RE: Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना र�...
जैसे जैसे वो अपने भतीजे लंड पे बैठ रही थी… उसके भतीजे का लंड उसकी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा…
रजनी खुद को रोक नहीं पाई और मस्ती में ज़ोर से सिसक उठी…
आाागघ…
उसकी सिसकारी सुन के उसके पति ने पीछे मूंड़ के उस से पूछा…
अनिल : रजनी तुम वाकई में चाहती हो की मैं कार ना रोंकू…
रजनी तब तक खुद को नीचे करती रही जब तक उसे अपने भतीजे लंड का उसकी चूत में पूरा अंदर तक घुसने का एहसास ना हो गया…
रजनी : नो, नो, डॉन’ट स्टॉप… मैं चाहती हूँ की तुम बिना रुके आगे बढ़ते रहो… मैं अगले आधे घंटे तक खुद को संभाल सकती हूँ… क्यों राज तुम्हारे लिए आधा घंटा ठीक है ना…?
राज : हाँ आंटी… जब तुम मेरे ऊपर दोबारा बैठी थी तब मैंने अपनी पोज़िशन ठीक कर ली थी… अब आधा घंटा तो क्या…? मैं तुम्हें एक घंटे तक संभाल सकता हूँ…
लेकिन मुझे थोड़ा ऊपर उठना पड़ेगा ताकि मैं खुद को ठीक से सेट कर सकूँ…
रजनी : क्या तुम चाहते हो की मैं तुम्हारे साथ उठु…?
राज : नहीं आंटी तुम मेरी गोद में ही बैठी रहो… मैं अपने साथ तुम को भी उठा लूँगा…
ये कह के राज अपनी आंटी का कंधा पकड़ के उसे अपने लंड की तरफ दबा के ऊपर उठने लगा… जिस से उसका लंड आंटी की चूत में जड़ तक घुस गया…
रजनी उसी वक्त मस्ती में झड़ गयी… और अपनी गांड आगे पीछे हिलाने लगी… ताकि उसके भतीजे का लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो सके…
अपने भतीजे के लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर करते हुए रजनी अपने पति की तरफ देख रही थी…
राज भी मस्ती में अपनी आंटी की चूत में तेजी से अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसे चोद रहा है…
रजनी कार में नंगी हो के अपने पति की मौजूदगी में अपने भतीजे से चुदा रही है…
रजनी : अनिल… तुम्हें क्या लगता है…? कितना टाइम लगेगा हम को मीटिंग में…? क्योंकि मीटिंग के बाद हम को शॉपिंग पे भी जाना है…?
अनिल : मीटिंग एक घंटे में खत्म हो जाएगी… उसके बाद तुम दोनों शॉपिंग पे जा सकते हो… काम में बिज़ी होने की वजह से मैं नहीं जा सकूँगा… लेकिन तुम दोनों जा सकते हो… तुम जब चाहे अपने भतीजे के साथ जा सकती हो…
अपने भतीजे का लंड अपनी चूत में लिए चुदाई करते रजनी अपनी पति से बात कर रही है… इस एहसास से और भी ज्यादा हर्नी हो गयी और वो झड़ने लगी…
झड़ने के बाद अपने भतीजे लंड पे उछलते हुए रजनी ने कहा…
रजनी : अनिल मैं तुम्हारी मजबूरी समझ सकती हूँ… तुम फिक्र मत करो… मैं अपने भतीजे साथ कहीं भी… कभी भी… कितनी बार भी… आ सकती हूँ…
क्यों राज ठीक है ना…?
राज : आंटी तुम जब चाहो… जितनी बार चाहो… आ सकती हो… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… बल्कि तुम्हारे बार बार आने से मुझे बेहद खुशी होगी… जितनी बार तुम आओगी मुझे उतना ही अच्छा लगेगा…
ये कहने के बाद राज अपनी आंटी की गांड को अपने हाथ में पकड़ के आंटी की चूत में कस कस के अपना लंड पेलने लगा…
दोनों आंटी राज की इस डबल मीनिंग की बात से अंजान अनिल अपनी धुन में कार चला रहा है…
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