Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 12:34 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रेखा भी मस्ती मे पागलो को तरह मेरे लिप्स को जाकड़ कर चूसने लगी थी ओर अपने मज़े का इज़हार करने
लगी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आअहह उूुउऊहह ईीीसस्क्क्कूऊ क्कीएहहट्थीई
हहाइईइ आस्सल्लीइीइ म्मामज़्जज़जाआ ज्जाब्ब ईकककक हहिईिइ टिइम्मी प्पपीरर 2 म्मूस्साल्ल ईकक स्साटतह
आपपक्कीी कच्छूऊतत ऊओरर गगाणन्दड़ क्कीिई कच्छुद्दाी क्काररतती हहाइईइ आहह हमम्म
उूुउऊहह ीसस्सीए हहिईिइ चछूड्डूऊ म्मूउज़्झहही तुउउंम्म द्दूओन्नूऊओ
ऊओरर त्टीजजििीइ ससीई पफाड्द द्दाल्लूऊ म्मीररर्रृिइ छ्छूऊतत ऊओरर गगाणन्ंदड़ क्कूव क्कू
ररीहहाआंम म्मांत्त क्काररन्ना ऊओरर त्टीजज ऊओररर त्टीजज कचछूड्ड़ूऊव आहह
रेखा की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज होने लगी थी ऑर उसकी सिसकियाँ सुनकर मेरी ऑर मामा की भी स्पीड तेज
होने लगी थी हम दोनो मिलकर रेखा की चुदाई कर रहे थे ऑर काफ़ी टाइम से टिके हुए थे मैदान मे
रेखा भी अब पूरा साथ दे रही थी इस खेल का लेकिन वो ज़्यादा देर टिकी नही रह सकी एक दम से उसकी आवाज़
तेज होने लगी ऑर साथ ही मामा की भी मुझे लगा कि मामा झड़ने वाला है क्यूकी वो तभी आवाज़ करता है
जब झड़ने वाला होता है वैसे वो कुछ नही बोलता चुदाई करते टाइम ऑर साथ ही रेखा की आवाज़ भी तेज थी
इसलिए शायद वो भी झड़ने वाली थी लेकिन मेरा पानी अभी नही निकलने वाला था इसलिए मैं तेज़ी से चोदता
जा रहा था तभी एक जोरदार आवाज़ के साथ मामा झड गया ओर अपने पानी को रेखा की गान्ड मे भरके साइड
मे जाके लेट गया ऑर तेज़ी से साँसे लेने लगा माँ भी मामा की तरफ चली गई ऑर मामा के लंड पर लगे पानी
को अच्छी तरह चाट कर सॉफ करने लगी

इधर मैं अभी भी डटा हुआ था लेकिन अभी मुझे भी लगने लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने
स्पीड तेज करदी ऑर जल्दी से पानी निकालने वाला था लेकिन मेरा पानी निकलने से पहले ही रेखा का पानी निकल
गया ऑर वो मेरे उपर से हटने लगी इस बार मैने उसको नही रोका क्यूकी मैं भी झड़ने वाला था ऑर मेरी
सिसकियाँ तेज होने लगी थी शायद माँ को इस बात का पता चल गया था ऑर माँ जल्दी से मामा के लंड को
सॉफ करके मेरे करीब आ गई तब तक रेखा की चूत पानी छोड़ चुकी थी ऑर रेखा मेरे उपर से उतर
चुकी थी इतने मे माँ ने आगे बढ़ के मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर दोनो हाथों को मेरे लंड पर
तेज़ी से चलाने लगी ओर साथ ही अपने लिप्स से मेरे लंड को टोपी को चुस्ती हुई अपने मुँह को उपर नीचे करने
लगी कुछ ही पल मे माँ के मुँह मे मेरे लंड ने पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ऑर माँ ने मेरे
पानी को पीना शुरू कर दिया मैने माँ के सर को कस्के अपने हाथों से पकड़ा ऑर सर को लंड पर दबा
दिया जिस से लंड माँ के गले से नीचे तक चला गया ऑर मेरे लंड की कुछ पिचकारियाँ सीधा माँ के गले
से नीचे उतर गई थी लंड के पानी निकालने के बाद मैने माँ के सर को छोड़ दिया ऑर माँ ने लंड को
अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया मैं तेज़ी से साँसे ले रहा था क्यूकी बहुत थक गया था माँ भी मेरे
पास लेट गई ऑर मेरे सर पर किस करने लगी ऑर प्यार से हाथ फेरने लगी इतने मे रेखा की तरफ देखा तो वो
अभी तक साँसों पर क़ाबू नही कर सकी थी ऑर तेज़ी से हाँफ रही थी मामा अब तक कुछ ठीक हो गया था
लेकिन आराम से लेटा हुआ था,,,,,,,,

चुदाई ख़त्म हो चुकी थी सब लोग अपनी अपनी साँसों पर क़ाबू कर चुके थे लेकिन काफ़ी टाइम से सब
चुप चाप लेटे हुए थे,,,,,

तभी माँ उठी ऑर अपने कपड़े पहनने लगी

सन्नी--अरे माँ इतनी भी क्या जल्दी है अभी तो मज़ा आना शुरू हुआ था ऑर आप कपड़े पहनने लगी हो थोड़ी देर
रूको ना,,,,,,

माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर अपने ब्लाउस के हुक बंद करने लगी लेकिन बोली कुछ नही लेकिन मैं माँ के
फेस को देख कर सब कुछ समझ गया था,,,माँ कुछ डरी हुई थी ,,पहले तो चुदाई का खेल चल रहा था
इसलिए मैं चुप था ऑर माँ भी मस्ती मे थी लेकिन अब माँ को डर था कहीं मैं माँ से कोई सवाल नही
कर दूं इसलिए माँ थोड़ी डरी हुई थी,,,,,,,

सन्नी--माँ आप डरो नही मैं आपसे कोई सवाल नही करूँगा ,,,,,ऑर ना ही किसी ऑर से,,,सब लोग मेरी तरफ देखने
लगे,,,,,,,,, खास कर माँ,,,,,,,,,

सन्नी-हाँ माँ मैं जानता हूँ आप लोग मेरे से कुछ छुपा रहे हो ,,,उस दिन बातों बातों मे रेखा
ने काफ़ी कुछ बोल दिया था लेकिन कुछ ख़ास बताया नही मुझे ऑर अब आप मेरे से डर रही हो कहीं मैं
कुछ पूछ ना लूँ आपसे तो आप अपने मन से डर निकाल दो ,,क्यूकी मैं तो बस यहाँ मज़ा करने आया
हूँ आप लोगो से कोई पूछ ताछ करने नही आप लोग बेफ़िक्र रहो मेरे से,,,,ख़ासकर आप माँ ,,,मैं
जानता हूँ कोई बात चल रही है आप लोगो के बीच मे जिसको विशाल भाई भी जानता है लेकिन मैं नही
जानता लेकिन ठीक टाइम आने पर मैं भी जान जाउन्गा लेकिन आपसे कभी ज़ोर डालके नही पूछूँगा कोई भी
बात आपको जब भी सही लगे तब मुझे बता देना,,,,,

मैं माँ से बात कर रहा था तभी विशाल भाई का नाम आते ही माँ गुस्से मे रेखा की तरफ देखने
लगी ऑर रेखा ने सर को झुका लिया,,,,

सन्नी--माँ आप रेखा को गुस्से से मत देखो,,मैने बोला ना उसने कुछ नही बताया है मुझे ऑर अब मुझे कुछ
जानना भी नही है मुझे तो बस आपकी चूत ऑर गान्ड का मज़ा लेना है साथ मे रेखा की चूत ऑर गान्ड
का भी,,,इतना बोलते ही मैं उठा ऑर माँ के सर को पकड़ कर उसके फॉरहेड पर किस करदी,,,मेरे ऐसा करते
ही मामा भी बोलने लगा,,,,,,,,,,बेहन अब तो डर दूर कर्दे अपने दिल का अब तो सन्नी ने भी सब कुछ सॉफ
सॉफ बोल दिया है कि जब तेरा दिल करे तब तू खुद उसको सब कुछ बता देना ,,,


इतने मे रेखा भी हमारे पास आ गई,,,,सरिता दीदी मुझे माफ़ करदो जो मेरी ज़ुबान से कुछ बातें
निकल गई लेकिन एक ना एक दिन तो सन्नी को सब पता चलना ही है ,,,,


रेखा ने अभी बोलना शुरू किया था कि तभी माँ थोड़े गुस्से मे बोल पड़ी,,,,तू अपनी बकवास बंद ही
रख तेरी वजह से ही शोबा ,,,,,,,,,,,,इतना बोलते बोलते ही माँ चुप कर गई ओर मेरी तरफ देख कर सर को
नीचे कर लिया,,,,,
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07-11-2019, 12:34 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
ग़लती हो गई सरिता दीदी अब तो माफ़ करदो अब मेरी ज़ुबान नही खुलगी कभी भी किसी के भी आगे,,,,इतने
दिनो बाद इतना मज़ा आया है अब मज़े को खराब मत करो ना प्लीज़ मैं अपनी ग़लती की माफी मांगती हूँ
अब तो माफ़ करदो,,,,,,,,,,सन्नी तुम ही कुछ बोलो अपनी माँ को

मैने माँ के शोल्डर को पकड़ा ऑर माँ के फेस को देखते हुए,,,,माँ अब कोई टेन्षन नही है आप
बेफ़िक्र रहो मैं कुछ नही पूछने वाला आपसे आपका जब दिल करे तब बता देना ,,,अभी तो मज़ा करो
ना मैं वैसे भी आपके साथ मज़ा करने ही यहाँ आया हूँ ,,कल भी आपके साथ आना था लेकिन अपने मेरे
साथ आने से मना कर दिया इसलिए मैने कार की वाइयर निकाल दी थी सोचा कार स्टार्ट करने के बाद शायद आप लोग
मुझे अपने साथ रेखा के पास ले आओ लेकिन आप नही लेके आए,,,आज भी मैं आप लोगो के पीछे इसलिए आया
क्यूकी मेरा दिल बहुत कर रहा था आपसे ऑर रेखा से चुदाई करने को मैं कोई फालतू सवाल जवाब करने नही
आया यहाँ,,,,,,,,,,

माँ--बेटा तू कुछ नही पूछेगा लेकिन ये रेखा की ज़ुबान केँची की तरह चलती है कुछ भी बक देती है ये,,

रेखा--अब नही बोलूँगी सरिता दीदी एक बार माफ़ करदो मुझे,,सरिता माँ से माफी माँगे लगी,,,,

माँ--पहले भी एक बार माफ़ कर चुकी हूँ तेरे को लेकिन तेरी वजह से ,,,,,,,,माँ एक दम से फिर चुप हो गई
माँ गुस्से मे थी लेकिन फिर भी अपने वर्ड्स पर कंट्रोल करना खूब आता था उनको गुस्से मे भी अपने
मुँह से कोई बात नही निकलने दे रही थी वो,,,,,,ये बात अच्छी थी माँ की लेकिन मुझे टेन्षन होने लगी थी
माँ की बातें सुन कर क्यूकी वो बातें अधूरी थी ,,,,,

मामा--अरे बेहन एक बार माफ़ कर्दे रेखा को आगे से कोई ग़लती नही करेगी लेकिन माँ कोई बात नही सुन रही थी
इसलिए मैने जल्दी से आगे बढ़ के माँ के लिप्स को अपने लिप्स से जाकड़ लिया ऑर किस करने लगा मेरी इसी हरकत
से रेखा ने माँ की पीठ पर से माँ के ब्लाउस को खोलना शुरू कर दिया कुछ ही देर मे माँ का ब्लाउस
वापिस चद्दर पर पड़ा हुआ था ऑर माँ ने मस्ती मे मुझे किस करना शुरू कर दिया था,,,

माँ ने मेरे से अलग होके कुछ बोलने की कोशिश की,,,,,,,,,,

सन्नी--अब कोई कुछ नही बोलेगा माँ ,,,आप टेन्षन फ्री हो जाओ ऑर मस्ती करो इतना बोलकर मैने माँ को वापिस
किस करना शुरू कर दिया माँ भी मस्ती मे आके किस का रेस्पॉन्स अच्छी तरह से देने लगी थी,,,,

मेरी बातों से शायद माँ की टेन्षन कम हो गई थी लेकिन माँ की अधूरी बातों से मेरी टेन्षन पहले
से ज़्यादा बढ़ गई थी,,,,

खैर उस दिन हम लोगो ने एक बार फिर से चुदाई का खेल शुरू कर दिया था ,,कभी मामा ने माँ को
ऑर मैं रेखा को छोड़ा तो कभी मामा ने रेखा को ओर मैने माँ को छोड़ा,,,,,,,,तो कभी कभी मैने
ऑर मामा ने मिलकर माँ को तो कभी मिलकर रेखा को छोड़ा उस दिन हम शाम के 7 बजे तक चुदाई करते
रहे,,,,


हम लोग खाने के टाइम से लेट हो गये थे,,माँ तो जाने को बोलती रही लेकिन मैं मामा ऑर खास कर
रेखा का दिल नही भर रहा था चुदाई से इसलिए हम लोग लेट हो गये,,,

रात को जब वापिस घर आए तो मैने कार को नये घर मे लगा दिया ऑर फिर फ्रेश होके चाचा के घर
चला गया,,,

तब तक माँ रसोई मे जाके खाना तैयार करने लगी थी ऑर चाची रसोई मे माँ के पास खड़ी होके माँ
की हेल्प कर रही थी,,,,,,

मैं भी रसोई मे चला गया ,,,ऑर जाते ही मुझे झटका लगा,,,,,अरे ये क्या मामा आज रसोई मे खड़ा हुआ
माँ ऑर चाची जी की हेल्प कर रहा है,,,,ऑर सब्जी बना रहा है,,,,मैं तो दंग रह गया कि जो बंदा हर
टाइम चरस के नशे मे रहता था कोई काम नही करता था आज वो रसोई मे खाना बना रहा है ,,
फिर मुझे लगा कि आज शायद लेट हो गये थे हम लोग इसी वजह से मामा उन लोगो की हेल्प कर रहा था

चाची--बेटी जल्दी कर आज वैसे भी खाना पकने मे देर हो गई है,,,,,

माँ--ग़लती हो गई चाची जी वो मैं ,,,,,,,,,,

माँ कुछ बोलती इस से पहले मैं बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,,चाची जी मेरी वजह से लेट हुए है हम लोग माँ ऑर
मामा तो कब्से बोल रहे थे वापिस घर आने को लेकिन मुझे गाओं मे घूमना था इसलिए थोड़ा लेट
हो गये,,,,,,

चाची ने मेरे सर पे हाथ फेरा,,,,,,कोई बात नही बेटा एक दिन हम बूढ़े लोग खाना लेट खा लेंगे
तो कोन्सि आफ़त आ जाएगी,,इतना बोलकर चाची हँसती हुई किचन से बाहर चली गई,,,,,

तभी माँ ने मुझे कुछ बर्तन दिए ऑर बोला की मैं बाहर टेबल पर बर्तन सेट करके लगा दूं बाद
मे माँ आके खाना लगा देगी लेकिन मेरे बर्तन पकड़ने से पहले ही सोनिया ने माँ के हाथ से बर्तन
पकड़ लिए ऑर कुछ बोले बिना जल्दी से बाहर आके टेबल ऑर चारपाई को सेट करके टेबल पर बर्तन रख दिए
ऑर माँ भी खाना लेके बाहर आ गई सोनिया उनकी हेल्प करने लगी जब तक चाची भी आके वहाँ बैठ गई ऑर
मामा भी रसोई से बाहर आके हाथ धो कर हमारे पास आ गया था,,,,


हम सब लोग खाना खाने लगे अभी मैने खाने का एक नीवाल मुँह मे डाला था कि खुश हो गया साथ
मे थोड़ा हैरान भी रह गया,,,,,क्यूकी आज सब्जी बहुत स्वाद बनी थी ऑर ये सब्जी मामा ने बनाई थी

अरे सुरिंदर बेटा आज तो तूने बहुत अच्छी सब्जी बनाई है ,,मज़ा आ गया,,,चाची ने भी एक नीवाला मुँह मे
डालते ही मामा की तारीफ करनी शुरू करदी,,,,तभी सोनिया भी हैरानी से मुँह खोलके मामा की तरफ देखने
लगी,,,,,,,,,,,,,,

चाची क्या सच मे सब्जी मामा ने बनाई है,,,,,,,,सोनिया हैरान होके पूछ रही थी,,,

चाची--हाँ बेटी आज सब्जी तेरे मामा ने बनाई है ,क्यू अच्छी नही लगी क्या,,,,

सोनिया--नही नही चाची जी सब्जी बहुत टेस्टी है मैं तो हैरान इसलिए हूँ क्यूकी आज तक कभी मैने मामा के
हाथ की सब्जी नही खाई थी ऑर खाती भी कैसे मामा ने कभी बनाई होती तो ही खाती ना,,,,

चाची--अरे बेटी तेरा मामा शुरू से ही आलसी है जब दिल करे तब ही कुछ काम करता है,,,,इतना बोलते ही चाची
हँसने लगी ऑर साथ मे हम सब भी,,,,,,लेकिन जब भी काम करता है तो दिल लगा कर करता है ऑर ख़ासकर
खाना तो बहुत दिल लगा कर बनाता है लेकिन जब भी मूड करे तब,,,,,

लेकिन चाची घर पे तो कभी मामा ने कुछ नही बनाया खाने के लिए,,,,सोनिया ने चाची को बोला

अरे बेटी बोला ना जब इसके दिल करे तब ही बनाता है ,,,,,,,




मैं हैरान था कि माँ चुप थी लेकिन चाची बोल रही थी जैसे चाची माँ से बेहतर जानती हो मेरे
मामा को,,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था एक तो दिन के टाइम माँ की अधूरी बात ने मुझे टेन्षन
मे डाल दिया था ऑर अब चाची की बातों ने टेन्षन को ऑर ज़्यादा बढ़ा दिया था,,,

खैर मैं टेन्षन को भूल कर मजेदार सब्जी का लुफ्त उठाने लगा था ऑर आज तो मैं कुछ ज़्यादा ही
खाना खा गया था,,,ऑर यही हाल बाकी सब का था ,,,सब लोग खाना खाते हुए मामा की तारीफ कर रहे थे
जबकि मामा खुद चुप चाप खाना खा रहा था,,,,,,,,मैं सोचने लगा कि एसा आलसी बंदा जो एक वर्ड
बोलकर सबको थॅंक्स नही बोल पा रहा उसने रसोई मे जाके इतनी स्वादिष्ट सब्जी कैसे बनाई होगी,,,,

रात को खाना ज़्यादा खा लिया तो नये घर की छत पर जाके कुछ टहलने लगा था ताकि खाना थोड़ा नीचे
हो ऑर मैं जाके आराम से सो सकूँ क्यूकी मुझे नीचे हाल मे सोना था जहाँ बहुत गर्मी थी पेट फुल
भरा होने की वजह से भी नींद नही आएगी इसलिए कुछ सैर करने उपर आ गया था,,,,,अभी सैर करने ही
लगा था कि सोनिया भी उपर आ गई ऑर आते ही मुझे देख कर मेरे से थोड़ा दूर चली गई ऑर सैर करने
लगी मैने देखा कि उसके हाथ मे उसका मोबाइल था जिस पे वो किसी से चॅट कर रही थी ,,,,मैने उसकी तरफ
ज़्यादा ध्याना नही दिया ओर सैर करके थोड़ी देर मे वापिस नीचे आके लेट गया,,,,,,पेट भरा होने की वजह
से कब नींद आ गई पता नही चला,,,,,,,

सुबह उठा ऑर नीचे रूम मे गया सोनिया वहाँ नही थी ,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर फ्रेश होके चेंज
करके बाहर आ गया बाहर आके देखा तो बेड पर बॅग पॅक करके रखा हुआ था ये बॅग तो सोनिया का था ,,
शायद वो वापिस जा रही थी लेकिन क्यूँ ,,कहीं मेरी वजह से ,,,,मुझे डर लगने लगा था क्यूकी अगर वो मेरी
वजह से वापिस जा रही थी मेरे लिए मुसीबत थी,,,,,

खैर मैं वहाँ से चाचा जी के घर चला गया ,,,,,सब लोग चाचा जी के रूम मे बैठ कर बातें कर रहे
थे मैं भी वहाँ जाके बैठ गया,,,,,,,

अच्छा हुआ बेटा आज तू जल्दी उठ गया ,,मुझे लगा आज भी कहीं देर से ना नींद खुले तेरी,,,,अब तू बैठ ऑर मैं
तेरे लिए नाश्ता बना देती हूँ इतना बोलके माँ रूम से बाहर चली गई,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता चाचा जी
बोलने लगे,,,,,,,,,,,

अभी तो आए हो तुम लोग ऑर अभी चले जाओगे ,,,कुछ दिन ऑर रुक जाते अपने चाचा का पास थोड़ा ऑर दिल बहल जातामेरा,,,चाचा जी ने मेरा हाथ पकड़ कर बोलते हुए मुझे अपने सीने से लगा लिया,,,,मैं कुछ समझ नही पा
रहा था ,,,,,
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07-11-2019, 12:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
चाचा जी रुकने को तो रुक जाते हम लोग लेकिन रात को मेरी फ्रेंड कविता का फोन आया था कि कॉलेज से ऑर ज़्यादा
छुट्टियाँ नही मिल रही है इसलिए आज ही वापिस जाना होगा वर्ना मुश्किल हो जाएगी,,,,सोनिया ने मेरी तरफ गुस्से मे
देखते हुए चाचा जी की बात का जवाब दिया,,मैने झट से अपना चेहरा चाचा जी की तरफ कर लिया,,,,,

चाचा--ठीक है बेटा आज नही रोकता तुम लोगो को क्यूकी तुम लोगो की स्टडी ऑर कॉलेज का सवाल है अगर कोई ऑर बहाना करती तुम तो नही जाने देता मैं तुम लोगो को,,,तुम लोगो के आने की वजह से तो दिल बहला है मेरा एक नई उम्मीद जागी है दिल मे जीने की वर्ना मैं बूढ़ा बंदा जी के क्या करता,,,,अब तो चले जाओ लेकिन जल्दी ही तुम लोगो को फिर से वापिस आना होगा,,,,,,

सन्नी--फिर से क्यू चाचा जी,कोई ख़ास बात है क्या,,,,,,,,,,

हाँ बेटा कोई खास बात है लेकिन अगर खास बात नही होती फिर भी तुम लोगो को आना ही पड़ेगा अपने बूढ़े
चाचा से मिलने के लिए,,,,,चाचा ने हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,

मैं तो जब आप बोलो तब आने को तैयार हूँ चाचा जी बस आप हुकम किया करो,,,,,,,,,,,,वैसे वो ख़ास बात क्या
है जिसकी वजह से हमे फिर से आना होगा चाचा जी,,,मैने चाचा जी से पूछा,,,,,,,,

चाचा--वो तो मैं तभी बताउन्गा जब तुम लोग आओगे,,,,,,,,

इतने मे माँ नाश्ता लेके आ गई ऑर मैं वहीं बैठ कर नाश्ता करने लगा ऑर साथ साथ हम लोग बातें करने
लगे,,,,,,,,हमारे जाने की वजह से चाचा जी बहुत उदास थे ऑर चाचा जी की हालत देख कर चाची भी बहुत
उदास थी,,,,,,,,,लेकिन अब मैं रुक भी नही सकता था क्यूकी सोनिया ने पहले से सबको बोल दिया था कि मैं भी
उसके साथ जाने वाला हूँ ऑर वैसे भी कार तो मुझे ही चलानी थी उसको घर से लेके भी तो मैं ही आया था,,,,

हम लोगो को तो आज ही जाना था लेकिन माँ ऑर मामा जी अभी ऑर 2-4 दिन यहीं रुकने वाले थे,,,,,,,,,,,

नाश्ता करके सब लोगो से मिलकर मैने कार को घर से बाहर निकाला तब तक सोनिया अपना ऑर मेरा बॅग पहले से ही
कार मे रख चुकी थी,,,,मैं सबसे मिला ऑर कार की ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गया ऑर सोनिया सबसे मिलने के बाद
मेरी साथ वाली सीट पर बैठ गई ,,मैने कार स्टार्ट की ऑर हम लोग वहाँ से चल पड़े ना तो मैं सोनिया की तरफ
देख रहा था क्यूकी डर लगता था मुझे ऑर ना ही सोनिया मेरी तरफ देख रही थी उसका ध्यान तो खिड़की से बाहर
की तरफ़ था तभी हम लोग घर से करीब 2 किलोमेटेर आगे ही आए थे कि उसने मुझे कार रोकोने को बोला ,,,

मैने कार रोक दी ओर वो कार से उतर कर पीछे वाली सीट पर जाके बैठ गई,,,,मैं समझ गया कि वो मेरे से
गुस्सा है ओर मेरे साथ नही बैठना चाहती ,,घर वालो के सामने वो मेरे साथ बैठ गई थी ताकि कोई उस से कोई
सवाल ना करे लेकिन घर से थोड़ी दूर आते ही वो पीछे जाके बैठ गई,,,मुझे इस बात से कोई हैरत नही हुई
मुझे तो लगा था कि वो मेरे साथ नही जाएगी घर वापिस ऑर बस मे अकेली जाएगी लेकिन उसने ऐसा नही किया ऑर
मेरे साथ ही वापिस घर आने को तैयार थी लेकिन पीछे वाली सीट पर बैठ कर,,,,,,खैर मुझे क्या मैं तो पहले
से उदास था अब सोनिया की इस हरकत से थोड़ा ऑर उदास हो गया,,,,पहली वजह तो थी रेखा ,मैं उसकी मस्त गान्ड
का दीवाना हो गया था ऑर जी भरके उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन इस सोनिया की वजह से मुझे उस मस्त ऑर
रसीली गान्ड से दूर जाना पड़ रहा था ऑर उपर से ये कामिनी खुद जाके पीछे वाली सीट पर बैठ गई ऑर मुझे
अपना ड्राइवर बना लिया मेरा मूड थोड़ा खराब हो गया इसीलिए मैने दिल बहलाने के लिए कुछ सॉंग प्ले
कर लिए ऑर अपनी ही मस्ती मे सॉंग सुनता हुआ ड्राइव करने लगा ड्राइव करते हुए मेरा ध्यान उपर वाले मिरूर पर
गया जिस से हम लोग पीछे से आने वाले ट्रेफ्फिक पर नज़र रखते है उस मिरूर पर नज़र पड़ते ही होश खो गये
मेरे एक ही पल मे मस्ती भरने लगी मेरे दिल मे एक तो कार मे रोमॅंटिक सॉंग प्ले था ऑर उपर से पीछे वाली
सीट पर बैठ कर सोनिया ने अपने बालों को खोल दिया था ऑर खिड़की से बाहर देख कर उस सॉंग के वर्ड्स मे
खो गई थी उसकी खुली जुल्फे हवा मे इधर उधर उड़ने लगी थी जिसको वो बार बार अपने माथे से हटा कर
कान की एक साइड पर अटका लेती थी लेकिन लेकिन वो बालों की एक लट उसको बार बार तंग कर रही थी विंडो का शीशा ओपन था ऑर वो गाओं की ठंडी हवा का लुफ्त उठा रही थी लेकिन वही ठंडी हवा उसको तंग कर रही थी उसकी
ज़ुल्फो की एक लट जो बार बार उसके कान की साइड से फिसल कर निकल जाती ऑर उसके माथे पर लहराने लगती जिसको वो बड़े प्यार से फिर से कान की साइड पर अटका लेती लेकिन वो लट भी उसकी तरह ज़िद्दी थी जो उसका कहना नही मान रही थी ऑर बार बार उसको तंग कर रही थी सोनिया भी तंग तो हो रही थी लेकिन रोमेंटिक सॉंग ऑर गाओं की ठंडी हवा ने उसके गुस्से को कंट्रोल मे किया हुआ था,,,लेकिन मुझे ये सब देख कर बहुत मज़ा आ रहा था मैं बार बार
मिरूर मे नज़रे बचा बचा कर उसे देख रहा था जब भी वो मेरी तरफ देखती तो मैं अपना ध्यान ड्राइविंग की
तरफ कर लेता जब वो फिर से बाहर गाओं की हवा का लुफ्त उठाने लगती तो मैं भी उसको देख देख कर उसकी
मासूमियत से भरे चहरे का दीदार करके लुफ्त उठाने लग जाता था,,,,उसकी भोली भाली शकल देख कर कोई
सोच नही सकता कि इस लड़की का गुस्सा हिट्लर से भी कहीं ज़्यादा हो सकता है लेकिन ये सच था उसके गुस्से से मैं
क्या मेरी पूरी फॅमिली डरती थी,,,,ऐसे ही उसका दीदाए करते करते हम लोग घर पहुँच गये हम लोग रास्ते मे
एक बार रुके थे कोल्ड्रींक्स लेने क लिए लेकिन तब भी सोनिया कार से नही उतरी थी मैं ही उतर कर कोल्ड्ड्रिंक्स लेने
गया था वो तो गुस्से से मुँह फूला कर आराम से पिछली सीट पर बैठी रही थी,,,,,,,,

घर पहुँचे तो 7 बज चुके थे ,,घर के गेट के पास मैने कार रोकी तो सोनिया ने उतर कर गेट खोला फिर मैं
डोर की बेल बजाने लगी तब तक मैं कार को घर के अंदर ले आया,,,शोबा दीदी ने दरवाजा खोला ऑर सोनिया जल्दी से
अंदर चली गई ऑर मैं अपना ऑर सोनिया का बॅग लेके घर के अंदर आ गया मेरे अंदर आते ही शोबा दीदी मुझे
गले लग्के मिली फिर चाचा जी का हाल चाल पूछते हुए मेरे से एक बॅग पकड़ लिया ऑर हम लोग बातें करते हुए
उपर वाले फ्लोर पर चले गये ,,,,,,,,उपर भुआ किचन मे काम कर रही थी जबकि डॅड सोफे पर बैठ कर टीवी देख
रहे थे ,,,,,,,,मैं ऑर दीदी मे रूम मे चले गये तब सोनिया वॉशरूम मे जा चुकी थी मैने ऑर दीदी ने बॅग को
रूम मे रखा ओर फिर मैं फ्रेश होने के लिए शोबा दीदी के रूम मे आ गया ऑर शोबा दीदी भी मेरे साथ वहाँ
आ गई,,,,,,मैं मुँह हाथ धोकर बाहर निकला तो देखा कि शोबा दीदी रूम का दरवाजा बंद कर चुकी थी मैं
समझ गया कि ये क्या चाहती है लेकिन मैं अभी मूड मे नही था क्यूकी काफ़ी लंबी ड्राइव करके मैं थक गया
था शोदा दीदी ने भी मेरे चहरे पर थकान के असर को देख लिया,,,,,

मैं जानती हूँ तू थक गया है लेकिन क्या करू मेरी चूत तेरे बिना बहुत तड़प रही है दीदी ने अपने पयज़ामे
को मेरे सामने ही नीचे किया ऑर नंगी चूत मेरे सामने करदी उन्होने पयज़ामे के नीचे पेंटी नही पहनी
हुई थी दीदी की चिकनी शेव की हुई चूत देख कर मैं मस्त होने लगा लगता था दीदी ने अभी अभी शेव किया
था चूत पर,,,,मुझे मस्ती तो चढ़ने लगी थी लेकिन मेरी थकान मेरी मस्ती पर भारी पड़ी ओर मैने दीदी
को साइड किया ऑर दरवाजा खोल कर रूम से बाहर चला गया,,,,,

मैं सीधा जाके सोफे पर डॅड के साथ टीवी देखने लगा,,,,,ये सोफा सेट ऑर टीवी नया लग रहा था मेरे को,,,,,,,,,क्यूकी
पहले यहाँ की सारी जगह खाली थी,,,बस किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पड़ा हुआ था,,,,सोफे ऑर टीवी नही था ,,,ये सोफा
भुआ के ड्रॉयिंग रूम वाला सोफा भी नही था,,,,

सन्नी--अरे डॅड ये सोफा ऑर टीवी न्यू है क्या,,,,,,,,,,,,

तभी डॅड के बोलने से पहले भुआ बोल पड़ी,,,,,,,,,,हाँ सन्नी बेटा ये टीवी ऑर सोफा सेट बिल्कुल न्यू है ,कल ही लेके आए है हम लोग,,वो क्या है ना एक टीवी तो ड्रॉयिंग रूम मे पड़ा है लेकिन ये जगह खाली खाली थी तो सोचा क्यू ना यहाँ भी सोफा ऑर टीवी रख लिया जाए ,इतना बोलकर भुआ वापिस किचन मे चली गई ऑर खाना लगाने के लिए शोबा को भी आवाज़ लगा दी तभी शोबा अपने रूम से निकली ऑर मेरी तरफ थोड़ा गुस्से से देखती हुई किचन मे भुआ के पास चली गई,,,,,,,,

भुआ ऑर शोबा ने खाना लगा दिया ऑर इतने मे सोनिया भी नहा धो कर बाहर आ गई ,,,हम लोग बैठ कर खाना
खाने लगे ,,,,,,,,,,आज भुआ ने खाना कुछ जल्दी ही बना लिया था शायद खाना ख़ाके इन लोगो का मस्ती करने का
प्रोग्राम था इसलिए ,,,,,,,,

भुआ ने भी खाना खाते हुए चाचा जी के बारे मे पूछा लेकिन डॅड ने एक बार भी उनका जिकर नही किया ,,,,,
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07-11-2019, 12:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
खाना खाने के बाद शोबा दीदी बोली,,,,,,,,डॅड अब मैं जाउ क्या अब तो सन्नी भी आ गया है,,,,,,,,

डॅड--हाँ बेटी अब तुम जाओ अब मुझे कोई टेन्षन नही है सन्नी जो तेरे साथ होगा,,,,,,,,

मैं कुछ समझ नही रहा था लेकिन शोबा बहुत खुश थी,,,,,,पता नही क्यूँ,,,,,,

कहाँ जाना है दीदी,मैने शोबा दीदी से पूछ ही लिया,,,,,,,,,लेकिन जवाब मिला मुझे डॅड से,,,,,

डॅड--अरे बेटा इसको अपनी शेली के बर्थडे पर जाना है मेरे से ज़िद्द कर रही थी साथ जाने को लेकिन मैं नही जा सकता
अब तुम आ गये हो तो तुम ही ले जाओ इसको बर्तडे पार्टी मे ,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन डॅड मैं तो बहुत थक गया हूँ ड्राइव करके,,,,,,,,,,

शोभा--मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे को साथ लेके जाने का वो तो डॅड ने बोला इसलिए,,,,,,,,

सन्नी--हाँ हाँ मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे साथ तेरी किसी स्टुपिड शेली के घर जाने का,,,,,,अकेली चली जा तू,,,,

तभी डॅड,,,,तुम दोनो बच्चों की तरह लड़ना बंद करो ..........

इधर डॅड ने मुझे हल्का गुस्से से देखा ऑर उधर सोनिया उठकर अपने रूम मे चली गई तभी मैने शोबा की
तरफ देखा तो वो मेरे को आँख मार रही थी मैं कुछ समझा तो नही लेकिन इतना ज़रूर पता लग गया कि दाल मे
कुछ तो काला है,,,,,,,,,,

सन्नी--ठीक है डॅड मैं चला जाता हूँ दीदी के साथ,,,,,

तभी दीदी अपने रूम मे गई ऑर एक छोटा सा पालस्टिक का बॅग लेके आ गई,,,,,,,,,,,चलो सन्नी चलते है,,,,

अरे बेटी तू ऐसे ही टी-शर्ट ऑर पयज़ामे मे जाएगी क्या,,,,,,,,,डॅड ने दीदी के कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए बोला,,

शोभा--हाँ डॅड यहाँ से ऐसे ही जाउन्गी ऑर पार्टी उसके घर पर नही है उन लोगो ने कोई रिज़ॉर्ट बुक किया है पार्टी वहीं
है ,,,,मेरी बाकी सहेलियाँ भी वहीं होंगी उन्ही के साथ मिलके तैयार हो जाउन्गी उसी के घर मे,,,,,इस से पहले डॅड
या कोई ऑर कुछ बोलता दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे मेरे रूम मे जाके कोई अच्छे कपड़े लेके आने को बोला ऑर
मैं भी बिना कुछ बोले अपने रूम मे चला ,,,,,,रूम मे सोनिया फोन पर किसी से बात कर रही थी बातों से
लग रहा था कि वो कविता से बात कर रही है,,,,,,,,मैने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर कपड़े लेके बाथरूम
मे गया ऑर चेंज करके बाहर शोभा के पास चला गया,,,,,,,,

अरे इतना टाइम क्यू लगा दिया ,,,,,ऑर कपड़े चेंज करने को किसने बोला था उन्ही कपड़ो मे चलता मेरे साथ ऑर
वहीं जाके चेंज कर लेता,,,,,दीदी हल्के गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,

डॅड--तो ठीक है ना इसने यहीं चेंज कर लिया ये बेचारा तेरी शेली के घर कैसे चेंज करता,,,,तुम तो अपनी दोस्तो के
साथ मिलकर चेंज कर लेती पर ये बेचारा,,,,,,,,,,

शोभा--ठीक है डॅड ,,अछा किया जो इसने चेंज कर लिए,,,,,,,,अब ज़्यादा टाइम नही है वर्ना देर हो जाएगी,क्या हम लोग
चले सन्नी,,,,,,,,इतना बोलते ही वो नीचे जाने लगी तभी सोनिया अपने रूम से निकल कर बाहर आ गई,,,,,,,,

रूको दीदी,,,,,,सोनिया की आवाज़ सुनकर मैं ओर शोभा रुक गये,,,,,,,,,,

आप लोग कहाँ जा रहे हो दीदी,,,,,,,सोनिया ने शोबा से पूछा,,,,,,,,

शोभा--मेरी एक फ्रेंड का बर्थ डे है वहीं जा रहे है,,,,,,,,

दीदी मुझे भी साथ ले चलो ,सोनिया ने दीदी को बोला,,,,,

सोनिया की बात सुनके दीदी थोड़ा गुम सूम हो गई,,,,,,,,,,अरे तू भी मेरे साथ जाना चाहती है क्या,,,,तो चल मेरी
फ्रेंड्स तुझे मिलकर खुश होंगी,,,,,,,,शोभा सोनिया को लेके जाने को तैयार नही थी बस सबके सामने उसको लेके जाने
का बहाना कर रही थी,,,,,,,,,वो उसके चहरे से सॉफ पता चल रहा था,,,,,,,,,,

सोनिया-नही दीदी मुझे आपके साथ नही जाना मुझे तो कविता के घर जाना है आप लोग मुझे वहाँ ड्रॉप कर देना,,,,

इतना सुनते ही शोबा ने चेहरे पर चैन की खुशी झलकने लगी,,,,,हाँ हाँ क्यूँ नही हम तुझे ड्रॉप कर देंगे
इतना बोलते शोबा जल्दी से नीचे की तरफ आ गई ऑर उसके पीछे मैं मेरे पीछे सोनिया थी,,,,,,,

मैने कार स्टार्ट की शोबा मेरे साथ बैठ गई और सोनिया पीछे वाली सीट पर,,,,,,,,,हम घर से चल पड़े ऑर भुआ ने
दरवाजा ऑर गेट लॉक कर लिया,,,,,,,,,,मैने सोचा कि आज तो डॅड ऑर भुआ अकेले है घर पे आज तो फुल नाइट मस्ती
होगी ,,लेकिन थोड़ी टेन्षन भी थी कि ये शोबा मुझे कहाँ लेके जा रही थी,,,उसने मुझे आँख मार कर किसी बात
का इशारा तो किया था लेकिन ये नही बताया था कि बात क्या है,,,,,

तू आज कविता के घर जा रही है कुछ गड़बड़ है क्या,शोबा ने सोनिया को पूछा,,,,

सोनिया--हाँ दीदी वहीं गड़बड़ है जो हमेशा होती है ,,उसका फोन आया था आज तो बात कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है,,
कविता रो रही थी फोन पर,,,,,,,,,,

आज क्या बात हुई वही पहले वाला पंगा हुआ क्या,,,,,,शोबा ने पूछा,,,

सोनिया ने कोई जवाब नही दिया ऑर शोबा को मेरी तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को बोला,,,फिर किसी ने कोई
बात नही की ऑर हम लोग कविता के घर पहुँच गये,,,,,,सोनिया उतरी ऑर कविता के घर चली गई ऑर शोबा ने मुझे
वहाँ से कार वापिस घर की तरफ मोड़ने को बोला ऑर मैने कार वापिस मोड़ ली,,,,लेकिन दीदी ने तो अपनी शेली के घर
जाना था तो वापिस घर की तरफ जाने को क्यूँ बोला,,,,,खैर मैं वापिस घर की तरफ चलने लगा,,,,,

दीदी कविता के घर मे क्या पंगा चल रहा है,,,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,,,,,

शोभा--कुछ नही सन्नी उनकी फॅमिली मे थोड़ी प्राब्लम चल रही है बस ऑर ज़्यादा कुछ नही,,,,

सन्नी--कैसी प्राब्लम दीदी,,,,,,,मैने अक्सर देखा है कविता रोती रहती है,,,कोई सीरीयस प्राब्लम है क्या,,,,,,

तुझे बड़ी पड़ी है कविता के घर की ,,आख़िर बात क्या है,,,,दीदी ने हँसते हुए मस्ती मे पूछा ऑर मेरी टाँग पर
हाथ रख दिया,,,,,

सन्नी--अच्छा दीदी आपने कार घर की तरफ क्यू मोडने को बोला,,,,,,,,क्या बर्थडे पार्टी मे नही जाना,,,,

दीदी हँसने लगी,,,,,अरे बुद्धू पार्टी मे ही तो जा रहे है,,,,मेरी फ्रेंड का घर अपने घर से दूसरी तरफ है इसलिए
घर की तरफ जाने को बोला घर जाने को नही बोला,,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने अपने हाथ को टाँग से उठा कर मेरी
पैंट की ज़िप पर लंड के उपर रख दिया,,,,,दीदी का हाथ लगते ही लंड उछलने लगा एक दम से,,,,,

अभी घर मे तो बोल रहा था बहुत थक गया हूँ ऑर अभी मेरा हाथ लगते ही लंड को उछलने लगा है,,,दीदी ने
हँसते हुए लंड को हाथ मे लेके पॅंट के उपर से दबा दिया,,,,

सन्नी--क्या करूँ दीदी आप के हाथ लगते ही इसको मस्ती चढ़ने लगती है ऑर ये कितना भी थका हुआ क्यूँ ना ही आपकी सेवा करने क लिए हाजिर हो जाता है,,,,मैने भी हल्की मुस्कान के साथ दीदी की बात का जवाब दिया,,,, लेकिन दीदी आपने मेरा काम नही किया अभी तक,,,,

शोभा--कॉनसा काम सन्नी,,,,,,,,,,

सन्नी--वही दीदी,,,,,,,कि मैने आपके लिए एक मूसल लंड की तलाश करूँगा ऑर आप मेरे लिए किसी नई चूत की तलाश
करोगी,,,,,,,,,मैने तो करण का लंड तैयार किया है आपके लिए आप भी माँ की चूत को तैयार करो ना मेरे लिए,,,

शोभा--मैने भी तो तेरे लिए चूत की तलाश की है सन्नी,,,,,,,,,,हाँ ये फ़र्क ऑर है कि वो चूत माँ की नही किसी ऑर की थी,,

सन्नी--किसकी बात कर रही हो आप दीदी,,,,,,,,,,,,

दीदी--वही चूत की जिसकी तू गाओं मे अच्छी तरह से चुदाई करके आया है,,,,,,रेखा की चूत,,,,,,

सन्नी--मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,क्या दीदी रेखा की चूत आपने तैयार की मेरे लिए,,,,,

शोभा-ऑर नही तो क्या,,,,,जब मेरी बात हुई थी उसके साथ कि तुम गाओं आ रहे हो सोनिया को लेके तो उसने मुझे बोला
कि सोनिया को मत भेजो ऑर तुम खुद वहाँ आ जाओ ,,,,वो मेरी चिकनी चूत को चाटना चाहती थी लेकिन मैने
उसको बोला कि मेरा अभी आना मुश्किल है ऑर वैसे भी मैं एक शर्त पर आउन्गी गाओं उसको अपनी चूत चटवाने
अगर वो तेरे मूसल का अच्छी तरह से ख्याल रखेगी,,,,,ऑर वो मान गई,लेकिन उसने तेरा क्या ख्याल रखा मैने
सुना है तूने उसकी चूत का बहुत अच्छे से ख्याल रखा ,,,,,,,,,,,ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,


सन्नी--सच मे दीदी वो सब आपकी प्लानिंग थी ,,,,,,,,,

शोभा--हाँ सन्नी वो मेरी प्लानिंग थी,,,,,,

सन्नी--तो क्या वो सब बातें भी आपने बोला था उसको मुझे बातें को,,,,

दीदी थोड़ा हैरान होके,,,,,,,,,,,,कॉन्सी बातें सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--वहीं बातें दीदी जो वो जानती है,,,और शायद आप भी जानती हो,,,,,,

शोभा--मुझे कुछ समझ नही आ रहा सन्नी तू क्या बोल रहा है,,,,,शोबा सच मे ऐसे बोल रही थी जैसे कुछ जानती
ही नही ,,,,,,,,,,

सन्नी--दीदी मैं बच्चा नही हूँ सब जानता हूँ,,,,,,,,,,,उसने मुझे बहुत कुछ बताया है,,,,,,

दीदी चुप हो गई,,,,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा उसने क्या बताया है तुझे,,,,,दीदी ने अपना फेस दूसरी तरफ़
टर्न कर लिया ऑर हाथ भी मेरे लंड से हटा लिया,,,,,,

मैने दीदी के फेस को अपने हाथ से पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ टर्न कर दिया,,,दीदी उसने मुझे बताया कि वो भी भुआ के
साथ वो सब करती है जो भुआ आपके साथ करती है,,,,मैने बात को घुमा दिया क्यूकी मैं दीदी के मुँह से सब
सुनना चाहता था,,,,,,लेकिन उसने इतना भी बताया कि आप वहाँ कभी नही गई हो उसके साथ चुदाई करने,,लेकिन
भुआ तो काफ़ी आती जाती रहती है उसके पास,,,,,,,,

हाँ सन्नी मुझे टाइम नही मिलता इसलिए नही जाती मैं,,,,,ऑर क्या बताया उसने ,,,,,,दीदी थोड़ी घबराई हुई थी,,

सन्नी--ऑर तो कुछ नही बताया उसने दीदी,,,,,,,,मैने बात को टाल दिया,,,

शोभा--शूकर है ,,भुआ कहती है कि उस औरत की ज़ुबान बहुत चलती है कुछ भी बकती रहती है वो,,,,अच्छा हुआ तेरे
सामने कुछ ज़्यादा नही बोली वो,,,,वर्ना ,,,,,,,,,दीदी फिर से चुप हो गई,,,,

सन्नी--वर्ना क्या दीदी,ऐसी क्या बात है जो आप जानते हो ऑर मैं नही जानता,,,,,,,,,

शोभा--बहुत बातें है सन्नी लेकिन अभी नही एक सही टाइम आने पर तुझे भी पता लग जाएगी,,,,,अभी तू बस कार ड्राइव
कर ,,,,,,,,,

फिर दीदी चुप हो गई ऑर मैं भी चुप हो गया,,,लेकिन इतना तो पता चल गया कि दीदी भी शायद काफ़ी कुछ जानती है
जैसे विशाल भाई जानता है,,,,,,,,,विशाल को माँ ऑर मामा ने बताया होगा जबकि दीदी को भुआ ऑर डॅड ने ,,,लेकिन एक
मैं ही था जिसको कुछ नही पता था,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हाँ एक थी सोनिया जो इन सब से अंजान थी अभी तक,,,,,,,,,दीदी
रास्ता बताने लगी ऑर मैं कार ड्राइव करता रहा,,,,,,लेकिन ये रास्ता तो जाना पहचाना लग रहा था,,,,,,,ऑर जब मंज़िल
पर पहुँचे तो मंज़िल भी जानी पहचानी थी लेकिन मंज़िल पर जो खड़ा हमारा सावगत कर रहा था वो बहुत
ही ज़्यादा जाना पहचाना लगा ऑर बहुत ज़्यादा हसीन भी था,,,,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग करण के घर पहुँच गये थे ऑर गाते पर शिखा दीदी नाइटी पहने हमारा इंतेज़ार कर रही थी,,मैं
समझ गया कि दीदी ने डॅड के सामने मुझे आँख क्यू मारी थी,,,उनकी किसी फ्रेंड का बर्थडे नही था वो तो मुझे
करण के घर लेके आना चाहती थी,,,गेट पर कार रुकते ही दीदी कार से निकली ऑर शिखा के गले लग गई ऑर दोनो ने
मिलकर गेट खोला ऑर मैं कार को घर एक अंदर ले गया ऑर शिखा दीदी गेट बंद करने लगी लेकिन तब तक शोबा
दीदी ड्रॉयिंग रूम का दरवाजा खोल कर घर एक अंदर चली गई थी ,,,

मैने भी कार को पार्क किया ऑर कार से बाहर निकल आया मेरे बाहर आते ही शिखा दीदी ने मुझे गले लगा लिया ऑर एकही पल मे मेरे लिप्स को किस करना शुरू कर दिया,,,,मैं तो पहले से ही शोबा दीदी की वजह से मस्ती मे आ चुका
था क्यूकी कार मे उन्होने मेरे लंड को बड़े प्यार से दबाया था ऑर तभी से मेरा लंड उछलने लगा था ऑर मुझे
मस्ती चढ़ने लगी थी ऑर यहाँ शिखा दीदी ने लिप्स मेरे लिप्स से टच करते ही मस्ती पागलपन मे बदल गई ऑर
हम लोग ऐसे ही किस करते हुए घर के अंदर आ गये,,,,मैं दरवाजे से थोड़ा आगे आ गया था जबकि शिखा दीदी
दरवाजा बंद करने लगी थी ,,मैने अंदर आके देखा कि सोफे पर करण नंगा लेटा हुआ था ऑर शोबा दीदी भी
तब तक नगी हो चुकी थी ऑर करण के टाँगों के बीच सोफे पर बैठकर करण के लंड को चूसने लगी थी


कारण का लंड पहले से हार्ड था शायद शिखा ऑर कारण पहले से मस्ती कर रहे थे ,,,,मैने शोबा ऑर करण से
नज़रे हटा कर पीछे शिखा की तरफ देखा तो उसने भी अपनी नाइटी को उतार दिया था ऑर अब हाथ पीछे करके
अपनी ब्रा के हुक खोल रही थी ,,,,ब्रा के हुक खुलते उसके ब्रा को ज़मीन पर फेंका ऑर नंगी होके मेरी तरफ आ
गई ,,उसने पेंटी नही पहनी हुई थी ऑर चूत के बाल भी शेव किए थे जैसे आज शोबा ने भी अपनी चूत को
शेव किया था,,,,,,,,,,,लगता है दोनो का पहले से प्रोग्राम था चुदाई का तभी तो झूठ बोलकर दीदी मुझे
यहाँ लेके आई थी,,,,,

मेरे करीब आके शिखा ने बड़े प्यार से अपनी दोनो बाहों को मेरे गले मे डाला ऑर अपने हाथों
को मेरे सर पर रखके उंगलियों को खोल कर मेरे बालों मे हाथ घुमाते हुए मेरे सर को
नीचे झुका कर अपने चेहरे के करीब कर लिया एक ही पल मे उसने अपने लिप्स को मेरे लिप्स से जकड
लिया ऑर हम दोनो मे एक प्यार ऑर मस्ती भरी किस शुरू हो गई तब तक मेरे हाथ भी शिखा की
पीठ तक पहुँच चुके थे,,,मैने अपने हाथों से शिखा की नंगी पीठ को उपर से नीचे
तक सहलाना शुरू कर दिया था,,,आज शिखा कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी क्यूकी उसका किस करने का
अंदाज़ पहले से कहीं बेहतर था वो कुछ ज़्यादा ही प्यासी लग रही थी कुछ ज़्यादा ही खुजली हो रही
थी शायद उसकी चूत मे इसलिए उसका एक हाथ जल्दी से मेरे लंड पर पहुँच गया ऑर पॅंट के उपर
से मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके मसल्ने लगी लंड महाराज तो एक ही पल मे ओकात मे आ जाता
है ऑर जब सामने ऐसी खूबसूरत नंगी बाला खड़ी हो तो क्या कहने,,,,,शिखा ने मेरे लंड को
हाथ से मसला ऑर फिर दूसरे हाथ को भी मेरे सर से हटा कर मेरी पॅंट पर ले आई ऑर मेरी पॅंट के
बटन को खोलने लगी वो चाहती तो मेरी ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लेती लेकिन नही वो तो
मुझे नंगा करना चाहती थी ऑर मैं भी नंगा होना चाहता था जल्दी से इसलिए मैने उसके हाथ
अपनी पॅंट तक पहुँचते ही अपने हाथों से अपनी शर्ट को खोलना शुरू कर दिया जब तक शिखा
ने मेरी पॅंट को उतारा तब तक मैं भी तेज़ी से अपनी शर्ट को निकाल चुका था पैंट के नीचे कुछ
नही पहना हुआ था इसलिए पॅंट उतरते ही नंगा लंड शिखा के हाथ मे था ऑर उसने जल्दी से मेरे
लंड को मुट्ठी मे लेके सहलाना ऑर मूठ मारना शुरू कर दिया इस बीच हम दोनो के लिप्स एक दूसरे
से लिप्स से अलग नही हुए थे ऑर हम दोनो की किस वैसे ही मस्ती मे चल रही थी लेकिन मस्ती अब
कुछ हद तक पागलपन मे बदल चुकी थी ऑर पागलपन के कुछ ज़्यादा असर होते ही शिखा ने
मेरे लिप्स को अपने लिप्स से अलग किया ऑर जल्दी से ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड की टोपी पर अपने लिप्स
रख दिए ऑर लंड की टोपी को हल्के हल्के किस करने लगी इतनी देर मे मैने भी अपनी बनियान को
गले से निकाल कर साइड मे फेंक दिया,,,,शिखा ने लंड की टोपी की किस करते हुए एक हाथ से मेरे
लंड को मसलना शुरू कर दिया ऑर एक हाथ से मेरे जूते उतारने लगी मैने भी उसका साथ देते
हुए अपने जूते अपने पैरो से निकालने शुरू कर दिए जूते निकलते ही उसने मेरी टाँग को उपर उठया
ऑर मेरी पॅंट को मेरे पैरो से निकालने लगी कुछ ही देर मे मैं सिर्फ़ सॉक्स मे था ऑर वो बिल्कील नंगी
मेरी टाँगों के पास ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड की टोपी को हल्की हल्की किस करने लगी थी,,,


कुछ देर ऐसे ही लंड पर किस करने के बाद उसने ज़ुबान से मेरे लंड को आगे से पीछे तक चाटना
शुरू कर दिया ऑर मेरे लंड को अपने थूक से भिगोने लगी वो पूरे लंड को टोपी से लेके मेरी बॉल्स
तक अपनी ज़ुबान घुमा रही थी ओर अच्छी तरह से चाट रही थी साथ ही एक हाथ से लंड को सहला
रही थी एक हाथ से बॉल्स को ,,फिर उसने अपने मुँह को पूरा खोला ऑर मेरी तरफ देखते हुए अपनी
ज़ुबान को मुँह से बाहर निकाला ऑर मेरे लंड के लिए मुँह मे जगह बनाते हुए एक ही बार मे पूरे
लंड को मुँह मे भर लिया देखते ही देखते मेरा लंड पूरा का पूरा उसके मुँह मे घुस गया ऑर
मेरी बॉल्स उसके लिप्स को टच करने लगी मेरा लंड उसके गले से काफ़ी नीचे तक जा चुका था ऑर
उसने ऐसे ही लंड को मुँह मे लेके मेरी कमर को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपने सर को
आगे पीछे करना शुरू कर दिया वो मेरे लंड को मुँह से ज़्यादा बाहर नही निकाल रही थी ऑर ऐसे
ही आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चुस्ती हुई अपने मुँह को चुदवा रही थी मैं भी अब
काफ़ी मस्ती मेआ चुका था ऑर ऐसे ही खड़े हुए अपने हाथों से उसके सर को पकड़ा ऑर अपनी कमर
को आगे पीछे हिलाते हुए अपने लंड को उसके मुँह मे पेलने लगा मैने अपनी स्पीड कुछ तेज करदी
थी लेकिन इस बात से शिखा को कोई परेशानी नही थी अब वो काफ़ी हद तक माहिर हो चुकी थी इस
खेल मे ,,,,

उधर सोफे पर करण नंगा होके लेटा हुआ था ऑर शोबा नंगी होके उसकी टाँगों एक बीच मे
बैठ कर उसके लंड को पूरा मुँह मे लेके चूस रही थी करण भी अपने हाथों से शोबा के सर
को अपने लंड पर उपर नीचे करने मे लगा हुआ था ,,,शोबा के मुँह मे करण का पूरा लंड
घुसा हुआ था ऑर वो बस लास्ट वाले 2-3 इंच को ही अपने मुँह मे अंदर बाहर कर रही थी उसके खुले
बाल बार बार उसके चेहरे पर गिरने लग जाते जिसको करण अपने हाथों से पकड़ कर उपर उठा
देता ऑर शोबा को उसका लंड चूस्ता देख मस्ती मे ऑर ज़ोर से अपने हाथों से शोबा के सर को अपने
लंड पर दबा देता,,,,,,,,,,,करीब 10-15 मिनट से शोबा करण के लंड को ऑर शिखा मेरे लंड
को चूस रही थी ऑर हम दोनो भी मस्ती मे अपने लंड चुस्वा रहे थे,,,,इन दोनो का इरादा
हमारे लंड का पानी पीने का था जो पूरा भी हो गया ,,करण ने तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए शोबा के
मुँह को अपने पानी से भर दिया जिसको शोबा सारा का सारा निगल गई ऑर इधर मैने भी अपने लंड
से 8-10 पिचकारियाँ मारी ऑर शिखा के मुँह मुँह पूरा भर दिया अपने स्पर्म से जिसने एक भी बूँद
जाया नही जाने दी शिखा ने ऑर सारा का सारा अपने गले से नीचे गटक गई,,,,फिर शोबा ने करण के
लंड को ऑर शिखा ने मेरे लंड को अच्छी तरह से चाट कर सॉफ कर दिया ,,,,उधर करण तेज़ी से
हाँफ रहा था ऑर इधर मेरा यही हाल था तभी शिखा ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर सोफे पर करण ऑर
शोबा के करीब ले गई इतने मे करण उठके बैठ गया ऑर शोबा ने भी थोड़ा पीछे हटके हम लोगो
के बैठने को जगह बना ली इसके लिए करण ने शोबा की टाँगे खोल कर उसको अपने उपर बिठा लिया
ऑर मेरे सोफे पर बैठते ही शिखा भी अपनी टाँगें खोल कर मेरी टाँगों पर बैठ गई ऑर ऐसे ही
हम लोग फिर से किस करने लगे उधर करण ऑर शोबा की भी किस शुरू हो गई तभी शोबा
करण के उपर से उठी ऑर दूसरे सोफे पर पड़े अपने बॅग को उठा लिया जिसमे वो अपने कपड़े लेके आई थी
लेकिन उसमे कपड़े नही थे ऑर कुछ ऐसा था जिसको देख कर करण ऑर शिखा दोनो हैरान हो गये
लेकिन जल्दी ही दोनो के चेहरे पर खुशी की झलक भी नज़र आने लगी,,,,शोबा दीदी ने बॅग से वही
पेंटी निकाली जिसके आगे प्लास्टिक का लंड लगा होता है{{स्ट्रॅप-ऑन}} ,,,,,,,,,

ये देखो शिखा आज मैं तुम्हारे लिए क्या लेके आई हूँ,,,,शोबा ने स्टरापों को शिखा की तरफ
करते हुए बोला,,,,,इस से आज तुमको इतना मज़ा दूँगी जो तुमने पहले कभी नही लिया होगा,,,

इतना बोलते ही शोबा ने स्टरापों को पहनने लगी ,,,मुझे तो सब पता था लेकिन शायद करण ऑर
शिखा के लिए ये नई चीज़ थी इसलिए ऑर खुशी ऑर हैरानी के मिले जुले भाव से शोबा की तरफ देख
रहे थे,,,,कुछ देर मे ही शोबा ने स्टरापों पहन लिया ऑर जल्दी से शिखा को मेरे उपर से उतरा
ऑर उसको ज़मीन पर बिठा दिया ऑर देखते ही देखते प्लास्टिक वाले लंड को शिखा के मुँह मे घुसा
दिया ,,शिखा ने भी एक ही पल मे उस लंड को ऐसे चूसना शुरू किया जैसे कुछ पल पहले वो मेरे
लंड को चूस रही थी,,,शिखा इस लंड को भी पूरा मुँह मे लेके चूसने लगी थी लेकिन ये लंड सिर्फ़
6 इंच का था जो आराम से पूरा का पूरा शिखा एक मुँह मे उतर रहा था,,शोबा भी अपनी कमर को
हल्के से आगे पीछे करने लगी थी ,,,उन दोनो को देख कर मुझे ऑर करण को फिर से मस्ती चोदने
लगी ऑर हम दोनो ने अपने लंड को हाथ मे लेके सहलाना शुरू कर दिया जो करीब 2 मिनट मे
अपनी ओकात मे आ गये थे हम दोनो के लंड को खड़ा हुआ देखा कर शोबा ने मुझे ऑर करण
को रूम मे चलने का इशारा किया ऑर खुद भी शिखा को सर से पकड़ कर खड़ा कर दिया ,,मैं ऑर
करण अपने लंड को हाथ मे लेके मसल्ते हुए शिखा एक रूम मे चले गये ऑर हमारे पीछे -2
शोबा ऑर शिखा भी वहाँ आ गई ,,,हम दोनो तो बेड से नीचे खड़े होके लंड को मसल रहे
थे लेकिन शोबा ऑर शिखा आते ही बेड पर चढ़ गई फिर शोबा ने मुझे ऑर करण को भी इशारा
किया बेड पर आने के लिए इतनी देर मे शोबा बेड पर पीठ के बल लेट गई ऑर शिखा ने कुतिया बनके
सर झुका कर शोबा के नकली लंड को मुँह मे भर लिया उधर करण ने अपने लंड पर थूक लगा
लिया ऑर शिखा के पीछे जाके अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया इधर मैं अपने लंड
को हाथ मे लेके बेड पर चढ़ गया ऑर फिर घुटनो के बल बेड पर शोबा के सर के करीब बैठ
गया मेरे बैठते ही शोबा ने अपने सर को हल्का सा उपर उठा कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया
ऑर बड़े प्यार से चूसने लगी उधर शिखा शोबा के नकली लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी जबकि
पीछे से करण अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा कर तेज़ी से चुदाई करना शुरू कर चुका
था शिखा मस्ती मे सिसकियाँ लेने लगी थी लेकिन मुँह मे लंड होने की वजह से उसकी सिसकियाँ ज़्यादा
तेज़ी से नही निकल रही थी लेकिन उसकी दबी दबी सिसकियों ने रूम मे मस्ती भरा महॉल बना दिया
जिस से करण की स्पीड ऑर तेज हो गई साथ मे शिखा ने भी अपने सर को नकली लंड पर तेज़ी से उपर
नीचे करना शुरू कर दिया साथ ही शोबा ने मेरे लंड पर अपने मुँह को तेज़ी से चलना शुरू कर
दिया,,,,करीब 5 मिनट ऐसे ही मस्ती करने के बाद शोबा ने मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर जल्दी
से शिखा के मुँह से अपना नकली लंड निकाल लिया ऑर मेरे को बेड पर लेटा कर शिखा को मेरे उपर
आने को बोला शिखा ने भी जल्दी से आगे होके खुद को मेरे उपर कर दिया जिस से उसकी चूत से करण
का लंड निकल गया लेकिन जल्दी ही करण भी आगे हो गया था ,,शिखा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा
ऑर अपनी चूत पर रखा ऑर नीचे से मैने धक्का देके लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया ,,,

जबकि पीछे से करण ने अपने लंड को शिखा की गान्ड पर रखा लेकिन तभी शोबा ने करण के
लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर अपने मुँह मे लेके चूसने लगी ऑर खुद देर मे अपने थूक से करने
के लंड को पूरी तरह गीला करने के बाद अपने हाथ से करण के लंड को शिखा की गान्ड पर रख
दिया कारण ने भी शोबा के थूक से चिकने हुए लंड को एक ही बार मे पूरा घुसा दिया शिखा
की गान्ड मे जिस से शिखा थोड़ा उपर उछल गई लेकिन वक़्त रहते मैने उसको सर से ऑर करण ने
उसको कमर से पकड़ लिया ,,,,करण पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने
लगा जबकि मैने उसके सर को अपने हाथों से पकड़ कर नीचे झुका लिया ऑर उसके लिप्स को किस करते
हुए नीचे से अपनी कमर को उछाल उछाल कर उसकी चूत को चोदने लगा लेकिन मैं ज़्यादा देर
तक शिखा एक लिप्स को किस नही कर सका क्यूकी शोबा ने जल्दी से उसके सर को पकड़ा ऑर मेरे लिप्स से
दूर कर दिया फिर अपने नकली लंड को उसके मुँह मे घुसा दिया शिखा ने भी मस्ती मे उस नकली
लंड को चूसना शुरू कर दिया,,आज शिखा एक साथ 3 लंड का मज़ा ले रही थी चाहे एक लंड नकली
था लेकिन मज़ा तो 3 लंड का ही था एक गंद मे एक चूत मे ऑर एक मुँह मे,,,,

शोबा ने अपने नकली लंड को शिखा के मुँह के अंदर तक पेलना शुरू कर दिया ऑर नीचे से मैने
अपनी कमर को उछाल उछाल कर शिखा की चूत को तेज़ी से चोदते हुए उसके बूब्स को मसलना
शुरू कर दिए करण भी शिखा की कमर को कस्के अपने हाथों से पकड़ कर अपनी बेहन की गान्ड
मारने मे लगा हुआ था,,शिखा अब तक पूरी तरह पागल हो हयी थी वो अपने सर को बड़ी तेज़ी से
नकली लंड पर आगे पीछे कर रही थी ऑर कुछ देर बाद लंड को मुँह से निकाल कर सिसकियाँ लेने लग
जाती,,,,,,

क्यू शिखा मज़ा आ रहा है ना ,,,,शोबा ने हँसते हुए शिखा से पूछा,,,,,,,,,

शिखा ने लड को मुँह से निकाला ऑर बोला,,,,,,,,,,,,,हहाआंणन्न् श्ह्हूओब्ब्बा बभहुत्त् म्मांज़्जा
एयेए र्रहहा हहाइी इट्त्न्ना म्मांज़्जा ऊत्त प्पहल्ली ककब्भिईिइ न्नाहहिि आययययया ईककक
सात्ततह 3-3 ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी चहुद्दाइ क्का म्मांज़्जा आ र्राहहा हहाइईइ आहह
हहयययययईई ीसस्स्सीए हहिईिइ कच्छूड्डूऊ आप्प्पनन्ी ब्बीहानं क्क्कीिई कच्छूत्त ऊओरर
ग्गगाणन्ंदड़ कककूऊ म्मीररी द्दूननू बभ्ायईूऊ आईसीई हहिईिइ त्टीज्जजिि सस्स्सीईई
कचहूवततत म्माम्र्रूऊ म्मीररीि ससुउन्नयययययी आहह ततुउउउम्म्म्म बहिईीईईईई
ऊओरर त्टीज्जजििीइ सस्सीए गगाणन्दड़ म्माम्र्रूऊ मीरीईइ क्काररांन्न प्पुउउर्रा ल्ल्लूउउउउन्न्द्दद्ड
गगगगगघहुउऊउउस्स्स्साअ द्डूऊ म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मईए आअहह शिखा ने अपने
एक हाथ को मेरे हाथ पे रखा जो उसके बूब्स पर था ऑर मेरे हाथों से अपने बूब्स को ज़ोर से
मसल्ते हुए सर को एक बार नीचे करके मुझे लिप्स पे एक जबरदस्त किस करदी ,,,आहह
ज्ज्ज्ूओर्रर ससीए म्मामास्सल्ल्लूऊओ म्मीररी ब्ब्ब्ब्बूवबबसस कककूऊ ऊरर ज्जूओर्र ससी ससुउन्नययी
आहह उउउहह हहयइईए क्कीिट्त्न्ना म्मामज़्जजाअ एयेए र्रहहा
हहाइईईई म्‍म्मांरर ज्जाोउउन्नगगीइ इट्त्न्नी म्मांजजई म्मी आजज्ज ततूऊऊ ,,,,,,,,,,,

तभी कुछ देर बाद शोबा ने करण को अपने लंड शोबा की चूत से निकालने को बोला ऑर खुद
की जगह बैठ कर अपने नकली लंड को शिखा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर करण को अपनी जगह पर
बिठा दिया शिखा ने भी जल्दी से करण के लंड को मुँह मे भर लिया ओर तेज़ी से चूसने लगी ,,,मैं
नीचे से तेज़ी से शिखा की चूत मारते हुए ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को मसल रहा था शिखा करण
के लंड को बड़ी तेज़ी से चूस रही थी ऑर बीच बीच मे लंड को मुँह से निकाल कर सिसकियाँ लेने
लग जाती करण भी शिखा के सर को पकड़ कर तेज़ी से उसके मुँह को चोद रहा था करण की सिसकियाँ
भी बहुत तेज थी शायद वो झड़ने वाला था ऑर तभी करण के लंड ने पानी छोड़ दिया जिसको शिखा
ने सारा का सारा पी लिया ऑर करण के लंड को चाट कर साफ भी कर दिया करण बेड पर लेट गया ऑर
शिखा की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई क्यूकी अब उसका मुँह फ्री था उसमे कोई लंड नही था,,,
आअहह ऊऊररर त्टीज्जज छ्छूड़दूव म्मूुझहही प्फ़ादद्ड़ द्डू म्मीरीइ गगाणन्दड़
ऊरर छ्छूत्त कककूऊ आहह ऊओरर म्मांज़्जाअ द्डूऊ म्मूउज़्झहही आहह हईए
उउउहह हमम्म्ममममममममम ऊओरर त्तीज्ज्ज क्कारूव ससुउन्नययी य्यी
ऊओररर त्तीज्ज्ज्ज ,,,,,,,,,,,,,त्तीज्जी ससीए गगाणन्दड़ म्माम्ररूव म्मीरीईइ श्हूब्बाअ आहह

तभी मेरा दिल किया शिखा की गान्ड मारने को ऑर मैने उसको अपने उपर से उतार दिया ऑर शोबा भी
थोड़ा पीछे हट गई फिर मैं शोबा को लेटा दिया ऑर शिखा जल्दी से शोबा के उपर चढ़के शोबा
के नकली लंड को चूत मे लेके उपर नीचे उछलने लगी इतनी देर मे मैने अपने लंड पर थूक
लगा कर शिखा के पीछे जाके लंड को उसकी गान्ड पर रखा ऑर धक्का दे दिया तभी शिखा की
हल्की से चीख निकल गई लेकिन तभी शोबा ने उसके सर को नीचे करके अपने उसके लिप्स को अपने
लिप्स मे जकड कर उसका मुँह बंद कर दिया ऑर दोनो मे एक मस्ती भरी क़िस्सी शुरू हो गई ऑर दोनो के
हाथ भी एक दूसरे के बूब्स पर पहुँच गये ,,दोनो एक दूसरे के बूब्स को मसल्ते हुए मस्ती मे
किस करने लगी जबकि मैं पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,,शिखा
का जिस्म कुछ ज़्यादा ही हिलने डुलने लगा या तो वो झड़ने वाली थी या मेरे लंड से उसकी गान्ड मे
दर्द हो रहा था लेकिन वो मुझे लंड बाहर निकालने को या रुकने को नही बोल रही थी वो तो बस
इधर उधर हिलती हुई शोबा को किस कर रही थी मैने उसकी कमर को कस्के पकड़ा ऑर तेज़ी से लंड
को गान्ड मे लास्ट तक घुसा कर उसकी गान्ड मारने लगा,,,मेरा लंड करण के लंड से मोटा था
शायद इसी लिए शिखा को दर्द हो रहा था लेकिन उसको मज़ा भी बहुत आ रहा था इसलिए तो पागलो
की तरफ टूट पड़ी थी शोबा को किस करने के लिए,,,,लेकिन उसका पागलपन ज़्यादा देर तक बरकरार नही
रह सका ऑर उसको चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था ऑर मैं ऐसे ही उसकी
गान्ड मारता रहा उसने शोबा के लिप्स से अपने लिप्स अलग कर लिए ओर मुझे रुकने को बोलने लगी लेकिन
मैं नही रुका इस बात का शोबा को पता था उसने नीचे लेटे हुए अपना स्टरापों निकाल दिया ऑर एक
ही झटके मे शिखा को साइड कर दिया,,शिखा ने साइड होके चैन की साँस ली ऑर शोबा उसकी जगह
झुक कर कुतिया बन गई ऑर मैने कोई देर किए बिना अपने लंड को शोबा की गान्ड मे घुसा
दिया ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा इतने मे करण भी अपने लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगा
ऑर कुछ ही पल मे उसका लंड फिर से खड़ा हो गया ऑर उसने उठकर अपने लंड को शोबा के मुँह मे
घुसा दिया शोबा ने भी उसके लंड को प्यार से चूसना शुरू कर दिया कुछ ही देर मे जब उसका
लंड थूक से अच्छी तरह गीला हो गया तो वो बेड पर लेटने लगा तो शोबा ने अपनी टाँगो को थोड़ा
ज़्यादा खोल दिया जिस से करण को आसानी हो गई शोबा के नीचे लेटने मे मैने भी अपनी टाँगो को
थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि करण को लेटने मे हेल्प मिल सके ,,,करण ने नीचे लेट कर अपने लंड को
शोबा की चूत मे घुसा दिया ऑर अब शोबा की सिसकियाँ भी ठीक वैसे शुरू हुई जैसे कुछ देर
पहले शिखा की सिसकियाँ गूँज रही थी रूम मे लेकिन शोबा की आवाज़ शिखा से ज़्यादा तेज थी ऑर
शोबा ज़्यादा ही मस्ती मे उँची आवाज़ मे चिल्ला रही थी,,लेकिन उसकी आवाज़ बंद करने का तरीका
शिखा के पास था उसने बेड पर पड़े हुए स्टरापों को उठाया ऑर पहन लिया फिर जल्दी से शोबा के
सर के करीब आ गई शोबा ने भी कोई देर किए बिना नकली लंड को मुँह मे भर लिया,,,,,

उस रात हम मे से कोई नही सोया ऑर ऐसे ही बारी बारी से करण ऑर मैं शोबा ऑर शिखा की चुदाई
करते रहे,,,,उस स्टरापों की हेल्प से शोबा ऑर शिखा को 3 लंड से एक साथ चुदाई का मज़ा भी आया ,,

सुबह मैं ओर करण मेरे पापा की कार मे ही कॉलेज जाने लगे तो शिखा ने बोला कि उसको भी हमारे
साथ कॉलेज जाना है उसके कुछ सर्टेफिकेट है कॉलेज मे उसको वो लेने जाना है,,हमने शिखा दीदी को
साथ लिए ऑर शोबा दीदी को घर के करीब छोड़ कर वहाँ से कॉलेज की तरफ चले गये,,
Reply
07-11-2019, 12:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कॉलेज पहुँच कर मैं ऑर करण क्लास मे चले गये जबकि शिखा दीदी प्रिन्सिपल के ऑफीस मे चली गई,,
मेरा दिल तो नही था क्लास मे जाने को लेकिन गाओं जाने की वजह से काफ़ी छुट्टियाँ हो गई थी इसलिए कुछ दिन
स्टडी करना ज़रूरी था,,,खैर सारा दिन मैं बोर होता रहा,,जबसे चुदाई का खेल खेलना शुरू किया है
तबसे किसी ऑर काम मे तो दिल ही नही लगता मेरा,,

कॉलेज से फ्री होके मैं ऑर करण घर की तरफ जा रहे थे तभी करण बोला,,,,,,

यार सन्नी कुछ कर ना यार ,,,,,,,,,,,करण बड़ा मायूस होके बोल रहा था,,,,

क्या हुआ साले ऐसा क्यूँ बोल रहा है ऑर क्या करूँ ये बता,,,,,

यार कोई नई चूत का बंदोबस्त कर मेरे भाई,,,,,,,

क्यू साले शिखा ऑर शोबा से इतनी जल्दी दिल भर गया क्या तेरा,,,,,

नही यार लेकिन किसी नही चूत को चखने को बड़ा दिल कर रहा है ,,,,पहले तूने पूजा की चूत के टेस्ट
करवाया मुझे फिर शिखा दीदी ऑर शोबा की चूत का ,,हर चूत मे एक नया स्वाद था ,,ऑर वैसे भी शिखा
की चूत तो मैं रोज मारता हूँ जब भी माँ घर से बाहर कहीं जाती है सब्जी लेने या किसी ऑर काम से तो
तो मैं ऑर दीदी अपना खेल शुरू कर देते है ऑर रात को माँ के सोने के बाद दीदी मेरे रूम मे आ जाती है
या मैं दीदी के रूम मे चला जाता हूँ ,,,,,अभी जब से तू गाओं गया हुआ था तब शोबा दीदी भी रोज आती
थी ऑर हम लोग टाइम मिलने पर फुल मस्ती करते थे,,,,लेकिन अब किसी नई चूत मे लंड घुसने को दिल
करता है,,,,

मैने कहा बात तो ये ठीक बोल रहा है कि हर नई चूत का अपना ही अलग स्वाद ऑर अलग मज़ा होता है,,लेकिन
अब इसको किसकी चूत दिलवा सकता हूँ मैं,,तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,,,

अच्छा ये बता करण की तुझे कैसी चूत चाहिए,,,,,,

कैसी मतलब,,,,चूत जैसी चूत चाहिए मेरे भाई ऑर क्या,,,,,,

अबे साले मेरा मतलब है कि तुझे कैसी चूत अच्छी लगती है उसी तरह की चूत का बंदोबस्त करूँगा
तेरे लिए,,,,

मैं कुछ समझा नही सन्नी भाई,,,,,

अबे मेरा मतलब है कि तुझे कुवारि चूत अच्छी लगती है --या -- साल की छोटी लड़की की,,,,या फिर शोबा ऑर तेरी
शिखा दीदी की तरह 20-20साल की भरे बदन की लड़की की,,,या 25-28 साल की किसी शादीशुदा औरत की जिसकी
शादी को 5-6 हो चुके होते है,,,,या फिर 40-45 साल की बड़ी ऑर मोटी मस्त गान्ड वाली आंटी की,,,,,जिस तरह
की चूत चाहिए हो बता दे मैं बंदोबस्त कर दूँगा,,,,

इसमे क्या फ़र्क होता है सन्नी भाई,,,,,चूत तो चूत है फिर वो --या -- साल की लड़की की हो या 40-45 साल
की मेच्यूर औरत की,,,,,

तू बुद्धू का बुद्धू ही रहना साले अब तक 3 लड़कियों की चूत मांर चुका है फिर भी बचा का बचा
है तू,,,,अबे ---या ---- साल की लड़की के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती पहले तो बड़ी मुश्किल से मानती है फिर
100 तरह की टेन्षन होती है ,,कहीं किसी को कुछ बता ना दे कहीं कोई लफडा नही हो जाए,,,,20 -22 साल की
लड़की के साथ भी टेन्षन होती है पहले माल मे लेके जाओ फिर शॉपिंग कर्वाओ कभी मूवी के लिए लेके
जाओ फिर कहीं जाके चूत नसीब होती है,,,,,,,,

अच्छा भाई ऑर ये शादी शुदा लॅडीस जो 25-28 की होती है उनमे क्या फ़र्क होता है,,,,

उनमे किसी तरह की कोई टेन्षन आयी होती ना तो वो माल मे जाने को कहती है ऑर ना मूवी के लिए उनको तो
बस लंड का चस्का होता है ओर ऐसी लॅडीस ज़्यादातर वही होती है जिनके हज़्बेंड आउट ऑर कंट्री या फिर आउट
ऑफ टाउन मे जॉब करते है ऑर काम के चक्कर मे अपनी पत्नी को पूरा शारीरिक सुख नही दे पाते ऑर ऐसी
अनसेटईस्फीड लॅडीस खुद को सेटईस्फीड करने के लिए किसी ना किसी मर्द की तलास मे रहती है ऑर इनके साथ कोई
टेन्षन नही होती क्यूकी इनको अपनी इज़्ज़त की बहुत टेन्षन रहती है इसलिए जब पूरी तरह से सेव महसूस करती
है तभी मोका देती है ये तुमको अपने घर आने के या फिर तुम्हारे घर जाने का,,,

अच्छा भाई ऑर ये 40-45 साल की आंटी का क्या लफडा होता है,,,,,,

ये अपने पति के लंड से उब चुकी होती है ऑर नये जवान लंड की तलाश मे रहती है ,,,ऐसी ज़्यादातर
आंटी किसी रंडी से कम नही होती ,,,,,किसी किसी को तो एक टाइम मे 2 या 3 लंड एक साथ लेके ही मज़ा आता है ऑर
ज़्यादातर ऐसी आंटीस हम जैसे जवान लड़को की तलाश मे रहती है जो अपनी जवानी एक जोश मे उनकी मेच्यूर
चूत ऑर मस्त मोटी गान्ड की जबरदस्त चुदाई करते है,,,,इन औरतों को भी कोई टेन्षन नही होती ये अक्सर
अपने पति ऑर दुनिया की नज़रो मे शॉपिंग करने या किटी पार्टी के बहाने से घर से बाहर जाती है ऑर अपने
प्रेमी के संग खूब मस्ती करती है,,,,,

अच्छा सन्नी भाई ,,,आप बोलो कि आपको कैसी चूत अच्छी लगती है ऑर अब तक आपने कितनी चूत का स्वाद चखा
है,,,,,,

देख भाई मुझे तो हर चूत अच्छी लगती है वो चाहे --- साल की कुवारि लड़की हो या 45 साल की मेच्यूर आंटी
,,मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता ऑर वैसे ज़्यादातर मुझे बड़ी उमर की मेच्यूर आंटीस ही अच्छी लगती है बड़ी
ऑर मोटी मस्त गान्ड वाली उनकी गान्ड मारने मे जो मज़ा आता है वो किसी कुवारि लड़की की सील खोलने मे भी
नही आता,,,,,,

सच मे सन्नी भाई ,,तूने कभी ऐसी आंटी की गान्ड मारी है क्या,,,,

हां मारी है बहुत बार मारी है,,,,,,,मैने करण की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,

सच मे सन्नी भाई,,,,प्लीज़ मुझे भी गान्ड मारनी है ऐसी आंटी की आप कुछ करो ना,,,,

वो बच्चे की तरह ज़िद्द करते हुए बोल रहा था,,,,

ठीक है तू थोड़ा टाइम दे मुझे मैं कुछ करता हूँ,,लेकिन बदले मे तुझे भी मेरे लिए कुछ करना
होगा,,,,,

क्या करना होगा सन्नी भाई,,,,,आप मुझे एक बार ऐसी मस्त आंटी की गान्ड मारने के मोका दो बदले मे
मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ,,,,,,

चल ठीक है देखता हूँ मैं क्या कर सकता हूँ तेरे लिए,,,,

बातें करते हुए हम करण के घर पहुँच गये ,,मैने करण को ड्रॉप किया ऑर अपने घर चला गया,,

घर पहुँचा तो बेल बजाने के बाद भी दरवाजा नही खुला मुझे लगा कि डॅड ऑर बुआ अंदर मस्ती
कर रहे होंगे लेकिन भुआ की कार नज़र नही आ रही थी ऑर ना ही शोबा दीदी की अक्तिवा थी वहाँ पर,,,,आज तो
मेरे पास दूसरी चाबी भी नही थी जो खुद दरवाजा खोलके अंदर चला जाता तभी एक बार ऑर बेल बजाई
तो सोनिया ने आके दरवाजा खोला ऑर जल्दी से वापिस मूड के उपर अपने रूम की तरफ चली गई,,,,,उसके जाने के
बाद मैं अंदर आया ऑर किचन मे जाके पानी पिया क्यूकी जब सोनिया दरवाजा खोलके मेरी तरफ गुस्से से
देख रही थी मेरा तो गला ही सूख गया था डर के मारे ,,,साली ऐसी गुस्से मे देखती थी जैसे कि मैने कोई
चोरी की है,,,,,पानी पीने के बाद मैं नीचे के रूम मे देखने लगा तो वहाँ कोई नही था फिर मैं
उपर आने रूम मे चला गया जहाँ सोनिया बेड पर लेटी हुई थी मेरे अंदर आते ही उसने मुझे देखा ऑर
मैने जल्दी से अपने बेग से लॅपटॉप निकाला ऑर बॅग को रूम मे रखके वहाँ से बाहर निकल गया ऑर सीधा
उपर वाले ड्रॉयिंग रूम मे आके ज़मीन पर लगे मट्रीस पर लेट गया ऑर गेम खेलने लगा,,,,लेकिन गेम
खेलते हुए मेरे दिमाग़ मे एक ऑर गेम चल रही थी कि करण को अब किसी 45 साल की आंटी की गान्ड मारने
का वादे तो कर दिए लेकिन अब आगे क्या करूँ,,,,,तभी एक सॉलिड प्लान आया दिमाग़ मे ऑर मैं दिल ही दिल मे
खुश होने लगा उसके बारे मे सोच कर,,,,,,

उस दिन ज़्यादा कुछ नही हुआ सोनिया अपने रूम मे लेटी रही ऑर मैं ड्रॉयिंग रूम मे,, रात को खाना खाने
के बाद मैं अपने रूम मे नही सोना चाहता था क्यूकी मुझे सोनिया से डर लगता था इसलिए मैं अपनी
चद्दर ऑर पिल्लो लेके ड्रॉयिंग रूम मे जाने लगा लेकिन तभी भुआ ने मुझे मना कर दिया,,,,मुझे
लगा कि शायद डॅड ऑर भुआ को रात को ड्रॉयिंग रूम मे मस्ती करनी होगी तभी मुझे वहाँ जाने से रोक
रहे है लेकिन उपर तो सोनिया होगी ऑर ये लोग इतने पागल नही कि सोनिया के होते हुए यहाँ ऐसी वैसी हरकत
करते फिरे वैसे भी नीचे माँ नही है ऑर मामा भी नही भुआ ऑर डॅड मोम-डॅड के रूम मे भी मस्ती
कर सकते है,,,,खैर मैं वहाँ से नीचे चलने लगा तभी भुआ किचन मे चली गई ऑर मुझे अंदर से
डॅड की आवाज़ आने लगी,,,,,डॅड ऑर भुआ किचन मे बातें कर रहे थे,,,,,

सन्नी को नीचे क्यूँ भेज दिया गीता उसको यहीं उपर सोने देती तुम हम लोग नीचे मस्ती कर लेते,,,,,डॅड ने
भुआ से बोला,,,,,,,

नही अशोक मेरा दिल नही करता सरिता के रूम मे तेरे साथ चुदाई करने को ऑर वैसे भी वो बेड हम तीनो
के लिए छोटा लगता है मुझे यहाँ ड्रॉयिंग रूम मे ज़्यादा जगह है ऑर तुम मैं ऑर शोबा आराम से
मस्ती कर सकते है,,,,

नही मुझे यहाँ उपर कोई मस्ती नही करनी उपर सोनिया होती है ,,,डॅड की आवाज़ मे थोड़ा डर था,,,,,हम लोग
नीचे ही चलते है ,,,,,

लेकिन नीचे भी तो सन्नी होगा ,,,सोनिया से डर लगता है सन्नी से डर नही लगता क्या,,,,,

नही सन्नी से डर नही लगता वो देख लेगा तो उसको भी शामिल कर लेंगे अपने खेल मे ऑर मुझे लगता है
कि वो भी खुशी खुशी आ जाएगा हमारे साथ मस्ती करने,,,,


ये क्या बोल रहे हो अशोक,,,वो सन्नी है तुम्हारा बेटा,,,,

अरे तो फिर क्या हुआ तुमने भी तो मेरे लिए शोबा की चूत को तैयार किया है अब मेरा भी तो फर्ज़ बनता है
कि मैं तेरे लिए एक लंड का बंदोबस्त करू ओर सन्नी से अच्छा ऑर जवान लंड किसका होगा,,,,वैसे तो मैं तेरे
लिए विशाल को तैयार करने वाला था लेकिन ,,,,तभी डॅड चुप हो गये,,,

ठीक है अशोक जैसा तुम कहो,,,,वैसे मेरा भी बहुत दिल करता है कोई जवान लंड लेने को,,,,
ऐसा करो तुम नीचे चलो मैं थोड़ी देर मे आती हूँ,,,,

ठीक है गीता मैं तेरे लिए सन्नी को तैयार करता हूँ,,,,,डॅड ने पूरे यकीन से बोला

तुम सच मे मेरे लिए सन्नी को तैयार कर सकते हो अशोक,,,,भुआ ने हैरान होके डॅड से पूछा,,,,,

साली पता नही कितनी बार मेरा मूसल ले चुकी है अपनी चूत ऑर गान्ड मे ,,अब कितनी भोली बनके ड्रामा
कर रही है मेरे बाप के सामने,,,,,

हाँ गीता मैं सन्नी को तैयार कर सकता हूँ,,,,मुझे पता है उसको कैसे तैयार करना है तुम बस बोलो
कि तुमको सन्नी का लंड चाहिए या नही,,,,,

हाँ भाई मेरा तो बहुत दिल कर रहा है देखो ना अभी चूत मे पानी आने लगा सन्नी का नाम सुनते
ही,,,,

ठीक है मैं कोशिश करूँगा तेरे लिए सन्नी को तैयार करने की,,,,,

अच्छा अब मैं चला तुम जल्दी आना नीचे,,,,ओर अकेली मत आना शोबा को साथ लेके आना,,,,,डॅड ने भुआ से बोला,,,,,

नही आज वो नही आएगी बोल रही थी तबीयत ठीक नही है,,आज सिर्फ़ हम दोनो मस्ती करेंगे,,,,

ठीक है मैं चलता हूँ तुम नीचे आ जाओ ऑर ज़रा ध्यान से आना सोनिया से बचके,,,,

ठीक है तुम जाओ मैं आती हूँ,,,,

इस से पहले डॅड बाहर आते मैं भाग कर नीचे चला गया ऑर आज रात के लिए अपना बंदोबस्त कर लिया
ऑर जल्दी से मोम-डॅड के रूम मे जाके सो गया,,,,

मैं जाके मोम-डॅड के रूम मे लेट गया ऑर सोने के नाटक करने लगा तभी दरवाजा खुला ऑर डॅड अंदर
आ गये,,,,,,

अरे सन्नी तुम यहाँ क्या कर रहे हो,,,,डॅड ने मेरे से पूछा,,,,

डॅड वो मामा के रूम मे एसी ठीक से काम नही करता इसलिए मैं यहाँ इस रूम मे आ गया भुआ ने मुझे
ड्रॉयिंग रूम मे सोने को मना कर दिया था वर्ना मैं उपर वहीं सो जाता ,,,,,,

लगता है तेरा सोनिया से झगड़ा चल रहा है तभी तू अपने रूम मे नही सो रहा,,,,,,,

इस से पहले डॅड कुछ ओर बोलते ये पूछते मैने सर दूसरी तरफ घुमा लिए ऑर पिल्लो को सर के उपर रख लिया,,

ठीक है बेटा तुम यहीं सो जाओ मैं सुरिंदर के रूम मे जाके सो जाता हूँ,,,,,,,,डॅड वहाँ से जाने लगे,,

डॅड आप भी यहीं सो जाओ उस रूम मे एसी ठीक से नही चलता है,,,,,

कोई बात नही बेटा मैं फॅन चला कर सो जाउन्गा मुझे कोई प्राब्लम नही एसी कि ना चलने से,,,,,,,
मैं सुरिंदर के रूम मे सो जाता हूँ बेटा तुम आराम से सो जाओ यहाँ इतने बोलके डॅड वहाँ से चले गये,,

मैने मन मे सोचा कि एसी चला कर भी अपने भुआ की चुदाई करके गर्म हो होना है फिर एसी चले या ना
चले क्या फ़र्क पड़ता है,,,,

वही हुआ जिसका मुझे पहले से शक था,,,,,,,,ऑर मैं भी ऐसा ही चाहता था कि डॅड मामा के रूम मे जाके
सो जाए,,,ताकि मैं अपने प्लान को आगे बड़ा सकूँ,,,,

करीब 30-40 मिनट बाद मैं माँ के रूम से निकला ऑर मामा के रूम मे पास चला गया ऑर अंदर से बहुत
हल्की आवाज़ आ रही थी जो भुआ की थी भुआ ऑर डॅड का खेल शुरू था अंदर ऑर भुआ की सिसकियाँ सुनाई दे रही
थी मुझे लेकिन भुआ ज़्यादा ज़ोर से आवाज़ नही कर रही थी मैने दरवाजे पर कान लगा कर खड़ा हुआ था तभी मुझे हल्की
आवाज़ सुनाई दे रही थी ,,,

मैं वहाँ से उपर चला शोबा के रूम मे चला गया,,,,,शोबा रूम मे लेटी हुई थी लेकिन अभी तक सोई नही
थी,,,,,

तुम यहाँ क्या कर रहे हो सन्नी ऑर कहाँ थे तुम मैने तुमको तुम्हारे रूम मे भी देखा था ,,तुमने तो
बोला था कि तुम ड्रॉयिंग रूम मे सोने वाले हो लेकिन तुम तो वहाँ भी नही थे,,,,,

मैं नीचे के रूम मे सो रहा था क्यूकी भुआ ने मुझे ड्रॉयिंग रूम मे सोने से मना किया था,,,इतना बोलते
हुए मैं शोबा के बेड पर बैठ गया ऑर शोबा भी उठकर बैठ गई तभी मैने शोबा के बूब्स पर हाथ रख
दिया ऑर ज़ोर से दबा दिया,,,,,शोबा की हल्की आहह निकल गई,,,,,,,,,,आराम से दीदी साथ वाले रूम मे सोनिया है,,,,

तुम भी आराम से करो सन्नी दर्द होता है,,,ऐसे ज़ोर से मस्लोगे तो दर्द होगा ओर मैं चिल्लाउन्गी ना,,,,

ठीक है अब आराम से करूँगा तुम आराम से लेट जाओ दीदी,,,,,

ना बाबा ना यहाँ नही यहाँ डर लगता है मुझे,,,हम नीचे चलते है,,,,

दीदी ने नीचे जाने की बात इसलिए कही थी क्यूकी मैने दीदी को बोला था कि भुआ ने मुझे ड्रॉयिंग रूम मेर सोने को
मना किया है तो दीदी को लगा होगा कि भुआ ऑर दाद आज ड्रॉयिंग रूम मे होंगे,,,

यहीं तो मैं चाहता था,,,,,,,ठीक है दीदी चलो नीचे चलते है ,,,मैने दीदी का हाथ पकड़ा ऑर हम दोनो
हल्के कदमो से नीचे जाने लगे लेकिन मैने दीदी को सीडियों मे ही रोक लिया ऑर जल्दी से दीदी को बाहों मे भर
लिया ऑर पूरे ज़ोर से दीदी को बाहों मे जाकड़ कर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,दीदी भी मेरे इस हमले से एक
दम सुन्न्ं हो गई ओर मैं पागलो की तरह दीदी को किस करता रहा,,,,तभी दीदी को होश आया ,,,,,अरे यहाँ क्यू
शुरू हो गया तू लगता है आज कुछ ज़्यादा ही मूड मे है तू,,,चल रूम मे चलते है ,,,लेकिन मैने दीदी के
बोलते बोलते ही दीदी के नाइटी को शोल्डर से खिसकाना शुरू कर दिया ऑर नाइटी खिसक कर दीदी के बूब्स के पास
आ गई,,,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:35 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
बात्तमीज़ यहाँ क्यू नंगी कर रहा है मुझे पहले रूम मे तो चल,,,,,फिर नंगी करके जितना दिल करे उतनी
चुदाई कर लेना मेरी लेकिन मैने दीदी की बात को अनसुना करते हुए दीदी की चूत पर हाथ रख दिया ऑर जल्दी से
2 उंगलियाँ दीदी की चूत मे घुसा दी दीदी ने पेंटी नही पहनी हुई थी जिस से मेरे को दीदी की चूत तक जाने मे
कोई परेशानी नही हुई ,,,चूत मे उंगलियाँ तेज़ी से अंदर बाहर होने लगी ऑर सीडियो मे दीदी की सिसकियाँ के
साथ पच पच की आवाज़ का हल्का शोर होने लगा,,दीदी ने जल्दी से अपने एक हाथ को अपने मुँह पर रखा ऑर खुद
की आवाज़ को बंद किया जिस से दीदी की गिरती हुई नाइटी को संभालने के लिए एक ही हाथ रह गया जिसको मैने अपने हाथ पकड़ कर साइड कर दिया ऑर दीदी की नाइटी ज़मीन पर उनकी टाँगों के पास इकट्ठा हो गई दीदी नंगी होते ही
थोड़ा डर गई क्यूकी आज पहली बार मैने उसको यहाँ सीडियो मे नगा किया था उसको डर था कि कहीं कोई
आ ना जाए डर तो मुझे भी था लेकिन दीदी को यहीं नंगा करना ज़रूरी था ,,,,,,इस से पहले दीदी कुछ बोलती
मैने दीदी को अपने शोल्डर पर उठा लिया जिस से दीदी के कमर से उपर का हिस्सा मेरी पीठ की तरफ लटक गया ऑर
दीदी की टाँगे मेरे हाथों मे आगे की तरफ आ गई ऑर मैं दीदी को ऐसे ही उठा कर नीचे मामा के रूम की
तरफ आ गया अंदर डॅड ऑर भुआ का खेल शुरू था ऑर दरवाजा भी लॉक था लेकिन मैने पहले से ही इस रूम की
चाबी उठा ली थी जब डॅड ऑर भुआ उपर किचन मे बातें कर रहे थे ,,यहीं मेरा बंदोबस्त था मैने
डॅड की बातें सुन ली थी कि वो भुआ के लिए मुझे तैयार करने वाले है इसी बात से मेरा डॅड के लिए जो डर था वो
ख़तम हो गया था ऑर डॅड के कुछ करने से पहले मैं कुछ करना चाहता था इसलिए मैं दीदी को सीडियो मे
ही नंगी करने शोल्डर पर उठा कर डॅड ऑर भुआ के पास लेके जा रहा था,,,,

शोबा नंगी मेरे शोल्डर पर थी ओर मैं बनियान ऑर निक्केर मे था मैने निक्केर मे से रूम की चाबी निकाली
ऑर लॉक खोल कर एक ही बार मे दरवाजा पूरा का पूरा खोल दिया ,,,,अंदर बेड पर भुआ सर को बॅड से लगा कर गान्ड
को उपर उठा कर कुतिया की तरह झुकी हुई थी ऑर डॅड पीछे से भुआ की गान्ड मांर रहे थे,,,जैसे ही दरवाजा
खुला तो डॅड के होश उड़ गये ऑर भुआ ने भी अपने सर को उपर उठा कर मेरी तरफ देखा तो थोड़ा डर गई लेकिन
जैसे ही मेरे शोल्डर पर नंगी लटकी हुई किसी लड़की के बदन पर दोनो की नज़रे गई तो उनके फेस पर डर ऑर हैरानी
का मिला जुला भाव देखने को मिलने लगा ,,,,तभी मैने अंदर जाके थोड़ा आगे होके दरवाजे को पैर से बंद
किया ऑर शोबा को ज़मीन पर खड़ा कर दिया ,,,जैसे ही शोबा की नज़रे डॅड ऑर भुआ पर पड़ी तो शोबा के चहरे
का रंग भी उड़ गया,,,तीनो ऐसे खड़े हुए थे मेरे सामने जैसे कि मैने उनकी चोरी पकड़ ली थी,,,,इस से पहले
कोई कुछ बोलता मैने भी अपने कपड़े निकाल दिए ऑर नंगा हो गया ,,अब रूम मे हम चहरो नंगे थे,,,
जहाँ मैं खुशी ऑर उत्तेजना मे भरा हुआ था वहीं बाकी तीनो डरे हुए थे,,,,,,

अरे आप लोग डर क्यू गये,,,खेल शुरू रखो अपना,,,,,मैने हँसते हुए डॅड से बोला,,,,,

सब लोग चुप चाप रहे कुछ देर तक फिर डॅड बोले,,,,,सन्नी तुम यहाँ क्या कर रहे हो,,डॅड की आवाज़ लड़खड़ा
रही थी,,,,,

मैने सोचा डॅड क्यू ना आज दोनो बाप-बेटा मिलकर अपनी अपनी बेहन से चुदाई करे ,,,,आप अपनी बेहन से
चुदाई करो ,,मैने डॅड को भुआ की तरफ उंगली करके इशारा किया ,,,,,,,,,,,,,,ऑर मैं अपनी बेहन से चुदाई करता
हूँ,,,,,,,मैने अपनी ऑर शोबा की तरफ इशारा करते हुए इतना बोला,,,,

तभी भुआ खुश हो गई ऑर डॅड भी ऑर शोबा ने तो जल्दी से मुझे बाहों मे भर लिया,,,,,,ऑर देखते ही देखते
मैं ऑर शोबा नंगे बदन एक दूसरे को किस करने लगे मैं डॅड ऑर भुआ की तरफ देखता हुआ शोबा को किस का
रेस्पॉन्स देने लगा ,,,डॅड मेरे ऑर शोबा के नंगे बदन किस करने को देख कर खुश थे लेकिन अभी भी
वो थोड़ा डरे हुए थे उनको कुछ समझ नही आ रहा था इतने मे भुआ ने अपनी गान्ड को आगे पीछे करना शुरू
किया जिस से डॅड के लंड पर हलचल होने लगी ऑर डॅड का ध्यान हम दोनो की तरफ से हट गया ऑर उन्होने भुआ को
फिर से कमर से पकड़ कर उनकी गान्ड मारनी शुरू करदी ,,,,


इधर मैं ओर शोबा नंगे बदन किस करते हुए
एक दूसरे के बदन को अच्छी तरह सहलाने लगे मेरे हाथ भी उसकी पीठ पर गर्दन से लेके गान्ड तक फिरने
लगे ऑर उसके हाथ भी मेरे सर से मेरी पीठ तक घूमने लगे ऑर हम दोनो के लिप्स एक दूसरे के लिप्स से कस्स्कर
जकड़े हुए थे ,,,,शोबा आज कुछ ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गई थी अब उसको कोई डर नही था ऑर इस बात की खुशी भी थी
कि आज वो डॅड के सामने अपने भाई से चुदवा रही थी इसी बात की खुशी भुआ के चेहरे पर भी झलक रही थी '


लेकिन डॅड अभी तक कुछ डरे डरे लग रहे थे वो भुआ की कमर पकड़ कर तेज़ी से उनकी गान्ड तो मांर रहे थे
लेकिन उनके चेहरे पर डर के भाव सॉफ नज़र आ रहे थे जिनको वो भुआ की चुदाई की मस्ती मे च्छुपाने की
नाकाम कोशिश कर रहे थे ,,मैं ऑर शोबा उस बेड से थोड़ी दूरी पर थे जहाँ डॅड ऑर भुआ चुदाई कर
रहे थे डॅड के डर को कम करने के लिए मैने शोबा को ऐसे ही किस करते हुए अपनी बाहों मे उठा लिया ऑर डॅड
ऑर भुआ के पास बेड पर ले जाके उसको भुआ के चेहरे के पास कुतिया बना कर झुका दिया भुआ तो मेरा इशारा
समझ गई थी ऑर हसके मुझे बता रही थी कि वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ लेकिन डॅड का हाल वैसा का वैसा
ही था वो चुदाई का लुफ्त तो उठा रहे थे लेकिन डर का साया भी उनके सर से हटा नही था,,,,,शोबा को बेड पर
झुका कर कुतिया बना दिया जिस से उसकी गान्ड भुआ के चेहरे के करीब चली गई ऑर सर मेरी तरफ आ गया ऑर मैं
उसके सामने बेड से नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया जिस से उसका फेस मेरे लंड के बराबर आ गया ऑर मैने
भी अपने हार्ड लंड को शोबा के मुँह के करीब कर दिया शोबा का मुँह खुल गया ऑर उसने मेरे लंड को पूरा का
पूरा मुँह मे घुसा ईया ,,,,,शोबा का मुँह तो खुला था लेकिन साथ मे किसी ऑर का भी मुँह खुला था मेरा लंड
देख कर ऑर खुला का खुला ही रह गया था ऑर वो मुँह था डॅड का जो मेरे बड़े मूसल लंड को देख कर खुला
का खुला रह गया था ,,,,क्यूकी मेरा लंड डॅड के लंड से दुगना बड़ा था ,,,,डॅड का लंड 4 इंच का था जबकि
मेरा लंड 9 इंच से भी थोड़ा ज़्यादा बड़ा हो गया था ऑर मोटा भी काफ़ी था,,,,मैने शोबा के सर को पकड़ा ऑर '
हल्के से उसके मुँह मे लंड पेलने लगा ,,,जबकि पीछे से भुआ ने एक हाथ से बेड का सहारा लिया ऑर एक हाथ से शोबा
की गान्ड को खोल कर ज़ुबान से चाटने लगी,,,,शोबा के मुँह मे पानी भर गया था मेरा लंड देख कर ऑर मेरा
लंड उसके मुँह मे भरे पानी से फिसलता हुआ उसके लिप्स से रगड़ ख़ाता हुआ उसके गले से नीचे तक जाने लगा था
उसने भी अपनी गर्दन को थोड़ा सीधा कर लिया जिस से लंड को आसानी होने लगी उसके गले से नीचे तक जाने मे ,,,

डॅड भुआ की चुदाई करते हुए मेरे लंड को शोबा के मुँह मे जता देख रहे थे ऑर मैं डॅड के फेस को देख
कर शोबा के सर को पकड़ कर अपने लंड को उसके मुँह मे अंदर बाहर कर रहा था ,,,शोबा खुद अपने एक हाथ
को बेड पर लगा कर ऑर एक हाथ से अपने दोनो बूब्स को बारी बारी मसल्ने लगी थी,,,कुछ देर बाद मेरा दिल किया कि
अब मैं अपने लंड को शोबा की गान्ड मे पेल दूं ऑर मैने जल्दी से शोबा को पकड़ा ऑर उठा कर वापिस झुका
दिया लेकिन अब मैने उसकी गान्ड को अपनी तरफ कर लिया था ऑर उसके सर को भुआ की तरफ ,,,शोबा की गान्ड मेरी
तरफ आते ही मैने अपने लंड को उसकी गान्ड पर रखा ऑर एक ही झटके मे पूरा का पूरा उतार दिया उसकी गान्ड
मे शोबा इस तेज धक्के से सिहर उठी ऑर चिल्लाने लगी लेकिन जैसे ही उसने चिल्लाने के लिए अपना मुँह खोला भुआ ने
जल्दी से उसके सर को पकड़ कर अपने लिप्स से उसके लिप्स को जाकड़ दिया जिस से उसकी चीख रूम मे ही दब कर रह गई


,,,भुआ ने उसको किस करते टाइम मेरी तरफ देखा ऑर हल्का गुस्सा किया मानो वो इशारे मे मेरे को बोल रही हो कि
आराम से करो अगर इसकी चीख सोनिया सुन लेती तो,,,,,मैने भी भुआ की बात समझ कर हाँ मे सर हिला दिया ऑर भुआ
को इशारे मे सॉरी बोल दिया लेकिन इसके बावजूद मैने शोबा की गान्ड मे लंड को तेज़ी से पेलना शुरू कर दिया वो
अभी भी उछल रही थी लेकिन मेरे हाथ उसकी कमर पर कसे हुए थे ऑर उसका सर भुआ के हाथ मे था ऑर उसके
लिप्स भुआ के लिप्स मे थे जिस से वो चाह कर भी चिल्ला नही सकती थी ऑर मैने भी इसी बात का फ़ायदा उठा कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारना जारी रखा,,,,,,,

कुछ देर ऐसे ही मैं ऑर डॅड अपनी अपनी बेहन की गान्ड मारते रहे लेकिन कुछ देर
बाद भुआ का पानी निकल गया क्यूकी डॅड ऑर भुआ कब्से चुदाई कर रहे थे पानी निकालने के बाद भुआ ने डॅड
को पीछे हटने को बोला ऑर डॅड साइड हो गये लेकिन तभी भुआ ने हाथ पकड़ कर शोबा को बेड पर आगे खींच
लिया जिस से मेरा लंड उसकी गान्ड से निकल गया इतने मे डॅड बेड पर आके लेट गये ऑर भुआ ने शोबा का हाथ पकड़
कर उसको डॅड के उपर कर दिया ऑर शोबा भी टाँगें खोल कर डॅड के उपर हो गई डॅड ने अपने लंड को शोबा की
चूत मे घुसा दिया मैं भी बेड के उपर आ गया ऑर अपने लंड को वापिस शोबा की गान्ड पर रखा ऑर फिर से '
तेज़ी से धक्का लगा कर एक ही बार मे पूरा लंड घुसा दिया शोबा की गान्ड मे शोबा के बदन ने अब फिर 1-2
झटके मारे थे लेकिन वो चिल्लाई नही थी ऑर अगर चिल्लाई भी होती तो मुझे पता नही लगता क्यूकी डॅड ने उसके
सर को पकड़ कर अपने सर के करीब कर लिया था ऑर शोबा को किस करने लगे थे,,,डॅड नीचे से कमर उछाल -2
कर शोभा की चूत मारने लगे साथ ही उसके सर को पकड़ कर किस करने लगे ऑर मैं पीछे से अपने हाथों से
शोबा के बूब्स को मसलता हुआ उसकी गान्ड की दमदार चुदाई करने लगा,,तब तक भुआ की साँसे थोड़ी ठीक हो
गई ऑर वो उठकर मेरे पास आ गई ऑर मेरे सर को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया मैने भी भुआ के बूब्स
को एक एक करके चूसना ऑर काटना शुरू कर दिया ऑर भुआ खुद अपनी चूत पर हट से सहलाने लगी ऑर मेरे सर को
एक हाथ से अपने बूब्स पर दबाने लगी मैं भी शोबा की गान्ड की मस्ती मे पागल होके भुआ के बूब्स को तेज़ी
से चूसने लगा भुआ का बूब ज़्यादा बड़ा नही था इसलिए मैं काफ़ी हद तक पूरा बूब्स मुँह मे भरने की
कोशिश करने लगा ऑर इसी वजह से मेरे दाँत हल्के से भुआ के बूब्स पर लग जाते ऑर भुआ की अह्ह्ह्ह निकल जाती
ऑर भुआ फिर से मुँहे पूरा बूब मुँह मे भरने का इशारा करते हुए मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबाने
लग जाती ताकि मैं फिर से पूरा बूब मुँह मे भरने की कोशिश करू ऑर मेरे दाँत भुआ के बूब्स पर लग जाए,,

करीब 10 मिनट की ऐसी चुदाई के बाद शोबा भी मेरा ऑर डॅड का साथ छोड़ने लगी थी क्यूकी उसके बदन के झटके
कुछ ज़्यादा तेज हो गये थे ऑर भुआ ने इस बात को समझ लिया था इसलिए खुद की चूत से हाथ हटा कर जल्दी से
मेरे आगे झुक गई ऑर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी गान्ड पर रख दिया फिर जल्दी से अपने हाथ पर थूक लगा
कर उसको अपनी गान्ड पर लगा दिया फिर मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे गान्ड मे उंगली करने का इशारा किया,,
भुआ को पता लग गया था कि शोबा झड़ने वाली है इसलिए अब वो खुद को तैयार कर रही थी ऑर ख़ास्स्कर वो अपनी
गान्ड को मेरे मूसल के लिए तैयार कर रही थी शायद अब भुआ का मन था मेरे मूसल को गान्ड मे लेने का,,

शोबा ने डॅड के सर से अपना सर दूर किया ऑर बदन को जोरदार झटके मारते हुए हल्की हल्की आहह भरते हुए
चूत से पानी बहाना शुरू कर दिया वो पानी डॅड के पेट पर गिरने लगा ऑर मैने देखा कि डॅड उस पानी को अपने
हाथ से अपने पेट से उठा कर चाटने लगे थे डॅड की इस हरकत से मैं बहुत मस्त हो गया ऑर शोबा की गान्ड को
कस्के पकड़ कर उसकी गान्ड मे तेज़ी से लंड पेलने लगा लेकिन तभी भुआ ने मेरे हाथों से शोबा की कमर को
आज़ाद किया ऑर शोबा को डॅड के उपर से उतार दिया मैं थोड़ा गुस्सा हो गया था लेकिन एक ही पल मे मेरा गुस्सा
शांत भी हो गया क्यूकी भुआ ने शोबा को तो नीचे उतार दिया था लेकिन अब खुद अपनी टाँगें खोल कर डॅड के
उपर आ गई थी ऑर अपने हाथ से डॅड के लंड को अपनी चूत पर रखके खुद ही नीचे होके लंड को चूत मे
घुसा लिया था ऑर सर को नीचे करके डॅड को किस करने लगी थी ऑर तभी मेरी टाँग पर हाथ मार कर मुझे भी
लंड गान्ड मे घुसाने को बोलने लगी मैने भी जल्दी से आगे बढ़के अपने लंड को भुआ की गान्ड मे घुसा
दिया मेरा लंड भुआ की गान्ड मे भी एक ही बार मे पूरा घुस गया था क्यूकी मेरे लंड पर शोबा की गान्ड का
पानी लगा हुआ था जिस वजह से मेरा लंड बहुत चिकना हो गया था ऑर एक ही बार मे पूरा घुस गया था भुआ की
गान्ड मे लेकिन भुआ शोबा की तरह उछली नही थी बल्कि उसने तो मेरे लंड को पूरा अपनी गान्ड मे निगल लिया
था ऑर डकार भी नही लिया था,,,,,,,भुआ शोभा से कहीं पहले से ये खेल खेलती आ रही थी ऑर काफ़ी मन्झि हुई
खिलाड़ी थी लेकिन फिर भी मेरे मूसल के अंदर घुसने से उसके बदन ने 1-2 हल्के झटके तो ज़रूर मारे थे,,

लेकिन भुआ चिल्लाई नही थी,,,मैं 2 -3 मिनट तो ऐसे ही भुआ की गान्ड मारता रहा लेकिन मैं एक ही तरह से
चुदाई करके थक गया था इसलिए मैने अपने लंड को भुआ की गान्ड से बाहर निकाल लिया ऑर खड़ा हो गया मेरे
खड़े होते ही ऑर लंड के गान्ड से बाहर निकलते ही भुआ मुझे घूर कर देखने लगी मानो गुस्से मे बोल रही
हो कि तूने अपने मूसल को बाहर क्यूँ निकाला इतना मज़ा आ रहा था तूने मज़ा खराब क्यूँ किया,,मैने भुआ की तरफ
देखा ऑर झुक कर अपने हाथ भुआ की कमर से घुमा कर उनके पेट पर रखे ऑर जल्दी से भुआ को डॅड के उपर से
उठा लिया मेरे ऐसे करने से भुआ दंग रह गई ऑर डॅड भी बड़ी हैरानी से मुझे देखने लगे लेकिन मैं मस्ती मे
पागल हो चुका था ऑर ऐसे ही भुआ को गोद मे उठा कर फिर एक हाथ से भुआ की कमर को पकड़ कर एक हाथ से
अपने लंड को पकड़ कर भुआ की गान्ड पर रख दिया इतनी देर मे डॅड भी उठकर खड़े हो गये थे ऑर उन्होने
भुआ के हाथ पकड़ कर अपने शोल्डर पर रखे ऑर भुआ को सहारा देते हुए भुआ के सामने खड़े हो गये ऑर
खुद अपने हाथ भुआ की टाँगो पर रख कर भुआ की दोनो टाँगो को खोल कर अपनी कमर की दोनो साइड करके
भुआ की टाँगो के बीच मे आ गये ऑर लंड को भुआ की चूत मे घुसा दिया भुआ मेरे ऑर डॅड के बीच मे
सॅंडविच बनके रह गई ,,,,


मैं भुआ की गान्ड को तेज़ी से चोदने लगा ऑर एक हाथ से भुआ मे बूब को मसल्ते
हुए एक हाथ से भुआ की गान्ड को पकड़ कर सहारा देने लगा सामने से डॅड भुआ की खुली टाँगो के बीच मे
आके भुआ की टाँगो को हाथ मे पकड़ कर भुआ की चूत की चुदाई करते हुए भुआ के एक खाली पड़े बूब को
मुँह मे भरके चूसने लगे ,,,भुआ के दोनो हाथ डॅड के शोल्डर पर थे ऑर भुआ डॅड का सहारा लेते हुए डॅड
की गर्दन पर किस करते हुए हल्के से काटने लगी ,,डॅड मस्ती मे ऑर तेज़ी से भुआ की चूत की चुदाई करने लगे थे
मेरी स्पीड तो पहले से ही काफ़ी तेज थी लेकिन अब ऑर भी ज़्यादा तेज हो गई थी ,,,



करीब 10 मिनट की दमदार चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था ऑर मैने झड़ने से पहले ही शोबा को
इशारा कर दिया ऑर शोबा जल्दी से मेरे पास आ गई क्यूकी मैं भुआ की गान्ड मे नही शोबा के मुँह मे झड़ना
चाहता था ऑर शोबा भी यही चाहती थी इसलिए एक इशारा मिलते वो जल्दी से मेरे पास आ गई शोबा के पास आते ही
डॅड ने भुआ को दोनो बाहों मे जाकड़ लिया ऑर गोद मे उठाया वो जान गये थे कि मैं पीछे हटने वाला हूँ ऑर
उनको अकेले ही भुआ को गोद मे उठाना होगा ,,,,,मैने जल्दी से अपने लंड को भुआ की गान्ड से बाहर निकाला ऑर
शोभा के मुँह मे घुसा दिया ऑर एक ही पल मे लंड ने पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ऑर पानी निकालना शुरू
कर दिया शोबा ने भी पानी को गले से नीचे गटकना शुरू कर दिया जितना पानी लंड से निकला शोबा ने सारा पानी
पी लिया ऑर बाद मे लंड को भी चाट कर सॉफ कर दिया ,,,तब तक डॅड ने गोद मे पकड़ कर भुआ को बेड पर लेटा
दिया ऑर खुद भुआ के उपर चढ़ कर भुआ की चुदाई करने लगे,,,,,,,,,हम लोग करीब 45 मिनट से चुदाई कर रहे
थे जिस दौरान मैं भुआ ऑर शोबा एक बार झड चुके थे लेकिन डॅड तो मेरे आने से भी पहले से भुआ की
चुदाई कर रहे थे लेकिन अब तक उनका पानी नही निकला था वो अभी भी भुआ के उपर लेट कर तेज़ी से भुआ की चुदाई
कर रहे थे भुआ भी मस्ती मे डॅड को किस करती हुई डॅड की पीठ पर हाथ घुमा रही थी,,मैं थक कर बेड
पर लेट गया ऑर शोभा मेरे उपर आके मुझे किस करने लगी ऑर मेरे सर पर हाथ फेरने लगी वो मेरी साँसों को
शांत करने की कोशिश करने लगी थी,,,,मैं थका हुआ आराम करने लगा लेकिन डॅड अभी भी चुदाई कर रहे थे
भुआ की लेकिन ज़्यादा देर नही करीब 10 मिनट के बाद डॅड ने भुआ की चूत को पानी से भर दिया ऑर तभी भुआ
ने भी पानी निकालना शुरू कर दिया फिर वो दोनो भी हान्फते हुए बेड पर लेट गये,,,,,,

काफ़ी टाइम तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,डॅड ऑर भुआ एक तरफ लेटे हुए थे जबकि मैं एक तरफ लेटा हुआ था ऑर शोबा
मेरे उपर लेट कर मेरे को हल्की हल्की किस कर रही थी,,,,,,,

क्यू गीता मज़ा आया आज एक साथ 2 लंड से चुदाई करवाने मे,,,,,,डॅड की आवाज़ से कमरे का
सन्नाटा टूट गया,,,,,,,डॅड ने भुआ के सर पर हाथ फेरते हुए पूछा,,,,,

भुआ ने भी एक हल्की मुस्कान चेहरे पर लाके डॅड की बात का जवाब दिया,,,,,,हाँ अशोक बहुत
मज़ा आया आज एक साथ 2 असली लंड से चुदाई करवाने मे,,,,इतना मज़ा पहले कभी नही आया क्यूकी
अभी तक एक लंड नकली होता था ऑर एक असली,,,,

हाँ सही कहा गीता ,,एक असली लंड मेरा होता था ऑर एक नकली लंड प्लास्टिक वाला,,,,डॅड ने
हँसते हुए जवाब दिया,,,,,,

हाँ भाई लेकिन उस नकली लंड से इतना मज़ा नही आता था जितना आज सन्नी के असली लंड से आया है, बुआ ने कहा

क्यूकी पहले कभी सन्नी के लंड से इतना मज़ा नही आया क्या जितना आज आया है,,,,डॅड ने थोड़ा
ज़ोर से हँसते हुए बोला,,,

डॅड की बात सुनकर भुआ का मुँह खुला का खुला रह गया ऑर साथ मे मेरा भी,,,,क्यूकी डॅड
को मेरे ऑर भुआ के बारे मे कुछ नही पता था ऐसे हमे लगता था लेकिन शायद डॅड को
भी सब पता था,,,,आख़िर वो मेरा बाप था,,,,,

भुआ एक डरे हुए चेहरे को देख कर डॅड हँसने लगे,,,,,,,तुम क्या सोचती थी गीता कि तुम
मुझे नही बताओगी तो मुझे कभी तुम्हारे ऑर सन्नी क बारे मे पता नही चलेगा क्या,,,

वो मैं तुमको बोलने ही वाली थी भाई लेकिन ,,,,,,,,,,,भुआ ने थोड़ी धीमी आवाज़ मे बोला,,,,

कोई बात नही गीता,,,,,मैं जानता हूँ तुम मेरे से झूठ नही बोल सकती कभी ,,,तुम मुझे
एक ना एक दिन बता ही देती सन्नी के बारे मे ,,डॅड ने भुआ को किस करते हुए बोला,,,,,ये तो
शोबा ने बताया था मुझे,,,,,

भुआ ने थोड़ा गुस्से से शोबा की तरफ देखा तो शोबा ने अपने चेहरे को मेरी तरफ मोड़ लिया
ऑर भुआ से बचती हुई मुझे किस करने का नाटक करने लगी,,,,

गुस्सा मत करो गीता ,फिर क्या हुआ जो शोबा ने बता दिया एक ना एक दिन तुम भी तो बता ही
देती मुझे,,,,,ऑर वैसे भी मैने कयि बार सन्नी की बाइक देखी थी रात को तुम्हारे बुटीक
मे,,,मुझे शक तो पहले से था लेकिन शोबा ने मुझे सब बता कर शक को यकीन मे बदल
दिया,,,,,मुझे इस बात का गुस्सा नही है कोई,,,,,,,,तुम टेन्षन मत लो,,,,

पता तो मुझे भी कब्से था डॅड आपके ऑर भुआ के बारे मे,,मैने भी हँसते हुए डॅड की
बात ख़तम होते ही बोलना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आप कैसे देल्ही जाने का बोलकर भुआ
के बुटीक पर जाते थे ऑर कार को स्टेशन पर पार्क करके वापिस ऑटो मे आते थे,,,,,,ऑर फिर
भुआ के साथ साथ मनीषा ऑर पूजा की चुदाई करते थे,,,,,सब पता है मुझे,,,,,,,,
Reply
07-11-2019, 12:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
डॅड भुआ ऑर शोबा सब का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,,,तू तो सच मे बहुत तेज है सन्नी,,
मुझे हैरान कर दिया तूने,,,,,,,

क्या करूँ डॅड मैं भी आपका ही बेटा हूँ,,,,,,,,,



वैसे तेरी हिम्मेत की दाद देनी पड़ेगी कि कैसे तूने शोबा को ऑर गीता को पटा लिया चुदाई
करने के लिए,,,,,,,ऑर तू भी तो करण के घर का बहाना करके जाता था बुटीक पर,,,,

मैने सोचा डॅड की अगर आप अपनी बेहन की चुदाई कर सकते हो तो मैं क्यूँ नही,,इसलिए
तो आज भी आपकी बातें सुनकर मेरी हिम्मत बढ़ गई ऑर मैं आपके कमरे मे आ गया शोबा
को लेके,,,,,,,,,,,

कोन्सि बातें सन्नी,भुआ ने पूछा,,,,

वही बातें भुआ जो आप लोग किचन मे कर रहे थे तब मैं वही बाहर खड़ा हुआ था
जब मैने सुना कि डॅड मुझे आपकी चुदाई के लिए तैयार करके को राज़ी हो गये है तो मेरी ह गई ऑर मैं खुद शोबा को लेके यहाँ आ गया,,,,,,

तेरी हिम्मत की भी दाद देनी पड़ेगी ऑर तेरे इस मूसल की भी ,,,अपने बाप से दोगुना बड़ा है
तेरा मूसल सन्नी,,,बुआ ने डॅड के लंड को हाथ मे लेके मेरे लंड से तुलना करते हुए बोला,,

हां गीता सच बोला ,,,एक बार तो मैं भी हेरान हो गया था कि इसका मूसल इतना बड़ा
'कैसे हो गया,,,,देखो ज़रा अभी सो रहा है लेकिन फिर भी इतना बड़ा लग रहा है मेरा तो
खड़ा होने क बाद भी इस से छोटा रहता है,,,,,

माना कि सन्नी का मूसल बड़ा है भाई लेकिन आपका छोटा मूसल भी कम नही है,,जहाँ
सन्नी 20-30 मिनट मे थक जाता है वहीं आप 1 घंटे से पहले नही रुकते कभी,,,,,

ये बात तो ठीक थी भुआ की ,,,,,,,,,,मैने आज खुद देखा था कि डॅड की टाइमिंग बहुत ज़्यादा
थी,,,,ऑर स्पीड भी काफ़ी तेज थी,,,,,

अच्छा डॅड ऑर क्या बताया था शोबा ने मेरे बारे मे,,,,मैने डॅड से पूछा,,,,

ऑर भी था क्या कुछ बताने के लिए,,,डॅड ने उल्टा मेरे से सवाल कर दिया,,,

हाँ डॅड मैं तो गाओं के बारे मे ,,,,

मैने अभी गाओं का नाम लिया कि भुआ ऑर डॅड अजीब नज़रो सी मुझे देखने लगे तभी शोबा
ने नज़रों ही नज़रो मे मुझे चुप करने को बोला,,,,मैं समझ गया कि शोबा ने डॅड ऑर भुआ
से अभी तक मेरे ऑर रेखा के बारे मे कोई बात नही की थी,,,,,

अरे डॅड मैं मनीषा ऑर पूजा के गाओं की बात कर रहा हूँ,,,मैने बात को टालते हुआ
पूजा के गाओं की बात शुरू करदी,,,,,,,आप लोग अक्सर जाते हो ना वहाँ पर ,,,इस बार मुझे
भी लेके जाना,,,,,,मैने शोबा दीदी को बोला था कि मुझे भी वहाँ जाना है,,,,,

तो क्या तुम उन दोनो की भी चुदाई कर चुके हो,,,,डॅड ने हैरानी से पूछा,,,,

इस से पहले कि मैं कुछ जवाब देता शोबा बोलने लगी,,,,,,,

आप लोग ऐसी बोरिंग बातों मे टाइम पास मत करो बड़ी मुश्किल से तो हम लोग एक साथ चुदाई
करने लगे है ऑर आप हो की टाइम खराब कर रहे हो,,,,चलो जल्दी से कुछ करो ना,,,,

इतना बोलते ही शोभा ने जल्दी से मेरे लंड को मुँह मे ले लिया ऑर भुआ भी डॅड के लंड को चूसने
लगी,,,,,,उस रात हम लोगो ने करीब 5 बजे तक चुदाई की ऑर फिर मैं वहीं उसी रूम मे सो गया
जबकि डॅड अपने रूम मे चले गये,,,शोबा ऑर भुआ भी अपने रूम मे चली गयी,,,,डॅड का कल
का प्रोग्राम था चुदाई करने का इसलिए उन्होने मुझे बोला था कि सुबह मैं कॉलेज नही जाउन्गा
ऑर ना ही शोबा जाएगी,,,,,,,,हम लोग कल घर पे मस्ती करेंगे जब तक सोनिया कॉलेज से नही आ जाएगी,,,,


सुबह उठा तो 9:30 हो गये थे,,,,,,,,,,,,,सोनिया शायद जा चुकी थी कॉलेज,,,,,मैं उठा ऑर बाथ लेके नीचे चला
गया,,,,,नीचे जाके देखा कि डॅड बड़े वाले सोफे पर बैठे हुए थे ऑर उनका सर सोफे से पीछे की तरफ झुका हुआ
था उनकी आँखें बंद थी,,,,,मैं हल्का सा आगे बढ़ा तो देख कर खुश हो गया,,,,,डॅड सोफे पर नंगे बैठे हुए
थे ऑर भुआ ज़मीन पर बैठ कर उनका लंड चूस रही थी जबकि शोबा भी वहीं सोफे पर डॅड के पास कुतिया
बनके झुकी हुई थी उसका सर सोफे की लास्ट पर था ऑर उसकी गान्ड डॅड के करीब थी मैं जब ऑर आगे गया तो देखा की डॅडकी 2 उंगलिया शोबा की गान्ड मे आगे पीछे हो रही थी ऑर शोबा सोफे पर एक हाथ का सहारा लेके उपर उठी हुई थी जबकि
दूसरे हाथ से अपने बूब्स को बारी बारी से सहला रही थी ऑर हल्की हल्की आअहह आहह कर रही थी ,,,उसकी आँखें
बंद थी ऑर मुँह खुला हुआ था,,,,,अभी तक मैं मस्ती मे आ गया था ऑर लंड भी काफ़ी हद तक ओकात मे आ चुका
था मैने अपनी बनियान उतार दी ऑर निक्केर भी ऑर नंगा होके शोबा के सर के करीब चला गया ऑर अपने हाथ से लंड
को पकड़ कर शोबा के लिप्स से लगा दिया,,,शोबा ने आँखें खोल कर मुझे देखा ऑर हल्की स्माइल करते हुए मुँह को
थोड़ा ज़्यादा खोल लिया ऑर मेरे आधे खड़े लंड को मुँह मे भर लिया,,,,जब मेरा लंड शोबा के लिप्स पर लगा था तो
शोबा के बदन को एक झटका लगा था जिस से डॅड का ध्यान भी मेरी तरफ आ गया ऑर डॅड भी मुझे देखकर हँसने
लगे,,,,,,,,पूरे टाइम पर आया है तू बेटा,,,,अभी खेल शुरू ही किया था हम लोगो ने,,,,डॅड की बात सुनकर भुआ ने भी
चेहरे उठाकर मुझे देखा ऑर फिर से सर झुका कर डॅड के लंड को मुँह मे भर लिया ऑर सर को उपर नीचे करते
हुए डॅड के लंड को चूसने लगी,,,,,

इधर शोबा ने भी मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर चूसना शुरू कर दिया मेरा लंड अभी तक आधा खड़ा हुआ
था लेकिन शोबा के मुँह मे जाते ही एक दम से झटके मारता हुआ पूरा ओकात मे आ गया था,,,,मैने भी मस्ती मे
शोबा के सर को पकड़ा ऑर अपनी कमर को हिलाते हुए लंड को उसके मुँह मे अंदर बाहर करने लगा मेरे ऐसा करने
से शोबा ने खुद अपने सर को हिलाना बंद कर दिया ऑर मुझे ही अपनी कमर हिला कर अपने लंड को उसके मुँह मे आगे
पीछे करने दिया,,,,मेरा लंड फुल हार्ड हो गया था ऑर शोबा के मुँह मे रग्गड़ खाने लगा था तभी शोबा ने अपनी
ज़ुबान को मुँह से बाहर कर दिया जिस से उसके मुँह मे ऑर ज़्यादा जगह बन गई ऑर मेरा लंड आराम से उसके मुँह मे
अंदर बाहर होते हुए उसके गले से नीचे उतरने लगा ऑर मुझे किसी टाइट गान्ड की चुदाई का मज़ा देने लगा,,,,,उसकी
ज़ुबान मुँह से बाहर लटक रही थी जिस वजह से उसके मुँह से निकलने वाला थूक उसकी ज़ुबान से होता हुआ सोफे पर
गिरने लगा था ऑर काफ़ी सारा थूक मेरे लंड पर पीछे की तरफ इकट्ठा होने लगा था जो बाद मे मेरी बॉल्स पर लगने
लगा फिर बॉल्स से ज़मीन पर गिरने लगा,,,,,,,


ज़मीन पर बैठी हुई भुआ भी डॅड के लंड को पूरा मुँह मे लेके सर को तेज़ी से उपर नीचे कर रही थी,,,,डॅड का एक
हाथ भुआ के सर पर था ऑर एक हाथ से वो शोबा की गान्ड मे उंगली कर रहे थे,,,डॅड के लंड भुआ के थूक से
सराबोर हो गया था तभी डॅड ने भुआ को पीछे किया ऑर खुद सोफे पर घुटनो के बल शोबा के पीछे बैठ गये ऑर
अपने लंड को शोबा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर घुसाते ही एक पल मे तेज स्पीड से शोबा की गान्ड को चोदने लगे,,,



डॅड इतनी ज़्यादा तेज़ी से झटके लगाने लगे कि मुझे अपनी कमर हिला कर अपने लंड को शोबा के मुँह मे घुसाने के लिए
ज़्यादा मेहनत नही करनी पड़ रही थी बल्कि डॅड के झटको की वजह से शोबा खुद आगे पीछे होने लगी थी ऑर उसका
सर मेरे लंड पर आगे पीछे होने लगा था,,,मैने उसके सर को छोड़ा ऑर थोड़ा नीचे झुक कर अपने एक हाथ से
उसके बूब्स को मसल्ने लगा,,,इतने मे भुआ खड़ी होने मेरे करीब आ गई ऑर जल्दी से मेरे सर को पकड़ कर अपने
बूब्स पर झुका दिया ,,,अब मैं झुकी हुई हालत मे लंड चुसाइ का मज़ा लेता हुआ भुआ के बूब्स को चूसने लगा ऑर
साथ ही एक हाथ से शोबा के बूब्स को मसल्ने लगा तभी भुआ ने मेरे दूसरे हाथ को पकड़ा ऑर अपने मुँह मे मेरी
2 उंगलियाँ भरके चूसने लगी ऑर फिर उंगलियों पर जब थूक लग गया तो भुआ ने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़
कर पीछे अपनी गान्ड पर रख दिया ऑर खुद के हाथ से अपनी गान्ड को थोड़ा सा खोल कर मेरी उंगलियों को गान्ड मे
घुसने का रास्ता दिखा दिया ,,,,,,मैने भी अपनी उंगलिया भुआ की गान्ड मे घुसा दी ऑर आगे पीछे करने लगा ,,,थूक
से वजह से उंगलिया चिकनी हो गई थी ऑर बड़े आराम से गान्ड मे आगे पीछे होने लगी थी,

भुआ ने अपने एक हाथ को अपनी चूत पर रख दिया ऑर आगे से खुद अपनी चूत मे उंगली करने लगी ऑर दूसरे हाथ से
मेरे सर को अपने बूब्स पर दबाने लगी,,,मैं भी अपनी उंगलियों को तेज़ी से उसकी गान्ड मे पेलते हुए उसके बूब्स
को चूसने लगा था,,,,,,,,उधर डॅड दोनो हाथों से शोबा की कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मांर रहे थे,,


शोबा के मुँह मे मेरा लंड आगे पीछे हो रहा था लेकिन फिर भी मस्ती मे उसकी हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी
जिस वजह से हम सब भी मस्त हो रहे थे,,,,तभी एक ही पल मे भुआ ने मेरे हाथ को अपनी गान्ड से हटा दिया ऑर
मेरे सर को बालों से पकड़ कर अपने बूब्स से उठा दिया ऑर जल्दी से मुझे पीछे की तरफ कर दिया जिस से मेरा लंड
भी शोबा के मुँह से बाहर निकल आया था ,,,,,मेरे पीछे होते ही भुआ जल्दी से सोफे की लास्ट पर अपने हाथ रखके नीचे
झुक गई ऑर अपनी गान्ड को मेरे सामने करके अपने सर को शोबा के सर के करीब कर लिया,,,,मैं भी एक पल की देर किएबिना अपने लंड को भुआ की गान्ड पर रखा ऑर एक ही झटके मे पूरा लंड उतार दिया भुआ की गान्ड मे ,,,,ऑर भुआ कीकमर को पकड़ कर तेज़ी से उनकी गान्ड मारने लगा,,,,,भुआ ने झुकते ही शोबा के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया
था ऑर दोनो की मस्ती भरी पागलपन वाली किस शुरू हो गई,,,,दोनो का एक एक हाथ सोफे पर था सहारा लेने के लिए ऑर एक एक हाथ से दोनो एक दूसरे के बूब्स को मसल्ने लगी थी ,,,,

मैं भी तेज़ी से भुआ की गान्ड मांर रहा था ऑर डॅड भी मेरे से कहीं ज़्यादा तेज़ी से शोबा की गान्ड मारने मे लगे
हुए थे,,,,हम लोगो को करीब 10-12 मिनट हो गये थे ऐसे ही चुदाई करते हुए,,,,फिर डॅड ने पीछे हट कर अपने
लंड को शोबा की गान्ड से निकाल लिया ऑर सोफे से नीचे उतर गये इतने मे शोबा की पीछे हट गई ऑर अपने लिप्स को भुआ के लिप्स से दूर कर दिया

तभी मैने भी पीछे हटके अपने लंड को भुआ की गान्ड से निकाल दिया ,,,डॅड ने भुआ के
हाथ पकड़ा ऑर अपने साथ सिंगल सोफे को तरफ ले गये ऑर जल्दी से सोफे पर बैठ गये ऑर भुआ भी अपनी टाँगें खोल
कर डॅड के उपर चढ़ गई ऑर लंड को गान्ड मे लेके तेज़ी से उपर नीचे उछलने लगी,,डॅड भी भुआ के कमर को पकड़
कर उनको तेज़ी से उपर नीचे उछालने लगे थे ऑर भुआ भी डॅड के शोल्डर्स का सहारा लेके तेज़ी से उपर नीचे होने
लगी थी,,,,,,इधर मैं भी सोफे पर बैठ गया जहाँ कुछ देर पहले डॅड बैठ कर अपना लंड चुस्वा रहे थे भुआ
को,,,,,मेरे बैठते ही शोभा ने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर अपने मुँह से थोड़ा थूक लगा दिया मेरे लंड पर
ऑर भुआ की तरह टाँगे खोल कर मेरे उपर बैठ गई ऑर अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी गान्ड के होल पर रखा
ऑर फिर अपने वजन डालते हुए मेरे लंड को अपनी गान्ड मे घुसा लिया,,,जैसे मैं एक ही बार मे पूरा लंड घुसा
देता था शोबा की गान्ड मे वैसे ही शोबा भी एक ही बार मे पूरा वजन डालके बैठ गई थी मेरे लंड पर ऑर एक
ही बार मे मेरा पूरा मूसल घुस गया था उसकी गान्ड मे ,,,उसने मेरे सर को पकड़ा ऑर अपने बूब्स की तरफ करते
हुए मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा दिया ऑर तेज़ी से उपर नीचे उछलने लगी,,,,,मेरा सर उसके बूब्स पर टिकते ही
मैने उसके एक बूब को मुँह मे भर लिया ऑर मुँह मे भरके चूस्ते हुए उसको कमर से पकड़ कर उपर नीचे करने
लगा,,,,मेरा पूरा लंड रगड़ ख़ाता हुआ शोबा की गान्ड मे अंदर बाहर हो रहा था ऑर मैं मस्ती मे पागल हो रहा
था वही हाल शोबा का भी था,,,,,,,,,,,,,उधर डॅड की चुदाई से पागल होके भुआ ने तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए चिल्लाना
शुरू कर दिया था,,,,,,आआआआआआआआहह उूुुुउऊहह ीसस्स्सीईई
हीईीईई त्टीजजिि ससी छूद्दूओ मम्मूउज़्झहही आस्शूकक्क ऊओरर त्तीज्जी ससीई ,,,,,,,,भुआ की सिसकियाँ अभी शुरू
हुई ही थी कि शोबा भी भुआ का साथ देते हुए तेज़ी से आहाहहीन भरने लगी थी,,,,,,,,,,,,उूुुउउम्म्म्ममममम
ईएसस्सिईइ हहिि गगाणन्दड़ माम्ररूव मीरीईइ ससुउन्न्नयययी प्पूउर्रा मम्मूस्साल्ल ग्घुउस्साअ द्डूऊ म्मीररीि
ग्गाअन्नदडड़ म्मी पफाड्दड़ द्दूओ म्मीरीईईई ग्गाअन्नदडड़ ककककूऊऊ मैं भी तेज़ी से उसके बूब्स को बारी-2
से चूस्ता ऑर काटता हुआ उसकी कमर पकड़ कर उसको उपर नीचे उछालने लगा ,,,,,,,,,,,मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था ये
सोच कर कि सामने मेरा बाप अपनी बेहन की चुदाई कर रहा था ऑर यहाँ मैं अपनी बेहन की चुदाई करने मे
लगा हुआ था,,,,,,मैं भी अपने बाप की तरह कमीना था जो अपनी ही बेहन को रंडी की तरह चोदने मे लगा हुआ
था,,,,,,,,,,लेकिन एक बात थी जो मज़ा अपनी बेहन को चोदने मे आ रहा था वो किसी ऑर की चुदाई करने मे नही आता
था कभी,,,,,,,,मैं कितनी बार शिखा को चोद चुका था लेकिन उसके साथ वो मज़ा नही आता था वो फेल्लिंग्स नही आती
थी जो शोबा के साथ चुदाई करने मे आती थी,,,,,हर बार अपनी ही माँ ऑर बेहन की चुदाई करने मे एक अलग ही मज़ा
आता था एक अलग ही एग्ज़ाइट्मेंट होती थी जिस से मज़ा बढ़ता चला जाता था ,,,,,,,,

यही सोच सोच कर ऑर करीब 20 मिनट ऐसे ही शोबा की गान्ड की चुदाई करने के बाद शोबा ने पानी निकालना
शुरू कर दिया ऑर उसका साथ देते हुए मैने भी अपने लंड के पानी से शोबा की गान्ड को भर दिया ,,,,लेकिन डॅड ऑर
भुआ अभी तक लगे हुए थे,,,,भुआ ने बोला था कि डॅड कम से कम 1 अवर तक चुदाई करते थे,,उनका लंड छोटा
था लेकिन इस बात की कमी को पूरा करने के लिए उनकी टाइमिंग काफ़ी ज़्यादा थी,,,वो जल्दी थकते नही थे,,,मैं ऑर शोबा
सोफे पर बात कर एक दूसरे को बाहों मे भरके डॅड ऑर भुआ की चुदाई देखने लगे थे,,,,

पहले तो डॅड बुआ को सोफे पर ही चोद रहे थे लेकिन कुछ ही देर मे उन्होने बुआ को गोद मे उठा लिया ऑर बुआ
की गान्ड पे हाथ रखके बुआ के वजन को संभालते हुए बुआ की चुदाई करने लगे थे,,बुआ ने भी अपने हाथो
को डॅड के गले मे डालके सहारा लेते हुए हल्के से खुद को उपर नीचे करने शुरू कर दिया था,,,,साथ ही बुआ डॅड
को किस करने लगी थी,,,,वो दोनो पागलो की तरह चुदाई कर रहे थे ऑर उनकी किस से उनके पागलपन का पता लग रहा
था दोनो एक दूसरे के लिप्स को खा जाना चाहते थे ,,उन दोनो को देख कर मैं फिर से मस्त होने लगा था ऑर शायद
शोबा भी ,,क्यूकी उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया था ऑर उसने मेरे लंड को मुट्ठी मे भरके मसलना शुरू कर
दिया था ऑर मेरी चेस्ट पर किस करते हुए मेरी छोटी छोटी निपल को किस करने लगी ऑर हल्के से चूस्ते हुए अपने दाँतों
से काटने लगी थी,,,मैं भी फिर से मस्त होने लगा था ,,,,,,,इतने मे बुआ ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया जो उनकी
चूत ऑर गान्ड से बहता हुआ नीचे ज़मीन पर गिरने लगा ऑर शायद डॅड भी पानी निकाल चुके थे क्यूकी उन्होने
बुआ को उछालना बंद कर दिया था ऑर बुआ की गान्ड से बहने वाले पानी के साथ डॅड का स्पर्म भी ज़मीन पर
गिरने लगा था,,,,2 मिनट डॅड बुआ को गोद मे उठा कर ऐसे ही खड़े रहे फिर दोनो लोग जाके सोफे पर बैठ गये
Reply
07-11-2019, 12:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
,,डॅड सोफे पर थे जबकि बुआ उनकी गोद मे थी अभी तक,,,इधर शोबा ने मेरे लंड को मुँह मे भरके चूसना
शुरू कर दिया था ऑर हम लोग फिर से मस्ती मे खोने लगे थे लेकिन तभी हमारी मस्ती को किसी की नज़र लग गई ऑर
शोबा दीदी का फोन बजने लगा,,,,पहले तो दीदी ने फोन नही लेना था लेकिन जब फोन लगातार बजने लगा तो बुआ
ने फोन उठाकर दीदी को दिया,,,,,,,,,,,

शोबा लो बात करो,,,,सोनिया का फोन है,,,,

दीदी ने हल्के गुस्से से मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर बुआ के हाथ से फोन लेके बात करने लगी,,,,फिर शोबा बात
करते करते सोफे से उठी ओर हमसे थोड़ा दूर चली गई,,,,,,करीब 2-3 मिनट बात करने के बाद वो मेरे पास आई,,,

चल उठ सन्नी तैयार हो जा ऑर मेरे साथ कविता के घर चल,,,,,,बुआ कार की चाबी देना ज़रा,,,

क्या हुआ बेटी सब ठीक तो है ना,,,कोई प्राब्लम तो नही,,,,,डॅड ने दीदी से पूछा,,,,,

नही डॅड कोई प्राब्लम नही है,,,सब कुछ ठीक है,,,,,

इतने मे बुआ उपर चली गई कार की चाबी लेने ऑर पीछे पीछे दीदी भी चली गई,,,,मैं भी उठा ऑर अपने रूम मे
चला गया,,,,अब मुझे सोनिया पर बहुत गुस्सा आ रहा था,,,,,,,,,,साली खुद कुछ नही करने देती ऑर जब मैं करता हूँ
खेल खराब कर देती है,,,,,ऐसी क्या मौत आन पड़ी थी जो अभी बुला लिया हमे कविता के घर पे,,,,,ऑर दीदी अकेली क्यूँ
नही चली जाती भला मुझे क्यूँ साथ लेके जा रही थी,,,,,खैर मैं तैयार हुआ ऑर नीचे चला गया,,दिल तो नही था पर क्या
करता,,,,,,,,,,,मजबूरी थी,,,,,,

नीचे दीदी पहले से तैयार होके बैठी हुई थी,,,,,,,,,बुआ ऑर डॅड अभी तक नंगे थे,,,,वो दोनो दीदी से पूछ रहे थे
कि कविता के घर मे क्या प्राब्लम है लेकिन दीदी उन लोगो को कुछ भी नही बता रही थी,,,,,मुझे बताना तो दूर की
बात थी,,,,,,,

दीदी आप अकेली क्यूँ नही चली जाती कविता के घर ,,,,,,,मेरा जाना ज़रूरी है क्या,,,,,,,,,,,,,,

तेरा जाना ज़रूरी है ऑर ज़रूरी नही भी है,,,क्यूकी मेरी एक्टिवा सर्विस के लिए गई है ऑर मुझे कार ड्राइव करनी नही आती
मेन रोड पर इसलिए तेरे को लेके जा रही हूँ साथ मे ,,,,,इस से पहले मैं कुछ ऑर बोलता या कोई कुछ बोलता दीदी
मे मेरा हाथ पकड़ा ऑर हम लोग घर से बाहर चले गये,,,,,मैने कार चलानी शुरू की ऑर हम लोग कविता के घर की
तरफ चल पड़े,,,रास्ते मे मैने दीदी से नही पूछा कि कविता के घर क्या प्राब्लम है ऑर अगर पूछता भी तो शायद
वो मेरे को कुछ नही बताती,,,,,,

हम लोग कविता के घर के बाहर पहुँचे ,,,,,,,,,दीदी कार से उतरी ऑर बेल बजाने लगी तब तक मैं कार को एक साइड मे
पार्क करके गेट तक आ गया,,,,

नीलम आंटी ने गेट खोला तो दीदी को गेट पर देख कर थोड़ा डर गई,,,,,

नमस्ते आंटी जी,.,,,,दीदी ने आंटी को नमस्ते बोला,,,,,,,,,,

आंटी ने भी थोड़ी हल्की आवाज़ मे दीदी की नमस्ते की रिप्लाइ दिया ऑर गेट को ऑर ज़्यादा खोल दिया,,,दीदी घर के अंदर
चली गई ऑर जाते टाइम मुझे बाहर रुकने को बोलती गई,,,,

लेकिन दीदी के जाने एक बाद जब नीलम आंटी घर के अंदर गई तो वो गेट बंद करके नही गई,,मेरे दिल मे एक
बेचैनी थी इसलिए मोका देख कर मैं भी घर के अंदर चला गया,,,,मैने दरवाजा खोला ऑर ड्रॉयिंग रूम मे
एंटर हो गया ,,,,वहाँ सोनिया कविता ऑर कामिनी भाभी एक सोफे पर एक साथ बैठी हुई थी,,,एक साइड सिंगल सोफे पर
कविता का भाई सूरज था जबकि एक सिंगल सोफे पर दीदी जाके बैठ गई थी ,,,,नीलम आंटी किचन मे पानी लेने चली
गई थी,,,,,,मेरे अंदर आते ही सब लोगो का ध्यान एक बार मेरी तरफ आया,,,,कविता ऑर उसकी भाभी कामिनी ने तो मुझे
देख कर जल्दी से अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया लेकिन सोनिया मुझे गुस्से से देखने लगी थी,,,,ऑर साथ ही कविता
का भाई सूरज भी मुझे अजीब नज़रो से देखने लगा हालाकी वो भी थोड़ा गुस्से मे लग रहा था,,,,तभी शोबा दीदी ने
मुझे बाहर जाने को बोला,,,,,,,,,,,

सन्नी तुम बाहर मेरा वेट करो मैं अभी आती हूँ थोड़ी देर मे,,,,,दीदी ने मुझे एक तरह से ऑर्डर दिया था इसलिए
मैं वहाँ से बाहर जाने लगा ,,,,तभी मैने एक बार फिर से कविता ऑर उसकी भाभी कामिनी की तरफ देखा तो मुझे
कुछ ठीक नही लगा ,,,उनके चहरे बहुत उदास थे ऑर वो अभी भी रो रही थी ऑर देखने से ऐसा लग रहा था जैसे
उनको मारा भी गया था क्यूकी उनके गाल बहुत लाल हो गये थे ऑर उनके गोरे रंग पर मांर पीट के निशान सॉफ-सॉफ
नज़र आ रहे थे,,,,मैं समझ गया कि इनके घर मे कोई सीरीयस प्राब्लम चल रही है मैं जानना तो चाहता था
लेकिन दीदी ने मुझे बाहर जाने को बोल दिया था इसलिए मुझे कुछ ख़ास पता नही चल सका,,,,मैं गुस्से मे घर से
बाहर चला गया,,,अगर शोबा को मुझे घर से बाहर ही रखना था तो अपने साथ क्यू लेके आई,,,कार ड्राइव करने के लिए
अपना ड्राइवर बनाने के लिए,,,,,मैं गुस्से मे था लेकिन थोड़ी टेन्षन भी थी ,,,,,

खैर मैं घर से बाहर निकला ,,,गर्मी बहुत थी इसलिए कार स्टार्ट करके एसी ऑन करके आराम से बैठ गया लेकिन आराम कहाँथा मेरे को दिल मे तो बेचैनी बढ़ने लगी थी इस बता को लेके कि आख़िर मसला क्या है कविता के घर मे ,,,,जब देखो वोरोती ही रहती है ऑर आज तो उसकी भाभी भी रो रही थी,,,मैं अभी यही सब सोच रहा था कि कविता के घर का गेट
खुला ऑर उसका भाई सूरज बाहर निकला वो बड़े गुस्से मे लग रहा था ऑर बड़ी तेज़ी से चलता हुआ मेरी कार के पास से
गुजर कर सामने खड़ी एक कार मे बैठ कर वहाँ से चला गया ,,,,,,,लेकिन जाते टाइम वो गुस्से ऑर अजीब नज़रो से मुझे
देखता हुआ गया,,,लगता है घर का महॉल ठीक नही है ,,,,,,,,,,,

करीब 30 मिनट के बाद फिर से गेट खुला ऑर सामने सोनिया ,,,,शोबा ऑर नीलम आंटी थी जबकि मैने देखा कि
पीछे कविता ऑर उसकी भाभी भी खड़ी हुई थी,,,,,उन लोगो ने अपने चेहरे को दुपट्टे से कवर किया हुआ था लेकिन
उनकी नम आँखें मुझे अभी भी नज़र आ रही थी ऑर आँखों से बहने वाले आँसू भी,,,,

शोबा दीदी थोड़े गुस्से मेथी शायद ,,एसी ऑन होने की वजह से मैने कार के शीशे नीचे नही किए थे इसलिए
मुझे कुछ सुनाई नही दे रहा था,,,,लेकिन नज़र सब कुछ आ रहा था,,,,,

मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कविता का कोई लफडा है किसी से ,,,कोई बाय्फ्रेंड या कुछ ऐसा ही,,ऑर उसकी भाभी भी
उसकी हेल्प करती होगी इश्स काम मे इसलिए उसकी भाभी को भी मार पड़ी होगी,,,,,

शोबा दीदी हल्के से गुस्से मे थी जबकि नीलम आंटी बार बार शोबा दीदी के सामने हाथ जोड़ रही थी शायद वो किसी
बात के लिए दीदी ने माफी माँग रही थी,,,,,तभी मैने देखा कि शोबा दीदी ने अपने फोन से कोई नंबर डाइयल किया
लेकिन जल्दी से नीलम आंटी ने दीदी के हाथ मे मोबाइल पकड़ लिया ऑर डिसकनेक्ट कर दिया ,,,ऑर फोन वापिस दीदी को
देते हुए फिर से हाथ जोड़के माफी माँगने लगी थी ऑर दीदी अपनी उंगली दिखा दिखा कर गुस्से मे बात कर रही थी
शायद वो नीलम आंटी को कोई चेतावनी दे रही थी किसी बात के लिए खबरदार कर रही थी तभी तो नीलम आंटी
हाथ जोड़ कर खड़ी हुई थी दीदी के सामने,,,,,नीलम आंटी की आँखें भी इस टाइम नम थी ,,,,,,

फिर दीदी कविता ऑर उसकी भाभी कामिनी को बड़े प्यार से हग करके मिली ऑर सोनिया को साथ लेके कार की तरफ आ गई,,,,वोदोनो कार मे बैठ गई जबकि नीलम कविता ऑर उसकी भाभी हमे बाइ बोलके जल्दी से अंदर चली गई,,,,दीदी मेरे
साथ बैठ गई ऑर सोनिया पीछे की सीट पर,,,मैं दीदी से कविता के घर की प्राब्लम के बारे मे बात तो करना चाहता
था लेकिन पीछे की सीट पर सोनिया बैठी हुई थी ऑर उसके सामने दीदी चाह कर भी मेरी बात का कोई जवाब नही देती
इसलिए मैं चुप चाप से कार चलाता हुआ घर की तरफ आने लगा,,,,घर पहुँचने तक हम मे से किसी ने कोई बात
नही की लेकिन जब हम घर पहुँचे तो कार से उतरकर सोनिया ने दीदी को हग किया अपनी बाहों मे ऑर थॅंक्स बोलने
लगी,,,,,,,

शुक्रिया दीदी जो कुछ भी आज अपने किया मेरे कहने पर,,,सोनिया दिल से दीदी को थॅंक्स बोल रही थी,,

अरे पगली इसमे थॅंक्स की क्या बात ये तो मेरा फर्ज़ था ओर वैसे भी मेरी जगह कोई भी होता तो ऐसा ही कहता ऑर ऐसा ही करता,,,,,

जानती हूँ दीदी माँ और भाभी कब्से एसा ही करने की सोच रही थी लेकिन कविता ने मुझे मना किया हुआ था ऑर सबसे
बड़ी बात कि उसकी भाभी भी ऐसा वैसा कुछ नही करना चाहती थी सोनिया अभी अपनी बात कर रही थी कि मेरे कार मे
से बाहर निकलते ही उसने अपनी बात को बीच मे रोक दिया ऑर शोबा दीदी को फिर से थॅंक्स बोला,,,,

शोबा दीदी भी समझ गई कि सोनिया मेरी वजह से चुप कर गई थी,,,,,

फिर वो दोनो घर की तरफ चल पड़ी ऑर शोबा ने बेल बजाई ,,,,,करीब 5 मिनट बाद आके बुआ ने दरवाजा खोला
मैं समझ गया था कि अंदर डॅड ऑर बुआ का प्रोग्राम चालू था इसलिए दरवाजा खोलने मे टाइम लगा बुआ को,,
इस बात का शोबा दीदी को भी पता था इसीलिए उन्होने एक बार ही बेल बजाई थी जबकि सोनिया तो बेल पर हाथ रखके ही खड़ी हो गई थी,,,,,ऑर दरवाजा लेट खुलने से थोड़ा गुस्सा भी हो गई थी ,,,,

अरे आ गये तुम लोग,,,,इतनी जल्दी वापिस आ गये,,,,बुआ ने अपने बाल ठीक करते हुए बोला

हम तो जल्दी आ गये बट आप लोग भी दरवाजा खोलने जल्दी आ जाया करो,,,सोनिया ने थोड़े गुस्से ऑर रूखेपण से बुआ
की बात का जवाब दिया ऑर जल्दी से घर के अंदर चली गई,,,,

इस से पहले कि बुआ कुछ बोलती सोनिया अंदर चली गई ओर शोबा ने भी बुआ को चुप रहने को बोला ,

फिर मैं ओर दीदी भी अंदर चले गये,,,,,,,

उस दिन कुछ ख़ास नही हुआ सारा दिन,,,,डॅड ऑर बुआ तो हम लोगो के घर आते ही अपने अपने काम पर चले गये
शोबा भी बुआ के साथ चली गई,,,,,,,,मैं नीचे बैठ कर सारा दिन टीवी देखता रहा ऑर सोनिया अपने रूम मे रही
सारा दिन,,,,,,दोपेहर का खाना भी मैने खुद ही बना कर खाया था,,,,,वो तो महारानी अपने रूम से ही नही निकली
थी ऑर ना ही उसने खाना खाया था,,,,

शाम को करीब 5 बजे घर की बेल बजी ऑर मैने दरवाजा खोला तो सामने कविता थी,,,वैसे मैं उसको पहचान
तो नही पाया था क्यूकी उसने पूरे फेस को कवर किया हुआ था दुपपट्टे से ऑर आँखों पर भी चश्मा लगा हुआ था
लेकिन उसकी आवाज़ से मैं उसको पहचान गया,,,,

मैने उसको हाई बोला ऑर उसने भी मुझे हाई बोला,,,,,

सोनिया कहाँ है सन्नी,,,,,उसकी आवाज़ अब उदास नही लग रही थी

वो आपने रूम मे है कविता,,,मैने इतना बोला ही था कि वो अंदर आके उपर सोनिया के रूम की तरफ चली गई,,

मेरा भी दिल किया कि उन लोगो के रूम मे बाहर जाके सुनू तो सही कि आख़िर सारा मसला क्या है,,,,इसलिए मैं भी
उपर की तरफ चल पड़ा अभी मैं सोनिया के रूम के दरवाजे के पास पहुँचा था कि मैने सोचा कि सोनिया कविता
को रूम मे बैठने को बोल रही थी ऑर खुद उसके लिए चाइ बनाने को बोल रही थी,,,,,

तुम आराम से बैठो कविता मैं चाइ लेके आती हूँ,फिर बात करते है दोनो,,,,

सोनिया रूम से निकली तो मैं रूम मे चला गया सोनिया जाते टाइम मुझे देख कर गई थी लेकिन मैने उस से नज़रे नही
मिलाई ऑर चुप चाप रूम मे चला गया,,,,जहाँ कविता सर से दुपट्टा ऑर आँखों से चस्मा उतार कर बैठी हुई थी,,,

वो अब रो तो नही रही थी लेकिन उंसकी आँखों मे हल्की नमि ऑर चहरे पर उदासी अभी भी थी,,,

मैं अंदर गया तो उसने मुझे देख कर अपने चहरे को नीचे झुका कर दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,,,मैं चुप चाप
से अपनी अलमारी से ऐसे ही कुछ समान लेने लग गया,,,,,

तुम उदास ऑर रोती हुई अच्छी नही लगती कविता,,,,,मैने बहाने से बात शुरू करने की कोशिश की,,,,

कविता ने मेरी तरफ देखा ऑर फिर से नज़रे झुका ली,,,,,मैं उदास नही हूँ सन्नी बस वो घर पे कोई,,,,

उसने अभी बोलना शुरू किया था हल्की आवाज़ मे तो मैने उसकी बात को बीच मे ही रोक दिया,,,,घर पे सबके कोई ना
कोई प्राब्लम होती रहती है लेकिन रोने से उसका हल नही निलकलता ,,हर प्राब्लम का डॅट के मुक़ाबला करना चाहिए,,,,,इतने
बोलते हुए मैं बेड पर उसके पास जाके बैठ गया ,,उसने अपने चहरे को ऑर नीचे झुका लिया मानो जैसे उदासी मे वो
ज़मीन मे धसती चली जा रही थी,,,,,

ऑर वैसे भी खूबरूरत लड़की के मासूम ऑर क्यूट फेस पर मुस्कान अच्छी लगती है ना कि आँसू,,,,,इतना बोलके मैने उसके
चहरे को अपने हाथ से उपर उठाया तो देखा कि उसके चारे पर मांर के निशान थे ,,,उसकी खूब पिटाई हुई
लगती थी,,,,,,,,उसने मेरी तरफ़ देखा ऑर फिर से चहरे झुकाने की कोशिश की लेकिन मैने उसके चहरे को उसकी चिन से
पकड़ा हुआ था ,,,,,

घर मे सबके प्राब्लम होती है सन्नी मैं जानती हूँ,,,,ऑर रोने से कोई प्राब्लम सॉल्व नही होती ये भी जानती हूँ
हर प्राब्लम का डटके मुक़ाबला करने से ही प्राब्लम हल होती है ,,लेकिन देखो मेरी तरफ ,,मैने प्राब्लम से लड़ने
की कोशिश की तो मेरा ये हाल हुआ उसने अपने चेहरे की तरफ इशारा करते हुए बोला ऑर रोने लगी,,,ओर रोते रोते मेरे
शोल्डर पर सर रख लिया मैने भी उसको चुप करवाने के लिए ऑर दिलासा देने के लिए उसके सर पर हाथ रखा,,,,,,

देखो कविता मैं नही जानता कि तुम्हारे घर मे क्या प्राब्लम चल रही है ऑर मैं जानना भी नही चाहता,,वो तुम
लोगो की आपस की बात है,,,,लेकिन मैं इतना जानता हूँ कि तुमने शोबा दीदी को उसके बारे मे बता दिया है अब शोबा
दीदी तुम्हारी पूरी हेल्प कारगी,,,लेकिन अगर मेरे लिए कोई काम हुआ तो बताने से डरना नही मैं भी तुम्हारी हेल्प के लिए
तैयार हूँ हमेशा ,,आख़िर हम लोग इतने पुराने दोस्त है ,,,,,मेरा हाथ उसको समझाते हुए उसके सर से उसकी पीठ पर
चला गया लेकिन मेरा कोई ग़लत इरादा नही था ,,,मैं तो अपनी दोस्त को रोते हुए दिलासा देने की कोशिश कर रहा था लेकिनफिर भी ना जाने क्यूँ मेरा हाथ पीठ पर लगते ही कविता के मुँह से अह्ह्ह्ह निकल गई ऑर उसके दोनो हाथ जो मेरे शोल्डर पर थे वो थोड़ा मजबूती से कस गये मेरे शोल्डर पर,,,तभी मैने उसके सर को पकड़ा ऑर पीछे किया
तो देखा कि उसकी आँखो मे आँसू तो थे लेकिन एक अजीब चमक भी थी ऑर चहरे पर हल्की खुशी थी जो शायद
मेरे दिलासा देने की वजह से आई थी उसके चहरे पर,,,,,मैने अपने एक हाथ को उसके गाल पर उसकी आँख से नीचे रखा
ऑर उसके आँसू पोछने लगा ,,वो हल्की मुस्कान से मुझे देखने लगी मेरा हाथ उसके गाल पर था ओर तभी मुझे
किसी के खांसने की आवाज़ सुनाई दी ,,,

मैने ऑर कविता ने दरवाजे की तरफ़ देखा तो वहाँ सोनिया खड़ी हुई थी हाथ मे चाइ की ट्रे लेके ऑर मेरी तरफ गुस्से
से देख रही थी,,,,,तभी कविता एक दम से पीछे हट गई ,,,,मैं भी जल्दी से बेड से उठा ऑर सोनिया के करीब से गुजर
कर रूम से बाहर आ गया,,,,लेकिन ज़्यादा दूर नही गया ऑर वहीं रुक कर उनकी बाते सुनने की कोशिश करने लगा,,,,,


ये ब्लॅकी क्यू आया था यहाँ,,,,सोनिया ने हल्के गुस्से से कविता से पूछा,,,,,,

वो तो बस ऐसे ही मुझे रोते देख कर दिलासा दे रहा था ,,,,,कविता ने स्लो आवाज़ मे उसकी बात का जवाब दिया,,,

तूने उसको कुछ बताया तो नही,,,,,,सोनिया फिर से गुस्से मे थी,,,,,,

नही बाबा कुछ नही बताया मैने उसको,,,,मैने तो सिर्फ़ तेरे को बताया था ऑर किसी को नही,,,,शोबा दीदी को भी तूने
ही बताया था मैने नही,,,,,,

शोबा दीदी को बताना ज़रूरी था वो बड़ी है हमसे,,,ऑर उन्ही की वजह से अब प्राब्लम भी दूर हो जाएगी,,,देखा नही
तेरी माँ आज कैसे माफी माँगने लगी थी दीदी से,,,,,

हाँ ये बात तो है सोनिया ,,,,शोबा दीदी की वजह से अब कुछ हालत तो ठीक हुई है घर की,,,भाभी भी खुश है जो
शोबा दीदी आज घर आई थी,,,,उनके जाने के बाद माँ ने मेरे से ऑर भाभी से भी माफी माँगी थी,,,,अब वो कुछ नही
कहेंगी मुझे ऑर भाभी को,,,,लेकिन डॅड ,,,,

कविता बोल ही रही थी कि सोनिया बीच मे बोल पड़ी,,,,,,तू टेन्षन मत ले अगर तेरे डॅड ने कुछ गड़बड़ की तो शोबा दीदी
को बता देंगे वो सब संभाल लेंगी,,,,,तू अब टेन्षन मत ले बस जल्दी चाइ पी ,,फिर स्टडी करते है वैसे भी कई
दिन से बुक खोल कर नही देखी तूने,,,,ऑर मैं भी गाओं गई हुई थी,,,,,,,

उन लोगो ने इतनी बात की ऑर फिर रूम मे सन्नाटा हो गया,,,,शायद वो चाइ पीने लगी थी,,,मैं कुछ देर वहीं रुक गया
ताकि पता चल सके कि बात क्या है,,,,,उसके बाद अगर कोई आवाज़ आई भी थी रूम से तो वो जस्ट स्टडी के टॉपिक पर थी

इसलिए मैं वहाँ से नीचे चला गया ,,,,,,ऑर वापिस टीवी देखने लगा,,,,लेकिन एक चीज़ ने मुझे परेशान कर दिया था,,,
वो थी कविता के मुँह से निकली अहह जब मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे,,,तब कुछ टाइम के लिए वो रोना भूल गई थी
ऑर मेरा ध्यान भी उसकी नाम आखों से हट गया था,,,एक पल क लिए वासना हावी हो गई थी मेरे पे लेकिन सोनिया हर बार ग़लत टाइम पर आती थी,,,कमिनि कहीं की,,,,ना खुद कुछ करती है और ना मुझे करने देती है,,,,,

उस रात भी कोई प्रोग्राम नही बना क्यूकी दीदी बुआ ऑर डॅड थक गये थे दिन भर की चुदाई से जो उनलोगो ने बुआ
के बुटीक पर जाके की थी,,,,,

नेक्स्ट डे मैं ऑर कारण कॅंटीन मे बैठे हुए थे,,,,,आज स्टडी करने का मन नही था वैसे भी हम लोग स्टडी
करने नही बस टाइम पास करने आते थे कलाज मे ऑर सारा दिन कॅंटीन मे ही टाइम पास करते थे,,,,हम लोग
की लास्ट टेबल पर एक कॉर्नर मे बैठे हुए थे,,,,,,,,,,,,,,,

Reply
07-11-2019, 12:36 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सन्नी भाई कुछ कर यार,,,,,करन मिन्नेत करते हुए बोल रहा था,,,,,,

अब क्या हुआ साले तेरे को,,,अब क्या मौत पड़ी है,,,,,

यार आज कल माँ सारा सारा दिन घर पे रहती है कहीं बाहर नही जाती,,,,शिखा दीदी की चुदाई करने का टाइम
ऑर मोका नही मिलता यार,,,किसी न्यी चूत का बंदोबस्त कर ना यार जिसे मे मेरे लंड की आग भुज जाया करे,,,,

मैने सोचा क्यू ना साले को बोल दूं कि अपनी माँ को पटा ले ऑर फिर आराम से तू तेरी बेहन ऑर माँ रोज मस्ती करना
अपने घर पे ,,,,,,,,,,ना कोई टेन्षन ना किसी का डर,,,सारा दिन मस्ती ही मस्ती,,,,,,,

अब मैं क्या करूँ यार ,,तेरी माँ घर पे रहती है तो इसमे मैं क्या कर सकता हूँ,,,,,मैने सीधी तरह से बोल
दिया कि मैं कुछ नही कर सकता,,,,,मैं उसकी माँ के बारे मे बात करना चाहता था लेकिन अभी नही,,,अभी मुझे
डर लग रहा था ,,,जब तक कि वो ऐसी वैसी कोई बात नही करता मेरी तरफ से कुछ भी कहना मुमकिन नही था,,,,,

तभी मैने देखा कि करण कॉर्नर वाली खिड़की से कॅंटीन के बाहर देख रहा था ,,,,मैने उसकी नज़रो का पीछा
करते हुए वहाँ देखने की कोशिश की तो देखा कि कॉलेज की पार्क मे एक पेड़ के नीचे शिखा दीदी खड़ी हुई थी ऑर
उनके साथ एक खूबसूरत लड़की ऑर खड़ी हुई थी,,,,वो लकड़ी जानी-पहचानी लग रही थी लेकिन ठीक से पता नही लग रहा
था वो कॉन है,,,तभी एक ऐसा शक्स शिखा के पास आया जो जाना पहचाना था,,,,,वो कोई ऑर नही अमित था,,,,

अमित को देख कर करण गुस्से मे पागल हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,ये कमीना क्या कर रहा है दीदी के पास,,,करण जल्दी से
कॅंटीन से बाहर के रास्ते की तरफ चलने लगा ,,,,मैं भी उसके पीछे चलने लगा,,,

हम दोनो कॅंटीन से बाहर निकले तो देखा कि अमित ने शिखा दीदी का हाथ पकड़ा हुआ था ऑर उनको अपनी तरफ
खींच रहा था जबकि शिखा दीदी अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी ऑर साथ मे जो लड़की थी वो भी
शिखा के हाथ को अमित से अलग करने की कोशिश करने मे लगी हुई थी,,,,,

तभी अमित ने उस लड़की की धक्का दिया ऑर एक थप्पड़ मारा शिखा दीदी के फेस पर,,,,ये देख कर करण गुस्से मे
भागा उसकी तरफ ऑर पीछे से मैं भी ,,,,इस से पहले की अमित दूसरा थप्पड़ मारता दीदी के फेस पर करण ने उसका
हाथ पकड़ लिया ऑर जब अमित ने करण की तरफ देखा तो करण ने एक जोरदार मुक्का मारा उसके फेस पर,,,

अमित पीछे जाके गिर गया,,,,ऑर जल्दी ही उठ कर खड़ा हो गया,,,,

इतनी देर मे मैने अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर शिखा दीदी को दिया ऑर दीदी ने अपने हाथ से रुमाल पकड़ कर
अपने लिप्स पर रखा जहाँ से अमित के थप्पड़ मारने की वजह से खून निकलने लगा था,,,,दीदी ने एक हाथ से रुमाल
को लिप्स पर रखा ऑर एक हाथ से अपनी फ्रेंड को सहारा देके ज़मीन से उठने लगी,,,,वो लड़की कॉन थी ये तो नही पता
लग रहा था लेकिन इतना तो पक्का था वो कोई जानी पहचानी थी,,,पहले भी कहीं देखा था उसको,,,,,

अमित खड़ा हो गया था ऑर कारण के पास आने लगा था इतनी देर मे मैने देखा कि अमित के कुछ दोस्त जो हर बुरे काममे उसके साथ होते है वो भी अमित के साथ आके खड़े हो गये थे इसलिए करण को पीछे करके मैं करण ऑर अमित केसाथ खड़े उसके दोस्तो के बीच खड़ा हो गया,,,,,,,,,,अमित ही नही उसके दोस्त भी जानते थे कि मैं लड़ने मे एक
नंबर का कमीना हूँ,,,,,,,,

सन्नी भाई तू पीछे होज़ा ये मेरी और करण की आपस की बात है,,,,,अमित ने मुझे हटने को बोला लेकिन मैं नही हटा

जो करण की बात है वही मेरी बात है अमित,,,,अगर तेरा लफडा करण के साथ है तो समझ ले मेरे साथ भी है,,,,

मैने इतना बोला ही था कि अमित आगे बढ़ा लेकिन इस से पहले ही सुमित हम दोनो एक बीच मे आ गया उसने मेरी तरफ 'पीठ करते हुए अमित की चेस्ट पर हाथ रखे ऑर उसको पीछे करने लगा,,,,

अमित प्लीज़ यार ये सन्नी अपना दोस्त है इस से पंगा मत करो ,,,,करण ऑर उसकी बेहन से माफी माँगो,,,,

अमित ने मेरा गुस्सा सुमित पे निकाला ऑर उसको एक थप्पड़ मारा जिस से सुमित चक्कर ख़ाके नीचे गिर गया,,,वैसे भी
साला नशा करके मरने वाला हो गया था जो अमित के एक थप्पड़ से नीचे गिर गया,,,,,

तू साला मेरे टुकड़ो पे पलने वाला मुझे बोल रहा है माफी माँगने को,,साले ओकात भूल गया अपनी,,,,अमित ने सुमित
को गाली देते हुए उसको ज़मीन पर गिरे हुए ही अपने पैरों से मारने लगा ,,,तो मैने भी आगे बढ़ कर अमित को धक्का
दिया ऑर अमित अपने दोस्तो के पास जाके गिरने लगा बट उसके दोस्तो ने उसको सहारा दिया जिस से वो गिरने से बच गया ऑरपलट कर मेरी तरफ आने लगा तो मैने अपने हाथ मे पहने हुए स्टील के कड़े को मुट्ठी मे पकड़ लिया ऑर फाइट के लिए तैयार हो गया ,,,

अमित ने जब मुझे ऐसा करते देखा तो थोड़ा डर गया लेकिन अपने दोस्तो का साथ होना उसके लिए हिम्मत की बात थी इसलिए वो आगे बढ़ने लगा लेकिन तभी हमारे कलाज के 2 टीचर वहाँ से गुज़रते हुए वहाँ आ गये,,,,,,,,

अमित के दोस्तो ने उसको हाथ से पकड़ा ऑर वहाँ से ले गये क्यूकी अमित के खिलाफ पहले से बहुत शिकायत थी कॉलेज मेइसलिए वो कोई पंगा नही कर सकते थे,,,,,लेकिन जाते टाइम अमित सुमित को माँ बेहन की 2-4 गालियाँ ज़रूर सुना गया,,

सुमित भी उठा ऑर अमित को बुरा भला बोलता हुआ कॉलेज के गेट की तरफ चला गया क्यूकी वो जनता था अगर वो यहाँ रहा तो अमित उसको दोस्तो के साथ मिलके बहुत मारेगा ऑर उस टाइम मैं ओर करण पता नही होंगे उसकी हेल्प करने केलिए या नही,,,,,लेकिन एक बात तो थी अगर अमित मेरे सामने सुमित से पंगा करता तो मैं सुमित की हेल्प ज़रूर करता क्यूकी आज उसने भी अमित के खिलाफ हमारा साथ दिया था,,,,

खैर अमित गया अपने रास्ते ऑर सुमित गया अपने रास्ते,,,,,,,,,,

तुम ठीक तो हो शिखा,,,,करण ने अपनी बेहन से पूछा ,,,

शिखा ने हाँ मे सर हिलाया ऑर मेरे को मेरा रुमाल वापिस देते हुए थॅंक्स बोलके वहाँ से जाने लगी तभी उसकी
दोस्त ने भी मुझे ऑर करण को थॅंक्स बोला ऑर वहाँ से चली गई,,,,

मैं ऑर करण वापिस कॅंटीन मे चले गये,,शिखा ऑर उसकी दोस्त वहाँ से चली गई,,,,,

ये साले अमित को मैं नही छोड़ने वाला अब ,टाँगें तोड़ दूँगा साले की,,,मेरी बेहन पे हाथ उठाया उसने,,,,,करण
पूरे गुस्से से बोल रहा था,,,,ऑर उसका गुस्सा जाएज भी था आख़िर कॉन भाई अपने सामने अपनी बेहन को थप्पड़ खाते
देख सकता था,,,,इसका कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा,,,,

चल छोड़ यार ये सब बातें ,भूल जा ,,,,,,बाद मे कभी मोक़ा मिलेगा तो देख लेंगे साले को ,,अब गुस्सा थूक दे
,,,,,,,,,इतना बोलकर मैने 2 कोल्ड कॉफी ऑर्डर की ऑर कॅंटीन वाला भी कॉफी लेके आ गया,,,,,,,,,,,

चल कोल्ड कॉफी पी ऑर गुस्सा भी ठंडा करले,,,,,,,मैने करण को कॉफी का ग्लास पकड़ाते हुए बोला,,,,,

क्या बता करता है सन्नी भाई उसने दीदी पर हाथ उठाया ऑर तुम कहते हो मैं गुस्सा थूक दूँ,,,,करण अभी
भी गुस्से मे था,,,,,,,,,

साले शिखा क्या सिर्फ़ तेरी बेहन है ,,,,,,मेरा कोई हक़ नही बनता क्या उसपे,,,,तू क्या समझता है मुझे गुस्सा नही
आ रहा अमित पर,,,,,,,,,मैं थोड़े गुस्से मे बोला तो करण का गुस्सा कुछ ठंडा हो गया,,,

ऐसी बात नही है सन्नी भाई ,लेकिन साले अमित का कुछ करना पड़ेगा ,,,,जब तक उसको मज़ा नही चखा देता मुझे
चैन नही मिलने वाला,,,ऐसा हाल करूँगा साले का याद रखेगा,,,,,,,,,

सही कहा करण लेकिन मांर पीट से इस बात का हल नही निकलने वाला हमे कुछ ऑर सोचना चाहिए,,,,,मैं अभी
बात कर ही रहा था कि करण ने मेरे हाथ से कॉफी का कप लिया ऑर एक ही बार मे सारा कप खाली करके वापिस टेबल
पर रखा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सही बोला सन्नी भाई मांर पीट करना सही नही है अब कोई ऑर रास्ता निकालना होगा ,,इतना बोलके
ऑर टेबल पर कॉफी का कप रखके करण जल्दी जल्दी से कॅंटीन मे से निकल कर चला गया,,,,

मैं पीछे से उसको आवाज़ भी देता रहा लेकिन उसने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,पता नही कहाँ गया साला ,कहीं अमित
से पंगा करने तो नही गया,,,,,,,,,इसलिए मैं भी कॅंटीन से बाहर निकला लेकिन देखा कि करण बाइक लेके कॉलेज से
बाहर की तरफ गया था ना कि अमित से पंगा करने,,,,,,,मुझे कुछ राहत महसूस हुई ,,मुझे लगा था शायद वो
अमित से पंगा करने के लिए निकला होगा कॅंटीन से,,,,,,,,,,,,

साला जल्दी जल्दी मे भाग गया ,,,,मैं तो साले से पूछने वाला था कि वो लड़की कॉन थी जो शिखा के साथ खड़ी हुई थी,,
कितनी खूबसूरत थी,,,,कितनी सेक्सी थी,,,,हल्के गुलाबी रंग का सूट,,,,,पतली ऑर लंबी ,,,एक दम गोरी चिटी,,,उमर मे
शिखा के बराबर की थी लेकिन हाइट मे शिखा से 2 इंच बड़ी लग रही थी,,,एक दम स्लिम थी जैसे कोई मॉडेल होती
है ,,,,क्यूट फेस ,,,हल्के ब्राउन कलर की आइज़,,,छोटे छोटे लिप्स,,,,,सच मे खूबसूरत बला थी,,,,एक बार देखा तो
नज़रे हटाने को दिल ही नही कर रहा था,,,अगर कोई पंगा नही हो रहा होता तो देखता ही रहता उसको नज़र भरके,,,,

कॉलेज से निकला ऑर घर आ गया ,,,,,,घर आके गेट खोला ऑर बाइक अंदर करके गेट वापिस बंद करने लगा तो बाहर से
हॉर्न सुनाई दिया ,,,मैने गेट खोला तो कविता थी अक्तिवा पर सोनिया को घर छोड़ने आई थी,,,,

हाई सन्नी,,,,,,,,,,

हेलो कविता,,,,,

आज वो उदास नही थी बल्कि खुश थी,,,,,

उसने थोड़ा हसके देखा तो मैने भी हसके उसको हेलो बोला,,,,,हम दोनो तो खुश थे लेकिन सोनिया तो वही हिट्लर
के रूप मे गुस्सा नाक पे लेके बैठी हुई थी,,,,,मेरी तरफ गुस्से से देखा ऑर फिर कविता को बाइ बोलके गेट से अंदर
आ गई,,,,,कविता समझ गई कि सोनिया गुस्से मे है इसीलिए उसने मुझे भी बाइ बोला ऑर अक्तिवा स्टार्ट करके वहाँ से चली
गई,,तब तक सोनिया बेल बजाने लगी थी ऑर 1 मिनट मे ही शोबा दीदी ने दरवाजा खोल दिया ऑर सोनिया अंदर चली गई ऑर उसके पीछे पीछे मैं भी अंदर चला गया,,,,

तुम दोनो फ्रेश हो जाओ मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,,,,दीदी किचन मे चली गई जबकि मैं मामा के रूम मे
फ्रेश होने चला गया ऑर सोनिया उपर अपने कमरे मे,,,,,

शायद दीदी अकेली थी घर पे ,,,डॅड ऑर बुआ नही थे आज घर पे,,,,,,

मैं फ्रेश हुआ ऑर डाइनिंग टेबल पर आ गया मेरे से पहले सोनिया वहाँ आके बैठ गई थी,,,दीदी ने हमको खाना दिया
,,

तुम लोग खाना खा लो मैं बुआ के पास बुटीक जा रही हूँ शाम को वापिस आउन्गी ,,,दीदी वहाँ से चली गई ऑर
हम दोनो खाना खाने लगे ,,,,साला मेरा तो मन ही नही कर रहा था खाना खाने को साला सामने बैठी हिट्लर
मुझे गुस्से से घूर रही थी लेकिन जैसे तैसे मैं खाना ख़तम किया ऑर जल्दी से उठके वहाँ से सोफे पर जाके बैठ
गया ओर टीवी ऑन कर लिया,,,,सोनिया ने खाना ख़तम किया ऑर बरतन किचन मे रखकर अपने रूम मे उपर की तरफ चलीगई,,,

आज रात भी कुछ नही हुआ,,,,क्यूकी आज भी बुआ डॅड ऑर दीदी ने बुटीक मे चुदाई की थी सारा दिन इसलिए रात को
खाना ख़ाके सब अपने अपने रूम मे सो गये थे,,,,,

सुबह सनडे था हमे छुट्टी थी कॉलेज से इसलिए मैं थोड़ा लेट उठा था,,,,,जब मामा के रूम से बाहर निकला
तो देखा कि डॅड क्लब जा रहे थे ऑर बुआ शोबा के साथ कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रही थी,,,,,

उठ गया मेरा प्यारा बेटा,,,,आज तो काफ़ी टाइम लगा दिया उठने मे ,,,,बुआ ने मेसए पास आके प्यार से मेरे फॉरहेड
पे किस किया ,,,,,

चल जल्दी आजा बेटा मैं तेरे को नाश्ता लगा देती हूँ फिर मुझे ऑर शोबा को बाहर जाना है कहीं,,,,

कहाँ जाना है बुआ,,,,मैने बुआ से पूछा लेकिन बुआ तब तक किचन की तरफ बढ़ने लग गई थी ऑर शायद उन्होने
मेरी बात नही सुनी थी,,,,पर दीदी ने मेरी बात सुन ली थी,,,,,

बुआ को डॅड के साथ आज रात बाहर जाना है सन्नी उसी के लिए मुझे ऑर बुआ को थोड़ी शॉपिंग करने जाना है,,,दीदी
ने मेरे पास आके मेरी बात का जवाब दिया,,,,

कहाँ जाना है डॅड ऑर बुआ को दीदी,,,,,,,,,,

डॅड को थोड़ा काम है देल्ही मे ऑफीस का ऑर बुआ को भी वहाँ अपने बुटीक के काम से जाना है ,,,,इसलिए दोनो
साथ जा रहे है,,,,

लेकिन दीदी माँ भी घर मे नही है ,,,,,ये लोग 1-2 दिन रुक कर नही जा सकते क्या,,,,

माँ ऑर मामा जी आज रात को वापिस आने वाले है सन्नी ,,,,,ऑर वैसे भी डॅड के ऑफीस से प्रोग्राम बना है इसलिए उनको
जाना ही पड़ेगा ,,,,,

मैने फिर कोई बात नही की ऑर सोफे पर बैठ गया तब तक बुआ खाना लेके आ गई ऑर मुझे खाना देके वो दोनो
वहाँ से जाने लगी,,,,,,,,

सन्नी तुम कहीं बाहर नही जाना ऑर अगर जाना हुआ तो सोनिया को बता कर जाना,,,,,,,,हम लोग शाम 7 बजे से पहले
वापिस नही आने वाले,,,,ऑर तेरे डॅड भी क्लब गये है वो भी शाम को ही आने वाले है,,,,इतना बोलकर वो दोनो भी
वहाँ से चली गई,,,,

अभी मैं नाश्ता करने ही लगा था कि करण का फोन आ गया,,,,,

हेलो ,,,सन्नी भाई,,,

हेलो करण,,,,

सन्नी भाई एक काम था छोटा सा,,

,क्या काम था बोलो करण,,,,

वो कल वाली बात से दीदी थोड़ा टेन्षन मे है ऑर उदास भी है ,,,मुझे उनकी उदासी दूर करनी है,,,,,

तो इसमे मैं क्या कर सकता हूँ करण,,,,,

आप समझे नही भाई,,,उदासी दूर करने का एक ही तरीका है,,,

मैं समझ गया तू क्या बोल रहा है करण लेकिन इसमे मैं क्या कर सकता हूँ,,,,

सन्नी भाई माँ घर मे है ,,मुझे ऑर दीदी को आग लगी हुई है,,,तुम कुछ करो ना ,,,,कोई जगह का जुगाड़ लगा
दो तो मेहरबानी होगी,,,,,

सला दिन तो मेरा भी बहुत करता है,,,,फिर सोचा कि मैं भी तो घर पे अकेला हूँ डॅड बुआ ऑर शोबा तो अभी
गये है ऑर शाम से पहेल आने वाले नही है,,,लेकिन साली इस सोनिया का क्या करूँगा,,,तभी दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,

ठीक है करण तुम मेरे घर आ जाओ,,,

आपके घर भाई,,,,,,लेकिन सब लोग,,,,,,,

घर मे कोई नही है करण,,,,,बस मैं ऑर सोनिया है,,,,तुम आ जाओ,,,ऑर आते टाइम एक काम करना मेरा,,,,मैने
उसको काम बताया ऑर वो थोड़ी देर मे मेरा काम करके शिखा के साथ मेरे घर आ गया,,,

मैने दरवाजा खोला ऑर उन दोनो को मामा के रूम मे बिठा दिया ऑर पानी पिलाया,,,,,

क्या बात है आज बड़ी मस्ती मे हो दोनो भाई बेहन,,,,मैने हँसते हुए जानभूज कर करण को छेड़ते हुए बोला

मूड मे नही थे सन्नी भाई,,,,,वो तो कल वाली बात से दीदी का मूड ठीक नही था तो सोचा कि मूड ठीक कर्दू
दीदी का ,,ऑर दीदी का मूड ठीक करने का एक ही तरीका है,,,,जो कामयाब भी होता है,,,करण ने हँसते हुए दीदी
की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने भी हसके उसकी तरफ देखा,,,,

मूड तो ठीक कर देना मेरा लेकिन सोनिया का क्या करना है,,,,दीदी ने थोड़ा उदासी से बोला,,,,

क्या करना है मतलब ,,,मैं समझा नही दीदी,,,,,,,,

अरे बुद्धू मेरा मतलब सोनिया के होते हम वो सब कैसे कर सकते है,,,कोई पंगा हो गया तो,,,

कोई पंगा नही होगा दीदी आप लोग टेन्षन फ्री हो जाओ,,,,मैं हूँ ना,,,,,,

एक बात बोलू सन्नी अगर तुम गुस्सा नही करो तो,,,,शिखा ने थोड़ी टेन्षन से बोला,,,,

बोलो दीदी जो बोलना है बोलो,,,,,,इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात,,,,,

तुम सोनिया को भी इस खेल मे शामिल क्यूँ नही कर लेते,,,,फिर तो कोई डर नही होगा किसी बात का,,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,,,,,,प्लीज़ ऐसी बात मत करो,,,,वो जंगली बिल्ली है उसको अगर आप लोगो के बारे मे भी पता
लग गया तो पता नही क्या करेगी वो,,,,,

ये बात तो ठीक कही तूने सन्नी,,,,,शोबा ने मुझे उसके बारे मे सब बता दिया था,,,,ऑर मैं भी तो काफ़ी अच्छी
तरफ वाकिफ़ हूँ उसके गुस्से से,,,,आज से नही बचपन से ही गुस्से वाली है वो,,,,,

सही कहा दीदी,,,,,,,,,,लेकिन अगर वो भी खेल मे शामिल हो जाए तो क्या कहने,,,,,क्या आप उसको तैयार कर सकती हो शिखा दीदी,,,,,,,,,,,मैने शरारत भरे अंदाज़ से बोला,,,,

मुझे मरने का कोई शॉंक नही है,,,,जब तेरी शोबा दीदी उसको तेरे लिए तैयार नही कर सकती तो भला मेरी इतनी हिम्मत
कहाँ,,,,दीदी ने सॉफ सॉफ लफ़जो मे मना कर दिया,,,,,

चलो ठीक है दीदी ,,,,,,मत करो तैयार लेकिन डरो भी नही ,,,वो नीचे नही आने वाली,,ऑर वैसे भी मैने करण से कुछ
मँगवाया है उसके लिए,,,,,,,,,,,,,,

क्या मँगवाया है सन्नी,,,,,,,,,,,,,

तभी कारण ने अपनी पॉकेट से नींद की गोलियाँ निकाल कर दीदी को दिखाई ऑर हँसने लगा,,,,,,

ये क्या है ,,,,,,,,,,

नींद की गोलिया है दीदी,,,,,,,,अभी सोनिया को दे दूँगा कॉफी मे फिर आराम से सो जाएगी वो,,,,लेकिन कॉफी देने मैं
नही जाउन्गा आपको जाना होगा,,,,ऑर जब तक वो कॉफी नही पी ले उसके पास ही रहना,,,,दीदी मान गई ऑर मैं किचन
मे कॉफी बनाने चला गया ,,,,,,,,,,,,,मैं अभी रूम से बाहर निकला था ऑर मेरे साथ शिखा दीदी भी आ गई थी
कॉफी बनाने मे मेरी हेल्प करने तभी सोनिया भी सीडियों से उतर कर नीचे आ रही थी,,,,शायद उसको बेल की आवाज़
सुन गई होगी जब करण ऑर शिखा दीदी आए थे,,,,,

सोनिया ने दीदी को हाई बोला ऑर दीदी ने उसको,,,,,फिर दोनो गले लग्के मिली ऑर जाके सोफे पर बैठ गई ऑर बातें
करने लगी तब तक मैं किचन मे जाके कॉफी बनाने लगा,,,,,
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