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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे वही पास मे बैठा था लेकिन तुम्हारे मम्मी पापा को पता नही था,बहुत अंधेरा था
तेरे पापा नीचे चले गये,मेने भी नीचे जाकर वहाँ की हालत देखी कि कितना समय लगेगा ,नीचे जाकर पता चला कि अभी 1-2 घंटे लगेगे,मे वापस उपर आकर तेरी माँ के शरीर को निहारने लगा,मे इस समय तेरी माँ के बहुत ही पास चला गया था,तेरी माँ उस समय करवट लेकर सो रही थी ऑर उनका मुँह दूसरी साइड था,मेने उस छत के उस दरवाज़े को बंद कर दिया जहा से तेरे पापा आते ऑर फिर वही तेरी माँ के पास आकर बैठ गया
तेरी माँ ने बहुत ही सेक्सी मॅक्सी पहनी हुई थी ऑर देखते ही पता चलता था कि तेरी माँ ने कोई ब्रा पैंटी नही पहनी थी
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था,इसी बीच मेरे पाँव सरकने की आवाज़ तेरी माँ ने सुन ली ,मे थोड़ा डर गया था,लेकिन मेरा होसला तब बढ़ गया जब तेरी माँ ने कहा
सुधा:क्या हुआ,ठीक हो गया क्या
मेने बहुत ही धीमी आवाज़ मे तेरे पापा की आवाज़ निकालने की कॉसिश करते हुए कहा ""नही""
अब मेने फ़ैसला कर लिया जो होगा देखा जाएगा मे तेरी माँ के पीछे आकर लेट गया,अब हम दोनो एक ही पोज़िशन मे थे,हमारे मुँह भी एक ही साइड था((मतलब कि मेरा मुँह तेरी माँ के सिर के पीछे था)), मेरा लंड थोड़ा सा ही दूर था तेरी माँ की गान्ड से
एक तरफ की करवट लेने का ये फ़ायदा होता है पहले वाला नही जानता कि कॉन पीछे हो सकता है,ऑर इस पोज़िशन सेक्स भी कर सकते है,पॉर्न मूवीस मे इस पोज़िशन ज़्यादातर गान्ड ही मारी जाती है
तो मेने भी यही सोचा कि मे तेरी माँ को पीछे से चोद देता हूँ,तेरी माँ को पता भी नही चलेगा कॉन है पीछे,ऑर फिर भाग जाउन्गा,ये सोचकर मेने एक हाथ तेरी माँ के चुचि पे रख दिया ऑर सहलाने लगा
तेरी माँ भी मेरा साथ दे रही थी लेकिन उन्हे पता नही था मे करण नही मनोहर हूँ
थोड़ी देर मे तेरी माँ भी गरमा गयी अब मेने एक हाथ मॅक्सी के उपर से ही चूत पे रख दिया ऑर चूत को मसल्ने लगा,अब उनसे रहा नही जा रहा था वो खुद बोली
सुधा:जल्दी से चुत मे डाल दो,मुझसे रहा नही जा रहा
मे कुछ नही बोला ,अगर बोलता तो पकड़ा जाता
मेने मॅक्सी उपर की ,वास्तव मे तेरी माँ ने कुछ नही पहना था,अंधेरा होने के कारण ज़्यादा सॉफ तरीके से नही देख पाया लेकिन हाथ लगाकर मे ये कह सकता हूँ कि बहुत ही मुलायम गान्ड थी ,तेरी तो ऐश है मोहित,बहुत मस्त गान्ड है तेरी माँ की
मे:तभी तो मे पागल हुए जा रहा हूँ ,आगे बताओ ,आगे क्या हुआ
आगे अब मैं एक हाथ से चुचि दबा रहा था ऑर एक हाथ से चूत मसल रहा था,चूत बहुत पानी छोड़ रही थी,मुझसे भी रहा नही गया इतना मखमली बदन ,मस्त फूली हुई चूत,मस्त गान्ड,मेने भी अपना लंड निकाल लिया ,थोड़ा सा थूक लगाया ,ऑर रख दिया तेरी माँ की चूत पे
अब मेने अपना पूरा बदन तेरी माँ के बदन से चिपका लिया था,मेरी छाती तेरी माँ की पीठ से टच हो रही थी
मेने दोनो चुचि को पकड़के मसले जा रहा था
सुधा:अब घुसा भी दो
मे ने चूत पे लंड टिकाया ओर दोनो चुचि पकड़कर एक धक्का दिया,मेरा लंड तेरे पापा के मुक़ाबले मोटा होने के कारण अंदर घुसते घुसते रह गया इसका कारण था तेरी माँ की चूत का टाइट होना,चूत इतनी टाइट थी कि उतनी नही खुल पाई कि मेरा लंड घुस सके,उपर से मेने पूरे दम से झटका भी नही लगाया था कि वो चूत के छल्ले को फाड़ता हुआ अंदर घुस जाए
लेकिन इस झटके ने तेरी माँ को ये अहसास करा दिया था कि चोदने वाला करण नही कोई ऑर है क्योकि तेरी मम्मी को तेरे पापा से चुदते हुए इतना टाइम हो गया था कि उन्हे लंड के साइज़ का बिना देखे ही पता लग जाए, ऑर वो तुरंत पलट गयी
ऑर ज़ोर से बोली
सुधा:तुम,तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ये सब करने की
मेने कुछ नही किया आप ही ने तो बोला था
सुधा:कब बोला मेने ,मे सब को बुलाती हू ऑर तुझे पोलीस के हवाले करती हूँ
मेरी तो बुरी तरह फट गयी थी
मेने तुरंत तेरी माँ के पाव पकड़ लिए ऑर बोला "मुझे माफ़ कर दो ,मे तो यूही घूमने आया था ऑर आपका शरीर देखकर मे बहक गया था ऑर उपर से आप ही बोल रही थी ,पोलीस को बुलाने से दोनो की बदनामी होगी ,मुझे माफ़ कर दो आगे से कभी नही करूगा
तेरी माँ कुछ देर सोचते हुए ठीक है ,मे अपनी इज़्ज़त का ख़याल रखने के कारण तुझे छोड़ रही हूँ आगे से कभी मेरे सामने आया तो पोलीस के हवाले करवा दूँगी,समझा
मे - ठीक है ऑर मे वहाँ से भाग गया
मे:तो ये बात है,मतलब तुम्हारे साथ तो ये बात हो गयी कि मुँह को आया हाथ ना लगा
मनोहर भी हँसता हुआ
मनोहर:हाँ यार,या तो उस दिन मुझे जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए थी या फिर धक्का ज़ोर से लगाना चाहिए था कम से कम लंड तो अंदर घुस जाता, साला आज भी पछताता हूँ उस दिन की बात को लेकर
मे:कोई नही यार ,कम से कम तुम्हारे लंड ने मेरी माँ की चूत का रस तो पी लिया
मुझे तो वो भी नसीब नही
मनोहर:ऐसे क्यो बोलता है यार,मे हूँ ना
मे:तुम क्या करोगे
मनोहर:मे सब कुछ करूगा,तुझे तेरी माँ पे चढ़वाने के लिए
मे:मे जानता हूँ तू फोकट मे कोई काम नही करेगा,मेरे पास पैसे भी नही है
मनोहर:पैसे किसने माँगे,बस तू तो मुझे अपनी माँ से माफी दिलवा देना
मे:माफी किस चीज़ के लिए
मनोहर:वही घटना के लिए जिससे अभी अभी सुनाई है
मे:मे कैसे दिलवा सकता हूँ
मनोहा:एक बार तू अपनी माँ को चोद दे फिर तुझमें अपने आप ताक़त आ जाएगी
मे:ठीक है मे कॉसिश करूगा
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मनोहर अपने मन मे ""बस एक बार ये मोहित अपनी माँ को चोद दे,तो फिर इसकी माँ को मुझे माफी देनी ही पड़ेगी,फिर तो इसकी माँ को पटा कर ,इस बार बहुत चुदाई करने वाला हूँ,कि साली जिंदगी भर याद रखेगी ,1 साल हो गया मुझे मेरा लंड भी बोलता है क्या हुआ उस चूत का,मुझे पास ही नही आने दे रही थी,मोहित के कारण मुझे एक मोका मिला है""
इधर मे भी अपने मन मे ""भेन्चोद मुझे चूतिया समझता है,मतलब मेरी मदद करके मेरी माँ को चोदना चाहता है,मे तो उस औरत के बेटे को अपनी माँ चुदवाने के लिए देने को तैयार नही हूँ जिसने मुझे चूत ऑर गान्ड मारना सिखाया,ऑर तुझ जैसे भिकारी को अपनी माँ हवाले कर दूं ,केवल मे ही चोदुगा अपनी माँ ,अगर माँ को लगे कि मे खुशी नही दे पा रहा हूँ तो वो खुद अपनी मर्ज़ी से लंड ढूंड सकती है पर तुझे नही चोदने दूँगा अपनी माँ को""
मेने सोचा ये चुदाई की टिप्स कुछ काम आएगे मेरे,मे बोला ठीक है भाई यार,मे सब कुछ करूगा तेरे लिए बस एक बार मेरी माँ मुझसे चुदवा दे
मनोहर:मे कोई प्लॅनिंग करता हूँ,मुझे कल मिलना
मे:ओके,मुझे इतना नशा हो रखा था कि मे उठ नही पा रहा था,ऑर उपर से मेरा लंड खड़े 2 घंटे से उपर हो चुका था
मे:यार मनोहर,इस लंड का क्या करूँ
मनोहर:देख तू मेरी समस्या सुलझा रहा है तो मैं तेरी सुलझा दूँगा,आजा मेरे साथ चल मे तेरे लंड को भी शांति दिलवाता हूँ
मे उसके साथ चल दिया,वो मुझे अपने घर ले गया
मे:यार तेरे तो मेहमान आए थे
मनोहर:मेने झूठ बोला था ,मुझे गांजा पीना था ऑर मम्मी मना करती है इसलिए फ्लॅट पे चला गया,ऑर गांजा पीने का मज़ा तभी आता है जब कोई साथ मे होता है
मे:मतलब तुमने झूठ बोला
मनोहर:उसके अलावा कोई झूठ नही बोला,चल यहाँ बैठ
मनोहर ने मुझे बेड पे बैठा ऑर अंदर चला गया,मनोहर अंदर जाकर कुछ घुस फूस बाते कर रहा था अपनी माँ से
फिर कुछ देर बाद उसकी माँ आई
((रतना बाई-मनोहर की माँ,मनोहर ने उसे चोद चोद कर एक मस्त शरीर की मालकिन बना रखा है,लेकिन उसकी चूत का भोसड़ा हो चुका है,अब चोदने मे कुछ मज़ा नही,लेकिन कोई भी उसे देख ये नही कह सकता कि कोई उसे चोदना नही चाहता))
उसकी माँ ने आते हुए मेरी तरफ देखा,ऑर मुस्कुराइ ऑर बोली
रत्ना:क्या हुआ बेटे ,लंड ने परेशान कर रखा है,चल मे शांत करती हूँ तेरे लंड को
ये कहकर रत्ना बाई ने मेरे पाजामा के अंदर हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया,बाहर निकालते ही पूछा
रत्ना:ये क्या हुआ तेरे लंड को,बड़ा सूज़ा हुआ है
मे:पता नही
रत्ना:अच्छा है,बड़ा ही सुंदर लग रहा है,ऑर ये कहकर रत्ना ने मेरा लंड मुँह मे रख लिया,आज पहली बार इतना मज़ा आया कि उससे शब्दो मे बयान नही कर सकता,रत्ना के मुँह की तपिश मेरे लंड की आग को शांत कर रही थी ,मेरे लंड झटके पे झटके खाए जा रहा था
रत्ना ने धीरे धीरे मेरा लंड अपने मुँह के अंदर लेना शुरू किया,
रत्ना बहुत ही अनुभवी थी ,लंड अंदर लेने के बाद मेरे लंड के सुपाडे को तो जीब से मसेज कर रही थी ,मे इतना मज़ा झेल नही पाया ऑर मेरे लंड ने वीर्य का एक फव्वारा छोड़ दिया जो सीधा रत्ना के गले के निचले भाग मे टकराया,मुझे लगा कि रत्ना वापस बाहर निकाल देगी लेकिन रत्ना ने इसके विपरीत काम किया,रत्ना सारा रस निगल गयी,एक एक बूँद तक निगल गयी ,एक भी बूँद बाहर नही गिरने दी,जब मेरे लंड बाहर आया तो पूरा सॉफ था,ऑर अब मेरा लंड भी मुरझा गया था,ऑर मेरे चेहरे पर इतनी खुशी थी कोई भी देखकर यही बोले कि इससे ज़्यादा खुश कोई हो ही नही सकता
रत्ना:बड़ा जल्दी तेरा लंड हार मान गया,आज से पहले शायद किसी ने मुँह मे नही लिया लगता है
मे:हाँ सही कहा रत्ना बाई
रत्ना :मज़ा आया ना
मे:हाँ बहुत मज़ा आया
रत्ना:चल अब जा,मुझे काम करना है
मे:मनोहर कहाँ गया
रत्ना :वो सो गया
मे:ठीक है
मे वापस घर की ओर जाने लगा,मे कुछ सोच नही पा रहा था,एक तो ग़ांज़े का असर ऑर उपर से रत्ना द्वारा मस्त लंड चूसे जाना,ऐसा लग रहा था कि मे जन्नत की सैर कर रहा हूँ
मे सीधा घर आके सो गया,तब तक चाची भी अपने घर जा चुकी थी
आज फिर मे बहुत देर तक सोया ,मे इतनी गहरी नींद मे था कि माँ को बहुत मुश्किल हुई मुझे उठाने मे
उठने के बाद भी मेरा सिर चकरा रहा था,मुझे पता नही था गांजे का इतना नशा होता है,मेने सुना ज़रूर था गांजे के बारे मे ,पर आज उससे पीकर महसूस किया,वाकई बहुत मज़ा है गांजा पीने पे
एक बात तो है गांजा पीने के बाद लंड चूत की बातें बहुत अच्छी लगती है
मे नशे मे होने के कारण पता नही क्यो मे सोचे जा रहा था,माँ ने मुझे उठा दिया था तो भी बैठे बैठे मे सोच मे डूब गया
मे सोच रहा था अब 4 दिन बचे है ,माँ को चोदने के लिए मुझे कुछ करना होगा,लेकिन आज मनोहर की बातो ने भी मुझे डरा दिया था
मुझ मे एक तरफ घबराहट थी एक तरफ हिम्मत थी कि जो होगा देखा जाएगा
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
पता नही मुझे क्या सूझी मेने मम्मी से कहा
मे:मम्मी ,आप बहुत सुन्दर हो
मम्मी ने पलट के देखा ऑर आश्चर्य से मेरी ही ओर देखे जा रही थी
मुझे आगे कुछ नही बोलना चाहिए था फिर भी पता नही मुझ मे कहा से इतनी हिम्मत आ गयी कि मे आगे बोल पाता
मे:काश आप मेरी हो जाती
माँ को लगा मेरी तबीयत कुछ सही नही है,माँ तुरंत मेरे पास आई मेरे सिर पे हाथ रख कर देखने लगी कि मेरी तबीयत तो खराब नही
मेरी मम्मी के बदन की भीनी खुसबु जैसे ही मेरी नाक तक पहुचि मे पागल सा हो गया,मेरा लंड सख़्त हो गया ऑर मेरे* हाथ ने माँ के बाजू को पकड़ लिया
मेरी माँ एक भरे हुए शरीर की मालकिन थी ,आज पहली बार मेने माँ को माँ की नज़र से हटकर एक औरत के रूप मे हाथ लगाया था,क्या बाजू थी ,गोरा रंग ,मखमल जैसे हाथ
मे:माँ आइ लव यू,मे तुमसे बहुत प्यार करता हूँ
मम्मी:क्या हो गया है तुझे सही तो है ना बेटा
मम्मी थोड़ी घबराती हुई ,चले डॉक्टर के पास चले
मे:नही मम्मी मे ठीक हूँ ,मुझे बस आप चाहिए ,मे अपने आप ठीक हो जाउन्गा
मम्मी:क्या हो गया है तुझे आज
मे:कुछ नही माँ मुझे आपसे प्यार हो गया है
मम्मी को भी लगा कुछ गड़बड़ है
मम्मी ने देखा कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है ऑर झटके खा रहा था,आज मेने कोई चद्दर नही डाली अपने लंड द्वारा बने हुए तंबू पर
मम्मी ने प्यार से मुझे देखा जैसे मुझ पे तरस आ रहा हो,फिर मम्मी को समझते देर नही लगी कि मुझे क्या हो रहा है ऑर मे ऐसा क्यो कर रहा हूँ
मम्मी अब मेरे रूम से बाहर जाने लगी,मे मम्मी को बड़े बड़े चूतड़ उपर नीचे हॉट देखकर पागल हो गया,मे भी सीधा बेड से उठा ऑर मम्मी के पीछे चल दिया,मम्मी किचन तक गयी ऑर अपना काम करने लग गयी
मेरा लंड बिल्कुल सख़्त था,ऑर पूरा खड़ा हुआ था,मेने ना इधर देखा ना उधर मे सीधा पीछे से माँ से चिपक गया,ऑर अपना हाथ आगे लेकर मम्मी को बिल्कुल कस लिया
मेरा लंड माँ की गान्ड की बड़ी सी दरार मे घुस गया
मम्मी थोड़ा चौंकते हुए,मम्मी को बिल्कुल उम्मीद नही थी कि मे ऐसा कर सकता हूँ
मे:मम्मी आइ लव यू,मे आपके बिना नही रह सकता
मम्मी ने एक पतली सी सिल्क वाली मॅक्सी पहनी हुई थी ऑर मुझे ये सॉफ सॉफ दिख रहा था मम्मी ने ब्रा पैंटी नही पहनी
इसलिए मेरा लंड माँ की गान्ड की दरार मे उनकी मॅक्सी के साथ ही अंदर घुस गया
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,मे अपने हाथ से माँ का पेट सहला रहा था ओर पीछे से अपना लंड मम्मी की गान्ड मे धकेल रहा था
मम्मी की गान्ड इतनी बड़ी थी कि मेरा पूरा लंड गान्ड की दरार मे गायब हो गया
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे अपने मन ""क्या मस्त गान्ड है माँ की,ऐसी गान्ड आज तक किसी नही मारी,बहुत ही अच्छी किस्मत है मेरी ऑर बहुत बहुत शुक्रिया मेरे पापा का कि उन्होने ये मस्त गान्ड मेरे लिए छोड़ दी,ये गान्ड तो ज़रूर मारूगा ओर ऐसी मारूगा कि इस गान्ड को इतनी बड़ी होने ऑर अपनी कुवारि होने का घमंड टूट जाएगा"""
हम दोनो को इतना मज़ा आ रहा था कि ना तो मम्मी अपनी जगह से हिल रही थी ऑर ना ही मुझे कुछ करने से रोक रही थी
मेने पाया कि मम्मी की सासे भी तेज हो रही तो ऑर मम्मी ने अपनी गान्ड को पीछे धकेल रही थी ,जिससे मेरा लंड ऑर अंदर तक मम्मी की गान्ड की दरार मे घुसा जा रहा था
मे धीरे धीरे अपना एक हाथ चुचि की तरफ ओर दूसरा हाथ चूत की तरफ ले रहा था की हमारी डोर बेल बजी,तभी मम्मी को होश आया ऑर बोली
मम्मी:तेरे पापा आ गये होगे ,7:30 बज गये ना
मुझे ना चाहते हुए भी मजबूरी मे दरवाजा खोलने जाना पड़ा ,आज मुझे अपने पापा पे बहुत गुस्सा आया कि कुछ देर ऑर लेट नही हो सकते थे जिससे कम से कम मम्मी की चुचि तो दबा लेता
फिर मेने दरवाज़ा खोला ऑर वापस रूम मे आकर पढ़ने लग गया
अगली सुबह जब मे उठा तो मेने फिर मम्मी की बड़ी गान्ड देखी ऑर फिर बातरूम मे जाकर लंड हिलाया फिर फ्रेश हुआ
मुझे लग रहा था सुबह सुबह उठते ही लंड हिलाने से लंड मे ताक़त आती है,इसलिए हर दिन मेरा पानी निकालने का समय बढ़ रहा था
फिर बाहर आकर देखा तो पापा मम्मी बैठे हुए थे
पापा ने मुझे देखा ऑर बोला
पापा:बेटा मोहित,इधर आ
मे पापा के पास गया
देख मेरी मीटिंग है मुंबई मे ,मुझे 25 दिन के लिए वही रहना पड़ेगा ऑर फिर उसके बाद मे ऑर मेरे दोस्तो ने प्लान बनाया है कुछ दिन ऑर वही रहकर घूमेगे
पापा के मुँह से ये बात सुनकर तो मुझे इतनी खुशी हुई कि बता नही सकता,क्यो कि इस आने वाले एक महीने मे तो मे गान्ड ऑर चूत मार मार के लाल कर दूँगा
पापा:तुम ऐसा क्यो नही करते कि तुम अपनी मम्मी को लेकर गाव चले जाओ,तुम्हारी छुट्टिया भी चल रही है,तुम्हारा भी मन लगा रहेगा ऑर तेरी मम्मी का भी टाइम पास हो जाएगा
मे अपने मन मे ""चलो अच्छा है सलीम के हाथो से तो माँ को बचा लिया,नही तो साला मेरी माँ की गान्ड फाड़ डालता,उपर से मेरी माँ भी तैयार थी उससे चुदने को,ये सब चाची का खेल है,वाकई बहुत शातिर खिलाड़ी है,किसी को कैसे राज़ी करना है वो अच्छे तरीके से जानती थी""
""काश चाची अगर साथ देती तो अब तक कई बार मे माँ की चूत गान्ड मार चुका होता,खेर जो हो गया वो हो गया""
पापा:तो फिर मे निकलता हूँ,तुम देख लेना
मे:हाँ पापा आज ही निकल जाते है
मम्मी:इतनी जल्दी क्या है
मे:मुझे पड़ाई करनी है,गाव मे ज़्यादा दिन गुज़ारना मेरे लिए दिक्कत है
पढ़ाई का नाम सुनकर सब लोग मान जाते है
मम्मी:ठीक है मे तैयार होती हूँ
पापा:मे ट्रेन की टिकेट बुक करा देता हूँ,तुम टिकेट काउंटर से ही ले लेना देगा ऑर ये कहकर पापा चले जाते है
मे गाव जाने को इतना उतावला क्यों था इसके पीछे का कारण है मेरे दोस्त राजू ऑर कालू,वो मेरे बचपन के दोस्त थे
हम तीनो मिलकर बहुत गंदी गंदी बाते करते थे
यहाँ तक कि हम ने आपस मे बोल भी रखा था कि एक बार हम अपनी मम्मियों को चोद ले फिर बाकी दोस्तो से चुदवाने मे मदद करेगे
ऑर इस बाते पे हम मे से किसी को ऐतराज़ नही था,सब चाहते कि उनकी माँ दूसरो से चुदे ,हम तो ये चाहते थे कि हम तीनो अपनी माओ के साथ एक ही जगह सब मिलकर चोदे ,
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
अब तक मे तो अपनी माँ को नही चोद पाया ,लेकिन मुझे अपने दोस्तो का पता नही था ,हो सकता है उन्होने चोद ली हो अपनी माँ
राजू एक बड़ा मस्त बंदा है ,उसकी माँ मंजू बड़ी ही मस्त है ,हाइट थोड़ी छोटी है पर भरा हुआ शरीर है,मे कब्से मंजू को चोदना चाहता था,उसके पापा फ़ौज़ मे शहीद हो चुके थे ऑर जो सरकार द्वारा राशि मिली उससे गाव मे ही ज़मीन खरीद कर उसपर खेती करके गुज़ारा करते है
रामू मेहनती होने के कारण बहुत ताक़त थी उसमे ,मे उसे कुश्ती मे हरा नही पाता था ,जबकि मे भी कोई कम नही था
रामू के घर मे एक बहन थी,इनके परिवार मे रामू उसकी बहन ऑर उसकी माँ ही थी
उसकी बहन का नाम सोनिया प्यार से सब उसे सोना कहंते थे ,5 वी क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी
अभी भी ज़्यादा बड़ी नही हुई है,लेकिन चोदने लायक माल बन चुकी थी
कालू छोटी जाती के परिवार से था
भगवान ने भी बहुत जुर्म ढाए है उस पर ,उसकी बड़ी बहन रानु का देहांत हो गया था एक* आक्सिडेंट मे ऑर जो उसके पापा है रमेश ,जो ज़्यादातर दारू पीकर पलंग पे ही पड़ा रहता है
इन सबके बावजूद रामू ऑर मे उससे जिंदगी का मज़ा दिलाने की भरपूर कॉसिश करते है,हालाँकि उसके दादा इनके लिए काफ़ी ज़मीन छोड़ गये थे,इससे इनका गुज़रा हो जाता है
कालू की माँ भी बहुत मेहनती थी ,उनके खानदान मे शुरू से मेहनत करना सिखाया जाता है ,ऑर आपस मे मिलकर रहने को कहा जाता है,इसलिए आज भी कालू अपनी माँ के साथ ही सोता है
कालू की माँ का नाम कमला था,रंग काला था ,ऑर ज़्यादा काम करने के कारण बहुत ही ज़्यादा गठीला बदन था,ना ज़्यादा बड़ी चुचिया ना ज़्यादा बड़ी गान्ड ,मतलब सब कुछ टाइट था,या यू कहे कि रामू ऑर मेरी माँ का शरीर मखमली ऑर कालू की माँ का कसरती बदन था
मुझे अक्सर देखकर लगता था कि कालू की माँ सेक्स की भूकी है ,क्यो कि उसका देखना ऑर फिर अपनी चाल बदल कर सामने वाले को निढाल करना उसकी कला थी ,
मुझे जहाँ तक यकीन है कालू अपनी माँ को चोद चुका होगा
मेरे परिवार की रामू के परिवार से ही बनती थी ऑर मुझे इस बात का फ़ायदा था कि ,अगर मे कभी रामू की माँ मंजू को चोदुन्गा तो मुझे कुवारि गान्ड मिलेगी क्योकि रामू को भी गान्ड चोदना पसंद नही था
लेकिन साला कालू बहुत कुत्ता आदमी है ,उसको गान्ड मारनी बहुत पसंद है,उसने एक अपनी ही जात की एक दूसरे गाओं की भाभी को पटा रखा है,साला जब भी जाता था हमे ले जाता था,उसने उसकी बहुत गान्ड मारी,गान्ड मार मार कर चौड़ी कर दी,भाभी बता रही थी कि साला ये चूत की ओर तो देखता ही नही केवल गान्ड ही गान्ड मारे जाता है,मेरी गान्ड फूल कर देखो क्या हो गयी
लेकिन मुझे कोई ख़तरा नही था,क्योकि उसकी मेरे ऑर रामू के परिवार से नही बनती थी,ऑर हम ने आपस मे कह भी रखा था ,पहला हक बेटे का ही होगा फिर बाद मे दूसरे चोदेगे
मे बैठे बैठे इतना सब कुछ सोच रहा था मुझे पता ही नही चला कब मम्मी तैयार हो कर आ गयी,आज मेरी मम्मी ने घाघरा लूग्डी(राजस्थान की पारंपरिक वेशभूसा) पहना था,मे तो मम्मी को देखता ही रह गया,क्या लग रही थी मम्मी मन तो कर रहा था अभी चोद दूं माँ को
माँ की गान्ड घाघरे मे उभर के आ रही थी ओर फिर उपर नंगी कमर ऑर ब्लाउस मज़ा आ गया देखकर
मम्मी:मे चाइ बना लाती हूँ
मे:ठीक है मम्मी
फिर मम्मी किचन मे चली जाती है,मे भी दरवाज़ा बंद करके मम्मी के पीछे जाने लग जाता हूँ
मेरी प्लॅनिंग थी कोई आ नही जाए क्यो कि आज मे कोई मोका मिस नही करने वाला था मम्मी को चोदने का
मे एक बार फिर माँ के पीछे जाकर माँ से चिपक गया,मम्मी के बदन की भीनी भीनी खीसबू ने मुझे पागल कर दिया,ऑर मेरे लंड को तो आदत थी जब भी नाक तक मम्मी के बदन की खुसबू आए खड़ा होने लग जाता था
मे मम्मी के चिपका हुआ था ,मेरा लंड अब अपना रास्ता ढूंड रहा था,लंड धीरे धीरे माँ की गान्ड की दरार मे घुस रहा था,घाघरे का कपड़ा पतला होने के कारण मम्मी की गान्ड को बहुत अच्छे तरीके से महसूस कर सकता था,मुझे ऐसा लग रहा था मेरा लंड गान्ड का छेद ढूँढ रहा हो
मम्मी:कुछ चुभ रहा है मेरे पीछे
मे:क्या मम्मी,क्या चुभ रहा है,मुझे तो कुवह ऐसा नही लग रहा
मम्मी :नही कुछ सख़्त जैसा चुभ रहा है
मे:मुझे पता नही ,तुम खुद देख लो
मम्मी ने हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड पकड़ लिया ऑर तुरंत ही छोड़ दिया
मम्मी:रहने दे ,अच्छा लग रहा है,कोई भी चीज़ हो मगर मोटी ऑर सख़्त है
मे:अच्छा लग रहा है तो आने दूं उस चीज़ को
मम्मी :आने दो ( मुझे लगा मम्मी को भी अच्छा लग रहा था)
तभी हमारे घर का बेसिक फोन बजा
मेरे ना चाहते हुए भी मुझे जाना पड़ा
मेने जाकर फोन उठाया
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
फोन पापा ने किया था,उन्होने बोला कि आज शाम को कोई ट्रेन नही है , कल सुबह ट्रेन है,मे उसमे तुम्हारा रिज़र्वेशन करा रहा हूँ
तभी मेरे मन मे आया कि क्यो मे 16 घंटे का सफ़र खाली निकालु,मेने पापा से कहा
मे:पापा आप एक 2 सीटर रूम बुक करो दो ,मे नही चाहता कि कोई मम्मी से कोई छेड़खानी करे,ऑर किराया भी ज़्यादा नही होगा
पापा ने वहाँ खड़े दूसरे आदमी से इस बारे मे बात की ऑर बोला ,फिर तो हमे 2 दिन इंतज़ार करना पड़ेगा,12 की सुबह ट्रेन है
मेने कहा कोई दिक्कत नही
पापा:ठीक मे करा रहा हूँ उसमे रिज़र्वेशन
मेने फोन रख दिया
मेने सोचा 2 दिन क्या किया जाए
मुझे चाची का फार्महाउस याद आया,मेने सोचा चाची से इस बारे ने बात करना सही नही होगा,फिर मुझे याद आया कि चाची के फार्महाउस मे पीछे से घुसा जा सकता है,ऑर वहाँ पे दूर दूर तक कोई नही है,वहाँ जाकर मम्मी को जमकर चोद सकता हूँ
मेने तुरंत फोन रखा ऑर मम्मी के पास जा पहुचा ,इस बार मे फिर मम्मी के पीछे चिपक गया ऑर लंड गान्ड मे घुस गया
मम्मी:किसका फोन था
मे:पापा का था
मम्मी:क्या कहा पापा ने
मे:आज कि कोई ट्रेन नही हो पाएगी
मम्मी: अरे मेने सामान पॅक कर लिया
मे:कोई दिक्कत नही मम्मी मे हूँ ना ,हम ऐसी जगह चलते है,जहाँ टाइम यूही निकल जाएगा
मम्मी:कहाँ ले जाना चाहते हो
मे:बस एक जगह है वहाँ तुम भी बोर नही होगी मे भी बोर नही होउंगा
मम्मी:तो वहाँ खाने पीने की ववस्था है
मे:खाने पीने की सब व्यवस्था है
मम्मी:ऑर सोने की भी
मे:उसकी ज़रूरत नही पड़ेगी
मम्मी:क्यो
(( अपने मन मे ,क्योकि रात भर चुदाई जो करने वाला हूँ))
मे:पहले चलो तो सही
मम्मी:ठीक है
शायद मम्मी को भी अंदाज़ा हो गया था कुछ गड़बड़ है
फिर हम ऑटो करके निकल गये चाची के फार्महाउस पे
वहाँ आस पास कोई भी नही था , जगह सुन्शान थी,बहुत अच्छी जगह थी किसी को मस्त चोदने की
मे तुरंत फार्महाउस के पीछे गया ऑर अंदर घुस कर आगे का दरवाज़ा खोल लिया
मम्मी अंदर आ गयी,उनके पीछे चलने लगा
मे:मम्मी कैसा लगा
मम्मी:बहुत सुना है,हम 2 दिन कैसे गुज़ारेंगे
मे:साथ मे रहकर
मम्मी थोड़ी मुस्कुराइ
मम्मी:मतलब ,हम साथ मे ही तो है
मे:मेरा मतलब थोड़ी दूरिया कम कर करके साथ मे रहेगे,ऑर थोड़ा थोड़ा आपस मे एक दूसरे को ऑर नज़दीक से जानेगे
मम्मी:अच्छा तू अपनी माँ को ऑर नज़दीक से जानना चाहता है
मे:हाँ मम्मी
चल ठीक है ,अभी तू क्या पिएगा
मे:चाइ
मम्मी:ठीक है
ये कहकर मम्मी चाइ बनाने चली गयी,मेरे पास बहुत अच्छा मोका था
मे फिर मम्मी के पीछे से चिपक गया
ऑर इस बार मेने बहुत ज़ोर से पकड़ा था मम्मी को
मम्मी की तो एक बार आहह ही निकल गयी
मम्मी:क्या कर रहा है
मे:मम्मी को प्यार कर रहा हूँ
मम्मी:ऐसे करते है क्या प्यार
मे:शुरुआत ऐसे ही करते है
मम्मी:ओह,ये बात है
मे मम्मी के गान्ड पे अब हल्के हल्के झटके देने लग गया था,मेरा लंड मम्मी की गान्ड की दरार मे घाघरे के साथ अंदर बाहर हो रहा था
अब मम्मी क सासे भी तेज होने लगी
अब मम्मी आगे झुक गयी ऑर अपनी गान्ड को पीछे लेने लगी जिससे मेरा लंड अब ऑर गहराई मे उतरने लगा
मेने धीरे धीरे एक हाथ चूत के उपर ले गया,मुमनी अब अपने होश मे नही थी कि वो कुछ कर सके
मे घाघरे के उपर से माँ की चूत को सहलाने लगा ,ऑर दूसरे हाथ से मम्मी की चुचि को हल्के हल्के दबा रहा था
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
माँ अपने शरीर पे हो रहे तीनो तरफ के हमले को बर्दास्त नही कर पाई ऑर मेरे हमलो के सामने हार गयी,मतलब मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया था
मेरे तीन तरफ के हमले ,गान्ड पे झटके लगाना,चूत को सहलाना,ऑर चुचि को दबाना,ये ऐसे हमले थे इनसे कोई औरत ऑर लड़की नही बच सकती थी
अब मेने मम्मी को पलटाया,अब मम्मी के होठ मेरे होठ के सामने थे ,मेरा लंड मम्मी की चूत से बस थोड़ा सा ही दूर था
में जल्दी से अपने हाथ मम्मी की कमर के पीछे ले गया,ऑर मम्मी को अपनी तरफ खिचा
मेने अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए ऑर मम्मी के बदन को ज़ोर से अपने से चिपकाए रखा
मम्मी को होश आया कि मे क्या कर रहा हूँ,पर मम्मी का शरीर उनका साथ नही दे रहा था,
मम्मी ने आँखो के इशारे से कहा कि मत कर पर मे नही माना
मेरी आँखो मे एक चमक थी जो मम्मी को बता रही थी कि मे उन्हे आज नही छोड़ने वाला
मेरा लंड अब घाघरे के साथ ही चूत के अंदर घुसने को तैयार था
मम्मी अपनी चूत पे मेरे लंड का स्पर्श पाकर अपने आप को काबू नही कर पाई ऑर एक बार फिर पानी छोड़ दिया,मम्मी की चूत ने पानी छोड़ छोड़ कर हर मान ली,अब मम्मी के शरीर मे ताक़त नही बची थी
मे ये देख सकता था कि मम्मी का शरीर अब ज़ोर नही लगा रहा
मे जानता था कि अब मम्मी विरोध नही कर सकती ,इसलिए मेने अब पकड़ ढीली कर दी,ऑर एक हाथ माँ की गान्ड के उपर ले जाकर सहलाने लगा ऑर अपने होठ मम्मी के होठ से हटा कर गले को चूमने लगा
मम्मी की गान्ड को सहलाने मे मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी स्पंज की बॉल दबा रहा हूँ,बहुत ही गद्देदार थी
अब दूसरे हाथ से मेने मम्मी की चुचि दबाने लग गया था
जब मेने देखा कि मम्मी अब बिल्कुल होश मे नही है
मेने मोके का फ़ायदा उठाया ,मेने एक हाथ अब पीछे घाघरे के अंदर डाल दिया,मुझे बहुत ताज्जुब हुआ मम्मी ने पैंटी नही पहनी थी ,मेरा हाथ नंगी गान्ड पे था,मेने धीरे धीरे सहलाते हुए हाथ को गान्ड की दरार मे डालना शुरू किया
मेरा दिल तो रुक सा गया था जब मेरे हाथ की उंगलिया ने मम्मी की गान्ड के छेद को छुआ
मे महसूस कर पा रहा था कि मम्मी की गान्ड का छेद,बिल्कुल टाइट था ,मे इस कुवारि गान्ड के छेद के पीछे पागल सा हो गया,इस गान्ड के छेद को चोद चोद कर चोडा कर दूँगा
में अब एक उंगली से ही माँ की गान्ड के छेद के उपर मसाज करने लगा
मम्मी की चूत ने फिर पानी छोड़ दिया था
अब मेने ज़्यादा देर ना करते हुए मम्मी के घाघरे का नाडा खोलने लगा ये सब मे बिना देखे ही कर रहा था,पर बहुत जल्द नाडा खुल गया ,नाडा खुलते ही,मम्मी का घाघरा नीचे गिर गया
मम्मी ने पैंटी नही पहनी हुई थी इसलिए मम्मी की चूत मेरे लंड के सामने आ गयी
मेने एक बार फिर अपने हाथ मम्मी की कमर पे ऑर मेरे होठ मम्मी के होठ पे रख दिए,ऑर मम्मी को अपनी बाहों मे कस लिया
अबकी बार मे मम्मी के होंठो को चूस रहा था,मम्मी अपने होठ नही खोल रही थी लेकिन मे बाहर से ही मम्मी के होठ चूस रहा था,मे कोई ज़बरदस्ती नही करना चाहता था,ऑर मेरी पकड़ मजबूत होने के कारण मेरा लंड भी मम्मी की चूत पे जा टिका ,ऐसा लग रहा था कि लंड ने अपनी मंज़िल खुद ढूँढ ली,बिना हाथ लगाए ही मम्मी की चूत के मुँह पे पहुच गया,चूत ने पहले ही बहुत पानी छोड़ रखा था,बस गीला करना था तो मेरे लंड को
मेने एक हाथ अपने मुँह पे लिया थोड़ा सा थूक थुका फिर लंड पे लगाया ऑर फिर लंड को पकड़ कर मम्मी की चूत के मुँह मे लगा दिया,मेने थोड़ा सा ज़ोर लगाया जिससे मेरा लंड चूत के मुँह मे फिट हो गया,ऑर फिर दोनो हाथ मम्मी की गान्ड पे रख दिए
अब मेने सब कुछ तैयार कर लिया था,मेरे होँठों ने बहुत कठोरता से मम्मी के मुँह को बंद कर रखा था,मेने अपनी पकड़ मम्मी के शरीर पे बहुत मजबूती से बना रखी थी
सब कुछ तैयार था,मेरा लंड चूत के मुँह मे फसा हुआ था,अब मेने गिनती करनी चालू कर दी कि कब लंड अंदर डालना है पूरी ताक़त ले साथ
3...............................लंड को सख़्त किया
2...............................हाथो की पकड़ बढ़ाई गान्ड पे
1................................पूरी ताक़त जुटाई
फिर गचह
मेरा लंड मम्मी की चूत को फाड़ता हुआ तकरीबन 3 इंच घुस गया
कुछ पल के लिए वक्त थम सा गया था
मेने मम्मी का मुँह अपने होठ से बंद कर रखा था
फिर एक घुटि हुई चीख निकली उूुउउम्म्म्ममममममममममममम
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी अपने होठ हटाकर चिल्लाना चाह रही थी लेकिन तब तक मेने अपने हाथो से मम्मी का सिर पकड़ लिया था ऑर मम्मी के होंठो को हटाने नही दिया
मम्मी की आँखो से आसू टपकने को तैयार थे
शायद मम्मी की बहुत दिनो से चुदाई नही हुई इसलिए मम्मी को दर्द हुआ था
मम्मी को थोड़ी राहत मिलती इससे पहले ही एक ऑर झटका गचह
इस बार लंड तकरीबन 6 इंच घुस चुका था
मम्मी ने एक लंबी सास खीची ओर फिर मुँह हटाने की नाकाम कॉसिश करते हुए चीख निकली उउउींम्म्मममममममम
मुझे मम्मी की इस हालत पे बहुत मज़ा आ रहा था
फिर मेने बिना वक्त बर्बाद करते हुए अपना आखरी दमदार झटका दिया
गचह
इस बार पूरा 8 इंच का लंड मम्मी की चूत मे घुस चुका था
,मेरा पेट मम्मी के पेट से चिपक गया,हमारा शरीर उपर से नीचे तक पूरा चिपका हुआ था
मम्मी को इतना दर्द हुआ कि पूरी ताक़त से अपना सिर हटाया ऑर ज़ोर से चिल्लाइ
आआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ऑर मेने फिर मम्मी का सिर पकड़कर अपने होठ मम्मी के होंठो पे रख दिए
अब मम्मी की घुटि घुटि चीखे निकल रही थी
उम्म्म्ममम उम्म्म्ममममम
मम्मी की आखो से भी आसू टपक पड़े
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा अब मम्मी का कराहना बंद हो गया था केवल आसू भी टपक रहे थे
मेने अब धीरे धीरे मम्मी के होंठो को चूसना शुरू किया
मुझे बहुत ख़ुसी ही रही थी आज मेने मम्मी की चूत मे लंड घुसा ही दिया
मेने अब अपना लंड तकरीबन 4-5 इंच बाहर निकाला ऑर फिर जोरदार झटका गाचह
मम्मी फिर उम्म्म्ममममममममम कराहने लगी
फिर ऐसे ही मेने 10-15 झटके दिए
अब मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया था
अब मेरे लंड को ज़्यादा दिक्कत नही हो रही थी अंदर बाहर होने मे
मेने अब मम्मी को मुँह छोड़ दिया था
मम्मी:ये क्या किया तूने अपनी मम्मी को ही छोड़ दिया
मे:मम्मी मे आपसे प्यार करता हूँ
मम्मी:तो इसका मतलब तो अपनी मम्मी को चोद देगा,जाने दे मुझे
मे:मम्मी मे आपसे प्यार करता हूँ,मे आपके लिए जान भी दे सकता हूँ
मम्मी मुझे चोदने से मना कर रही थी पर मम्मी का शरीर मेरा साथ दे रहा था
मम्मी:मुझे जाने दे मे तेरी माँ हूँ
मे:मे आपसे प्यार करता हूँ,आप भले ही मेरी जान ले लेना बस एक बार चोद लेने दो
मम्मी:नही ,मुझे बस जाने दो
मे:मे नही जाने दे सकता ,हमारा मिलन पूरा नही हुआ
मम्मी:कॉन्सा मिलन
मे:जो लोग प्यार करते है ,उनका मिलन पूरा तब होता जब वो एक दूसरे से चुदाई कर लेते है
मम्मी:मुझे नही करवाना मिलन
मे:तो फिर मे जिंदा नही रहूँगा,या तो मुझे अपना मिलन पूरा कर लेने दो या फिर मुझे मार देना
मम्मी मेरी बातों से पिघल जाती है
बोलती है चल बस एक बार ही चोदने दूँगी
मे खुशी से
मे:ठीक है मम्मी
पर मम्मी मेरी ऑर विनती है
मम्मी:क्या
मे:मे आपको चुदाई के दोरान आपको आपके नाम से पुकारना चाहता हूँ,क्योकि दो प्रेमी एक दूसरे को नाम से ही पुकारते है
मम्मी:ठीक है
मम्मी की अपनी बात ख़तम करते ही
मे:ले लो मेरी सुधा रानी,ऑर मे अपना लंड तरीबन 6-7 इंच बाहर निकाल कर एक ही बार मे अंदर गचह
मम्मी:आआअहह मार डालेगा क्या
मे:अभी तो बस ये शुरुआत है
अब मेने लंड को लगभग पूरा बाहर निकाल कर एक ही बार मे पूरा अंदर डाल रहा था
शुरू शुरू मे थोड़ी तकलीफ़ हुई थी लेकिन मम्मी को मज़ा आने लग गया था
लेकिन मम्मी को चुदाई का मज़ा ज़्यादा देर नही चला मेरे लंड ने जल्द ही पानी छोड़ दिया
मुझे बहुत निराशा हुई ,खुद से बोला,मुझे गोली ले लेनी चाहिए थी
लेकिन मेने लंड निकाला नही
मम्मी:बस हो गया,अब बाहर निकाल ले,तू एक बार चोद चुका
मे:मेरी सुधा रानी,मिलन तब पूरा होता है,जब लंड पूरा बाहर आ जाता है
मेरा लंड अंदर ही है ऑर सख़्त है,ये कहकर मे मम्मी के होंठो को चूसने लगा
मम्मी ने मुँह हटाया
मम्मी:ये क्या कर रहा है
मे:सुधा रानी,तुम मिलन मे पूरा साथ नही दे रही हो,मिलन के दोरान सब चीज़े करनी पड़ती हैं ,मुँह का स्वाद लेना तो बहुत ज़रूरी है
तुम भी मज़े लो चुदाई के,देखो मे कैसे मज़ा देता हूँ
ये कहकर मेने एक बार फिर अपने होठ मम्मी के मुँह पे लगाया
इस बार मम्मी ने थोड़ा साथ दिया ,मम्मी ने अपना मुँह खोल लिया
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मे मम्मी के मुँह मे अपनी जीब डालकर मम्मी के मुँह के रस का आनंद लेने लगा,अमृत जैसा लग रहा था मम्मी के मुँह का स्वाद
मे मम्मी के होंठो को बुरी तरह चूस रहा था,जैसे कि सारा रस ख़तम हो रहा हो
मे मम्मी के होंठो के आखरी रस की बूँद को भी चूस लेने चाहता था
इसी दोरान अब मेरा लंड भी सख़्त हो गया था ,अब मेने धीरे धीरे होंठो को चूस्ते हुए फिर से चोदना शुरू किया
मुझे याद आया मनोहर ने कहा था कि मे पहली बार मम्मी को चोदुन्गा तो मेरा पानी जल्दी निकल जाएगा लेकिन मेरा लंड सख़्त रहेगा,ऑर दूसरी बार मे जब चोदुन्गा तब मे बहुत देर चोद सकता हूँ
अब मेने लंबे लंबे झटके लगाने शुरू कर दिए थे
मम्मी को भी मज़ा आ रहा था,मेरा लंड अब पूरा अंदर बाहर हो रहा था
मम्मी:आआआअहह,मज़ा आ गया बेटे,तेरा लंड तो बहुत तगड़ा है,ऑर ज़ोर से चोद
मे:ये लो मम्मी,ये कहकर मे ऑर ज़ोर से झटके देने लगा
अब मेने मम्मी को बाहों मे उठाया ऑर सोफे पे ले गया,मेने सोफे पे मम्मी को पीठ के बल लिटाया ऑर मे उपर आ गया ,इस दौरान मेने अपना लंड मम्मी की चूत से नही निकाला था
मे:मम्मी के होंठो को चूसे जा रहा था
अब मेने धक्के देने शुरू कर किए
इस बार मेरा लंड जोरदार तरीके से मम्मी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था,मम्मी की चूत पर पड़ रहे मेरे जोरदार झटको से मम्मी को फिर दर्द हुआ
मम्मी:बेटा धीरे करो,दर्द मत करो
मे:मम्मी ,आपके बदन ने मेरी नींदे हराम कर रखी थी
ये कहकर मेने एक जोरदार झटका दिया,पूरा लंड सरसराता हुआ एक ही बार मे अंदर घुस गया
मम्मी:आआआआआईयईईईईईईईई,मार डालेगा क्या
फिर मुझे पता नही क्या हुआ मेने मम्मी के होंठो पे होठ रख दिए ऑर ऐसे ही 10-15 धक्के लगा दिए
मम्मी के चेहरे पर दर्द उभर आया
मम्मी की थोड़ी ही देर मे मेरे लंड से चुदने मे हालत खराब हो गयी थी
अब मे मम्मी लगातार चोद रहा था ,मेरा लंड मम्मी की चूत से सटा सॅट अंदर बाहर हो रहा था
बहुत मज़ा आ रहा था
मे: आइ लव यू मम्मी,मे आपसे बहुत प्यार करता हूँ ,बहुत मज़ा आ रहा है,अब मार भी जाउ तो कोई गम नही
लंड बाहर आकर पूरा एक ही बार मे अंदर जाते हुए
मम्मी:आअहह ,तू क्यो मरने की बाते कर रहा है,चोदने तो दे रही हूँ तुझे
मे:मम्मी सच सच बताओ,आप भी चुदना चाह रही थी ना
मे लंबे लंबे झटके दे रहा था,मेरा लंड पूरा बाहर आकर पूरा एक ही बार मे अंदर हो रहा था
मम्मी:नही मे कभी तुमसे चुदना नही चाह रही थी
एक जोरदार झटका देते हुए "टप्प्प्प""
मम्मी आआअहह
मम्मी:धीरे कर ना
अब मे हर बात पूरी होने के बाद एक झटका दे रहा था
मे:अच्छा तो चाची यहाँ क्या करने आती थी
मम्मी:तो तुम सब जानते हो,चाची ने तुम्हे बताया
मे:नही बस मुझे पता है
मम्मी:चाची मुझे बता रही थी तुम भी उसके साथ कुछ करते हो
मे:हाँ मम्मी,मे चाची को खूब चोदता हूँ,वो आप जैसे नखरे नही करती
मम्मी:अच्छा मे कहाँ नखरे कर रही हूँ
मे:आप बोल रही हूँ बस एक बार चोदने दूँगी,वगेरह वगेरह
मम्मी:तू तो मेरा बेटा है
मे:तो सलीम भी तो चाची को चोदता है,चाची ने नही बताया
मम्मी:नही
मे:क्यो झूठ बोल रही हो,चाची आपको अपने बेटे सलीम से नही चुदवाना चाह रही थी
मम्मी:तुम्हे कैसे पता
मे:मम्मी मे आपको बेटा हूँ,मे सब जानता हूँ
ये कह कर एक ओर जोरदार झटका "थयपप्प्प्प""
मम्मी:आआआहह,अच्छा बाबा मे मानती हूँ ,मेने झूठ बोला
मे:तो अपने बेटे से झूठ,मे आपके लिए जान भी दे सकता हूँ,ऑर आप हो की अपनी चूत भी नही दे रही,ज़बरदस्ती करनी पड़ी
मम्मी:ऐसी बात नही है,तुम मुझे छोड़ रहे हो क्योकि मे चाहती थी
"मे अपने मन मे,ये हुई ना बात"
चलो मम्मी अब तुम घोड़ी बन जाओ,अब मे अपनी सुधा रानी को जमकर चोदना चाहता हूँ
मम्मी सोफे पे ही घोड़ी बन गयी
मेने मम्मी की गान्ड को पकड़ के फैलाया
अब मुझे मम्मी की गान्ड को वो छेद नज़र आया जिसने मुझे पागल कर रखा था,मुझे क्या सबको पागल कर रखा था
बड़ी बड़ी गान्ड के बीच मे बिल्कुल छोटा सा लाल कलर का छेद,जिसमें आज तक कोई चीज़ अंदर नही गयी
केवल चाची की एक उंगली के अलावा
मेने उस छेद को अभी छेड़ना सही नही समझा,ऑर मेने अपनी चूत चुदाई मे ध्यान लगाया ये सोच कर कि अगला नंबर गान्ड का ही लूँगा ऑर इतना चोदुन्गा कि कोई ये नही कह सकेगा कि ये वही छोटा सा लाल कलर का छेद वही छेद है जिसमे एक उंगली के अलावा कुछ भी अंदर नही गया था
मेने पीछे से लंड माँ की चूत मे घुसाया ऑर एक ही बार मे पूरा अंदर
मम्मी के मुँह से एक बार फिर आअहह
उसके बाद मेने मम्मी को चोदना शुरू किया अब में बाते नही कर रहा था
मेरा लंड अब किसी मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था,जिसने मम्मी के चूत के अंदर तूफान मचा दिया था
मेरा लंड इतना तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था कि मम्मी की चूत बर्दास्त नही कर पा रही थी ऑर मम्मी के मुँह के सिसकारियाँ की जगह दर्द वही आहे उठने लगी
मम्मी के मुँह से आई आई आई आई ,जैसे दर्दभरी आहें आने लगी थी,मम्मी बोली, बेटा थोड़ा धीरे कर ,मुझे दर्द हो रहा है
मेने एक जोरदार थप्पड़ गान्ड पे रशीद दिया
चटाककककक की एक आवाज़ पूरे रूम मे गूँज गयी
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06-13-2019, 01:26 PM,
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RE: Sex Kahani आंटी और माँ के साथ मस्ती
मम्मी:आाआईयईईईईईई
मेरा थप्पड़ इतना तेज था कि पूरे रूम मे तडाक की आवाज़ गुज़ गयी ऑर मेरी उंगलिया गान्ड पे छप गयी
मेरे धक्के इतने तेज थे कि पूरे रूम मे थप थप थप की आवाज़ ही सुनाई दे रही थी ऑर सोफा हर धक्के के साथ आगे खिसक रहा था
मेरी इतनी जबरदस्त चुदाई के कारण मम्मी को बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था,मम्मी अब ये इंतज़ार कर रही थी कब मेरा पानी निकले
मे:क्या हुआ रानी ,मज़ा नही आ रहा,ऑर मे ऑर तेज झटके देने लगा
मम्मी:आआहह,थोड़ा धीरे कर ना
मे:बस हो गया
मुझे लगा मेरा पानी नाइकाल्न वाला है इसलिए मेने पूरी ताक़त से चोदना शुरू किया ,
मेरे लंड की मार से मम्मी की चूत लाल पड़ गयी थी
कुछ ही देर बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ा
मेरा लंड अब सिकुड कर बाहर आ गया
मम्मी वापस पलट गयी ऑर वही लेट गयी
मम्मी:हरम्खोर बहुत बुरा चोदा तूने,मार ही डाला था
,कोई ऐसे चोदता है क्या,देख अभी भी दर्द हो रहा है,मम्मी चूत की ओर इशारा करते हुए
मे:इसमे ही तो मज़ा है ऑर मे मम्मी की चूत की ओर देखने लगा
मम्मी:आगे से ऐसे करेगा तो नही चोदने दूँगी
((मन मे,चलो अब मम्मी को पटाना तो नही पड़ेगा ,अब जब चाहे चूत मिल जाएगी)))
मम्मी की चूत से अब मेरा पानी धीरे धीरे बाहर आ रहा था ऑर मम्मी की चूत बिल्कुल लाल पड़ गयी थी
((मे अपने मन मे ,वाकई आज मेने माँ की चूत जोरदार तरीके से चोदि)))
ऑर मे भी ज़मीन पे लेट गया,क्योकि अब मेरी हालत नही बची थी ,मेने सोचा थोड़ी देर नींद ले लेता हूँ फिर वापस चोदुन्गा मम्मी को,ये सोचते सोचते मुझे नींद आ गयी
मे जब उठा तब सुबह हो चुकी थी,मुझे इतनी जोरदार नींद आई कि मेरी आख तब खुली जब सूरज की रोशनी मेरी आँखो पे पड़ने लगी थी
मे उठा ,वापस पर्दे लगाए,सोचा वापस सो जाता हूँ लेकिन जब मेने देखा कि मम्मी
सोफे पे ही पीठ के बल सो रही थी ,मेने वापस सोने का ख़याल छोड़ दिया
मम्मी के बदन को देखकर मे फिर से पागल सा हो गया था,मुझे अभी तक विस्वास नही हो रहा था कि ये वो ही शरीर है जिसको कल रात बहुत अच्छी तरह से रगड़ा था
मम्मी ने टांगे फैला कर रही थी,मे थोड़ा मुस्कुराया क्योकि मम्मी की जो हालत रात की जोरदार चुदाई से हुई थी,चूत की सूजन अभी तक नही उतरी थी
मे चूत को चूसना चाह रहा था,लेकिन पता नही क्यो मेरे मन ने मना कर दिया शायद ये सोचकर कि मेने इसी चूत मे पानी निकाला था
मम्मी सोते हुए बहुत सुंदर लग रही थी
मे तुरंत किचन मे गया ऑर दो कप शानदार चाइ के बना लाया
मे मम्मी के पास आया ऑर मम्मी के गालो पे एक प्यारी सी पप्पी दी,जिससे मम्मी उठ गयी,शायद मम्मी भी उठने वाली थी
मम्मी ने उठते ही मुझे देखा ऑर मुस्कुराइ
मे:गुड मॉर्निंग मम्मी,मे आपके लिए चाइ बनाकर लाया हूँ ये बात सुनकर मम्मी खुश हुई
मम्मी:आज मेरा बेटा मेरे लिए छा बना कर लाया है ये कहते हुए मम्मी अंगड़ाई लेने लगी
मम्मी का बदन बहुत ही शानदार लग रहा था अंगड़ाई लेते हुए,वो भी जब रात को जमकर चुदाई हुई हो
मम्मी के शरीर पे केवल एक ब्लाउस ही था,घाघरा तो मेने खोल दिया था
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