाना है इसलिए उसने जल्दी से पीछे हटके अपने लंड को माँ के हाथ से दूर कर दिया ऑर बेड पर माँ के
साथ लेट कर माँ के लिप्स पर किस करने लगा माँ ने फिर अपने हाथ से करण के लंड को पकड़ने की कोशिश की लेकिन
करण ने माँ के हाथ को पकड़ लिया ऑर माँ को किस करने लगा उधर मैं पूरी स्पीड से माँ की गान्ड मारने मे लगा
हुआ था करीब 5-7 मिनट बाद मुझे लगा कि अब मेरा होने वाला है तो मैने माँ की चूत मे तेज़ी से उंगली करना
शुरू कर दिया जिस वजह से माँ भी झड़ने के करीब आ गई ऑर मस्ती मे कारण एक लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ से
चूसने लगी ,,तभी मैं तेज़ी से अह्ह्ह्ह भरते हुए माँ की गान्ड मे झड गया मेरे लंड ने एक के बाद एक 8-10
पिचकारी मारी माँ की गान्ड मे ऑर मेरा सारा पानी माँ की गान्ड मे समा गया ऑर जब सारा पानी निकल गया तो माँ ने भी तेज़ी से आहे भरना शुरू करदी अभी भी मेरा लंड माँ की गान्ड मे ही था लेकिन सारा पानी निकल चुका था ऑर मैं
माँ की चूत मे उंगली कर रहा था ऑर तभी माँ की चूत ने भी पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब मेरे हाथ पर कुछ
ज़्यादा ही गीला गीला एहसास हुआ तो मैने माँ की चूत पर अपने हाथ की स्पीड को स्लो कर दिया ऑर कुछ देर बाद अपने
हाथ को रोक कर माँ की चूत से हटा लिया ओर माँ के जिस्म ऑर बेड के बीच से खींच लिया ऑर खुद भी माँ के जिस्म
से नीचे उतर कर साइड मे लेट गया ,,इतने मे माँ भी जल्दी से उठी ऑर मेरे हाथ को चाटने लगी जिस पर उसी की चूत का
पानी लगा हुआ था जब हाथ को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया तो माँ मेरे लंड को मुँह मे लेके चूसने लगी
ऑर लंड को अची तरह साफ करके मुँह से बाहर निकाल दिया,,,फिर माँ भी बेड पर निढाल होके गिर गई,,,,
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