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RE: चूतो का समुंदर
मुझे समझ नही आ रहा था कि मधु के जाने के बाद हमे पता भी रहे तो क्या..पर मैं कुछ कहता उसके पहले सब मेरे साथ खड़े हो गयी और जैसे ही अनु ने लाइट ऑफ की तो सब ज़ोर से हँसते हुए, इधर-उधर हो गयी…
मैं इस बार भी खड़ा ही था कि तभी मुझे किसी ने खीच कर अपने पास कर लिया और नीचे लिटाते हुए कंबल ऊढा दिया….
मैं खुश था कि इस बार मेरे साथ एक ही लड़की थी ….अब अगर कुछ हुआ तो पता चल जायगा कि ये कौन है ….
पर मेरी खुशी ज़्यादा देर तक नही रही…एक लड़की मेरे पीछे से कंबल मे आ गई और इस बार भी हम एक साइड मुँह कर के चिपक कर लेट गये ….
हम पिछली बार की तरह ही लेटे थे,…बस हमारा मुँह दूसरी साइड था…पर इस बार भी मुझे समझ नही आ पाया कि कौन-कौन मेरे साथ मे है…???
मैं इस बार बिल्कुल तैयार था…पिछली बार की तरह मुझे झटका नही मिल सकता था….
हम लेटे ही थे कि पहली बार की तरह मेरा लंड आगे वाली लड़की की गान्ड से चिपक गया…और गर्मी की शुरुआत हो गई…बिल्कुल उसी तरह पीछे वाली लड़की के बूब्स मेरे सीने मे चुभने लगे…
मैने सोच लिया था कि इस बार मैं अपने हिसाब से लेड करूगा पर मुझे ये भी कन्फर्म करना था कि क्या इस बार भी दोनो लड़किया जान-भुंझ कर हरकते करती है या सिर्फ़ लेटने की वजह से हम चिपके पड़े है…
मेरा ये डाउट भी जल्दी ही क्लियर हो गया…जब आगे वाली लड़की ने अपनी गान्ड पीछे कर दी..उसकी गान्ड पीछे आते ही मेरा लंड उसकी गान्ड की दरार मे सेट हो गया…
अब मैं इस इंतज़ार मे था कि पीछे वाली लड़की भी हरकते करती है तो ठीक ..वरना मैं आगे वाली लड़की को अपने तरीके से मज़े दूं…
लेकिन आज तो जैसे लड़कियों ने मुझे शिकार ही बना लिया था…पीछे वाली लड़की ने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और मेरी पीठ से चिपक गई…
अब जबकि दोनो लड़किया मज़े के मूड मे थी तो मैने भी उनके साथ मज़े लेने का सोच लिया…
मैं(मन मे)- ये साली वही है या अलग…जो भी हो..दोनो मस्ती के मूड मे है…तो मैने क्यो रुक रहा हूँ…अब खुल के मज़ा करता हूँ…अगर कोई देख भी लेगा तो देखने दो…मैं बाद मे सब झेल लूगा…पर अभी इन्हे बताता हूँ कि मेरे अरमान जगाने का अंजाम क्या होता है…
यह मैं सोच रहा था और वहाँ वो दोनो लड़कियाँ अपने काम मे लगी हुई थी….एक तरफ आगे वाली लड़की अपनी गान्ड को मेरे लंड पर घिस रही थी और दूसरी तरफ पीछे वाली लड़की मेरी जाँघ सहलाते हुए अपने बूब्स मेरी पीठ मे गढ़ाए जा रही थी…
मैने मूड बना ही लिया था…और देर ना करते हुए मैने अपना हाथ पीछे वाली लड़की की जाघ पर रख दिया और उसकी मोटी जाँघ को सहलाने लगा…और दूसरी तरफ मैने अपना पैर आगे वाली लड़की के पैर पर रख दिया और उसको पैर से कसने लगा…
मैने सोचा कि दोनो लड़कियों को झटका लगेगा और वो शायद रुक जाएगी ..पर यहाँ तो बाजी उल्टी हो गई…वो दोनो अपना काम खुल के करने लगी….
आप आगे वाली लड़की ने अपने हाथ को पीछे कर के मेरे चेहरे को अपने गालो की तरफ खींच लिया…और पीछे वाली लड़की ने मेरे हाथ पकड़ कर मेरी जाघ पर रखा और उपर से अपनी जाघ चढ़ा दी…जिससे मेरे हाथ के पास उसकी चूत वाला हिस्सा आने लगा..और वो मेरे हाथ पर अपनी जाघ घिसने लगी…
मैं समझ चुका था कि दोनो खेल का मज़ा लेने के मूड मे …तो मैने भी आगे बढ़ना सही समझा…
फिर मैने आगे वाली लड़की के कान पर जीभ फिराना शुरू कर दिया …मेरे इस हमले से आगे वाली लड़की के मुँह से आह निकल गई…पर वो भी स्मार्ट थी और अपनी आह को मुँह के अंदर ही छुपा लिया…
मैने आगे वाली के कान को चाट ते हुए उसके कान को अपने लिप्स मे भर लिया और चूसने लगा…
और अपना पिछला हाथ …जो कि पीछे वाली की चूत के पास था …उसे आगे कर के मैने पीछे वाली लड़की की चूत को सहलाना शुरू कर दिया…
अब आगे और पीछे …दोनो लड़किया हल्की-हल्की आहें भरने लगी…पर इतनी धीमी आवाज़ मे कि मुझे भी ज़रा सी सुनाई दे रही थी…
मैने सोचा कि मधु आने ही वाली होगी…अब मुझे आगे बढ़ना होगा…और मैने नेक्स्ट स्टेप लेने का फैशला किया…
मैने अपना दूसरा हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से डालने की कोसिस की…तो उस लड़की ने अपनी पीठ को उचका कर मेरा हाथ आगे जाने दिया….
वही मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मुट्ठी मे भर लिया….
आगे वाली लड़की पलट कर सीधी हो गई और मेरे मुँह के पास उसके बूब्स आ गये....मैने अपने हाथ से उसकी कमर को कसा और उसके बूब्स को कपड़े के उपेर से मुँह मे भरने लगा....
पीछे वाली लड़की भी कम नही थी...उसने अपना हाथ आगे करके मेरे लोवर के उपर से मेरा लंड थाम लिया और मैने उसकी चूत को मुट्ठी मे मसल्ने लगा....
अब तक मेरा लंड दोनो लड़कियों की हरकतों से अपनी औकात मे आने लगा था....
मैने सोचा कि टाइम जा रहा है..अब आगे बढ़ना सही होगा…
और यही सोच कर मैं सीधा लेट गया और अपना हाथ आगे वाली लड़की के नीचे से निकाल कर उसके गले मे डाल दिया और उसका मुँह अपने साइड कर के उसके लिप्स पर अपने लिप्स लगा दिए…
वहाँ पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया..पर अभी बाहर नही निकाला था…और मैं अभी भी उसकी चूत को कपड़े के अप्पर से मुट्ठी मे मे भरे हुए मसल रहा था….
आगे वाली लड़की मेरे होंठ लगते ही खुश हो गई और जल्दी से मेरे होंठो को चूसने लगी…वही पीछे वाली लड़की ने मेरे लंड को मूठ मारना तेज कर दिया और अपने होंठो से मेरा गला चूमने लगी…मैं भी पीछे वाली लड़की की चूत को जोरो से मसल रहा था..और अब कंबल मे हल्की-हल्की आहों की आवाज़े आ रही थी…
मैने सोचा कि चलो अब बहुत हो गया…और मैने आगे वाली के होंठो को छोड़ा और अपने हाथ से उसकी टी-शर्ट उपर करने की कोसिस करने लगा पर नाकाम रहा…
तो मैने उसके लोवर मे हाथ डाल दिया और मेरा हाथ उसकी चिकनी चूत से टकरा गया…जैसे ही मैने उसकी चूत को टच किया तो उसके मुँह से आह निकल गई…और मैं बेफ़िक्र होकर उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा....
फिर मैने पीछे वाली लड़की की चूत को मसलना छोड़ा और हाथ को उसके लोवर मे डाल दिया….यहाँ मेरे हाथ मे थोड़े बालों वाली चूत लगी…
पीछे वाली लड़की भी अपनी चूत मे मेरा हाथ लगते ही सिसक गई और उसने जल्दी से मेरा लंड बाहर कर दिया और हिलाने लगी…
आगे वाली लड़की भी पीछे नही रही और उसने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया …और आप दोनो लड़कियाँ मिलकर मेरे लंड से खेलने लगी…जो पूरी औकात मे आ चुका था…
अब सीन कुछ ऐसा था कि मैं सीधा लेटा था और दोनो हाथो से दोनो की चूत को सहला रहा था….और वो दोनो लड़कियाँ अपने एक-एक हाथ से मेरे लंड को और बॉल्स को सहलाए जा रही थी….
वो दोनो लड़किया इतनी गरम थी कि मेरा हाथ उनकी चूत मे लगते ही वो दोनो पानी छोड़ने लगी…और मैने भी अब उंगली को उनकी चूत की दरार ने फिराना शुरू कर दिया…
वही दोनो लड़कियाँ मेरे लंड का पानी निकालने के लिए तेज़ी से लंड को हिला रही थी और मैं डबल हॅंड जॉब का मज़ा ले रहा था…
मैं लेटे हुए सोचने लगा कि कहीं मेरा पानी ना निकल जाए और उतने मे मधु आ जाए तो क्या होगा…बड़ी प्राब्लम हो जाएगी….ये दोनो तो चूत से पानी बहाए जा रही है..पर मेरा ना निकले तो सही है…
पर लंड तो अपनी धुन मे था….उसे तो बस अपनी गर्मी दिख रही थी….
मधु का नाम याद आते ही मुझे याद आया कि इतनी देर तक मधु आई क्यो नही…या फिर वो आ गई है और चुप-चाप यही है….
मैने सोचा , जो भी हो ..मैं क्यो सोचूँ…
आप लोग भी सोच रहे होगे कि मधु अब तक कहाँ है…यही सवाल मेरे माइंड मे आ रहा था…
फिर मैने सोचा कि कही ये तीनो लड़कियाँ मिली तो नही..और ये इन तीनो की प्लॅनिंग हो….
पर इसके पहले मेरे साथ जो दो लड़कियाँ थी..वो क्या यही दोनो थी या कोई और..???
कही ऐसा तो नही कि ये सारी लड़कियाँ आपस मे मिली हो और ये गेम सिर्फ़ इसी लिए खेला गया..कि मेरे साथ जवानी के मज़े लिए जा सके….
मैं(मन मे)- कुछ भी हो सकता है…पर सच क्या है…ये पता कैसे चलेगा…???
मैने सोच ही रहा था कि इतने मे रूम के बाहर से मेघा आंटी की आवाज़ आई…
आंटी2- अरे बच्चो…कहाँ हो…चलो …नीचे चलो…अनु, पूनम, रक्षा..कहाँ हो..और अंधेरा क्यो है यहाँ…
मेघा आंटी की आवाज़ सुनते ही सबकी गान्ड फट गई और मेरे कंबल वाली लड़कियों ने जल्दी से अपना हाथ मेरे लंड से और मेरे हाथ अपनी-अपनी चूत से हटाए….और जल्दी से अलग हो गई और कंबल निकाल लिया…इतने मे अनु की आवाज़ आई..
अनु- हाँ मोम..हम यही है ...1 मिनट...
ये आवाज़ तो दूसरे कंबल से आई ..मतलब ये तो कन्फर्म हो गया कि अनु मेरे साथ नही थी…
इसके बाद हम सब अलग हो गये और बैठे ही थे कि लाइट ऑन हो गई…जो कि पूनम दीदी ने की थी…
लाइट ऑन होते ही मैने आजू- बाजू देखा कि कौन मेरे साथ था …पर कुछ समझ नही आया , क्योकि सब लड़किया खड़ी हुई थी साथ मे…और मैने भी अपना लंड लोवर के अंदर डाल लिया था पर वो खड़ा हुआ था…
वो तो किस्मत ठीक थी कि कंबल मेरी कमर पर था और लंड किसी को दिखाई नही दिया होगा…
इतने मे आंटी2 और मधु रूम मे आ गई....
मैं अभी भी बैठा हुआ था….और सोच रहा था कि ये मेरे साथ हो क्या रहा है....साला आज दूसरी बार मेरे साथ क्ल्प्ड हो गया....
फिर मेघा आंटी की आवाज़ सुनकर मैं अपनी सोच से बाहर आया….
आंटी2- क्या हो रहा था..और लाइट क्यो ऑफ थी…???
पूनम दी- वो चाची ..हम हाइड आंड सीक खेल रहे थे…और मधु पारी देने गई थी..
आंटी2- वो ठीक है पर लाइट क्यो ऑफ की..???
पूनम दी- वो हम एक ही रूम मे छिपे थे ना तो बंद कर ली..ताकि आसानी से छिप सके…
आंटी2- तुम लोग भी ना…खैर छोड़ो ये सब ,,,,,नीचे आओ…वो मधु की मम्मी आई है और पूनम तेरी मौसी भी आई है….जल्दी चलो..
अनु- ओके मोम..हम आते है…
इसके बाद आंटी चली गई और हम सब ने चैन की साँस ली..और फिर सब हँसने लगे…
पूनम दी- आज तो बच गयी..पर मधु तुझे बोलना चाहिए ना..
मधु- मैं क्या करूँ..मेरे नीचे जाते ही मेरी मोम आ गई और मैं ,मेरी मोम से बात कर रही थी कि आंटी उपर आने लगी तो मैं भी भाग कर आई पर आंटी पहले ही पहुँच गई…
पूनम दी- कोई नही..अच्छा ये हुआ कि हम सब सेफ है..अब चलो..गेम फिर कभी खेलेगे…
इसके बाद सब नीचे जाने लगे ..पर मैं अभी उठ नही सकता था क्योकि मेरा लंड अभी भी आधा खड़ा था…
अनु- भैया , चलिए ना..क्या हुआ…
मैं- ह्म्म..तुम चलो मैं आता हूँ….
पूनम दी- लगता है भाई को हमारे साथ छिपने का इतना मन है की अब उठा नही जाता..हहहे…
पूनम दी की बात पर सब ज़ोर से हँसने लगी पर मेरी हालत खराब थी तो मैं बस स्माइल दे कर ही रह गया…
अनु- ठीक है भैया…हम फिर गेम खेल लेगे …अभी तो उठ जाओ…
मैं- तू भी ना…बोला ना कि तुम लोग जाओ, मैं आता हूँ…
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RE: चूतो का समुंदर
अनु फिर बाकी लड़कियों के साथ स्माइल करते हुए निकल गई और मैं सोचने लगा कि बच तो गयी ..पर ये कैसे पता चलेगा कि मेरे साथ था कौन….एक तो पूनम दी ही होगी पर दूसरी कौन…कैसे पता करू….
और ये कैसे पता चलेगा कि दोनो बार वही दोनो थी या अलग-अलग…
थोड़ी देर सोचने के बाद मैने तय किया कि पूनम दी से बात करूगा..जब तक मेरा लंड भी बैठ गया था..और मुझे ज़ोर से बाथरूम जाने का मन होने लगा…
मैं जल्दी से उठा और लोवर ठीक कर के संजू के रूम मे पहुँच गया…जहा संजू नही था…शायद नीचे होगा….
मैं जल्दी से बाथरूम गया और फ्रेश हो कर नीचे आ गया…
नीचे आंटी लोगो के साथ संजू की मौसी और मौसा जी बैठे थे….साथ मे संजू, पूनम, अनु और रक्षा भी थे….मधु और रूबी शायद अपने घर निकल गई थी…
जैसे ही मैं पहुँचा तो मैने मेहमानो को नमस्ते किया…
आंटी- हाँ बेटा आ गया…रागिनी(संजू की मौसी) ये है अंकित….संजू का फ्रेंड…
रागिनी- ह्म्म..हेलो बेटा…
मुसा जी- नमस्ते बेटा…आओ बैठो…
रागिनी- रजनी ये वही है ना ...आकाश और अलका का बेटा......
मैं- मौसी जी आप मेरे मोम-डॅड को जानते हो क्या…
आंटी- अरे नही..ऐसा कुछ नही..वो तेरे डॅड-मोम..पहले मिले थे..जब तू था नही…तभी की जान –पहचान है…है ना रागिनी…(आंटी ने रागिनी को आँख से इशारा किया)
रागिनी- हाँ बेटा वो,,,पहले मिले थे ना ..तभी की याद है…
मैं- ओके
मैं सोचने लगा कि आख़िर आंटी ने रागिनी को आँख से इशारा क्यो किया…कोई बात है क्या…??? पर आंटी मुझसे क्यो छिपाती…पता नही शायड मेरा वहम हो..मैं भी ना ,,,कितना शक्की हो गया हूँ…..
आंटी- बेटा, क्या सोच रहा है..ये ले कॉफी पी..
मैं – कुछ नही आंटी..दीजिए कॉफी..
इसके बाद मैं कॉफी पीने लगा और हम सब बाते करने लगे…
बातों मे पता चला कि संजू की मौसी के लड़के की शादी है…उसका ही निमंत्रण देने आए हुए है वो लोग…
शादी एग्ज़ॅम के 2 दिन बाद की है तो ये सही रहा …अब सब शादी मे जा सकते है…उन्होने मुझे भी आने को कहा…पर मैं आ पाउन्गा की नही , ये डॅड से बात करने के बाद पता चलेगा…
ऐसी ही बाते करते हुए शाम हो गई और फिर पूनम , अनु और रक्षा अपने रूम्स मे पढ़ाई करने निकल गई और मैं भी संजू के साथ रूम मे आ गया…
हम रूम मे आए ही थे कि अकरम का कॉल आ गया..
( कॉल पर)
मैं- हाँ भाई ..बोल…
अकरम- मुझे पता था तुम दोनो भूल गये होगे सालो..
मैं- क्या…???
अकरम- भाई , पार्टी….
मैं(मन मे)- ओह तेरी, आज तो अकरम के घर पर पार्टी है ..ये मैं कैसे भूल गया…
अकरम- हेलो..भूल गया था ना साले..
मैं- नही बे..हम बस रेडी हो कर आने वाले थे…तूने कॉल कर दिया जब तक..
अकर्म- ओके तो जल्दी आओ..सब आ ही गये… समझा..
मैं- हाँ , तू रख , हम आते है…
इसके बाद मैने कॉल कट की और संजू से बोला...
मैं- चल संजू , रेडी हो जा..
संजू- कहाँ जाना है..
मैं- साले तू भी भूल गया ना…अकरम के घर …पार्टी..
संजू- ओह हाँ , सच मे ये तो माइंड से निकल ही गया था..
मैं- अब रेडी हो जा जल्दी से फिर निकलते है..
इसके बाद हम रेडी हो कर नीचे आए और आंटी को सारी बात बता कर अकरम के घर पार्टी मे निकल गये ..
जब हम अकरम के घर पहुँचे तो उसके घर का महॉल देख कर दंग रह गये…
आज अकरम के घर काफ़ी सारे गेस्ट आए हुए थे…ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई शादी का फंक्षन हो….
मैं और संजू कार पार्क कर के अकरम के घर के अंदर पहुँचे….
मेन गेट क्रॉस करके जैसे ही हम होल मे पहुँचे कि अकरम हमारे सामने आ गया…
अकरम- तो आ ही गये कमीनो…बड़ी जल्दी नही आ गये…
मैं- यार अब ताने मारना बंद कर ना…
अकरम- अच्छा…चल अब अंदर भी आएगा की नही…
इसके बाद हम अकरम के साथ अंदर पहुँच गये…
यहाँ हॉल की रौनक देख कर तो मैं सच मे सॉक्ड था कि अकरम के डॅड ने काफ़ी पैसा खर्च कर दिया और गेस्ट भी बहुत थे…
मैं- अकरम एक बात बता…
अकरम- हाँ बोल ना..
मैं- साले ये पार्टी किस लिए रखी है…???
अकरम- बताया था ना, डॅड को बड़ी डील मिली है बस तो पार्टी रख ली…
मैं- साले इंतज़ाम तो ऐसे किया है जैसे कोई शादी हो…
अकरम- हाहहहा..थक्स यार…पर क्या करूँ, डॅड को पार्टी देने का शौक है …उन्ही ने सब सेट किया है…
मैं- ह्म्म..और तेरी मोम कहा है..??
अकरम(सीरीयस होते हुए)- यही है…पर कल से फिर लग जाएगी उसी के साथ..
मैं- चुप कर…अभी नही…बाद मे बात करेगे…पहले अपनी फॅमिली से तो मिलवा..
अकरम- ह्म्म..मैं अभी सबको लाता हूँ..जब तक तुम ड्रिंक लो…हे वेटर…
अकरम ने वेटर को बुला कर हमे ड्रिंक दिए और अपनी फॅमिली को लेने निकल गया….
हम ड्रिंक कर ही रहे थे कि संजू के पापा की फ्रेंड मिल गयी और संजू उनके साथ बिज़ी हो गया….मैने संजू से कहा कि मैं अभी आया और मैं पार्टी मे आए माल को देखने लगा…
मैं घूम रहा था तभी मैने गौर किया कि एक इंसान मुझे ही देख रहा है…फिर मुझे याद आया कि ये मुझे तबसे घूर रहा है जबसे मैं पार्टी मे आया….
पहले मैने इग्नोर किया था पर अब मुझे कुछ शक होने लगा ..क्योकि वो इंसान नज़रों से मेरा पीछा किए जा रहा था…
मैं उस इंसान के पास जाने की सोच कर आगे बढ़ा ही था कि मुझे एक मस्त माल दिख गया….ये जाना –पहचाना था तो मैं वही रुक कर उसे देखने लगा…
वो दीपा थी जिसकी गान्ड मेरी तरफ थी और वो किसी से बाते करने मे बिज़ी थी…
इतने दिनो बाद दीपा की गान्ड देख कर मेरा लंड उसकी माँग करने लगा …पर मेरा माइंड लंड को समझाने लगा कि भाई अभी रुक जा , यहाँ ये सब नही करना….
यहाँ मैं दीपा को देखे जा रहा था और वहाँ वो अंजान इंसान मुझे घूरे जा रहा था...
दीपा को देखते हुए मुझे उस दिन मार्केट वाली बात याद आ गई…मैने सोचा कि चलो दीपा से सच्चाई जान लूँ और मैं दीपा के पास जाने लगा…
जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा तभी दीपा पलट गई और शॉक्ड हो गई…
देपा- ओह..ऊओह..आअपप..यहाँ…??
मैं- ह्म्म….
दीपा(धीरे से)- आप यहाँ कैसे…???
मैं- अरे मेरे फ्रेंड का घर है इसलिए और तुम कैसे..??
दीपा(मुँह पर उंगली रख कर)- स्शहीए…
मैं- क्या हुआ..???
दीपा- एक मिनट ..मैं अपने पति से मिल्वाती हूँ…
दीपा ने अपने पति को बुलाया और बोला..
दीपा- ये मेरी फ्रेंड का बेटा है..वो रजनी है ना...उसका
डी पति- ओह…हेलो बेटा…हाउ आर यू ???
मैं- फाइन अंकल…आप कैसे है…
डी पति- गुड…और क्या करते हो…???
मैं- स्कूल मे हूँ अंकल..
अंकल – गुड..गुड…
इतने मे दीपा के पति को किसी ने बुला लिया और वो आता हूँ बोल कर निकल गये…
मैं- ह्म्म..तो अपने पति के साथ आई है मेरी रानी…
दीपा- धीरे से बोलो…कोई सुन ना ले..
मैं- डोंट वरी...और सूनाओ ..तुम यहाँ कैसे...
दीपा- अरे वो…मेरे पति के फ्रेंड है ये…
मैं- ओह..अकरम के डॅड..???
दीपा- ह्म्म्मी..
मैं- अच्छा एक बात बताओ…आज कल कहाँ घूमती रहती हो..कॉल भी नही करती…गुस्सा हो या भूल गई..
दीपा- ना भूली हूँ और ना गुस्सा हूँ..बस मेरे पति अभी घर पर है तो चुप हूँ….नही तो मैं तुम्हारी बाहों मे होती…
मैं- ह्म्म..और आज कल कार से नही घूमती..???
दीपा- मतलब...मैं कार से ही जाती हूँ..जब भी बाहर जाती हूँ...
मैं- अरे मुझे लगा था कि मैने तुम्हे ऑटो मे देखा था एक दिन..
दीपा(डर गई)- सीसी…कहा..नही-नही…मैं तो ऑटो से कही नही गई…
मैं(मन मे)- साली झूट बोल रही है , मतलब दाल मे कुछ काला है…आगे पूछू या नही…ट्राइ करता हूँ…
दीपा- क्या हुआ…मैं नही थी ..तुमने किसी और को देखा होगा..
मैं- ह्म्म..हो सकता है , मैं कार ड्राइव कर रहा था..तो ग़लती हो सकती है…(मैने सोचा कि अभी जाने दो...इसकी सच्चाई फिर कभी पता करूगा)
दीपा- ह्म्म..ऐसा ही हुआ होगा…
मैं- ओके…छोड़ो…वैसे ये बताओ कि आज इतनी हॉट कैसे लग रही हो…
दीपा- अरे कहाँ हॉट…मुझे पता होता कि आप आने वाले हो तो हॉट बन के ही आती…
मैं- तुम आज भी हॉट हो समझी….देखो लंड खड़ा हो गया…
दीपा- स्शहीए…आप भी…
मैं- क्यो…अब डर रही हो…वैसे तो बड़ा कहती थी कि जहा बोलो चुदने आ जाउन्गी..
दीपा- मैं आज भी वही कहती हूँ…आप कहो तो अभी चुद जाउ..
मैं- अच्छा ..और तेरा पति...
दीपा- उसको मैं हॅंडल कर लूगी...
मैं- जाने दो..बाद मे कभी..
दीपा- नही..अब तो मेरा मन भी है प्ल्ज़्ज़…आपको देख कर ही चूत मे पानी आ गया..अब मना मत करना..
मैं- ओके..पर कहाँ ???
दीपा- आप रूको मैं सब सेट करके आती हूँ…
मैं- ओके…
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RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद दीपा चली गई और मैं मन मे उसे गाली देने लगा कि साली कैसे झूट बोल रही है…अब तो पता करना ही होगा कि चल क्या रहा है…
फिर मैने उस इंसान को देखा जो मुझे काफ़ी देर से घूरे जा रहा था…और मैने डिसाइड किया कि अब इस से पूछना ही होगा और मैं उसके पास पहुँचा…मेरे जाते ही वो बोला..
अननोन- कैसे है अंकित ..
मैं- व्हाट..तुम मुझे जानते हो..??
अननोन- हाँ बिल्कुल..और आपकी फॅमिली को भी…
मैं- बट मैं आपको नही जानता …
अननोन- आप तो अभी बहुत कुछ नही जानते अंकित जी..
मैं- क्या मतलब तुम्हारा…??
अननोन- मतलब ये कि आप तो अभी अपने आपको भी ठीक से नही जानते …
मैं(गुस्से से)- क्या बकवास है ,हो कौन तुम..???
अननोन- बकवास नही, सच बोल रहा हूँ…आपकी लाइफ के बारे मे आपसे ज़्यादा मैं जानता हूँ…
मैं- व्हाट, होश मे तो हो…???
अननोन- हाँ पूरे होश मे…और इसीलिए आपको कुछ बताने आया हूँ..आपको आपसे पहचान कराने आया हूँ…
मैं- मतलब..???
अननोन- अंकित जी..आपकी फॅमिली मे कौन-कौन है जिसे आप जानते है…
मैं- मैं और मेरे डॅड..
अननोन- और आपकी बुआ , मामा, मौसी भी तो है..
मैं- हाँ पर वो रिलेटिव है…फॅमिली के नाम पर तो मैं और मेरे डॅड ही है..
अननोन- नही अंकित जी..आपकी फॅमिली बहुत बड़ी है…कई लोग है उसमे…
मैं- व्हाट…तुम पागल हो…मेरी फॅमिली के बारे मे मुझे ही नही पता होगा..
अननोन- ह्म्म..शायद ..???
मैं- क्या..??..तुम हो कौन और क्या बक रहे हो..??
अननोन- ये सही वक़्त और सही जगह नही है बताने को…वैसे भी आपको तो बहुत कुछ नही पता…
मैं- और भी कुछ है क्या ..वो भी बोल दे…
अननोन- हाँ है…आपको क्या लगता है कि आपकी लाइफ मे जो हो रहा है वो अपने आप हो रहा है….
मैं- हाँ बिल्कुल और क्या…???
अननोन- नही , ये सब प्लान है…
मैं- बकवास बंद कर…तू पागल है…जा यहाँ से…
इतने मे दीपा ने मुझे आवाज़ दी और मैं जाने लगा...
मैं- अब मैं चला...और तेरी बकवास बहुत सुन ली मैने समझा...
अननोन- अगर ऐसा है तो ठीक..पर ये तो बताओ कि दीपा आपसे क्यो चुदि और आज इस पार्टी के चलते हुए भी आपसे चुदने को आ गई...
मैं उस इंसान की बात सुनकर रुक गया..और मेरा माइंड गरम होने लगा कि इसे ये सब कैसे पता...कौन है ये..*??...इतना सब कैसे जानता है और ये जो कह रहा है क्या उसमे कुछ सच्चाई है…या सब बकवास है...?????
मैने उससे कहने ही वाला था कि वो बोल पड़ा..
अननोन- आप इसे बजा के आओ …मैं यही हूँ…आपके माइंड मे जो भी सवाल है..सबके आन्सर मेरे पास है…बिलिव मी…
मैने एक बार उस इंसान की आँखो मे देखा…उसकी आँखो मे मुझे सच मे बिश्वास नज़र आ रहा था…
मैने तय कर लिया कि इस से सब पता कर के ही रहूँगा…आख़िर पता तो चले कि इतना सब कैसे जानता है और ऐसा क्या जानता है जो मुझे भी नही पता…
मैं- ओके…यही रूको मैं आता हूँ..
अननोन- मैं यही हूँ…आप निपटा के आओ…
इसमके बाद मैं दीपा के पास चला गया…
मैने जैसे ही दीपा के पास पहुँचा तो बोली
दीपा- कौन था वो..क्या कह रहा था…
मैं- वो…ऐसे ही बात कर रहे थे…यही मिल गया..मैं नही जानता..
दीपा- अच्छा तो इतने गुस्से मे बात क्यो कर रहे थे..
मैं- अरे कुछ नही..वो बस मुझे बच्चा कह रहा था तो उस पर मैं गरम हो गया ..
दीपा- गरम हो गये , हाँ…चलो मेरे लिए तो अच्छा है..
मैं- ह्म्म..अब बताओ कि क्या प्लान है…
दीपा- उपर एक रूम खाली है..मैं वहाँ जा रही हूँ…आप थोड़ी देर मे आ जाना…
मैं- रूम मे …पर ऐसे कैसे किसी के घर मे..
दीपा(बीच मे)- मैने अकरम की मोम को बोला है कि मैं रेस्ट करने जा रही हूँ थोड़ा…उसी ने मुझे रूम मे जाने को कहा…
मैं- ओके…तब ठीक है…
दीपा- अब मैं जा रही हूँ…5 मिनट मे आ जाना..ओके
मैं-ह्म्म्म
दीपा अपनी गान्ड मटकाते हुए उपर चली गई और मैने वेटर से ड्रिंक लिया और पीने लगा…
मैं सोच रहा था कि आज साला मेरे साथ दो बार केएलपीडी हो गया….अब सारी कसर दीपा को ठोक के निकालता हूँ..और अब तो दिमाग़ भी गरम है..जो उस अंजान इंसान ने कर दिया…उसे चुदाइ के बाद देखूँगा…
मैं(मन मे)- दीपा डार्लिंग…आज तो तेरी ऐसी फाडुन्गा कि तू ठीक से चल भी नही पाएगी…एक तो मेरा लंड बेताब है और दूसरा तूने मुझसे झूट बोला…सारी कसर तेरी चूत और गान्ड पर निकालूँगा….
इसके बाद मैं 5 मिनट ड्रिंक करते हुए घूमता रहा और फिर सबसे नज़र बचा कर उपर निकल आया…और जो रूम दीपा ने बोला था उसी रूम मे घुस गया और रूम अंदर से लॉक हो गया…
दीपा गेट के पास ही खड़ी थी और जैसे ही मैं अंदर गया तो दीपा ने जल्दी से गेट लॉक कर दिया और पलट कर मेरे गले से लग गई…
दीपा- ओह…जानू…कितना तडपाया तुमने…..
मैं- ह्म्म्म..तुमने भी मुझे बहुत तडपाया है मेरी रानी…
दीपा- मैं क्या करती...मेरा पति जा ही नही रहा...
मैं- कोई बात नही जान...आज तेरी तड़प मिटा देता हूँ...
दीपा- हाँ मेरे राजा..,मैं तो कब्से इंतज़ार मे हूँ...जल्दी से मेरी खुजली मिटा दो...
मैं- आज मैं भी बहुत गरम हूँ…देख तेरी कैसे फाड़ता हूँ…
दीपा- तो देर किस बात की..जल्दी करो..
फिर दीपा ने मुझे जोरदार किस करना शुरू कर दिया…वो इतनी गरम थी कि मेरे होंठो को चूज़ कर लाल करने लगी…और मैने भी दीपा के बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया और हम ऐसे ही एक-दूसरे की बाहों के सहारे पास मे पड़े हुए सोफे पर आ गये….
सोफे पर आते ही दीपा ने मुझे सोफे पर बैठाया और जल्दी से मेरा पेंट निकालने लगी….
मैं- ओह दीपा डार्लिंग...आराम से..
दीपा- नही मेरे राजा ,…अब वेट नही होता…
मैं- ओके..तो निकाल ले..
दीपा- ह्म्म..आज कितने दिन बाद मुझे मेरा प्यारा हथियार मिल रहा है...
दीपा ने जल्दी से मेरा पेंट पैरो के नीचे खिसका दिया और मेरा आधा खड़ा हुआ लंड उसकी आँखो के सामने आ गया..
और दीपा ने जल्दी से लंड को हाथ मे थाम लिया.....
दीपा- ओह्ह्ह..मेरी जान...कितना तडपाया है तूने...
मैं- तो अब जी भर के प्यार कर ले...
दीपा- ह्म्म..
और दीपा मेरे लंड पर झपट पड़ी और मेरे लंड को जीभ से चाटने लगी…मैं तो वैसे ही भरा हुआ था..और दीपा की जीभ मेरे लंड पर लगते ही मेरा लंड औकात मे आने लगा…
दीपा- स्ररुउपप…सस्ररुउपप…सस्ररुउप्प्प
मैं- ओह मेरी रंडी..ऐसे ही..आअहह..
दीपा- सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प..
मैं- साली जल्दी से चूस ना…
पर दीपा ने मेरी बात सुनी ही नही और लंड को चाट ती रही...थोड़ी देर बाद दीपा ने मेरी बाल्स को चाटना शुरू कर दिया...
मैं- आहह..दीपा...ऐसे ही..ओह्ह्ह..
दीपा- सस्ररुउप्प्प्प..सस्ररुउपप..
मैं- आहह…मुँह मे भर ले रंडी…
दीपा ने जल्दी से मेरी बॉल्स को मुँह मे भर लिया और ज़ोर से चूसने लगी...
दीपा-उउंम्म...उउंम्म...उउउंम्म..
मैं- ह्म्म्म…आहह..ऐसे ही साली…आहह
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RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर तक मैं दीपा से मेरी बॉल्स चुसवाता रहा पर मेरा लंड आज कुछ ज़्यादा ही गरम था…और मैने दीपा को गालियाँ देनी शुरू कर दी…
मैं- रंडी..मेरा लंड चूस…जल्दी
दीपा- ऐसे ही गालियाँ दो..मुझे ऐसी चुदाई मे मज़ा आयगा…
मैं- ठीक है साली अब लंड चूस ..
दीपा ने जल्दी से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया…
दीपा- सस्ररूउउगग...सस्रररूउउग़गग..सस्ररूउउगग...
मैं- ओह्ह..ऐसे ही साली..तेरी माँ को चोदु...ज़ोर से ..आहह
दीपा- सस्रररूउगग...सस्ररूउउगग...
दीपा मेरे लंड को गले तक ले जाते हुए चूस रही थी...पर मैं ज़्यादा ही जोश मे था तो मैने दीपा का मुँह पकड़ कर तेज़ी से लंड के उपर-नीचे करना शुरू कर दिया...
दीपा-क्क्हम्म..क्क्हम्म...उउंम...
मैं- चुप साली...ले अंदर...आहह
दीपा- क्क्ूनूम्म..क्क्ूनूम्म....उउंम/...उउंम्म
मैं- ले साली..मेरी रंडी है तू....ले और ले..
मैं जोरो से दीपा के मुँह को चोदता रहा ..थोड़ी देर बाद मैने दीपा को छोड़ दिया...और वो खांसने लगी...
दीपा- ख़्हू..ख़्हू...क्क्हू..जान लोगे क्या...
मैं- चुप रंडी...अब आजा..तेरी चूत फाड़ता हूँ...
मैने जल्दी से दीपा को पकड़ कर सोफे पर कुतिया बना दिया और उसकी ड्रेस उपर करके उसकी पैंटी साइड मे कर दी और उसके पीछे आ कर मैने एक ही झटके मे पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया…और तेज़ी से चोदने लगा....
दीपा- आहहहहह…मार डाला…
मैं- चुप कर कुतिया…नही तो फाड़ दूँगा…
दीपा- फाड़ दो…आहह..
मैने तेज़ी से दीपा को चोदना शुरू कर दिया ….
दीपा- आहह..आह..आ..आराम से..
मैं- चुप...तू मेरी कुतिया है...ये ले...
मैने दीपा के बाल पकड़ कर उसे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया ...
दीपा- अहः..आ..आइईइ..आइी..ऊहह...
मैं- बोल ना साली मेरी कुतिया है ना...
दीपा- हाँ मेरे राजा...फाड़ दो कुतिया की....ज़ोर से...
मैं तो गरम था ही और अब दीपा भी फुल मूड मे आ गई थी….
मैं- ले मेरी कुतिया..ज़ोर से…
दीपा- अहहह..अहहह..आह..
थोड़ी देर तक दीपा की दमदार चुदाई करने के बाद मैने चूत से लंड निकाल लिया और दीपा की ड्रेस को निकाल दिया...
अब दीपा के बूब्स भी आज़ाद हो गये और वो पूरी नंगी हो गई,...
मैने जल्दी से उसे धक्का मारा और सोफे पर लिटा दिया और उसको आगे खीच कर उसकी टाँग को उठाया और पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया…
दीपा- आऐ….
मैं- चुप कर रंडी…
दीपा- आहह..मेरे राजा..मारो रंडी की..ज़ोर से..आहह…
मैं- ये ले साली..
और मैं दीपा को तेज़ी से चोदने लगा…और दीपा झड़ने लगी….
दीपा- मैं आईईइ...आअहह.....ज़ोर से..आहह..आ..ऊहह..म्माआ
मैं दीपा के झड़ने के बाद भी उसे तेज़ी से चोदता रहा और रूम मे दीपा की सिसकारियो के साथ फ़ुउच-फ़ुउच की आवाज़े आने लगी...
दीपा- आहह..आहह..आहह...उउफ़फ्फ़ माँ...
आहह...ऊहह...ईएहह...ऊहह...म्मा..आहह..फ्फक्च्छ.,..फ़्फुूक्च्छ..फ़्फ़ुूच..ताप..ताप्प..आहह..ऊहह..म्मा...ईीस्स..येस्स..
ऊहह..माआ..अहहह...उउफफफफ्फ़..ऊहह
ऐसी ही आवज़ो के साथ हम चुदाई के रंग मे डूबे हुए थे....
मैने दीपा को छोड़ा और सोफे पर बैठ गया..और दीपा को उपर आने को कहा…
इस बार दीपा मेरे उपर आई और एक ही झटके मे मेरा लंड चूत मे ले लिया और जोरो से उछलने लगी…दीपा झड़ने के बाद फिर से गरम हो गई थी….
मैने दीपा को झुंका कर उसके बूब्स को काटना ,चूसना शुरू किया और तेज़ी से उसको चोदने लगा….
मैं- उउंम..उउंम्म…आहह..
दीपा- उम्म्म..खा जाओ इन्हे…चूस डालो मेरे राजा..
मैं- हाँ साली…ख़ाता हूँ..उउंम..उूउउंम…उउंम
दीपा- उउंम…आहह….आअहह..अहहह
मैं- साली..पति को छोड़ के मेरे लंड पर उछल रही है..
दीपा- नाम मत लो उस गान्डु का…आहह…..मैं तुम्हारी…अहहह..कुतिया हूँ…आहह
मैं- तुझे तेरे पति के सामने चोदुगा..
दीपा- चोदो ना….उस गान्डु से कौन डरता है..अहहह..उउउफ़फ्फ़…माँ
मैं- हाँ मेरी रंडी…तेरे बेडरूम मे चोदुगा..उसके बाजू मे…
दीपा- मज़ा आयगा..आहह…
दीपा की बातों से मेरा जोश बढ़ गया और मैने दीपा को लंड पर बैठाते हुए उठा कर खड़ा हो गया और उसे उछल-उछल कर चोदने लगा…
दीपा- हाँ मेरे राजा..आहह..ऐसे ही,…मज़ा आ गया,….ओह्ह्ह…
मैं- ले मेरी रंडी..साली अपने पति के साथ आई..और चूत मेरे लंड पर…
दीपा- आहह…हाँ..अब मेरे घर आ के चोदना मेरे राजा
मैं- ठीक है रंडी…आउन्गा….
थोड़ी देर तक दीपा को उछालते हुए मेरे हाथ दर्द होने लगे तो मैने दीपा को उतार दिया…
दीपा- अब अपनी कुतिया को सवारी करवा दो मेरे राजा..
मैं- आजा कुत्ति…कर ले सवारी..फिर तेरी गान्ड फाड़ना है…
दीपा- फ्फाड़ लो ना…ये गान्ड भी लंड माग रही है..
मैं- चल सवारी कर..गान्ड बाद मे….
और मैं सोफे पर बैठ गया..और इस बार दीपा अपनी पीठ मेरी तरफ करके मेरे लंड पर बैठ गई और गुऊप से लंड अंदर ले कर उछलने लगी…
मैं-क्या बोल रही थी…
दीपा-आहह…वो मेरे पति के सामने फाड़ना मेरी..आहह…..
मैं- क्यो नही मेरी रंडी…तुझे उसी के सामने चोदुन्गा एक दिन..अभी जल्दी कर साली
दीपा-आअहह…म्म्माअस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….जब भी अंदर …आहह.जाता है….मज़ादेता…आहह..है…ऊहह
मैने पीछे से दीपा के दोनो हाथो से पकड़ा ऑर तेज़ी से चोदने लगा…
दीपा—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्ूनूस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख़्ूनस्ष्ह..क्करररर द्दुऊऊग़गगीइइ…आहह….ऊओररर…त्टीजज……
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ
दीपा-आअहह…ऊओझहह…म्म्मज़्ज़ाअ…आहह
मैं-एसस्स….तू सच मे रंडी है….
दीपा-आअहह…बिल्कुल…..आअहह…तुम्हारी गुलाम हूँ…आअहह….
मैं-बहुत खूब….ये ले…
दीपा-आअहह..म्म्मायन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह
दीपा जोरो से लंड पर उछल रही थी और मैं नीचे से जोरदार धक्के मार रहा था..ऑर 20 मिनट की चुदाई मे दीपा फिर से झड़ने लगी.....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आहह..आह...आऐईयईईईईई
मैं-आअहह….ये ले …
दीपा झड़ने लगी ऑर छुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततुनूउप्प्प…कचूनूप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततुनूउप्प्प…त्ततुनूउप्प्प….फ़फफूूककचह…
फ़फफूूककच….ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह
ऐसे ही दीपा झड गई ओर मैने भी झड़ना शुरू कर दिया…….
मैं- मैं भी आया मेरी कुतिया…
दीपा- भर दो मेरी चूत…आअहह…बहुत प्यासी है…
मैं- ये ले मेरी रंडी..भर ले…
मैं दीपा की चूत को अपने लंड रस से भरने लगा...
फिर दीपा वैसे ही मेरे उपेर लेट गई..और जब नॉर्मल हुई तो मुझसे बोली..
दीपा- आज बहुत मज़ा आया…
मैं- ह्म्म..वो तो है..
दीपा- अब मुझे ऐसे ही चोदना ..गाली बकते हुए…
मैं- ठीक है मेरी कुतिया…
दीपा- वो तो मैं हूँ ही…हहहे…
मैं- अब तेरी गान्ड फाडनी है…
दीपा- ह्म्म..फाड़ लेना ..पर आज हुआ क्या था…इतनी ज़ोर से मार रहे थे…
मैं(मन मे)- अब इसे कैसे बताऊ कि आज दो बार मेरे साथ केएलपीडी हो गया..साली लड़कियों ने मज़े ले लिए मेरे..और मैं कुछ नही कर पाया…
दीपा- बोलो ..क्या हुआ…
मैं- ऐसा कुछ नही..बस आज तू इतने दिन बाद मिली ना..तो जोश बढ़ गया…
दीपा- ह्म्म..फ्रेश हो जाओ..फिर गान्ड मर्वानी है मुझे…
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RE: चूतो का समुंदर
मैं- तुम अब तक यही हो…
अननोन- जी..मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा हूँ..
मैं- तो बताओ..क्या बता रहे थे..कैसे जानते हो इतना सब मेरे बारे मे…
अननोन- सब बताउन्गा..इसीलिए मैं तुमसे मिलने आया..पर यहाँ नही..
मैं- यहाँ नही मतलब…..क्या प्राब्लम है…
अननोन- तुम्हे अंदाज़ा भी नही कि कहा कौन तुम पर नज़रे जमाए हुए है…इसलिए यहाँ नही….
मैं- ओके..मान लिया..तो कहाँ चले…
अननोन- आज नही…ये लो कार्ड इसमे अड्रेस है..कल शाम को यहा पहुँच जाना..
मैं- ह्म्म..और अगर तुम्हारी बात बकवास लगी तो याद रखना….
अननोन- मुझे जान से मार देना ….पर पहले मेरी बात सुन लेना ..ओके
मैं- ओके….
तभी अकरम ने मुझे आवाज़ दी…
अननोन- अब तुम्हे जाना चाहिए...कल यहाँ टाइम पर पहुँच जाना..
मैं- ओके…कल मिलता हूँ..देखूं तो सही..तुम्हारे पास क्या जानकारी है..बाइ
अननोन- बाइ
इसके बाद वो इंसान बाहर निकल गया और मैं अकरम के साथ खाना खाने लगा….
मैं खाते हुए उस इंसान को जाते हुए देख कर सोचने लगा कि ये सब मेरे साथ हो क्या रहा है…आज-कल मेरी लाइफ मे जो भी हो रहा है सब मुझे शॉक्ड ही कर रहा है और उपर से मुझे कुछ पता भी नही चल रहा….
पहले वो लंड चूसने वाली, फिर दीपा का यू पैसे लेना और मुझसे झूठ बोलना…फिर उस गेम मे मेरे साथ लड़कियों की मस्ती और अब ये अंजाना इंसान..जो मेरे बारे मे बहुत कुछ जानता है….
क्या मैं ये सब जान भी पाउन्गा कि कौन , क्या कर रहा है ..और ये मेरे लिए अच्छा है या बुरा…
कुछ भी हो अब मैं सारे ससपेन्स को दूर ज़रूर करूगा..जितने हो सके उतने तो सॉल्व हो जाए…
और शुरुआत होगी इस इंसान से….कल देखता हूँ…इसकी असलियत क्या है…
ऐसे ही मन मे ख्याल करते हुए हमने खाना ख़त्म किया और घर आने को कहा….अकरम जानता था कि हमारे एग्ज़ॅम है तो उसने फोर्स नही किया रुकने का….
फिर मैं और संजू….ज़िया , जूही अकरम , और उनके मोम-डॅड को बाइ कह कर घर आ गयी….
घर आकर मैने देखा कि सब आज पढ़ाई करने मे बिज़ी है तो मैने भी डिसाइड किया कि अब पढ़ना ज़रूरी था क्योकि एग्ज़ॅम 1 दिन बाद ही था…
हम सब पढ़ाई मे बिज़ी हो गयी और करीब 2-3 घंटे तक हमने पढ़ाई की…..इसके बाद हम फ्रेश हो कर कॉफी पीने लगे , जो कि पूनम दी हमारे लिए बना कर ले आई थी..….
कॉफी ख़त्म करके हमने थोड़ी और पढ़ाई की ….और फिर सोने को बेड पर लेट गयी..
हम लेटे ही थे कि मैं सोच मे फिर से डूब गया..और अचानक मुझे संजू की मौसी का ख्याल आ गया…मैं सोचने लगा कि कुछ तो है जो आंटी और उनकी सिस्टर के बीच की बात है….और वो मेरे मोम-डॅड से रिलेटेड है…पर क्या हो सकती है…क्या संजू की मौसी मेरे मोम-डॅड को अच्छे से जानती थी या सिर्फ़ जान-पहचान है….
कैसे पता करूँ..आख़िर सच क्या है…????
साला इतनी टेन्षन तो कभी नही हुई मुझे और आज मेरे माइंड मे टेन्षन की भरमार है…पता नही ये कैसे सॉल्व होगी….
ऐसे ही सोचते हुए मेरी आँख लग गई और रोज की तरह मैं तब जागा जब वो लंड चूसने वाली मेरे लंड को चूसने लगी…
पता नही कौन है साली जो इतनी देर होने के बाद भी लंड चूसने का वेट करती रही..खैर मैं लंड चस्वाने का मज़ा लेने लगा….
आज फिर से वो वैसे ही अपना काम करके निकल गई और मैं सोचने लगा कि जाने दो..एग्ज़ॅम दे दूं…फिर तुम्हे ही सबसे पहले देखता हूँ…और मैं थोड़ी देर मे ही सो गया…
आज सुबह जब मेरी आँख खुली तो मुझे एक और झटका मिला…रोज की तरह मैं एक प्यारी सी आवाज़ सुनकर उठा था..पर आज ये आवाज़ देने वाली अनु नही थी…आज रक्षा थी….जो पिछले दिनो मुझे घूर के देखती थी और आज मुझे प्यार से उठाने आ गई…
रक्षा- भैया ऐसे क्या घूर रहे है…
मैं- सीसी..कुछ नही…आज तू कैसे…??
रक्षा- क्यो भैया..मैं आपको जगा नही सकती क्या...
मैं- ऐसा नही कहा..पर अनु आती थी रोज तो बोला..
रक्षा- तो क्या अनु के जगाने से ही जागेगे ..मेरे जगाने पर नही…
मैं- अरे ऐसा नही है..मैं बस पूछ रहा था///
रक्षा- समझ गई भैया..आपको मेरा आना अच्छा नही लगा ..आइ एम सॉरी….अनु को भेजती हूँ…
और रक्षा पलट कर जाने लगी..
मैं- अरे रक्षा...सॉरी...यहाँ आ...तू गुस्सा मत हो..अच्छी नही लगती गुस्से मे...
रक्षा- आप को कैसे पता..आप तो मुझे देखते ही नही.
मैं- मतलब...*??
रक्षा- मतलब..आप तो बस अनु, पूनम दी, संजू भैया से ही बात करते हो..मुझसे तो की ही नही..फिर आपको कैसे पता कि मैं कैसी लगती हूँ…
मैं- अरे मेरी गुड़िया...ऐसा नही.है...चल मैं सॉरी बोलता हूँ..आज से रोज तुम्हे ही देखूँगा..ओके
रक्षा(मुस्कुरा कर)- सच...अब उठ जाइए...नाश्ते पर सब आपका वेट कर रहे…
मैं- ओके...अब तू जा..मैं आता हूँ..
रक्षा वहाँ से चली तो गई पर मेरे माइंड मे एक सवाल छोड़ गई...कि आज रक्षा इतने प्यार से क्यो बात कर रही थी...वैसे तो खा जाने वाली नज़रों से देखा करती थी..पर आज क्या हुआ..
कहीं यही तो नही जो रात मे आती है..नही-नही...वो तो कब्से आती है पर इसका मिज़ाज तो आज बदला.....तो क्या बात होगी...*??
अरे कही ऐसा तो नही कि कल के खेल मे ये मेरे साथ हो...हो भी सकता है..पर कैसे पता चलेगा...*???
ओह्ह्ह..मेरा माइंड फट रहा है…क्या करूँ….अभी सब भूल जाता हूँ….पहले उस अंजान इंसान से मिल लूँ…फिर एक-एक कर के सबको देखूँगा…अभी फ्रेश हो लेता हूँ..
इसके बाद मैं फ्रेश हुआ और रेडी होकर नीचे आ गया…..
हमने नाश्ता किया और फिर पढ़ाई करने बैठ गयी,,,,,आज फिर पारूल का अड्मिशन नही हो पाया…मैने उसे बोल दिया कि एग्ज़ॅम तक और रुक जा…फिर अड्मिशन करवा दूगा…
आज का दिन पढ़ाई करते हुए ही निकल गया…फिर मुझे याद आया कि मुझे उस इंसान से मिलना था…
मैं आंटी से बहाना बना कर निकल गया..और उस जगह पहुँच गया जहाँ वो इंसान मुझसे मिलने वाला था….
ये जगह सहर से बाहर थी…बिल्कुल सुनसान जगह …हाइवे से लग कर जगह थी…
मैं वहाँ उसका वेट करने लगा..फिर थोड़ी देर मैं वो इंसान एक टेक्शी से आया और टेक्शी उसे छोड़ कर निकल गई…और वो इंसान अपने मुँह पर कपड़ा बाँध कर मेरे पास आने लगा.….
वो इंसान रोड क्रॉस कर के आ ही रहा था कि तभी एक ट्रक उसे टक्कर मारते हुए निकल गया...
सिर्फ़ एक चीख सुनाई दी...
अननोन- आआहह....
मैने आज तक कोई आक्सिडेंट देखा ही नही था...और आज तो मेरे सामने ही एक इंसान को ट्रक उड़ाकर निकल गया...
ये नज़ारा देख कर मैं सुन्न पड़ गया और मेरे गले से आवाज़ भी नही निकल रही थी....
मुझे समझ मे नही आ रहा था कि क्या करूँ...मेरे हाथ- पैर जाम हो गये थे...
तभी मुझे आवाज़ सुनाई दी और मुझे थोड़ा होश आया....
अननोन- अंकित्तत्त.....
वो आवाज़ उस अंजान इंसान की थी जो काफ़ी आगे पड़ा हुआ था....
मैं फिर भी हिल नही पाया ...पर जब उसने दुबारा मुझे पुकारा तो मेरे पैर उसकी तरफ बढ़ने लगे और मैं जल्दी से भागने लगा....
जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा तो उसे देख कर मैं काँपने लगा और मैं जोरो से रोने लगा ..
मैं- ये..ये ...आपको...नही....
अननोन- बेटा मेरी बात...आअहह...सुनो जल्दी...
मैं- पहले डॉक्टर के पास चलते है...
मैने उसे उठाने को हाथ बढ़ाया तो उसने मेरा हाथ पकड़ के बैठा दिया...
अननोन- नही बेटा...मेरी..मेरी बात सुनो...आहह
मैं- आपका खून ....चलो डॉक्टर के पास
अननोन- नही बेटा...मैं नही बचूँगा..मेरी बात सुनो..
मैं- नही आप मेरी बात सुनो...प्ल्ज़्ज़ चलो..
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06-06-2017, 10:01 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैं- दाई माँ…
सविता- उठ गया बेटा…अब कैसा लग रहा है…
मैं- अब ठीक हूँ …मुझे कॉफी पीना है…
सविता- हाँ बेटा ..अभी लाती हूँ…
सविता उठने ही वाली थी कि रश्मि कॉफी ले कर आ गई…
रश्मि- सर …अब आप कैसे है…
मैं- ठीक हूँ रश्मि...लाओ कॉफी लाओ
इसके बाद मैने कॉफी पी और मुझे थोड़ा अच्छा लगने लगा…अब मेरे मन मे कोई डर नही था ..सिर्फ़ सवाल थे , जिनके जवाब मुझे ढूँडने थे…
सविता- अब ठीक है ना मेरे बच्चा…
मैने सविता की तरफ देखा तो उसका पल्लू गिरा हुआ था..और उसके बूब्स ब्लाउस मे मेरे सामने थे…अब मेरा मूड पहले की तरह हो गया था…और सविता के बूब्स देखते ही मैने उसे गले से लगा लिया..
सविता- क्या हुआ बेटा..
मैं- अब मैं ठीक हूँ आई माँ…अब मुझे खुश करो…
सविता- ओह…तो बच्चा ठीक हो गया…बोल क्या करूँ…
मैं- रश्मि तू नीचे जा…मैं आई माँ को प्यार कर लूँ ..तू नीचे ध्यान रखना…
रश्मि मुस्कुराते हुए नीचे निकल गई और मैने सविता के एक बूब्स को मुँह मे भर लिया...
सविता- आहह..बेटा…कब से तड़प रही थी….आज मिटा दे ये तड़प…
मैं- उउंम...उउंम्म
सविता- बेटा ...आहह....ऐसे ही...आज गर्मी मिटा दे मेरी....
मैं- ओके...चलो बाथरूम मे...आज आपकी गान्ड मारनी है...
सविता- ह्म्म..चलो..पर चूत भी मार लेना…
मैं- चलो तो दोनो मारूगा...चूत और गान्ड ओके...
सविता- मेरा प्यारा बेटा….चल…
इसके बाद हम दोनो नंगे होकर बाथरूम मे गयी और मैने 40 मिनट तक सविता की चूत और गान्ड मारी…अब मेरा मूड बिल्कुल मस्त था….
हम चुदाई ख़त्म कर के रूम मे आए और सविता कपड़े पहन कर मेरे लिए कॉफी बनाना निकल गई और मैं संजू के घर जाने को रेडी हो गया….
जब सविता कॉफी लेकर आई तो बोली…
सविता- ये क्या बेटा ..कहाँ जा रहा है..
मैं- वो मैं संजू के घर …एग्ज़ॅम तक वही रहूँगा…बताया तो था…
सविता- हाँ बताया था..पर अब रात हो गई है..आज यही रुक जा ना…
मैं- नही आई माँ….आज रात को पढ़ाई करनी है..कल एग्ज़ॅम है ना…
सविता – जैसा तू ठीक समझे….अब तू ठीक है ना…
मैं- हाँ बिल्कुल...अब बिल्कुल फ्रेश हूँ...थॅंक्स...
सविता- अरे थॅंक्स क्यो बोल रहा है…थॅंक्स तो मुझे बोलना चाहिए …आज मेरी गर्मी मिटाने को..
मैं- (मुस्कुराते हुए)- ओके…अब आप जाओ…मैं अभी आता हूँ…
सविता के जाने के बाद मैने सोचा कि अब मुझे सब राज पर से परदा उठाना होगा…उस बॅंक लोकर को कल देखूँगा ..पर उस लंड चूसने वाली को आज ही देखना है..अब एग्ज़ॅम एंड तक वेट नही कर सकता….मेरे पास बहुत से काम है…और लोकर खोलने के बाद शायद काम बढ़ जाए..
तो आज से ही शुरुआत करते है….एक-एक राज को बेपर्दा करने का…सबसे पहले लंड चूसने वाली की असलियत देखनी है…
इसके बाद मैं घर से सविता को बोल कर निकल आया और एक एलेकट्रोनिस की शॉप पर जाकर कुछ सामान खरीदा…
उसके बाद मैं संजू के घर निकल आया…
मैं जैसे ही संजू के घर मे आया तो सब मेरा ही वेट कर रहे थे और काफ़ी परेशान थे…
आंटी- बेटा तू आ गया…कहाँ था तू…???
मैं- मैं घर गया था आंटी…आप लोग टेन्षन मे क्यो हो…
संजू- तो तू कॉल क्यो नही ले रहा था….???
मैं- कॉल…मेरा मोबाइल….
मैने जल्दी से मोबाइल देखा…वो साइलेंट पर था और उसमे 38 मिस कॅल पड़ी थी….
संजू- अब बोल..
मैं- यार वो मोबाइल साइलेंट था और मैं सो रहा था ..सॉरी...
संजू- सॉरी क्या …पता है हम सब कितने परेशान थे…
मैं- सॉरी..आप सभी को..मैने जानभूज कर नही किया..
आंटी- कोई नही बेटा…तू ठीक है..बस यही बहुत है..चल आजा…
जैसे ही मैं सबके साथ बैठा तो सबने अपनी नाराज़गी जताई….
पूनम दी, अनु, रक्षा, आंटी,आंटी2, और अंकल लोग…सब मेरी फ़िक्र कर रहे थे,….क्योकि मेरा सेल साइलेंट मूड पर था…..
आज मुझे समझ आ गया कि मोबाइल को साइलेंट मूड पर रखना कितनी परेशानी बढ़ा सकता है….
थोड़ी देर बाद हमने डिन्नर किया..और अपने –अपने रूम मे चले गये…
सब कल एग्ज़ॅम की तैयारी मे बिज़ी हो गयी बस मैं नीचे टीवी देखता रहा ….क्योकि मेरे माइंड मे अभी भी उस इंसान की बातें चल रही थी….
तभी मेरे पास आंटी आ गई….
आंटी- क्या सोच रहा है बेटा…???
मैं- कुछ नही आंटी….
आंटी- ह्म्म्म …हमसे गुस्सा है क्या…??
मैं- नही तो..ऐसा क्यो लगा आपको..
आंटी- वो मैने सोचा कि तुम्हारे आते ही सब तुमसे सवाल पूछने लगे कि कहाँ था..क्या कर रहा था...तो...
मैं- अरे नही आंटी...असल मे , मैं तो खुश हूँ कि आप सब को मेरी इतनी फ़िक्र है...
आंटी- वो तो होगी ही…मेरे लिए जैसा संजू वैसा ही तू…..
मैं- अच्छा..और…
आंटी(मुस्कुरा कर धीरे से )- और मेरा पति भी तू ही है….
मैं- अच्छा...
आंटी- हाँ...और तू संजू की बात का बुरा मत मान ना...वो तेरी फ़िक्र मे गुस्से मे बोला था...
मैं- अरे आंटी संजू की किसी बात का मैं कभी बुरा नही मानता…सब ठीक है…मैं खुश हूँ…
आंटी- अच्छा..तो आज रात को मुझे खुश कर दे…
मैं- आंटी ..आज नही ..कल एग्ज़ॅम है..
आंटी- ओह ..सॉरी…मुझे याद ही नही रहा…तू जा कर पढ़ाई कर…
मैं- ह्म्म्मी…जाता हूँ…
आंटी- अरे बेटा इस पॅकेट मे क्या है….
मैने जो एलेक्टॉनिक्स का समान लिया था वो उस पॅकेट मे था…
आंटी- बोल ना..क्या है इसमे…
मैं- वो आंटी इसमे..अकरम का सामान है…जो मेरे घर पड़ा था…उसने बोला कि कल स्कूल मे लेता आउ तो….ले आया..
आंटी- ओके…तू अब जा कर पढ़ाई कर..और कॉफी चाहिए हो तो बोल देना…
मैं- ओके आंटी…बोल दूँगा…
इसके बाद मैं संजू के रूम मे निकल गया…
वाहा संजू पढ़ाई कर रहा था…और मुझे देखते ही उसने मुझ पर सवाल दागने शुरू कर दिए…
संजू- साले तू था कहाँ..और आज तेरा फ़ोन साइलेंट कैसे हो गया…??
मैं- भाई रुक तो सब बताता हूँ....
संजू- हाँ बता जल्दी…
मैं- अरे यार वो मैं घर गया था कुछ काम से तो वही नीद आ गई..
संजू- मोबाइल साइलेंट क्यो था..????
मैं- यार बोलने तो दे..
संजू- बोल..
मैं- जब मैं जगा तो मेरा चुदाई का मूड बन गया और मैं सविता को चोदने लगा…
संजू- पर मोबाइल…
मैं- वही बोल रहा हूँ..मैने साइलेंट किया था…क्योकि डॅड का कॉल आ रहा था…मैने सोचा की चुदाई के बाद नॉर्मल कर लूगा पर याद ही नही रहा …ओके…सॉरी
संजू- ओके..आगे से याद रखा कर…मुझे टेन्षन हो गई थी…
मैं- ओके…अब तू पढ़ाई कर और मुझे भी करने दे,,,,
संजू- ओके...
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06-06-2017, 10:01 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
मैने बाहर देखा तो सभी रूम्स की लाइट ऑन थी…तो मैं फिर से पढ़ने बैठ गया…
जब मुझे लगा कि सब सोने लगे तो मैं भी लाइट ऑफ कर के लेट गया…
मैं सोच रहा था कि अगर ये अनु, पूनम या रक्षा है तो आज नही आयगी…क्योकि कल सबको एग्ज़ॅम देने जाना है…..
मुझे लेटे हुए 40-45 मिनट हो गयी पर कोई नही आया…मैने सोचा कि शायद अब नही आएगी और मैने सोने के लिए आँखे बंद कर ली….कि तभी मेरे रूम का गेट खुला….और मैं खुश हो गया…
अब मैं वेट करने लगा कि कब ये अपना काम ख़त्म करे और मैं इसे बेपर्दा करू….
रोज की तरह आज भी उसने बड़े प्यार से मेरे लंड को आज़ाद किया..फिर लंड को किस करने लगी..फिर बॉल्स से लेकर टोपे तक जीभ फिराते हुए चाटने लगी…
मेरे मुँह से आनंद मे आह निकल रही थी पर मैं अपनी आवाज़ को दवाए हुए लेटा रहा….
कुछ दे तक लंड चाटने के बाद मेरा लंड औकात पर आने लगा….
जैसे ही लंड आधा खड़ा हुआ तो उसने लंड का सूपड़ा चूसना शुरू कर दिया….और धीरे-2 लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी…
मुझे तो आनंद की प्राप्ति हो रही थी और साथ मे इस बात की खुशी भी कि आज ये पकड़ी जाएगी….
देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने लंड को गले मे ले जाते हुए चूसना शुरू कर दिया…और साथ मे हाथ से मेरी बॉल्स को सहलाने लगी…
थोड़ी देर की मेहनत के बाद उसकी लंड चुसाइ ने असर दिखा दिया और मैं उसके मुँह मे झड़ने लगा….
वो गप्प से मेरे लंड रस को पी गई और रोज की तरह लंड को आख़िर बूँद तक चूस कर सॉफ कर दिया….और लंड को अंदर करके उठ गई….
जैसे ही वो उठी और गेट की तरफ जाने लगी तो मैने अपने हाथ मे पकड़े हुए स्विच से बल्ब ऑन कर दिया…..
बल्ब ऑन होते ही वो मेरे साइड पलट गई और मेरी आँखे खुली देख कर मुझे देखने लगी….
मैं तो उसे देख कर शॉक्ड था..मुझे शक तो इस पर भी था पर सबसे ज़्यादा शक किसी और पर था…
मैं बार-बार आँखे बंद करके खोल रहा था और कन्फर्म कर रहा था कि मैं सही देख रहा हूँ या ग़लत…
यहाँ मैं परेशान था और वहाँ वो खड़ी हुई नॉर्मल दिख रही थी…
मुझे लगा था कि जैसे ही इसे पकडूंगा तो ये शॉक्ड हो जाएगी या डर जाएगी…पर ये तो बिल्कुल नॉर्मल थी…और मुझे देखे जा रही थी….
मुझे तो यकीन करना मुस्किल था कि ये अनु है…मैने सोचा भी नही था कि ये अनु निकलेगी…
हाँ दोस्तो ये अनु ही थी….आप की ही तरह मुझे भी लग रहा था कि लंड चूसने वाली रक्षा या मेघा आंटी निकलेगी..पर ये तो अनु निकली…
अनु पर मुझे शक था…पर सबसे कम चान्स लग रहे थे…
पर अब तो असलियत मेरे सामने थी….
मैं और अनु कुछ देर तक ऐसे ही एक-दूसरे को देखते रहे…पर कोई कुछ बोला नही…
आख़िर कर मैने हिम्मत जुटा कर धीरे से कहा…
मैं- अनु..तुम…??
अनु- श्हहीयीययी…बाद मे….गुडनाइट
और अनु रूम से निकल गई..और मैं शॉक्ड हो गया…
मैं सोचने लगा कि क्या लड़की है…ये तो ऐसे निकल गई जैसे कुछ हुआ ही ना हो…
अरे आज रंगे हाथ पकड़ी गई..फिर भी बिल्कुल नॉर्मल थी….जैसे कि ये जानती थी कि आज इसे पकड़ा जाना है….
मैने हमेशा अनु को लाइक किया है पर ऐसा नही सोचा था…मैं खुंद उसके जिस्म को प्यार करना चाहता था पर ये तो मुझसे एक कदम आगे निकली….
इतने दिनो तक मेरे लंड के मज़े लेती रही और मुझसे नॉर्मल बाते भी करती थी…तभी तो इस पर शक नही हुआ था…
पर अगर अनु ये सब कर रही थी तो रक्षा का बहेवियर क्यो बदल गया था मेरे लिए ,….उसी दिन से , जिस दिन से ये लंड चूसने की शुरुआत हुई थी….
क्या रीज़न हो सकता है….
अनु का इस तरह से लंड चूसना और रक्षा का मुझे घूर्ना…क्या एक इत्तफ़ाक़ है या फिर दोनो चीज़ो मे कुछ लिंक है….
अब तो ये सब अनु ही बताएगी….कल एग्ज़ॅम के बाद अनु से बात करता हूँ….अभी सो जाते है….
और मैं अपनी सोच को थोड़ा रेस्ट देकर…सपनो की दुनियाँ मे खो गया…..
मैने ये सोच कर सोया था कि आज अनु को सपने मे लंड चूस्ते हुए देखूँगा…पर आज मेरे सपनो की बॅंड बजने वाली थी….
मेरे सामने एक लाश पड़ी हुई है और मेरे हाथ मे एक इंसान तड़प रहा है….वो लाश एक औरत की है और मेरे हाथों मे एक मर्द तड़प कर मर रहा था…
अचानक से मेरे चारो तरफ से हाथ आने शुरू हो गये …धीरे-धीरे वो हाथ मुझे घेर कर मेरे चारो तरफ घूमने लगे…और फिर सारे हाथ मेरे गले को दबाने लगे….मैं अपनी गोद मे पड़े हुए इंसान को बचाने मे लगा था कि अब मैं खुंद मरने की हालत मे हो गया…और मैं ज़ोरों से चीखने लगा…
छोड़ दो मुझे..छोड़ दो…..मैने क्या किया…छोड़ दो….मुझे मत मारो….
मैं चिल्लाता हुआ अपनी जान की भीख माग रहा था और वो हाथ मेरे गले मे कसते जा रहे थे…मैं पसीने मे पूरी तरह भीग गया था और पसीना इतना हो गया कि मेरा पूरा चेहरा तर-बतर हो गया….
अचानक से मेरी आँख खुली…तो मेरे सामने रक्षा खड़ी हुई थी और उसके हाथ मे पानी की बॉटल थी…
फिर मैने अपने आप को देखा तो मैं अपने हाथो से अपना गला पकड़े हुए था….
मैने तुरंत अपने हाथो को अलग किया और तेज-तेज साँसे लेने लगा…
रक्षा- भैया..भैया...आप ठीक हो...
मैं- हमम्म…हमम्म्म…हाँ..बुरा सपना था…
रक्षा- भैया , मैं तो डर ही गई थी…
मैं- ह्म्म…तू यहाँ कैसे …???
रक्षा- मैं तो आपको जगाने आई थी...आज एग्ज़ॅम है...याद तो है ना..
मैं नॉर्मल हो गया और मैने देखा कि मेरा चेहरा और गला पानी से भीगा हुआ है..
मैं- हाँ…याद है…और ये बता कि पानी तूने डाला...
रक्षा- हाँ भैया...वो मुझे कुछ समझ ही नही आ रहा था तो..
मैं- ऐसा क्या हुआ...*????
रक्षा- आप जोरो से चीख रहे थे…और अपना गला दबा रहे थे…
मैं- सच मे…पर किसी ने सुना तो नही ना…
रक्षा- अगर मैं ना आती तो सब सुन लेते….पर जैसे ही आप चीखे तो मैने जल्दी से आपके उपर पानी डाल दिया…
मैं- ह्म्म..अच्छा किया…अब सुन…ये किसी को मत बताना….
रक्षा- ओके…पर हुआ क्या था भैया…
मैं- बोला ना..सपना देखा…बुरा था…
रक्षा- ओके..अब आप रेडी हो जाओ…फिर सब साथ मे स्कूल चलते है….
मैं- ह्म्म..वैसे आधा तो तूने ही नहला दिया…
रक्षा- आप कहो तो पूरा नहला दूं….
मैं रक्षा की बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगा और रक्षा ने मुझे देख कर स्माइल कर दी…
रक्षा- क्या हुआ…नहला दूं…
मैं- सच मे...मुझे नहला पाएगी...
रक्षा- आप कहो तो….आपको ऐसा नहलाउन्गी कि आप खुश हो जाएगे..
मैं- ह्म्म..फिर कभी नहाउन्गा तेरे साथ…
रक्षा- ओके…मैं उस दिन का वेट करूगी…
मैं- क्या..
रक्षा- नहलाने के लिए..
मैं- ह्म्म..अब तू चल मैं आता हूँ..
इसके बाद रक्षा निकल गई..और मुझे नया टेन्षन दे गई....
रात को अनु मेरा लंड चूस गई और सुबह रक्षा मेरे साथ नहाने की बात कर गई....ये दोनो बहने तो काफ़ी आगे निकल गई...इतना तो मैने सोचा भी नही था....लगता है संजू के घर मे बिना मेहनत करे ही मुझे सारी चूत मिल जाएगी....बस मेघा आंटी के साथ भी कुछ बात शुरू हो जाए तो अच्छा....
फिर मैं रेडी होकर नीचे आ गया...जहा सब नाश्ता कर रहे थे,,,,
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