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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
पापी परिवार--51
अचानक से निक्की के होंठ मुस्कुराने लगे .... शायद उसे सल्यूशन मिल गया था ...... " भाई आप चाहो तो मास्टरबेट कर लो .. आप को रिलॅक्स मिल जाएगा "
अपनी सग़ी छोटी बहेन के यह लफ्ज़ कान में सुनाई पड़ते ही निकुंज ने फटी आँखों से निक्की को देखा .... अभी उसने जो कुछ भी सुना, उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था ....... " मेरी बहेन मुझे मूठ मारने की सलाह दे रही है " ....... सोचने मात्र से ही उसके कठोर लंड ने कयि झटके खाए और इससे उसके शॉर्ट्स के ऊपर ज़ोरो की हलचल होने लगी.
" भाई क्या हुआ ? " ....... निकुंज की शॉर्ट्स में बने तंबू को अचानक से और भी ज़्यादा टांट देख निक्की की निगाहें हैरत से खुलने, बंद होने लगी .... कुछ देर तक उसने अपनी पैनी नज़र उस तंबू की विशालता पर गढ़ाए रखी और फिर निकुंज के बनते बिगड़ते चेहरे की तरफ देखा ...... " भाई आप तकलीफ़ में हो, मास्टरबेट कर लोगे तो आराम मिलेगा " ....... जाने क्यों यह बात कहते वक़्त निक्की की टांगे आपस में रगड़ खा रही थी या शायद उस कुँवारी अनियंत्रित लड़की की चूत मे खुजली मचने लगी होगी.
बीते पिच्छले 24 घंटों में निक्की ने क्या कुछ महसूस नही किया .... वह अपनी जवानी के फुल शबाब पर थी लेकिन अपनी उमर की अन्य लड़कियों से बिल्कुल अलग और आज पहली बार उसे लग रहा था .... उसने अपनी जवानी को सहेजकर, उसे केवल बर्बाद ही किया है .... जिन बातों को कल तक वह बिल्कुल ऑर्डिनरी वे में लेती थी आज उसे यह नये एहसाह बेहद रोमांचित कर रहे थे.
चूचियों के मसले जाने का मज़ा .... हल्की फुल्की अश्लील बातें .... खुले आसमान के नीचे नंगी होना .... एक जवान मर्द को अपने नाज़ुक अंग दिखा कर उत्तेजित करना और सबसे बड़ा एग्ज़ाइट्मेंट .... इन सारी हरकतों में मेल इन्वॉल्व्मेंट उसके सगे भाई निकुंज का था और जो कभी उसने अपने सपनो में भी नही सोचा होगा.
" न .... नही निक्की !!! मैं भला तेरे सामने, ऐसा कैसे .. नही मुझसे नही होगा " ...... निकुंज झेन्प्ते हुए बोला लेकिन उसके इस कथन से निक्की खुश हुई क्यों कि उसके भाई का इशारा अपनी बहेन की तरफ था और यदि कार में निक्की की मौजूदगी का इश्यू नही होता .... तो वह मास्टरबेट करने को अग्री हो जाता.
" क्यों भाई !!! क्या मेरे सामने करने से आप को कोई तकलीफ़ होगी ? " ...... निक्की ने नॉटी स्माइल देते हुए पूछा, वह जानती थी कि यह सारा कमाल उसके नंगे बदन का है जो उसके भाई की इस कदर बुरी हालत हो गयी और इस बात के लिए उसे खुद पर काफ़ी प्राउड भी फील हो रहा था लेकिन वह ऐसे शो कर रही जैसे यह कोई नॉर्मल टॉपिक हो.
" नही मैं नही कर सकता " ..... निकुंज ने बेहद लो वाय्स में कहा .... उसके लिए तो यह सिचुयेशन मरने से भी कयि गुना ज़्यादा पीड़ा - दाई हो चली थी .... पहले निक्की ने उसे पेशाब करते देख पकड़ा था और अब अपनी बहेन के सामने मूठ मारना .... वह कंट्रोल करने की जितनी कोशिश कर रहा था, उसके लंड में उतना ही तनाव बढ़ता जा रहा था.
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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
मात्र चाँद लम्हो में निकुंज ने निक्की के मन को पढ़ लिया .... वह फुल्ली श्योर था, जानता था कि उसकी बहेन एक ऐसी वर्जिन लड़की है जिसने आज तक कभी पॉर्न भी नही देखा होगा .... मर्द के नाम पर एक वही है जिसके साथ निक्की इतना आगे बढ़ी थी .... फिर ऐसे में उसकी बहेन की घबराहट लाज़मी है, आख़िर उसका लंड है ही इतना बड़ा कि किसी भी कुँवारी लड़की के मन में डर पैदा हो सकता है.
वहीं निक्की की लाइफ में किसी भी मर्द के लंड को नंगा छुने का यह पहला अवसर था .... माना अब वह काफ़ी खुल चुकी थी, जान चुकी थी की उसका भाई क्या चाहता है और वह खुद क्या चाहती है .... अंजाने डर के बावजूब भी निकुंज के लंड को देखने की उसकी इच्छा अभी अधूरी थी.
" भाई !!! अपना शॉर्ट्स उतार दो .... इसके रहने से मेरा हाथ नही चल पाएगा " ..... लंड की विकरालता की तपिश से उसकी चूत पिघल कर धीरे धीरे पानी छोड़ने लगी थी और तभी वह उसे अपनी आँखों के सामने लाना चाहती थी.
यह बात कहते वक़्त निक्की की आवाज़ में थरथराहट आ गयी, जिसे निकुंज ने सॉफ महसूस किया और उसने अपनी बहेन की आँखों में झाँका .... जिनमें वह सिर्फ़ और सिर्फ़ वासना के आती कामुक डोरे तैरते हुए देख रहा था.
आख़िर कार दोनो की आँखों का जुड़ाव ज़्यादा हो गया और कुच्छ देर तक वे यूँ ही, खामोशी से एक दूसरे की आँखों में झाँकते रहे .... निक्की के लिए अपने भाई की आँखों में देखना बहुत कठिन काम था और जल्द ही उसकी पलकें शरम से झुकती चली गयी .... इसके बाद निकुंज कुच्छ ना बोला, बस उसने अपनी कमर उचकाकर एक झटके में अपना शॉर्ट्स, अंडरवेर सहित अपने घुटनो तक सरका दिया.
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शॉर्ट्स के उतरते ही उसका मर्दाना अंग किसी फुफ्कार्ते साँप तरह लहरा उठा .... निक्की फटी आँखों से अपने भाई के विशालकाय लंड को देखने लगी, उसकी आँखें भय से पथरा गयी थी .... उसका गला उसे सूखता महसूस हुआ और उसकी बॉडी के अंदर का टेंपरेचर पहले से कहीं अधिक बढ़ गया.
" ओह भाई .. अपना शॉर्ट्स वापस पहेन लो " ........ उसने घबराकर अपनी आँखें बंद करते हुए कहा .... उसकी धीमी आवाज़ में बेहद दर शामिल था.
" क्या हुआ बेटा !!! तूने अपनी आँखें क्यों बंद कर ली ? " ....... निकुंज अपनी बहेन की हालत को बखूबी समझ रहा था और उसने बड़े प्यार से उससे पूछा .... अपनी सग़ी जवान बहेन के सामने, अपने खड़े लंड को नंगा करने के बाद तो जैसे वा बिना कुछ किए ही झड़ने की कंडीशन में पहुच चुका था.
बंद आँखों में भी निक्की तेज़ तेज़ साँसे ले रही थी मानो एक दम से उसे फीवर आ गया हो और इसे देखते हुए निकुंज ने ज़्यादा कॉन्वर्सेशन गॅप बनाना ठीक नही समझा ...... " पहले खुद कहती है .. भाई शॉर्ट्स उतार लो और जब मैने उतार लिया तब तूने अपनी आँखें बंद कर ली .. यह कहाँ तक सही है निक्की " ....... निकुंज ने उसे समझाया.
" भाई मैं नही देख पाउन्गि .. वो वो .. कितना बड़ा है " ....... आख़िर निक्की खुल कर बोल गयी और ज्यों ही उसने अपना डर अपने भाई पर ज़ाहिर किया .... निकुंज की हसी छूट पड़ी.
" अरे अब तू कोई बच्ची थोड़ी है .. अगर ऐसे ही डरेगी तो शादी कैसे कर पाएगी .. बोल ? " ....... एरॉटिक माहॉल को खुशनुमा बनाते हुए निकुंज ने उससे पूछा.
" मुझे नही करना शादी - वादी, बस आप उसे छुपा लो " ....... अपनी बहेन की मासूम बातों से निकुंज को उस पर बहुत प्यार आया और उसने झूट मूट का नाटक करते हुए उससे कहा ....... " ले छुपा लिया, ठीक है .. अब तो अपनी आँखें खोल "
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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
निक्की ने झट से अपनी आँखें खोल दी लेकिन नज़ारा सेम वही था और इससे पहले वह कुछ कहती या अपनी आँखें दोबारा से बंद कर पाती निकुंज ने फुर्ती से उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया ...... " आऐईयईईईईईई मम्मी !!! " ....... डर के मारे निक्की की चीख निकल गयी और वह अपना हाथ अपने भाई के हाथ से छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
" इतना क्यों घबरा रही है निक्की .. मैं क्या तेरे साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती कर रहा हूँ ? " ...... निकुंज ने उसके हाथ को ताक़त से अपने लंड के इर्द गिर्द लपेटते हुए पूछा.
" भाई आप समझो .. यह पासिबल नही है " ....... निक्की ने सहमे स्वर में कहा, वह सोच बैठी थी .... जब उसकी एक उंगली उसकी छोटी सी चूत के अंदर जाकर उसे काफ़ी पेन फील करवाती है फिर यह विशाल लंड तो उसकी चूत को बुरी तरह से फाड़ कर रख देगा और अब तक के हालात देख कर वह कन्फर्म हो चुकी थी कि बात अब आगे ही बढ़ेगी.
" क्या पासिबल नही है ? " ...... निकुंज उसके हाथ से अपने लंड पर स्ट्रोक देते हुए बोला .... निक्की को लग रहा था जैसे उसके हाथ ने कोई जलती हुई रोड पकड़ रखी हो लेकिन इन सब के बीच निकुंज को जो सबसे बड़ा फ़ायदा हुआ, वह था .... उसकी बहेन अब अपनी आँखें बंद नही कर रही थी.
" क .. कुच्छ नही भाई " ........ निक्की ने शरम से लाजा कर कहा, और जवाब में वह कहती भी क्या .... उसकी सोच तो सीधे अपने भाई के साथ चुदाई तक पहुच चुकी थी.
" तू रिलॅक्स रह ... तेरी मर्ज़ी के बगैर मैं कुछ नही करूँगा " ...... निकुंज हॅपी हुआ जब उसने निक्की के चेहरे पर शरम आती देखी .... रुकी सिचुयेशन को फिर से आगे बढ़ाते हुए उसने अपने बायें हाथ से निक्की को कवर किया और ज़ोर से अपनी तरफ खींचकर, खुद के बदन से चिपका लिया .... उसके ऐसा करने से उसकी बहेन की सॉफ्ट और मुलायम चूचियाँ निकुंज की मजबूत छाति में दबी रह गयीं.
" ओह भाई .. क्या कर रहे हो आप ? " ...... निक्की सिसकी लेकिन उसकी बात में अब किसी प्रकार का कोई विरोध शामिल नही था .... निकुंज ने अपने उसी हाथ को ऊपर उठा कर निक्की का लेफ्ट बूब पकड़ लिया और फिर हौले हौले उसे दबाने लगा.
" प्यार कर रहा हूँ तुझे " ....... यह कहते हुए निकुंज ने अपना दूसरा हाथ भी अपने लंड से हटा कर इसी काम में लगा दिया और निक्की मस्ती में भरकर उसकी गोद में जा गिरी .... उसे अपने चूचियों पर अपने भाई के हाथों का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था.
" ह्म्म्म्मम तू अब बड़ी हो गयी है " ...... निकुंज ने तेज़ी से अपना चेहरा नीचे झुकते हुए अपने होठों से निक्की के गाल और गर्दन को चूमना शुरू कर दिया .... जिससे उसकी बहेन मस्ती में कसमसाने लगी और साथ ही निकुंज के हाथों का कठोर दबाव भी उसके बूब्स पर निरंतर जारी रहा.
जल्द ही निक्की आनंद के सागर में गोते लगाने लगी, उसका बदन सिरहन से भरता जा रहा था .... उसे इतना मज़ा कभी नही आया था जितना वह अभी इस वक़्त महसूस कर रही थी .... निकुंज उसकी गर्दन को चूमते चूमते उसके जुवैसी लिप्स तक पहुच गया और फिर अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ दिए.
" ओन्नह ....... ओन्न्नह !!! " ..... निक्की के होंठ लॉक होते ही ऐसे साउंड सुनाई देने लगे .... पहली बार उसके अनटच लिप्स को किसी मर्द ने छुआ था वह भी डाइरेक्ट अपने लिप्स से .... उसकी आँखें बंद हो चुकी थी लेकिन अपने लिप्स का ज़रा भी मूव्मेंट वह नही कर पाई थी .... अब तक ना तो उसे इसका कोई आइडिया था और ना ही कोई गाइड करने वाला मिला था इसलिए वह नही जानती थी उसे कैसे रिएक्ट करना चाहिए.
निकुंज मस्ती में चूर हो चला था .... अपनी बेहन की कसी चूचियों को मसल्ने और साथ ही उसके कोमल होंठो का रस चूसने में जिस असीम सुख का एहसास उसे हो रहा था .... उसके असर से निकुंज का लंड बेहद हार्ड हो चुका था और अब वह जल्द ही झड़ना चाहता था.
निक्की अपनी आँखें मून्दे खुद को अपने भाई के हवाले कर चुकी थी .... हलाकी निकुंज की देखा देखी अब उसके लिप्स भी हिलने लगे थे लेकिन जिस स्पीड से उसका भाई उसके होंठ चूस रहा था, वह उसमें अभी काफ़ी पिछे थी .... उसे बहुत कुछ सीखना अभी बाकी था.
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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
निकुंज ने उसके नीचे वाले होंठ को भी चूसना शुरू कर दिया .... उसकी बहेन की चूचियाँ फूल कर उसके हाथों में नही समा पा रही थी .... फॉरन वह जान गया, निक्की पूर्णरूप से उसके बस में आ चुकी है और अब उसे अपने लंड के बारे में सोचना चाहिए.
" निक्की !!! " ..... निकुंज ने उसके बूब्स मसलना छोड़ दिए और अपनी उंगली से उसके गीले होंठ छुते हुए बोला ...... " एक बात कहूँ .. बुरा तो नही मानेगी ? " ...... उसकी वाय्स में रिक्वेसटिंग भाव थे.
सब कुछ सामान्य होते ही निक्की ने अपनी आँखें खोल दी और अपने भाई के चेहरे को देखने लगी ...... " बोलो भाई !!! आप की किसी भी बात का मुझे बुरा नही लगेगा " ....... आख़िर निकुंज ने आज उसे इतना मज़ा दिलवाया था, जिसकी कभी उसने कल्पना भी नही की थी .... फिर वह हां कैसे ना करती और अब वाह अपनी चोर नज़रों का दोबारा इस्तेमाल करने लगी थी निकुंज का लंड देखने के लिए.
निकुंज अपनी उंगलियों से उसके होंठों को दबाते हुए सोचने लगा .... उसकी हिम्मत नही हो रही थी, कैसे वह निक्की के सामने अपनी इच्छा ज़ाहिर करे .... बात ही कुछ ऐसी थी जिसे सोच सोच कर उसके पसीने छूट रहे थे.
वह अपनी बहेन से ब्लोवजोब चाहता था .... वह चाहता था, उसकी मोम की तरह उसकी बेहन भी अपने गरम होंठों से उसके मर्दाने अंग को प्यार करे .... उसका लंड बहुत ज़्यादा सख़्त हो चुका था और जिसे अब वह निक्की के मूँह से चुस्वा कर शांत करवाना चाहता था .... लेकिन निकुंज के लिए यह सोचना जितना आसान काम था, कहना उतना ही मुश्किल.
" क्या हुआ भाई ? " ...... निक्की ने अपने भाई को खामोश देखकर पूछा ..... " आप बोलो तो सही !!! मैं आप की किसी भी बात का बुरा नही मानूँगी " ....... उसने अपनी बात दोहराई.
निक्की का पॉज़िटिव रिक्षन देखने के बाद निकुंज ने साहस कर के .... अपने धड़कते दिल के साथ अपना मूँह खोला ....... " म .. मुझे ब्लोवजोब देगी ? "
इसके बाद तो जैसे कार में सन्नाटा छा गया .... निक्की कोई दूध पीती बच्ची तो थी नही जिसे ब्लोवजोब का मतलब पता नही होता लेकिन उसने खुद पर काबू किया ...... " ब्लोवजोब क्या होता है भाई ? " ...... वह बड़ी मासूमियत से बोली जबकि उसकी चढ़ती सासे .... उसके झूठ को सॉफ बयान कर रही थी.
वहीं अब निकुंज की हालत और ज़्यादा खराब होने लगी कि कैसे वह अपनी बहेन को ब्लोवजोब का मीनिंग समझाए .... वह बेचैनी से खिड़की के बाहर देखने लगा और फिर धीरे से फुसफुसाया ...... " मेरा लंड चूसेगी ? " ...... इतना कहने के बाद वह चुप हो गया और उसकी आँखें शरमिंदा होकर खुद ब खुद बंद हो गयी .... शायद उसकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी.
अपने भाई के मूँह से ऐसी अश्लील बात सुनकर निक्की का शरम से बुरा हाल था .... उसने अपने भाई के चेहरे को देखा, वह अपनी आँखें मून्दे पड़ा था .... फिर निक्की की लस्टी आँखें निकुंज के विशाल लंड पर पहुच गयी और इस बार उसे अपने भाई का लंड पहले से कहीं ज़्यादा भायानकर दिखाई दिया .... लंड की नसो को देख कर लग रहा था जैसे वह अभी फटने वाला हो और मोटा मिज़ाइल जैसा गुलाबी टॉप लगातार गाढ़ा लिक्विड बाहर उगल रहा था .... सच तो यह था, निक्की की चूत भी इतना पानी छोड़ रही थी कि बॉटल भर जाए.
" क्या यह सच में रियल है .. क्या मैं इसे चूस पाउन्गि ? " ....... उसने लंड की विशाल लंबाई और भयानक मोटाई देखते हुए अपने मन में सोचा .... निकुंज की बातों को याद करके निक्की के शरीर में वासना, मस्ती बनकर दौड़ रही थी .... उसके होंठ स्वतः ही खुलने की कोशिश करने लगे और जल्द ही वह अपने भाई की कमर पर झुकती चली गयी.
निकुंज की आँखें तो बंद थी लेकिन ज्यों ही उसने निक्की की गरम साँसें अपने लंड के सुपाडे पर महसूस की वह खुद एग्ज़ाइट्मेंट और उत्तेजना में गहरी साँसें लेने लगा .... निक्की अपने भाई के लंड से उठती मादक मर्दाना सुगंध सूंघ सूंघ कर पागल हुई जा रही थी ........ " इतनी भी बुरा नही है " ........ यह सोचते हुए वह अपने कंट्रोल से, आपे से बाहर हो गयी और अती कामुकतावश उसके सुपाडे पर एक छोटा सा किस कर दिया.
" अहह " ....... झट से निकुंज की बंद आँखें खुल गयी .... उसने देखा निक्की उसके विकराल लंड को बेहद नशीली आँखों से घुरती हुई, अपने सॉफ्ट और जुवैसी लिप्स पर अपनी जीभ घुमा रही है और यह सीन देखकर निकुंज की नसे फडक उठी.
" प्लज़्ज़्ज़ ... निक्की इसे अपने मूँह के अंदर लेकर चूस .. इसे अपने होंठो से प्यार कर .. मैं बहुत बेचैन हूँ " ......... निकुंज एक कराह ले कर बोला.
अपने सगे भाई के मूँह से उसके लंड को चूसने और होंठो से प्यार करने की बात सुनकर निक्की की आँखें भारी होने लगी .... एक नशा, एक सनक उस पर सवार हो गयी .... अपने आप उसके लिप्स खुले या पूरी शक्ति के साथ फट पड़े और अगले ही पल निकुंज का गीला छोटे सेब जैसा सुपाड़ा, निक्की के गरम व मुलायम होंठो के घेरे में क़ैद हो गया.
"ऊओह.....!!! निक्की चूस बेटा " ........ निकुंज के मूँह से लंबी आह निकली और वह अपना एक हाथ अपनी बहेन के सर पर रखकर, उसके सिल्की बाल सहलाने लगा ..... साथ ही साथ अपने दूसरे हाथ से उसकी राइट चूची पकड़ ली और ज़ोरों से मसल्ने लगा.
निकुंज का मर्दाना अंग अपने मूँह के अंदर लेते ही निक्की की आँखें मस्ती से बंद हो गयी .... उसे एक अजीब सा नशा होने लगा .... जाने क्या बात थी लेकिन उसे एक अलग ही आनंद का अनुभव हुआ और जो अब तक उसने कभी महसूस नही किया था .... वह पूरी तरह से अपने भाई के आगे समर्पित होती चली गयी.
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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
लंड की विशालता के सामने निक्की अभी कोरी युवती थी, यह उसका पहला मौका था लंड नामक वास्तु को देखने का, इतने करीब से महसूस करने का .... वह अपने नरम होंठो से सुपाडे को चूसने तो लगी लेकिन अनुभवहीन, उसे ज़्यादा कुछ समझ नही आ रहा था, कि उसे क्या करना चाहिए .... वहीं निकुंज भी सब जानते हुए अपनी बहेन को प्रेशराइज्ड़ नही सकता था, बस उसे खुशी इस बात की थी .... निक्की ने उसकी फर्माहिश को क़ुबूल किया था.
निकुंज बारी बारी निक्की की दोनो चूचियों का मंथन करता रहा और हौले हौले अपनी कमर को ऊपर नीचे करते हुए, अपने विशालकाय लंड से अपनी बहेन का छोटा सा मूँह चोदने लगा .... लेकिन उत्तेजना एक ऐसी चीज़ है जिसके आगे युवा तो क्या बड़े - बूढ़े भी पस्त हो जाया करते हैं.
एका एक निकुंज की कमर ज़्यादा उच्छल गयी और उसका मोटा लंड लगभग आधा निक्की के मूँह में चला गया ....... " उफफफफफफफफ्फ़ निक्की ....... कितना टाइट मूँह है तेरा " ..... जहाँ एक और निकुंज को अत्यंत मज़ा आया वहीं निक्की ने बुरी तरह चौंक होकर .... अपना सर ऊपर उठा लिया.
" ओल्ल्ल्ल्लुप .... भाई !!! जान लोगे क्या मेरी " ...... अकबकाई लेती हुई निक्की अपनी सीट पर सीधी हो कर बैठ गयी और उसने अपने भाई से शिकायत की .... उसके होंठ और चिन थूक से भीगे हुए थे, वह बहुत तेज़ साँसें ले रही थी.
" सॉरी सॉरी .. मैं कंट्रोल नही कर पाया था निक्की " ...... निकुंज ने जवाब दिया मगर उसके मन में टीस उत्पन्न होने लगी थी, वा चाहता था निक्की अभी थोड़ी देर और उसका लंड चूसे, उसे झाड़वा दे लेकिन वह सॉफ लफ़ज़ो में कह नही सका.
" आप का ये मॉन्स्टर .. भाई इसे चूसना बहुत मुश्किल काम है " ...... निक्की ने साइज़ इश्यू को लेकर कहा ...... " ऐसा भी नही नामुमकिन हो बट अभी आप समझो " ...... उसने शरारत भरे अंदाज़ में दो अरथी बात कर दी.
उसका इशारा साफ था, वह अभी अपने आप को इस काबिल नही कर पाई है कि अपने भाई का विकराल लंड अच्छे से चूस सके लेकिन फ्यूचर में वह इस नामुमकिन शब्द को मुमकिन में ज़रूर बदलेगी और निकुंज भी उसकी बात फॉरन समझ गया.
" चल ठीक है निक्की !!! मुझे इंतज़ार रहेगा इस मुश्किल के मुमकिन होने का " ...... वह मुकुराया और निक्की के गाल शरम से लाल होने लगे ... अब वे दोनो भाई बेहन पूर्ण रूप से प्रेमी जोड़े में तब्दील हो चुके थे.
इसके बाद निकुंज ने अपना हाथ अपने लंड के इर्द गिर्द कस लिया और बेहद कठोरता से मूठ मारने लगा .... निक्की आश्चर्यवश अपना मूँह फाडे, अपने भाई की गतिविधि देख रही थी .... कैसे उसका भाई अपने हाथ की कलाई बराबर मोटा लंड, उसी कलाई से ऊपर नीचे कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप निक्की की चूत में अथाह पेन उठने लगा.
जल्द ही वह मौका आया, जब निकुंज की टांगे ऐंठने लगी और वह आहें भरने लगा .... निक्की भी समझ गयी उसके भाई के लंड से ईजॅक्युलेशन होने वाला है और उससे रहा नही गया .... वह बिना किसी मंज़ूरी के, जिग्यसावश निकुंज के लंड पर झुक कर .... उसके बेहद करीब आ गयी.
" भाई अभी वाइट लिक्विड निकलेगा ना ? " ...... उत्सुकता में निक्की का पूच्छना हुआ और तभी एक बड़ी आह के साथ निकुंज का सूजा सुपाड़ा रस की लंबी लंबी फुहारें छोड़ने लगा .... जो लंड के ठीक सामने बैठी निक्की के चेहरे को भिगोने लगा.
बेहद गरम और गाढ़े पानी की दो फुहार अपने चेहरे पर झेलने के तुरंत बाद निक्क ने हड़बड़ा कर ऊपर उठना चाहा लेकिन ठीक उसी वक़्त निकुंज चीखा ..... " आअहह...... न .. निक्की प्लज़्ज़्ज़ एक बार चूस इसे " ...... निकुंज की सिसकारी छूट गयी
सब कुछ इतने जल्दी हुआ कि निक्की सम्हल नही पाई और उसने अपने होंठो से वीर्य उगलता सुपाड़ा चूसना शुरू कर दिया .... कुछ ऐसी ही स्मेल उसे महसूस हुई, जैसी उसके भाई के पसीने से भरे बदन से आती है.
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RE: Porn Sex Kahani पापी परिवार
" ह्म्म .... ह्म्म्म्ममम !!! " ...... निक्की के होंठो के साथ उसकी जीभ भी सुपाडे पर लहराने लगी .... निकुंज के आनंद का तो कोई ठिकाना ही नही रहा, वह अपनी कमर को हिलने से रोक नही पा रहा था और उसके सुपाडे से बाहर निकलते वीर्य से उसकी बहेन का मूँह भरने लगा .... लेकिन निकुंज को कुछ भी कहने की ज़रूरत महसूस नही हुई और उसे निक्की के गले से ' गलल गलल ' की आवाज़ें सुनाई देने लगी.
" ओह .. हां ह्म्म्म्मममम " ....... जल्द ही निकुंज के लंड से वीर्य का असीम विस्फोट रुक हो गया और उसके लंड का तनाव भी धीरे धीरे कम होने लगा .... अब निक्की के छोटे से मूँह तो राहत मिल चुकी और उसने अपने सॉफ्ट होंठो की चुसाई को कठोरता में बदल दिया.
वह किसी वॅक्यूम पंप की तरह सुड़कते हुए अपने भाई के सेमी हार्ड लंड को अपने मूँह में समाने लगी .... निकुंज उसके बालो में अपनी उग्लियाँ घुमा रहा था लेकिन उसने निक्की को नही रोका बल्कि उसे बहुत अच्छा फील होने लगा था.
काफ़ी देर तक निक्की यूँ ही उसके लंड को चूस्ति रही, ढीला पड़ने के बाद उसे अपने भाई के लंड पर बेहद प्यार आ रहा था, आराम से चूस भी पा रही थी लेकिन जब उसे होश आया कि वह ईजॅक्युलेशन होने के बावजूद भी अपनी मर्ज़ी से यह कार्य करती जा रही है .... उसकी सारी खुशी, लज्जा में परिवर्तित हो गयी.
" नही नही रुक क्यों गयी .. अभी मन नही भरा हो तो ...... " ..... निक्की के मूँह से अपना लंड बाहर आते देख निकुंज ने उसे छेड़ दिया .... निक्की शरमा गयी और अपने भाई के सीने में, अपना लाल चेहरा छुपा लिया ...... " आप बहुत गंदे हो भाई .. जाने मुझसे क्या क्या करवा लिया " ...... वह लो वाय्स में फुसफुसाई.
निकुंज ने फॉरन अपना हाथ नीचे ले जाते हुए, अपनी शॉर्ट्स की पॉकेट में डाला और जिस गिफ्ट से वह अपनी बहेन को मनाने वाला था .... वह कर्ध्नी उसकी आँखों के सामने कर दी.
" यह बिल्कुल सच है निक्की !!! मैं आज बहेक गया था .. जान बूझ कर तेरे बदन से खेल रहा था लेकिन तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और अगर तू नही चाहेगी .. मैं वादा करता हूँ, आज के बाद कभी तेरी बॉडी को टच नही करूँगा " ...... अपनी बहेन के समर्पण ने निकुंज की सारी वासना का अंत कर दिया था और अपने आप उसके होंठो से यह लफ्ज़ बाहर आ गये.
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