07-03-2018, 11:51 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Antarvasna Chudai विवाह
इतने दिन का इंतजार आख़िर रंग लाया है. असल मे ये पिछले आठ साल कैसे निकल गये पता ही नही चला. किसी भी परिवार से अलग, हमारे परिवार मे यह प्यार का स्वर्ग है ना, इसलिए. इसीलिए जब नीलिमा ने शादी करने से इनकार कर दिया तो हम सब ने कुछ नही कहा. मुझे तो वह हमेशा मेरे पास ही चाहिए थी. हां अनिल की शादी करनी है यह मुझे लगता था पर ऐसी कोई जल्दी भी नही थी, उसकी उसे ज़रूरत ही नही लगती थी, आख़िर मैं और नीलिमा जो थे उसके पास. पर पिछले साल उसका यहा लफडा शुरू हुआ जेसन के साथ जर्मनी मे, उसके बाद मैने ठहरा लिया मन ही मन मे कि अब इसकी शादी करनी ज़रूरी है. नीलिमा बहुत नाराज़ थी अनिल से कि आख़िर तूने जेसन के साथ ....
पर मैने उसे समझाया कि तुझे जो अधिकार है, याने जो संबंध तू अपनी मा के साथ, भले ही सौतेली हो, निभा रही है, वैसा हक अनिल को भी है कि वह जहाँ दिल लगे वहाँ जो करना है करे. फिर वह शांत हुई. बाद मे अनिल ने जेसन का फोटो दिखाया, देख कर हम भी खुश हुए, क्या हॅंडसम नौजवान है, वहाँ उसका राक बॅंड है. मैने मज़ाक किया अनिल के साथ कि अनिल बेटे, इतना चिकना नौजवान है, उसे यहाँ भी ले आओ, हमसे जान पहचान करवा दो तो कान को हाथ लगाकर बोला कि मम्मी, एक बार शेर घास खा लेगा पर वह जेसन...औरतों के पास नही फटकेगा, भले ही वह तुम दोनों जैसी सुंदर अप्सराएँ ही क्यों ना हों.
पर उसके बार घर मे बहू लाने की जल्दी मच गयी हम दोनों मा बेटी को. वैसे अनिल यहाँ नही है इसलिए उसका रीप्लेस्मेंट किसे भी करके सुंदर चिकने जवान को पेयिंग गेस्ट क्यों ना रख लिया जाए इसपर बहस हुई पर मैने मन मे ठान ली थी. वो बात अलग है, किसी दूसरे पर हमे चाहिए वैसा हक जताना मुश्किल होता, और अब मुझे बहुत चाह थी, कोई ऐसा मिले जिसपर बिना रोक टोक के अपनी मनमानी की जा सके. अपने मन की किसी इच्छा पर कोई लगाम ना लगानी पड़े ऐसा.
इतने दिनों से मैं अनिल की लाई सब डीवीडी देख रही हूँ, हर बार वह एकाध दर्जन ले आता है, नयी वाली. इंटरनेट पर भी क्या क्या जलवे दिखाते हैं, फिर हम भी वैसा क्यों ना करें! अनिल ने ढेर से साधन भी ला रखे हैं वहाँ के अडल्ट स्टोर मे मिलते हैं वैसे, याने बालिगों के खेलने लायक, पर वे खेल खेलें किससे? वैसे मैने और नीलिमा ने एक दो बार आज़माए पर वो मज़ा नही आया. इसलिए मन मे ठहरा लिया कि एक सुंदर बहू लाई जाए जिसपर बिना रोक टोक वे सब आजमा कर मज़ा लिया जा सके. किसी सास की तरह ज़रा बहू को तड़पाया जाए पर मीठा मीठा. परसों मन ना माना इसलिए वे सब चीज़ें निकालकर देख रही थी तो नीलिमा आ गयी. बहुत चिढी. बोली कि अभी शादी मे देर है, ज़रा मन को लगाम दो मम्मी. मैने कहा कि अरे कुछ कर थोड़े रही हूँ, मन के लड्डू खा रही हूँ कि बहू की, मेरी प्यारी लीना की खातिरदारी कैसे करूँगी.
|
|
07-03-2018, 11:51 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Antarvasna Chudai विवाह
मुझे मेरा हनिमून याद आ गया. नीलिमा के डैडी तो तैयार ही नही थे हनीमून हनिमून पर जाने को, कहते थे कि क्या मतलब है फालतू नाटक करने का कि हम पति पत्नी हैं! पर मैने एक ना मानी. अनिल छोटा था, उसे मौसी के पास रखकर हम तीनो गये हनीमून हनिमून मनाने को, मैं, ये और नीलिमा. दो कमरे लिए, एक मेरे और इनके लिए और एक नीलिमा के लिए. पर असल मे ये अकेले एक कमरे मे सोते थे और मैं और नीलिमा दूसरे मे. वह अनोखी सुहागरात अब भी याद आती है तो मन डोलने लगता है.
अब तैयार होना चाहिए, सुहागरात का वक्त हो गया है, नीलिमा तो तैयार भी हो गयी है, आती ही होगी. आज उसने जान बूझकर मिनिस्कार्ट पहना है. उसके नीचे से उसकी वे मासल जांघें बड़ी प्यारी लगती हैं. रेग्युलर एक्सर्साइज़ करती है ना, एकदम कसा हुआ बदन है उसका. और उसके उस शोल्डरलेस शोल्डरलेस टॉप के बारे मे तो कुछ कहना ज़रूरी ही नही है, जो उसे देखेगा वह घायल हो जाएगा. मैने मज़ाक किया था कि नीलिमा बेटी, बहू की सुहागरात के दिन ऐसी ड्रेस? तो हंस कर बोली कि सिर्फ़ लीना ही तो देखेगी.
अनिल तैयार है, अब वह अपने बेडरूम मे जाने ही वाला होगा. लीना बेचारी उसकी राह तकती होगी. अनिल के अंदर जाने के आधे घंटे बाद मैं और नीलिमा अंदर जाने वाले हैं, उनका यह अनोखा हनीमून ठीक से मनाने के लिए. मुझे भी तैयार हो जाना चाहिए, नहा तो लिया ही है मैने, अब कपड़े पहनना है, नीलिमा मुझे सजाने वाली है. मैं साड़ी ही पहनून्गी पर ख़ास ट्रॅन्स्परेंट काली शिफान की साड़ी, नाभिदर्शना तरीके से, और वह मेरा बिलकुल छोटा वाला स्लीवलेस ब्लाउज, काले रंग का. ब्लाउज क्या है, बस ब्रा से ज़रा सा बड़ा है! नीलिमा तो फिदा है मेरी उस साड़ी और ब्लाओज पर, कहती है कि मम्मी, तेरा गोरा गदराया बदन एकदम सोने जैसा लगता है उस काली साड़ी मे. मेरे लिए स्पेशल स्पेशल काली ब्रा और पैंटी भी लाई है नीलिमा. इतनी ज़रा सी ब्रा है कि मुझे भी शरम आएगी किसी और के सामने पहनने को, मेरी आधी छाती भी नही ढकी जाती उसमे. और वह पैंटी,
पैंटी क्या है, बस एलास्टिक भर है ज़रा से कपड़े के साथ. सब दिखता है उसमे से. नीलिमा बोली, कि मम्मी यही पहनो, बहू का स्वागत करने को इससे अच्छी ड्रेस नही हो सकती. और वैसे भी ज़्यादा देर थोड़े ही पहनने हैं कपड़े आज रात को.
नीलिमा आ गयी है, अब तैयार होती हूँ, हमारे परिवार मे अपनी प्यारी बहू रानी का ठीक से स्वागत करने को.
समाप्त===================================================
दिस स्टोरी एंड्स हियर. हाउ दा ब्राइड ईज़ वेल्कम्ड ऑन दा हनिमून नाइट, आंड
वॉट हॅपन्स इन दा फॅमिली आफ्टर दा मॅरेज, आइ लीव टू दा रीडर्स इमॅजिनेशन.
कथा प्रेमी
|
|
|