Hindi Sex Stories By raj sharma
02-26-2019, 12:35 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मेरी शेव्ड चूत मे राज का लंड पूरा समाया हुआ था. फिर राज ने उस को बाहर निकाला. फिर अंदर तक पेल दिया. एक फूच की आव्आआज़ हुई शायद मेरी चूत के अंदर की हवा चूत और लंड के बीच के गॅप से निकली. सच कहती हूँ बड़ा सेक्सी माहौल बन गया उस आव्आआज़ से.



राज ने पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ चोदना शुरू किया. मैं मस्त होने लगी. शरीर मे बड़ी अजीब सी सन सनी होने लगी थी. मैं उस के लंड को अपने पेट तक महसूस कर रही थी और फिर भी और अंदर लेना चाहती थी. इस के लिए मैं उस के कंधे पे लटक सी रही थी और जब राज अंदर का धकका मारता तो मैं अपने चूतड़ ऊपेर सटा देती.


उहह अया की आवाज़े निकल रही थी. और फॅक फॅक की वो सेक्सी आवाज़ लगातार हुए जा रही थी.



फिर मेरे शरीर की हलचल बढ़ने लगी. मेरे पेट की मसल्स बिना रुके सिकुड और फेल रही थी. मस्ती मे पागल सी हो रही थी. और राज मेरी चूत को पेले ही जा रहा था. अब वो उस को कभी कभी गोल गोल भी घुमा रहा था. इस से उस के लंड की जड़ मेरी चूत के होठों पे पूरी रगड़ खा रही थी और चूत रस छ्चोड़ छ्चोड़ कर रस से भर गयी थी.


फिर मुझे लगा एक भूचाल आ गया. मैं अपने होश खो बैठी और ज़ोर ज़ोर से ऊऊओ आआ ऊओ ईई करने लगी. जब यह भूचाल थमा उस से पहले राज ने भी अपने लंड से ढेर सारा माल मेरी चूत मे छ्चोड़ दिया था और निढाल होके मेरे मम्मो की बीच सिर रख कर लेट गया.


बड़ा मस्त लवर मिला था मुझे... क्या मेरी चूत को चाट ता और चोद्ता था...आआआआआआआआआअहह!!! हाई रे मेरी कककचूऊऊऊथततत्त...और उसका मस्त लौदाााआआआआ...................



उसी रात हमने एक बार फिर चुदाई करी. हम दोनो को खूब मज़ा आया. सुबह जब पाँच बजे उठने लगी तो राज ने मुझे फिर दबोच लिया. मैं ने राज को कहा अभी मेरी चूत दुख सी रही है. इस को चुदने की आदत पड़ने दो फिर चाहे जितनी बार चोदना. राज मान गया और मुझे जाने दिया.


उस दिन के बाद हमने और राज ने चार साल बे-इंतहा सेक्स का मज़ा लिया. एक दिन मे मॅग्ज़िमम 10 बार और कम से कम दो बार सेक्स चलता रहा. प्रेग्नेन्सी की परेशानी से बचने के लिए मैं ने अपनी चूत मे कॉपर टी डलवा ली.


हमारी सेक्स की थोड़ी थोड़ी खबर दीदी को भी हो ही गयी थी. मगर वो चुप रही क्यूँ के उन्हे शायद पता था कि मैं कितनी चुदैल हूँ. और राज अगर मुझे तृप्त नहीं रखेगा तो मैं गली के लड़कों से इश्क़ करूँगी या फिर उन के पती के चंगुल मे ही आ सकती थी.



राज और मैं अपनी MC के दिनो मे भी सेक्स किए बिना नहीं रह सकते थे. MC के पहले दिन जब मेरी चूत मे से खूब खून निकलता था तब सेक्स करने से कई बार राज और मेरे कपड़े और बिस्तर खराब हो जाते थे. इस से बचने के लिए राज ने मुझे गांद मरवाने की आदत भी डाल दी. अब मैं अपने शारीर के तीनो छेद मे राज का लंड लेती थी.


राज और मेरे सेक्स रिलेशन्स चार साल चले, उस के बाद राज की इंजीनियारिग पूरी हो चली थी फिर मेरी भी शादी हो गयी. शादी से पहले मैं ने राज के साथ कॉपर टी निकाल कर सेक्स किया और उस के प्यार को अपने पेट मे ले के पति के घर गयी.


जब मैं विवाह मंडप पर बैठी उस से आधे घंटे पहले राज और मैं ने चुदाई की और मंडप मे मेरी चूत से राज शर्मा का माल निकल निकल के मेरी पॅंटी गीली कर रहा था.

दोस्तो कैसिलगी ये मस्त कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त...
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02-26-2019, 12:35 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
शीला इन ट्रेन 
दोस्तों मैं यानि आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी के साथ हाजिर हूँ एक दिन हमारी मौसी (मदर'स सिस्टर) डिस्ट.-गया के विलेज-टेकरि से आई मुझे और शीला को अपने साथ गाओं अपनी लड़की गीता की मँगनी में ले जाने के लिए. हम दोनो भाई-बेहन का टिकेट अपने साथ बनाकर लेने आई.मम्मी हमसे कही जब तुम्हारे मौसी इतनी दूर से खुद लेने आई तो जाना तो पड़ेगा ही. लेकिन शीला की स्कूल भी खूलि है इसलिए जाओ और मँगनी के बाद दूसरे दिन वापस आ जाना. वापसी का टिकेट अभी ही जाकर लेलो.

मैं देल्ही रेलवे स्टेशन गया वहाँ किसी भी ट्रेन की दो दिन की वापसी टिकेट नहीं मिली. अंत मे मैं झारखंड एक्सप्रेस का 98, 99 वेटिंग का ही टिकेट लेकर आ गया कि नहीं कन्फर्म होने पर टीटी को पैसे देकर ट्रेन पर ही सीट ले लेंगे. 29थ ऑक्टोबर. 2000 को मैं और शीला अपनी मौसी (मदर'ससिसटेर) के बेटी (गीता) के मँगनी से वापस लौट रहे थे. 

डिस्ट-गया (बिहार) के टेकरि गाओं मे हमारी मौसी रहती थी. मौसी ने गीता की मँगनी में शीला को लाल रंग के लंगा- चोली खरीद कर दी थी जिसे पहनकर शीला मेरे साथ देल्ही वापस लौट रही थी. टेकरि गाओं के चौक पर हम लोग गया रेलवे स्टेशन आने के लिए ट्रेकर (जीप) का एंतजार कर रहें थे. इतने में वहाँ एक कुतिया (बिच) और उसके पिछे-पिछे एक कुत्ता (डॉग) दौड़ता हुआ आया. कुतिया हम लोगो से करीब 20 फ्ट. की दूरी पर रुक गयी. कुत्ता उसके पिछे आकर कुतिया की बुर (कंट/चूत) चाटने लगा और फिर दोनो पैर कुतिया के कमर पर रखकर अपनी कमर दना दान चलाने लगा. जिसे मैं और शीला दोनो देखें. कुत्ता बहूत रफ़्तार से 8-10 धक्का घपा- घाप लगाकर केरबेट ले लिया. दोनो एक दूसरे में फँस गये. ये सीन हम दोनो भाई-बहन देखें. इतने में गाओं के कुच्छ लड़के वहाँ दौड़ते हुए आए और कुत्ता-कुतिया पर पत्थर मारने लगे. कुत्ता अपने तरफ खींच रहा था और कुतिया अपनी तरफ. लेकिन जोट छ्छूटने का नाम ही नहीं ले रही थी. 

मैने शीला के तरफ देखा वो शर्मा रही थी लेकिन ये सीन उसे भी अच्छा लग रहा था मुझसे नीचे नज़र करके ये सीन बड़े गौर से देख रही थी. मेरा तो मूड खराब हो गया अब मुझे शीला अपनी बहन नहीं बल्कि एक सेक्सी लड़की की तरह लग रही थी. अब मुझे शीला ही कुतिया नज़र आने लगी. मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया. लेकिन इतने में एक ट्रीकर (जीप) आई .हम दोनो जीप में बैठ गये. जीप में एक ही सीट पर 5 लोग बैठे थे जिस से शीला मुझसे चिपकी हुई थी. मेरा ध्यान अब शीला की बुर (कंट/चूत) पर ही जाने लगा. हमलॉग स्टेशन पहुँचे. मैं अपना टिकेट कन्फर्मेशन के लिए टी.सी. ऑफीस जाकर पता किया. लेकिन मेरा टिकेट कन्फर्म नहीं हुआ था. फिर मैं सोचा किसी भी तरह एक भी सीट लेना तो पड़ेगा ही.टी.सी. ने बताया आप ट्रेन पर ही टी.टी. से मिल लीजिएगा शायद एक सीट मिल ही जाएगा. ट्रेन टाइम पर आ गई. शीला और मैं ट्रेन पर चढ़ गये.टी.टी. से बहूत रिक्वेस्ट करने पर .200 में एक बर्त देने के लिए अग्री हुआ.टी.टी. एक सिंगल सीट पर बैठा था वो कहा आप लोग इस सीट पर बैठ जाओ जब तक हम आते है कोई सीट देखकर. मैं और शीला गेट की सीट पर बैठ गये रात के करीब 10 बज रहे थे खिड़की से काफ़ी ठंडी हवाएँ चल रही थी. हमलॉग शाल से बदन ढक कर बैठ गये. इतने में टीटी आकर हम लोगो को दूसरे बोगी में एक अप्पर बर्त दिया. मैने 200 रुपीज़ टी.टी. को देकर एक टिकेट कन्फर्म करवा कर अपने बर्त पर पहेले शीला को उप्पेर चढ़ाया चढ़ते समय मैं शीला के चूतड़ (बूट्तुक) कस्के दबा दिया था सिला मुस्कुराती हुई चढ़ि फिर मैं भी उपेर चढ़ा.
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
सारे स्लीपर पर लोग सो रहें थे. हमारे स्लीपर के सामने स्लीपर पर एक 7 एअर की गर्ल सो रही थी जिसकी मम्मी दादी मिड्ल और नीचे के बर्त पर थे. सारी लाइट पंखे बंद थे सिर्फ़ नाइट बल्ब जल रही थी. ट्रेन अपनी गति में चल रही थी. शीला उप्पेर बर्त में जाकर लेट रही थी. मैं भी उप्पेर बर्त पर चढ़कर बैठ गया. शीला मुझसे कहने लगी लेटोगे नहीं. मैने कहा कहाँ लेटू जगह तो है नहीं इस पर वो कारबट लेकर लेट गयी और मुझे बगल में लेटने कहा. मैं भी उसीके बगल में लेट गया.और शाल ओढ़ लिया. जगह छोटी होने के कारण हम दोनो एकदूसरे से चिपके हुए थे. शीला का चून्ची मेरे चेस्ट से दबी हुई थी. मुझे तो शीला की चूत (बुर) पर पहले से ही ध्यान था. मैने और भी अपने से चिपका लिया. शीला से कहा. और इधर आ जा नही तो नीचे गिरने का डर है. वो और मुझसे चिपक गयी. शीला अपनी जाँघ मेरे जाँघ (थाइ) के उपर रख दी. उसका गाल मेरे गाल से सटा था. मैं उसके गाल से उपना गाल रगड़ने लगा. मेरा लंड धीरे- धीरे खड़ा हो गया. मैं अपना एक हाथ शीला की कमर पर ले गया और और धीरे -धीरे उसका लहनगा उपर कमर तक खींच-खींच कर चढ़ाने लगा. 

शीला की साँसे भी तेज चलने लगी थी. मैने उसका लहनगा कमर के उपर कर दिया और उसकी चूतड़ सहलाने लगा. मैं उसकी पॅंटी पर से हाथ घुमा कर देखने लगा बुर (चूत) के पास उसकी पॅंटी गीली थी उसकी बुर से चिप-चिपा लार निकला था जो मेरे उंगलियों को चट-चटा कर दिया. मैं पॅंटी के अंदर से हाथ डालकर बुर के पास ले गया उसकी बुर लार से भींगी हुई थी. मैं बुर को सहलाने लगा शीला ने अपने होठ मेरे होंठो पर रख दिए और मेरे होठ को उपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे एक बरगी पूरा बदन में जोशआ गया मैं एक हाथ शीला के ब्रेस्ट में डालकर उसके संतरे जैसे चूची को सहलाने लगा. उसकी चूची की निपल काफ़ी छ्होटी थी उसे मैं उपने मुँह मे लेकर चूसने लगा. और पहले एक उंगली शीला की बुर मे धूका दी. बुर गीली होने के कारण आसानी से उंगल बुर में चला गया. फिर दो उंगली एक बार मे धूकने लगें इस पर शीला कस-मसाने लगी मैं एक हाथ से उसकी निपल की घुंडी मसल रहा था और एक हाथ उसकी बुर से खिलवाड़ करने लगा . मैं किसी तरह धीरे-धीरे दोनो उंगली उसकी बुर में पूरा घुसेड दिया. और दोनो उंगली को चौड़ा करके उसकी बुर में चलाने लगा. 

शीला सिसियाने लगी और अपनी हाथ मेरी पॅंट के जिप के पास लाकर जिप खोलने लगी. मैने भी जिप खोलने में उसकी मदद की और अपना लंड शीला के हाथ में दे दिया. शीला मेरे लंड के सूपदे को सहलाने लगी. उसको मेरा लंड सहलाने से बहूत मज़ा मिला मैं उसकी बुर में इसबार तीन उंगली एकसाथ डालने लगा. बुर से काफ़ी लार गिरने लगा जिस से मेरा हाथ और शीला की पैंटी पूरी भींग गयी. लेकिन इस बार तीनो उंगली बुर में नहीं जा रही थी मैने एक हाथ से बुर को चीर कर रखा और फिर तीनो उंगली एक साथ डाली शीला मेरे हाथ पकड़ कर बुर के पास से हटाने लगी शायद इस बार तीनो उंगली से बुर दर्द करने लगी होगी लेकिन मैं उसके होठ अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा और किसी तरह तीनो उंगली आधा जाकर ही अटक गयी .

मैं जोश में आ गया और शीला की पैंटी एक साइड करके अपना लंड उसके बुर के च्छेद में धूकने लगा. लंड का सूपड़ा ही बुर में घुसा कि शीला मेरे कन में कहने लगी धीरे- धीरे धुकाओ बुर दर्द कर रही है. मैने थोड़ा सा पोज़िशन लेकर उसके चूतड़ को ही उपने लंड पर दबाया तो एक 1/4 हिस्सा उसकी बुर में गया. मैं उसे ज़्यादा परेशान नहीं करना चाहता था.मैने सोचा पूरा लंड बुर में में धूकाने पर उसके मुँह से चीख निकलेगी और लोग जाग भी सकते हैं इसीलिए मैं 1/4 हिस्सा उसकी बर में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा. पैंटी के किनरो ने साइड से मेरे लंड को कस्स रखा था इसलिए मुझे चोदने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था शीला भी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाने में मेरा साथ देने लगी.धीरे- धीरे पैंटी भी लंड को कसकर बुर पर चांपे हुए थी.पैंटी के घर्सन से लंड भी बुर में पानी छ्चोड़ने के लिए तैयार हो गया. 


मैने शीला की कमर को कसकर अपनी कमर में चिपकाए मेरे लंड पानी छ्चोड़ दिया .शीला की पैंटी पूरा भींग गयी.शायद सर्दी के रात के कारण उसे ठंढ लगने लगी फिर उसने अपनी पैंटी धीरे से उतारकर उसी से अपनी बुर पोंच्छ कर पैंटी अपनी हॅंड बॅग में रख ली. 

फिर मैं और शीला एक दूसरे से चिपक कर सोने लगें. लेकिन हम दोनो के आँखों में नींद कहाँ. मैं शीला के कान में कहा कुतिया बनकर कब चुदवाओगी. तब शीला कहने लगी घर चल कर चाहे कटीया बनाना या गाय (काउ) बनाकर चोदना यहाँ तो बस धीरे-धीरे मज़ा लो. हमलॉग शाल से पूरा बदन धक रखे थे. शीला फिर मेरे लंड को लेकर मसल्ने लगी मैं भी उसकी बुर के टिट को कुरेद कर मज़ा लेने लगा. आब शीला मुझसे काफ़ी खूल चुकी थी.मेरे होठ को चूस्ते हुए मेरे लंड मसले जा रही थी उसके हाथो की मसलन से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा और देखते ही देखते मेरा लंड शीला की मुट्ठी से बाहर आने लगा. शीला बहूत गौर से मेरे लंड की लंबाई- चौड़ाई नापी 9 इंचस का लंड देख कर हैरान हो मेरे कान में कही इतना मोटा-लंबा लंड तूने मेरी बुर में कैसे धुका दिया. मैने कहा अभी पूरा लंड कहाँ धूकाया हूँ मेरी रानी अभी तो सिर्फ़ 1/4 हिस्सा से काम चलाया हूँ पूरा लंड तो तुम जब घर में कुतिया बनोगी तो हम कुत्ता बनकर डॉगी स्टाइल में पूरे लंड का मज़ा चखाएँगे.
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
इसपर वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे गॉल में दाँत से काटने लगी फिर मैने उसके कान में धीरे से कहा शीला तुम ज़रा कारबट बदलकर सो जाओ. तुम अपनी गंद (आस होल) मेरे लंड की तरफ करके सो जाओ. उसपर वो मेरे कान में कहने लगी. नहीं बाबा गंद मारना हो तो घर में मारना यहाँ मैं गंद मारने नहीं दूँगी. फिर मैने उस से कहा नहीं रानी मैं तुम्हारी गंद नहीं मारूँगा मैं तुम्हे लंड-बुर का ही मज़ा दूँगा. फिर वो कारबट बदल दी. मैने शीला के दोनो पैर मोड़ कर शीला के पेट (बेल्ली) में सटा दिया जिस से उसकी बुर पिछे से रास्ता दे दी.मैं उसकी गंद अपने लंड की तरफ खींच कर उसकी पैर उसके पेट से चिपका दिया और बुर में पहले दो उंगली डालकर बुर के छेद को थोडा फैलाया फिर दोनो उंगली बुर में डालकर उंगली बुर में घुमा दिया शीला उस पर थोड़ा चिहुकी. 

फिर मैं उसके गाल पर एक चुम्मा लेकर अपने लंड को शीला की बुर में धीरे-धीरे घुसाने लगा. बहुत कोशिश के बाद आधा लंड बुर में घुसा मैं शीला से ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लेना और देना चाहता था. इसलिए बहुत धीरे- धीरे घुसाया और एक हाथ से उसकी निपल की घुंडी मसल्ने लगा. मैने देखा अब शीला भी अपनी गंद मेरे लंड की तरफ चांप रही है. 

फिर शीला की बुर ने हल्का सा पानी छ्चोड़ा जिस से मेरा लंड गीला हो गया और लंड बुर में अंदर- बाहर करने पर थोड़ा और अंदर गया अब सिर्फ़ 1/4 हिस्सा ही बाहर रहा. और मैं धीरे-धीरे अपनी कमर चलाकर शीला को दुबारा चोदने लगा. शीला भी अपनी गंद हिला-हिला कर मज़े से चुदवाने लगी. इस बार करीब एक घंटे तक दोनो चोदा-चोदि करते रहें. ट्रेन ने एक बार कहीं सिग्नल नहीं मिलने के कारण ऐसा ब्रेक मारा कि शीला के चुतताड ने पिछे के तरफ हाचाक से दवाब डाला जिस से मेरा पूरा लंड खचाक से शीला की बुर में पूरा चला गया शीला के मुँह से भयानक चीख निकलने ही वाली थी कि मैने अपने एक हाथ से शीला का मुँह बंदकर दिया और एक हाथ से उसकी दोनो चूची बारी- बारी से मसल्ने लगा. मैं तो ट्रेन पर उसके साथ ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन ट्रेन की मोशन में ब्रेक लगने के कारण ऐसा हुआ. शीला धीरे-धीरे सिसक रही थी. मैं अपने लंड को स्थिर रख कर पहले शीला की दोनो चूची को कासके मसल रहा था. फिर थोड़ी देर बाद उसे राहत मिली और शीला अब खुद अपनी कमर आगे- पिछे करने लगी. शायद अब उसे दर्द के जगह पर ज़्यादा मज़ा आने लगा. 

मेरा हाथ शीला की बुर पर गया मैने देखा उसकी बुर से गरम-गरम तरल पदार्थ गिर रहा है मैं समझ गया कि ये बुर का पानी नहीं बल्कि बुर की झिल्ली फटने से बुर से खून (ब्लड) गिर रहा है.मैने शीला से ये बात नहीं कही क्योंकि वो घबडा जाती मैने अपने पैंट से रूमाल निकाल कर उसकी बुर से गिरे सारे खून को आछि तरह से पोंच्छ दिया और शीला को अपनी गंद आगे- पीछे करते देख कर मैं भी घपा-घपप धक्का दे-देकर चोदने लगा. शीला अब मज़े से चुदवाये जा रही थी. जब मैने 10-15 धक्का आगे पिछे होकर लगाए तो शीला की बुर ने पानी छ्चोड़ दिया. मैं शीला की दोनो संतरे जैसी चूची मसल-मसल कर चोदने लगा. करीब 10 मिनिट तक बुर में लंड अंदर- बाहर करके चोद्ते हुए मैने भी पानी छ्चोड़ दिया. और मैं 5 मिनिट तक अपना लंड बुर में डाले पड़े रहा. जब मेरा लंड सिकुड गया तब फिर बुर से बाहर निकालकर फिर अपने रुमाल से बुर और लंड पोंच्छ कर साफ करके रुमाल ट्रेन की विंडो से बाहर फेंक दिया. इस समय सुबह के 4:35. बज रहे थे. अब हम दोनो भाई- बेहन एक दूसरे से खुल कर प्यार करने लगे. 

समाप्त 
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मामा के घर

हाई मैं कुसुम उमर 17 रंग गोरा चुचि गोल,फिगर 34 30 32,खास मेरे चुतताड की गोलाई और मेरे पिंक निपल लड़के देख कर पागल हो जाते है मुझे सेक्स बहुत पसंद है सखत सेक्स,चुदवाते वक़्त गालिया सुन-ना मुझे पसंद है. 


मैं एक बार अपने मामा के घर गयी मामा विलेज मे रहते है उनकी लड़की है पिंकी मेरी उमर की चंचल लड़की, उसकी चुचि मुझसे बड़ी फिगर होगी कोई 36 30 34 गोरी चित्ति हम आपस मे बाते कर रही थी बाते सेक्स पर आ गयी मैने पिंकी की चुचि पर हाथ फेरा और बोली पिंकी ये तो बहुत बड़ी है वो शर्मा गयी, शाम को हम गाओं मे घूमने निकली तो मुझे उसकी बड़ी चुचिओ का राज पता लग गया हम जिस भी गली से जाते उस पर कॉमेंट होते मेरी छेमिया मेरी जान एट्सेटरा हम जब घर आए तो मैने पूछा ये क्या था पहले तो वो टालती रही पर जब मैने कहा कि मैं भी मज़े लेना चाहती हू तो वो खुल गयी उसने बताया यहा तो जब मैं 14 साल की थी जब से ही मज़े कर रही है फिर तो हम स्टार्ट हो गयी मैने पूछा कैसे करती हो तो वो बोली रात को बताउन्गी वो बोली यहा तो लगभग हर लड़की 15 साल की उमर मे चुद जाती है मुझे बड़ी जलन हुई उस से, वो बताती रही कि लड़के जब लड़की को चोद्ते है है तो बहुत तंग करते है कई बार तो मार भी देते है मैं बोली मेरी चूत को लंड मिलेगा वो बोली तुम्हारे उप्पर तो टूट के पड़ेंगे आज रात को ही तेरा कल्याण हो जाएगा पर तू सह तो लेगी मैं बोली यार चिंता मत कर. 


रात तक हम एक दूसरे को छेड़ते रहे रात को 9 के करीब हम रूम मे गये मैने पिंकी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए उसे पूरी नंगी करके मैने उसकी कूची पर हाथ फेरा और उस-से पूछा पिंकी तेरी इस चूत का उद्धाटन किसके लंड से हुआ था वो बोली पापा के दोस्त है उन्होने ही मेरी सील तोड़ी थी, अंकल ने मम्मी की चुदाई भी की हुई है और आज अंकल और उसके दोस्त तेरी चूत का कल्याण करेगे मैं बोली उनका लॉडा कैसा है, पिंकी बोली जान चिंता मत कर तेरी चूत की तो धज्जिया उड़ा देंगे हमारी बातो मे 10 के करीब टाइम हो गया मैं बोली कब उड़े गी चूत की धहाज़िया उसने खिड़की खोली और मुझे बोली नीचे कूद जा मैं नीचे कूदी पीछे पीछे चादर लपेटे वो कूद गयी अब हम दोनो खेत मे खड़े थे वो बोली चल मैं उसके पीछे चल पड़ी थोड़ी दूर ही खेत मे एक मकान था हम दोनो उसमे घुस गयी. 


वाहा आँगन मे तीन 40-45 साल के आदमी ताश खेल रहे थे मुझे डर सा लगा वो तीनो कछे और बनियान मे थे उनमे से एक बोला आ गयी छेमिया, ये कॉन है मेरी तरफ देखते हुए बोले, पिंकी बोली शहर से आई है मेरी बुआ की लड़की अपनी चूत की धहाज़िया उड़वाने, वो बोले अरे ये तो बिम्ला की लड़की लगती है अपनी मम्मी का नाम सुन कर मैं हैरान हो गयी मैं बोली तुम कैसे जानते हो मम्मी को वो बोला तेरी मा यहा बहुत चुदी है आज तो हमारी किस्मत खुल गयी जवानी मे मा को चोदा अब लड़की को वाह,पिंकी ने अपनी चादर उतार दी अब वो पूरी नंगी थी. 


पिंकी बोली यार हमे तो चोद लो मम्मी को बाद मे चोद लेना, उन तीनो नई हम दोनो को अपनी और खींच लिया हम दोनो उनकी गोदी मे लेटी पड़ी थी मेरी कुर्त और पाजामी दो मिनिट मे ही मुझसे अलग हो गये वे तीनो(मैं तीनो के नाम लिख दू सुरेश,रमेश,मनोज) हमे बुरी तरह से चूसने लगे मसलने लगे मेरी चुचिओ पर गर्दन पर नीले मार्क्स बना दिए हम दोनो के मूह से. 


आआआआआअऊऊऊ वॉववववववव एयाया वॉववववव ऊऊऊ ऊऊ आआआआ ऊऊऊऊऊऊओह निकल रही थी रमेश बोला साली अपनी मा से भी चिकनी पड़ी है तभी रमेश ने मुझे गोदी मे ही उल्टी कर दिया अब मेरे चुतताड रमेश की गोदी मे थे और मेरा मूह सुरेश के लंड के पास था सुरेश ने अपना कछा उतारा उसका 10" लंबा. 


लंड स्प्रिंग के तरह मेरे चेहरे से टकराया, उसके लंड देख कर मेरे होश उड़ गये रमेश ने मेर लेग्स खोल के मेरी चूत मे 2 उंगलिया डाली मैं चिहुक गयी वो बोला क्या हुआ, मैं बोली मैने नही चुदवाना ये तो मेरी चूत ही फाड़ देगा पिंकी बोली क्यू बड़ा शौक चढ़ा था चूत की धहाज़िया उड़वाने का सुरेश बोला तू वैसे ही डर रही है पिंकी तेरे से छ्होटी है फिर भी इससे रोज़ाना चुदवाति है 14 साल की उमर मे ही ये इसे अपनी चूत मे ले गयी थी मैने सुरेश का लोड्‍ा अपने हाथ मे पकड़ा उसका लंड लोहे से भी सखत था पिंकी मनोज की गोदी मे बैठी थी मनोज पिंकी की चुचिया चूस रहा था सुरेश मेरी गॅलो मेरे होंठो पर अपना मोटा लंड फिरा रहा था मेरे होठ सख्ती से बंद थे तभी रमेश ने मेरी गांद मे उंगली दे दी मेरा मूह खुला मूह खुलते ही सुरेश ने अपना लंड मेरे मूह मे सरका दिया सुरेश का लंड बड़ी मुश्किल से मेरे मूह मे आ रहा था पर उसने धक्के मार- मार के मूह मे जगह बना ली मैं धीरे धीरे उसका लंड चूसने लगी तभी रमेश ने मेरे को अपनी गोदी से नीचे पटक दिया और अपने कपड़े उतार कर मेरे सामने आ गया मैं उसका लंड देख कर फिर कांप गयी उसका लंड सुरेश से भी बड़ा और बीच मे से कुछ टेडा था वो अपना लुंड पूचकारता हुआ मेरे सामने खड़ा था.
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मैं मन मे सोच रही थी आज मेरी खैर नही इतने मे मूज़े पिंकी की चीख सुनाई दी आाआूऊ ऊऊऊऊ माआआआआअ ऊऊऊऊऊ धीरेयययययययी ऊऊऊऊऊऊओ माआआआआआ आआमम्म्ममममाआआआररर्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई मैने उसकी तरफ उसकी दोनो टांगे हवा मे थी और मनोज अपना लंड उसकी चूत मे सरका रहा था मैं पिंकी की तरफ देख रही थी सुरेश बोला उधर क्या देख रही है तेरा भी यही हॉल होना है मुझे भी मस्ती चढ़ि थी पिंकी को देख कर पर मैं नाटक करती बोली, मैने नही चुदवाना तुमसे अपनी चूत नही फदवाणी इतने मोटे मोटे लॉड मेरी चूत मे नही जा पाएगे, पिंकी चुद्ते हुए बोली साली तो यहा भजन करने आई है अभी तक शहर के लूलिओ से चुदवाइ होगी आज पता चलेगा गाओं का लंड क्या मस्ती देता है पिंकी सुरेश को बोली अंकल इसे बड़ा शौक है अपनी चूत की धहाज़िया उड़वाने का आज इसकी चूत की धहाज़िया ही उड़ानी है मैं डर गयी मैं बोली पिंकी क्या बोल रही है तू, पर सुरेश ने मेरे मूह से लंड निकाला लंड निकलते ही टक की आवाज़ आई. 


सुरेश और रमेश मुझे खींच कर पिंकी के पास ले गये पिंकी की चूत मे मनोज का लंड सटा-सॅट आ जा रहा था उसकी चूत की दोनो किनारिया दूर तक अलग हुई पड़ी थी मनोज की स्पीड इतनी तेज़ थी कि बस लंड सिर्फ़ चमकता था मैं पिंकी की चुदाई मे खो सी गयी मैं झुकी तो हुई थी रमेश ने मुझे थोड़ा और झुका दिया रमेश अंकल ने मेरी टांगे खुलवा कर अपना लंड मेरी चूत पर लगाया तो मैं चोकते हुए बोली अंकल अंदर मत करना पिंकी बोली क्यू मैं बोली मुझे इनके मुड़े हुए लंड से डर लग रहा रहा है रमेश बोला ये मुड़ा हुआ लंड तेरी मा को बहुत पसंद है उसने मेरी कमर पकड़ के ज़ोर से धक्का मारा तो छ्होटा गुबारा फटने की आवाज़ आई और लंड चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया मेरे मूह से भयनकर चीख निकली आआआआआहह ऊऊऊऊ ऊओ मर गई ईईइ उउईईईईईईईईईई माआआआआ ऊऊऊओ माआआआआ फत्त्तटटटटतत्त गैिईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊ आआआअ हहूओ ऊऊहह हमाआआआआ आआआआ बाहर निकालो प्ल्ज़ बहुत दर्द हो रहा है पिंकी बोली साली दो मिनिट रुक जा तू ही बोलेगी और अंदर डालो, रमेश ने धीरे धीरे धक्के लगाने स्टार्ट किए मैं उउउउउआआअ कर रही थी रमेश बोला कुसुम पूरा डाल दू पिंकी बोली अभी इस हरंजड़ी के अपना पूरा लोड्‍ा अंदर नही डाला रमेश ने दुबारा धक्का मारा उसका लंड छूट को चीरता हुआ मेरी बच्चे दानी को टच करने लगा मैं चीखती रही पर रमेश ने स्पीड से धकके मारने शुरू कर दिए, उधर पिंकी झड़ने वाली थी वो आंट-शॅंट बोल रही थी आआआ......राजा ज़ोर से चोदो अपनी रानी को मुझे चोद चोद के मार डालो मनोज भी झड़ने वाला था मनोज भी बोल रहा ले संभाल इसको अपनी चूत मे ले मैं आअ रहा हू आआआ मैं गया 


जैसे ही मनोज झाड़ा दो काम एक साथ हुए, मनोज ने अपना टपकता लंड मेरे मूह मे डाल दिया और सुरेश ने पिंकी को अपने उप्पर खींच के पिंकी की चूत मे लंड घुसा दिया मेरे मूह मे मनोज का लंड झाड़ रहा था उसके लंड से पिंकी की चूत का स्वाद आ रहा था पूरी तरह झड़ने के बाद भी मनोज का लंड बड़ा दिख रहा था मैं लंड पकड़ कर बोली पिंकी अपनी चूत मे इतना बड़ा लंड कैसे ले गयी, पिंकी सुरेश के लंड पर बैठे थी सुरेश ने उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपने उप्पर लिटा लिया पिंकी की चुचिया रमेश की छाती से दब गयी और पिंकी के चुतताड बाहर को उभर आए सुरेश ने अपनी टांगे मोड़ के धक्के मार रहा था मैं पिंकी की ओर देख रही थी तो रमेश ने मुझे उठाया और पिंकी की चूत के पास ले आया वाहा मुझे कुत्ति की तरह झुका के पीछे से लंड दुबारा घुसा दिया मेरा मूह पिंकी के चुतताड़ो की तरफ था मनोज ने मेरा मूह पिंकी की गांद पर लगा दिया मैं पिंकी की गांद चाटने लगी पिंकी के मूह से सिसकारिया निकल रही थी मेरी जीब थोड़ी सी नीचे आई तो वो सुरेश के लंड को टच कर रही थी मैं सुरेश की गोलिया सहला रही थी तभी सुरेश ने लंड निकाला मैने उसे चूस के दुबारा पिंकी की चूत मे डाल दिया मैं अपने चरम पर थी मैं रमेश को बोली अंकल तेज़ चोदो मुझे और हा सनडे को मम्मी आ रही है मैने मम्मी के साथ चुदना है रमेश बोला ये कैसे होगा मैं बोली मैं और मम्मी साथ मे चुद चुकी है पिंकी बोली मैं भी बुआ के साथ चुड़ूँगी रमेश ने स्पीड बढ़ाते हुए कहा ठीक है मैं उुआअ कर रही तभी मेरा बदन कस गया और मैं निढाल सी पड़ गयी रमेश ने भी मेरी चूत मे पिचकारी मारनी स्टार्ट कर दी उधर पिंकी और सुरेश झाड़ चुके थे सारी रात मैं और पिंकी ऐसे ही चुद्ती रही . 

समाप्त 
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
'कैसी लगी रात की चुदाई '


दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो मैं रक्षाबन्धन की छुट्टी मे घर पर अकेला था. सनडे को मैं अपने दोस्त के घर गया. उसकी एक बहन है जिसका नाम है भावना. देखने मे बिल्कुल ही डॉल लगती थी. उसकी हाइट 5 फिट 6 इंच थी. मैं अक्सर अपने दोस्त के घर उसके पास जाता था. वो इतनी सुंदर और गोरी थी कि मैं उसे बयान नही कर सकता हू. मैने उसके साथ सेक्स करने का प्लान तो कयि बार बनाया लेकिन मौका ही नही मिलता था. उस दिन मेरे दोस्त के मम्मी,पापा नोएडा गये हुए थे,मेरा दोस्त और उसकी बहन घर पर अकेली थे जब मैं पहुचा तो मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि वो भी नोएडा जाना चाहता था पर भावना के एग्ज़ॅम(यूनिट टेस्ट)के वजह से नही जा पाया, फिर उसने कहा कि तुम कुछ दिन मेरे घर रुक जाओ तो मैं नोएडा चला जाउन्गा, मेरे तो दिल की हसरत जैसे पूरी हो गयी लेकिन उसे शक ना हो इस लिए मैं हिचकिचाने लगा पर वो रिक्वेस्ट करने लगा तो मैं तैयार हो गया मेरा दोस्त दोपहर की ट्रेन से नोएडा चला गया.उसे स्टेशन छोड़ने के बाद मैं जब वाहा पहुँचा तो मैने भावना को हाफ पैंट और टी शर्ट मे बेड पर बैठा पाया. मैं उसकी गोरी टाँगो पर देखता रहता था. लेकिन उसने कभी ध्यान नही दिया. मैं कुच्छ देर तक उसके साथ बात करता रहा. अब मैं सोने के लिए तैयार होने लगा. मैने अपनी पैंट खोल के तावेल पहन लिया और बेड पर लेट गया.उसके घर मे सिर्फ़ दो रूम ही थे चुकी इस रूम मे ए.सी.था इस लिए वो भी उस रूम मे आ गयी. 

भावना भी सीधी रूम के दरवाजा को बंद कर के लाइट बुझा के नाइट बल्ब को जलाकर के मेरे बगल मे आके लेट गयी. उसने अपनी पीठ को मेरे तरफ कर रखा था. मैं कुच्छ देर तक सोचता रहा. कुच्छ देर के बाद मैने फाइनल डिसाइड कर लिया कि अब मुझे सोचना नही चाहिए. मैने अब अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया. उसने अपनी कमर को थोड़ा सा खिचा. मैने फिर थोड़ी देर के बाद अपनी कमर को उसकी कमर से सताया. अब वो दीवाल मे सॅट चुकी थी. सो मैने अपनी कमर को उसकी कमर मे सताने के बाद जैसे ही अपने हाथ को उसकी कमर पर रखा तो उसने बोला 'ये क्या कर रहे हो' मैने बोला वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले मे पाकर करता है. वो बोली ' नही मैं ये नही करूँगी'. मैने बोला कि 'क्यो तुम्हारा मन नही करता' वो बोली नही ये ग़लत है. मैने बोला कि ग़लत क्या है. ये तो बिल्कुल सत्य है. अब मैं ने ये कहते हुए उसकी पैंट के एक बटन को खोल दिया. उसने मेरे हाथ को पकड़ के अपने कमर से हटा दिया. मैने पिछे से उसके पैंट को खिच दिया. वो पैंट को खिच के पहनने लगी तो मैने उसके हाथ को हटा दिया और उससे बोला ' क्यो दिखावा कर रही है, तुम्हारा मन भी तो है., और मैने उसकी पैंट को दोनो हाथो से पकड़ के खोल दिया. उसने मुझे धक्का दे दिया और रूम का डोर खोलने लगी मैने उसे पक्कड़ कर बेड पर गिरा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. अब मैं अपने एक हाथ से लंड को पकड़ के दूसरे हाथ को उसके गंद पर फेरते हुए अपने लंड को उसके गंद के होल के पास ले गया. अब मैने एक हाथ से उसके गंद को फैलाते हुए अपने लंड को उसकी गंद मे जाने के लिए रास्ता दिखाया. अपने लंड को. 

मैने उसकी गंद के होल के दरवाजे पर रखते हुए उसके कमर को पकड़ के अपनी कमर को ज़ोर का झटका मारा और वो आआऔऊक्कककककककााआआअ कर के सिसक उठी. मैने पुछा क्या हुआ गया है. वो बोली हाआआआआअ अब मैने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़ के अपने तरफ खीच के अपने लंड को उसकी गंद मे जल्दी से जल्दी ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा. वो मेरे हर झटके के साथ आआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊओह हाआआआआआत की आवाज़ निकालती जो मेरे मन को और भी बढ़ाती थी. कुच्छ देर मे मैने अपने पूरे लंड को उसके गंद मे घुसा दिया था. दस मिनट के ठेलम पेल के बाद मेरा संपूर्ण लंड उसकी गंद मे घुस गया था मैने कुछ ही धक्के लगाए थे की मेरा वीर्य निकल गया फिर मैने अपने लंड को निकाल दिया और कुच्छ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद उठ के बाथ रूम मे चला गया. मैने पेशाब करने के बाद अपने लंड को पूरी तारह से सॉफ किया और तब मे रूम मे आया. आने के बाद मैने भावना को वैसे ही बेड पर पड़ा पाया. मैने बोला जाओ बाथरूम नही जाना.' वो बिना कुच्छ बोले बाथ रूम मे चली गयी . मैने अब अगले दौर की तैयारी करना सुरू कर दिया. मैने अपने लंड को तेल के डिबे मे डाल दिया. जैसे ही भावना रूम मे आई मैने उससे पूरे कपड़े उतारने के लिए बोला वो बोली कि 'अब चोदोगे भी?' मैने बोला हा ये तो अभी ट्रेलर था अभी फाइनल तो बाकी है. उसने अपनी टी शर्ट और ब्रा को खोल के बेड के पास रख दिया. मैने देखा कि उसकी चूत पर तो एक भी बाल नही था. मैं इसी तरह के चूत को चोदना पसंद करता हू. मैने उसके हाथ को पकड़ के अपने लंड को उसके हाथ मे पकड़ाते हुए उसे मूह मे लेने के लिए बोला क्योकि मैं अभी पूरी तरह से तैयार नही हुआ था. उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे लेलिया और अब झुक के मेरे लंड को अपने मूह मे लेने के बाद चूसने लगी. 
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
मैं कुछ देर मे बिल्कुल ही हॉट हो गया, मैने उससे लंड छ्चोड़ के बेड पर लेटने के लिए बोला. उसने अपने मुँह से लंड को निकाल दिया और बेड पर सीधे लेट गयी. मैने डिबे से तेल निकाल के उसके छूट पर लगा दिया. उसके चूत की साइज़ 3 इंच होगी.मैं अब उसकी जाँघ पर बैठ के उससे चूत को फैलाने के लिए बोला. भावना की चूत इतना सुंदर थी कि मैं अपने लंड को जो कि लगभाड़ 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा है, एक झटके मे पूरा अंदर डाल देना चाहता था. मैने अपने लंड को जैंसे ही उसकी चूत के उपर रखा उसने अपने दोनो हाथो से अपनी चूत को फैला दिया. मैने अपने लंड के फ्रंट पार्ट को एक हल्के से झटके के साथ जैसे ही चूत के अंदर किया वो आआ आआआ एयाया ऊऊओ ऊऊ ऊ आआआ अहह नहियीईई धेरेय्य्य्य्य्य्य धेरेय्य्य्य्य्य्य्य धेरेय्य्य्य्य्य्य्य्य आआ ऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊ स्लॉवववव बाबययययययी गो स्लॉवववववववव लग जय्गीईईई स्लॉववववववववव की आवाज़ के साथ पूरी तरह से सिहर उठी. उसने अपने दोनो पैरो को पूरी तरह से टाइट कर दिया. मैने अब उसकी दोनो तनी हुए चुचिओ को अपनी दोनो हथेलियो मे लेते हुए हल्का हल्का दबाना सुरू किया. मैने कुछ देर के बाद जब देखा कि उसके पैर अब धीरे धीरे ढीले पड़ने लगे तो मैने अपनी कमर को फिर से हिलाना सुरू कर दिया. अब उसके मूह से फिर से आआअहह आअहह ऊऊसस ऊआाअ अहह अहह की आवाज़ निकलने लगी. मैने उसकी चुचिओ को ज़ोर ज़ोर से मसलना सुरू कर दिया. कुच्छ देर पर मैने एक ज़ोर का झटका मारा तो वो आअऊओ ऊऊऊऊऊओ नहियीईईईईईईईईई माआआआअ लगगगगगगगगगगगग गैिईईईईईईईईईईईईई नहियीईईईईईईईईईई निकालूऊऊऊऊऊऊ दर्द्द्दद्ड हूऊओ रहा हाईईईईईईईई आआआआअ बसस्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊ मात्त्तटटटटटटतत्त करूऊऊऊओ आआहनाईईईईईईईईईईईईई कर के चिल्ला उठी. मैने पुछा क्या हुआ वो बोली कि लगता है चूत फॅट गयी. मैने अपने लंड के तीन हिस्से मे से दो हिस्से को उसकी चूत मे डाल दिया था. अब मैने उसके पैर को फैलाने के लिए उठ के के बैठ गया और उसके पैरो को पकड़ के समेटते हुए फैला दिया. अब मैं अपने लंड को उसके चूत के अंदर ले जाने का पूरा फ़ैसला कर लिया. 

मैने उसके कमर को पकड़ के एक ज़ोर का झटका मारा इस बार तो वोआाहह नाहहिईीईईईईईईईईईईईईईई लगगगगगगगग रहाआआआआअ है ईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआअ आआअहबब्ब्ब्बबबाआआआअपरीए आआआआअ करके जैसे बुरी तरह से छटपटा उठी. मैने जब उसके चूत पर देखा पाया कि मेरा पूरा लंड उसके गोरी चूत के अंदर जा चुका था. मैने जब देखा कि वो ऐसे शांत नही होगी तो मैं उसके उपर लेट गया और उसके होंठो को अपने होटो मे लेके दबा लिया और अपने दोनो हाथो से उसकी दोनो चुचिओ को मसल्ने लगा. मैने ज़ोर ज़ोर से झटका लगाना भी सुरू कर दिया. मैं कुच्छ देर के बाद अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि वो भी अब अपनी कमर को हिलाने लगी थी. सयद उसे भी अब मज़ा आ रहा था. मैने पुछा कि मज़ा आ रहा है तो उसने मुस्कुरा के सर को हिलाया. कुच्छ देर तक इसी तरह से चुदाई करने के बाद मैने अपने स्पर्म को जैसे ही उसकी चूत मे गिराया तो मैने उसके होटो को कुछ देर तक चुसता रहा और एक तरफ उसकी दोनो चुचिओ को मसलता रहा तो दूसरी तरफ उसके होटो को चूस्ता रहा और उसने भी पूरा साथ दिया. अब हम दोनो बुरी तरह से थक चुके थे. मैं कुच्छ देर तक उसके उपर लेटा रहा तब उठ के अपने लंड को निकाल के भावना के बगल मे लेट गया. और कुच्छ देर मे हम दोनो वैसे ही सो गये. सुबह जब नींद खुली तो दिन के 9 बज रहे थे. मुझे अपने काम से जाना था. मैं उठ के तैयार हो गया. भावना भी उठ गयी थी. वो भी खुस थी. मैने मुस्कुराते हुए पुछा 'कैसी लगी रात की घटना' वो मुस्कुराते हुए बोली 'बहुत अच्छा लगा तुमने तो मेरी चूत ही फाड़ डाली.' मैने उसके कपड़ा पहनने के बाद दरवाज़ा खोला और अपने रूम के लिए निकल गया. इसके बाद भावना को 3 दिन और चोदा. दोस्तो कैसी लगी ये दास्तान ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा 
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
raj sharma stories
मेरी कज़िन नीलिमा 


दोस्तों मैं यानि आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी के साथ हाजिर हूँ ये कहानी तब की है जब मेरी उमर मेरी उमर 25 साल थी और मैं ग्रॅजुयेशन कर के नौकरी तलाश रहा था ,मेरी दो कज़िन है पहली की उमर 16 और दूसरी की 21 साल है . एक का नाम रीता है और दूसरी का नाम नीलिमा है.ये अभी कुछ दिन पहले की बात है. मेरी दोनो कज़िन छूत्टियाँ बिताने हमारे घर आई हुई थी. मेरे मोम और डॅड दोनो ही सर्विस करते है. सो सुबह दोनो ड्यूटी पर निकल जाते है. मैं घर पर अकेला थे .मेरी बड़ी कज़िन नीलिमा(21 एअर) शॉपिंग के लिए गयी थी और छोटी कज़िन रीता(16 एअर) इसी शहर मे हमारे एक रिलेटिव के घर गयी थी. रीता का अड्मिशन हो गया था फॅशिन डिज़ाइनिंग मे और उसे अगले दिन हॉस्टिल जाना था. उस दिन मैं अपने रूम मे बैठ कर चतिंग कर रहा था. उसी समय मैने बाहर देखा तो आसमान मे बड़े घने बदल दिखे. मैने फोन से नीलिमा और रीता से बात की रीता ने कहा कि वो शाम तक आएगी लेकिन नीलिमा ने कहा कि बस थोड़े देर मैं वो घर आ जाएगी ,शी ईज़ ऑन दा वे. फिर मैने देखा कि जोरो से पानी पड़ना स्टार्ट हो गया. मुझे बरसात मे नहाना बहुत अच्छा लगता है इस लिए तुरंत हाफ पॅंट पहन कर छत पर चला गया और बारिश मे भीग कर बारिश का मज़्ज़ा लेने लगा.थोड़े देर मे दरवाजे की घंटी बजी. मैं भीगा हुआ ही नीचे आया और डोर को खोला मैने देखा कि दरवाज़े पर नीलिमा खड़ी है और वो पूरी तरह से भींगी हुई है 


जब मैने दरवाज़ा खोला तो वो अपने दुपट्टे को हाथ मे लेकर उससे पानी निचोड़ रही थी इस लिए उसके बूब्स मुझे दिखे पानी मे भीगने की वज़ह से उसकी पूरी ड्रेस उसके बदन से चिपक गयी थी. 


मैने देखा कि उसकी ब्लॅक ब्रा उसके पिंक सूट से नज़र आ रहा था और उसकी चुचि (बूब्स) उपर से आधे वाइट और गोल नज़र आ रहे थे. मुझे तो देखते ही मदहोशी छाने लगी और मेरा लंड खड़ा होने लगा.तभी वो अंदर की तरफ आई मैने पीछे से उसकी गांद(आस)को बड़े गौर से देखा वाउ एक दम गोल गोल और मस्त लग रही थी. मैं उसके पीछे भीतर गया और पूछा कि पानी मे भीगने की क्या ज़रूरत थी तो नीलिमा ने कहा कि मैं पास मे ही थी तो बारिश स्टार्ट हो गयी और वैसे भी मुझे पानी मे भीगना अच्छा लगता है. 


तो मैने कहा कि ठीक है मैं छत पर जा रहा हू बरसात मे नहाने. ये कह कर मैं उपर आ गया और नहाते हुआ नीलिमा के फिगर के बारे मे सोचने लगा.तभी मैने देखा की नीलिमा भी उपर आ गयी और पानी मे भीगने लगी. इधर पानी पूरे ज़ोर से बरस रहा था मैं तो यही चाह रहा था कि वो उपर आ जाए.मैं नीलिमा से नज़रे बचा कर उसके भीगे बदन को देख रहा था मैने देखा कि उसके गुलाबी होंठ एक दम लाल हो गये है और उसकी आधी चुचि उसके सूट से निकलने को बेताब है और उसके सुडौल पैर एक दम मस्त लग रहे थे .मेरा तो मूड खराब होने लगा और मैने सोचा कि अब तक अपनी प्यारी कज़िन को सिर्फ़ ख्यालो मे चोदा आज इससे रियल मे मज़्ज़ा लिया जाए. जो होगा देखा जाएगा ये सोच कर मेरा लंड खड़ा होने लगा इधर नीलिमा पूरे मध्होशि मे भींग रही थी. थोड़ी ही देर मे मेरा लंड मेरे हाफ पॅंट मे खड़ा हो गया था और उपर से साफ दिख रहा था ,मैने देखा कि नीलिमा की नज़र मेरे पॅंट पड़ रही उसने देखा और फिर थोड़ी सी मुस्करा कर भीगने मे मस्त हो गयी. उसके पूरे बदन पर बरसात का पानी पड़ रहा था और उसके होंठ एक दम गुलाबी होते जा रहे थे ,इधर मुझसे रहा नही जा रहा था मैं धीरे से नीलिमा के पीछे गया और उसे पीछे से कमर मे हाथ डाल कर उठा लिया इससे मेरा लंड उसकी गांद से एक दम सॅट गया. नीलिमा तुरंत मुझे झटकते हुआ आलग हो गयी और बोली कि "ये क्या कर रहे हो भैया" ,तो मैने उससे बोला "नीलिमा आज तुम ग़ज़ब की लग रही हो मैं तुम्हे प्यार करना चाहता हू"मैं तुम्हे बचपन से चाहता हू और तुमसे प्यार करना चाहता हू" तो नीलिमा ने "बोला कि आपको शरम नही आती अपनी कज़िन के बारे मे ऐसा सोचते है" तो मैने कहा मेरी रानी जब तुम्हे मेरे लंड देखने मे और मेरे सामने आधे नंगे बदन नहाने मे शरम नही आ रही तो मुझे कैसे आईगी .
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02-26-2019, 12:36 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
ये बोल कर मैने उसके सर को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठो से सटा दिए और ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लगा और मैने एक हाथ से उसकी राइट साइड के चूतड़ को दबाने लगा और लेफ्ट साइड मे मैने हाथ से कमर को पकड़ा,मैने नीलिमा को ज़ोर से पकड़ा था और वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी. मैं 3 मिनिट तक उसके होंटो को चूस्ता रहा और उसके चूतड़ दबाता रहा . ओह माइ गॉड क्या बड़े बड़े और मस्त चूतड़ थे उसके मुझे तो जन्नत लग रहा था ,फिर मैने देखा की अब कुछ कुछ नीलिमा भी कमजोर पड़ती जा रही थी क्योकि मैने उसे बड़ी ज़ोर से पकड़ा था. पानी अभी भी पूरे रफ़्तार मे बरस रहा था. मैने नीलिमा के होंटो को छ्चोड़ उसकी चुचियो को उसके सूट के उपर से ही दबाने और चूसने लगा अब मैं पूरे जोश मे आते जा रहा था. 

मैने नीलिमा की सलवार का नाडा खिच दिया. सलवार लूस होकर रह गया. क्यूकी उसका बदन से गीला होकर चिपका हुआ था. मैने उसे उसकी गांद से नीचे कर दिया. और एक हाथ अंदर डाल कर उसके पॅंटी मे हाथ को डाल दिया और उसे सहलाने लगा. नीलिमा अब सिर्फ़ मुझे "छ्चोड़ दो भैया ये ग़लत है" ऐसा बोले जा रही थी लेकिन मैं कहा सुनने वाला था मैं तो अपनी धुन मे ही था और उसके गांद और चुचि को दबाए जा रहा था. मैने उसकी सलवार को नीचे से पकड़ कर हाथो से खिचने लगा और मैने उसकी सलवार नीचे से ज़ोर से खिच कर उतार दिया उसकी नंगी टाँगो को देख कर मुझे और जोश आ गया और मैं उसकी टाँगो को चूमता हुआ उसकी टाँगो पर पड़ने वाली बूँदो को चूस रहा था और अपनी जीब से उसकी चिकनी टाँगो को चाट और चूम रहा था. 

टाँगो को 5 मिनिट तक चूमता रहा और नीलिमा अब उसे भी अब मज़्ज़ा आने लगा था वो सिर्फ़ आँखे बंद किए हुई थी मैने अब तुरंत उसकी समीज़ भी उपर से खिच कर निकाल दी अब और उसे ज़मीन पर लेटा दिया, छत के चारो तरफ से बौंड्री होने के कारण हमे कोई भी अगाल बगल के लोग नही देख सकते थे अब मेरी प्यारी कज़िन नीलिमा ब्रा और पॅंटी मे थी. मैने उसके गोरे बदन को देखकर पागल हो गया एक तो गोरा ओर मासल बदन उपर से पानी का पड़ना, क्या बताऊ दोस्तो ग़ज़ब की फिगर लग रही थी.मैने उसके पेट को पहले चूमा और चूमते हुए उसके चुचियो की तरफ बढ़ा मैने अब नीलिमा की एक हाथ से चुचि दबाना स्टार्ट किया और नीलिमा के होंठो को चूसने लगा. नीलिमा अब थोड़ी जोश मे आ गयी थी और सीई सीयी सीयी स आहह..उम्म्म्म…संजूऊू..उफफफ्फ़..एमेम..की आवाज़ निकाल रही थी. मैने नीलिमा के ब्रा को खोल कर उसकी चुचियों को उपर से आज़ाद कर दिया उसके टाइट ब्रा के खुलते ही उसकी प्यारी और मस्त चुचिया आज़ाद हो गयी मैने उस्स्की चुचियो के निपल को दबाने लगा और बीच बीच मे उसे चूस और बाइट भी कर रहा था, 


मैं धीरे धीरे उसके बदन को चूमते हुआ नीलिमा के जाँघो के पास आया और नीलिमा की गुलाबी पॅंटी को खींच कर उतार दिया मैने जैसे ही पॅंटी उतारी नीलिमा ने अपने पैरो को मोड़ लिया जिससे उसकी चूत च्छूप गयी. पानी अभी भी पड़े जा रहा था. मैने नीलिमा के दोनो पैरो को ज़ोर लगा के हटाया नीलिमा की चूत गुलाबी और टाइट लग रही थी और उस पर ब्लॅक कलर के हल्के बाल थे मैं अब उसकी चूत को चूमने लगा मैने नीलिमा रानी की गुलाबी चूत के दोनो फांको को हटाया और उसे अपनी जीभ से चाटने लगा . वाउ क्या टेस्ट था मेरी कज़िन की चूत का मैं उसकी चूत को चूस्ते जा रहा था मैने देखा अब नीलिमा भी जोश मे आ गयी थी और उसके मूह से आहह आ अहह अहह ह आआअसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आस्स्स्स्स्स्सस्स आस्स्स्सस्स ष्ह.. हाईईईई..माआआअ… अच्छाअ.लग रहा हाईईईई.. कारू.. की आवाज़ आ रही थी. करीब 10 मिनिट नीलिमा की चूत चूसने के बाद मैने नीलिमा की टाइट चूत मे एक उंगली घुसा कर फिंगरिंग स्टार्ट कर दी नीलिमा मेरे हाथ को पकड़ कर निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसके हाथो को हटाए रखा और उसकी फिंगरिंग करता रहा मैने देखा कि उससे वाइट टाइप का कोई चिपचिपा पानी जैसी चीज़ चूत से निकल रही है मैं समझ गया कि मेरी रानी का चूत का पानी गिरने लगा है मैने झत से झुक कर उसे चाटने लगा जैसे ही मेरी जीभ चूत के अंदर गयी नीलिमा एक दम पागलो की तरह आआआअहह आआहह ह ऊऊऊऊ ऊऊओ आआआआअहह..ओह…माआ..इष्ह….. उफफफफफफफफफफफ्फ़.. ज़ोर से..और ज़ोर सीईए… चटूऊऊओ.... किए जा रही थी. उसने ना जाने कितना पानी मेरे मुँह के अंदर डाला. मेरा 7.5 इंच का लंड भी अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था, अब मुझे देर करना ठीक नही लगा सो मैने अपनी पॅंट निकाल दी. 
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