Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने शिखा को करण से दूर हटने को बोला,,,,,फिर शोबा दीदी ऑर शिखा दीदी को उस लड़की को अपने साथ दूसरे रूम मे लेके जाने को बोला,,,,शोबा ऑर शिखा उसको दूसरे रूम मे ले गई ऑर मैं करण को बेड पर लेके बैठ गया,,,मेरा हाथ करण की नाक पर गया ऑर मैं उसकी नाक को हाथ से दबाते हुए उसको सॉरी बोलने लगा,,,,,

सॉरी करण भाई मैने आज तेरे पर हाथ उठाया ,,लेकिन मैं मजबूर था,,,उस लड़की के उदास चेहरे ने रोती हुई आँखों ने मुझे मजबूर कर दिया था,,,,

तू सॉरी क्यू बोल रहा है सन्नी भाई ग़लती तो मेरी है,,मैं ही बदले की आग मे इतना जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की कोशिश करने वाला था,,,मैं पागल हो गया था सन्नी भाई ,,,मुझे कैसे भी उस सुरेश ऑर अमित से बदला लेना था ,,,जो कुछ भी उन्होने मेरी बेहन के साथ किया,,,,,,करण इतना बोलकर रोने लगा ऑर मेरे गले लग गया

माफी माँगनी है तो मेरे से नही उस लड़की से माँग जिसका तूने दिल तोड़ा है,,,,,कितना यकीन करती थी वो तेरे पे कितना प्यार करती थी वो तेरे से,,,,तूने उसके प्यार को उसके यकीन को विश्वास को तोड़ा है,,,,,माफी तो तुझे उस से माँगनी चाहिए,,,

नही भाई वो मेरी इस हरकत के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेगी,,,,,वो क्या कोई भी लकड़ी किसी लड़के को ऐसी हरकत के लिए माफ़ नही कर सकती भाई,,,,,,,

देख अगर तू उसको सचे दिल से लव करता है ऑर वो भी तेरे को लव करती है तो तुझे उस से माफी माँगनी चाहिए ऑर वो भी तुझे माफ़ कर देगी,,वो जान गई है तुम ऐसा किसी बदले की वजह से कर रहे थे,,,,शायद वो तेरी बात को समझ जाए लेकिन उसको समझाना तेरा काम है,,,,

मैने करण का हाथ पकड़ा ऑर अपने साथ दूसरे रूम मे ले गया,,जहाँ वो लड़की कपड़े तो पहन चुकी थी लेकिन अभी भी
रो रही थी,,,शिखा ऑर शोबा उसको चुप करवाने की कोशिश कर रहे थे,,,,,,,

करण को देख कर उसकी आँखें गुस्से से लाल हो गई लेकिन उस लाल आँखों मे आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे ऑर
ऐसा लग रहा था लाल आँखों से जवालामुखी फुट रहा हो,,,,,,

करण उसको देख कर डर रहा था ऑर उसके करीब नही जा रहा था लेकिन मैं करण को हाथ से पकड़ कर उसके करीब
ले गया,,,,,,

चल सॉरी बोल इसको,,,,,,,करण आगे नही बढ़ा लेकिन मेरे ज़ोर डालने पर वो आगे बढ़ गया ऑर सॉरी बोलने लगा,,,,

सॉरी रितिका,,,,मेरे से बहुत बड़ी ग़लती हो गई,,,,,अभी करण बोलने ही लगा था कि वो लड़की बेड से उठी ऑर करण के चेहरे पर थप्पड़ मारने लगी,,,तभी मैने आगे बढ़ कर करण को पीछे किया ऑर शिखा दीदी ऑर शोबा ने मिलकर उस लड़की को पकड़ा,,,

तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ऐसा करने की,,,,ऑर इतना जॅलील है तू कि ये सब करने के बाद भी मुझे सॉरी बोलने आया है तुझे क्या लगा मैं सब भूल कर तुझे माफ़ कर दूँगी,,,जो तूने मेरे साथ किया है मैं कभी नही भूल सकती,,,,,

तभी मैं आगे हुआ,,,,रितिका उसको अपनी बात तो पूरी करने दो,,,सुनो तो सही वो क्या कहना कहता है,,,मैं मानता हूँ उसने
जो ग़लती की है उसके लिए तुम इसको कभी माफ़ नही कर सकती लेकिन इसने ये ग़लती क्यूँ की किन हालातों मे की ये तो पूछ लो इस से

मुझे कुछ नही सुनना मैं जानती हूँ इसने ऐसा क्यू किया,,,,वो रोती जा रही थी ऑर बोलती जा रही थी,,,,,,,,मेरे से झूठा प्यार
का नाटक किया ऑर मुझे अपने घर लेके आया ऑर यहाँ मेरे साथ ,,,,,,वो बात को बीच मे ही रोक कर रोने लग जाती है,,,,,


इसकी बात तो सुनलो एक बार,,,,ये कुछ बोलना चाहता है,,,,ऑर तेरे से झूठा प्यार नही करता ये ,,सच मे तुझे चाहता
है ,,,,

झूठ,,,एक ऑर झूठ,,,,मुझे सच मे चाहता तो मेरे साथ ऐसा नही करता ये,,मैं जानती हूँ इसने मेरे भाई ऑर उसके
दोस्त अमित की वजह से ऐसा किया है लेकिन उस मे मेरी क्या ग़लती,,,,मेरे भाई की ग़लती की सज़ा मुझे क्यू मिलती है बार बार,,,

पहले उसकी वजह से मुझे कॉलेज छोड़ना पड़ा क्यूकी हर कोई मुझे यही बोलता कि मेरा भाई कमीना है,,,उसके डर की
वजह से उसके सामने सब लोग मेरी इज़्ज़त करते लेकिन जब वो मेरे पास नही होता तो हर कोई मेरे से बत्तमीजि करता,,,बोलता की मेरा भाई कमीना है ,,,बड़ा जॅलील है ,,,यही बोल बोल कर लड़के मेरे से छेड़खानी करते,,,,मैं डर जाती ऑर डर के मारे भाई को कुछ नही बता पाती लेकिन वो लोग बार बार मुझे तंग करते,,,बोलते कि मेरा भाई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करता है तो हम तेरी ज़िंदगी बरबाद कर देंगे,,,,मुझे नही पता मेरे भाई ने क्या किया ऑर जो किया वो सच है या नही लेकिन अपने भाई की ग़लती की सज़ा मैं क्यू भुगत रही हूँ बार बार,,,,,क्यू मुझे बार बार जॅलील होना पड़ रहा है,,

आख़िर मेरी क्या ग़लती है इसमे,,,,,वो रोती जा रही थी,,,,शोबा ऑर शिखा उसको सहारा दे रही थी ऑर चुप करवा रही थी,,,,

तुम्हारी कोई ग़लती नही है रितिका,,मेरी ग़लती है मैं बदले की आग मे पागल हो गया था इसलिए ये सब करने वाला था,,,,मुझे माफ़ करदो रितिका,,,करण रोते हुए ज़मीन पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी गोद मे रख दिया,,,,उसने भी रोते हुए अपने सर को शिखा के शोल्डर से उठाया ऑर करण एक सर को पकड़ कर अपनी गोद से उठा दिया,,,,

दूर हो जा करण मेरी नज़रो से ,,मैं तुझे कभी माफ़ नही करूँगी,,तूने मुझे उस ग़लती की सज़ा देने की कोशिश की है
जो ग़लती मैने की ही नही,,,ऑर पता नही मेरे भाई ने भी वो ग़लती की है या तुम लोग बस ऐसे ही उसको बदनाम कर
रहे हो,,,,,

नही रितिका वो सब सच है,,,,तुम्हारे भाई ने वो सब घटिया हरकते की है जिनकी वजह से कुछ लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद
हुई है,,,कुछ लड़कियों ने तो खुद्कुशि भी करली थी तेरे भाई से तंग आके,,इतना बोलकर मैं बाहर गया ऑर सोफे पर पड़ा
हुआ अपना कॉलेज बॅग लेके अंदर आ गया,,,,
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12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं ज़मीन पर ही बैठ गया जहाँ करण भी बैठ हुआ था,,,मैने अपने बॅग से लॅपटॉप निकाला ऑर वो फोल्डर ओपन किया
जहाँ सभी घटिया वीडियो पड़ी हुई थी जो अमित ऑर सुरेश की ग़लतियों का सबूत थी,,,,,,,मैं वीडियो प्ले की ओर लॅपटॉप रितिका की तरफ घुमा दिया,,,,,रितिका की आँखें फटी की फटी रह गई,,,उसने वीडियो मे अपने भाई सुरेश ऑर साथ ही अमित को देखा जिसके साथ कुछ ऑर लड़के थे जो हमारे कॉलेज के थे वो सब मिलकर एक लड़की से ज़बरदस्ती कर रहे थे,,ये वही लड़की थी जिसने ख़ुदकुशी की थी हॉस्टिल की छत से कूद कर,,,,

क्यू रितिका अब हुआ यकीन या नही,,,,,,,अब पता चला तेरा भाई कितना बड़ा कमीना है,,,,,

रितिका का मूह खुला का खुला रह गया ,,,ये देख कर वो खुद रोना भूल गई,,,क्यूकी उस से भी ज़्यादा रो रही थी वो लड़की
जो इस वीडियो मे थी,,,,,,

शिखा ऑर शोबा का भी मूह खुला का खुला रह गया था,,,,,

इसमे एक वीडियो शिखा दीदी की भी थी,,लेकिन इस से पहले वो वीडियो किसी ऑर के हाथ लगती मैने उस वीडियो को हमेशा के लिए ख़तम कर दिया,,,,,वर्ना शिखा दीदी भी आज ख़ुदकुशी कर चुकी होती या तेरे भाई ऑर उसके दोस्तो के डर से वही काम करतीजो वो लोग इस से करवाते,,,,,

मेरी इस बात पर शिखा दीदी की आँखों मे आँसू आ गये,,,रितिका ने शिखा दीदी की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने सर को
हां मे हिला कर रितिका को बोल दिया कि मैं जो बोल रहा हूँ वो सच है,,,,,

कुछ देर तक रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,,बोलो रितिका अब क्या बोलती हो,,,,अब भी तुमको लगता है करण ने जो किया ग़लत किया हालाकी करण ने ग़लत किया लेकिन उस ग़लती के पीछे एक बदले की आग थी एक जुनून था,,,,वो बदले की आग मे इस कदर जलने लगा था कि जिस लड़की को प्यार करने लगा था उसी को बदनाम करने की साजिश करने लगा था,,,,,ऑर वो कामयाब भी हो जाता शायद,,,,

तभी रितिका शिखा दीदी के गले लग्के रोने लगी,,,,,तेरे साथ इतना कुछ हो गया तूने मुझे बताया क्यू नही,,,,तू तो मेरी
बेस्ट फ्रेंड थी ना एक बार तो बता सकती थी मुझे,,,,,

नही बता सकती थी,,तेरे भाई को या किसी को शक हो जाता तो मुश्किल हो जानी थी,,शिखा दीदी भी रोते हुए उसकी बात का जवाब देने लगी,,,,

फिर रितिका उठी ऑर करण के पास ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गई,,,,मुझे माफ़ करदो करण मुझे नही पता था
शिखा दीदी के साथ ऐसा हुआ ऑर तुम अपने दिल मे बदले की आग लिए उस आग मे जल रहे हो,,अब मैं समझ गई कि उस लड़के कि ऐसी क्या मजबूरी थी जो मुझ से इतना प्यार करता है फिर भी मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है,,,,,इतना बोलकर रितिका करण के गले लगी ऑर दोनो एक दूसेर के गले लग कर रोने लगे,,,,


सबकी आँखों मे आँसू थे,,तभी मैं बोल पड़ा,,,,,अब क्या रोते रहोगे सारा दिन,,,कोई ऑर काम नही है क्या,,,,चलो शोबा
दीदी आंड शिखा दीदी आप लोग बाहर चलो ऑर सबके लिए कॉफी बनाओ,,,मेरे इतना बोलते ही शिखा दीदी आँखों से आँसू पोछते हुए बेड से उठी ऑर हल्के से स्माइल करने लगी,,,,साथ ही शोबा दीदी भी उठ गई,,,,,,

चलो हम लोग बाहर चलते है इन लोगो को थोड़ी देर बात करने दो,,,,,एक दूसरे को सॉरी बोलने दो ऑर एक दूसरे को माफ़ करने दो,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी वहाँ से चले गये,,शिखा दीदी ऑर शोबा दीदी किचन मे चली गई और मैं सोफे पर बैठ गया


कुछ देर बाद शिखा ऑर शोबा कॉफी लेके आ गई ऑर इतने मे करण ऑर रितिका भी वहाँ आ गये,,,,सब लोग बैठ गये ऑर कॉफी पीने लगे,,,,,करण की नाक से खून बहना बंद हो गया था ऑर रितिका की आँखों से आँसू लेकिन एक उदासी अभी भी थी उन लोगो के चेहरे पर,,,,,,

सन्नी तुमको ये सब वीडियोस कहाँ से मिली,,,,रितिका ने कॉफी पीते हुए मेरे से पूछा,,,,

फिर मैने उसको सारी बात बताई ,,,सुमित के घर के बारे मे जहाँ अमित दीदी को लेके गया ऑर कहाँ पर किस बॉक्स मे सारी सीडीज़ ऑर पेनड्राइव पड़ी हुई थी,,,,,,एक एक करके सब कुछ बता दिया

ये सब डेटा तुम लोगो के पास है तो तुम लोगो ने इसको पोलीस के हवाले क्यू नही किया,,,,,,क्या तुम लोग डरते हो इन कमिने लोगो से,,,,

मैं हैरान होके देखने लगा रितिका की तरफ,,,,वो अपने भाई को गाली दे रही थी,,,,,

तुम अपने भाई को गाली दे रही हो,,,,मैने रितिका से पूछा,,,,

मेरा कोई भाई नही है,,,,ऑर जो था अब वो मर गया है मेरे लिए,,,ऐसी घटिया हरकत करने वाला किसी का भाई नही हो सकता

,,,,,मेरा बस चले तो मैं खुद गोली मार दूं ऐसे भाई को,,,,,बट मैं मजबूर हूँ,,,,,,,लेकिन तुम लोग तो मजबूर नही
हो सन्नी,तुम लोग तो ऐसा कर सकते हो ,,,,लेकिन अगर तुम लोगो को डर लगता है ये सीडीज़ पोलीस तक पहुँचाने मे तो मैं तुम लोगो की हेल्प कर सकती हूँ,,,,

नही रितिका इसकी कोई ज़रूरत नही ,वैसे मैं इसी कोशिश मे लगा हुआ हूँ बस एक बार जो मैने प्लान बनाया है वो कामयाब हो जाए,,,फिर सब लोगो को उनकी करनी की सज़ा मिल जाएगी,,,,

क्या प्लान बनाया है सन्नी,,,,करण ने मेरे से पूछा,,,,,

तो मैने वो सारी बात बता दी करण को ऑर बाकी सबको जो मेरे दिमाग़ मे काफ़ी टाइम से चल रही थी,,,,,

कॉफी पीने के बाद शोबा ऑर शिखा ने मिलकर रितिका का हुलिया ठीक किया ऑर उसको अपने साथ लेके उसके घर छोड़ने चली गई,,,,ऑर मैं करण को साथ लेके डॉक्टर के पास चला गया ऑर उसकी नाक ठीक करवा कर मेडिसिन दिलवाके फिर करण को वापिस घर लेके आ गया,,,,

तुझे क्या लगता है ये रितिका जो बोल रही थी सच है क्या,,,क्या ये सच मे हम लोगो की हेल्प कर सकती है सीडीज़ को पोलीस तक पहुँचाने मे,,,,,

हाँ सन्नी भाई,,ये ऐसा कर सकती है लेकिन इस से हमारा प्लान खराब हो जाना है जो आपके दिमाग़ मे चल रहा है इसलिए हम लोगो को आपके प्लान के मुताबिक चलना होगा,,,इसी तरह सबको उनके किए की सज़ा ठीक तरीके से मिलेगी,,,,,

हाँ सही बोला तूने करण,,,,,हमे अपने प्लान के हिसाब से चलना है,,,,,वैसे भी उस बेचारी को हमे इस सब से दूर ही
रखना चाहिए,,,,,वैसे साले एक बात तो आज मैं मान गया कि तुझे सील बंद लड़की मिली तो तूने उसको मेरे लिए संभाल
कर रखा,,,मान गया तेरे को करण भाई,,,,,आंड एक बार फिर सॉरी बोलता हूँ तेरी नाक के लिए,,,मैने जान भूज कर नही
किया बस गुस्से मे ग़लती हो गई,,,,,

इट्स ओके सन्नी भाई आपने जो किया ठीक किया शायद यही तरीका था मुझे मेरी ग़लती का एहसास करवाने का,,मेरी आँखें
खोलने का,,,,ऑर वैसे भी आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया है ,,मेरी शिखा दीदी को मेरे करीब किया फिर शोबा दीदी को
भी,,,,,ऑर सबसे पहले वो मनीषा ऑर पूजा की चूत दिलवाई ,,,,अब तो अपनी माँ की चूत ऑर गान्ड भी दिलवा दी,,,,इतना सब कुछ किया है अब तो मेरा भी हक़ बनता है इसलिए मैने सोचा कि रितिका की सील खोलने का मोका आपको दिया जाए,,,,

अच्छा अब तू उस से प्यार करता है ,,अब क्या इरादा है खुद सील खोलेगा या अब भी मेरा हक बनता है,,,,,मैं मज़ाक मे
बोला ऑर हँसने लगा साथ मे करण भी हँसने लगा,,,,

सॉरी करण भाई बुरा नही मानना मेरे मज़ाक का,,,,,,तू उसको प्यार करता है तो उसपे पूरी तरह से तेरा हक़ है,,मैं
उसकी तरफ नज़र उठा कर भी नही देखूँगा,,,ऑर वैसे भी मेरी नज़र किसी ऑर पर है लेकिन वो आज नज़र नही आ रही,,,,,


जानता हूँ तू किसको ढूँढ रहा है सन्नी भाई,,,,,माँ नाना नानी के पास गई है,,,,नाना जी की तबीयत ठीक नही थी,,,तभी
तो तेरी मोम यानी सरिता आंटी आज हमारे घर नही आई,,,,,ऑर मैं मोका देख कर रितिका को यहाँ ले आया था,,,ऑर वो सब घटिया हरकत करने वाला था,,लेकिन तूने सही टाइम पर सब कुछ ठीक कर दिया,,,

जो होता है ठीक ही होता है करण भाई,,,,,ऑर सबके भले के लिए होता है,,,,,,

फिर हम लोग इधर उधर की बातें करने लगे ऑर कॉलेज टाइम पर मैं उसके घर से निकल पड़ा ऑर अपने घर आ गया,,,
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12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
घर आया तो देखा कि कविता की अक्तिवा घर के बाहर खड़ी हुई थी ऑर साथ मे एक कार भी थी,,,,वो कार कुछ जानी पहचानी लग रही थी,,लेकिन ठीक से समझ नही आ रहा था कि वो कार किसकी है,,,,,

मैने बाइक स्टॅंड पर लगाया ऑर घर के मेन डोर पर जाके बेल बजाने लग,,,,तभी कोई 3-4 मिनट बाद कविता ने आके दरवाजा खोला,,,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,

हेलो कविता,,,,,,तुमने दरवाजा क्यू खोला माँ कहाँ है,,,,,

क्यू मैं दरवाजा नही खोल सकती क्या,,,,,,,,वो थोड़ा नखरे से बोली,,,,,,,,आंटी जी उपर है सोनिया के रूम मे ,,उसकी तबीयत
ठीक नही है,,,,,,इतना बोलकर वो दरवाजे से पीछे हट गई ऑर मैं घर क अंदर आ गया ऑर अंदर आते ही मैं कविता के साथ उपर सोनिया के रूम की तरफ चला गया,,,

कविता सीडियाँ चढ़ते हुए मेरे को अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,ऑर जब मैं उसकी तरफ देखता तो वो अपने चेहरा को दूसरी तरफ घुमा लेती,,,,,

हम लोग सोनिया के रूम मे गये तो देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,माँ बेड के पास खड़ी हुई थी ऑर साथ ही खड़ा हुआ था हमारा फॅमिली डॉक्टर,,,,,,फिर मुझे याद आया कि बाहर जो कार देखी थी मैने जो मुझे जानी पहचानी लग रही थी वो डॉक्टर की थी,,,,,,


इसको हुआ क्या है डॉक्टर ,,कल रात से इसकी तबीयत ऐसी ही है,,,,,,कल तो ठीक से डिन्नर भी नही किया इसने,,,,,माँ हल्की उदासी मे बोल रही थी,,,,,

इसको बहुत तेज बुखार है मिसेज़, वर्मा या तो ये गर्मी की वजह से हो सकता है या फिर बहुत ज़्यादा ठंड लगने की वजह
से जो ख़ासकर बारिश मे भीगने की वजह से होता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे बारिश नही हुई इसका मतलब है कि ये सब गर्मी की वजह से हुआ है,,,,,,,आप बोल रही हो कि रात इसने डिन्नर नही किया ऑर कल से इसकी तबीयत ठीक नही है तो अपने इसको कॉलेज क्यूँ जाने दिया,,,,ऐसी हालत मे कॉलेज जाने इसके लिए ठीक नही था,,थकावट की वजह से हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो सकती थी,,,,

क्या करूँ मैं डॉक्टर साहब ये तो मेरी कोई बात ही नही सुनती सुबह भी बोला था कि कॉलेज मत जाओ बेटी लेकिन मेरी एक बात नही सुनी इसने,,,,पता नही ऐसी कॉन्सी स्टडी है इसको जो इसके लिए इतनी ज़रूरी है कि बीमार होते हुए भी इसने कॉलेज जाने की ज़िद की,,,,,मैं तो समझा समझा कर थक गई हूँ इस लड़की को,,,बुखार मे भी कॉलेज भाग जाती है,,,,



ये ग़लत बात है सोनिया बेटा,,माना कि स्टडी ज़रूरी है लेकिन सेहत का ख्याल रखना उस से भी ज़्यादा ज़रूरी है,,,डॉक्टर
सोनिया को समझा रहा था तभी सोनिया का ध्यान मेरी तरफ आया तो उसके माथे से पसीना निकलने लगा,,वो शायद डर गई थी लेकिन उसकी आँखे लाल हो गई थी मतलब वो गुस्सा कर रही थी,,,,

कविता,,,,,,,,,,,,,,,,आंटी जी मैने भी इसको बहुत बार बोला क्लास मे कि तेरी तबीयत ठीक नही तुझे घर ले चलती हूँ लेकिन
इसने मेरी एक नही सुनी,,,,बस अपनी ही मर्ज़ी चलाती रही ऑर छुट्टी के टाइम ही घर आई,,,लेकिन मैने इसको कॉलेज के क्लिनिक से मेडिसिन लाके दी थी बट उस से कोई फ़र्क नही पड़ा,,

इट्स ओके कविता बेटी,,तेरी इसमे कोई ग़लती नही ये लड़की है ही ज़िद्दी,,,अपनी ज़िद्द की वजह से हम लोगो को भी परेशानी मे डाल देती है,,,,,

माँ मैने क्या किया अब मुझे बुखार क्यू हुआ मुझे क्या पता,,,,सोनिया उदास होके बोल रही थी,,,,

सुबह बुखार था तो कॉलेज क्यू गई,,छुट्टी नही कर सकती थी क्या,,,,इतना ज़रूरी है तेरा कॉलेज,,,,माँ हल्के गुस्से
मे बोली,,,,

माँ वो कुछ दिनो मे टेक्स्ट शुरू होने वाले है तो कॉलेज जाना ज़रूरी था,,,,सोनिया फिर से उदास होके बोल रही थी,,,,

टेस्ट इतने भी ज़रूरी नही कि बंदा अपनी सेहत का ख्याल ही ना रखे,,,,,अब तू मेरी मर्ज़ी के बिना बेड से उठ कर देखना,,

हाँ सही बोला मिसेज,वर्मा,,,,,अब इसको बेड से नही उठने देना,,बस मेडिसिन ले ऑर आराम करे ,,हो सके तो कुछ दिन तक इसको कॉलेज भी नही जाने देना,,,,,डॉक्टर ने माँ से इतना बोला ही था कि सोनिया बोल पड़ी,,,,,

नही डॉक्टर अंकल ऐसे मत बोलो मुझे कॉलेज जाना है कल सुबह,,बहुत ज़रूरी है ऑर आप प्ल्ज़्ज़ मुझे कोई अच्छी मेडिसिन
दे दो जिस से मैं जल्दी ठीक हो जाउ क्यूकी मुझे टेस्ट की तैयारी करनी है,,,,

सॉरी बेटा अब तो तुम कुछ नही कर सकती,,,,क्यूकी अभी जो मेडिसिन मैने तुझे दी है वो नींद वाली मेडिसिन थी,,अब
आज तो तुम आराम से सो जाओगी वो भी कम से कम 8-10 अवर्स के लिए,,,,,,

नही डॉक्टर अंकल मुझे स्टडी करनी है ,,,अपने ऐसा क्यूँ किया,,,,,,

तभी सोनिया की बात सुनके डॉक्टर मॉम आंड कविता हँसने लगे,,,,,,

देखा डॉक्टर साहब इसको स्टडी की कितनी टेन्षन है,,,,,,इतनी तबीयत खराब है फिर भी आराम नही करना इसको स्टडी करनी है,,,,,

हाँ देख लिया मिसेज़,वर्मा लेकिन आपको ख़ास ख्याल रखना होगा इसका क्यूकी ये छुटकी रानी बहुत ज़िद्दी है,,,मेडिसिन
का असर तो हो जाएगा 30 मिनट मे लेकिन उसके बाद आप लोगो को इसके फॉरहेड पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करनी है जिस से गर्मी का बुखार जल्दी ठीक होता है,,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,,,मैं ख्याल रखूँगी ऑर ठंडे पानी की पट्टियाँ भी कर दूँगी इसको,,,,,

ओके तो अब मैं चलता हूँ ,,2 दिन की मेडिसिन देके जा रहा हूँ ,वैसे तो 2 दिन मे ही ठीक हो जाएगी लेकिन अगर फिर भी
ठीक नही हुई तो मुझे कॉल कर देना,,,,,,,ओके ,,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,

अच्छा तो मैं चलता हूँ सोनिया बेटी तुम अब आराम करो,,,,,,ओके बयए

ओके बाइ डॉक्टर अंकल,,,,,,,,,

डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर माँ भी नीचे चली गई डॉक्टर को दरवाजे तक छोड़ने,,,,,

कविता आगे बढ़ कर मेरे बेड पर बैठ गई जबकि मैं दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था,,,,सोनिया ने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर
फेस दूसरी तरफ करके लेट गई,,,,


तुम वहाँ क्यू खड़े हो सन्नी यहाँ बैठ जाओ आके,,,कविता ने अपने पास ही बेड पर हाथ रखकर मुझे इशारा किया ऑर
मैं भी उसके पास जाके बैठ गया,,,,,,

आज तुम कॉलेज नही आए क्या सन्नी,,,,,मैने तुमको कॅंटीन मे भी नही देखा,,,,इतना बोलकर कविता हँसने लगी ,,क्यूकी
वो मेरा मज़ाक उड़ा रही थी,,,,,मैं अक्सर क्लास से ज़्यादा टाइम कॅंटीन मे ही होता था,,,,,

मैं कॉलेज तो गया था लेकिन तभी किसी दोस्त का फोन आ गया ऑर मैं वहाँ से चला गया था,,,,कोई ज़रूरी काम था,,

तभी माँ उपर आ गई डॉक्टर को बाहर तक छोड़ कर,,माँ के हाथ मे एक पानी का बर्तन था ,,देखने से पता चल गया
था कि उसमे कोल्ड वॉटर था,,,,साथ ही माँ के हाथ मे 2 छोटे टॉवेल थे,,,,,,माँ ने अंदर आके पानी वाले बर्तन को टेबल
पर रखा ऑर सोनिया के पास बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया को पकड़ कर सीधा करके लेटा दिया जिस से उसका सर सीधा हो गया ऑर फॉरहेड उपर की तरफ हो गया,,,,,

माँ ने एक टवल को पानी के बर्तन मे डाला ओर निचोड़ कर सोनिया के फॉरहेड पर रख दिया,,,,तभी कविता भी आगे बढ़ कर दूसरे टवल को पानी मे डालके निचोड़ कर माँ के हाथ मे देने लगी ऑर माँ ठंडे टवल को सोनिया के फॉरहेड पर
रखने लगी,,,,,

थॅंक्स्क्स कविता बेटी,,,,,माँ ने कविता को अपनी हेल्प करते देखा ऑर थेन्क्ष्क्ष बोला

अरे इसमे थॅंक्स्क्स की क्या बात आंटी जी सोनिया मेरी बेहन है ऑर अपनी बेहन के लिए मैं इतना तो कर ही सकती हूँ,,,,

तुम बहुत अच्छी हो कविता बेटी,,,,,,जो इतना करती हो मेरी बेटी का,,,,तुम सच मे इसकी अच्छी दोस्त हो,,,,,अच्छा एक बात तो बता इसने आज कुछ खाया भी था कॉलेज मे या नही,,,,,,

नही आंटी जी ये अक्सर कॉफी ही पीती है कॉलेज मे कभी कुछ खाती नही,,,,आज भी नही खाया,,,,,

सोनिया गुस्से से देखने लगी कविता की तरफ,,,मानो वो उसको गुस्सा हो रही थी क्यूकी वो उसकी माँ से उसकी शिकायत लगा रही थी,,,,,

अच्छा अगर मैं कुछ नही खाया तो तूने कॉन्सा कुछ खाया है,,,,,सोनिया ने भी हल्की आवाज़ मे लेकिन गुस्से से मा को
कविता की शिकायत करदी,,,,

हाइयी राम तभी मैं सोचु तुम दोनो इतनी दुबली पतली क्यूँ होती जा रही हो,,,,सारा दिन स्टडी करती रहती हो ऑर खाती पीती कुछ ' भी नही,,,,,आज भी कुछ नही खाया तुम लोगो ने,,,,,अब इसको तो कुछ नही देना है डॉक्टर मना करके गया है लेकिन तुझे तो भूख लगी होगी ना कविता बेटी,,,,,तू रुक मैं अभी कुछ लेके आती हूँ खाने के लिए,,,,,

अरे नही आंटी जी इसकी ज़रूरत नही है,,,क्यू खा-म-खा इतनी टेन्षन ले रही हो आप,,,,,

अरे इसमे टेन्षन की क्या बात बेटी ,,तू मेरे लिए ऑर मेरी बेटी के लिए इतना कुछ कर सकती है तो मैं तेरे लिए खाना भी नही पका सकती क्या,,,ऑर वैसे भी इसमे टेन्षन वाली क्या बात मैं कॉन्सा तेरे लिए स्पेशल खाना तैयार करने जा रही हूँ ये भी तो आया है कॉलेज से इसको भो भूख लगी होगी,,,,माँ ने बेड पर मेरी तरफ इशारा किया,,,,,

तुम सोनिया को पट्टियाँ करो मैं तब तक खाना तैयार कर देती हूँ इतना बोलकर माँ वहाँ से उठी ऑर दरवाजे से बाहर
की तरफ जाने लगी,,,,लेकिन जाते जाते रुक गई,,,,,तू यहाँ आराम से बैठा क्या कर रहा है चल कविता के साथ बैठ कर सोनिया को ठंडे पानी की पट्टियाँ कर,,चल उठ जल्दी,,,,,

माँ के कहने पर मैं उठा ऑर सोनिया के बेड पर जाने लगा तभी सोनिया ने मुझे गुस्से से घूर कर देखा ,,लेकिन मैं
डरा नही क्यूकी मेरा ध्यान उसकी तबीयत की तरफ था जो सच मे बहुत खराब थी,,,,मैं जाके माँ वाली जगह पर बैठने
लगा लेकिन सोनिया ने मुझे ऑर भी ज़्यादा गुस्से से देखा ऑर मैं सच मे डर गया ,,,,
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12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मुझे डरता देख कविता हँसने लगी,,,तभी मैने कविता को इशारा किया कि वो माँ की जगह पर बैठ जाए ऑर वो उठकर
वहाँ बैठ गई जबकि मैं उठके कविता की जगह पर बैठ गया ऑर कविता को टवल गीला करके देने लगा ऑर कविता टवल
को सोनिया एक फॉरहेड पर रखने लगी,,,,,

मैं जब भी गीला टवल कविता के हाथ मे देखता या कविता के हाथ से दूसरा टवल पकड़ता मेरा हाथ कविता के हाथ को
टच कर जाता तो वो शर्मा जाती ,,लेकिन मैं उसकी तरफ कोई खास ध्यान नही देता बस अपने काम मे लगा रहता,,,,,

लेकिन मेरा ध्यान सोनिया की तरफ ज़रूर जा रहा था जो मुझे घूर कर देख रही थी लेकिन तभी उसकी आँखें बंद होने
लगी मैं समझ गया कि अब ये सोने वाली है क्यूकी डॉक्टर ने इसको नींद वाली मेडिसिन दी थी,,,,,ऑर ऐसा ही हुआ करीब 5-7 मिनट बाद उसकी आँखें बंद हो गई ,,,,,

ऑर तभी माँ अंदर आ गई ,,,,चलो चलो बच्चो उठो ऑर हाथ धो कर खाना खा लो,,,,माँ ने हाथ मे पकड़ी हुई प्लेट
को दूसरे बेड पर रख दिया जो मेरा बेड था,,,,माँ ने प्लेट को बेड पर रख दिया ऑर पानी वाले जग को टेबल पर रख दिया
ऑर कविता के हाथ से गीला ऑर ठंडा टवल पकड़ लिया,,,,,,,,,चलो अब उठो ऑर खाना खा लो ये सब मैं करती हूँ,,,

कविता कुछ नही बोली ऑर बातरूम मे चली गई ऑर हाथ धो कर वापिस आके बेड पर बैठ गई तब तक मैं माँ को टवल
गीला करके देता रहा,,,,,कविता के बाहर आते ही मैं भी बेड से उठा ऑर बाथरूम मे चला गया ऑर हाथ धो कर वापिस
अपने बेड पर गया,,,,,,मैने देखा कि कविता अपना खाना खा रही थी प्लेट से लेकिन मेरी प्लेट नही थी,,,,,

माँ आप कविता की प्लेट तो ले आई लेकिन मेरी प्लेट कहाँ है,,,,,,,,

यही तेरी प्लेट है सन्नी बेटा तुम दोनो एक ही प्लेट मे खाना खा लो,,,,,

लेकिन माँ मुझे अपनी प्लेट मे खाना है ,,मैं इसके साथ खाना नही खा सकता,,,,,

क्यू नही खा सकता छोटा था तब भी तो इसके साथ मिलकर खाना ख़ाता था तू अब क्या इतना बड़ा हो गया है कि एक प्लेट मे खाना नही खा सकता इसके साथ,,,,क्या शरम आती है तुझे,,,,,ऑर वैसे भी मेरे 2 हाथ है 4 नही जो एक साथ 2 प्लेट ऑर पानी का जग भी लेके उपर आ जाती,,,,,,चल अब बैठ उसके साथ ऑर खाना खा ले,,,,,,माँ हल्के गुस्से मे बोली ,,,,

नही आंटी जी ये शरमाता नही है इसको डर लगता है मेरे से क्यूकी मेरे हाथों पे ज़हर लगा हुआ है ना,,,,कविता ने
इतना बोला ऑर हँसने लगी माँ भी साथ मे हँसने लगी,,,,,लेकिन तभी माँ बोल पड़ी,,,,,,श्ह्ह्ह्ह्ह अब चुप करके खाना खा
लो ऑर कोई आवाज़ नही करना,,सोनिया को मेडिसिन दी है इसको सोने दो आराम से,,,,,,माँ ने मेरी तरफ देखा ऑर मुझे बेड पर कविता के साथ बैठने का इशारा किया ऑर मैं भी चुप चाप बैठ गया,,,,क्यूकी सुबह कॉलेज मे कुछ नही खाया
था ऑर कारण के घर भी कॉफी ही पी थी इसलिए बहुत भूख लगी हुई थी मुझे,,,,,मैं अपने बेड पर बैठा ऑर खाना खाने
लगा एक ही प्लेट मे कविता के साथ,,,,,,

लेकिन मुझे अच्छा नही लग रहा था अगर इतनी जोरो से भूख नही लगी होती तो मैं कभी एक प्लेट मे इसके साथ खाना नही ख़ाता ,,,,,,

हम दोनो खाना खाने लगे ऑर माँ सोनिया एक फॉरहेड पर ठंडे टवल रखने मे बिज़ी हो गई,,,,,,,,मैं चुप चाप
खाना खा रहा था तभी कविता बार बार मुझे देख कर शरमा रही थी हँसती जा रही थी ,,,,,मैने आँखों ही आँखों
मे पूछा क्या है,,तू इतना हंस क्यू रही है,,,,तो उसने भी अपने सर को ना मे हिला कर बोला कि कुछ नही,,,,

मैने फिर पूछा कि क्या हुआ तू पागल है जो हँस रही है,,,,तो वो बस शरमाती जा रही थी ऑर हँसती हुई हल्के हल्के खाने को चबा रही थी,,,,मैं भी चुप करके खाना खाने लगा ऑर उसकी तरफ ध्यान ही नही दिया,,,,,ऑर खाना खाते हुए माँ
ऑर सोनिया की तरफ देखने लगा,,,

तभी मेरे लिप्स पर कुछ टच हुआ मैने देखा कि कविता हाथ मे एक रोटी का नीवाला लेके मुझे खिलाने की कोशिश कर
रही थी ऑर हँस रही थी,,,,मैने मूह खोलने से मना कर दिया,,,,,,

खा ले ना मेरे हाथ पे सच मे ज़हर नही लगा हुआ,,,कविता के बोलते ही माँ का ध्यान हम लोगो की तरफ आया ऑर माँ
ने कविता को हाथ मे नीवाला लेके मुझे खिलाते हुए देख लिया,,,,मैं समझा कि बेटा अब तो तू गया माँ पता नही क्या सोच
रही होगी,,,,,,,तभी माँ हल्के से बोली,,,,,,इतना नखरा क्यू करता है ऑर शरमाता क्यूँ है ,,,बचपन मे भी तो तुम सब
मिलकर ऐसे ही खाना खाते थे तो अब क्या हुआ ,,,,चल खा ले रोटी कविता के हाथ से ऑर इतना मत शर्मा,,,,,मैने कुछ
नही बोला ऑर मूह खोल दिया ओर कविता के हाथ से नीवाला खा लिया,,,,,,

तभी कविता ने मुझे इशारा किया प्लेट की तरफ ऑर फिर अपने मूह की तरफ ऑर मूह खोल दिया,,,,वो बोल रही थी कि अब तुम मुझे रोटी का एक नीवाला खिलाओ,,,,मैने सर हिला कर मना कर दिया,,,लेकिन उसने ज़िद्द की ऑर ज़िद्द भी की किसी छोटे बच्चे की तरह,,

मैने भी उसकी ज़िद्द मान ली ऑर रोटी का नीवाला लेके उसके मूह की तरफ हाथ बढ़ा दिया,,,,उसने मूह खोला तो मैं उसके पिंक कलर के छोटे छोटे लिप्स को देखता रह गया,,,ये नही कि पहली बार देख रहा था लेकिन अभी पता नही क्यू उसके लिप्स बहुत ही ज़्यादा अच्छे लग रहे थे,,,,मैं उसके लिप्स मे खो ही गया था ऑर मेरा हाथ उसके मूह के पास जाके रुक गया था ,,मुझे पता ही नही था कि वो मूह खोल कर मेरे हाथ मे पकड़े हुए नीवाले का वेट कर रही थी,,,,मैं तो बस उसके लिप्स को देखता जा रहा था,,,,,,तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा ऑर जल्दी से मेरे हाथ को अपने मूह मे करीब करके मेरे हाथ से रोटी का नीवाला अपने मूह मे भर लिया ऑर खाने लगी,

,तभी मैं होश मे आया ऑर उसकी तरफ देखने लगा तो वो मुझे अजीब नज़रो
से देखने लगी,,,,वो मुझे पूछ रही थी कि क्या हुआ सन्नी लेकिन मेरे पास उसकी घूरती नज़रो के सवाल का कोई जवाब नही था इसलिए मैं रूम मे इधर उधर देखने लगा,,,,,फिर वापिस मेरा ध्यान उसकी तरफ गया तो वो हाथ मे रोटी का नीवाला लेके मुझे खिलाने के लिए अपने हाथ को मेरे मूह के करीब कर रही थी ऑर हल्के से मुस्कुरा रही थी,,,,,मैने फिर से मूह खोला उसके हाथ का नीवाला खाने लगा ,,ऑर तभी उसने मुझे फिर से उसको एक नीवाला खिलाने को बोला तो मैने मना नही किया लेकिन इस बार मैने ध्यान रखा कि मैं उसके लिप्स देखने मे खो ना जाउ कहीं ऑर ठीक तरह से एक नीवाला उसके मूह तक पहुँचा दूं,,,,,ऑर ऐसा ही हुआ मैने रोटी का नीवाला उसके मूह तक पहुँचा दिया ऑर उसके लिप्स की तरफ ध्यान नही दिया ,,लिप्स क्या मैं तो मूह की तरफ भी ध्यान नही दे रहा था पता नही कब मेरा हाथ उसके मूह मे गया 'ऑर उसने नीवाला खाने की कोशिश मे मेरी उंगली पर ज़ोर से काट दिया,,,,,मुझे बहुत दर्द हुआ मैं चिल्लाने वाला ही था कि मेरा ध्यान माँ ऑर सोनिया की तरफ गया,,,,,ऑर मेरी आवाज़ मेरे मूह मे घुट कर रह गई लेकिन दर्द तो हुआ था ऑर इसी वजह से मेरी आँखों से हल्का सा पानी निकलने लगा,,,,,,


मैं दर्द से तड़प उठा था लेकिन वो हँसती जा रही थी,,,,,उसको ये सब मज़ाक लग रहा था इस वक़्त वो कोई छोटी बच्ची बनीहुई थी ऑर खाना खाते टाइम मेरे से मज़ाक कर रही थी,,,,,मेरी आँखों मे पानी था लेकिन उसको कोई फ़र्क नही पड़ रहा था वो तो मुझे ज़ुबान निकाल का चिड़ा रही थी ,,मेरा मज़ाक बना रही थी,,,

माँ भी उसकी तरफ देखने लगी और हँसने लगी,,, माँ ने अपने माथे पर हाथ मारते हुए उसको बोला,,,,,,,,पगली कहीं की,,,तू बच्ची की बच्ची रहना,,,,ऑर फिर से माँ हल्के से हँसते हुए अपने हाथ मे पकड़ा हुआ गीला टवल सोनिया के माथे पर रखने
लगी,,,,

मैने कविता की तरफ देखा ऑर उसको बोला कि अब तू मुझे खाना खिला तो उसने सॉफ मना कर दिया,,,,क्यूकी उसको पता था

अब मैं भी उस से बदला लूँगा तो उसने सॉफ तोर पर सर को ना मे हिला कर मना कर दिया,,,,मैं फिर से उसको बोला ऑर ज़िद करने लगा,,,माँ ने एक बार हम लोगो की तरफ देखा ऑर वापिस अपने काम मे लग गई,,,माँ के देखते ही कविता मुझे खाना खिलाने को मान गई ऑर फिर अपने हाथ मे एक नीवाला लेके मुझे खिलाने लगी,,,लेकिन वो बहुत डर रही थी उसको पता था कि अब मैं भी उसकी उंगली पर काटुन्गा ऑर मैं वैसे भी उसको अपने दाँत दिखा कर डरा रहा था ऑर वो डर भी रही थी जैसे जैसे उसका हाथ मेरे मूह के करीब आ रहा था वो अपनी आँखों को बंद करती जा रही थी,,जब उसका हाथ मेरे लिप्स के पास टच करने लगा तो उसने आँखें बंद करके अपने फेस को एक तरफ मोड़ लिया ऑर हाथ को आगे बढ़ा दिया ऑर ऐसे फेस बनाने लगी कि जैसे मैं अभी उसके हाथ पर काट रहा हूँ,,,,फिर उसने फेस को पूरी तरह से टर्न कर लिया ऑर बुरी तरह से डर गई,,,,मैने उसके हाथ को पकड़ा ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर उसके हाथ से नीवाला ख़ाके उसके हाथ को मूह से निकाल दिया ,,,मैं उसके हाथ को या उंगली को काटा नही,,,उसने अपने हाथ के पीछे होते ही अपने फेस को मेरी तरफ किया ऑर रहट की साँस ली ओर मुझे नज़रो ही नज़रो मे थॅंक्स्क्स्क्स बोला,,लेकिन मैं उसका डरा हुआ चेहरा देख कर हँसने लगा

तभी वो भी हँसने लगी,,,,,,

कुछ देर बाद मैं तो चुप हो गया लेकिन वो हँसती रही,,,,,मुझे लगा शायद ये पागल हो गई है,,,,डर की वजह से मैने उसको पूछा क्या हुआ पगली तो उसने अपने लिप्स के नीचे उंगली लगा कर मुझे इशारा किया कि तुम्हारे लिप्स के नीचे कुछ लगा हुआ है,,,मैं अपने हाथ से सॉफ करने की कोशिश की लेकिन साफ नही हुआ ,,उसने फिर मुझे हाथ थोड़ा राइट साइड करने को बोला तो मैने फिर कोशिश की लेकिन मेरा फेस सॉफ नही हुआ,,,,वो हँसने लगी ऑर मुझे रुकने को बोलने लगी,,,मैने हाथ अपने फेस से नीचे कर लिया तभी उसने अपने हाथ को मेरे मूह की तरफ किया ऑर अपनी उंगली से मेरे लोवर लिप्स के नीचे लगी हुई दाल को सॉफ करने लगी जो उसकी ग़लती से मेरे लिप्स के नीचे लगी थी,,,,जब वो डर कर मुझे खाना खिला रही थी तो उसका हाथ काँप रहा था जिस वजह से थोड़ी डाल मेरे लिप्स के नीचे लग गई थी,,,,,

उसने उंगली से डाल को सॉफ किया ऑर उंगली को मेरे मूह मे डाल दिया ताकि मैं डाल को उंगली से चाट सकूँ,,उसकी उंगली मूह मे घुसते ही मैं उंगली पर लगी दाल को चाटने लगा ऑर उंगली को चूसने लगा,,उसकी नरम ऑर छोटी उंगली मेरे मूह मे गर्म होने लगी थी ऑर मक्खन की तरह पिघलने लगी थी मेरे मूह मे,,,उसकी उंगली पर लगी दाल अब मुझे दाल मखनि का टेस्ट देने लगी थी,,,मैं उसके स्वाद मे इतना खो गया कि उसकी उंगली को चूस्ता ही रहा ,,,मुझे पता नही क्या हो गया था मुझे एक अजीब सा टेस्ट मिलने लगा था उसकी उंगली से जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ,,,उसकी उंगली को मेरे मूह मे करीब 15-20 सेकेंड हो गये थे उसने उंगली बाहर नही की ऑर ना मैने उसकी उंगली को मूह से बाहर किया,,तभी मैने उसकी तरफ देखा तो वो मुझे उंगली चूस्ते देख परेशान हो गई थी,,उसके माथे पर पसीना आ गया था,,उसका मूह खुला हुआ था ऑर हार्ट बीट तेज हो गई थी,,उसका दूसरा हाथ उसके बूब्स के उपर क्लीवेज की लाइन पर था ऑर हल्का सा हार्ट की तरफ था वो दिल की धड़कन को क़ाबू मे कर रही थी,,मुझे सब देख कर डर लगने लगा था कि कविता क्या सोच रही होगी लेकिन डरने के बावजूद मैं उसकी उंगली को चूस्ता ही जा रहा था,,

मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर उंगली को ऑर भी ज़्यादा मूह मे भर लिया ,,,मुझे पता नही क्या हो गया था मैं उसकी उंगली को अपने मूह मे भरके अपनी ज़ुबान से उसकी उंगली के साथ खेलने लगा,,,मैने देखा कि उसकी उंगली भी मेरे मूह के हल्के से इधर उधर घमने लगी थी,,,वो शायद गर्म होने लगी थी,,तभी उसने तेज़ी से साँस लेते हुए माँ की तरफ देखा ऑर मुझे भी उधर देखने को बोला,,,मैने माँ की तरफ देखा तो माँ अपने काम मे लगी हुई थी लेकिन कविता ने मुझे माँ के कमरे मे होने का डर दिखा दिया ऑर मुझे हाथ छोड़ने को कहा ,,मैने जल्दी से उसके हाथ को अपने हाथ से छोड़ दिया ऑर वो जल्दी से बेड से उठी ऑर बाथरूम मे चली गई,,,,,
Reply
12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैं तो साला डर ही गया कि ये सब क्या हो गया,,,,कैसे हो गया,,,,,मैने तो ऐसा कुछ भी नही सोचा था,,,ऑर ना ही मेरा मूड
था ऑर ना ही हॉंसला था कि मैं कविता के साथ ऐसी वैसी कोई हरकत कर सकता,,,लेकिन मुझे ये सोच कर खुशी हुई थी कि
कविता की उंगली भी मेरे मूह मे हिलने जुलने लगी थी,,शायद उसको ये सब अच्छा लगा था,,,,मैं अभी सोच ही रहा था कि माँ
की आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी,,,,,,,

किस सोच मे डूब गया सन्नी बेटा ,खाना जल्दी ख़तम करो,,,,,मैं जल्दी से प्लेट की तरफ ध्यान करके खाना खाने लगा,,

कुछ देर मे कविता बाथरूम से बाहर आ गई,,जब तक मैं अपने हिस्से का खाना खा चुका था,,,,,कविता आके माँ के पास
दूसरे बेड पर बैठ गई ओर माँ का साथ देने लगी सोनिया के सर पर गीले टवल रखने मे,,,,,अरे बेटी पहले खाना तो ख़तम
कर लेती ये सब तो बाद मे भी हो जाएगा,,,,,,,

मैने जितना खाना था खा लिया आंटी जी,,,,,तभी माँ ने प्लेट की तरफ देखा जिसमे अभी भी खाना पड़ा हुआ था,,,,माँ ने
मुझे हल्के गुस्से मे बोला,,,,,तेरे को कितनी बार बोला है झूठा नही छोड़ते सन्नी बेटा,,,चल जल्दी प्लेट खाली कर,,,

लेकिन माँ मैं तो अपने हिस्से का खा चुका हूँ बाकी तो कविता का है,,,,,माँ ने कविता की तरफ देखा तो कविता मेरी
तरफ देखने लगी लेकिन मेरे से आँख नही मिला पाई ऑर जल्दी से माँ से बोली,,,,,आंटी जी मेरा पेट भर गया मैं ऑर नही
खा सकती,,,,

इतनी जल्दी पेट भर गया तेरा,,,तभी तो इतनी दुबली पतली हो गई है,,,,1 रोटी भी नही खाई तूने पूरी,,,,माँ ने कविता को बोला ऑर
मुझे प्लेट ख़तम करने को बोला,,,,,,मैने जैसे तैसे प्लेट का खाना खा लिया ओर बाथरूम मे जाके हाथ धो आया,,
तभी कविता वो खाली प्लेट लेके खड़ी हुई थी,,,,

तू रहने दे कविता मैं इसको नीचे रख दूँगा,,,,,नही सन्नी तुम बैठो मैं बर्तन नीचे रख कर आती हूँ,,,,,

मैने बोला ना तू रहने दे,,,,,,,मैं अभी बोल ही रहा था कि माँ उठी ओर कविता के हाथ से बर्तन ले लिए,,,,,तुम पता नही
कब बड़े होगे ,,जब देखो छोटी छोटी बात पर लड़ते रहते हो,,अब प्लेट की वजह से लड़ रहे हो,,,,छोड़ो मैं बर्तन
नीचे रखके आती हूँ तुम दोनो सोनिया की पट्टियाँ करो तब तक,,,,,,

कविता फिर वापिस बेड पर बैठ गई ओर मैं माँ की जगह पर बैठ गया,,,,,अब सोनिया सो चुकी थी गहरी नींद मे इसलिए
मुझे उसका डर नही था,,,,,,मैं माँ की जगह पर बैठ गया ओर कविता मुझे टवल गीला करके देने लगी,,,,एक दो बार तो
उसने थोड़ा बचके मुझे टवल पकड़ाया लेकिन एक बार उसका हाथ मेरे हाथ को टच कर गया,,,,वो नीचे टेबल के पास
पड़े पानी के बर्तन को देख रही थी लेकिन मेरे हाथ से उसका हाथ टच होते ही वो सर उठा कर मुझे देखने लगी,,,
हम दोनो की नज़रे मिली तो हम एक दूसरे को देखते रह गये तभी मैने उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर हल्के
से दबा दिया,,,उसने अपने हाथ को पीछे करने की कोशिश की लेकिन मैने उसके हाथ को कस्के अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर
उसको अपने करीब खींचने लगा तभी वो जल्दी से बेड से उठ गई ओर मेरे से हाथ छुड़वा कर अपना बॅग उठा कर वहाँ
से जाने लगी,,,,,मैने पीछे से उठकर जल्दी से उसके बॅग को हाथ मे पकड़ लिया ,,उसने पीछे मूड कर मेरे हाथ से अपना बॅग
छुड़वाने की कोशिश की तो मैने आगे बढ़ कर उसके हाथ को फिर से पकड़ लिया,,,मैने उसको अपने करीब कर लिया लेकिन तभी
मुझे सीडियों मे माँ की आवाज़ आई तो मैने जल्दी से उसके हाथ को छोड़ दिया लेकिन मेरे दूसरे हाथ मे उसका बॅग अभी
भी पकड़ा हुआ था,,,,,,,

तभी माँ अंदर आ गई,,,,,,,अरे तू जा रही है कविता बेटी,,,,,,,मैं ऑर कविता माँ को देख कर डर गये,,,,,,,,मुझे लगा कि अब
मैं क्या करूँ लेकिन आते ही माँ ने कविता के जाने की बात की तो मैने भी माँ की बात को आगे बढ़ा दिया,,,,,,

हाँ देखो ना माँ इसकी बेस्ट फ्रेंड बीमार है ऑर ये घर जाने का बोल रही है,,,,मैं इसको रोक रहा था बट पता नही क्यू
नही रुक रही ये,,,,तभी उसने मुझे पीछे मूड कर देखा ऑर उसका मूह खुला हुआ था वो हैरान रह गई मेरी बात सुनके,,

क्यू जा रही हो बेटी रुक जाओ थोड़ी देर,,,,,,,,,माँ ने कविता से बोला,,,,,,,

आंटी जी मैं कहीं नही जा रही मैं तो बस आपको बोलने आ रही थी कि पानी अब ठंडा नही रहा आप थोड़ी आइस लेके आना
उपर आते टाइम,,,,,उसने माँ को उस बर्तन की तरफ इशारा किया जिस मे हम टवल गीला कर रहे थे,,,,वो पानी अब ठंडा
नही रहा,,,,,,

श अच्छा ठीक है तुम रूको मैं आइस लेके आती हूँ,,,,,,तभी कविता मेरे को देख कर डर गई,,,,,नही आंटी जी आप रूको मैं
लेके आती हूँ,,,,आप यहीं बैठ जाओ,,,,,

माँ अंदर आके बैठ गई ऑर मैं भी ,,,,,कविता नीचे चली गई,,,,,मैं समझ गया कि ये भी काफ़ी तेज है,,,मेरी चाल पर अपनी
चाल चल गई,,,,,,,

मैं माँ के साथ बैठ गया वो नीचे से बर्फ लेके आ गई,,,ओर मुझे वहाँ से उठने को बोला ऑर खुद मेरी जगह बैठ कर
माँ की हेल्प करने लगी,,,,,

उसके बाद कुछ खास नही हुआ ओर करीब 30-40 मिनट बाद कविता अपने घर भी चली गई ,,,,,लेकिन जाते जाते वो मुझे
ऐसे अंदाज़ से देख कर गई कि मैं समझ नही सका उसकी नज़रो मे क्या है,,,,,प्यार है,,नफ़रत है या गुस्सा,,,,

उस दिन मैं ऑर माँ डिन्नर टाइम तक सोनिया के सर पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करते रह ऑर जब माँ नीचे खाना तैयार करने
गई तो मैं अकेला इस काम मे लगा रहा,,,

मैं सोनिया के सर पर ठंडे पानी का टवल रख रहा था लेकिन उसका माथा इतना ज़्यादा गर्म था कि ठंडा टवल कुछ पल
मे ही गर्म हो जाता,,उसको अभी भी कम से कम 104 या 105 बुखार था,,मुझे खुद पर गुस्सा आ रह था क्यूकी मुझे लग
रहा था कि मेरी ग़लती की वजह से उसको बुखार हुआ है क्यूकी मेरी उसी हरकत के बाद से सोनिया की तबीयत बिगड़ी थी,,,,,

खैर मैं अपने काम मे लगा हुआ था तो कुछ देर बाद डिन्नर तैयार करके माँ उपर आ गई ओर साथ मे शोबा दीदी भी थी,,,

शोबा पास आके बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया के माथे पर हाथ लगा कर बुखार चेक करने लगी,,,,,हयी राम माँ इसका
तो माथा बहुत ज़्यादा गर्म है,,,,,डॉक्टर को बुलाया था या नही,,,,,

हाँ बेटी बुलाया था ,,,,डॉक्टर ने इसको मेडिसिन भी दी थी,,,बोल रहा था कि गर्मी का बुखार है मेडिसिन से ज़्यादा इसको आराम
की ज़रूरत है,,,ऑर जब तक ये आराम करती रहे तब तक इसके सर पर ठंडे पानी के टवल रखने है जिस से बुखार जल्दी ठीक
होगा,,,,,लेकिन एक बात की टेन्षन है इसने सुबह से हल्का नाश्ता किया है बस उसके बाद कुछ नही खाया,,,कविता भी बता
रही थी कॉलेज मे भी इसने कुछ नही खाया ,,,,अब जबसे डॉक्टर मेडिसिन देके गया है तभी से सो रही है,,,,पता नही कब
तक उठेगी ओर कब खाना खाएगी,,,,,

तभी शोबा ने अपने फोन से डॉक्टर का नंबर डाइयल किया,,,,रूको माँ मैं अभी पूछ लेती हूँ डॉक्टर अंकल से,,,,

शोबा ने फोन कान पर लगा लिया ऑर बात करने लगी,,,,,

शोबा,,,,हेलो डॉक्टर अंकल,,,,

डॉक्टर,,,,हेलो शोबा बेटी,,,हाउ आर यू,,,,

शोबा,,मैं ठीक हूँ अंकल ,,,लेकिन ये सोनिया ठीक नही है,,,,आपको तो पता ही है,,,

डॉक्टर,,,हाँ बेटी मैं मेडिसिन देके भी गया था,,,,,1 -2 दिन मे ठीक हो जाएगी,,,बस तेंडे पानी की पट्टियाँ करते रहो उसके
फॉरहेड पर,,,,

शोबा,,,,,,वो तो कर रहे है अंकल लेकिन ये अभी तक सो रही है,,,,,माँ को टेन्षन हो रही है इसने सुबह से कुछ नही खाया
है,,,,क्या अभी इसको उठाकर खाना खिला सकते है,,,,,,

डॉक्टर,,,,,,नही बेटी अभी इसको सोने दो उठना मत इसको,,,ये अपने आप उठ जाएगी ,,,,,ऑर हाँ इसको खाना मत खिलाना अभी क्यूकी
गर्मी के बुखार मे बॉडी कुछ ज़्यादा ही गर्म हो जाती है जिस वजह से भूख नही लगती,,,अभी इसको उठा भी दोगे तो भी
ये खाना नही खाएगी,,,आप बस ठंडे पानी की पट्टियाँ करते रहो ताकि बॉडी ठंडी होने लगे ऑर बुखार उतर जाए फिर
जब ये उठेगी तो अपने आप खाना खा लेगी,,,तब तक इसको सोने दो आराम से ,,वैसे मैं कल सुबह आउन्गा तो देख लूँगा,,,,

शोबा,,,,ठीक है डॉक्टर अंकल मैं समझ गई लेकिन माँ टेन्षन ले रही है,,,,,,इसने कुछ खाया जो नही है,,,,चलो मैं
माँ को समझा देती हूँ,,,,, ऑर आप सुबह आ जाना प्ल्ज़्ज़ ,,मुझसे इसकी ये हालत देखी नही जाती,,,,,

डॉक्टर,,,,,तुम बेफ़िक्र रही बेटी मैं टाइम पर आ जाउन्गा,,,,ऑर ज़्यादा टेन्षन मत लो,,वो ठीक हो जाएगी,,,,ओके बेटी,,,,

शोबा,,ओके अंकल ,,,,बयए


शोबा फोन कट करके माँ ऑर मुझे सब बात बता देती है,,,,,
Reply
12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तब तक क्या ये भूखे पेट ही सोती रहगी बेटी,,,,इसने कुछ नही खाया है इतनी देर से,,माँ हल्का उदास होके बोल रही थी,,,,

माँ आप टेन्षन मत लो ,,,डॉक्टर ने जो बोला है ठीक ही बोला है,,इसको आराम करने दो जब उठ जाएगी तो अपने आप खाना खा लेगी,,,,

ठीक है बेटी,,,,,चलो इसने तो नही खाना कुछ भी लेकिन तुम लोग तो चलो ओर जाके खाना खा लो तब तक मैं इसके पास बैठ जाती हूँ,,,,

नही माँ आप जाओ मैं बैठ जाती हूँ ,,,वैसे भी आप लोग काफ़ी देर से बैठे हुए हो,,,,शोबा ने मुझे वहाँ से उठा दिया
ऑर खुद बैठ गई ,,,,फिर मैं ऑर माँ खाना खाने नीचे चले गये जहाँ मामा भी बैठा हुआ था,,,,मुझे साले पर गुस्सा
आ रहा था सोनिया बीमार है वो कमीना एक बार भी उसका हाल चाल पूछने नही आया,,,,साला नशेड़ी कहीं का,,,

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मामा पर,,,,,बट मैं क्या कर सकता था,,,,,,,

हम लोगो ने खाना खाया फिर मामा अपने रूम मे चला गया जबकि माँ मेरे साथ उपर सोनिया एक रूम मे चली गई,,

हम लोगो ने शोबा को नीचे भेज दिया ,,ऑर खुद सोनिए के पास बैठ गये,,,,शोबा भी कुछ देर बाद खाना ख़ाके उपर
आ गई ऑर आते टाइम आइस लेके आई साथ मे क्यूकी पानी फिर गर्म हो गया था,,,,,


माँ अभी अब जाके आराम करो मैं ऑर सन्नी यहीं रहते है,,,,,,,

नही शोबा बेटी अभी तुम जाओ ऑर आराम करो मैं यही रुकती हूँ ,,,,,,,ऑर हाँ सन्नी को भी साथ ले जाओ,,ये दोपेहर से यही बैठा हुआ है,,इसको भी थोड़ा आराम करने दो,,,,

नही माँ मुझे आराम नही करना मैं ठीक हूँ,,,आप जाओ ऑर आराम करो,,,,,मुझे यहीं रुकना है ,,,अपने रूम मे

वाह भाई हो तो ऐसा जब फाइट हुई थी सोनिया से तो इस रूम मे सोने भी नही आता था अब सोनिया बीमार है तो यही रुकने को बोल रहा है ऑर रूम को भी अपना रूम बोल रहा है,,,,माँ हल्का खुश होके बोल रही थी,,,,,

ठीक है बेटा तुम यही रूको मैं जाती हूँ ऑर थोड़ा आराम करके आती हूँ,,,,,,

माँ नीचे क्यू जाना है यहीं रुक जाओ ऑर मेरे बेड पर आराम कर्लो,,,,मैं ऑर शोबा दीदी सोनिया के पास बेड पर बैठ जाते है

हाँ ये भी ठीक है बेटा,,,,ऑर जब तुम मे से कोई थक जाए तो मुझे उठा देना,,,इतना बोलकर माँ मेरे बेड पर लेट गई जबकि
मैं ऑर शोबा सोनिया एक पास बैठ कर उसके माथे पर ठंडे पानी की पट्टियाँ करने लगे,,,,

रात भर माँ ऑर शोबा ने बीच बीच मे थोड़ा आराम कर लिया था लेकिन मैं एक पल के लिए भी नही लेटा था,,,मुझ से
सोनिया की ऐसी हालत देखी नही जाती थी,,,,क्यूकी मैं खुद को उसकी हालत के लिया क़सूरवार समझ रहा था ऑर रात भर बैठ
कर अपनी ग़लती की सज़ा दे रहा था खुद को,,,,


सुबह कोई 6-7 बजे सोनिया की आँख खुली तब माँ उसके पास थी ऑर मैं फ्रेश होने बाथरूम मे गया हुआ था ,,जब मैं
फ्रेश होके नहा धो के बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि डॉक्टर भी सुबह सुबह ही आ गया था,,,,वो सोनिया को इंजेक्षन
लगा रहा था,,,,

अब कैसी है मेरी बेटी,,,,पहले से कुछ बेहतर महसूस हो रहा है या नही,,,,,

जी डॉक्टर अंकल पहले से बेहतर हूँ मैं लेकिन बॉडी मे थोड़ा पेन हो रहा है,,थकान महसूस हो रही है ,,उठने का भी
दिल नही कर रहा,,,,,

डॉक्टर-ऐसा होता है अक्सर जब काफ़ी टाइम बुखार चाढ़ रहता है,,,,अभी कुछ देर ओर आराम करना होगा ,,बोलू तो कम से कम 2 दिन
बेड से नही उठना ,,जितन आराम करोगी उतनी जल्दी ठीक हो जाओगी,,,,,अब बोलो भूख लगी है या नही,,,,,

सोनिया-नही डॉक्टर अंकल अभी भूख नही है,,,फिर से सोने का दिल कर रहा है,,,,

नही बेटी अभी नही सोना,,पहले कुछ खा लो अगर खाने का दिल नही तो थोड़ा जूस पी लो,,,,

तभी माँ ने टेबल से जूस का ग्लास उठाया जो माँ पहले ही डॉक्टर के कहने पर बना के लाई थी ,,शोबा दीदी सोनिया को बेड
पर बिठाने लगी लेकिन उनसे अकेले से नही हो रहा था तो मैं आगे बढ़ा लेकिन सोनिया ने मुझे गुस्से से देखा ऑर करीब आने
से मना करने लगी,,,मुझे बड़ा गुस्सा आया उस टाइम सोनिया पर,,,,एक तो इतनी तबीयत खराब है फिर भी गुस्सा करने से बाज़
नही आती ये कमिनि,,,,,फिर डॉक्टर ने शोबा दीदी की हेल्प की ऑर सोनिया को उठा कर बिठा दिया ऑर उसकी पीठ बेड से लगा दी,,,फिर माँ ने जूस का ग्लास सोनिया के मूह को लगा दिया,,,,

नही माँ मुझे नही पीना,,,,सोनिया मूह से मना कर रही थी लेकिन अपने हाथ से माँ को मना नही कर पा रही थी,,,
बुखार ऑर थकान की वजह से उसके जिस्म मे जान ही नही बची थी वो अपना हाथ भी नही उठा पा रही थी,,,,

डॉक्टर,,,,,बेटी ज़्यादा मत पियो जितना दिल करता है पी लो,,1-2 घूट ही पी लो वही बहुत है ,,,,

सोनिया ने डॉक्टर की बात मान ली ऑर थोड़ा जूस पी लिया,,,,,

डॉक्टर,,ये हुई ना बात,,,,तुम तो बहुत अच्छी लड़की हो जो इतना कहना मानती हो,,,

आपका ही कहना मान रही है डॉक्टर हम लोगो का तो कभी नही मानती,,,,हम लोग मिन्नत भी करते रहते तो भी मूह नही लगाती थी ये जूस के ग्लास को,,,,माँ ने हँसते हुए बोला तो सोनिया गुस्से से माँ को देखने लगी,,,,

गुस्सा क्यू करती है ठीक तो बोल रही हूँ मैं,,,,माँ ने हँसते हुए बोला तो शोबा के साथ डॉक्टर भी हँसने लगा,,,,,

अब तुम लेट जाओ ज़्यादा देर बैठोगी तो थक जाओगी,,,,और हो सके तो फिर से सो जाओ,,,,,ऑर जितना हो सके आराम करो,,,,

क्या अभी फिर से अपने मुझे नींद की मेडिसिन दी है डॉक्टर अंकल,,,,सोनिया ने हल्की आवाज़ मे बोला,,वैसे भी उसकी आवाज़ ही नही निकल रही थी,,,,

नही बेटी अब नींद की मेडिसिन नही दी तुम को वो तो कल दी थी अब ज़रूरत नही,,,अब तो तुम खुद सोने की कोशिश करो वैसे
भी तुम बुखार की वजह से बहुत थक गई हो अब तुमको अपने आप नींद आ जाएगी,,,,

ओके तो अब मैं चलता हूँ लेकिन हाँ अभी भी आपको इसके सर पर ठंडे पानी के पट्टियाँ करनी है,,,,मेडिसिन से इतना आराम नही मिलता जितना ठंडे पानी से मिलेगा,,,,

ठीक है डॉक्टर साहब ,,,वैसे भी हम लोग अब तक ठंडे पानी की पट्टियाँ कर रहे है,,,,,पूरी रात भी करते रहे है,,,,

ये तो बहुता अच्छी बात है तभी तो कुछ ठीक हुई है सोनिया बेटी,,,,,,ओके अब मुझे इज़ाज़त दीजिए,,इतना बोलकर डॉक्टर चला गया

माँ डॉक्टर को नीचे तक छोड़ने गई,,,ऑर शोबा सोनिया के पास बैठ गई,,,,,

तू हो गया फ्रेश सन्नी,,,चल अब तू बैठ सोनिया के पास मैं चली फ्रेश होने ,,,

नही दीदी आप मत जाओ ,,,,पहले माँ को आने दो फिर चली जाना,,,,,सोनिया मेरी तरफ गुस्से से देख रही थी ऑर हल्की आवाज़ मे शोबा को जाने से रोक रही थी,,,,,,,

अरे बुद्धू मैं कही दूर जा रही हूँ क्या साथ वाले रूम मे तो जा रही हूँ,,वैसे सन्नी तो है ना यहाँ माँ भी आती
ही होगी,,,तू आराम कर मैं अभी आई,,,,

नही दीदी माँ को आने दो फिर चली जाना,,,,तभी माँ अंदर आ गई,,,,,

लो आ गई माँ ,,,,अब क्या मैं जा सकती हूँ सोनिया जीई,,,शोबा ने थोड़ा हँसके मज़ाक मे बोला ऑर वहाँ से चली गई,,,,,
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12-21-2018, 02:08 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
क्या हुआ मेरी बेटी,,इतना उदास क्यू है मैं तो यही हूँ ऑर तू शोबा को जाने क्यू नही दे रही थी ,,सन्नी भी तो यही है ना


यही तो बात है जो सन्नी यहाँ है माँ,,,माँ आते ही सोनिया एक पास बैठ गई ऑर सोनिया हल्की आवाज़ मे बोलने लगी,,,,इसको यहाँ से भेज दो माँ ,,,मेरे रूम से बाहर निकाल दो इसको,,,,

अभी तबीयत ठीक नही है फिर भी फाइट करना नही भूली तू,,,ये यहाँ रहेगा तो क्या होगा ऑर वैसे भी तेरे को पता है
इसने कितना ख्याल रखा है तेरा,,,रात भर तेरे सर पे ठंडे पानी के टवल रखे है इसने,,,,,

बट माँ रात को तुम ऑर शोबा दीदी भी थी ना यहाँ,,,,,दीदी ने बताया ,,तुम लोगो ने भी तो इतना कुछ किया है अगर इसने भी थोड़ा बहुत कर दिया तो क्या हुआ,,,,,

थोड़ा बहुत,,,,इसने तो बहुत कुछ किया है ,,,,रात को मैं ऑर शोबा भी इसी रूम मे थी ,,,,हम लोग तो थोड़ी थोड़ी देर बाद आराम
करने क लिए लेट जाते थे ऑर सो भी जाते थे लेकिन ये पगला पूरी रात जागता रहा ऑर तेरे पास ही बैठा रहा,,,एक पल के लिए
सोना तो दूर की बात है तेरे से दूर भी नही हुआ,,,पीठ सीधी करने के लिए लेटा भी नही,,,,ऑर तू इसको रूम से बाहर जाने
को बोल रही है,,,,तेरे को तो खुश होना चाहिए कि तेरे को ऐसा भाई मिला है जो तुझे इतना प्यार करता है तेरी इतनी फ़िक्र करता है,,,,,

माँ की बात सुनके सोनिया ने मेरी तरफ देखा तो सही लेकिन अभी भी उसकी आँखों मे गुस्सा था,,,,मैं भी उसकी तरफ देख
रहा था तभी माँ ने मुझे बेड पर आने को बोला,,,,सन्नी तू थोड़ी देर के लिए बैठ जा यहाँ मुझे किचन मे थोड़ा
काम है मैं आती हूँ ,,तब तक तेरी शोबा दीदी भी आ जाएगी नहा धो कर,,,,,इतना बोलकर माँ उठी ऑर वहाँ से जाने लगी,,

अब तू सन्नी से फाइट नही करना सोनिया ऑर आराम से लेट कर ठंडे पानी की पट्टियाँ करवा लेना मैं कुछ देर मे आती हूँ
नाश्ते की तैयारी करके,,इतना बोलकर माँ वहाँ से चली गई ऑर मैं माँ की जगह बैठ गया ऑर टवल को पानी के बर्तन मे
गीला करके सोनिया एक माथे पर रख दिया,,,,

क्या तू सच मे पूरी रात नही सोया सन्नी,,,,सोनिया ने हल्की आवाज़ मे मेरे से पूछा,,,,,

मैं कुछ नही कहा बस अपनी आँखों की तरफ इशारा किया जो ना सोने की वजह से हल्की सूज गई थी,,,,,

बहुत अच्छी बात है तेरे साथ ऐसा ही होना चाहिए सन्नी ,,,भगवान करे तेरी आँखें ऑर सूज जाए तो मज़ा आए,,,,तेरी वजह
'से मेरा ये हाल हुआ है अब तू ये मत सोचना कि तूने रात भर जाग कर मेरी सेवा की है तो मैं तेरी उन सारी ग़लतियों को
माफ़ कर दूँगी जिनकी वजह से मेरा ये हाल हुआ ,,,,मैं तुझे कभी माफ़ नही करूँगी ऑर ना कभी भूल सकती हूँ तेरी
गान्डि हरकतों को,,,,,,तू जितना अच्छा है उस से कहीं ज़्यादा बुरा है,,,,,,

तभी मैने उसके फेस पर अपना हाथ रख दिया,,,,,,,,तेरी सेवा करने का मुझे कोई शॉंक भी नही है लेकिन अगर तू बीमार
रहेगी तो मैं फाइट किसके साथ करूँगा इसलिए तेरे को जल्दी अच्छी करने की कोशिश कर रहा हूँ,,,,,,ऑर जो हरकते मैने तेरे
साथ की है उनको कभी भूलना भी नही ओर कभी माफ़ भी नही करना तू मुझे क्यूकी अगर तू भूल गई या तूने मुझे माफ़
कर दिया तो तेरा गुस्सा ठंडा हो जाना है ऑर तूने फिर से मेरे करीब आने की कोशिश करनी है जो तेरे लिए काफ़ी ख़तरनाक
साबित हो सकती है,,,,तेरा गुस्सा तुझे मेरे से दूर रहने मे हेल्प करेगा ऑर मुझे भी तेरे करीब नही आने देगा,,,इस गुस्से
को कभी कम नही होने देना ,,क्यूकी गुस्सा कम होते ही हम लोगो मे फंसला भी कम होना शुरू हो जाना है जो हम दोनो
के लिए बहुत बड़ी मुसीबत होगी,,,,

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ने की ऑर मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन कमज़ोरी की वजह से वो हाथ को ज़्यादा हिला नही पा रही
थी,,,,,,फिर भी उसका हाथ मेरे हाथ पर आ गया ऑर उसने मुझे रोकने की कोशिश की,,,,,मैं उसके हाथ को वापसी बेड पर आराम
से रख दिया,,,,,,,,,,,

अभी गुस्सा मत कर पहले ठीक हो जा बाद मे जितना लड़ना होगा मेरे से जितना गुस्सा करना होगा कर लेना लेकिन पहले ठीक हो
जाओ,,,,ऑर इसलिए तो मैं इतनी मेहनत कर रहा हूँ ताकि तू जल्दी ठीक हो जाए ऑर मेरे से फाइट करना शुरू कर्दे,,,,अब आराम से
लेट जा ऑर मुझे मेरा काम करने दे,,,,,,उसके बाद वो चुप हो गई लेकिन गुस्से से मुझे घुरती रही ऑर मैं प्यार से हल्की
स्माइल करता हुआ अपने काम मे लगा रहा ऑर उसके माथे पर ठंडे टवल रखने लगा,,,,,,,,


आज शोबा भी बुटीक पर नही गई ऑर शिखा को फोन कर के बता दिया था कि सोनिया बीमार है इसलिए वो भी नही आई,,उसका
भी दिल नही था आज आने का क्यूकी आज करण घर पे अकेला था उनकी माँ अलका आंटी उनके नाना जी के पास गई थी ,,आज दोनो भाई
बेहन घर पर रहके मस्ती करने वाले थे,,

मैं सोनिया के पास रहा ओर तब तक माँ ऑर शोबा नाश्ता करने लगी जब उन लोगो का नाश्ता हो गया तो वो उपर आ गई ऑर मैं
नाश्ता करने लगा,,,,मैने देखा कि माँ ने नाश्ते मे कॉफी नही बनाई थी ,,,चाइ बनाई थी ऑर मुझे चाइ पस्संद
नही थी,,चाइ पीती थी शोबा दीदी ऑर मामा भी,,,मामा तो था ही नशेड़ी जिसको चाइ अच्छी लगती थी,,चाइ से चरस का असर जो
ज़्यादा हो जाता है,,,,,,वैसे अब मामा नज़र नही आ रहा था कहीं ,,शायद बाहर गया होगा,,,,,


खैर मैं नाश्ता कर ही रहा था तभी बेल बजी मैने जाके दरवाजा खोला तो सामने कविता थी,,,,


मेरे मूह मे ब्रेड थी जिसको मैं चबा रहा था ,,मेरा भरा हुआ फूला मूह देख कर वो हँसने लगी,,,,,ऑर शरमाने
भी लगी,,,,,वो आज कुछ ज़्यादा ही हसीन लग रही थी मुझे,,,,,मैं उसको देख ही रहा था तभी शोबा बेल की आवाज़ सुनके नीचे
आ गई थी,,,,

हेलो सन्नी,,,,,,,,

हेलो कविता ,,मैं खाना ख़ाता हुए बोला तो मेरा साउंड क्लियर नही था जिसको सुनकर वो हल्का ज़ोर से हँसने लगी,,,,

मैने जल्दी से मूह का खाना चबा कर अंदर निगल लिया ऑर फिर से उसकी हेलो का जवाब दिया,,,,,,

इतना हँस क्यू रही है बंदरिया ,,तू खाना खाते टाइम बोलती नही क्या,,,,,

बोलती हूँ लेकिीन इतना अजीब नही,,,वो फिर हँसने लगी,,,,

तभी शोबा दीदी की आवाज़ आई,,,,,कॉन है सन्नी,,,,,,

पता नही दीदी कोई पागल लड़की है ,,,,मैं इतना बोला ही था कि कविता ने मुझे ज़ोर से घुसा मारा मेरे पेट मे मैं दर्द
से कराह उठा ऑर तभी उसने मुझे धक्का देके दरवाजे से पीछे किया ऑर अंदर आ गई,,,,,

क्यू कैसा लगा पागल लड़की का घुसा सन्नी बेटा,,,शोबा दीदी ऑर कविता दोनो हँसने लगी,,,,,

हेलो दीदी,,,,,,,,,,,हाउ आर यू??

हेलो कविता ,,,,,,मैं ठीक हूँ कविता ,,,,यू टेल,,,,

मैं भी ठीक हूँ दीदी ,,,,आज आप कॉलेज नही गई दीदी,,,,

नही कविता वो सोनिया की तबीयत ठीक नही थी इसलिए मैं नही गई,,,,,

अब कैसी है वो दीदी,,,मैं भी उसी की वजह से आज कॉलेज नही जा रही सोचा सोनिया के पास बैठ कर बातें करूँगी
थोड़ा टाइम पास हो जाएगा उसका भी ओर मेरा भी,,,,,,

तभी मैने दीदी को बोला,,,,दीदी इसको टाइम पास करने दो आप मेरे लिए कॉफी बना दो,,,,माँ ने आज नाश्ते मे कॉफी नही
बनाई मेरे लिए,,,,,

नही सन्नी अभी नही अभी मैं बहुत थक गई हूँ रात को सोई भी नही ठीक से,,,अब बहुत नींद आ रही है मैं माँ को
बोलके आई हूँ कि थोड़ी देर सोने जा रही हूँ,,,,,,ये तो बेल बजी तो देखने आ गई कि कॉन आया है,,,,,

आपकी बेहन बीमार है ऑर आप सोने जा रही हो दीदी ,,मैं मज़ाक मे बोला दीदी को,,मैं भी तो रात भर नही सोया ,,,,तो क्या
मैं भी नाश्ता करके सो जाउ,,,,,

तेरा तो पता नही मैं तो सोने जा रही हूँ ऑर वैसे अब तो मुझे बहाना भी मिल गया है कविता जो आ गई है,,अब ये माँ की
हेल्प करेगी ओर मैं जाके सो जाउन्गी,,,,,बहुत थक गई रात को मैं,,,,,इतना बोलकर दीदी उपर जाने लगी,,,,,

लेकिन मुझे कॉफी तो बना दो दीदी ,,उसके बिना नाश्ता कैसे करूँगा,,,,प्ल्ज़्ज़ दीदी,,,,

तभी दीदी ने उपर जाते हुए पीछे मूड कर कविता की तरफ देखा,,,,तुझे कॉफी बनानी आती है क्या कविता,,,,,,

कविता ने हां मे सर हिला दिया,,,,,,

तो ठीक है पहले तू इस पागल एक लिए कॉफी बना दे फिर उपर आ जाना अपनी फ्रेंड के पास ऑर अगर खुद पीनी है तो अपने
लिए भी बना लेना,,,,,,
Reply
12-21-2018, 02:09 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी ने मुझे पागल बोला तो कविता हँसने लगी,,,दीदी आप भी पिओगी क्या,,,,,,,ऑर आंटी जीई,,,,,,,,,

नही मुझे नही पीनी मैं तो सोने लगी हूँ,,,,ऑर माँ भी नही पिएगी क्यूकी माँ ने अभी चाइ पी थी,,,,इसी को आदत है
कॉफी पीने की,,इतना बोलकर दीदी उपर चली गई,,,,,


तू इतना हँस क्यू रही थी जब दीदी ने मुझे पागल बोला था,,,,,,,

मेरी मर्ज़ी मैं जब दिल करे तब हँस सकती हूँ,,,,,,,तुझे क्या लेना देना,,,,

तभी मैं भी ज़ोर से हँसने लगा,,,,,,

अब तुझे क्या हुआ है तू क्यू पागलो की तरह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा है,,,,,

जब दीदी ने मुझे पागल बोला तो तू हँसी थी मेरे पे ,,अब दीदी ने तुझे नौकरानी बन दिया तो मेरा भी हक़ बनता है हँसने
का,,,,,

दीदी ने मुझे नौकरानी कब बोला,,,,कविता थोड़ा चिढ़ते हुए बोली,,,,,

नौकरानी बोला नही लेकिन बना तो दिया ना ,,तभी तो घर आने वाले मेहमान को खुद कॉफी बनाने एक लिए बोल दिया,,,,खुद
के लिए भी ऑर मेरे लिए भी,,,,,मैं इतना बोलकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा,,,,,,

कॉफी पीनी है या नही,,,,,,कविता ने मुझे धमकी दी,,,,,अब नौकरानी बोला तो मैं नही बनाउन्गी कॉफी खुद बना लेना,,
ऑर वैसे भी मैं इस घर की मेहमान नही हूँ,,,ये घर मेरा भी है,,,,आंटी मुझे बेटी कहती है,,ऑर तुझे पागल ,,,
कविता भी ज़ोर से हँसने लगी,,

सॉरी कविता जी मैं तो मज़ाक कर रहा था ,आप तो इसी घर की मालकिन हो ऑर मैं पागल हूँ,,,अब तो कॉफी बना दो मुझे
मालकिन,,,,मैं भी मज़ाक की बात का जवाब मज़ाक मे दिया,,,,,

उसने हाथ मे पकड़ा हुआ बॅग सोफे पर रखा ऑर किचन मे चली गई जबकि मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ कर बाकी का नाश्ता
करने लगा जो बस ज़रा सा ही बच रहा था,,फिर मैं बर्तन लेके किचन मे चला गया,,,,,

कविता गॅस के पास खड़ी हुई थी ऑर कॉफी बना रही थी,,,,,,,नौकरानी जी आप गॅस पर कॉफी क्यू बना रही हो ,,मेरे इतना बोलते
ही कविता डर कर पीछे मूडी ऑर मुझे देख शरमाने लगी,,,,

ई ब्लककी नौकरानी किसको बोला,,,,,वो शरमाती हुई लेकिन एक नखरे ऑर अकड़ के साथ बोली,,,,,

तुझे बोला ऑर किसको बोला,,,तुझे कॉफी मेकर मे कॉफी बनानी नही आती क्या जो गॅस पे बना रही है,,,मैने हँसते हुए
मज़ाक मे बोला,,,,

देख ब्लॅकी मुझे नौकरानी मत बोल वर्ना,,,,,कविता हल्के गुस्से मे चिढ़ती हुई बोली,,,,,

तभी माँ किचन मे आ गई,,,,,,अरे तुम दोनो आज भी फाइट कर रहे हो,,,,कब ख़तम होगी तुम लोगो की ये फाइट,,माँ ने
किचन मे आते ही बोला,,,

मैने पीछे मूड कर माँ की तरफ देखा,,,,तभी कविता ने माँ को हेलो बोला


हेलो आंटी,,,,,,

हेलो बेटी,,,,,क्या हुआ अब किस बात पे फाइट हो रही है तुम लोगो की,,,,,,

देखो ना आंटी एक तो मैं इस पगले को कॉफी बना कर दे रही हूँ उपर से ये मुझे नौकरानी बोल रहा है,,,,मैं
कोई नौकरानी हूँ इस घर की,,,

नही कविता जी आप तो मालकिन हो इस घर की,,,क्यू कविता जी मैने ठीक कहा ना,,,,

देखो आंटी फिर से मुझे चिड़ा रहा है,,,कभी नौकरानी बोलता है अभी मालकिन,,,,खुद को पता नही क्या समझता है ये,,

अरे ये क्या बात हुई सन्नी ,,,एक बात बोलो तुम या तो नौकरानी बोलो या मालकिन,,,,माँ ने भी हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,लेकिन
ये नौकरानी वाला तो मसला समझ आया बट ये मालकिन वाली क्या बात है,,,,,

यही बोल रही थी कि ये नौकरानी नही मालकिन है इस घर की,,,,मैं माँ को हँसते हुए बोला,,,,

तो ठीक कह रही है ये,,,ये मेरी बेटी सोनिया की बेस्ट फ्रेंड है ऑर मेरे लिए मेरी बेटी सोनिया की जैसी है,,,अगर सोनिया इस घर
की मालकिन हो सकती है तो ये क्यू नही,,,,,इसका भी उतना हक़ बनता है जितना सोनिया का,,,,,

माँ ने इतनी बात बोली तो कविता माँ के गले लग गई ,,ओह्ह तांख्षकशकश आंटी जी,,,,माँ के गले लग्के वो पीछे हुई ऑर मुझे ज़ुबान
निकाल कर दिखाने लगी ऑर साथ मे एक हाथ का अंगूठा भी दिखा कर मुझे किसी बच्चे की तरह चिडाने लगी,,,,,

तभी माँ ने फ्रिड्ज खोली ऑर आइस निकाला ली,,,,,चलो तुम दोनो फाइट करो मैं चली उपर,,,,माँ वहाँ से जाने लगी,,

सोनिया कैसी है अब आंटी जी,,ऑर आप आइस लेने क्यू आई,,शोबा दीदी कहाँ है,,,,

बेटा शोबा तो सो गई ऑर सोनिया अब ठीक है पहले से,,अभी जाग रही है,,सोने वाली थी की शोबा ने उसको बता दिया कि तुम आ
गई हो तो अब वो नही सोने वाली,,तेरी वेट कर रही है,,,,,जल्दी आजा उपर,,,,

अभी आती हूँ आंटी जी इस ब्लॅकी को कॉफी देके,,,आप कॉफी पिओगी क्या आंटी जी,,,,,

नही बेटी मैने अभी चाइ पी थी कुछ देर पहले,,,,तुम सन्नी को कॉफी पिलाओ,,,

माँ वहाँ से चली गई,,,,,ऑर कविता मुझे फिर से चिडाने लगी,,,,,देखा मैं भी इस घर की मालकिन हूँ अब ज़रा तमीज़
से बात करने मेरे से,,,,समझे ब्लॅकी,,,,कविता एक हल्के नखरे के साथ बोल रही थी,,,

समझ गया नौकरानी जी,,,,अब जल्दी से कॉफी बना ,,

नौकरानी नही मालकिन हूँ मैं समझा ब्लॅकी,,,,,वो फिर नखरे से बोली,,,,

चल चल बड़ी आई मालकिन,,,मेरे लिए तू नौकरानी है बस ,,,,अब जल्दी कॉफी बना ऑर दे मेरे को,,,

देख अब अगर तूने मुझे एक बार भी नौकरानी बोला तो अच्छा नही होगा समझ गया,,,,,

बोलूँगा एक बार नही हज़ार बार बोलूँगा,नौकरानी ,,नौकरानी,,

देख सन्नी बस कर वर्ना मारूँगी मैं तेरे को,,,वो हाथ को हवा मे उठाके मुझे मारने के लिए आगे आई,,,,

मारेगी मुझे ,,,,,,?? इतनी हिम्मत है क्या तेरे मे,,,,,??

हाँ है हिम्मत तू एक बार ऑर बोल बस नौकरानी मुझे फिर देखना,,,,

अच्छा तो ये बात है ,,,चल बोलता हूँ फिर तो ,,,,देखु तो सही कितनी हिम्मत है तेरे मे,,,,,नौकरानी कहीं की,,,,

मैने अभी बोला ही था कि कविता मेरे पास आ गई ऑर अपने हाथ से मुझे हल्के से थप्पड़ मारने लगी,,तभी मैने अपने एक
हाथ से उसके हाथ को पकड़ लिया,,उसने भी दूसरा हाथ उठा कर थप्पड़ मारने की कोशिश की तो मैने उसके दूसरे हाथ को
भी पकड़ लिया ऑर उसको पीछे की तरफ ले गया ऑर उसको गॅस के पास शेल्व के साथ लगा लिया,,,,,,मैने उसके दोनो हाथों को अपने
हाथों मे पकड़ा हुआ था,,,,वो ज़ोर लगा लगा कर अपने हाथ मेरे हाथ से छुड़वाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने भी
अपना ज़ोर लगाया हुआ था ,,,,,,

बस इतना ही ज़ोर है,,,नौकरानी जी,,,,,मैने हँसते हुए बोला,,,,

अब अगर नौकरानी बोला तो मैं तेरा वो हाल करूँगी सन्नी,,,अभी उसने बोलना शुरू किया था कि मैने उसकी बात को बीच मे
रोक दिया,,,,,,,,तूने मेरा क्या हाल करना ये तो मुझे नही पता लेकिन अब मैं तेरा क्या हाल करूँगा ये तू देखती जा बस,,,

मैने उसके दोनो हाथों को पीछे करके उसकी पीठ से लगा दिया जिस से मेरे हाथ भी उसकी पीठ पर चले गये ऑर मेरी छाती
उसकी छाती से टच हो गई,,,,इस तरह मैं उसके बहुद करीब हो गया,,,मेरे चेहरा उसके चेहरा से बस 1 फीट दूर था ,,
उसने मुझे इतने करीब से देखा तो शर्मा कर अपने सर को नीचे झुका लिया ऑर इसके साथ ही उसकी हार्ट बीट भी तेज हो गई,,,

उसकी छोटे छोटे बूब्स मेरी छाती से टच करने लगे,,,मेरे बेक़ाबू होने के लिए तो इतना सब ही बहुत था ,,,मैने आगे
बढ़ कर अपने फेस को उसके ऑर भी ज़्यादा करीब कर दिया जिस से मेरी साँसे उसके माथे पर लगने लगी ऑर उसके बाल मेरी सांसो की हवा के कारण हिलने लगे,,,,तभी मैने उसके हाथों को छोड़ दिया ऑर अपने हाथ उसकी पीठ पर रख दिया,,वो एक दम से सिहर उठी,,,,,

ये क्या कर रही हूँ सन्नी ,,,,

मैं उसकी बात का कोई जवाब नही दिया,,,,,

सन्नी छ्छूड्डू मुउज़्झहही क्कू आ जाएगा,उसकी ये बात सुनके मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,ऑर अपने फेस को उसके
ऑर ज़्यादा करीब ले गया ऑर अपने एक हाथ से उसकी पीठ को सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसके झुके हुए चेहरे को उसकी चिन से
पकड़ कर उपर उठा दिया,,,,,,,,क्या बोला तूने,,कोई आ जाएगा,,,,तुझे किसी के आने का डर है मेरे इतने करीब होने से तुझे
कोई डर नही लग रहा क्या मेरे से,,,,

उसने कुछ नही बोला ,,,बस अपने आँखें दूसरी तरफ करली,,,मैने फिर से पूछा ,,तुझे मेरे से डर नही लग रहा क्या,,,,

नही मुझे तेरे से डर नही लगता,,,,,इतना बोलकर उसने अपने हाथ सामने की तरफ किए ओर मुझे हल्का सा धक्का मार कर पीछे
करने की कोशिश की मैं उसकी इस हरकत को पहले से समझ गया था ऑर मैं उसकी पीठ को अपने हाथ से कस्के पकड़ लिया
जिस से वो मेरे ऑर भी ज़्यादा करीब आ गई,,,,

अच्छा सच मे तुझे मेरे से डर नही लगता,,,,,,मैं हल्की आवाज़ मे बोला,,

उसकी साँसे अभी तक फुल गरम हो गई थी फिर भी वो खुद पर क़ाबू करने मे काफ़ी तेज थी,,,,नही मुझे तेरे से डर नही
लगता पागल ब्लॅकी,,,इतना बोलकर वो मुझे देख कर हँसने लगी,,,,
Reply
12-21-2018, 02:09 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मेरा ध्यान उसकी आँखों की तरफ था जिसमे मुझे हल्की शरारत नज़र आ रही थी लेकिन उसकी हँसी उस से भी ज़्यादा नटखट
लग रही थी,,,,उसके लिए ये सब मज़ाक था लेकिन उसकी तेज ऑर गर्म साँसे मुझे बता रही थी कि वो भी कुछ हद तक गर्म हो
चुकी है लेकिन फिर भी खुद पर क़ाबू कर रही है,,,,,,

अच्छा तो मैं पागल हूँ,,,,,तू मुझे पागल समझती है,,,,,मैं भी मज़ाक मे बोला ऑर उसकी चिन को अपने हाथ से अलग करके
अपने हाथ को वापिस उसकी पीठ पर ले गया ऑर दोनो हाथों से उसको अपने से सटा लिया जिसस से उसके छोटे छोटे बूब्स मेरी
छाती से बुरी तरह से चिपक गये ,,उसके मूह से हल्की अहह निकल गई शायद दर्द की वजह से,,,,,

तुझे पागल क्या समझना तू तो है ही पागल ,,ब्लॅकी,,,,,वो हँसती हुई बोलती जा रही थी लेकिन उसके बोलने का अंदाज़ बता रहा
था कि बोलते टाइम उसकी ज़ुबान उसका साथ नही दे रही थी,,,,लड़खड़ाती सांसो की वजह से उसकी आवाज़ भी लड़खड़ा रही थी,,,,,

ठीक है तो मैं पागल सही ऑर पागल बंदा तो कुछ भी कर सकता है ,,कैसी भी गुस्ताख़ी कर सकता है उसके लिए तो कोई सज़ा
भी नही मिलती उसको,,,,अब मैं भी पागल हूँ तो तेरे से गुस्ताख़ी करने का हक़ है मुझे,,,,इतना बोलकर मैने अपने फेस
को आगे किया तो उसने जल्दी से अपने फेस को टर्न कर लिया ,,मैं भी अपने फेस को उसकी गर्दन की तरफ करके अपने लिप्स उसकी
गर्दन पर रख दिए,,,,,,उसके मूह से एक लंबी अहह के साथ मेरा नाम निकल गया सुउन्न्ञननन्न्नयययययययी,,,,,,,,,,,,,,

मैं उसकी गर्दन पर अपने लिप्स रखे ओर हल्की किस करदी ,,मेरे ऐसा करते ही उसके हाथ जो अभी तक मेरी छाती पर थे वो
जल्दी ही मेरी पीठ पर चले गये ऑर उसने मुझे अपनी बाहों मे जकड लिया ,,,उसके ऐसा करते ही मैं समझ गया कि ये अपने
बस मे नही है,,,गरम हो गई है,,,जवान लड़की के लिए खुद पर क़ाबू करना मुश्किल होता है ऐसी हालत मे,,,मैं उसकी
इस हरकत के बदले मे अपने हाथ उसकी पीठ पर से सहलाते हुए उसकी गान्ड पर ले गया ओर अपने दोनो हाथों से उसको उठाकर
शेल्व पर बिठा दिया,,शेल्व पर बैठते ही उसने मुझे एक बार देखा ओर शरमा कर सर नीचे झुका लिया मैं अपने हाथ
से उसके सर को उपर किया ऑर देखा की उसकी आँखें शरम के मारे बंद थी ,,मैं आगे बढ़ कर अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख
दिए,,,वो एक दम से शेल्व पर उछल गई ओर मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया,,,,,मैं तो हैरान ही रह गया,,मुझे अभी
एक पल ही हुआ था उसके लिप्स पर अपने लिप्स रखे की उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया ओर किस करने लगी,,,मैने अपने हाथ
उसकी गान्ड के नीचे से हटा कर उसकी पीठ पर रख दिए ऑर इस से पहले मैं उसकी पीठ को सहलाना शुरू करता उसके हाथ
मेरी पीठ पर चलने लगे,,,मेरी तो एक दम से हालत ही खबर हो गई,,,साला ये क्या हो गया एक दम से,,,मैं तो इसको गर्म करने
की कोशिश कर रहा था लेकिन ये तो पहले से ज्वालामुखी की तरह आग उगल रही है,,,,मैने भी उसको किस का रेस्पॉन्स देना
शुरू कर दिया ओर अपने एक हाथ से उसकी पीठ को सहलाते हुए अपने दूसरे हाथ को उसके सामने की तरफ ले आया ऑर उसकी कमर
को सहलाने लगा,,,,उसके हाथ भी मेरी पूरी पीठ को सहला रहे थे,,,,,

वो मुझे इतने बढ़िया तरीके से किस कर रही थी की मुझे यकीन ही नही हो रहा था,,,,वो मेरे लिप्स को अपने मूह मे भरके
कभी चुस्ती तो कभी हल्के से काट देती तो कभी मेरी ज़ुबान को अपने दाँतों मे भरके अपने मूह मे खींच लेती तो
कभी अपनी ज़ुबान को मेरे मूह मे घुसा देती ऑर हर तरफ घुमाने लगती,,,मैं तो इतना ज़्यादा मस्त हो गया था कि पता नही
कब मेरा हाथ उसके बूब्स पर चला गया और मैने उसके बूब को हल्के से दबा दिया,,,,तभी एक दम से उसने मुझे धक्का
दिया ऑर मैं जाके ज़मीन पर गिर गया वो जल्दी से शेल्व से जंप करके नीचे उतरी ओर किचन से बाहर की तरफ भाग गई लेकिन
वो दरवाजे के पास जाके रुक गई ऑर वही खड़ी होके मुझे देखने लगी,,,,,

उसकी साँसे तेज़ी से चल रही थी ऑर छोटे छोटे बूब्स उपर नीचे हो रहे थे,,,उसकी आँखों मे एक अजीब सी कशिश थी एक
मस्ती थी जिसकी मदहोशी मे वो खो गई थी ,,,उसकी आँखों मे इतना नशा था कि ऐसा लग रहा था उसने ड्रिंक की है,,इधर
मैं भी ज़मीन पर गिरा हुआ था ऑर मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी,,,उसके सॉफ्ट लिप्स का स्वाद अभी तक मेरे मूह मे था उसकी
सांसो को मैं अभी भी अपने फेस पर महसूस कर रहा था ,,इधर मेरा लंड भी मस्ती मे सर उठाने लगा था जिस पर
कविता का ध्यान चला गया था,,उसने कुछ पल मेरे लंड की तरफ देखा,,,,,

अब जल्दी उठ जा पागल ब्लॅकी ऑर कॉफी लेके उपर आ जाना ,,,वो सांसो पर क़ाबू करके इतना बोली ओर हँसती हुई वहाँ से भाग
गई,,,,,मैं तो साला चाकर खाने लगा था ज़मीन पर बैठा बैठा,,,ये साला क्या हो गया एक दम से,,,इसने वो सब कैसे ,,,
मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था,,,,मैं बस कन्फ्यूज़ सा हो गया था,,,,दिमाग़ खराब कर दिया था उस कविता ने एक
ही पल मे,,,,मैं खुद पर क़ाबू करता हुआ ज़मीन से उठा ऑर खड़ा हो गया,,,,इधर मेरा लंड भी पूरी ओकात मे खड़ा
हुआ था,,,,,,मैं जैसे तैसे कॉफी को कप मे डालके उपर सोनिया के रूम मे लेके गया ,,ऑर मैं उपर तक कैसे पहुँचा
ये मैं ही जानता हूँ,,,,,,ऐसा लग रहा था कि अभी मेरे हाथ से कप नीचे गिर जाने है ओर शायद मैं भी गिर जाउन्गा,,उस
कविता ने मेरी ऐसी हालत करदी थी कि मैं बता नही सकता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं कॉफी के कप लेके सोनिया के रूम मे गया तो सोनिया लेटी हुई थी जबकि माँ ऑर कविता सोनिया के सर पर कोल्ड वॉटर के टवल
रख रही थी,,,,वो भी सोनिया के पास उसी के बेड पर बैठी हुई थी,,,,

मैं अंदर गया तो कविता मुझे देख कर शरमा रही थी लेकिन सोनिया अभी भी गुस्से मे थी,,,,अब तो मुझे ऐसे लगने
लगा था जैसे उसकी आँखें है ही ऐसी,,,हर दम गुस्से से लाल ही रहती है,,,

अरे बेटा तू कॉफी लेके क्यू ले आया,,तेरी मालकिन ने कॉफी नही बना के दी तुझे,,,,,,इतना बोलकर माँ हँसने लगी साथ मे कविता
भी,,,ऑर हल्की स्माइल सोनिया एक फेस पर भी आ गई ,,लेकिन जब मैं उसकी तरफ देखा तो फिर से मुझे गुस्से से देखने लगी,,,


माँ ये मेरी मालकिन नही नौकरानी है,,,,लेकिन कुछ ज़्यादा ही सर पर चढ़ि हुई है ,,,खुद कोई काम नही करती सब काम मेरे
से करवाती है,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा लेकिन मेरा साथ किसी ने नही दिया तो मैं जल्दी ही चुप हो गया,,,ऑर मेरे चुप
होते सब लोग फिर से हँसने लगे,,,,,

मैं समझ गया भाई लेडीस से तू नही जीत सकता भला इसी मे है कि चुप चाप बैठ जा ऑर कॉफी पी ले,,,,ऑर मैने ऐसा
ही किया ,,,

मैं बैठ गया अपने बेड पर ऑर कॉफी पीने लगा कविता का कप मैने पास के टेबल पर रख दिया,,,,,

माँ सोनिया ऑर कविता अपनी बातों मे लगी हुई थी तो मैने लॅपटॉप ऑन किया ऑर गेम खेलने लगा ,,,सब अपनी मस्ती मे थे

मैने कॉफी ख़तम की ऑर आराम से लेट गया तभी माँ उठी ऑर उठकर रूम से बाहर जाने लगी,,,,अच्छा बेटी अब तुम यही
बैठ कर सोनिया से बात करो मैं थोड़ी देर मे आई,,इतना बोलकर माँ बाहर गई ऑर जाते टाइम सोनिया ऑर कविता की नज़रो से बच
कर मुझे इशारा कर गई नीचे आने का,,,,मैं भी 2 मिनट बाद उठा ऑर नीचे चला गया,,,,,मुझे पता था कविता के आने
से सोनिया के दिल लगा रहेगा ,,शोबा सो चुकी है तो माँ इस मोके का फ़ायदा ज़रूर उठाएगी,,,,ऑर वैसे भी कविता की वजह से
मैं काफ़ी गरम हो गया था या बोलू कि उसने मुझे काफ़ी गर्म कर दिया था,,,,वो मेरी सोच से कुछ तेज निकली,,,,

मैं नीचे गया तो माँ अपने रूम मे थी,,,,,,क्या हुआ माँ मुझे क्यू बुलाया,,,,,माँ अपनी अलमारी से कपड़े निकाल रही थी,,,

कुछ नही बेटा,,मुझे ज़रा मार्केट तक जाना है ये कुछ मेडिसिन लेके आनी है सोनिया के लिए ऑर साथ ही कुछ देर के लिए मुझे
अलका के पास भी जाना है,,,तू भी मेरे साथ चल,,,

लेकिन माँ अलका आंटी तो करण के नाना नानी के पास गई है ,,उसके नाना जी की तबीयत ठीक नही थी,,,,,करण ने बताया था मुझे

गई हुई थी बेटा लेकिन आज ही सुबह कुछ देर पहले वो वापिस आ गई है,,,,अब हमे उसके घर जाना है तेरे लिए एक खुश खबरी
है वहाँ पर,,,,,

क्या खुशख़बरी माँ ,,क्या वो मान गई है मेर साथ मस्ती करने के लिए,,,,,,मैने खुश होके माँ से पूछा,,,,,

मानी तो कब्से हुई है बेटा लेकिन अगर मस्ती करनी ही है तो क्यू ना थोड़ी ज्याद मस्ती के साथ की जाए,,,,थोड़ा तडपाया जाए
थोड़ा तरसाया जाए,,,,मेरे पास एक प्लान है ,,तू बस तैयार होके मेरे साथ चल फिर देख मैं क्या करती हूँ,,,,

मैं तो माँ की बात सुनके खुश ही हो गया,,कविता की वजह से मेरा बुरा हाल था ,,कविता से तो कुछ नही कर सका तो माँ
ने नीचे बुला लिया तो सोचा कि माँ के साथ मस्ती कर लूँगा लेकिन अब माँ ने भी मना कर दिया था,,लेकिन एक अच्छी बात थी कि
अलका आंटी तैयार थी मस्ती करने के लिए,,,मैं तो दिल ही दिल मे सोचने लगा कि जाते ही अलका आंटी को चोदना शुरू कर दूँगा,,
बेड पर नंगी कर लूँगा ऑर घुसा दूँगा अपना मूसल उनकी गान्ड मे,,,,

मैं जल्दी से तैयार हो गया ऑर माँ भी तैयार हो गई,,,,,,माँ उपर जाके कविता को बोल आई कि हम लोग सोनिया के लिए मेडिसिन लेने
जा रहे है ऑर फिर हम दोनो करण के घर की तरफ चल पड़े,,,,,,माँ ने रास्ते मे कुछ नही बताया मैने एक दो बार पूछा
भी कि माँ आपका प्लान क्या है लेकिन माँ कुछ नही बोली,,,,,

कुछ देर बाद हम करण के घर पहुँच गये,,,,मुझे बार बार ऐसा लग रहा था कि अलका आंटी नही आई होगी शायद
माँ का मूड होगा करण ऑर मेरे साथ मिलकर मस्ती करने का ,,ऑर हो सकता है शिखा भी हम लोगो का साथ दे लेकिन जब
हम लोगो के डोर बेल बजने पर अलका आंटी ने गेट खोला तो मैं हैरान हो गया,,,,लेकिन आंटी मुझे देख कर बहुत
खुश हो गई थी,,,,,,
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12-21-2018, 02:09 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
माँ आगे बढ़ कर अलका आंटी के गले लग गई ऑर दोनो ने एक दूसरे को हाई हेलो बोला,,,,अलका आंटी जब माँ के गले लग्के बात
कर रही थी तब भी उनका ध्यान मेरी तरफ ही था ,,आज वो कुछ अलग ही मूड मे लग रही थी,,उनकी आँखों मे अजीब चमक
ओर फेस पर एक खुशी थी,,,,माँ के गले से बाहें निकाल कर आंटी मेरी तरफ आई,,,,,

हेलो आंटी जी,,,लेकिन आंटी ने मेरी हाई हेलो का जवाब नही दिया बस सीधा मेरे गले लग गई,,,,,आज आंटी ने नाइटी ही पहनी
हुई थी,,,लेकिन आंटी तो सुबह वापिस आई थी तो नाइटी क्यूँ पहनी हुई थी,,क्या वो रात को वापिस आई थी,,,,मुझे कुछ समझ
नही आ रहा था,,लेकिन आज उनके बर्ताव मुझे कुछ अजीब लग रहा था,,,उन्होने जब मुझे अपनी बाहों मे भरा हुआ था
तब वो मुझे कस्के अपने साथ चिपका रही थी,,,उनके बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती से दब गये थे लेकिन फिर भी वो थोड़ा
ज़ोर लगा रही थी,,,,,,मैने भी अपने बाहों को आंटी के जिस्म पर कस दिया ओर आंटी को अपने से चिपका लिया लेकिन तभी माँ
ने मुझे पीछे से हंस कर देखा ऑर ऐसा करने से मना किया तो मैने जल्दी से आंटी को अपनी बाहों से आज़ाद कर दिया ऑर
पीछे हट गया,,,,तभी आंटी ने मुझे हंस कर देखा ऑर वापिस अंदर की तरफ जाने लगी ऑर जाते हुए माँ का हाथ पकड़ कर उनको
भी अपने साथ ले गई,,,,मैं भी पीछे पीछे अंदर की तरफ जाने लगा ऑर मेरी नज़र पड़ी मेरे सामने मटक मटक कर चल
रही 2 भारी भरकम गान्ड पर जो लटके झटके मारते हुए मेरे सामने चल रही थी,,,,क्या बोलू कोन्सि गान्ड ज़्यादा मस्त थी
माँ की या अलका आंटी की,,,,,मेरा बस चलता तो दोनो को नंगी करने अभी गान्ड मे मूसल घुसा देता,,,,लेकिन माँ ने बोला
था कोई जल्दबाजी नही करनी इसलिए मैं क़ाबू कर रहा था खुद पर वर्ना तभी आंटी की गान्ड पर हाथ फेर देता जब
उनके गले लगा हुआ था ,,,,

मैं अंदर गया तो जाके सोफे पर बैठ गये जबकि माँ ऑर आंटी जी सामने वाले सोफे पर बैठ गई,,,,,,

आज कैसे आना हुआ दीदी,,,,,,अलका आंटी ने माँ से पूछा,,,,

कुछ नही अलका मैं तो तेरे पिता जी का मेरा मतलब करण के नाना जी का हाल चाल पूछने आई थी,,,पता चला था शोबा से कि
तुम उनके पास गई हुई हो,,क्या हुआ है उनको,,,

कुछ नही हुआ दीदी बस ओल्ड एज हो गये है तो कुछ ना कुछ प्रोबलम रहती है,,,,मैं गई थी उका हाल चाल पता करने आज सुबह
ही वापिस आई हूँ,,,,,वो करण ने जाना था ना अपने दोस्तो के साथ घूमने,,,,,

मैं साला सोच मे पड़ गया वो किस दोस्त के साथ घूमने गया है,,,,दोस्त तो बस मैं हूँ उसका ,,,,ऑर मुझे ही नही पता वो
कहाँ गया है,,,,,,मैं इतना परेशान था कि आंटी से पूछने ही लगा था कि तभी माँ आने मुझे चुप रहने को बोला,,,,

कहाँ गया है करण अलका,,,,

आपको तो पता होगा दीदी ,,,सन्नी ने बताया होगा,,,,कॉलेज की तरफ से कुछ दोस्त गोआ घूमने जाने वाले थे ,,

हां मुझे बताया था सन्नी ने मैं भूल गई,,,,,माँ ने ऐसा बोला तो मुझे कुछ समझ नही आया ,,कॉन्सा गोआ कोन्से दोस्त
ये सब क्या हो रहा है,,,,,

सन्नी बेटा तुम क्यूँ नही गये गोआ,,,करण भी उदास था तेरे बिना जाने पर,,,,तू चला जाता तो उसको अच्छा लगता,,,

मैं कुछ बोलता इस से पहले माँ बोलने लगी,,,,,ये भी जाना तो चाहता था लेकिन कुछ दीनो मे इनके टेस्ट शुरू होने वाले है
तो मैने सोचा इसको नही जाने देती,,,,वैसे भी पहले ये कुछ दिन गाओं रहके आया था तो बहुत छुट्टियाँ हो गई थी इसकी,,,माँ
ने ऐसा बोला तो मुझे हल्का हल्का समझ आने लगा कि ये सब माँ की प्लानिंग होगी,,,,लेकिन करण कहाँ गया ऑर शिखा दीदी
कहाँ है वो तो आज बुटीक पर भी नही आई,,शोबा दीदी ने बताया था मुझे,,,,लगता है शोबा दीदी को भी इसके बारे मे
कुछ नही पता होगा,,,,

चलो कोई बात नही ये नही गया तो क्या हुआ,,,,,वैसे चला जाता सन्नी भी तो करण खुश हो जाता,,,,वो भी बोल रहा था कि
टेस्ट से पहले कुछ मस्ती करने का दिल कर रहा है ,,,इसलिए मैने भी नही रोका उसको,,,,,

अच्छा बोलो दीदी आपके लिए चाइ लेके आउ या कॉफी ,अलका आंटी ने माँ से पूछा,,,

मुझे कुछ नही लेना अलका,,,थन्क्ष्क्ष्क्ष,,,मैं तो सोनिया की मेडिसिन लेने आई थी तो सोचा तेरे से भी मिलके चलती हूँ,,,सो
यहाँ आ गई,,,,

सोनिया को क्या हुआ दीदी,,,,,अलका परेशान होके बोली,,,,,

कुछ नही गर्मी की वजह से बुखार हो गया है,,,सारा दिन स्टडी की टेन्षन मे खाना पीना भी भूल जाती है अब पेट मे
गर्मी हो गई तो बुखार हो गया,,,,उसके लिए ही आई थी मैं बाज़ार,,,,,

हयी राम इतनी प्यारी बच्ची को बुखार हो गया,,,,घर तो सुना सुना हो गया होगा उसके बिना,,,,

हाँ सही बोला अलका ,,जबसे वो बीमार हुई है घर सुना सुना हो गया है,,,,,कल से हम लोग एक रूम मे ही बैठे हुए है
रात भर तो ठीक से सोए भी नही,,,डॉक्टर ने ठंडे पानी की पट्टियाँ करने को बोला है,,,,बस उसी मे लगे हुए थे,,,ये तो अब
मेडिसिन लेनी थी ओर सोनिया भी पहले से बेहतर हो गई थी ,,,उपर से उसकी दोस्त कविता आ गई तो दोनो बैठ कर बातें करने
लगी,,मैं सोचा अच्छा हुआ कविता आ गई मुझे घर से बाहर आने का मोका तो मिला ऑर वैसे भी दिल बहल जाएगा सोनिया का
जब कुछ बातें कर लेगी कविता से,,,,

दीदी आपका अच्छा है ,,कुछ तो दिल बहल जाएगा लेकिन मेरा तो दिल उदास हो गया है,,,,इधर करण चला गया दोस्तो के साथ गोआ
उधर शिखा बोल रही थी कुछ दिन घर नही आएगी,,,,शोबा के साथ बुटीक पर ही रहेगी कोई बड़ा ऑर्डर मिला है उनलोगो
को,,,उसी के लिए कुछ दिन बिज़ी रहने वाली है ऑर शोबा के साथ ही रहेगी,,,,

ये तो अच्छा है ना,,,काम करेगी तो दिल लगा रहेगा उसका,,,,,

उसका दिल तो लग जाएगा लेकिन मेरा क्या होगा दीदी,,,,मैं तो अकेली हूँ घर पे,,,,,मुझे अकेले रहने की आदत नही है,,

अकेले रहने मे क्या डरना पगली,,,,अच्छा अगर ज़्यादा ही डर लगता है तो बोलो मैं आ जाती हूँ तेरे साथ रहने को जब तक
करण नही आ जाता,,,,,,,माँ ने हंस कर बोला,,

ये ठीक है दीदी,,,,,,,,आप आ जाओ ,,,दिल भी लगा रहेगा ऑर टाइम भी पास हो जाएगा,,,,अलका आंटी ने भी मज़ाक मे बोला,,,,,

नही रे पगली मैं कहाँ आ आसक्ति हूँ,,,,,घर पे इतना काम जो होता है ,,,तेरे घर पे तो काम वाली आती है लेकिन मैने
तो कोई काम वाली भी नही रखी,,अगर रख लेती तो सारा काम वो कर देती ओर मैं सारा दिन बोर होती रहती,,,,अब घर के काम
करती हूँ तो दिल लगा रहता है,,,,,

मैने मन ही मन सोचा माँ तूने काम वाली को इसलिए नही रखा क्यूकी घर मे हर टाइम चुदाई का प्रोग्राम जो चलता रहता
है ,,अगर काम वाली रख लेती तो प्रोग्राम कैसे करती ,,,मामा ऑर विशाल के साथ,,,,,,,,,,,ऑर अब मेरे साथ भी,,,,



मेरे घर भी कहाँ आती है कोई कामवाली ,,एक आती है जो सुबह 9 से 11 तक रहती है,,,,सॉफ सफाई करती है ऑर कपड़े धो जाती है
बाकी किचन का काम तो मैं खुद ही करती हूँ,,,,,वो भी थोड़ा ही काम है बाकी सारा दिन बोर होती हूँ,,,,आप आ जाओ ना
यहाँ रहने दीदी ,,,,,,बस कुछ दिन की बात है जब तक करण नही आ जाता,,,,मेरा टाइम पास हो जाया करेगा,,ऑर सबसे बड़ी
बात की मुझे रात मे अकेले बहुत डर लगता है,,,मैं तो अपने रूम मे भी सोने से डरती हूँ अकेले मे,,,,वो तो बच्चे घर
होते है तो टेन्षन फ्री होके सो जाती हूँ,,,,,,प्ल्ज़्ज़ दीदी आ जाओ ना आप कुछ दिन की बात है,,,,,करण आएगा तो आप चली जाना,,


नही अलका मैं नही आ सकती लेकिन तेरे डर का एलाज़ ज़रूर कर सकती हूँ,,,,,मैं नही तो क्या हुआ ये सन्नी तो है ना,,इसको
अपने घर पे रखले कुछ दिन,,,,फिर तो ठीक है ना,,,,

अब मैं समझ गया सारी बात ,,ये माँ का प्लान था मुझे अलका आंटी के साथ रखने का,,ताकि मैं अलका आंटी को तडपा
तडपा कर मस्ती कर सकूँ,,,,,,लेकिन करण कहाँ गया था,,,,कहीं वो अपनी रितिका के साथ तो नही गया,,,,,

सन्नी को,,,,,,,,,क्या ये रहेगा मेरे घर पे,,,,आंटी ने मेरी तरफ देखते हुए बोला,,,,ऑर मैने माँ से पहले ही जवाब दे दिया

हां क्यू नही आंटी जी अगर आपको डर लगता है तो मैं यहाँ रहने को तैयार हूँ,,,,अगर मेरी माँ अकेली होती तो करण भी
मेरी माँ आके साथ रुकने को तैयार हो जाता तो फिर मैं क्यू नही,,,,

मेरी बात सुनके अलका आंटी खुश हो गई लेकिन मेरी माँ मेरी बात से ज़्यादा खुश लग रही थी,,,,,

हां तो सन्नी बेटा तुम कॉन्सा करण से कम हो ऑर अलका आंटी को अपनी ही माँ समझो ऑर इनके साथ रहो,,ताकि इनको कोई डर नही
लगे ना ही दिन को ऑर ना ही रात को,,,,

थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी बेटा मेरे साथ रहने के लिए,,तुम ना होते तो मैं तो अपने ही घर मे डर डर के रहती ,,,,ऑर शिखा को कभी रात को बुटीक पर नही रहने देती,,,,,,

चलो अब तेरी प्रोबलम दूर हो गई अलका ,,अब मैं चलती हूँ,,,,,माँ उठी ओर अलका आंटी को बाइ बोलके जाने लगी मैं भी
साथ मे बाहर की तरफ चल पड़ा,,,,,,

अच्छा अब मैं चलती हूँ अलका ,,,ऑर जितना जल्दी हो सके सन्नी को भेज देती हूँ तेरे घर,,,,,

ठीक है दीदी लेकिन जल्दी भेजना ,,मेरे को अकेले मे डर लगता है,,,,

मैं सोचा जब करण कॉलेज जाता है ऑर शिखा बुटीक जाती है तब किसको रखती है घर पे अपना डर दूर करने के
लिए,,,,साली कामिनी कितनी ओवेरक्टिंग कर रही है,,,,,,

मैं घर से बाहर की तरफ जा रहा था तभी मैं वापिस पलट कर देखा तो अलका आंटी ज़रूरत से ज़्यादा ही खुश लग रही
थी,,,,,,


मैने माँ को साथ लिया ओर वहाँ से चल पड़ा,,,,,,,,,,,,

माँ ये सब क्या था,,,,,,,,ऑर करण कहाँ है,,,,,,

करण शिखा के साथ बुटीक पर है ऑर कुछ दिन वहीं रहेगा,, जब तक तेरी भुआ वापिस नही आ जाती,,,,मुझे कल रेखा
का फोन आया था कि गीता ऑर अशोक कुछ दिन वहीं रुकने वाले है कुछ काम है उन लोगो को वहाँ पर,,,,अब जब तक
गीता ऑर अशोक नही आ जाते तब तक शिखा ऑर करण बुटीक पर ऑर तू अलका के साथ घर पर,,,,,जितनी मर्ज़ी मस्ती करना लेकिन
एक दम से नही थोड़ा तडपा तडपा कर,,,,,,वो तैयार है तेरे साथ सोने के लिए बट ज़रा प्यार से सोना तू,,,,जल्दबाज़ी करके नही,,,,

ठीक है माँ समझ गया,,,,,मैं अभी घर जाके कपड़े लेके अलका आंटी के पास आ जाता हूँ,,,,,,,,,,,,

अभी आ जाना लेकिन बोला है तुझे जल्दबाज़ी मत करना,,,,,क्यूकी तरसाने ऑर तडपाने मे जो मज़ा आता है उसकी बात ही अलग होती है

ठीक है माँ,,,,,,समझ गया अब मैं बच्चा नही हूँ जो बार बार बता रही हो,,,,,,

बच्चा तो है तू मेरा तेरे को समझाना तो मेरा फ़र्ज़ है क्यूकी तू कुछ ज़्यादा ही नटखट हो गया है ,,इतना बोलकर माँ ने
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर हलके से दबा दिया,,,,,

क्या करती हो माँ हम लोग रोड पर जा रहे है कोई देख लेगा,,,,,तभी माँ ने हाथ पीछे कर लिया,,,,,,क्या करूँ बेटा आज बहुत
खुजली हो रही है,,,,,तेरा मामा भी ठीक नई है 1-2 दिन से,,,पता नही क्या हुआ है,,,,अब तू ही कुछ कर सकता है इस खुजली का,,,

ठीक है माँ घर जाके देखता हूँ कि कितनी खुजली हो रही है,,,,,

लेकिन बेटा घर पे तो सोनिया है ऑर साथ मे कविता भी,,,,,तो घर पे मस्ती कैसे होगी,,,,

तो आप ऐसा क्यू नही करती माँ बुटीक पर क्यू नही चली जाती,,,,,वहाँ तो शिखा ऑर करण भी है,,,,,दोनो के साथ मस्ती
कर लेना,,,,,,

हाँ ये ठीक है बेटा,,,,बड़ी अच्छी बात बोली तूने,,,,,अब जल्दी कर मेरे से रहा नही जाता,,,,,मेडिसिन लेते है फिर तू मुझे
बुटीक पर छोड़ देना ऑर खुद घर चला जाना,,,,ऑर सोनिया को बोल देना कि मैं अलका आंटी के घर पर हूँ ऑर जब कविता
ने जाना हुआ तो मुझे फोन कर देना,,,,,

ठीक है माँ,,,,,,,,,,,,,,,उसके बाद हमने मेडिसिन ली ऑर मैने माँ को बुटीक पर छोड़ दिया ऑर खुद घर आ गया,,,,घर
आके मैं बेल बजाई ऑर दरवाजा खुलने की वेट करने लगा,,,,,तभी मेरा ध्यान गया कि शोबा दीदी की अक्तिवा नही थी घर पे,,

कविता ने आके दरवाजा खोला,,,अरे ब्लॅकी तू अकेला आ गया आंटी जी कहाँ है,,,,,
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