Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
09-15-2018, 01:48 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
"डॉली.. डॉली.. तू ठीक है" मैने डॉली को कंधों से झटकते हुए कहा


"नहीं .... पर....

डॉली ख़तम भी नहीं कर पाई अपनी बात के मैने उसे बीच में काट दिया

"पर क्या डॉली.. तुझे सबूत चाहिए, ये देख..." 

ये कहके मैने उसके हाथ में लिबीडो कॅप्सुल्स पकड़ा दिए...

"ये क्या है, कल मुझे तेरी पर्स से मिले थे... क्यूँ कि जैसा तू कल मेरे साथ बर्ताव कर रही थी मुझे लगा तूने कुछ ग़लत कदम उठाया है" मैने उसे चिल्लाके
कहा

ये देख डॉली के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गयी हो.... वो अपना सर पकड़ के रोने लगी.. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वो ऐसा कुछ कर सकती है..

"...उहूहहह, प्लीज़ किसी को मत बोलना, उम्म्म्ममममोहोोहोहोोहो नूऊऊऊऊऊओ.... ये मैने क्या कर दिया... ओूहो मम्मी" कहते
कहते डॉली फुट फुट के रोने लगी.. उसकी आँखों से आँसू "टॅप टप टप टप" करके बह रहे थे

ये सीन देख के मुझे बहुत खुशी हुई.. जिन लोगों ने मुझे और मेरे मा बाप को नुकसान पहुँचाने का सोचा था, आज उनमे से एक मेरे आगे अपने पेर के बल बैठके ज़मीन पे रोए जा रही थी... 

मुझे जब लगा कि ये बहुत रो रही है, लोग देख रहे हैं तो मैने उसे उठाने का प्रयत्न किया... जैसे ही मैं नीचे झुक रहा था तभी स्मस आया... 

डॉली को छोड़ फिलहाल मैने स्मस देखा


"खबरदार.. उसे रोने दो समझे.." पायल का स्मस था..

मैं उसका स्मस पढ़ के इधर उधर देखने लगा बट वो मुझे कहीं दिखी नहीं... तुरंत उसका कॉल आया..

"हेलो... कहाँ है" 

पायल:- कहीं भी... पर उसे रोने दो, ज़्यादा दयावान बनने की ज़रूरत नहीं समझे

मैं:- पर तू है कहाँ...

पायल:- कॉफी शॉप के उपर नाइकी का शोरुम है, उधर एंट्री गेट पे देखो.. इधर उधर देख रहे हो, उपर भी देख लेते.. आप कच्चे खिलाड़ी साबित हो रहे हो भैया हहहे हाहाहा.. 

मैने उसे देखा तो दूर से भी वो एक दम अप्सरा की तरह लग रही थी.. फिलहाल उसे छोड़ के मैने फोन कट किया 

मैं:- डॉली प्लीज़ उठ जा अब.. प्लीज़ मेरी बहेन है ना प्यारी वाली

शायद मैने बहुत देर कर दी थी.. जब मैने ये कहा तब तक डॉली उठ भी चुकी थी और अब चुप हो गयी थी, रोना उसका बंद हो गया था

डॉली:- प्लीज़ किसी को मत बोलना ये बात आइ रिक्वेस्ट यू... कहे तो मैं तुझसे भीख भी माँगूँ इस बात की..... ये कहके उसने अपने हाथ फोल्ड करके मुझसे बिनती करने लगी.... 

"अरे प्लीज़ ऐसा मत बोल डियर... ये बात में कुछ है किसी को बोलने जैसा... तू हमारे घर की इज़्ज़त है, तेरा ध्यान हम ही रखेंगे ना" मैने उसके हाथ पकड़ते हुए कहा और उसे हग करके उसके फोर्हेड पे किस किया..

ये देखके डॉली को बहुत अच्छा लगा.. करीब 5 मिनट तक उसने मुझे छोड़ा नहीं, तब तक मैं पायल को देख रहा था जो मुझे उपर से बस अपना पंजा दिखा के मारने का इशारा कर रही थी...

"चल छोड़ अब डॉली ये सब... अब सुन, आराम से घर जा और वादा कर मुझे के आगे से ऐसा कुछ नहीं लेगी तू" मैने डॉली को अलग करते हुए कहा

डॉली:- बिल्कुल नहीं... थॅंक यू के तुमने मुझे माफ़ किया....

मैं:- चल अब घर जा... हम साथ में आएँगे तो फिर कोई सवाल ना हो घर से... ओके ना

डॉली सिर्फ़ हल्का सा मुस्कुरा के वहाँ से निकल गयी.... जैसे ही वो निकली, मैने उपर देखा तो पायल भी नहीं खड़ी थी उपर.. मैं इधर उधर देखने लगा पर वो कहीं नहीं दिखी.. मैने जैसे ही उसे कॉल करने के लिए फोन निकाला तब पीछे से.


"मैने कहा था ना आप कच्चे खिलाड़ी हो" पायल ने आवाज़ देते हुए कहा

मैं पीछे पलटा और उसे देखने लगा...

"क्यूँ.." मैने पूछा..

पायल:- मुझे ढूँढने के लिए इधर उधर, उपर देख लिया... पीछे भी देखना पड़ता है, भूल गये क्या... और अपने दुश्मनो से बड़ा गले मिल रहे हो

मैं:- अरे ऐसा नहीं है यार, हुआ ऐसा कि..

"ओफफो अब रहने दो.... आप अपनी बहेन के साथ लगे रहो, मुझे क्या फरक पड़ता है, मैं हूँ ही कौन आपकी" 


ये कहके पायल वहाँ से जाने लगी.. मैने उसका हाथ पकड़ के उसे अपनी बाहों से सटा लिया.. उसके कान के पास अपने होंठों को ले गया... 

पायल की साँसें बहुत तेज़ चल रही थी...उसकी धड़कन मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. इतना शोर होने के बावजूद मैं उसमे कहीं खो सा गया था...
Reply
09-15-2018, 01:48 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
मुझे बिल्कुल होश नहीं था कि मैं घर के पास हूँ, काफ़ी लोग देख रहे होंगे.... 


कुछ सेकेंड्स में मुझे जब इन बातों का एहसास हुआ तो मैने पायल को खुद से थोड़ा दूर करके कहा


"आगे से अगर ये शब्द बोले ना तूने तो याद रखना, मैं मार डालूँगा.. सिर्फ़ खुद को नहीं... हम दोनो को.... मरने के बाद भी मैं तुझे किसी दूसरे का होता हुआ नहीं देख पाउन्गा"

ये सुनके पायल जैसे वहीं कुछ सेकेंड्स के लिए जम सी गयी... थोड़ा आगे आके वो बोली

"अगर इतना प्यार करते हो तो जो मैं कहूँ वो करने की हिम्मत है"

मैं:- "आज़मा के देख ले.. तेरे लिए जान देने में भी मैं पीछे नहीं हटूँगा" 

हम एक दूसरे को देखे ही जा रहे थे... उसकी वो नीली आँखें मुझे मदहोश कर रही थी.. उसका वो प्यारा चेहरा... जब जब मैं उसको देखता था जी करता था मैं उसे देखता ही रहूं... उसके आँखों में गिरती हुई उसकी वो ज़ूलफें, भगवान ने बड़े ही इतमीनान से बनाया था उसे...

हर एक गुज़रते हुए पल के साथ मैं उसमे कहीं डूबा जा रहा था...

"चलो मेरे साथ" इस आवाज़ के साथ मेरा ध्यान टूटा तो पता चला मुझे पायल कहीं हाथ पकड़ के ले जा रही थी

"नहीं पायल... मैं ये नहीं कर सकता.. प्लीज़ कुछ और बोल पर ये नहीं" मैं पायल से रिक्वेस्ट करे जा रहा था

"क्या भाई.. जान देने की बातें कर रहे थे, ये तो उसके सामने कुछ भी नहीं" पायल मुझे चिढ़ाने के लिए बोले जा रही थी

रात के 9.30 बजे हम दोनो बारिस्ता में कॉफी पी रहे थे वो भी कॅप्सीनो...

"रात को कॉफी से मुझे गॅस हो जाती है यार.. प्लीज़ समझ ना" मैं पायल से लिटरली भीक माँग रहा था

"नहीं , अब तो मेरी बात नहीं मानी आपने तो कभी बात नहीं करूँगी.." पायल ने ज़िद्द में आके कहा

मैने उसकी ज़िद्द के आगे घुटने टेक दिए और रात को कॉफी पी रहा था... ये चूतियो को 8 बजे के बाद कॉफी शॉप बंद कर देनी चाहिए.. वैसे भी खाली है यहाँ पूरी दुकान... ये सब सोचते सोचते मैं कॉफी पी रहा था और अंदर ही अंदर डॉली को गलियाँ दे रहा था, मिलने के लिए कोई और जगह नहीं मिली...

"हेलो..... कहाँ खो गये भाई" पायल ने चुटकी मारते हुए मुझे कहा

"कहीं नहीं, तू यहाँ कैसे आई, कुछ लिया भी तो नहीं नाइकी से तूने" मैने पायल से कॉफी के सीप लेते हुए पूछा

"शॉपिंग पे नहीं, आपकी निगरानी कर रही थी मैं.... डॉली का क्या भरोसा, वो कुछ उल्टा ना करे आपके साथ, इसलिए यहाँ आई' पायल ने मुझे घूर घूर के कहा

मैने उसे कुछ जवाब नहीं दिया.. हम कॉफी पी के निकल रहे थे तभी मैने पायल को कहा

"तू ऑफीस क्यूँ नहीं जाती.. 3 दिन हो गये"

"कल से जाउन्गि... आज रात को घर पे ही काम फिनिश करना है, प्रेज़ेंटेशन फिनिश करनी है" पायल ने आगे बढ़ाते हुए कहा

"ओके.. ध्यान से घर जाना, आंड सुबह को 5 बजे तक चलेगी तेरी प्रेज़ेंटेशन, स्लीप वेल स्वीट हार्ट" मैने आँख मारते हुए कहा और पायल के गालों पे चूम के वहाँ से घर निकल गया...

घर पहुँचते पहुँचते 10.30 बजने आए थे... 

"आ गये बेटा.. बैठो मैं खाना लगा लेती हूँ" शन्नो ने आते ही मुझ पे प्यार बरसाना चालू किया

उसका आज का बर्ताव देख के मुझे कुछ अजीब लग रहा था...

"मोम कहाँ है आंटी" मैने पूछा

"बेटे आज तुम्हारे मम्मी पापा तुम्हारी नानी के घर गये हैं.. शायद वहीं पे रहेंगे आज रात" शन्नो ने करीब आते एक स्माइल के साथ कहा

रात के 10.30 बजे भी एक दम रापचिक लग रही थी.. लाल साड़ी.. उसके खुले बाल, होंठों पे एक दम लाल ग्लॉस, होंठों के ठीक नीचे उसके चुचे जो उसके हर कदम के साथ उपर नीचे हो रहे थे... शायद जान बुझ के साड़ी उसने कमर के नीचे बाँधी थी.. उसकी वो सफेद कमर, जी कर रहा था अभी का अभी उसको पकड़ के उसके होंठों का रस चूस्ता रहूं... 

"तुम बैठो.. मैं अभी खाना लाती हूँ बेटे" ये कहके वो खाना लाने लगी मेरे लिए

उसकी अदा देख के मेरा तो गला ही सुख रहा था... ऐसा लग रहा था मानो पिछले कितने महीनो से मैने पानी नहीं पीया हो

अपनी हलक सॉफ करते हुए मैने कहा.... "आंटी.. अंकल भी नहीं दिख रहे," 


वो एक अदा से पलटी... उसका सिड्क्यूट फेस देख के फिर मेरा दिमाग़ बंद होने लगा... उपर से उसकी वो लाल साड़ी का स्लीवेलेस्स ब्लोज..ऐसा लग रहा था की साड़ी किसी हाइ प्रोफाइल रांड़ से उधार ली है जो अपने ग्राहकों को सिड्यूस करने के लिए पहनती हो...


मेरी बात सुनके शन्नो मुस्कुरा के मेरे पास आई. थोड़ा नीचे झुकी जिससे मुझे उसकी क्लीवेज तो नहीं दिखी, पर उसके चुचों का आकर सॉफ दिखने लगा... 



मुस्कुरा के शन्नो ने मेरी आँखों में देखा जो उसके चुचों पे अटकी हुई थी... ये देख उसने बिल्कुल परवाह नहीं की और कहने लगी

"बेटे.. आज तुम्हारे अंकल भी ऑफीस से देरी से ही आएँगे.. आज की रात हम मा बेटी बिल्कुल अकेले हैं.. एक दम... अकेलीईई"

"अकेले" शब्द पे उसका इतना ज़ोर देख के मुझे होश आया..

"ओके आंटी... मैं खाना ख़ाके आया हूँ. आप प्लीज़ रहने दीजिए" कहके मैं अपने रूम में तेज़ी से निकल गया... रूम में जाते ही मैने सोचा ये मा बेटी साली छोड़ ही नहीं रही,.... 

"आज की रात हम मा बेटी बिल्कुल अकेले हैं.. एक दम... अकेलीईई" ये शब्द मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रहे थे.. जी चाह रहा था कि अभी का अभी जाके शन्नो का चीर हरण कर डालूं.. पर फिर मुझे पायल की बातें याद आ रही थी.. किसी दूसरी औरत या लड़की से जिस्मानी संबंध...


"नहीं नहीं... मैं ऐसा नहीं कर सकता" मैने ज़ोर से खुद को कहा... मैं सब कुछ छोड़ के नहाने चला गया.. ठंडे पानी का एहसास पाके मुझे काफ़ी अच्छा लग रहा था.. 15 मिनट के बाद मैं बाहर आया और बेड पे लेट गया


"एक दम... अकेलीईई".. शन्नो के ये शब्द मेरे दिमाग़ में घर कर रहे थे... 

मेरा लंड बोल रहा था के कुछ करूँ, पायल को पता कैसे चलेगा.

मेरा दिमाग़ मुझे इजाज़त नहीं दे रहा था ऐसा कुछ करने की... मैं असमंजस में था के क्या करूँ, ऐसा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा...

पहली बार दिमाग़ पे लंड भारी पड़ा.. मैं सब कुछ छोड़ के शन्नो के रूम में जाने लगा... शन्नो के रूम के बाहर पहुँचा और अंदर देखा तो देखता ही रह गया.... उसने अपना दरवाज़ा खुला रखा था
Reply
09-15-2018, 01:48 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
अंदर शन्नो सिर्फ़ एक ब्रा पैंटी में थी.. आईने के सामने खड़ी थी, शायद नहा के बाहर निकली थी... उसके सर से वो टपकती पानी की बूँदें धीरे धीरे उसके हिमालय जैसे चुचों पे गिर रही थी जिससे उसके चुचों की चमक बढ़ने लगी.. वो अपने बाल पोछ रही थी...देखते देखते उसने अपनी टाँग उपर टेबल पे रख के धीरे धीरे पोछने लगी... उसकी वो मूसल जांघें, देख के मेरा लंड तन गया.. मैं बाहर खड़े खड़े अपने लंड को ट्रॅक पॅंट के उपर से रगड़ने लगा..... अपनी जांघे पोछने के बाद उसने स्माइल करते करते अपनी ब्रा भी उतार दी.... 
उस वक़्त शायद ऐसा लगा के वो मुझे आईने से देख रही हो. मुझे कुछ नहीं सूझ रहा था, जो होना होगा देख लेंगे मैने ठान ली थी....

एक एक कर के उसकी ब्रा और पैंटी उसके शरीर से अलग हो गयी... कुत्ते के सामने कोई चिकन तंगड़ी बना रहा हो, मेरा मूह उस वक़्त ऐसा हो चुका था.... मुझे यकीन था कि उसे पता चल गया है मैं बाहर खड़ा उसे ही देख रहा हूँ... धीरे धीरे वो आईने के सामने नीचे झुकी...

उसकी चूत का दाना एक दम सॉफ दिख रहा था मुझे... उसके वो चूतड़, ज़ाकिर हुस्सैन के तबले से भी ज़्यादा गोल थे.. जी कर रहा था के मैं अपना
लंड उसके इस चुतडो पे घिस घिस के उसकी गान्ड बजाऊ.... मैं अपने लंड को रगडे जा रहा था ट्रॅक पॅंट के उपर से ही.. अब शन्नो भी यकीन में आ गयी थी मैं उसे देख रहा हूँ.. देखते देखते वो झुक के अपने दोनो हाथ अपने चुतडो पे लाई और खींच के अपने चुतडो को अलग किया जिससे मुझे उसकी गान्ड का छेद सॉफ दिखाई दिया.....





ये देख के मुझसे ज़्यादा नहीं रहा गया.. मैने अंदर की तरफ एक कदम उठाया तभी मेरा फोन बजा.


फोन के रिंगटोन से हम दोनो का खेल रुक गया... मैने फोन निकाल के देखा तो पायल का फोन था


मैं पायल का नाम देख के होश में आया.. और उल्टे कदम अपने रूम की तरफ भागा. भागते भागते जब मैं पलटा शन्नो के रूम की तरफ, तो वो मदरजात साली नंगी ही रूम के बाहर दरवाज़े के पास खड़ी मुझे देख रही थी




मैं जल्द अपने रूम में पहुँचा और दरवाज़ा बंद करके ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगा... तब तक पायल का कॉल भी मिस कर दिया मैने.

मैं मूह धोके वापस अपने बेड पे बैठा.. "थॅंक गॉड आज मैं बहकने से बच गया" मैं खुद से बातें करते हुए पायल को कॉल करने लगा


"हाई भाई.. क्या हुआ, फोन क्यूँ नहीं उठाया" पायल ने फोन उठाते ही कहा

मैं:- अरे फोन बाहर था, मैं बाथरूम में नहा रहा था

पायल:- मुझे लगा 5 बजे तक जगाने का वादा करके खुद सो गये.. ह्म्म्म्म 

मैं:- अरे नहीं शोना, ऐसे कैसे सोऊंगा... अभी तो सिर्फ़ 11 बजे हैं, हमारे पास बहुत वक़्त है मेरी जान... उम्ममवाहाहहहहहा 

पायल:- उम्ममवहाहहहहहा... मेरी किस मेरे भाई को भी... लव यू टू भाई... जबसे हम नज़दीक आए हैं, मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा है भाई... आज कल मेरी बॉस भी मुझे अच्छी लगने लगी है. हहेहेहेः... क्या जादू किया है आपने मेरे जानू जी मुझ पे"


मैं बहुत अच्छा फील कर रहा था... मन ही मन मैने पायल को शुक्रिया अदा किया नहीं तो आज मैं ऐसा कदम उठाता जिससे शायद उसे बहुत बड़ा दुख पहुँचता...

हम बातें करने लगे और वक़्त तेज़ी से गुज़रने लगा.. बातों बातों में 1.30 बज गया था और हमे अंदाज़ा ही नहीं था इस बात का...


"उम्म्म भाई.... मेरी खिड़की से ये ठंडी हवा मेरे चेहरे को छू रही है.. ऐसा लग रहा है कि इस हवा में भी आप की खुश्बू है.. जैसे कि इस हवा में आप हो, मेरे करीब आके मुझे बोल रहे हो. "पायल... लव मी शोना.. लव मी जान..."... "


कुछ देर बातें करने के बाद मैने पायल से पूछा

"तेरी प्रेज़ेंटेशन हो गयी मेरी स्वीटी "


पायल:- नहीं ना भाई... दिल ही नहीं हो रहा बनाने को.. बस या तो आपके साथ बातें करूँ, या तो सो जाउ.. 

मैं:- ओके मेरी शोना.. तू सो जा, मुझे मैल कर डीटेल्स, मैं प्रेज़ेंटेशन बना देता हूँ तेरी...


काफ़ी आना कानी के बाद पायल ने मेरी बात मानके फोन रखा और मैं उसके मैल का इंतेज़ार करने लगा... मैने तुरंत अपना लॅपटॉप स्टार्ट किया और नेट से कनेक्ट करके पानी की बॉटल ढूँढने लगा... मैं भूल ही गया था पानी लाना... 

"ये मा बेटी के चक्कर में साला मैं कहीं सही में ना मर जाउ" मैं बोलते बोलते पानी लेने नीचे गया

जैसे ही मैं शन्नो के रूम के पास पहुँचा, मैं अंदर से कुछ आवाज़ें सुनके रुक गया..

"उम्म्म्म..... अहहहा और कीजिए ना... अहहहाहाः, आपका लंड कितना अंदर तक जाता है आहहाहहाहहहहा"


ये सुनके मैं शॉक हुआ और अंदर झाँकने का मौका ढूँढने लगा... खिड़की और दरवाज़े बंद थे... पर दरवाज़े के उपर से कुछ जगह थी जहाँ पे स्टूल पे खड़े रहके अंदर सब देखा जा सकता था.. मैं जल्दी से अपने रूम से बड़ा स्टूल लाया और उपर चढ़ के देखने लगा....

अंदर का नज़ारा देख के मेरे तो होश उड़ गये....
Reply
09-15-2018, 01:49 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
अंदर एक आदमी दो दो औरतों को चोदने की फिराक में था.. एक औरत तो शन्नो आंटी थी जो अपनी चूत के अंदर लंड ले रही थी.. लेकिन वो दूसरी औरत कौन थी वो पता नहीं चल पा रहा था क्यूँ कि उसकी शकल सॉफ नहीं दिख रही थी.... जहाँ से मैं देख रहा था वहाँ से भी उस आदमी की पीठ दिख रही थी..उसकी शकल नहीं दिख रही थी


शन्नो:- अहहहहहा धीरे करो ना आआहहहः साले भडवे कहीं के अहहहहहहहा... धीरे चोदो उःम्म्म्मम अहाहाहः.. अपनी बेटी की तरह क्यूँ चोद रहे हो अहहहहाहहहहः डॉली के पापा अहहहहहहहहा..... 

"उम्म्म्म अहहहहा दीदी.. अहहहहहा लंड लो ना अपनी चूत में सीईईईई अहहहहा..... जीजाजी मुझे भी तो चोद अहहहहहहः.... पूरा दिन तो अपनी पत्नी को चोद्ते हो अहहहहहहाः...... आज अपनी साली को भी चोद डालो ना अहहहहहहहा" ये कहके उस दूसरी औरत ने अपनी ज़ुबान शन्नो की ज़बान से मिला ली और दूसरे हाथ से अपनी चूत के अंदर उंगली करने लगी...


मुझे समझते देर नहीं लगी कि ये औरत शन्नो की बहेन है जिसकी बेटी है पूजा, इसका नाम अंशु था.... लेकिन हैरानीयत इस बात की थी के विजय अंकल डॉली को भी चोद चुके हैं.... मैं काफ़ी हैरान था के ये क्या हो रहा है इन रंडियों को, हमारे घर में क्यूँ ऐसी ऐयाशी कर रहे हैं... 

मैं स्टूल से उतरके जाने का सोच रहा था.. पर फिर सोचा, देखूं क्या होता है आगे, शायद इनके इस संगम से कुछ क्लू मिल जाए आगे क्या करने वाले 
हैं.. मैं वहीं खड़ा देखता रहा इनकी रांड़-लीला को....


विजय अंकल:- अहहहहहाहा मेरी साली साहेबा, तू भी चुदवा ले ना अहहहहाहा... ये मेरा लंड तो तुम्हारे खानदान के लिए ही बना है अहहहस्सीसिस

अंशु:- उम्म्म्मम अहहहहा और चोदो ना मेरे जीजू मेरी रांड़ बहेन को अहहहहहह.. आपके पीछे साली अहहहहहाहा मेरे पति से चुदवाने आती
है मेरे घर पे... अहहहहहहः उम्म्म्ममम.... बोलते बोलते अंशु अपनी चूत में उंगली और तेज़ करने लगी

शन्नो:- अहहहहाहहा और चोदो मेरे सैयाँ अहहहाहाः... मेरी रांड़ बहेन को मत सुनो अहहहहहाआ एस अज़ज्जजज्जजा फक मी ना अहहहहहहाः

इतना सुनके विजय अंकल की स्पीड बढ़ने लगी...

"आहहहाहाहहाहहः ह्म और ले ना अहहहहा मेरी रंडी साली अहहहाहा मेरी बीवी अहहहहहहहा,, ओःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआ मैं गया आहहहाहाः"


ये चीख सुनके विजय अंकल ने लंड शन्नो की चूत से निकाला और दोनो बहने कुतिया की तरह उनके लंड को मूह में लेके उनका पूरा पानी पीने लगी





"आहहहहहः मैं आपकी रखैल हूँ जीजू आहाहहाहहहा.... मेरी प्यास बुझा दीजिए अहहहहाहा.. क्या पानी है आपका अहहहहहा कितना मीठा आहहहहमम्म्म..... " कहके अंशु अंकल के लंड का सुपाडे पे अपनी जीभ फिराने लगी


"अहहहहहहहा मेरी रांड़ साली अहाहहाहा.... उम्म्म्मममम होह सहहहाहहा' विजय अंकल सिर्फ़ येई बोल पा रहे थे


"आपको बड़ा मज़ा आ रहा है अपनी साली के मूह में पानी छोड़ के.. बड़े भडवे किसम के निकले आप तो.." शन्नो ने बनावटी गुस्से में आके अंकल के टट्टों को निचोड़ते हुए कहा...


"ऊहहुःचह.... साली कुत्तिया कहीं की.. धीरे कर भाडवी कहीं की.. अभी तो तेरी बहेन के मूह में पानी छोड़ा है.. अभी चूत में छोड़ूँगा..."

ये कहके विजय अंकल ने अंशु को गोद में उठा के बेड पे पटक दिया..

विजय:- उम्म्म मेरी साली साहेबा.. चल अब अपने दूसरे पति का लंड खड़ा कर और तेरी गान्ड फाडनी है आज तो.. 

"उम्म्म्म अहहहहहा जीजू पति नहीं अहहहाः, आप तो मेरे ग्राहक हो... मैं रांड़ हूँ आपकी.. सीईसीईीीससी पत्नी तो आपकी मेरी दीदी है जो मेरे पति के लंड के नीचे लेटी रहती है अहहहाहाहहा.. दीजिए ना आपका लंड उहमम्म्मम....."


ये कहके विजय अंशु की चूत चाटने लगा और अपना लंड उसके मूह में ठूंस दिया चूसने के लिए


" उम्म्म्म..... स्लर्प स्लूर्पहाहहा अहहहहाः... गुणन्ं गुणन्ञन् आहाहहाहहाः अहहहहगुंन्ं उज्ञूं स्लर्प स्लर्प अहहहहहाहा" पूरे रूम में सिर्फ़ येई आवाज़ें गूँज रही थी.. जीजा साली के इस रांड़-लीला को देख के मुझसे तो कंट्रोल ही नहीं हो रहा था... सामने ऐसी दो गदराए बदन की औरतें देख के लंड तो ट्रॅक पेंट में गोते खाने लगा था.... मैने सोचा लंड बाहर निकाल के हिला लूँ बट फिर रहने दिया..




"उम्म्म्म अहहहहा जीजू अहहहहः मैं आ रही हूँ अहहहहहहा.. अहहान और ज़ोर से चोदो ना आहाहहहहहहा" ये कहते अंशु ने विजय अंकल का सर अपनी चूत में ज़ोर से दबाने लगी और एक चीख के साथ अपना पूरा पानी विजय अंकल के मूह पे छोड़ दिया...

"अहहहहहा जीजू आहाहहहा. अब चोद भी डालो ना अपनी इस रांड़ को जल्दी से अहहहहहा... कब से चूत अहहहहहाः जल रही है आपके लंड के लिए... सीसिससीसी अहाहहाहहः..... सामने आपकी बीवी भी देखो अहहहहहः रांड़ नंबर 1.... अपनी बहेन को चुद्ते देख अहहहहहा कैसे अपनी चूत में उंगली कर रही है अहहहहहहहहा.... है ना मेरी बहेन रांड़ टॉप की आहहाहहा सीसिईसिसीसीसिसिस"
Reply
09-15-2018, 01:49 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
सामने ज़मीन पे शन्नो अपनी आँखें खोले अपनी चूत में उंगली किए जा रही थी... कुछ बोल नहीं रही थी


"सीईसिसीसीसी अहहहहाहा.... उम्म्म्मम अहहहहाहहा सीसीसीीसस एस अहहहहहहहहहा" उसके मूह से सिर्फ़ येई आवाज़ें निकल रही थी...

"उम्म्म,.. चोद ना उस कुटिया को.. अहहाहा आजा ना तेरी चूत तो दे अब.. मेरा लंड आज तेरे खानदान की चूत फाड़ने के लिए भी तैयार है मेरी रानी अहहहहहहा" कहते कहते विजय अंकल ने अपना लंड अंशु की चूत पे सेट किया और एक ज़ोर का झटका मारके चुदाई करने लगे

"अहहहहहा धीरे जीजू मेरे अहहहहहहहहहा.... अपनी बेटी को नहीं चोद रहे अहहहाहाहहहा... धीरे करो मेरे ग्राहक आईयाईयैसिईसिसीसीसीसिसीसीसी"
अंशु चिल्ला रही थी.


"क्यूँ धीरे साली मदरजात अहहहहहा... मैं तो पूजा को भी ऐसे ही चोदुन्गा तेरी बेटी को आहाहहहहः... और ले ना मेरी रंडी साली" कहके अंकल ज़ोर के झटके मार रहे थे...


"फ़च फ़चह अहहहहहहा सीसीसिसीसीसिस फक फक फक फ़च फ़च.... सात सात अहहहहा सात सात अहहहहः धीरे धीरे भडवे सहहहाः सतत


इन आवाज़ों के साथ रूम में फुल ऑन पॉर्न मोविए बन सकती थी.... पॉर्न मूवी का सोच के मुझे याद आया के इनकी ये रेकॉर्डिंग करूँ तो इनकी मा अच्छी तरह चोद सकता हूँ.. मैने जल्द से अपनी जेब से मोबाइल निकालने को हाथ डाला तो मोबाइल था ही नहीं... "फक" मैने खुद से कहा... रूम में ही मोबाइल भूल गया था मैं तो.... खुद को गालियाँ देते हुए मैने अंदर झाँकना जारी रखा..


विजय अंकल अंशु को चोदे जा रहे थे.. उधर शन्नो भी अपनी चूत में उंगली किए जा रही थी... चुदाई का दौर पूरे जोश में चल रहा था...
मैं ना तो लंड हिला सकता था, ना ही अंदर की मूवी बना सकता था. "बहनचोद.. आज ही मोबाइल भूलना था मुझे..." मैं सोच सोच के अंदर देख देख
के गरम हो रहा था... 

अच्चानक शन्नो ज़मीन से उठके विजय अंकल और अंशु के पास गयी... विजय अंकल के लंड को अंशु की चूत अंदर बाहर होते देखे जा रही थी.. देखते
देखते उसने विजय अंकल को रुकने के लिए इशारा किया..


"क्या हुआ मेरी रंडी बीवी... अहहहहा क्यूँ जल रही है मेरी कुतिया अहहहहहा..." विजय अंकल ने अपने धक्के जारी रखते हुए कहा

"जले तेरी ये रांड़ अंशु भडवे कहीं के... चल रुक जा..." शन्नो आंटी ने ज़ोर से हुकुम दिया विजय अंकल को


विजय अंकल रुक गये और अपना लंड "प्लक" की आवाज़ के साथ अंशु की चूत से निकाला...

"क्या हुआ मेरी कुतिया दीदी,... अपनी मा चुदवाने रुकवाया क्या हमको" अंशु ने चिड में आके कहा.. 

"तेरी मा चोदुन्गि भाडवी बहना... ज़रा ठहेर तो.." 


ये कहके शन्नो ने विजय को बिस्तर पे पीठ के बल लेटने को कहा... जैसे ही विजय पीठ के बल लेटा, शन्नो ने अंशु को विजय के लंड पे बैठने का इशारा 
किया... 


"अहहहः दीदी.... तू तो बड़ी रांड़ है अहहहहाहाः.. ये कहाँ देखा अहहहहहा तूने... उम्म्म मज़ा आएगा आहहाहहहाहहः..... तेरी बेटियों को तो 
रांड़ ही बॅया आहहहाहा सीसीसीसिईसिस.... बहुत कमाई होगी अहहहहहहः" ये कहके अंशु विजय अंकल के लंड पे बैठ गयी..
Reply
09-15-2018, 01:49 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
"अहहहहहहा मेरी बहना अहाहाहहाहा अब चुदवा ना तू..." ये कहके शन्नो ने अंशु के चुचों को मूह में लिया और चूपे मारने लगी

"अहहहहहहा दीदी उम्म्म मज़ा आया अहहहहा.. जीजू और चोदो अहहहहहहहा... आपका लंड मेरी चूत की अहहहहा दीवारों में लग रहा है...
अहहहहाहहा....और ज़ोर से अहहहहाहाहहहहा ह्म्‍म्म्मम ये हार्डर मेरे जीजू अहहहहहहः......."


"अहहहहहाः हां मेरी साली रंडी अहाहाहहहा..... मज़ा आ रहा है अहहहहः... पूजा को कब चुदवायेगि मेरी रांड़ साली अहहहहाहाहा" विजय 
अंकल ने धड़ा धड़ धक्के मारते हुए कहा...

क्या नज़ारा था... अंदर एक पत्नी अपने पति को उसकी साली चोदने की पोज़िशन दे रही थी... एक बहेन अपनी बहेन को अपने पति से चुदवा रही थी.. सोच के 
मुझे अजीब सी फीलिंग आ रही थी....

"अहहहः हां जीजू अहहहहा सीसीसिईसी.... दुनिया की नज़रों में वो राज की बीवी होगी अहहहहहहा. लेकिन बिस्तर तो आपका ही गरम करेगी अहहहहहः"
अंशु चिल्लाए जा रही थी....

छ्चीनन्न छीन्ंणणन् के आवाज़ से बेड भी हिलने लगा था.... 


"अहहहहहा मेरी रंडी अहहहाहा मैं आ रहा हुनाहहः अहहहहहह" कहके विजय अंकल अपने धक्के ज़ोर से मारने लगे और पूरा पानी अंशु की चूत
में छोड़ दिया..


"सीसिससीसी अहहहाहा जीजू. उम्म्म्म आहाहहा मैं तो तृप्त हो गयी आपके पानी से अहहहः... आह मेरी दीदी म्‍म्म्ममम आपके होंठ दो ना आहहहाः...
अहाहहाहः उम्म्म्मम ममवहहाहहह उम्म्म्म,.... क्या रस है मेरी रंडी दीदी अहहाहाहहा"

ये कहके दोनो बहने एक दूसरे को चूमने लगी.. उनके मोटे टांकेर चुचे एक दूसरे से घिस रहे थे...


कुछ देर एक दूसरे को चूमने के बाद तीनो बेड पे बैठ गये.. विजय अंकल के लेफ्ट साइड पे अंशु और राइट साइड पे शन्नो बैठी थी... शन्नो , विजय के लंड 
को सहला रही थी... विजय का एक हाथ शन्नो के चुचों पे और दूसरा अंशु की चूत पे घूम रहा था"


"उम्म्म्म... जीजू, कहाँ पहुँचा है आपका प्लान अब तक" अंशु ने सिसकते हुए पूछा

अंशु:- उम्म्म जीजू. क्या हुआ आपके प्लान का.. कहाँ तक पहुँचे हो... अंशु विजय अंकल की छाती के बालों में हाथ फिरा के पूछ रही थी

शन्नो:- क्या कहाँ पहुँचा... कहीं नहीं पहुँचा, अब तक वहीं का वहीं है, 

अंशु:- सच जीजू!!! क्या करेंगे फिर.. मैं तो सपने देख रही हूँ जब मेरी बेटी इस घर में बहू बन के आएगी और राज करेगी यहाँ... इतनी शोहरत, इतनी दौलत है के मेरी बेटी तो रानी बन जाएगी... 

विजय:- रानी नहीं... महारानी बनेगी राज के दिल की और इस जायदाद की भी...

शन्नो:- क्यूँ कि... एक बार शादी हो जाए तो राज का भी बंदोबस्त करने वाले हैं हम तो.. भूल गये क्या इस चुदाई में.. शन्नो ने कटाक्ष में कहा

विजय:- नहीं मेरी रंडियों... बिल्कुल नहीं... एक बार पूजा आ गयी फिर तो हमारी राज ही है... बस ये राज एक बार...

इतना कहा ही था अंकल ने के अंशु ने उनको बीच में कट करते हुए कहा

अंशु:- एक बार बस आपकी बेटियाँ अपने हुस्न के जाल में फ़सा ले.. फिर तो आप देखो... आपके भाई भाभी बाहर, और उपर.. फिर तो हमारा ही राज होगा... 

"पर ये नहीं हो रहा अंशु.. नहीं हो रहा.." शन्नो ने चिंता में आके कहा और बेड से उठ गयी अपने कपड़े पहनने के लिए...

अंशु:- क्यूँ नहीं हो रहा दीदी...

विजय:- फस ही नहीं रहा डॉली और ललिता से.. फासना तो छोड़ो.. वो उनसे बात भी नहीं करता, हुस्न के जाल में क्या खाक फसेगा... पता नहीं कैसी बेटियाँ हैं... रंडिया चुदती रहती है बाहर वालों से, बट एक घर के लंड को फसा नहीं सकती...

"क्या बके जा रहे हो... जब आपका लंड खड़ा होता है और मेरी चूत नहीं होती उस वक़्त तो अपनी डॉली को ही चोद्ते हो ना.. अब उसे गालियाँ दे रहे हो.. वाह क्या बाप हो आप तो.." शन्नो ने झल्लाते हुए कहा..

अंशु:- ओफफो जीजू, दीदी... अब आप इस्पे ज़्यादा बहस ना करें... आगे क्या करना है वो सोचिए....

विजय:- क्या घंटा सोचूँ.. तुम दोनो मगज की मा चोदना बंद करोगे तभी तो कुछ सोचूँगा ना... विजय अंकल चिडने लगे थे शायद

"एक तो मेरी बेटियाँ कोई काम की नहीं है, उपर से पायल राज के बहुत करीब आ रही है.. इससे तो हमारे प्लान की कामयाबी कहीं नज़र नहीं आ रही".. विजय अंकल गुस्से में बकते जा रहे थे...

अंशु:- कौन पायल.... आपकी बहेन की बेटी ? वो कहाँ से आई इसमे

शन्नो:- पता नहीं कहाँ से आ गयी मदरजात साली... लेकिन जब से वो राज के नज़दीक आई है तब से मेरी डॉली और ललिता को मानो कोई पूछता ही नहीं.. बेचारी....

विजय:- कोई बेचारी नहीं... अब कुछ दिन पहले देखा था मैने डॉली को किसी बाहर के लड़के के साथ मूह मारी कर रही थी... साली को जहाँ दिमाग़ चलाना है वहाँ कुछ कर नहीं रही... और बाहर अपनी मा चुदवाने में लगी है...

विजय अंकल का चेहरा गुस्से से सुर्ख लाल हुए जा रहा था..
Reply
09-15-2018, 01:49 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
शन्नो:- आप क्या कहना चाहते हो... यही कि

अंशु:- दीदी.. अब बस करो... आगे क्या करें वो सोचें...

शन्नो:- जो करना है करो, मेरी बेटियों को ज़्यादा मत बोलो तुम दोनो भडवे जीजा और साली.. नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, समझे!!!!

अंशु:- ठीक है दीदी.... आप डॉली और ललिता को इस प्लान की अहमियत समझाओ.. जितना नीचे गिरना है गिरने के लिए बोलो, पर हमे कामयाबी चाहिए.. मैं भी पूजा को यहाँ भेज देती हूँ कुछ दिन रहने के लिए..... शायद उसके हुस्न के जाल में ही फस जाए... और आप सोच लो कि क्या कहोगी अपनी उस रांड़ नेहा भाभी को कि पूजा यहाँ क्यूँ आई है..

विजय:- अब तुम्हारी प्लॅनिंग हो गयी हो तो चलते हैं, नहीं तो कोई देख लेगा तो मुसीबत हो जाएगी..

ये कहके विजय और अंशु बेड से उठके अपने कपड़े पहनने लगे... मैं भी धीरे से स्टूल से उतरा और झट से अपने कमरे की तरफ भागा....

रूम में जाके मैने पहले पानी पिया.. इनकी बातें सुनके मेरा हलक सूखने लगा था... मैं कुछ सोचने की हालत में नहीं था.. इनकी चुदाई देख के जो लंड आइफल टवर की तरह खड़ा था. अब वोई लंड इनकी बातें सुनके मुरझाए हुए फूल जैसा हो गया था....

"और कुछ करूँ ना करूँ... अंशु, तेरी हालत तो मैं रंडियों से बदतर करूँगा.. तुझे कोठे पे ना बिठा दूं तो मेरा नाम भी नहीं" मैने खुद से वादा किया क्यूँ कि उसने मेरी मा को रंडी कहा था....

मैं अपना गुस्सा कहीं निकालना चाहता था.. पर वक़्त देखा तो रात के 3 बजने आए थे.... मैं पायल को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था. एक वोई तो थी जिससे मैं कभी भी बात कर सकता था... मैने सोचा उसे सोने दूँ और बाद में बात करूँगा.... 

मैने मोबाइल उठा के देखा अपना तो उसमे पायल का एसएमएस था

"मैल सेंट भाई... थॅंक यू वेरी मच मेरे शोना... आज मैं आपको यूज़ कर रही हूँ एहहेहहेहीः.. बू बाइ भाई.. लव यू लॉट"

उसका एसएमएस देख के मुझे याद आया कि मुझे उसकी प्रेज़ेंटेशन भी बनानी है... मैने झट से अपना लॅपटॉप नेट से कनेक्ट किया और उसका मैल चेक करने लगा..... मैल चेक करके मैने उसकी प्रेज़ेंटेशन के टाइटल के मुताबिक, गूगल से थोड़े पिक्चर्स निकाले, कुछ रेडी प्रेज़ेंटेशन्स थी रेफरेन्स के लिए.. सब करने में करीब 2 घंटे हो गये... प्रेज़ेंटेशन फिनिश करके जब मुझे यकीन हुआ कि ये एक दम सही है, मैने पायल को मैल कर दिया.... 

मैल करके मैं जैसे ही बेड पे लेटा, मेरी आँख लग गयी और मैं एक गहरी नींद में चला गया...

" बीप बीप.... बीप बीप.... बीप बीप......" फोन मेरा बजने लगा... मैने फोन उठाया

"उम्म्म्म... हेलो "

"आप अभी तक सो रहे हो भाई... क्यूँ ऑफीस नहीं जाना" पायल ने सामने अपनी हमेशा की तरह उत्साही और मीठी आवाज़ में कहा

"ह्म्‍म्म्म.. अभी तो सिर्फ़ 8 बजे हैं, थोड़ी देर सोने दे प्लीज़" मैने सुस्ता के कहा...

"ठीक है भाई.. बाय" पायल ने जल्दी फोन कट कर दिया... नींद में मैने भी नहीं सोचा कि उसने इतना जल्दी फोन क्यूँ कट किया और वापस नींद में चला गया.. 


"ओह मेरे बेटू... मेरे शोना.. प्लीज़ उठ जाओ ना बाबू.. चलो जल्दी करो अब मेरे जानू" किसी ने मेरे सर पे हाथ फिराते हुए कहा

मैने ज़ोर देके जब अपनी आँखें खोली, तब सामने पायल को देख के थोड़ा आश्चर्या चकित हुआ.. थोड़ा खुश हुआ....




उसका वो स्माइलिंग फेस... जब जब वो हँसती थी ऐसा लगता था मानो भगवान मुझ पे बहुत खुश हुए हैं क्यूँ कि मेरी ज़िंदगी का ये हिस्सा सबसे ज़्यादा खूबसूरत था...


"हाई पायल.... आजा तू भी सो जा... अभी टाइम है ऑफीस में" मैने पायल का हाथ पकड़ते हुए कहा...


"भाई मेरे... आप एक बार घड़ी की तरफ देखो..." पायल ने मेरा मूह पकड़ के घड़ी की तरफ घुमाया...

"ओह नो!!!! शिट!!!!!!! 1 बज गया है.. ओह यार!!! " मैं बेड पे उठ के कहने लगा... चिल्लाने लगा सही होगा यहाँ....
Reply
09-15-2018, 01:49 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
"स्शसशहसस.. मेरे भाई, धीरे, आज लेट जाओ कोई दिक्कत नहीं है.... " पायल ने मेरे बालों में हाथ फिराते हुए कहा

"नहीं पायल.. बहुत काम है यार... रुक मैं फ्रेश होके आता हूँ" मैने बाथरूम की तरफ भागते हुए कहा....

मैं जल्दी से बाथरूम में गया.. और फ्रेश होके नहाने लगा... ना चाहते हुए भी मुझे 30 मिनट हो गये.. जैसे ही मैं नहा के बाहर आया, पायल ने बेड पे मेरे कपड़े निकाल के रखे थे... साथ में मेरा वॉलेट, मेरी ., मेरा डियो .. देख के मुझे बहुत अच्छा लगा.. बट कुछ बोलने का टाइम नहीं था.. मैं जल्दी से कपड़े पहनने लगा... एक बार खुद को आईने में देख के पलटा तो सामने पायल दरवाज़े से अंदर आई. उसके हाथ में चाइ और नाश्ता था मेरे लिए

"धीरे भैया.. आओ पहले नाश्ता करो, बाद में साथ चलते हैं ऑफीस" पायल ने बैठ के मुझे कहा

मैं:- नहीं पायल.. निकलना है यार, लेट हूँ बहुत आज

पायल:- भाई, ऑलरेडी लेट हो, जहाँ इतनी देर, वहाँ कुछ मिनट्स और.. गालियाँ सेम ही मिलेंगी आपको, मुझे आँख मारते हुए कहा 

मैं जल्दी से खाने बैठा और चाइ पीने लगा.. कुछ बोले बिना मैने नाश्ता फिनिश किया और पायल को मुझे ऑफीस ड्रॉप करने को कहा..

हम नीचे आ गये.. जहाँ अंशु बैठी थी...

अंशु:- हाई .. कैसे हो, दिखते ही नहीं....

मैने उसे देखे बिना जवाब दिया 

"फाइन आंटी.. गॉट टू गो नाउ... बू बाइ... लेटर्स" ये कहके मैं और पायल दौड़ के बाहर आए और गाड़ी में बैठ के ऑफीस के लिए निकल पड़े

"क्या हुआ भाई.... ये यहाँ क्यूँ आई थी, " पायल ने अंशु के बारे में पूछा

मैं:- अभी आई होगी डियर, तू चल ना जल्दी... और तेरी प्रेज़ेंटेशन कितने बजे है..

पायल:- भाई वो तो हो गयी.. 8 बजे थी, 11 बजे फिनिश करके आपको कॉल किया था बट आप तो आप हो... सो गये

मैं:- कैसी रही प्रेज़ेंटेशन...

पायल:- रॉकिंग भाई... मेरी बॉस तो बहुत खुश थी... इससे एक बहुत बड़ी डील क्लोज़ होगी कंपनी के लिए, आंड ऑल क्रेडिट टू यू स्वीट हार्ट...

मैं:- जानू मेरी.. अब पहले ऑफीस छोड़ मुझे.., रात को बहुत सारी बातें करनी हैं.. अब भगा भगा... मैं पागल हुए जा रहा था घड़ी देख देख के

मुझे देख के पायल भी सीरीयस हुई और गाड़ी भगाने लगी.... करीब 3 बजे मैं ऑफीस पहुँचा,.. जैसे ही गाड़ी रुकी

मैं:- ओके.. बाइ बाइ बाइ बयी.... कहके मैं निकला जल्दी और दौड़ने लगा....

मैं अचानक खुद को रोकते हुए मुड़ा, पीछे पायल वहीं की वहीं खड़ी थी... ऐसा देख मैं उसके पास गया...

"सॉरी स्वीट हार्ट.. आज बहुत लेट हूँ... रात को आता हूँ तेरे पास... तेरी मोम से पर्मिशन लेनी है कि तू हमारे घर आए रहने अब कुछ दिन" 

पायल की आँखें बड़ी हो गयी जैसे सवाल कर रही हो

"रात को आता हूँ तेरे घर डियर... मोम से पर्मिशन लेके आज तुझे अपने घर ले जाउन्गा, तू कुछ दिन वहाँ पे रहेगी अब मेरे साथ" मैने पायल को 
आँख मारते हुए कहा...

पायल को कुछ समझ नही आया.. जब तक वो कुछ समझती, तब तक मैं ऑफीस के गेट के अंदर चला गया था...

मुझे छोड़ के पायल भी अपनी ऑफीस की तरफ निकल गयी... जैसे ही मैं ऑफीस पहुँचा, ऐज एक्सपेक्टेड मेरे बॉस ने मुझे बहुत सुनाया तो सही, बट फिर 
मैने उसे ठंडा किया और काम पे लग गया... आज पहली बार ऐसा लग रहा था कि मैं ऑफीस की कुर्सी पे नहीं, बल्कि किसी गरम तवे पे बैठा हूँ... 
मेरा पिछवाड़ा मेरे बॉस ने बहुत ही गरम कर दिया था... 

खैर मैं जैसे तैसे अपने काम में लग गया, और जल्दी फिनिश करने लगा... काम करते करते बार बार मुझे बीती रात के नज़ारे दिख रहे थे.. वो अंशु 
की गान्ड और चूत.. वो विजय अंकल का अपनी साली को अपनी बीवी के सामने चोदना... विजय अंकल का डॉली के बारे में चुदाई का ख़याल.. ये सब चीज़ें 
मुझे बहुत डिस्टर्ब कर रही थी.. इसलिए नहीं क्यूँ कि ये सब मेरे घर में मेरे ही चाचा चाची कर रहे थे, बल्कि इसलिए कि इतनी चुदक्कड रंडिया 
मेरे आस पास होने के बावजूद मेरे लंड को ठंडक नहीं मिल रही थी...
Reply
09-15-2018, 01:50 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
मैं ये सब सोचते सोचते काम ही नहीं कर पा रहा था.. मैने जब देखा तो मेरा थोड़ा काम पेंडिंग तो था, पर मुझसे ऑफीस में बैठा ही नहीं
जा रहा था... मैं सीधा अपने बॉस के पास गया और उससे घर जाने की बात कही.. पहले तो वो मुझे सुन ही नहीं रहा था, फिर मैने उसे आश्वासन
दिया कि मैं पेंडिंग काम घर से ही पूरा कर दूँगा कंपनी के दिए गये लॅपटॉप पे... ये सुनके उसने मुझे इजाज़त तो दे दी, लेकिन एक धमकी के साथ..

मैं ये सब इग्नोर करके घर जाने के लिए निकला, तब पायल को फोन मिला लिया..

"हां भाई बोलिए" पायल ने जवाब देते हुए कहा

मैं:- "क्या बात है जानेमन, आज ना स्वीट हार्ट, ना जानू, नाराज़ है क्या मेरी स्वीट्स मुझसे"

पायल:- सुनिए... आइ विल कॉल यू बॅक.. ओके, बाय

ये कहके पायल ने फोन कट कर दिया.. मैं बहुत हैरान हुआ ये सोचते सोचते कि ये क्यूँ ऐसा बिहेव कर रही है... मेरे पास गाड़ी तो थी नहीं, 
मैने ऑफीस के बाहर जाके सिगरेट जला ली, और वहीं खड़े खड़े ऑफीस के कुछ बन्दो से गप्पे लड़ाने लगा.. करीब 20 मिनट बाद मुझे पायल का 
कॉल आया.. मैं फोन उठाके कुछ बोलता उससे पहले पायल चालू हो गयी


"सॉरी सॉरी सॉरी... भाई, उस वक़्त मेरी मॅनेजर के साथ थी... प्लीज़ सॉरी .... आप कहाँ हो अभी... बताइए क्यूँ फोन किया था... बताइए.... हेलो !!!
हेलो!!! कहाँ गये भाई, व्हेअर आर यू" पायल ने एक साँस में ये सब कहा

मैं:- हां मेरी मा.. रुक जा, तू चुप होगी तभी तो मैं बोलूँगा ना... मैं अभी ऑफीस के बाहर हूँ, तेरा वेट कर रहा हूँ, जल्दी से लेने आ मुझे

पायल:- अभी.. इतना जल्दी क्यूँ... अभी तो सिर्फ़ शाम के 6 हुए हैं.. आपका काम फिनिश हो गया क्या ?

मैं:- हां.. तू आ ना, सवाल मत पूछ इतने

पायल:- ओके.. मैं निकल रही हूँ अभी, आप वेट करो.. बू बाइ.. म्‍म्ममवाआहहहहा 

मैं फोन कट करके वहीं उसका वेट करने लगा... वेट करते करते 20 मीं हो गये, मैने दूसरी सिगर्रेट भी ख़तम की बट पायल कहीं नहीं दिख रही 
थी... मैने पायल को फोन किया तो भी नो रेस्पॉन्स.. मैने दूसरी बार ट्राइ ही किया था, तभी सामने मुझे वो गाड़ी के अंदर दिखाई दी... जैसे ही वो गाड़ी
रोक के गाड़ी से उतरी, मैं उसे देखता ही रह गया... मैं क्या, जो भी लोग आस पास खड़े थे, सब उसी को देख रहे थे.. ग़ज़ब की खूबसूरत लग रही थी..

रेड कलर के टॉप में से उसके चुचे उछल कर बाहर निकलना चाहते थे.. सन ग्लासस पहने उसके बाल खुले हुए... मैं तो देखता ही रह गया.. 
ऐसा लग रहा था मानो ऑफीस से नहीं, किसी फॅशन शो से लौट रही है.. मेरे आस पास के सब लोग भी उसे किसी भूखे भेड़िए की तरह देखने लगे... 
कुछ पल के लिए तो मैं हक्का बक्का हो गया था... पायल चल के मेरे पास आई और बोली

पायल:- चलो.. अब क्या देखते रहोगे यहाँ खड़े रहके

उसकी बात सुनके मुझे होश आया और मैं उसका हाथ पकड़ के सीधा उसे गाड़ी के अंदर ले आया

मैं:- ये क्या है.. कोई ऑफीस ये पहन कर जाता है कभी.. व्हाट्स रॉंग विद यू..

पायल:- क्या हुआ भाई, क्यूँ इतना लोड ले रहे हो... मैने अपना जॅकेट नहीं पहना गर्मी की वजह से.. इस गर्मी में जक्सेट पहनु मैं ? फॅशन डिज़ास्टर 
लगेगा.. लोग बोलेंगे पागल लड़की है






मैं:- अरे पर ये पहनने की ज़रूरत ही क्या थी.. कोई और कपड़े नहीं है तुझे, मैं लेके दूं बोल, 

पायल:- भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई... चिल मारो ना.... क्यूँ अपनी तबीयत बिगाड़ रहे हो इतना गुस्सा होके.. चलो अभी चेंज कर लेती हूँ...

"रहने दे अब... फ्री में मुझे पब्लिक को कुछ नहीं दिखाना... बड़ी आई गाड़ी में कपड़े बदलने वाली" मैने चिड के उससे कहा

पायल:- चलो भाई.. लेट्स गो बस, आइ एम सॉरी अब.. 

ये कहके पायल ने गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी.. रास्ते में जब मेरा गुस्सा ठंडा हुआ तो मैने उससे बात करने की कोशिश की..
Reply
09-15-2018, 01:50 PM,
RE: Sex Kahani मेरी सेक्सी बहनें
मैं:- तो प्रेज़ेंटेशन कैसी थी मेरी जानू की

पायल:- ठीक थी...

मैं:- क्यूँ अच्छी नहीं थी... प्रेज़ेंटेशन अच्छी नहीं बनाई थी मैने ?

पायल:- नहीं... अच्छी थी

"अब बस यार.. क्यूँ ऐसे मार रही है, एक एक शब्द नहीं चाहिए जवाब में... अब गुस्सा ठंडा कर प्लीज़, नहीं तो मैं पागल हो जाउन्गा तेरे बिना"
मैने थोड़ा उँची आवाज़ में.. थोड़ा झल्ला के कहा

पायल:- चलो ठीक है बस... सॉरी!! ऐसे कपड़े नहीं पहनुँगी मैं आपके सामने बस... 

मैं:- मैने कब कहा के मेरे सामने मत पहन... बस ऑफीस वीअर नहीं है ये मैने ऐसा कहा.. आगे तेरी मर्ज़ी...

ये कहके मैने बात करना बंद कर दी...


15 मीं बीत चुके थे... पहली बार पायल और मैने एक दूसरे से 15 मीं तक कोई बात नहीं की थी.. ये खामोशी हम दोनो को अंदर ही अंदर काट रही 
थी... मैं जानता था कि वो लड़की है इसलिए कभी पहेल नहीं करेगी...

"सॉरी स्वीट हार्ट... आगे से नहीं चिल्लाउन्गा तुझ पे यार.. प्लीज़ फर्गिव मी" मैने थोड़ा मीठी आवाज़ में कहा..

ये सुनके पायल मुझे देखने लगी.. कुछ सेकेंड्स में देखते देखते हँसने लगी ज़ोर से...

"हाहहहहा भाई... हहहे.... क्या यार...हेहहेहेहेहेहहे" पायल हँसते हँसते बात कर रही थी

मुझे समझ नहीं आया इसे क्या हुआ.... "क्या हुआ अब" मैने उसे देख के सवाल करने लगा

"कुछ नहीं भाई.. हेहहहे... मुझे लगा आप दूसरे मर्दों से अलग हो, पर मैं ग़लत थी.. हहेहहेहहहे" पायल फिर बोल बोल के हँसने लगी

"दूसरे मर्दों से अलग मतलब क्या." मेरी चिढ़ बढ़ रही थी

"हहहीहे... चिल मेरे भाई... बताती हूँ.. आज ही मैने एक आर्टिकल पढ़ा जिसमे लिखा था कि जब मर्द और औरत का झगड़ा होता है, उसमे ग़लती चाहे 
किसी की भी हो, पर माफी हमेशा सब से पहले मर्द ही माँगता है.. और आपने ये साबित भी कर लिया" पायल मुझ पे फिर से हँसने लगी


मैं सोच में पड़ गया था के इसको कैसे समझू मैं.. ये लड़की एक पल में गुस्सा, एक पल में प्यार, आख़िर क्या है ये.. मुझे सोच में देख 
पायल फिर बोली

"अच्छा चलो सॉरी.. पर एक लास्ट बात बोलूं आपको"

"बोल" मैं सिर्फ़ ये शब्द ही बोल पाया

"उस आर्टिकल में लिखा था कि एक मर्द कम से कम 45 मिनट्स तो औरत से नाराज़ रहता है.. पर आप तो 17 मिनट में ही हार मान गये' पायल ने फिर 
मुझे चिढ़ाने के लिए कहा..

"नहीं.. ऐसा नहीं है, मैं तुझसे ज़्यादा देर नाराज़ नहीं रह सकता डियर... तू जानती है ना मैं तुझसे कितना प्यार करता हूँ, तुझसे एक मिनट तो क्या ,
एक पल भी..."

"झूठ झूठ झूठ... पायल ने मुझे बीच में ही काट दिया..

"अगर प्यार करते तो आज दोपहर को मुझे इग्नोर ही नहीं करते भाई.. जाओ ना आप, मुझे बात नहीं करनी" पायल ने बनावटी गुस्से में मुझसे मूह 
फिराते हुए कहा

मैं:- ठीक है चल.. नहीं बात कर बस.. मुझे घर ड्रॉप कर, डॉली से मिलके मैं उसके साथ घूमने जाउन्गा

ये सुन पायल मुझे देखते देखते आग बाबूला होने लगी.. "चलो अभी.. ज़्यादा मत भागो, नहीं तो फिर जानते हो ना मुझे क्या करूँगी मैं" पायल ने 
गुस्से में गाड़ी की तेज़ी बढ़ाते हुए कहा

बातें करते करते हम पायल के घर पहुँच गये.... हम गाड़ी से उतर के पायल के घर के अंदर गये और सीधा उसकी मोम, यानी मेरी बुआ के पास 
चले गये

मैं:- बुआ जी... कैसे हो, कितना घूमते हो आप.. एक हम हैं, हमे टाइम ही नहीं मिलता. कितने खुश नसीब हो आप..

बुआ:- बेटा... मस्का मत मार, बोल क्या काम है सीधे सीधे

पायल:- वाह मोम!!!! आप भी पहचान गये हो भाई को एहहेहेहहे

मैं:- बुआ जी.... कुछ दिन आप पायल को हमारे घर रहने के लिए भेजिए ना प्लीज़

बुआ:- अभी तो तुम्हारे घर से आई है.. अचानक क्या हुआ बेटे...

मैं:- नहीं बुआ कुछ नहीं... बस ऐसे ही, मैं घर पे अकेला होता हूँ.. आप तो जानते हो डॉली और ललिता को, उन लोगों को मेरे से बात करने के लिए टाइम
ही नहीं है.. इसलिए पायल कुछ दिन रहेगी साथ तो मुझे भी अच्छा लगेगा और इसका भी टीपी हो जाएगा... मैने पायल को आँख मारते हुए कहा 

पायल:- मैने कोई टीपी नहीं करना.. मेरे पास बहुत काम है, मैं नहीं चलूंगी कहीं.. पायल ने मेरी तरफ देखते कहा... कहके फिर अपनी जीभ निकाल 
के बुआ से चुप के मुझे चिडाने लगी

बुआ:- ठीक है राज बेटे, मेरी तरफ से पर्मिशन है.. आज इसके पापा भी आ जाएँगे.. ये मान जाए तो ले जाओ इसे.... अब हटो यहाँ से, मुझे काम 
फिनिश करने दो अपना तुम दोनो... तुम बाहर जाओ, मैं अभी कोल्ड कॉफी लाती हूँ तुम दोनो के लिए

ये कहके बुआ अपने काम में लग गयी और हम लोग बाहर आ गये....

पायल:- अब बोलो.. क्यूँ ले चल रहे हो अपने घर मुझे..



मैं:- क्यूँ मतलब... ऐसे ही, दिल है मेरा.. क्यूँ, नहीं ले जा सकता ?

पायल:- अगर ले जाना है तो हमेशा के लिए ले जाओ ना अपने साथ. ऐसे रोज़ रोज़ अपने साथ ले जाते हो, फिर वापस छोड़ने आते हो.. इतना कोई तड़पाता है क्या कभी... कहते कहते पायल की आँखें नम होने लगी...

ये देख मुझसे भी रहा नहीं गया.. मैं तुरंत उसके पास गया और उसे ज़ोर से अपने गले लगा लिया.. 

मैं:- अब रोना बंद कर प्लीज़ मेरी जानू.. तेरा ये एक एक आँसू मेरे दिल पे एक ऐसा बोझ डाल रहा है जो मैं जीते जी कभी नहीं उतार पाउन्गा.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,567,236 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,959 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,261,217 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 953,626 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,691,323 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,112,699 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,006,114 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,240,587 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,097,622 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,314 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)