Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-20-2018, 04:05 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अमित,,,,,,,,,,,,साला यही पंगा होता है शरीफ लड़कियों का,,,,,,,,,पहले बात करने से डरती है ऑर फिर 
खाने पीने मे भी बहुत टाइम लग जाता है,,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,क्या भाई आपको भी कोई शरीफ लड़की तंग कर रही है क्या,,,,

अमित,,,,,,,हाँ सन्नी एक है साली बहुत भाव खा रही है,,,,,,लेकिन तू टेन्षन मत ले एक ना एक दिन साली को तब
तक ख़ाता रहूँगा जब तक दिल नही भरेगा,,,,,,,ऑर फिर छोड़ दूँगा,,,,,

सन्नी,,,,,,,,कॉन है अमित सर वो,,,,,,,,,,

अमित,,,,,,,तू उसकी टेन्षन छोड़ तू बता तेरे वाली कॉन है,,,,,

मैं सोचने लगा कि अब किसका नाम लूँ,,,,,,,,तभी मेरे दिमाग़ मे हमारी क्लास की एक लड़की जिसका नाम
सपना था ,,,,बहुत ज़्यादा शरीफ ऑर स्टडी मे सबसे आगे,,,,,,,

सन्नी,,,,,सर वही सूपना जो क्लास मे फर्स्ट आती है,,,,,

अमित,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे बापू क्या मस्त आइटम पे नज़र है तेरी,,,,,,,सही जा रहा है तू,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,अच्छा भाई अब आप भी बताओ ना आपके वाली शरीफ आइटम कॉन है,,,,,,,,जो आपको तंग कर रही है

अमित,,,,,,,,,किसी को बताएगा तो नही तू,,,,,,,

सन्नी,,,,,सर मुझे आपकी हेल्प चाहिए तो भला मैं आपकी बात किसी को कैसे बता सकता हूँ,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,तो ठीक है,,,,,,,,,,,,,,,वो तेरे उसी हरामी दोस्त करण की बेहन है शिखा,,,,,,,,,जो अपने कॉलेज की
कुछ बेहतरीन लड़कियों मे गिनी जाती थी,,,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,सच मे सर,,,,,,,वो आपको तंग कर रही है क्या,,,,,,,,लेकिन मैने तो आपको कई बार देखा है
उसके साथ घूमते हुए,,,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,हाँ यार बस घूमना फिरना ही होता है,,,,,,,,साली कभी कुछ करने का मोका ही नही देती,,,,यहाँ
तक कि मूवी देखने जाती है तो भी कॉर्नर सीट पर नही बैठती,,,,,,,,,दुखी किया हुआ है साली ने,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,सर ऐसी लड़की को कैसे सेट किया जाता है मुझे भी बता दो प्ल्ज़्ज़,,,,मुझे भी सपना के साथ 
सेट्टिंग करनी है,,,,मेरी हेल्प करो ना अमित सर,,,,,

अमित,,,,,,,,,ऐसी लड़कियों के साथ प्यार से पेश आओ,,,,,,,हमेशा उनकी बात सुनो,,,,,,,उसकी इज़्ज़त करो,झूठ
मूठ ही सही,,,,,,,ऑर जिस दिन पिटारी मे बंद हो जाए जी भरके खाओ,,,,,,,

सन्नी,,,,,लेकिन सर अगर वो नही माने तो,,,,,

अमित,,,उसका एक ही इलाज है ,,,,,,,जब भी उसके साथ हल्का फूलका कुछ करो तो मोबाइल पर उसकी वीडियो बना लो
बाद मे कुछ भी कर सकते हो उसके साथ,,,,उसी वीडियो के दम पर,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,सर अगर वो मोबाइल पर वीडियो नही बनाने दे तो क्या करना चाहिए,,,,,,,,,

अमित,,,,,,तू तो सच मे बच्चा है सन्नी,,,,,,,,,,अगर मोबाइल पर वीडियो नही बनाने देती तो मोबाइल को कहीं
ऐसी जगह छुपा दो जहाँ उसको पता नही चले,,,,या कोई छोटा हॅंडीकॅम यूज़ करो इस काम के लिए,,फिर
सब ठीक हो जाता है,,,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,सर आप भी ऐसा करते हो क्या,,,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,,हाँ करता हूँ ना,,,,,,तुझे तो पता है इसी काम के लिए तो बदनाम हूँ मैं कॉलेज मे,,
लेकिन फिर भी लड़कियाँ मेरा यकीन कर लेती है,,,,,,जैसे अभी शिखा ने किया है,,,,,,,,,,वो भी साली कुछ ज़्यादा
ही शरीफ बनती है,,,,,,,,एक दिन ऐसी शराफ़त निकालूँगा उसकी याद रखेगी,,,,,,,,

सन्नी ,,,,,,,,वो कैसे सर,,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,बस कुछ ऐसा किया है मैने जिस से मैने उसको पूरी तरह बॉटल मे बंद कर लिया है,,,

सन्नी,,,,,,,,,क्या किया है अमित सर मुझे भी बता दो मेरी कुछ हेल्प हो जाएगी,,मुझे भी किसी तरह से सपना
के साथ वो सब करना है,,,,,,,,

अमित,,,,,,आ गया ना तू भी लाइन पर,,,,तो तुझे भी प्यार व्यार नही है तुझे भी मज़ा लेना है बस,,,,

सन्नी,,,,,,,,बताओ ना क्या करूँ मैं अमित सर,,,,,,

अमित,,,,,,,,,,देख मैं तेरी हेल्प कर दूँगा,,,लेकिन एक शर्त पर,,,,,

सन्नी,,,,,,,,क्या शर्त अमित सर,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,,,यही शर्त कि जब तू उसको थोड़ा चख लेगा तो बाद मे मुझे भी मोका देगा उसको चखने 
का,,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,लेकिन वो कैसे सर,,,,,,,,,,सपना नही मानेगी इसके लिए,,,,,,,,

अमित,,,,,वो मान जाएगी ,,,,,,लेकिन तू बता तू तैयार है क्या इसके लिए,,,,,,,,,,,जो मैं बोलूं करेगा तू

सन्नी,,,,,,,जी अमित सर उसके साथ सेक्स करने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ,,,,,,,,,,

अमित,,,,ठीक है तो पहले उस से दोस्ती कर ऑर जब दोस्ती हो जाए तो मोका देख कर दिल की बात बोल देना,,अगर
गुस्सा हो गई तो जाने देना,,,,,,ऑर अगर मान गई तो उसको कहीं लेके जाना,,,किसी रूम मे उसके घर या अपने
घर,,,,ऑर जब उसके साथ हेप्की पेंकी करले लगे तो पहले से एक जगह पर कॅम छुपा देना ऑर उसकी वीडियो बना
लेना ,,,,एक बार वीडियो बन गई उसके बाद तू कुछ भी कर सकता है ,,,ऑर अपने किसी दोस्त को भी चूत दिलवा
सकता है उसकी,,,,,

सन्नी,,,,,क्या ऐसा हो सकता है सर,,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,हाँ हो सकता है सन्नी,,,,,,,मैने भी तो किया है कई बार,,,,,,,,,,,ऑर अब भी किया है शिखा के 
साथ,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,क्या किया उसके साथ अमित सर,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,मैने उसकी एक ऐसी ही वीडियो बना ली है जिस से मैं उसको ब्लॅकमेल कर सकता हूँ,,,,,,फिर जो दिल
करे कर सकता हूँ,,,,,,,,,वो मना नही कर सकती,,,,,,,,

इतना सुनकर शिखा मेरे हाथ से फोन लेके अमित को गुस्से मे गाली देना चाह रही थी लेकिन मैने मोबाइल को दूर कर
लिया ऑर जल्दी से शिखा के मूह पर हाथ रख दिया ताकि वो कुछ बोल नही सके ,,,

सन्नी,,,,,,,,,,सच मे सर,,,,आपने वीडियो बना ली उसकी,,,,,,,,,

अमित,,,,हाँ बना ली है,,,,,,,अब वो पिटरी मे बंद हो चुकी है,,,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,सर क्या आप मुझे भी शिखा की चूत दिलवा सकते हो,,,,,,,

शिखा दीदी अब तक पूरे गुस्से मे थी अगर अमित अभी उनके सामने होता तो दीदी सच मे उसका खून कर देती,,

अमित,,,,,,,,हाँ क्यू नही,,,,,,वैसे मेरे ऑर भी 2 दोस्त है जो उसकी चूत लेने को बेकरार है,,,तेरा भी नंबर
लगवा दूँगा,लेकिन पहले तू सपना से मेरा काम करवाना उसके बाद तेरी बारी आएगी,,,,,,,,,,

सन्नी,,,ठीक है सर मैं कोशिश करता हूँ,,,,,,,,ऑर जैसे ही कुछ होता है मैं आपको फोन करता हूँ,,,
मैने फोन कट कर दिया,,,,,,,,,

मैने दीदी की तरफ़ देखा तो उनके चेहरे पर गुस्सा ऑर आँखों मे आँसू थे,,,,,,,,,मैं इस अमित को नही
छोड़ने वाली,,,जान से मार दूँगी इसको,,,,,,,खून पी जाउन्गी अमित का,,,,,,,,,,,मैने उसपे इतना यकीन किया
ऑर वो हरामी ऐसा निकला,,,,,,दीदी रोते हुए गुस्से मे अमित को गालियाँ दे रही थी,,,,,,,,

तभी मैं उठा ऑर बाहर जाके अपना बॅग लेके अंदर आ गया,,,बॅग मे से मैने लॅपटॉप निकाला ऑर खोलकर दीदी
के पास बैठ गया,,,,,,,,दीदी ने अपनी आँखों से आँसू पोछे ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,,,,,,मैने जल्दी से
वही डेटा वीडियोस प्ले की जो अमित ने बनाई थी,,,,,,,,

मैं--; देखो दीदी सिर्फ़ आप ही नही अमित ने ऐसे की लड़कियों को धोखा दिया है ,,ब्लॅकमेल किया है ,,,उनकी
ज़िंदगी बर्बाद की है,,,,,,,,,,

दीदी वीडियो देखने लगी,,,,,दीदी ने देखा उसमे उन लड़कियों की वीडियो भी थी जो ख़ुदकुशी कर चुकी थी,,,,,,
दीदी की आँखें फिर से नम होने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--;प्ल्ज़्ज़ दीदी आप मत रोना,,,,,,,,रोना तो अब इस अमित को है,,,,,मनमानी कर चुका ये अपनी,,,अब ऑर नही,,,,

दीदी भी गुस्से मे थी,,,मैं इसको छोड़ने वाली नही,,,जान से मार दूँगी इसको,,

मैं--नही दीदी जान से मारना इसका इलाज़ नही है इसको तो अपने करमो की सज़ा मिलनी चाहिए,,,,,,जान से मारना तो
बहुत छोटी सज़ा है इसके लिए,,,,,,,

दीदी--;फिर ऑर क्या करना चाहिए इसका इलाज़,,,,,,,,,,दीदी गुस्से मे मुझे बोली,,,,,,,

मैं--;अरे दीदी आप मेरे पर गुस्सा क्यूँ कर रही हो,,,,,,,,,,ऑर इसका इलाज़ अभी नही करना सही टाइम आने पर करना है,,,

दीदी--;तेरे पर गुस्सा क्यूँ नही करूँ,,,,,,,,,,तू भी तो अमित जितना ही कसूरवार है,,,उसने मेरी वीडियो बनाई लेकिन
ब्लॅकमेल तो तूने भी किया ना मुझे,,,,,,,,,,तो क्या फ़र्क है तेरे मे ऑर अमित मे,,,,,,,,

मैं--;सॉरी दीदी,,,,,,,मैं आपको ब्लॅकमेल नही करना चाहता था,,लेकिन आपके इस खूबसूरत जिस्म ने मुझे पागल
कर दिया था,,,,,,,मैं अपने होश खो बैठा था,,,,,,,,,,,,,आज से नही काफ़ी टाइम से मैं आपके करीब आना
चाहता था लेकिन कभी हिम्मत नही हुई,,,,,,,जब भी आपके इस भरे हुए जिस्म को देखता पता नही मुझे क्या
हो जाता,,,,

दीदी बड़े ध्यान से मेरी बातें सुन रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा सच मे तू मुझे इतना लाइक करता है

मैं--;हाँ दीदी,बहुत लाइक करता हूँ,,,,,,,कब्से सोचता था कि कब आपकी चूत मारने के मोका मिलेगा ,,कब आपके साथ
मस्ती कर सकूँगा,,,,,,,,,ऑर आज मोका मिल गया,,,,,,,,,

दीदी--अच्छा ऐसे मुझे ब्लॅकमेल करके मेरी चुदाई करके मज़ा आया तुझे,,,,,,,,

मैं--;सॉरी दीदी,,,,,,ब्लॅकमेल तो नही करना चाहता था लेकिन ऐसा मोका हाथ से भी नही जाने देना चाहता था,,,
ऑर मज़ा तो आप पूछे मत ,,,,,,,इतना मज़ा कभी नही आया मुझे ,,,,,,,,,जितना आपकी चूत मारने मे आया है
,,,क्या आपको भी मज़ा आया दीदी,,,,,,,,,,,

दीदी--;हाँ मुझे भी मज़ा आया सन्नी,,,,,लेकिन तूने जान निकाल दी मेरी,,,,,,कोई इतनी ज़बरदस्ती से चुदाई करता है
क्या,,,,,,,,,,,अगर मैं मर जाती तो,,,,,,,,,

मैं--;इतनी जल्दी नही मरने देता दीदी आपको,,,,,,,,,अभी तो ऑर भी चुदाई करनी है आपके साथ,,,,,,,,,अभी तो चूत मारी
है गान्ड का नंबर लगाना बाकी है,,,,,,,,,,

दीदी--;ना बाबा ना ,,चूत मे इतना बड़ा मूसल घुसा कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया तूने ऑर मेरी गान्ड की
तो सील भी नही खुली अभी तक,,,,,,,गान्ड मे तेरा मूसल लेके मरना है क्या मुझको.......

मैं--;सच मे दीदी आपकी गान्ड ने अभी तक किसी लंड का स्वाद नही चखा है क्या,,,,,

दीदी--;नही सन्नी,,,,,,,,,,अभी तक मेरी गान्ड मे लंड क्या उंगली भी नही घुसाइ है किसी की,,,,,,,

मैं--;फिर तो दीदी मैं ही सील खोलूँगा आपकी गान्ड की,,,,,,,,,,

दीदी--;ना बाबा मुझे मरना नही है,,,चूत की चुदाई करनी है तो ठीक लेकिन गान्ड को हाथ भी नही लगाने दूँगी

मैं--;ठीक है दीदी ,,,,,,,,,आज नही फिर कभी लेकिन अब एक बार चूत की चुदाई तो करने दो ना,,,,,,,

दीदी--;अच्छा कर लेना बाबा ,,लेकिन पहले ये बता कि इस अमित का क्या करना है अब,,,,,,,,,,जब तक इसको सज़ा नही दूँगी मुझ को चैन नही मिलना,,,,,,,

मैं--;इसका इलाज़ भी हो जाएगा दीदी,,लेकिन सही टाइम आने पर,,,,लेकिन आप एक बात बताओ पहले,,,,,,,इस वीडियो को तो मैं सुमित एक घर से ले आया जहाँ अमित ने एक हॅंडीकॅम छुपा कर रखा हुआ था,,,लेकिन क्या आपकी कोई ऑर
वीडियो उसके पास हो सकती है क्या,,,,,,,,,,क्या आप पहले कभी गई हो सुमित के घर,,या किसी ऑर रूम मे ,,,,

दीदी--;नही सन्नी,,,मैं उस दिन पहली बार गई थी सुमित के घर मे ,,,,,,वैसे हम लोग अक्सर माल या पार्क मे ही
घूमने जाते थे,,,,,,,,लेकिन उस दिन मैने शादी की बात करनी थी तो अमित बोला कि कहीं आराम से बैठ कर 
बता करते है,,,,,,,इसलिए वो मुझे उस घर मे ले गया,,,,,,,,,

मैं--;आपको पक्का पता है दीदी,,,,,,,,क्या उसने कभी मोबाइल पर आपको किस करते हुआ या कुछ ऑर करते हुए आपकी 
वीडियो नही बनाई,,,,,,,,,,,,

दीदी--;हाँ सन्नी मुझे पक्का यकीन है,,,हम दोनो ने आज तक एक बार ही किस की थी बस,,,वो तो हर मुलाकात पर
बस सेक्स के बारे मे सोचता था लेकिन मैने उसको सीधा मना कर दिया था कि शादी से पहले कुछ नही,,उस दिन
भी शादी की बात के लिए गये थे तो अमित ने बातों ही बातों मे मुझे यकीन करवा दिया कि वो मेरे से ही
शादी करेगा ऑर उसके यकीन की वजह से ही मैने वो सब किया था,,,,,,,,,,ऑर उसी दिन उसने मेरी वीडियो बना ली,,
ये तो अच्छा हुआ कि तुमने सही टाइम पर सही कदम उठा लिया वरना मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती,,,तूने आज 
मेरे साथ जो कुछ भी किया मुझे उसका गम नही,मुझे खुशी है कि तूने मुझे अमित का असली चेहरा दिखा
दिया,,,,,,,

मैं--;दीदी आपकी खुशी की ऑर मेरे ये सब कुछ करने की एक ही वजह है,,,,,,,,,,,,,करण,,,,,,,,,,,,,,उसी ने मुझे आपके
ऑर अमित के बारे मे बताया था ,,वो तो अमित को जान से मारने वाला था लेकिन मैने उसको समझाया ऑर आपको एक 
बार अमित से शादी की बात करने को बोला ऑर फिर आपसे कुछ दिन का टाइम माँगा ताकि हम अमित की पोल खोल सके आपके सामने,,,,,,,,,,

दीदी--;क्या करण को पता है मेरी वीडियो,,,,,,,,,दीदी ने बोला शुरू ही किया था कि मैने दीदी को चुप करवा दिया

मैं--;नही दीदी करण को कुछ नही पता इसके बारे मे,,,,,ऑर ना कभी पता लगेगा,,,वैसे दीदी वो आपकी बहुत फिकर 
करता है,,,,,,,,बहुत अच्छा भाई है वो आपका,,,पता है कितनी टेन्षन लेता है आपकी,,,,ऑर आप हो कि बार बार 
उसपे गुस्सा करती रहती हो,,,,

दीदी--;सॉरी सन्नी,,,मैं बहक गई थी अमित की बातों मे ,,,लेकिन अब तुम बेफिकर रहो,,अब मैं करण की 
किसी भी बात का गुस्सा नही करूगी,,,,,,,,,,,जितनी फिकर मेरी वो करता है उतनी ही फिकर अब मैं करूगी उसकी,,

मैं--;दीदी एक बात पुच्छू,,,,,,,,,,,,,,आपको मज़ा तो आया ना मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--;हाँ सन्नी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,

मैं--;तो फिर एक बार ऑर करे,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी शर्मा कर,,लेकिन पीछे से नही करना ऑर जब मैं बोलू मुझे छोड़ देना,,,,,,,,,,,,,

मैं--;ठीक है दीदी,,,,,,,,,,,,

करण ऑर उसकी माँ के आने से पहले मैने दीदी को 4 बार चोदा लेकिन उन्होने मुझे गान्ड नही मारने दी 
गान्ड का वादा किसी ऑर दिन हो गया,,,,लेकिन मैने दीदी की चूत को जबरदस्त तरीके से चोदा,,,,,,,दीदी की चूत
6 महीने मे उसके पति ने इतनी नही फाडी होगी जितनी मैने एक दिन मे फाड़ दी,,दीदी तो मेरे मूसल की दीवानी
हो गई थी,,दीदी ने बताया कि उसके पति का लंड तो 4 इंच का था बस,,जिस से टाइम ही पास होता था,,मज़ा तो दीदी
को मेरे 8 इंच के मूसल से आया था...जो अब शायद 8 इंच से भी थोड़ा बड़ा लग रहा था,,,,,
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12-20-2018, 04:05 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
रात को घर पहुँचा तो दिल बहुत खुश था,,आज एक नई चूत जो मिल गई थी,,वो भी शिखा जैसी मस्त लड़की की
जिसका कॉलेज मे हर कोई दीवाना था,,,,,उसकी मटकती गान्ड ऑर उछलते बूब्स देख कर 100 लंड का पानी तो
एसे ही निकल जाता होगा,,,,एक खुशी की ऑर बात थी कि अब वो भी मेरे लंड से आज दिनभर चुदि थी ऑर अब तो
मेरे लंड की दीवानी हो गई थी,,,चूत की खुशी मे इतना पागल हो गया था कि डिन्नर का भी याद नही था आज 
ऑर बस अपने रूम मे लेटा हुआ शिखा दीदी के बारे मे सोच रहा था,,,,,तभी शोभा दीदी मुझे डिन्नर के लिए
बुलाने आ गई,,,,,,,मैं नीचे गया तो वहाँ बस मामा ऑर माँ थी,,,,डॅड नही थे,,,तभी शोबा भी मेरे 
साथ वाली चेयर पर आके बैठ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-,मोम आज भी डॅड घर पर नही है क्या ,,,,,,,,,,,

माँ-नही बेटा वो तेरे डॅड आज भी ऑफीस के काम से बाहर गये है,,,कल सुबह आएँगे,,,,,
मैं-आज कल कुछ ज़्यादा ही बाहर जाने लगे है डॅड ,,,,,,,,,,,,,,,

तभी शोभा दीदी बोल पड़ी,,,,हाँ मोम आज कल कुछ ज़्यादा ही दिल लगा कर मेहनत करने लगे
है डॅड,,,तभी तो 10 दिन मे 6 दिन बाहर रहने लगे है,,,,,,,,

मैं समझ गया कि डॅड आज भी बुआ के बुटीक मे होंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी बुआ कहाँ है,,,आज तुमने बुआ के साथ डिन्नर क्यू नही किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी-बुआ भी आज कल कुछ ज़्यादा ही बिज़ी रहने लगी है सन्नी,,बुटीक पर कुछ ज़्यादा ही काम हो गया है,,,,,,,,,,

तभी माँ गुस्से मे बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,चलो अब चुप करके खाना खा लो बातें बाद मे कर लेना,,,,,,,

मैं ऑर दीदी चुप हो गये क्यूकी माँ सच मे गुस्सा हो रही थी,,,ये मज़ाक वाला गुस्सा नही था जब भी हम लोग
बुआ की बात करते तो माँ गुस्सा हो जाती थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर हम लोगो ने डिन्नर किया ,,,,,,,,,,,शोभा उपर
जाते टाइम मुझे मस्ती भरी हल्की सी आँख मार कर गई ,,,मैं समझ गया उसका इशारा क्या था,,,आज हम लोग 
अकेले थे उपर वाले फ्लोर पे,,ऑर उसका इरादा मस्ती करने का था,,,मैने भी माँ ऑर मामा से बचते हुए उसको
आँख मार दी,,,,मेरा दिल तो नही था चुदाई करने का क्यूकी आज शिखा की दिन भर चुदाई करके मैं थक गया 
था,,अब ऑर चुदाई करने की ताक़त नही थी,,लेकिन दिल अभी तक नही भरा था इसलिए तो शोभा के आँख मारने से
ऑर इस बात के ख्याल से ही कि हम दोनो अकेले है उपर वाले फ्लोर पे इसी बात से लंड मे एक मस्ती भरा जोश सा
भरने लगा था शायद इसी को कहते थे जवानी का जोश,,,ताक़त नही बची थी दिन भर की चुदाई करने के 
बाद लेकिन लंड महाराज तो फिर से ताक़त बटोरने लगे थे,,,,,,दीदी उपर चली गई ऑर मामा घर से बाहर
चला गया ,,सिगरेट पीने ही गया होगा ऑर क्या करना उस वहले ऑर नशेड़ी इंसान को,,,,,,,,,,,,,मामा ऑर शोबा के
जाते ही माँ अपनी चेयर से उठी ऑर मेरे पास आके मेरे साथ वाली चेयर पर बैठ गई,,,,,,,,आज तुम मेरे रूम 
मे सो जाओ,,,,मस्ती करेंगे हम तीनो मिलकर,,तुम मैं ऑर मामा,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे को एक किस की ऑर
हाथ भी लंड पर रखके उसको हल्का सा दबा दिया ,,,,,,,,,

माँ--अरे बाप रे ये तो पहले से ही मूड मे आ चुका है बेटा,,,,,,,

मेरा लंड शोबा दीदी की वजह से मस्ती मे आया था लेकिन माँ को लगा कि शायद उनकी वजह से आया था
,,वैसे माँ भी अपनी जगह ठीक थी क्यूकी शोभा की वजह से लंड हल्की मस्ती मे आया था जबकि माँ की वजह से'
इतना ज़्यादा हार्ड होने लगा था कि नसों मे भी हल्का दर्द होने लगा था,,,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता माँ 
ने मेरे लिप्स को किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ ही लंड को भी हल्के हल्के हाथ से सहलाने लगी,,,,,तभी मैं
एक दम से चेयर से उठ गया,,,,,,,,,,,,

माँ-क्या हुआ बेटा,,,,,,,,,,,,,

मैं-माँ आज मूड नही है आज बहुत थक गया हूँ,,

माँ-तो चलो मेरे रूम मे बेटा सारी थकान दूर कर देती हूँ,,,,,,,,,

मैं--नही माँ आज नही,,इतना बोल कर मैं भी अपने रूम की तरफ उपर चला आया,,,,,,
मेरे इनकार की वजह से माँ थोड़ी उदास हो गई थी,,,,,ये बात नही थी कि मैं मा को नही चोदना चाहता था ऑर माँ से ज़्यादा मुझे शोभा की चुदाई अच्छी लगती थी,,,बात तो ये थी कि माँ के पास तो आज मामा सो जाएगा लेकिन शोबा को बेचारी को उंगली से या नकली लंड से काम चला पड़ेगा

इसलिए मैं माँ को मामा के साथ छोड़ कर उपर दीदी के पास चला गया,,,,मैं सीधा दीदी के रूम मे ही गया
क्यूकी मुझे पता था माँ ऑर मामा तो जल्दी से अपने रूम मे चले जाएँगे ऑर वो उपर नही आने वाले,,इसलिए
बिना किसी डर के मैं भी शोभा के रूम मे चला गया,,शोबा के रूम का दरवाजा पहले से खुला हुआ था ऑर
मैं अंदर चला गया अंदर जाते ही मैने दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया,,,,,दीदी रूम मे नही थी तभी
मुझे बाथरूम के दरवाजे पर नंगी भीगी हुई दीदी नज़र आई जो दरवाजे के साथ शोल्डर लगा कर खड़ी हुई
थी,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--इतना टाइम क्यूँ लगा दिया आने मे सन्नी,,,,इतना बोलकर ही दीदी नंगी चलके मेरे पास आ गई,,,,


उसका भीगा हुआ संगमरमर जैसा गोरा ऑर चिकना बदन देख कर मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया
,,लंड पहले से ही हार्ड था लेकिन दीदी को ऐसे देख कर उसके बर्म्यूडा के उपर से तंबू बना दिया था ऑर अब
उस तंबू मे तेज़ी से हलचल होने लगी थी दीदी के नज़र भी तंबू मे होने वाली हलचल की तरफ थी,,,,,,,,,,

दीदी अभी मेरे से थोड़ी दूर थी मैने जल्दी से अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए,,,जितनी देर मे दीदी ने 10-12
फीट का फंसला तय किया उतनी देर मे मेरे कपड़े ज़मीन पर थे,,,,,मुझे तेज़ी से कपड़े उतारते देख दीदी हल्की
मुस्कान देते हुए मेरे करीब आके खड़ी हो गई थी,,,,,,,इस से पहले मैं दीदी के पूछे हुए सवाल का कोई 
जवाब देता दीदी ने अपने लिप्स को मेरे लिप्स मे जाकड़ लिया,,,,मैं तो पहले से ही पागल हो चुका था दीदी का 
नंगा ऑर भीगा हुआ बदन देख कर ,,मैने दीदी के लिप्स के अपने लिप्स के साथ टच होते ही दीदी के लिप्स को कुछ
इस कदर चूसना शुरू किया जैसे मैं उसके लिप्स को उनके फेस से अलग ही कर देना चाहता हूँ,,,ऑर साथ ही दीदी
के भीगे बदन को अपनी बाहों मे ले लिया लेकिन दीदी के चिकने ऑर पानी से भीगे बदन पर मेरी पकड़ नही
बन रही थी क्यूकी पानी की वजह से चिकनाहट कुछ ज़्यादा हो गई थी,,,,,दीदी के हाथ भी मेरे लंड पर पहुँच
गया था,,,,दीदी ने मेरे हार्ड लंड को पकड़ा ऑर लिप्स से लिप्स हटा कर पीछे हो गई,,चिकने बदन से मेरे भी हाथ
फिसल गये थे ऑर दीदी थोड़ा पीछे हट गई थी,,दीदी ने मेरी तरफ वासना भरी नज़र से एक पल देखा ऑर फिर
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ कर बेड की तरफ चलने लगी,,,,,,

जहाँ मेरे ऑर सोनिया के रूम मे मेरा ऑर सोनिया का बेड अलग अलग था वहीं दीदी ऑर बुआ के रूम मे एक ही बेड था ,,दोनो एक ही बेड पर सोती थी,,,,दीदी ने मेरे लंड को पकड़ कर रखा ऑर मुझे बेड पर बिठा दिया ,,मैं टाँगे ज़मीन पर रखे बेड की लास्ट मे बैठ गया था ऑर मेरे लंड को पकड़े मेरी खुली टाँगों के बीच दीदी ज़मीन पर बैठ गई थी ऑर एक ही पल मे ज़मीन पर बैठते ही दीदी ने लंड को मुँह मे ले लिया था ऑर लेटे ही सर को भी उपर नीचे करना शुरू कर दिया था पता
चल रहा था कि दीदी किस तरह मस्ती मे भरी हुई थी ,,,,क्यूकी लंड चूसने के अंदाज ऑर रफ़्तार से पता चल
रहा था वो कितनी बेताब थी मेरे लंड को मुँह मे लेने के लिए,,,,,,,,मैं भी मस्ती के सफ़र पर चल पड़ा था 
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12-20-2018, 04:05 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया ऑर पीछे बेड पर गिर गया ऑर लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा,दीदी ने मेरे
लंड को एक हाथ से लकड़ा हुआ था ऑर हाथ को हल्के से उपर नीचे कर रही थी ऑर साथ ही एक हाथ से मेरी बॉल्स को 
सहला रही थी ,,,,हाथ की पकड़ से जो बाकी का लंड बचा हुआ था दीदी उस पूरे लंड को मुँह मे ले रही थी मेरा
लंड बहुत बड़ा था हाथ मे पकड़े होने की वजह से पूरा लंड तो मुँह मे नही जा रहा था लेकिन फिर भी मेरा
लंड दीदी के गले से टकरा रहा था,,,दीदी के मुँह से थूक निकल कर नीचे की तरफ बहने लगा था जिसस से उस
हाथ को भी चिकनाहट मिलने लगी थी जो मेरे लंड को सहला रहा था ऑर थूक इतना ज़्यादा बह रहा था कि मेरी
बॉल्स पर पहुँच गया था ओर बॉल्स भी चिकनी होने लगी थी ऑर एक हाथ बॉल्स को भी सहला रहा था तभी दीदी ने
लंड को मुँह से निकाला ऑर मेरी बॉल्स को मुँह मे भर लिया,,,,दीदी के एक करके मेरी बॉल्स को मुँह मे भरके बड़े
प्यार से चूसने लगी ऑर साथ ही दोनो हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी,,,लंड थूक से चिकना हो गया था ओर
दीदी के दोनो हाथ भी पूरे चिकने हो गये थे जिसस वजह से लंड पेर चिकनाहट भरी पकड़ बनी हुई थी ऑर हाथ
भी तेज़ी से फिसलते हुए उपर नीचे हो रहे थे,,,मैं बस बेड पर लेटा हुआ मस्ती के सफ़र को एंजाय कर रहा 
था,,,

कुछ देर बाद दीदी उठी ऑर मेरे करीब आ गई,,,,,मुझे लंड की चुस्वाई मे बहुत मज़ा आ रहा था दीदी के
मेरे पास आते ही मैने दीदी को देखा ऑर नज़रो ही नज़रो मे पूछा कि लंड को चूसना क्यू बंद किया ,,,दीदी ने
भी जवाब मे जल्दी से अपने सर को वापिस पलट कर मेरे लंड की तरफ कर दिया ऑर टाँगे खोलकर अपनी चूत को
मेरे लिप्स के पास कर दिया,,,मैने भी एक पल की देर किए बिना दीदी की गान्ड पर अपने हाथ रखे ऑर दीदी चूत 
को अपने अपने लिप्स के बेहद करीब खींच लिया ऑर जल्दी से मुँह मे भर लिया,,,,कुछ ही देर मे दीदी की चूत के
छोटे छोटे लिप्स मेरे मुँह मे थे ओर मैं मस्ती मे दीदी की चूत के लिप्स को मुँह मे भरके चूसने लगा ऑर
हल्के से काटने लगा,,,,,जब भी मैं दीदी की चूत पर हल्के से काट-ता था तभी दीदी भी मेरे लंड की टोपी पर 
हल्के से काट देती थी,,,दोनो को मस्ती कुछ ज़्यादा की चढ़ गई थी ऑर ऐसे एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट पर हल्के-2
दाँत लगने से दोनो की मस्ती ऑर भी ज़्यादा बढ़ जाती थी,,,दाँत से काटने के बाद जैसे मैं दीदी की चूत को 
कुछ पल क लिए पूरा मुँह मे भर लेता ऑर चूसने लग जाता था वैसे ही दीदी भी लंड को पूरा मुँह मे घुसा 
लेती थी कि मेरा लंड उनके गले से अंदर तक चला जाता था ऑर वो वैसे ही गले से नीचे तक लेके मेरे लंड पर 
अपने सर को उपर नीचे करते हुए मुझे डीपतरट का मज़ा देने लग जाती थी,,,दीदी की चूत का नमकीन पानी
मुझे भी पागल कर रहा था जब भी मैं दीदी की चूत को पूरा मुँह मे भरता था तो दीदी की चूत मस्ती मे 
थोड़ा सा पानी निकालने लग जाती थी जिसको मैं बड़े प्यार से हलक से नीचे उतार लेता था,,,


मैने अपनी दोनो हाथों से दीदी के गान्ड को पकड़ा हुआ था जिस से मेरी उंगलिया दीदी की गान्ड वाले होल पर टच कर रही थी 
मैने गान्ड के होल को सहलाना शुरू कर दिया था फिर दोनो हाथों से गान्ड को थोड़ा खोल कर गान्ड के 
होल मे उंगली घुसा दी,,,दीदी मस्ती मे थी जिस वजह से गान्ड का होल खुद-ब-खुद भी थोड़ा खुल गया था ऑर
मेरी एक हाथ की एक उंगली आराम से अंदर चली गई थी तो मैने जल्दी से दूसरे हाथ की एक उंगली भी दीदी की गान्ड
मे घुसा दी थी ऑर दोनो उंगलियों से गान्ड के होल को थोड़ा ऑर ज़्यादा खोल दिया फिर दोनो हाथों की 2-2 
उंगलियाँ गान्ड मे घुसा दी,,गान्ड मे 4 उंगलिया घुस गई थी ऑर मैं दोनो हाथों से उंगलियों को अंदर
बाहर करने लगा,,दीदी भी मस्ती मे लंड को तेज़ी से चूसने लगी थी,,,,फिर कुछ देर बाद दीदी मेरे उपर से 
हट गई,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--अब ऑर नही तड़पना मुझे जल्दी अपना मूसल घुसा मेरी चूत मे,,इतना बोलकर दीदी बेड
पर टाँगे खोल कर लेट गई ऑर मैं भी जल्दी से उठके दीदी के उपर चला गया ऑर लंड को दीदी की चूत मे घुसा
दिया ऑर घुसते ही तेज़ी से दीदी की चूत को चोदना शुरू कर दिया,,,दीदी ने भी जल्दी से मेरे सर को पकड़ कर 
अपने करीब किया ऑर पल मे ही मेरे लिप्स को पागलो की चूसना शुरू कर दिया,,,,,मैने भी दीदी के लिप्स को उसी
तरह चूसना शुरू कर दिया जैसे दीदी चूस रही थी,,,,हम दोनो पागल हो गये थे,,हम दोनो के लिप्स आपस
मे एक दूसरे के लिप्स मे जकड़े हुए थे ऑर मेरा लंड दीदी की चूत मे जड़ तक जाके तेज़ी से चुदाई कर रहा था,,


दीदी ने मस्ती मे मेरे सर को पकड़ा हुआ था ऑर मेरे सर को अपने हाथों से सहला रही थी ऑर साथ थी मेरी 
पीठ को भी अपनी टाँगों मे जकड लिया था कुछ देर बाद दीदी के हाथ मेरी पीठ से होते हुए मेरी गान्ड पर
आ गये ऑर दीदी मेरी गान्ड को पकड़ कर तेज़ी से मेरी गान्ड को उपर नीचे हिलाने लगी वो चाहती थी कि मैं अपनी
स्पीड ऑर तेज करू मैने भी अपने घुटनो को बॅड के साथ लगा लिया ऑर धक्को की स्पीड तेज करते हुए दीदी की 
चूत को चोदने लगा,,,,जब स्पीड दीदी के मर्ज़ी के मुताबिक तेज हो गई तो दीदी ने मेरी गान्ड पर से हाथ उठाए
ऑर उन्ही हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी ऑर मेरे लिप्स से लिप्स को हटा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,आहह
उूुुुुुुउऊहह म्माज्ज्जाअ आआ र्राहहा हहाइी ब्बबाहहीी आपपननीी ब्बीहाआंन्णाणन्
क्कीईइ कचहुद्दाऐइ क्काररननी म्मईए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहानन्न दडिययड्ड्डिईइ बभहुत्त्त ंमाज़्ज़जजाअ एयाया
र्राहहाअ हहाऐईइ ददिल्ल क्काररत्ता हहाइईइ ईससी हहिी न्नांनन्गगीइइ क्कार्रक्कीए सस्सार्ररररा दडिईईईन्न्न्न्
ऊओरर स्साररीइ र्रातत्ट आप्प्क्कीइ कच्छूऊततत म्मार्रत्ता र्राहहुउऊउ ईकक प्पाल्ल बहिईिइ ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ कक्कूव
आप्प्प्पक्कीी कच्छूवतत ससीए ब्बाहहरर न्नाहहीी क्काररुउउ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तटूऊओ आअज्जज क्क्कीईईईईईईई
र्राआटतत्त ज्ज्जििीट्टन्न्नाअ त्तीर्रा ददिल्ल्ल क्काररीए ब्बाहहिईिइ उउन्न्ञततिीई द्दीर्रररर म्म्मीतरीई कचचड़दाईईई
क्काररूव म्मायन्न न्नाहहिी ररूककन्नी व्वाल्ल्लीी त्तीररी क्कूव ब्बास्स ईससी हहिि आपपंनीई इसस्स
ब्बाददी म्मूऊऊस्साल्ल्ल कककूऊ त्टीरीइ ससीए प्पील्लटटीए र्राहहूओ म्मीरीइ कच्छूवतत म्मईए,,,,,,
आहह उुउऊहह हमम्म्मममममम उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
,,,,,,,,,,,,,,द्दीइद्दीइ ससियईर्रफफफ्फ़ चूत्त न्नाहहिी ग्गगाणन्ंदड़ बभीी माअररननीी हहाइी म्मूउुज्ज्झीई
आप्प्पक्कीईइ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,म्मीररी ब्बाहहिी ककूऊ कच्छूटतत सससी ज्ज्जययययाद्दा न्नास्शहाअ
ग्गाअन्न्ँदडड़ क्काअ हहाइईइ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहानं दडियड्डिई ज्जाब्ब त्टाककक गगाआअंन्दड़ न्न्नाआहहिईिइ
म्म्माआर्रत्त्ताअ कच्छुद्दाी क्का म्माज्जाअ हहिि न्नाहहीी आत्त्ताआ,,,,,,,,,,,,,,दीदी ने तभी मुझे
नीचे उतरने को बोला ऑर मैं नीचे उतर गया,,,,,,,
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12-20-2018, 04:05 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे उतरते ही दीदी झट से कुतिया बनके झुक गई ऑर गान्ड को तोहफे की तरह मेरे सामने पेश कर दिया मैने भी कोई देर किए बिना लंड को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया,,,,लंड दीदी के चूत के पानी से पहले ही काफ़ी ज़्यादा चिकना हो चुका था ऑर दीदी की गान्ड भी मस्ती मे अपने आप खुल गई थी तो मेरा लंड पहली बार मे पूरा 
अंडर तक घुस गया था ,,,,मैने दीदी की कमर पे हाथ रखा ऑर पकड़ बना कर तेज़ी से दीदी की गान्ड को चोदना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,आहह आअब्ब्ब्ब आय्या ंमाज़्जा म्मीररीए ब्बहहियियैयियी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहानं ददिदड्डीई आआब्ब ंमाज़्जाअ आय्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,आब्ब त्तीर्रा ज्जििट्टन्ंन्न्नाअदडील्ल्ल क्काररी म्मीरीईइ गाअन्नदडड़ म्माररल्ली म्मीररी राज़्ज़ाअ ब्बहहीय्या ल्लेककिन्न्न आप्प्नियीयियी म्माल्लायईीी म्मीररीि गाअंन्दड़ म्मईए न्नाहहीी द्दाल्लनना म्मीर्रे म्मूउहह म्मी द्दाल्लनननाआअमम्मूउज़्झहही ब्बाददीई ममित्तहीी ल्लाग्गठतीी हहाीइ त्तीररीए ल्लुउउन्न्ड्ड़ क्कीिई म्माल्लाई,,,,,,,,,,,

फिर दीदी सिसकियाँ लेने लगी ऑर मैं दीदी की दमदार गान्ड चुदाई करने लगा,रूममे दीदी की सिसकियाँ ऑर मेरे लंड की दीदी की गान्ड पे जोरदार आवाज़ से पच पकच्छ का शोर कमरे मे गूंजने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,ब्बाहहिईीईईईहाटतह म्मीररीए ब्बूवबबसस प्पीरर रृाक्ख़्हू ऊरर म्मास्सल्लू इन्नक्कू ईससे म्मूउज़्ज्ज्झहीईए
ज्ज्जययाआदददााा ंमाज़्जाअ आत्ता हहाइईइ ,,,,,,,,,,,,


,मैने भी हाथ जल्दी से दीदी की गान्ड पर रख कर उनको ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया,ऑर बूब्स पर हाथों की पकड़ बना कर तेज़ी से लंड को गान्ड मे पेलना शुरू
कर दिया,,,,,,,आहह ईस्स्स्स्सीई हहिईीई म्मास्सल्लूऊओ म्मीररी ब्ब्बूबबसस क्कूव ब्बाहहिि ऊरर ज्ज्जूओर्र ससीई ऊओररर ज्जूओर्रर सस्स्सीए,,,,,त्तीज्ज्जीइ ससी गगाआंनदडड़ म्माररूव म्मीरीईइ पाहहाड्दड़ द्दाल्लूओ आअज्जज म्मीरीईई गगाणनद्दद्ड कक्कूव आहह उऊहह हमम्म्मममममम उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआहह हहययययययययययययययई क्कीत्त्न्नाआआआअ ब्बबाददाअ म्मूओस्स्साल्ल्ल हहाइी टतरराा ब्बाहहिईीई क्कीिट्टन्न्ना म्माआज़्जाअ डडीईएत्टाआ हहाइईइ
आहह उुउऊहह,,,,,,,,,,दीदी की सिकियों से लगने लगा था दीदी के काम होने वाला है

ऑर इधर मेरा भी काम होने ही वाला था बस मैने जल्दी से दीदी के बूब्स को छोड़ दिया ऑर हाथ को दीदी की चूत पर रखा ऑर चूत को मसल्ने लगा,,,तभी 2 पल मे ही दीदी ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया इधर दीदी का पानी निकला ऑर तभी मुझे भी लगा कि मेरा भी अब होने ही वाला है तो मैने जल्दी से लंड को दीदी की गान्ड से निकाल लिया लंड निकलते ही दीदी को पता चला कि मेरा भी काम होने वाला है तभी दीदी जल्दी से पलट गई ,,इस से पहले कि मैं अपने लंड को दीदी के मुँह के करीब लेके जाता दीदी ने पलट कर मेरे लंड को मुँह मे ले लिया ऑर हाथ से लंड को तेज़ी से सहलाने लगी ,,पल भर मे मेरे लंड ने भी दीदी के मुँह को स्पर्म से भर दिया ऑर दीदी ने मेरे सारे स्पर्म को निगल लिया ऑर लंड को भी अच्छ तरह चाट कर सॉफ कर दिया,,,,,,,,,फिर हम दोनो
ऐसे ही बेड पर गिर गये,,,,,,,,,,,
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12-20-2018, 04:06 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी-मज़ा आया भाई,,,,,,,,,,

मैं--हाँ दीदी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,,

भाई तेरे को चूत मे ज़्यादा मज़ा आता है मेरी या गान्ड मे,,,,,,,,

मुझे तो आपकी चूत ऑर गान्ड दोनो मे मज़ा आता है दीदी लेकिन गान्ड मे कुछ ज़्यादा ही मज़ा आता है,,

मुझे भी भाई तेरे इस मूसल को चूत मे लेने से ज़्यादा गान्ड मे लेने मे आजा आता है,,,,

मैं-सच मे दीदी,,,,,,,,,,

दीदी-हाँ मेरे भाई,,,,,,,,,,,तेरा ये बड़ा मूसल जब गान्ड की दीवारों को रग्गड़ता हुआ अंडर बाहर होता है तो इतनी मस्ती चढ़ती है कि क्या बताऊ तुझे,,,,,,,तेरे इस मूसल ने तो मुझे इतना पागल कर दिया है कि अब बुआ के वो नकली ऑर छोटे लंड लेने को दिल ही नही करता,,,,,दिल करता है कि तेरे ही इस मूसल को चूत गान्ड ऑर अपने
मुँह मे लेती रहूं,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--दीदी एक बात पुछु,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--पूछो मेरे राजा भैया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--आपने कभी मेरे लंड के अलावा कोई ऑर लंड का मज़ा भी लिया है क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी कुछ देर सोचने लगी,,,,,,हाँ लिया है ना भैया बुआ के उस नकली लंड का,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--,नकली नही दीदी मैं असली लंड की बात कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--नही भाई असली लंड तेरे सिवा ऑर किसका लेना,,,,बाहर जाके लंड लेने से डर लगता है बदनामी का मुझे इसलिए तो तेरे लंड की दीवानी हूँ मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--दीदी बाहर की नही अपने घर की बात कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी कुछ देर चुप रही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--बोलो ना दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--नही भाई तेरे अलावा किसी का लंड नही लिया आज तक ऑर भला लेती भी तो किसका लेती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्यू दीदी भाई है ना,,,आपका दिल नही किया कभी भाई का लंड लेने को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--नही सन्नी ये तो बुआ के साथ रहने से मुझे चुदाई के बारे मे पता चला था ऑर बुआ ने ही छोटे लंड से मेरी सील खोली थी उस से पहले कभी दिल नही किया था लंड लेने को लेकिन अब दिल करता है,,,,लेकिन अब क्या फ़ायदा अब तो भाई बाहर चला गया है,,,,,वैसे मेरी बात को छोड़ तू बता तेरा कभी दिल किया मेरे ऑर बुआ के अलावा घर की किसी औरत को चोदने क लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

,मैं भी कुछ देर चुप रहा,,,,,,,,,सोचा कि इसको बता दिया कि मैं माँ को चोदता हूँ तो पता नही क्या बोलेगी ऑर मुझे शक था ये भी डॅड से चुदाई करती है क्यूकी बुआ ने पूजा ऑर मनीषा की चुदाई करवा दी थी डॅड से तो लाजमी बात थी दीदी भी बुआ के पास रहती थी ज़्यादा टाइम तो हो सकता था दीदी भी डॅड से चुदाई करती हो,,,,,,


मैं--दीदी मेरा दिल तो करता है चुदाई करने को लेकिन डरता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--अच्छा किसकी चुदाई करने को दिल करता है मेरे भाई का,,माँ की चुदाई करने को,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्या बोल रही हो दीदी मैं भला माँ के साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ,मेरा दिल तो सोनिया के साथ चुदाई करने को करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी-क्यू अगर तू मेरे ऑर बुआ से चुदाई कर सकता है तो माँ के साथ क्यू नही,,,ऑर अब तो तेरा दिल सोनिया की चुदाई को भी करने लगा है तो भला माँ की चुदाई से क्यूँ डरता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--माँ से डर लगता है दीदी लेकिन दिल भी करता है,,सोनिया से डर नही लगता ऑर चुदाई का पूरा पूरा दिल करता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--देख सोनिया के साथ तो मैं कुछ नही कर सकती लेकिन तुम बोलो तो माँ के साथ मैं तुम्हारा खेल शुरू करवा सकती हूँ,,,लेकिन अगर तुम बुआ को इस बारे मे कुछ नही बताओ तो,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--माँ के साथ कैसे शुरू कर सकती हो तुम दीदी,,,ऑर सोनिया के साथ क्यूँ नही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी-देख सन्नी माँ को तैयार कर सकती हूँ इस बात का मुझे यकीन है लेकिन सोनिया के साथ तू सोचना भी नही वो तेज छुरि से बात भी करना मुश्किल है इस बारे मे,,,,,,,,

दीदी सच कह रही थी सोनिया थी ही इतने गुस्से वाली कि सब डरते थे उस से,,मैं भी,,,,,,,,,,,,,,,

मैं---तो ठीक है दीदी आप मेरे लिए माँ को तैयार करो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--बदले मे मुझे क्या मिलेगा सन्नी,,,,,,,,

मैं--जो भी आप चाहो दीदी

दीदी-तो ठीक है तू भी मेरे लिए किसी बड़े मूसल का इंतज़ाम कर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--बड़े मूसल का ,,वो कैसे दीदी मैं बड़े मूसल का इंतज़ाम कैसे करूँ,,ऑर किसके मूसल की बात कर रही हो आप,,,,,,,,,,

दीदी-मैं तोतेरे को इंतज़ाम करने को बोल रही हूँ फिर वो मूसल किसी का भी हो,,,,,बस बदनामी नही हो,,,,,,,,अब तू देख तेरी नज़र मे कोई मूसल है क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


मैं--ऐसा तो फिर एक ही मूसल है दीदी ,,मैने अपने मूसल की तरफ इशारा किया ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--ये अब तेरा नही मेरा मूसल है सन्नी जो अब रात भर मेरी चूत मे रहने वाला है इतने मे ही दीदी ने मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ लिया ओर सहलाना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,

मैं--,दीदी क्या आप सच मे माँ को मेरे लिया तैयार कर सकती हो,,,लेकिन कैसे दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दीदी--वो मेरी टेन्षन है अब तू बाकी बातें छोड़ ऑर एंजाय कर

दीदी ने जल्दी से लंड को फिर से मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उस रात मैने दीदी को सुबह 6 बजे तक 4 बार चोदा ऑर सुबह अपने रूम मे जाके सो गया..........
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12-20-2018, 04:06 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह उठा ऑर नाश्ता करके कॉलेज की तरफ चल पड़ा तभी रास्ते मे सोनिया का फोन आ गया,,,,,

सोनिया-हेलो सन्नी मुझे भी अपने साथ कॉलेज लेके जाना आज कविता को कॉलेज नही जाना है,,,,,,,,,,,,,,,
मैं भी सीधा कविता के घर के बाहर पहुँचा गया,,,,,,,,,,,,वहाँ सोनिया पहले से बाहर खड़ी हुई थी कविता भी उसके साथ थी बट कविता कुछ उदास लग रही थी ऑर ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत ज़्यादा रोई हुई थी,,,,,,,,

मैं-हाई कविता ,,,,,,उसने भी मुझे उदासी भरी आवाज़ मे हल्के से हाई बोला ऑर अंदर चली गई सोनिया मेरे साथ आके बैठ गई लेकिन सोनिया ने मुझे नही पकड़ा बल्कि बाइक की सीट को पकड़ कर बैठ गई,,,,,,,,,,,मैं सोनिया से कविता के बारे मे बात करना चाहता था जैसे ही मैने कुछ बोलने के लिए मुँह खोला तो मेरे से पहले सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,,,,,

सोनिया-सन्नी मुझे आज कॉलेज नही जाना तू प्लज़्ज़्ज़ कहीं ऑर ले चल मुझे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-क्या हुआ सोनिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;कुछ नही सन्नी बस मूड थोड़ा ठीक नही है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं;-कविता के घर मे कोई प्राब्लम है क्या ,,,,,,

सोनिया-; हाँ सन्नी तभी तो मैं कल से वहाँ थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-; क्या प्राब्लम है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;वो तेरा जानना ज़रूरी नही है,,,,,,,सोनिया गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं चुप हो गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सोनिया-; सॉरी सन्नी मेरा वो मतलब नही था मैं जस्ट कविता की वजह से बहुत परेशान हूँ तभी तो तेरे पर गुस्सा 
हो गई तू प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे कहीं ऐसी जगह ले चल जहाँ मेरा मन थोड़ा बहल जाए,,,लेकिन मुझे माल
या मूवी नही देखने जाना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-; इट्स ओके सोनिया,,,जनता हूँ तुम कविता की वजह से टेन्षन मे हो तुम
आराम से बैठो मैं तुमको माल या मूवी के लिए नही बल्कि पार्क मे लेके चलता हूँ जहाँ तुम्हारा मन 
बहल जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं सोनिया को पार्क मे ले गया,,,,,,,,,,वहाँ बहुत सकून था सुबह का टाइम था
तो ज़्यादा रश नही था क्यूकी ज़्यादातर रश शाम के टाइम होता था,,,लेकिन अभी भी कुछ लवर्स थे यहाँ 
पर जो हाथों मे हाथ डालके घूम रहे थे,,,,,,,,,,,,,,,मैं ऑर सोनिया पार्क मे 2 टेबल्स पर जाके बैठ गये
जो एक कॉर्नर पे अलग थलग जगह पर पड़े हुए थे,,,,,,,,,,,,,,,,,सोनिया कुछ उदास थी,,,,,,,,मैने उसका मन
बहलाने की कोशिश करते हुए उसको जोक्स सुनाने शुरू किए ,,मैं अक्सर उसको हँसाने के लिए उसको जोक्स सुनाता
था जिस से उसको बहुत खुशी होती थी,,,,,,ऑर अब भी जोक्स का असर होने लगा था ऑर वो हँसने लगी थी,,वो इतना
ज़ोर से हँसने लगी थी मेरे जोक्स पर कि आस पास के लोग जो आस पास नही थे कुछ दूर थे उनको भी सोनिया की
हँसी सुनाई देने लगी थी,,,,,,,,,,,,,,सोनाई ने देखा कि लोग उसके ऐसे पागलों की तरह हँसते देख रहे थे तो वो चुप
हो गई ऑर शरमाने लगी उसका एक दम से शरमाना मुझे बहुत अच्छा लगा ऑर मैं एक टक उसको देखने लगा,,,उसने
मुझे ऐसे उसकी तरफ घूरते देखा तो उसकी नज़रे झुक गई ऑर उसका शरमाना ऑर भी हसीन हो गया,,,इतनी बात
तो थी कि अब वो कविता के घर की टेन्षन को भूल चुकी थी ऑर खुश थी,,,,,,,,,,,,,,


सोनिया-भाई ऐसे मत देखो मुझे अच्छा नही लगता,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं फिर भी उसको देखता जा रहा था,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसे मत देखो ना,,,,,वरना मुझे गुस्सा आ जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,मैं फिर भी उसको देखता जा रहा था,,
तभी वो उठी ओर मेरे पास आ गई ओर मेरे साथ मेरे टेबल पर बैठ गई ओर आते ही उसने मुझे एक थप्पड़ 
मारा लेकिन ज़्यादा ज़ोर से नही मैं डर गया था कहीं इसको गुस्सा तो नही आ गया था ,,,,मैं हैरान भी हो गया
था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तभी वो बोलने लगी,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसा क्यू होता है जब भी मैं उदास होती हूँ तो आपके साथ रहने से मेरी उदासी दूर हो जाती है,,,,कल से
मैं कविता क घर पर हूँ ऑर एक बार भी मेरे फेस पर हल्की सी स्माइल नही आई ऑर आपके साथ होते ही मैं इतना
ज़्यादा खुश होने लगी हूँ इतना ज़्यादा हँसने लगी हूँ कि लोग भी मुझे पागल समझ रहे है,,,,ऐसा क्यू है भाई,,,,,,,,,,,

मैं-क्यूकी मैं तेरा भाई हूँ,,,भाई कम ऑर दोस्त ज़्यादा,,,जो तेरी हर बात को समझता है,,ऑर तेरे इस मासूम 
चेहरे पर उदासी नही देख सकता ऑर तुझे खुश करने क लिए कुछ भी कर सकता है,,,,,,,,

सोनिया-इतने ही अच्छे भाई हो ऑर इतनी फिकर करने वाले दोस्त हो तो घटिया हरकते करके ऐसे रिश्ते को खराब क्यूँ करते हो भाई,,,,,,,,,,,,क्यूँ ऐसे अजीब नज़रो से देखते हो मुझे कि मुझे ही अपने आप पर शरम आने लग जाती है,,
क्यू करते ही ऐसा भाई,,,,,क्यू अपनी बेहन को ,,अपनी एक ऐसी दोस्त को जिसकी तुम बहुत ज़्यादा फ़िक्र करते हो कि उसको हर्ट करने वाले इंसान को भी जान से मारने की कोशिश करते हो,,,,,,,,,उस दिन उन लोगो को इतनी बुरी तरह से
मारा तुम ने जिन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा था ,,,ऑर एक तरफ रात को खुद ऐसी हरकत,,,,,,,,,,,,,कहते हुए ही सोनिया चुप हो गई,,,,,,,,,,,

मैं-;तेरे को कोई हाथ लगाएगा तो मैं उसकी जान ले लूँगा सोनिया,,,मैं तुझे बहुत लाइक करता हूँ जानता हूँ मैं
तेरा भाई हूँ ऑर जो हरकते मैं करता हूँ वो ग़लत है लेकिन क्या करूँ तुझे देखता हूँ तो मेरे होश गुम 
हो जाते है ,,,,तू इतनी अच्छी लगती है कि मैं ये भी भूल जाता हूँ कि तू मेरी बेहन है,,पता नही क्या हो जाता 
है मुझे,,,,,,,,,इतना बोल कर मैने हिम्मत की ऑर सोनाई के हाथ पर हाथ रख दिया जो उसकी टाँगो पर पड़ा
हुआ था,,,,,,,,

सोनिया ने जल्दी से अपने हाथ को हटा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ऐसा नही करो प्लज़्ज़्ज़ हम भाई बेहन है,, ऐसा करना ग़लत है,,ऐसा करके तुम क्यूँ भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर रहे हो,,,,तुमको शरम क्यू नही आती भाई मेरे साथ ऐसा करते हुए,,,,,,,,कुछ तो सोचो अपने इस रिश्ते के बारे मे,,,,,,,,,,

मैं-;मुझे कुछ नही सोचना ऑर ना कुछ समझना है,,,,,जब भी तेरे करीब आता हूँ खुद बा खुद तेरी तरफ 
खिंचा चला आता हूँ,,,,दिल ऑर दिमाग़ काम करना बंद कर देते है,,,जानता हूँ ये ग़लत है लेकिन फिर
भी ना जाने क्यूँ मुझे ये सब ग़लत नही लगता जब भी तुम मेरे करीब होती हो,,ना जाने क्यू,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ये ग़लत है,,,,तुम खुद पर क़ाबू करो,,,,दुनिया क्या कहेगी अगर किसी को पता चलेगा,,,,,,,,,,

मैं-;किसको पता चलेगा,,,,,,,,,ऑर दुनिया की टेन्षन मत लो तुम,,,दुनिया मे पता नही कितने भाई बेहन ऐसे है
जो ये सब करते है,,,,,,,,,,कयि भाई बेहन तो शादी करके पति पत्नी की तरह रहते है,,,,,,,,,,

सोनिया-;तुमको कैसे पता,,,,,,,

मैने बहुत सारी स्टोरी रीड की है राजशर्मास्टॉरीज पर,,,,,,,,,,,

सोनिया-;ये राजशर्मास्टॉरीज क्या है भाई,,,,,,,,,

मैं-;ये एक सोशियल साइट है,,जहाँ बहुत सारी स्टॉरीज पड़ी हुई है,,,,,,,इन्सेस्ट स्टोरीस,,,जिसमे भाई बेहन को,,,,,बेटा
माँ को,,,,,,,बाप बेटी को ऑर पता नही कॉन कॉन किस किस के साथ ये सब करता है,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई वो स्टोरी झूठ होती है,,,भला कॉन भाई अपनी बेहन को ऑर कॉन मा अपने बेटे से ऐसी गंदी हरकत कर
सकती है,,,,,मुझे तो सोच कर भी गुस्सा आ रहा है,,,,,,,,,,

मैं-;तेरे को गुस्सा आने से क्या होगा,,,,,,जो सच है सो है,,,,,,,,,,,,,,,,,वहाँ आने वाले हर राइटर मे से हर कोई 
झूँठा नही होता,,,,,,,,,,,,कुछ सच्चे भी होते है जो अपनी रियल लाइफ स्टोरी लोगो के साथ शेयर करते है,,लेकिन वो
लोग अपनी पहचान छुपा लेते है,,,,,,,,,,ऑर तुमको क्या पता हो सकता है अपने पड़ोसी ही ऐसे हो जो घर मे ही
ऐसी हरकते करते हो,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;भाई ये लिखी पढ़ी बातों पर यकीन नही करो तुम,,,,,,,,,

तभी मुझे पता नही क्या हुआ,,,,,मैं एक दम से बोल पड़ा,,शायद मे जोश मे था ऑर सोनिया को किसी भी तरह
से मनाना चाहता था,,,,,,,,,,,,,स्टोरी पर नही लेकिन मेरी आँखों देखी पर तो यकीन कर सकती हो,,,,,,,,,

सोनिया हैरत भरी नज़रो से मुझे देखने लगी,,,,,,क्या बोल रहे हो तुम भाई,,,,,,

मैं कुछ पल खामोश रहा,,,,,,साला ये क्या बोल गया सोनिया को,,,,,अब क्या बोलूं इसको मैने किसको देखा है,,,
इसको फसाने के चक्कर मे किसकी चुदाई का भंडा फोड़ दूँ मैं,,,,,,,,अपना ऑर शोभा का बता दूँ,,
नही नही,,,,,तो फिर माँ ऑर मामा का,,,,,,,,,,,,,,,,नही वो भी नही,,,,,,,,,,तो क्या इसको डॅड ऑर बुआ के बारे मे
बता दूँ,,,,,,,,,,,क्या करूँ यार कुछ समझ नही आ रहा,,,,घर वालो की सारी पूल खोल दी तो पता नही ये 
घर जाके क्या करेगी,,,,,,कहीं घर मे झगड़ा शुरू कर दिया तो,,,,,,,,

सोनिया-;बोलो सन्नी चुप क्यूँ हो गये,,,,,,,,,तुमने किस भाई बेहन को ऐसी घटिया हरकत करते देखा है,,,,मुझे भी 
पता चले कॉन है ऐसे घटिया भाई बेहन जो ऐसी नीच हरकत कर सकते है,,,,,

मेरे को साँप ही सूंघ गया था,,,वो बोल ही इतने गुस्से मे रही थी,,जैसे अभी मैं इसको बता दूँगा तो ये
जाके उनको गोली मार देगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-है कोई ऐसे भाई बेहन जो एक दूसरे के साथ मस्ती करते है,,,,,,,

सोनिया-;छ्ह्हि सन्नी,,,,ऐसी घटिया हरकत को मस्ती का नाम मत दो,,,मुझे तो सोच कर भी गुस्सा आने लगा है कि 
भाई बेहन ऐसा कैसे कर सकते है,,,,,

मैं-सोनिया ये सब ग़लत है मैं जानता हूँ,,,,लेकिन मैने अपनी आँखों से देखा है,,,पहले मेरे लिए भी यकीन
करना मुश्किल था ,,,लेकिन जब उनकी बातें सुनी तो यकीन हुआ ,,,,,,भाई अपनी बेहन को खुश कर रहा था
ताकि उसकी बेहन कहीं बाहर जाके ऐसा वैसा कुछ ना करे,,,

सोनिया-;बाहर जाके मतलब,उसकी बेहन बाहर किसी के साथ ऐसी गंदी हरकत करती थी क्या,,,,,,,,,

मैं-;नही सोनिया की तो नही थी लेकिन उसको डर था ,,क्यूकी सोनिया जब लड़का ऑर लड़की जवान हो जाते है तो उनको अपने पर क़ाबू पाना मुश्किल हो जाता है ऑर अक्सर वो जवानी मे कोई ना कोई भूल कर जाते है जिस से ना सिर्फ़ उनकी बल्कि उनके परिवार की भी बदनामी हो जाती है,,,,,लेकिन अगर वो लोग घर मे ही ऐसी हरकत करते है वो भी बंद 
कमरो मे तो बाकी दुनिया तो दूर की बात उनके पड़ोसियों तक को ऑर तो ऑर उनके साथ वाले रूम मे सोने वाले 
बाकी लोगो को भी कानों कान खबर नही होती,,,,,,,,,,वो लोग अपनी मस्ती भी कर लेते है ओर अपनी चढ़ती जवानी 
के जोश को क़ाबू करने का तरीका भी मिल जाता है ऑर साथ-2 बदनामी का डर भी नही रहता,,,,,,,,

सोनिया चुप चाप मेरी बातों को सुन रही थी,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या हुआ सोनिया किस सोच मे पड़ गई,,,,,,,,,,,

सोनिया-;कुछ नही सोच रही हूँ क्या ये सच है,,,,ऑर क्या कोई बेहन भाई ऐसी हरकत ,,,,,,छि मुझे तो सोचना भी 
अजीब लग रहा है,,,,,,

मैं-लेकिन सोनिया ये,,,,,,मैने बोलना शुरू ही किया था कि सोनिया ने मुझे चुप करवा दिया,,,,,,,,अब इस टॉपिक पर कोई
बात नही करना तुम,,,वर्ना मैं थप्पड़ लगा दूँगी तेरे ब्लककी,,,,वो गुस्से मे थी इसलिए मैं चुप हो गया

सोनिया-;तेरे को ऐसे घटिया टॉपिक के लिए चुप रहने को बोला है बाकी बातें तो कर सकता है,,,,,,,,,,,

मैंफिर भी चुप रहा,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;चल फिर उठ घर चलते है अगर तूने इस घटिया टोपीक के अलावा कोई बात नही करनी तो,,,,,,,,,,,,

मैं चुप चाप उठ गया,,,मुझे इस सोनिया पर गुसा आ रहा था साली ने कलपद कर दिया
मेरे साथ ,,,मैं सोच रहा था ये मेरी बातों मे आके बोतल मे उतर जाएगी लेकिन इसने तो सॉफ सॉफ मना 
कर दिया कि इस टॉपिक पर बात ही नही करनी लेकिन एक बात अच्छी हुई थी थोड़ी बहुत ही सही लेकिन सोनिया ने मेरी बात चुप रहके सुनी तो थी,,,अब सब कुछ सुन कर उसकी ज़ुबान पर तो गुस्सा था लेकिन दिल मे क्या था ये नही पता
चल रहा था पता करने का एक ही तरीका था कि इसको फिर से उसी टॉपिक पर बात करने के लिए शुरू किया जाए 
पर अब मेरी हिम्मत नही हो रही थीउसी टॉपिक पर बात करने की साली ने थप्पड़ की धमकी जो दी थी ऑर अगर
मैं कुछ बोलता उस बारे मे तो ये इसी पार्क मे सबके सामने मेरे को थप्पड़ रसीद कर देती साली का गुस्सा ही
इतना ज़्यादा था,,,,,,मैं चुप चाप सोचते हुए बाइक की तरफ चलने लगा,,,,,मैने बिके स्टार्ट की ऑर सोनिया मेरे 
साथ बैठ गई अबकी बार उसने फिर से मुझे नही पकड़ा था बाइक की सीट को ही पकड़ा था,,,,,मैं भी बाइक 
चला कर घर की तरफ बढ़ने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,


अभी मैं घर के गाते पर ही पहुँचा था कि तभी मुझे करण का फोन आ गया,,,,,,उसने मुझे थॅंक्स बोला
कि मैने उसकी शिखा दीदी को समझा दिया है ओर वो अमित से नफ़रत करने लगी है,,,करण बहुत खुश था इस बात 
पर ऑर मुझे बार बार थॅंक्स बोल रहा था,,,,,,,,,मैने फोन बंद किया तब तक सोनिया गेट से होते हुए मैन
दरवाजे तक पहुँच गई थी,,,उसने बेल बजाई बट 2 मिनिट तक कोई नही आया,,,,,,,,मुझे पता था माँ ऑर 
मामा जी लगे होंगे अंदर अपने खेल मे,,,,,,,,,,सोनिया ने गुस्से मे हाथ को बेल पर रखा ऑर तब तक बजाती रही
जब तक माँ अंदर से दरवाजा खोलने नही आ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया-;क्या माँ कितनी देर से बेल बजा रही हूँ आप खोलती क्यू नही,,कहाँ बिज़ी रहती हो इतनी देर,,,,,,,,,,,,,,

माँ ने मेरी तरफ़ देखा ऑर बोली,,बेटा मैं ज़रा सा किचन मे बिज़ी थी,,,,,,,,,,,

सोनिया-;मामा कहाँ है माँ वो नही खोल सकते क्या दरवाजा जब देखो घर पे वहले
इधर उधर घूमते रहते हैं,,उसको बोला करो दरवाजा खोलने को,,इस से पहले माँ कुछ बोलती सोनिया गुस्से से
घर के अंदर चली गई,,,,

माँ अभी भी दरवाजे पर खड़ी हुई थी,,,,,,,,,,,,,मैं दरवाजे के पास गया तभी माँ बोली,,,,,,,,,,,,,,बेटा तू मुझे फोन नही कर सकता था क्या कि सोनिया को घर लेके जल्दी आ रहा है तो मैं ऑर मामा जल्दी से काम ख़तम कर लेते,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या करता माँ सोनिया के होते फोन कैसे करता,,,सॉरी माँ

माँ-;चल कोई बात नही अब अंदर चलो,,,,,तब तक सोनिया उपर जा चुकी थी सोनिया क जाते ही मैने मामा को
माँ के रूम से बाहर आते देखा,,,,,,,,,,,,,,मामा चुप चाप जाके सोफे पर बैठ गया ऑर माँ अपने रूम मे 
चली गई,,मैं भी अपने रूम मे चला गया,,सोनिया बाथरूम मे थी ऑर मैं अपने बॅग से लप्पी निकालकर 
अपने बेड पर लेट गया ऑर टाइम पास करने के लिए गेम खेलने लगा,,,कुछ देर बाद सोनिया बाथरूम से निकली
ऑर चुप चाप बेड पर बैठ गई,,,,,हम लोग ऐसे ही काफ़ी देर बैठे रहे ना उसने कोई बात की ऑर ना मैने,,,,


काफ़ी टाइम बाद जब मैं लप्पी से फ्री हुआ तो देखा वो सो चुकी थी मैने भी लप्पी साइड मे रखा ऑर नीचे
चला गया,,,,,,,,,,,,मामा अभी भी सोफे पर बैठा हुआ था जबकि माँ अपने रूम मे थी शायद क्यूकी मैं
किचन मे पानी लेने गया तो माँ वहाँ नही थी ,,,,,,मैं भी मामा के पास जाके बैठ गया,,,,,,मामा मेरा
आलसी बंदा था बात भी कम ही करता था,,जितना मतलब हो या ज़रूरी हो उतना ही बोलता था,,,,,मैं भी चुप
चाप टीवी देखने लगा,,,,,,,,,,,,मैं बोर होने लगा था तो सोचा क्यूँ ना कह बाहर चला जाए,,,मैने 
बाइक ली ऑर घर से चला गया,,,क्यूकी घर पर रहके बोर ही होना था,,,सोनिया घर पर थी तो माँ के साथ
चुदाई करना भी मुश्किल था लेकिन दिल तो बहुत था चुदाई करने को तो मैं बुआ के बुटीक पर चला गया,,
बुटीक खुला हुआ था ,,मैं सीधा अंदर चला गया,,,,,,,,बुआ सामने बैठी हुई थी ऑर साथ ही पूजा भी 
थी लेकिन मनीषा नज़र नही आ रही थी,,,,शोबा दीदी तो आती ही शाम को थी कॉलेज से,,,,,,,,,

बुआ-;अरे तुम आज कॉलेज नही गये सन्नी,,,बुआ ने बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;नही बुआ आज दिल नही किया सोचा बुआ के पास चलता हूँ थोड़ा टाइम पास हो जाएगा,ऑर मस्ती भी हो जाएगी,,,,,मेरी बात सुनके पूजा हंस कर मेरी तरफ देखने लगी,,,लेकिन बुआ मेरे वहाँ आने से खुश नही लग रही थी,,,,,,,,,,

मैं-,बुआ आज मनीषा कहाँ है नज़र नही आ रही,,,,,,,,,,,,,

बड़ा याद कर रहे हो मनीषा को सन्नी सर,,,,,पूजा ने मज़ाक मे हँसते हुए बोला,,,,,,

तभी बुआ ने उसकी तरफ़ देखा ऑर वो चुप चाप काम करने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;बेटा उसकी तबीयत ठीक नही है वो उपर आराम कर रही है ,,,,,,,,,,

मैं-क्या हुआ उसको बुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;बोला ना बेटा उसकी तबीयत ठीक नही है,,,

मैं-;बुआ क्या मैं एक बार उसको मिल सकता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;नही बेटा वो आराम कर रही है तुम अभी जाओ शाम मे आके मिल लेना ऑर तुमको जिस काम के लिए मिलना है मैं सब जानती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-जानती हो तो मिलने दो ना एक बार बुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;नही सन्नी ऐसे ज़िद्द मत करो मैने बोला ना अभी तुम जाओ शाम मे आके मिल लेना तब तक आराम करने से तबीयत शायद ठीक हो जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,बुआ हल्की सी डरी हुई थी ऑर उसके बोलने के अंदाज से लग रहा था जैसे वो गुस्से मे मुझे ऑर्डर दे रही थी,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;,ठीक है बुआ तो पूजा से बात करने दो थोड़ी देर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ-;हाँ पूजा से बात कर सकते हो तुम सन्नी,,,,,जाओ बैठो ऑर आराम से बात कर्लो पूजा के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;यहाँ नही बुआ उपर जाके आराम से,,,,,,,,

बुआ-;,नही सन्नी यही बात करो जो करनी है उपर नही जाना अभी पूजा को ,,,बहुत काम है आज पूजा के
पास,अभी भी बुआ मुझे ऑर्डर ही दे रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;ठीक है बुआ आप लोग काम करो मैं चलता हूँ शाम को आता हूँ जब आप लोग फ्री हो जाओ,,,,,,,,,मैं वहाँ से जाने लगा,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:06 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
बुआ का बात करने का अंदाज़ कुछ ठीक नही लग रहा था वो गुस्से मे मुझे ऑर्डर दे रही थी,,,कुछ घबराई
हुई भी लग रही थी,,,मैने ज़्यादा बात नही की ऑर वहाँ से चलने लगा जैसे ही मैने डोर ओपन की तभी मुझे
सीडियों से किसी के उतरने की आवाज़ आई मैने पीछे मूड कर देखा तो मनीषा नीचे आ रही थी ,,,,,,,इस से पहले
वो कुछ बोलती या कोई भी कुछ कहता मैने जल्दी से पीछे जाके उसको पूछ लिया,,,

मैं-तुम्हारी तबीयत कैसी है अब मनीषा,,,,,,,,

मनीषा ने कोई जवाब नही दिया बस मुझे देखने लगी ऑर तभी उसका ध्यान बुआ की तरफ गया,,वो बुआ की तरफ़
देख कर घबरा सी गई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मनीषा-;मैं ठीक हूँ अब सन्नी,,,,

लेकिन उसकी आवाज़ से ऐसा लग रहा था कि वो ये सब खुद नही बोल रही थी,,,क्यूकी बोलते टाइम वो कुछ ऐसे बोल रही थी जैसे कोई ज़बरदस्ती उस से बुलवा रहा था,

मैने भी जल्दी से पीछे मूड कर देखा तो बुआ उसको इशारा कर रही थी,,,मेरे देखते ही बुआ ने अपना फेस दूसरी
तरफ टर्न कर लिया ,,मैं समझ गया कि बुआ ने ही मनीषा को इशारा किया था,,,,,,तभी मुझे उपर वाले डोर
के खुलने ऑर बंद होने की आवाज़ आई,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं समझ गया कि उपर कोई था मनीषा के साथ लेकिन मेरे
कुछ बोलने से पहले ही बुआ बोल पड़ी थी क्यूकी उस आवाज़ को बुआ ने भी सुना था ऑर बुआ को ये भी पता चल गया 
था कि मैने भी वो आवाज़ सुनी है क्यूकी आवाज़ सुनते ही मैने बुआ की तरफ सवालिया नज़रो से जो देखा था,,,,,,,,

बुआ-;लगता है उपर कोई बिल्ली है,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ बुआ जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,,,,,,
मैने फिर सबको बाइ बोला ऑर वहाँ से डोर खोलके बाहर चला गया,,,,,,,,,मैने जल्दी से बाइक स्टार्ट किया ऑर बुआ के सामने वहाँ से चल पड़ा लेकिन मैने बुआ के बुटीक से थोड़ा आगे जाके बाइक को साथ वाली गली मे टर्न कर लिया जो बुआ के बुटीक के पिछले गेट की तरफ जाती थी,,,,,,वो गली बिल्कुल सुनसान थी बस 2-3 ही घर थे वहाँ बाकी कुछ नही 
था,,,सामने की तरफ मार्केट थी तो सभी लोग पीछे की गली मे ही अपने बाइक ऑर कार पार्क करते थे,,तभी मैने 
देखा कि एक खाली प्लॉट मे से एक कार निकली ऑर तेज़ी से वहाँ से जाने लगी,,,,,,,,,,,ये कार डॅड की थी,,,,,मैं समझ 
गया कि मनीषा के साथ उपर डॅड ही थे तभी बुआ डरी हुई थी ऑर मुझे उपर नही जाने दे रही थी,,,साला मेरा
बाप मेरे माल पर नज़र रखता था,,,या कहीं ऐसा तो नही मैं ही अपने बाप के माल को चोदने की फिराक 
मे था,,,,,,,,,,जो भी था एक बात तो परेशान करने वाली थी,,,,,,,,,,,डॅड बुआ मनीषा ऑर पूजा को चोद रहे है
कहीं वो शोबा दीदी को भी ,,,,,,,,,,,,,नही नही ऐसा नही हो सकता,,,,,लेकिन शोबा दीदी भी तो ज़्यादा टाइम बुआ के
साथ ही होती थी तो ऐसा होना मुनासिब था,,,,वैसे भी घर मे माँ मामा ऑर भाई से चुद रही थी तो यहाँ 
डॅड भी बुआ ऑर शोबा को चोदते होंगे,,,,,क्यूकी अक्सर देखा था कि जब भी माँ मामा के साथ भाई के पास
जाती थी गाओं जाने का बहाना करके तो बुआ ऑर दीदी भी बुटीक नही जाती थी ऑर उनके साथ-साथ डॅड भी कई बार
बॅंक से छुट्टी लेके घर पर रहते थे,,,,,लेकिन मैने आज तक डॅड ऑर शोबा दीदी को एक साथ नही देखा था,,,,
तो क्या अभी तक डॅड ने शोबा दीदी की चुदाई की थी या नही,,,,,,,ये बात मुझे परेशान कर रही थी ऑर थोड़ा बहुत
रोमांचित भी,,क्यूकी अगर डॅड दीदी की चुदाई करते थे तो मुझे उनको देखना था चुदाई करते,,,एक बाप
को बेटी से चुद्ते देखने की तमन्ना से ही मैं खुश होने लगा था,,,अगर डॅड सच मे दीदी की चुदाई करते
है तो काश एक बार मुझे उनकी चुदाई देखने का मोका मिल जाए,,,,वैसे भी मैने डॅड को किसी की भी चुदाई
करते नही देखा था,,क्यूकी वो अक्सर सभी खिड़की दरवाजे बंद कर लेते थे,,,,,,,,,,मुझे अब किसी भी तरह
ये पता लगाना था कि डॅड दीदी की चुदाई करते है या नही,,,,,मुझे शक तो था उनपे लेकिन पक्का यकीन नही 
था,,ऑर मैं उनको एक साथ देखकर शक को यकीन मे तब्दील करना चाहता था,,,,,,,,,खैर मैं वहाँ से 
निकल कर वापिस घर की तरफ आने लगा,,,,,,अभी मैने घर से कुछ ही दूर था कि मुझे सामने से आता हुआ बाइक
नज़र आया जो मेरे पास आके रुक गया,,

अबे कहाँ गुम रहता है तू सन्नी भाई,,,,,,,,वो करण था,,,,,

मैं-कुछ नही यार बोर हो रहा था तो थोड़ा घूमने चला गया था,,,,,,,,मैने जवाब दिया,,,

करण-अकेले अकेले गया था या किसी के साथ,,,,,,अहाहाहहहाः

मैं-;क्या यार तू भी हर टाइम एक ही बात सोचता रहता है,,,,,,,,अरे मेरे बाप अकेला ही गया था बोर हो रहा था
घर पे तो सोचा कहीं घूम फिर के आता हूँ ,,,,,

करण-;सनी भाई तू हमेशा मेरे घर का बहाना करके कहीं ओर रात रंगीन करता है तो मैने सोचा कि कहीं अभी
भी तुम कहीं घूम फिर कर किसी के साथ शाम रंगीन तो नही कर रहे ,,,,,,,,

मैं-;छोड़ ना करण भाई,,,जब देखो एक ही बात,,,,,,,,कोई ऑर बात भी कर लिया करो,,,,,,,,,

करण-;सॉरी सन्नी भाई,,,अब क्या करू यार तेरा नसीब ही इतना अच्छा है कि रात भर किसी ना किसी के बेड पे लेटा 
रहता है लेकिन एक हम है जिसको अकेले ही बेड पर इधर उधर अपना सर पटकना पड़ता है ,,,,कभी हमारे बारे
मे भी सोच लिया करो,,,कभी तो हमारी रात भी रंगीन करदो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हां मैं तो तेरे को मिलकर
थॅंक्स बोलने आया था कि तूने दीदी को अमित से दूर कर दिया ,दीदी बोल रही थी कि तूने बड़े प्यार से उनको सब कुछ 
समझा दिया अब वो कभी अमित की शकल भी नही देखना चाहती,,मुझे बड़ी खुशी है कि तूने मेरी दीदी को उस
हरामी अमित से बचा लिया,,,,तेरा जितना थॅंक्स करू कम है मेरे भाई.........

मैं-;अबे साले भाई भी बोलता है ऑर थॅंक्स भी,,,तेरी दीदी मेरी दीदी,,ऑर वैसे भी अमित जैसे घटिया बंदे से हर एक
लड़की को बचना चाहिए,,,वो साला ज़िंदगी खराब कर देता है लड़की की,,,,,,,,,,ऑर रही बात दीदी को समझाने
की वो तो मेरी आदत है मैं कभी गुस्सा ऑर ज़बरदस्ती नही करता,,,जो बात प्यार से समझाने मे मज़ा आता है
वो गुस्से ऑर ज़बरदस्ती से नही आता,,,,ऑर तेरी दीदी को प्यार से समझा कर मुझे भी बड़ा अच्छा लगा,,,,,,मैने
सोचा अब इसको क्या बताऊ कि मैने कितने प्यार से समझाया है इसकी दीदी को,,,,,,,,,,,,,,,,

अच्छा भाई अब इतनी हेल्प की तूने मेरी अब एक ऑर हेल्प कर्दे ना,,,,,,,,

कैसी हेल्प,,,,,???

करण-;यार तेरे पास तो कोई ना कोई लड़की है,,ऑर तू रात भर मस्ती करता है,,अपने इस दोस्त के बारे मे कुछ सोच ना
मेरी भी सेट्टिंग करवा ना किसी से,,,,,,,,,,,

मैं-;अबे मैं कोई दलाल हूँ क्या जो सेटिंग करवाता हूँ,,,,,,,,

करण-;अरे भाई तू तो गुस्सा ही कर गया,,,,,मेरा वो मतलब नही था सन्नी भाई,,,मैं तो बोल रहा था कि तू रात भर
अपनी किसी गर्लफ्रेंड के घर रहता है,,ऑर खूब मस्ती करता है,,,एक आधी गर्लफ्रेंड मेरी भी बनवा दे यार कब्से तरस
रहा हूँ,तू तो मस्ती करता रहता है मैने तो आज तक हाथ से ही काम चलाया है,,,कुछ कर ना यार कब 
तक अपना हाथ जगन्नाथ करता रहूँगा,,,,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी भाई कुछ सेट्टिंग करवा दे प्लज़्ज़्ज़,,,,,,

मैं-;ठीक है सेट्टिंग तो करवा देता हूँ लेकिन,,,,,,,,लड़की,,,,,

करण-;मैं बोलने ही लगा था कि करण बीच मे बोल पड़ा,,,,,,,,,,लड़की कैसी भी हो भाई चलेगी,,,,अंधी हो कानी हो
लुली हो या लंगड़ी हो,,,,,,,,या फिर चाहे कोई बूढ़ी हो अपुन को बस चूत चाहिए एक बार बस,,,,,,कुछ भी 
करके एक बार चूत दिलवा दो भाई,,,,,,,,

मैं-;देख ले फिर बाद मे मत बोलना ,,,,,,,अगर लड़की की जगह किसी औरत की चूत दिलवा दूं तो कैसा रहेगा,,

करण-;औरत की,,,,इसका मतलब आप किसी लड़की के साथ नही किसी औरत के साथ रात रंगीन करते हो,,,,,,वैसे मुझे
कोई मसला नही है भाई,चूत 20 साल की हो या 50 की,,,,चूत तो चूत है,,,,,,,

मैं-;फिर भी सोच ले एक बार,बाद मे मत बोलना मेरे को,,,,,,

करण-;कुछ नही बोलता भाई एक बार बस कुछ भी करके सेटिंग करवा दो,,,,,,,,

मैं-;ठीक है,,,,,कुछ टाइम दे मेरे को मैं कुछ करता हूँ,,,,,,,,,

करण-;थॅंक्स भाई,,,,,,प्ल्ज़्ज़ जल्दी करना ,,,,,,,,,,ओके अब मैं चलता हूँ भाई,,,,,,,बयी

करण वहाँ से चला गया,,,,मैने सोचने लगा इसको किसकी चूत दिलवा सकता हूँ मैं,,,,,,साल वादा तो कर
दिया है लेकिन किसके साथ सेट्टिंग करू इसकी,,,,पहला ख्याल मेरे दिल मे बुआ का आया,,अगर वो मनीषा ऑर पूजा
को डॅड से चुदवा सकती है तो मैं भी बुआ को करण से चुदवा सकता हूँ,,,,,,लेकिन घर की किसी औरत को
अपने दोस्त से चुदवाना ठीक है क्या,,,,,,जानता हूँ करण मेरा सबसे ख़ास दोस्त है लेकिन फिर भी मुझे एक
'अजीब सा डर लग रहा था,,,,,,,,फिर मेरे दिमाग़ मे एक प्लान आया,,,,,,हां यही ठीक रहेगा,,,,मैने दिल ही
दिल मे अपने प्लान को सोच कर खुश होने लगा,,,,,,,,,,

रात को डिन्नर करके रूम मे लेटा हुआ था सोनिया भी अपने बेड पर लेटी हुई थी,,,,लेकिन मेरी तरफ पीठ करके
,,,मेरा दिल तो किया उसके पास जाने को लेकिन डर लगा,,फिर सोचा जब तक इसको किसी भाई बेहन का सेक्स नही दिखा
देता तब तक इसके पास जाने मे ख़तरा है,,,,,,,,,यही सोच कर मैं सो गया,,,,,,,,,,,,


नेक्स्ट डे कॉलेज जाते टाइम सोनिया मेरे साथ नही गई,,,उसने कविता को फोन करके बुला लिया था,,,,वो मेरे से
नाराज़ थी,,,,मैं भी कॉलेज चला गया,,,,लेकिन मेरा दिल नही लग रहा था क्लास मे ,,करण भी बोल रहा था
कि उसका दिल नही लग रहा,,,वो मुझे कुछ दोस्तो के साथ कहीं बाहर लेके जाने की बात करने लगा लेकिन मैने 
मना कर दिया,,पर करण कुछ टाइम बाद अपने दोस्तो के साथ वहाँ से चला गया,,ऑर मैं अकेला बैठा बोर
होता रहा,,,,,,,,,,,,,


तभी कुछ देर बाद मुझे करण के मोबाइल से मेसेज आया,,,,,,,,,,,,सन्नी मुझे तेरे से कुछ काम है तुम मेरे
घर पर आ जाओ अभी,,,,,,,,,साला अभी तो कुछ देर पहले गया है यहाँ से अब मुझे घर क्यूँ बुला रहा है,,,,,
खैर मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,करण के घर पर करण की कार थी लेकिन उसका बाइक नही
था ऑर आज वो कॉलेज बाइक पर गया था,,,इसका मतलब करण घर पर नही था लेकिन मुझे मेसेज तो उसी के सेल से 
आया था,,,मैं अभी गेट पर खड़ा हुआ ये सोच ही रहा था कि तभी गेट खुला ऑर एक सेक्सी टाइट फिटिंग पंजाबी
सूट मे शिखा दीदी मेरे सामने खड़ी हुई थी,,,,,,,,मैं तो उनको देख कर दंग रह गया था,,,क्या लग रही
थी वो,,,गेट खोलते ही मैने उनको हेलो बोला लेकिन उन्होने मेरे हेलो के जवाब मे मेरा हाथ पकड़ा ऑर गेट
बंद करके मुझे अंदर ले गई ओर अंदर जाते ही मुझे गले से लगा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-ऊह सन्नी कहाँ थे तुम,,,,,तुमको नही पता मैं कितना मिस कर रही थी तुमको,,,,,कितना तड़प रही थी 
तुमको मिलने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,

,मैं डर गया कहीं कोई देख ने ले,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी हटो ना कोई देख लेगा,,,,,,,,

शिखा-;कॉन देख लेगा सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;आंटी ऑर कारण,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दीदी हँसने लगी,,हाहहहहहा बुद्धू
घर पर कोई नही है मेरे अलावा माँ बाहर गई है 4 बजे वापिस आएगी ऑर करण तो कॉलेज मे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--;लेकिन दीदी मेरे को मेसेज तो करण के फोन से आया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:06 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
शिखा-;वो तो अच्छा हुआ सन्नी कि करण आज अपना सेल घर पर ही भूल गया,,मैं वहीं बैठी हुई थी तभी मेरी नज़र करण के सेल पर पड़ी ऑर सेल से तेरा नंबर देख कर मैने तेरे को मेसेज कर दिया मेसेज तो मैं तेरे को अपने फोन से भी कर देती लेकिन मेरे पास तेरा नंबर नही था ऑर करण से तेरा नंबर लेना नही चाहती थी मैं पता नही वो क्या सोचता,,,,,,,तभी दीदी ने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर पागलो की तरह किस करने लगी दीदी ने एक दम से ऐसा किया तो मैं थोड़ा घबरा सा गया था लेकिन एक ही पल मे दीदी के सॉफ्ट लिप्स का एहसास अपने लिप्स पर पाके मुझे भी खुमारी चढ़ने लगी ऑर मैने भी दीदी की किस को उन्ही के अंदाज़ मे रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,ऊऊहह ससुउन्नयी तेरे को नही पता मैं तुझे कितना मिस कर रही थी पता नही तूने उस दिन क्या कर दिया मुझे,,एक तो अमित से मेरे को बचा लिया ऑर उपर से अपने इस मूसल से मुझे खुश कर दिया इतना बोलते ही दीदी ने मेरे लंड को पॅंट के उपर
से पकड़ा ऑर हल्के से दबा दिया,,,,,,,कितना तड़प रही थी मैं तेरे को मिलने को तू नही जानता सन्नी,,,उस दिन 
तूने मुझे खुश किया था आज मेरी बारी है,,,,,,,,,,तभी एक दम से दीदी ज़मीन पर नीचे की तरफ चली गई ऑर
मेरी पॅंट नीचे करके मेरे लंड को हाथ मे ले लिया जो अभी आधा खड़ा हो चुका था दीदी ने उसको हाथ से हल्के
से हिलाते हुए उसकी टोपी पर किस कर दिया ऑर मैं दीदी के सॉफ्ट लिप्स से अपने लंड की टोपी पर टच करने के एहसास से थोड़ा उछल सा गया ऑर दीदी मुझे देख कर हँसने लगी,,,,,,,,,,,,उस दिन तूने अपनी मनमानी की थी आज मेरी बारी है सन्नी,,,,,,,,,,,,, ,इतना बोलते ही दीदी ने लंड को मुँह
मे भर लिया ओर चूसने लगी,,,,,,आज दीदी कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी ऑर उस दिन से कहीं बेहतर अंदाज़ से लंड 
चूस रही थी,,,,,,मेरा लंड जिसको अभी कुछ ही सेकेंड हुए थे दीदी के लिप्स से थोड़ा अंदर उसके मुँह मे गये हुए 
वो अब पूरी तरह ओकात मे आ गया था दीदी ने बैठे हुए मेरी पॅंट को बिल्कुल नीचे कर दिया ओर फिर मेरे जूते
खोल दिए ऑर पॅंट को निकाल कर साइड मे रख दिया,,,,मैं डर रहा था कहीं करण को माँ या फिर करण घर 
पर ना आ जाए क्यूकी करण कॉलेज से कुछ देर पहले ही निकला था,,,,,,,तभी दीदी उठी ऑर मेरा हाथ पकड़ कर
मुझे अपने रूम मे ले गई,,ऑर अंदर जाते ही मेरी टी-शर्ट निकाल दी ऑर मुझे नंगा कर दिया ऑर अपने कपड़े भी
उतारने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी कपड़े मत उतारो प्ल्ज़्ज़ अगर कोई आ गया तो,,मैं सच मे थोड़ा डरा हुआ था,,,,,,,,

शिखा-;कोई नही आता सन्नी माँ 4 बजे से पहले नही आने वाली ऑर करण तो कॉलेज से 3 बजे आता है ऑर अभी जस्ट 11 ही बजे है तुम टेन्षन मत लो ,,ऑर वैसे भी जब तक 2 जिस्म पूरे नंगे नही होते उनके मिलने का पूरा मज़ा नही आता अब
तक दीदी भी नंगी हो गई,,,,साली कुछ दिन पहले जो इतना शरमा रही थी घबरा रही थी अब कैसे बेशरम होके'
जल्दी से नंगी हो गई थी,,ऐसे कपड़े उतार रही थी जैसे कोई पत्नी अपने पति के सामने उतारती है,,,,,,ओह सॉरी कोई
पत्नी भी इतनी जल्दी नही करती ये तो किसी रंडी की तरह जल्दबाजी कर रही थी,,,,या उस पत्नी की तरह जो अपने पति
के ऑफीस चले जाने के बाद किसी पड़ोसी से या कॉलेज फ्रेंड से जल्दबाजी मे चुदाई करती थी,,,,,,,,,,लेकिन मुझे तो
अब तक फुल मस्ती चढ़ चुकी थी क्यूकी एक नंगा ऑर संगमरमर जैसा चिकना ऑर गोरा बदन वो भी एक जवान
ऑर खूबसूरत लड़की का जो मस्ती मे बिल्कुल पागल हो चुकी थी,,,,दीदी ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर खुद भी बेड
पर आके बैठ गई ऑर मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगी साथ ही मेरे लंड को हाथ मे लेके हल्के
से सहलाने लगी ,,,,,

दीदी बेड पर बैठ कर मेरे सर के उपर झुकी हुई थी ऑर मेरे लिप्स को किस कर रही थी तभी
मैने दीदी को अपने उपर खींच लिया दीदी ने भी अपनी टाँगे सीधी करली ऑर मेरे उपर आ गई जिस से दीदी का हाथ
मेरे लंड से हाथ गया,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;लगता है तुझे भी मस्ती चढ़ने लगी है सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी आप जैसा मस्त माल वो भी पूरा नंगा ,,किसी को भी मस्ती चढ़ सकती है दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को मस्त लगती हूँ क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी आप बहुत मस्त हो ,,,,आपके ये बड़े बड़े बूब्स ऑर बड़ी मटकती मस्त 
गान्ड का दीवाना तो सारा कॉलेज है,,अभी तक लोग आपकी बातें करते है,,हर कोई आपको अपने बिस्तेर पर नंगा 
करके अच्छी तरह चोदना चाहता है,,तभी तो अमित भी पीछे पड़ा था आपके,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;अमित की बात मत किया करो अब तुम सन्नी मुझे उसका नाम भी नही सुन-ना आज के बाद ,,मुझे तो अब बस तेरा नाम ही अच्छा लगता है ऑर तेरा ये लंड भी,,,,,,,,,,,,

मैं-;मुझे भी आप बहुत अच्छी लगती हो दीदी दिल करता है ऐसे ही नंगा करके आपके साथ
बेड पर लेटा रहूं,,,,,,,,,,,,

शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को इतनी अच्छी लगती हूँ या,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;हाँ दीदी मैं तो पता नही कब्से आपकी चूत का दीवाना हूँ जब भी करण को मिलने आता था नज़रे बस आप पर टिकी होती थी मेरी सपने भी आपके देखा करता था ऑर पता नही कितनी बार सपने मे आपको चोदा था मैने ऑर पता नही कितनी बार मूठ मारी थी आपके नाम की,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;तो पहले कभी बोला क्यूँ नही,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;डरता था दीदी ऑर वैसे भी ये बात इतनी जल्दी नही बोली जाती अगर आप गुस्सा हो जाती तो,,,,ये तो अच्छा हुआ आप अमित की चुंगल मे फसि ऑर करण ने मुझे सब बता दिया ऑर मैने आपको अमित से बचा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;हाँ अमित से बचा लिया ऑर खुद अपने जाल मे फसा लिया,,,,दीदी हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी आप हो ही इतनी मस्त कि कोई भी जाल मे फसाने को तैयार हो जाता आपको,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;अगर मैं इतनी मस्त हूँ सन्नी तो मेरा पति मेरे को क्यूँ नही चोदता था ,,,,,,,,,,,,,,

मैं-;क्या दीदी?? आपका पति आपको चोदता नही था,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;नही सन्नी मैं अपने पति के साथ 6 महीने रही थी ऑर वो 5-7 दिन मे एक या दो बार ही मुझे चोदता था ऑर वो भी इतनी छोटे लंड से जो 2 मिनिट मे ही पानी छोड़ देता था,,,मुझे गर्म करके खुद पानी निकाल कर सो जाता था ऑर मैं बस उंगली से काम चलाती रहती थी,,,इसलिए तो मैने उसको तलाक़ दे दिया,,साला नामर्द था पूरा,,हर बार प्यासी छोड़ देता था मेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैने दीदी के फॉरहेड पे किस किया ओर बोला,,दीदी छोड़ो बीती बातों को,,,,,अब मैं हूँ ना आपके पास जितनी भी प्यास 
है आपकी मैं सब भुजा दूँगा बस टाइम मिलता रहे ऑर मोका मिलता रहे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;टाइम ऑर मोका मैं खुद निकाल लूँगी तेरे लिए सन्नी बस तू तैयार रहना जब भी मैं तेरे को फोन करूँ,,,,,,,,,,,,

मैं-;दीदी अबकी बार करण के सेल से मेसेज या कॉल मत करना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-;नही करती बाबा अब तेरा नंबर मेरे सेल पर भी है तू भी मेरा नंबर सेव कर लेना,,,,,,चल अब बाकी बातें छोड़ ऑर जल्दी कुछ कर मैं बहुत तड़प रही हूँ,,,,,,,
Reply
12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने जल्दी से दीदी के सर को पकड़ा ऑर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,दीदी के सॉफ्ट लिप्स मेरे लिप्स मे क़ैद हो गयेऑर मैं बड़े प्यार से उनके लिप्स का रस पीने लगा ,,दीदी पूरी तरह नंगी थी ओर मेरे नंगे बदन पर लेटी हुई
थी दीदी के बड़े बूब्स मेरी छाती से दबे हुए थे ,,,,मेरे दोनो हाथ दीदी की नंगी पीठ को सहला रहे थे 
जबकि दीदी के दोनो हाथ मेरे सर पर बड़े प्यार से घूम रहे थे,,दीदी ने अपने हाथ की फिंगर्स को मेरे बालों
मे बड़े प्यार से सहलाना शुरू कर दिया था मैं भी बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों को दीदी की पीठ पर हल्के
हल्के घुमा रहा था ,,,,दीदी के लिप्स एक दम सॉफ्ट थे जो बटर की तरह मेरे लिप्स मे घुलते जा रहे थे ,,दीदी
ने अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह मे घुसा दिया ओर मैं भी दीदी की ज़ुबान को चूसने लगा मैने दीदी की ज़ुबान को
अपने दाँतों से पकड़ लिया ओर बड़ी मस्ती मे दीदी की ज़ुबान को चूसने लगा,,फिर कुछ देर बाद मैने दीदी की
ज़ुबान को छोड़ दिया ऑर अपनी ज़ुबान को दीदी के मुँह मे घुसा दिया ऑर दीदी एक मुँह मे अपनी ज़ुबान को हर तरफ
हर कोने मे घुमाने लगा मेरी ज़ुबान दीदी के मुँह के अंदर दीदी की ज़ुबान से हल्की हल्की नोक-झोक करने लगी


हम दोनो की ज़ुबान आपस मे लड़ने लगी थी,,,,,,दीदी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जिस का एहसास
मुझे अपनी लंड से हल्का सा उपर पेट पर होने लगा था,,,,मेरे भी लंड ने अब अपना विकाल रूप धारण कर
लिया था ऑर दीदी की चूत मे जाने को मचलने लगा था,,,,,मैने लंड को हाथ से पकड़ा ऑर दीदी की चूत पर टिका
दिया लेकिन जैसे ही मैने लंड को चूत मे डालना चाहा दीदी एक दम से मेरे उपर से हट गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा-ऐसी भी क्या जल्दी है पहले थोड़ी मस्ती तो करले सन्नी,,,इतना बोल कर दीदी ने अपने सर को मेरे लंड की तरफ मोड़ दिया ओर खुद अपनी टाँगें खोल कर मेरे सर के उपर आ गई ऑर चूत को मेरे चेहरे के उपर कर दिया 

मैने भी जल्दी से दीदी की गान्ड को दोनो हाथों से पकड़ा ऑर चूत को अपने लिप्स से लगा कर किस करने लगा तब तक मेरा लंड भी दीदी के मुँह मे अंदर बाहर होने लगा था,,दीदी ने मेरे लंड पर हाथ नही रखा हुआ था वो तो मेरे
खड़े लंड पर अपने सर को उपर नीचे कर रही थी ऑर मेरा आधे से ज़्यादा लंड मुँह मे ले रही थी,,,,पहले दिन
से अब कहीं बेहतर लंड चूस रही थी दीदी,,,उस दिन तो 2 इंच लंड मुँह मे लेके अंदर बाहर करने से डर रही
थी जबकि आज तो पहली बार मे ही आधा लंड ले लिया था मुँह मे ओर अब ऑर ज़्यादा लंड मुँह मे लेने की कोशिश कर
रही थी,,लंड दीदी के गले की दीवार से टकराने लगा था,,जिस वजह से दीदी को 1-2 बार हल्की खाँसी भी आ गई थी
ऑर दीदी ने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया था लेकिन मेरी मस्ती कम नही होने दी थी ,,दीदी लंड को बाहर निकाल
कर अपने मुँह मे जमा थूक को लंड पर थूक देती ऑर एक हाथ से तेज़ी से लंड को उपर नीचे करके सहलाने लग
जाती फिर जब खाँसी ठीक हो जाती तो जल्दी से लंड को वापिस मुँह मे भर लेती ओर फिर से पूरा लंड मुँह मे लेने की 
कोशिश करने लगती लेकिन पूरा लंड लेने मे दीदी को परेशानी हो रही थी ,,फिर भी वो ज़्यादा से ज़्यादा लंड को मुँह
मे लेके चूसने लगी थी,,,इधर मैं भी दीदी को मस्त करने के लिए दीदी की चूत को अच्छी तरह से चाट रहा था


,,मैं दीदी की चूत को मुँह मे भरके अपनी ज़ुबान को दीदी की चूत मे घुसा कर तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा
था ऑर बीच बीच मे दीदी के चूत के लिप्स को जो अभी हल्के हल्के ही बाहर निकले थे उनको अपने दाँतों मे 
दबा कर मुँह मे भरके चूसने लग जाता ऑर साथ ही मैने दीदी की गान्ड को अपने हाथों से कस्के पकड़ हुआ 
था ऑर दीदी की चूत को अपने लिप्स पर दबाया हुआ था,,,मेरा हाथ दीदी की गान्ड के होल के पास था तभी मैने 
महसूस किया मेरी एक फिंगर जो दीदी की गान्ड के होल पर थी वो दीदी की गान्ड के होल पर चलने लगी थी ऑर दीदी की
गान्ड का होल भी मस्ती मे अपने आप थोड़ा खुल ऑर बंद होने लगा था,एक बार जब दीदी की गान्ड का होल ज़रा
सा खुला मैने जल्दी से एक उंगली गान्ड के अंदर घुसा दी जिस वजह से दीदी हल्का सा उछल गई,,,,,लेकिन फिर से
मेरे लंड को जल्दी ही चूसने लगी,,,,,,,मैने उंगली को बाहर निकाला ऑर अपने मुँह मे भरके थूक लगा लिया ऑर
वापिस गान्ड मे घुसा दिया,,मेरी उंगली फिसल कर गान्ड मे चली तो गई लेकिन दीदी की गान्ड बहुत टाइट थी ऑर
दीदी की टाइट गान्ड ने मेरी उंगली को जाकड़ लिया था फिर भी उंगली थूक से चिकनी होने की वजह से हल्की हल्की 
अंदर बाहर होने लगी थी मैने वापिस उंगली को बाहर निकाला ऑर मुँह से थोड़ा थूक ऑर दीदी की चूत से चूत का
चिकना पानी लगा लिया ऑर अपने दोनो हाथों से गान्ड को थोड़ा खोल दिया ऑर उस उंगली को गान्ड मे घुसा दिया
दोनो हाथों से गान्ड भी थोड़ी खुल गई थी ऑर दीदी की चूत के चिकने पानी ने भी अपना असर दिखा दिया था मेरी
उंगली बड़े आराम से गान्ड मे अंदर बाहर होने लगी थी,,,दीदी को भी शायद ये अच्छा लगने लगा था दीदी ने भी
अपने सर को मेरे लंड पर तेज़ी से उपर नीचे करना शुरू कर दिया था,,,


कुछ देर ऐसे ही मेरे से चूत चुस्वा कर ऑर गान्ड मे उंगली करवाते हुए मेरा लंड चूसने के बाद दीदी ने 
मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया,,,,,,,,,,,,,,,,आहह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हययययए
यईीई क्क्य्या क्कार्र ददिईयया सुउन्नययी ,,क्कीत्त्न्ना म्माज्जा आ र्राहहा हहाइईइ मुउज़्झहही न्नाहहिईिइ
पपाटता त्तहा गगाणन्दड़ म्मी इट्त्न्ना म्मज्ज्जा आत्ता हहाइी,,,प्पीहल्ली क्क्ययूउ न्नाहहीी द्दालल्ल्लीइीईई
म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मी उउन्नगगल्लीी,,,,आहह बभ्हुत्त्त ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाइी ससुउन्न्नयययययी
एआईसी हहिि त्तीज्ज्जीई सससी उउन्नड़दीर्र ब्बाहहारर क्कारूव उउन्नगगल्लीी क्कूव म्मीररीई गाणन्दड़ म्मईए ,,
हहययईए माआ म्मूउुज्झहही न्नाहहिि पपत्ता त्तहा य्याहहन्न बभीी ंमाज़्जा आत्ता हहाइी,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,ददिदडिई अब्भहिईिइ त्तूओ उउन्नगगल्लीी गगयइी हहाइईइ ट्टब यईी हाल्लात हहाई आपपक्कीी जज़ार्रा
ससूक्च्छू ज़्जब्ब म्मीर्रा म्मूऊस्साल्ल्ल ज्जायएएग्गा गाणन्दड़ म्मी टू क्कीिट्त्न्ना म्माआज़्जजाआा
आयईगगाआअ,,,,मैने जल्दी से एक ऑर उंगली घुसा दी दीदी की गान्ड मे ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा एक
ऑर उंगली अंदर जाने से गान्ड टाइट हो गई ऑर मेरी उंगलियों को जकड़ने लगी लेकिन मैं भी जल्दी से उंगलियों पर
अपना थूक ऑर दीदी की चूत का पानी लगा दिया जिस से उंगलियाँ चिकनी होके आराम से अंदर बाहर होने लगी ऑर साथ
ही दीदी की सिसकियाँ भी तेज होने लगी,,,दीदी के मुँह मे मेरा लंड था लेकिन फिर भी दबी दबी सिसकियाँ मुँह से निकल
रही थी,,,ऑर साथ ही दीदी का सर भी तेज से लंड पर उपर नीचे होने लगा था,,,,,,,,कुछ देर बाद दीदी ने तेज़ी से
अपनी चूत को मेरे मुँह पे रगड़ना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि इसके काम होने वाला है मैने भी
चूत को पूरा मुँह मे भर लिया ऑर गान्ड मे उंगलियों की स्पीड भी तेज करदी कुछ ही पल मे दीदी की चूत ने पानी
छोड़ दिया ऑर मैं पानी को ज़ुबान से चाटने लगा पानी ज़्यादा नही निकला था लेकिन जितना भी निकला मैं उसको 
चाट गया था,,दीदी ने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया ऑर मेरे उपर से हटने की कोशिश की मैने भी दीदी को
छोड़ दिया ,,,,,,,,दीदी जल्दी से बेड पर पेट के बल गान्ड को उपर करके लेट गई,,,,,,,,,,

शिखा-अब जल्दी करो सन्नी अब ऑर नही रुका जाता मेरे से,,,

मैं भी जल्दी से दीदी के उपर चढ़ गया ऑर लंड को दीदी की चूत पर रखा ऑर जैसे ही
लंड को दीदी की चूत मे घुसने लगा दीदी ने लंड को हाथ से पकड़ कर मुझे रोक दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--यहाँ नही सन्नी गान्ड मे घुसाओ ,,आज चूत नही गान्ड मारो मेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी-लेकिन दीदी आपकी गान्ड बहुत टाइट है ऑर मेरा मूसल बहुत बड़ा है फॅट जाएगी आपकी गान्ड,,,,,,,,,,,,

शिखा-पता है मुझे सन्नी मेरी गान्ड मे आज तक कुछ नही गया है यहाँ तक कि मेरी अपनी उंगली थी नही लेकिन आज तूने अपनी उंगलियाँ घुसा कर मुझे बता दिया है कि गान्ड मे कितना मज़ा होता है मैं ही पगली इतने टाइम से अंजान थी गान्ड के मज़े से,अब कुछ मत बोलो बस मुझे गान्ड चुदाई का मज़ा दो ,,फॅट-ती है तो फॅट जाने दो मेरी गान्ड को बस मुझे आज मज़ा दो सन्नी अब ऑर देर मत करो जल्दी करो प्लीज़,,,,तभी मेरी नज़र दीदी के बेड के पास पड़े एक बॉडी लोशन पर गई मैने जल्दी से बॉडी लोशन उठा लिया दीदी मेरी तरफ देखने लगी,,,,,,मैने दीदी की गान्ड उपर उठा कर कुटिया बनने को कहा
Reply
12-20-2018, 04:07 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी भी जल्दी ही मेरी बात मान कर सर को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उठा कर कुतिया बन गई ,,मैने लोशन 
लिया हाथ पर ऑर गान्ड पर लगाने लगा ऑर साथ ही उंगलियों से लोशन को गान्ड मे भी भरने लगा,,मेरी एक उंगली 
तो आराम से गान्ड मे जाने लगी थी लेकिन 2 उंगलियों को मुश्किल होती थी फिर भी बॉडी लोशन की चिकनाहट से मेरी
2 उंगलियाँ गान्ड मे जाने लगी थी ऑर मैं भी 2 उंगलियों से गान्ड मे लोशन भरने लगा था ऑर साथ ही उंगलिओ
को तेज़ी से घुमा घुमा कर गान्ड के होल को थोड़ा खोलने लगा था,,,,फिर कुछ देर बाद मैने अपने लंड पर 
भी लोशन लगाया ऑर लंड को हाथ से पकड़ कर दीदी की गान्ड के होल पर रखा ऑर धक्का लगा दिया लेकिन मेरा
लंड फिसल कर दूसरी तरफ मूड गया,,मैने फिर से कोशिश की लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ,,,फिर मैने एक पिल्लो
लिया ऑर दीदी के पेट के नीचे रखा ऑर दीदी की उसपे लेटा दिया लेकिन एक पिल्लो कम पड़ रहा था तो मैने एक पिल्लो
ऑर रख दिया ,,फिर दीदी की टाँगो को खोल कर उनके बेड पर लेटा दिया दीदी के पेट के नीचे 2 पिल्लो थे जिस से 
दीदी की गान्ड काफ़ी उपर उठी हुई थी,,,मैने जल्दी से गान्ड के होल को हाथों से खोला ऑर अपने लंड को होल पर
टिका कर खुद दीदी के उपर लेट गया,,दीदी की गान्ड हल्की सी खुल गई थी ऑर मेरे लंड की टोपी गान्ड पर टिकी हुई थी


मैने खुद को दीदी के उपर लेटा कर हाथों से दीदी के शोल्डर को पकड़ा ऑर मजबूती से पकड़ बना कर लंड को
जोरदार धक्के से दीदी की गान्ड मे घुसा दिया इस बार मैं सफल हो गया ऑर लंड करीब 4 इंच तक दीदी की 
गान्ड को फाड़ता हुआ अंदर चला गया,,,,,,,दीदी मछली की तरह तड़पने लगी थी ऑर मेरे से छूटने की कोशिश
करने लगी थी लेकिीन मैने दीदी के शोल्डर को कस्के पकड़ा हुआ था ऑर दीदी को हिलने का मोका नही दे रहा था,,


हयीईईईईई म्मार्र गगयइ म्माआ ,,,ससुउन्नयी बाहहारर ननीककाल्ल आपपंनी म्मूस्सलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल कककू
हयइीई माआ म्मूउज़्झहही न्नाहहीी पपाटता त्तहा इट्त्न्ना ददार्र्द्द हूटता हहाइईइ,,,,,,,,ज्जाल्लददिईई
ब्बाआहहारर ननीककाल्ल्ल आपपंनी ल्लुउन्न्ञदड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ सीए ,,,,,,,,,आअहह म्माअरररर
द्दाल्लाअ ररीए सुउन्नयी ,,,,,ज्जाल्लददिई ब्बाहहार ननीककाल्ल्ल आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ ककूऊ,,,,,,,,दीदी हल्का-2
रोएँ भी लगी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़ सुउन्नयी बाआहहार्रा ननीककल्ल्ल इस्कक्कूव बभ्ुत्त्त ददार्र्द्द हहूऊओ
र्राहहाअ हहाइईइ प्पल्लज़्ज़्ज़ सयन्नीयी,,,,,,,,,,,,,,,,,

मुझे दीदी पर तरस आ रहा था दिल कर रहा था कि लंड को गान्ड से बाहर निकल लूँ लेकिन मुझे पता था एक बार लंड को गान्ड से निकाला तो दोबारा दीदी ने गान्ड मे लंड घुसाने नही देना इसलिए मैने दीदी की बातों को ऑर दीदी के दर्द को इग्नोर कर दिया लेकिन दीदी के दर्द को कम करने के लिए अपने एक हाथ को दीदी के शोल्डर से हटा कर दीदी की चूत पर ले गया जो पिल्लो से दबी हुई थी,,

मैने दीदी की चूत को उपर से सहलाना सुरू कर दिया वो भी थोड़ी तेज़ी से लेकिन प्यार से,,,,,,कुछ ही देर मे दीदी को
चूत पर मेरे हाथ की रगड़ से मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी की दर्द भरी सिसकियाँ मस्ती भरी सिसकियों मे बदल
गई,,,,,लेकिन फिर भी दीदी रुक रुक कर मुझे लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी,,,,मैने चूत को ओर ज़्यादा तेज़ी
से सहलाना ऑर रगड़ना शुरू कर दिया जब तक दीदी की सिसकियाँ मस्ती भरी नही हो गई ऑर तब तक लंड को बिना
हिलाए ऐसे ही गान्ड मे डालके दीदी के उपर लेटा रहा,,,,,,,,,जब कुछ 2-3 मिनिट बाद दीदी की सिसकियों से दर्द पूरी
तरह गएब हो गया ऑर मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई तो मैने हल्के से लंड को गान्ड मे आगे पीछे करना 
शुरू कर दिया लेकिन बड़े प्यार से,,,,,लंड अभी तक आधा भी नही गया था गान्ड मे लेकिन जितना भी गया था मैं
उतने लंड को ही दीदी की गान्ड मे हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा ऑर साथ ही एक हाथ को दीदी के शोल्डर पर 
रख कर शोल्डर को पकड़े रखा ऑर साथ ही एक हाथ से दीदी की चूत को सहलाता रहा,,,,कुछ देर बाद दीदी को
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी मुझे प्यार से ऐसे ही गान्ड मारने को बोलने लगी लेकिन मैने प्यार से गान्ड मारने 
के 2-3 मिनिट बाद एक ऑर तेज झटका मारा ऑर मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे उतर गया इसी झटके के लिए मैने
अभी तक दीदी के शोल्डर को कस्के अपने हाथ से पकड़ा हुआ था ताकि दीदी दूसरे झटके से बचने के लिए आगे की
तरफ नही निकल जाए,,,,,,,

,हहययईई ररीई क्काममििईन्नईए ज्जाआनन्न ल्लीगगा क्क्क्क्य्याआ म्मीररीई
,,,,,,,,आआहह हहयययययईई माआआआ क्कीिट्त्न्ना ददार्र्द्द्द हूट्टी हहाइईईईईईई इससस्स
गाआंनदडड़ कच्छुद्दाी म्मईए प्पीहल्लीए पपाटता हूटता तटूऊ ल्लुउन्न्ड्ड़ क्याअ उउन्नगगल्लीी बभिईीई
न्नाहहीी ग्घूउसान्नी द्दीततीी,,,,,,मार्र डाल्ला ररी ससुउन्नयी टुउन्नी,,जान ननीककाल ददीई म्मीररीि,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--क्या हुआ दीदी पहले खुद ही बोल रही थी कि आज गान्ड ही मर्वानी है खुद ही तो चूत मे जाते
हुए लंड को पकड़ कर गान्ड का रास्ता दिखाया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--गाअल्ल्त्तीई हहूओ गयइी म्मीररीए स्सी प्पात्ता ह्हूत्ता क्कीिई त्तेर्रा म्मूस्साल्ल मीरीई गाणन्ंदड़ म्मी ज्जाक्की म्मीरीइ जानन्न ननीककालल्ल्ल्ल्लद्दीग्गा तूओ ककब्भहिी ईसस्क्कूव आपपनन्ी गगाणन्दड़ क्का ररासस्टता न्नाहहीी दडीीखहात्तीीई,,,,,हहयईएआब्ब्ब त्तूओ ब्बाहहारर ननीककाल्ल द्ददी सुउन्नयी माआरर ज्ज़ोउन्न्नगगीइइ म्मायन बभ्हुत्त् ददार्र्द्द हहूओ
र्राहहा हहाइईइ,,,,,,,,,,,

सन्नी-बस दीदी जितना दर्द होना था हो चुका अब तो मज़ा ही मज़ा है मैने दीदी की चूत को
तेज़ी से सहलाना शुरू किया ऑर लंड को भी हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा लेकिन मैं ज़्यादा लंड को बाहर 
नही कर रहा था बस 2 इंच लंड को ही आगे पीछे कर रहा था मेरा 6 इंच लंड अभी भी दीदी की गान्ड मे था
जिस से दीदी की गान्ड का अंदर वाला हिस्सा भी थोड़ा खुल रहा था ऑर मेरे मूसल के लिए जगह बना रहा था,,
मैने करीब 2-3 मिनिट ऐसे ही हल्के हल्के लंड को आगे पीछे करना जारी रखा ऑर जब देखा कि दीदी को फिर से
मस्ती चढ़ने लगी ऑर दीदी खुद बोलने लगी,,,आहह आयब्ब्ब ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाइईइ सयन्नीयी
अब्ब प्पील्लू आप्प्पंनी ल्लुउन्न्ड्ड़ कककू मीरीइ गाणन्दड़ म्मी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने भी लंड को थोड़ा ज़्यादा 
अंदर बाहर करना शुरू कर दिया ऑर स्पीड भी थोड़ी तेज करदी,,,,,,दीदी मस्ती मे सिसकियाँ लेती हुई कभी कभी
बीच मे हल्का सा दर्द का इज़हार भी कर देती थी,,,लेकिन मेरे को रुकने को नही बोल रही थी,,,,,,,,

करीब 5-7 मिनिट बाद मेरा पूरा लंड दीदी की गान्ड मे अंदर बाहर होने लगा था तभी मैने दीदी को कमर
से पकड़ा ऑर खुद उपर उठकर दीदी को भी उपर उठा दिया दीदी ने भी अपने घुटने मोड़ दिए ऑर खुद को बेड पर
सहारा देते हुए कुतिया के पोज़ मे वापिस झुका लिया ऑर मैं भी घुटने मोड़ कर दीदी के पीछे बैठ गया लेकिन 
मैने दीदी की गान्ड से लंड को बाहर नही निकाला था,,,,,,अब सही पोज़ मे आके मैने दीदी की कमर को पकड़ा 
ऑर धक्के लगाने लगा तभी मेरा ध्यान गान्ड मे अंदर बाहर होते लंड पर गया जिस पर खून लगा हुआ था
मैं समझ गया कि मेरे लंड ने दीदी की गान्ड को फाड़ दिया था ,,दीदी की गान्ड का खून लोशन के साथ मिलकर
मेरे लंड पर लगा हुआ था ऑर खुद गान्ड से बहता है नीचे बेड पर गिरने लगा था,,,,,मुझे बड़ी खुशी हो
रही थी खून देख कर आज मैने पहली सील खोली थी,,चूत की ना सही गान्ड की सही लेकिन इसमे भी बहुत मज़ा
आता था,,,बहुत नही बहुत ज़्यादा,,,अब तक तो जिसकी भी चूत या गान्ड मारी थी वो पहले से खुली थी हालाकी पूजा
ऑर शोभा की गान्ड टाइट ज़रूर थी लेकिन सील बंद नही थी वो हल्की सी खुली हुई थी,,,,,,,,,लेकिन शिखा दीदी की
चूत खुली हुई थी जबकि गान्ड की सील को आज मैने खोला था ऑर इसी बात से मुझे ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी
ऑर मेरी स्पीड तेज होने लगी थी,,,,दीदी भी तेज़ी से सिसकियाँ लेते हुए मुझे उनकी गान्ड चोदने को बोल रही थी ,,,,,
आहह आअब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब आनन्नीई ल्लाअगगाआ ंमाज़्जा म्मूउज़्झहही आअहह
आअब्ब्ब्ब म्माआत्त्ट ररूउक्कणना ससुउन्नयी ब्बाअस्स्स एआईसीए हहिईिइ गगाआंन्दड़ म्मईए ल्लुउन्न्द्द्द्द्दद्ड क्को
त्टीजजििइई ससीए प्पील्ल्त्ती ररीहन्नाअ ऊओररर त्टीजजििीइ सस्सीई,,,,,आपपंनी हहट्तूंन ककूऊ म्मईररीइ
क्काममार्र ससी उउत्तहा क्कार्र म्मीररी बूब्बसस पपीएरर रृाकखू सयन्नीयीईयीयै 

मैने भी दीदी की बातसुनी ऑर हाथों की दीदी की कमर से हटा कर दीदी के बूब्स पर रखा ऑर बूब्स को मसल्ने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आहह उूुुुुुुुुुुुउऊहह हहययययययययययययययी ससुउउन्नययी एआईसीए हहिि त्तीज्ज्जीईईइ
सस्स्सीई गगाणन्दड़ म्माररू मीरीइ ऊरर जजूर्र्र ससी म्मासल्लूऊ म्मीररी ब्बूबबसस क्कूव हहययईईए
आअहह क्कीिट्त्न्ना ंमाज़्जा द्द्दीतता हहाइी त्तीरा यईी म्मूओस्साल्ल्ल ज्जाससा ल्लुउन्न्ञदड़ आहह
क्क़ासशह म्मीररी पपात्तीीई क्‍काल्लुउन्न्ड्ड़ बहीी एआसा हहूवतता टूऊओ म्माज्जा आ ज्जात्त्ता,,,,,ब्बड़ी
क्कीस्स्म्मात्त व्वाल्ल्लीी हूगिइइ त्तीरीइ प्पात्त्न्न्न्नी ससुउन्नयी ज्जू उऊस्क्कूव त्तीररी ज्जासससा म्मूस्साल
ल्ल्लुउन्न्ञदड़ व्वाल्ला पपात्टीी ममिल्लीगगा,,,,क्ख्हूब्ब म्माज्जा क्काररीज्गीइइ वउूओ त्तीरीए सात्थ्ह्ह्ह
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैने भी दीदी की बातें सुन कर खुश होने लगा ऑर सोचने लगा कि पत्नी जब आएगी तब आएगी लेकिन
आज तो मेरी 6 पत्निया हो चुकी है,बुआ शोभा माँ पूजा मनीषा ओर अब शिखा दीदी भी,,,,मुझे बड़ा मज़ा
आ रहा था ये सोच सोच कर ऑर मुझे लगा कि अब मेरा पानी निकलने वाला है क्यूकी मैं करीब 20-25 मिनिट 
से दीदी की गान्ड मार रहा था दीदी तो पहले एक बार झड चुकी थी लेकिन मैं नही झाड़ा था अभी तक लेकिन
अब झड़ने वाला था तभी मैने दीदी के बूब्स से अपने हाथ हटा लिए ऑर जल्दी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ 
घुसा दी ऑर तेज़ी से दीदी की चूत मे उंगलियाँ पेलने लगा ऑर साथ ही गान्ड मे लंड की स्पीड को स्लो कर दिया
क्यूकी मैं दीदी को भी अपने साथ झडवाना चाहता था ऑर ऐसा ही हुआ दीदी की सिसकियाँ अब तेज होने लगी थी ऑर
वो पूरी मस्ती मे चिल्ला रही थी आअरर त्तीज्ज्ज ससुउउन्नयी ऊरर त्तीईज्ज म्मीर्रा ब्बाअस्स हहूननी व्वाल्ला 
हहाइईइ ऊरर त्तीज्ज प्पील्लू ल्लुउन्न्ड्ड़ क्कूव म्मीरीइ गाणन्दड़ मे ऊरर टीज़्ज उउन्नगगल्लीी क्कर्ररू म्मीरीईईईईई
कच्छूत्त मी आअहह उूुउऊहह हमम्म्ममममममम दीदी ने खुद अपने
हाथों से अपने बूब्स को भी मसलना शुरू कर दिया था मैने भी देखा कि दीदी अब झड़ने वाली है तो मैने
भी लंड को तेज़ी से गान्ड मे पेलना शुरू कर दिया करीब 2 मिनिट बाद ही तेज़ी से चिल्लाते हुए दीदी की चूत ने
पानी छोड़ दिया ऑर मेरे लंड ने भी दीदी की गान्ड को स्पर्म की पिचकारियों से भर दिया,,,,,,,,,,,,मैं हन्फता हुआ 
बेड पर गिर गया ओर दीदी ऐसे ही अपने नीचे पड़े पिल्लो पर पेट टिका कर गिर गई,,,,,,



शिखा--आज तो सच मे बहुत मज़ा आया सन्नी,,,इतना मज़ा तो चूत मे नही आया कभी जितना आज गान्ड मे आया है लेकिन दर्द भी चूत की सील खुलने से कहीं ज़्यादा हुआ है गान्ड की सील खुलने मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--लेकिन मज़ा तो आया ना दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--हाँ सन्नी बहुत मज़ा आया,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या तू रोज मुझे ऐसे मज़ा दे सकता है सन्नी,,,,,

सन्नी--रोज रोज का मुश्किल है दीदी क्यूकी टाइम निकालना ऑर जगह का बंदोबस्त करना मुश्किल है लेकिन जब भी मोका
मिला मैं आपकी सारी प्यास भुजा दिया करूँगा,,,,,,,,,,,,,,,,,

शिखा--सच मे सन्नी,,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--हाँ दीदी बस जब भी आप घर पर अकेली हो मुझे कॉल कर दिया करना मैं आ जाया करूँगा,,,,,,,,,,,

शिखा--ठीक है सन्नी ,,,,,,,,,,,,,

उस दिन मैने एक बार ऑर दीदी की गान्ड मारी आज दीदी ने मुझे चूत मे लंड घुसने ही नही दिया उनको तो आज सिर्फ़ 
गान्ड चुदाई का मज़ा लेना था,,,,ऑर वैसे मैं भी बड़ा खुश था गान्ड की सील खोलके ऑर टाइट गान्ड की
चुदाई करके,,,,,,,,,,,,,फिर मैं कॉलेज टाइम से कुछ देर पहले ही वहाँ से निकल गया,,,,,,,,,,,
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