06-06-2017, 09:53 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
मेरी बात सुन कर पारूल पूरी स्पीड से लंड को आगे –पीछे कर रही थी….ऑर अब पारूल पहले से अच्छा लंड चूसने लगी थी…पूरा अंदर ले जाती ओर गले मे भर के चूस रही थी..…
थोड़ी देर बाद पारूल ने लंड मुँह से निकाला और कहा…
पारूल- भैया ...मेरी चूत मे खुजली फिर से होने लगी..
मैं- ह्म्म्मल...तो आजा...अब साथ मे खुजली मिटा ते है...तू मेरी और मैं तेरी...
पारूल- कैसे भैया...???
मैं- अभी बताता हूँ...तू मेरे मुँह पर चूत रख कर मेरे लंड को चूस...
फिर मैने पारूल को अपने उपर 69 पोज़िशन मे किया और हम दोनो एक-दूसरे के अंगो की चुसाइ करने लगे….
मैं-सस्ररुउउप्प्प..आअहह…सस्रररुउउप्प्प
पारूल- उउंम..उउंम्म…उउंम्म..
मैं-सस्स्रररुउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प….सस्स्ररुउउप्प्प
पारूल- सस्स्रररूउग़गग..सस्ररूउग़गग…सस्ररूउग़गग
थोड़ी देर मैं मैने पारूल की चूत को मुँह मे भर के चूसना शुरू किया और पारूल पूरी तेज़ी से मेरा लंड चूसने लगी…’
मैं- उम्म्म्म…उउंम..उूउउम्म्म्मम
पारूल- उउउम्म्मह,…..उउंम्म….सस्ररररगगगगग….उउंम्म
मैं- उउंम्म..उउंम्म..उउंम्म…
पारूल- क्क्हूम्म…क्क्हूम्म..उउम्म्म्म..उउंम्म
मैं- उउम्म्म्म..उूउउम्म्म्मममह..उउम्म्मह
हम दोनो एक दूसरे को 10 -15 मिनट चूस्ते रहे और पारूल फिर से झड़ने लगी और उसका चूत रस मुँह मे आते ही मैं भी झड़ने लगा..
मैं-उम्म..सस्ररुउपप..सस्ररुउपप..उउम्म्म्मह..
पारूल-उउंम्म….क्क्हूम्म..क्ख्म्म…उउंम….
मैं- उउंम…उउंम..सस्ररुउपप..सस्ररुउपप..आहह
पारूल- उउंम..सस्रररुउपप..ससरुरुउपप…उउंम्म..उउंम…
यहा मैने पारूल का चूत रस पी लिया और पारूल ने मेरा लंड रस पी लिया…और दोनो शांत हो गये....
जब हम खाली हो गये तो मैने पारूल को नीचे उतार कर लिटा दिया..
मैं- मज़ा आया ना गुड़िया..
पारूल- हाँ भैया...बहुत मज़ा आया...सच मे...पूरी खुजली मिट गई..
मैं- ह्म्म..अब जल्दी से कपड़े पहनो कोई आ ना जाए...
पारूल – जी भैया..
इसके बाद हमने फ्रेश हो कर कपड़े पहने और मैं पारूल को रेस्ट करने का बोल कर नीचे जाने को रूम से निकल आया...
मैने बिना पारूल को चोदे हुए उसकी खुजली मिटा कर उसे रूम मे छोड़ा और नीचे आ गया….और टीवी देखने लगा…
टीवी देखते हुए मैं बोर हो रहा था तो मैने रेणु दी को कॉल किया और उनसे कुछ देर मस्ती भरी बाते की….पर उनको बुआ ने बुला लिया...तो कॉल कट हो गई...
फिर मैने डॅड को कॉल किया....
( कॉल पर )
डॅड- हे...माइ बॉय...कैसा है तू...
मैं - ठीक हूँ...आप कैसे हो...???
डॅड- मैं भी मस्त...और बता संजू के घर पर है ना
मैं- हाँ डॅड , वो एग्ज़ॅम तक यही रूकुगा...साथ मे पढ़ाई अच्छी हो जाती है
डॅड- गुड बेटा...एग्ज़ॅम अच्छे से देना...ओके
मैं - ओके डॅड...पर आप कब आओगे...??
डॅड- बेटा मुझे तो टाइम लगेगा...शायद 1 वीक लग जाए...
मैं- ओके ...पर अपना ख्याल रखना आप...
डॅड- ओके बेटा..चलो अब मैं रखता हूँ...मुझे मीटिंग मे जाना है क्लाइंट के साथ..
मैं - ओके डॅड ..जल्दी आना
डॅड- यस बेटा...लव यू ..टेक केयर..बब्यए
मैं - लव यू डॅड..बब्यए
जब डॅड से बात ख़त्म हो गई तो मैने सोचा कि क्यो ना मनु को कॉल किया जाय…और मैने मनु को कॉल लगा दी…
( कॉल पर)
मनु- हेलो…
मैं- हेलो जानेमन…
मनु(गुस्से मे)- कौन है..??
मैं- अरे इतना गुस्सा , मेरा नंबर. सेव नही है क्या…???
मनु- नही..कौन है…??
मैं- अरे मैं आपका दीवाना…शादी मे मिला था….इतनी जल्दी भूल गई…
मनु- ओह्ह..तो आप है..क्यो कॉल किया…???
मैं- अरे मैने तो बस यू ही…क्या मैं कॉल भी नही कर सकता…
मनु- हाँ..पर कोई काम हो तो..
मैं-काम है तभी तो किया…
मनु- हाँ तो बोलिए , क्या काम है…
मैं- बस एक आन्स चाहिए ..हाँ या ना…*????
मनु- ( चुप रही)
मैं- क्या हुआ बोलो...
मनु- मुझे कुछ काम है...मैं रखती हूँ....
मैं आगे कुछ बोलता, उससे पहले मनु ने कॉल कट कर दी और आज फिर से मनु बिना आन्स दिए मुझे कन्फ्यूज़ कर गई…
मैं सोच रहा था कि इसने मेरा नंबर. भी सेव नही किया…या फिर ना पहचानने का नाटक कर रही थी…पर इसे नाटक की ज़रूरत ही क्या है…साली सॉफ-सॉफ भी नही बोलती…क्या करूँ इसका…..
फिर मैने सोचा कि चलो बाद मे देखेगे…अब सोनम का आन्स भी पता कर लूँ….
यही सोच कर मैं सोनम को कॉल करने ही वाला था कि मैन डोर पर बेल बज गई....
मैं(मन मे)- कौन आ गया…चलो देखते है पहले…काल बाद मे करूगा…
मैने डोर ओपन किया तो सामने पूनम दी खड़ी हुई थी…
पूनम- तुमने गेट खोला भाई….बाकी लोग कहाँ है…??
मैं- संजू सो रहा है और पारूल भी सो रही है…आंटी लोग पड़ोस मे गई है और अब सिर्फ़ मैं ही अकेला हूँ घर मे …जो जाग रहा है..
पूनम- सच…
पूनम ने तुरंत ही मुझे कस के गले लगा लिया ऑर कहा…
पूनम- ओह भाई..कितने टाइम बाद मौका मिला है…आपसे दूर रह कर मज़ा ही नही आता और आपको मेरी परवाह ही नही…
मैं- अरे नही , तुम तो मेरी प्यारी दीदी हो…मैं हमेशा परवाह करता हूँ तुम्हारी…
पूनम- सच भाई..तो दीदी को प्यार करो ना…
मैं- हाँ दीदी करूगा…पर अभी नही…सब आने ही वाले है….रात मे करेगे…
पूनम- कैसे...मेरे साथ तो पारूल रहेगी ना...
मैं- वो मुझ पर छोड़ दो…मैं हूँ ना..सब सेट कर लूँगा…पर अभी उपर जाओ कोई आ ना जाय..
पूनम- ओके भाई पर पहले किस दो…
मैं- ह्म्म्म …ये दे सकता हूँ…..
इसके बाद मैं पूनम दी को बाहों मे भर कर किस करने लगा...और किस ख़त्म कर के पूनम दीदी उपेर चली गई...पर कोई था वहाँ जो हमे देख और सुन रहा था.....
कौन था वो....??????
ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा..
और मैं पूनम को किस करने के बाद वापिस आ कर टीवी देखने लगा….
टीवी देखते हुए मैं अकरम की मोम के मॅटर के बारे मे सोच रहा था…
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RE: चूतो का समुंदर
मैं(मन मे)- अकरम ने मुझे ये बात आख़िर बताई क्यो…वो और किसी से भी कह सकता था…क्या उसे मुझ पर ज़्यादा ही भरोसा है या फिर मैं पैसे वाला हूँ ऑर मेरे डॅड की पहुँच की वजह से….पता नही
पर अब मॅटर ये है कि मैं कैसे पता करूँ कि अकरम की मोम किसके साथ बिज़ी है…सच मे कुछ ऐसा है भी या सिर्फ़ अकरम का वहम है…कुछ भी हो..दोस्ती तो निभानी ही पड़ेगी…कुछ सोचना पड़ेगा…देखते है…
लेकिन सबसे पहले पारूल की लाइफ सेट करनी है…किसी स्कूल मे बात करनी होगी…कल ये काम पक्का करना है…
और पूनम दीदी का क्या करूँ…वो चुदाई को तड़प रही है…उन्हे कहा चोदु…रात मे कोई जुगाड़ करूगा…ह्म्म्म …पारूल से बात कर के आसानी से चोद सकता हूँ पूनम को…या फिर संजू को नीचे भेज कर उसी के रूम मे…रात मे देखूँगा…
मैं अपने ख्यालो मे डूबा हुआ सोच ही रहा था कि डोर बेल फिर बजी..
इस बार डोर पर अनु और रक्षा थी…अंदर आते ही अनु बोली…
अनु- भैया..आज तो मैथ पढ़ाओगे ना..या आज भी मूड नही है??
मैं- ओह हाँ…पढ़ाउंगा ना...तुम दोनो को पढ़ना है ना...*???
अनु- हाँ..और हमारी दो फ्रेंड भी आयगी…उनको भी आने का बोल दिया मैने…
मैं- क्यो..??
अनु- अरे भैया…वो आपसे पढ़ेंगी ना तो मेरी वॅल्यू बढ़ जाएगी..
मैं- वो कैसे….??
अनु- वो ऐसे…कि मेरा भाई पढ़ा रहा है ना उनको….हहहे
मैं- ओके..बेटा आने दो..उन्हे भी पढ़ा दूगा…अभी मुझे कॉफी पिलाओ…
अनु- आप रूको मैं चेंज कर के आती हूँ..फिर साथ मे कॉफी पीते है…
इतना कह कर अनु और रक्षा अपने रूम मे जाने लगी…मैने देखा कि रक्षा आज भी मुझे घूर रही थी बट समझ ही नही आ रहा था कि इसे किस बात की प्राब्लम है…
थोड़ी देर बाद अनु नीचे आई ऑर कॉफी बना कर मेरे साथ ही बैठ कर टीवी देखने लगी…
मैं- रक्षा नही आई…??
अनु- वो सो रही है…
मैं-ह्म्म्म…उसे नही पढ़ना क्या…???
अनु- पढ़ना है…उसने बोला कि जब पढ़ाई करने लगे तब जगा दूं..
मैं- ह्म्म्म...
अनु- तो भैया , मैं अपनी फ्रेंड को कितने बजे आने का बोलूं..
मैं- ह्म्म..शाम को आने बोल दो…7 बजे…..वो रहती कहाँ है वैसे…???
अनु- अरे अपनी ही कॉलोनी की है…एक तो बाजू मे ही रहती है...
मैं- ओके..बुला लेना
इसके बाद हम यहाँ –वहाँ की बाते करते हुए टीवी देखते रहे…
धीरे-धीरे वही पर सब लोग आ गयी…संजू, पूनम, रक्षा, पारूल और आंटी लोग…सब ..
हमने फिर से कॉफी पी और मैं अनु और रक्षा के साथ उनके रूम मे चला गया उन्हे मैथ पढ़ने के लिए….
हम अनु के रूम मे आए ही थे कि थोड़ी देर मे उसकी फ्रेंड भी आ गई…उनमे से एक तो अनु की एज की लग रही थी और दूसरी कुछ बड़ी दिख रही थी, …पर उन दोनो की बॉडी मस्त थी…
उन्हे देखने के बाद मैने सबको पढ़ाना शुरू किया…और 1 घंटे से ज़्यादा उन्हे पढ़ाता रहा…
पढ़ते हुए मैं सब लड़कियो की जवानी भी देख रहा था और रक्षा को छोड़ कर सब की सब स्माइल भी दे रही थी…
जब मैने पढ़ना ख़तम किया तो अनु की फ्रेंड कल आने का बोल कर निकल गई..और मैं भी अनु के रूम से निकल कर संजू के रोम मे आ गया…
संजू के रूम मे संजू पढ़ाई कर रहा था…
मैं- संजू भाई कितना पढ़ेगा..अब बस भी कर..
संजू- अरे यार ..अभी तो शुरू किया था…
मैं- कुछ भी हो..अभी बंद कर..हम घूम कर आते है..रात को पढ़ना अब..
संजू- ओके भाई..पर चलना कहाँ है…कोई चूत मिल रही है क्या..??
मैं- साले चूत छोड़ पढ़ाई पर ध्यान दे…हम घूमने जा रहे है..चुदाई के लिए नही..
संजू – ओके चल रेडी हो जाते है..फिर चल…
इसके बाद मैं संजू के साथ रेडी होकर घूमने निकल गया…हम घूमते हुए मार्केट मे चौपाटी पर पहुँच गये…
संजू- भाई , यहाँ क्या…कुछ खाना-पीना है क्या…???
मैं- ह्म्म..आए है तो अपनी फेव मॅंचून्र्षन तो बनती है ना..
संजू-हाहाहा..सही है..हम काफ़ी दिनो से आए भी नही है..
इसके बाद हम अपनी रेग्युलर शॉप पर गये और मॅंचून्र्षन ऑर्डर करके बैठ गयी….
हम बैठे हुए ऑर्डर का वेट ही कर रहे थे कि मैने देखा कि दीपा भी वहाँ खड़ी हुई थी…
मैने सोचा कि चलो इस से बात करूँ पर संजू साथ था तो मैं रुक गया…
फिर मैने देखा की एक आदमी और एक औरत दीपा के पास आए और उसको पैसो की गॅडी दे कर वापिस चले गये… दीपा ने जल्दी से पैसे अपने पर्स मे डाले और ऑटो कर के निकल गई…ऑर वो पैसे देने वाले भी निकल गये…
मैं ये देख कर शॉक्ड था कि दीपा कर क्या रही थी…एक तो वो ऑटो से , जबकि उसके पास 2 कार है…दूसरा ये कि इतने पैसे उसे कौन देगा और क्यो देगा…वो तो जॉब भी नही करती और ना ही बिज़्नेस…तीसरा ये कि वो दोनो, जो पैसे दे गयी ..उन्होने अपना फेस छिपाया हुआ था…क्यो..???
मैं सोच ही रहा था कि ये सब चल क्या रहा है…तभी हमारा ऑर्डर आ गया…और मैने सोचा कि चलो दीपा से बाद मे बात करूगा…अभी मॅंचून्र्षन खाई जाय..
इसके बाद मैं संजू के साथ बाते करते हुए मॅंचून्र्षन खाने लगा और हम मॅंचून्र्षन ख़त्म कर के घर वापस आ गयी......
घर आ कर हम दोनो टीवी देखने लगे…
टीवी देखते हुए मैं फिर से दीपा के बारे मे सोचने लगा कि आख़िर दीपा को पैसे किसने दिए और क्यों दिए…क्या वो कुछ काम करने लगी या कोई ग़लत काम….???
समझ ही नही आ रहा था कि क्या बात हो सकती है..मैने तय किया कि दीपा से इस बारे मे बात ज़रूर करूगा…
पर पहले आज रात का कुछ जुगाड़ करना होगा…वरना पूनम दीदी गुस्सा हो जाएगी….पर कैसे करूँ ऑर कहाँ करू…यार ये चूत तो मुझे पागल ही कर देगी….रोज़ कुछ प्लान करना होता है…मैं अपने काम करना तो जैसे भूल ही गया हूँ…ना जिम जाता हूँ ऑर ना ही पढ़ाई…..खैर पढ़ाई की तो टेन्षन नही बट जिम जाना वापिस से शुरू करना होगा…काफ़ी दिन का गॅप हो गया है…ऑर हाँ, कल पारूल के अड्मिशन का काम भी करना है..
मैं अपने मन मे सब कुछ प्लान करने लगा.......
मैं अपने मन मे फ्यूचर प्लान कर ही रहा था कि मेरा सेल बजने लगा…..ये रेणु दीदी का कॉल था …मैं उठ कर टीवी से थोड़ा दूर गया ओर कॉल पिक की….
(कॉल पर)
रेणु दी- हाई भाई…मूँह..
मैं- हेलो दी ..कैसी हो...
रेणु दी- क्या भाई मैने किस दी तो उसका रेस्पॉन्स भी नही दिया…
मैं- नही दे सकता दी...मैं संजीव के घर पर हूँ...और यहाँ दूसरे लोग भी है...
रेणु दी- ओह्ह्ह...कोई नही बाद मे दे देना...
मैं- ह्म्म..ये हुई ना बात....आप ही मुझे समझती हो..सच मे..
रेणु दी- अरे तू मेरा प्यारा भाई है...तुम्हारा ख्याल तो रखना ही पड़ेगा ...
मैं- अच्छा..इतनी फ़िक्र होती तो इतना तड़पाती नही...
रेणु दी- क्या कहा भाई…मैं तुझे तडपाउंगी…सपने मे भी मत सोचना…मैं तेरे लिए ही जी रही हूँ..
मैं- अच्छा..तो इतने दिन से आप मिलने क्यो नही आई..बस काल कर देती हो...
रेणु दी- ओह भाई..तू कहे तो अभी आ जाउ..चाहे मुझे जो भी करना पड़े..मैं आ जाउन्गी...पर तू तो जानता है ना कि ऐसे ही आ गई तो माँ क्या सोचेगी..
मैं- हाँ दी मैं जानता हूँ..इसलिए आपसे गुस्सा नही..बस आपकी याद बहुत आती है..
रेणु दी- मेरी या मेरी डिबिया की...हहेहहे
मैं- ह्म्म..दोनो की...
रेणु दी- ओह भाई...दोनो तुम्हारी है, सिर्फ़ तुम्हारी....और किसी को छूने भी नही मिलेगी...
मैं- जानता हूँ दी...पर आप मिलोगि कब,...कुछ टाइम तो बताओ...
रेणु दी- जल्दी मिलूँगी…अभी मेरी बात सुनो ये इम्पोर्टेंट है..
मैं- हाँ बोलो ..
रेणु दी- मैने कहा था ना कि तुम अपने ऑफीस मे राउंड मारते रहना और अपनी प्रॉपर्टी का पूरा डीटेल पता कर लेना..
मैं- पर दी इसकी ज़रूरत क्या है,,,,,डॅड है ना इन सब के लिए…
रेणु दी- भाई ..यू लव मी ऑर नोट..????
मैं- अरे दी सबसे ज़्यादा लव आपसे ही करता हूँ…पूरी दुनिया मे…
रेणु दी- तो मैं जैसा कह रही हूँ..वैसा करो..
मैं- ओके…पर क्यो…ये बताउन्गी…
रेणु दी- भाई मुझ पर भरोसा रखो , मैं सब बता दूगी..पर अभी बस वो करो जो मैं कह रही हूँ…
मैं- ओके दी…आपके लिए कुछ भी…मैं एग्ज़ॅम होने के बाद सब करूगा ओके…
रेणु दी- ओके अब मैं रखती हूँ..माँ बुला रही है..जल्दी मिलुगी भाई…लव यू…बाय
मैं- ओके बाइ…लव यू ….
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RE: चूतो का समुंदर
रेणु दी ने कॉल कट कर दी और मेरे दिमाग़ मे कई सवाल छोड़ दिए…आज कल मुझे वैसे ही बहुत टेन्षन है ऑर उपर से दीदी ने एक न्यू टेन्षन दे दी….
आख़िर क्यो ये सब करवाना चाहती है रेणु दी मुझसे…ज़रूर कुछ तो है…जो भी हो…दीदी मेरा भला ही सोचेगी, इतना मुझे भरोसा है…
फिर मैने सोचा कि रेणु दी का काम तो एग्ज़ॅम के बाद देखूँगा अभी पूनम दी के प्रोग्राम का क्या करूँ …कुछ सोचना तो पड़ेगा…मुझे भी रात मे बिना चुदाई के नीद नही आयगी….
इसके बाद मैं जाकर फिर से संजीव के साथ बैठ कर टीवी देखते हुए टाइम पास करने लगा….
टीवी देखते हुए ही डिन्नर का टाइम हो गया और अंकल लोग भी घर आ गयी थी…फिर हम सबने साथ मे डिन्नर किया और कुछ देर बाद अपने-अपने रूम मे निकल गयी…
मैं भी संजीव के साथ जा रहा था कि आंटी ने मुझे इशारे से रुकने को कहा…मैने संजीव को जाने का बोला और हॉल मे टीवी देखने बैठ गया…जहाँ अंकल और आंटी भी साथ मे बैठे हुए थे….
थोड़ी देर बाद अंकल भी गुड नाइट बोल कर अपने रूम मे चले गये…और बच गया मैं अपनी प्यारी आंटी के साथ…
मैं- हाँ क्यो बुलाया…
आंटी- वो ..आज रात का क्या…
मैं- रात का क्या करूँ…संजू रूम मे है…
आंटी- भेज दो ना …
मैं- अच्छा…खुजली ज़यादा है क्या…
आंटी- ष्ह...धीरे बोल...हाँ है...मैं रात को आउन्गी..
मैं- अरे आंटी..रोज नही...नही तो पकड़ी जाओगी...आज रहने दो..
आंटी(उदास हो कर)- तो इस खुजली का क्या…???
मैं- ह्म्म..एक दो दिन सम्भालो…फिर एक साथ दूर कर दूँगा…
आंटी- ओके…आज सो जा तू…
मैं- ओके अब मैं चालू..थोड़ा पढ़ाई भी कर लूँ…
आंटी- हां..अरे बेटा एक काम था…
मैं- हाँ बोलिए ना..
आंटी- बेटा तू जानता है कि अब मैं अपनी मन की ड्रेस पहन सकती हूँ तो कुछ ड्रेस खरीदने चलना है…
मैं- ओके..चलेगे…पारूल को भी शॉपिंग करनी है ..
आंटी-ओके,,,तो कल चले ..वही माल मे….
मैं(आंटी की जाँघ सहला कर)- हाँ मेरी रानी…चलेगे ना…पक्का..
आंटी- ओह्ह..ऐसा मत कर..गरम हो जाउन्गी…
मैं- ह्म्म..तो अब चलता हूँ..रात को मौका मिला तो मसेज करूगा…ओके
आंटी- ओके..
इसके बाद मैं उपर आ गया , संजीव के रूम मे...रूम मे संजू पढ़ाई कर रहा था और मैं आते ही बेड पर लेट गया….
संजू- कहाँ था…
मैं- तेरी माँ चोद रहा था
संजू- सच मे…??
मैं- साले इतनी जल्दी किसी की चुदाई हो सकती है क्या…
संजू- ह्म्म..तो क्या कर रहा था..
मैं- वो आंटी को चुदाई के लिए मना रहा था…
संजू- तो क्या वो मानी…
मैं(कुछ सोच कर)- मान जाएगी…थोड़ा टाइम और लगेगा…अभी तू एग्ज़ॅम पर फोकस कर
संजू-ओके भाई पर जल्दी करना..अब रहा नही जाता.....
मैं- ह्म्म..डोंट वरी…कर दूँगा…
इसके बाद मैने चेंज किया और बेड पर लेट गया…
मैं रेस्ट ही कर रहा थे कि पूनम दीदी का कॉल आ गया…
( कॉल पर)
मैं- ह्म्म..बोलो
पूनम – क्या कर रहे हो..
मैं -लेटा हूँ यार…तुम बताओ
संजू ने मुझसे पूछा कि किसका कॉल है तो मैने झूट बोल दिया कि मेरी रिलेटिव का है…
पूनम- क्या बताऊ…आग लगी है..
मैं- कहाँ ..???
पूनम- मेरी चूत मे ऑर कहाँ…कुछ करो ना..
मैं- अरे मैं क्या करूँ…
पूनम- मैं कुछ नही जानती..आज रात को तुम कुछ करो…नही तो मैं कुछ करती हूँ...
मैं- क्या कर लोगि...???
पूआम-मैं रूम मे आ जाउन्गी..
मैं(धीरे से)- ह्म्म..पर यहाँ कोई और भी है…
पूनम- होने दो....मुझे कोई परवाह नही..
हम दोनो की बाते हो रही थी ऑर संजू अपनी पढ़ाई कर रहा था…उसे ये पता था कि मैं लड़की से बात कर रहा हूँ …पर ये नही पता था कि मैं उसकी दीदी से ही बात कर रहा हूँ…
मैं- नही…मैं कुछ करता हूँ …ओके
पूनम- जल्दी..
मैं- हाँ..मैं मेसेज करूँगा…बट तुम शांत रहो..
पूनम- ओके…जल्दी करो…बाइ
मैं- बाइ..
कॉल कट होने के बाद मैं सोचने लगा कि लड़की की चूत की आग उसे क्या बना देती है..आज पूनम को अपने भाई की भी परवाह नही….इसका काम तो करना ही होगा….कहीं ये अपनी चूत की आग के चक्कर मे, मेरी लाइफ मे आग ना लगा दे….पर क्या करूँ….????
कुछ देर सोचने के बाद मैने संजू से जाने का पूछा तो उसने कहा कि आज उसे सोना है…यहीं रुकेगा….मैं भी उसे फोर्स नही कर सकता था…वरना उसे शक़ हो जाता….
मैने सोचा कि चलो छत पर टहल के आते है…माइंड भी हल्का हो जायगा और शायद कुछ आइडिया आ जाय माइंड मे….
मैं यही सोचकर छत पर निकल गया…मैं छत पर घूम रहा था कि मुझे साइड वाली छत पर एक लड़की दिखाई दी…ये तो अनु की फ्रेंड थी जो आज पढ़ने आई थी….अरे हाँ, ये वही है…
छत पर रोशनी बहुत ही कम थी पर मैने उसे पहचान लिया...पर वो अपनी मस्ती मे घूम रही थी..उसने मेरी तरफ देखा भी नही था...
थोड़ी देर तक मैं उसे देखता रहा बट वो अपने आप मे बिज़ी रही…इतने मे संजू भी छत पर आ गया…और हम बाते करने लगे…
संजू- क्या कर रहा था..
मैं- कुछ नही..बस टहल रहा था..तू कैसे…????
संजू- मैने…वो अकरम का काल आया था…ऑर तू मोबाइल नीचे ही छोड़ आया था..और ये ले तेरी कॉफी...
मैं- ये कॉफी कौन लाया...???
संजू- वो पूनम दी लाई ..
मैं- अच्छा...वैसे अकरम ने क्या कहा….??
संजू- अरे वही पार्टी के लिए याद दिला रहा था..
मैं – ह्म्म..ओके…अब तू आ गया है तो थोड़ा टहल ले…
संजू- ओके
इसके बाद मैं और संजू कॉफी पीते हुए टहलने लगे…..
मैं(मन मे)- मुझे पता है अकरम ने अपनी माँ की बात करने कॉल किया होगा, बट संजू ने कॉल लिया तो उसने पार्टी का बहाना बोल दिया..कोई नही अकरम से कल सुबह बात होगी..अभी तो मुझे रात की टेन्षन है…पूनम का खेल जो करना है…पर करूँ क्या..??
थोड़ी देर तक हम टहलते रहे और फिर वापिस रूम मे आ गये…रूम मे आते ही हम सोने को लेट गये…संजू तो लेट ते ही सो गया और मैं पूनम की चुदाई का आइडिया ढूँडने लगा…
मैं सोचते हुए लेटा था कि 30 मिनट बाद मेरा लंड चूसने वाली आ गई…
आज भी उसने पूरी तसल्ली से लंड को चूस कर लंड रस पिया ऑर फिर लंड अंदर डाल कर बाहर चली गई…
मैने सोचा कि इसे तो बाद मे देख ही लूँगा…पर अभी पूनम का क्या करूँ..कहीं रूम मे ना आ जाय….
मैं ऐसे ही टेन्षन मे लेता रहा …बीच मे आंटी का मिस कॉल भी आया पर मैने कोई रेस्पॉन्स नही दिया…
करीब एक घंटा मैं टेन्षन मे करवटें बदलता रहा…पर कोई आइडिया नही आ रहा था…और मैं पारूल को कुछ बताना नही चाहता था..वरना तो कब का प्लान बन जाता…
मैं टेन्षन मे उठ कर बाथरूम गया और फ्रेश होकर बाहर आया ….
जैसे ही मैं रूम मे बाहर आया तो सामने का नज़ारा देख कर मैं शोक्ड हो गया…मेरे मुँह से एक शब्द भी नही निकल रहा था और मेरी पूरी बॉडी भी जाम हो गई थी…
सामने सोफे पर पूनम दीदी पूरी नंगी हो कर लेटी हुई एक हाथ से अपनी चूत मसल रही थी…और दूसरे हाथ से अपने बूब्स को सहला रही थी…
जैसे ही पूनम की नज़र मुझ पर पड़ी तो मुझे देख कर अपने होंठ को दबा कर मुझे अपनी चूत को उंगलियो से खोल कर दिखाने लगी….
मैं थोड़ी देर तक शॉक मे रहा फिर होश मे आते हुए मैने हाथ से इशारा कर के कहा….कि क्या दीदी ये सब क्या है..सोनू सो रहा है…और आप ऐसे …
मेरे इशारे को समझ पूनम दीदी मेरी हालत समझ गई और चुप्पी तोड़ते हुए बोली…
पूनम दी- अब आओ ना..देखो मेरी चूत मे आग लगी हुई है…
मैं(धीरे से)- सस्शह…आप चुप रहो…
पूनम दी- अरे डरो मत आओ ना...देखो अब तो चूत ने पानी भी बहाना शुरू कर दिया...
मैं(फुसफुसाते हुए)- आप चुप करो…संजू जाग गया तो बवाल हो जायगा..
पूनम दी- जो होना है हो जाने दो…आज तो मैं चूत को ठंडा करके ही जाउन्गी…
मेरी हालत सच मे पतली हो रही थी ..ये सोच कर कि संजू जाग ना जाय..उपर से पूनम दीदी पूरी गरम हो कर बक-बक कर रही है…
हे भगवान..अब क्या करूँ…लगता है आज पूनम दीदी का सच संजू के सामने आ ही जायगा…
पूनम दी- अब आओ भी वरना मैं आ जाती हूँ..
मैं(मन मे)- दीदी के पास जाकर ही बात करता हूँ…शायद मेरी बात समझ जाय और कोई रास्ता निकल आए संजू से बचने का…
पूनम दी- आते हो कि मैं आउ..
मैने- रूको..
और मैं पूनम दीदी के पास चला गया…
पूनम दी- आअहह…भाई कितना तडपाओगे..अब तो डाल दो …
मैं(धीरे से)- पागल हो गई हो..संजू सो रहा है..
पूनम दी- उसकी टेन्षन छोड़ो…मेरी चूत का ख्याल करो..
मैं- प्लीज़ दी मान जाओ…संजू जाग गया तो हम मरे समझो…
पूनम दीदी मेरी हालत समझ चुकी थी…और फिर वो हँसने लगी और मैं फिर से सर्प्राइज़्ड हो गया…
मैं- आप हंस रही हो…क्या है..???
पूनम दी- अरे संजू आज नही जागेगा , ये मेरी गारंटी है…
मैं- क्यो..???...आपने ऐसा क्या किया...??
पूनम दी- वो सब बाद मे अभी मेरी आग बुझाओ...ट्रस्ट मी...मैने सब सेट कर दिया है....
मैं भी समझ गया कि पूनम दीदी ने कुछ प्लान किया है..इसलिए मैं भी टेन्षन फ्री हो गया और चुदाई के खेल खेलने को रेडी हो गया…
पूनम दी- अब खड़े क्या हो…
मैं- मतलब…आप शुरू हो जाओ ना….मूड ऑफ कर दिया मेरा…तो पहले मूड तो ठीक करो…
पूनम दी- ह्म्म…अभी करती हूँ
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RE: चूतो का समुंदर
मैने दीदी को चोदते हुए मुँह को आगे करके उनके बूब्स को मुँह मे भर लिया और तेज़ी से झटके मारने लगा...
पूनम दी-आअहह....ऐसे ही....फाड़ दो....आअहह....बहुत...सताती है...ये...आहह
मैं-अब रो मत दीदी…तुम्हे ही शौक है चूत फतवाने का…हाअ
पूनम दी-आअहह…हाअ…डाअल्ल्लूओ…फ्फ़ादद दूओ…आअहह
मैने-तो ये ले…फट गई तेरी…
ओर मैने दीदी के बूब को मुँह मे भर के तेज़ी से दीदी को चोदना शुरू कर दिया…….
पूनम दी-आअहह…म्माअरर ग़गाइइ…ऊओ…माआ…आअहह
मैं-मज़ा आया…???
मैने फिर 1 के बाद एक शॉट लगाना शुरू किया बीच मे लंड बाहर करके एक बार मे पूरा अंदर डाल देता था…..
पूनम दी-आहहह….आअररराम्मा….आआहहह…सस्सीई…
…म्म्म्मा ररर…..फ़फफात…ग्गगाइइइ…म्म्माएआ…आअहह
मैं-ये लो दीदी…अब फटी तेरी…हा
ओर मैं तेज़ी से दीदी की चूत मारने लगा...हमारी बॉडी आपस मे टकरा कर थाप दे रही थी और दीदी की सिसकारिया बढ़ती जा रही थी......
थोड़ी देर मे ही दीदी फिर से झड़ने के करीब आ गई और उनकी आवाज़े बदल गई…ऑर अब वो मज़े से सिसक रही थी…
पूनम दी-आअहह…आह.आ.आह…भीइ…..म्म्मावयन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई
मैं-आअहह….ये लो दीदी …
दीपा झड़ने लगी ऑर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततुनूउप्प्प…कचूनूप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततुनूउप्प्प…त्ततुनूउप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…भाई,,,,आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह
ऐसे ही दीदी झड गई ऑर मैं रुक गया….
मैने दीदी को चोदना बंद कर दिया पर मेरा लंड अभी भी उनकी चूत मे ही था…मैने दीदी के बूब्स मसलना शुरू किया और हम बाते करने लगे….
मैं- क्यो दी मज़ा आया…???
पूनम दी- हाँ भाई मस्त चोदा है…
मैं- ह्म्म…अब आपकी गान्ड को मज़ा दे दूं..
पूनम दी- भाई मैं भी तुम्हारी और मेरी गान्ड भी तुम्हारी...पूछ क्यों रहे हो...फाड़ डालो...
मैं- ह्म्म्म ...फाड़ता हूँ दीदी...आज रात तो मेरी रंडी हो ना तुम...
पूनम दी- हाँ भाई…अब रंडी की गान्ड भी फाड़ दो….
इसके बाद मैने दीदी की चूत से लंड निकाल लिया ऑर बैठ गया….दीदी ने तुरंत ही उठ कर झुकते हुए मेरे लंड को गीला करना शुरू कर दिया…
जब दीदी ने मेरे लंड को अपने थूक से तर कर दिया तो वो बोली..
पूनम दी- भाई मैं लंड की सवारी करूगी…
मैं- तो आओ ना दी…लंड रेडी है…सवारी करो…
फिर दीदी ने झट से मेरे दोनो तरफ टांगे डाली और अपनी पीठ को मेरे सामने करके बैठ गई ऑर अपनी गान्ड को लंड पर सेट करने लगी…
पूनम दी- भाई…गान्ड टाइट है…आराम से…हाँ
मैं- हाँ दीदी…प्यार से फाड़ुँगा….
मैने दीदी को अपने लंड पर बैठाया और धीरे से लंड का टोपा उनकी गान्ड मे डाल दिया...
अभी टोपा ही गान्ड मे गया कि दीदी सिहर उठी...उनकी गान्ड से खून आ गया...
पूनम दी- आहह भाई...मार डाला..आहह..अहहह
मैं- ओह्ह दी...सॉरी...ज़्यादा दर्द हुआ क्या...
पूनम दी- हाँ भाई…कहा था ना..अहः..कि आराम से…ओह्ह्ह..म्माआ..
मैं- सॉरी दीदी…अब आराम से करूगा….
पूनम दी- आहह…भाई…धीरे,,,आहह
मैं- ओके दीदी आप अंदर लो अपने हिसाब से...अब ठीक
पूनम दी..हाँ…रुक जा…
फिर दीदी थोड़ी देर वैसे ही रुकी रही और फिर धीरे-धीरे करके लंड को गान्ड मे लेने लगी...
थोड़ी देर मे ही दीदी ने पूरा लंड गान्ड मे डाल लिया और सिसकते हुए अपनी गान्ड को बैठे हुए घुमाने लगी...
मैं- अब ठीक हो दीदी...
पूनम दी- आहह…ह्म्म्.म..भाई..अब अच्छा लगा..
मैं- तो अब शुरू हो जाओ…
दीदी- हाँ भाई…अभी लो…
इसके बाद दीदी ने हाथ पीछे कर के सोफे का सहारा लिया और मेरे लंड पर आराम से उपर नीचे होते हुए गान्ड मरवाने लगी….
पूनम दी- ओह्ह…माँ…कितना बड़ा है…आहह
मैं- अरे दी…आपने पहले भी लिया है ना..
पूनम दी- हाँ भाई..पर आज तो..आअहह...फाड़ ही दी..ऊहह...
मैं- अब ज़ोर से जंप करो दीदी...
पूनम दी- ओह्ह....हाँ..भाई...ये लो आहह..आह
मैं- येस्स दी..येस..जंप दी फास्ट...
पूनम दी- आहह..भाई…येस्स..ऊहह…ऊहह..ऊहह
मैं- यस दीदी…कम…जंप फास्ट….आहह
पूनम दी-आअहह…आहह…हहा…भीइ…ऊहह..येस्स..
मैं-यस….बेबी…जंप आअहह….….
थोड़ी देर बाद दीदी उछल-उछल कर थक गई तो मैने दीदी की गान्ड को हाथो से पकड़ा और तेज़ी से उछलते हुए उनकी गान्ड मारने लगा और चुदाई का संगीत बजने लगा….
पूनम दी-आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह…....
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…एस…ओह्ह..ओह्ह..उफ़फ्फ़…म्माआ..आअहह…ओह्ह
मैं-एस बेबी…टेक इट…ये ले…….य्ाआ
पूनम दी-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..भाई…आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी…...
आअहह..अहहह….ऊहह….फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..
आहह..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
थोड़ी देर तक दीदी को उछाल कर उनकी गान्ड मारने के बाद मैं रुक गया और दीदी को साइड मे कुतिया बना दिया...दीदी मेरा इशारा समझ चुकी थी और उन्होने अपने पैर फैला कर गान्ड को खोल कर सामने कर दिया…
मैने जल्दी से घुटनों पर बैठ कर दीदी की गान्ड मे दो धक्के मे पूरा लंड डाल दिया और उनकी गान्ड को थपियाते हुए उनकी गान्ड मारने लगा…
मैं- यीहह दी…अब अच्छा है ना…
पूनम दी- आहह…भाई…ज़ोर से मारो…आहह..मज़ा आ गया…आहह
मैं- ये लो….यहह..
पूनम दी- यस भाई…ज़ोर से..आहह…आहह…आहह
मैं- यईह….स्एस…टेक इट दी…
सत्तकक…सात्ताककक..स्सात्ताकक..ससत्त्ताककक..
मैने दीदी की गान्ड पर थप्पड़ मारने चालू किए और दीदी तड़प्ते हुए गान्ड मरवाने लगी….
पूनम दी- उउउइइ...आअहह..भाई...मत करो..आहह...
मैं- मज़ा लो दी....ये लो....आआहह
पूनम दी- ओह्ह माँ…आहह…ज़ोर से…..भाई…फाड़ दो…
मैने दीदी की गान्ड मारते हुए एक हाथ की 2 उंगली उनकी चूत मे डाल दी और दीदी गान्ड के साथ चूत चुदाई का मज़ा लेने लगी…
पूनम दी- आहह ..भाई…ये क्या..अहहह…कारू..भाई…जोर्र से…
मैं- मज़ा आया मेरी जान….यीह्ह….बस…मज़ा कर…..
पूनम दी- हाअ..भाई..बहुत…ज़ोर से…आअहह..उउउफ्फ..माआ..
ऐसे ही थोड़ी देर की दमदार गान्ड मरवाते हुए ऑर चूत चुदवाते हुए दीदी फिर से झड़ने लगी…..
आअहह..अहहह….ऊहह….फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..बाऐईइ…हहा…भाई
आहह..येस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
पूनम दी- आअहह..भाई …मैं…आऐईइ…ऊहह..म्माआ
मैं- येस्स्स..दी..कम..कम…यीहह
पूनम दी- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…भाइईइ….आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मैआईयायंन्णणन्,…
.कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …उउफ़फ्फ़…माआ..
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RE: चूतो का समुंदर
दीदी दमदार चुदाई मे फिर से झड़ने लगी…मैने दीदी के झड़ने के बाद लंड को गान्ड से निकाल लिया ऑर दीदी को खींच कर सोफे के नीचे बैठ दिया…
पूनम दी- आहहह..भाई..मज़ा..आ गया ..अब क्या…
मैं- अब मैं मज़ा कर लूँ…
पूनम दी-आओ भाई…मैं मज़ा करती हूँ…
और ये कहकर दीदी ने मेरा लंड चूसा और फिर लंड को अपने बूब्स मे दबा कर चूस्ते हुए बूब्स से मसल्ने लगी...
मैं थोड़ी देर मे झड़ने के करीब आ गया…
पूनम दी- उउंम..सस्रररुउपप..उउंम्म……
मैं- अहहह दी मैं आया…ऊहह अह्ह्ह्ह ..आह…
मैं झड़ने लगा और दीदी मेरा लंड रस पीने लगी…दीदी ने थोड़ा रस पीकर बाकी का अपने बूब पर गिरा लिया और मेरा लंड चाट कर सॉफ कर दिया….
फिर दीदी अपने बूब्स पर लगे लंड रस को चाट ती रही ऑर पूरा चाटने के बाद बाथरूम जा कर फ्रेश हो आई और सोफे पर बैठ गई...
दीदी के आते ही मैं भी फ्रेश हो आया और दीदी के बाजू मे बैठ गया...और दीदी मेरी गोद मे आके मुझे किस करने लगी...
थोड़ी देर किस करने के बाद हमने किस तोड़ा और बाते करने लगे…
मैं- अब बताओ दीदी संजू को क्या किया आपने…
पोन्नम- अरे भाई ज़्यादा कुछ नही, बस एक नीद की गोली खिला दी
मैं- कैसे…मतलब उसने गोली तो खाई नही होगी…किस चीज़ मे मिलाई थी
पूनम- वो मैने उसे कॉफी मे मिला कर पिला दी थी..
मैं- पर कब..??...कॉफी तो मैने भी पी थी..
पूनम- जब तुम छत पर थे…मैं तुम दोनो के लिए कॉफी लाई थी और संजू की कॉफी मे नींद की गोली मिला दी थी…और मैने उसे वही कप दिया जिसमे गोली थी…
मैं- ह्म्म..तो आपने आज चुदाई के लिए अपने भाई को ही सुला दिया..
पूनम- क्या करूँ भाई आज चूत की आग इतनी भड़क रही थी कि रहा ही नही गया…
मैं- अब ठीक है ना…कि बाकी है…
पूनम- अब ठीक है…पर जल्दी ही भड़क जाएगी…
मैं- और आपकी गान्ड की आग…
पूनम- गान्ड तो भाई फट ही गई…पर मस्त मज़ा आया गान्ड मरवाने मे…
मैं- ह्म्म्मो..अब थोड़ा कंट्रोल करना भी सीख जाओ…एग्ज़ॅम भी है अभी स्कूल मे…
पूनम- हाँ पता है…मेरी तैयारी ठीक है…
मैं- अच्छा है पढ़ाई पहले..वैसे एक बात बताओ….पारूल को क्या बोल कर आई…
पूनम- अरे मैने पारूल को कहा कि मैं पढ़ाई करने नीचे जा रही हूँ…तुम सो जाओ…
मैं- और वो सो गई क्या..???
पूनम- हाँ सो गई होगी…उसे तभी नीद आने ही लगी थी…
मैं- ह्म्म….बढ़िया है..अब आप जाओ…कोई आ गया या संजू जाग गया तो मरे समझो..
पूनम- ऐसा कुछ नही होगा…फिर भी अब जाती हूँ….सोना भी है…आज इतनी जोरदार चुदाई जो हो गई…और गान्ड को भी रेस्ट चाहिए वरना कल चल भी नही पाउन्गी ठीक से..
मैं- ओके तो अब जाओ, मुझे भी रेस्ट करना है…
इसके बाद पूनम दीदी ने अपने कपड़े पहने और मुझे किस कर के अपने रूम मे निकल गई और मैं भी बॉक्सर पहन के बेड पर आ गया..और सो गया…
सुबह जब मेरी नीद खुली तो मैने बाजू मे देखा , संजीव भी अभी सोया हुआ था…
आज पता नही कोई जगाने क्यो नही आया…शायद आया हो , हम जागे ही ना हो….मैं चुदाई से थका हुआ था…और सांजीव नीद की गोली खा कर पड़ा था…
मैं उठ कर फ्रेश हुआ ऑर रेडी हो गया…उसके बाद मैने संजीव को जगाया…
मैं- उठ साले ..कितना सोयगा…
संजू- सोने दे भाई…
मैने(संजू की बॅक पर चाँटा मार के)- उठ ना बे…बहुत सो लिया..
संजू(आखे खोलते हुए)- अबे मार मत ...वैसे भी मेरा सिर दर्द दे रहा है...
मैं जानता था कि संजू पर नीद की गोली का असर है...और इसलिए संजू को नीद आ रही है…पर मुझे भी इससे काम है….उठाना ही पड़ेगा…
और मैने फिर जबरन संजू को जगा कर उसे बाथरूम मे धकेल दिया...
संजू भी मन मार के फ्रेश हो गया और रेडी होकर मेरे साथ नीचे आ गया, नाश्ता करने….
आज नाश्ते की टेबल पर सिर्फ़ मैं ,संजू, पारूल और आंटी लोग ही थी…..
अंकल लोग शॉप पर निकल गयी थे…..पूनम ,अनु और रक्षा अपनी फ्रेंड्स के साथ ग्रूप स्टडी के लिए निकल गई थी…
नाश्ता करते हुए हम बातें करने लगे…
मैं- तो आंटी आज शॉपिंग पर चले
संजू- शॉपिंग…किस के लिए…
आंटी ने मुझे इशारे से कहा कि संजू को मेरा मत बोलना…
मैं- अरे वो…पारूल को कुछ कपड़े और सामान दिलाना है ना….और स्कूल का सामान भी दिलाना है…
संजू- पर इसका अड्मिशन तो हुआ नही….
मैं- इसीलिए तो तुझे जगाया…
आंटी- संजू क्या करेगा…???
मैं- आंटी…आप मेरे लोग मेरे साथ शॉपिंग पर चलिए और संजू जायगा गर्ल्स स्कूल…पारूल के अड्मिशन की बात करने…
संजू- पर मैं किस से बात करूँ...मुझे कौन जानता है वहाँ..
मैं- डोंट वरी , तू जा तो सही....मैं इंतज़ाम कर दूँगा..ओके
संजू- ठीक है भाई…चला जाउन्गा....
आंटी- अच्छा बेटा...कब चलना है…???
मैं- जब आप लोग कहें…और मेघा आंटी(संजू की चाची) आप भी आ रही है ना…??
आंटी2- मैं..क्या …नही-नही
आंटी- अरे मेघा . नही क्या…तू भी चलेगी…मुझे तेरे साथ काम भी है थोड़ा…
मैं- ह्म्म..आंटी आप को चलना ही होगा…आप अपने बेटे को ना कहेगी ..??
आंटी2- अरे बेटा..तुम्हे ना कैसे कहूगी…ओके बाबा मैं भी आउन्गी…
आंटी- ओके अब नाश्ता कर लो ….फिर हम लंच रेडी करने के बाद चलते है….
मैं – ओके…पर संजू तू थोड़ा पहले निकल जाना ..स्कूल के लंच टाइम तक…ओके
संजू- हाँ भाई…ठीक है…
इसके बाद हम नाश्ता करके टीवी देखने लगे…और आंटी लोग पारूल के साथ किचेन के काम करने लगी…
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06-06-2017, 09:55 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
टीवी देखते हुए संजू थोड़ा रेस्ट करने का बोल कर रूम मे निकल गया और संजू की चाची भी रेस्ट करने अपने रूम मे निकल गई…..
अब हॉल मे सिर्फ़ पारूल, मैं और आंटी ही थे…
आंटी ने मुझे इशारे से रूम मे आने को बोला और आंटी अपने रूम मे चली गई …
मैं- पारूल, एक काम करना…
पारूल- जी भैया…
मैं- देख ..तू यही टीवी देखना और अगर कोई भी यहाँ आए तो मुझे आवाज़ दे देना….
पारूल- ओके भैया..आप आंटी को खुश करो..मैं संभाल लूगी…
मैं- अच्छा बेटा…तू ज़यादा ही समझने लगी…
पारूल(शर्मा कर)- आपका असर है भैया..
मैं -ओह मेरी गुड़िया…अब जो कहा वो करना ओके…एक किस दे…फिर मैं चलूं..
फिर पारूल ने मुझे प्यारा किस दिया और मैं उसे छोड़ कर आंटी के रूम मे चला गया…
जैसे ही मैं रूम मे गया तो आंटी ने रूम को लॉक किया और मेरे गले से लग गई…
मैं- क्या हुआ आंटी…ऐसी भी क्या जल्दी थी…
आंटी- तूने रात को मुझे तड़प्ता छोड़ दिया ..तो जल्दी ही होगी ना..
मैं- पर मैने क्या किया..कल रात तो मैं सो रहा था…
आंटी- वही तो..मैने मेसेज भी किया था..तूने कुछ रिप्लाइ भी नही किया..
मैं- सॉरी आंटी , मैं थक गया था तो पता ही नही चला कि कब नीद आ गई…इसलिए…
आंटी- चल ठीक है…आप गर्मी मिटा दे ना…
मैं- अभी..पर कोई भी आ सकता है..
आंटी- ह्म्म..पता है...इसलिए जल्दी करना होगा...
मैं- आंटी...अभी नही..समझा करो...
आंटी- पर मैं इस खुजली का क्या करूँ...
मैं- ह्म्म..वो थोड़ी देर संभलो …मिटा दूगा ओके…
आंटी- पक्का ना…पर कैसे…
मैं- वो मेरी प्राब्लम है…मैं देख लूँगा…अभी आप रेस्ट करो…मैं भी रेस्ट कर लेता हूँ…फिर शॉपिंग के बाद आपकी खुजली को देखता हूँ..ओके
आंटी- ओके..पर रूम मे आया है तो कुछ तो कर ना..थोड़ा ही सही…
मैं- अभी तो बस किस ही कर सकता हूँ..
आंटी- ओके..अभी इस से ही काम चला लूँगी…
इसके बाद मैने आंटी को जोरदार किस किया और आंटी को रेस्ट करता छोड़ कर मैं वापिस हॉल मे पारूल के पास आ गया….
जैसे ही मैं पारूल के पास आया तो पारूल मुस्कुराने लगी और बोली....
पारूल- भैया….इतनी जल्दी..
मैं- अरे बेटा ..मैं बात करने गया था…और कुछ नही..समझी..
पारूल- ह्म्म..अब क्या…आप रेस्ट कर लो थोड़ा…
मैं-हां ..मेरा सिर भी भारी है थोड़ा..
पारूल- चलिए भैया..मैं आपको मालिश कर देती हूँ…
मैं- ह्म्म..यही ठीक रहेगा..चल उपर चलते है…पूनम के रूम मे….
इसके बाद मैं पारूल के साथ पूनम के रूम मे निकल गया..
हम उपर जा ही रहे थे कि …
पारूल- भैया आप चलो मैं 2 मिनट मे आई...
मैं- क्या हुआ..चल ना..
परुल- आप चलो ना भैया..मैं बस अभी आई...प्लज़्ज़्ज़
मैं- ओके..जल्दी आना…
पारूल- जी भैया…
इसके बाद मैं पूनम के रूम मे आ गया और सोफे पर बैठ गया…..
थोड़ी देर बाद पारूल भी रूम मे आ गई..वो हाथ मे एक कटोरी ले कर आई थी…
मैं- अरे बेटा , ये क्या ले आई..??
पारूल- भैया ये सरसों का तेल है…आपकी मालिश के लिए…
मैं- ओह हो…तेल मालिश ,,,,क्या बात है…तुझे आती है..
पारूल – जी भैया…अब आप देखो मैं कैसे मालिश कर के आपका दर्द दूर करती हूँ..
मैं- ह्म्म..तो आओ फिर…
इसके बाद पारूल ने मुझे सोफे के नीचे बैठने बोला और खुंद सोफे पर बैठ कर मेरे सिर की मालिश करने लगी…
थोड़ी देर पारूल ने मेरी अकचे से मालिश की, जिससे मेरा सिर दर्द बिल्कुल ही ठीक हो गया...और पारूल ने मालिश बंद कर दी….
पारूल- भैया…अब कैसा लग रहा है....*???
मैं- मस्त ...सच मे गुड़िया…तू अच्छी मालिश करती है....
पारूल- भैया...अब आपकी बॉडी की मालिश कर दूं….बॉडी भी दर्द हो रही होगी ना...???
मैं- मतलब....तू कहना क्या चाहती है...??
पारूल-(मेरे कान के पास)- भैया , मैने कल रात भी आवाज़े सुन ली थी..हहहे......
मैं- अच्छा बेटा…तू रात मे सोती नही क्या..
पारूल- भैया मैं तो सो ही गई थी...पर आप इतनी ज़ोर से गान्ड मारोगे तो नीद खुल ही जाएगी ना...
मैं-अच्छा , तुझे ये भी पता है…??
पारूल- जी भैया...कल पूनम दीदी थी ना..*??
मैं- ह्म्म..तो ये भी पता कर लिया…
पारूल- क्या करूँ ..अपने भैया का ध्यान तो रखना पड़ता है ना कि कहाँ है और किस के साथ है….
मैं- अब चुप भी कर ना…
पारूल- बस एक बात और…आंटी और पूनम दीदी के अलावा भी इस घर मे कोई है आपके लिए…मतलब चुदाई के लिए…??
मैं- नही…बस ये चोदो…अब कोई सवाल नही...जब अपने घर जायगे तब पूछना ओके..
पारूल- ओके तो आपकी बॉडी की मालिश कर दूं..??
मैं- नही- नही..
पारूल- क्यो भैया….मालिश पसंद नही आई क्या..??
मैं- नही बेटा, मालिश तो पसंद आई पर बॉडी की मालिश फिर कभी..
पारूल- क्यो भैया..
मैं- अरे मेरी गुड़िया…अगर अभी तूने बॉडी की मालिश की तो मेरा मूड बन जायगा और मैने तुझे प्यार किए बिना नही रह पाउन्गा…
पारूल- तो बन जाने दो …मैं हूँ ना भैया….आपको खूब सारा प्यार कारूगी…
मैं- नही बेटा इसलिए तो नही चाहता …रोज-रोज प्यार करने को मना किया था ना...
पारूल- जी भैया..तो अब क्या …आपको सोना है तो सुला दूं..
मैं- ह्म्म्मा..थोड़ा सो लेता हूँ…तू भी रेस्ट कर…
इसके बाद मैं उठ कर बेड पर लेट गया ….पर पारूल ने बेड पर आकर मेरे सिर को गोद मे रखा ऑर सिर सहलाने लगी…
मैं- क्या हुआ बेटा..रेस्ट नही करना क्या…
पारूल- नही भैया..आपका सिर भारी है ना..तो आप सो जाओ..मैं आपको सुलाती हूँ…
मैं- पर तेरे रेस्ट का क्या..???
पारूल- भैया , आपके सिर से ज़रूरी मेरा रेस्ट नही है...
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RE: चूतो का समुंदर
मैं पारूल की बात सुन कर भावुक सा हो गया…और पता नही क्यो...मुझे मेरी माँ की कमी खलने लगी..और मेरी आँखे नम हो गई..
पारूल-क्या हुआ भैया...आप रो रहे हो...*??
मैं- नही बेटा..बस आज कुछ याद आ गया..
पारूल- क्या भैया..*???
मैं- बस यही कि आज मेरी माँ जिंदा होती या मेरी कोई बहेन होती तो वो भी मुझे ऐसे ही प्यार से सुलाती ना..
पारूल- भैया...मैं हूँ ना..क्या आप मुझे अपनी बेहन नही मानते...
मैं- अरे नही बेटा...तू तो मेरी प्यारी गुड़िया है….
पारूल- नही भैया..आप मुझे अपना मानते ही नही..
और पारूल रोने लगी…
मैं- अरे रो मत बेटा…सॉरी…
पारूल- आप तो मुझे अपनी बेहन मानते नही हो तो मेरे रोने से क्या …???
मैं- नही बेटा..तुझे अपनी प्यारी बहन मानता हूँ...आज के बाद ऐसा मत कहना…अब चुप हो जा..माफ़ कर दे अपने भैया को…
पारूल(आँखे पोंछ कर)- ठीक है..पर एक शर्त पर…
मैं- हाँ बोल..
पारूल- आज से मैं आपको ऐसे ही सुलाउन्गी...ओर आप कभी भी रोएगे नही कि आपका कोई बेहन नही है..
मैं- ओके..बेटा..अब अपने भैया को सुला दे…ओके
पारूल- जी भैया…सोने की दवा तो चख लो…नीद जल्दी आ जाएगी…
मैं कुछ बोलता उसके पहले ही पारूल ने मेरे होंठ पर अपने होठ रख दिए और किस करने लगी…
किस ख़तम होने के बाद पारूल मेरा सिर सहलाने लगी और मैं आँखे बंद करके रेस्ट करने लगा…
मैं लेटे हुए सोच रहा था कि आज मैं इतना भाबुक कैसे ही गया..जबकि मैं तो इस मामले मे पत्थर दिल हूँ..और वो भी पारूल के सामने….क्या पारूल के साथ मेरा अटॅचमेंट कुछ ज़यादा ही हो गया..या कोई और बात है…पता नही….
ऐसे ही सोचते हुए और पारूल से सिर दबवाते हुए मैं सो गया...
करीब 2 घंटे के बाद आंटी ने आकर हमे जगाया…जी हाँ पारूल भी बैठे –बैठे ही सो गई थी…
आंटी- अब उठ भी जाओ..और रेडी हो जाओ…शॉपिंग जाना है…
मैं-ओह हाँ..चलते है…वैसे संजू कहाँ है..???
आंटी- उसे जगा कर आई हूँ..वो फ्रेश होने गया है…अब तू भी फ्रेश हो जा और पारूल तू भी..ये तेरे लिए अनु के कपड़े लाई हूँ…अभी ये पहन ले फिर तो तेरे भैया तुझे दिलाने ले ही जा रहे है..
मैं- ह्म्म..आप रेडी हो और आंटी को भी रेडी करवाओ…हम आते है….
इसके बाद आंटी चली गई और ,,,,
पारूल- भैया..अब सिर कैसा है..??
मैं(पारूल को किस कर के)- तेरे हाथ मे जादू है गुड़िया..अब सब मस्त है….
पारूल- थॅंक यू भैया…
मैं- अब तू रेडी हो जा…मैं भी रेडी होने जाता हूँ…
इसके बाद पारूल बाथरूम मे घुस गई और मैं संजू के रूम मे आ गया..जहाँ संजू रेडी हो रहा था…
मैं- तू रेडी है ना..*???
संजू- हाँ..बोल
मैं- तुझे स्कूल जाना है…
संजू- हाँ वही जा रहा हूँ...तू कॉल कर देना..
मैं- तू जा कर पहले बात कर..फिर मैं देख लूँगा ओके...
संजू- ओके..मैं चलता हूँ फिर...
मैं- ओके...तू जा , मैं पारूल को शॉपिंग पर ले जा रहा हूँ..तो शाम को मिलते है,,ओके
संजू- ओके भाई..बाइ…
इसके बाद संजू स्कूल के लिए निकल गया और मैने रेडी हो कर नीचे आ गया…जहाँ दोनो आंटी और पारूल रेडी ही थी…फिर मैने कॉफी पी और हम चारों मेरी कार से मार्केट निकल गयी….
( कार मे)
मैं- आंटी आप घर लॉक कर के आ गई…कोई घर आ गया तो ..??
आंटी- अरे कोई नही आयगा…अंकल और अनु लोगो को कॉल कर दिया है कि हम जा रहे है..जब आएगे तभी आना,,,
मैं- और संजू,,,??
आंटी- उसको दूसरी चाबी दे दी है…
मैं- ओके…तो अब टेन्षन नही है…टाइम भी लगा गया तो…
आंटी2- वैसे बेटा , हम कहाँ चल रहे है..
मैं- माल मे आंटी
आंटी2- ह्म्म..वहाँ न्यू कलेक्षन मिल जाता है..क्यो भाभी(संजू की मम्मी)
आंटी- हाँ मेघा, इसलिए तो..आज अपने मन की ड्रेस लेगे..और पारूल को भी दिलाएँगे…
हम सब ऐसे ही हसी मज़ाक करते हुए माल पहुँच गयी…और कार पार्क करके माल मे एंटर हो गयी...…
अंदर आते ही हम सीधा लेडीस सेक्षन मे पहुँच गयी…और आंटी लोग ललचाई नज़रों से ड्रेसस देखने लगी...जबकि पारूल शांत खड़ी हुई थी…पर उसकी आँखो मे भी इतने मस्त कपड़े देख कर चमक आ गई थी…..
मैं पारूल के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखा कि..
पारूल- ओह्ह..भैया …आप..
मैं- क्या हुआ..ऐसे क्या देख रही हो..???
पारूल- कुछ नही भैया..वो यह कितने सारे कपड़े है…बस वही…
मैं- तुझे पसंद आय ना..
पारूल- जी भैया…
मैं- तो ले लो ..जो भी चाहिए…
पारूल- मैं….नही भैया…ये तो महँगे होंगे…
मैं- तुम उसकी फ़िक्र छोड़ो …और जो भी पसंद आए वो ले लो…
पारूल- पर भैया…मैं..वो ..कैसे..*???
मैं- चुप..तुम मेरी बहन हो ना...*???
पारूल- हाँ हूँ..पर…
मैं- बस…एके की बेहन को कुछ भी पसंद आए और मैं उसे दिला ना पाउ…तो क्या फ़ायदा फिर…अब चुप करो और चलो मेरे साथ…
इसके बाद मैं पारूल को ले कर काउंटर के पास पहुँचा जहा मुझे वो सेल्सगर्ल दिखाई दी..जो पहले मिली थी…
सेल्सगर्ल- हेलो सर…बड़े दिनो बाद आए…
मैं-ह्म्म..क्या करूँ बिज़ी था..
सेल्स गर्ल- पर आपने हमे याद भी नही किया…???
मैं- करूगा ना....फ़ुर्सत से करूगा....
सेल्सगर्ल- मुझे इंतज़ार रहेगा..वैसे आज क्या दिखाऊ आपको...
मैं- आज मेरी बेहन को अच्छे ड्रेस दिखाओ..इसे पसंद आने चाहिए...
स्ल्स्गर्ल- जी सर…सबसे बेस्ट दिखाती हूँ…मेम आप इस तरफ आइए…
इसके बाद पारूल ड्रेस देखने लगी और मैं आंटी के पास आ गया…
आंटी2- कहाँ था बेटा….
मैं- अब आप लोग बिज़ी थी तो मैं पारूल को कपड़े दिला रहा था…
आंटी2- हाँ 1-2 ही दिलाना…ज़्यादा खर्चा मत करना इस पर…
आंटी2 की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और रजनी आंटी भी मेरी हालत समझ गई…तो वो बोली
आंटी- अरे मेघा तू भी…वो समझदार है..तू अपने लिए ड्रेस देख …ले ये वाली ट्राइ कर के आ…
आंटी2 ड्रेस लेकर ट्राइ करने निकल गई और आंटी मुझसे बोली..
आंटी- सॉरी बेटा..मेघा की बात का बुरा मत मानना…
मैं- कोई नही आंटी…आप सॉरी मत बोलिए…पर इनको तो मैं छोड़ुगा नही..
आंटी- अरे बेटा इतनी सी बात पर गुस्सा मत हो ना…
मैं- नही आंटी इतनी सी बात नही…पारूल को मैने दिल से बेहन माना है…इन्हे तो सबक सिखा के रहूँगा..
आंटी- जाने दे ना बेटा…
मैं- आंटी ..उस दिन इनकी वजह से ही आप रोई थी और अंकल ने आपको डांटा था, पता है ना…
आंटी- हाँ जानती हूँ बेटा…
मैं- फिर भी आप इनकी साइड है…
आंटी- अरे ऐसा कुछ नही…मेरी देवरानी है…इसलिए माफ़ कर दे…
मैं- ऐसे नही आंटी, इनको ज़्यादा ही खुजली है दूसरो के बीच मे उंगली करने की…इनकी खुजली तो मिटानी ही पड़ेगी…
आंटी- ऐसी बात है तो…सबक सीखा दे..पर ऐसा सबक सिखा की सारी जिंदगी इसका सिर तेरे सामने झुंका रहे और ये मुँह भी ना चला पाए…
मैं- ह्म्म्म्म ..ऐसा ही करूगा…आप मेरा साथ दोगी ना…
आंटी- मैं तो तेरे ही साथ हूँ…चाहे सामने कोई भी हो…
मैं- ओके…अब आप इसके साथ शॉपिंग करो ..मैं पारूल को शॉपिंग करवाता हूँ…
आंटी- ठीक है बेटा तू जा..मैं इसे संभाल लेती हूँ…
इसके बाद मैं पारूल के पास आ गया…मुझे देखते ही सेल्स गर्ल बोली…
स्ल्स्गर्ल- सर , मेम ने तो बस ये 3 ड्रेस ही ली…अब मना कर रही है..
मैं- ह्म्म..तुम रूको ..मैं बात करता हूँ…
सलस्गर्ल हमसे दूर हो गई तो मैने पारूल से कहा…
मैं- ये सब क्या है…मैने कहा ना कि जो पसंद आए वो ले लो…ओके
पारूल- पर भैया….
मैं- पर-बार कुछ नही..तुझे मेरी कसम..अगर भाई मानती हो तो कम से कम 20 ड्रेस सेलेक्ट करो ओके…
पारूल- अब तो लेना ही पड़ेगी…आपने कसम जो दे दी..पर उन आंटी लोगो को कुछ परेशानी हुई तो…???
मैं- ह्म्म..मैं देख लूँगा..तुम ड्रेस देखो…
इसके बाद पारूल ड्रेस देखने लगी और मैने सेल्सगर्ल को बुला कर समझा दिया की सिर्फ़ 4 ड्रेस ही देना…बाकी पार्सल कर देना …मेरे घर ओके
फिर मैं सब सेट कर के पारूल के साथ ड्रेस सेलेक्ट करने लगा…
जब हमने ड्रेस ले ली तो 4 ड्रेस साथ लेकर आ गये…बाकी पार्सल आ जाएगी…आंटी लोगो ने भी शॉपिंग कर ली….और हम बिल देने काउंटर पर आ गयी…
मैं- बिल मैं दूँगा…
आंटी- नही बेटा हम दे देगे….
आंटी2- हाँ हम देगे…
मैं- नही आंटी आप दोनो की आज की शॉपिंग मेरी तरफ से…
आंटी- ठीक है बेटा…
आंटी2- पर भाभी….
मैं- आंटी प्लज़्ज़्ज़्ज़..अपने बेटे की बात मान जाओ ना..
आंटी- हाँ मेघा…ये हमारा बेटा ही है…
आंटी2- ठीक है बेटा…आज तुम जीते…
इसके बाद मैने बिल पे किया और हम सब फुड कॉर्नर पहुँच गये…वहाँ मैने सबको आइस-क्रीम खिलाई और संजू लोगो के लिए भी आइस-क्रीम पॅक करवा कर…बाहर आने लगे….
जब हम बाहर निकल रहे थे तो आंटी कि 1 फ्रेंड मिल गई…जिसका नाम कुसुम था और साथ मे उसकी बेटी रोशनी भी थी…
कुसुम- अरे रजनी…तुम यहाँ…शॉपिंग करने आई हो…
आंटी- यार कुसुम , तू भी ना…यहाँ मैं खाना बनाने तो आउन्गी नही..हहहे..
कुसुम- अरे सॉरी…हो गई शॉपिंग
आंटी- हाँ हो गई…तू बता कैसे…मतलब अभी आई है या जा रही है…
कुसुम – अभी आई हूँ…
आंटी- हम्म..और रोशनी , कैसी हो बेटा,,,
रोशनी- ठीक हूँ आंटी…
कुसुम- ये लड़का कौन है रजनी..??
आंटी- ये एके है...मेरे बेटे का फ्रेंड..मेरा दूसरा बेटा ही है...
कुसुम(आँखे बड़ी कर के)- ओह ये है एके….ह्म्म्मा
मैं(मन मे)- ये ऐसे क्यो बोल रही है..
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06-06-2017, 09:55 AM,
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RE: चूतो का समुंदर
आंटी लोग बातें ही कर रही थी कि मेरे फोन की रिंग बजने लगी...मैने देखा कि ये तो पायल का कॉल था...जी हाँ कामिनी की ननद पायल...पर इसने कॉल कैसे किया..देखता हूँ...
मैं- एक मिनट आंटी...मैं अभी आया....
मैं आंटी लोगो से दूर गया और कॉल पिक की...
( कॉल पर)
पायल- हाई हीरो....पहचाना...???
मैं- हाँ पायल जी...आपका नंबर. सेव है और वैसे भी आपको कैसे नही पहचानेंगे...
पायल- ह्म्म..तो आपको हम याद है ..
मैं - आप भूलने वाली चीज़ थोड़ी है...
पायल- अच्छा...तो कभी याद क्यो नही किया...
मैं - अरे हम तो आपको हमेशा याद करते है...सच्ची..
पायल- झूठे...एक कॉल तो किया नही...
मैं- वो तो आपने ही मना किया था..भूल गई...
पायल- ह्म्म...पर अब आप जब चाहे कॉल कर सकते है और मिल भी सकते है..
मैं- सच मे...पर तुम्हारे घर मिलने कैसे आउ...तुम्हारे गाँव मे आना ठीक नही होगा
पायल- अब आ सकते हो...वो भी इसी शहर मे..जहाँ आप रहते हो...
मैं- वाह..सच मे..तुम यही हो..पर कैसे...???
पायल- वो सब तभी बताउन्गी जब आप मिलोगे...
मैं- ओके..तो कब मिलूं..ऑर कहाँ...
पायल- वो मैं मेसेज कर दूगी...ओके
मैं- ओके ..पर तुम यहाँ कैसे आ गई..
पायल- सब बताउन्गी ..मिलो तो सही..ऑर मुझे आपसे काम भी है...
मैं - कैसा काम ...???
पायल - सब कल...आना ज़रूर..
मैं - ओके तो कल मिलते है...पक्का..
पायल- मैं इंतज़ार करूगी...मुउहह..बाइ
मैं- वा मेरी रानी..उम्म्म..बब्यए
इसके बाद मैं कॉल कट कर के आंटी लोगो के पास चला गया....वो लोग अभी भी गप्पो मे बिज़ी थी...
मैं- आंटी...चले अब...???
आंटी- हां..अच्छा अब हम चलते है बाद मे मिलते है…कॉल करना ओके….
कुसुम- ओके..कॉल करती हूँ..घर जाते ही करूगी…चलो…
आंटी- ओके बाइ …बाइ रोशनी बेटा…
रोशनी- बाइ…
कुसुम- बाइ…
जाते हुए कुसुम मुझे घूरती गई और 1 स्माइल भी दे गई...पर मुझे समझ नही आया कि ये किस लिए ऐसा कर रही है...आंटी से पूछना पड़ेगा...
फिर हम सब ने भी बाइ कह दिया और हम आगे बढ़ने लगे…आंटी2 पारूल के साथ आगे थी और मैं आंटी के साथ थोड़ा पीछे चल रहा था…
मैं(धीरे से)-आंटी, ये ऐसे क्यो देख रही थी मुझे…???
आंटी- अरे कुछ नही..बाद मे बात करेगे…अभी चल…
इसके बाद हम कार से घर आ गये…
घर आकर हम सब ने चेंज किया और हॉल मे बैठ गये….आंटी लोगो ने सबको कॉल कर दिया तो थोड़ी देर मे वो सब भी आ गये….
पर साला संजू अभी तक नही आया था…उसके पास तो चाबी भी थी फिर भी…पता नही कहाँ था…आएगा तो पूछता हूँ…
यहाँ मैं संजू के बारे मे सोच रहा था और बाकी के लोग आइस-क्रीम का मज़ा ले रहे थे… पर संजू नही आया….
मैने संजू को कॉल भी किया पर उसने कॉल पिक ही नही किया….अब मुझे टेन्षन भी होने लगी थी…क्योकि संजू मेरा कॉल पिक करता ही है, हमेशा…
थोड़ी देर बाद सब लोग अपने अपने रूम मे निकल गये और आंटी लोग पारूल के साथ डिन्नर बनाने किचन मे चली गई…
पर मैं संजू की टेन्षन मे उसका वेट करते हुए टीवी देखने लगा……
पर मुझे ज़्यादा वेट नही करना पड़ा और संजू आ गया…और इससे पहले मैं उसे कुछ बोलता, उसने मुझे उपर आने का इशारा किया…
मैं भी चुप-चाप संजू के साथ उपर उसके रूम मे आ गया…और गेट बंद करते ही बोला..
मैं- क्या हुआ…और तू था कहाँ..
संजू- भाई रुक तो सही...बताता हूँ...
मैं- हाँ बोल…कहाँ था तू..???
संजू- अरे भाई वो अमर मिल गया था...वो घर ले गया फिर...
मैं- अच्छा…पर साले कॉल किया था तो पिक क्यो नही की…
संजू- ओह..याए सॉरी , वो जब स्कूल गया था तब साइलेंट कर लिया था..इसलिए ..सॉरी याद ही नही रहा…
मैं- ओके…कोई नही , आगे से याद रखा कर…अच्छा स्कूल का काम हो गया…
संजू- हाँ , पर प्रिन्सिपल ने तुम्हे और पारूल को मिलने को कहा है…
मैं- हाँ पता था मुझे...हम चले जाएगे...ऑर ये अमर क्यों ले गया था तुझे…??
संजू- अरे कुछ खास नही...उसके घर न्यू लॅपटॉप आया है..उसी को दिखाने...
मैं-ह्म्म..चल अब चेंज कर ले…मुझे तो टेन्षन हो गई थी…
संजू- भाई सॉरी …और हाँ ये देख मैं तेरे लिए क्या लाया हूँ..
संजू ने अपने स्कूल बॅग से स्कॉच की बॉटल निकाल के दिखाई…
मैं- वाह बेटा…तूने तो मज़ा करा दिया…आज रात को यही पिएगे…पर चिकन होता तो मज़ा आता…
संजू- ये ले भाई चिकन भी है…मैं जानता था कि तुझे चिकन के साथ ही मज़ा आयगा तो मैं पॅक करा लाया…
मैं- मान गये भाई..तूने तो मूड बना दिया…
संजू- भाई तुम्हारा तो बन गया ..पर मेरे मूड का क्या…???
मैं(सोच कर)- ओके..आज रात तुझे कुछ मस्त सीन दिखाता हूँ…
संजू- भाई ब्लू फिल्म नही देखनी…मुझे मोम चाहिए…
मैं- भाई अगर तेरी मोम की लाइव ब्लू फिल्म दिखा दूं तो….???
संजीव(खुश होकर)- क्या बात कर रहा है..तब तो मज़ा ही मज़ा है…
मैं- तो आज रात तू मज़ा करना…
संजू- मतलब तूने मोम को मना लिया…
मैं- ह्म्म..पर बात करनी होगी कि आज रात ही चुदाई करे…
संजू- भाई मना ले ना…आज ही….प्लज़्ज़्ज़
मैं- हाँ भाई...मना लूँगा...पहले ड्रिंक करेगे फिर तेरी मोम को चोदेगे...मतलब मैं चोदुगा और तू देखना...ओके
संजू- हाँ भाई आज दिखा ही दे...फिर मैं भी चोद लूँगा बाद मे...
नॉक-नॉक....
संजू- भाई कौन आ गया..
मैं- मुझे क्या पता ...तू ये सब बॅग मे डाल जल्दी
संजू ने सब आइटम बॅग मे डाला और गेट पर फिर से नॉक हुई..
संजू- देख ना कौन है...
मैं - देखता हूँ..कौन है अंदर आ जाओ
फिर गेट खोल कर अनु अंदर आ गई…
मैं -अनु तू है…बोल , कुछ काम था क्या…
अनु- मुझे पता था आप भूल जाओगे..
मैं- भूल जाउन्गा..क्या..???
अनु- भाई , ट्यूशन का टाइम हो गया…मेरी फ्रेंड्स भी आ गई..और पूनम दी भी पढ़ेगी आज तो…
मैं- ओह हाँ…तू चल मैं अभी आया..
इसके बाद अनु चली गई और मैने संजू को रात का वेट करने को कहा...संजू भी पढ़ाई करने लगा और मैं अनु के रूम मे ट्यूशन पढ़ाने पहुँच गया...
मैं- ह्म्म..तो सब रेडी है...
पूनम- हाँ भाई..आज तो मैं भी पढ़ूंगी..
मैं- क्यो नही दी..बट पहले मुझे इंट्रो तो लेने दो…
अनु- किसका इंट्रो भैया..हमें नही जानते क्या..
मैं- अरे अनु तुम्हारी फ्रेंड्स के तो नाम ही नही पूछ पाया …उनका इंट्रो…
अनु- ओह हाँ..सॉरी भैया..ये है मधु और ये है रूबी..
मधु, पूनम दी के बराबर थी और रूबी अनु के बराबर….
मैं- ओके..तो अब पढ़ाई शुरू करे..
इसके बाद मैं सबको मैथ पढ़ाने लगा….आज भी रक्षा मुझे घूरे जा रही थी पर आँख नही मिलाती थी…बाकी सब भी ठीक थे…पूनम दी भी सिर्फ़ पढ़ाई कर रही थी…पर सबसे ज़्यादा परेशान तो मैं रूबी को देख कर था….
जैसे ही रूबी से मेरी आँखे मिलती तो वो शरमा के स्माइल मार देती और नज़रे झुंका लेती….जैसे कि मैं उसे शादी के लिए देखने आया हूँ…
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