Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 07:00 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हाथ खुलते ही सन्नी ने एक दम से अपनी स्पीड को तेज कर दिया था जिस से भाभी को फुल मस्ती चढने लगी ऑर
उनके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हहयययययययययययययईईईईईईईई वो सिसकियाँ तो ले रही थी लेकिन कुछ बोल नही रही थी लेकिन सन्नी
के लिए तो उनकी सिसकियाँ ही काफ़ी थी क्यूकी भाभी की सिसकियाँ सुनकर सन्नी ऑर भी ज़्यादा मस्त हो गया ऑर पूरी
रफ़्तार से भाभी की चूत को चोदने लगा,,,,अब भाभी को भी एहसास हो गया कि उसके हाथ बँधे रहते तो
वो इतनी दमदार चुदाई नही कर सकता था ,,भाभी को अपनी ग़लती का एहसास हो गया क्यूकी भाभी को ऐसा कुछ
करना नही आता था कैसे उपर बैठ कर चुदाई करवाते है शायद उन्होने सूरज के साथ कभी ऐसा नही किया
था सन्नी को भी इस बता का पता चल गया था क्यूकी तभी तो भाभी उसके उपर बैठ कर खुद को चुदवा
नही पा रही थी,,

सन्नी भाभी की पीठ पर हाथ रखके अपनी कमर को बेड से उपर उठा उठा कर भाभी की चूत मे तेज
झटके मारता हुआ अपने लंड को भाभी की चूत की जड़ तक घुसा रहा था ऑर भाभी को पूरा मज़ा दे रहा
था ,,भाभी भी बदले मे अपने हाथों से सन्नी की निपल्स को अपनी उंगलियों मे दबा कर कभी हल्के से तो
कभी ज़ोर से मसल कर सन्नी को मस्त कर रही थी साथ ही सन्नी के लिप्स मे अपने लिप्स जकड कर किस कर रही थी,,


आज भाभी का अंदाज़ कुछ अलग लग रहा था सन्नी को ऑर इसी बात से सन्नी ज़्यादा ही मस्त हो रहा था क्यूकी
आज भाभी उसका पूरा साथ दे रही थी जबकि उस दिन बुटीक पर सारी मेहनत सन्नी को खुद ही करनी पड़
रही थी,,,,काफ़ी टाइम सन्नी ऐसे ही बेड से कमर उछाल उछाल कर भाभी की चूत मारता रहा फिर कुछ देर बाद
सन्नी उपर उठने लगा ऑर भाभी को पीठ से पकड़ कर सहारा देते हुए उठकर बैठ गया लेकिन इस दौरान ना
तो उसका लंड भाभी की चूत से बाहर निकला था ऑर ना भाभी ने अपने लिप्स सन्नी के लिप्स से दूर किए थे,,


सन्नी उठकर बैठ गया ऑर अपने हाथों को भाभी की पीठ से हटा कर भाभी की कमर पर रख दिए ऑर
भाभी की कमर को तेज़ी से आगे पीछे करके भाभी की चूत को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगा,,,भाभी
ने भी उसका साथ देते हुए अपनी दोनो टाँगों को सन्नी की पीठ पर कस दिया ऑर खुद को सन्नी के लंड पर'
आगे पीछे करने की कोशिश करने लगी ऑर भाभी की ये कोशिश कामयाब भी हो गई ,,,सन्नी की पीठ पर
टाँगों की मजबूत पकड़ से भाभी को सन्नी के लंड पर अपनी चूत आगे पीछे करने मे सफलता प्राप्त
हो गई ,सन्नी भी भाभी की इस हरकत से खुश हो गया ऑर भाभी को उनकी गान्ड से पकड़ कर तेज़ी से आगे पीछे
करते हुए भाभी को पागलो की तरह किस करने लगा,,भाभी भी मस्ती मे उसी अंदाज़ से सन्नी को किस का
रेस्पॉन्स देने लगी ऑर साथ ही अपने हाथ सन्नी की निपल्स से हटा कर सन्नी की पीठ पर ले गई ऑर सन्नी को
बाहों मे भरके एक तो सन्नी की पीठ पर हाथ से सहलाने लगी ऑर उपर से हल्की पकड़ बना कर खुद को
ऑर भी ज़्यादा तेज़ी से सन्नी के लंड पर आगे पीछे करने की कोशिश करने लगी ऑर ये कोशिश भी कामयाब हो गई


अब तक सन्नी फुल मस्ती मे आ चुका था ऑर अब उस से ज़्यादा रुका नही जा रहा था उसने भाभी को पीठ
से पकड़ा ऑर बेड पर पीछे की तरफ झुकने लगा ,,कुछ पल मे ही भाभी पीठ के बल बेड पर लेट गई थी ऑर
सन्नी उसके उपर था लेकिन इस दौरान भी सन्नी का लंड भाभी की चूत से नही निकला था ऑर ना ही भाभी
के लिप्स सन्नी के लिप्स से दूर हुए थे वो अभी भी एक दूसरे को किस कर रहे थे ऑर एक दूसरे के लिप्स को चूस
चूसने का उसका स्वाद ले रहे थे लेकिन अब सन्नी भाभी के उपर आ गया था ऑर उपर आते ही सन्नी ने खुद
भाभी को चोदना शुरू कर दिया था जिस वजह से उसकी स्पीड चरम रफ़्तार तक पहुँच गई थी ऑर उसकी
मस्ती भी बहुत ज़्यादा हो गई थी उसी मस्ती मे उसने भाभी को खा जाने वाले अंदाज़ मे किस करना शुरू
कर दिया था अब वो कुछ ज्याद ही पागल हो गया था ऑर उसके पागलपन ने भाभी को भी कुछ ज़्यादा मस्त कर
दिया था भाभी ने भी उसको कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ओर जबरदस्त तरीके से उसको किस करने लगी थी,,
भाभी मस्ती मे इस कदर पागल हो गई थी कि सन्नी की पीठ पर नाख़ून से खुरचने लगी थी जिस वजह से
सन्नी को हल्का दर्द होने लगा था लेकिन उसको इस दर्द मे ऑर भी ज़्यादा मज़ा आने लगा था क्यूकी ये दर्द कुछ
मीठा मीठा ऑर मस्त करने वाला था,,,,सन्नी ने अपने हाथ बेड पर टिका दिए ऑर भाभी के बदन से थोड़ा
उपर उठ गया जिस वजह से भाभी ऑर सन्नी के लिप्स एक दूसरे से दूर हो गये थे लेकिन भाभी के हाथ अभी
भी सन्नी की पीठ पर थे ,,,,लेकिन सन्नी के उपर उठने की वजह से वो हाथ पीठ से खिसक कर सन्नी की
कमर पर दोनो तरफ आ गये थे,,भाभी ने अपने हाथ सन्नी की कमर से हटा कर उसकी चेस्ट पर रख
दिए ऑर उसकी निपल्स को मसल्ने लगी ,,,
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07-11-2019, 07:00 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सन्नी के हाथ बेड पर थे ऑर उसका बदन भाभी के बदन से उपर उठ गया था जिस वजह से सन्नी को अपनी
स्पीड तेज करने मे आसानी हो गई थी ऑर उसके ऐसा ही किया उसने अपने लंड को पूरी तेज़ी से भाभी की चूत मे
पेलना शुरू कर दिया ऑर देखते ही देखते वो पूरी रफ़्तार पर आ गया ,,,बार बार पोज़ बदलने से सन्नी की
आँखों पर बँधी हुई पट्टी वहाँ से खिसक कर थोड़ी उपर हो गई लेकिन भाभी ने जल्दी से उसकी पट्टी को
फिर से सही जगह पहुँचा दिया ,,सन्नी को अब पट्टी की कोई फ़िक्र नही थी उसको भाभी को देखना भी नही
था क्यूकी अब तो वो फुल मस्ती मे आ चुका था ऑर पूरी तेज़ी से भाभी को चोद रहा था भाभी भी काफ़ी
टाइम से चुद रही थी ऑर अब उनकी सिसकियाँ भी तेज हो गई थी पहले तो सन्नी लगातार चुदाई करते हुए उनके
लिप्स पर किस कर रहा था इसलिए उनकी सिसकियाँ नही निकल रही थी लेकिन अब सन्नी ऑर भाभी के लिप्स आज़ाद थे
ऑर भाभी तेज़ी से सिसकियाँ ले रही थी तभी कुछ टाइम बाद भाभी की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई ऑर एक ही
पल बाद भाभी की चूत ने पानी निकालना शुरू कर दिया जिसका गर्म गर्म एहसास सन्नी को अपने लंड पर
होने लगा ऑर सन्नी की मस्ती बढ़ने लगी ऑर साथ ही उसकी स्पीड भी,,अब सन्नी ने स्पीड के साथ अपने धक्के
को भी तेज ऑर जोरदार कर दिया था भाभी की चूत से अभी भी पानी निकल रहा था जिस वजह से चूत काफ़ी
चिकनी हो गई थी सन्नी के तेज धक्के से जब भी सन्नी का लंड चूत पर टकराता तो पकच्छ पकच की आवाज़
होने लगती जिसका एक अलग ही शोर पेदा होने लगा था रूम मे ऑर सन्नी को मस्त करने लगा था ,,तभी सन्नी
की सिसकियाँ भी निकलने लगी ऑर उसकी स्पीड स्लो हो गई लेकिन धक्का ऑर भी ज़्यादा जबरदस्त हो गया उसका लंड
पूरे ज़ोर से भाभी की चूत की जड़ तक घुसने लगा भाभी की सिसकियाँ तो निकल रही थी लेकिन उसमे अब एक हल्का
मीठा दर्द भी शामिल हो गया था ,,अच्छी बात थी सन्नी झड़ने वाला हो गया था अगर कहीं उसको अभी ज़्यादा
टाइम लगने वाला होता तो भाभी की जान निकल जाती यहॉ सोच सोच कर भाभी खुश होने लगी ऑर सन्नी की
निपल्स को थोड़ा ज़ोर से अपने हाथ मे लेके दबाने लगी सन्नी को भी दर्द तो हो रहा था लेकिन अब वो मस्ती
के सातवे आसमांं तक पहुँच गया था जहाँ दर्द को कोई जगह बाकी नही रह गई थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करते हुए
तेज सिसकियों के साथ ही सन्नी ने अपने लंड का पानी भाभी की चूत मे छोड़ना शुरू कर दिया जिस का गर्म
एहसास भाभी को दिल ही दिल मे खुश करने लगा जब तक सन्नी के लंड से निकलने वाले पानी की लास्ट ड्रॉप तक नही
गिर गई भाभी की चूत मे तब तक सन्नी हल्के हल्के धक्के लगाता रहा ऑर जब सन्नी का काम हो गया तो वो
बेड पर एक साइड गिर गया ऑर तेज़ी से हाँफने लगा ,,,उधर भाभी के भी यही हाल था वो भी पूरी तेज़ी से हाँफ रही
थी ऑर अपनी सांसो को स्थिर करने की कोशिश कर रही थी,,,



मैं बेड पर नंगा लेटा हुआ था साथ मे भाभी भी लेटी हुई थी लेकिन जब साँसे थमी ऑर हालत कुछ ठीक हुई
तो मुझे बेड पर किसी ऑर के होने का एहसास नही हो रहा था ,,,,रूम मे सन्नाटा था यहाँ तक कि भाभी की
साँस लेने की आवाज़ भी नही आ रही थी ,,,मैने अपनी आँखों पर लगी पट्टी नही उतारी बस अपने हाथ को बेड
पर आगे की तरफ ले गया ऑर बेड पर भाभी को टटोलने लगा लेकिन मेरा हाथ किसी चीज़ को टच नही हो रहा
था मतलब भाभी बेड पर नही थी ,,,तभी मेरे हाथ पर कुछ गीला गीला लग गया ऑर चिपचिपा भी हो ना हो
ये मेरा स्पर्म होगा जो भाभी की चूत से निकल कर बेड पर गिर गया होगा,,,मैं उठकर बैठ गया ऑर अपनी
एक आँख से पट्टी को थोड़ा उपर उठा दिया ऑर बेड की तरफ देखने लगा लेकिन मुझे कुछ भी नज़र नही आ रहा
था हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था क्यूकी मेरी आँखों पर काफ़ी टीएम से पट्टी बँधी हुई थी ,,,


में अपनी एकआँख को हल्के हाथ से मलने लगा ऑर बीच बीच मे थोड़ा झपकाने भी लगा फिर कुछ देर बाद मुझे
हल्का हल्का नज़र आने लगा,,,मैने बेड पर देखा तो भाभी वहाँ नही थी ,,मैने अपने हाथ की तरफ देखा
तो उसमे मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,मैने बेडशीट पर देखा तो बेड शीट काफ़ी गीली हो गई थी सिर्फ़ मेरे स्पर्म
की वजह से नही भाभी की चूत का पानी भी तो निकला था,,,मैने अपनी एक आँख से रूम मे इधर उधर देखा
बट रूम मे मेर अलावा कोई ऑर नही था ,,,ज़मीन पर मेरे ऑर भाभी के कपड़े बिखरे पड़े थे,,,मैने
अपने हाथ से दूसरी आँख से भी पट्टी हटाने की कोशिश की लेकिन तभी बाथरूम का दरवाजा खुला ऑर भाभी
बाहर आ गई ,,वो एक दम नंगी थी,,वो बाथरूम से खुद को सॉफ करके बाहर निकल रही थी तभी उनकी नज़र
मेरे पे पड़ी मैं उनको एक आँख से देख रहा था ,,,,वो जल्दी से शरमा कर वापिस बाथरूम मे भाग गई ,,

अब दूसरी आँख से पट्टी मत निकालना सन्नी,,,,,,,,,,,बाथरूम के अंदर से भाभी ने मुझे आवाज़ दी,,,,

मैं चुप रहा ऑर बाथरूम की तरफ एक आँख से देखने लगा ,,,
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07-11-2019, 07:01 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी कुछ देर बाद भाभी फिर बाथरूम से बाहर निकल आई लेकिन इस बार वो नंगी नही थी उनके जिस्म
पर एक टवल था जिसको उन्होने अपने बूब्स से लेके चूत के थोड़ा सा नीचे तक बँधा हुआ था लेकिन फिर
भी वो शरमा रही थी,,,,,

मैं अभी भी उनको एक आँख से देख रहा था लेकिन मैने दूसरी आँख से पट्टी नही उठाई थी,,,,

तुझे कहा था ना पट्टी मत उतारना,,,भाभी ने मेरे पास आके मेरी आँख पर लगी पट्टी को वापिस नीचे किया ऑर
मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा,,,,

अरे भाभी अब इतना क्यूँ शरमाती हो ,,मैं पहले भी तो आपको ऐसी हालत मे देख चुका हूँ ऑर आपके साथ
सब कुछ कर चुका हूँ फिर भला अब ये शर्म कैसी,,,,,,,,,

तब हालात कुछ ऑर थे उस दिन सन्नी मैं मजबूर थी वो सब करने को,,,भाभी ने मेरे पास बैठ
कर मेरे हाथ को अपने हाथ मे ले लिया,,,,वैसे थोड़ी मजबूर भी थी तेरी वजह से

अच्छा तो आज भी आप मजबूर थी ऑर वो भी मेरी वजह से,,,,

हाँ आज भी मजबूर थी ऑर मजबूर नही भी थी,,,,,आज तो मेरा दिल कर रहा था तेरे से मिलने को ,,,तभी तो,,,
तभी तो क्या भाभी,,,,

तभी तो तुझे झूठ बोल कर यहाँ बुलाया था ,,तबीयत ठीक नही होने का बहाना किया था,,,इतना बोलकर
भाभी हँसने लगी,,,,

मैं भी दिल ही दिल मे हँसने लगा,,,,,लेकिन उपर उपर से नाटक करने लगा,,,,

क्या भाभी अपने झूठ बोलकर मुझे यहाँ बुला लिया ऑर वहाँ पता है कितनी इंपॉर्टेंट क्लास मिस हो गई मेरी

अच्छा कॉलेज की क्लास इंपॉर्टेंट थी ऑर मैं इंपॉर्टेंट नही हूँ क्या तेरे लिए,,,,क्या वहाँ क्लास मे ही मज़ा
आता तेरे को ओर यहाँ मज़ा नही आया क्या,,,,

ऐसी बात नही है भाभी कॉलेज की क्लास से ज़्यादा इंपॉर्टेंट तो आपकी क्लास है जिसमे कॉलेज से ज़्यादा मज़ा आया
मुझे लेकिन अपने मज़ा थोड़ा किरकिरा भी कर दिया आज,,,,

मज़ा किरकिरा कर दिया,,भाभी थोड़ा उदास हो गई,,,लेकिन मैने तो तेरे को ससप्राइज़ दिया तुझे सर्प्राइज़ अच्छा
नही लगा क्या,,,भाभी सच मे उदास होके बोल रही थी,,,

कॉन्सा सुरप्राइज़ भाभी,,,,

कॉन्सा सर्प्राइज़,,ये भी बताना पड़ेगा क्या अब मुझे सन्नी,,,

मैने भाभी के फेस की तरफ अपना फेस किया ऑर भाभी के गाल पर किस करदी ,,

इतने प्यार से मैने आज तेरा लंड चूसा ऑर तुझे सर्प्राइज़ दिया ऑर तू पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,उस दिन तो
मैं तेरा लंड ठीक से चूस नही पाई थी क्यूकी अंजान थी इन सब बातों से इसलिए आज मोका देख कर तुझे
झूठ बोलके यहाँ बुलाया ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे उस दिन के लिए थन्क्ष्क्ष्क्ष बोल सकूँ लेकिन तू है
की पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,,भाभी ने फिर से थोड़ा उदास होके बोला,,,,

अच्छा तो आप उस सर्प्राइज़ की बात कर रही हो मुझे लगा कि ये आँखों पर पट्टी वाली बात को आप सर्प्राइज़ बोल
रही हो ,,,,मैं तो इस पट्टी वाली बता को बोरिंग बोल रहा था भाभी इसी ने तो सारा मज़ा किरकिरा किया है जिस
वजह से मैं आपके खूबसूरत ऑर नंगे जिस्म को जी भरके नही देख पाया,,,आपका वो लंड चूसने वाला
सर्प्राइज़ तो बहुत अच्छा लगा मुझे ओर आज तो अपने बहुत अच्छे से चूसा मेरे लंड को भाभी सच मे बहुत
मज़ा आया मुझे,,,,

तभी भाभी खुश हो गई ऑर मेरे सीने से लग गई,,सच मे सन्नी तुझे मज़ा आया जब मैने तेरा लंड चूसा
मुझे तो लगा था आज मैं ठीक से नही कर पाउन्गी थोड़ा दर भी रही थी क्यूकी कभी ऐसा नही किया मैने
आज तक,,,सबसे पहला लंड तेरा है जिसको मैने मुँह मे लिया,,,,

क्यू भाभी सूरज भाई का लंड नही लिया क्या कभी मुँह मे ,,,,,

नही सन्नी वो ऐसा कुछ नही करते बस मैं नीचे लेट जाती हूँ ऑर वो उपर आके 2 मिनट मे अपना काम
करते है ऑर सो जाते है ,,ना तो कभी मेरी चूत को चाटते है ऑर ना कभी आज तक उन्होने मुझे अपना लंड
चुस्वाया है ऑर मैं भी इन सब बातों से अंजान थी अभी तक ,,वो तो उस दिन तुझे ऑर शोभा को ऐसा करता
देख एक अलग ही मज़ा आया मुझे,,,इसलिए तो तुझे यहाँ बुलाया है मैने,,,ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे
खुश कर सकूँ,,,

भाभी मुझे खुशी तो हुई पर इस पट्टी ने मज़ा खराब कर दिया,,,,क्या अब इसको उतार दूं मैं,,,,

नही सन्नी इसको मत उतरना प्लीज़ इस पट्टी की वजह से मैं तुम्हारे साथ हूँ इसी पट्टी ने तो मेरी हिम्मत
बढ़ाई है आज ऑर मैं इतना सब कुछ कर सकी हूँ,,,वर्ना मेरी तो कभी हिम्मत ही नही होती तेरे सामने यू
कपड़े उतारने की,,,, ऑर अगर ये पट्टी उतर गई तो मैं यहाँ से चली जाउन्गी ऑर तुझे तेरा दूसरा सर्प्राइज़ भी
नही दूँगी,,,,इतना बोलकर भाभी थोड़ा हँसने लगी,,,

कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़ भाभी,,,मैने एक्सिट्मंट मे पूछा,,

क्यू बताऊ कॉन्सा सर्प्राइज़ ,,तूने तो पट्टी उतारनी है ना आँखों से तो उतार दे ,,,

नही उतारता इस पट्टी को भाभी लेकिन जल्दी बताओ ना कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़,,

तभी भाभी बेड से उठी ऑर शायद खड़ी हो गई थी उन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया
मैं तो एक दम से खुश हो गया था क्या मस्त गान्ड थी उनकी ऑर उसके उपर आयिल भी लगा हुआ था जो भाभी
शायद बाथरूम से लगा कर आई थी ,,मैने भाभी की चिकनी आयिल लगी गान्ड पे हाथ घमाया ऑर हलके से अपनी
एक उंगली भाभी की गान्ड के हॉल के करीब करदी गान्ड पर बहुत ज़्यादा आयिल लगा हुआ था जिस से उंगली फिसल कर
गान्ड मे घुस गई ऑर भाभी के मुँह से हल्की अयाया निकल गई,,,,,,,,ऑर इधर मेरा लंड फिर से ओकात मे आ
गया,,,,,

क्यू कैसा लगा दूसरा सर्प्राइज़ ,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ गान्ड से हटा दिया ऑर मेरे लिप्स पर किस
करने लगी,,,,किस करते हुए भाभी ने मुझे वापिस बेड पर लेटा दिया ऑर खुद मेरे उपर आ गई जब मैं
बेड पर लेट गया तो भाभी ने फिर से मेरे हाथ बाँधने की कोशिस की,,,,

अरे भाभी आँखों पर पट्टी तो ठीक है लेकिन ये हाथ क्यू बाँध रही हो,,इनको तो खुले रहने दो,,,,

नही सन्नी हाथ भी बाँधने ज़रूरी है क्यूकी इसका भी एक अलग ही मज़ा है ऑर वैसे भी अब मैं काफ़ी कुछ
सीख चुकी हूँ तेरे ऑर शोभा से अब मैं सब ठीक से कर लूँगी,,,

लेकिन भाभी पहली बार भी ठीक से नही हुआ था आपसे तो अब कैसे होगा ,,पहले भी आपको मेरे हाथ खोलने
पड़े थे,,,,

ठीक है अगर इस बार भी मेरे से सही से नही हुआ तो मैं तेरे हाथ खोल दूँगी लेकिन अभी तो बाँधने दे

फिर मैं कुछ नही बोला ऑर आराम से लेट गया भाभी ने मेरे हाथ फिर से बाँध दिए ऑर एक पल के लिए मेरे
से दूर हट गई ऑर वापिस मेरे करीब होके मुझे किस करने लगी ऑर किस करते हुए मेरे उपर लेट गई,,,

भाभी अब फिर से नंगी हो गई थी उन्होने टवल निकाल दिया था ,,उनका नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म पर
महसूस करके मैं फिर से मस्त हो गया था लंड तो पहले से ओकात मे आ गया था जब हाथ भाभी की आयिल
वाली चिकनी गान्ड पर रखा था लेकिन अब तो लंड मे हल्का दर्द होने लगा था मैं बस जल्दी से अपने लंड
को भाभी की गान्ड मे घुसा देना चाहता था,,,

लेकिन भाभी को कोई जल्दी नही थी जबकि मुझे डर लग रहा था कहीं खेल ख़तम होने से पहले कविता नही
आ जाए कॉलेज से,,,,

भाभी मेरे उपर लेट कर मुझे किस करते हुए मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी,,,,मैं भी भाभी को पूरी
मस्ती से किस का रेस्पॉन्स देने लगा ,,,,,

हाई कितना मज़ा आता है तेरे साथ ऐसे नंगे होके लेटने मे सन्नी ,,जी करता है सारा दिन तेरे साथ ऐसे ही बेड
पर लेटी रहूं ऑर तेरे जिस्म से खेलती रहूं,,,तेरे मूसल लंड को चूत मे लेके बेड पर सोती रहूं सारा दिन,,,


जो दिल करता है करो भाभी ऑर जितना टाइम मेरे साथ सोना है आराम से सोती रहो मुझे कोई प्राब्लम नही है,,

तुझे नही है लेकिन मुझे तो है ना,,,,कभी भी कोई भी आ सकता है ,,

कों आ सकता है भाभी,,,,,कविता अभी कॉलेज मे होगी ऑर सूरज भाई ऑफीस मे,,,अपनी सास ऑर ससुर तो बाहर सिटी
मे है तो फिर कॉन आ सकता है,,,,

उनमे से तो कोई नही आ सकता बट कोई ऑर भी तो आ सकता है ना,,,जैसे कोई पड़ोसी या कोई ऑर,,,

अरे भाभी पड़ोसी घर के अंदर तो नही आएगा ना ऑर वो कॉन्सा रोज रोज आएगा,,,रोज रोज का डर तो घरवालो का
होता है,,,,,

हाँ सन्नी ठीक कहा तूने ,,,,काश कुछ ऐसा हाल हो जाए इस मुश्किल का कि हम दोनो जब दिल करे तब मस्ती कर
सके किसी घर वाले के आने का भी डर नही हो,,,काश किसी तरह से ये मसला हल हो जाए तो हम दोनो जब दिल
करे तब मस्ती कर सकते है वो भी बिना किसी डर के,,,,लेकिन इतनी किस्मत कहाँ इतनी जल्दी ऑर इतनी आसानी से ये मसला हल होने वाला कहाँ,,,,


मैने दिल ही दिल मे सोचा कि भाभी आप कविता को इस खेल मे शामिल कर लो फिर सब ठीक हो जाएगा क्यूकी वही
है जो कॉलेज से जल्दी आ जाती है सूरज भाई तो रात को ही आता है,,अगर कविता खेल मे शामिल हो गई तो हम सूरज
भाई के आने तक तो मस्ती कर ही सकते है ऑर वो भी सारा दिन,,बिना किसी डर के,,,,

हाँ भाभी ये मुश्किल इतनी जल्दी ऑर आसानी से हल होने वाली कहाँ है,,,ओर वैसे भी इस मुश्किल को आपको ही हल करना होगा ,,मैं इसमे कोई हेल्प नही कर सकता आपकी,,,,

जानती हूँ सन्नी लेकिन मुझे समझ नही आता कैसे हल होगी ये मुश्किल ,,,,

चलो छोड़ो भाभी जब हल होगी तब होगी अभी तो हम लोग मस्ती करते है अब भला क्यू फालतू की टेन्षन लेके
टाइम वेस्ट करना,,,,मैने अभी इतना बोला ही था कि भाभी फिर से मेरे लिप्स पर किस करने लगी ऑर अब भाभी
ने मेरे लंड को भी हाथ मे ले लिया था जो पूरी ओकात मे आ गया था,,,
Reply
07-11-2019, 07:01 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी कुछ देर ऐसे ही मुझे किस करती रही और लंड को हाथ मे लेके मसल्ति रही फिर कुछ देर बाद भाभी
मेरे जिस्म से उपर उठ गई ऑर मेरे लिप्स से अपने लिप्स दूर करके मेरी चेस्ट पर किस करने लगी ऑर साथ ही मेरे
लंड को मसलती रही ,,,,फिर भाभी मेरी चेस्ट से नीचे की तरफ बढ़ने लगी ऑर नीचे बढ़ती हुई अपने लिप्स को मेरी
चेस्ट पर टच करने लगी ऑर हल्की हल्की किस करके नीचे बढ़ती रही,,,,कुछ देर बाद भाभी फिर से मेरे लंड
के करीब पहुँच गई ऑर लंड पर अपने लिप्स रख कर हल्की किस करने लगी,,,,ऑर जैसे ही भाभी मे अपना मुँह
खोला ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी तभी बाहर डोर बेल बजी,,,,

मेरो तो गान्ड ही फॅट गई ऑर शायद भाभी की भी,,,,,,,

मुझे लगा कि शायद कविता आ गई ऑर अगर कविता आई है तो पक्का साथ मे सोनिया भी होगी ऑर अगर उसने मुझे
इस हालत मे देख लिया तो मेरी मौत पक्की है आज,,मेरे को तो पसीना आने लगा ऑर शायद रंग भी पीला पड़ गया
था मेरा,,,,

तभी भाभी एक दम से बेड से उठी,,,,तुम यही रूको मैं देखती हूँ कॉन है,,,

मेरे हाथ तो खोल दो भाभी ताकि मैं जल्दी से कपड़े पहन सकूँ ,,,,,

तुम टेन्षन मत लो आराम से यहीं लेटे रहो ऑर कोई आवाज़ मत करना मैं देखती हूँ कॉन है बाहर ,,,

लेकिन भाभी,,,,,मैं अभी बोलने ही लगा था कि भाभी ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,बोला ना चुप करके
लेटे रहो को आवाज़ मत करना मैं देख कर आती हूँ कॉन है बाहर,,,,,,,,,

इतना बोलकर भाभी पीछे हट गई ओर फिर कोई 2-3 मिनट बाद मुझे भाभी के रूम का दरवाजा खुलने ऑर
बंद होने की आवाज़ आई,,,,,,भाभी रूम से बाहर चली गई थी,,,,ऑर मैं यहाँ बेड पर लेटा हुआ डर से काँप
रहा था ,,मेरी गान्ड फटी हुई थी मेरी बॉल्स मेरे गले मे अटकी हुई थी,,,मैं उठकर कपड़े पहनना चाहता
था लेकिन मेरे हाथ बँधे हुए थे मैं कुछ नही कर सकता था बस दुआ ही कर सकता था कि बाहर जो कोई
भी है वो इस रूम मे नही आए,,,

मैं अंदर बेड पर लेटा हुआ था दोनो हाथ बेड से बँधे हुए थे आँखों पर भी पट्टी बँधी हुई थी,,बाहर
डोर बेल बजी ऑर भाभी बाहर चली गई,,,,अंदर मेरी बेड पर लेटे हुए ही गान्ड फटी हुई थी ये सोच सोच कर
कि बाहर गेट पर कॉन आया होगा,,,सबसे ज़्यादा डर था मुझे कविता के आने का लेकिन उस से भी कहीं ज़्यादा डर
था मुझे कविता के साथ सोनिया के आने का क्यूकी अगर कविता मुझे ऐसी हालत मे देख लेती तो मुझे इतना फ़र्क
नही पड़ने वाला था ,वैसे पंगा तो तब भी बहुत होना था लेकिन अगर सोनिया मुझे ऐसी हालत मे यहाँ देख
लेती तो मेरी मौत आज पक्की थी ,,,,,,यही बिस्तेर मे मेरी लाश मिलनी थी आँखों पर पट्टी ऑर हाथ बँधे हुए,,

मैं बेड पर लेटा पता नही क्या क्या सोच रहा था तभी रूम का दरवाजा खुला ऑर कोई अंदर आ गया,,मेरी
गान्ड अभी भी फटी हुई थी लेकिन जल्दी ही मैं शांत हो गया क्यूकी अंदर आते ही भाभी की आवाज़ मेरे कानो
मे पड़ी थी,,,,,

इतना पसीना क्या आ गया है तुमको सन्नी ,,,,,,,एसी ऑन है फिर भी तुमको गर्मी लग रही है क्या,,,,इतना बोलके
भाभी हँसने लगी,,,,

आग लगाओ एसी को भाभी आपको मज़ाक सूझ रहा है यहाँ मेरी गान्ड फटी हुई थी,,कॉन आया था गेट पर,,,,

अच्छा तेरी भी फटी है क्या ,,मुझे तो लगा था तू ही सब्की फाड़ता है,,भाभी फिर हँसने लगी,,,,

आज भाभी कुछ ज़्यादा ही खुल कर बातें कर रही थी ,,,,या तो मेरे साथ मस्ती का असर था या फिर मेरी आँखों
पर बँधी हुई पट्टी का असर जिस वजह से भाभी बिल्कुल भी शर्म नही रही थी,,,,

हाँ भाभी ऐसे मोके पर मेरी भी कभी कभी फॅट जाती है,,,बोलो ना कॉन आया था गेट पर,,,,

इतना मत डरो कोई नही था तुम टेन्षन मत लो,,,,

कोई नही था फिर डोर बेल अपने आप बजने लगी थी क्या,,,,

अरे मेरा मतलब घर का कोई सदस्य नही था,,पोस्टमॅन था,,,,अब चला गया है,,,,

अच्छा पोस्टमॅन था,,,,,,पोस्टमॅन का सुनकर मेरी जान मे जान आ गई,,,
अच्छा तो पोस्टमॅन से आपका कोई चक्कर वक्कर है क्या,,,मैने हँसते हुए भाभी से पूछा,,,मेरा डर अब
कहीं उड़ गया था इसलिए मैं भी भाभी से मस्ती करने लगा था,,,,

चक्कर ???????कैसा चक्कर सन्नी,,,,,,,,,,

अरे आप पोस्ट मॅन को मिलने बिना कपड़ो के बाहर भाग गई थी इसलिए पूछा,,,,

चल बेशरम मैं बिना कपड़ो के थोड़ी गई थी,,कपड़े पहन कर गई थी,,नही यकीन तो ये देख ले,

भाभी मेरे पास आई ओर अपने बूब्स मेरे मुँह पर रख दिए,,,,मुझे भाभी के जिस्म पर कपड़ो का एहसास हुआ

देख कुछ महसूस हुआ मेरे जिस्म पर कपड़े है या नही,,,,इतना बोलकर भाभी भी हँसने लगी

मैने भी अपना मुँह खोला लेकिन हँसने के लिए नही ,,मैने भाभी के एक बूब को उनके कुर्ते के उपर से ही मुँह
मे भर लिया ओर हल्के से काट दिया,,,,

भाभी एक मुँह से आह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गई,,,,,,,,,,थोड़ा आराम से करले मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या,,इतना बोलके
भाभी पीछे हट गई ,,शायद फिर कपड़े उतारने लगी थी,,,,,,

भाभी ये पट्टी खोल दो ना मुझे आपके नंगे ऑर खूबसूरत जिस्म को देखना है,,,,

नही सन्नी अगर पट्टी खोल दूँगी तो कुछ नही कर सकूँगी मैं ,,,बस शरमाती रह जाउन्गी ,,,अब पट्टी की वजह
से शरम दूर हुई है मेरी ऑर मस्ती करने की हिम्मत आई है,,,प्लीज़ इस पट्टी को ऐसे ही रहने को ऑर मस्ती करो
मेरे साथ मिलकर,,,इतना बोलकर भाभी बेड पर आ गई ऑर आते ही मुझे किस करने लगी,,किस करते हुए मेरे जिस्म
से एक दम सट गई थी मुझे पता चल गया था कि भाभी फिर से नंगी हो गई है जिस से मुझे मस्ती से छेड़ने
लगी थी ऑर मेरा लंड फिर से ओकात मे आने लगा था भाभी ने भी जल्दी से मेरे लंड को हाथ मे ले लिया ऑर
किस करते हुए लंड की मूठ मारने लगी,,,फिर कुछ देर बाद भाभी उठकर बैठ गई क्यूकी बेड बहुत ज़्यादा हिला
था,,,भाभी ने उठकर मेरे लंड को तेज़ी से हाथ मे लेके मूठ मारना शुरू कर दिया,,,,

अब देख मैं क्या हाल करती हूँ तेरा सन्नी,,,इतना बोलकर भाभी मेरे लंड पर झुक गई ऑर मेरे लंड को
मुँह मे ले लिया,,,पहले तो हल्के हल्के अपने सॉफ्ट लिप्स से मेरे लंड की टोपी पर किस करने लगी फिर लंड की टोपी
पर अपनी ज़ुबान घुमाने लगी ऑर लंड की टोपी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी फिर कुछ देर बाद मुँह को थोड़ा
ज़्यादा खोलकर लंड को मुँह मे भर लिया ऑर हल्के हल्के सर को उपर नीचे करने लगी ,,,,कुछ देर तो मुँह को
उपर नीचे करती रही फिर रुक कर आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके अपने मुँह मे मेरे लंड पर अपनी
ज़ुबान घुमाने लगी ,,भाभी मुँह मे अंदर अपनी ज़ुबान से मेरे लंड के साथ खेलने लगी,,,मुझे बड़ा
मज़ा आने लगा था क्यूकी अब भाभी बहुत कुछ सीख गई थी,,अब तो लंड चूसने का अंदाज़ भी बिल्कुल मस्ती
भरने वाला हो गया था,,,भाभी मेरे लंड को पूरा मुँह मे लेने की कोशिस करने लगी लेकिन इतना बड़ा लंड
मुँह मे लेना अभी भाभी के बस की बात नही थी इसलिए वो आधे से थोड़ा ज़्यादा लंड को मुँह मे भरके चूसने
लगी थी,,जिस तरह से पहली बार उन्होने मेरा लंड चुसाइ था उस अंदाज़ से तो आज का अंदाज़ काफ़ी बेहतर लग
रहा था उनका,,मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनके मुँह मे था जो उनके लिए बहुत बड़ी बात थी ऑर मेरे लिए भी
क्यूकी पहली बार तो वो आधा लंड भी मुँह मे नही ले पा रही थी ऑर आज तो आधे से भी ज्याद लंड मुँह मे ले
रही थी,,,भाभी आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी ऑर बाकी बचे लंड पर अपने हाथ से मूठ
मार रही थी भाभी के लंड चूसने का अंदाज़ बहुत निराला हो गया था ऑर नये खिलाड़ी से लंड चुसवाने की
एक्सिट्मांट ने मुझे कुछ ज़्यादा ही मस्त कर दिया था मुझे लगने लगा था कि मेरा लंड अब पानी छोड़ने
वाला है ऑर छोड़ता भी क्यू नही भाभी पीछे 10-15 मिनट से मेरे लंड को बड़े मस्त अंदाज़ मे चूस
रही थी ऑर साथ ही मूठ भी मार रही थी मुझे लगा कि अब मेरा होने ही वाला है लेकिन तभी भाभी ने
मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया,,,,
Reply
07-11-2019, 07:01 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी म्मूउहह सीई क्क्यययूउ ननीककाल्ल्ला चुउस्स्त्ती र्राहहू नाआ म्मेरेरा हहूननी हहीी व्वाल्ला
हहाइईईईई,,,,,,,,,,,

नही सन्नी अभी नही होने देना अपना कम अभी तो मुझे तेरे को दूसरा सर्प्राइज़ देना है इतना बोलकर भाभी
मेरे उपर आने लगी,,,,

भाभी आपकी पहली बार गान्ड मारनी है मुझे आप उपर मत आओ मेरे हाथ खोल दो ताकि मैं खुद आपकी गान्ड
मार सकूँ आप से पहली बार मे नही होगा प्लाज़्ज़्ज़ मेरे हाथ खोल दो मेरा वैसे भी होने ही वाला है ,,

ठीक है लेकिन अपनी पट्टी मत खोलना ऑर तेरा हाथ भी एक ही खोलूँगी मैं दूसरा नही,,,,

ठीक है भाभी एक हाथ खोल दो लेकिन जल्दी खोलो अब रुका नही जाता मेरे से ,,जल्दी से अपना मूसल आपकी
गान्ड मे घुसाने को दिल कर रहा है ,,,,,,भाभी आगे बढ़ी ऑर मेरा एक हाथ खोल दिया ,,,,,,

मैं उठकर बैठ गया इतने मे भाभी मेरे सामने झुक कर कुतिया बन गई क्यूकी उनकी गान्ड मेरे करीब
थी ऑर मेरा हाथ उनकी पीठ पर आ गया था मैने हाथ को उनकी गान्ड की तरफ ले जाना शुरू किया इतने मे उन्होने
मेरे हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया,,उनकी गान्ड पर अभी भी थोड़ा आयिल लगा हुआ
था कुछ आयिल कपड़े पहनने की वजह से कपड़ो पर लग गया होगा बहभही के लेकिन थोड़े आयिल से भी भाभी की
गान्ड काफ़ी चिकनी लग रही थी ओर इधर मेरा लुडन भी भाभी के थूक की वजह से काफ़ी चिकना हो गया था मैने
लंड को हाथ मे लिया ऑर भाभी की गान्ड के होल पर रखा ऑर हलके से ज़ोर लगाया लेकिन लंड गान्ड मे नही गया
मैने फिर कोशिस की ऑर थोड़ा थूक गान्ड पर लगा दिया जिस से गान्ड का होल ज़्यादा चिकना हो गया एक तो
पहले से गान्ड पर आयिल लगा हुआ था उपर से मेरा थूक लगने से गान्ड ज़्यादा चिकनी हो गई थी ,,,मैने अपने
लंड को हाथ मे लिया ऑर हल्के से ज़ोर लगाया तो लंड गान्ड मे घुस गया तभी भाभी की दबी हुई सिसकी निकल्ने
लगी लेकिन भाभी ने मुँह पर हाथ रखके सिसकी को दबा दिया इसलिए हल्की सी आवाज़ निकली भाभी के मुँह से लेकिन
वो आवाज़ मुझे कुछ ठीक नही लगी खैर मैने लंड को पीछे किया ऑर फिर से हल्का ज़ोर लगा कर आगे किया तो
इस बार आधा लंड भाभी की गान्ड मे चला गया भाभी की फिर दबी हुई आवाज़ निकली ,,मैने ऑर ज़्यादा लंड
घुसाना मुनासिब नही समझा क्यूकी भाभी की पहली गान्ड चुदाई थी इसलिए लेकिन मुझे भाभी की गान्ड इतनी भी
ज़्यादा टाइट नही लग रही थी हालाकी उनकी पहली गान्ड चुदाई थी उनकी गान्ड तो टाइट होनी चाहिए थी फिर मुझे
याद आया कि शोभा ने भाभी की गान्ड मे नकली लंड देके इसको थोड़ा खोल दिया था हो सकता है भाभी ने भी अपनी
गान्ड मे कुछ लिया हो ताकि वो अपनी गान्ड को थोड़ा खुली कर सके मेरे बड़े मूसल के लिए ,,,,

भाभी की गान्ड भले ही थोड़ी खुल गई थी लेकिन फिर भी मेरा बड़ा मूसल पूरा टाइट होने अंदर बाहर हो रहा था
क्यूकी एक तो भाभी की गान्ड मे पहली बार असली लंड गया था दूसरा मेरा लंड था ही इतना मोटा की खुली गान्ड मे भी
पूरी रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता था ऑर ये तो नई नवेली गान्ड थी,मुझे ऐसा लग रहा था मैं अपने दोनो हाथों
पर आयिल लगा कर अपने लंड को माजब्बूती से पकड़ कर मूठ मार रहा हूँ मुझे सच मे भाभी की गान्ड मारने
बहुत मज़ा आ रहा था ,,,,इतना मज़ा आ रहा था कि मुझे बीच बीच मे एक ज़ोर का मस्ती भरा झटका लगा रहा
था ,,,


मैं अपना एक हाथ भाभी की पीठ पर रख कर तेज़ी से भाभी की गान्ड मार रहा था कि तभी मुझे एक
जबरदस्त झटका लगा ,,कुछ देर बाद मैने अपनी स्पीड थोड़ी तेज करदी लेकिन अभी भी मैं आधे लंड से ही भाभी
की गान्ड मार रहा था पूरा लंड घुसने का दिल तो कर रहा था लेकिन डर भी लग रहा था कहीं पूरा लंड एक
झटके मे घुसा दिया तो भाभी को दर्द होगा ऑर कहीं दर्द ज़्यादा हो गया तो भाभी मुझे मस्ती नही करने देगी
फिर अपना हाथ जगन-नाथ करके ही पानी निकालना पड़ेगा इसी बात से डर कर मैं आधे लंड से ही भाभी की गान्ड
मारने लगा लेकिन मेरी स्पीड तेज थी,,मेरी स्पीड तेज होने से भाभी की सिसकियाँ शुरू हो गई लेकिन साथ ही मुझे एक
दबी दबी आवाज़ सुनाई दे रही थी शायद भाभी अपने मुँह पर हाथ रख लेती थी सिसकियाँ लेते टाइम,,मेरा हाथ
भाभी की पीठ पर था ,,हाई क्या मस्त कोमल पीठ थी उनकी हाथ फिसलता ही जा रहा था एक दम पतली कमर ऑर
वो भी संगमरमर की तरह एक दम चिकनी,,हाथ घुमाने की ज़रूरत नही हाथ रखते खुद ही अपने आप फिसलने
लग जाता था लेकिन मेरा हाथ उनकी पूरी पीठ तक नही आ पा रहा था,,मैने अपने हाथ को भाभी के बूब्स तक ले जाने
की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा क्यूकी मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,ऐसी हालत मे मेरा हाथ
उनकी आधी पीठ तक ही जा रहा था उनके बूब्स तक भी नही पहुँच रहा था ,,,लेकिन उनकी आधी नंगी पीठ पर ही
हाथ घुमा घुमा कर मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी बीच बीच मे मेरा हाथ उनकी कमर तक भी चला जाता था
जो एक दम पतली थी ,,,

मैने सोचा कि मेरा हाथ भाभी के बूब्स तक नही जा रहा तो क्या हुआ मैं भाभी की चूत पर हाथ रख लेता हूँ
क्यूकी वैसे भी कुछ ही देर मे मेरा होने वाला था तो सोचा क्यू ना भाभी की चूत मे भी उंगली करनी शुरू कर
दूँ ताकि भाभी का काम भी जल्दी हो जाए ऑर वो मेरे साथ ही झड जाए ,,,मैने जैसे ही अपना हाथ भाभी की
चूत पर ले जाना चाहा तभी भाभी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया ऑर वापिस अपनी पीठ पर रख दिया,,
मैं वापिस अपने हाथ को भाभी की चूत पर ले जाने लगा तभी मुझे महसूस हुआ कि भाभी कुछ ज़्यादा ही हिलने
जुलने लगी थी मैं समझ गया कि भाभी खुद अपने हाथ से अपनी चूत मे उंगली करने लगी थी ,,उनको खुद चूत मे
उंगली करके मज़ा लेना था तभी मेरा हाथ चूत तक नही जाने दिया भाभी ने,,,यही सोच कर मैने अपने हाथ को
चूत की तरफ नही ले जा कर वापिस भाभी की पीठ पर रख दिया ,,भाभी की हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ा तेज हो
गई थी लेकिन बीच बीच मे दबी दबी आवाज़ मे भी भाभी अह्ह्ह्ह्ह्ह अहह कर रही थी,,,,भाभी की मस्ती भरी
सिसकियाँ सुनकर मैने लंड को थोड़ा ज़्यादा अंदर कर दिया क्यूकी भाभी की सिसकियों से सॉफ ज़ाहिर हो गया था कि
भाभी अब फुल मस्ती मे आ गई है ,,लेकिन अभी भी मैने पूरा लंड अंदर नही किया था कुछ देर ऐसे ही स्पीड
नॉर्मल रखी ओर कुछ देर बाद पूरा लंड अंदर कर दिया ,,,जब भाभी ने पूरा लंड ले लिया गान्ड मे तो मैने
स्पीड थोड़ी तेज करदी मेरी स्पीड से पूरा बेड हिलने लगा ,,लेकिन बेड हिलने मे मैं अकेला ज़िम्मेदार नही था जितनी
स्पीड से मैं भाभी की गान्ड मे लंड पेल रहा था उतनी ही तेज़ी से भाभी अपनी चूत मे खुद उंगली कर रही थी
कभी कभी तो उनका हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पर ऑर कभी जाँघो पर टच होने लगता था,,भाभी सच मे
काफ़ी तेज़ी से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी,,ऑर उतनी ही तेज़ी से सिसकियाँ भी ले रही थी ,,सिसकियाँ ज़्यादा तेज नही हो जाए इस बात का ख्याल रखते हुए भाभी कभी कभी अपने मुँह पर हाथ भी रख लेती थी इसलिए दबी दबी आवाज़ मे भी
उनके मुँह से अह्ह्ह्ह निकल जाती तो काफ़ी स्लो होती मैं भी मुश्किल से ही सुन पा रहा था उस दबी दबी आवाज़ को,,

अब मेरी स्पीड पूरी रफ़्तार पर थी ऑर मेरा लंड भी भाभी की गान्ड मे पूरा अंदर तक घुसा हुआ था सीधी भाषा
मे बोलू तो मेरा मूसल भाभी की गान्ड की जड़ तक समा गया था ,,,अब भाभी को भी मेरा पूरा मूसल गान्ड मे
लेने मे कोई दिक्कत नही हो रही थी बल्कि भाभी तो मस्ती मे सिसकियाँ लेती थक ही नही रही थी,,,,कभी कभी तो उनकी
आवाज़ इतनी तेज होती कि पूरे कमरे मे गूंजने लगती ऑर कभी कभी इतनी स्लो होती कि मेरे कानो तक पहुँचने मे
मुश्किल होती,,भाभी की टाइट गान्ड मे मेरा लंड अच्छी तरह रगड ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था वो भी पूरी
रफ़्तार पर उपर से कुछ देर पहले भाभी ने मेरे लंड को इते ज़्यादा मज़े से चूसा था कि मेरा पानी निकलने वाला
हो गया था ऑर आज मुझे भी एक नई टाइट गान्ड मारने की एग्ज़ाइट्मेंट कुछ ज़्यादा हो गई थी कि मेरा लंड अभी झड़ने
के करीब आ गया था इसलिए मैने एक हाथ से ही भाभी की कमर को उनकी टाँग के पास से कस्के पकड़ा ऑर अपनी स्पीड को ओर भी ज़्यादा तेज कर दिया इतना तेज कि अब मैं अपनी पूरी रफ़्तार पर आ आ गया था अब बस किसी भी पल मेरा लंड पानी छोड़ने ही वाला था ,,मेरा बदन रह रह कर झटके खाने लगा था वो भी टाइट गान्ड मार कर की मस्ती भरे
तेज झटके जिसका अपना ही अलग मज़ा था ऑर तभी मेरे लंड ने भाभी की गान्ड मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया
ऑर मैने अपने स्पर्म से भाभी की गान्ड को भरना शुरू कर दिया मैं अभी भी तेज़ी से भाभी की गान्ड मार
रहा था ऑर स्पर्म निकलते टाइम मेरा बदन मस्ती भरा झटके खा रहा था लेकिन तभी मुझे एक तेज झटका लगा
वो झटका भाभी की गान्ड की मस्ती से भी कहीं ज़्यादा तेज था,,,

किस ने मेरे पास आके मेरे सर को अपने हाथों मे पकड़ लिया था ऑर मेरे सर को अपनी तरफ मोड़ कर मुझे किस
करने लगा था मैं भी मस्ती मे किस का रेस्पॉन्स तो देने लगा था क्यूकी मेरा लंड अभी भी पानी निकाल रहा था
ऑर ऐसी हालत मे किसी भी मर्द को बहुत ज़्यादा मस्ती चढ़ि होती है वो चाह कर भी रुक नही पाता मेरा भी यही हाल
था मैं लंड से पानी निकलता हुआ किस का रेस्पॉन्स दे रहा था लेकिन थोड़ा हैरान भी हो गया था कि अगर मैं
भाभी की गान्ड मार रहा हूँ तो मेरे को किस कॉन कर रहा है यही सोच कर मुझे झटके पे झटका लग रहा
था,,,,,
Reply
07-11-2019, 07:01 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
लेकिन फिर जो झटका मुझे लगा वो सब से ज़्यादा तेज था अब तक मुझे इतनी तेज झटका कभी नही लगा था मेरे
लंड से सारा पानी निकल चुका था लेकिन लंड अभी भी भाभी की गान्ड मे था ऑर तभी मैने किसी के झड़ने
की आवाज़ सुनी जिस आवाज़ ने मेरे होश उड़ा दिए ,,,,,,,,वो आवाज़ इतनी तेज थी कि कमरे मे गूंजने लगी थी लेकिन वो गूँज मेरे दिल ऑर दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,,,,उस गूँज से दिल मे एक डर पेदा हो गया था ऑर दिमाग़ मे एक उलझन,,,,

तभी मेरी पास खड़ा शक्स जो मुझे किस कर रहा था उसने मेरी आँखों से पट्टी उतार दी ,,मेरी आँखों के सामने
अभी बहुत अंधेरा था उपर से वो शक्स मुझे किस कर रहा था ऑर मेरे बहुद करीब होने की वजह से मुझे उसका
चेहरा भी सॉफ नज़र नही आ रहा था लेकिन उसको किस करने से मुझे एक मज़ा ज़रूर आ रहा था क्यूकी उसका किस
करने का अंदाज़ ही निराला था,,तभी कुछ देर बाद मेरा लंड भाभी की गान्ड से निकल गया ऑर मेरी आँखों से सामने
से अंधेरा भी हट गया ऑर मेरी नज़र पारी मेरे सामने खड़े शक्स पर जो मुझे किस कर रहा था वो शक्स थी
कामिनी भाभी मैं उनको अपने पास देख कर डर गया ,,,फिर मेरा दिमाग़ ठनका ऑर मुझे याद आया कि अभी किसी
के झड़ने की आवाज़ सुनी थी मैने उस आवाज़ के डर ऑर उपर से मैं ये सोच रहा था कि अगर भाभी मेरे पास खड़ी
किस कर रही थी तो मेरा लंड किसकी गान्ड मे था इसलिए मैने भाभी की अपने से थोड़ा दूर किया ऑर बेड पर अपने
सामने की तरफ़ देखने लगा तो मैं देख कर दंग रह गया मेरे सामने सूरज था ,,कामिनी का पति ओर कविता का भाई
इस से पहले मैं कुछ बोलता या कुछ करता सूरज ने मेरे लंड को मुँह मे ले लिया ,,,मैं तो ये देख कर दी दंग रह
गया ,,मैं पीछे हटना चाहता था मैं नही चाहता था कि सूरज मेरे लंड को मुँह मे भरे लेकिन मुझे हैरत
का इतना जबरदस्त झटका लगा था कि मेरा जिस्म एक दम सुन्न हो गया था मैं बड़े आराम से बिना हिले जुले सूरज के
मुँह मे जाते अपने लंड को देख रहा था जो अभी भी आधा खड़ा हुआ था जिस पर मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,सूरज
ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर अच्छी तरह चूसने लगा ऑर हाथ मे लेके अपनी ज़ुबान से चाटने भी लगा,,,उसने
2 मिनट मे मेरे लंड को मुँह मे रखके चूसा ऑर चाटा फिर जब लंड अच्छी तरफ सॉफ हो गया तो उसने लंड को मुँह
से निकाल दिया ऑर आराम से बेड पर लेट गया ओर मेरी तरफ देख कर हँसने लगा,,,लेकिन मेरे फेस पर कोई भाव नही
था ना हैरत ना ना खुशी का ना मस्ती का ,,,मैं तो बस चुप चाप सूरज की तरफ देख रहा था ,,तभी मेरे पास
खड़ी कामिनी भाभी ने मेरे सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी तरफ टर्न करके वापिस मुझे किस करने लगी ,,वो
तो मस्ती मे मुझे किस कर रही थी लेकिन मैं उनकी किस का रेस्पॉन्स नही दे रहा था ,,मेरा जिस्म ऐसा हो गया था कि
जैसे अब मेरे मे जान ही नही बची हो,,,मैं कुछ सोच समझ भी नही पा रहा था दिमाग़ साला एक दम गुम्म
हो गया था कहीं,,,

भाभी भी इस बात को समझ गई ऑर मेरे लिप्स से अपने लिप्स हटा कर बेड पर सूरज के पास चली गई,,मैं वहीं घुटनो
पर बैठा हुआ भाभी ऑर सूरज की तरफ़ देखने लगा ,,मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,,मैं भी बेड
पर गिर गया ,,मुझे कोई होश नही था दुनिया की कोई खबर नही थी,,जो कुछ अभी हुआ था बस वही सब मेरे दिमाग़
मे घूम रहा था जिसको समझ पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था,,,,मैं सोच सोच कर हैरान हो रहा था
कि कैसे मेरा स्पर्म से भीगा हुआ लंड सूरज के मुँह मे था ऑर वो कितने प्यार से मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर
रहा था ,,तभी मैं ऑर ज़्यादा हैरान रह गया क्यूकी जब भाभी मेरे को किस कर रही थी तो मेरा लंड किसी की
गान्ड मे था तो क्या उस टाइम मेरा लंड सूरज की गान्ड मे ,,ओह्ह नो ये कैसे हो सकता है ,,मेरा दिमाग़ हैरत
से फटा जा रहा था कुछ समझ नही आ रहा था मुझे,,,,टेन्षन के मारे मेरी आँखें बंद हो गई शायद मुझे
नींद आ गई थी या मैं ज़्यादा टेन्षन से बेहोश हो गया था,,,,


कुछ देर बाद मेरे कानो मे एक आवाज़ पड़ी,,,,,,,,सन्नी उठो क्या हुआ तुमको ,,सन्नी ,,,सन्नी,,,,,

मैने हल्के से आँखें खोलते हुए देखा तो कामिनी भाभी मुझे उठा रही थी,,,मेरे आँखों के सामने अभी भी
अंधेरा था ऑर दिमाग़ भी काफ़ी भारी भारी लग रहा था ,,,,मेरा उठने को दिल नही कर रहा था लेकिन भाभी मुझे
बार बार उठा रही थी मेरा नाम पुकार रही थी,,,मैं अपने हाथों से अपनी आँखों को मलते हुए उठकर बैठ
गया ,,,,आँखें मलने से अंधेरा कुछ कम हुआ तो मुझे कामिनी भाभी की शक्ल सॉफ सॉफ नज़र आने लगी,,,मैने
देखा कि बेड पर मैं ओर कामिनी भाभी ही थे ,,

क्या हुआ सन्नी ,,तुम ठीक तो हो,,,,भाभी ने मेरे से पूछा,,,

तभी मुझे याद आई सूरज की ,,,मैने कमरे मे हर तरफ उसको ढूँढने लगा लेकिन वो वहाँ नही था ,,,

क्या हुआ सन्नी कुछ बोलो ना,,,,तुम चुप क्यू हो,,तबीयत तो ठीक है ना,,,भाभी लगातार बोलती जा रही थी

लेकिन मेरी नज़रे सूरज की तलाश रही थी ,,,,पर सूरज कहीं नज़र नही आ रहा था,,,
Reply
07-11-2019, 07:01 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
बोलो ना सन्नी क्या हुआ है,,इतना परेशान क्यूँ है,,,,ऑर किसको तलाश रहे हो रूम मे इधर उधर देख कर,,,

भाभी उूओ,वूऊ,,,,,,,,

अरे वू वू क्या लगा रखा है सीधी तरह बोलो क्या हुआ,,,,,

भाभी वो सूरज भाई कहाँ है,,,,

तभी सूरज बाथरूम से निकल कर बाहर आया,,,,,,मैं यहाँ हूँ सन्नी,,,,

मेरा ध्यान बाथरूम की तरफ गया तो मैने देखा की सूरज नंगा होके बाथरूम से बाहर आ रहा था,,,

वो बेड के पास आया ऑर मेरे से थोड़ा दूर हटके बैठ गया,,,,,,मैं फिर से आँखें फाड़ फाड़ कर सूरज को
देखने लगा,,,इतने मे भाभी जो मेरे पास बैठी हुई थी उठकर सूरज के पास चली गई ऑर दोनो मिलकर किस करने
लगे,,,,

मैं दोनो की तरफ देख रहा था ,,,,अक्सर तो किसी को ऐसे किस करते देख कर मैं मस्ती मे आने लग जाता हूँ ऑर
मेरा लंड भी खड़ा होने लगता है लेकिन अभी ना मैं मस्ती मे आ रहा था ऑर ना ही मेरा दीन-द्यारल,,,,जैसे
उदास ऑर गुम सूम मैं था उस से कहीं ज़्यादा उदास ऑर गुम सूम था मेरा दीन-द्या ल,,,,दीन-द्या ल तो सिर्फ़ गुम-सूम
था लेकिन मैं तो हैरान ऑर परेशान भी था,,,,,


क्यू सूरज मज़ा आया ना सन्नी के साथ मस्ती करके ,,,,भाभी ने सूरज से पूछा,,,,,

सूरज ने भाभी के बूब को हाथ मे लेके मसल्ते हुए बोला,,,,,,,हाँ कामिनी बहुत मज़ा आया,,,इतना बड़ा मूसल है
सन्नी का मस्ती ऑर मज़े से दिमाग़ खराब होने लग गया था मेरा ,,इतना मज़ा तो आज तक कभी नही आया लेकिन दर्द
भी हुआ ,,,पहली बार जो इतना बड़ा मूसल लिया है गान्ड मे ,,पहले तो छोटे लंड से ही काम चलता रहता था,,,लेकिन
आज इस मूसल ने तो ज़िंदगी का असली मज़ा दिया है मुझे,,,,,तू सच कहती थी कि सन्नी का मूसल बहुत बड़ा है ऑर मज़ा भी बहुत देता है,,,मैं ही तेरी बात पर यकीन नही करता था ,,,

आज तो यकीन आ गया ना मेरी बात पर,,,,कामिनी ने हँसते हुआ पूछा,,,

हाँ बाबा आज यकीन भी आ गया ओर ज़िंदगी का असली मज़ा भी आ गया,,,,

मैं उनदोनो की बातों को चुप चाप सुन रहा था,,,,कुछ नही बोल रहा था बस टुकूर टुकूर उनकी तरफ़ देख रहा
था,,,,,

ज़रा सन्नी से भी पूछ ले उसको मज़ा आया या नही मेरी गान्ड मार कर,,,,इतना बोलकर सूरज हँसने लगा ऑर कामिनी
भाभी वापिस मेरे करीब आ गई ,,,,

बोलो सन्नी मज़ा आया क्या सूरज की गान्ड मार कर ,,बोलो ना चुप क्यू हो,,,,,इतना बोलकर भाभी ने मुझे किस करने
की कोशिश की लेकिन मैने भाभी को खुद से दूर कर दिया,,,,

सूरज ने मेरी तरफ हँसके देखा ओर कामिनी को वापिस अपने पास आने का इशारा किया,,,कामिनी भी वापिस सूरज के पास चली गई,,,,,

लगता है सन्नी का ये पहला तजुर्बा है कामिनी ,,,,,,,,,,,,इसलिए थोड़ा परेशान है ,,आज पहली बार किसी मेल की गान्ड
मारी होगी इसने,,,,इतना बोलकर सूरज हँसने लगा साथ मे कामिनी भी लेकिन मैं चुप करके दोनो की तरफ देख रहा
था,,,,,,,,,,

मुझे पता है सन्नी तू चुप क्यूँ है ,तेरे दिमाग़ मे बहुत सारे सवाल होंगे ,,,बहुत सारी बातें होगी जो तेरी
ज़ुबान तक नही आ रही है ,,,,तेरी परेशानी की वजह मैं जानता हूँ तेरा ये पहला तजुर्बा था ये भी पता लग गया
है मुझे,,लेकिन तू ज़्यादा परेशान मत हो ,,मैं तेरे पूछने से पहले ही तेरी सब बातों का जवाब दे देता हूँ,,,

इतना बोलकर सूरज मेरे थोड़ा करीब आ गया लेकिन उसके करीब आते ही मैं वहाँ से थोड़ा पीछे हट गया,,,उसने ऑर
करीब आने की कोशिश की लेकिन मैं थोड़ा ओर पीछे हट गया तो वो वहीं रुक गया,,,

देखो भैया मैं ऐसा लड़का नही हूँ ऑर ना ही मेरा टेस्ट ऐसा है,,,,,आप प्लीज़ मेरे से दूर रहो,,

मेरी बात सुनके भाभी हँसने लगी ऑर साथ ही सूरज भी,,,,

जानता हूँ तेरा टेस्ट ऐसा नही है सन्नी वो तो तेरे चहरे को देख कर ही पता चल रहा है,,लेकिन क्या करूँ मेरा
टेस्ट ऐसा है ,,,,मुझे लंड चूसना ऑर गान्ड मे लेना बहुत अच्छा लगता है ,,

हाँ हाँ जान गया हूँ मैं ,,,तुम पक्के गान्डु हो,,,इसलिए तो बच्चा भी पेदा नही कर सकते,,,,मैं थोड़ा गुस्से
मे बोला,,,,

हाँ सन्नी तू सच बोल रहा है ,,मैं गान्डु ही हूँ,,बच्चा भी पेदा नही कर सकता,,,,,

मैने उसकी बात को बीच मे टोक दिया,,,,,,,,,,,,,,सॉरयी सॉरी,,,मेरे से ग़लती हो गई,,,,तुम बच्चा तो पेदा कर सकते हो
लें लड़का पेदा नई कर सकते ,,,हर बार लड़की ही पेदा कर सकते हो,,,तुम गान्डु हो ना इसलिए तुम्हारे स्पर्म मे
जान नही है,,वो बात नही है जो तुमको ऑर तुम्हारी बीवी को एक बेटा दे सके,,,,

मैने अभी अपनी बात ख़तम नही की थी कि सूरज ने मेरी तरफ देखा ओर उसकी आँखों मे हल्की नमी आ गई ,,,
Reply
07-11-2019, 07:02 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
लड़का ऑर लड़की मे मुझे कोई फ़र्क नही है सन्नी मैं तो ऐसा बदकिस्मत हूँ जो लड़का क्या लड़की भी पेदा नही कर सकता,,,, लड़का लड़की क्या मैं तो बच्चा ही पेदा नही कर सकता,,,,,सूरज आँखों मे नमी लाके हल्का उदास होके बोला,,,,

मैं उसकी बात सुनके थोड़ा हैरान हो गया,,,,क्या बोल रहे हो सूरज भाई,,,,आप बच्चा पेदा नही कर सकते,,

हाँ सन्नी मैं ठीक बोल रहा हूँ,,,,मैं बच्चा पेदा नही कर सकता,,इतना बोलकर सूरज ने अपने लंड को हाथ मे
पकड़ा ऑर मेरी तरफ करके मुझे दिखाने लगा,,,

मैं उसका लंड देख कर हैरान रह गया,,,लंड क्या वो तो एक छोटी सी नुन्नि थी,,जो उसके जिस्म से बाहर भी नही निकली
थी,,शायद आधा इंच की थी ,,,

क्यू हैरान हो गये ना सन्नी इसको देख कर,,इतना छोटा सा लंड आधे इंच से भी छोटा जो खड़ा होके भी 1 इंच से
हल्का सा बड़ा होता है बस,,,सूरज अभी भी हल्के उदास स्वर मे बोल रहा था,,,,

लेकिन सूरज भाई कामिनी भाभी तो अबॉर्षन करवा चुकी है फिर वो,,,,

तभी फिर से मेरी बात बीच मे टोक कर सूरज बोलने लगा,,,,,मुझे पता था तू यही बोलगा अब सन्नी,,,कामिनी ने
जब भी अबॉर्षन करवाया उसके पेट मे मेरा नही ,,,,,इतना बोलकर सूरज चुप हो गया ऑर कामिनी की तरफ़ देखने लगा,,
भाभी ने सूरज का हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर सूरज को आगे की बात बोलने की मंज़ूरी दे दी,,,,

वो बच्चा मेरा नही था सन्नी मेरे बाप का था,,,,

मैं सूरज की बात सुनके थोड़ा हैरान हो गया ऑर थोड़ा परेशान भी,,,,मेरे पैरो एक नीचे से ज़मीन निकलती हुई महसूस
हो रही थी मुझे,,,,,

ये क्या बोल रहे हो सूरज भाई,,,,,तुम्हारी बीवी के पेट मे तुम्हारे बाप का बच्चा था,,,,,

हाँ सन्नी मैं ठीक बोल रहा हूँ,,,,मेरी बीवी के पेट मे मेरे बाप का बच्चा था,,,,,

क्या ये बात तुम दोनो ही जानते हो,,,,मेरा मतलब शोभा ये बात जानती है क्या,,,,,ऑर तुम्हारे घरवाले,,,क्या उनको
ये बात पता है,,,,

नही सन्नी शोभा भी उतना ही जानती है जितना अब तक तुम जानते थे,,,लेकिन इसके बारे मे मेरी माँ सब कुछ जानती
है,,,

तो तुम्हारी माँ ने तुम्हारे बाप को रोका क्यूँ नही,,,,,

वो रोकना चाहती तो भी नही रोक पाती सन्नी,,,,क्यूकी मेरा बाप अपना वंश आगे बढ़ाना चाहता था ,,ऑर मेरी माँ भी
यही चाहती थी,,,हमारी शादी को काफ़ी टाइम हो गया था लेकिन बच्चा नही हो रहा था ऑर होता भी कैसे ,,मैं तो शुरू से
ऐसा हूँ कि बच्चा पेदा ही नही कर सकता ,,,ये बात मेरे घर वाले भी जानते थे ,,,,लेकिन लोगो की बातें सुनके मेरे
माँ बाप परेशान हो गये थे ,,,,,हर कोई यही पूछता था कि शादी को इतना टाइम हो गया है फिर भी बच्चा नही हो रहा
आपकी बहू ये बेटे मे कोई प्राब्लम है क्या,,,,,बस हर बार मेरे को या मेरी बीवी को निशाना बना लेते थे गली मुहल्ले
वाले ,,,मेरे माँ बाप इन सब से परेशान हो गये थे इसलिए मेरे बाप ने मेरी बीवी के साथ वो सब किया जो एक बच्चा
पेदा करने के लिए ज़रूरी था,,,

तुम्हारे बाप ने ऐसा किया तो तुमने उसको रोका क्यूँ नही,,क्या तुम्हारी भी रज़ामंदी थी उस सब मे,,,ऑर जब तुमको
पता था कि तुम बच्चा पेदा नही कर सकते तो तुमने शादी ही क्यूँ की थी कामिनी से ,,इसकी ज़िंदगी बर्बाद करने के लिए,,

नही सन्नी मैं इसकी ज़िंदगी बर्बाद नही करना चाहता था मैने तो अपने घर वालो को शादी के लिए सॉफ मना कर
दिया था लेकिन जब ज़्यादा ही ज़ोर डाला गया मेरे पर तो मैं कुछ नही कर सका ऑर शादी के लिए हां कर दी ,,ऑर उपर से कामिनी के पापा मेरे पापा के अच्छे दोस्त थे उन लोगो का ही विचार था दोस्ती को रिश्तेदारी मे बदलने का,,,,,
Reply
07-11-2019, 07:02 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दोस्ती को रिश्तेदारी मे तो बदल लिया तुमने लेकिन एक पति का फर्ज़ तो नही निभा सके ना ,,कामिनी भाभी की ज़िंदगी तो
बर्बाद करदी ना तुमने,,,,,

तभी भाभी बोल पड़ी,,,,,नही सन्नी ऐसी बात नही है मेरी ज़िंदगी बर्बाद नही की सूरज ने ,,भले ही ये बच्चा पेदा
नही कर सकते लेकिन फिर भी ये मुझे बहुत प्यार करते है,,,इतना बोलकर भाभी ने सूरज को गले से लगा लिया,,,,

हाँ ये मैं जान ही गया कि ये तुमको कितन प्यार करता है,,अपने प्यार की वजह से ही तुमको अपने बाप के बिस्तर तक
पहुँचा दिया था इसने,,,,अगर प्यार करता तो रोकता अपने बाप को ये ,,,,इतना सब कुछ नही होने देता,,,,मैं हल्के गुस्से
मे बोला

सन्नी मैं चाह कर भी नही रोक सकता था,,,क्यूकी अगर रोकता तो मैं भी अपने बाप के सुख से हाथ धो बैठता,,

क्या मतलब मैं कुछ समझा नही,,,,,

सन्नी भाई जब मैं बहुत छोटा था करीब --एडिटेड-- साल का तब मेरा एक छोटा सा आक्सिडेंट हो गया था ,,उस आक्सिडेंट
मे चोट तो बहुत छोटी लगी थी मुझे लेकिन उसका दर्द बहुत बड़ा लगा था मुझे,,,,,एक मर्द की असली पहचान उसका लंड
ही होती है लेकिन मेरे लंड पर ही चोट लग गई थी,,,,तभी से मेरे लंड का विकास रुक गया था,,,बहुत एलाज़ करवाया था
मेरे बाप ने मेरा लेकिन कोई हल नही निकला ,,,आख़िर मैने ओर मेरे परिवार ने इसको किस्मत पर छोड़ दिया ,,लेकिन मैं
सब कुछ किस्मत पर नही छोड़ सकता था,,,,जब तो बचपन था तब तो इसकी ज़रूरत महसूस नही हुई लेकिन जब कॉलेज
जाने लगा ,,जवान होने लगा तो दोस्तो से सुनता रहता था कि आज उसने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चुदाई की तो उसने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ,,मैं सब कुछ सुनकर खामोश रहता था ,,मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही बनी कभी ऑर किसी को गर्लफ्रेंड बना कर करता भी क्या जिस काम के लिए गर्लफ्रेंड बनाता वो काम तो फिर भी नही कर सकता था,,,,

अपने सपनो पर खुद ही मिट्टी डालने लग गया था मैं यही सोच सोच कर कि मैं जवानी के मज़े कभी नही ले सकता,,,
इतना बोलते टाइम सूरत हल्का हल्का रोने भी लग गया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन एक दिन एक पॉर्न मूवी देखी थी गे की तब दिल किया कुछ ऐसा करने को ,मैं भी सेक्स का मज़ा लेना चाहता था लंड खड़ा नही होता तो क्या हुआ एक लंड की वजह से
मैं इस मज़े से विचलित नही रह सकता था ,,आख़िर मेरा भी दिल करता है जवानी का मज़ा लेने को,,,तभी मैने सोचा
क्यू ना किसी से गान्ड मरवाई जाए ,,देखा था लोग कैसे गान्ड मरवा कर मस्ती करते थे खुश होते थे देख
देख कर मेरा भी दिमाग़ खराब होने लगा ओर मैं इस रास्ते पर चल पड़ा,,,,


तो क्या तुम अपने दोस्तो से या,,

नही सन्नी ,,मैं मज़ा लेना चाहता था लेकिन बदनामी से भी डरता था,,,इसलिए मैने अपने ही घर मे ये सुख लेने
की कोशिश की ऑर कामयाब भी हो गया,,,,

क्या मतलब अपने ही घर मे,,,,,,,क्या तुमने अपनी गान्ड अपने बाप से मरवाई थी,,,,,

हाँ सन्नी ,,,मैं अक्सर डॅड के साथ सोता था एक रात डॅड के लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगा लेकिन डॅड बुरा मान
गये ,,,लेकिन जल्दी ही मेरी बातें सुनकर मेरे पर तरस आ गया उनको ऑर उन्होने मुझे खुश करना शुरू कर दिया,,ये
बात मेरी माँ भी जानती थी ,,,,पहले पहले तो उनको इस सब पर गुस्सा आया उन्होने डॅड से बहुत झगड़ा भी किया था इस
बात को लेके लेकिन जब उनको पता चला कि मैं बदनामी से डरता हूँ इसलिए घर मे ही चुदाई का सुख ले रहा हूँ तो
उनको फिर कोई एतराज़ नही हुआ ,,क्यूकी वो भी समझ गई थी कि मैं जवानी के मज़े लेना चाहता हूँ ऑर अगर ये मज़ा
मुझे घर से नही मिला तो मैं बाहर मुँह मारना शुरू कर दूँगा ऑर इस सब से पूरे परिवार के बदनाम होने का
ख़तरा था,इसलिए माँ ऑर पापा मेरी बात मान गये थे,,,,ऑर डॅड को भी ये बात मैने हो बोली थी कि वो मेरी बीवी से सेक्स
करे ताकि मुझे एक बच्चा मिल जाए,,,,,पहले तो कामिनी ने सॉफ मना कर दिया था लेकिन जल्दी ही वो मेरी बात मान गई थी,,,,

अच्छा अगर कामिनी अपनी मर्ज़ी से मानी थी तो कुछ टाइम पहले तुम लोगो के घर पर झगड़ा क्यूँ हुआ था,,,जिस की सज़ा कामिनी के साथ साथ कविता को भी मिली थी,,,,

सूरज ऑर कामिनी एक दूसरे की तरफ देखने लगे,,,,रूम मे कुछ देर सन्नाटा रहा,,,,,,फिर सूरज बोला,,,,

मेरे बाप को लड़का चाहिए था सन्नी लेकिन हर बार लड़की ही पेदा होने लगी थी कामिनी के पेट मे ,,,,डॅड ने अबॉर्षन
करवा दिया था कामिनी का ,,लेकिन इस बार कामिनी ने अबॉर्षन से मना कर दिया था कविता ने भी इसका साथ दिया था,,इसलिए घर पर झगड़ा हुआ था,,,,झगड़ा ख़तम करने के लिए तुम्हारी बेहन शोभा भी आई थी ,,ऑर जब शोभा कामिनी को कमरे मे बैठ कर समझा रही थी कि वो किसी गैर मर्द से सेक्स करले ताकि उसको एक लड़का मिल जाए तो मैं बाहर खड़ा इनकी बातें सुन रहा था ऑर मैने ही शोभा को बोला था कामिनी क लिए तुमको राज़ी करने को ,,क्यूकी मेरे घर वाले ना तो बच्चा अडॉप्ट करना चाहते थे ना ही किसी गैर मर्द से कामिनी को सेक्स करने देते ,,,,

लेकिन इस बार तो मैने सेक्स किया है ,,,अगर तुम्हारे बाप को पता चल गया कि ये बच्चा उसका नही किसी ऑर का है तो क्या होगा,,,,

नही ऐसा नही हो सकता सन्नी ,,क्यूकी जिस रात तुम लोगो ने बुटीक पर अपना काम किया था उस से अगले दिन ही मैने
डॅड को यहाँ बुला लिया था ये बोलकर कि कामिनी सेक्स के लिए तैयार है ,,ताकि मेरे बाप के पास शक़ करने की गुंजाइश ही ना रहे,,,,


अभी मैं कुछ ओर बात करने ही वाला था कि भाभी ने बीच मे टोक दिया,,,,,


अब क्या बातें लेके बैठ गये तुम दोनो,,,क्यू बोर कर रहे हो ,,इतनी मुश्किल से तो जवानी के मज़े लेने शुरू किए है
मैने ऑर तुम लोग बातों मे टाइम वेस्ट कर रहे हो,,,,,चलो ना कविता के आने से पहले एक बार ऑर करते है,,,,,

इतना सुनकर सूरज खुश हो गया ओर मेरे करीब आने लगा,,,,,,,

नही सूरज भाई आप मेरे करीब मत आओ प्लीज़ मेरे को ऐसा कोई शॉंक नही है,,,,

जानता हूँ सन्नी ,,,मैं तेरे करीब नही आउन्गा,,,मुझे तो बस तेरा ये मूसल चाहिए ,,,कभी अपने हाथ में कभी
अपने मुँह मे तो कभी अपनी गान्ड मे इस से ज़्यादा मैं कुछ नही चाहता ,,,ऑर अगर तू मुझे खुश नही करेगा तो
कामिनी भी तेरे हाथ नही आएगी,,,,इतना बोलकर कामिनी ऑर सूरज दोनो हँसने लगे,,,,

ठीक है सूरज भाई ,,,मैं अपना लंड आपके हाथ मे दूँगा मुँह मे दूँगा गान्ड मे भी दूँगा लेकिन प्लीज़ मेरे को
टच करने की या कुछ ऑर करने की कोशिश मत करना ,,,मुझे वो सब अच्छा नही लगता,,,,,

ठीक है सन्नी ,,,मैं सिर्फ़ तेरे लंड को टच करूँगा ओर किसी पार्ट को नही,,,,,,,ये बात सूरज हँसते हुए मज़ाक मे
बोल रहा था ऑर कामिनी भी हस्ती जा रही थी,,,,,

उस दिन मैने सूरज की खूब गान्ड मारी ,,,दिल तो भाभी की गान्ड मारने का भी था लेकिन भाभी ने किसी ऑर दिन का वादा
किया क्यूकी आज वो चाहती थी कि मैं सूरज को ही खुश करूँ,,ऑर ये ज़रूरी भी था ,,,,क्यूकी अगर मैं भाभी से सेक्स
करना चाहता था तो सूरज को खुश करना ज़रूरी था वैसे भी अब ना तो भाभी को कोई टेन्षन थी ऑर ना किसी बात का
डर क्यूकी सूरज भी हमारे साथ शामिल हो गया था इस खेल मे,,,,,

आज कविता के आने से पहले मैने 3 बार सूरज की गान्ड मारी ,,,वो तो लट्तू हो गया था दीवाना बन गया था मेरे लंड
का ,,भाभी भी खुश थी ऑर मैं भी अब हम रोज मिल सकते थे,,,क्यूकी उनके सास ससुर चले गये थे अब वापिस नही
आने वाले थे जब तक उनका ससुर रिटाइर नही हो जाता ,,,,ऑर कविता भी कॉलेज चली जाती थी ,,,,रही बात सूरज की तो उसका
अब कोई डर नही रह गया था मुझे ऑर भाभी को,,,,,,अब कविता के कॉलेज से आने से पहले मैं रोज चुदाई कर सकता
था भाभी की,,,,,यही सोच सोच कर दिल खुश हो रहा था मेरा,,,,

कविता के आने से पहले मैं कामिनी भाभी ऑर सूरज को अलविदा बोलकर चला गया था,,,,मैं बाइक पर घर जा रहा था
ऑर आज जो कुछ भी हुआ था कामिनी भाभी ऑर सूरज के साथ उस सब के बारे मे सोच रहा था,,,,मुझे आज कामिनी भाभी
की गान्ड मारनी थी लेकिन मुझे सूरज की गान्ड मारने को मिल गई थी,,,,पर इस से कोई फरक नही पड़ा मुझे क्यूकी सूरज
की गान्ड भी भाभी की गान्ड की तरफ काफ़ी टाइट थी,,,,फ़र्क बस इतना था जहाँ भाभी ने आज तक कोई असली लंड नही लिया
था गान्ड मे वही सूरज अपने ही बाप का लंड लेता था गान्ड मे इसलिए उसकी गान्ड थोड़ी खुली हुई थी फिर भी मेरे
मूसल के लिए सूरज की गान्ड एक दम सील पॅक गान्ड की तरह थी ,,,मुझे सच मे बहुत मज़ा आया था सूरज की गान्ड
मार कर ऑर उसको लंड चुस्वा कर ,,,उसको लंड चूसने का अच्छा हुनर था ,,,आज तक कभी किसी ने मेरा लंड इतनी मस्ती ऑर
मज़े से नही चूसा था जितना सूरज ने,,,,यहाँ तक कि मेरी बुआ ,,,शोभा ,,,मेरी माँ ऑर तो ऑर रेखा ने भी इतना मज़ा नही
दिया था मुझे लंड चूस्ते टाइम जितना मज़ा आज सूरज को लंड चुस्वा कर आया था,,,,,मेरे लिए ये न्या तजुर्बा था जो बहुत
ही बढ़िया था,,,,हालाकी मुझे थोड़ा अजीब भी लग रहा था क्यूकी मेरा टेस्ट ऐसा नही था,,,,लेकिन उसकी गान्ड मारने का
टेस्ट मुझे बहुत अच्छा लगा ओर मुझे ये सब भी फील नही हुआ कि मैं किसी औरत की नही मर्द की गान्ड मार रहा हूँ
हालाकी सूरज मर्द नही था लेकिन वो औरत भी तो नही था बट उसकी गान्ड का मज़ा किसी भी औरत की गान्ड से कम नही था,,,,,

हल्की मस्ती ऑर मज़े से सब बातें सोचता हुआ मैं घर आ गया,,,घर की बेल बजाई तो माँ ने आके दरवाजा खोला ,,,

अरे माँ इतनी जल्दी आ गई तुम,,,करण चला गया क्या,,,,

तभी माँ ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,धीरे बोल सोनिया नीचे ही बैठी हुई है,,,,,माँ थोड़ा डर कर बोल रही थी,,,

सोनिया का नाम सुनके मैं भी डर गया ,,,क्यूकी अगर सोनिया घर आ गई थी तो कविता भी अब तक घर पहुँच चुकी
होगी,,,मैं ठीक टाइम से ही निकल आया था वहाँ से वर्ना पंगा हो जाना था,,,,

अच्छा करण कहाँ है माँ,,,,

,वो थोड़ी देर पहले ही गया है,,,,सोनिया के आने के बाद,,,,जब कविता सोनिया को छोड़ कर वापिस
घर गई तो करण भी कुछ देर बाद चला गया,,,,,

अपने घर गया क्या वो,,,,

नही बुटीक पर गया है ,,,क्यूकी मामा शोभा ऑर शिखा वहीं है,,,बोल रहा था अब वहीं मस्ती करेगा फिर रात को
शिखा को लेके घर चला जायगा,,,,,

ऑर मामा शोभा के साथ वापिस आएगा या वहीं रहेगा,,,,,,मैने हँसते हुए बोला

उनका मुझे नही पता,,,,घर आते है या वहीं रुकते है रात को,,,माँ भी भी हल्के मुस्कुराते हुए मेरी बात का
जवाब दिया,,,,

फिर मैं अंदर आ गया,,,सोनिया सोफे पर बैठ कर टीवी देख रही थी,,,मैं सीधा उपर अपने कमरे मे चला गया ऑर फ्रेश
होके कपड़े चेंज करके नीचे आ गया,,,,मैं नीचे आके सोफे की तरफ बढ़ा ही था कि सोनिया गुस्से से वहाँ से उठी ऑर
उपर की तरफ़ चली गई,,,

माँ ने ये देखा तो हँसने लगी,,,,,लगता है तुम दोनो का झगड़ा अभी तक ख़तम नही हुआ,,,,सोनिया कुछ नही बोली ऑर
उपर आने कमरे की तरफ चली गई,,,मैं वहीं सोफे पर बैठ गया ओर टीवी देखने लगा,,,उसके बाद कुछ खास नही हुआ,,

रात की खाना खाने क टाइम पर शोभा आ गई वो बहुत खुश थी आज पूरा दिन मस्ती जो की थी मामा के साथ,,,फिर जब हम
लोगो ने खाना खा लिया तो उसके 10-15 मिनट बाद मामा भी आ गया ,,,,माँ ने मामा को खाना दिया ओर इतनी देर मे
सोनिया ऑर शोभा अपने अपने रूम मे चली गई थी,,,,

उस रात को ज़्यादा कुछ नही हुआ,,,,क्यूकी सब लोग दिनभर की चुदाई से थके हुए थे,,,,माँ करण के साथ मस्ती करती
रही सारा दिन,,,मामा शिखा ऑर शोभा के साथ बिज़ी रहा ओर मैं सूरज की गान्ड मारता रहा,,,,,रात को किसी की हिम्मत
नही थी चुदाई करने की इसलिए इसके बारे मे किसी ने कोई बात भी नही की,,,,सब लोग अपने अपने कमरे मे जाके सो गये,,
Reply
07-11-2019, 07:02 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मुझे सोनिया एक साथ नही सोना था इसलिए मैं माँ के रूम मे सो गया,,,,हालाकी मेरा ऑर माँ का किसी का मूड नही था
मस्ती करने के लेकिन एक साथ एक बेड पर सोने पर मूड बन गया तो मैने रात को एक बार माँ की गान्ड मारी थी लेकिन
मुझे वो मज़ा नही आया जो सूरज की गान्ड मार कर आया था,,,,

सुबह मैं माँ के रूम से निकल कर अपने रूम मे गया क्यूकी सोनिया वहाँ नही थी वो नीचे आ चुकी थी,,,इसलिए मैं
अपने रूम मे गया ऑर तैयार होके नीचे आ गया,,,माँ नाश्ता लगा चुकी थी ,,,सब लोग बैठे हुए थे मैं भी जाके
बैठ गया ओर नाश्ता करने लगा,,,

शोभा दीदी नाइट सूट मे ही बैठी हुई थी,,,,

दीदी आपने आज कॉलेज नही जाना क्या,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,

नही सन्नी आज मूड नही है कॉलेज जाने का वैसे भी बुआ के जाने के बाद बुटीक का काम कुछ ज़्यादा हो गया है
अभी कुछ देर घर पर रहूंगी ओर बाद मे बुटीक चली जाउन्गी,,,,इतना बोलकर दीदी ने मुझे आँख मार दी,,

मैं समझ गया कि दीदी का मूड घर पे रहके मस्ती करने का है,,,,,

हम लोग नाश्ता कर ही रहे थे तभी डोर बेल बजी,,,शोभा ने जाके दरवाजा खला तो देखा कि करण ऑर शिखा आए
थे ,,दीदी ने उनको अंदर आने को बोला ऑर वो लोग अंदर आ गये ,,,,

माँ करण को देख कर खुश हो गई,,,,,अरे कारण बेटा ,,कैसे हो,,,,,,

नमस्तये आंटी जी,,मैं ठीक हूँ ,,,,हाउ आर यू आंटी जी,,,

मैं भी ठीक हूँ बेटा,,,


तभी आगे बढ़ कर शिखा ने माँ को नमस्ते बोला

अरे आज तो शिखा बेटी भी आई है,,,माँ अपनी चेर से उठ गई ओर आगे बढ़ कर शिखा को नमस्ते बोलकर शिखा के पास
जाके शिखा को हग करके मिलने लगी,,,

उधर मामा भी शिखा को देख कर मुँह से वासना की लार टपकाने लगा था,,,

आज तुम दोनो भाई बेहन का आना कैसे हुआ ,,,,

कुछ नही आंटी जी मैं कॉलेज जा रहा था तो दीदी ने बोला कि मुझे बुटीक पर छोड़ देना लेकिन बुटीक पर लॉक
लगा हुआ था इसलिए मैं दीदी को यहाँ लेके आ गया,,,,

बहुत अच्छा किया बेटा,,,,चलो बैठो नाश्ता कर्लो,,,माँ ने एक चेयर आगे करते हुए शिखा को बैठने को बोला,,,,

शुक्रिया आंटी जी हम लोग नाश्ता करके आए है अभी घर से,,,,

अच्छा नाश्ता मत करो मगर कॉफी तो पी सकते हो,,,चलो बैठो यहाँ,,,

शिखा चेयर पर बैठ गई ओर दूसरी तरफ करण भी जाके बैठ गया तभी सोनिया गुस्से से वहाँ से उठी ओर अपना बॅग उठा
कर वहाँ से चली गई,,,उसने करण ओर शिखा को हाई भी नही बोला,,,,

ये सोनिया को क्या हुआ आंटी जी,,,,इतना गुस्से मे क्यू गई है वो,,,,

करण ऑर शिखा को लगा कहीं सोनिया उनके बारे मे जान तो नही गई,,,लेकिन माँ ने बात को संभाल लिया,,,,,,,

अरे कुछ नही बेटी सोनिया का ऑर सन्नी का झगड़ा चल रहा है इसलिए वो गुस्से से उठकर चली गई,,,ये दोनो जब देखो
बच्चों की तारह लड़ते रहते है,,पता नही कब बड़े होगे ये दोनो,,,,इतना बोलकर माँ करण ऑर शिखा को कॉफी देने
लगी,,,

माँ का ध्यान करण की तरफ था जबकि करण भी एक-टक माँ के बूब्स को देख रहा था,,उधर शिखा का ध्यान मामा
की तरफ़ ऑर मामा का ध्यान शिखा की तरफ ,,,,लेकिन मैं ऑर शोभा हर किसी की तरफ देख रहे थे,,,,

तभी करण बोला,,,,,ओह्ह शिट जल्दी कर सन्नी भाई हम लोगो ने लेट हो जाना है कॉलेज के लिए,,,,वो जल्दी से अपनी कॉफी पीने लगा,,,,

लेट क्यू हो जाना है अभी तो बहुत टाइम बाकी है,,,,ऑर वैसे मेरा तो दिल ही नही कर रहा कॉलेज जाने को,,,

सही बोला भाई मत जाओ कॉलेज,,मैं भी तो नही जा रही ,,,,सब घर मे रहके मस्ती करते है,,,,इतना बोलकर शोभा
उठी ऑर मेरे पास आ गई ऑर देखते ही देखते मेरी गोद मे बैठ गई,,,,

माँ ने भी मोका देखा ऑर करण के पास चली गई ऑर जाके करण के सर को पकड़ कर उपर की तरफ मोड़ दिया ऑर खुद खड़ी होके नीचे की तरफ झुक कर करण को किस करने लगी,,,,

शिखा ये देख कर हैरान हो गई थी क्यूकी उसने आज पहली बार देखा था मेरी माँ को ऑर करण को किस करते हुए
वो थोड़ा डरी हुई थी ऑर परेशान थी लेकिन इतने मे मामा भी अपनी चेयर से उठा तो शिखा समझ गई अब उसकी बारी है तो वो भी जल्दी से डरती हुई अपनी चेयर से उठ गई,,,,

अभी शिखा ऑर मामा ने किस शुरू की थी ऑर इधर शोभा ने भी अपने लिप्स मेरे लिप्स मे जकड दिए थे लेकिन इतने मे ही करण ने खुद को माँ से अलग किया,,,,,

आंटी जी अभी जाने दो वापिस आके जो करना है कर लेना,,,इतना बोलकर करण मेरे पास आया ऑर मुझे भी दीदी से अलग कर दिया

इन लोगो को मस्ती करने दो सन्नी भाई हम लोगो का आज कॉलेज जाना बहुत ज़रूरी है,,,आज शर्मा सर ने टेस्ट लेना है ऑर जो स्टूडेंट आज टेस्ट के डर से कॉलेज नही आया उसको नेक्स्ट डे प्रिन्सिपल के ऑफीस मे जाना होगा,,

साला करण की बात सुनके जो हल्की मस्ती चढ़ि थी मुझे वो एक पल मे उतर गई,,,,वो कमीना शर्मा हमारे कॉलेज का
सबसे बड़ा हिट्लर सर था,,,उसके टेस्ट की खातिर जो आज जाना ही होगा कॉलेज,,,,,,मूड तो नही था फिर भी हम लोग जल्दी से वहाँ से कॉलेज की तरफ निकल पड़े,,,,

माँ ने रोकना चाहा हम दोनो को बट हम नही रुके,,,,,

अरे बेटा रुकजा तुझे पता है एक लंड से मेरा कुछ नही होता ,,मुझे एक टाइम पर दो लंड चाहिए,,,,ऑर आज तो तेरा
मामा अकेला है ऑर हम तीन है,,,एक साथ कैसे मज़ा देगा हम सब को,,,,

माँ इन लोगो को जाने दो मैं हूँ ना,,,,शोभा ने हमे जाने का इशारा किया ऑर माँ के करीब चली गई ,,

मैं ऑर करण मोका देख वहाँ से भाग निकले,,,,

हम लोग कॉलेज आए ,,फिर टेस्ट देके करीब 2 अवर्स के बाद फ्री हो गये ,,हम लोगो को जल्दी थी घर जाने की ओर चुदाई
समारोह मे शामिल होने की,,,,

लेकिन हमारे साथ आज फिर कलपद होने वाला था

हम जैसे ही वहाँ से जाने लगे हमने देखा कि कुछ स्टूडेंट एक जगह जमा हो गये थे,,,

मैं ऑर करण भी उस भीड़ के पास चले गये,,,,जहाँ कुछ लोग किसी लड़के को मार रहे थे,,,

हमने आगे जाके देखा तो अमित के दोस्त सुमित की पिटाई कर रहे थे ,,,,पास से कुछ प्रोफ़ेसर लोग भी गुजर रहे थे
लेकिन उन लोगो को कोई रोक नही रहा था,,,ऑर ना ही कोई स्टूडेंट उनलोगो को रोकने की हिम्मत कर रहा था ,,लेकिन मेरी ऑर करण की बात ओर थी,,,,

हम लोग जल्दी उस फाइट का हिस्सा बन गये ऑर उन लोगो की पिटाई करने लगे ,,,पहले वो लोग 8 थे लेकिन जब उन लोगो मे से कुछ की पिटाई करदी मैने ऑर करण ने तो वो लोग 4 ही रह गये,,,,लेकिन उन लोगो मे अमित नही था ,,ये सब उसके चम्चे थे,,

मैने ओर करण ने मिलकर उन लोगो को मारा ऑर सुमित को एक साइड करके बचा लिया ,,फाइट ख़तम हो गई,,,लेकिन गुस्सा ख़तम नही हुआ था,,,

गुस्से से भरे वो लोग वहाँ से जाने लगे लेकिन तभी उन लोगो मे से एक लड़का बोला,,,,

साले आज तो तू बच गया इन लोगो की वजह से लेकिन दोबारा कभी हाथ लगा तो जान से मार दूँगा तेरे को,,,,ये आवाज़ थी' अमित के दोस्त सुरेश की ,,,सुरेश का बाप ऑर अमित का बाप दोनो तगड़े पॉलिटीशियन है ,,,अमित के बाप की तरह सुरेश के बाप का भी पूरा दबदबा है कॉलेज मे,,,इसलिए वो भी अमित की तरह सब लोगो पर रोब झाड़ता रहता है,,,
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