Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:31 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
माँ की बातें सुनकर मैं करण और रितिका के बारे मे भूल ही गया और भूल गया कि मैं ख़ान भाई के
पास जा रहा था,,,बात करते करते मैने बाइक को घर की तरफ घुमा लिया था,,,,,,,रात कविता के साथ मस्ती
करने वाला ही था कि उसने मुझे रोक दिया था,,,मूठ भी नही मारी थी रात को ऐसे ही सो गया था,,,लंड
उपर तक भरा हुआ था स्पर्म से और मैं जल्दी से इसको खाली करना चाहता था,,,

मैने माँ को बोला कि मैं बस कुछ देर मे आया और फोन कट करके पॉकेट मे रखा और बाइक को भगा
दिया घर की तरफ,,,,

घर पहुँचा तो माँ नाइटी मे दरवाजा खोलने आ गई थी,,,नाइटी के नीचे माँ ने कुछ न्ही पहना हुआ
था,,ना ब्रा और ना ही पेंटी,,,,

माँ ने मुझे देखा और कस्स्के बाहों मे भर लिया और जल्दी से दरवाजा बंद करके मेरे से लिपट गई,,

माँ थोड़ा सबर करो कपड़े तो खोलने दो,,,,

नही बेटा अब सबर नही होता,,,,और ये कपड़े तो मैं खोल देती हूँ,,,माँ ने जल्दी से मेरी टी-शर्ट पकड़ी
और उपर उठाकर निकाल दी और फिर अपनी नाइटी को भी जल्दी से निकाल दिया और नंगी हो गई,,,,इतनी देर मे
मैने अपने हाथ से अपनी पॅंट को निकालना शुरू किया लेकिन माँ ने नाइटी उतारी और मेरे से चिपक गई,,,

तू इतनी मेहनत मत कर जल्दी थक जाएगा,,,,ला मैं निकाल देती हूँ तेरी पॅंट,,,,माँ जल्दी से नीचे बैठ
गई और मेरी पेंट निकालने लगी,,,मेरी पॅंट अभी घुटनो तक नीचे सर्की थी कि मेरा लंड माँ के मुँह मे
घुस गया,,,मेरा लंड अभी अंगड़ाई ले रहा था लेकिन माँ के होंठों के एहसास से वो ओकात मे आने लगा
,,माँ ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया और हल्के से काट दिया और साथ ही मेरी पॅंट को मेरे पैरो तक
पहुँचा दिया,,,,बूट्स . होने की वजह से पॅंट नीचे से नही निकल रही थी तो माँ ने पॅंट को ऐसे
ही छोड़ दिया और लंड को हाथ मे पकड़ लिया ,,एक हाथ से माँ ने लंड को पकड़ा और एक हाथ मेरी बॉल्स
पर रखा और हल्के हल्के सहलाते हुए मेरे लंड की टोपी को दाँतों मे पकड़कर चूसने लगी,,,माँ मेरे
बाकी लंड को मुँह मे नही भर रही थी बस टोपी को ही चूसने लगी थी,,,बाकी लंड पर माँ के हाथ अपना
कमाल दिखा रहे थे,,,,,माँ टोपी को इसलिए चूस रही थी क्यूकी माँ को पता था ऐसे करने से मेरा लंड
और भी ज़्यादा जल्दी से और तेज़ी से ओकात मे आ जाएगा और ऐसा ही हुआ,,,कुछ 2-3 मिनट मे ही लंड पूरी ओकात
मे आ गया और माँ ने लंड से अपने हाथ हटा लिया और लंड को मुँह मे घुसाना शुरू कर लिया,,जैसे जैसे
लंड हार्ड होता गया ओकात मे आता गया माँ ने वैसे वैसे ही मेरे लंड को अंदर लेना शुरू कर दिया और जब
तक लंड पूरी ओकात मे आ गया था तब तक मेरा पूरा लंड माँ के मुँह मे गले से नीचे तक घुसने लगा
था,,,



मेरा लंड माँ के गले से नीचे तक घुस गया था और माँ तेज़ी से अपने मुँह को आगे पीछे करके लंड को मुँह
मे अंदर बाहर कर रही थी,,,उनका एक हाथ मेरी बॉल्स पर था जबकि एक हाथ से माँ अपने बूब्स को दबा
रही थी,,मैं मस्ती मे आ चुका था ,,मेरे लंड मे एक हल्का दर्द हो रहा था क्यूकी कविता के साथ रात
मस्ती नही कर सका था इसलिए लंड भरा हुआ था स्पर्म से और जब तक लंड खाली नही करता तब तक ये दर्द
होता रहना था,,,मैं जल्दी झड़ना चाहता था इसलिए मैने माँ के सर को पकड़ा और माँ के मुँह मे तेज़ी से
लंड पेलने लगा,,,,ऐसा नही कि मुझे जल्दी झड़ना था बात तो ये थी कि मुझे माँ के मुँह की चुदाई करके
बहुत मज़ा आता था ,,जितनी तेज़ी से चुदाई करता था उतना ही ज़्यादा मज़ा आता था,,माँ ने भी अपने दोनो हाथ
मेरी कमर पर रखे और मेरी कमर को तेज़ी से आगे पीछे हिलाने लगी और मुझे ज़्यादा तेज़ी से लंड को उनके
मुँह मे घुसाने का इशारा करने लगी,,,,मेरी स्पीड इतनी तेज़ी थी जैसे की मैं माँ के मुँह को नही बल्कि उसकी
चूत की या गान्ड की चुदाई कर रहा हूँ लेकिन माँ मुझे और ज़्यादा तेज़ी से करने को उकसा रही थी,मेरी
बॉल्स माँ की चिन से टकरा रही थी जिन पर थूक लगा हुआ था और बॉल्स जब भी माँ की चिन से लगती तो एक
हल्का सा शोर होता ,,लेकिन जितनी तेज मेरी स्पीड थी उस हिसाब से वो शौर थोड़ा तेज होने लगा,,,उस अजीब
मस्त करने वाली आवाज़ से मेरी स्पीड और तेज होने लगी ,,,माँ भी यही चाहती थी कि मैं तेज़ी से उनके मुँह की
चुदाई करूँ और उनके मुँह को भर दूँ अपने स्पर्म से,,,एक तो माँ को मेरा स्पर्म बहुत अच्छा लगता था
और दूसरा उनको पता था कि अगर मैं एक बार स्पर्म निकाल दूं तो अगले राउंड मे मैं ज़्यादा देर तक टिक
सकता हूँ और जमकर माँ की चूत और गान्ड की चुदाई कर सकता हूँ,,,माँ ने यही सोच कर मेरे लंड को
तेज़ी से अपने मुँह मे घुसाना जारी रखा,,,माँ के मुँह से उनकी ज़ुबान बाहर निकल आई थी जिस से मुँह मे और
ज़्यादा जगह बन गई थी,,,माँ की ज़ुबान मुँह से निकल कर नीचे की तरफ मूड गई थी ,,माँ का मुँह भी थूक
से भर गया था और मुँह चुदाई मे मुझे चूत चुदाई का पूरा सुख मिल रहा था,,,,,माँ के मुँह से थूक
ज़ुबान के रास्ते बहने लगा ,,माँ की ज़ुबान नीचे की तरफ मूडी हुई थी जिस से थूक ज़ुबान से होता हुआ माँ
के बूब्स पर गिरने लगा,,,,थूक की एक बूँद का एहसास अपने बूब्स पर होते ही माँ ने मेरे लंड को मुँह
से निकाल दिया और जल्दी से मुँह मे जमा थूक को अपने बूब्स की लाइन के बीच मे उघल दिया और तभी मेरे
लंड को पकड़ा और अपने बूब्स की लाइन मे दबा दिया,,इस से पहले मैं कुछ करता माँ ने अपने बूब्स की
लाइन मे मेरे लंड को दबा लिया और दोनो हाथों से अपने बूब्स को मेरे लंड पर आगे पीछे करने लगी,,


माँ के बूब्स के बीच दबे हुए मेरे लंड पर दोनो तरफ से एक सॉफ्ट सा दबाव बना हुआ था और दोनो
बूब्स मेरे लंड पर रगड़ खाते हुए आगे पीछे हो रहे थे,,,ये एक अजीब सा मज़ा था ,,एक सॉफ्ट और टाइट
गान्ड मारने जैसा मज़ा,,,लेकिन बूब्स गान्ड से भी कहीं ज़्यादा सॉफ्ट थे,,,मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा
था मैने खुद को अड्जस्ट किया और खुद ही अपने लंड को माँ के बूब्स के बीच मे आगे पीछे करने लगा
,,रगड़ की वजह से थोड़ी गर्मी पैदा हो रही थी जिस से थूक सूखने लगा था तभी माँ ने थोड़ा थूक
और उघल दिया अपने मुँह से अपने बूब्स पर और फिर लंड को भी मुँह मे भरके थोड़ी देर चूसा और वापिस
अपने बूब्स मे भर लिया,,,,फिर से सॉफ्ट और टाइट बूब्स के बीच मेरा लंड आगे पीछे होने लगा ,,मेरा
लंड कुछ ज़्यादा ही लंबा था जिस वजह से मेरा लंड जब भी बूब्स से उपर की तरफ निकलता तो माँ के गले
से नीचे या माँ की चिन पर टकरा जाता इस बात से माँ ने अपने मुँह को खोला और मेरे लंड की तरफ मोड़
दिया ऐसा करने से मेरे लंड जब भी बूब्स से निकल कर उपर की तरफ आता तो माँ के मुँह मे घुस जाता,,

मैने खुद को थोड़ा अड्जस्ट किया और अपने लंड को भी ताकि मेरा लंड माँ के मुँह से बाहर नही निकले
उसका आगे का हिस्सा माँ के मुँह मे ही रहे जबकि बाकी लंड बूब्स मे दबा रहे और मेरे लंड की हल्की मालिश
होती रहे..,,,,अब लंड बूब्स मे भी दब गया था और माँ के मुँह मे भी अंदर बाहर हो रहा था,,मुझे
एक साथ दो मज़े आ रहे थे,,,चूत चुदाई का भी और लंड चुसाई का भी,,,मेरे लंड का उपर का 2-3 इंच
का हिस्सा माँ के मुँह मे अंदर बाहर हो रहा था ,,,माँ बीच बीच मे अपने मुँह से लंड निकाल कर
थोड़ा थूक उघल देती थी अपने बूब्स पर,,,,मैं करीब 10-15 मिनट से माँ मे बूब्स और मुँह की चुदाई
कर रहा था,,,,तभी मेरी तेज सिसकियाँ शुरू हो गई और जब माँ को पता चल गया कि मैं झड़ने वाला हूँ
तो माँ ने मेरे लंड पर बूब्स की पकड़ को थोड़ा और ज़्यादा दबा दिया और मेरे लंड की टोपी को अपने
होंठों मे भर लिया और सिर्फ़ टोपी को ही चूसने लगी,,,क्यूकी . हिस्सा था जिस पर लास्ट टाइम मे सबसे ज़्यादा
मज़ा आता था और स्पर्म निकालने मे बड़ी आसानी होती थी,,,माँ ने लंड को टोपी को मुँह मे भरके चूसना
शुरू कर दिया और कोई 2-3 मिनट बाद मैं तेज़ी से सिसकियाँ लेता हुआ माँ के मुँह मे झड़ने लगा,,,मेरा
लंड माँ के मुँह मे उनकी ज़ुबान के उपर पिचकारी मारना शुरू हो गया था,,माँ ने मेरे स्पर्म का स्वाद
लेते हुए उसको गले से नीचे निगलना शुरू कर दिया था,,,जितना टाइम मेरे लंड से स्पर्म निकलता रहा उतना
टाइम माँ अपने बूब्स से मेरे लंड को सहलाती रही और जब सारा स्पर्म निकल गया तो माँ ने मेरे लंड को
हाथ मे पकड़ा और लंड की लास्ट ड्रॉप को भी निचोड़ लिया अपने मुँह मे ,,फिर लंड की टोपी को अपने लिप्स मे
भरके चूसने और चाटने लगी फिर लंड के होल पर जहाँ से स्पर्म निकलता था उस होल से भी स्पर्म की
लास्ट ड्रॉप को चाट कर लंड को अच्छी तरह सॉफ कर दिया,,,लेकिन लंड को हाथ से नही छोड़ा बल्कि दोबारा
से मुँह मे भरके चूसना शुरू कर दिया,,,,मैं समझ गया कि अब माँ चुदाई के लिए लंड को तैयार करने
लगी है,,,,
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12-21-2018, 02:31 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
लंड मे अभी हल्की सुस्ती आनी शुरू हुई थी कि लंड वापिस अंगड़ाई लेके ओकात मे आने लगा था,,माँ ने लंड
को वापिस तैयार कर दिया था 4-5 मिनट तक अच्छी तरह चूस चूस कर,,,,,,


उसके बाद सोनिया के आने से पहले मैने माँ की चूत चुदाई और गान्ड चुदाई का मज़ा लिया,,,,जब तक सोनिया
नही आई तब तक मैने माँ को 2 बाद चोदा और सारा पानी उनके मुँह मे ही निकाला था,,,

माँ की चुदाई करके डॅड के आने से पहले ही हम लोग अपने अपने काम मे लग गये थे,,,क्यूकी डॅड ने ही
'आते टाइम सोनिया को साथ लेके आना था,,,,मोम डॅड के लिए कॉफी बनाने के लिए किचन मे चली गई जबकि
मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा,,,,तभी कुछ देर बाद मेरे मोबाइल की रिंग बजी मैने मोबाइल
देखा तो उसपे एक मेसेज आया था ये मेसेज पायल भाभी का था,,,,,,,,,,सन्नी एक ज़रूरी काम है जल्दी से मेरे
फार्महाउस पर आ जाओ,,,,,,,,,,,,

मैने मेसेज रीड किया और तभी पायल भाभी को कॉल करदी लेकिन भाभी का फोन स्विच-ऑफ आने लगा,

कुछ देर बाद फिर मुझे वही मेसेज आया और जब मैने कॉल की तो मोबाइल स्विच-ऑफ आने लगा,,,,मैने जल्दी
से करण को फोन किया और उसको पूछा कि उसको भी पायल भाभी का कोई मेसेज आया था क्या लेकिन उसने बोला
कि नही उसको कोई मेसेज नही आया,,,फिर उसने बोला कि हम लोगो को फार्म हाउस जाना चाहिए शायद वहीं जाके
कुछ पता चले लेकिन वो डर भी रहा था कहीं कोई पंगा हुआ तो,,,,,मैं उसकी बातों से समझ गया था
कि उसको डर लग रहा है,,,,इसलिए मैने उसको बोला कि तुम घर पर ही रूको मैं फार्महाउस जाता हूँ और
ख़ान भाई को अपने साथ ले जाता हूँ ताकि अगर कोई पंगा हुआ तो ख़ान भाई मेरे साथ होंगे तो मुझे कोई
ज़्यादा डर नही होगा और अगर ज़्यादा ज़रूरत पड़ी तो मैं करण को बुला लूँगा,,,इतना बोलके मैने फोन
कट कर दिया और फिर ख़ान भाई को फोन करने लगा,,,मुझे उनसे पहले भी बात करनी थी रितिका के बारे मे
लेकिन माँ की वजह से मैं उनके पास नही जा सका इसलिए अब तो उनसे बात करना बहुत ज़रूरी था,,,मैं उनको
फोन करने लगा लेकिन उनका फोन नही लग रहा था,,मैने माँ को बोला कि मुझे ज़रूरी काम है इसलिए
मैं कुछ लेट ही घर आउन्गा,,,

मैं अपना बाइक लेके चल पड़ा सोचा कि ख़ान भाई के पास पोलीस स्टेशन चलता हूँ वहीं से उनको साथ
लेके फार्महाउस पर चला जाउन्गा लेकिन जब मैं पोलीस स्टेशन पहुँचा तो पता चला ख़ान भाई तो कहीं
बाहर गये हुए थे और कल सुबह ही वापिस आने वाले थे,,,,इसी बीच मुझे पायल भाभी के 2-3 मेसेज और आ
गये थे,लेकिन जितनी देर मे मैं उनको कॉल करता फोन बंद हो जाता था उनका,,,,मुझे कुछ टेन्षन हो
रही थी,,,अब तो ख़ान भाई भी नही थे और मुझे अकेले जाने से बहुत डर लग रहा था,,करण भी फट्टू हो
गया था इसलिए अब उससे से दोबारा बात करना ही बेकार था,,तभी मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा मैने
बाइक को पोलीस स्टेशन से फार्महाउस की तरफ मोड़ लिया,,,,फार्म हाउस बहुत दूर था मुझे जाने मे काफ़ी टाइम
लगने वाला था ,,,मैं रास्ते भर ख़ान भाई का फोन ट्राइ करता गया बट कोई फ़ायदा नही हुआ,,,तभी मुझे
पायल भाभी का फोन आया,,,मैने जल्दी से फोन उठा लिया और बात करने लगा,,,,


सन्नी कब्से मेसेज कर रही थी तुम कहाँ हो अब तक,,,,पायल भाभी की आवाज़ से ये तो पक्का हो गया था
कि ये पायल भाभी ही थी जो मेसेज कर रही थी,,,

अरे भाभी क्या बात है जो इतने मेसेज कर रही हो,,,फोन करके नही बता सकती थी क्या,,,,

ज़्यादा बात करने का टाइम नही है सन्नी जल्दी से फार्म-हाउस पहुँच जाओ,,,

लेकिन बात क्या है भाभी ,,कुछ तो बोलो,,,

कुछ नही बता सकती जल्दी से फार्म हाउस आ जाओ ,,भाभी ने इतना बोला और फोन कट कर दिया,,,

मैं सोच मे पड़ गया कि आख़िर पंगा क्या है ,,मैं फार्महाउस के करीब ही था तो सोचा अब यहाँ तक तो
आ गये देखते है आगे क्या होता है,,,,

कुछ टाइम बाद मैं फार्महाउस पर पहुँच गया,,,,मैं घर से चला तो शाम थी और यहाँ तक आते आते
मुझे रात हो गई थी,,,,वैसे भी सर्दियाँ शुरू हो गई थी अंधेरा जल्दी होने लगा था,,,,,मैं फार्महाउस
के गेट पर पहुँचा तो गेट अपने आप खुल गया,,,,शायद भाभी को पता चल गया था कि मैं आ गया हूँ
तभी गेट खुल गया था,,,लेकिन गेट पर तो कोई नही था फिर गेट किसने खोला,,,खैर मैं बाइक लेके अंदर
की तरफ आ गया,,,डर तो लग रहा था लेकिन अब किया भी क्या जा सकता था,,,,मैं बाइक लेके फार्महाउस के मेन
डोर तक पहुँच गया,,,,


सारी लाइट्स बंद थी,,,,बस मेरे बाइक की हेडलाइट्स की रोशनी थी,,,बहुत अंधेरा था यहाँ,,,मैं थोड़ा डरा
हुआ था,,,

तभी दूर खुला और पायल भाभी बाहर निकली...वो जल्दी से मेरे पास आई और मुझे अपने साथ अंदर चलने
को बोला,,,

मैने भी बाइक स्टॅंड पर लगाया और भाभी के साथ अंदर चला गया,,,,भाभी कुछ परेशान थी,,,भाभी ने
अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दिया,,,मैने देखा कि अंदर भी कोई लाइट नही जल रही थी,,,बस कहीं कहीं
छोटी छोटी मोमबत्तियाँ जल रही थी,,,,पूरे घर मे अंदर से पर्दे लगे हुए थे,,,हर खिड़की पर हर दरवाजे
पर,,,,,

अरे भाभी लाइट नही है क्या,,,,मैने मज़ाक मे बोला,,,,वैसे तो मैं डरा हुआ था लेकिन कहीं सुना था
कि मज़ाक करने से डर थोड़ा कम लगता है,,,

नही लाइट तो है सन्नी लेकिन ऑन नही करनी,,,ऑन की तो किसी को पता चल जाएगा कि हम लोग है यहाँ पर

किसको पता चल जाएगा भाभी?? मैने पायल भाई से पूछा

मेरे डॅड को,,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी और ये आवाज़ थी रितिका की,,,मैने पीछे मूड के देखा तो बस
देखता ही रह गया,,,,खुले बाल जो फॅन की हल्की हवा से इधर उधर उड़ रहे थे,,,हल्के पिंक कलर का
सूट था शायद,,,मोमबत्ती की रोशनी मे रंग ठीक से नज़र नही आ रहा था,,,लेकिन मोमबत्ती की हल्की
रोशनी मे भी उसने चेहरा का रंग खूब चमक रहा था,,,उसने मोमबत्ती को फॅन की हवा से बचाने
के लिए अपने हाथ को मोमबत्ती की लो के आगे किया हुआ था,,,उसकी नम आँखों से तो लग रहा था जैसे कि वो
अभी रोके आई है लेकिन उसका हँसमुख स्वाभाव और मासूम चेहरा बता रहा था कि वो ठीक है,,,,


तुम्हारे डॅड को,,,,मैं कुछ समझा नही,,,,

तभी पायल भाभी ने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और उधर रितिका ने भी कॅंडल को टेबल पर रखा और
खुद सामने वाले सोफे पर बैठ गई,,,,पायल भाभी मेरे साथ ही बैठ गई थी,,,

तूने जो बात की अमित के डॅड से वो हमको पता है सन्नी इसलिए अमित के बाप ने रितिका के बाप को मना भी
लिया करण और रितिका की शादी के लिए,,,,,इसने भी अपने बाप से 1-2 बार बात की थी करण से शादी करने के बारे
मे लेकिन इसका बाप कभी नही माना था,,लेकिन अब उन सीडीज़ की वजह से अमित के बाप ने इसके बाप को यानी
मेरे फूफा जी को मना भी लिया है और मेरे फूफा जी भी रितिका की शादी के लिए मान गये थे,,,

मान गये थे मतलब,,,,वो तो अभी भी माने हुए है,,,,कल ही मुझे भी अमित एक बाप का फोन आया
था,,,,,

तभी रितिका बोली,,,,,जानती हूँ सन्नी,,,,,,,तुमसे तो बात करली थी रात को अमित के बाप ने लेकिन कल नून
टाइम जब पापा घर आए थे तो अमित और उसका बाप भी था उनके साथ,,,पापा ने मुझे बोला था कि मेरी
शादी वो करने वाले है करण के साथ मैं इस बात से बहुत खुश हो गई लेकिन बाद मे मैं चाइ कॉफी
बनाने लगी तो मैने उन लोगो की बातें सुनी,,,,वो हम लोगो की शादी नही होने देंगे वो ऐसा बोल रहे
थे और वो बिना शादी के तुमसे वो सीडीज़ भी हासिल कर लेंगे ,,ये वादा अमित एक बाप ने किया था मेरे पापा
से क्यूकी मेरे पापा मेरी शादी करण से करने को तैयार नही थे बिल्कुल भी,,,,इसलिए पापा ने पायल भाभी
को बुला लिया यहाँ ताकि पायल भाभी मुझे अपने साथ ले जाए ,,,

मैं तो शादी की बात से इतना खुश हो गई थी कि तभी करण को मेसेज भी कर दिया लेकिन जब दोबारा से पापा
और उन लोगो की बातें सुनी तो मैं करण से बात करने ही वाली थी कि पापा ने मुझे उनकी बातें सुनते हुए
पकड़ लिया और मेरा फोन भी छीन लिया मेरे से और मुझे एक रूम मे बंद कर दिया ताकि मैं करण
से कोई बात नही कर सकूँ,,,,

ओह्ह अच्छा तभी करण बोल रहा था कि तुमने उसको मेसेज भेजा था किसी गुड न्यूज़ के बारे मे,,,और उसी के
कुछ टाइम बाद तुम्हारा मोबाइल स्विच-ऑफ हो गया था,,,,

हाँ सन्नी,,,पापा ने मेरा मोबाइल ले लिया था,,,


तो तुमने भाभी के फोन से बात क्यूँ नही क़ी,,,,तुम भाभी के फोन से भी तो बात कर सकती थी ना और
बता सकती थी मुझे या करण को इस बारे मे,,,

नही बता सकती थी सन्नी,,क्यूकी मुझे रूम मे बंद कर दिया गया था,,मैं तो रात को मिली थी पायल भाभी
से और तब सभी लोग थे साथ मे बात नही कर सकती थी मैं,,,और उसके बाद हम लोगो को एयरपोर्ट ले गये
थे,,,,,

तुम लोग एर पोर्ट पर ?? लेकिन क्यूँ,,,,,,,मैने हैरान होके पूछा,,,,

हाँ एर पोर्ट पर,,ताकि भाभी मुझे यहाँ से कही दूर ले जाए,,,और एयिरपोर्ट से भी हम लोगो को टाइम नही
मिला तुमसे बात करने का,,,

क्या किसी भी तरह नही बता सकते थे तुम लोग मुझे,,,,मैने थोड़ा चिड़ते हुए बोला,,,

नही सन्नी हम नही बता सकते थे तुमको,,,क्यूकी रात को ही फूफा जी ने हमको एर पोर्ट पर छोड़
दिया था ताकि मैं इसको लेके आउट ऑफ कंट्री चली जाउ कुछ दिन के लिए,,,ताकि ये सब पंगा सॉल्व होने तक
रितिका करण से दूर रहे,,,,मैने उनकी बातें सुनी थी तुम्हारे बारे मे कि अगर शादी नही हुई तो तुम उनको
सीडीज़ नही दोगे और अगर उन लोगो ने कोई और तरीका आजमाया सीडीज़ हासिल करने के लिए तो तुम कुछ भी कर सकते
हो और अगर रितिका ने करण के साथ मिलके घर से भागके शादी करली तो उन लोगो के लिए मुश्किल हो जानी है
इसलिए तो मैं उन लोगो की बात मान गई और ऐसे शो किया कि मैं उन लोगो के साथ हूँ,,,हालाकी उन लोगो
ने मुझे ये नही बताया कि ये सब किसी सीडीज़ की वजह से हो रहा है उन लोगो ने तो यही बोला कि रितिका घर से
भाग कर करण से शादी करने वाली है ,,,,,

ओकककक,,,,,,अब मैं समझा सब कुछ,,,रात को जब अमित के बाप का फोन आया था तो मैने पीछे से आपकी
आवाज़ सुनी थी पायल भाभी,,,और मुझे लगा था कि आप उन लोगो के साथ मिली हुई हो,,,,


नही सन्नी ऐसा मत सोचना तुम कभी,,,,मैं किसी के साथ नही मिली हुई,,,ना उन लोगो के साथ और ना ही मैं
तुम्हारे साथ हूँ ,,,मैं तो बस रितिका की शादी करवाना चाहती हूँ करण के साथ,,,बाकी मुझे कुछ न्ही
लेना देना तुम लोगो से,,,और ना ही किसी की कोई हेल्प करनी है अब मुझे,,,


इतनी तो हेल्प करदी अपने हम लोगो की पायल भाभी जी अब और क्या चाहिए,,,,अगर आप सच मे इसको लेके कहीं
चली जाती तो मैं क्या करता,,,कैसे वादा पूरा करता जो मैने करण और रितिका से किया था उन लोगो की शादी
करवाने का,,,इतना बोलकर मैने पायल भाभी को एक हग किया और रितिका हम लोगो को देखने लगी,,,

चल चल अब मस्का नही लगा,,,,,ले आ गई तेरी रितिका और आगे अब तू ही संभाल इसको,,,,,,

पायल ने मेरी रितिका बोला तो मैं हैरान हो गया और साथ मे रितिका भी,,,,,

अरे मेरे कहने का मतलब है अपनी भाभी रितिका को संभाल ,,,अब ये मेरी नही तेरी टेन्षन है,,,,इतना बोलकर
भाभी उठी और किचन मे चली गई,,,,

मैं और रितिका चुप चाप बैठे रहे,,,और इधर उधर देखते रहे,,,कुछ टाइम बाद पायल भाभी खाना
लेके आ गई

हम लोग खाना कहने लगे,,,,डिन्नर टाइम तो हो ही गया था और भाभी को पता था मैं आने वाला हूँ तो
भाभी ने मेरे लिए भी डिन्नर बना लिया था,,,,फिर हम डिन्नर करते हुए इधर उधर की बातें करने
लगे,,,,,
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12-21-2018, 02:32 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
हम डिन्नर करके फ्री हुए थे तभी पायल भाबी ने बर्तन उठा लिया और रितिका को कुछ इशारा किया और
खुद किचन की तरफ चली गई,,,

पायल भाभी किचन मे गई तभी रितिका बोली,,,,तुम मेरी शादी कारण से करवा रहे और मुझे मेरी ज़िंदगी का
सबसे बढ़िया गिफ्ट दे रहे हो इसलिए मेरे पास भी तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है सन्नी,,,,

इतना बोलकर रितिका उठी और एक रूम मे चली गई और जब वापिस आई तो उसके हाथ मे एक लॅपटॉप था,,,,उसने लॅपटॉप
मेरे सामने रख दिया,,,,

क्या ये है मेरा गिफ्ट,,,,मैने लॅपटॉप की तरफ देखा और रितिका से पूछा,,,

नही ये लॅपटॉप नही सन्नी,,,,,ये है तेरा गिफ्ट इतना बोलकर रितिका ने एक पेनड्राइव मेरी तरफ बढ़ा दी

मैने उस पेनड्राइव को पकड़ा और उस से पूछा ,,,,,,क्या है इसमे,,

खुद ही देख लो,,उसने थोड़े नखरे से बोला,,,,मुझे पता था वो मेरे से गुस्सा है,,,

मैने पेनड्राइव लॅपटॉप पर लगाई और उसमे जो फाइल थी उसको ओपन की,,,उसमे एक वीडियो थी,,,मैने वो वीडियो
प्ले की तो दंग रह गया,,उस वीडियो मे सुरेश और अमित थे,,,,सुरेश की टाँग टूटती हुई थी और वो बेड पर लेटा
हुआ था जबकि अमित उसके पास बैठ कर बात कर रहा था,,,उस वीडियो मे वो लोग करण और रितिका की शादी की
बात कर रहे थे,,,लेकिन बाद मे उन लोगो ने ऐसी बातें की जो हम लोगो के लिए एक पक्का सबूत बन गया,,

मैने वो वीडियो देखी और इतना ज़्यादा खुश हो गया कि जल्दी से उठकर रितिका के गले लग गया,,,,ओह्ह्ह रितिका
तुझे नही पता तूने मुझे क्या गिफ्ट दिया है,,,ये गिफ्ट तो ना सिर्फ़ मेरे लिए बल्कि हम सब लोगो के लिए बहुत
ज़रूरी चीज़ है,,,,इतना बोलकर मैने उसको बाहों मे भर लिया ,,,मेरा कोई ग़ल्त इरादा नही था,,मैं तो बस
उसका शुक्रिया अदा कर रहा था,,,,रितिका चुप-चाप खड़ी रही उसने ना तो मुझे दूर किया खुद से और ना ही
मुझे अपनी बाहों मे हग किया,,,,मैं उसको बार बार थॅंक्स्क्स बोलता हुआ काफ़ी टाइम से उसके गले लगा रहा
क्यूकी उसने मुझे बहुत अच्छा गिफ्ट दिया था,,,,जब मैं काफ़ी देर तक उसके साथ चिपका रहा तो जाने अंजाने मैने
उसको मस्त कर दिया या वो मस्त हो गई ,,उसने मुझे बाहों मे कस लिया ,,,,मैने तो उसको बाहों मे
पकड़ा था बस लेकिन उसने तो मुझे बाहों मे पूरी तरह से कस लिया था,,,,उसने इतनी ज़ोर से मुझे बाहों मे
जकड़ा की उसके छोटे छोटे बूब्स मेरी छाती से दबने लगे,,उसने अपने सर को मेरे गर्दन के पास मेरे
शोल्डर पर रख लिया और लंबी लंबी अहहें भरने लगी,,,उसकी साँसे भी गर्म हो गई थी और दिल
की धड़कन भी तेज हो गई थी,,,,उसकी ऐसी हालत से ना जाने कब मेरी भी हालत बिगड़ने लगी और मेरे हाथ उसकी
पीठ पर फिसलने लगे,,उसके हाथ भी मेरी पीठ पर थिरकने लगे थे,,,मेरा कोई गल्त मकसद नही था
उसको बाहों मे भरने का लेकिन मेरे गले लग्के वो शायद मस्त हो गई थी और उसकी मस्ती ने मुझको मस्त
कर दिया था,,,,

तभी पायल भाभी वहाँ पर आ गई मेरा और रितिका का ध्यान नही था पायल भाभी की तरफ,,पायल भाभी
वहाँ आई और हल्के से खांसने लगी तभी मेरा और रितिका का ध्यान भाभी की तरफ गया और हम दोनो एक
दूसरे से दूर हो गये,,,,भाभी ने हम लोगो की तरफ हंस कर देखा वहाँ से चली गई,,,

मैं और रितिका एक दूसरे से दूर हुए और सोफे पर बैठ गये,,,,,मैं रितिका से नज़रे नही मिला रहा था लेकिन
तिरछी नज़रो से उसकी तरफ देख ज़रूर रहा था वो भी मुझे हल्के से देख कर शरमा रही थी,,,तभी मैने
वापिस लॅपटॉप पर वो वीडियो देखने लगा जो मुझे रितिका ने दी थी,,,वो बहुत काम की चीज़ थी,,,वैसे एक बार
ख़ान भाई को दिखानी पड़ेगी वही बता सकते थे कि ये कितने काम की वीडियो है,,,,मैं अभी वीडियो देख ही
रहा था कि रितिका ने लॅपटॉप मे से पेनड्राइव को खींच कर बाहर निकाल लिया,,मैने उसकी तरफ देखा तो वो
पेनड्राइव लेके मेरे पास आके बैठ गई,,,,

मेरा दिल तो नही करता तुमको ये पेनड्राइव देने का लेकिन क्या करूँ करण और शिखा दीदी से भी वादा किया
है उनकी हेल्प करने का,,,उसने थोड़ा नखरे से बोला,,,,मैं जानता था वो मेरे से नाराज़ है इसलिए ऐसा बोल
रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अच्छा दिल नही करता तो मत दो ,,,मैं कौन सा फोर्स कर रहा हूँ,,,,मैने भी हल्के मज़ाक मे जवाब दे
दिया उसकी बात का,,,


नही ऐसी बात नही दिल तो करता है कि ये पेनड्राइव तुझे तब दूं जब तू मेरी शर्त पूरी करे और मेरी ज़िंदगी
का पहला सेक्स तू करे मेरे साथ लेकिन मैं भी तुझे फोर्स नही करूँगी क्यूकी तू उस से भी कहीं बड़ी और
मुश्किल शर्त पूरी करने वाला है मेरी,,,,,करण से मेरी शादी करवा कर,,,,वैसे भी अगर मैं तुझे फोर्स
करूँगी और तू फिर भी मुझे मना कर देगा तो ये तीसरी बार होगा जब तू मुझे नज़रअंदाज़ करेगा और मैं
तीसरी बार ये सब बर्दाश्त नही कर पाउन्गी,,,मैं क्या कोई भी औरत ये बर्दाश्त नही कर सकती कि कोई मर्द
उसके खूबसूरत जिस्म को नज़रअंदाज़ कर्दे वो चाहे पहली बार ही क्यूँ ना हो,,,,और तुम तो पहले भी 2
बार मेरे से दूर हो चुके हो,,,,अब मैं तुमको फोर्स नही करूँगी हाँ अगर तुम्हारा अपना दिल करता है
तो तुम मुझको बाहों मे भर सकते हो,,,,

नही मैं ऐसा नही चाहता रितिका भाभी जी,,,,मैने उसको भाभी बोला तो वो शरमा गई,,,,,मैने आपको
पहले भी बता दिया था,,,,

अच्छा ऐसा नही चाहते तो तुम्हारे हाथ मेरी पीठ पर फिसलने क्यूँ लगे थे,,,क्यूँ महसूस कर रहे थे
मेरे जिस्म को अपनी बाहों मे,,,क्यूँ कसते जा रहे थे अपनी बाहों के घेरे को मेरे चारो तरफ,,,सीधी
तरह क्यूँ नही कहते मैं तुमको अच्छी लगती हूँ,,,

मैं उसकी बात सुनके हँसने लगा,,,,बाहों को मैं नही आप कस रही थी रितिका भाभी जी,,,मैं तो बस


मैं तो बस क्या,,,,,,,,मैने तुमको बाहों मे भरा लेकिन अच्छा तो तुमको भी लगा ना,,,तभी कुछ देर के
लिए सही तेरे हाथों ने मेरी पीठ पर कुछ हलचल तो की थी,,,

मैं उसके करीब हो गया और उसके सर पर हाथ फेरते हुए,,,,तुम ऐसा मत करो,,,तुम जानती हो मैं ऐसा
कुछ नही चाहता ,,हाँ एक पल के लिए मैं अपने आपे से बाहर ज़रूर हो गया था लेकिन मुझे पता है तुम
करण की अम्मानत हो और तुम पर सिर्फ़ करण का हक़ है,,,तुम चाहती हो कि मैं तुम से वो सब करूँ लेकिन
मैं नही कर सकता ,,,,मैं तुम्हे उस से बेहतर तोहफा देने जा रहा हूँ करण से तुम्हारी शादी करके और
तुम अपनी लाइफ का सबसे पहला सेक्स करण के साथ करके उसको शादी के सबसे अच्छा गिफ्ट देना,,,

मैने इतना बोला तो उसने अपने सर से मेरा हाथ झटक दिया और उठकर वहाँ से चली गई,,,अभी वो उठकर
गई ही थी कि पायल भाभी सामने से चलती हुई मेरे पास आ गई,,,,,

पायल भाभी को मेरे पास आके बैठते हुए देखा रितिका जाती हुई रुक गई,,,,,,और पलटकर बोलने लगी,,,मुझे
मेरा गिफ्ट मिल गया करण से शादी करने का और करण को भी मिल जाएगा,,,अब तुम दोनो एक दूसरे को गिफ्ट देने की
तैयारी करो,,,,,इतना बोलके वो गुस्से से पलट कर वहाँ से चली गई,,,,

उसकी बात को मैं और भाभी समझ गये थे,,,,इसलिए मैं और भाभी हँसने लगे,,,मैने भाभी की तरफ देखा
तो उसने आगे बढ़ते हुए मुझे हल्की किस करदी,,,,

ये पागल हो गई है सन्नी सच मे,,,,इसकी बात का बुरा नही मान-ना,,,,,उमर ही ऐसी है इसकी,,,,

जानता हूँ भाभी,,,,और मैं गुस्सा करता भी नही इसकी बात का,,,वैसे मैं किसी की बात का गुस्सा नही करता
क्यूकी मैं हर टाइम मस्ती एक मूड मे जो रहता हूँ,,,मैने भाभी को इतना बोला और अपने करीब करके
अपनी गोद मे बिठा लिया,,,,मैं रितिका की वजह से थोड़ा गर्म हो गया था लेकिन रितिका के साथ कुछ कर नही
सकता था,,अब पायल भाभी मेरे पास थी और रितिका गुस्से मे वहाँ से चली गई थी,,,ये अच्छा मोका था मेरे
लिए और पायल भाभी के लिए भी,,,,,और वैसे भी हम दोनो को कोई डर नही था क्यूकी रितिका तो हम लोगो के
बारे मे सब जानती ही थी,,,,,

फिर हम दोनो की किस शुरू हो गई,,,,,,रूको सन्नी यहाँ नही,,,अंदर रूम मे चलते है,,,,भाभी ने
मेरा हाथ पकड़ा और मुझे रूम मे ले गई,,,,और फिर जब तक सुबह नही हुई मैं पायल भाभी की चुदाई
करता रहा,,,,हम दोनो सुबह से पहले रूम से बाहर नही निकले थे,,,

सुबह काफ़ी जल्दी हम लोगो को बाहर से आवाज़ सुनाई दी,,,भाभी रूम का दरवाजा खोलकर बाहर निकली और
साथ मे मैं भी,,,,

मैने जीन्स पहनी हुई थी जबकि भाभी नाइटी मे थी,,,

मैने और पायल भाभी ने देखा कि रितिका बाहर कॉफी बना रही थी,,,जैसे ही मैं और पायल भाभी बाहर
निकले तो रितिका कॉफी लेके टेबल की तरफ आ रही थी ,,उसने 3 कप कॉफी टेबल पर रखी और हम लोगो की
तरफ देखा,,,,

आ गये आप लोग,,,मैं बस अभी आप लोगो को बुलाने जा रही थी,,,,उसने भाभी की तरफ देखा तो हँसने लगी
जबकि मुझे देख कर शरमाने लगी,,

हम तो आ गये लेकिन तू बता इतनी जल्दी उठकर क्या कर रही है पायल भाभी ने रितिका से पूछा,,,


कुछ नही भाभी,,बस नींद नही आई तो कॉफी बनाने आ गई,,,सोचा आप लोगो के लिए भी बना लूँ,,आप
लोग भी थक गये होगे ना,,,,,रितिका ने इतना बोला और 2 कप हम लोगो की तरफ बढ़ा दिए,,,

अरे तूने अपने लिए ब्लॅक कॉफी क्यूँ बनाई,,भाभी ने अपने कप उठाते हुए उसका कप देखा और बोला,,,

कुछ नही भाभी रात भर सोई नही इसलिए सर मे दर्द हो रहा था,,,इसलिए ब्लॅक कोफ़ी बनाई मैने,,

क्यू,, नींद क्यूँ नही आई तुझे,,,भाभी ने हँसते हुए पूछा,,,जबकि मैं चुप चाप कॉफी पीने लगा था,,,

कैसे आती नींद भाभी,,रात भर आप लोगो के शोर ने मुझे सोने नही दिया,,,जब भी आँख लगने लगती आप
लोगो का चिल्लाना शुरू हो जाता,,,,रितिका ने इतना बोला और शरमा गई,,

भाभी भी हँसने लगी जबकि मैं कॉफी लेके वहाँ से उठकर चला गया,,,

मेरे उठते ही भाभी और रितिका हँसने लगे,,,,,,,,,,,,,,अरे क्या बताऊ तुझे रितिका ये सन्नी इतनी मस्ती से चुदाई
करता है कि दर्द और मस्ती के मारे आवाज़ निकलनी बंद ही नही होती,,,,पूरी रात ना खुद सोया ना मुझे सोने
दिया,,,,बहुत ज़ालिम है ये,,,,

भाभी ने मेरी तरफ देखा और मैं शरमा कर रूम मे चला गया,,,
Reply
12-21-2018, 02:32 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अब इन लोगो से मैं क्या बात करूँ,,,,लेकिन एक बंदा था जिस से मुझे बात करनी थी,,,,वो थे ख़ान भाई


मैने ख़ान भाई को फोन किया

पहले तो मैने शूकर मनाया कि ख़ान भाई का फोन लग गया बाद मे मैने ख़ान भाई को सारी बात बता
दी,,,,, फिर ख़ान भाई ने मुझे एक जगह मिलने को बोला,,

फार्म हाउस शहर से दूर था इसलिए हम लोगो को अभी जाना था,,,,मैने कॉफी जल्दी से ख़तम की और बाहर
जाके पायल भाभी और रितिका को सारी बात बताई और बोला कि जल्दी से तैयार हो जाओ हमे ख़ान भाई के पास जाना
है,,,,,,,,


वो लोग भी जल्दी से तैयार हो गई,,,फिर मैं बाहर गया और एक टॅक्सी लेके आया,,,इतना सुनसान इलाक़ा था कि टॅक्सी लेके
आने मे भी मुझे बहुत मुश्किल हुई,,,,,जाने को तो हम पायल भाभी की कार मे भी जा सकते थे लेकिन हम
लोगो को डर था कहीं भाभी की कार को कोई देख नही ले,,,,इसलिए उन लोगो को टॅक्सी मे लेके मैं खुद टॅक्सी
के पीछे पीछे बाइक पर चलने लगा,,,,


काफ़ी टाइम बाद हम लोग ख़ान भी की बताई हुई जगह पर पहुँच गये,,,,ख़ान भाई से मिलकर हम लोगो ने
सारी बात बता दी ख़ान भाई को,,,,रितिका तो बहुत खुश हो गई थी ख़ान भाई से मिलके,,,

ख़ान भाई ने बोला कि हमे आज ही रितिका की शादी करनी होगी,,,उन्होने मुझे पूरा प्लान भी समझा दिया और
मैं वहाँ से चल पड़ा,,,,आगे का काम करने के लिए,,,

जबकि पायल भाभी और रितिका ख़ान भाई के पास रुक गई थी,,,,,


मैं पहले अपने घर गया,,,और वहाँ से सीडीज़ लेके अमित एक घर की तरफ चल पड़ा,,,,रास्ते मे मैने करण
को भी फोन किया और बता दिया आज रेडी रहने के लिए ,,और बाकी की बात भी बता दी,,,रितिका कहाँ थी पायल
भाभी कहाँ थी,,,,और साथ मे ये भी बोला कि शायद उसकी शादी भी आज ही हो जायगी रितिका के साथ,,,,और मैने
उसको अलका आंटी और शिखा को भी तैयार करने को बोल दिया,,,,

करण से बात करके मैं अमित के घर की तरफ चल पड़ा और अमित के घर के बाहर पहुँच कर मैने गेट
पर खड़े एक आदमी को सीडी पकड़ा दी,,वो आदमी मुझे पहचानता था,,,उसने वो सीडी पकड़ी तो मैने उसको बोला कि
ये सीडी अंदर जाके अमित के बाप को दे दो,,,,

वो बंदा सीडी लेके अंदर की तरफ चल पड़ा और मैं वहाँ से बाइक लेके आगे की तरफ चल पड़ा,,अभी मैं
अमित एक घर से कुछ दूर ही गया था कि मेरा फोन बजने लगा,,,,,

ये फोन था अमित एक बाप का,,,,

उसने ना हेलो बोला ना हाई बस सीधी बात पर आ गया,,,,

तुमको ये सीडी कहाँ से मिली सन्नी,,,,

मैने भी हाई हेलो नही बोला बस मतलब की बात करने लगा,,,,मुझे ये सीडी सुमित के घर से मिली थी अंकल जी
,,क्यू ये सीडी असली हैं ना अंकल जी,,,,

क्या वो सुमित भी अपने ही घर मे छुपा हुआ है सन्नी बेटा,,,अमित के बाप ने मुझे तो प्यार से बेटा बोला
था लेकिन सुमित का नाम गुस्से से लिया था,,,,

जी नही अंकल जी,,,वो तो पता नही कहाँ है लेकिन मैने बातों ही बातों मे उस से ये पता कर लिया था कि
ये सीडीज़ कहाँ पर छुपाई हुई है उसने,,,वो कहाँ है नही पता,,,,, मुझे तो उसका फोन आया था,,,,

क्या तूने ये सीडी देखी थी सन्नी बेटा,,,अमित का बाप बड़े प्यार से बोल रहा था,,,,

जी नही अंकल जी,,,,मुझे आपके ज़रूरी डॉक्युमेंट्स मे कोई दिलचस्पी नही थी,,,,मुझे तो दिलचस्पी है बस करण
और रितिका की शादी मे,,,,,,इसलिए तो 1 सीडी आपको दी है जबकि 1 सीडी अभी मेरे पास है,,,,और वो मैं आपको दूँगा
करण और रितिका की शादी के बाद,,,,

क्या ,,तुम्हारे पास 1 और सीडी है,,,,अमित के बाप ने हैरान होते हुए बोला,,,

जी अंकल जी,,,,1 सीडी तो मैने आपको इसलिए दी है ताकि आपको यकीन हो जाए ये सीडी वही है या नही ,,और अब दूसरी
सीडी आपको दूँगा शादी के बाद,,,,

शादी की क्या बात है बेटा,,शादी तो आज कर देते है,,,अभी कर देते है,,,बस वो सीडी भी लाके मुझे देदो तुम

नही अंकल जी वो सीडी तो आपको शादी के बाद ही मिलेगी,,,

तो ठीक है बेटा,,,,,तुम ठीक 11 बजे काली पहाड़ी वाले मंदिर पर आ जाओ ,,,,वहीं हम लोग करण और रितिका
की शादी भी करवा देंगे और तुम मुझे वो सीडीज़ भी दे देना,,,,


ठीक है अंकल जी,,,जैसे आप कहो,,,,,

तभी फोन कट हो गया और मैं चल पड़ा करण के पास,,,मैं बाइक पर करण के घर की तरफ जा रहा
था तभी मैने मिरर मे देखा कि 2 लोग बाइक पर मेरा पीछा कर रहे थे,,,,मैं समझ गया कि इन लोगो
को अमित एक बाप ने ही भेजा होगा,,,मुझे उनकी टेन्षन नही थी और मैं बाइक भी ऐसे ही चला रहा था कि
जैसे मैने उन लोगो को देखा ही नही हो,,,तभी आगे एक रेड लाइट आई और मैने बाइक रोक लिया,,,,वो लोग भी
मेरे पास आके रुक गये,,,,वो लोग मेरी तरफ नही देख रहे थे और ना ही मैं उनकी तरफ देख रहा था,,

तभी कुछ देर बाद ग्रीन लाइट हुई और मैने बाइक को आगे बढ़ा दिया और तभी एक तरफ से 2 लोग आए और उन लोगो
ने मेरी बाइक को टक्कर लगा दी,,,,ये लोग वो नही थे जो मेरा पीछा कर रहे थे,,,जैसे ही टक्कर लगी मैं
बाइक से नीचे गिर गया और बाइक भी गिर गई,,,,वो लोग भी गिर गये,,उन लोगो ने उठकर मुझे गाली देनी शुरू की
और मेरे साथ मारपीट करने लगे,,,,,मैं तो वैसे भी तेज था मारपीट मे ,,मैने उन 2 लोगो को अकेले
क़ाबू मे कर लिया लेकिन तभी वो 2 लोग जो मेरा पीछा कर रहे थे वो लोग भी बाइक से उतर कर मेरे साथ
मारपीट करने लगे,,,,मैं समझ गया कि ये सब लोग मिले हुए है,,,,मैं उनसे मुक़ाबला करने लगा लेकिन
4 लोगो को एक साथ संभालना मुश्किल हो रहा था,,,लेकिन इतने मे भीड़ जमा हो गई थी,,,लोगो ने देखा
था कि इस आक्सिडेंट मे मेरा कोई क़सूुर नही था,,इसलिए भीड़ के कुछ लोगो ने उन लोगो को पकड़ लिया और
फाइट बंद करवा दी ,,,वो लोग फिर भी मुझे गालियाँ दे रहे थे,,,भीड़ के लोगो ने उन लोगो को पकड़
लिया और मुझे वहाँ से चले जाने को बोला,,,,,मैं भी कोई पंगा नही करना चाहता था और वहाँ से बाइक
लेके चला गया,,,,
Reply
12-21-2018, 02:32 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
वो लोग जब मेरे से मार पीट कर रहे थे तो साथ साथ मेरी तलाशी लेने की कोशिश भी कर रहे थे,,,
हो ना हो वो सीडी की तालश मे थे,,,,

मुझे गुस्सा तो था उन लोगो पर लेकिन वो लोग कोई आम लोग नही थे पेशेवर गुंडे लग रहे थे,,,इसलिए
कोई पंगा नही करने की जगह मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,

करण के घर पहुँचा तो करण मेरा हुलिया देख कर डर गया और फिर गुस्से मे बोला,,,,ये क्या हुआ भाई
,,,,किसने तेरा ये हाल किया भाई

कुछ नही भाई,,,,बस छोटा सा आक्सिडेंट हो गया था,,,,इस से पहले वो कुछ बोलता मैने उसको चुप करवा
दिया,,,

चल अब जल्दी तैयार हो जा और चल मेरे साथ,,,,

लेकिन भाई अपना हाल तो देखो आप,,,,,,,उसने मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला,,,मुझे कोई चोट तो नही
लगी थी लेकिन उन लोगो से फाइट करते हुए मेरे कपड़े फॅट गये थे,,,,

अबे धीरे बोल शिखा या अलका आंटी ने मुझे ऐसी हालत मे देखा लिया तो पंगा हो जाना है,,,और बात मेरे घर
पहुँच जानी है,,,,

भाई उनको पता नही चलना,,वो दोनो घर से चली गई है,,,,,जहाँ आपने बोला था ,,,बस मैं तेरा इंतेज़ार
कर रहा था,,,,

अच्छा किया तूने उनको भेज दिया,,वैसे भी वहाँ बहुत सारी तैयारी करने वाली होती है,,,वैसे माँ से तूने बात
की थी या दीदी ने,,,,

मैने तो दीदी को बोला था लेकिन दीदी ने माँ को बता दिया,,और अभी आपके आने से 2-3 मिनट पहले ही वो गई है
घर से,,,,

चल अब तू भी जल्दी तैयार हो जा,,,अपने पास ज़्यादा टाइम नही है,,,और मुझे भी एक टी-शर्ट दे अपनी,,अब तेरी
शादी मे फटी हुई टी-शर्ट पहनकर थोड़ी जाउन्गा मैं,,,मैने हंस कर मज़ाक मे बोला,,,
'

हम दोनो घर से तैयार होके अपने रास्ते चल पड़े,,,,


करीब 2-3 अवर्स के बाद मैं करण के साथ कोर्ट रूम पहुँच गया ,,,,मैने अमित के बाप को भी
फोन करके यहीं आने को बोल दिया था,,,

ये कोर्टरूम स्पेशल मॅरेज करवाने के लिए ही बना हुआ था और यहाँ जो बंदा बैठा हुआ था वो ख़ान
भाई का भरोसे वाला बंदा था जो लीगल मॅरेज करवाता था,,,


मैं और करण वहाँ पहुँचे तो अमित ,,अमित का बाप,,,सुरेश और सुरेश का बाप सब लोग यहाँ मौजूद
थे,,उन लोगो के साथ कोई भी बॉडीगार्ड नही था कोई गन्मन नही था,,,,क्यूकी मैने ही बोला था उन लोगो
को ऐसा करने को,,,,

मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा अमित और सुरेश करण और मेरी तरफ गुस्से से घूर्ने लगे,,,

सुरेश का पैर टूटा हुआ था और वो व्हील्चैर पर बैठा हुआ था,,,,

तभी अमित का बाप बड़े प्यार से आगे बढ़ कर मुझे मिलने आया,,,,मैने भी उनको नमस्ते बोला और उनसे
हाथ मिलाया,,,

अमित का बाप तो आगे बढ़ कर बड़े प्यार से करण के गले लग्के भी मिला,,,,और उसके इशारे से रितिका का बाप
भी बड़े प्यार से आगे बढ़ कर करण के गले लग्के मिला ,,,,

अरे बेटा यहाँ क्यूँ बुला लिया हमको,,,शादी तो मंदिर मे करवानी थी ना करण और रितिका की,,,

जी अंकल जी,,,लेकिन करण बोला कि उसको मंदिर मे नही कोर्ट मे शादी करनी है,,,,मंदिर की शादी को कोई
मानेगा या नही लेकिन कोर्ट की शादी को तो हर कोई मानेगा ना,,,मैने इतना बोला तो सुरेश का बाप और अमित
का बाप दोनो गुस्से से दाँत पीसने लगे,,,,

क्यूँ यहाँ कोई पंगा है क्या शादी करवाने मे अंकल जी,,,

अरे बेटा कोर्ट की शादी भी कोई शादी होती है क्या,,,,शादी तो मंदिर मे होती है,,,,पूरे रीति-रिवाज़ के साथ
वैसे तो शादी पूरी शान से होती है लेकिन ये शादी तो तुमको पता है किस वजह से हो रही है,,इसलिए कम
से कम मंदिर मे होती शादी तो अच्छा था,,,,

अरे अंकल जी छोड़िए ना ,,आप भी कहाँ मंदिर और रीति-रिवाज़ के चक्कर मे पड़ गये,,आज कल का ज़माना
मॉडर्न है और शादी भी मॉडर्न ही होती है,,,,,,जस्ट 2-3 साइन किए और हो गई शादी,,,,

अच्छा बाकी बातें बाद मे अंकल जी पहले ये बताए कि रितिका कहाँ है,,,वो नज़र नही आ रही,,,मैने थोड़ा
हंस कर पूछा तो वो लोग थोड़ा सहम सा गये,,,,

अरे बेटा वो यही है,,,कार मे बैठी हुई है,,,तुम बोलो तो अभी बुला लाता हूँ उनको,,,,लेकिन तुम पहले
ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,

आप रितिका को बुलाओ सीडी भी अभी मिल जाएगी अंकल जी,,,,


तभी अमित के बाप ने अमित को इशारा किया और उसने अपने मोबाइल से किसी को फोन किया,,,,कुछ ही देर मे
2 लड़कियाँ उस कोर्टरूम मे आ गई,,,,वो दोनो लड़कियाँ अपने साथ एक और लड़की को लेके आई थी जो सर से पैर
तक दुल्हन की तरह सजी हुई थी,,,बस उसका चेहरा ढँका हुआ था,उसने सर पर पल्ल्लू लिया हुआ था अपने ही
दुपट्टे से,,,,,

वो लड़कियाँ अंदर आ गई और उनके आते ही अमित ने दरवाजा बंद कर दिया,,,,

लो आ गई बेटा रितिका,,,अमित के बाप ने बड़ी खुशी से बोला,,,


क्या ये रितिका है अंकल जी,,,,लेकिन इसने चेहरा क्यूँ छुपा कर रखा हुआ है,,,इतना बोलकर मैं आगे बढ़ा और
उस लड़की के सर से दुपट्टा हटाने लगा,,,तभी अमित के बाप ने आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,,


अरे नही बेटा,,,ऐसा नही करते,,,शादी से पहला दुल्हन का मुँह देखना अपशकुन होता है हम लोगो
मे,,,,एक बार शादी होने दो फिर देखते रहना इसका मुँह,,,,

मैं हंस कर पीछे हो गया,,,क्यूकी मुझे पता था ये रितिका नही थी...,कोई और थी,,,,

ठीक है अंकल जी जैसा आप चाहो,,,,तो शादी का काम शुरू करे,,,

इतनी भी क्या जल्दी है,,,ये बात बोली अमित ने और आगे बढ़ कर हम लोगो के पास आ गया,,,,

शादी भी हो जाएगी लेकिन पहले ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,अमित थोड़ा गुस्से मे बोला,,,

तभी अमित के बाप आगे बढ़ कर ,.,,,,,,सन्नी बेटा अमित के कहने का मतलब है कि एक बार हमे भी वो सीडी
दिखा दो ताकि हम लोगो को भी यकीन हो जाए कि सीडी तुम्हारे पास है,,,,


आप बेफ़िक्र रहिए अंकल जी,,,,सीडी यहीं है मेरे पास,,,,,

तुम्हारे पास मतलब ,,अभी तुम्हारे पास है सीडी,,,,तुम्हारी पॉकेट मे है क्या,,,,,

अमित ने खुशी से इतना बोला और अपने फोन को कान पर लगा कर हमसे दूर होकर किसी से बात करने लगा,,,,,,


जबकि मैं अमित एक बाप से बात कर रहा था,,,,

अभी हम लोग बात ही कर रहे थे कि तभी कोर्ट रूम के दरवाजा खुला और ???
ये लोग तो वही थे जिन लोगो से मेरा सुबह आक्सिडेंट हुआ था,,,इस से पहले मैं कुछ करता उन लोगो ने
आगे बढ़ कर मुझे पकड़ लिया,,,,,सुबह वो लोग 4 थे लेकिन अभी वो 6 लोग थे,,,,,4 लोगो ने आगे बढ़ कर मुझे
पकड़ लिया,,,,,

करण ने आगे बढ़ कर उनको हटाने की कोशिश की लेकिन तभी 2 लोगो ने करण को भी पकड़ लिया,,,,,

उनमे से एक आदमी ने मुझे गालियाँ देनी शुरू करदी,,,,,,,,,,साले सुबह आक्सिडेंट करके भाग गया था,,,जो
नुकसान हुआ वो क्या तेरा बाप देगा,,,,उस आदमी ने मुझे कस के एक थप्पड़ मारा तभी अमित ने आगे बढ़ कर
उस आदमी को पकड़ लिया,,,,

क्यूँ मार रहे हो इसको,,,,क्या किया है इसने,,,,,अमित ऐसे बोल रहा था जैसे वो मेरा साथ दे रहा था,,,

उस आदमी ने अपनी पॉकेट से एक पिस्टल निकाली और अमित एक तरफ कर दी,,,अमित जल्दी से पीछे हो गया,,,,,देख
भाई तेरे से मेरा कोई झगड़ा नही है,,,इस लड़के ने सुबह मेरी बाइक से टक्कर लगा दी थी और मेरी बाइक का
नुकसान करके वहाँ से भाग गया था,,,,,हमे कोई लफडा नही करना बस ये हमको हमारे नुकसान के
पैसे दे दे,,,,हम लोग यहाँ से चले जाएँगे,,,,


तभी उस कोर्ट के वकील ने भी उन लोगो को रोकने की कोशिश की लेकिन उन लोगो ने उसकी तरफ भी अपनी पिस्टल
तान दी और वो बेचारा अपनी चेयर पर वापिस बैठ गया,,,,मैने भी उनको इशारा कर दिया था चुप-चाप
बैठने के लिए,,,,

वो अभी बोल ही रहा था,,, करण ने ज़ोर लगाकर खुद को छुड़वाने की कोशिश की लेकिन मैने उसको मना कर
दिया और इशारा किया चुप-चाप खड़े रहने को,,,


देख भाई वो मेरी ग़लती नही थी,,,,तू ही रेड लाइट क्रॉस करके मेरे से टकरा गया था,,,मैं फिर भी तेरा
नुकसान भरने को तैयार हूँ,,,बता कितना नुकसान हुआ तेरा,,,,,

मैने अभी बोला ही था कि उस आदमी ने मुझे कस के 2-3 थप्पड़ लगा दिए,,,,,तू अपनी बकवास बंद रख
लड़के ,,और जो नुकसान हुआ है वो तो मैं लेके ही जाउन्गा,,,,सुबह तो तू भाग गया था और अब यहाँ पर मेरा
एक भाई काम करता है जिसने सुबह तुझे देख लिया था मेरे से फाइट करते,,उसी ने फोन करके मुझे बताया
है कि तू यहाँ है,,,,इसलिए मैं यहाँ आया हूँ तेरे से नुकसान के पैसे लेने,,,


फिर उस आदमी ने मेरी तलाशी लेनी शुरू की,,,,फिर सर से पैर तक मेरी तलाशी लेके उसने करण की तलाशी ली
और फिर मेरी पॉकेट से मेरा वॉलेट निकाला और उसमे जितने भी पैसे थे सब निकाल लिए,,,लेकिन फिर भी वो
मेरी तलाशी लेने लगा,,,,,

फिर जब उसको कुछ नही मिला तो उसने पैसे अपनी पॉकेट मे डाले और वॉलेट को ज़मीन पर फैंक दिया और
गुस्से से बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा,,,,,इस बार तो पैसे लेके छोड़ रहा हूँ अगली बार ग़लती से मेरे से
टकरा गया तो टाँगें तोड़ दूँगा ,,,याद रखना,,,,,,वो गुस्से से मुझे इतना बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा और
जाते हुए उसने ना मे सर हिलाकर अमित के बाप को कुछ इशारा भी किया,,,,,
Reply
12-21-2018, 02:32 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
उन लोगो को लगा कि मुझे कुछ पता नही चला लेकिन मैने सब कुछ देख लिया था,,,

फिर वो सब लोग गुस्से से बोलते हुए वहाँ से चले गये,,,,,,करण ने उन लोगो के पीछे जाने की कोशिश की लेकिन
मैने करण को रोक दिया,,,,लेकिन तभी मैने उस कोर्टरूम के पीओन को जो दरवाजे के बाहर खड़ा हुआ था
उसको उन लोगो के पीछे भेज दिया,,,

ये लोग कॉन थे बेटा,,,,इतना बोलते हुए अमित का बाप मेरे पास आया और बड़े प्यार से मेरे से पूछने लगा,
ज़्यादा ज़ोर से तो नही मारा तुमको बेटा,,,,

तभी अमित गुस्से से,,,,,,,,,अगर पिस्टल नही होती उनके पास तो एक-एक का सर फोड़ देता,,,,

गुस्सा मत कर अमित भाई,,,,और मुझे कुछ नही हुआ,,,बस हल्के हल्के हाथ लगे है 2-4,,,,इतने से मुझे कोई
फ़र्क नही पड़ता,,,,,

चलो छोड़ इन बातों को अब हम लोग अपना काम करते है,,,,जो करने आए थे,,,,

वो तो हो जाएगा बेटा लेकिन पहले वो सीडी तो पता चले कहाँ है,,,,अमित का बाप फिर से सीडी के पीछे पड़ गया
था,,,,

सीडी भी यहीं है अंकल जी,,,,मेरे पास,,,,बस शादी हो जाए तो सीडी भी दे दूँगा आपको,,,,

अमित के बाप को पता था सीडी मेरे पास नही है क्यूकी अभी वो आदमी मेरी पूरी तलाशी लेके गया था और साथ
मे करण की भी,,,उसको हम लोगो के पास कोई सीडी नही मिली थी,,,

नही बेटा पहले सीडी के दर्शन करवा दो फिर होगी शादी,,,

सिर्फ़ सीडी के नही पहले तो आप लोगो को किसी और चीज़ के दर्शन करवाने है अंकल जी,,,इतना बोलकर मैं कोर्ट
रूम से एक ऑफीस की तरफ गया जो ऑफीस उसी वकील का था,,,मैने ऑफीस का दरवाजा खोला और तभी करण
की मोम और शिखा उस ऑफीस से कोर्टरूम की तरफ आ गई,,,,,शिखा को देखकर अमित थोड़ा सकपका गया ,,

लेकिन जो लोग उसके बाद कोर्ट रूम मे आए उनको देख कर सब लोगो के साथ-साथ सुरेश का बाप सबसे ज़्यादा
सकपका गया,,,,

शिखा दीदी और अलका आंटी के पीछे पीछे पायल भाभी और उसके साथ रितिका भी उसी कोर्टरूम मे आ गई,,वो
दोनो बहुत खूबसूरत लग रही थी,,,वैसे तो शिखा और अलका आंटी भी कम नही थी लेकिन आज रितिका सब पर
भारी पड़ रही थी,,,

रितिका और पायल भाभी को देख कर अमित सुरेश और उन लोगो के बाप के होश उड़ गये,,,,

क्यूँ अंकल जी,,,,कैसा लगा ये सब,,,,वो लोगो का मुँह खुला का खुला रह गया ,,,उन लोगो मे से किसी के मुँह से
एक लफ़्ज तक नही निकला,,,,,सबके होश गुम हो गये रितिका और पायल भाभी को देख कर,,,,और मेरे होश गुम
थे रितिका को देख कर,,,,,रितिका सर से पैर तक दुल्हन की तरह सजी हुई थी,,,,लाल रंग का दुल्हन का जोड़ा
,,,,हाथ मे कलाई से लेके एल्बो तक बड़ी बड़ी चूड़ियों से आधी बाजू भरी हुई थी,,,गले मे मंगलसूत्र
और माँग भरी हुई थी,,,,

ये देख कर सुरेश और उसका बाप थोड़ा गुस्से मे आ गये,,,सुरेश का बाप हम लोगो की तरफ बढ़ा लेकिन तभी
अमित के बाप ने उसको रोक लिया,,,,


क्यूँ अंकल की गुस्सा आ गया ना ये सब देख कर,,,,ये सब मेरा प्लान था,,,,वैसे आप लोगो का प्लान भी अच्छा
था,,,,रितिका को पायल भाभी के साथ बाहर भेज देना फिर घूँघट मे किसी नकली रितिका से शादी करवा
देना और सीडीज़ हासिल कर लेना,,,,तभी तो आप लोगो को मंदिर मे शादी करने की पड़ी थी ताकि बाद मे मंदिर
की शादी को कोई नही मानता,,,ना आप लोग और ना ये समाज़,,,,और वैसे भी आपकी इस नकली रितिका की शादी अगर हो
भी जाती करण से तो आप लोगो को क्या फ़र्क पड़ने वाला था,,,


अमित का बाप थोड़े गुस्से मे ,,,,चल अब हो गई ना शादी,,,अब तो वो सीडी कर मेरे,,,

इतनी भी क्या जल्दी है,,,,पहले लीगल मॅरेज तो हो जाए,,जिसको ना आप झुटला सको और ना ये समाज़ और क़ानून

तेरी इतनी हिम्मत,,,ये कहता हुआ अमित अपनी पॉकेट से पिस्टल निकालता हुआ मेरी तरफ बड़ा,,,,,वो जैसे ही मेरे
पास आया अमित के बाप ने उसको भी रोक लिया,,,,

अरे वाह,,,,अब तो पिस्टल भी निकल आई,,,,,पहले कहाँ थी ये पिस्टल जब वो लोग तुमको पिस्टल दिखा रहे थे,,
मैने मज़ाक मे अमित को बोला,,,

मेरी बात सुनके अमित और उसका बाप चुप हो गये,,,,,,,,,,,,,

मैं जानता हूँ वो सब भी आपका ही प्लान था अंकल जी,,,लेकिन कोई बात नही,,,,ऐसा होता रहता है अक्सर,,अब
जल्दी से इन लोगो की शादी कर देते है इस से पहले कि कोई और पंगा हो,,,,,


तभी करण हँसते हुए,,,,अब और क्या पंगा हो सकता है सन्नी भाई,,,,

मैने भी हँसते हुए करण की बात का जवाब दिया,,,,,,,,करण भाई मैं वो सीडीज़ देख चुका हूँ मुझे
पता है उन सीडीज़ मे क्या है,,,,,ऐसी घिनोनी हरकते है इन नवाबजादो जिसको देख कर गुस्सा आता है,,,लेकिन
इसमे इनका कोई क़सूुर नही,,,,ये सब तो विरासत मे मिला है इन लोगो को,,ऐसी घटिया हरकते करना तो अपने
ही बाप से सीखा है इन लोगो ने,,,,,आज इनके बाप ने भी तो अपना पूरा ज़ोर लगा लिया था ,,,अपनी हर घटिया
चाल खेल चुके है ये लोग,,लेकिन अब हमारी बारी है,,,,,,,,,,

देखो अंकल जी,,,,मुझे पता था आप लोग ऐसी वैसी हरकते ज़रूर करोगे इसलिए रितिका और करण की शादी
पहले ही मंदिर मे करवा दी है हम लोगो ने ,,,और अब कोर्ट मेरिज करवानी है,,,,


ऐसा हरगिज़ नही हो सकता,,,,तू क्या सोचता है हम ऐसा होने देंगे,,,,अमित गुस्से से बोलने लगा,,,

मुझे पता है तुम लोग अपनी पूरी कोशिश करोगे,,लेकिन मैने भी हाथ पे पत्ते स्ट्रॉंग रखे हुए है
क्यूकी मुझे पता है आप लोग भी कम नही हो,,,,,

क्या मतलब तेरा सन्नी भाई,,,करण फिर हँसते हुए बोला,,,,साथ मे शिखा ,,अलका आंटी,,,और पायल भी
हँसने लगी,,,जबकि रितिका तो अपने बाप और भाई को गुस्से से घूर रही थी,,,


मतलब ये है मेरा करण भाई कि मुझे पता था इन लोगो ने ऐसी घटिया हरकत ज़रूर करनी है और इसी
लिए मैने अपने एक दोस्त को वो सीडी पकड़ा दी थी ताकि अगर टाइम आने पर हम लोग तेरी शादी करके रितिका को
अपने घर नही लेके गये तो मेरा वो दोस्त जो सीडी हाथ मे लेके इनस्पेक्टर ख़ान के पोलीस स्टेशन के पास खड़ा हुआ
है वो सीडी को उसके हवाले कर देगा,,,,,

मेरे मुँह से ये बात सुनके सब लोग हैरान रह गये,,,,,


तभी अमित एक बाप ,,,नही सन्नी बेटा तू हम लोगो के साथ ऐसा नही कर सकता,,तूने ही कहा था कि तू हम
लोगो का साथ देगा,,,,

अंकल जी साथ तो मैं दे रहा था लेकिन पहले घटिया काम की शुरुआत भी तो आप लोगो ने ही की है,,,मैं तो
बस आपका ही साथ दे रहा हूँ घटिया काम मे,,,,

अब बोलो शादी करवानी है या इंतेज़ार करना है कि कब मेरा दोस्त सीडी लेके ख़ान के पास जाए और ख़ान आप लोगो
को पकड़ने के लिए आपके पीछे निकल पड़े,,,,

तभी अमित का बाप सुरेश के बाप के पास गया और वो लोग कुछ बातें करने लगे,,,,अमित गुस्से मे मुझे
घूर रहा था और हाथ मे पकड़ी हुई पिस्टल दिखा रहा था,,,,

तभी शिखा हम लोगो के पास आ गई,,,,,अमित उसकी तरफ देख कर हँसने लगा,,,तभी शिखा ने अपने हाथ मे
पकड़ी हुई पिस्टल उसकी तरफ की तो अमित की सिट्टी-पीटी गुल हो गई,,,,ये पिस्टल करण ने दी थी शिखा को घर से
निकलने से पहले,,,,और ऐसे ही एक पिस्टल थी पायल भाभी एक पास जो उन्होने लाके मुझे पकड़ा दी,,,,

ये सब देख कर अमित और सुरेश का बाप थोड़ा डर गये साथ मे अमित और सुरेश भी,,,
Reply
12-21-2018, 02:33 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ठीक है सन्नी बेटा,,हम रितिका की शादी करवा देते है,,,,लेकिन इस बात का क्या भरोसा कि तुम वो सीडी हमे
दे दोगे,,,और उसकी कोई कॉपी नही होगी तुम लोगो के पास,,,,


देखिए अंकल जी ये सब पॉलिटिक्स खेलना मुझे नही आता,,,,ये सब आप जैसे लोगो का काम है,,,,मैं तो बस
जैसे को तैसा करने मे यकीन करता हूँ,,,मैं कोई प्लान नही करता अगर आप लोगो ने भी कोई प्लान नही
किया होता,,,,,अब भी टाइम है आप सही रास्ते चलिए और मेरा यकीन कीजिए,,,,और अगर अब भी आप लोगो को
मेरा यकीन नही तो आपकी मर्ज़ी है,,,जो मर्ज़ी कीजिए,,,,


तभी अमित का बाप चुप चाप हम लोगो के पास आ गया और साथ मे सुरेश का बाप भी,,,,

फिर मैने वकील की तरफ इशारा किया तो उसने मेरिज के पपर्स निकाल कर टेबल पर रख दिए ,,

फिर सब लोगो ने अपने अपने साइन किए,,,,अमित और उसके बाप ने तो एक पल से पहले ही साइन कर दिए लेकिन
सुरेश और उसका बाप फिर हल्की सोच मे पड़ गये लेकिन अमित और उसके बाप ने उनको समझा दिया था,,,,

सुरेश तो साइन करके पीछे हट गया लेकिन सुरेश का बाप साइन नही कर रहा था तभी सुरेश ने व्हील्चैर
पर बैठे हुए अपने बाप को साइन करने का बोला तो सुरेश के बाप ने सुरेश को सबके सामने कस्के थप्पड़
मारा,,,,,साले हरामी ये सब तेरी वजह से हो रहा है,,,,,

इतना बोलकर वो सुरेश को गालियाँ देने लगा,,,लेकिन तभी अमित के बाप ने उसको समझा दिया,,,,,

फिर सुरेश के बाप ने भी साइन कर दिया और अपने बेटे को वापिस गालियाँ देने लगा,,,क्यूकी अमित ने लड़कियों
को फसाने का काम किया था जबकि उनकी वीडियो बनाने का काम किया था सुरेश ने,,,जिसके बारे मे वो लोग
जानते थे,,,,

शादी होते ही रितिका और करण खुश हो गये,,,,क्यूकी अब वो क़ानूनी तौर पर पति पत्नी बन गये थे अब
ना तो उनको अपने बाप का डर था ना ही किसी और का,,,,,

हम सब बड़े खुश थे लेकिन कुछ लोग थे जो खुश नही थे ,,,,,,

तभी अमित का बाप मेरे पास आया और बोला,,,,,,,लो बेटा अब तो हो गई शादी ,,,अब तो बुलाओ अपने दोस्त को
और वो सीडी करो हम लोगो के हवाले,,,,

कॉन सा दोस्त अंकल जी,,,...मैने हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,

तभी सुरेश का बाप भी हम लोगो के पास आ गया,,,ये क्या मज़ाक लगा रखा है तूने,,,अब हो गई ना शादी
चल सीडी कर हमारे हवाले,,,,बुला अपने दोस्त को जल्दी,,,,

अरे अरे अंकल जी गुस्सा क्यूँ होते हो,,,सीडी आपको मिल जाएगी,,,लेकिन उसके लिए मुझे किसी को बुलाने की ज़रूरत
नही क्यूकी जिसके पास सीडी है वो दोस्त अभी यहीं मौजूद है,,,,

तभी सुरेश का बाप बड़ी उत्सुकता से,,,,कहाँ है वो दोस्त और कहाँ है वो सीडी,,,

ये रहा वो दोस्त और ये रही वो सीडी,,,इतनी बात बोलके रितिका ने अपने पर्स मे से वो सीडी निकाली ,,,

सब लोगो का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,अमित उसका बाप,,,सुरेश और उसका बाप ,,,सब मुँह खोलकर रितिका
की तरफ देख रहे थे और ख़ासकर रितिका के हाथ मे पकड़ी हुई उस सीडी की तरफ,,,


यही है ना वो सीडी जिसके लिए इतना कुछ हुआ है और अब भी हो रहा है,,,रितिका ने इतना गुस्से मे बोला और वो
सीडी अपने बाप की तरफ फैंक कर मारी,,

वो सीडी रितिका के बाप की छाती पर लगी और नीचे ज़मीन पर गिर गई,,,,रितिका के बाप ने शरम से अपना सर
झुका लिया लेकिन सीडी ज़मीन पर गिरते ही अमित और उसका बाप किसी लालची कुत्ते की तारह उस सीडी पर लपक पड़े

अमित ने वो सीडी उठा ली ,,,अमित और उसका बाप दोनो बहुत खुश हो गये थे,,,,तभी अमित का बाप बोला
,,सन्नी बेटा यही है दूसरी सीडी या इसके अलावा कोई और सीडी भी है तुम्हारे पास,,,,,

जी अंकल जी,,यही है दूसरी सीडी अब इसके अलावा कोई और सीडी नही मेरे पास,,,जो है बस यही है,,,

अमित और उसका बाप खुशी से वो सीडी लेके कोर्टरूम से बाहर जाने लगे तभी मैने उसको आवाज़ लगा दी,,,
एक मिनट रुकिये अंकल जी,,,,,यही वो सीडी है अब मेरे पास कोई सीडी नही है,,और ना ही इन सीडीज़ की कोई कॉपी है
लेकिन सुमित के पास इसकी और कोई कॉपी है या नही ये मुझे नही पता,,,,

मैने इतना बोला तो अमित और उसका बाप गुस्से मे मुझे घूरते हुए वहाँ से बाहर चले गये,,,जबकि पीछे
खड़े हुआ हम सब लोग हँसने लगे,,,,

फिर मैं वापिस पलटा और मेरी नज़र पड़ी सुरेश और उसके बाप पर जो शरम के मारे अपना सर झुका कर
खड़े हुए थे,,,अपनी ही बेटी और बेहन के हाथों जॅलील होने पर दोनो का सर शरम से झुक गया था,,,

मैं चलके रितिका और करण के पास गया और उन लोगो को लेके रितिका के बाप के पास आया,,,

चलो अब तुम लोग इनका आशीर्वाद लो,,,,,मैने इतना बोला तो करण ने तो अपने ससुर का आशीर्वाद ले लिया और
उसके ससुर ने भी उसके सर पर हाथ रखके उसको आशीर्वाद दे दिया लेकिन रितिका ने सॉफ मना कर दिया,,,

क्या हुआ रितिका तुम अपने पापा का आशीर्वाद क्यूँ नही ले रही,,,

ये इंसान मेरा बाप नही है सन्नी,,,,अब तक तो ये मेरा बाप था लेकिन आज पता चला कि सुरेश के सभी
गंदे काम मे ये भी उसकी मदद करता था इसलिए जैसे सुरेश मेरे लिए मर चुका है वैसे ही आज मेरा
बाप भी मेरे लिए मर गया है,,,,

नही रितिका ऐसा नही बोलते,,,,ये इंसान अभी भी तुम्हारा बाप और ये लड़का तुम्हारा भाई है,,,,माना इन
लोगो ने बहुत ग़लतियाँ की है लेकिन अब इनके झुके हुए सर देख कर लगता है कि इनको अपनी ग़लती पर शरम
आ रही है,तभी तो सर उठाकर ये हम लोगो की आँखों मे नही देख रहे,,,,और वैसे भी एक बाप अपने
बच्चे के सभी बुरे कामों पर परदा डालता है,,उसकी लिए उसका बच्चा जैसा भी हो,,अच्छा हो या बुरा उसका
बच्चा ही रहता है,,,,,वैसे ही ये आदमी जो अभी तेरे सामने खड़ा है ये जितना भी बुरा क्यूँ ना हो ये तेरा
बाप ही है,,,,आज अपनी ही बेहन और बेटी के सामने ये लोग सर झुका कर खड़े हुए है इस से बड़ी और क्या
सज़ा हो सकती है इन लोगो के लिए,,,

रितिका मेरी बात सुनके भी आगे नही बढ़ी लेकिन करण के इशारा करने पर उसने झुक कर अपने बाप का
आशीर्वाद ले लिया,,,,,उसके बाप ने भी अपने हाथ को अपनी बेटी के सर पर रखा और आशीर्वाद देके आँखों
मे आँसू लेके वहाँ से चला गया और जाते जाते वो अपने बेटे की व्हील्चैर को भी धक्का लगाके वहाँ से
बाहर चला गया,,,,
Reply
12-21-2018, 02:33 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने बाहर निकल कर देखा तो वो लोग कोर्ट के पिछले दरवाजे से बाहर जा रहे थे,,,जहाँ से अक्सर या
तो चोर लोग जाते है या पॉलिटीशियन,,,,लोग,,,,,,,,,,,,

उन लोगो के जाते ही करण और रितिका दोनो मेरे गले लग गये और मुझे बाहों मे हग करके थॅंक्स्क्स्क्स
बोलने लगे,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भाई ,,,,तूने मेरी शादी रितिका से करवा दी ये एहसान मैं ज़िंदगी भर नही
भूल सकता,,,,तेरा जितना भी शुक्रिया अदा करूँ कम है,,,,,

अबे चुप कर और फालतू की डायलॉग-बाजी बंद कर,,,,एक दोस्त कभी दूसरे दोस्त पर एहसान नही करता,,समझा


सब लोग रूम मे बड़े खुश थे ,,फिर हम लोग भी हँसते खुशी मनाते हुए कोर्टरूम से बाहर निकल
कर मेन गेट की तरफ बढ़ने लगे,,,,,,कोर्ट के मेन गेट के पास मैने देखा कि ख़ान भाई सिंपल कपड़ो
मे खड़े हुए थे,,उन्होने यूनिफॉर्म नही पहना हुआ था,,,,,और आस-पास ही उनके लोग मौजूद थे वो भी
सिंपल कपड़ो मे,,,,

हम लोग ख़ान भाई के पास पहुँचे तो रितिका भाग कर ख़ान भाई के गले लग गई और रोने लगी,,,

अरे बुद्धू लड़की,,,,अब क्यूँ रो रही है,,,अब तो तुझे खुश होना चाहिए तेरी शादी जो हो गई है करण
के साथ,,,,आज का दिन रोने का नही बल्कि खुश होने का है ,,तुझे तेरी पसंद का जीवन-साथी जो मिल गया
है,,,,,,,रितिका बस रोती जा रही थी ख़ान भाई को हग करके,,,,वो ख़ान भाई को अपने भाई सुरेश से कहीं
ज़्यादा मानती थी,,,,,इसलिए तो आज मंदिर मे जब रितिका की शादी हुई थी ख़ान भाई ने ही उसका कन्या-दान भी
किया था जो अक्सर लड़की का बाप या भाई करता है,,,,

चल बस भी कर अब रोना बंद कर मेरी छुटकी बहना,,,ख़ान भाई की आँखें भी नम हो गई थी जब उन्होने
रितिका का रोता हुआ चेहरा देखा,,,,तभी करण ने आगे बढ़ कर ख़ान भाई के पैर छू कर उनका आशीर्वाद
लिया और साथ मे रितिका ने भी,,

आज से ये तेरी अमानत है करण,,और खबरदार अगर इसको कभी हर्ट किया या रुलाया,,,याद रखना तेरी बीवी का
भाई एक पोलीस वाला है,,,,ख़ान भाई ने ये बात थोड़ी हंस कर बोली तो सब लोग भी हँसने लगे,,,


रितिका भी खुश हो गई और करण को मज़ाक मे बोलने लगी,,,,,सुन लिया ना,,,,अगर मुझे कभी हर्ट किया तो
मेरा ये पोलीस वाला भाई तुझे बहुत ज़्यादा हर्ट करेगा.,,,,,,,रितिका की बात पर भी सब लोग खुश हो गये

फिर मैने पोलीस की बड़ी बस मे देखा कि कुछ लोग बैठे हुए थे,,,,मैने पास जाके देखा तो ये वही
लोग थे जो सुबह मेरी बाइक से टकरा गये थे और अब कोर्टरूम मे अंदर आके भी मेरे से मार-पीट
करने लगे थे,,,,,

ख़ान भाई ने मुझे अपने साथ लिया और उसी वॅन के पास चले गये,,,,अब बोलो सन्नी भाई क्या करना है इन
लोगो का,,,,,मैने भी हँसते हुए मज़ाक मे बोल दिया,,,,,,कुछ खास नही ख़ान भाई बस जब तक अपना बाकी का
काम नही हो जाता तब तक सरकारी मेहमान बना कर रखो इनको और अच्छी तरह से खातिरदारी भी करो इनकी
और इस वाले की तो ज़रा ज़्यादा खातिर करना,,,,,मैने उस आदमी की तरफ इशारा किया जिसने मुझे 3-4 थप्पड़
मारे थे,,,,,

ख़ान भी हँसने लगे और वो सब लोग डर गये जो वॅन मे बैठे हुए थे,,,,,

ख़ान भाई हम लोगो से मिले और वहाँ से चले गये ,,,और कोर्ट से बाहर आते ही पायल भाभी भी टॅक्सी करके
एर-पोर्ट की तरफ चली गई और जाते जाते मुझे अपने शरारती अंदाज़ मे हग करके गई,,,उसने मुझे हग किया तो
सब लोग हमे देख रहे थे,,,,,शिखा ,,,,अलका,,करण और रितिका भी,,,,

ख़ान भाई गये अपने रास्ते ,,,पायल गई अपने रास्ते,,,और हम लोग भी चल पड़े अपने रास्ते,,,,मैं बाइक पर
गया और बाकी लोग टॅक्सी मे चल पड़े करण के घर की तरफ,,,,,,,,

आज मैं बहुत खुश था रितिका और करण की शादी करवा कर मैने अपनी शर्त पूरी करदी थी,,,जो सपना
दिखाया था रितिका और करण को उस सपने को मैने हक़ीक़त का रूप दे दिया था और सब कुछ इतनी आसानी से
हो गया था कि मुझे यकीन ही नही हो रहा था,,,मुझे लगा था वो लोग कुछ पंगा कर सकते है ,,,हालाकी
उन लोगो ने पंगा किया भी लेकिन उस से कोई खास फरक नही पड़ा,,,,लेकिन अब मुझे और भी ज़्यादा डर लगने
लगा था क्यूकी कोर्ट से जाते हुए रितिका का बाप और भाई तो सर झुका कर गये थे लेकिन अमित और उसका बाप
मुझे गुस्से से घूरते हुए गये थे,,,

मैं बाइक पर चल पड़ा टॅक्सी के पीछे पीछे करण के घर की तरफ और टॅक्सी मे शिखा ,,अलका ,,करण और
रितिका थे,,,,मैं बहुत खुश था आज करण की शादी करवा कर,,,और मेरे से भी ज़्यादा खुश थे कारण
और रितिका,,,और उतनी ही खुशी झलक रही थी अलका और शिखा के चेहरे पर,,वो लोग भी करण की शादी से बहुत
खुश थे,,,



जैसे ही टॅक्सी रुकी करण के घर के बाहर तभी सामने से एक और टॅक्सी आके रुकी,,,,और उस मे से मेरी माँ बाहर
निकल कर आ गई,,,,इधर अलका आंटी भी टॅक्सी से निकली और मेरी माँ के गले लग्के मिली,,,,


दोनो एक दूसरे के गले लग्के शादी की मुबारकबाद देने लगे,,,,,

अलका>>> जो समान मैने बोला था वो ले आई ना आप सरिता दीदी,,,,

माँ>>> हां हां जो तूने बोला था सब समान ले आई मैं,,,चल अब जल्दी शादी-शुदा जोड़ी का वेलकम
करने की तैयारी करते है,,,,इतना बोलकर माँ और अलका वापिस करण और रितिका के पास आई

माँ करण और रितिका को एक बार बड़े प्यार से मिली और बोली,,,,अभी के लिए इतना ही पहले तुम लोगो का वेलकम
करके गृहप्रवेश करके घर के अंदर ले जाउ फिर मिलती हूँ ठीक से,,,,,इतना बोलके माँ शिखा और अलका
आंटी को अपने साथ लेके घर के अंदर चली गई,,,और जाते जाते मुझे टॅक्सी मे से समान निकालने को बोल
गई,,,,,

मैं टॅक्सी के पास गया तो देखा उसमे प्लास्टिक के 6-7 बॅग पड़े हुए थे जिनको मैने टॅक्सी वाले के साथ मिलकर
घर के अंदर पहुँचा दिया फिर टॅक्सी वाले को उसके पैसे देके वहाँ से भेज दिया,,,,,इतनी देर मे माँ और
अलका आंटी ने मिलकर करण और रितिका के वेलकम की तैयारी करली,,,,

मैने देखा कि माँ अलका आंटी और शिखा हाथ मे एक आरती की थाली लेके गेट के पास खड़ी हुई थी फिर उन
लोगो ने अपने रीति-रिवाज़ के साथ करण और रितिका का वेलकम किया और उनको घर के अंदर ले गई,,,

हम सब करण को शिखा दीदी के रूम मे ले गये,,,फिर माँ और अलका आंटी ने खाने पीने का इंतेज़ाम किया

खाना घर पर नही बनाया था वो माँ लेके आई थी मार्केट से,,,,हम लोग इधर उधर की बातें करते हुए
खाना खा रहे थे लेकिन मेरा ध्यान बार बार रितिका की तरफ जा रहा था जो दुल्हन के लिबास मे बहुत
ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,,,मेरा कुछ ग़लत अंदाज़ा नही था उसे देखने का मैं तो इसलिए देख रहा
था क्यूकी वो सचमुच बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,खाना खाते टाइम जब भी करण स्पून से उसको
कुछ खिलाता तो वो शर्मा जाती और रूम मे सब लोग उसको देख कर हँसने लगते,,,माँ अलका आंटी और शिखा
ने तो इतना मज़ाक किया उन दोनो के साथ कि उन लोगो का खाना पीना मुश्किल हो गया,,,,

जैसे मैं बार बार रितिका की खूबसूरती को निहार रहा था वैसे ही माँ भी बार बार रितिका की तारीफ
करती हुई थक नही रही थी,,,

तभी हम लोगो का खाना ख़तम हो गया फिर माँ अलका आंटी और शिखा दीदी उठकर करण के रूम मे
चली गई,,,,और यहाँ रह गये मैं करण और रितिका,,,


बाकी लोगो के सामने रितिका शरमा रही थी लेकिन जब हम लोग ही रह गये तो रितिका खुल कर बात करने लगी
हालाकी दुल्हन के लिबास मे होने की वजह से वो मेरे से थोड़ा शर्मा रही थी लेकिन इतना भी नही जितना
वो बाकी सब के सामने शरमा रही थी,,,,

करण और रितिका बार बार मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल रहे थे ,,,,वो लोग बहुत खुश थे शादी करके ,,खुश तो
मैं भी था लेकिन मुझे कहीं ना कहीं थोड़ा डर भी लग रहा था क्यूकी आज तो सब कुछ ठीक से हो गया
था लेकिन आगे चलके कोई पंगा हो भी सकता था,,,,,,रितिका का बाप और भाई शायद कुछ ना करे अब क्यूकी
उन लोगो की आँखों मे आने वाले आँसू बता रहे थे वो लोग कितना शर्मिंदा हो गये थे लेकिन अमित और
उसका बाप कुछ भी कर सकते थे क्यूकी जाते टाइम वो बड़े गुस्से से देख कर गये थे मुझको,,,,


हम लोग बातें ही कर रहे थे तभी माँ अलका आंटी और शिखा दीदी वापिस आ गये रूम मे,,,,,

कहाँ गये थे आप लोग,,इतना टाइम क्या कर रहे थे,,,,,

तभी शिखा हँसते हुए,,,,,नई जोड़ी के लिए सुहागरात का कमरा सज़ा रहे थे,,,,शिखा ने इतना बोला तो
रितिका ने शरमा कर नज़रे झुका ली,,,,

मैने मज़ाक मज़ाक मे बोला ,,,,ओह्ह वाउ कैसा सज़ा रूम ज़रा मुझे भी बताओ,,,,मुझे पता था ऐसे
बोलने से रितिका और शरमा जाएगी और उसका शरमाना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,,,

तभी माँ बोली,,,,,जा खुद ही जाके देख ले सन्नी बेटा,,,एक दिन तेरा रूम भी तो सज़ाना पड़ेगा हम लोगो
को,,,,माँ ने इतना बोला तो अब शरमाने की बारी मेरी थी,,,,मैं रितिका से भी ज़्यादा शरमा गया और मेरी
इस हरकत से सब लोग हँसने लगे,,,,मैं इतना ज़्यादा शरमा गया कि उठकर रूम से बाहर चला गया मेरे जाते
ही सब लोग ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे,,,,,

तभी शिखा मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़कर मुझे करण के रूम मे ले गई,,,,
Reply
12-21-2018, 02:33 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं करण के रूम मे पहुँचा तो देख कर दिल खुश हो गया मेरा,,,,उसका रूम इतना अच्छा सजाया हुआ
था जैसे फ़िल्मो मे होता है,,,,बेड पर हर तरफ फूल ही फूल थे ,,बेड के चारों तरफ फूलों के
लंबे लंबे हार लटक रहे थे,,बेड पर वाइट कलर की बेडशीट बिछी हुई थी लेकिन गुलाब की पत्तियों
की वजह से बेड शीट गुलाबी लग रही थी,,,बेड से लेके रूम के दरवाजे तक भी फूलों का कार्पेट बनाया
हुआ था,,,,उसको देख कर मैं बड़ा खुश हो गया,,,,बस खो ही गया था ,,,

तभी मेरे लिप्स पर शिखा ने अपने लिप्स रख दिए और मेरे कुछ करने से पहले ही एक डीप किस करने लगी
मुझे,,,,,,मैं भी रूम की सज़वट देख कर इतना मस्त हो गया था कि दिल कर रहा था अभी शिखा को लेके
बेड पर चला जाउ और अपनी सुहाग शाम मना लूँ,,,क्यूकी अभी शाम हो रही थी,,,,

मैं सुहागरात के लिए सज़ा हुआ रूम देख कर और शिखा के किस करने पर मस्ती के सागर मे गोते खाने
लगा और मेरे हाथ शिखा के बदन पर कसने लगे ,,मैं उसकी पीठ को सहलाते हुए उसको किस करने लगा वो
भी मस्ती मे मुझे किस करती हुई मेरी पीठ को सहलाने लगी थी लेकिन तभी उसका हाथ मस्ती मे मेरे लंड
पर चला गया,,,,मैं एक दम से उछल गया,,,,,,मस्ती से नही डर से ,,,क्यूकी हम लोग करण के रूम के
'बाहर खड़े हुए थे ,,अंदर बेड से लेके दरवाजे तक फूलों का कार्पेट लगा हुआ था,,,हम लोग चलके
अंदर जाते तो सब खराब हो जाता और बाहर खड़े रहके हम हद से ज़्यादा नही बढ़ सकते थे,,क्यूकी कोई
भी आ सकता था वहाँ पर,,,,,और तभी ऐसा ही हुआ,,,,माँ कुछ बर्तन रखने के लिए शिखा के रूम से बाहर
निकल आई तभी उनकी नज़र हम दोनो पर पड़ी और इसका पता मुझे तब लगा जब मेरी पीठ पर हल्का सा हाथ
लगा उनका,,,,,,

कुछ तो शरम करो तुम दोनो,,,,माँ ने मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए बोला,,,,

माँ ने इतना बोला तो एक दम से मैं और शिखा एक दूसरे से दूर हो गये,,,,

कुछ तो सोचो अगर रितिका देख लेती तो,,,,,माँ ने थोड़ा गुस्से मे लेकिन हल्की आवाज़ मे बोला,,,,

सौरी आंटी जी,,,वो करण की शादी हो गई है अब रितिका के आने के बाद पता नही वो हम लोगो की तरफ
ध्यान भी देगा या नही,,,और वैसे भी इस बेड को देखकर मुझसे कंट्रोल नही हुआ,,,,

जानती हूँ बेटी,,मैं समझ सकती हूँ,,,,अब भाभी आ गई है तो थोड़ा सम्भल कर रहना होगा तुम सबको
कहीं उसने देख लिया तो पंगा हो जाना है,,,और इस बेड को देखकर तो मुझसे भी रहा नही जा रहा,,,माँ
ने मस्ती मे मुझे हल्की किस करते हुए बोला,,,

चलो अब जाके भाभी और भाई के पास बैठ जाओ,,,,,,माँ ने इतना बोला और किचन की तरफ चली गई जबकि
मैं और शिखा करण और रितिका के पास चले गये,,,,शिखा ने जाते जाते मुझे बड़े प्यार से बोला,,,,

याद रखना एक दिन तेरे साथ भी मैं ऐसे ही सजे हुए बेड पर सुहागरात ज़रूर मनाउन्गी सन्नी,,,शिखा
ने इतना बोला और मुझे पीठ पर हल्की सी चुटकी काट दी,,,,,,,,फिर हम दोनो जाके बैठ गये रितिका और करण
के पास,,,,,

फिर काफ़ी टाइम तक हम लोग ऐसे ही बैठ कर मज़ाक करते रहे और जब रात होने को हुई तो हम लोगो ने बड़े
प्यार से करण और रितिका को उनके रूम तक छोड़ दिया,,,

हम लोगो ने करण और रितिका को करण के रूम के बाहर तक छोड़ा,,,यहाँ से करण को रितिका को गोद मे
उठाकर बेड तक लेके जाना था,,करण शरमा रहा था लेकिन जब हम लोगो ने ज़ोर डाला तो उसने रितिका को गोद
मे उठा लिया,,,,,अब रितिका शरमाने लगी,,,,लेकिन जैसे ही मैने रितिका की तरफ देखा तो उसने मुझे अजीब
नज़रो से देखा ,,,मैं कुछ समझ नही पाया,,,,हम दोनो एक दूसरे की आँखों मे आँखें डालके देख रहे
थे तभी माँ मेरे पास आई,,,,

ये दोनो तो चले रूम मे बेटा चलो अब हम भी चले अपने घर,,,,डिन्नर टाइम हो गया है डॅड रास्ता
देख रहे होंगे,,,,,मैं एक दम से माँ की बात सुनके उनकी तरफ पलट गया और मैने वापिस मुड़कर
रितिका और करण की तरफ नही देखा,,,शायद तब तक वो भी रूम मे चले गये होंगे,,,,

मैं मोम को लेके घर की तरफ चल पड़ा ,,,मैं रास्ते मे बाइक चलाता हुआ रितिका और करण के बारे मे
सोच रहा था,,,,और ख़ासकर रितिका की घूरती आँखों के बारे मे ,,,वो मुझे बहुत अजीब नज़रो से देख रही
थी,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,,तभी मैने अपने लंड पर माँ का हाथ महसूस किया जो हल्की
मस्ती एक साथ मेरे लंड को दबा रही थी,,,,

माँ मत करो ना कोई देख लेगा,,,,,,

माँ ने हँसते हुए बोला,,,,,इतना अंधेरा है कॉन देखने वाला है यहाँ बेटा,,,,,और वैसे भी उन दोनो को
देख कर मेरी हालत खराब हो गई है,,,,जल्दी से घर जाके तेरे बाप के साथ सुहागरात मनाउन्गी मैं,,,
तेरा दिल करे तो तू भी आ जाना ,,,,



माँ की बात सही थी,,,,अंधेरा बहुत था,,वैसे भी सर्दियों मे रात जल्दी ही हो जाती है और बहुत कम लोग
नज़र आते है सड़क पर,,,,और दूसरा करण और रितिका की वजह से मैं भी मस्त हो गया था,,,,लेकिन जब भी मैं
रितिका के बारे मे सोचता तो उसकी घूरती हुई आँखें मुझे कन्फ्यूज़ कर देती,,,,,खैर हल्की मस्ती मे कन्फ्यूज़
होता हुआ मैं माँ को लेके घर आ गया,,,,

घर पर आके मैं सीधा रूम मे चला गया,,,सोनिया नीचे थी और डॅड भी,,,माँ भी नीचे डिन्नर की तैयारी
करने लगी थी,,,,,

मैं जल्दी से बाथरूम मे घुस गया और शवर लेने लगा,,,बहुत थक गया था इसलिए शवर लेके जब बाहर
निकला तो बेड पर लेट-ते ही मेरी आँख लग गई,,,


रात जब मेरी आँख खुली तो मैने देखा कि मेरे पास ही सोनिया बैठी हुई थी अपने बेड पर,,,वो बुक गोद
मे रखकर स्टडी कर रही थी,,,साला मैं इतना थक गया था कि इसी रूम मे सो गया,,,मुझे पता ही नही
चला,,,,

जैसे ही मेरी आँख खुली सोनिया बोल पड़ी,,,,,लगता है करण की शादी करवा कर कुछ ज़्यादा ही थक गये तुम
सन्नी,,,अब और सोना है या उठकर स्टडी करनी है,,,,

मैं आँखें मल्ता हुआ उठा,,,,नही अभी स्टडी नही करनी ,,,कल करते है,,,मैने इतना बोला और बेड से उठ
गया,,,और उठकर रूम के दरवाजे के पास गया,,,,दरवाजा तो बंद था लेकिन कुण्डी नही लगी हुई थी,,,मैने
दरवाजे की कुण्डी लगा दी,,,,कुण्डी की आवाज़ से सोनिया थोड़ा डर गई,,,,मैं कुण्डी लगा कर वापिस पलटा और अपने
बेड की तरफ जाने लगा,,,,

तभी सोनिया हल्की डरी हुई आवाज़ मे बोलने लगी,,,अच्छा हुआ करण की शादी हो गई रितिका से,,,अब वो अपनी ही
बेहन के साथ ऐसी घटिया हरकते तो नही करेगा कभी,,,,

मैं सोनिया की बात सुनके हँसने लगा,,,क्यूकी उसने करण का ताना मुझे मारा था,,उसको डर था कि कुण्डी
लगाकर मैं उसकी तरफ आ रहा हूँ और उसने मुझे रोकने के लिए करण की बात की थी,,,

मैं हँसते हुए अपने बेड के पास गया और अपने बेड से मॅट्रेस उठा लिया और उठकर दरवाजे के पास वाली
दीवार के पास ज़मीन पर मॅट्रेस लगा लिया और वहीं लेट गया,,,,,

सोनिया मेरी इस हरकत से थोड़ा खुश हो गई क्यूकी मैं मॅट्रेस को ज़मीन पर उसके बेड से दूर लगा रहा
था,,,उसने हंस कर मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोला शायद और मैने भी हंस कर उसको देखा और बता दिया कि डरने की ज़रूरत
नही मेरे से,,,,,,


उन दोनो की शादी ज़रूरी थी,,,,तुझे नही पता उसके पीछे कोई वजह थी,,,,जो वजह तू सोच रही है वो नही,,,
वो दोनो एक दूसरे से प्यार करते है इसलिए उनकी शादी करवाना ज़रूरी थी,,,और जो उसके और उसकी बेहन शिखा
के बीच मे है वो सब उन लोगो की आपस की बात है,,,कोई मजबूरी रही होगी उनकी,,,,तुझे उनका पूरा सच
नही पता और पूरा सच जाने बिना किसी पर ग़लत उंगली करना बुरी बात है,,,,

मुझे पता है उनका सच ,,तूने बताया था मुझे,,,वो अमित और बाकी की सारी बात भी,,लेकिन फिर भी उन्दोनो
का ऐसा करना बुरी बात है,,,,

मैं हँसने लगा उसकी बात पर,,,,तुम अगर किसी को अच्छा नही कह सकती तो तुम्हारा कोई हक़ नही बनता उसको
बुरा कहने का,,,,और रही बात सही ग़लत की तो बता मैं यहाँ तेरे रूम मे सोके ग़लती कर रहा हूँ या
तेरे रूम मे तेरे से दूर सोके ग़लती कर रहा हूँ,,,,क्या जवाब है तेरे पास इस बात का,,,,


वो सन्नी वो मियन्न,,,,उूओ,,,,,,उसको कोई जवाब नही सूझ रहा था वो बस चुप करके बैठ गई,,,मैने
एक बार उसकी तरफ हंस कर देखा और बोला,,,,

चल अब सोजा रात बहुत हो गई है,,,सुबह मिलकर स्टडी करते है,,और कल शायद कविता भी आ जाएगी मेरी
हेल्प करने के लिए,,,,


उसने गुस्से से मुझे देखा और बोली,,,,,,,,,वो नही आने वाली कल,,,,,कल वो अपने भाई के साथ अपनी माँ को
मिलने जा रही है,,,,उसने इतना बोला और मेरी तरफ पीठ करके लेट गई,,,,


उसने ये बात थोड़ी गुस्से मे बोली तो मैं डर गया,,,कहीं उसने सोनिया को कुछ बता तो नही दिया,,,कहीं
वो उस दिन की हरकत पर गुस्सा तो नही हो गई,,,मैं यही बातें सोचता हुआ दोबारा नींद के आगोश मे
चला गया,,,

सुबह जल्दी सोनिया ने मुझे उठा दिया,,,,,,सन्नी उठो,,,,सन्नी,,,सन्नी,,,,

मेरी आँख खुली तो सोनिया मुझे उठा रही थी,,,,क्या हुआ क्यूँ उठा रही हो,,,,और कितनी बार बोला मेरे पास
मत आया करो,,,,,


मुझे भी शॉंक नही तेरे पास आने का लेकिन मुझे अब उठकर बाहर जाना है ये दरवाजा खोलना है,,और अगर
दरवाजा खुलते ही मोम अंदर आ गई और उसने तुझे ज़मीन पर यहाँ सोते देख लिया तो पंगा हो जाना है ,,
Reply
12-21-2018, 02:33 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उसकी बात सुनके उठा और मॅट्रेस को वापिस बेड पर रखा और फिर से सो गया,,,फिर जब आँख खुली तो
लंच टाइम भी बीत गया था,,,,,आज कुछ ज़्यादा हो सोया था मैं,,,,,


उठकर फ्रेश होके नीचे गया तो देखा सोनिया नीचे बैठकर टीवी देख रही थी,,,,,उस से पूछने पर पता
चला माँ घर पर नही थी ,,,,करण के घर गई थी,,,,

मैं भी तैयार हुआ और करण के घर जाने लगा,,,तभी सोनिया बोली,,,,,,कामिनी भाभी का फोन आया था सन्नी
तुमको बुला रही थी वो,,बोली कुछ काम है,,,मैने पूछा तो बोलने लगी सन्नी से काम है,,मुझे भी
नही बताया,,,,

मैने अपनी पॉकेट से फोन निकाला तो देखा कि कामिनी भाभी की 8 मिस कॉल थी ,,,मैने भाभी को फोन
किया तो भाभी ने फोन नही उठाया ,,मैने 2-3 बार ट्राइ किया बट भाभी ने फोन नही उठाया ,,फिर
मुझे याद आया कि आज तो कविता अपने भाई के साथ जाने वाली है अपनी माँ को मिलने के लिए इसलिए कामिनी
भाभी आज अकेली होगी घर पे,,क्यूकी कल रात ही सोनिया ने मुझे बताया था कि कविता अपने भाई के साथ जा
रही है,,,,,,तभी तो भाभी ने मुझे इतने फोन किए ,,,,,

मैने सोनिया को बोला कि मैं काम से बाहर जा रहा हूँ और बाइक लेके कामिनी भाभी के घर की तरफ चल
पड़ा,,,

मैं भाभी के घर पहुँचा तो भाभी गेट खोलने बाहर आई लेकिन जैसे ही भाभी ने मुझे देखा वो
वापिस अंदर भाग गई और 2 मिनट बाद फिर बाहर आ गई,,,,,

अब टाइम मिला तुझे,,,,,कब्से फोन कर रही थी उठाया क्यूँ नही,,,,मैने भाभी से ये बात बोलनी थी लेकिन
भाभी तो मेरे से भी पहले मुझे बोलने लगी थी फोन के बारे मे,,,,



भाभी ने गेट खोला और मैं अंदर चला गया,,,,

अरे भाभी मैं भी तो कब्से आपको फोन कर रहा था,,,आप भी तो फोन नही उठा रही,,, अब आप गेट
खोलने आई तो वापिस अंदर क्यूँ भाग गई थी,,,,,

वो मैं वो ,,,तूने ठीक से देखा नही मैने नाइटी पहनी हुई थी और अब सूट पहन कर बाहर आई
हूँ,,,पहले नाइटी मे बाहर आती तो कोई देख लेता मुझे,,,

कॉन देख लेता भाभी,,,पहले भी तो आप नाइटी पहन कर बाहर आ जाती थी,,तो आज क्या हुआ,,,मैने मज़ाक
मे बोला

कुछ नही हुआ,,,तू तो पक्का बेशरम है लेकिन मुझे तो शरम आती है,,,मुझे अच्छा नही लगता मुझे कोई
नाइटी मे देखे,,,,भाभी ये बोलकर शरमाने लगी,,,

मैं भी नही देख सकता क्या,,,,,मैने फिर मज़ाक मे बोला


भाभी फिर शरमाते हुए ,,,,तू तो पक्का बेशरम है,,,,तेरे क्या कहने,,,,चल अब सारी बात यहीं करेगा
कि अंदर भी आएगा,,,,,

मैं भाभी के साथ अंदर चला गया,,,,अंदर जाके भाभी सीधा अपने बेडरूम मे चली गई और मैं भी
उनके पीछे पीछे चला गया,,,,

तुमको पता है मैं फोन क्यूँ कर रही थी,,,,भाभी ने शरमाते हुए बोला,,,,

हाँ पता है,,,,मुझे सोनिया ने रात को ही बता दिया था कि कविता और सूरज भाई बाहर जाने वाले है,,

हाँ तभी तो सुबह से फोन कर रही थी तुझे,,,तू है कि फोन उठाता ही नही,,,भाभी थोड़े नखरे से
चिढ़ती हुई बोली,,,,

अरे भाभी अब क्यूँ गुस्सा करती हो ,,,,अब तो मैं आ गया हूँ,,,,अब तो प्यार मुहब्बत की बातें करो मेरे
साथ,,,,मैने इतना बोला और भाभी को पीछे से पकड़ कर अपनी बाहों मे भर लिया,,,क्यूकी मैं बहुत मूड
मे था,,कल रात करण और रितिका की सुहागरात थी,,,जब करण रितिका को गोद मे उठाकर अपने रूम मे लेके
जा रहा था तभी मेरे लंड मे उछाल आने शुरू हो गये थे,,,,अब तो मैं बस भाभी को पूरी तरह से
खा जाना चाहता था,,,,,,अभी मैने भाभी को पीछे से हग किया ही था कि भाभी ने भी पलट कर मुझे
बाहों मे भर लिया और जैसे ही हम दोनो के लिप्स एक दूसरे से टच हुए ही थे कि तभी हमे किचन मे
बर्तन गिरने की आवाज़ आई,,,,भाभी एक दम से मेरे से दूर हो गई और बाहर भाग गई,,,,मैं भी भाभी
के पीछे पीछे गया तो देखा कि एक प्लेट किचन की ज़मीन पर गिरी हुई थी और भाभी उसको उठा रही थी,,

अरे ये प्लेट अपने आप कैसे गिर गई,,,,,मेरी आवाज़ सुनके भाभी एक दम से चौंक गई और पीछे मूड के मुझे
देखने लगी,,,,

वो मैने गॅस पर चावल रखे थे ना ,,लगता है उस चावल वाले बर्तन मे भाँप ज़्यादा हो गई थी
इसलिए उसके उपर पड़ी प्लेट गिर गई होगी,,,,,,

इस टाइम चावल,,,,अभी तो लंच टाइम कबका बीत गया भाभी,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे बोला,,,

जानती हूँ सन्नी लेकिन अकेली हूँ घर पे तो क्या लंच और क्या डिन्नर,,,,भाभी ने भी मेरी बात का
जवाब मज़ाक मे दिया,,,

भाभी ने वो प्लेट बर्तन पर रखी और पीछे की तरफ पलटी,,,तब तक मैं भाभी के पास पहुँच गया
था भाभी जैसे ही पलटी मैने भाभी को फिर से पकड़ लिया और जल्दी से भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे
जकड लिया,,भाभी ने भी एक मिंट से पहले मुझे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,हम लोग 5-6 मिनट
तक ऐसे ही एक दूसरे को पकड़ कर एक दूसरे के होंठों का स्वाद लेते रहे तभी भाभी ने मुझे थोड़ा दूर
किया और खुद भी मेरे से अलग हो गई,,,,

क्या हुआ भाभी मज़ा नही आ रहा था क्या किस करके,,,,,

भाभी शर्मा गई और मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई,,,तभी मैने देखा कि भाभी गॅस बंद कर रही
थी और गॅस बंद करके भाभी फिर से मेरी तरफ पलट गई,,,,

मज़ा तो आ रहा था लेकिन मैने सोचा अगर मज़ा लेना ही है तो ज़रा खुलकर मज़ा क्यूँ ना लिया जाए,,,इतना
बोलकर भाभी मेरे पास आई और मुझे पकड़ कर बेडरूम की तरफ ले गई,,,,और जैसे ही हम लोग बेडरूम
मे घुसे भाभी ने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और अंदर से कुण्डी भी लगा ली,,,,


इस से पहले मैं कुछ बोलता या करता भाभी ने अपने कपड़े निकाल दिए,,और फिर हुआ मस्ती का प्रोग्राम
शुरू,,,,,सूरज भाई के जाने की वजह से भाभी भी फुल मूड मे थी और रात करण और रितिका की सुहागरात
की वजह से मैं भी फुल मूड मे था,,,भाभी अपने कपड़े निकाल कर नंगी होने लगी और मैं भी जल्दी
से अपने कपड़े खोलने लगा ,,,,आज भाभी कुछ ज़्यादा ही जल्दी मे थी और खुद अपने कपड़े निकालने लगी थी
,,वैसे तो अक्सर वो बहुत शरमाती रहती थी लेकिन आज मस्ती की वजह से उनकी शरम कहीं उड़ गई थी,,मेरे
सामने नंगी होने मे उन्होने ज़रा भी देर नही की थी,,,मैं अभी अपनी पेंट निकाल रहा था जबकि भाभी
पूरी नंगी हो गई थी,,,भाभी का मदमस्त नंगा बदन देख कर मेरे से रहा नही गया,,और मैं अपनी
पेंट उतारता हुआ भाभी की तरफ बढ़ने लगा,,भाभी कुण्डी लगा कर दरवाजे के पास खड़ी हुई थी और मैने
भाभी के पास जाके भाभी को कस के बाहों मे भर लिया और इस से पहले मैं भाभी पर टूट पड़ता
भाभी मेरे पर टूट पड़ी,,,,
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