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RE: चूतो का समुंदर
इसके बाद मैने अपना अंगूठा दीपा की गंद मे डाल दिया और झुक कर दीपा की चूत पर लगे चूत रस को जीभ से चाटना सुरू कर दिया...दीपा इस दोहरे हमले से और भी ज़यादा तड़प उठी...
दीपा-ऊहह….आहह...खा जाओ..अहहह...उउउफफफ्फ़
दीपा तड़प रही थी और मैं चूत रस को चाटने लगा….
मैं-सस्रररुउउप्प्प्प…उउउम्म्म्म…..उउउंम्म.....
उूउउमम्मूउउहह….सस्स्रररुउउप्प्प…….सस्स्रररुउउप्प्प..
दीपा-आहह...माआ....ऊउरर..तीएजज्ज़.....
......म्माईिईन्न्न...आऐईइ...आहहह
मैं-सस्रररुउउप्प्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…..सस्स्स्रररुउउप्प्प्प....
उउउम्म्म्मम….सस्स्रररुउउप्प्प……. सस्स्रररुउउप्प्प..सस्स्रररुउउप्प..
दीपा आहें भरती हुई झड़ने लगी और मैने दीपा की चूत से बहता हुआ चूत रस पीना जारी रखा और साथ मे अपने अंगूठे को दीपा की गंद मे घुमाता रहा....
जब दीपा पूरी झड गई और मैने उसका पूरा चूत रस पी लिया तो मैने दीपा की चूत और गंद को छोड़ दिया और खड़ा हो गया....
उसके बाद मैने देर ना करते हुए दीपा की कमर पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और अपने लंड को उसकी चूत मे सेट करके एक धक्का मारा…
दीपा-आअहह….डालो…आहह
मैं-ये ले…बहुत फड़फदा रही थी चुदने को…
और मैने दूसरा तेज धक्का मारा और आधे से ज़्यादा लंड दीपा की चूत मे चला गया....
दीपा-आअहह....ऐसे ही....फाड़ दो....आअहह....बहुत...सताती है...ये...आहह
मैने दीपा की कमर पकड़ कर तीसरा धक्का मारा और पूरा लंड दीपा की चूत मे घुस गया...
दीपा-ऊओह…म्माआ…..आअरररामम्म..ससीए…आअहह
मैं-अब रो मत…साली तुझे ही शोक है चूत फटवाने का…हाअ
दीपा-आअहह…हाअ…डाअल्ल्लूओ…फ्फ़ादद दूओ…आअहह
मैने-तो ये ले…फट गई तेरी…
और मैने दीपा की कमर पकड़ कर उसे चोदना सुरू कर दिया…….
दीपा-आअहह…म्माअरर ग़गाइइ…ऊओ…माआ…आअहह
मैं-मज़ा आया…???
मैने फिर 1 के बाद एक शॉट लगाना सुरू किया बीच मे लंड बाहर करके एक बार मे पूरा अंदर डाल देता था…..
दीपा-आहहह….आअररराम्मा….आआहहह…सस्सीई…
…म्म्म्मा ररर…..फ़फफात…ग्गगाइइइ…म्म्माबआ…आअहह
मैं-ये ले कुतिया…अब फटी तेरी…
और मैं तेज़ी से दीपा की चूत मारने लगा
थोड़ी देर मे ही दीपा की आवाज़ बदल गई…और अब वो मज़े से सिसक रही थी…
दीपा-आअहह,…अहहाअ…आइसे ही…आअहह…ऊउरर…तेजज…एसस्स….ज्जूउर्र…ससीए…आहह
मैं-फाड़ दूं…
दीपा-आअहह….फाड़ दे……पूरा डाल्ल…आहह….हहाअ…अंदड़डार्रर हहा….ज्ज्जूउर्र…सीए…आअहह
मैं-साली...ये ले...और मैने 1 हाथ आगे करके से उसके बूस को पकड़ा और दबाते हुए चूत मारने लगा…..
दीपा-आअहह…हाअ…राअज्जजाअ…आईीससीए..हहिी…फ्फ़ाआद…दीए….
मैने दीपा का बूब छोड़ा और उसे पीठ से दबा कर बेड पर पूरा झुका दिया…दीपा का सिर बेड पर था और मैने एक पैर को बेड पर रखा और तेज़ी से दीपा की चुदाई चालू कर दी….
दीपा-आअहह…आअहह…ऊउरर्र…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मार….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह
मैं-हाँ मेरी रानी तू मज़ा कर…मैं फाड़ता हूँ तेरी….
दीपा-आहहह...ज्ज्जूउर्र ...ससीए.....यईसस्स...यएएसस.स..ऊहह...म्मा....ज्जूउर्र ...ससीए
मैं तेज़ी से दीपा को कुतिया की तरह चोदे जा रहा था और साथ मे उसकी गांद पर थप्पड़ भी मार रहा था...और दीपा मस्त होकर आँखे बंद किए हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी...
मैं इसी तरह थोड़ी देर तक दीपा को चोदता रहा….फिर मुझे लगा कि दीपा कुतिया बनी हुई थकने लगी है तो मैने पोज़िशन चेंज करने का सोचा…
और मैने लंड को बाहर निकाल कर दीपा को बेड पर पलट दिया और अपने साइड खीच लिया...
दीपा-आअहह….आज्ज तो चुदाई मे ज़्यादा ही मज़ा आ रहा है…क्या बात है…
मैं-तेरी चूत ही ऐसी है मेरी रानी …और मैने दीपा की जांघे पकड़ कर लंड को चूत पर सेट किया और डालने लगा…
दीपा-नई चूत मिलने की....ख़्हुउऊस्स्शशहिईीई….आआअहह……
दीपा पूरी बात बोलती इससे पहले ही मैने पूरा लंड एक ही धक्के मे दीपा की चूत मे उतार दिया…
मैं-क्या बोल रही थी…
दीपा-आअहह….नई चूत तुम्हे मिल रही…आहह….और….फट मेरी रही…अहहह
मैं-तुझे भी नया लंड मिलेगा…पर अभी मज़ा कर…वो आता ही होगा…
दीपा-आहह…वो...तो तुमने कहा तो…आअहह…मेरे लिए तो यही बेस्ट ….आहहह..है….
मैं दीपा को थोड़ी देर तक आराम से चोदता रहा और फिर उसकी एक टाँग को हाथ से उठा कर स्पीड तेज करते हुए ज़ोर से चोदने लगा….
दीपा-आअहह…म्म्मासअस्सटत्…ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाईयैयाीइ….जब भी अंदर …आहह.जाता है….मज़ादेता…आहह..है…ऊहह
मैने दीपा दोनो हाथो से पकड़ा और तेज़ी से चोदने लगा…
दीपा—आहह…रर्रााज्जज्जा……आऐईइईसीई,,हिी….क्क्हुउस्स्स…क्करर्र डदीया…आब्ब…मैईन्न..बभी….ख़्ुस्शह..क्करररर द्दुऊऊग़गगीइइ…आहह….ऊौरर्र…त्टीजज……
मैं-इहहाअ….य्ययहहाअ
दीपा-आअहह…ऊओझहह…म्म्मरज़्ज़ाअ…आहह
मैं-य्स्स….तू उस लड़के को भी खुश कर देना….
दीपा-आअहह…बिल्कुल…..आइसाखूस कारूगी…आअहह…कि.मेरा गुलाम हो जायगा…आअहह….
मैं-बहुत खूब….ये ले…
दीपा-आअहह..म्म्मा यन्न्न्न् बभहिी आईयाईयाय,,,आहह
और 20 मिनिट की चुदाई मे दीपा फिर से झड्ने लगी.....
दीपा-आअहह…आह.आ.आह…अमम्मायन्न…आऐईइ…..आ..आह...आऐईयईईईईई
मैं-आअहह….ये ले …
दीपा झड्ने लगी और चुदाई की आवाज़ बदलने लगी
आअहह…..स्शहहह..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प्प…त्ततहुूप्प्प….फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच…
.ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह
ऐसे ही दीपा झड गई और मैने दीपा की चूत से लंड निकाल लिया….
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RE: चूतो का समुंदर
मैं-आअहह…दीपा….आजज्ज…खुश है…
दीपा-आअहह..हाअ.मेरे राजा…आहह…..मज़ा आ गया…
सोनू- आअहह….सच मे भाई….अच्छा माल दिलाया…थॅंक्स….
मैं-तू बस मज़ा कर….तेरी माँ को ऐसे ही चुदवाउन्गा…
सोनू-आअहह...भाई....जियो....जल्दी से दिला दो...
दीपा- आहह..मेरा भी ख्याल....आअहह..रखना....
मैं-हाँ मेरी रानी ...तुझे भी...बस अभी मज़े कर...
मैने दीपा को पीछे कर के अपने उपेर लिटा दिया और उसके बूब्स को मसल्ने लगा.....और मैने सोनू को इशारा किया और अपनी स्पीड तेज करके दीपा को ठोकने लगे.....सोनू भी मेरा इशारा समझ कर फुल स्पीड मे दीपा को चोदने लगा....और दीपा मस्त हो कर आवाज़े निकालने लगी.....
दीपा-आअहह…आअहह…ऊउरर्र…तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा.आ….उूउउफ़फ्फ़…म्म्मा ….फ़फफादद्ड़..दद्दूव…आअहह...उूउउफ़फ्फ़..म्म्माह.....आाऐययईई.....म्म्माआ...आअहह
मैं- और तेज सोनू..फाड़ दे इसकी….
सोनू-ये लो भाई…
दीपा- आअहह…आअहह…ऊउरर्र…
तीएजज,,,,आहह,,,,,,आअन्न्ंदडाा ….ताअक्कक….म्म्मा.आ….उूउउफ़फ्फ़…माआ…म्माईिईन्न्न…आऐईइ…..गाऐइ…..म्म्माई…आआईइ……आअहह…ऊओह
और दीपा ने झड्ना शूरा कर दिया…अब मेरा भी होने वाला था ..और मैने भी झड्ने लगा…..
मैं- मैने भी आया…ये ले….
सोनू- भाई मैं भी गया..आहह
सोनू शायद न्यू चूत के कारण जल्दी झड गया....और मैने दीपा की गंद और सोनू ने दीपा की चूत को अपने –अपने लंड रस से भर दिया...
जब हम झड चुके तो बेड पर ही लेट गये…और रेस्ट करने लगे…
थोड़ी देर बाद सोनू का फ़ोन बजा और उसे देख कर बोला
सोनू-भाई , मोम का काल है, वहाँ मोम अकेली होगी….क्या कहूँ…????
मैं-तू बोल दे कि बस 2 मिनट मे अक आ रहा है…बाकी मे देख लूँगा…
सोनू-पर भाई मेरा क्या..पूछेगी तो...
मैं-तू यहाँ मज़े कर दीपा के साथ , मैं सब देख लुगा…
सोनू-पर भाई मुझे मज़े के साथ मोम की चुदाई भी देखनी है…???
मैं-तू बस मज़े कर…मैं जैसे ही तेरी मोम को मना लनगा तो कॉल करूगा…बस फिर तू आ जाना….और दीपा…तू सोनू को फुल मज़ा दे…..
दीपा- फ़िक्र मत करो…इतना मज़ा दूगी कि बार-बार मेरे पास आयगा…
मैं-अच्छा है..चलो अब मे जाता हूँ…काम बनेगा तब कॉल करूगा…सोनू तू मज़े कर ओके
सोनू-ओके भाई…
इसके बाद मैं दीपा और सोनू को मस्ती करने का बोल कर अपने रूम मे आने लगा....
जैसे ही मैं रूम मे एंटर हुआ तो सुषमा मुझे देख कर घबरा गई…वो खुश भी थी और डरी हुई भी….
सुषमा बिना कुछ बोले बस मुझे देखे जा रही थी…जैसे कह रही हो कि तुम अकेले क्यो आए…???...मेरा बेटा कहाँ है…और यहाँ क्यो बुलाया मुझे…???
मैं सुषमा की हालत देख कर मुस्कुरा दिया और फिर मैने गेट को अंदर से लॉक किया और सुषमा के पास पहुचा…..
सुषमा गेट लॉक करने पर ज़्यादा ही डर गई पर बोली कुछ नही…और जैसे ही मैं उसके पास पहुचा तो डर के मारे उसके पसीने छूटने लगे और होंठ काँपने से लगे….
मैं सुषमा की हालत बखूबी समझ रहा था…कोई भी औरत इस सिचुयेशन मे होती तो वो भी घबराई हुई होती….
सिचुयेशन ही ऐसी थी कि , एक तरफ उसका सगा बेटा उसे उस इंसान के रूम मे लाता है जिसके साथ उसने चुदाई की है और आगे भी चुदाई करना चाहती है और फिर उसका बेटा उसे अकेला छोड़ देता है उसी इंसान के साथ जिसके साथ वह औरत चुदाई करने को तड़पति है…और वो भी तब जब रूम अंदर से बंद हो…तो कौन नही घबडाएगा…..
मैने सुषमा को नौरमल करने के लिए बात करना सुरू किया…
मैं-हेलो सुषमा….क्या हुआ…डरो मत…रिलॅक्स…
सुषमा-त्त..तुम यहाँ अकेले ….क्यो…???
मैं-अरे तुम डरो मत मैं सब बताता हूँ…पहले तुम आराम से बैठो और ये पसीना पोछ लो…
सुषमा- मेरा बेटा…कहाँ…???
मैं(बीच मे ही बोल पड़ा)- वो आ रहा है…
सुषमा बेटे के आने का सुनकर थोड़ा नौरमल हुई और अपना पसीना पोछ कर बोली
सुषमा-तुमने मेरे बेटे को मुझे लाने को क्यों कहा…???
मैं- बस कुछ बातें करनी थी और क्या…
सुषमा-वो तो बोल रहा था कि कोई बिज़्नेस की बात है…
मैं-अरे हाँ…एक डील हुई है हमारी ,…बस उसी की बात करनी थी…
सुषमा-डील…???, कैसी डील…???..और इस डील के बारे मे मेरे पति को पता ना चले , ऐसा क्यों कहा..???
मैं-सुषमा तुम बैठ जाओ पहले,….मैं सब कुछ बताता हूँ…सब क्लियर…ओके
सुषमा- तुमने गेट लॉक क्यो किया…मेरा बेटा क्या सोचेगा…???
मैं-वो कुछ नही सोचेगा…तुम पहले बैठो…मैने कहा ना कि सब बताता हूँ…
सुषमा-नही पहले मुझे बताओ…
मैने सोचा कि सुषमा अभी भी डरी हुई है और मेरी बात नही सुनेगी तो मैने सुषमा को पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया...सुषमा बैठने के बाद और भी ज़यादा डरने लगी.....
सुषमा(घबराते हुए)- ये क्या कर रहे हो....तुमने आख़िर यहाँ बुलाया क्यो है....???
मैं-तुम डरो मत....मैं बताता हूँ....
सुषमा(नौरमल होते हुए)- ओके...अब बताओ...जल्दी
मैं-देखो सुषमा…तुम्हे शायद सुनकर अच्छा ना लगे..पर यहाँ तुम्हे चोदने के लिए ही बुलाया है मैने…
सुषमा(खड़ी होकर)-क्या…??? ….पागल हो क्या…
मैं-क्यो…क्या तुम मुझसे चुदना नही चाहती..????
सुषमा-हाँ..पर..मेरा बेटा…???...तुम पागल हो गये हो
मैं-नही, मैं ठीक कह रहा हूँ…इसी लिए बुलाया है मैने…
सुषमा-अच्छा और मेरा बेटा मुझे चुदवाने ले आया...*????
मैं-हाँ
सुषमा - बकवास बंद करो....
मैं- बकवास नही....सच बोल रहा हूँ
सुषमा-तुमने ऐसा कौन सा बहाना बनाया कि वो मुझे अकेला छोड़ गया...
मैं-कोई बहाना नही बस तुम्हारे बेटे के साथ डील की है
सुषमा(इरिटेड होकर ) -कैसी डील…???
मैं-डील ऐसी है कि वो तुम्हे मेरे पास लायगा और बदले मे मैं उसे 1 माल दूँगा…
सुषमा - माल...कैसा माल...???
मैं- माल मतलब लड़की....
सुषमा( आँखे दिखाते हुए)- और ये लड़की किस लिए दोगे...???
मैं - चोदने के लिए...
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RE: चूतो का समुंदर
सुषमा के बूब्स मैं बुरी तरह मसल रहा था …उसे दर्द भी हो रहा होगा पर वो कुछ बोल नही पा रही थी क्योकि मैने उसके होंठो को अपने होंठो मे भरे हुए था….
थोड़ी देर तक उसके बूब्स को ब्लाउस के उपर से मसलते हुए मैने होठ चूस्ता रहा और फिर मैने सुषमा के होंठ छोड़ दिए…
सुषमा-आहह…इतनी ज़ौर से…आअहह….मार ही डाला..
मैने सुषमा की गंद पर थप्पड़ मारा और कहा…
मैं-चुप कर …आज मैं तुझे रंडी की तरह चोदुन्गा...
सुषमा-आहह...चोदो ना ...मना किसने किया...पर कपड़े तो निकाल लो..
मैं-हां क्यो नही…कपड़े खराब हो गये तो पकड़ी जाओगी…..
सुषमा जब तक कपड़े निकालने लगी , उसी टाइम मैने सोनू को मस्सेज कर दिया कि काम बन जायगा…जब मैं मिस कॉल करू तो आ जाना , गेट ओपन रहेगा….
और मैने जाकर अपने रूम का गेट अनलॉक कर दिया….सुषमा का ध्यान कपड़े निकालने मे था तो वो ये देख नही पाई…और मैं अपना काम करके सोफे पर बैठ गया...और सुषमा को देखने लगा.....
सुषमा अपनी साड़ी और पेटिकोट निकाल कर खड़ी हो गई….अब उसने सिर्फ़ क्रीम कलर की स्टाइलिश ब्रा-पैंटी पहनी हुई थी…..सच मे इस रूप मे देख कर तो मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा…जो अभी-2 दीपा की गंद मे झड के आया था….
सुषमा- क्या हुआ..ऐसे क्या देख रहे हो…???
मैं-देख रहा हूँ कि ऐसा माल मेरे सामने खड़ा है….आइ एम लकी..
सुषमा- लकी तो मैं हूँ…जो मुझे तुम मिल गये…नही तो सारी उमर मैं दमदार चुदाई के लिए तरसती रहती….
मैं-ह्म्म्म …तो आओ फिर हम दोनो लकी हो जाए….
इसके बाद सुषमा मेरी गोद मे आ कर बैठ गई और हम दोनो किस करने मे डूब गये….
आज सुषमा पूरी तसल्ली से मेरे होंठो का रस पान कर रही थी…आज उसे ना ही टाइम की कमी थी और ना ही किसी का डर….
मैं भी सुषमा को भरपूर मज़े से चूस रहा था….और साथ मे उसके बड़े-बड़े बूब्स को ब्रा के उपर से ही मसल रहा था…..
थोड़ी देर तक होंठ चुसाइ और बूब्स मसलाई के बाद हम दोनो अलग हुए और साँसे भरते हुए अपने आपको नौरमल करने लगे…
हम ने आज काफ़ी जोश के साथ होठ चूसे थे…..फिर नौरमल हो कर मैं बोला…
मैं-आज तो तुम बहुत जोश मे हो, क्या बात है….
सुषमा- बात कुछ नही , बस आज दिल से मस्ती करना चाहती हूँ…
मैं-अच्छा, ऐसा तो नही कि बेटे के बारे मे सोच कर जोश बढ़ गया है...
सुषमा- नही ऐसा कुछ नही…और हो भी सकता है…आज डर नही है….उस दिन की तरह बस…और टाइम भी है…
मैं-ओके…तो फिर ऐसे ही जोश के साथ चुदाई के मज़े लो….
सुषमा- हाँ बिल्कुल…अब देखो कितना मज़ा करती हूँ मैं…
मैं-ओह अच्छा…तो आओ शुरू हो जाओ….
इसके बाद सुषमा ने मुझे फिर से किस करना सुरू किया....
थोड़ी देर प्यार से किस करने के बाद सुषमा ने मेरी गोद मे बैठ कर मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मुझे उपर से नंगा कर दिया…और सुषमा ने मेरी बॉडी पर किस की बौछार कर दी….
सुषमा ने मेरे होंठ,,,गले,,सीने…पेट…पर किस करना सुरू कर दिया और फिर पूरे जोश के साथ मेरे सीने को चाटने लगी….और मैने सुषमा के आधे नंगे बूब्स को सहलाना सुरू किया….
सुषमा अपनी जीभ को मेरे सीने पर फिरा रही थी और साथ मे किस भी कर रही थी और मैं मस्ती मे आहें भर रहा था…और सुषमा के बूब्स सहला रहा था……
थोड़ी देर मुझे चाटने के बाद सुषमा ने मेरी पेंट के उपर से मेरे लंड को सहलाना सुरू किया और साथ मे मेरे मुझे किस करने लगी….
पिछले काफ़ी टाइम से सुषमा पूरे जोश के साथ मुझे चूम और चाट रही थी और मेरा लंड मसलने के बाद तो मेरा लंड पूरा अकड़ गया ….साथ मे टॅबलेट का असर भी था….
मैं- आप क्या चूमती ही रहोगी…इसको भी प्यार की ज़रूरत है..(और मैने लंड की तरफ इशारा किया..)
सुषमा-ह्म्म..इसे तो आज बहुत प्यार करूगी …..
और इतना कहा कर सुषमा मेरी गोद से उतर कर सोफे के नीचे खड़ी हो गई और मुझे लिटा कर मेरी पेंट और अडरवर को नीचे कर दिया…..जिससे मेरा कड़क लंड सुषमा की आँखो के सामने आ गया…
सुषमा-आहह….इसने ही मुझे रंडी बना दिया…
मैं-हां…अब इसे प्यार करो…ताकि ये रंडी की गांद फाड़ सके…
सुषमा…अभी करती हूँ,,,इसे तो जिंदगी भर प्यार करूगी….
और फिर सुषमा ने झुक कर मेरे सुपाडे को मूह मे भर के चूसा और थोड़ी देर मे ही लंड को आधा मूह मे भर के मूह को आगे पीछे करने लगी….
सुषमा—उउम्म्म्म..सस्स्रर्र्ररुउपप…उउउंम्म…सस्रररुउपप
मैं-आहह…ऐसे ही ….जाउर से…..आअहह….
सुषमा-उउउम्म्म्मम…..हमम्म..सस्स्रर्र्रप्प्प्प…सस्स्ररुउपप
मैं-अहहाअ…मेरी रानी .अंदर तक..हाँ ऐसे ही…लगी रहो
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RE: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद सुषमा ने लंड को पूरा खड़ा कर दिया और मैने लंड को मूह से निकाल कर उसे रोक दिया तो वो बोली..
सुषमा-आअहह…मज़ा आ रहा था…..मस्त लंड है तुम्हारा….मन ही नही करता मूह से निकालने को….
मैं-ऐसा क्या, तो चूस डालो…जब तक मन करे….
इसके बाद सुषमा फिर से मेरे लंड को मूह मे भरके चूसने लगी….और मैं आहें भरने लगा….
सुषमा लंड चुसाइ भी पूरे जोश के साथ कर रही थी…पूरे लंड को अपने गले मे ले जाते हुए अंदर बाहर कर रही थी….और मेरा लंड पूरा कड़क हो कर फटा जा रहा था…..
आख़िरकार थोड़ी देर मे सुषमा ने लंड को मूह से निकाला और साँसे लेने लगी…तभी अचानक मे फ़ोन बजने लगा…और हम दोनो चौंक गये....
मैं(मन मे)- अब किसका कॉल आ गया....सोनू का ही होगा....पर वो इतनी जल्दी फ्री हो गया...*????....नही-नही….शायद आंटी का होगा….कही वो रूम मे तो नही आने वाली…ऐसा हुआ तो रोकना पड़ेगा…
और मैं अपने मन मे अंदाज़ा लगाते हुए बेड पर पड़े अपने फ़ोन को उठाने चला गया…
जैसे ही मैने कॉल देखा तो पता चला कि ये आंटी का ही कॉल है….मैने कॉल पिक की….
( कॉल पर)
मैं-हाँ आंटी …बोलो
आंटी- क्या हो रहा है…
मैं- बस काम चालू है…आप कहाँ हो…???
आंटी-अच्छा...तो चूत फाड़ने लगा..
मैं-हाँ आंटी…अब आप मत आना अभी..
आंटी- ओके..ओके…मैं वैसे भी कामिनी के साथ हूँ…कुछ काम मे बिज़ी हूँ…
मैं-ओके…तो कॉल कैसे किया…???
आंटी- बस ये बताने कि हम कल भी नही जा रहे …परसो जाएगे..
मैं-क्या…आपने कैसे किया …
आंटी- अरे मैने नही…वो कामिनी ने तेरे अंकल को मना लिया…बोल दिया कि कल हम गाओं घूमने जायगे और परसो घर वापस आएगे…
मैं-ओह ग्रेट…अब तो कल भी मस्ती होगी…
आंटी- और नही तो क्या…चल कल की कल देखना..अभी तू मस्ती कर , मैं बाद मे आती हूँ ओके
मैं-ओके आंटी,,,,बाइ
आंटी- बाइ…
जैसे ही मैं कॉल कट करके वापिस आया तो साथ मे मोबाइल भी ले आया….क्योकि मुझे पता था कि सोनू को बुलाना पड़ेगा…
मैने सुषमा को देखा की सुषमा डरी हुई नज़रो से मुझे देख रही है...और फिर सुषमा बोली…
सुषमा-कौन आ रहा है….
मैं- कोई नही , वो आंटी थी...बोली की बिज़ी हूँ..बाद मे आउन्गी
सुषमा- फिर क्या करेगे…???
मैं-डॉन’ट वॉर्री , वो अपने रूम मे आयगी..मेरे नही ओके
सुषमा- ओह..फिर ठीक है…
मैं-तू टेन्षन छोड़ और मज़े कर…
सुषमा- मैं तो कर ही रही थी, तुम्हारी आंटी की कॉल ने बिगाड़ दी मस्ती…
मैं- हाँ ये तो है…चलो फिर से सुरू करते है…अपने पास टाइम ही टाइम है…
और उसके बाद सुषमा मेरे पास आई और किस करने लगी…मैने भी सुषमा को किस करते हुए अपने पेंट को निकालने लगा..जो मेरे पैरो मे फसा था…
जैसे ही मैं पूरा नंगा हुआ तो मैं ज़मीन पर बैठ गया और सुषमा की पैंटी को नीचे करके उसकी गंद पर किस करते हुए चाटने लगा……
थोड़ी देर बाद मैने शुषमा को बोला कि….
मैं- सुषमा जान…ज़रा अपनी गंद को खोल के तो दिखाओ…
सुषमा- अभी लो…और सुषमा ने अपने हाथ से गंद को एक तरफ खींचा तो उसका छेद मेरी आँखों के सामने आ गया….
क्या मस्त सीन था…सुषमा की गंद का छेद देख कर ही लग रहा था कि गंद बहुत टाइट है….बिल्कुल छोटा सा भूरा छेद दिखाई दे रहा था….
मैने देर ना करते हुए सुषमा की गंद के छेद पर जीभ फिरानी सुरू कर दी...
सुषमा- आहह...मज़ा आ गया...मारा डाला..माआ..
मैं-सस्स्रररुउपप..आहह..सस्स्ररुउउप्प..आअहह
सुषमा- उूउउइइ..म्म्मारआ...प्प्पागगाल्ल्ल..कर दोगे..आहह
मैने थोड़ी देर ऐसे ही प्यार से सुषमा की गंद ने जीभ फिराता रहा और फिर मैने जीभ को नुकीला करके...गंद मे डाल दी...
सुषमा- ओह्ह्ह..ऊहह...म्मा...आअहह....ये..क्या...ल्कियाअ...
मैं-उम्म्म..उउंम्म..
सुषमा- आहह..मा....म्मार्र..गाऐइए...ऊहह...ओह्ह...उउफ़फ्फ़..म्माररर..ददडिईयया....
ऐसे ही सुषमा मस्ती मे तड़पति रही और मैं जीभ से उसकी गंद मारता रहा...
सुषमा ने भी अपनी गंद मरवाते हुए अपने हाथ से अपनी चूत मसलना चालू किया और कुछ देर बाद वो झड्ने लगी...
सुषमा- आहह...माआ...आआईयइ...ऊहह..येस...येस्स...आहह...उउफफफ्फ़...म्माआ
और सुषमा तेज़ी से झड्ने लगी पर मैने उसकी गंद को जीभ से मारना चालू रखा....
थोड़ी देर बाद जब मैने जीभ को रोक लिया तो चूत रस को चाटने लगा..और जब चूत को चाटना बंद किया तो सुषमा मस्ती मे सोफे पर उल्टा टिक कर आधी लेट गई....
मैं खड़ा हो कर सुषमा से बोला…
मैं-मज़ा आया मेरी जान…
सुषमा- आहह..मेरे राजा…इतना मज़ा तो मैने सोचा भी नही था…तुम तो पागल कर दोगे….
मैं-अरे पागल नही करना…बस मज़े करवाना है…अब आजा ये तैयार कर …
सुषमा मेरा मतलब समझ गई और बैठ कर मेरा लंड मूह मे भर के चूसने लगी…थोड़ी देर की लंड चुसाइ से ही मेरा लंड पूरा तैयार हो गया और मैने सुषमा को रोक दिया.…....
अब चुसाइ का काम ख़त्म और चुदाई का प्रोग्राम सुरू.......
मैं-अब आजा मेरी जान …तेरी गांद फाड़ने का टाइम आ गया…
सुषमा- हाँ फाड़ दो..पर पहले मेरी चूत का कुछ करो…बड़ी आग लगी है…
मैं- ठीक है तो चूत भी फाड़ देता हूँ…वैसे भी आज तो टाइम ही टाइम है अपने पास….
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06-05-2017, 02:38 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
फिर मैने सुषमा को सोफे पर ही कुतिया के पोज़ मे किया और पीछे से उसकी चूत पर लंड सेट कर के धक्का मारा….पहले ही धक्के मे मेरा आधे से ज़्यादा लंड सुषमा की चूत मे चला गया….उसकी चूत पूरी गीली जो थी...
सुषमा-आअहह
मैं- आज दर्द तो नही हुआ…
सुषमा- आहह..नही…डाल दो…
मैने दूसरा धक्का मारा और लंड पूरा सुषमा की चूत मे घुस गया…
सुषमा-आहह...आअहह...मज़ा...आ...गाआयय्याअ..फ़फफाद...दूओ...
मैं-ऐसा क्या...तो अभी फाड़ता हूँ....
और मैने सुषमा की कमर पकड़ कर तेज़ी से चोदना सुरू कर दिया…और सुषमा मस्त होकर आवाज़े निकालने लगी….
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह….ज्जूउर्र…सीए…ऊहह..एस्स..
मैं-यस….बेबी…ये ले….….
मैने सुषमा को तेज़ी से चोदने लगा और मेरी जांघे सुषमा की गंद पर थाप मारने लगी और रूम मे चुदाई का संगीत बजने लगा….
सुषमा-आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी..आहहह…....
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…यस…ओह्ह..ओह्ह..उफ़फ्फ़…एम्मॅयाया..आअहह…ओह्ह
मैं-एस बेबी…टेक इट…ये ले…….य्ाआ
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी…...
आअहह..अहहह….ऊहह….फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..
आहह..येस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
मैं सुषमा को कुतिया बना कर 6-7 मिनिट से चोद रहा था… तभी मेरे फ़ोन मे मेसेज आया….
( मैने फ़ोन साइलेंट कर दिया था ,ताकि डिस्टर्ब ना हो... मुझे लाइट से पता चला कि मेसेज आ गया…)
मैं सुषमा को चोद्ते हुए मेसेज पढ़ने लगा..और सुषमा अपनी कमर को पीछे कर के चुदाई का मज़ा लेती रही…
ये मेस्सेज सोनू का था कि… ,कब आउ…दीपा की चुदाई हो गई और वो थक कर सो चुकी है…
मैने मेसेज कर दिया कि 1 मिनट रुक ..जैसे ही मैं मिस कॉल दूं तो सीधा रूम मे आ जाना…
सुषमा- क्या हुआ…थक गये क्या…
मैं- नही मेरी जान….बस आराम से मज़े ले रहा हूँ….
सुषमा- अच्छा...जैसे चाहे मज़े लो..बस चोदते रहो....
मैं(मन मे)- अब सोनू को कैसे एंटर करवाऊ रूम मे, ताकि सुषमा देख ना पाए....हाँ..आइडिया...
फिर मैने सुषमा की चूत से लंड निकाला और बोला….
मैं-चल आजा अब सवारी कर ले मेरे लंड की…
सुषमा—अह्ह्ह्ह…इसकी सवारी तो नसीब वाली ही कर पाती है…और मैं तो सारी जिंदगी इसकी सवारी करूगी…
मैं-तो आजा फिर…
इसके बाद मैं सोफे पर बैठ गया और सुषमा मेरी जाँघो के दोनो तरफ अपने पैर रख कर अपनी चूत मे मेरा लंड सेट करने लगी…और धीरे-धीरे लंड को चूत मे ले गई…और फिर अपने पैरो को मोड़ कर मेरे लंड पर उछलने लगी….
सुषमा- आहह..आहह…ईीस्स…ईीस्स..
मैं- ज़ोर से…बेबी…और तेज…
सुषमा- आअहह..येस..येस्स..आहह.. ऊओह..आहह…आअहह
सुषमा तेज़ी से मेरे लंड पर उछल कर चुदवा रही थी और मैने सुषमा के बूब्स पकड़ कर उसे अपने उपर डाल दिया…और सोनू को मिस्कल्ल कर दी…
अब सुषमा की पीठ गेट की तरफ थी और वो मेरे कंधे को चूमते हुए चुद रही थी तो सोनू को नही देख सकती थी…
जैसे ही मिस्कल्ल दी तो सोनू ने आराम से गेट खोला और सामने का नज़ारा देख कर खड़ा हो गया…
सोनू देख रहा था कि कैसे उसकी माँ मेरे लंड को उछाल-उछाल के अपनी चूत मे ले रही है..और साथ ही साथ , सोनू अपनी माँ की मदमस्त गंद देख कर खोने लगा…
मैने बात समझ के सोनू को एक हाथ से इशारा किया कि वो रूम के साइड मे लगे पर्दे के पीछे जाए….
सोनू मेरा इशारा समझ कर पर्दे के पीछे छिप गया…और यहाँ सुषमा भी उछल कर थक गई थी तो उसकी स्पीड कम हो गई थी…..
मैने फिर सुषमा की कमर को पकड़ा और उसे अपने लंड पर उपर नीचे उछल-उछल कर चोदने लगा….
मैं-यस बेबी…जंप….य्ाआ
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी..आहहह....
फफफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..
एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…ययईईसस्स….ऊऊहह
मैं- हाँ..मेरी रंडी…उछल कर ले …अंदर ले..और तीज्ज..
’’सुषमा- आअहह…फाड़ दो….आअहह..उउउफ्फ…,माँ…येस्स..ईीस्स…
मैं थोड़ी देर ऐसे ही सुषमा को उछल कर चोदता रहा और सोनू अपनी माँ की चुदाई देख कर गरम होने लगा….
मैं-यस बेबी यस...
सुषमा-आअहह..उउंम…हहूऊ…आअहह...यईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मैरईयायंन्णणन्,…
.कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …आअहहहह
और सुषमा ने मेरे लंड पर झड़ना सुरू कर दिया..और लंड अंदर लिए हुए ही रुक गई..और मेरे सीने पर पड़ गई…
सुषमा मेरे सीने पर झुकी हुई थी और उसकी पूरी गंद उभार कर सोनू के सामने था..और उसकी चूत मे मेरा लंड डाला हुआ था…और सुषमा का पानी मेरी जाँघो से होते हुए सोफे पर जा रहा था….
इस नज़ारे को देख कर सोनू इतना गरम हुआ कि उसने अपना लंड हाथ मे लेकर सहलाना सुरू कर दिया…
मैने आँखो से इशारा करके सोनू से पूछा कि मज़ा आया…तो सोनू ने भी इशारे से कहा कि मस्त भाई और चोदो…..
मैने कहा..... वेट आंड वॉच......
थोड़ी देर मे सुषमा नौरमल हुई और मेरे होंठो को चूसने लगी…मेरा लंड अभी भी उसकी चूत मे ही था…
सुषमा- आहह…मज़ा आ गया…तुम सच मे मस्त चुदाई करते हो….
मैं-अभी तो और भी मज़ा करना है मेरी जान…
सुषमा- तो मना किस ने किया करो ना…..
मैने सुषमा को किस किया और उसे वैसे ही गोद मे लिए हुए पलटा के नीचे कर दिया…
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