कोमल का डिल्डो
06-02-2017, 04:59 PM,
#1
कोमल का डिल्डो
आज मेरे पास कोई काम नहीं था. मैं यूँ ही साथ वाले घर में अपनी सहेली कोमल से मिलने चली गयी. मेरी इस कहानी की नायिका कोमल है. उसकी शादी हुए लगभग ५ महीने हो गए थे. वहां हम सभी ने यानि कोमल, उसके पति रमेश और मैंने सुबह का नाश्ता किया. बातों बातों में कोमल ने बताया कि रमेश ३ दिनों के लिए दिल्ली जा रहा है. उसने मुझे तीन दिनों के लिए अपने यहाँ रुकने के लिए कहा. मैंने उसे अपनी स्वीकृति दे दी.

शाम को ८ .३० पर रमेश की गाड़ी थी. हम दोनों रमेश को स्टेशन पर छोड़ कर ९ .३० तक घर लौट आयी. हमने घर आकर अपने रात को सोने के कपड़े पहने. और बिस्तर ठीक करने लगे. फिर हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गए. कोमल मुझे अपनी शादी के बाद के उन दिनों के किस्से सुनाती रही. उन दोनों ने कैसे अपनी सुहाग रात मनाई और .... उसके बाद की बातें भी बताई. मैं बड़े शौक से ये सब सुनती रही और रोमांचित होती रही. वो ये सब बताते हुए उत्तेजित भी गयी. मुझे इन सारी बातों का कोई अनुभव नहीं था. पर मान में ये सब सुन कर मुझे लगा की इसका अनुभव कितना सुखद होगा. ये सोचते सोचते मैं जाने कब सो गयी.

मेरी नींद रात को अचानक खुल गयी. मुझे लगा कि मेरे बदन पर कोमल के हाथ स्पर्श कर रहे थे. मैं उसके हटाने ही वाली थी कि मुझे लगा कि इसमे आनंद आ रहा है. मैं जान कर के चुपचाप लेटी रही. मैं रात को सोते समय पेंटी और ब्रा नहीं पहनती हूँ. इसलिए उसका हाथ जैसे मेरे नंगे बदन को सहला रहा था. उसका हाथ कपडों के ऊपर से ही मेरी चुन्चियों पर आ गया और हलके हाथों से वो सहलाने लगी. मुझे सिरहन सी उठने लगी. फिर उसका हाथ मेरी चूत की तरफ़ बढने लगा. मैंने अपनी टांगे थोड़ी सी और चौड़ी कर दी. अब उसके हाथ मेरी चूत पर फिसलने लगे. मैं आनंद से काम्पने लगी. उसने धीरे से उठ कर मेरे होटों का चुम्बन ले लिया. उसका हाथ मेरी चूत को सहला रहे थे.

मैं कब तक सहती ....मेरे बदन के रोगंटे खड़े होने लगे थे. उसने मेरी चूत को हौले हौले से दबानी चालू कर दी ..... आखिर मेरे मुंह से सिसकारी निकल ही पड़ी.

कोमल को मालूम पड़ गया की मेरी नींद खुल गयी है, लेकिन मेरे चुप रहने से उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने मेरा टॉप ऊपर करके मेरे उरोज दबाने चालू कर दिए. मेरे मुंह से सिसकी निकल पड़ी -"कोमल .... क्या कर रही है ...... सो जा न ..."

"नहीं नेहा ..... मुझे तो रोज़ ही चुदवाने की आदत हो गयी है ... करने दे मुझे ..प्लीज़ ."

मेरा मन तो कर रहा था कि वो मुझे खूब दबाये. ये सुन कर मैं भी उसे अपनी तरफ़ खीचने लगी - "कोमल ..... मुझे पहले ऐसा किसी ने नहीं किया ...... अच्छा लग रहा है ..."

"हाँ ... स्वर्ग जैसा आनंद आता है .... नेहा तू भी कुछ कर ना ..."

मैं भी उस से लिपट गयी. उसकी चुंचियां दबाने लगी. उसके होंट अब मेरे होंट से जुड़ गए. वो मेरे निचले होंट को चूस रही थी और काट भी लेती थी. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी. एक अलग सा आनंद मन में भरने लगा था. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी. उसने मेरा टॉप उतार दिया, फिर मेरा ढीला सा पजामा भी उतार दिया. मैं उसे रोकती रही. पर ज्यादा विरोध नही किया. मुझे भी आनंद आने लगा था. मैं भी दूसरे के सामने नंगी होने का रोमांच महसूस करना चाहती थी. कोमल ने अपने कपड़े भी उतार दिए. अब हम दोनों बिल्कुल नंगी हो गयी थी. मेरे मन में हलचल होने लगी थी. मेरे स्तनों की नोकें कड़ी हो गयी थी.

कोमल बिस्तर पर लेट गयी और अपनी टांगें ऊपर कर ली. बोली,"नेहा अपनी दोनों उन्गलियां मेरी चूत में डाल कर मुझे मस्त कर दे..."

मैंने उसकी चूत में पहले एक उंगली डाली तो लगा- इसमें तो दो क्या तीन भी कम हैं।.....मैंने अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में डाल दी और गोल गोल घुमाने लगी। वो सिसकारियां भरती रही। मैंने अपने दूसरे हाथ की एक उंगली उसकी गाण्ड के छेद पर रखी और उसे सहलाने लगी।

वो बोल उठी,"नेहा ! हाय राम ! गाण्ड में घुसा दे ! मज़ा आ जाएगा !"

अब मेरे दोनो हाथ चलने लगे थे। वो बिस्तर पर तड़प रही थी, और मेरा हाल उससे भी खराब था ....

मुझे भी लग रहा था कि मेरे साथ भी वो ऐसा ही करे..

मैं उसके हर अंग को मसल रही थ.. चोद रही थी.... और कोमल मस्ती से सिसकारियां भर रही थी। वो बोली,"बस अब रुक जा .... अब तेरी बारी है ..... लेट जा .... अब मैं तुझे मसलती हूं"
Reply
06-02-2017, 04:59 PM,
#2
RE: कोमल का डिल्डो
कोमल के ऐसे कहने भर से मेरी चूत में पानी भरने लगा .... पहला अनुभव बड़ा रोमांचक होता है।

मुझे बिस्तर पर लिटा कर उसने मेरे स्तनों को मसलना चालू कर...पर उसका मसलने का प्यारा अनुभव था। वो जानती थी कि मज़ा कैसे आता है। उसने सबसे पहले मेरी गाण्ड में थूक लगा कर उसे चिकना किया और अपनी एक उंगली धीरे से घुसा दी..... फ़िर उसने धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया। पहले तो मुझे अजीब सा लगा... पर बाद में मीठा मीठा सा मज़ा आने लगा। अब उसने मेरी गाण्ड में दो उंगलियां घुसा दी थी... और मेरी गाण्ड के छेद को घुमा घुमा कर चोद रही थी। मैंने अपनी आंखें बंद कर ली।

अचानक मुझे लगा कि मेरी गाण्ड के छेद में लण्ड जैसा कुछ घुस गया है। मैंने तुरन्त सर उठा कर देखा... तो कोमल बोली,"लेटी रहो...ये किसी मर्द का लण्ड नहीं है ... यह तो डिल्डो है..."

उसने लण्ड और अन्दर सरका दिया .... मुझे दर्द होने लगा...."कोमल इस से तो दर्द होता है ... निकाल दे इसे..."

" हां हां ..अभी निकालती हूं... पर पहले इसका मज़ा तो ले ले..."

" उसने मेरी गाण्ड के छेद में थोड़ा थूक लगाया, और फ़िर अन्दर बाहर करने लगी। चिकनाहट से मुझे थोड़ा आराम मिला... और धीरे धीरे मज़ा बढने लगा।

"नेहा अपनी चूत का हाल तो देख ...... पानी ही पानी...भीगी पड़ी है ..."

मैं तो मदहोश हो रही थी..... टांगें ऊंची कर रखी थी......"कोमल .. मुझे नहीं पता..... बस करती रह ......"

उसने मेरी गाण्ड से लण्ड निकाल लिया और मेरी चूत से उसे लगा दिया और बाहर से ही ऊपर नीचे घिसने लगी। मैंने कोमल का हाथ पकड़ कर डिल्डो को चूत में घुसा लिया और उछल पड़ी ..."हाय कोमल यह तो बहुत मोटा है....."

"इसी से तो अभी गाण्ड चुदाइ है.... वहां तो झेल लिया ....यहां क्या हो गया...?"

"बहुत भारि लग रहा है...."

"अरे इसे झेल ले... यही तो मज़ा देगा..."

कोमल ने लण्ड अन्दर बाहर करना चलू कर दिया। मैं आनन्द से अपनी कमर उछालने लगी। उसका हाथ तेज़ी से चलने लगा। मैं आनन्द और मस्ती से इधर उधर करवटें बदलती रही... और चुदती रही।

'कोमल ...हाय... तू कितनी अच्छी है रे.... मज़ा आ गया ..... हाय रे जीजू से भी चुदवा दे..... हाय ..."

उसने मेरे होंठों पर उंगली रख दी - "रानी अभी तो चुदा लो... फ़िर देखेंगे तुम्हारे जीजू को भी..."

मैं जाने क्या क्या बोलती रही और सीत्कार भरती रही... मुझे खुद नहीं पता था...... पर अब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूं...."हाय.. हाय... कोमल .... हाय ... मैं गई .... मेरा निकला ....कोमल ..... आऽऽऽऽ ईऽऽऽई ..... मैं गई ... मर गई ... मेरी मांऽऽऽ .... हाय रे…। रे… ये… ये… गई ........"

कहते हुए मैंने कोमल का हाथ पकड़ लिया... और मेरा पानी छूट गया...... और पूरी झड़ गई.....

पर अभी बस कहां.......

कोमल मुझे छोड़ कर बिस्तर पर उल्टी लेट गई .... "नेहा अब तू चालू हो जा....."

वो घोड़ी बन गई..... मैंने डिल्डो उसकी गाण्ड के छेद पर रखा.... और थोड़ा सा जोर लगाया.....

वो तो सरसराता हुआ अन्दर ऐसे गया जैसे कि पहले से ही रास्ता जानता हो......... वो आहें भरने लगी ....

मैं जिस तरह पहले चुदी थी ..... उसी अन्दाज़ में उसे भी चोदती रही...... फ़िर उसकी चूत में डिल्डो डाल कर उसकी मस्ती बढाने लगी .... वो डिल्डो से चुदा कर शान्त हो गई। उसका मन अब भर गया था .... वो सन्तुष्ट हो गई थी ...

पर मैं ..... मुझे बहुत अच्छा लगा था... मैंने कोमल को प्यार किया ....और कोशिश करने लगी कि मुझे नींद आ जाए....
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,538,531 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 548,556 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,248,154 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 943,773 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,675,783 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,099,134 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,982,500 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,160,035 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,071,243 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 288,536 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)