05-16-2019, 11:57 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
जानदार लंड शानदार चुदाई
मेरा नाम सुमित्रा है. मुझे लोग सूमी कह कर बुलाते हैं. मेरी उमर 38 साल, रंग गोरा और और बॉडी एक दम स्लिम. मैं सूरत की रहने वाली हूँ. मेरे पति बहुत ही अमीर बिज़्नेसमॅन थे. 2 साल पहले ही उनका एक एक्सिडेंट में स्वरगवास हो गया था. मैने 32-33 साल की उमर तक उनसे चुदवा कर खूब मज़ा लेती थी. उसके बाद मुझे ना जाने क्या हुआ कि वो मुझे चोदने के बाद जब 30-35 मिनट में झड़ने वाले होते तब कहीं जा कर मुझे थोड़ा थोड़ा जोश आना शुरू होता था और मैं चुदाई का बिल्कुल मज़ा नहीं ले पाती थी. 33 साल की उमर के बाद से मुझे चुदवाने में बिल्कुल मज़ा नहीं आता था क्यों कि मैं झाड़ नहीं पाती थी.
उनके स्वरगवस के बाद मेरा संबंध अपने मॅनेजर से हो गया. मैने उस से भी खूब चुदवाया लेकिन मुझे उस से भी मज़ा नहीं मिला. क्यों कि जब तक मुझे जोश आना शुरू होता तो वो झाड़ जाता था. मेरी एक सहेली निशा है. उमर में वो मुझसे 5 साल बड़ी है लेकिन वो मुझसे भी ज़्यादा सेक्सी है. उसके पति भी एक बिज़्नेस मैं थे और मेरे पति से ज़्यादा अमीर थे. वो भी 1 साल पहले ही गुजर चुके थे. वो अक्सर मेरे घर आया करती है. एक दिन मैने उस से अपनी समस्या बताई. वो बोली तुम्हारी समस्या मैं एक चुटकी में दूर कर सकती हूँ. मैने कहा तो करो ना, देर किस बात की है. निशा बोली कि वो अपने मॅनेजर से खूब चुदवाती है. लेकिन उनको अपने लंड पर बहुत घमंड है क्यों कि उन का लंड बहुत ही लंबा और मोटा है. वो मुझे भी बिना पैसे लिए नहीं चोद्ते. एक बार चुदवाने का 2000 मैने जब उन से पहली पहली बार चुदवाया तो मैं 4-5 दिनो तक ठीक से चल भी नहीं पाती थी. लेकिन उन से चुदवाने में मुझे जो मज़ा आता है वैसा मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला. वो इतनी बुरी तरह से चोद्ते हैं कि मैं 7-8 दिनो में केवल एक बार ही उनसे चुदवाती हूँ. मैने कहा हम जैसे लोगो के लिए 2000 क्या मतलब रखते हैं, केवल ज़िंदगी का मज़ा मिलना चाहिए. निशा बोली तुम ठीक कहती हो. मैने कहा मेरा काम कब हो जाएगा तो वो बोली उन से पूच्छ कर कल फोन कर दूँगी, अगर वो खाली होंगे तो मैं उन्हें कल ही तुम्हारे पास भेज दूँगी. मैने कहा ठीक है.दूसरे दिन मैं ऑफीस में पूरे दिन निशा के फोन का इंतेज़ार करती रही लेकिन उसका कोई फोन नहीं आया. मैने काई बार निशा का मोबाइल ट्राइ किया तो उसका मोबाइल ऑफ था.
शाम के 5 बजे ऑफीस के बाद मैं घर पहुचि और निशा के फोन का इंतेज़ार करती रही लेकिन फिर भी उसका फोन नहीं आया. रात के 8 बजे मैने खाना खाया और टीवी देखने लगी. रात के 10 बज चुके थे और घर के सारे नौकर अपने घर चले गये. मैं भी सोने की तैयारी कर रही थी तभी मेरा मोबाइल बजा. वो निशा थी. वो बोली मैं कुच्छ ज़रूरी काम में फस गयी थी इस लिए फोन नहीं कर पाई. मैं अभी अभी घर आई हूँ और मैने उन से बात कर ली है. वो आज खाली हैं, फिर उसके बाद 10 दिनो तक वो बिल्कुल खाली नहीं हैं. उन्हें दूसरे काम पर भी जाना है. अगर तुम कहो तो मैं उनको भेज दूं. मैने कह मैं तो पूरे दिन तुम्हारे फोन का इंतेज़ार कर रही थी. तुम उन को तुरंत भेज दो. लेकिन मैं उन को कैसे पहचान पाउन्गि. निशा बोली कि तुम उनके कार का नंबर नोट कर लो मैने उनकी कार का नंबर नोट कर लिया और उन दोनो का इंतेज़ार करने लगी. लगभग 11 बजे एक कार मेरे घर के सामने आ कर रुकी. केयी साल बाद आज मैं जोश के मारे पागल सी हो रही थी. मैने दरवाज़ा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे उन्होने मुझसे पूछा, सूमी? मैने कहा हां. मैने उनके कार का नंबर देखा तो वही नंबर था जो निशा ने बताया था. मैने उन से उनका नाम पूछा तो उन्होने अपना नाम बता दिया. उनकी उमर लगभग 24-25 साल की थी और वो दोनो दिखने में एक दम हट्टे कट्टे थे. मैं उन्हें बड़े प्यार से अंदर ले गयी और पूछा कुच्छ पियोगे तो उन्होने मना कर दिया. वो बोला बेडरूम में चलेंगी या यहीं कालीन पर. मैने कहा जहाँ तुम ठीक समझो. वो बोला कालीन पर ठीक रहेगा. कालीन पर धक्के ठीक से लगते हैं. राज ने मुझसे पूछा कि आप अपने कपड़े खुद उतारेंगी या मैं उतार दूं. मैने कहा तुम ही उतार दो. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. आज केयी साल बाद मेरी चूत अभी से गीली हो गयी थी. मेरे कपड़े उतारने के बाद उन दोनो ने भी अपने कपड़े उतार दिए. राज का लंड लगभग 7" लंबा और बहुत ही मोटा था. बोला कैसा लगा मेरा लंड. मैने कहा बहुत ही अच्च्छा है लेकिन देखना ये है कि तुम मेरी चूत से कितनी बार पानी निकाल पाते हो. वो बोला हम आपकी चूत से इतनी बार पानी निकाल देंगे कि आप की चूत एक दम ड्राइ हो जाएगी और इतना चोदेन्गे कि आप खुद ही हम को मना कर दोगि.
फिर मनोज बोला मेडम मेरा लंड कैसा है मैने कहा तुम्हारे दोनो के लंड बहुत बड़े है ठीक हैं लेकिन मैने तो आज तक इतने बड़े लंड से कभी नहीं चुदवाया है. मुझे दर्द बहुत होगा.
हां कुच्छ दर्द ज़रूर होगा और उस दर्द को आप को ही सहना पड़ेगा. उसके बाद राज ने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने उसका लंड चूसने लगी. 5 मिनट में ही उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. मैने आज तक कभी इतने मोटे लंड से कभी नहीं चुदवाया था. मेरे पति का और मेरे मॅनेजर का लंड 6" ही लंबा था. लंड खड़ा हो जाने के बाद उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसने मुझसे डॉगी स्टाइल में हो जाने को कहा. मैं कालीन पर ही डॉगी स्टाइल में हो गयी. वो मेरे पिछे आ गया और उसने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का सुपाडा बीच में रख दिया. उसने मेरी कमर को पकड़ कर थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मेरे मूह से चीख निकल गयी. लग रहा था कि जैसे कोई गरम गरम लोहा मेरी चूत में घुसेड रहा हो. मेरे मूह से चीख निकलते ही मनोज ने अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया और मेरी चीख दब कर रह गयी. तभी राज मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार बहुत तेज़ दर्द हुआ लेकिन मेरे मूह में मनोज ने अपनी फिंगर्स ठूंस रखी थी इस लिए मेरे मूह से कोई आवाज़ नहीं निकली. मैं दर्द से तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया और मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. अब मनोज ने अपना लंड मेरे मुँह मे ठूँस दिया और मैं उसके लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी राज बोला अभी तो 2" बाकी है. अचानक उसने फिर से एक धक्का मारा. इस बार उसका धक्का बहुत ही ज़ोर का था. मैं अपने आप को नहीं संभाल पाई और मनोज को धकेलते हुए आगे गिर पड़ी. लंड बाहर निकल गया और मैं दर्द के मारे चीखने लगी. मेरी साँसें बहुत तेज़ चलने लगी.तभी मनोज संभला और उसने फिर से अपना लंड मेरे मूह में ठूंस दिया और बोला अब ज़्यादा चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. अब केवल 1" ही बाकी है. राज ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. अभी 5 मिनट भी नहीं बीते थे कि आज मैं काई बरसों के बाद झाड़ गयी. जब मेरी चूत गीली हो गयी तो राज ने फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मैं दर्द से तड़प उठी और मैने मनोज को धकेल दिया. जैसे ही मनोज का लंड मेरे मूह से बाहर निकला तो मैं ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. मनोज बोला अब तो राज का पूरा लंड अब आपकी चूत में घुस चुका है. अभी थोड़ी देर में आप का दर्द भी कम हो जाएगा. उसके बाद राज ने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. अभी उसका लंड मेरी चूत में आराम से अंदर बाहर नहीं हो रहा था. 5 मिनट ही और बीते थे कि मैं दूसरी बार झाड़ गयी. अब मेरा दर्द भी कुच्छ कम हो चुका था. 2 बार झाड़ जाने से मेरी चूत एक दम गीली हो गयी थी. अब राज का लंड मेरी चूत में कुच्छ आराम से अंदर बाहर होने लगा था. राज ने अपनी स्पीड भी तेज़ कर दी थी. 5 मिनट और चुदवाने के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे मज़ा आने लगा.
राज बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोद रहा था. मैं पूरे जोश के साथ राज का लंड चूस रही थी. 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झाड़ गयी. अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. मैं अपना चूतड़ आगे पिछे करते हुए राज का साथ दे रही थी. राज ने मुझसे पूछा अब आप को कैसा लग रहा है. मैने कहा अब मुझे मज़ा आने लगा है. तुम इसी तरह मुझे चोद्ते रहो. 5 मिनट तक और चोदने के बाद जब राज के लंड का पानी निकलने वाला था तो उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और उसने अपने लंड का सारा पानी मेरी चूतड़ पर निकाल दिया. उसके बाद वो हट गया और मेरे सिर की तरफ आ कर बैठ गया. राज ने मुझे लगभग 20 मिनट तक चोदा.अब मनोज मेरे पिछे आ गया. उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. उसका लंड भी राज के लंड जैसा था इस लिए मुझे कोई तकलीफ़ नहीं हुई. मनोज ने भी बहुत तेज़ धक्के लगाते हुए मुझे चोदना शुरू कर दिया. राज मेरे सिर के पास 10 मिनट तक बैठा रहा और फिर उसने अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया. मैं राज का लंड चूसने लगी. उधर मनोज बहुत तेज़ी के साथ मुझे चोद रहा था. मैं खूब मज़े से चुदवा रही थी. आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी हो रही थी. मनोज को मुझे चोद्ते हुए 15-20 मिनट हो चुके थे और मैं फिर से बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी. मैं झड़ने ही वाली थी. मैने जोश में आ कर राज का लंड तेज़ी के साथ चूसना शुरू कर दिया. राज का लंड भी फिर से खड़ा हो कर एक दम टाइट हो चुका था. 2 मिनट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. अब तक मैं 4 बार झाड़ चुकी थी. मैं शादी के बाद अपने पति से चुदवाने के दौरान 2-3 बार झड़ती थी लेकिन आज कयि साल बाद 4 बार झाड़ चुकी थी. अब जा कर मेरी चूत की खुजली कुच्छ कुच्छ शांत हो चुकी थी. मनोज मुझे आँधी की तरह चोद रहा था. लगभग 10 मिनट और चोदने के बाद मनोज भी झड़ने वाला था. उसने मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए थे. 2 मीं में ही उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सारा पानी मेरे चूतड़ पर निकाल दिया. उसके बाद मनोज हट गया और मेरे सिर की तरफ आ कर बैठ गया. मनोज ने मुझे लगभग 30 मीं तक चोदा और मुझे चुदवाते हुए लगभग 50 मीं हो चुके थे. राज फिर से मेरे पिछे आ गया और उसने अपना लंड एक झटके से मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. मैं अभी तक बहुत ज़्यादा जोश में थी. मैं अपना चूतड़ आगे पिछे कर के उसका साथ देने लगी. वो मेरी कमर को पकड़ कर बहुत तेज़ी के साथ मुझे चोद रहा था. राज से 15-20 मीं चुदवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. उधर मनोज ने फिर से अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया था और मैं उसका लंड चूस रही थी. इस बार राज ने मुझे लगभग 30-35 मीं तक चोदा और फिर उसने अपने लंड का सारा जूस मेरे चूतड़ पर निकाल दिया.
|
|
05-16-2019, 11:57 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
जानदार लंड शानदार चुदाई
मेरा नाम सुमित्रा है. मुझे लोग सूमी कह कर बुलाते हैं. मेरी उमर 38 साल, रंग गोरा और और बॉडी एक दम स्लिम. मैं सूरत की रहने वाली हूँ. मेरे पति बहुत ही अमीर बिज़्नेसमॅन थे. 2 साल पहले ही उनका एक एक्सिडेंट में स्वरगवास हो गया था. मैने 32-33 साल की उमर तक उनसे चुदवा कर खूब मज़ा लेती थी. उसके बाद मुझे ना जाने क्या हुआ कि वो मुझे चोदने के बाद जब 30-35 मिनट में झड़ने वाले होते तब कहीं जा कर मुझे थोड़ा थोड़ा जोश आना शुरू होता था और मैं चुदाई का बिल्कुल मज़ा नहीं ले पाती थी. 33 साल की उमर के बाद से मुझे चुदवाने में बिल्कुल मज़ा नहीं आता था क्यों कि मैं झाड़ नहीं पाती थी.
उनके स्वरगवस के बाद मेरा संबंध अपने मॅनेजर से हो गया. मैने उस से भी खूब चुदवाया लेकिन मुझे उस से भी मज़ा नहीं मिला. क्यों कि जब तक मुझे जोश आना शुरू होता तो वो झाड़ जाता था. मेरी एक सहेली निशा है. उमर में वो मुझसे 5 साल बड़ी है लेकिन वो मुझसे भी ज़्यादा सेक्सी है. उसके पति भी एक बिज़्नेस मैं थे और मेरे पति से ज़्यादा अमीर थे. वो भी 1 साल पहले ही गुजर चुके थे. वो अक्सर मेरे घर आया करती है. एक दिन मैने उस से अपनी समस्या बताई. वो बोली तुम्हारी समस्या मैं एक चुटकी में दूर कर सकती हूँ. मैने कहा तो करो ना, देर किस बात की है. निशा बोली कि वो अपने मॅनेजर से खूब चुदवाती है. लेकिन उनको अपने लंड पर बहुत घमंड है क्यों कि उन का लंड बहुत ही लंबा और मोटा है. वो मुझे भी बिना पैसे लिए नहीं चोद्ते. एक बार चुदवाने का 2000 मैने जब उन से पहली पहली बार चुदवाया तो मैं 4-5 दिनो तक ठीक से चल भी नहीं पाती थी. लेकिन उन से चुदवाने में मुझे जो मज़ा आता है वैसा मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला. वो इतनी बुरी तरह से चोद्ते हैं कि मैं 7-8 दिनो में केवल एक बार ही उनसे चुदवाती हूँ. मैने कहा हम जैसे लोगो के लिए 2000 क्या मतलब रखते हैं, केवल ज़िंदगी का मज़ा मिलना चाहिए. निशा बोली तुम ठीक कहती हो. मैने कहा मेरा काम कब हो जाएगा तो वो बोली उन से पूच्छ कर कल फोन कर दूँगी, अगर वो खाली होंगे तो मैं उन्हें कल ही तुम्हारे पास भेज दूँगी. मैने कहा ठीक है.दूसरे दिन मैं ऑफीस में पूरे दिन निशा के फोन का इंतेज़ार करती रही लेकिन उसका कोई फोन नहीं आया. मैने काई बार निशा का मोबाइल ट्राइ किया तो उसका मोबाइल ऑफ था.
शाम के 5 बजे ऑफीस के बाद मैं घर पहुचि और निशा के फोन का इंतेज़ार करती रही लेकिन फिर भी उसका फोन नहीं आया. रात के 8 बजे मैने खाना खाया और टीवी देखने लगी. रात के 10 बज चुके थे और घर के सारे नौकर अपने घर चले गये. मैं भी सोने की तैयारी कर रही थी तभी मेरा मोबाइल बजा. वो निशा थी. वो बोली मैं कुच्छ ज़रूरी काम में फस गयी थी इस लिए फोन नहीं कर पाई. मैं अभी अभी घर आई हूँ और मैने उन से बात कर ली है. वो आज खाली हैं, फिर उसके बाद 10 दिनो तक वो बिल्कुल खाली नहीं हैं. उन्हें दूसरे काम पर भी जाना है. अगर तुम कहो तो मैं उनको भेज दूं. मैने कह मैं तो पूरे दिन तुम्हारे फोन का इंतेज़ार कर रही थी. तुम उन को तुरंत भेज दो. लेकिन मैं उन को कैसे पहचान पाउन्गि. निशा बोली कि तुम उनके कार का नंबर नोट कर लो मैने उनकी कार का नंबर नोट कर लिया और उन दोनो का इंतेज़ार करने लगी. लगभग 11 बजे एक कार मेरे घर के सामने आ कर रुकी. केयी साल बाद आज मैं जोश के मारे पागल सी हो रही थी. मैने दरवाज़ा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे उन्होने मुझसे पूछा, सूमी? मैने कहा हां. मैने उनके कार का नंबर देखा तो वही नंबर था जो निशा ने बताया था. मैने उन से उनका नाम पूछा तो उन्होने अपना नाम बता दिया. उनकी उमर लगभग 24-25 साल की थी और वो दोनो दिखने में एक दम हट्टे कट्टे थे. मैं उन्हें बड़े प्यार से अंदर ले गयी और पूछा कुच्छ पियोगे तो उन्होने मना कर दिया. वो बोला बेडरूम में चलेंगी या यहीं कालीन पर. मैने कहा जहाँ तुम ठीक समझो. वो बोला कालीन पर ठीक रहेगा. कालीन पर धक्के ठीक से लगते हैं. राज ने मुझसे पूछा कि आप अपने कपड़े खुद उतारेंगी या मैं उतार दूं. मैने कहा तुम ही उतार दो. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए. आज केयी साल बाद मेरी चूत अभी से गीली हो गयी थी. मेरे कपड़े उतारने के बाद उन दोनो ने भी अपने कपड़े उतार दिए. राज का लंड लगभग 7" लंबा और बहुत ही मोटा था. बोला कैसा लगा मेरा लंड. मैने कहा बहुत ही अच्च्छा है लेकिन देखना ये है कि तुम मेरी चूत से कितनी बार पानी निकाल पाते हो. वो बोला हम आपकी चूत से इतनी बार पानी निकाल देंगे कि आप की चूत एक दम ड्राइ हो जाएगी और इतना चोदेन्गे कि आप खुद ही हम को मना कर दोगि.
फिर मनोज बोला मेडम मेरा लंड कैसा है मैने कहा तुम्हारे दोनो के लंड बहुत बड़े है ठीक हैं लेकिन मैने तो आज तक इतने बड़े लंड से कभी नहीं चुदवाया है. मुझे दर्द बहुत होगा.
हां कुच्छ दर्द ज़रूर होगा और उस दर्द को आप को ही सहना पड़ेगा. उसके बाद राज ने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने उसका लंड चूसने लगी. 5 मिनट में ही उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. मैने आज तक कभी इतने मोटे लंड से कभी नहीं चुदवाया था. मेरे पति का और मेरे मॅनेजर का लंड 6" ही लंबा था. लंड खड़ा हो जाने के बाद उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद उसने मुझसे डॉगी स्टाइल में हो जाने को कहा. मैं कालीन पर ही डॉगी स्टाइल में हो गयी. वो मेरे पिछे आ गया और उसने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का सुपाडा बीच में रख दिया. उसने मेरी कमर को पकड़ कर थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मेरे मूह से चीख निकल गयी. लग रहा था कि जैसे कोई गरम गरम लोहा मेरी चूत में घुसेड रहा हो. मेरे मूह से चीख निकलते ही मनोज ने अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया और मेरी चीख दब कर रह गयी. तभी राज मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार बहुत तेज़ दर्द हुआ लेकिन मेरे मूह में मनोज ने अपनी फिंगर्स ठूंस रखी थी इस लिए मेरे मूह से कोई आवाज़ नहीं निकली. मैं दर्द से तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया और मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. अब मनोज ने अपना लंड मेरे मुँह मे ठूँस दिया और मैं उसके लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी राज बोला अभी तो 2" बाकी है. अचानक उसने फिर से एक धक्का मारा. इस बार उसका धक्का बहुत ही ज़ोर का था. मैं अपने आप को नहीं संभाल पाई और मनोज को धकेलते हुए आगे गिर पड़ी. लंड बाहर निकल गया और मैं दर्द के मारे चीखने लगी. मेरी साँसें बहुत तेज़ चलने लगी.तभी मनोज संभला और उसने फिर से अपना लंड मेरे मूह में ठूंस दिया और बोला अब ज़्यादा चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. अब केवल 1" ही बाकी है. राज ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. अभी 5 मिनट भी नहीं बीते थे कि आज मैं काई बरसों के बाद झाड़ गयी. जब मेरी चूत गीली हो गयी तो राज ने फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मैं दर्द से तड़प उठी और मैने मनोज को धकेल दिया. जैसे ही मनोज का लंड मेरे मूह से बाहर निकला तो मैं ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. मनोज बोला अब तो राज का पूरा लंड अब आपकी चूत में घुस चुका है. अभी थोड़ी देर में आप का दर्द भी कम हो जाएगा. उसके बाद राज ने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. अभी उसका लंड मेरी चूत में आराम से अंदर बाहर नहीं हो रहा था. 5 मिनट ही और बीते थे कि मैं दूसरी बार झाड़ गयी. अब मेरा दर्द भी कुच्छ कम हो चुका था. 2 बार झाड़ जाने से मेरी चूत एक दम गीली हो गयी थी. अब राज का लंड मेरी चूत में कुच्छ आराम से अंदर बाहर होने लगा था. राज ने अपनी स्पीड भी तेज़ कर दी थी. 5 मिनट और चुदवाने के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे मज़ा आने लगा.
राज बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोद रहा था. मैं पूरे जोश के साथ राज का लंड चूस रही थी. 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झाड़ गयी. अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. मैं अपना चूतड़ आगे पिछे करते हुए राज का साथ दे रही थी. राज ने मुझसे पूछा अब आप को कैसा लग रहा है. मैने कहा अब मुझे मज़ा आने लगा है. तुम इसी तरह मुझे चोद्ते रहो. 5 मिनट तक और चोदने के बाद जब राज के लंड का पानी निकलने वाला था तो उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और उसने अपने लंड का सारा पानी मेरी चूतड़ पर निकाल दिया. उसके बाद वो हट गया और मेरे सिर की तरफ आ कर बैठ गया. राज ने मुझे लगभग 20 मिनट तक चोदा.अब मनोज मेरे पिछे आ गया. उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. उसका लंड भी राज के लंड जैसा था इस लिए मुझे कोई तकलीफ़ नहीं हुई. मनोज ने भी बहुत तेज़ धक्के लगाते हुए मुझे चोदना शुरू कर दिया. राज मेरे सिर के पास 10 मिनट तक बैठा रहा और फिर उसने अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया. मैं राज का लंड चूसने लगी. उधर मनोज बहुत तेज़ी के साथ मुझे चोद रहा था. मैं खूब मज़े से चुदवा रही थी. आज मेरी बरसों की तमन्ना पूरी हो रही थी. मनोज को मुझे चोद्ते हुए 15-20 मिनट हो चुके थे और मैं फिर से बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी. मैं झड़ने ही वाली थी. मैने जोश में आ कर राज का लंड तेज़ी के साथ चूसना शुरू कर दिया. राज का लंड भी फिर से खड़ा हो कर एक दम टाइट हो चुका था. 2 मिनट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. अब तक मैं 4 बार झाड़ चुकी थी. मैं शादी के बाद अपने पति से चुदवाने के दौरान 2-3 बार झड़ती थी लेकिन आज कयि साल बाद 4 बार झाड़ चुकी थी. अब जा कर मेरी चूत की खुजली कुच्छ कुच्छ शांत हो चुकी थी. मनोज मुझे आँधी की तरह चोद रहा था. लगभग 10 मिनट और चोदने के बाद मनोज भी झड़ने वाला था. उसने मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए थे. 2 मीं में ही उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सारा पानी मेरे चूतड़ पर निकाल दिया. उसके बाद मनोज हट गया और मेरे सिर की तरफ आ कर बैठ गया. मनोज ने मुझे लगभग 30 मीं तक चोदा और मुझे चुदवाते हुए लगभग 50 मीं हो चुके थे. राज फिर से मेरे पिछे आ गया और उसने अपना लंड एक झटके से मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. मैं अभी तक बहुत ज़्यादा जोश में थी. मैं अपना चूतड़ आगे पिछे कर के उसका साथ देने लगी. वो मेरी कमर को पकड़ कर बहुत तेज़ी के साथ मुझे चोद रहा था. राज से 15-20 मीं चुदवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. उधर मनोज ने फिर से अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया था और मैं उसका लंड चूस रही थी. इस बार राज ने मुझे लगभग 30-35 मीं तक चोदा और फिर उसने अपने लंड का सारा जूस मेरे चूतड़ पर निकाल दिया.
अब तक मुझे चुदवाते हुए लगभग 1 1/2 घंटे हो चुके थे. मैं चुदवाते चुदवाते थोड़ा थक चुकी थी. लेकिन मैने राज को मना नहीं किया. इधर मनोज का लंड फिर से एक दम टाइट हो चुका था. राज के हट जाने के बाद मनोज ने फिर से मुझे चोदना शुरू कर दिया. राज मेरे सिर के पास आ कर बैठ गया. मनोज मुझे बहुत तेज़ी के साथ चोद रहा था. मैं अभी तक डॉगी स्टाइल में ही चुदवा रही थी. 10 मीं बाद राज मेरे बेडरूम में गया और 2 तकिये ले आया. मनोज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझसे लेट जाने को कहा. मैं लेट गयी तो उसने मेरे चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर उसने मेरी टाँगों को फैला कर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. वो ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था. अब मुझे उसका धक्का बहुत भारी पड़ रहा था. मेरी चूत अब लंड की रगड़ से धीरे धीरे ड्राइ हो रही थी और मुझे तकलीफ़ होने लगी थी. लेकिन मनोज रुका नहीं, वो मुझे चोद्ता रहा. इस बार उसने मुझे लगभग 45 मीं तक चोदा और फिर अपने लंड का सारा जूस मेरे पेट और मेरी चुचियों पर निकाल दिया. इस बार मनोज से चुदवाने में मैं नहीं झाड़ पाई जिस से मेरी चूत एक दम ड्राइ हो चुकी थी. चूत ड्राइ हो जाने की वजह से मुझे अब चुदवाने में बहुत तकलीफ़ होने लगी थी. मनोज के हट जाने के बाद राज ने मुझे फिर चोदना शुरू कर दिया. वो बहुत तेज स्पीड के साथ मुझे चोद रहा था. अब मुझे बहुत ज़्यादा तकलीफ़ हो रही थी. मेरी चूत में बहुत दर्द होने लगा था लेकिन राज मुझे चोदे जा रहा था. मैने राज से कहा कि मेरी चूत एक दम ड्राइ हो गयी है और मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है. वो बोला अभी 1 बार मनोज आप की ड्राइ चूत को चोदेगा. तब आप की चूत एक दम सूज कर डबल रोटी की तरह हो जाएगी. हम दोनो इसी चुदाई की फीस लेते हैं. अब आप झाड़ नहीं पाएँगी और हम दोनो आप की ड्राइ चूत को खूब चोदेन्गे. इतना कह कर राज ने बहुत ही तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. मैं दर्द से तड़पने लगी लेकिन वो रुक नहीं रहा था. लगभग 45 मीं चोदने के बाद जब वो झड़ने वाला था तो मैने राज से कहा प्लीज़. इस बार अपने लंड का पानी मेरी चूत में निकाल दो. जिस से मेरी चूत गीली हो जाए. उसके बाद चाहे जितना मुझे चोदना. वो बोला मैं तो अपना पानी आप की चुचियों पर ही निकालूँगा.
|
|
05-16-2019, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
मासूम बच्चे की ख्वाहिश
हेलो दोस्तो मैं रश्मि दिल्ली से वैसे तो पंजाबी हूँ बट शादी के बाद देल्ही आ गई, में अपने बारे मे थोड़ा इंट्रो दे दूं फिर स्टोरी पर आउन्गि तो दोस्तों मेरी एज 24 रंग गोरा और फिगर 38डी-28-40 जो कि टाइपिकाल पंजाबी गॅल्स का होता है,,,शादी को 2 साल हो चुके है बच्चा कोई नही वजह आप जानते है पति घर पर रहे तो बच्चे के चान्स बने,,,:-) मेरे पति मेरीन इंजीनियर है और साल मे 10 मंत शिप पर रहते है. हमारी फमिली में हम पति पत्नी, जेठ जी और उनकी पत्नी, उनका एक ****** साल का बेटा और मेरे ससुर रहते थे ,,,,,,,,,,,, "थे" का मतलब आप को आगे पता लग जाएगा........... बात कुच्छ ज़्यादा पुरानी नही है कोई 6 मंत्स हुवे हैं,,मेरी शादी के 3 मंत बाद ही जेठ जी और उनकी पत्नी की डेथ एक कार आक्सिडेंट मे हो गयी, अब आप थे का मतलब समझ गये होंगे,, नाउ हम घर मे सिर्फ़ 3 लोग बचे मे, ससुर जी और जेठ जी का बेटा जब उनकी डेथ हुई तो नॅचुरली उनका बेटा मुझसे बहुत अटॅच्ड हो गया, उसका सारा काम मे ही करती हूँ,होम वर्क , ब्रेक फास्ट , लंच बॉक्स, डिन्नर यहाँ तक कि जब तक वो सो नही जाता मुझे अपने पास से उठने नही देता,, 6मंत्स पहले तक कभी मेने सोचा भी नही था कि ऐसा कुच्छ मेरे साथ भी हो जाएगा, जब में इन्सिस्ट पढ़ती थी तो मुझे सब झूठ लगता था,, खैर 6 मंत्स पहले एक दिन बंटी[मेरे जेठ जी का लड़का] स्कूल से काफ़ी लेट हो गया दुपहर मे उसका वेट करते हुवे मे अपने रूम मे आकर सो गयी. कुच्छ देर बाद बंटी स्कूल से आया तो मुझे उसकी आवाज़ आई वो मुझे ही पुकार रहा था,ढूँढते ढूँढते वो मेरे कमरे मे आ गया मेने कहा आज लेट क्यूँ हो गये तो उसने कुच्छ नही कहा मेने फिर कहा खाना डाइनिंग टेबल पर रखा है ख़ालो, तब उसने कुच्छ अजीब से अंदाज़ मे कहा कि मुझे नही खाना, उसकी आवाज़ कुच्छ घबराई हुई सी थी तब मेने उसे गोर से देखा उसकी साँसे भी तेज़ चल रही थी मेने पूछा क्या हुवा तो बोला मुझे आप से कुच्छ पुच्छना है मेने कहा क्या ? तो उसने जो मुझे बताया पहले आप वो पढ़ ले
बंटी:- चाची जी लड़के और लड़की क्या करते हे,, आज ऑफ के स्कूल के टाय्लेट मे एक लड़का और एक लड़की को मेने देखा वो क्या कर रहे थे
में:-ये तुम केसी बाते कर रहे हो चलो जाओ और खाना खाओ
बंटी:-नही पहले आप बताओ वो क्या कर रहे थे नही तो में दादाजी से पुछुन्गा?
तब मेने सोचा बच्चा है यह सब देख कर उत्सुक तो होगा अगर उसकी उत्सुकता शांत नही की गयी तो हो सकता है वो कोई और रास्ता निकाले जो उसके लिए ग़लत हो सकता है,, और वो बिगड़ भी सकता हे तब मेने फ़ैसला किया कि उसे कुच्छ बता कर बहला दूँगी ,,,,लेकिन यही सोच मेरी ग़लती बन गयी..... मेने उससे कहा बेटा यह बड़े लोग करते हे
बंटी:- लेकिन वो तो मुझ से सिर्फ़ 3 क्लास सीनियर थे
में:- हां बेटा इसे प्यार करना कहते हे वो दोनो प्यार कर रहे थे
बंटी:- आप तो मुझसे ऐसा प्यार नही करती?
में:- बेटा वो प्यार में तुम्हारे चाचा जी के साथ करती हूँ
बंटी:- लेकिन उन्होने कपड़े क्यूँ उतारे हुवे थे?
अब मे थोड़ा झल्ला गयी कि यह तो बहेल ही नही रहा है
में:- बेटा यह प्यार कपड़े उतार कर ही होता है
बंटी:- तो क्या इसमे मज़ा आता हे
में:- हां बेटा बहुत मज़ा आता हे
इसके बाद मेने उससे गोर से देखा उसकी साँस और तेज़ हो गयी थी और उसका हाथ अपने लंड की जगह पर रखा हुवा था फ्रेंड्स में भी एक औरत हूँ वो भी शादी शुदा जिसे पिच्छले 1.5 यियर्ज़ से सेक्स का मज़ा नही मिला वजह मेरे पति शादी के बाद 4 मंत्स लीव पर थे अब उन्हे कॉन्टिन्यू... 20 मंत्स ड्यूटी करनी थी...
जब मेने उसके लंड की तरफ देखा तो मुझे कुच्छ हुवा मेने फिर गोर से उसके लंड को देखा निक्कर का वो हिस्सा काफ़ी उठा हुवा था ... बंटी ने फिर कहा चाची जी हमे पता नही क्या हो रहा है
मेने पुछा क्या हो रहा है तो वो थोड़ा झिझक कर अपने लंड पर से हाथ हटाता हुवा बोला यहाँ दर्द हो रहा है मेने पुछा कब से.अब मेरी नज़रे उसके लंड का उठाव महसूस कर रही थी, उसने कहा जबसे हमने स्कूल में वो सब कुच्छ देखा है
चाची जी हमे सब कुच्छ जानना है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बताइए ना क्या होता है..
तो मेने फ़ैसला किया कि आज इसे बता ही देती हूँ
मेने कहा फिर तुम मेरे पास आओ और अपने कपड़े उतारो तो उसने कहा कपड़े क्यू उतारू मेने थोड़ा गुस्से से कहा अगर तुम्हे सब जानना है तो कपड़े उतारो
वो इतना उत्सुक था कि फॉरन अपने सारे कपड़े उतार दिए और में उसका लंड देख कर कुच्छ देर के लिए सब कुच्छ भूल गयी.... आप लोग यकीन नही करेंगे मगेर उसका लॅंड ***** साल की एज मे 6"इंच लंबा और करीब 2 इंच मोटा था उसे देख कर मेरी चूत मे खुजली होने लगी लेकिन फिर मेने अपने आप को समझाया कि वो एक बच्चा है....जब वो मेरे पास आया तो उसकी आँखें लाल हो रही थी मेने उससे कहा बेटा यह जो तुम्हारी नूनी है इसे लड़की की चूत मे डालते हैं ..
बंटी:- चाची यह क्या होती है
तब मेने अपनी नाइटी उतार कर उसे अपनी चूत दिखाई तब तक मेरा उसके साथ सेक्स करने का कोई मूड नही था.
बंटी ने कहा चाची में भी अपनी नूनी आपकी चूत मे डालूगा, में थोड़ा डर गयी कि यह तो सर पर ही चढ़ा जा रहा है मैं इसे बच्चा समझ कर कर सब बता रही हूँ और यह है कि मान ही नही रहा है , तब फिर वो बोला चाची मेने भी इसे आपकी चूत मे डालना है उसके अंदाज़ मे बच्चो वाली ज़िद थी ना कि कोई सेक्स अपील
मेने उसे फिर समझाया . नही बेटे इसमे सिर्फ़ तुम्हारे चाचा जी की नूनी डालते हैं तुम अपनी नूनी शादी के बाद अपनी वाइफ की चूत मे डालना
यह सब शादी के बाद करते है
तो वो बोला लेकिन स्कूल वाली गर्ल/बॉय की शादी तो नही हुई थी फिर वो क्यू कर रहे थे..
हमे नही पता अब हमे भी वोही करना है ,,, तो मेने सोचा अभी इसका लंड खड़ा है जब तक यह ठंडा नही होगा ऐसे ही परेशान करेगा यह सोच कर मेने उसे कहा ठीक है इधर आ कर लेट जाओ उसके बाद मे उसके लंड को सहलाने लगी और धीरे धीरे मूठ मारने लगी मेने सोचा था कि इससे वो शांत हो जाएगा लेकिन मूठ मारते हुवे में खुद गरम हो गई और मेरी चूत बुरी तरह गीली होने लगी तब मैं धीरे से उसका लंड मुँह मे ले कर चूसने लगी उसके मुँह से सिसकिया निकल रही थी और मैं जैसे तैसे अपनी आग पर काबू रखे हुवे थी कुछ ही देर मे वो छूट गया तो मेने उसका सारा पानी मुँह मे से थूक दिया इसके बाद उसने कहा सॉरी चाची मुझे पता ही नही लगा और मेने आपके मुँह मे सू सू कर दी तब मुझे उसकी मासूमियत पर हँसी आ गयी मेने कहा कोई बात नही अब तुम जाओ और खाना खा खाकर सो जाना क्योंकि अब वो ठंडा हो चुका था इसलिए बिना कुच्छ कहे चला गया और में अपनी आग अपनी उंगलियों से शांत करने लगी ....अपने आपको ठंडा करने के बाद मैं भी सो गयी... उसके बाद शाम को उठ कर मेने खाना बनाया रात का खाना खाने के बाद जब सब अपने अपने रूममे चले गये थे मैं भी अपने रूम मे आकर लेट गयी, लेटे लेटे मे अपने और अपने पति की सेक्स लाइफ के बारे मे सोचने लगी कि वो किस तरह 4प्ले करते हे कैसे मुझे गरम करते है यही सब सोचते हुवे मे गरम हो गयी और नीचे से आवाज़ आने लगी प्लीज़ कही से लंड ले आओ तब मे एक बार फिर अपनी उग्लियों को तकलीफ़ देने लगी..........
उंगली करते हुवे मुझे बंटी का लंड याद आ गया उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी हालत खराब होने लगी नीचे से आने वाली आवाज़ अब ओर भी तेज़ हो गयी थी रह रह कर मेरी चूत किसी का लंड माँग रही थी ,,,,,, तभी डोर पर किसी ने नॉक किया मेने पुछा कॉन ?
बंटी ने कहा मैं हू चाची
आ जाओ क्या हुवा बंटी तुम सोए नही अभी तक क्या बात है
बंटी ने कहा मुझे दर्द हो रहा हे मेने कहा कहाँ तो उसने अपने लंड पर हाथ रख कर बोला यहाँ मेने देखा शॉर्ट मे उसका लंड पूरी तरह खड़ा था मेने कहा यहाँ आओ और उसके बाद मे उसके शॉर्ट पर से उसका लंड सहलाने लगी,, थोड़ी देर बाद मेने पुछा कैसा लग रहा है तो कहने लगा बहुत अच्छा फिर मेने उसका शॉर्ट उतार दिया उफफफफफ्फ़ नीचे से फिर आवाज़ आई यही है यही लंड चाहिए तब मेने अपनी चूत पर हाथ रख लिया तो बंटी ने पुछा क्या आपको भी दर्द हो रहा है यहाँ पर मेने कहा हां बेटा तो उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और मेरा हाथ हटाते हुवे बोला मे दबा देता हू जब उसने मेरी चूत पर हाथ रखा तो मेरी जान ही निकल गयी उसकी नरम उंगलियो की छुवन से ,,,
चाची मुझे वोही करना है जो स्कूल मे वो लड़का लड़की कर रहे थे मेने सोचा अब तो मुझे भी वोही करना है ,,,
ओके तुम डोर बंद कर के आओ जब तक वो डोर क्लोज़ कर के आया मे अपनी नाइटी उतार कर पूरी तरह नंगी हो चुकी थी मेने उसे बेड पर बुलाते हुवे कहा टी-शर्ट भी उतार दो शॉर्ट तो मे पहले ही उतार चुकी थी उसका वो भी पूरा नंगा हो कर बेड पर आया ऑर आते ही अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया मेने कहा रूको बेटा ऐसे नही करते हैं मैं तुम्हे आज सब सिखाउन्गि,, यह कह कर मेने उसके एक हाथ मे अपना लेफ्ट बूब दे दिया ऑर कहा दबाओ तो वो दोनो हाथो से मेरे बूब ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा उफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ उसके नरम नरम हाथो मे केसा जादू था तब मेने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा ऑर उसकी 2 उंगली चूत मे डाल कर अपने हाथ से अंदर बाहर करने लगी थोड़ी देर बाद जब मेने उसका हाथ छोड़ा तो वो खुद ही उंगली अंदर बाहर कर रहा था तब मेने अपना राइट बूब उसके होंठो से लगा कर कहा लो इसे चूसो वो आग्याकारी बच्चे की तरह सब कुच्छ करता जा रहा था और मैं धीरे धीरे उसका लंड सहला रही थी यही सब करते करते अचानक उसके हाथ और मुँह की पकड़ मेरे बूब्स पर एकदम टाइट हो गयी और वो फारिग हो गया थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा गया तो वो गुस्से से कहने लगा यह आपने क्या किया अब मे वो कैसे करूँगा तो मेने कहा बेटा तुम फिकर मत करो मैं हूँ ना आज तुम वो भी करोगे इतना कह कर मेने उसे अपने उपर 69 की पोज़िशन मे लिटा लिया और उसे अपनी चूत को चाटने का कहा वो फॉरन मेरी चूत से किसी जोंक की तरह चिपक गया और मेने उसका मुरझाया हुवा लंड अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगी अभी तक जो भी हुवा था उससे मेरी चूत इतनी गरम हो गयी थी कि फॉरन लंड माँग रही थी मेने अपनी पूरी कोशिश की और उसका लंड 5 मिंट बाद ही नींद से जाग गया फिर मेने बंटी को अपने उपर सीधे लिटाया और उसका लंड अपने हाथ से चूत के मुँह पर टिका कर उससे कहा अंदर करो उसने पूरी ताक़त से धक्का लगाया और लंड एक ही झटके मे जड़ तक अंदर उतर गया 15 मिनट की ज़ोर आज़माइश के बाद हम दोनो एक साथ फारिग हुए और यह सिलसिला अब तक चल रहा हैं रोज़ रात मे बंटी मेर साथ सोता है और एक बार सेक्स ज़रूर करती हू,
दोस्तो ये तो साली कुतिया बन गई है अब इसको कौन समझाए कि एक बच्चे के भविष्य को खराब कर रही है दोस्तो सेक्स करना बुरा नही है मगर एक छोटे बच्चे के साथ सेक्स करना ग़लत बात हैऐसा किसी को नही करना चाहिए आपका दोस्त राज शर्मा
|
|
05-16-2019, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
मेरी तन्हाई का साथी--1
मेरा नाम शबनम है. मेरे परिवार मे सिर्फ़ मम्मी, पापा, मेरे बड़े भैया और मैं हैं. हां, और हमारा अल्सेशन कुत्ता भालू. जब मैं 11 साल की थी हम एक छ्होटे से घर में रहते थे. एक किचन, बाथरूम और दो कमरे. भैया एक कमरे में सोते थे और मैं मम्मी पापा के साथ एक कमरे में. घर छ्होटा होने के कारण मैने कई बार पापा और मम्मी को प्यार करते देखा था.
पापा मेरी मम्मी के उपर चढ़ जाते थे और मम्मी अपनी लातें फैला देती थीं और फिर पापा अपना लंड उनके अंदर डाल देते थे. फिर पापा उपना लंड मम्मी की चूत में अंदर बाहर करते थे और कुछ देर बाद मम्मी सिसकारियाँ लेने लगती थी. मुझे लगता था के उन दोनो को खूब मज़ा आ रहा है. उन दिनो में मुझे यह बातें अजीब नहीं लगी. मैं नादान थी और मुझ पे अभी जवानी का जोश नही चढ़ा था.
जब मैं 12 साल की हुई तो मेरा बदन बदलने लगा. मेरी छाती पे मेरे बूब्स आने लगे, मेरी चूत पर हल्के हल्के बाल उगने लगे.मैं जवान होने लगी. मैने आजमाया कि अपने बूब्स को सहलाने से मुझे अजीब सा मज़ा आता है.
जब मैं अपनी चूत पर हाथ फेरती तो बहुत ही अछा लगता. जब मैं मम्मी पापा को चुदाई करते देखती तो जी करता के मैं भी उनके साथ यह प्यार का खेल खेलूँ: पापा मेरे भी बूब्स को दबाएँ और अपना लंड मेरे अंडर डालें और में उनका लंड मुँह में लूँ और चूसू, जैसे मम्मी करती थी. फिर स्कूल में मेरी सहेलियों ने मुझे बताया के यह चुदाई का क्या मतलब है. मेरी सहेली लता ने तो अपने परोसी लड़के के साथ ट्राइ भी किया था.
उसने बताया के लड़के के लंड को हाथ मे लेके सहलाने से वो बड़ा हो जाता है और वो लोहे जैसे सख़्त अकड़ जाता है और उसको फिर मुँह में लेके चूसने में बहुत मज़ा आता है. उसने अपने फ्रेंड का लंड अपनी चूत पे भी उपर नीचे रगड़ा था.
उसको बहुत अछा लगा था. उसने बताया के लंड चूसने के बाद वो झाड़ जाता है और उसमे से खूब सारा मलाई जैसा पानी निकलता है जिसको पीने में बहुत मज़ा है. उसने बताया के वो अब अपने फ्रेंड का लंड अंदर भी लेना चाहती है. सिर्फ़ मौका मिलने की बात है. यह बातें सुनती तो मेरे अंदर अक्सर एक अजीब सी गरमाइश उठती थी और मेरा दिल करता था के मैं भी यह बातें आज़माऊ. तब तक मैं 18 साल की हो गयी थी.
एक दिन मैं स्कूल से आकर होमवर्क करने को बैठी. मम्मी, पापा दोनो ऑफीस गये हुए थे और मैं घर में अकेली थी. गर्मी थी इस लिए मैने सिर्फ़ टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे. हमारा कुत्ता भालू कमरे में आकर मेरे पास बैठा था. मेरा मन होमवर्क पर नहीं था. मेरे सर में तो सेक्स के ख्याल आ रहे थे जैसे लता ने सुनाए थे. मैं बेड पे पीछे लेट गयी और अपने बूब्स को, जो अब साइज़ 34 के हो गये थे, अपने हाथों के साथ मसल्ने लगी. फिर मैने अपनी
टी-शर्ट उतार दी ताके मेरे हाथ अछी तरह सब जगह पहुँच सकें. फिर मैने एक हाथ शॉर्ट्स के अंदर डाला और में अपनी चूत को सहलाने लगी. मेरी चूत हल्की सी गीली होने लगी और मेरी उंगलियाँ आसानी से मेरी चूत पे घूमने लगी. मेरा एक हाथ मेरे बूब्स पे और दूसरा हाथ चूत पे घूम रहा था. फिर अचानक मुझे महसूस हुआ के भालू की गरम गरम गीली ज़बान मेरी जाँघो को चाट रही है.
मैने भालू को पीछे धकेला और गुस्से से बोली “ नो भालू, बॅड बॉय”. मगर सच बताऊ तो वो भालू का चाटना मुझे बहुत अछा लगा था. कुछ देर बाद भालू फिर आकर मेरी जाँघो को चाटने लगा. मैं कुछ नहीं बोली और उसको चाटने दिया. आहिस्ता आहिस्ता वो उपर की तरफ, मेरी चूत के पास चाटने लगा. उसकी ज़बान बहुत गरम थी और उसका मुलायम फर मेरी चमड़ी पर रगड़ रहा था. मुझे बहुत अछा लग रहा था.
मेरी चूत भी खूब गीली हो चुकी थी और मेरे अंदर खूब गरमाइश चढ़ चुकी थी. मैने अपनी शॉर्ट्स नीचे खिस्काई और उतार दी. अब मैं बेड पर नंगी पड़ी थी. मैने भालू का सर अपने हाथ में लिया और उसको उपर अपनी चूत की तरफ खींचा. वो चाटने लगा. में तो बहाल होने लगी. मैने अपनी टाँगें फैलाईं और भालू को अपनी चूत का पूरा प्रवेश दिया.
अब उसकी ज़बान मेरे दाने पर भी घिस रही थी और कभी कभी मेरी कुँवारी चूत में भी प्रवेश करती थी. मैं बेड के किनारे तक खिसक गयी ताके भालू की ज़बान सब जगह तक पहुँच सके. उसकी लंबी, गरम और खर खरी ज़बान मेरी गांद से उपर मेरे दाने तक चाट रही थी. मेरी टांगे काँपने लगी. मैं अपने चुतड उपेर करके भालू से और जोश से चटवाने लगी. उसकी ज़बान मेरी चूत में घुस गई और मेरी गरमाइश बढ़ गई. मेरे अंदर में से यह गरमाइश मेरे पूरे बदन में फैल गई.
मेरी चूत अचानक झटके देने लगी और में मज़े में खो गई. मैं तब पहली बार झाड़ गई. मेरी चूत से और पानी बहने लगा जिसको भालू ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा. मेरा बदन पूरा थर थारा उठा. जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैने भालू को उपर बेड पर खींच लिया. वो दो पैर के साथ मेरे उपर खड़ा था और मेरे बूब्स को चाटने लगा. मैने फिर अपना हाथ नीचे उसके पैट को खिसकाया और मैं उसके लंड को सहलाने लगी, जोकि अभी उसके कवर में था.
आहिस्ता आहिस्ता उसका लंड बाहर आने लगा. वो बहुत गरम और गीला चिकना था. थोड़ी ही देर में वो लंबा मोटा और सख़्त हो गया और भालू हांफता हुआ हवा में, मेरे उपर धक्के लगाने लगा. मैने नीचे देखा तो उसका लंड अब कम से कम 9 इंच लंबा हो चुका था. मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके लंड को अपनी चूत पर फेरने लगी. जन्नत का मज़ा मिल रहा था. मेरी साँस फूल गयी और मैं फिर से काँपति, झटके खाती हुई झर गई.
अब मेरा कुत्ता पूरे जोश में था. उसका लंबा सख़्त लंड मेरी चूत के फांको के बीच था. कभी कभी वो मेरी चूत के छेद पर भी आता था और थोड़ा अंदर भी जाता था. वो झटके मारने लगा और अचानक उसका लंड मेरे अंदर कोई 3-4 इंच तक समा गया. मेरी चूत तो पूरी तरह से गीली थी और उसका लंड आगे से तीखा और चिकना था. पहले तो मुझे डर सा लगा. मेरे दिमाग़ मे आया कि अभी तो आधे से ज़्यादा लंड बाहर है, बाकी कैसे अंदर लूँगी? मगर भालू को इन सब बातों का क्या पता था. वो तो चोद्ने में मगन था.
वो अपनी कुत्ते की रफ़्तार से मेरे अंदर बाहर जा रहा था. हर झटके के बाद उसका लंड थोड़ा और मेरे अंदर समा जाता. उसके लंड में से थोड़ा थोड़ा गरम गरम पानी सा मेरी चूत को और भी गीला और चिकना कर रहा था. मेरी चूत भरी जा रही थी और में मज़े से अपने कुत्ते से चुद रही थी. मैने जोश में आ कर भालू को पीछे से पकड़ा और ज़ोर से अपनी तरफ खींचा. मुझे नही पता था कि क्या होगा.
उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर पूरा समा गया. मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर कुछ फटा है और में दर्द से चीख पड़ी. भालू ने मेरी सील तोड़ दी थी. मैने उसे धकेल कर उसको मेरे अंदर से निकालने की कोशिश करी मगर मैं उसको पीछे नही हटा पाई. उसने अपने अगले पैर मेरे बदन के पीछे अटकाए हुए थे और वो मेरे उपर चिप्टा हुआ था. उसका धड़ मेरे बूब्स और पेट पर सरक रहा था. उसकी ज़बान मेरी गर्दन और मुँह को चाट रही थी. मैं अपनी दर्द बिल्कुल भूल गयी और उसकी चुदाई का मज़ा लेने लगी.
अब भालू का पूरा 10 इंच लंबा गरम गरम मोटा लंड मेरे अंदर बाहर जाने लगा. में भी अपनी लातें फैला कर अपने चुतड उठा उठा उसके धक्कों का मुक़ाबला कर रही थी. जन्नत का मज़ा आ रहा था मुझे. उसका लंड हर धक्के के साथ मेरी पूरी गहराई तक पहुँच रहा था. मैं तब बहुत ही ज़ोर से झर गयी. मेरा पूरा बदन फिर से काँप उठा और मेरी चूत झटके खाने लगी. भालू नही रुका और मुझे चोद्ता रहा.
उसकी रफ़्तार बढ़ती गयी और मुझे ऐसे लगा जैसे उसका लंड और भी मोटा होता जा रहा है. मैने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ा तो मैने महसूस किया कि उसका लंड जड़ के पास बहुत ज़्यादा मोटा था. मोटा ही नहीं वो तो एक टेन्निस बॉल जैसे गोल था. हर धक्के से यह गोला मेरी चूत के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. फिर वही हुआ. वो गोला मेरी चूत के अंदर चला गया.
मुझे लगा जैसे मेरी चूत फॅट जाएगी. भालू फिर मेरी चूत में झरने लगा और उसने अपना गरम गरम वीर्य मेरे अंदर एक पिचकारी जैसे छोड़ दिया. अब वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. हम दोनो चूत और लंड से जुड़े हुए थे. फँसे हुए थे जैसे कुत्ता और कुतिया जुड़े हुए दिखते हैं.
मेरा कुत्ता और में पूरे 15 मिनिट ऐसे ही पड़े रहे. उतने में मैं एक बार फिर झाड़ गयी.
फिर उसका लंड ढीला हुआ और वो मेरी चूत में से निकला. साथ ही उसका ढेर सारा पानी निकला. भालू मेरे उपर से उठा और कमरे के एक कोने में बैठके अपना लंड चाटने लगा. में बेड पर लेटी रही और अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेती रही.
एक तरफ मेरा दिमाग़ कह रहा था कि भालू एक जानवर है, इंसान नहीं. मगर मन कह रहा था कि यह मज़ा फिर से ले लो. काफ़ी कन्फ्यूज़्ड थी मैं. अगले दिन दोपहर को जब मैं पलंग पे लेटी हुई थी, भालू खुद ही आकर मेरी जांघे चाटने लगा. मैने कुछ देर सोचा कि मैं क्या करूँ. फिर मेरे से रहा नहीं गया और मैने अपने टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दिए. बेड पे सरक कर में किनारे पर आ गयी और मैने भालू को पूरा रास्ता दे दिया मुझे चाटने को. वो तुरंत मेरी चूत को चाटने लगा.
आहिस्ता आहिस्ता उसका चाटने में और जोश आया. उसकी लंबी खर खरी ज़बान मेरी गांद के छेद पे शुरू होकर मेरी चूत और मेरे दाने तक चाट रही थी. कभी कभी उसकी ज़बान मेरी चूत के अंदर भी पहुँच रही थी. मेरा बदन अकड़ने लगा और कुछ ही मिनिट में मैं झटके खा खा कर झाड़ गयी. कुछ देर तक में ऐसे लेटी रही. जब मुझे थोड़ा आराम आया मैं उठी और फर्श पर आ गयी. भालू का लंड उसके कवर में से निकला हुआ था और उसके पेट के नीचे लटक रहा था.
उसको मैने अपने हाथ में लिया और उसको हल्के हल्के सहलाने लगी. वो अकड़ने लगा और थोड़ा थोडा पानी छोड़ने लगा. मैने आगे झुक कर उसके लंड के छेद पर ज़बान लगाई. उसका पानी गरम था और टेस्टी. नमकीन सा और थोड़ा मीठा. फिर मैं भालू का लंड चूसने लगी. वो इतना लंबा था कि मैं उसको पूरा मुँह में नहीं ले पा रही थी. फिर भालू आगे को धक्के मारने लगा और अपने लंड को मेरे मुँह में पेलने लगा. साथ ही वो अपना सर मोड़ के मेरी गांद को चाटने लगा.
में फिर झाड़ गयी में अपने हाथों और घुटनों के सहारे में बैठी थी कुतिया जैसे. भालू ने अपना लंड मेरे मुँह से खींचा और वो घूम के मेरे पीछे आ गया, और मेरे ऊपर चढ़ गया. उसका बदन मेरी पीठ पर था और उसने मुझे अपने अगले पैरों से ज़ोर से चिपका लिया था. उसका लंड मेरे पीछे धक्के मार रहा था. कभी गांद के पास और कभी चूत के पास. अचानक उसका निशाना ठीक हुआ और उसका लंड मेरी चूत में समा गया.
दो तीन धक्कों में उसका पूरा 10 इंच का लंड मेरे अंदर आ गया, और वो तेज़ रफ़्तार से मेरी चुदाई करने लगा. उसका मोटा लंबा और गरम लंड मुझे पेलते पेलते मेरी पूरी गहराई तक प्रवेश कर रहा था. मैं परमानंद में थी स्वर्ग का मज़ा ले रही थी. कुच्छ 15 तो 20 मिनिट के बाद में फिरसे झाड़ गयी. मेरा पानी छूट गया और मेरा पूरा बदन थर थराने लगा. मेरी चूत झटकने लगी. भालू उसी रफ़्तार से चोद्ता रहा. उसका लंड मेरे अंदर भरा हुआ था.
मेरा क्लाइमॅक्स जारी रहा. बहुत देर के बाद भालू ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. उसका लंड इतना मोटा हो गया था के वो मेरे अंदर फँसा ही रहा. निकल नहीं पा रहा था. जैसे कुत्ता और कुतिया फँसते हैं वैसे हम दोनो फँसे हुए थे. में लगातार झाड़ रही थी. सोच रही थी के यह कब ख़तम होगा. फिर 15 मिनिट के बाद उसका लंड मुरझाया और वो मेरे अंदर से निकला. साथ साथ उसका ढेर सा पानी मेरी चूत में से निकला. में थकावट के मारे वहीं फर्श पर लुढ़क गयी.
भालू मेरे सामने लेट गया और मेरे मुँह और बूब्स को चाटने लगा. मैने उसको अपनी बाहों में ले लिया और मैं वैसे ही सो गयी. मैने अपनी सहेली लता को इस बारे में कुछ नहीं बताया. हम उस वक़्त दोनो 13 साल की उमर के थे. लता अपने पड़ोस के लड़के रवि, के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही थी. उसने रवि का लंड चूसा था और अपनी चूत पर भी रगड़ा था. फिर उसने मुझे बताया कि उस रात उसके परिवार वाले बाहर जा रहें हैं और उसने रवि को घर बुलाने का प्रोग्राम बनाया है.
उसने पूछा शबनम, तू भी आएगी? मैं बोली लता, तू पागल है ? मैं वहाँ क्या करूँगी ?लता बोली अरे यार मैं बहुत नर्वस हूँ. तू साथ होगी तो मुझे सहारा मिलेगा. तो मैं मान गयी. शाम को मैं पढ़ाई के बहाने मम्मी से इजाज़त लेकर लता के घर गई. लता बेडरूम में बैठी थी. बहुत सेक्सी कपड़े पहने थे उसने. एक पीले रंग का टाइट टॉप जिसके अंदर उसके छ्होटे छ्होटे बूब्स तने हुए थे और उसके उभरे हुए निपल्स सॉफ सॉफ दिख रहे थे. नीचे उसने हॉट-पॅंट्स पहनी थी.
उसका फिगर बहुत ही सुन्दर लग रहा था. हॉट पॅंट्स के अंदर उसके चूतड बहुत सेक्सी लग रहे थे. मैं बोली लता तू तो बहुत प्यारी लग रही हो. जी करता है के तुझे चूम लूँ. तो लता ने जवाब दिया “अर्रे शबनम, मैं भी तो कब से ये ही चाहती हूँ. आ मेरे पास. मैं हैरान हो गई और लता के पास गयी. उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और हम ने अपना पहला किस किया. शुरू में तो कुछ संकोच और शरम के साथ था. हम दोनो को शायद अच्छा लगने लगा.
तो लता ने अपना मुँह खोल लिया और मैने उसको चूमते हुए अपनी ज़बान उसके मुँह में डाली. मुझे एक बिजली का शॉक सा लगा उसकी ज़बान के मिलन से. मीठा मीठा टेस्ट आया उसके मुँह का. हम एक दूसरे की बाहों में लिपटे ऐसे किस करते रहे. मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था. मैने एक हाथ से लता के बूब्स को दबाया और सहलाने लगी. लता सिसकारियाँ लेने लगी और उसके हाथ भी मेरे बदन पर फिरने लगे.
लता मेरी सलवार के उपेर से ही मेरी जाँघो पे अपना हाथ फेरने लगी. मैने अपनी लातें थोड़ी फैला दी और उसका हाथ उपर आया और मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं पागलों जैसे सिसकारियाँ लेने लगी. लता ने मेरा नाडा खोला और मेरी सलवार नीचे गिर गई. उसका हाथ मेरी चड्डी के अंदर गया और वो मेरी नंगी चूत पर फिरने लगा. मैं गीली होने लगी. उतने में मैं लता को किस कर रही थी मैं उसकी गर्दन और कंधों को चाटने लगी. फिर मैने लता के टॉप को नीचे खिसकाया.
उसके प्यारे गोल बूब्स जिनके उपर गुलाबी निपल्स को देख कर मैं बहाल हो गई. मैं झुकी और उसके बूब्स को चूसने लगी. उसकी एक उंगली मेरी चूत के फांकों के बीच थी और मेरी गीली चिकनी चूत उसकी उंगली को प्रेशर देने लगी. अचानक उसकी उंगली मेरी चूत के अंदर समा गई. कुच्छ देर बाद हम दोनो अलग हुए. हमारी आँखें मिली और तब हम दोनो को अहसास हुआ के हम एक दूसरे को बहुत चाहते हैं. हमारा दोनो का प्यार कुच्छ ही देर पहले पैदा हुआ था.
लता कुच्छ महीनो से अपने दोस्त रवि के साथ एक्सपेरिमेंट कर रही थी. उसने रवि का लंड चूसा था और उसका पानी भी पिया था. मगर अभी तक उसने रवि के साथ चुदाई नही की थी. आज उसने रवि को अपने घर इसी लिए बुलाया था.
जब बेल बजी तो मैने लता से पूछा ‘अब क्या करें ?’
तो लता बोली ‘अर्रे यार शबनम, तू तो मेरी बेस्ट फ्रेंड है. तू तो सब कुच्छ जानती है. तू कपबोर्ड में छुप जा और सब कुच्छ देख ले. मुझे अच्छा लगेगा अगर तू मेरे साथ होगी.’
लता के कमरे में उसके कपड़ों के लिए एक बड़ी कपबोर्ड थी. उसने मुझे उस में छुपा दिया और दरवाज़ा थोड़ा खुला छोड़ दिया ताके मैं सब कुच्छ देख सकूँ. फिर उसने घर का दरवाज़ा खोला और रवि को अंदर बुलाया.
लता की चेहरा, हमारी कुच्छ ही मिनिट पहले की कारिस्तानी से,बिल्कुल खिला हुआ था. उसके निपल अभी आकड़े हुए थे और उसके सेक्सी टॉप के अंदर से सॉफ दिख रहे थे, और उसकी हॉट-पॅंट का उपर का बटन खुला था, जिस से उसकी पैंटी का एलास्टिक दिख रहा था. रवि थोड़ा शरमाता हुआ अंदर आया और बोला ‘हाई लता, तू बहुत सुंदर लग रही है.’
क्रमशः......................................
|
|
05-16-2019, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
मेरी तन्हाई का साथी--2
गतान्क से आगे............
लता कुच्छ नही बोली. उसने दरवाज़ा बंद किया और रवि को अपने कमरे में ले आई. अंदर आते ही लता, रवि से लिपट गयी. अब रवि ने उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसको मुँह पे किस करने लगा. लता ने अपना मुँह खोल दिया और रवि की ज़बान उसके मुँह में चली गयी. रवि ने अपने हाथ लता के टॉप के अंदर खिसकाये और वो लता की पीठ पर फेरने लगा. लता हल्के हल्के ‘उन्ह उन्ह उन्ह’ की आवाज़ें निकालने लगी. उसने रवि के शर्ट के बटन एका एक खोलने शुरू किए और उसके पॅंट की ज़िप भी नीचे खींच दी. रवि की चड्डी की उभार सॉफ दिखने लगी. लता बाहर से ही रवि के लंड को सहलाने लगी. उनका किस अभी जारी था. रवि ने फिर लता का टॉप उपर खींचा. लता ने अपनी बाहें उपर करी और रवि ने उसका टॉप उतार दिया और वो लता के 32 साइज़ के उभरे हुए गोल बूब्स को उसके ब्लॅक ब्रा के उपर से ही दबाने लगा.
फिर लता झुकी और घुटनों बल बैठ गयी … उसने रवि की पॅंट और चड्डी एक झटके से नीचे खींच दी. रवि का तना सख़्त लंड बाहर निकला. मैं देख के अचेत हो गयी … इतना सुंदर लग रहा था उसका 6 इंच लंबा लंड . मैं तो पहली बार किसी लड़के का साधन देख रही थी …. ब्लू मूवीस में तो देखे थे मगर असलियत में नहीं. लता ने उसको हाथ में लिया और ज़बान निकाल कर उसके टोपे को चाटने लगी. फिर लता ने रवि के लंड को मुँह में ले लिया और वो हल्के हल्के उसको अंदर बाहर करने लगी. रवि ने उसके सर पे हाथ रखा और वो लता को अपनी ओर खींचने लगा. अब उसका लंड आहिस्ता आहिस्ता और गहराई तक लता के मुँह में समाने लगा.
थोरही देर बाद रवि ने लता के मुँह में तेज़ी से झटके मारना शुरू किया. उसकी साँस फूली हुई थी और वो हर झटके के साथ ‘हुंग…. हुंग…. हुंग ‘ की आवाज़ कर रहा था. उसने लता का सर ज़ोर से पकड़ा और अपनी तरफ खींचा. उसका लंड अब जड़ तक लता के मुँह में पूरा गले तक चला गया. लता पीछे खींच रही थी मगर रवि ने नही छोड़ा. लता का मुँह अब रवि की झांतों पे दबा हुआ था. अचानक रवि अकड़ सा गया और उसका बदन थर थराने लगा. मुझे पता लग गया के वो लता के मुँह के अंदर ही झाड़ रहा है … पूरी गहराई तक. फिर रवि ने लता को कुच्छ ढील दी और लता ने अपना सर पीछे किया. उसके मुँह में से रवि का लंड बाहर निकला. उसके गाढ़े पानी की तारें लता के लबो से लटकी हुई थीं. रवि का पानी लता के गले में छूटा था तो उसको सब निगलना ही पड़ा था.
अलमारी में से यह सब देख कर मेरी चूत पानी पानी हो गयी थी. मैने दो उंगलियाँ चूत में डाली हुई थी और मैं लातें चौड़ी कर के अपनी चूत को रगड़ रही थी.
अब रवि और लता बेड पे लेट गये और एक दूसरे को सहलाने लगे. रवि के हाथ लता के बदन पर फिर रहे थे, कभी उसके बूब्स को दबाते, कभी उसकी चिकनी जाँघो को मसल्ते और कभी उसकी चूत को प्यार करते. लता पीठ पे लेटी इस सब का मज़ा ले रही थी. उसके एक हाथ में रवि का लंड था और वो उसको हल्का हल्का मसल रही थी. कुच्छ ही देर में रवि का लंड फिर अकड़ने लगा और वो जल्दी ही अपनी पूरी लंबाई पे आ गया. रवि लता के निपल को, जो बिल्कुल खड़े हो गये, ज़ोर से चूस रहा था और उसके बूब्स ज़ोर से दबा रहा था.
लता भी अब पूरी गरम हो गयी थी. उसने रवि को अपने उपर खींच लिया और वो दोनो जोश से टंग किस्सिंग कर रहे थे. रवि का लंड पूरी तन्नाव में था और लता की चूत के ऊपर लटका हुआ था. लता ने खुद ही उसका लंड हाथ में लिया और अपनी चूत के मुँह पर लगाया. दूसरे हाथ से उसने रवि के कूल्हो को दबाया. रवि का अकड़ा लंड लता की चिकनी गीली चूत में समाने लगा. आधा लंड तो आराम से लता की चूत में खिसकता गया.
तब लता की हल्की सी चीख निकली, ‘हाइ म्मूऊउम्म्म्मय्ी मै मर गयी. बड़ी दर्द हो रही है. है रवि निकालो इसको’.
रवि तो अब पूरे जोश में था. वो अपने कूल्हे दबाता गया और अचानक उसका लंड एक ही झटके में लता की गीली चूत में पूरा समा गया. फिर रवि रुक गया. लता उसके नीचे दर्द से हल्के से रो रही थी. मैने देखा के उनके नीचे चादर लाल होने लगी थी …. लता के खून से. रवि ने लता के कुँवारापन का फूल लूट लिया था.
कुच्छ देर वो दोनो ऐसे ही पड़े रहे. फिर रवि आहिस्ता आहिस्ता लता के ऊपर हिलने लगा. वो अपना लंड धीरे से निकालता और फिर धीरे से फिर लता की चूत में पेलता. शुरू में लता ने दर्द की आहें ली मगर जल्दी ही वो अपनी लातें फैला कर रवि के लंड को मज़े से अंदर लेने लगी. अब वो अपने कूल्हे उठा उठा कर रवि के झटकों का साथ देने लगी. ऐसे ही वो चुदाई में मगन हो गये. उनकी रफ़्तार तेज़ होने लगी और अब उनकी चुदाई की आवाज़ें कमरे में गूंजने लगी. एक तो लंड और चूत के मिलन की आवाज़ और दूसरे रवि के ‘उन्ह.. उन्ह.. उन्ह’ और फिर लता का ‘आ.. आ.. आ’, यह सब आवाज़ें एक साथ मुझे भी पागल कर रही थी.
मैं तेज़ी से अपनी उंगलियाँ अपनी चूत पर फेर रही थी …. मेरा दाना उभर कर बड़ा हो गया था, मेरी चूत पानी छोड़ रही थी. मुझ में मौज की लहरें दौड़ रहीं थी. और फिर मैं इन दोनो की चुदाई देखते देखते झड़ने लगी.
उधर लता और रवि भी जोश की हद पे पहुँच गये थे. लता मस्ती में चिल्ला रही थी ‘रवि, मेरी जान …. और चोदो … और चोदो…. पेल दो मेरे अंदर …. ऊओह आअहह एम्म्म ‘ और रवि की रफ़्तार और भी तेज़ हो गे थी. उसका लंड लता की पूरी गहराई तक जाता था और फिर उसकी झांतों पर रगड़ता था. लता का बदन अकड़ने लगा, और वो झटके खाती खाती झड़ने लगी. वो रवि से चिपेट गयी. उसकी लातें उसकी पीठ पर टाइट हो कर लिपटी हुई थीं और उसका बदन ज़ोर से काँप रहा था. फिर रवि भी झटकने लगा. मैं समझ गयी के वो मेरी सहेली लता की चूत में झाड़ रहा है. मुझसे भी रहा नही गया और मैं भी तब बहुत ही ज़ोर से झाड़ गयी.
कुच्छ देर बाद रवि उठा और अपने कपड़े पहन ने लगा. लता बेड पे ही पड़ी रही. फिर रवि, मेरी नंगी लता को किस करके चला गया. मैं बाहर आई और अपनी चुदि हुई सहेली के साथ लेट गयी. मैने उसकी चूत में उंगली डाली. उसकी चुदाई का जूस उसकी चूत में से टपक रहा था … लता का पानी और रवि की वीर्य का मिक्स्चर. मैने उंगली को मुँह मे डाला और उस मिक्स्चर को चाट गयी. लता गहरी नींद में सो गयी और मैं भी कपड़े पहन कर घर चली गयी.
अगले दिन हम ने स्कूल में तय किया के हम दो दिन बाद लता के घर में ही ट्राइ करेंगे अपने नये जगे हुए प्रेम को आज़माने के लिए. क्या था के लता को अभी चुदाई से काफ़ी तकलीफ़ हो रही थी. दो दिन के बाद मैं लता के घर, स्कूल के बाद पहुँची. लता अपने कमरे में बिल्कुल नंगी बैठी पॉर्न मूवी देख रही थी. जैसे मैं अंदर आई तो लता ने उठ कर पहले दरवाज़ा लॉक किया और मुझे अपनी बाहों में ले लिया. वो मुझे लिप्स पे किस करने लगी. मैं भी गरम थी और में साथ देने लगी. मैने लता के खुले मुँह में अपनी ज़बान डाल दी. फिर से खूब ज़ोर से बिजली जैसा शॉक लगा और मैने लता की मिठास को टेस्ट किया.
हम ऐसे किस करते रहे. लता ने मेरे बूब्स पर हाथ फेरना शुरू किया. मैं सिसकारियाँ लेने लगी और मैने लता की चूत पर हाथ फेरा. उसने तुरंत अपनी लातें चौड़ी कर दी ताके मैं अच्छी तरह से पहुँच जाउ. उसकी चूत चिकनी और गरम थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसको सहलाते हुए. मैने अपनी एक उंगली लता की गीली चूत में खिसका दी. उसने अपनी चूत आगे करके मेरे हाथ पर दबाई. कुच्छ देर बाद हम दोनो बहुत गरम हो गये थे तो हम बेड पर बैठ गये. लता ने मेरी टी-शर्ट और पॅंट उतारनी शुरू करी. साथ साथ लता मुझे चाट रही थी. कभी गाल पर, कभी नेक, और कभी बाहों पर. मैने कपड़े उतरवाने में खूब साथ दिया और जल्दी से मैं भी बिल्कुल नंगी हो गयी.
अब हम बेड पर लेटे एक दूसरे को खूब किस और लीक करने लगे. हमारे बूब्स, जिन में जवानी की मज़बूती थी, एक दूसरे से दब रहे थे … निपल्स हम दोनो के स्टिफ हो गये थे. फिर लता ने भी अपनी उंगली मेरी चूत में खिसका दी और हम एक दूसरे को फिंगर फक्किंग करने लगे. लता की उंगलियाँ कभी मेरे दाने पर फिरती और कभी मेरी चूत में सरक्तीं. मैं भी लता को ऐसे ही कर रही थी. कुच्छ ही देर में हम दोनो झड़ने लगे. हमारा पानी छूटने लगा.
में बोली ‘ लता जल्दी 69 में आजा. मैने तेरा जूस पीना है.’
उसने मुझे पीठ पे लिटाया और वो मेरे उपर आई और उसकी चूत मेरे मुँह के सामने आ गयी. उसकी चूत में से थोड़ा थोड़ा पानी टपक रहा था. मैने अपनी ज़बान से उसको टेस्ट किया. बहुत टेस्टी था … कुच्छ मीठा और कुच्छ नमकीन. मैं जल्दी से उसका स्वीट जूस पीने लगी और उसे चाटने लगी, कभी मैं अपनी ज़बान उसकी चूत में डालती तो लता का पूरा बदन झटके खाने लगता.
उतने में लता भी बिज़ी थी. मैने अपनी लातें पूरी चौड़ी कर दी थीं और लता का सर मेरी चूत को दबा रहा था. वो भी मुझे चाट रही थी और मेरा माल पी रही थी. 10 मिनिट्स के बाद मैं फिर झाड़ गयी और मेरे बाद लता भी झड़ने लगी. हम दोनो एक दूसरे का जूस पीते रहे. कुच्छ देर बाद हम अलग हुए और बेड पर लूड़क पड़े. उसके बाद मैं अपने घर आ गई .
मैने अपने कुत्ते भोलू के साथ कई बार सेक्स किया और मज़ा लिया दोस्तो भोलू मेरी तन्हाई का साथी था
समाप्त
|
|
05-16-2019, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
कच्ची उम्र की कामुकता
हैल्लो दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कच्ची कली की चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ आशा करता हूँ मेरी बाकी कहानियो की तरह ये कहानी भी आपको पसंद आएगी दोस्तो ये कहानी शायरा की है कहानी शायरा की ज़ुबानी ......................हेलो मेरा नाम सायरा है, मैं एक मुस्लिम फॅमिली से हूँ. ये मेरी पहली स्टोरी है. इसलिए मेने अपना नाम छुपा लिया और सायरा लिखा है. आइ आम 19 य्र्स नाउ. मेरा रंग गोरा है. हाइट 5फ्ट 4 इंच. ब्रेस्ट 34ब, वाइटल
स्टेट्स 34 26 28 है. सिर पर लंबे बाल हैं.
मैं स्टूडेंट हूँ. ये कहानी उस वक़्त की है जब मैं फिफ्थ मे पढ़ती थी. मेरी उमर उस वक़्त नौ साल की थी. हम एक मकान मे किरायेदार थे. ग्राउंड फ्लोर पर हम और उपर के तल्ले मे मकान मलिक रहते थे. काफ़ी बड़ा मकान था. हमारी फॅमिली बड़ी थी जबकि उपर वाली फॅमिली मे मा बाप और एक बेटा.. बेटे की उमर 24 य्र्स थी. उसके मोम डॅड ज़्यादातर विलेज मे रहते थे. लड़के का नाम राज था, सब उसको राजू कहते थे.
वैसे तो टेलीविजन हमारे यहाँ भी था पर ज़्यादा टाइम चॅनेल चेंज करने मे वेस्ट होता था. एक शाम मैं छत पर थी. टीवी मे कुछ सॉंग्स की आवाज़ आ रही थी. मेने 1स्ट्रीट फ्लोर पर आके देखा. टीवी चल रहा था और उसमे सॉंग्स आ रहे थे. मेने गेट पर खड़े खड़े ही सारा सॉंग देखा. इतनी शांति से वो सॉंग सुना कि मन हुआ रोज वहाँ आकर प्रोग्राम देखु.
धीरे धीरे ये मेरी रुटीन मे आता गया. मैं रोज ही वहाँ टीवी देखने लगी. राजू को मालूम न्ही था, मैं बाहर से देखती थी. एक शाम जब मैं टीवी देख रही थी तो मुझे राजू दिखाई दिया. उसने मुझे देखा तो भीतर बुला लिया और मैं वहाँ बैठ कर टीवी देखने लगी राजू भैया भी मुझसे बात करने लगे. उन्होने कहा कि रोज आ जाया करो.
अब तो कोई प्राब्लम न्ही थी. राजू भैया भी टीवी देखते थे , कभी उठ जाते थे, चाय बनाते, कुछ खाते, इधर उधर घूमते रहते. एक बार जब मैं टीवी देख रही थी, राजू भैया उठ कर नहाने चले गये. मेरी उमर उस समय नौ साल थी. मैं फ्रॉक पहना करती थी. राजू के जाने के बाद मैने अपने घुटनो को मोड़ लिया और उसपर अपना हाथ रखा और थोड़ी टीका के मूवी देखने लगी.
मूवी इतनी अच्छी थी कि राजू कब आ गया ध्यान नही रहा. जब मेरी नज़र उसपर पड़ी तो मेने उसको ध्यान से अपनी तरफ देखते पाया. मुझसे नज़र मिली तो वो फिर बाहर गया. मेने खुद पर ध्यान दिया तो पाया कि घुटने मोड़ने से मेरी फ्रॉक सामने से खुल गयी थी और मेरी पैंटी राजू को दिख रही थी. उसकी नज़र पैंटी पर है थी. मुझे समझ नही आया कि वो मेरी पैंटी क्यू देख रहा था.
बात आई गयी हो गयी. 2 / 4 दिन बाद की बात है. जब मैं टीवी देख रही थी राजू भी नहा के आ गया. वो मेरे सामने बैठ गया. उसके हाथ मे बुक थी. उसने टी शर्ट और टवल बाँधी हुई थी. वो पढ़ने लगा और मैं टीवी देखने मे बिज़ी थी. थोड़ी देर मे मेरा ध्यान राजू की तरफ गया. उसने पालती मारी हुई थी जिस वजह से उसकी टवल सामने से खुली हुई थी. मेने नज़र छुपा के देखा तो उसने नीचे कुछ नही पहना था.
टवल के भीतर उसका नुनु दिख रहा था. मुझे अजीब नही लगा. नुन्नि तो मेरे छ्होटे भाई की भी थी. हम रोज ही देखते थे. पर राजू की नुन्नि, मेरे भाई से बड़ी थी और मोटी भी. मैं सोचती रही कि ऐसा क्यू? टीवी प्रोग्राम ख़तम हुआ तो मैं नीचे चली आई. रात भर राजू की नुन्नि मेरे दिमाग़ मे घूमती रही. सवेरे मेने अपने भाई की नुन्नि देखी तो पहले जेसी ही छ्होटी सी थी, लिट्ल फिंगर की तरह.
मुझे लगा कि मुझसे कोई भूल हुई है राजू की नुन्नि देखने मे. सोचा अगर चान्स मिला तो फिर देखूँगी राजू की. मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगी. शाम होते ही मैं उपर चली गयी. टीवी उस वक़्त बंद था. मेरा फेव सॉंग प्रोग्राम का टाइम हो गया. राजू होता तो टीवी चला देता. मेने सोचा राजू भैया को खोज के उनको बोलती हू टीवी चलाने को.
मैं हर रूम मे जाकर देखने लगी. एक रूम मे राजू भैया सो रहे थे. जब मैं उनके पास गयी तो देखा कि वो टवल पहने ही सो गये थे. नींद मे उनका टवल उपर हो गया था और उनकी नुन्नि दिख रही थी. नुन्नि के नीचे एक बॉल भी थी. मेने ध्यान से देखा तो राजू की नुन्नि रियल मे बड़ी थी और मोटी भी.
मेरा प्रोग्राम मिस हो रहा था, राजू को उठाना पड़ेगा. मेने आवाज़ लगाई- राजू भैया टीवी चला दो. 2/3 बार बोलने पर उनकी आँख खुली, मेरी बात सुन कर वो उठ गये. मैं टीवी रूम मे भाग के आ गयी. फिर राजू भैया दिखाई दिए. उनका टवल शायद गिर गया था. वो अपने आँख मलते हुए इस तरफ आ रहे थे.
मेरी नज़र उनकी नुन्नि पर गयी. चलते समय उनकी नुन्नि हिल रही थी. जब वो टीवी के पास पहुचे तो रुक गये और टीवी चलाने लगे. उनकी नुन्नि ने हिलना बंद कर दिया. मेने उनकी नुन्नि को देखा , सोचा आज स्केल पर चेक करूँगी भाई और राजू की नुन्नि का डिफरेन्स. राजू ने टीवी चला दियाऔर दूसरे रूम मे चला गया. मैं टीवी देखती रही. प्रोग्राम ख़तम हो गया तो मैं चली गयी.
रात मे बॅग से स्केल निकाला और भाई का चेक किया. उसकी 1 आंड हाफ इंच थी. फिर राजू का याद करके स्केल मे देखा तो वो सिक्स इंच के उपर था.. इतना फरक? फिर याद आया कि राजू उस्दिन मेरी पैंटी देख रहा था, कल फिर वेसा करूँगी, देखु राजू देखता है या नही. मेने अपनी पैंटी मे हाथ डाला और पहली बार महसूस किया कि मेरे नुन्नि की जगह एकदम प्लेन है और वहाँ होल है.
मेने उंगली डाली तो थोड़ी सी गयी और गुदगुदी होने लगी. ये सब करते करते सो गयी. सपने मे देखा कि मेने राजू की नुन्नि अपने हाथ मे ली हुई है और उसको देख रही हूँ. सवेरे उठी तो सोचा, राजू ने तो अपनी नुन्नि दिखाई है, बदले मे मुझे भी दिखानी चाहिए. शाम हुई , उपर जाने लगी तो मा से डाँट पड़ गयी, क्या रोज रोज टीवी देखती हे, पढ़ाई किया कर. उस दिन जाना नही हुआ.
अब टीवी से ज़्यादा राजू की नुन्नि देखने की इच्छा थी. उस शाम मॅनेज नही हो पाया. नेक्स्ट डे सबकी नज़र बचा के उपर गयी. राजू ने कल ना आने का रीज़न पूछा. मेने बताया कि मा ने मना किया. राजू ने कहा कि मा को बोलो ट्यूशन के लिए. ट्यूशन के बहाने रोज आ जाना टीवी देखने. प्लान अच्छा था. मेने मा को ट्यूशन के लिए कहा. उन्होने राजू से कहा तो राजू ने रोज शाम को 2 घंटे के लिए पढ़ाने के लिए हां कर दी, विदाउट फीस.
मा भी खुस, मैं भी खुस. मा इसलिए खुस कि फ्री मे ट्यूशन मिल गया, मैं इसलिए खुस कि अब रोज नुन्नि देखने मिलेगी. शाम हुई, मैं बुक्स लेकर उपर चली गयी. मेने फ्रॉक पहनी थी नीचे पैंटी थी. ट्यूशन स्टार्ट हुआ. मुझे मेद्स के प्राब्लम सॉल्व करने दिए गये. मैं वो करने लगी, साइड मे टीवी ऑन था. राजू गया और 5 मिनिट मे वापस आ गया. उसने 1स्ट्रीट फ्लोर का गेट बंद किया और मेरे पीछे आ गया. वो टवल मे था.
राजू ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और मेद्स देखने लगा. मुझे लगा कि वो मेरी पीठ खुजा रहा है. साइड मे रखी ड्रेसिंग टेबल के ग्लास से देखा तो राजू की नुन्नि मेरी पीठ से लगी हुई थी और वो हिला के उपर नीचे कर रहा था. मुझे उनकी नूनी का साइज रोज से बड़ा दिखा और वो सीधा उठा हुआ था, रोज की तरह झूला हुआ नही था.
राजू ने कहा कि अलमारी के उपर एक बुक है जो हेल्प करेगी मेद्स मे. मुझे निकालने को कहा. पर मेरा हाथ वहाँ केसे जाता. राजू ने कहा कि वो मुझे उठा देगा और मैं वहाँ से बुक उठा लू. मैं राजू के साथ अलमारी तक आई. उसने मुझे कमर से पकड़ के उठाया, फिर मेरे बम्स के नीचे हाथ लगा कर और उपर किया. मुझे वो बुक दिखने लगी. पर मुझे ऐसा लगा कि राजू ने मुझे अलमारी से दूर रखा हुआ है और वो मेरे बम्स दबा रहा है.
मेने नीचे देखा. राजू की टवल गिर गयी थी और उसकी नूनी सीधी थी. इतने मे राजू ने मुझे नीचे उतार दिया. कहा कि उसका हाथ स्लिप हो रहा है. मेने पूछा स्लिप क्यू हो रहा है? उसने कहा कि तुम्हारी पैंटी की वजह से स्लिप हो रहा है. अगर उसको उतार दो तो स्लिप नही होगा. मेने फ्रॉक उपर करके अपनी पैंटी उतार दी. अब राजू ने मेरे बम्स पकड़े, थोड़ा सहलाया और उपर उठाया मुझे.
|
|
|