Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:21 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
डिन्नर टेबल पे मिनी भी तभी पहुँची और लगता था पूरे रेस्टोरेंट में आग लगा देगी ....रूबी/कविता ...यहाँ तक की सुमन की आँखें भी उससे चिपक गयी ...बाकी टेबल्स पे जो बैठे थे उनका क्या हाल हो सकता है सोच ही लो ....

सबके तंबू खड़े हो चुके थे नज़रें मिनी से चिपक गयी थी और उनकी बीवियाँ और गर्ल फ्रेंड्स जो भी साथ थी जल भुन के कबाब हो गयी थी .....ठंडी ठंडी साँसे छूटने लगी थी ....अगर सुनील साथ में नही होता तो कुछ मनचले तो ज़रूर मिनी को छेड़ने उनकी टेबल तक आ जाते.

..मिनी को देख कविता पे इतना असर नही पड़ा था पर सुमन को देख तो उसे शर्म आने लगी थी ..कि जवान कॉन...क्यूंकी सुमन रोज योगा करती थी और अपने जिस्म को बहुत अच्छी तरहा मेनटेन किया हुआ था...यहाँ तक कि मिनी जो खुद को कुछ समझती थी ...वो भी गश खा गयी थी...और रेस्टोरेंट में जो हुआ .....वो देख सुनील हँसे बिना नही रह सका क्यूंकी कुछ लड़कियाँ अपने रूम में जा कर कपड़े बदल के आई थी ....

कविता की दशा सुनील से छुपी नही...उसने सुमन को कान में कुछ कहा फिर सुमन ने रूबी को और उसके बाद दोनो सोनल के पास चली गयी ....उसकी ड्रेसस पहनाने के लिए ...क्यूंकी उनका जिस्म लघ्हबग सोनल के जिस्म जैसा ही था साइज़ में .

रूबी और कविता थोड़ी देर बाद आ गयी ....


कविता का तो शर्म के मारे बुरा हाल होने लगा क्यूंकी सबकी नज़रें उसे खुद को अंदर तक चीरती हुई महसूस हुई ....एक लड़का खास तौर पे कविता में इंटेरेस्ट लेने लगा था ...पर उसकी नज़रों में वासना नही थी ...चाहत थी...

रूबी और कविता बहुत खुश थी ...रूबी की नज़रें मिनी पे पड़ी जो सुमन को कुछ ज़यादा ही देख रही थी ...जब सुमन सुनील के कान में कुछ कह रही थी....

रूबी ...मिनी से ....भाभी ऐसे क्या देख रही हो ...जमाना बदल चुका है ...भाई नही चाहता कि मासी घुट घुट के जिए....मिनी पश्चाताप से नज़रें झुका लेती है. 

कविता की नज़रें भी उस लड़के से टकरा जाती है जो बड़े गौर से उसे देख रहा था....कुछ होने लगता है कविता को ......वो अपनी नज़रें झुका लेती है...वो लड़का भी कम सुंदर नही था और शायद अपनी फॅमिली के साथ आया हुआ था.......वो लड़का झुक के अपने साथ बैठी लेडी से कुछ कहता है ...जो शायद उसकी मोम थी और वो लेडी अपने साथ बैठे आदमी से कुछ कहती है .....दोनो वो लेडी और वो आदमी कविता की तरफ देखते हैं...रूबी भी इस बात को ताड़ लेती है ....और कविता के कान में कहती है...लगता है मेरा होने वाला जीजा आज ही फिक्स हो जाएगा .....

कविता घबरा जाती है .....उसके तो पसीने छूट जाते हैं....एक नज़र वो फिर उस लड़के पे डालती है.....जो अब भी उसे ही देख रहा था ...कि वो लेडी उस लड़के को झाड़ती है और वो मजबूरन अपनी नज़रें झुका लेता है...कविता मन ही मन मुस्कुरा देती है ....आज पहली बार कविता के दिल की धड़कन बड़ी हुई थी.

सुनील...क्या बात है...तुम दोनो क्या फुसफुसा रही हो.....

कविता और भी शर्म से लाल पड़ जाती है ....

रूबी ...भाई लगता है कविता की डॉली उठने का वक़्त नज़दीक आ गया है.

सुनील/सुमन/मिनी .......कययय्याआआआअ

रूबी ....बस देखते जाओ ( फिर उठ के सुनील के कान में बोल कर उस लड़के की तरफ इशारा करती है जो अब नज़रें झुकाए अपनी माँ से कुछ बात कर रहा था) 

सुनील भी कनखियों से उस लड़के को देखता है...उसकी पर्सनॅलिटी से प्रभावित हो जाता है ....

तभी उस लड़के के माँ बाप उठ के इनकी टेबल की तरफ आते हैं....

बाप .....बेटा अगर तुम्हें इतराज ना हो तो कुछ देर तुम लोगो के साथ बैठ सकते हैं.......मेरा नाम विजय केपर है और ये है मेरी वाइफ अंजलि 

सुमन.....जी शौक से ( तब तक सुनील सुमन के कान में रूबी की बात डाल चुका था)

सुनील .....दो और चेर्स अपनी टेबल पे लगवाता है और वो दोनो बैठ जाते हैं.

विजय अपनी बात शुरू करता है....अपने बारे में बताता है कि उसका लंबा चौड़ा गारमेंट एक्सपोर्ट का बिज़्नेस है और उसका लड़का राजेश भी उसके साथ है जिसने एमबीए किया हुआ है....साथ में वो अपनी ट्रॅवेल एजेन्सी भी चलाता है ......

इतना सब बोलने के बाद अंजलि ......सुमन की तरफ मुखातिब हो के बोली....'बहनजी हमे आपकी लड़की ...(कविता की तरफ इशारा करते हुए) बहुत पसंद है...अगर आपको ऐतराज ना हो तो हम इसे अपनी बहू बनाना चाहते हैं.....

टेबल पे वाकई में कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया....किसी ने सोचा ही नही था ...कि यूँ एक दम सीधे शादी की बात हो जाएगी ...और कविता का तो बुरा ही हाल हो गया था....

सुनील....आंटी जी अभी मेरी बहन पढ़ रही है ...उसका एमबीबीएस का कोर्स अभी ख़तम नही हुआ है...तो....

विजय.......बेटे ये जान कर बहुत खुशी हुई कि तुम्हें अपनी बहन के करियर की चिंता है...उसे उसके पैरों पे खड़ा होते हुए देखना चाहते हो ...मैं वादा करता हूँ...कविता की पढ़ाई पे कभी कोई रुकावट नही आएगी...जितना चाहे पढ़े ...उल्टा मैं तो चाहूँगा कि एमबीबीएस के बाद एमडी भी करे .....लेकिन...मेरी एक रिक्वेस्ट है.....राजेश को हम कब्से बोल रहे हैं शादी के लिए ...कभी नही माना...आज उसने खुद ही तुम्हारी बहन के लिए हमे पुजॉर रिक्वेस्ट करी है..तभी हम बात करने आ गये...एक ही बेटा है मेरा ....और मैं चाहता हूँ...अगर आप लोग राज़ी हो तो कल ही हम माँगनी कर दें....

सुमन....जी कलल्ल्ल्ल्ल

आरती ...जी बहन जी ...मैं तो चाहूँगी ...कि कुछ दिनो में यही शादी भी करदें और हम अपनी बहू को साथ लेके जाएँ....अरे अभी तक गुड़िया का नाम भी नही पूछा मैने....

सुनील....फिर सबका परिचय देता है...सुमन को कविता की मासी कर के इंट्रोड्यूस करता है........फिर रूबी से बोलता है .......रूबी बेटा ...जा ज़रा भाभी को बुला ला ......

विजय भी राजेश को वहीं बुला लेता है ...जो सबसे पहले सुमन के पैर छूता है और फिर सुनील से हाथ मिलाता है...नज़रें उसकी कविता पे ही गढ़ी रहती हैं....

राजेश से मिल सभी इंप्रेस होते हैं....कुछ देर में रूबी सोनल को ले आती है ....

आरती ...कविता को अपने पास बैठने को बोलती है ...तो वो बहुत ही शरमाती है...फिर सोनल उसे उठा के आरती के पास बिठाती है और आरती अपने गले से हीरे का हार निकाल कविता के गले में डाल देती है...सब कुछ तेज़ी से ही हो रहा था....


सुनील....आंटी जी आपने तो सूपरसॉनिक जेट की स्पीड पकड़ ली......मेरे ख़याल से पहले राजेश और कविता को कुछ देर अकेले रहने का मोका दिया जाए ताकि ये एक दूसरे से बात कर एक दूसरे को समझ तो सकें.

आरती ....बेटे इसकी कोई ज़रूरत नही ..मैं अपने बेटे को अच्छी तरहा जानती हूँ.....और अब तक तो हम सब ही समझ चुके हैं कि आपकी फॅमिली कैसी है और ये लड़की कितनी गुणी है...हमे कुछ और नही चाहिए...हां बिटिया अगर राजेश से कुछ बात अकेले में करना चाहती है तो हमे कोई इतराज नही...

कविता के तो हाथ पाँव फूले हुए थे......

सुनील....नही आंटी ...ये दो ज़िंदगियों का सवाल है....बस एक दूसरे की शकल देख या परिवार के बारे में कुछ जान लेना और रिश्ते में बँध जाना ...कुछ ज़यादा ही जल्दी लग रही है मुझे ...मेरे ख़याल से इन दोनो को आपस में कुछ देर हमे अकेले छ्चोड़ देना चाहिए .....फिर उसके बाद दोनो का ही फ़ैसला सुन लेते हैं और आगे का डिसाइड करते हैं.

विजय ...जैसी तुम्हारी मर्ज़ी ....

सुनील....चलें फिर हम लोग कुछ देर बाहर चलते हैं..
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01-12-2019, 02:21 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सब उठ के चल दिए .....बस मिनी बहुत शांत थी..क्यूंकी उसके दिमाग़ में नगाड़े बज रहे थे...जब सुनील ने रूबी को कहा था ..कि भाभी को बुला लाओ...पहले तो ये झटका लगा कि सुनील की शादी कब हुई और सबसे बड़ा बॉम्ब तब फूटा जब रूबी सोनल के साथ आई ....उसे इस बात पे गुस्सा आ रहा था कि उसने सुनील को अपने बारे में सब बता दिया था पर सुनील ने इतनी बड़ी बात छुपा के क्यूँ रखी. वो अब इंतेज़ार कर रही थी सुनील से अकेले मिलने का और अब तो उसके पास वजह भी आ चुकी थी.

सब लोग बाहर चले गये और एक दूसरे के परिवार के बारे में बातें करने लगे.....

अंदर ....

राजेश......कविता ये बेवकूफ़ पसंद आया कि नही ....अब तुम सोच रही होगी कि अभी कुछ देर पहले देखा और फट से अपने माँ बाप को तुम्हारे भाई के पास भेज भी दिया सीधा शादी की बात करने को........सच कहूँ.........कुछ देर वो चुप रहा और कविता की तरफ देखने लगा जो नज़रें झुकाए बैठी थी जिसके होंठ ही नही पूरा जिस्म कांप रहा था......जब से तुम्हें देखा तो बस यही लगा ...कि यही वो लड़की है जिसका मैं कब से इंतेज़ार कर रहा था....मम्मी तो मेरी जान खा गयी थी ..शादी के लिए...रोज किसी ना किसी लड़की की तस्वीर ले आती थी....पर मुझे कभी कोई पसंद ही नही आई....

कविता बस चुप ही रही....

राजेश ...तुम्हें कुछ पूछना नही ...

कविता ...भाई जो करेगा ...ठीक ही करेगा मेरे लिए ......

राजेश ...इतना भरोसा अपने भाई पे....

कविता...जान से भी ज़यादा ....आप नही जानते भाई ने मेरे लिए क्या क्या किया है...और आप मेरे बारे में कुछ भी तो नही जानते .....

राजेश.....इतना तो मैं गॅरेंटी से कह सकता हूँ...तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड नही ....तुम ऐसी लड़की हो ही नही ...इसलिए ये बहाना मत लगाना कि तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है वगेरह वागेहराह ......रही बात तुम्हारे एमबीबीएस पूरा करने की और आगे पढ़ने की ....डॅड पहले ही बोल चुके हैं और मुझे भी खुशी होगी कि तुम अपनी पढ़ाई पूरी करो ....बस मैं तुम से दूर नही रह सकता...ये सब तुम शादी के बाद भी कर सकती हो...

कविता....जिंदगी के कुछ सच बहुत कड़वे होते हैं....अगर उनके बारे में बाद में पता चले तो रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है ...


राजेश ....मैं इतना जानता और समझता हूँ कि तुम्हारी जिंदगी में कोई और नही है...बाकी किसी बात से मुझे लेना देना नही...ना ही मैं जानना चाहता हूँ....अब ये बताओ...मैं पास हूँ या फैल...

कविता ....कुछ नही बोल पाई.....

राजेश ने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया .......लरज गयी वो कांप उठी पूरे बदन में खलबली मच गयी ....

राजेश : बोलो ना मैं पास हुआ ...या फैल.....वादा करता हूँ तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा और मोम डॅड तो तुम्हें सर पे बिठा के रखेंगे.....प्लीज़ हां कर दो ना ....वरना में जी नही पाउन्गा....

कविता ने झट से उसके मुँह पे हाथ रख दिया और फिर फट से हटा भी लिया....

कविता....चलिए अब....

राजेश....अरे जवाब तो दो....

कविता....बस गर्दन झुका चुप चाप हां में हिला देती है....

राजेश ...उसके हाथ को अपने हाथ में मसल्ते हुए....ऐसे नही ...इन लबों को थोड़ा सा कष्ट दो ...ताकि मेरे कानो को भरोसा हो जाए .....देखो मेरा दिल कितनी ज़ोर से धड़क रहा है....कविता के हाथ को अपने सीने पे रख देता है ....कविता तो शर्म के मारे मर ही गयी थी....और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है...

राजेश...उम ह्म...ये हाथ तो अब जिंदगी भर नही छुटेगा. अब जल्दी से हाँ बोल दो नही तो पूरी वॉल्यूम पे चिल्ला के सबके सामने पूछ लुगा 

कविता ने घबरा के राजेश की तरफ देखा जैसे कह रही हो..क्यूँ रुसवा कर रहे हो..कह तो दिया हां.....प्लीज़ छोड़ो ना सब इधर ही देख रहे हैं....


राजेश ...तो जल्दी से हां बोल दो.....

कविता...बहुत ही धीमी आवाज़ में...हां बाबा हां...अब तो छोड़ दो....

राजेश ....अपना कान उसके आगे ले जाते हुए.....क्या कहा कुछ सुनाई नही दिया......

कविता....उफफफ्फ़ हां अब तो छोड़ो...

राजेश ......अब तो बिल्कुल ही नही छोड़ सकता .......कोई और पसंद कर गया तो मैं तो मारा जाउन्गा...

कविता नज़रें झुकाए मुस्कुराने लगी......

राजेश ....बड़ी ज़ोर से चिल्लाया..........ययययययययययाआआआआआआहूऊऊऊऊऊऊऊऊऊ मैं पास हो गया...................

और तभी बाकी लोग अंदर घुस्से और रेस्टोरेंट में बैठे सभी तालियाँ बजाने लगे ......कविता शर्म से लाल हुई जा रही थी ...उसे ये तो बिल्कुल भी उम्मीद नही थी की राजेश यूँ खुल के एलान कर देगा ....दिल की धड़कने सूपरसॉनिक जेट की स्पीड को भी मात करने लगी थी...
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इधर
अपने सामने घायल पड़े लड़के को देख सवी खुद को रोक ना पाई और उसने सुनील को फोन कर डाला....शायद समय आ गया था कि सुमन को उसकी जिंदगी के उस राज़ का पता चले जिसके बारे में उसे कोई इल्म नही था....और इस बात को सिर्फ़ दो लोग जानते थे समर और सवी......अभी सवी ने अड्रेस सुनील को एसएमएस करना था....पर पता नही क्यूँ उसने खुद को रोक लिया .....क्यूंकी उसे इस बात का बड़ा ताज्जुब था कि ये लड़का इस हालत में घायल हॉस्पिटल में कुछ लोगों द्वारा लाया गया...इसके मा बाप कहाँ गये ....शायद सवी इस लड़के को अच्छी तरहा जानती थी.....लड़का अभी भी बेहोश था....सवी ने सारी ज़िम्मेदारी खुद पे ली और फटाफट उस लड़के का इलाज़ शुरू करवाया...उसके सर पे काफ़ी चोटें थी...

सवी उस लड़के के होश में आने का इंतेज़ार कर रही थी.....उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था ...जो हालत उस लड़के की थी...कुछ भी हो सकता था...शायद वो कल की सुबह देखे ही नही.....आइसीयू में सवी रात भर उसे देखती रही ....

टिक टिक कर के रात गुजरती रही...सवी रात भर उस लड़के की मॉनिटरिंग करती रही....अगले दिन दोपहर को उस लड़के को होश आया .....पर .....वो खुद को ही नही पहचान पा रहा था.....वो चीखने चिल्लाने लगा तो उसे नींद का इंजेक्षन दे दिया गया....हो सकता था कि उसे कोई जबरदस्त सदमा पहुँचा हो जिसकी वजह से वो वक़्ती तौर पे खुद को पहचान ना पा रहा हो और ये भी हो सकता था कि वो अपनी यादशत खो बैठा हो.......

इस हालत में सवी ने सुनील और सुमन को कुछ बताना ठीक नही समझा ...पर उसे ये कहाँ मालूम था कि कविता की सगाई होनेवाली है और उसे वापस जाना ही पड़ेगा.....

यहाँ डिन्नर के बाद सब लोग अपने अपने कमरे में चले गये थे ...बस रूबी और कविता ...सुनील के कमरे में उसके साथ थे.

सुनील ने मुंबई अपने दोस्त को फोन लगा कर केपर फॅमिली के बारे में सब कुछ पता करने को कहा और उसे गोआ ही बुलवा लिया.
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सब लोग लिविंग रूम में बैठे हुए थे और रूबी बार बार कविता को छेड़ रही थी.....कविता बेचारी शर्म की मारी सोनल के पीछे दुबक के बैठ गयी थी.

इनकी चुहल बाजी कविता के संग चल रही थी खास कर रूबी और सोनल की ......और वहाँ एक और कमरे में...विजय और आरती बहुत खुश थे कि उन्हें कविता जैसी बहू मिल रही थी....उनके बेटे को आख़िर एक लड़की पसंद आ गयी थी....

विजय थोड़ा सीरीयस सा हो गया था.......

आरती ..क्या बात है..ये तो खुशी का मोका है आप इतना सीरीयस क्यूँ हो गये हो ....

विजय .....आरती ...ये लोग बहुत अच्छे हैं...दिल के सॉफ हैं...देखना ...कविता ..सुनील की सोतेली बहन है ...उसके मोसा की तरफ से ....उसने कुछ नही छुपाया ....और इस बात का हमे कोई फरक नही पड़ता क्यूंकी उसके साथ अब ड्र. सागर का नाम जुड़ गया है ....और हमे क्या चाहिए ....मैं सोच रहा था कि हमे भी अपना राज़ उन्हें बता देना चाहिए.....

आरती ...पागल तो नही हो गये ...क्या....क्या चाहते हो...राजेश की शादी टूट जाए .....देखा नही कितना प्यार करने लग गया है वो कविता से...हज़ारों लड़कियाँ उसे दिखाई हर एक नो ना करता रहा ...आज खुद उसने एक लड़की पसंद करी है .....और जब कविता को ये बात पता चलेगी तो...तो क्या राजेश से छुपेगी ...वो उसकी बीवी बनने जा रही है .......जानते भी हो क्या असर पड़ेगा राजेश पे...क्यूँ खोना चाहते हो अपने बेटे को....

विजय ...मेरे ख़याल से अब वक़्त आ चुका है...हमे पहले राजेश को ही सब कुछ बता देना चाहिए .....आज तक कितनी कोशिश करी है कि उसे कुछ ना पता चले....पर अगर कहीं उसे बाहर से पता चला तो और भी बुरा होगा .....

आरती .....नही नही ऐसी ग़लती मत करना प्लीज़ ....राजेश बर्बाद हो जाएगा...मेरा बेटा बर्बाद हो जाएगा...नही ...नही...आपको मेरी कसम.......और वो बील्कख बिलख के रोने लगी....

विजय....आरती तुमने कसम दे कर अच्छा नही किया ...कहीं बाद में कोई बारूद ना फट जाए हमारे बेटे की जिंदगी में.

आरती ....आप समझते क्यूँ नही ...जैसे ही उसे ये पता चलेगा ...उसकी माँ का रेप हुआ था ....वो पागल हो जाएगा ...निकल पड़ेगा सड़कों पे भूके शेर की तरहा ....बाद की सच्चाई तो वो शायद फिर भी बर्दाश्त कर ले..पर ये नही कर पाएगा ....प्लीज़ आपके हाथ जोड़ती हूँ...मत करिए ऐसा ....मैं इस मामले में कुछ नही सुनूँगी ...रहने दीजिए इस राज़ को राज़ ...मत खेलिए अपने बेटे की जिंदगी से....

विजय आरती को अपने गले से लगा लेता है...जैसा तुम कहो...अभी चुप हो जाता हूँ...पर एक दिन उसे बताना ही पड़ेगा........

यहाँ दूसरे कमरे में.....

सुनील....रूबी और कविता ...अब तुम दोनो जा के सो जाओ...मुझे तुम्हारी भाभी से कुछ ज़रूरी बात करनी है....दोनो बहनें अपने कमरे में चली गयी...

उनके जाने के बाद ....सुनील विस्की ले के बैठ गया ........

सोनल....सुमन के गले लगते हुए ....हाई दीदी इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी ऐसे इतनी जल्दी पूरी हो जाएगी कभी ख्वाब में भी नही सोचा था .......कितने अच्छे लोग हैं और सबसे बड़ी बात राजेश बहुत अच्छा है....हमेशा खुश रखेगा कविता को...

सुनील...आए आए मेरा पत्ता तो नही काट रही है ना

सोनल...धत्त ...कुछ भी बोल देते हो .....

राजेश का कमरा इनकी हट से कोई ज़यादा दूर नही था ......अभी इनकी चुहलबाजी शुरू ही हुई थी ...कि राजेश के गाने की आवाज़ इन्हे सुनाई देने लगी ....

सुनील....ये तो मुझ से भी बड़ा आशिक़ निकला 

राजेश अपने कमरे में मोबाइल पे कविता की फोटो को देखते हुए नाच रहा था और गा रहा था.....

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे खिलता गुलाब
जैसे शायर का ख्वाब
जैसे उजली किरण
जैसे बन में हिरण
जैसे चाँदनी रात
जैसे नर्मी की बात
जैसे मंदिर में हो
एक जलता दिया...
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे सुबह का रूप
जैसे सर्दी की धूप
जैसे बीना की तान
जैसे रंगों की जान
जैसे बलखाए बेल
जैसे लहरों का खेल
जैसे खुश्बू लिए
आए ठंडी हवा....
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
जैसे नाचता मोर
जैसे रेशम की डोर
जैसे परियों का राग
जैसे सॅंडल की आग
जैसे सौलह सिंगार
जैसे रस की फुहार
जैसे आहिस्ता आहिस्ता
बरहता नशा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...

उसके गाने की आवाज़ रूबी और कविता के कमरे तक भी जा रही थी....

रूबी ...हाई मारजावां...काश मुझे ऐसा लड़का मिल जाता ....ये तो गया काम से ...कवि बस तेरे आगे पीछे ही घूमेगा...
कविता...धत्त और शर्मा जाती है ...
रूबी ...यार गाता भी बहुत बढ़िया है ...

उधर सुनील भी सोनल को बाँहों में ले डॅन्स करने लग गया ...थोड़ी देर सोनल के साथ फिर थोड़ी देर सुमन के साथ और साथ में गीत भी गुनगुनता रहा

थोड़ी देर बाद इनका डॅन्स ख़तम होता है और सुनील दोनो को अपने सामने बिठा लेता है .....

सुनील....तुम दोनो से बहुत ज़रूरी बात करनी है

सुनील...सोनल ड्रिंक बना यार 

सुनील अब सीरीयस मूड में आ चुका था....सुमन उसके पास जा के बैठ गयी ....'क्या बात है....खुशी के टाइम सीरीयस क्यूँ....'

सुनील सब बताता हूँ.....
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल ड्रिंक बना के ले आई और सुनील खत से बॉटम्स अप कर गया ....सोनल आँखे फाडे उसे देखती रही ....

सुनील ने उसे और ड्रिंक का इशारा किया....

सोनल...अब ऐसे नही पीने दूँगी...आराम से पीना और ...अरे दीदी इनके लिए कुछ स्नॅक्स तो मंगवालो ...ऐसे तो बहुत नुकसान करेगी....

सुमन स्नॅक्स का ऑर्डर दे देती है...जब तक स्नॅक्स नही आते सोनल...सुनील को बिल्कुल भी नही पीने देती.

उधर राजेश अपने सभी दोस्तों को फोन करने में लगा हुआ था और सबको अगले दिन गोआ बुलवा लिया.

राजेश अपने दोस्त विमल से फोन पे बात कर रहा था....

राजेश ....यार कल आजा फटाफट ...शाम तक पहुँच जाना 

विमल...क्या भाई तू तो फॅमिली के साथ गया हुआ है ...मैं क्या करूँगा वहाँ ...अंकल आंटी के सामने तो खुल के पी भी नही सकते.

राजेश ...घोन्चु महाराज ....फिर मत कहना तुझे तेरी होनेवाली भाभी से नही मिलाया ....फिर सीधा भाभी से ही मिलेगा ...कल शाम को एंगेज्मेंट है.

विमल...ककक्क्क्यययययाआआआअ

राजेश ...कान खराब हो गये क्या...

विमल...कान साला दिमाग़ खराब हो गया....

राजेश ...अच्छा सुन अंकल आंटी को भी साथ ले कर आना ....

विमल...अबे तेरी सगाई हो और मम्मी पापा को नही लाउन्गा तो घर से ही निकाल देंगे ...उनके लिए तो तू तू है उनका प्यारा बेटा ...अपुन को कॉन पूछता है ...

राजेश ...हां ये तो है ...वैसे हो सकता है तुझे भी साथ में हथकड़ी लग जाए 

विमल....बाप क्यूँ मेरी लेने पे तुला हुआ है ...सॉफ सॉफ बोल...

राजेश ...घोन्चु अगर मेरी साली ने तुझे पसंद कर लिया तो मज़ा आ जाएगा.....

विमल...ओए ओए या क्या लफडे डालने लगा है तू ...

राजेश ...यार मैने तो देखते ही उसे अपनी भाभी बनाने का फ़ैसला कर लिया था ......अब डिपेंड करता है तेरे जैसा बंदर उसे पसंद आता है या नही ...

विमल ...बंदर और मैं और वो हूर की परी ...

राजेश ....1+1 की स्कीम होती तो तुझे पूछता भी नही ...

विमल .... आ रहा हूँ बाप शाम को नही दोपहर को ही पहुँच जाउन्गा ...अड्रेस एसएमएस कर फटा फट ...

राजेश रूबी को अपने दोस्त के लिए पसंद कर चुका था.

राजेश ने पहले सोचा रूबी की फोटो जो चोरी छुपे खींची थी वो भेज दे विमल को...पर रुक गया ....डाइरेक्ट आमना सामना उसे बेहतर लगा ....फिर से कविता की फोटो अपने मोबाइल पे देखने लगा ...ये इंतेज़ार कब ख़तम होगा जानेमन ....ठंडी साँस भरता हुआ सोने की कोशिश करने लगा पर आँखों के सामने कविता का शरमाया हुआ चेहरा फिर लहराने लगा ....हाई ये तो ज़्यादती है ..अब तो तुम सोने भी नही दोगि ...अपने आप से बात करता हुआ वो कमरे से बाहर निकल गया और समुद्र की ठंडी हवा का मज़ा लेने लगा .....

अब ज़रा देखते हैं सुनील के कमरे में क्या हो रहा है .........

स्नॅक्स आ चुके थे ........सोनल ने सुनील को पीने के लिए हरी झंडी दे दी थी ....पर एक कंडीशन के साथ कि वो साथ में कुछ ख़ाता रहेगा और धीरे धीरे पिएगा .......

इतना वो समझ गयी थी ...कि सुनील किसी टेन्षन में है ...मस्ती मारनी होती तो वाइन पीता...विस्की का मतलब ही टेन्षन था और वो अंदर ही अंदर परेशान थी कुछ यही हाल सुमन का भी था....

सुनील के एक तरफ सुमन बैठी हुई थी और दूसरी तरफ सोनल .....दोनो ने सुनील का साथ देने के लिए थोड़ी थोड़ी वाइन डाल ली थी अपने ग्लासस में लेकिन उनकी स्पीड सुनील से बहुत कम थी.....सारा ध्यान उनका बस इसमे था कि वो क्या बात करनेवाला है...

सुनील......याद है जब सवी और रूबी को लाया था ...तब कितनी टेन्षन रहती थी कि कहीं रमण या समर कुछ उल्टा सीधा ना कर दें....

दोनो के दिल ज़ोर से धड़कने लगे ...क्या बोलनेवाला है सुनील.......

सुनील....उस वक़्त मैने सेक्यूरिटी को ध्यान रख तीन नंबर लिए थे एक मेरे पास रहता ..एक सवी के पास और एक रूबी के पास ...ये 3 एसओएस नंबर थे ...यानी तभी इस्तेमाल करना जब कोई बहुत बड़ा ख़तरा हो ...वरना कभी नही...

सोनल...फट पड़ी ...उस दिन हम कितना परेशान हो रहे थे....आपने तब क्यूँ नही बताया ...मासी से मैं माफी माँग लेती .......

सुनील.....अच्छा तुम माफी माँग लेती ...सुमन भी उससे माफी माँग लेती उसके बाद ...उसके बाद क्या ...तुम उसे वापस बुलाती और दो दिन बाद फिर तुम लोगो का झगड़ा 

अब सोनल और सुमन दोनो की गर्दन झुक गयी ....
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील...मैं चाहता था कि वो अपने बारे में ध्यान से सोचे ...उसके लिए उसे अकेला छोड़ना भी ज़रूरी था ....मैं नही चाहता कि वो वापस आए और अपने दिमाग़ में मेरे लिए वही भावनाएँ रख के आए ...जिन्हें ले कर वो यहाँ से गयी थी ....खैर आज दोपहर में उसका [फोन आया था ...तो मैं घबरा गया था ...उस वक़्त मैं तुम्हारे साथ था सोनल....याद है जब मैं बाथरूम भागा था......उसने मुझे और सुमन को बुलाया है ....अड्रेस एसएमएस करना था उसने पर अभी तक नही किया.....बहुत परेशान लग रही थी ...पता नही क्या बात थी..मैने उसे 5 दिन बाद आने का कह दिया था.....लेकिन अब तो उसे यहाँ बुलाना ही पड़ेगा...कविता की शादी उसके बिना नही हो सकती...

इतना बोल कर सुनील चुप हो गया.....

कुछ देर कमरे में सन्नाटा छाया रहा ...सुनील शायद इंतेज़ार कर रहा था कि दोनो में से कोई कुछ बोलेगा या फिर उससे नाराज़गी जताएगा ...पर ऐसा कुछ नही हुआ...कुछ देर बाद .....

सुमन...मेरी सवी से बात करा दो ना प्लीज़ ...मैं खुद उसे यहाँ बुलाना चाहती हूँ....

सुनील कुछ पल सोचता है फिर अपना एसओएस नंबर निकाल कर सवी का नंबर मिला कर सुमन को मोबाइल पकड़ा देता है ....

सवी ....तुमने फोन क्यूँ किया ...अब आने की ज़रूरत नही इसीलिए मैने एसएमएस नही भेजा था ....छूटते ही सवी बोली....

सुमन ....छोटी मैं बोल रही हूँ...

सवी..द ...द ..दी तुम्म्म्म्म

सुमन...हां छोटी...मैं और सोनल दोनो तुझ से माफी माँगना चाहते हैं...वापस आजा यार 

सवी ...नही दी अब मैं कभी वापस नही आ सकती .....

सुमन...कल कविता की मँगनी है ...कल तो तुझे आना ही पड़ेगा ...वरना उसकी ससुराल वालों को क्या कहेंगे ....

सवी...कह देना ...उसकी सौतेली माँ मर गयी ...(और सवी फोन काट देती है...साथ में ऑफ भी कर देती है)

सुमन ने फिर फोन ट्राइ किया ......पर इस बार ऑफ मिला....

सुमन ....उसने फोन कट दिया और ऑफ भी कर दिया ...बहुत नाराज़ है 

सोनल....दीदी अगर वो नाराज़ है तो क्या हम इनको उस से बाँट लें

सुनील.....सोनल....वो चिल्ला ही पड़ा

सोनल.....आप ही बताइए क्या करें .....एक तरफ आप उनकी ज़िम्मेदारी की बात करतें हैं...दूसरी तरफ वो आपको पाना चाहती है ......मैं अपनी जान देदुन्गि अगर कोई और आपकी जिंदगी में आया दीदी के सिवाय .......वो बिलख बिलख के रोने लगी ....

सुमन....उफ़फ्फ़ ये लड़की भी ना ....और सोनल को अपने गले लगा उसे समझाने लगी ...पगली इनकी बात तो समझ क्यूँ गुस्सा आया ...तूने बाँटने की बात करी तभी ....अब चुप कर क्यूँ इन्हें और परेशान कर रही है ...और कम परेशानियाँ हैं क्या ......अब ये सोचना है कविता के ससुराल वालों को क्या बोलेंगे ....शुक्र है अभी तक ये नही कहा कि कल परसों आ जाएगी ...कोई तो बहाना लगाना पड़ेगा....

सोनल सिसकती हुई ....खुद के आँसू पोंछती हुई आइ है....और सुनील के गले लग जाती है ...मुझे डांटा मत करो आप नही सहा जाता 

सुनील.....जान तुझे कैसे यकीन दिलाऊ ....तुम दोनो के अलावा मेरी जिंदगी में कोई नही आ सकता ....तुझ से वादा भी किया था भूल गयी क्या....

सोनल....आप नही समझोगे ...बहुत कमजोर हो जाती हूँ...जब भी कोई आपके पीछे पड़ जाता है ....मासी तो मासी यहाँ तो भाभी भी आपके पीछे पड़ी है .....और आप बहुत सीधे हो .....दुनिया के लिए जान तक देने लग जाते हो ....मैं क्या करूँ जानम...24 घंटे ये डर नही निकलता मेरे दिमाग़ से ....दिल बार बार कोस्ता है मुझे ....पर आप हो ही ऐसे ....दूसरे दुख का पहाड़ दिखाएँगे और आप अंदर ही अंदर टूटने लग जाते हो .....

सुनील....सोनल मेरी जान ....आज सूमी इस बात की गवाह है ......अगर किसी भी दिन मैने किसी और औरत को वासना की दृष्टि से छू लिया तो वो मेरी जिंदगी का आखरी दिन होगा ....मैं खुद अपनी नज़र से गिर गया तो जी नही पाउन्गा जान ....(सुनील रो पड़ा )

सुमन ....ने दोनो को अपनी बाँहों में समेट लिया ......क्यूँ दिल दुखा रहे हो हम दोनो का .....मेरी जिंदगी ही अभिशाप बन के रही है ...जिसका असर तुम दोनो पे पड़ रहा है .....

सुनील....जो होता है वो तो होना ही होता है ...वरना ....तुम मेरी जिंदगी में कैसे आती .....और आज मैं डॅड का शुक्रगुज़ार हूँ ....एक हद तक उस कमिने का भी ....जिसने मुझे तुमसे प्यार करने के लिए मजबूर कर दिया ...ना वो सेक्स लेसन्स होते ना मेरे दिल में तुम्हारे लिए भावनाएँ जागृत होती ......आइ लव यू बोथ ...एक दिन नही रह सकता तुम दोनो के बिना .....तुम दोनो जब कान्फरेन्स गयी थी .,. दीवारें तक मुझ से पूछ रही थी ...कहाँ है तुम्हारा प्यार ...

कुछ पल शांति रहती है ......
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील.....अब तुम दोनो में से कोई भी ये नंबर यूज़ नही करेगा ......सवी से बात करने के लिए ....मुझे कभी मजबूर मत करना ....और मुझे ना बोलनी पड़े (सुनील बहुत सीरीयस हो चुका था)

सोनल तो फट से उस से अलग हो उसका चेहरा देखने लगी ........इतना सीरीयस उसने कभी सुनील को नही देखा था 

और सुमन भी कुछ सीरीयस हो चुकी थी ....आज के सोनल के बर्ताव को देख वो कुछ कड़वा फ़ैसला लेने जा रही थी....उसका दिल रो रहा था ये फ़ैसला लेने के लिए ...लेकिन इस वक़्त उसे सोनल एक सौतन नही अपनी वही प्यारी सी बेटी नज़र आ रही थी ...जिसके लिए वो अपनी जान तक दे सकती थी .....आज की रात उसके लिए बहुत बड़ी थी .....

सुमन......सोनल तू रात को इनका साथ देगी (ये सवाल उसने जान भुज के किया था)

सोनल....ना बाबा ना ....आप ही सम्भालो इनको ...मैं तो सोने चली ...मेरे बस का नही आज की रात (और सोनल उठ के सीधा बेडरूम की तरफ चली गयी)

सुनील....समझ गया था कि सुमन ने सोनल को भेजने के लिए जान भुज के ये बात करी थी...

सुमन ....कितना प्यार करते हो मुझ से 

सुनील .....ये सवाल सुनते ही डरने लग गया .....क क क्या कहना चाहती हो ....कुछ उल्टा सीधा मत माँग लेना मुझ से ....तुम्हें मेरी कसम.

सुमन....और तुम्हें मेरे प्यार की कसम ... तुम ना नही करोगे 

सुनील....कुछ भी माँग लो ....जान देदुन्गा तुम्हारे लिए ...पर भूल के भी मुझ से दूर जाने की बात मत करना ....

सुमन....अपने मन में...वाह रे प्यार ....ये प्यार सागर और मेरे बीच क्यूँ नही हुआ था....ये प्यार ही तो सारी जिंदगी चाहती थी मैं .....मुझे माफ़ करना मेरी जान ...मेरे पास कोई रास्ता नही बचा .....वरना मेरी बेटी ...खो जाएगी कहीं....

सोनल अंदर जा के लेट तो गयी थी ...लेकिन ...उसका दिल उसकी रूह उसे कुछ और ही इशारा करने लगी थी ...जैसे कुछ बहुत ही ग़लत होने जा रहा हो ....वो उठ गयी और लिविंग रूम के एक कोने में जा के खड़ी हो गयी ...और दोनो की बात सुनने लगी......3 जिस्म एक जान शायद इसी को कहते हैं.....

सुमन...जान मेरी बात तो सुन लो ....

सुनील.....तुम क्या कहना चाहती हो ...मैं जानता हूँ....

सुमन आँखें फाडे सुनील को देखती रही ....

सुनील...तुम यही कहना चाहती हो ना ...कि तुम प्रेग्नेंट हो जाओ और कहीं दूर चली जाओ ...ताकि मेरे पास सिर्फ़ सोनल रह जाए और हम दोनो एक दूसरे को ज़यादा अच्छी तरहा समझ सकें.....मैं तुम से वादा करता हूँ....सोनल को एक पल के लिए भी कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा ...पर दूसरे जो करते हैं उनका दोषी तो मुझे मत बनाओ......तुम मुझ से वो पल छीनना चाहती हो ...जब मेरा बच्चा तुम्हारे पेट में पले ....तो मैं दूर रहूं...जब तुम्हें मेरी सबसे ज़यादा ज़रूरत हो...मैं तुम से दूर रहूं....ये नही हो सकता ...किसी कीमत पे नही हो सकता.....इतना बड़ा इम्तिहान मत लो मेरा के मैं बिखर जाउ ...मत करो ऐसा मेरे साथ........प्लीज़ मत करो ऐसा मेरे साथ......(रो पड़ा सुनील)

सोनल के लिए तो ज्वारभाटा क्या तुफ्फानो की बाढ़ आ गयी थी ...भागती हुई वो सुमन के कदमों में आ गिरी ...मम्मी मेरी ग़लतियों की इतनी बड़ी सज़ा ....नही मम्मी ...दस थप्पड़ मार लो...पर हम दोनो को छोड़ के जाने की बात कभी मत बोलना (आज सोनल दीदी नही मम्मी बोल रही थी ....क्यूँ ये सिर्फ़ उसका दिल ही बता सकता था) सोनल बिलखने लगी ......मैं कभी उफ्फ तक नही करूँगी ...जो आप दोनो बोलोगे वही करूँगी ....ये सज़ा मत दो मम्मी वरना मैं मर जाउन्गि ......

सुमन ने फट से उसे उठाया .....मारूँगी तुझे ....अगर अब रोई तो ...कहीं नही जा रही मैं (कॉन हारा कॉन जीता ....ये कोई नही जानता था...बस इतना ही सच था ...कि तीनो एक दूसरे से जुदा नही हो सकते थे 

सुनील ने दोनो को अपनी बाँहों में समेट लिया और दोनो के चेहरों पे चुंबनो की बरसात कर दी .....तीनो ही रो रहे थे......
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
कुछ देर बाद सोनल ने खुद को संभाला ......आप दोनो अंदर चलो मैं वाइन ले के आती हूँ 

सुनील और सुमन अपने आँसू पोछते हुए ...उसे देखने लगे ......

सोनल....उफ्फ ये तो विस्की ले रहे थे ....दोनो ही ले के आती हूँ......चलो अंदर आप...यहाँ नही रहने दूँगी ...पता नही फिर क्या क्या ...ना ना अब कभी अकेले नही छोड़ूँगी....

सुनील और सुमन ने एक दूसरे की तरफ देखा और सुनील ने सुमन को बाँहों में उठा लिया और अंदर बेडरूम की तरफ बढ़ गया ......दोनो को यूँ जाता देख सोनल को बहुत सकुन मिला...और वो पेग तयार करने लगी.......

सुनील ....सुमन को बेडरूम में ले गया ....और उसे बिस्तर पे लिटा दिया और खुद सामने पड़ी कुर्सी पे बैठ गया ......सुमन उसके दिल की हालत अच्छी तरहा समझ रही थी....दोनो बीवियों ने मिल के अच्छी वाट लगाई थी उसकी.....बड़ा प्यार आ रहा था सुमन को सुनील पे...लेटी नही रह सकी और उठ के सुनील के पास जा कर कुर्सी की बाँह पे बैठ गयी और झुकते हुए उसके होंठों के पास अपने होंठ ले गयी....'नाराज़ हो क्या .....'

'तुम से कभी नाराज़ हो सकता हूँ क्या' सुनील ने उसे अपनी गोद में बिठा लिया ......और उसके होंठों से अपने होंठ रगड़ने लगा .

सोनल भी थोड़ी देर में दोनो के लिए पेग बना लाई ......सुमन तभी उसकी गोद से उठ गयी ......और सीधे ड्रेसिंग टेबल पे जा के बैठ गयी .....और अपने आपको सुहागन के रूप में सजाने लगी....

सुनील का मन उदास हो गया ...सुमन का दिन भर विधवा के रूप में रहना और रात को बंद कमरे में सुहागन के रूप में आना उसे तडपा देता था क्यूंकी वो सुमन के दिल की हालत भी समझता था...कितना मुश्किल होता होगा उसके लिए ये सब कर ना....

सोनल ...सुनील के चेहरे को ही देख रही थी और उसके पास आ कर बैठ गयी ...'जान ये मुश्किल के दिन भी गुजर जाएँगे ...फिर हम एक साथ कहीं और रहेंगे ....जहाँ दीदी आपको सुबह शाम सुहागन ही दिखाई देगी ......और सुनील के होंठों को चूम लेती है ...सुनील उसे अपनी बाँहों में लपेट लेता है और उसके होंठ चूसने लग जाता है ....सोनल की हालत बिगड़ने लगी थी ...पर वो जानती थी कि उसकी चूत बूरी तरहा सूजी हुई है....आज रात तो किसी कीमत पे वो चुद नही सकती थी.......वो खुद को मुश्किल से अलग करती है ....प्लीज़ आज रात मेरे साथ नही ....आज तो दीदी के साथ ही रात बिताओ ....मेरी तो दिन में ही हालत बुरी कर दी थी....ये कह वो बिस्तर पे जा के लेट गयी और तब तक सुमन तयार हो चुकी थी ....अपने सुहागन के रूप में पर अभी कपड़े बदलने थे .......

सुमन ....सुनील के पास आती है ...उसके होंठों को चूमती है ...अपनी ड्रिंक ख़तम करो मैं अभी आई.....

ये कह वो वॉर्डरोब से एक लाइनाये निकालती है और बाथरूम में घुस्स जाती है ....

थोड़ी देर बाद बाहर आ वो वहीं साइड में अदा से खड़ी हो गयी और कमरे के तापमान को बढ़ाने लगी ....




सुनील ने खट से अपना पेग ख़तम किया और उसकी तरफ लपका और सुमन फट से खिसक ली वहाँ से और दूर खड़ी ही सुनील को जीब से चिडाने लगी ........अब सुनील उसके पीछे लपकता और वो ऐन टाइम पे खिसक जाती और बेडरूम से निकल लिविंग रूम में चली गयी ...ये पॅक्डम पकडाई का खेल कुछ देर यूँही चलता रहा जिसमे दोनो को मज़ा आने लगा था...

सुमन जब दौड़ती हुई बाल्कनी की तरफ भागी तो फस गयी क्यूंकी अब गेट पे सुनील जम चुका था ....अब भागने का कोई फ़ायदा नही था...तो मटकती हुई आ कर सुनील के गले लग गयी ....

सुनील उसे गोद में उठा कर वहीं लिविंग रूम में बैठ गया .....सोनल ने वाइन की बॉटल वहीं टेबल पे छोड़ी हुई थी.

सोफे पे बैठते ही दोनो का चुंबन चालू हो गया



थोड़ी देर बाद दोनो के होंठ अलग हो जाते हैं.....और अपनी साँस दुरुस्त करने लगते हैं........

सुमन.....कपड़े तो बदल लो ......

सुनील...उतारने ही तो हैं...बाद में पहन लूँगा .......सुमन शरमा जाती है .....

सुमन...जाओ ना बदल लो प्लीज़ .....क्यूँ अच्छी ड्रेस खराब कर रहे हो.....

सुनील बेमन से उठ कर बेडरूम में चला जाता है .......और जब वापस आया तो सिर्फ़ एक शॉर्ट पहन रखा था .....सुमन तो बस उसकी चौड़ी छाती और उसकी सख़्त मास्सपेशियाँ देखती रही..

सुनील....सूमी.....

सूमी ....ह्म्म्म.

सुनील...बीच पे चलें....

सूमी .....ना ना पागल हो क्या...किसी ने देख लिया तो ....और कविता के ससुराल वाले भी तो यहीं ठहरे हैं.....

सुनील...मेरी जान रात को इस वक़्त कॉन आएगा और ये सामने का हिस्सा हमारा प्राइवेट बीच है..

दिल तो सुमन का बहुत कर रहा था खुले में बीच पर चुदने का ....पर इस वक़्त वो कोई रिस्क नही ले सकती थी ....आख़िर कविता की जिंदगी का सवाल था.

सूमी ...नही जान ...प्लीज़ ....इस बार ये सब नही ...कविता की शादी हो जाए ठीक तक...फिर चलेंगे कहीं ....और खूब मस्ती करेंगे ....

सुनील अब तक सूमी के पास आ कर बैठ चुका था.......और उसकी मरमरी बाँह पे हाथ फेर रहा था....

सुनील एक नज़र सामने पड़ी वाइन की बॉटल पर डालता है ...फिर रुक जाता है ...क्यूंकी पहले विस्की पी थी ...उसके उपर वाइन अगर ले ली तो पेट में अच्छा ख़ासा कॉकटेल हो जाएगा.

सुमन ......क्या ....बहुत दिल कर रहा है .....

सुनील कोई जवाब नही देता बस उसकी बाहें सहलाता रहता है.....

सुमन.....अच्छा चलो .....देख लेंगे जो होगा ...अगर कोई आ गया तो .....

सुनील....उसकी आँखों में झाँकता है ...जिसमे सिर्फ़ प्यार ही प्यार था....अपने सुनील के लिए वो कुछ भी कर सकती थी.....वैसे भी बीच पे मस्ती करने का सुन उसका रोया रोया खड़ा हो चुका था....डर सिर्फ़ इस बात का था कि विजय वगेरह ना देख लें......तो बात संभालनी मुश्किल हो जाएगी ....अपने परिवार में से कोई आ भी गया तो इतनी चिंता नही थी ...एक ना एक दिन तो सबको पता चलना ही था.....

सूमी....चलो ना...मेरा भी दिल कर रहा है.....

सुनील...क्या करने का....

सुमन......धत्त ....अब चलो....भी

सुनील उसे गोद में उठा लेता है और हट की छोटी सी बाल्कनी से होता हुआ बीच पे चला जाता है .........
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01-12-2019, 02:22 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
कल कल करती समुद्र की लहरों पे खेलती चाँद की किर्ने ...ठंडी ठंडी हवा ....और ठंडी ठंडी रेत का अहसास मौरम और महॉल को खुशनुमा बना रहे थे....इनकी हट वैसे भी दूर एक कोने में थी ...........सुनील सुमन को गोद से उतार देता है.........दोनो एक दूसरे से चिपक जाते हैं...........

सुमन कुछ घबरा भी रही थी...दिल की धड़कन बढ़ी हुई थी....


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सब कारों की लाइट्स बंद हो चुकी थी ...यहाँ तक के होटेल के सभी रेस्टोरेंट्स बंद हो चुके थे ...लाइट्स अंदर कहीं जल रही थी तो वो भी लॉबी में जो इस जगह से काफ़ी दूर थी और नाइट स्टाफ अपनी कुर्सी नही छोड़ सकता था और वैसे भी ये बीच इस हट का प्राइवेट बीच था और यहाँ दिन में एक बार सुबह होटेल का स्टाफ आता था सफाई करने ......

दोनो एक दूसरे की बाँहों में खो चुके थे और उनके चुंबन की प्रगाढ़ता बढ़ती जा रही थी ........सुनील के हाथ सुमन की लाइनाये के बधनो से उलझ गये और उसने सुमन को नग्न कर दिया अब सिर्फ़ एक छोटी पैंटी रह गयी थी सुमन के जिस्म पर ...........तभी सोनल उठ के लिविंग रूम में आई और देखा कि दोनो नदारद हैं...तो घबरा गयी और बाहर बाल्कनी में चली आई ....हट की काफ़ी रोशनी बाहर बीच पे पड़ रही थी और सोनल ने देखा दोनो बीच पे एक दूसरे की बाँहों में खोए हुए देखा .....मुस्कुरा उठी और लिविंग रूम की सारी लाइट्स बंद कर दी...सिर्फ़ एक नाइट बल्ब जला रहने दिया और वापस बेडरूम में जा कर सो गयी ....मन ही मन खुश हो रही थी की आज दीदी की भी अच्छे से ली जाएगी ...फिर पूछेगी सुबह रात का अफ़साना .....होंठों पे मुस्कुराहट फैली हुई थी और धीरे धीरे नींद की गोद में चली गयी .....

सुमन को चूमते हुए सुनील उसके दोनो उरोज़ मसल्ने लगा ......और सुमन जो पहले उसकी पीठ सहला रही थी ...उसने अपनी पैंटी उतार फेंकी और सुनील का शॉर्ट भी ढीला कर नीचे उसकी टाँगों में गिरा दिया जिसे सुनील ने पैरो से निकाल बीच पे साइड में कर दिया....अब दोनो पूरी तरहा नंगे थे सुर सुमन अपने होंठ चुस्वा रही थी अपने मम्मे मसलवा रही थी.....उसकी सिसकियाँ मुँह में घुटती जा रही थी .......सुमन ने सुनील के लंड को सहलाना शुरू कर दिया.....तभी सुनील सुमन से अलग हुआ और उसे पानी में ले गया गोद में उठा के....ठंडे पानी का अहसास अपने जिस्म पे पा सुमन कांप सी गयी और डरती हुई सुनील से चिपक गयी ....रात के अंधेरे में ....सरेआंम बीच पे नंगी..सुनील की बाँहों में अपने उरोज़ को उसकी छाती से रगड़ती हुई सुमन के जिस्म में रोमांच ही रोमांच भर गया.



दोनो एक दूसरे के होंठ छोड़ने को तयार ही नही थे और आती जाती लहरें की वजह से दोनो के जिस्म भी हिल रहे थे. काफ़ी देर दोनो पानी में रहे एक दूसरे को चूमते रहे और एक दूसरे के बदन से खेलते रहे ...दोनो आपस में इतना खो चुके थे कि उन्हें पता ही ना चला कि दो आँखें इन्हें देख रही हैं.

सुमन को पानी में ठंड लगने लगी और वो बीच की तरफ बढ़ चली ...सुनील भी उसके पीछे ही आ गया .......वो आँखे जो इन्हें देख रही थी ...छुप गयी फटा फट और छुप के इन्हें देखने लगी ...बीच के किनारे पे पहुँच सुनील ने सुमन को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसके बाल पकड़ते हुए बेरेहमी से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया .....सुमन ने मुश्किल से अपनी चीख रोकी ...पर सुनील नही रुका और ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा.



लहरें बार बार बीच पे आ रही थी...पर सुनील एक मशीन की तरहा सुमन को चोदता ही जा रहा था......सुमन ज़ोर ज़ोर से सिसकना चाहती थी....चिल्लाना चाहती थी .....पर उसने मुश्किल से अपनी आवाज़ दबा रखी थी.

दोनो के दिमाग़ में डर भी था देखे जाने का जो इनकी एग्ज़ाइट्मेंट को और भी बढ़ा रहा था और सुनील 10 मिनट की तेज चुदाई के बाद झड गया.....और सुमन तो मल्टिपल ऑर्गॅज़म की चपेट में आ गयी....बार बार उसका बदन अकड़ता और ढीला पड़ता.......वो दो आँखें अब गायब हो गयी थी. 


ये क्या वो आँखें अपने छुपे हुए स्थान से बाहर निकल आई थी और एक एक कर अपने कपड़े उतारने लगी थी ....कपड़े वहीं छोड़ वो धीरे धीरे सुनील और सुमन की तरफ बढ़ने लगी जो इस वक़्त बीच पे लेटे आँखें बंद किए अपने आनंद की दुनिया में खोए हुए थे .....

वो साया इनके बीच आ के लेट गया अपने पेट के बल ......उसने अपने होंठों में सुमन का निपल लिया और चूसना शुरू कर दिया ......'अहह सुमन सिसक पड़ी ....वो यही समझ रही थी कि सुनील फिर शुरू गो गया.'

अपने दूसरे हाथ से उसने सुनील के लंड को सहलाना शुरू कर दिया ........'उम्म्म्म मज़े की दुनिया में खोए हुए सुनील को ये आभास ना हो पाया कि ये हाथ सुमन के नही किसी और के हैं....और उसका लंड खड़ा होना शुरू हो गया.

उसने तेज़ी से सुमन के निपल को चूसना शुरू कर दिया और उसकी पकड़ सुनील के खड़े हुए लंड पे भी सख़्त हो गयी ........सुमन और सुनील दोनो की ही आँखें खुल गयी क्यूंकी जो अहसास मिल रहा था वो एक दम नया था.....हैरानी से दोनो ने एक दूसरे की तरफ पलटने की कोशिश करी और बीच में एक तीसरा बदन देख ....दोनो ने झटके से उसे अलग किया और उठ बैठे...

वो साया भी उठ के बैठ गया और दोनो को देख मुस्कुराने लगा ........सुनील चिल्लाने ही वाला था ........कि

'श्श्श्! मज़े लो...क्यूँ बरबादी का रास्ता खोल रहे हो......'

सुनील ने सुमन की तरफ देखा वो बहुत घबराई हुई थी ....

सुनील ने सुमन को इशारा किया कि उठ जाए और मुस्कुराते हुए उसने उस साए को गोद में उठा लिया और हट की तरफ बढ़ गया.....सुमन ने दोनो के कपड़े जो वहाँ बिखरे हुए थे उठा लिए और पीछे पीछे चल पड़ी .....

हट के अंदर पहुँच ....सुनील ने उस साए को अपनी गोद से उतारा तो वो चिपक गया सुनील से और उसके होंठ चूमने की कोशिश करने लगा .....सुनील ने फट उसे अलग किया और इतनी ज़ोर का थप्पड़ मारा कि वो साया लहराता हुआ सोफे पे गिर पड़ा ......

थप्पड़ की गूँज इतनी तेज थी कि साथ में बेडरूम में सोई सोनल की नींद भी खुल गयी और वो भागी हुई लिविंग रूम में आई तो देखा .......एक लड़की सोफे पे गिरी पड़ी है नंगी ....सुमन दूर खड़ी नंगी थर थरा रही है ....और सुनील भी नंगा ही था पर उसके चेहरे पे इस वक़्त मासूमियत नही हेवानियत आ चुकी थी ...गुस्से से लाल पड़ गया था उसका चेहरा....नथुने फूलने लगे थे....

'व्हाट दा फक डू यू थिंक ...वर वी डूयिंग एनी क्राइम ......शी'स माइ वाइफ यू शिट होल....आइ कॅन डू एनितिंग विद हर एनी व्हेअर ......आंड माइंड यू वी आर लीगली वेड्डेड'

सुनील दहाड़ उठा और वो साया यूँ पलटा जैसे उसके कानो में ब्लास्ट हो गया हो...फटी हुई आँखों से कभी सोनल को देखता..कभी सुमन को और कभी सुनील.को....

सुनील की नज़र सोनल पे पड़ गयी....'ले जा इसे और कुछ कपड़े पहना इस रंडी को...'

सुमन बुरी तरहा कांप रही थी ...इसलिए नही कि जो हालत सामने आ गये थे ...परंतु इसलिए कि सुनील का ये रूप उसने कभी नही देखा था...पल को तो उसे ये ही लगा था कि अभी किसी शेर की तरहा उस शख्स को चीर फाड़ देगा ......

सुनील की नज़र सुमन पे पड़ी ....उसका गुस्सा शांत होने लगा ...फिर से वही मासूमियत उसके चेहरे पे आ गयी और उसने आगे बढ़ सुमन को अपनी बाँहों में ले लिया ...'क्या हुआ जान क्यूँ घबरा रही हो ....मैं हूँ ना ....कुछ बुरा नही होगा...ह्म्म' और सुमन के होंठ चूम लिए 

सुमन तो जोंक की तरहा सुनील से चिपक गयी थी....सोनल उस शख्स को अंदर ले गयी थी और अपना एक नाइट गाउन जो बिल्कुल ठीक था .,..यानी पारदर्शक बिल्कुल नही था उसे पहनने को दे दिया.

कुछ देर में सुमन जब शांत हो गयी ....

सुनील...जान जाओ नहा लो........हां मेरे कपड़े यहीं दे दो...

सुनील उसके हाथ से शॉर्ट ले पहन लेता है .....तब तक सोनल भी उस लड़की को ले कर बाहर आ जाती है और सुमन अंदर चली जाती है ...बाथरूम में घुस वो सोचने लगती है ...सुनील को गुस्सा कितना आता है..क्या से क्या बन जाता है वो ....उफफफ्फ़ .....शवर के नीचे खड़ी अपनी आँखें बंद करती है तो सुनील का तमतमाया हुआ चेहरा उसकी आँखों के आगे आ जाता है ...घबराकर आँखें खोलती है ...फटाफट अपने जिस्म से रेत उतारती है और खुद को पोंच्छ बाहर आ एक सिंपल सा नाइट्गाउन पहन लेती है.
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01-12-2019, 02:23 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
इसी समय यहाँ से दूर एक हॉस्पिटल में आइक्यू में पड़े एक लड़के को होश आता है ....या यूँ कहो कि नींद की दवाई का असर ख़तम हो चुका होता है.....कराहते हुए उसके मुँह से एक ही शब्द निकलता है ...माँ

नर्स ......डॉक्टर. इस पेशेंट को होश आ रहा है....

डॉक्टर. .......उस पेशेंट के पास आ कर ....उसके मासूम चेहरे को प्यार से देखती है....कैसी तबीयत है बेटा....क्या नाम है तुम्हारा....

पेशेंट....नाम .....वो अपने सर पे ज़ोर डालता है.......नाम ....क्या नाम है मेरा ....

डॉक्टर. के चेहरे पे चिंता की लकीरें खिंच जाती है ...

डॉक्टर. कोई बात नही ....सो जाओ ....सब याद आ जाएगा ...ज़ोर मत डालो अपने दिमाग़ में...

डॉक्टर. नर्स को कुछ समझाती है और टेन्षन में अपनी कुर्सी पे बैठ जाती है.......

ये डॉक्टर. और कोई नही थी ....सवी ही थी जो अब हर वक़्त आइक्यू में ही रह रही थी ....एक पल के लिए भी उस लड़के को अकेले नही छोड़ रही थी......
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और यहाँ सोनल जब उस लड़की को साथ ले बाहर आई .....

सुनील....मिनी तुमसे ये उम्मीद नही थी ...इतना कैसे गिर गयी तुम......मैने तुम्हें बहुत पहले मना कर दिया था कि मेरे करीब मत आओ ......लेकिन तुम इतना गिर जाओगी ये ख्वाब में भी नही सोचा था....

सुनील सोनल से ....ज़रा दो कॉफी तो बना दो यार ....ना रूको ...मुझे विस्की दे दो और इसके लिए कॉफी बना दो.

सुनील.....मिनी तुम अच्छे घर की लड़की हो...फिर भी ऐसी हरकत ....शर्म आनी चाहिए तुम्हें...

मिनी ...माफ़ कर दो सुनील...तुम्हें आंटी के साथ सेक्स करते हुए देखा तो बहक गयी ...खुद पे काबू नही रख पाई....तुमने तो आसानी से कह दिया था...तुम किसी लड़की से प्यार व्यार नही करते ...पर मैं क्या करूँ.....मैं तुम्हारे बिना जी नही पाउन्गि ....

उसकी बात सुन सोनल के नथुने फूलने लगे .....ये वही लड़की थी ...जिसको उसने सुनील के करीब नही आने दिया.

सुनील....खैर ...जो हुआ सो हुआ....हालाँकि मुझे कोई ज़रूरत नही कि सब कुछ तुम्हें प्रूव करता फिरू फिर भी ये देख लो.....सुनील अपने और सुमन के मॅरेज सर्टिफिकेट की कॉपी जो उसने मालदीव में बनवाया था ...उसे अपने मोबाइल पे दिखाता है ....

वो सर्टिफिकेट देख मिनी की रही सही आस ख़तम हो जाती है ....फिर भी अपने दिल की बात बोल ही देती है......'सॉरी सुनील...हो सके तो मुझे इस ग़लती के लिए माफ़ कर देना ....पर एक बात सुन लो...मेरे दिल में बस तुम हो तुम ही रहोगे और मेरी जिंदगी में कोई और नही आ सकता.......' कॉफी ख़तम हो चुकी थी ...सुनील अपनी ड्रिंक एक साँस में पी बैठा था...मिनी उठ के खड़ी हो गयी ....सुनील की तरफ हाथ बढ़ाते हुए ...विश यू आ वेरी हॅपी मॅरीड लाइफ .....सुनील उससे हाथ मिलाता है .....मिनी सोनल की तरफ मुड़ती है ....सॉरी दीदी आप भी माफ़ कर देना ...हां ये आपके कपड़े कल वापस कर दूँगी .....इतना कह वो आँखों में आँसू भरे बाहर चली गयी और इनकी हट से कुछ दूर जा अपने कपड़े उठाती है और वहीं बैठ फुट फुट के रोने लगती है ......आज उसका सब कुछ लुट गया था...जीने की जो आस उसके दिल में थी...के कभी तो सुनील उसके प्यार को समझेगा...वो दम तोड़ चुकी थी...

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अपने सामने बिस्तर पे लेटे लड़के को देख ....सवी को वो पल याद आ गया ...जब वो लड़का ज़ख्मी हालत में अड्मिट हुआ था....जब उसके चेहरे के ज़ख़्मों को सॉफ किया गया ...तो सवी कुछ पल के लिए तो पत्थर ही बन गयी थी ...क्यूंकी उसके सामने कोई और नही सुनील था ...जो बहुत ज़ख्मी था....फिर उसे याद आया सुनील तो देल्ही में है वो यहाँ कैसे आ सकता है ....उसका दिमाग़ अतीत के पुराने पन्ने पलटने लगा .....बात तब की थी ...जब उसे कुछ दिन ही बचे थे सागर के बच्चे को जनम देने में...लेकिन सुमन की लेबर पेन्स स्टार्ट्स हो चुकी थी .....समर के मना करने पर भी वो सुमन को देखने हॉस्पिटल गयी थी....उस वक़्त सागर भी वहीं था...लेकिन ....उसे एक बहुत ही एमर्जेन्सी के लिए हॉस्पिटल में कहीं और जाना पड़ा ......समर जो नर्सस ओट में जानेवाली थी उनसे कुछ अलग ही बात करने लग गया ...उनमें से 2 तो समर को जानती थी......

समर ने उन दो नर्सस को नोटो के बंड्ल दे दिए और लेडी डॉक्टर जो उसकी दोस्त भी थी उससे भी कुछ बातें अलग करी....सवी को समझ नही आ रहा था कि समर क्या कर रहा है.

सही वक़्त पर सुमन ने दो जुड़वा बच्चों को जनम दिया था और उस वक़्त वो बेहोश थी....समर उनमे से एक को ले कर हॉस्पिटल से निकल गया....सवी ने रोकने की बहुत कोशिश करी .....पर कोई फ़ायदा नही हुआ ...सागर जब वापस आया ......तो उसे यही बताया गया कि दूसरा बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था और उसकी हालत ऐसी थी कि दिखाया नही जा सकता था इसलिए उसे डिस्पोज़ल के लिए भेज दिया गया था.....

सुमन जब होश में आई तो बहुत रोई थी ....पर सागर के प्यार ने उसे दिलासा दिया और वो सुनील की मुस्कान में खो गयी ...

सवी को इतना झटका लगा था कि सदमे की वजह से उसे भी लेबर पेन्स स्टार्ट हो गयी थी....कुछ देर बाद सवी ने रूबी को जनम दिया था.

समर उस बच्चे को अपनी बहन को दे आया था जिसके घर कोई बच्चा नही हो रहा था और उन्हें अगले दिन ही बच्चे के साथ ये देश छोड़ने को बोल दिया था.

रूबी के पैदा होने के कुछ दिन बाद समर किसी काम से बाहर गया हुआ था और सागर सवी और रूबी से मिलने आया था....उस दिन सवी खुद को रोक नही पाई थी और उसने समर ने जो किया वो सब कुछ सागर को बता दिया था ...कि सुमन का जुड़वा बच्चा समर ने अपनी बहन को दे दिया है और वो लोग हिन्दुस्तान छोड़ के जा चुके हैं..कहाँ ये पता नही....

सागर को कुछ पल तो झटका लगा था और दिल किया कि समर का खून कर डाले...पर जाने क्यूँ खून का घूँट पी कर रह गया....शायद इसलिए कि वो बच्चा असल में समर का था ...उसका अपना नही ....उसने सवी को कसम दी कि जिंदगी भर सुमन को इस बात का पता नही चलना चाहिए .....वो नही चाहता था कि सुमन की जिंदगी में ऐसा दुख आ जाए जिससे वो कभी उभर ना सके.....एक माँ कभी भी अपने बच्चे की जुदाई बर्दाश्त नही कर सकती...चाहे उसका बाप कोई भी हो ....और ये बच्चा उसने सागर की रज़ामंदी से ही जनम दिया था...वरना वो कब का अबॉर्षन करवा लेती....
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01-12-2019, 02:23 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
ये राज राज ही रहा ....सवी ने हमेशा के लिए अपनी ज़ुबान बंद कर ली थी ....पर आज हालत कुछ और थे....सागर जा चुका था...समर को उसने छोड़ दिया था....उसने बहुत कोशिश करी कि किसी तरहा उसकी ननंद का पता चल जाए ताकि वो जान सके कि क्या हुआ इस लड़के के साथ...क्या नाम दिया गया था इसको.....लेकिन कुछ पता ना चला....शायद परेशानी में अभी उसका दिमाग़ ही काम नही कर रहा था..

सवी अपने ख़यालों में परेशान थी ...अगर इसकी याददाश्त वापस नही आई तो...तो क्या करे ?????
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और यहाँ मिनी कुछ देर रोटी रही फिर वहीं जहाँ उसने अपने कपड़े उतारे थे उन्हें पहन लिया और सोनल के कपड़े चुप चाप वहीं बाल्कनी में फेंक दिए .....एक बार तो दिल में आया की सुबह एक हंगामा कर दे....सारी दुनिया को बता दे कि सुनील ने अपनी माँ से शादी कर ली...फिर खुद को ही लानत भेजने लगी ....प्यार का मतलब ये तो नही होता कि जिसे प्यार किया हो उसे ही बर्बाद कर दो.....अपने प्यार का फ़ैसला उसका अंजाम उसने किस्मत पे छोड़ दिया और चली गयी अपने कमरे में.....सारी रात आँखों ही आँखों में काटने के लिए........

सुनील का मूड ऑफ हो चुका था......सोनल की भी नींद गायब हो चुकी थी .....सुमन तो घबरा रही थी ...कल क्या होगा...ये लड़की क्या करेगी .....

सोनल ने खुद....सुनील को विस्की का पेग बना दिया ....एक हल्का घूँट खुद लिया ......और ऐसा मुँह बनाया जैसे 100 क़ुनैन की गोलिया मुँह में डाल दी गयी हों....

उसकी शकल देख ही सुनील खिलखिला के हँस पड़ा और ये देख दोनो को राहत पहुँची ....सुमन और सोनल दोनो को ही...और दोनो उस से चिपक गयी ...

सुमन.....पूछना चाहती थी कि उसे इतना गुस्सा क्यूँ आता है...पर रुक गयी ....क्यूंकी मुश्किल से सुनील हंसा था ...लेकिन सुनील ने उसके मन की बात पढ़ ली थी...

सुनील......वो मेरे और तुम्हारे कॅरक्टर पे उंगली उठा रही थी ....और ये मैं कभी बर्दाश्त नही कर सकता ....तुम दोनो ....कविता/रूबी/सवी को कोई भी थोड़ी सी आँच भी देने की कोशिश करेगा तो उसका वजूद ही जला के रख दूँगा....खैर छोड़ो...कोई टेन्षन मत लो....मैं हूँ ना...

सोनल/सुमन.....तुम हो तो हम हैं...वरना हम भी नही रहेंगे.......

सुनील...यार अब तुम दोनो सेनटी मत होना.......जाओ दोनो सो जाओ कल बहुत काम करना है ...कविता के लिए बहुत शॉपिंग करनी है...होटेल से एंगेज्मेंट सेरेमनी के लिए सब डिसकस करना है....

सोनल....वाह वाह ...हम दोनो जा के सो जाएँ...और हज़ूर यहाँ बाकी बची रात को ये बॉटल डकारते रहेंगे ....ना ....बिल्कुल नही....आप चलिए साथ में...नही तो मैं तो यहीं आपके पास ही बैठूँगी...

सुमन.....मैं भी तुम्हारे पास बैठूँगी....

सुनील.......अरे यार ......एक दो ड्रिंक लूँगा ....फिर सो जाउन्गा......तुम जा के सो जाओ...

सुमन....तो ले लो ...एक साथ ही जाएँगे सोने...अकेले तो नही छोड़ने वाले तुम को ...ये बात तो गाँठ बाँध लो ......

सुनील .....यार इतना मत हंसाओ....कॉलेज में भी साथ चलोगि क्या......

सुमन.....अच्छा ....आ जाऊ तुम्हारे कॉलेज में पढ़ाने ....हाथ जोड़ के बुलाते हैं.......

सुनील...फैल करवाना है क्या ....पढ़ुंगा या तुम्हें ही देखता रहूँगा 

सोनल....लो जी आपका ड्रिंक...इसके बाद कुछ नही सीधा बिस्तर ...कुछ तो रहम खाओ अपनी बीवियों पर ....बदन तोड़ के रख देते हो और आराम करने से पहले कोई ना कोई कांड हो जाता है

सुनील...ड्रिंक की चुस्की लेता है और सोनल को खींच अपनी गोद में ले उसके होंठ चूमते हुए बोलता है...'बोल तो ऐसे रही है ...जैसे सारे कांड ...मैं लाउडस्पिकर लगा के इन्वाइट करता हूँ'

सोनल.....सुना और देखा तो यही था ....कि फूल पे भंवरे आते हैं...पर यहाँ सब उल्टा है ....यहाँ भंवरे पे फूल दौड़े चले आते हैं...

सोनल की बात सुन ...सुमन हँसने लगी...

सोनल...हँसो मत दीदी...कुछ झूठ बोला क्या .....सवी/ऱुब्य्‌ मिनी/मिनी की मिसाल तो सामने है ...कॉलेज में तो पता नही कितनी और होंगी ........

सुनील....अच्छा तो मैं भँवरा हूँ....

सोनल...बिल्कुल हो ...जिसे सिर्फ़ दो फूलों पे मंडराने की इज़ाज़त है.....अब चलिए हज़ूर ...ज़रा कुछ देर सो लिया जाए .....

सुनील...दिल तो कुछ और ....

सोनल...ना बाबा ना ......आज तो हड़ताल है अब .....दीदी तुम्ही निबटाओ...मैं तो चली 

जिस तरहा सोनल भाग के बेडरूम में जाती है उसे देख सुनील और सुमन दोनो का हँस हँस के बुरा हाल हो जाता है

सुमन .....चलो अब सोने ...वरना अब लंबी हड़ताल हो जाएगी मेरी भी....

सुनील बुरा सा मुँह बनाता है और सुमन को गोद में उठा बेड रूम की तरफ चला जाता है
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