Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:04 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल की छोटी सी कुलबुलाती हुई चूत सुनील को बुला रही थी … आओ ना क्यूँ इतने दूर हो.. देखो कितना रस जमा कर रखा है सिर्फ़ तुम्हारे लिए…
सुनील सोनल की चूत पे झुकता चला गया….. और जैसे ही सुनील के होंठों ने ने उसकी चूत को छुआ…. सोनल का जिस्म लरज उठा.

उउउफफफफफफफ्फ़ श्श्श्श्श्श्श्शुउउउउउउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्नीईईईईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल सोनल ज़ोर से सिसक पड़ी जब सुनील की ज़ुबान उसकी चूत पे अपना नृत्य करने लगी.

सुनील ने उंगलियों से सोनल की चूत को खोला और अपनी ज़ुबान घुसा दी…. आग भड़क गयी सोनल की जिस्म में…. अहह क्यूँ जला रहे हो…….. उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सुनील ने तेज़ी से अपनी ज़ुबान को आनंद बाहर करना शुरू कर दिया और सोनल का सिसक सिसक के बुरा हाल होने लगा.

आह्ह्ह्ह उउफफफफफ्फ़ उम्म्म्ममम ऊऊऊऊ आाआआईयईईईईईईईईईईईईईईई

सुनील ने ज़ुबान बाहर निकल ली और एक साथ दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी.

आाआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दर्द के मारे सोनल चीख उठी. सुनील तेज़ी से अपनी उंगलियों के करतब दिखाने लगा और साथ ही उसकी क्लिट पे ज़ुबान फेरने लगा.

कुछ ही पलों में सोनल का दर्द गायब था और उसकी जगह आनंद भरी तरंगों की बरसात होने लगी थी उसके जिस्म में.

सोनल तेज़ी से अपने दूसरे ऑर्गॅज़म की तरफ बढ़ रही थी की सुनील रुक गया. वो फट से उठा और अपना शॉर्ट उतार डाला उसका लंड खुली हवा में चैन की साँस लेने लगा.

सोनल लग भाग चीख पड़ी … रुक क्यूँ गये जान कुछ करो ना… उफ़फ्फ़ अब नही सहा जा रहा… अहह माआ क्यूँ तडपा रहे हो… आँसू आ गये सोनल की आँखों में बदन नागिन की तरहा लहराने लगा.

सुनील उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसके नितंबो के नीचे एक तकिया रख दिया… सोनल की चूत उपर उठ गयी ….. सोनल को समझते देर ना लगी कि आगे क्या होनेवाला है और कल का ध्यान आते ही उसके हाथ तकिये के नीचे चले गये और जेल्ली की ट्यूब उसके हाथ में आ गयी.

‘सुनिल्ल्ल्ल्ल…..आगे कुछ ना बोल पाई और ट्यूब उसकी तरफ सरका दी

सुनील ने ट्यूब उसके हाथ से ली और उसकी चूत में जेल्ली भरने लग गया फिर अपने लंड पे भी अच्छी तरहा लगा अपना लंड उसकी चूत से रगड़ने लग गया.

अहह सुनिल्ल्ल्ल्ल अब और मत तडपाओ 

सुनील ने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत पे सेट किया और उसपे झुक उसके होंठों को अपने क़ब्ज़े में ले ज़ोर का झटका लगा दिया … बिलबिला उठी सोनल जिस्म तेज तेज झटके खाने लगा आँखें उबल पड़ी आँसू की धार बह निकली और उसकी चीख सुनील के मुँह में दब के रह गयी… एक सलाख उसके अंदर घुस चुकी थी. सुनील के लंड का सुपाडा अंदर घुस चुका था. सुनील ने फिर झटका लगाया और थोड़ा लंड अंदर और घुसा के रुक गया. 

उसके हाथ सोनल के निपल्स को मसल्ने लगे.

कुछ देर बाद सुनील ने उसके होंठों को आज़ाद किया और उसके आँसू चाटने लगा.

अहह सुनिल्ल्ल्ल्ल धीरे…. बहुत दर्द हो रहा है… और नही सह पाउन्गि --- वो रोते हुए बोली.

कुछ नही होगा मेरी जान बस थोड़ी देर का ही दर्द है… मैं हूँ ना.

सुनील उसके निपल चूसने लग गया. और सोनल को धीरे धीरे राहत मिलने लगी ……उसकी उत्तेजना जो दर्द के मारे शांत हो गयी थी फिर से अपना सर उठाने लगी.

सुनील ने उसके दोनो उरोज़ सख्ती से पकड़ लिए और एक तेज झटका मारते हुए उसकी सील को तोड़ कर कुछ और अंदर घुस गया.

म्म्म्मामममममममममममाआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगाआआआआयययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्मगममममाआआआआआआआआआअ

सोनल ऐसे चीखी जैसे चाकू से उसकी चूत को चीर दिया गया हो….. ये चीख इतनी तेज थी कि दूसरे कमरे में सो चुकी सूमी हड़बड़ा के जाग गयी कुछ पल लगे उसे समझने में कि हुआ क्या .. फिर मुस्कुरा के लेटी रही.

‘ ओह नही प्लीज़ निकालो …. ओह माँ … मर जाउन्गी मैं… सोनल बिलखते हुए चीखने लगी.

सुनील का लंड उसकी चूत में फस चुका था ..चूत की दीवारों ने उसे कस के पकड़ लिया था कि कहीं और ज़यादा कोहराम ना मचा दे.


‘बस मेरी रानी बस हो गया’… जब कि अभी आधा ही लंड अंदर घुसा था.

सुनील उसे चूमता रहा ….. उसके निपल मसलता रहा… उसके आँसू चाट्ता रहा और सोनल का जिस्म फड़कता रहा.

कुछ देर बाद सोनल शांत हुई … दर्द अभी भी हो रहा था पर कम हो चुका था. 

अहह बहुत दर्द देते हो… मेरी जान ही निकाल दी …. बहुत गंदे हो तुम…

अभी पूरा दर्द तुमने झेला ही कहाँ है जान…

नही नही और नही अब तो बिल्कुल ही मर जाउन्गि.


कुछ नही होगा.

प्लीज़ आज के लिए मान जाओ ना…. नही सहा जाएगा … कसम से….

सुनील उसके होंठ चूसने लग गया और उसके निपल साथ साथ मसलता रहा… कुछ देर बाद सोनल की कमर में हरकत हुई … उसकी चूत थोड़ा ढीली पड़ गयी थी. 

सुनील को लग रहा था जैसे भट्टी के अंदर अपना लंड घुसा दिया हो . जो पिघलने की कगार पे था.

सुनील ने अब धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया.

आह्ह्ह्ह माआ धीरे … प्लीज़ धीरे….

दर्द के लहरें बार बार उठ रही थी… कुछ ही देर में सोनल को इस दर्द में मज़ा आने लगा.

तीव्र तेज दर्द अब एक मीठे मीठे दर्द का रूप ले चुका था.
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01-12-2019, 02:05 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सोनल अब सुनील का साथ देने लगी … दोनो के जिस्मो का तापमान बढ़ने लगा .. कमरा गरम होने लगा और बाहर चलती हवा अंदर आने लगी नही तो दीवारों में आग लग जाती.

सुनील ने अभी तक आधा ही लंड अंदर घुसाया हुआ था … और खुद को रोक बसे उतना ही इस्तेमाल कर रहा था. सोनल अपनी कमर उछाल रही थी और सुनील का भर पूर साथ दे रही … दर्द अब भीनी भीनी उत्तेजक लहर में परिवर्तित हो चुका था……ओह सुनील …. माइ डार्लिंग… लव मी…. अहह चोदो मुझे…..यही कहती है ना दीदी तुमसे…. आज मैं भी कह रही हूँ… चोदो मुझे… ज़ोर ज़ोर से चोदो …. शांत कर लो अपने लंड को…. प्यास भुजा दो मेरी… लव मी डियर….. लव मी…. और तेज करो… और तेज… यस.. यस…

सोनल के मुँह में जो आ रहा था बोले जा रही थी. 

सुनील का लंड जितनी जगह बना चुका था वहाँ तक आराम से अंदर बाहर हो रहा था…. सोनल की चूत लगातार अपना रस छोड़ रही थी……. जिस्म जिस्म से टकरा रहे थे… दिल – दिल की सुन रहे थे… रूहें आपस में मिलन कर रही थी ….. और दूर तक फैला समुद्र इनके मिलन का साक्षी होने का गर्व महसूस कर रहा था.

फॅक फॅक फॅक का संगीत चूत से निकलता तो लहरें भी साहिल से टकरा अपना संगीत उत्पन्न करती जैसे कॉंपिटेशन कर रही हों… कॉन्न सा संगीत बढ़िया… लहरों के साहिल से टकराने का.. या फिर लंड और चूत के समागम का.

कल से सुनील झडा नही था… उसका संयम डोलने जा रहा था… उसने और भी तेज स्पीड पकड़ली और सोनल भी उसी स्पीड से अपनी गान्ड उछालने लगी..

तप तप तप.. जिस्मो के टकराने की आवाज़ और फ़चफच फॅक चूत से निकलता हुआ संगीत…. तेज तेज चलती हुई साँसे धक धक धड़कते हुए दिलों की पुकार….. फ़िज़ा को और भी कामुक बना रहे थे.

सोनल अपने चर्म की और बढ़ रही थी…उसके जिस्म में उफ्फनती हुई लहरें एक ही जगह पे वार करती जा रही थी… उसकी चूत ने सिकुड़ना और फैलना शुरू कर दिया था और सुनील तुफ्फानी गति से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा…………..आआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सोनल एक चीख के साथ झड़ने लगी उसके दोनो हाथ के नाख़ून सुनील की पीठ में धस्ते चले गये और सुनील भी पीछे ना रहा अपनी पिचकारियाँ छोड़ता हुआ सोनल पे ढह गया.


कुछ देर बाद दोनो की साँसे संभली तो सुनील सोनल के उपर से हट गया. पक की आवाज़ हुई जब उसका लंड बाहर निकला. सोनल सुनील से चिपक गयी ……जितने गंदे हो उससे ज़यादा अच्छे हो….आज मैं बहुत खुश हूँ… आज मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हो गयी… मुझे मेरा प्यार पूरी तरहा से मिल गया….लव यू डार्लिंग.

सुनील ने उसके होंठों पे छोटा सा चुंबन अंकित कर दिया.. लव यू टू स्वीट हार्ट.

सुनील उठ के बाथरूम चला गया और कुछ देर बाद जब खुद को सॉफ कर के आया तो हाथ में तोलिया था जो गरम पानी से भीगा हुआ था. वो सोनल की टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी चूत सॉफ करने लगा. जो इस वक़्त बूरी तरहा सूज गयी थी. अहह सोनल दर्द की वजह से सिसकी.

सुनील ने दो पेन किलर्स उसे खिलाई और चादर से उसे ढक दिया. ‘ सो जाओ… बहुत थक गयी होगी…’.बिस्तर खून से सन चुका था… पर अभी कहाँ हिम्मत थी कि उसे बदलते. गुलाब की पंखुड़ियाँ चरमरा चुकी थी … लेकिन खुश थी… आख़िर सोनल जैसी सुंदरी के बदन से चिपकने का सोभाग्य जो मिला था. 

जो सुख सोनल को मिला था वो इतना अधिक था कि उसकी लहरें बार बार उसके बदन को सकुन पहुँचा रही थी.. कुछ ही देर में वो सो गयी.

अब सुनील का ध्यान सूमी की तरफ गया… तो वो नदारद थी कमरे से…… आख़िर इसने भी अपने मन की ही करी… एक मुस्कान आ गयी सुनील के अधरों पे… उसे यकीन हो गया था कि आज सूमी … डिप्रेशन में नही जाएगी… वो ऐसे ही नंग धड़ंग सूमी के कमरे की तरफ बढ़ गया.

सूमी के कमरे में जब सुनील दाखिल हुआ तो वो बिस्तर पे पड़ी करवट बदल रही थी.. उसकी नींद टूट चुकी थी जब उसने सोनल की चीख सुनी थी.

सुनील उसके पास लेट गया और उसे अपनी तरफ घुमा लिया.

‘आ गये आप…. पर आपको आना नही चाहिए था…. आज की रात आप को उसके पास ही रहना चाहिए था…… जाइए उसके पास जाइए… वो नींद में भी आपको ढूँढेगी’

‘फिर तुम क्यूँ चली आई’

‘आप बिल्कुल बुद्धू हो… अगर मैं भी उसकी जगह होती तो मुझे ये बिल्कुल ना अच्छा लगता… कि जब मैं अपने पति को अपना कुँवारा पन सोनप रही हूँ.. तू उन पलों का कोई और भी भागीदार है’

‘तुम जानती हो मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता फिर क्यूँ मुझे भावनाओं के बवंडर में बार बार धकेल देती हो’

‘मैं कॉन सा आपके बिना रह सकती हूँ…मेरी किस्मत भी देखो… मेरे ही पति ने मुझे दूसरे की बाँहों में जाने को मजबूर किया… और जिससे सच्चा प्यार मिला वो और कोई नही मेरा ही बेटा निकला…. और मुझे उसको भी बाँटना पड़ा … क्यूंकी मेरी बेटी की जिंदगी का सवाल खड़ा हो गया था….. क्या कभी सोच सकते हो मेरे दिल पे क्या क्या गुजरती है… कभी एक माँ सामने आ जाती है कभी एक औरत…. और ये बीवी चुप चाप घुटती रहती है.. क्यूंकी वो भी तो मेरे जिगर का टुकड़ा है… उसकी खुशी भी तो मुझे ही देखनी है…. मेरी जिंदगी में आप तीसरे मर्द हो और उसकी जिंदगी में पहले और आखरी … वो बहुत नाज़ुक है… उसका तुम्हें बहुत ख़याल रखना पड़ेगा….. ना मैं बाँटना चाहती थी .. ना मैं बाँटना चाहती थी.. फिर भी मुझे बाँटना भी पड़ा और बाँटना भी पड़ा… नियती ने मेरे साथ पता नही क्या क्या खेल खेलने हैं’

‘सूमी मेरी जान भूल जाओ पुरानी बातों को … बस इतना याद रखो मैं तुम्हें जान से ज़यादा प्यार करता हूँ……चलो वहीं चलते हैं……’

‘क्या ये अच्छा लगेगा… कि आप मेरे साथ उसके सामने कुछ करें और उसके साथ मेरे सामने…..चाहे हम एक दूसरे के अपने हैं पर हम दोनो के अंदर एक औरत भी रहती है… जो अपना हक़ जताने लगती है… उसे कितना भी दबाओ … वो बार बार सर उठाती है…..’

‘यही तो मैं चाहता हूँ… कि तुम दोनो की अंदर छुपी औरत ये समझ जाए कि वो दोनो एक से प्यार करती हैं तो उन्हें भी आपस में उतना ही प्यार करना होगा… तभी हम तीनो सुखी रह पाएँगे…….अब चलो मेरे साथ’

सूमी सुनील को देखती रही फिर उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया .. ले चलो जहाँ तुम्हारी मर्ज़ी.. मुझे तुम पे पूरा भरोसा है.
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01-12-2019, 02:05 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
कमरे में पहुँचते ही सूमी ने पहले सोनल को देखा बड़ी सकुन भरी नींद सो रही थी वो.. एक चमक आ चुकी थी उसके चेहरे पे जो बता रही थी कली फूल बन चुकी है. 

सूमी के अंदर बैठी माँ को असीम शांति मिली. 

पूरी तस्सल्ली के बाद उसने सोनल के गाल पे हल्क सा किस किया .. एक मुस्कान फैल गयी सोनल के मुँह पर और सूमी फिर अपने साजन की तरफ मूड ली जो उसे ही देख रहा था.

‘ऐसे क्या देख रहे हो जी’

‘देख रहा था कितना प्यार है तुम्हारे सीने में जो बस बरसता ही रहता है’

सूमी उसके गले लग गयी ----- इतना नही है जितना यहाँ छुपा हुआ है ….. उसके सीने पे हाथ फेरते हुए बोली.
सुनील ने उसे बाँहों में कस लिया और उठा के बिस्तर पे ले गया.

अब बिस्तर पे सुनील दोनो के बीच था बस फरक ये था कि सोनल अपने ख्वाबों में खोई हुई थी.

सुनील और सूमी दोनो एक दूसरे की तरफ मुँह कर के लेटे हुए थे और दोनो एक दूसरे के जिस्म को सहला रहे थे. सूमी ने अपने होंठ आगे बड़ा दिए जिसे सुनील ने हसी खुशी कबूल कर लिया. दोनो के होंठ आपस में चिपके पर बड़ी नज़ाकत के साथ…. जैसे दो फूल एक दूसरे से टकराते हैं.

सुनील धीरे से सूमी के होंठ का रस पन करने लगा और सूमी भी उसके होंठ का रस्पान करने लगी.

दोनो की जीह्वा तरस रही थी एक दूसरे से मिलने को पर इन दोनो को कोई जल्दी ना थी. कितनी देर तक दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे फिर अलग हो गये और सूमी सुनील के साथ लिपट गयी.

‘सुनो…. मेरी बात मनोगे….’

‘यार सीधा बोला करो ना…. क्या चाहती हो… तुम्हें कभी मना कर सकता हूँ क्या…’

‘हम पहले भी बात कर चुके हैं… पर तुमने 3 साल का वक़्त माँगा था…’

‘तुम बच्चे के बारे में सोच रही हो….’

‘हां…. दे दो ना… एक नन्हा मुँहा प्यारा सा खिलोना … मेरी ममता तरसने लग गयी है’

‘सब कुछ जानते हुए भी तुम….’

‘पहले मैं अकेली थी… अब तो मेरी प्यारी गुड़िया भी मेरे साथ है…. तुम्हें कुछ नही करना पड़ेगा… हम दोनो माएँ उसकी देखभाल कर लेंगी’

‘और समाज को क्या कहोगी … हां…… अभी तुम खुद को छुपा रही हो… कल सोनल.. भी खुद को छुपाएगी … 3 साल बाद मेरी डिग्री पूरी हो जाएगी… हम शहर छोड़ के कहीं और बस जाएँगे… फिर तुम एक की बात कर रही हो.. मुझे तो पूरी टीम चाहिए’

‘आए है – पूरी टीम चाहिए… ताकि हम बच्चे संभालते रहे और जनाब बाहर गुलचर्रे उड़ाते रहें… नही जी बस हम दो और हमारे दो’

‘मज़ाक कर रहा था… एक एक ही काफ़ी है .. एक तुम्हारी गोद में और एक सोनल की गोद में … पर अभी ठहरना पड़ेगा जानेमन … हक़ीक़त को समझो’

‘सुनील इतना मत तडपाओ … मैं ये दोहरी जिंदगी नही जी पाउन्गि …. मैं अब तुम्हारी माँ बन के नही रह सकती… मुझे बस अपना पत्नी धर्म निभाने दो… हम अपने फार्म हाउस पे शिफ्ट हो जाएँगे….. प्लीज़ मान जाओ ना…. प्लीज़’ सूमी रोने लग गयी थी.

‘यार तुम ये रोया मत करो .. क्या मैं नही चाहता कि मेरा बच्चा भागता हुआ आए और मेरे गले लग के पापा पापा बोले …. क्या मैं नही चाहता कि मेरा खानदान आगे बढ़े… पर हालत को समझो जान.. ये जल्द बाजी ठीक नही है … पहले ही सवी के चक्कर में …..’

‘उसका क्या दोष … क्या उसे पता था कि सोनल टपक पड़ेगी … और अगर वो तुम्हारे बारे में सोचती है तो क्या उसकी सोच पर ओके लगा सकते हो….. क्या तुम खुश नही कि सोनल जैसी बीवी मिली तुम्हें… देखो आज उसके चेहरे पे…. कितनी खुश है वो तुम को पा कर….. उसी तरहा.. जैसे हम दोनो हुए थे एक दूसरे को पा कर.’

‘डॅम दिस लाइफ हस बिकम सो कॉंप्लिकेटेड’

‘अब बात को बदलो मत …. हां कर दो ना… प्लीज़ डियर….कोई परेशानी नही होगी… हम फार्म हाउस पे चले जाएँगे… पैसे की हमे कोई कमी नही है… मैं हॉस्पिटल छोड़ दूँगी और वहीं छोटी मोटी प्रॅक्टीस शुरू कर लूँगी टाइम पास करने के लिए’

‘ मुझे सोचने दो यार … इट’स नोट सो ईज़ी……’

‘कोई मुश्किल नही होगी …. ट्रस्ट मी…’

‘ओके नाउ वी आर आ फॅमिली ऑफ थ्री … सोनल हस ऑल्सो गॉट स्टेक इन इट.. लेट’स ऑल थ्री डिसाइड टुमॉरो मॉर्निंग…. हॅपी नाउ’

‘ह्म्म्मे लव यू,, मुझे पता है वो बहुत खुश होगी….और फट से मान जाएगी’ 

‘देखते हैं उसका क्या रिएक्सन होता है ‘

सूमी सुनील के चेहरे से अपने चेहरे को रगड़ने लगी ‘ लव मी आइ आम डाइयिंग फॉर इट…. वॉंट टू फील यू इनसाइड मी’

‘ तुम अपनी पिल्स ले रही हो ना…… आइ डॉन’त वॉंट शॉक्स’

‘गंदे … मैं तुम से झूठ बोल के कुछ करूँगी क्या …. क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में’ रोष था सूमी की आवाज़ में.. उसे ये बिल्कुल अच्छा नही लगा था.

‘ बात ये नही कि तुम मुझ से पूछे बिना कुछ करोगी… बात ये है कि औरत के दिमाग़ में कब क्या आ जाए … ये कोई नही समझ सकता…. वो सबको बनाने वाला नही समझ सका तो मैं किस खेत की मूली’

‘मारूँगी !!!! अगर मेरे बारे में ऐसा कुछ सोचा’ और वाक़्य में सुनील की छाती पे मुक्के बरसाने लग गयी.

‘अरे अरे बस मेरी जंगली बिल्ली शांत हो जा…’ सुनील हँसने लगा और वो मारती रही और हँसती रही.

फिर दोनो एक दूसरे से लिपट गये.

तभी सोनल अंगड़ाई लेते हुए हिली …… मुस्कुरा रही थी…. उसके मुँह से कुछ शब्द निकले … शायद कोई सपना देख रही थी ‘ डार्लिंग जब बेबी आएगा कितना अच्छा लगेगा…. लव यू जानू’

सुनील और सूमी दोनो ने ये सुना… सुनील की तो फट गयी …. यहाँ सूमी उसके पीछे पड़ी है बच्चे के लिए और इधर सोनल ने सपना भी देखना शुरू कर दिया.

सुनील का मुँह खुला रह गया और सूमी की हँसी छूट गयी. तभी सुनील का माथा ठनका --- आज कोई प्रोटेक्षन तो यूज़ नही किया !!!!!!!

लगभग चिल्ला पड़ा …… सूमी कल सुबह इसे पिल ज़रूर देना.

‘अरे इतना घबरा क्यूँ रहे हो…. सपना ही तो देख रही है… देखो कितनी खुश है….. कल इसे पिल देदुन्गि … तुम टेन्षन मत पालो’ और फिर हँसने लगी.

सुनील सोनल की तरफ देख अपना सर खुजाने लगा …. सूमी की और हँसी छूटी .. इतना हँसी कि पेट में दर्द होने लग गया और सुनील चिड के उसके उपर चढ़ गया.

जैसे ही सुनील उसके उपर चढ़ा… सूमी को कुछ होने लगा और उसकी हँसी पे ब्रेक लग गया… दोनो की नज़रें एक दूसरे से उलझ गयी.

रात धीरे धीरे सरक रही थी …. चाँद मुँह छुपाते हुए झाँक रहा था…..कुछ और होगा क्या ….क्या मस्त कमरा है…..बिस्तर खुद को तैयार करने लगा अब तो फिर से चूलें हिलेंगी ……. हिलाओ हिलाओ मेरा तो बस यही काम है ….काश मुझ में जीवन होता …. तो इन स्वर्ग सुंदरियों की सुगंध हमेशा के लिए समेट लेता ……अब उपरवालेने आँसू बहाने लायक भी नही रखा.

सुनील और सूमी तो बस आँखों ही आँखों में बात कर रहे थे …….कहते हैं कि आँखें वो बताती हैं जो होंठ और जिव्हा मिल के भी नही बता पाते .

ऐसी ही कुछ गुफ़्तुगू हो रही थी दोनो की आँखों में.

‘मे आइ’ आज पहली बार सुनील ने इज़ाज़त माँगी’

‘डाइयिंग फॉर यू …किस मी ..डिवूवर मी’

और होंठ तो बस होंठों का इंतेज़ार ही कर रहे थे …………शायद विश्वामित्र और मेनका का भी चुबन शर्मा जाता ……इतनी प्रगाढ़ता थी इस चुंबन में.

सारी दुनिया भूल दोनो अपने चुंबन में खो गये ….थोड़ी देर बाद जब चुंबन टूटा तो सूमी ने शरमाते हुए पूछ ही लिया… क्या तुम सच में चाहते हो मुझे सोनल के सामने…और उसे मेरे सामने

‘सामने क्या……?’

‘अब क्या ये भी बोलूं … समझते हो सब’

नही कुछ नही समझा … खुल के समझाओ ना

हाँ बहुत बदमाश हो 

बताओ ना जानेमन क्या कहना चाहती हो.

उफफफफफ्फ़ तुम पूरा बेशर्म क्यूँ बना चाहते हो

मिया बीवी बेशर्म नही बनेगे तो आपस में प्यार कैसे करेंगे

‘क्या तुम…..सच में… मुझे ….. सोनल.. के सामने….. चोदना ….चाहते हो….’ बड़ी मुश्किल से सूमी बोल पाई और शर्म के मारे सुनील की छाती में मुँह धंसा लिया.

क्या तुम चाहती हो.

पता नही… कुछ समझ नही आ रहा… अजीब सा लगेगा….

एक बार ट्राइ कर लेते हैं… अच्छा लगा तो कंटिन्यू करेंगे… नही तो ….

पर तुम ये करना क्यूँ चाहते हो…..

तुम दोनो के अंदर छुपी औरत का मुँह हमेशा के लिए बंद जो करना है.

क्या और कोई रास्ता नही….

तुम ही बता दो क्या करूँ…… ना तुम मेरे बिना रह सकती हो और ना ही सोनल …… अब रात को दोनो के पास अलग अलग कमरे में एक ही टाइम पे कैसे हो सकता हूँ.

एक रात एक पास और दूसरी रात दूसरे के पास भी तो गुज़ार सकते हो.

और जिस रात एक के पास नही होउंगा… उसके अंदर की औरत जलने लगेगी…… उसका क्या करूँ. और वैसे भी मैं तुम्हें हर वक़्त अपनी नज़रों के सामने देखना चाहता हूँ……….

इतना प्यार क्यूँ करते हो मुझ से……. अब इस प्यार पे उसका भी हक़ है.

तभी तो दोनो को एक साथ अपने पास रखना चाहता हूँ… सारे मसले हल हो जाएँगे … हम तीनो के बीच सिर्फ़ प्यार ही पन्पेगा… और कोई भावना जनम ही नही ले पाएगी.

जैसी तुम्हारी मर्ज़ी….जो तुम कहोगे मैं वही करूँगी….. कहीं सोनल को बुरा ना लगे….

वही सब तो ख़तम करना है मेरी जान ……..

सुनील सूमी के ब्लाउस को खोलने लग गया….और पल में उतार फेंका फिर पेटिकोट की बारी आ गयी अब सूमी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.
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01-12-2019, 02:05 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील ने ब्रा के हुक भी खोल दिए और उसकी पैंटी भी उतार डाली. सूमी शरम से मरी जा रही थी…साथ में सोनल नग्न चद्दर ओढ़े सो रही थी. अगर वो उठ गयी तो क्या सोचे गी….एक तरफ सूमी ये सोच रही थी कि सोनल क्या सोचेगी दूसरी तरफ उसके बदन में रोमांच भरता जा रहा था. उसकी आँखों के सामने वो मंज़र घूम गया….जब सागर ने उसे और सवी को एक साथ छोड़ा था….बदन में एक दम फुलझड़िया छूटने लगी .. उसने खुद ही अपनी ब्रा जिस्म से अलग करदी.
सुनील ने सोनल के जिस्म से भी चद्दर अलग कर दी.

दो दो सुंदरिया नग्न थी बिस्तर पे … एक सो रही थी अपने सपनो में खोई हुई … दूसरी धड़कते दिल से इंतेज़ार कर रही थी कब उसका साजन उसके अंदर समा जाएगा.

सूमी की चूत बुरी तरहा गीली हो चुकी थी. 


सुनील कुछ देर तक दोनो सुंदरियों के रूप को आँखों से पीता रहा फिर वो सूमी के उपर चढ़ गया, सूमी ने अपनी टाँगें फैला दी और सुनील का लंड जो इस वक़्त प्यासा था वो उसकी चूत पे दस्तक देने लगा.

सूमी : मैं रेडी हूँ… आ जाओ …. डाल दो अंदर….. प्लीज़ देर मत करो.

सुनील थोड़ा उपर उठा और अपने लंड को सूमी की चूत पे सेट कर एक करारा झटका मार दिया.

आाआआईयईईईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्ममममममममाआआआआआआआ

बोखला गयी सूमी… और उसकी चीख निकल गयी… उसने सोचा भी नही था कि सुनील एक ही बार में पूरा लंड अंदर घुसा देगा

अभी तक सूमी की चूत इतना नही खुली थी कि एक ही बार में उसके लंड को निगलने लायक हो जाए.

सूमी की चीख से सोनल की आँख खुल गयी… सूमी और सोनल दोनो के नज़रें टकरा गयी और दोनो ही शर्म के मारे अपना मुँह फेर ली.

सुनील सोनल को पास खींच लेता है. वो अपनी आँखें बंद कर करीब हो जाती है.

शरमा क्यूँ रही है जानेमन… देख तेरी दीदी को कैसे चोदता हूँ… सीख ले आज अपनी दीदी से.

सोनल ने अपनी आँखें खोल दी….. सुनील ने सूमी के चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठ चूसने लग गया. उम्म्म्ममम उम्म्म्मममम सूमी कुछ भी बोल ना पाई उसने अपनी आँखें बंद कर ली और सुनील के होंठ चूसने लग गयी. सुनील साथ में ही बेदर्दी से सूमी के मम्मे मसल्ने लग गया. 

अहह उउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ सूमी ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी पर उसकी सिसकियाँ मुँह में ही दबी रह गयी.

कुछ देर बाद सुनील ने उसके होंठों को आज़ाद किया और उसके निपल को चूसने लग गया. दोनो की कमर धीरे धीरे हिल रही थी.

ओह म्म्म्मा आअ हाऐईयईई अहह होंठ आज़ाद होते ही सूमी की सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी और इनका असर सोनल पे भी होने लगा. 

सुनील ने सूमी के उरोज़ सख्ती से पकड़ लिए और अपनी स्पीड बढ़ा दी… सूमी ने उसे अपनी बाँहों में कस लिया ताकि उसकी स्पीड थोड़ी कम हो, अपनी टाँगें दोनो उठा के उसकी कमर पे कस दी.
आआआअहह धीरे धीरे ….. अहह आराम से करो ना…… उफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईई तू बोल ना इनको आराम से करें.

सोनल तो बस देखती ही रही किस तरह सुनील ज़ोर ज़ोर से सूमी को चोदने में लगा हुआ था…… 

उसका लंड पिस्टन की तरहा सूमी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था.

आअहह उूुउउफफफफफफफ्फ़ म्म्म्म माआआआअ अहह

सोनल के साथ होने की वजह से दोनो के अंदर उत्तेजना की बढ़ आ गयी. सुनील ने अपना वजन अपनी कोहनियों पे ले लिया और सूमी के उरोज़ छोड़ दिए… दोनो पे सुनील की उंगलियों की छाप लगचुकी थी.


‘आअहह जानू मुझे माँ बना दो ना… प्लीज़ ……. उफफफफफफ्फ़’

सोनल क्या बोल रही है तेरी दीदी …..

जब शादी करी है तो हक़ भी पूरा दो ना.

3 साल रुक नही सकती क्या…

सुनील सूमी को चोदने में लगा हुआ था और नज़रें सोनल से मिली हुई थी… जिसके साँसे तेज हो चुकी थी… जिस्म में कुछ होने लगा था……

सोनल उन दोनो के देख बहुत गरम हो चुकी थी और अपनी एडियाँ रगड़ रही थी… दिल चाह रहा था कि सुनील उसपे चढ़ जाए और रोन्द डाले….

अब और 3 साल में क्या फरक…. दीदी अभी चाहती है तो कर दो ना उनकी तमन्ना पूरी. सोनल अटक अटक के बोली… उसकी हालत खराब हो रही थी.

ओह जान देखो ये भी मान गयी अहह उम्म्म्मम तेज और तेज फाड़ दो आज मेरी चूत…. अहह यस यस…. भर दो मुझे आज…. उफफफफ्फ़ य्स्स मेरा होनेवाला है…… और तेज करो … चोदो मुझे अह्ह्ह्ह

सुनील के धक्के तेज हो गये और थप थप थप… जिस्मो के टकराने की आवाज़ फैलती गयी और सूमी की चूत से अलग राग निकल रहा था फॅक फॅक फॅक फॅक.

अहह म्म्म्मा ऐईयईईईईन्न्णणन् गगगगगगगाआआययययययययीीईईईईईई चीख़्ती हुई सूमी झड़ने लगी और उसी वक़्त सुनील की भी पिचकारियाँ छूटने लगी जिसको महसूस कर सूमी सातवें आसमान पे पहुँच गयी… दोनो पसीने से लथपथ थे और बुर्री तरहा हाँफ रहे थे. सुनील सूमी के उपर ही गिर पड़ा और अपनी सांसो पे काबू पाने की कोशिश करने लगा.
सोनल और भी दोनो के नज़दीक हो गयी और सुनील के पीठ पे हाथ फेरने लगी.

थोड़ी देर बाद सुनील सूमी के उपर से हट गया और सोनल और सूमी के बीच लेट गया.

सुनील बीच में लेटा अपनी सांस ठीक कर रहा था ….. सूमी की आँखें बंद हो चुकी थी … अपने आनंद की दुनिया में खो चुकी थी.

सोनल बहुत गरम हो चुकी थी और धीरे धीरे सुनील की छाती पे हाथ फेरने लगी थी. उसकी खनकती हुई चूड़ीयाँ वातावरण को और भी मोहक बना रही थी.

अपने पैरों से सुनील के पैर सहलाती तो तो पायल की रुनझुन कमरे में फैल जाती.

जब सुनी की सांस संभली तो सोनल बोली … बड़े बेशरम हो जी मेरे सामने ही शुरू हो गये .

'क्यूँ तुझे अच्छा नही लगा.'

'पता नही बहुत अजीब लगा.'

'सोनल मैं चाहता हूँ कि तीन साल बाद बच्चा हो … पर सूमी अभी की ज़िद पकड़ बैठी है.. कहती है किसी को पता नही चलेगा हम लोग फार्म हाउस शिफ्ट हो जाएँगे.'

'तो कर दो ना उनकी ज़िद पूरी.. नन्हा मुन्ना आएगा तो घर में रोनक बढ़ जाएगी. 
सच कहूँ मैं सपना भी यही देख रही थी कि दीदी प्रेग्नेंट हो गयी है… है सच कितना मज़ा आएगा.. जब उसे अपनी गोद में लेकर झूले झुलाउन्गी.'

'लेकिन इतनी जल्दी भी किस लिए … पहले ही हम बात कर चुके हैं … तब तुम साथ नही थी .. यही तय किया था कि तीन साल बाद ही करेंगे… मेरी डिग्री पूरी हो जयगी, तुम्हारी एमडी भी और तब यही सोचा था किसी अच्छे लड़के से तुम्हारी शादी कर हम शहर छोड़ कहीं और बस जाएँगे.'

‘मेरी शादी किसी और से… खुद को ही मार डालती मैं अगर तुम ये बात करते’

‘वो तब की बात थी… अब तो तू मेरे दिल की रानी बन चुकी है………’

‘बहुत तरसाया है तुमने मुझे अब उतना ही डबल प्यार करना पड़ेगा……’

‘प्यार तो मैं तुम दोनो से ही बहुत करता हूँ…….. एक दिल है तो दूसरी धड़कन … दोनो के बिना अब जी नही सकता’

‘सूमी को समझा यार… इतनी जल्दी ठीक नही है…….’

‘अगर ये बात मेरे लिए होती तो ठीक था.. क्यूंकी अभी तो 3-4 साल मस्ती मारेंगे फिर बच्चे का सोचेंगे… दीदी की बात अलग है….उनको डर लगा होगा कि कहीं 3 साल बाद कोई कॉंप्लिकेशन्स ना हो जाएँ…उम्र भी तो देखो उनकी… ये बात अलग है कि खुद को इतना मेनटेन किया हुआ है कि मेरी बड़ी बहन लगती हैं.. पर बढ़ती उम्र के साथ कॉंप्लिकेशन्स का भी ख़तरा होता है…क्या तुम वो ख़तरा उठाना चाहोगे……’

‘ख़तरे की कोई बात हुई तो बच्चा ज़रूरी भी नही है… उसे मैं कुछ नही होने दूँगा…’

‘तो उनकी बात मान लो… बच्चे के आने के बाद ही औरत पूरी होती है… उन्हें पूरा कर दो….क्यूंकी उनके दोनो बच्चे विधि ने उनसे छीन लिए… अब उनकी ममता तरसती होगी… किसी को बेटा कह के गले से लगाने की…ये तुम्हारा फ़र्ज़ है उन्हें उनकी खुशियाँ देदो…..एक फ़र्ज़ पति बन के पूरा किया अब दूसरा फ़र्ज़ उन्हें माँ बना के पूरा करो’

‘तुम दोनो से मैं कभी जीत नही पाउन्गा… ‘

‘कोशिश भी मत करना … और हमारे बीच कोई हार जीत नही है… सिर्फ़ प्यार है.. सिर्फ़ प्यार.’

सुनील ने सोनल के चेहरे को हाथों में थाम लिया और उसकी आँखों में देखने लगा… जहाँ सिर्फ़ प्यार था… सिर्फ़ प्यार.

‘किस मी डार्लिंग’ सोनल अब खुल चुकी थी सुनील के साथ.

सुनील ने उसके होंठों से अपने होंठ चिपका दिए …… सूमी इनकी सारी बातें सुन रही थी… और बहुत खुश हुई क्यूंकी सोनल ने सुनील को मना लिया था बच्चे के लिए … सुमन ने अपनी जांघे कस के बंद कर ली ताकि सुनील का वीर्य उसकी चूत के अंदर ही रहे और बाहर ना बहे……मन में अपने फर्टिलिटी के बारे में सोचने लगी… अभी कुछ टाइम तो लगना ही था.. कल से पिल्स बंद कर देगी… और जब उसकी फेरलिटी चरम पे होगी तो सुनील से रोज चुदवायेगी .. ताकि जल्दी प्रेग्नेंट हो सके. आने वाले बच्चे के बारे में सोचने लगी… कैसा होगा वो … किस पे जाएगा… और मन ही मन हँस रही थी ये सोच के कि वो फिर से माँ बनेगी .. कितना सकुन मिल रहा था उसे.

सुनील ने सोनल के होंठ धीरे धीरे चूसने शुरू कर दिए और सोनल उसके साथ छिपकती चली गयी.

सोनल ने सुनील की पीठ को सहलाना शुरू कर दिया और आँखें बंद कर अपने होंठों का रस सुनील को पिलाने का मज़ा लेने लगी.
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01-12-2019, 02:05 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील की ज़ुबान जब सोनल के मुँह में घुसी तो सोनल सिसक पड़ी.. उसकी आँखें खुल गयी और बड़े प्यार से सुनील को देखने लगी .. उन आँखों में इस वक़्त नशा भर चुका था… और शायद उसका दिल इस बात को मान चुका था कि सुनील दोनो में से किसी को भी किसी के सामने कभी भी छोड़ सकता था. ये प्यार की कड़ी अब मजबूत होती जा रही थी. और सोनल ने अपने सुनील की खुशी के लिए सारी शाम छोड़ दी थी… क्या हुआ बीवी को ही तो चोद रहा था बीवी के सामने…जब तीनो के दिल एक हो चुके थे तो जिस्मो का परदा कोई माइने नही रखता.

दोनो की सांस उखाड़ने लगी थी मजबूरन उन्हें अलग होना पड़ा ……. खिड़की से झाँकता चाँद कुछ नाराज़ सा हो गया था….. जल्दी उसे जाना पड़ेगा… और सारी मस्ती सूरज देखेगा…… रात सरक्ति हुई भोर के करीब जा रही थी.. पर इन दोनो को कोई जल्दी नही थी…जब आत्माएँ एक दूसरे में विलीन हो जाती हैं तो सेक्स … सेक्स नही रहता… उसकी करने का तरीका ही बदल जाता है… दो जिस्म बस एक दूसरे में नही समाते… दो रूहें एक दूसरे से मिलन करती हैं.. यही इन्दोनो के बीच हो रहा था.

‘सुनील मेरी जान… मेरा प्यार… मेरा सब कुछ….’ सोनल सुनील के गालों से अपने गाल रगड़ते हुए बोली.

इन दोनो के बीच बदते हुए प्यार को देख सूमी की आत्मा प्रसन हो रही थी….क्यूंकी तीनो की आत्माएँ एक दूसरे की हो चुकी थी.. उसे भी उस सुख का अहसास हो रहा था जो इस वक़्त सोनल को मिल रहा था. ऐसा होता है प्यार…. जो अपनी तरंगे इस तरहा फैलाता है कि दूर बैठ शक्स भी उस अहसास को महसूस करने लगता है.

सूमी को यही लग रहा था जैसे सुनील सोनल के होंठ नही उसके होंठ चूस रहा था. अपने आँखें बंद कर वो इस लज़्ज़त को अपने अंदर समेटने लग गयी.
सोनल के जिस्म पे जगह जगह लव बाइट्स के निशान थे और सुनील की नज़र जब उनपे पड़ी तो उसे दुख हुआ…..

सोनल के उरोज़ पे पड़े उन लव बाइट्स पे हाथ फेरते हुए बोला… 'पागल हो गया था मैं.. कितनी तकलीफ़ दी तुम्हें..’

‘तुम सच में बुद्धू हो… ये तकलीफ़ के नही तुम्हारे प्यार की निशानी है……जो मुझे बहुत अच्छे लग रहे हैं….

‘बुद्धू नही तुम्हारे प्यार में जंगल बन जाता हूँ’

‘अहह सुनील माइ लव…..लव मी …. टेक मी डार्लिंग…..सुनील के हाथों का अहसास अपने मम्मो पे सोनल को पागल करे जा रहा था.’

‘सूमी ने ज़रूर तुम्हें बड़ी फ़ुर्सत से बनाया था….बिल्कुल उसका प्रतिरूप हो…….सौन्दर्य की ख़ान हो तुम…तुम्हारे जिस्म का एक एक कटाव मुझे पागल कर देता है… दिल करता है … पिघल के तुम्हारे अंदर समा जाउ … कभी बाहर ना निकलूं……’

‘मुझ मे ही समाए रहोगे तो मेरी जान मेरी दीदी का क्या होगा ……ऐसी ग़लती मत करना जान… तुम्हें तो हम दोनो के रूप को बार बार पी कर उसकी मीठास को बढ़ाना है …….जितना तुम हम दोनो को चाखोगे.. उतनी ही हम दोनो मीठी और नशीली होती जाएँगी……उफफफफफफफफफफफ्फ़’ बोलते बोलते सिसक पड़ी सोनल क्यूंकी सुनील ने उसके निपल को अपने होंठों से छू लिया था.

‘सक मी डार्लिंग… सक मी… मेक मी मिल्क….अहह ऐसे ही चूस लो मुझे उफफफ्फ़ उूउउम्म्म्म
ओह दीदी देखो कितना प्यार कर रहे हैं मुझे ……. आह्ह्ह्ह दिदीईईईईई’ चीख ही पड़ी वो क्यूंकी सुनील ने उसके निपल पे दाँत गढ़ा दिए थे.

सूमी अब दूर ना रह सकी … उसकी आत्मा ने सोनल की आत्मा की आवाज़ सुन ली थी… वो पास सरक आई और सोनल के माथे पे प्यार से हाथ फेरने लग गयी.

‘ओह दीदी…. देखो ना … कैसे मेरा रस चूस्ते जा रहे हैं …. आइ लव यू बोथ’ सोनल को ऐसा सकुन मिला जिसकी कोई तुलना नही थी…….उसका भाई जो उसका पति बन चुका था… उसकी ही माँ जो अब उसकी सौतन थी… उसके ही सामने …. उसके बदन में उन तरंगों को जागृत कर रहा था…. जो कोई मर्द आसानी से नही कर सकता कितनी भी कोशिश कर ले. लेकिन यहाँ एक मर्द कुछ नही कर रहा था… उसकी रूह अपने करतब दिखा रही थी.

‘आइ लव यू टू डार्लिंग … माइ स्वीट डॉल… एंजाय दा लव ऑफ युवर हब्बी….. फील हिज़ एमोशन्स …. फील दा ओशन ऑफ लव ही हैज विदिन हिम’

‘ओउउच आराम से …… कितनी ज़ोर से काटा…….’

सुनील को कोई मतलब नही था ये दोनो क्या बातें कर रही थी… वो तो बस सोनल के जिस्म के अंदर बसे रस की एक एक बूँद चूस रहा था… ताकि नया रस उत्पान हो सके.

‘ओह माआआ बस करो ना….. अब आ भी जाओ…….आग लग चुकी है …. मेरे बदन में….भुजा दो ना…. जल रही हूँ मैं… दीदी बोलो ना इन्हें…..’

‘पगली … इतनी भी क्या जल्दी है…..लुफ्त ले इसके प्यार का’

सुनील तो बस कभी एक निपल चूस्ता तो कभी दूसरा. और दूसरे उरोज़ को मसलता रहता.

सुनील उसके उरोजो को अच्छी तरहा चूसने के बाद उसके बदन की महक से मजबूर हो कर उसकी नाभि तक पहुँच गया. और सोनल के बदन में हलचल का तूफान उठ गया …..उसकी नाभि ही तो उसके जिस्म की कामुकता का द्वार थी….सभी तरंगे एक साथ उसकी चूत पे हमला करने लगी.

ओह ओह दीदी देखो…..अहह रुक जाओ…..प्लीज़ नही…. अहह

सुनील ने जैसे ही उसकी नाभि में अपनी ज़ुबान डाली ………..सोनल का जिस्म अकड़ने लग गया एक कमान की तरहा उपर उठ गयी………….सूमी बस प्यार से उसके माथे पे हाथ फेरती रही ……उसका जिस्म खुद उस अहसास के वशीभूत होने लगा अहह वो सिसक पड़ी………और ना चाहते हुए भी उन दोनो से लिपट गयी……..ये कोई 3सम नही था…..ये प्यार की प्रगाढ़ता थी – ये आत्माओं का अभूतपूर्व मिलन था…सूमी की चूत में वो हलचल मचने लगी जो सोनल की चूत में हो रही थी….सुनील कामयाब हो चुका था… अब ये तीन बदन एक जान बन चुके थे… जो एक महसूस करता बाकी दोनो भी वही महसूस करते…. और इसका सबसे बड़ा प्रमाण ये था कि सुनील के लंड ने भी बग़ावत कर दी थी… वो भी तड़प्ते हुए अपनी बोछार के करीब पहुँच ने वाला था.


सुनील ने खुद को बड़ी मुश्किल से रोका ….वरना वो झड़ने के करीब पहुँच चुका था………..और सोनल उस दुनिया में पहुच चुकी थी जहाँ सुनील उसे ले जाना चाहता 

था…………द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दीईईईईद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दीईईईईईईईईईईईईई

बस ये एक चीख के साथ सोनल तड़प्ते हुए मचलते हुए जिस्म को कमान बनाए हुए झड़ने लगी………………

कुछ ही पलों के बाद सोनल का जिस्म धम्म से बिस्तर पे गिरा…….और हाँफती हुई बस ये ही बोल पाई ‘दीदी ये मेरी जान ले लेंगे……..’

सुनील का लंड अपने पूरे उफ्फान पे पहुँच चुका था… अब उसे सोनल की टाइट चूत का समागम चाहिए था.. और ज़्यादा फोरप्ले करना उसके बस में नही रहा था इसलिए वो सोनल की टाँगों के बीच आ गया और अपने लंड उसकी चूत से घिसने लग गया जो रस से भर हुई थी. 

माआआ उफफफफफफफ्फ़ सोनल सिसक पड़ी और उसने सूमी का हाथ सकती से पकड़ लिया. सूमी उसके माथे पे चुंबन करने लगी……सूमी का दिल चाह रहा था कि वो भी इस खेल का हिस्सा बन जाए…. पर उसकी मर्यादा उसे रोक रही थी……उसकी आँखों में फिर से एक प्यास जनम ले चुकी थी……हालाँकि सुनील ने दोनो के जिस्म से एक दूसरे के सामने खेल के दोनो के बीच की शरम बहुत हद तक दूर कर दी थी और दोनो को ही ये अहसास दिला दिया था…. कि उन्दोनो में कभी कोई रंजिश नही होनी चाहिए… क्यूंकी दोनो ही उसकी बीवी बन चुकी थी… और ….दोनो को ….ना सिर्फ़ उसके साथ बालिक आपस में भी प्रेम की अवीरल धारा में गोते लगाते रहना है…किसी का भी कोई अपना अस्तित्व नही रह गया था… अस्तित्व था तो बस प्यार का जो तीनो को जोड़ के रखा हुआ था.

सूमी…. सुनो जी धीरे से डालना… अभी ये पूरी तरहा खुली नही है… इसे तकलीफ़ मत देना जोश में आ कर….

सुनील : तुझे क्या लगता है… मैं कभी तुम दोनो को तकलीफ़ दे सकता हूँ.

सोनल : हाई देखो इनका लंड कितना नाराज़ लग रहा है…. अब डाल दो उसे मेरी चूत में और उसे खुश कर दो….. आओ समा जाओ मुझ में….

सुनील एक झटका मारता है और सोनल की टाइट चूत में उसके लंड का सुपाडा घुस जाता है.

आाआईयईईईईईईईईईईईई द्द्द्द्द्द्द्दीईइद्द्द्द्दीईईईईइ

सोनल चीख पड़ती है और सूमी अपने होंठ उसके होंठों पे रख उसे दिलासा देने लगती है…. बस मेरी गुड़िया… थोड़ा सहन कर ले… फिर ये तुझे सातवें आसमान की सैर कराएगा.

सोनल के होंठ फड़फड़ाते हुए सूमी के होंठों से उलझ गये….. सोनल की जिंदगी में ये पहली बार हो रहा था… जब उसके होंठों ने एक औरत के होंठों का स्वाद चखा.

सुनील ने फिर एक झटका मार अपना आधा लंड अंदर घुसा डाला. और दर्द के मारे सोनल ने सूमी के होंठों में दाँत गढ़ा दिए. अहह ……आाआआईयईईईईईईईईईईईईई सोनल और सूमी की चीखें एक दूसरे में घुलती हुई उनके मुँह में ही दबी रह गयी.

रात सरक्ति हुई विदा ले रही थी और भोर आने को आतुर थी..आज सूरज छटपटा रहा था…..ये चाँद जाने में क्यूँ इतनी देर लगा रहा है…..और चाँद जाते जाते भी सोनल और सुनील के मिलन से उठती हुई तरंगो को महसूस करता हुआ अपनी चाल को धीमा करने की कोशिश में लग गया. 

सुनील ने खुद को रोक लिया क्यूंकी सोनल दर्द के मारे फड़फड़ा रही थी…. सूमी उसे धीरे धीरे संभालने की कोशिश कर रही थी. वह क्या मंज़र था. सोनल की चूत में लंड घुसाने का प्रयास करता हुआ सुनील दोनो माँ बेटी और अब सौतनें …….को एक दूसरे के होंठ चूस्ते हुए देख रहा था…. आज वाक़यी में तीनो का संगम हो रहा था.

सुनील सोनल के उपर झुक गया और उसके निपल चूसने लग गया सोनल का हाथ खुद ब खुद उसके बाल सहलाने लग गया…. निपल से उठी हुई तरंगे सोनल के दर्द के अहसास को कम करने लग गयी.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सूमी और सोनल… धीरे धीरे एक दूसरे के होंठ चूसने में व्यस्त हो गयी…सोनल के जिस्म में आज कुछ और नयी तरंगों ने जन्म ले लिया…. एक तरफ सुनील का लंड उसकी चूत में हाहाकार मचाने के लिए घुस चुका था.. दूसरी तरफ सूमी उसके होंठ चूस्ते हुए नयी लज़्ज़त का अहसास दे रही थी.

सोनल का तड़प्ता हुआ जिस्म धीरे धीरे शांत हो गया… और उसकी कमर खुद ब खुद हिल कर सुनील को आगे बढ़ने का इशारा देने लगी.

सुनील ने सोनल की दोनो टाँगों को अपने कंधों पे रख लिया जिससे सोनल क़ी चूत उपर उठ गयी और सुनील ने अपना वजन अपनी कोहनियों पे ले एक झटका और मारा और उसका लंड सोनल की चूत को चीरता हुआ और भी अंदर घुस गया. बिल्लबिला उठी सोनल… दर्द का अहसास अभी कम ही पड़ा था कि फिर से वो तीव्र गति से जाग गया और सोनल मछली की तरहा तड़पने लगी… आज सुनील वहाँ तक पहुँच गया जहाँ लड़की की चूत का सबसे संवेदन भाग होता है…..सोनल भी समझ गयी कि सुनील ने पहली चुदाई में पूरा लंड अंदर नही घुसाया था. 

सोनल की चीखें सूमी के होंठ में दब के रह गयी उसकी आँखें उबल पड़ी थी और आँसुओं की कतार बहने लगी.

सुनील उसके निपल को मसल्ने लग गया और एक तरफ से उसके आँसू चाटने लग गया.

सूमी का हाथ सरकता हुआ सोनल की चूत तक पहुँच गया ये जानने के लिए कि अभी सुनील का लंड पूरा अंदर घुस चुका है या नही..अब भी थोड़ा लंड बाहर ही था. सूमी ने अपना हाथ हटा लिया और सोनल के सर को सहलाने लगी.

सूमी ने अपने होंठ सोनल के होंठों से अलग कर लिए पर उसके सर को सहलाना नही छोड़ा. 

सोनल की दबी हुई सिसकियाँ फुट पड़ी……अहह बहुत दर्द हो रहा है……प्लीज़ अभी रुक जाओ कुछ देर.

सुनील उसके होंठों को हल्के हल्के किस करने लगा. ‘बस मेरी जान…… अब और दर्द नही होगा.

सोनल ने अपनी दोनो बाँहों से सुनील के पीठ को कसते हुए खुद से चिपका लिया. उसके उरोज़ सुनील की छाती के नीचे पिसने लगे. उफफफफफफफफ्फ़ म्म्म्मेमाआआ सोनल सिसक पड़ी.
धीरे धीरे सोनल शांत हुई और सुनील हरकत में आ गया. आराम से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

आह्ह्ह्ह उफफफ्फ़ उम्म्म्म सोनल सिसकने लगी… पर अब उन सिसकियों में मीठे मीठे दर्द का अहसास था. सूमी अब सोनल से अलग हो गयी और पीठ के बल लेट गयी.

सोनल भी अब अपनी गान्ड उछाल के सुनील का साथ देने लगी.

‘ओह सुनील ये कैसा प्यार है तुम्हारा … पहले दर्द देते हो फिर आनंद की लहरों में गोते लगवाते हो….उफफफफ्फ़ हाऐईयईईईई करो और तेज करूऊ…चोदो मुझे…..अहह’

‘मेरी जान दर्द से ही खुलता है दरवाजा स्वप्नलोक का’

अब सुनील ने अपनी स्पीड तेज कर दी ….. सोनल उसकी पीठ सहलाती रही…….और अपनी गान्ड उसी लय में उछालती रही… सुनील का लंड बाहर निकलता तो उसी वक़्त सोनल अपनी गान्ड उछाल उसे अंदर लेने लगती…. जिस्म जिस्म से टकराने लगे. एक तुफ्फान आ गया कमरे में….और सोनल की चूत कभी उसके लंड को पकड़ लेती और कभी छोड़ देती…. सुनील भी मस्ती की वादियों में उड़ने लगा….. सोनल की चूत अब लगातार रस बहा रही थी… वो मस्ती के आलम में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और सुनील ने यही मोका ठीक समझा और अपने स्पीड बढ़ते हुए एक ज़ोर का झटका लगा कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया….. चिहुक उठी सोनल…बढ़ते हुए आनंद के बीच फिर से दर्द की लहर कोंध गयी उसके जिस्म में और वो चिल्ला पड़ी……ऊऊऊऊओउुुुऊउक्कककककककचह उूुुुउउइईईईइइम्म्म्मममममाआआआआआआअ

सूमी फिर सोनल के चेहरे पे झुक गयी…….’बस डार्लिंग…..आज वो पूरा तेरे अंदर समा चुका है…… अब कभी इतना दर्द नही होगा…..एंजाय दा फील ऑफ हिम बीयिंग इनसाइड यू…..चेरिश दीज़ मोमेंट्स स्वीट हार्ट’ सूमी ने सोनल के होंठों को चूमते हुए कहा और प्यार से उसके बालों को सहलाने लगी.

‘दीदी हमेशा मेरा ऐसे ही साथ देना……आइ लव यू’ 

‘आइ लव यू टू डार्लिंग.’

सोनल ने सूमी के हाथ को पकड़ अपने उरोज़ पे रख दिया…… सिहर उठी सूमी….और अपना हाथ हटा लिया…..

अब सुनील तुफ्फानी गति से सोनल को चोदने लग गया… सोनल का ध्यान सूमी से हट के सुनील पे आगया…..

‘उम्म्म्म लव यू डार्लिंग…. फक मी हार्ड… टेक मी…… फाड़ दो मुझे …..’ सोनल भी तेज़ी से अपनी चूत सुनील के लंड पे मारने लगी.

‘ओह डीडीिईईईईई कुछ हो रहा है….. मुझे कुछ हो रहा है…… अहह हाई मेरी चूत…. उफफफफफफफफफ्फ़ करो और तेज और तेज चोदो मुझे…..हां हां ऐसे ही …..उफफफफफफ्फ़’

अब सोनल और सुनील दोनो ही पागल से हो चुके थे और तेज़ी से उनके जिस्म आपस में टकरा रहे थे. 

सूरज की पहली किरण खिड़की से अंदर घुसी और उसी वक़्त सोनल और सुनील…….चीखते हुए झड़ने लगे.

सोनल बुरी तरहा सुनील से चिपक गयी… उसके नाख़ून सुनील की पीठ में धँस गये.

और सुनील हांफता हुआ सोनल पे लूड़क पड़ा.

सूरज के आगमन ने ये घोषणा कर दी … अब ये तीनो कभी अलग नही होंगे.

‘सोनल मेरी जान… हांफता हुआ सुनील बस इतना ही बोल पाया. सूमी उसकी पीठ सहलाने लगी और उसके सर को चूमने लगी. 

धीरे धीरे सोनल और सुनील शांत हुए….और सुनील सोनल के उपर से हट के सूमी से चिपक गया जिसने उसे अपनी बाँहों में क़ैद कर लिया.

आज सोनल मुकम्मल औरत बन चुकी थी.

रात भर जागने के बाद अब जा के तीनो की आँख लगी….और दोपहर तक सोते रहे. पहले सोनल उठी…..जैसे ही बिस्तर से उतरने लगी……अहह निकल पड़ी उसकी उसकी कमर में तेज दर्द उठा… उसकी आहह से सूमी की आँख खुल गयी और वो सोनल को सहारा दे कर बाथरूम में ले गयी.

दोनो पूर्ण नग्न … अब ध्यान से एक दूसरे के जिस्म को देख रही थी… दोनो के जिस्म लव बाइट्स से भरे हुए थे खास कर दोनो के उरोज़……सूमी के उरोज़ सोनल से थोड़े ही बड़े थे… सूमी का साइज़ था 36 और सोनल का 34 …..सूमी ने टब में गरम पानी भर दिया और सोनल को उसमे लिटा दिया ताकि गरम पानी की सिकाई से उसे कुछ आराम मिले. बदन तो सूमी का भी टूट रहा था. वो शवर के नीचे खड़ी हो गयी. 

‘दीदी यहीं आ जाओ ना मेरे पास’

सूमी कुछ झिझकी …

‘आओ ना…. अब कैसी शर्म’

सूमी भी टब में घुस गयी ….. दो बदन एक दूसरे से चिपक गये. और दोनो एक दूसरे की आँखों में देखने लगी. 

अब रही सही शरम भी दोनो के बीच से जा चुकी थी….जब दोनो का पति एक था… जब तीनो एक ही प्यार के धागे में बँध चुके थे – तो आपस में कैसी शरम. दोनो के वक्ष एक दूसरे से सट गये….और दोनो के निपल एक दूसरे का हाल पूछने लगे.

सोनल ने सूमी के चेहरे को अपने हाथों में थाम लिया और उसे खुद पे झुकने लगी.

दोनो के होंठ आपस में सट गयी. और दोनो के बदन सिहर उठे.
हाथ अपने आप एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे.

कुछ देर बाद दोनो अलग हुई… बाद टब से बाहर निकल एक दूसरे के बदन को पोन्छा और बाथगाउन पहन कर दोनो बाहर आ गयी. सुनील अब भी सोया पड़ा था.

सोनल को शरारत सूझी वो सुनील के पास जा के उसके ढीले लंड को अपने हाथों में पकड़ सूमी की तरफ देखते हुई बोली. ‘देखो तो कितना मासूम सा लग रहा है… और रात को पूरी आफ़त मचाता है.’

सूमी भी मुस्कुरा उठी. ‘ये आफ़त नही मचाएगा तो हमे खुश कैसे रखेगा.’ वो भी पास आ गयी और झुक के सुनील के लंड को चूम लिया.

‘तू इनको उठा… मैं कॉफी तयार करती हूँ.’

सोनल सुनील के चेहरे पे झुक गयी और उसके होंठ चूम लिए ‘ उठ जाओ डार्लिंग… दोपहर हो चुकी है’
उम्म्म्म सुनील ने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लग गया.
‘उफ्फ फिर शुरू हो गये… अब उठो ना…’

'दिन की शुरुआत तो मीठी करने दे मेरी जान’ 

ऊऊुऊउककच नही अब उठो …सारा बदन दुख रहा है…….सोनल अंगड़ाई लेते हुए बोली.

सोनल खुद को सुनील से अलग किया और सूमी के पास जा के बैठ गयी. 

सुनील बाथरूम जाते हुए बोला… जल्दी रेडी हो जाओ और साड़ी नही कुछ लाइट पहनना… विल गो ऑन मोटर बोट टुडे.
जब तक सुनील बाथरूम से निकलता, दोनो रेडी हो चुकी थी… दोनो ने ही एक टॉप और स्कर्ट पहन ली थी और वाकई में दोनो को कोई भी देखे तो यही कहेगा कि दोनो बहने हैं. सोनल के हाथों की मेंहदी अब भी चमक रही थी और हाथों में सुहाग चूड़ियाँ उसको और निखार रही थी.

सुनील ने एक टी-शर्ट और शॉर्ट पहन लिया था. वो दोनो अपनी कॉफी पी चुकी थी… सुनील के लिए तयार कर रखी थी.
फिर तीनो ने रेस्टोरेंट में लंच किया, सुनील ने कुछ स्नॅक्स भी पॅक करवा लिए और एक कॉफी का भरा हुआ थारमस भी ले लिया कुछ प्लास्टिक प्लेट्स और ग्लासस के साथ, फिर तीनो पास के ही पियर पेग आए और एक मोटर बोट हाइयर कर ली,,,सुनील साथ साथ ड्राइवर से मोटर बोट चलाना भी सीखता रहा क्यूंकी अगले दिन वो किसी ड्राइवर को साथ नही ले जाना चाहता था. तेज तेज चलती हवा की वजह से दोनो हसिनाओ के बाल हवा में लहराने लगे… कई बार तो स्कर्ट भी उपर उठ जाती थी… जिसे दोनो संभालती रहती… करीब दो घंटे ये लोग मोटर बोट में सामुद्री लहरों के उपर घूमते रहे और सुनील ने मोटर बोट के ऑपरेशन को अच्छी तरहा समझ लिया. बीच बीच में ये लोग कॉफी पीते रहे और स्नॅक्स खाते रहे. शाम तक ये लोग वापस आ गये… और सुनील दोनो को बिल्कुल एकांत में ले गया … जहाँ दूर दूर तक कोई परिंदा भी नही था… बस लहरें साहिल से टकरा के शोर उत्पन्न कर रही थी.

तीनो ही बीच पे लेट गये. सुनील के एक तरफ सूमी थी और दूसरी तरफ सोनल.

आसमान पे डूबते हुए सूरज की लालिमा फैल चुकी थी.

सुनील : सूमी यार मैं सोच रहा था तुम्हारा नाम ही बदल दूं.

सूमी : क्यूँ मेरे नाम को क्या हो गया..

सुनील : जानेमन अब एक नयी पहचान जो बनानी पड़ेगी….. ताकि दुनियावाले सुमन को भूल जाएँ और हमारा नन्हा मुन्ना बेख़टके तुम्हारी गोद में आ सके ( सुनील सूमी के पेट को सहलाते हुए बोला)

सूमी : फिर क्या नाम देनेवाले हो मुझे

सुनील : मिनी कैसा रहेगा.

सूमी : ये नाम ही क्यूँ.

सुनील : यार तुम्हारी कातिल जवानी मुझे मिनी की याद दिलाती है… हाई क्या हॉट माल है वो.

सोनल ये मिनी कौन है

सुनील : अरे यार मिनी राजशर्मास्टॉरीज की एक पाठक है उसने कहा था कि मेरा नाम भी इस कहानी मे शामिल कर लो

सोनल तो इसीलिए तुमने दीदी का नया नाम मिनी रखने का सोच लिया

सुनील :डार्लिंग इसमें क्या बुराई है 

सोनल मिनी का नाम सुन चिड गयी.

सोनल : दीदी कभी सलमान ख़ान को देखा … हाई क्या एबेस हैं….मर्द हो तो ऐसा ……

सूमी : ओह हो … तो जनाब को मुझ में मिनी नज़र आती है… यानी तुम मुझे नही … मिनी को चाहते हो….वहीं चले जाओ ना और पटा लो उसे… मुझ से क्यूँ शादी करी……( सूमी थोड़ा रुआंसी हो गयी)

सुनील : लो कर लो बात …. थोड़ा सा मज़ाक भी नही सह सकती……..

सूमी : ये मज़ाक था… तुम मेरे सामने किसी और के हुस्न की तारीफ करो.. मुझे दूसरा नाम दो … क्यूंकी वो तुम्हें अच्छी लगती है.

सोनल : सारे मर्द एक जैसे होते हैं इन्हें घर की दाल अच्छी नही लगती…बाहर गोश्त तलाशते रहते हैं … सलमान को देखो औरत की कितनी इज़्ज़त करता है. हाई काश मुझे वो मिल जाता

सुनील : ओए शेरनी ये सलमान कहाँ से टपक पड़ा.

सूमी : जैसे मिनी आ टपकी………( अपना मुँह दूसरी तरफ फेर लिया)

सोनल ने भी अपना मुँह दूसरी तरफ फेर लिया.

सुनील : अरे ग़लती हो गयी यार तुम दोनो तो ऐसे भड़की हो जैसे वाकई में मैं मिनी के बारे में सोचता हूँ.

दोनो ही एक दम पलट के सुनील के उपर चढ़ गयी. पता है ना हम क्या हैं…. खा जाएँगी तुमको अगर किसी और के बारे में सोचा भी तो. और दोनो ने सुनील के गाल पे काट लिया.

ओउुऊउकक्चझहह बाप रे ……बिल्ली और शेरनी एक साथ …. रहम… मेरी मालिकाओं… जिंदगी भर तुम दोनो के अलावा ….किसी और का नाम तक नही लूँगा.

दोनो एक साथ बोली…….फिर कभी ऐसी हरक़त की तो देख लेना क्या हाल होता है तुम्हारा. और दोनो के होंठ सुनील के होंठों से सट गये. सुनील ने भी दोनो को अपनी बाँहों में कस लिया और उनके होंठों की छुअन से मस्त होने लगा.

कभी सोनल उसके होंठों पे ज़ुबांन फेरती तो कभी सूमी.

दोनो का एक एक उरोज़ सुनील की छाती में गढ़ रहा था…. और सुनील के जिस्म में हलचल मचने लगी.

कितनी देर तक तीनो ऐसे ही बीच पे पड़े रहे और जब रात का अंधेरा फैलने लगा तो उठ के होटेल की तरफ चल दिए.

रेस्टोरेंट में डिन्नर किया और अपने कमरे की तरफ बढ़ गये. ये रात सुनील पे भारी पड़ने वाली थी क्यूंकी दोनो के मन में अभी तक मिनी के नाम की आग लगी हुई थी.

कमरे में पहुँच सोनल और सूमी अपने अपने बाथरूम में घुस गयी. बाथरूम में घुसने से पहले सोनल ने सूमी के कान में कुछ कहा था. सूमी का चेहरा शरम के मारे लाल पड़ गया और अधरों पे एक मुस्कान आ गयी. सोनल के कंधे पे हाथ मारते हुए वो अपने कमरे में भाग गयी. सुनील ने लिविंग रूम का बाथरूम यूज़ किया और फ्रेश हो कर बाहर आ गया. इस वक़्त उसने सिर्फ़ एक शॉर्ट पहना हुआ था. 

एक से बाद कर एक दिख रही थी दोनो… अगर दोनो सामने हों किसी के तो आदमी बेचारा कभी इस को देखे तो कभी उसको फ़ैसला ही ना कर पाए कि किसपे चढ़े और लंड यूँ ही पॅंट में फसा झड जाए.

सुनील बाल्कनी में खड़ा दूर तक फैले समुद्र को देख रहा था. और ये दो हसीनाएँ लिविंग रूम में आ कर वहाँ का तापमान बढ़ाने लगी थी. आज सोनल ने पहल करी और वाइन की बॉटल खोल डाली. सूमी उसे देखती जा रही थी कि वो कर क्या रही है. सोनल ने सूमी के कान में कहा कि कुछ देर वो दोनो आपस में ही लगी रहेंगी और सुनील को नज़रअंदाज़ करेंगी…….सोनल की बात सुन सूमी भी मुस्कुरा दी… आज सुनील को छिडाने का पूरा प्लान कर चुकी थी दोनो.

सोनल ने वाइन का घूँट भरा और अपने होंठ सोनल से चिपका दिए ….. दोनो वाइन एक दूसरे के मुँह में उडेलने लग गयी और साथ ही धीरे धीरे एक दूसरे के होंठ चूसने लग गयी.

सुनील जब अंदर आया तो दोनो को इस हालत में देख उसकी आँखें फटी रह गयी.

आग के दो शोले आपस में लिपटे हुए थे. उसका गला सूखने लगा …….. आँखें उस मंज़र को क़ैद करने लगी… कदम वहीं जाम गये.

सोनल की नज़र बाल्कनी के दरवाजे पे ही थी…. सुनील को अंदर आते उसने देख लिया था. 

जान बुझ के किस तोड़ा… और सुनील की परवाह ना करते हुए….

‘दीदी ये मर्द लोग ऐसे ही होते हैं…. मन में कुछ और होता है और ज़ुबान पे कुछ और’ बोल कर वाइन का घूँट भरा और फिर सूमी के साथ होंठ चिपका दिए.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुनील के तो कानो से धुँआ निकलने लग गया. उसकी दोनो जान उससे नाराज़ हो गयी थी.. एक छोटा सा मज़ाक उसे बहुत भारी पड़ रहा था. उपर ये जानलेवा पहनावा जो कमरे के तापमान को बढ़ा चुका था. दोनो के जिस्म से आग की लपटें निकल रही थी और सुनील उनमें झुलस्ता जा रहा था. कितनी ही देर वो बस दोनो को देखता रहा. 

सूमी ने भी सुनील को देख लिया था और उसकी हालत देख उसकी हँसी छूट रही थी …. सोनल थी कि सूमी को छोड़ ही नही रही थी.


सुनील का दिल कुछ टूट सा गया था… क्यूंकी ये बेरूख़ी उसके बर्दाश्त के बाहर थी….लड़खड़ाते हुए कदमो से वो टेबल की तरफ बड़ा… वाइन की दूसरी बॉटल उठाई और पलट के बाहर बाल्कनी में चला गया.

ये मंज़र देख तो सोनल की ऐसी की तैसी हो गयी … उसने सोचा था कि सुनील पास बैठेगा… उन्हें अपनी बाँहों में लेने की कोशिश करेगा… और वो नखरे दिखाएँगी… पर ये तो उल्टा ही हो गया…..वो दोनो को अकेला छोड़ वाइन की बॉटल उठा बाहर बाल्कनी में चला गया.

सोनल ने फट से सूमी के होंठों को छोड़ा और घबराई नज़रों से उसे देखने लगी.

दिल कितना नाज़ुक होता है …. कभी कोई एक छोटा सा मज़ाक बर्दाश्त नही कर पाता और कभी कोई दिखावे की बेरूख़ी …… ये जानते हुए कि सुनील उनके बिना एक पल नही जी सकता .. उसका मज़ाक दोनो को चुभ गया और उसे तंग करने की ठान ली….और सुनील ये जानते हुए कि वो उनकी साँसों में बस्ता है..उनकी धड़कन उसके दम से चलती है … ज़रा सा ड्रामा बर्दाश्त नही कर पाया.

वाह रे दिल तेरे रूप निराले.

‘दीदी ये तो उल्टा पड़ गया….. मैने तो सोचा था वो हमारे पास आएँगे हम कुछ नखरे करेंगे … पर ये तो…..नाराज़ हो गये……’

‘तू अभी उसे समझी ही नही है…..वो नाराज़ नही हुआ… उसका दिल टूट गया’

‘ये क्या बात हुई …. वो कुछ भी मज़ाक कर लें… हम कुछ मस्ती करें तो दिल टूट गया जनाब का’

‘अगर ये बेरूख़ी वो तुझे दिखाए तो…….’

‘मर जाउन्गी मैं तो….’

‘अब सोच उसपे क्या बीती होगी …’

‘तो आपने मेरा साथ क्यूँ दिया….’

‘बड़ी हूँ… तुझे सिखाना भी तो है ….’

‘ये कॉन सा तरीका है सीखाने का… उनको दुखी कर दिया’ सोनल की आँखों में आँसू आ गये.

‘प्यार के दो पहलू होते हैं मेरी गुड़िया … अभी तक तूने प्यार का मनमोहक रूप देखा है … यही प्यार कड़वा भी हो जाता है… बस कुछ ग़लतफहमी की वजह से … जिसे वक़्त पे काबू नही किया तो दिलों में दरारें पड़ जाती हैं……….मैने आज अपने प्यार को चोट पहुँचाई ताकि तू कुछ सबक सीख सके ….. उसने मज़ाक किया था… और हमने… हमने उसे इग्नोर कर दिया… जैसे उसका कोई वजूद ही ना हो हमारे लिए ….. प्यार की गहराई तब तक समझ नही आती … जब तक चोट नही लगती’

‘इतनी भी सख़्त टीचर ना बनो दीदी…….मैं ये गुनाह झेल नही पाउन्गि …….मेरा प्यार मेरी वजह से दुखी हो गया…….कितने दर्द तो वो पहले ही झेल चुका है ………आज ये…..दर्द भी दे दिया उसे’ सोनल बिलख बिलख के रोने लगी और बाहर भागी सुनील के पास …. सूमी भी पीछे नही रही. 

जब दोनो उसके पास पहुँची तो दहल गयी… वाइन की बॉटल चोथाई खाली हो चुकी थी… और वो शून्य में कुछ ढूंड रहा था.
सोनल बोली डार्लिंग… सूमी बोली जानू ………आप ये क्या कर रहे हो यहाँ अकेले ……ये दोनो एक साथ बोले.

सुनील बस शून्य में विलीन रहा 

दोनो एक साथ बोली …….’आप मज़ाक कर सकते हो ….हम थोड़ी दिल्लगी भी नही कर सकते’

‘हमारे रवैये से आपको दुख पहुँचा है ….प्लीज़ हमे मा’ सुनील ने फट से दोनो के मुँह पे अपने हाथ रख दिए और माफ़ शब्द पूरा नही होने दिया.

‘जब दिल करे ……मेरी .. बोटी बोटी काट के चाहे कुत्तों को खिला देना….पर कभी मुझे बेरूख़ी के आलम में ना रखना…मैं मर जाउन्गा ‘ और सुनील बिलख बिलख के रोने लग गया.

तीनो एक दूसरे से चिपट के रोते रहे…….प्यार ये दिन भी दिखाता है……….
जिस प्यार में माफी शब्द की गुंजाइश ना हो ……..वो प्यार तो स्वर्ग लोक में देवताओं को भी नसीब नही होता.

सौर मंडल में केवल एक पृथ्वी ही है जहाँ प्यार खिलता है पनपता है अपने लाखों रूप के साथ.

रोते रोते सूमी सुनील के निपल चूसने लग गयी…..ये प्यार की भूख थी… या तीनो के बीच बसे हुए दुख को दूर करने का रास्ता…..और सूमी की देखा देखी सोनल भी दूसरे निपल को चूसने लग गयी….,इस दो तरफे हमले ने सुनील के आँसुओं पर रोक लगा दी.. क्यूंकी जिस्म कुछ और भाषा बोलने लग गया था…निपल्स से उठती हुई तरंगे सुनील को दुख की बस्ती से प्रेम की बस्ती की तरफ खींचने लगी.

कुछ क्षणों बाद सोनल ने वहीं पड़ी वाइन की बॉटल से घूँट भरा और अपने होंठ सुनील के होंठों से चिपका दिए और उसके मुँह के अंदर वाइन उडेलने लगी.

अब सूमी दूसरे निपल को अपनी उंगलियों में लेके मसल्ने लगी.

तेंनो प्यार की गहराई में उतरते चले गये.

सोनल के मीठे होंठों का रस सुनील को मस्त करने लग गया और उसने सोनल के उरोज़ दबाने शुरू कर दिए….. सोनल की सिसकियाँ सुनील के मुँह में घुलती रह गयी.
सूमी सुनील के निपल छोड़ उसकी नाभि को चाटने लग गयी और अपनी ज़ुबान उसकी नाभि में घुसा उसे कामुकता के चर्म की तरफ ले जाने लगी……

अहह सुनील सिसक पड़ा पर उसकी सिसकी सोनल पी गयी ………आज चाँद बहुत खुश था… क्यूंकी इनकी प्रेम लीला को देखने के लिए उसे खिड़की से झाँकना नही पड़ रहा था.


सूमी ने सुनील के शॉर्ट को खोल दिया और उसका आकड़ा हुआ लंड खुली हवा में चैन की सांस लेने लगा. जितना दुख दोनो ने सुनील को अपनी बेरूख़ी दिखा के दिया था उससे ज़्यादा अब वो दोनो मिलके उसे प्यार कर रही थी और सुनील उनके प्यार के सागर में गोते लगा रहा था. 
सूमी ने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया और लंड के सुपाडे को चूमने लग गयी.

सुनील तड़प उठा और उसने सोनल को कस के खुद से चिपटा लिया और कस कस के उसके होंठ चूसने लग गया… सोनल की सिसकियाँ तेज होने लग गयी पर होंठों से बाहर नही निकल पाई. खड़े खड़े सोनल थकने लग गयी थी… पर सुनील को कुछ नही बोली.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सूमी ने सुनील के लंड को अच्छी तरहा चाटा फिर उसे मुँह में ले कर गले तक उतारती चली गयी. सोनल की सांस उखड़ चुकी थी.. वो सुनील से अलग हुई और जब उसकी नज़र सूमी पे पड़ी तो उसका मुँह खुला रह गया…. कैसे सूमी ने इतना लंबा और मोटा लंड पूरा मुँह के अंदर ले रखा था …. वो गौर से सूमी को देखने लगी किस तरहा वो सुनील का लंड चूस रही थी. और सुनील की सिसकियाँ फ़िज़ा में फैलने लगी.

सोनल के जिस्म में ये मंज़र देख हाहाकार मचने लग गया उसके हाथ खुद बा खुद अपनी ब्रा के हुक पे चले गये और अपनी ब्रा उतार के फेंक दी. सुनील ने सूमी के सर को अपने लंड पे दबा डाला. सूमी की सांस घुटने लगी पर उसने लंड चूसना नही छोड़ा. अपनी ब्रा उतारने के बाद सोनल ने सूमी की लाइनाये का बँध भी खोल डाला और उसे उसके जिस्म से अलग कर दिया. अब दोनो उपर से पूरी तरहा नग्न थी और केवल छोटी सी पैंटी ही उनके जिस्म पर रह गयी थी.

सोनल को एक पल भी ये ख़याल नही आया कि वो तीनो इस वक़्त बालकोनी मे हैं और किसी की भी नज़र उनपे पड़ सकती है.

सोनल बस अपने साजन को खुश करना चाहती थी… आगे बढ़ उसने अपना निपल सुनील के मुँह की आगे कर दिया और नज़रें सूमी पे ही रखी जो इस वक़्त ज़ोर ज़ोर से सुनील के लंड को वाक्कुम पंप की तरहा चूस रही थी. सुनील ने फट से सोनल के निपल को मुँह में भर चूसना शुरू कर दिया.

अहह चूस लो… खा जाओ . उफफफफफ्फ़ सोनल की सिसकियाँ गूंजने लगी और सुनील भी ज़यादा देर ना रुका और उसने सूमी के गले में अपनी पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी … जिसे सूमी निगलती चली गयी पर अंत में कुछ वीर्य उसने अपने मुँह में बचा के रख लिया और सुनील के लंड को मुँह से निकाल खड़ी हो गयी. कुछ पल वो सोनल को अपना निपल चुस्वाते हुए देखती रही फिर आगे बढ़ उसने सोनल के चेहरे को अपने हाथों में थाम अपने होंठ उसके होंठों से भिड़ा दिए और सोनल को सुनील के वीर्य का स्वाद देने लगी.

सोनल के जिस्म में इतनी उत्तेजना फैल चुकी थी की उसकी टाँगे काँपने लगी…. वो लगभग गिरने को हो गयी कि सूमी ने उसे अपनी बाहों में थाम उसे सुनील की गोद में बिठा दिया. फिर सूमी अंदर जा के बिस्तर पे लेट गयी. और सुनील सोनल को गोद में उठा कर अंदर ले गया और सूमी की बगल में उसे लिटा दिया और खुद एक साइड में लेट गया. सोनल ने उसे अपनी तरफ खींचा और पलट के दूसरी तरफ हो गयी. अब सुनील सूमी और उसके बीच में था.

सूमी और सोनल दोनो ही सुनील की तरफ मूड गयी और अपने उरोज़ उसकी छाती से रगड़ने लगी.

दोनो एक साथ बोली…..आज की बेरूख़ी के ड्रामा को भूल जाओ… अब हम कभी ऐसी दिल्लगी नही करेंगे… हमारे बीच बस अब प्यार ही प्यार रहेगा’. सुनील ने अपनी दोनो बाहें उनके नीचे कर दोनो को खुद से सटा लिया.

सूमी : जान तुमने तो वाक़्य में हम दोनो की औरत को समझा दिया है… कि बस प्यार करो आपस में …. अब हमे एक दूसरे के सामने नंगी होने में कोई शरम नही आती और ना ही एक दूसरे के सामने चुदने में.

सोनल : हां डार्लिंग ये तो तुमने कमाल ही कर दिया, मेरे अंदर की औरत जो कभी कभी दीदी से ईर्ष्या करने लगती थी… अब ऐसा फील नही होता, सच बोलूं… आज जब दीदी के होंठ चूमे तो बहुत अच्छा लगा.

सुनील : अच्छा … तो क्या अब तुम दोनो … आपस में प्यार करना चाहती हो…

सूमी/सोनल : तुम्हें बुरा तो नही लगेगा…… जब तुम पास नही होगे और जब हमारा दिल बहुत करेगा… तो आपस में प्यार कर लेंगे.

सुनील : अगर मैं कहूँ… मेरे सामने भी करा करो तो…

सोनल : ओए होये…जनाब आप भूल रहे हो हम हनिमून पे आएँ हैं….और जब तक ये लंड पास में है… हमे कोई ज़रूरत नही … आपस में कुछ करने की… वो बस एमर्जेन्सी सल्यूशन है.

सुनील : अगर मेरा दिल करे तुम दोनो को आपस में प्यार करते हुए देखूं तो …..

सूमी : तुम्हारे लिए तो कुछ भी जान… पर आज नही फिर कभी आज तो बस अपने लंड से हम दोनो को चोद डालो….बुझा दो हमारी प्यास.

सोनल और सूमी दोनो ही उसके लंड को सहलाने लगी…..

दोनो के मुलायम हाथों के स्पर्श से सुनील का लंड खड़ा होने लग गया.
सुनील दोनो के बूब्स दबाने लग गया.

अहह दोनो ही सिसक पड़ी. और अपने होंठ सुनील के गाल से रगड़ने लगी.

सुनील सूमी के कान में कुछ कहता है….वो मुस्कुरा उठती है और सुनील के लंड को छोड़ बिस्तर के दूसरी तरफ चली जाती है…. अब सोनल दोनो के बीच में आ गयी थी. 

सूमी ने सोनल के चेहरे के उप्पर अपना चेहरा कर लिया और दोनो एक दूसरे को देखने लगी. सूमी ने अपनी ज़ुबान होंठों पे फेरते हुए उसे इशारा किया और सोनल ने अपने होंठ खोल दिए …. सूमी झुकती चली गयी और अपने होंठ सोनल के होंठों से चिपका अपनी ज़ुबान उसके मुँह में डाल दी. सोनल के लिए ये नया तजुर्बा था….. वो सुनील के लंड को सहलाते हुए सूमी की ज़ुबान चूसने लग गयी.

दोनो औरतों के जिस्म में चिंगारियाँ फूटने लगी………..सुनील थोड़ा झुक के सोनल के निपल को चूसने लग गया…. इस दोहरे अहसास ने सोनल को तडपा डाला और उसकी पकड़ सुनील के लंड पे सख़्त होती चली गयी .. जैसे उखाड़ ही देगी….. वो सिसकना चाहती थी पर सिसक नही पा रही थी…….सुनील ने सूमी के निपल को भी मसलना शुरू कर दिया.

कुछ देर दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ति रही अपनी ज़ुबान एक दूसरे को चुस्वाती रही ….. सोनल मचल मचल के अपनी टाँगें पटकने लगी.

जब दोनो को सांस लेना मुस्किल हो गया तो दोनो के होंठ अलग हुए और सूमी हान्फते हुए सोनल के दूसरे निपल को मुँह में भर सांस लेने की कोशिश करने लगी और कुछ देर में नॉर्मल हो वो भी सोनल का निपल चूसने लग गयी…. आग में जलने लगी सोनल… उसकी पैंटी पूरी तरहा से गीली हो चुकी थी. 

अहह उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ये कर कर रहे हो…. हाई दोनो ही मुझ पे पिल पड़े…….उफफफफफफफ्फ़ दीदी बदला लूँगी जरुउुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चीख पड़ी वो क्यूंकी सुनील और सूमी दोनो ने ही उसके निपल्स को काट लिया.


काफ़ी देर तक दोनो सोनल के निपल चूस्ते रहे…….. फिर सूमी सोनल के उपर आ गयी और अपने मम्मे उसके मम्मों से रगड़ते हुए उसके होंठ चूसने लगी.
सुनील अपने लंड सोनल के हाथों से निकल दोनो की टाँगों के बीच आ गया और दोनो की पैंटी उतार डाली.

अब सोनल की चूत के ठीक उपर सूमी की चूत थी और दोनो की चूत बुरी तरहा रस बहा रही थी. 

सुनील ने सूमी की टाँगों को और फैला कर जगह बनाई और दोनो की चूत चाटने लग गया….सोनल की चूत को चाटते हुए ज़ुबान उपर ले जाता और सूमी की चूत पे लपलपाने लगता… दोनो ही औरतें इस हमले से सिहर गयी और एक दूसरे के होंठ चूस्ते हुए एक दूसरे के मम्मे मसल्ने लग गयी. 

दोनो की सिसकियाँ एक दूसरे के मुँह में घुलने लगी और दोनो ही तड़प्ते हुए एक दूसरे के होंठ काटने लगी एक दूसरे के निपल्स बुरी तरहा मसल्ने लगी…….दोनो के बदन तपने लगे …….और जिस्म मचलने लगे.

दोनो के होंठ एक दूसरे से अलग हो गये और दोनो की सिसकियाँ कमरे में फैलने लगी.

अहह उूउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जानू क्या आज मार डालोगे… दोनो ही तड़प के बोली.

दोनो ने एक दूसरे की चूत को आपस में रगड़ना शुरू कर दिया जिसकी वजह से सुनील का चाटना मुस्किल हो गया उसने दोनो की चूत के बीच अपना लंड घुसा डाला …………….जो दोनो की क्लिट के साथ रगड़ा खाने लगा.

आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उूुुुुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई चीखती हुई दोनो अपनी चूत सुनील के लंड से घिसने लगी.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
तुफ्फान आ चुका था कमरे में और दोनो को ही इस वक़्त बड़ी शिद्दत से लंड चाहिए था…. अब
एक लंड और दो चूत…….. घुसे तो किस्में घुसे.


सोनल अभी इतना नही चुदि थी कि वो सुनील का पागलपन बर्दाश्त कर लेती ….. इसलिए उसने पहले सूमी को ही चुना ……क्यूंकी अब वो और बर्दाश्त नही कर सकता था…. दो दो चूत की गर्मी उसके लंड को पिघला रही थी. सुनील ने सूमी को सोनल के उपर ही डॉगी पोज़ में कर लिया और सोनल की टाँगे भी अच्छी तरहा फैला दी…….

तीनो बहुत गरम हो चुके थे. 

सुनील ने पीछे से सूमी की चूत से लंड सटा कर तेज झटका मारा और मुश्किल से आधा लंड ही अंदर घुसा … सूमी की चीख निकल पड़ी……. उसने फिर से अस्ट्रिंजेंट का इस्तेमाल कर अपनी चूत को टाइट कर लिया था. अहह सुनील भी चीख पड़ा इतनी टाइट हो चुकी थी सूमी की चूत.

आज तो सुनील पे पागलपन पूरा सवार हो चुका था उसे फिर एक तेज झटका मार कर पूरा लंड सूमी की चूत में घुसा डाला… जो दर्द के मारे बिलबिला पड़ी…………….आआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
म्म्म्मछममममममममममममाआआआआआआआआआआआआआअ वो इतनी ज़ोर से चीखी कि पूरे होटेल में उसकी चीख गूँज गयी होगी………..उसके आँसू टपकने लगे और वो आगे हो सुनील के लंड को निकालने की कोशिश करने लगी………… पर सुनील ने उसकी कमर को अच्छी तरहा पकड़ लिया था….. उसकी चीख से सोनल डर गयी …………और चीख पड़ी……. आराम से करो ना……देखो दीदी का क्या हाल हो रहा है.

लेकिन सुनील कुछ सुनने की पोज़िशन में कहाँ था…………..

वो सटासट अपना लंड सूमी की चूत में पेलने लग गया.

अहह ओह धीरे धीरे प्लीज़ …… जान धीरे करो ना…. उफफफफफफफ्फ़ उउउइईई माआ
सूमी रोते हुए दुहाई देने लगी.

सोनल और कुछ तो कर नही सकती थी उसने सूमी के दोनो उरोज़ मसल्ने शुरू कर दिए…. शायद ऐसे कुछ आराम मिल जाए.

सूमी की चूत से खून निकल के सोनल पे गिरने लगा…… यूँ लग रहा था जैसे सोनल की अभी चुदाई हुई हो और उसकी चूत से खून बहा हो …. कुछ देर में ही सूमी सुनील के तेज झटकों की आदि हो गयी और उसकी चूत ने लगातार रस छोड़ना शुरू कर दिया.

ओह सुनील …….मेरी जान…. चोद डालो …. फाड़ दो आज मेरी चूत…… आआहह लव यू……..सूमी अपनी चूत अब सुनील के लंड पे मारने लगी……..वो इतनी गरम हो चुकी थी कि उसके बस का नही रहा था कि वो कुछ देर और सुनील का साथ दे सके…..3-4 मिनट की और जबरदस्त चुदाई के बाद वो झड़ने लगी……………..सस्स्स्स्स्सुउुुुुुुउउन्न्ञनननन्न्निईीईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल म्म्म्मममाआआऐयिईन्न्न्न् गगगगगगाआययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

हान्फते हुए वो झड़ने लगी…… आज सुनील ने पहली बार उसे डॉगी पोज़ में चोदा था और लंड इतनी गहराई तक जा रहा था कि सूमी आनंद के सातवें आसमान पे विचरण करने लगी.

हान्फते हुए बस इतना ही और बोल पाई…. बस डार्लिंग और नही सह पाउन्गि…. अब सोनल के साथ कर लो….. अहह

सोनल घबरा गयी…. जहाँ एक तरफ लंड के लिए तड़प रही थी वहीं सूमी का शुरू का हाल देख उसका जिस्म पसीने से भर गया…….

और सुनील तो जंगली सांड बन चुका था….. उसने सूमी की चूत से लंड निकाल लिया और सूमी आह भरती हुई सोनल की बगल में गिर पड़ी…….

सुनील की नज़र सोनल की चूत पे गिरे खून पे पड़ी… फिर उसने अपना लंड देखा जो खून और सूमी के रस से लिथड़ा हुआ था ……..और नज़र सूमी की चूत पे पड़ी जो बहुत सूज गयी थी और ज़ख्मी लग रही थी… उसकी हैवानियत काफूर हो गयी और वो फट से बाथरूम भागा… अपना लंड सॉफ किया और एक तोलिया ले के आया जो गरम पानी से भीगा हुआ था… पहले सोनल की चूत पे गिरे खून को सॉफ किया और फिर सूमी की चूत को सॉफ कर उसकी सीकाई करने लगा……..सोनल ये सब देख रही थी… कितनी परवाह करता है सुनील.

सूमी की चूत को सॉफ करने के बाद उसने दो पेन किल्लर सूमी को खिलाई और फिर दोनो के बीच लेट गया.

‘सूमी डार्लिंग ठीक हो ना…..पता नही आज मैं पागल हो गया था’

‘ठीक हूँ मेरी जान… मुझे तो आज बहुत मज़ा आया ……अब तुम मेरी गुड़िया का ध्यान रखो…..तड़प रही है वो….और उसके साथ इस तरहा अभी मत करना… नही सह पाएगी वो’

सोनल : मेरे साथ भी ऐसे ही करो ना……देखूं तो सही कितना मज़ा आता है ……इस तरहा करने में.

सूमी : नही नही अभी दो बार ही चुदि है… तेरी चूत इनके लंड की आदि नही हुई है अभी… कुछ दिन रुक जा… फिर फड़वाती रहना जब दिल करे.

सोनल : डार्लिंग अब आ भी जाओ… देखो कितना गुस्से में है आपका लंड.

सुनील सोनल के उपर आ गया और उसके होंठ चूसने लग गया.

उम्म्म्मम सोनल सिसक पड़ी और सुनील को कस के खुद से लिपटा लिया.

सूमी की दमदार चुदाई से सोनल कुछ डर सी गयी थी… दिल तो उसका भी कर रहा था… कि जैसे सूमी चुदि.. सुनील उसे भी वैसे ही चोदे… पर जब सूमी ने अभी के लिए मना किया तो शायद दिल से वो डर निकल गया… क्यूँ कि इतना वो जानती थी… कि सुनील अब उसकी भी उतनी ही परवाह करता है जितनी वो सूमी की करता है.
सुनील का लंड फटने की कगार पे था…. सूमी ने आज उसका साथ बीच में ही छोड़ दिया क्यूंकी वो सोनल की आँखों में तड़प देख चुकी थी और अपने झड़ने के बाद वो जान बुझ के अलग हो गयी… ताकि सुनील अब सोनल को चोद सके और उसकी प्यास भुजा दे….. क्यूंकी सूमी ने पहले ही सुनील का लंड चूस के उसे झडा दिया था…. अब वो जल्दी नही झड़नेवाला था.

सोनल अपने होंठ चुस्वाते हुए अपने बदन को सुनील के साथ रगड़ने लगी.


सुनील को जाने क्या सूझा वो उठ के खड़ा हो गया और सोनल को अपनी गोद में उठा के बाहर बाल्कनी में ले गया.
क्या खूबसूरत नज़ारा था… दूर तक फैला समुद्र… दूर कहीं बीच में कुछ बोट्स की टिमटिमाती हुई लाइट्स ….लहरों की उछल कूद जिसपे चाँदनी नृत्य कर रही थी.

सोनल तो बस सुनील के साथ चिपकी उस नज़ारे को देख आत्मिक प्रसन्नता को प्राप्त कर रही थी…..जिस्म में मची हुई हलचल और भी प्रबल होने लगी – इस खुले वातावरण में. सुनील उसे लेकर एक कुर्सी पे बैठ गया.
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01-12-2019, 02:06 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
‘वाउ हाउ रोमॅंटिक….सुनील ये कैसे कैसे आइडिया तुम्हारे दिमाग़ में आ जाते हैं… लव यू….’ सोनल उसके होंठों पे छोटा सा चुंबन जड़ते हुए बोली….

‘जब दिल से किसी से प्यार हो जाता है… तो आइडियास अपने आप आ जाते हैं’’

‘डार्लिंग यहाँ खुले में प्यार करोगे क्या…..’

‘तुम्हें अच्छा नही लग रहा क्या’

‘अच्छा तो बहुत लग रहा है….पर किसी ने देख लिया तो…’

‘तो देखने दो ना…..जिंदगी भर सपने देखेगा… हाई काश ये हसीना मेरी बाँहों में होती….’

‘क्यूँ दुनिया को मुझे इस रूप में दिखाना चाहते हो क्या,’

‘ना… पर अगर कोई किस्मत वाला देख भी ले तो क्या फरक पड़ता है… हम तो बस अपनी रानी को दुनिया की हर खुशी देना चाहते हैं’

‘ह्म्म्म्म किस मी देन…..’

और सुनील सोनल के होंठ चूसने लग गया …. सोनल ने अपनी पोज़िशन बदली और दोनो टाँगें कुर्सी के दोनो तरफ कर इस तरहा बैठी कि उसकी चूत सुनील के लंड से घिसने लगी.
सोनल ने अपनी बाँहों का हार सुनील के गले में डाल दिया.

उम्म्म्म क्या समा था… ठंडी ठंडी हवा दोनो के जिस्मो को सहला रही थी.

सुनील को अपने होंठ चुस्वाती हुई सोनल अपने निपल्स उसकी छाती में रगड़ रही थी और अपनी कमर हिला अपनी चूत उसके लंड पे रगड़ रही थी.
दोनो ही काफ़ी ज़यादा उत्तेजित हो चुके थे. सुनील का लंड सोनल की चूत के रस से सराबोर हो चुका था.

सोनल ने अपने होंठ अलग किए और हाँफने लगी.

सुनील उसके पीठ सहलाता तो कभी उसकी गान्ड मसल्ने लगता. 

सुनील अपने दोनो हाथ आगे ले आया और सोनल के दोनो निपल मसल्ने लगा

अहह उफफफफफफफ्फ़ उउउम्म्म्मम अहह धीरे धीरे अहह

सुनील ने झुक के उसके एक निपल को मुँह में ले लिया और बच्चे की तरहा चूसने लगा.

उफफफफफ्फ़ सक मी डार्लिंग…. सक मी……चूस्लो…. निकाल दो मेरा दूध….. पी जाओ मुझे

सोनल ने अपनी गर्दन पीछे लटका ली और अपने वक्षों को और आगे कर दिया और अपनी कमर ज़ोर से हिला कर सुनील के लंड पे अपनी चूत रगड़ती जा रही थी.

सुनील कभी उसका एक निपल चूस्ता तो कभी दूसरा अंदर सूमी नींद के आगोश में समा चुकी थी और बाहर सोनल अपने साजन को अपने योवन का रस पिला रही थी. 

ओह डार्लिंग अब नही रहा जाता… टेक मी नाउ…..डाल दो अपना लंड मेरी चूत में….अहह और मत तडपाओ.

और सुनील ने वहीं सोनल को थोड़ा उपर कर अपने लंड को उसकी छूट पे सेट किया और उसे नीचे की तरफ दबाने लगा. सुनील का लंड धीरे धीरे सोनल की चूत में घुसने लगा.

अहह उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउईईईईईईईईईईईईईईईई

सोनल को यूँ लग रहा था जैसे कोई सलाख उसकी चूत में घुसती जा रही हो….अभी तक उसकी चूत सुनील के लंड की आदि नही हुई थी. दर्द के मारे उसका बुरा हाल हो रहा था हालाँकि उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी.

धीरे धीरे वो नीचे होती चली गयी… लंड चूत में घुस ता रहा और नोबत ये आई कि वो पूरा लंड चूत में ले चुकी थी और कस के सुनील से चिपक गयी.
सुनील ने उसका वजन अपने हाथों पे ले लिया और उसे थोड़ा उपर करता फिर छोड़ देता और सोनल सरक्ति हुई फिर सुनील का लंड अंदर लेने लगती..
काफ़ी देर ऐसे ही धीरे धीरे सुनील उसे उपर करता लंड थोड़ा बाहर निकाल ता और फिर उसे छोड़ देता .

ये धीरे धीरे की चुदाई दोनो को मस्त करती जा रही थी… सोनल को अपनी चूत पूरी भरी हुई लग रही थी.

दोनो ही अब तेज़ी से अपने चर्म तक पहुँचना चाहते थे… सोनल ने सुनील के दोनो कंधों को पकड़ लिया और तेज़ी से उपर नीचे होने लगी .
सुनील भी अब नीचे से झटके मारने लगा..,. बाल्कनी में तुफ्फान सा आ गया.

कुर्सी के चरमराने की आवाज़, जिस्मो के टकराने की आवाज़ और सोनल की चूत से फॅक फॅक फॅक निकलता हुआ संगीत दोनो को तेज़ी से आक्रामक करने लगा.

सुनील से और बर्दाश्त ना हुआ… उसने सोनल को वहीं बाल्कनी में लिटा दिया और खच से अपना लंड एक ही बार में अंदर घुसा डाला.

आआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सोनल चीखी… पर अब सुनील नही रुका और ताबड तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए…..सोनल भी अपनी गान्ड उछालने लगी…

10 मिनट तक ये भयंकर दौर चला और दोनो ही कराहते हुए झड़ने लगे. सोनल इस आनंद के वशीभूत हो लगभग बेहोश ही हो गयी थी और सुनील भी काफ़ी देर उसके उपर ही पड़ा रहा.
जब सुनील की सांस संभली तो वो वही फर्श पे सोनल के साथ लेट गया.

रात भर सुनील और सोनल वहीं बाल्कनी में सोते रहे….शायद जो आनंद दोनो को आज मिला था ….वो उस तकलीफ़ से बहुत ज़यादा था जो फर्श पे सोने से हो रही थी… दोनो में से कोई भी आनंद के उस अहसास को तोड़ना नही चाहता था. सूमी की नींद जब सुबह खुली तो उसे पता चला कि दोनो रात भर कहाँ सोए ….जब वो बिस्तर से उठी थी… तो उसकी कमर में तेज दर्द उठा… उसने वहीं पास में पड़ी दर्द की गोली ले ली और फिर किसी तरहा उठ के वो दोनो के पास गयी और उन्हें उठा दिया. सोनल को जब अहसास हुआ कि रात को चुदने के बाद वो बाल्कनी में ही सोती रही उसे बड़ी शर्म आई और फट से अंदर भागी. 

सूमी भी अपने कमरे में जा के लेट गयी और आराम करने लगी. सुनील बाथरूम में घुस गया… आज वो बहुत खुश लग रहा था… कल जिस तरहा उसने सूमी को चोदा था और फिर सोनल को …. दोनो से जो अलग अलग किस्म का आनंद मिला था वो उसकी रूह तक में समा चुका था.

सूमी ने कुछ देर आराम किया और जब उसके जिस्म की दर्द कम हुई तो वो फ्रेश हुई और फिर ब्रेकफास्ट कमरे में ही मंगवा लिया.

ब्रेकफास्ट के बाद दोनो को रेडी होने का बोल सुनील कुछ देर के लिए बाहर निकल गया करीब घंटे बाद वापस आया तो हाथ में दो पॅकेट्स थे. दोनो को ले वो रिसेप्षन पे गया… जहाँ उनके लिए पॅक्ड लंच, स्नॅक्स, वाइन/वोड्का की बॉटल्स वगेरह वगेरह रेडी था. होटेल का ही स्टाफ उनके साथ चला और सारा समान एक मोटर बोट पे पहुँचा दिया जो सुनील ने हाइयर की थी. आज वो मोटर बोट खुद ही चलनेवाला था. तीनो ने लाइफ जॅकेट्स पहनी और निकल पड़े. करीब घंटे बाद सुनील उन्हें एक आइलॅंड पे लेके पहुँचा . मोटर बोट को सही तरीके से बंद सुनील ने दोनो को वो पॅकेट्स दिए और कपड़े बदलने को कहा ………पॅकेट्स में दो बिकीनिस थी.
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