एक दिन वंदनाभाभी अपने हिरोको बेहद खुश कर रही थी, बल्लू भाभीके बुब्स दबा दबाकर पेलनेका आनंद लुट रहा था अचानक बाहरसे दरवाजा किसीने खटखटाया
ऊफ्फ बल्लू कौन टपक पडा बीचमै एक काम करो तुम मस्ती चालू रखना मै वहा निपटती हु और बल्लूने वंदना को बड़ी गर्माहट ढकलते ढकलते दरवाजे तक लै पहुंचा
और दरवाजा खोला तो वो शॉक्ड हो गई क्योंकि वीजू दरवाजे पर खडे थे
ऊफ्फ स्स्सहा बल्लू
कौन बल्लू क्या बल्लू क्या बके जा रही हो तुम वंदना?
न नही वीजू कु कुछ नही और तुम अभी यहा
क्यु क्या हुआ वंदना? और तुम नंगे बदनसे दरवाजा खोल रही हो
कोई और आ जाए तो
ओह वीजू तूम्हे कैसे नही पहचान सकती मै?
तुमभी ना कभी भी आ जाते हो अभी मै नहा रही हू एक काम करो नीचे जाकर कुछ खाना अॉर्डर करो प्लीज
हा हा वंदना पर मै थोडा फ्रेश होकर जाता हु
न नही मुझे भुक लगी है और मेरा शॅम्पू भी खत्म हो गया है प्लीज लेकर आओना
हा लाता हू पर मै थका आ रहा हू एक ग्लास पानी तो पीलाओना
ना तुम जब तक लाके नहीं दोंगे तभ तक तुम्हें अंदर नहीं लुंगी
अच्छा बाबा लाता हू और वंदनाभाभी अपनी जीदपर खरी उतरी और अपने पतीको बेवकूफ़ बनाकर बडे ही प्यार से वो बल्लूसे ठुकवाती रही बल्लूने बराबर मौका देखकर जल्दी अपना काम निपटने के बाद निकल गया.