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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
राधा अपने पति का वीर्य किसी दूसरी लड़की की चूत से टपकता हुआ देखकर खुद भी सिसकते हुए अपनी आँखें बंद करके झड़ने लगी। मोहित राधा के झड़ते ही खुद भी उसकी चूत में अपना वीर्य भरने लगा। मोहित का वीर्य राधा की चूत से निकलकर नीचे गिरने लगा। राधा ने जैसे ही आँखें खोली उसकी नजर प्रवीण पर पड़ी... वो राधा की तरफ ही देख रहा था। मैं प्रवीण के ऊपर ही लेटी हुई थी। उसका लण्ड सिकुड़कर मेरी चूत से बाहर आ गया था।
जब मैंने अपनी आँख खोली तो प्रवीण को दूसरी तरफ घूरता हुआ देखकर मैं भी वहीं देखने लगी, और मेरी नजर दूसरी तरफ पड़ते ही मैं हैरान रह गई। मोहित राधा की चूत से अपना लण्ड निकाल रहा था और राधा बिल्कुल नंगी उल्टी लेटी हुई थी।
प्रवीण को यूँ घूरता हुआ देखकर राधा ने अपना सिर झुका दिया।
मैं प्रवीण को गुस्से में देखकर उससे बोली- “क्या देख रहे हो? तुम्हारी पत्नी भी तुम्हारी तरह मजे लूट रही है, अब अगर तुम उसके सामने किसी दूसरी लड़की को चोदोगे तो वो तो बहके ही...” यह कहते हुए मैंने उसके ऊपर से उठते हुए अपना हाथ बढ़ाकर उसके गीले लण्ड को पकड़ लिया और अपने नरम हाथों से सहलाते हुए उसके लण्ड के सुपाड़े पर अपनी जीभ फिराने लगी।
मेरी जाभ का स्पर्श पाते ही प्रवीण सब कुछ भूलकर मेरी चूचियों को सहलाने लगा। मैं उसके सुपाड़े को चाटते हुए उसका पूरा लण्ड अपनी जीभ से साफ करने लगी। प्रवीण के मुँह से सिसकियां निकलने लगी और उसका लण्ड फिर से तनने लगा।
मोहित राधा की चूत से अपना लण्ड निकालकर वहीं पर सीधा लेट गया और अपने साथ राधा को भी लिटा दिया। मोहित राधा के होंठों को चूमते हुए उसके नीचे वाले होंठ को मुँह में लेकर चूसने लगा। राधा भी अपने पति का लण्ड फिर से मेरे मुँह में देखकर गरम हो गई, और अपनी जीभ निकालकर मोहित के मुँह में डाल दी। मोहित उसकी जीभ को जोर-जोर से चाटने लगा।
राधा को जैसे कोई नशा चढ़ गया था वो मोहित के ऊपर चढ़ते हुए उसके पेट पर बैठ गई, और उसके होंठों को चूसते और काटते हुए नीचे होने लगी। राधा के नीचे होते हुए उसकी चूत मोहित के लण्ड पर आ गई। राधा उसके लण्ड पर अपनी चूत को जोर-जोर से रगड़ने लगी। मोहित के लण्ड पर अपनी चूत को रगड़ते हुए राधा के मुँह से जोर की सिसकियां निकलने लगी। राधा ने अपनी एक चूची को मोहित के होंठों पर रख दिया जिसे मोहित अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और राधा हवस में अंधी होकर अपने पति के सामने मोहित के लण्ड पर अपनी चूत रगड़ते हुए अपनी चूचियों को चुसवाने लगी।
मैंने प्रवीण के लण्ड को अपने मुँह में भर लिया था और उसे चूस रही थी। प्रवीण मजे से अपना लण्ड चुसवाते हुए अपनी पत्नी की तरफ देखने लगा। राधा अपनी चूची को मोहित के मुँह से निकालकर नीचे होते होते हुए मोहित के लण्ड को चूमने लगी। राधा मोहित के लण्ड को ऊपर से नीचे तक अपने होंठों से चूमने लगी। मोहित राधा के होंठ अपने लण्ड पर महसूस करके मजे से सिसकने लगा और सिसकते हुए राधा से कहा- “अपनी जीभ निकालकर चाटो। बहुत मजा आयेगा...”
राधा मोहित के लण्ड को चूमते हुए बहुत जोर से हॉफ रही थी। उसने अपनी साँसों को ठीक करते हुए कहा- “यह आपकी गंदगी से भीगा हुआ है मैं इसे कैसे चाट सकती हूँ?”
मोहित ने हँसते हुए राधा से कहा- “वहाँ देखो तुम्हारे पति का रस उसने कैसे चाटकर साफ कर दिया। यह गंदा नहीं होता बल्की बहुत मजेदार होता है। तुम एक बार करके देखो, अगर अच्छा ना लगे तो मत करना...”
राधा ने अपनी जीभ निकाली और मोहित के लण्ड के पास लेजाकर उसके लण्ड पर रखकर थोड़ा सा चाटा और फिर वहाँ से हटा लिया। राधा को मोहित के लण्ड का स्वाद कुछ अजीब सा लगा, मगर वो फिर से अपनी जीभ निकालकर उसका लण्ड चाटने लगी। राधा मोहित के लण्ड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित के मुँह से सिसकियां निकलने लगी और उसका लण्ड तनकर बड़ा होने लगा। मोहित के लण्ड से प्री-कम की एक बूंदें निकलने लगी। राधा ने जैसे ही मोहित के लण्ड के छेद में से प्री-कम की बूंदों को देखा, उसने जल्दी से अपनी जीभ को उसके छेद पर रखकर मोहित के लण्ड से निकलता हुआ प्री-कम चाट लिया और राधा ने तेज साँसें लेते हुए अपना मुँह खोलकर मोहित के लण्ड के सुपाड़े को अपने मुँह में भर लिया।
मोहित अपना लण्ड राधा के गरम मुँह महसूस करके मजे और दर्द से चीख उठा- “ऊह्ह.. आअह्ह्ह... राधा मेरे लण्ड को अपने होंठों से चूसो अपने दांतो को वहाँ से दूर करो...”
राधा मोहित की बात सुनकर उसके लण्ड को अपने होंठों से चूसने लगी।
प्रवीण अपनी पत्नी को यह सब करता हुआ देखकर बहुत गरम हो गया और वो अपना लण्ड मेरे मुँह से । निकालते हुए मुझे खींचकर नीचे सुला दिया। प्रवीण ने मेरी टाँगों को उठाते हुए घुटनों तक मोड़ते हुए मेरे पेट पर रख दी और अपने हाथों से मेरी चूत की फांकों को अलग करते हुए अपना लण्ड मेरी चूत के लाल छेद पर रख दिया। प्रवीण ने एक जोर का धक्का मारकर अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।
धन्नो- “ओईए आअह्ह्ह..” एक ही धक्के में पूरा लण्ड घुसने से मेरे मुँह से चीख निकल गई।
प्रवीण अपनी बीवी को किसी दूसरे लड़के के साथ देखकर पागल हो चुका था। वो अपने लण्ड को पूरा निकालकर फिर से मेरी चूत में घुसा देता। उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर काँप उठता और मैं मजे के नये सागर में डुबकियां लगाने लगती। मुझे इतना मजा आ रहा था की मेरे मुँह से जाने क्या-क्या निकालने लगा।
मैं प्रवीण को गुस्सा दिलाते हुए बोली- “क्या देख रहे हो तुम्हारी पत्नी मोहित का लण्ड चाट रही है, थोड़ी देर में वो तुम्हारी बीवी की चूत में अपना लण्ड डालकर चोदेगा...”
प्रवीण मेरी बात सुनकर बहुत ज्यादा उत्तेजित होते हुए बहुत जोर-जोर से मुझे चोदने लगा। उसके हर एक धक्के के साथ मैं हवा में उड़ने लगी। प्रवीण इतने जोर के धक्के मार रहा की उसका लण्ड मेरी चूत में बच्चेदानी पर ठोकरें मार रहा था।
मैं उसके हर धक्के के साथ चिल्ला-चिल्लाकर उससे कहने लगी- “हाँ प्रवीण ऐसे ही मेरी चूत में धक्के लगाओ... ऊहह... फाड़ डालो मेरी चूत को तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है, मुझे तुम्हारा लण्ड अपनी बच्चेदानी तक महसूस हो। रहा है..."
राधा मेरी बातें सुनकर हैरान हो गई। वो भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी इसीलिए वो मोहित का लण्ड अपने मुँह से निकालते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उसके लण्ड पर बैठ गई। मोहित का पूरा लण्ड राधा की चूत में गायब हो गया। राधा अपने पति को देखते हुए बहुत जोर से मोहित के लण्ड पर उछलने लगी।
मोहित के लण्ड पर उछलते हुए राधा की बड़ी-बड़ी साँवली चूचियां बहुत जोर-जोर ऊपर-नीचे हो रही थी। मोहित अपना हाथ आगे बढ़ाकर राधा की चूचियों को मसलने लगा। राधा बहुत जोर के साथ मोहित के लण्ड पर उछलने लगी। उसकी साँसें फूलने लगी और उसका सारा जिश्म अकड़ने लगा। वो बहुत जोर से हाँफते हुए आअहहह... करते हुए मोहित के लण्ड पर झड़ने लगी। राधा ने झड़ते हुए अपनी आँखें बंद कर ली। मोहित ने राधा को झड़ता हुआ देखकर उसकी कमर में हाथ डालकर नीचे झुका लिया और उसके होंठों को चूमते हुए उसकी चूत में बहुत जोर के धक्के मारने लगा।
मैं भी झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मैंने प्रवीण से कहा- “देखा तुम्हारी बीवी की चूत से पानी निकल गया। अब तुम मेरा पानी निकालो, मुझे जोर-जोर से चोदो, मैं झड़ने वाली हूँ...”
मेरी बात सुनकर प्रवीण मेरी चूत में अपना पूरा लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मेरी साँसें उखड़ने लगी, मेरा पूरा शरीर कांपने लगा और मेरी चूत प्रवीण के लण्ड पर सिकुड़ने लगी। मेरी आँखें बंद हो गई और मैं आअह्ह...ओह्ह... करते हुए मेरी चूत का पानी प्रवीण के लण्ड को भिगोने लगा। मेरी चूत से न जाने कितनी देर तक पानी निकलता रहा और मेरा पूरा शरीर अनोखे मजे के अहसास से काँप रहा था।
कुछ देर बाद मेरी चूत से पानी निकलना खतम हुआ और मैंने नार्मल होते हुए अपनी आँखें खोली। मैं यह देखकर हैरान रह गई की मोहित राधा को उल्टा करके चोद रहा था और उसकी एक उंगली राधा की गाण्ड में थी, और वो उसकी चूत में अपना लण्ड डालकर जोर-जोर से चोद रहा था।
राधा के मुँह से जोर की सिसकियां निकल रही थी। अचानक मोहित ने अपनी उंगली निकालकर राधा की गाण्ड में दो उंगलियां घुसा दी, तो ऊईए... आह्ह्ह... करके राधा छटपटाने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित उसके छटपटाने की परवाह ना करते हुए अपनी दोनों उंगलियां उसकी गाण्ड में डाले हुए उसे चोदने लगा। राधा का छटपटाना कुछ ही देर में बंद हो गया। अब मोहित उसे चोदते हुए अपनी दोनों उंगलियों को भी धीरेधीरे उसकी गाण्ड में फिराने लगा। राधा को भी अब दर्द की बजाए मीठा मजा आने लगा और वो चीखने की बजाए मजे से सिसकने लगी।
प्रवीण अपना लण्ड मेरी चूत से निकालकर सीधा लेटे हुए अपनी पत्नी को देख रहा था। अपनी पत्नी की । सिसकियां सुनकर वो गर्म होने लगा, और मेरा हाथ पकड़ते हुए अपने लण्ड पर रख लिया। मैं अपने हाथ से उसके लण्ड को सहलाने लगी, और मोहित की तरफ देखने लगी।
मोहित अपनी दोनों उंगलियां बहुत जोर से राधा की गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा। राधा अपनी चूत में उसका लण्ड और अपनी गाण्ड में उसकी दो उंगलियां महसूस करके मजे से हवा में उड़ने लगी। उसकी साँसें बहुत जोर से चल रही थी वो झड़ने के बिल्कुल करीब थी।
मैं यह सब देखकर बहुत गर्म हो गई। प्रवीण भी अपनी पत्नी को ऐसे चुदते हुए देखकर बहुत गर्म हो चुका था, और उसका लण्ड तनकर वीर्य की कुछ बूंदें बहा रहा था। मैंने उठकर प्रवीण के लण्ड को अपने मुँह में भर लिया। उसका लण्ड मेरे मुँह में जाते ही फनफनाने लगा और प्रवीण मेरे बालों में हाथ डालकर अपने लण्ड पर दबाने लगा।\
राधा का पूरा शरीर काँपने लगा, मजे से उसकी आँखें बंद हो गई और “आअह्ह्ह..” करते हुए राधा झड़ने लगी।
मोहित राधा को झड़ता हुआ देखकर बहुत जोर के धक्के लगाता हुआ अपनी दोनों उंगलियों को उसकी गाण्ड में चारों और घुमाने लगा। राधा तो झड़ने का मजा ले रही थी, उसे उस वक़्त अपनी गाण्ड की कोई फिकर नहीं थी। मोहित ने अपनी उंगलियों से उसकी गाण्ड को अच्छी तरह से खोलने के बाद अपनी उंगलियों को उसकी गाण्ड से निकालकर अपना लण्ड उसकी चूत से निकालते हुए उसकी गाण्ड पर टिका दिया। राधा कुछ समझ पाती इससे पहले ही मोहित ने अपने लण्ड को एक जोर का धक्का मार दिया।
राधा चीखी- “ऊईए माआ... फट गई मेरी गाण्ड... ऊहह... मेरी गाण्ड में क्यों डाला?" मोहित का आधा लण्ड राधा की गाण्ड को चीरता हुआ अंदर घुस गया और वो दर्द के मारे छटपटाने लगी।
प्रवीण अपनी पत्नी की गाण्ड में लण्ड देखकर हैरान रह गया। उसने आज तक अपनी पत्नी की गाण्ड नहीं मारी थी। उसने मेरे मुँह से अपना लण्ड निकालकर मुझे उल्टा लेटा दिया और इससे पहले की मैं कुछ समझ पाती उसने अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रखते हुए एक करारा धक्का मार दिया।
धन्नो के मुँह से- “ऊह्ह.. आह्ह्ह...” की चीख निकल गई। प्रवीण का आधा लण्ड मेरी गाण्ड में गायब हो चुका था। वैसे तो मैं अपनी गाण्ड कई दफा मरवा चुकी थी, मगर इतने दिनों बाद लण्ड लेने में तकलीफ हो रही थी।
मोहित राधा के छटपटाने की परवाह ना करते हुए अपने आधे लण्ड से ही उसे हल्के धक्कों के साथ चोदने लगा। कुछ ही देर में राधा की चीखें सिसकियों में तब्दील होने लगी। मोहित राधा की गाण्ड में अपना लण्ड अंदर-बाहर करते हुए अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा।
प्रवीण अपने आधे लण्ड से ही मेरी गाण्ड में धक्के लगाने लगा। प्रवीण ने मेरी गाण्ड को चोदते हुए अचानक दो तीन जोर के धक्के मारकर अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसा दिया।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैं- “ऊईई... आअह्हह... तुम्हारा बहुत बड़ा है, मेरी गाण्ड फाड़ दी, निकालो...” यह कहकर मैं छटपटाने लगी। मेरी गाण्ड में बहुत दर्द और जलन हो रही थी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा की किसी ने मेरी गाण्ड में कोई लोहे का बड़ा सरिया डाल दिया हो।
प्रवीण मुझे छटपटाता हुआ देखकर डर गया और अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में डाले हुए ही बिना हिले अपनी पत्नी को देखने लगा।
मोहित अब बहुत तेजी के साथ राधा की गाण्ड में अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था और वो हर धक्के के साथ अपना लण्ड थोड़ा सा और अंदर सरकाने लगा। राधा मोहित के हर धक्के के साथ कांप उठती और उसके मुँह से हल्की चीख निकल जाती। मोहित का लण्ड अभी दो इंच बाहर था, और वो अंदर नहीं घुस रहा था। मोहित ने । अपने लण्ड को थोड़ा सा बाहर खींचकर एक बहुत जोर का धक्का मार दिया, तो मोहित का लण्ड राधा की गाण्ड को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया, और उसकी गाण्ड से खून की कुछ बूंदें निकलने लगी।
राधा- “ओई माँ मर गई... ऊह्ह... तुम्हारा बहुत मोटा और बड़ा है, निकालो मेरी गाण्ड फट गई है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है...”
मोहित अपना पूरा लण्ड राधा की गाण्ड में डाले हुए अपने एक हाथ से उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए बोला- “शांत हो जाओ, पूरा घुस गया है अब तुम्हें दर्द नहीं होगा। तुम्हारे चूतड़ हैं भी इतने मस्त हैम की देखते ही तुम्हारी गाण्ड मारने का मन करता है...”
राधा ने मोहित की बात सुनकर छटपटाना खतम कर दिया और मोहित ने धीरे-धीरे उसकी गाण्ड को चोदना शुरू कर दिया। राधा के मुँह से अभी तक हल्की चीखें निकल रही थीं। कुछ ही देर के बाद राधा के मुँह से चीखों के बजाए सिसकियां निकलने लगी।
मैं राधा की सिसकियां सुनकर गरम हो गई और प्रवीण के लण्ड पर अपने चूतड़ हिलाने लगी। प्रवीण बिल्कुल अनाड़ी था, मेरे चूतड़ों के हिलाने पर वो घबरा गया और पूछने लगा- “तुम्हें दर्द हो रहा क्या?”
मैंने गुस्से से उसे कहा- “अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करो, मुझे दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा है...”
प्रवीण मेरी बात सुनकर अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा। उसका लण्ड मोहित से बड़ा था इसीलिए उसके हर धक्के के साथ मेरे मुँह से चीख निकल जाती। मुझे उसका लण्ड अपनी गाण्ड में से होता हुआ बहुत अंदर तक महसूस हो रहा था, और उसके लण्ड की रगड़ मेरी गाण्ड में से होते हुए अपनी चूत तक महसूस हो रही थी। प्रवीण अब अपना पूरा लण्ड निकालकर मेरी गाण्ड में डाल रहा था और मैं मजे के मारे हवा में उड़ने लगी। प्रवीण के हर धक्के के साथ मैं अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए उससे ताल से ताल मिलाने लगी।
मोहित भी अब राधा की गाण्ड में बहुत जोर के धक्के मार रहा था और वो राधा की गाण्ड को चोदते हुए अपनी उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा। राधा के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी और वो बहुत जोर से हाँफ रही थी। मोहित समझ गया की वो झड़ने वाली है, इसीलिए मोहित उसकी गाण्ड में अपना लण्ड बहुत तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए राधा की चूत के दाने को मसलने लगा।
राधा का जिम मोहित का हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही अकड़ने लगा और वो- “आअह्ह्ह... ओहह...” करते हुए झड़ने लगी।
मोहित ने राधा को झड़ता हुआ देखकर एक उंगली उसकी चूत में डालकर उसकी गाण्ड में बहुत तेजी के साथ धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।
मैं इतनी देर से प्रवीण के लंबे लण्ड से अपनी गाण्ड मरवाते हुए बहुत गरम हो गई थी, मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा और मैंने मजे से आँखें बंद कर ली, और- “आअह्ह्ह ... इस्स्स्स ...” करते हुए मैं झड़ने लगी।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
प्रवीण मेरे मुँह से यह सुनकर बहुत उत्तेजित होते हुए अपने हाथ से मेरी चूत की फांकों को अलग करते हुए अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर रख दिया और मेरी टाँगों को अपने हाथों से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया।
ऊईई.. इस्स्स्स
...” दर्द और मजे के मिले जुले अहसास के साथ मेरे मुँह से एक चीख निकल गई।
प्रवीण का आधा लण्ड मेरी चूत में घुस चुका था। प्रवीण अपने आधे लण्ड को ही मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। मोहित चुपचाप अपना पूरा लण्ड डाले हुए लेटा हुआ था। अपने हाथों से मेरी चूचियों से खेल रहा था।
अपनी गाण्ड और चूत में दो-दो लण्डों की रगड़ के अहसास से मेरा पूरा शरीर मजे और दर्द के अहसास से पशीने में भीग चुका था और मेरी साँसें बहुत तेजी के साथ ऊपर-नीचे हो रही थीं। एक अनोखे मजे के अहसास से मेरा पूरा शरीर काँप रहा था। मेरे पूरे शरीर में चींटियां रेगने लगी और मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा। मुझे आज तक अपनी चुदाई में इतना ज्यादा मजा कभी नहीं आया था, जितना आज आ रहा था। इस अनोखे मजे के अहसास के साथ मेरी आँखें बंद होने लगी और मेरे पूरे शरीर की ताकत मेरी चूत में भर गई।
मेरी चूत में जैसे आग लग चुकी थी- आअह्ह... इस्स्स्स ऊहह...” करते हुए मेरी चूत से पानी की नदियां बहने लगी। मेरी चूत से पानी निकलते वक़्त मुझे अपनी जिंदगी का सबसे अनोखा और बेहतरीन मजा महसूस हो रहा था जैसे मैं किसी स्वर्ग में पहुँच चुकी थी। मेरी चूत से न जाने कितनी देर तक पानी बहता रहा। जितनी देर तक मेरी चूत से पानी निकलता रहा मैं एक नई मजे की दुनियां का सैर करने लगी। जब मैंने अपनी आँखें खोली तो मेरी आँखों में अभी तक उस मजे का खुमार था।
प्रवीण ने अब अपने लण्ड को बहुत जोर से अंदर करते हुए मेरी चूत में पूरा घुसा दिया। मेरी चूत गीली होने की वजह से मुझे कोई खास दर्द नहीं हुआ, और वो अपने पूरे लण्ड के साथ मुझे चोदने लगा। प्रवीण के कुछ धक्कों के बाद उसका लण्ड मेरी चूत में बिल्कुल सेट हो गया। मोहित भी मेरी गाण्ड में अपने लण्ड से हल्के-हल्के धक्के देने लगा, पर उसे धक्के लगाने में तकलीफ हो रही थी। कुछ ही देर में वो दोनों अपने लण्डों को एक साथ अंदर-बाहर करने लगे।
प्रवीण जैसे ही अपने लण्ड को मेरी चूत से बाहर निकलता मोहित अपने लण्ड को मेरी चूत में डाल देता और प्रवीण के लण्ड को अंदर घुसाते ही मोहित अपने लण्ड को बाहर कर देता। मैं उन दोनों के बीच में फिर से मजे के महासागर में डुबकियां लगाने लगी। मेरे मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी।
राधा हम तीनों को देखकर फिर से गर्म हो गई।
8-10 धक्कों के बाद ही मेरा शरीर फिर से अकड़ते हुए झटके खाने लगा और मजे से मेरी आँखें बंद होने लगी, और आअहहह... करते हुए मैं झड़ने लगी। इस बार झड़ते हुए मोहित और प्रवीण बहुत जोर-जोर से मेरे दोनों छेदों में अपने लण्ड अंदर-बाहर करने लगे, जिससे मेरे पूरे शरीर में मजे का अहसास होने लगा। दोनों के बीच में पिसते हुए मुझे बहुत मजा और खुमार चढ़ गया था। कुछ देर बाद जब मैंने आँखें खोली तो वो दोनों अब भी मेरी चुदाई कर रहे थे।
अब दो बार झड़ने के बाद मेरा पूरा शरीर दुख रहा था और मेरे दोनों छेदों में जलन हो रही थी। मैंने मोहित से कहा- “मुझे छोड़ो, मेरे दोनों छेदों में बहुत जोर की जलन हो रही है...”
मोहित ने कहा- “साली अपना काम निकालकर अब कह रही है की मुझे छोड़ो...”
मैंने कहा- “राधा भी तो खड़ी है उस चोदो। बेचारी कब से यूँ ही हमें देख रही है...”
मोहित राधा का नाम सुनकर शांत हो गया और प्रवीण को मेरे ऊपर से उठने को कहा। प्रवीण ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल दिया। उसका लण्ड मेरी चूत के रस से भीगा हुआ था।
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा जिसका किसी को भी खयाल नहीं था, वो जाग रही थी और इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर अपनी चूत में उंगली डालकर दो दफा पानी निकाल चुकी थी। मगर उंगली से उसकी आग ठंडी होने की बजाए और बढ़ गई थी। करुणा अपनी चूत को लण्ड का मजा देना चाहती थी। मगर मोहित और प्रवीण थक कर सो चुके थे। करुणा प्रवीण का लण्ड देखकर बहुत गरम हो चुकी थी और उसे अपनी चूत में जोर की खुजली हो रही थी की तभी दरवाजा खटकने की आवाज आई।
करुणा ने उठकर दरवाजा खोला तो सामने टिकेट चेकर था। करुणा उसे गुस्से से देखते हुए बोली- “क्या चाहिये टिकट तो आप चेक करके गये थे?"
टिकेट चेकर करुणा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोला- “मेमसाहब एक बोगी में आग लग गई थी, जिसे बुझा दिया गया है मगर उस बोगी की सारी सीटें जल गई हैं, इसीलिए वहाँ के सारे पैसेंजर्स को दूसरी बोगियों में शिफ्ट किया है। मगर एक लड़का बच गया है। आप अगर बुरा ना माने तो सुबह तक उसे अपनी बोगी में ठहरने की इजाजत दें...”
करुणा ने कहा- “कौन है वो?”
तभी उस टिकेट चेकर के पीछे से एक हैंडसम लड़का निकलते हुए बोला- “हेलो मेरा नाम मनीष है..." और उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।
करुणा ने उसका कोई जवाब दिए बगैर कहा- “अंदर आ जाओ..."
मनीष अपना बैग उठाता हुआ अंदर आ गया, और टिकेट चेकर वहाँ से चला गया। करुणा ने उसके अंदर आते ही दरवाजा बंद कर लिया, वहाँ पर ऊपर वाली बर्थ पर मोहित और मैं सो रहे थे इसीलिए वो लड़का नीचे वाली एक खाली बर्थ पर बैठ गया और अपना सामान भी वहीं रख दिया।
मनीष ने सामान रखने के बाद करुणा से पूछा- “आपका नाम क्या है?”
करुणा ने गुस्से में कहा- “क्यों कोई काम है?”
मनीष ने फिर से सवाल करते हुए कहा- “आप इतने गुस्से में क्यों हैं? आपने मुझे यहाँ रहने की इजाजत दी। क्या मैं आपका नाम भी नहीं पूछ सकता?”
करुणा ने मनीष की बात सुनकर कुछ ठंडा होते हुए बोली- “मेरा नाम करुणा है...”
मनीष ने करुणा की बात सुनकर कहा- “बहुत प्यारा नाम है। जितनी खूबसूरत आप हैं उतना ही आपका नाम...”
करुणा मनीष की बात सुनकर शर्मा गई (दोस्तों यही एक कमजोरी हर औरत की होती है जरा सी किसी ने तारीफ की नहीं और वो शर्माने लगती हैं और मन ही मन में लड्डू फूटने लगाते हैं) और शर्माते हुए कहा“बैंक्स..."
मनीष ने करुणा से कहा- “आपको बुरा लग रहा हो तो भले सो जाओ। क्या है की मुझे बात करने की बीमारी है। जब तक नींद नहीं आती, जो साथ में होता है उससे बातें करता रहता ह..."
करुणा ने कहा- “नहीं मुझे अभी नींद नहीं आ रही है जब आएगी तो खुद ही सो जाऊँगी..” करुणा ने अचानक उठते हुए मनीष से कहा- “मैं एक मिनट में आती हूँ..” और अपने बैग से एक नाइट सूट निकालते हुए बाथरूम में चली गई।
करुणा बाथरूम में आकर अपने पूरे कपड़े ब्रा और कच्छी के अलावा उतारकर सिर्फ वो नाइट सूट पहन लिया। करुणा का गोरा जिम उस पतले से नाइटगाउन में चमक रहा था, और करुणा ने उस हैंडसम मनीष को अंदर रहने की इजाजत भी अपनी गर्मी उतारने के लिए ही दी थी।
मनीष को करुणा बहुत अच्छी लगी थी। उसने कभी किसी लड़की को चोदा नहीं था बिल्कुल कुँवारा था, मगर अब वो अपने लण्ड से तंग हो चुका था। किसी खूबसूरत लड़की को देखा नहीं और खड़ा हो गया। इसीलिए मनीष ने सोच लिया था की अब वो किसी ना किसी लड़की को चोदकर रहेगा। मगर उसके ख्वाब में भी यह खयाल नहीं था की उसके कुँवारे लण्ड को करुणा जैसी खूबसूरत और कमसिन लड़की मिलेगी। मनीष ने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए थे। उसे अपनी शर्ट उतारकर सोने की आदत थी। मगर यहाँ पर वो अपनी शर्ट उतारने से डर रहा था। थोड़ी देर बाद जब करुणा बाथरूम से निकली तो मनीष के रोंगटे खड़े हो गये। उसका मुँह करुणा को देखकर खुला का खुला रह गया।
करुणा अपनी बर्थ पर आकर बैठ गई और मनीष को अपनी तरफ गौर से देखते हुए मन ही मन में खुश होते हुए बोली- “मुझे नाइट सूट पहनकर सोने की आदत है। अब बातें करते-करते कब आँख लग जाए, इसीलिए मैंने नाइट सूट पहन लिया..."
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
*करुणा और मनीष की चुदाई ट्रेन में
मनीष ने करुणा की बात सुनकर होश में आते हुए कहा- “जी सही है मुझे भी कपड़े उतारकर सोने की आदत है, मगर आपकी वजह से मैं अपनी शर्ट और पैंट नहीं उतार सकता..." यह बात कहते हुए मनीष का लण्ड उसके अंडरवेर में पूरा तनकर ठुमके मार रहा था।
करुणा ने मनीष की बात को सुनने के बाद जानबूझ कर अपनी टाँग को उठाते हुए अपनी दूसरी टाँग पर रख दिया। ऐसा करते वक़्त उसका नाइट सूट थोड़ा ऊपर हो गया। और मनीष को उसकी गोरी चिकनी टाँगों के बीच उसकी छोटी सी कच्छी नजर आ गई। मनीष करुणा की नंगी टाँगों और उसकी टाँगों के बीच छोटी सी कच्छी को देखकर बहुत गर्म हो चुका था।
करुणा ने मनीष से कहा- “आप अपने कपड़े उतार दो, मुझे कोई ऐतराज नहीं है...”
मनीष ने करुणा की बात सुनकर अपनी शर्ट को उतार दिया। मगर अपनी पैंट नहीं उतारी क्योंकी उसका लण्ड पूरी तरह से तना हुआ था। अगर वो पैंट उतार देता तो करुणा को उसके अंडरवेर का उभार साफ नजर आ जाता। मनीष की शर्ट उतरते ही करुणा उसके गोरे हल्के बालों वाले सीने को देखकर सिहर उठी।
करुणा का दिल कर रहा था की अभी अपना नाइट सूट उतारकर मनीष को अपनी बाहों में भर ले, मगर वो ऐसा नहीं कर सकती थी। करुणा ने आराम से लेटे हुए अपनी बाहों को ऊपर उठा लिया और अपनी चूचियों को आगे की तरफ करते हुए अलसाने लगी।
करुणा की चूचियां अलसाने की वजह से बाहर की तरफ निकलकर उसके पतले नाइट सूट से ही उसकी ब्रा में आधी नंगी मनीष को नजर आने लगी। मनीष की हालत खराब होती जा रही थी।
करुणा ने मनीष से कहा- “तुम्हारी बाडी तो बहुत अच्छी है। बाडी बिल्डिंग करते हो क्या?”
मनीष ने हँसते हुए कहा- “मैं बाडी बिल्डिंग नहीं करता, मगर कसरत जरूर करता हूँ अपनी बाडी को फिट रखने के लिए..”
करुणा को एक आइडिया आया। वो जानती थी की उसे पतले नाइट सूट में देखकर मनीष का लण्ड जरूर उठा होगा, इसीलिए उसने मनीष से कहा- “अपनी पैंट उतारो ना... क्यों शर्मा रहे हो यहाँ पर सभी सो रहे हैं...
मनीष करुणा की बात सुनकर हक्का-बक्का रह गया और करुणा से कहने लगा- “नहीं मैं ऐसे ही ठीक हूँ मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है...”
करुणा ने अपनी टाँग को अपनी दूसरी टाँग से उठाते हुए अपनी दोनों टाँगों को थोड़ा सा फैलाते हुए अपना मुँह बनाते हुए कहा- “आप तो कह रहे थे की आपको कपड़े उतारकर सोने की आदत है?”
मनीष की आँखें करुणा की टाँगों के बीच छोटी सी कच्छी पर टिक गई। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
तभी करुणा ने अपनी टाँगों को आपस में मिला दिया और मनीष से कहा- “बोलो ना कहाँ खो गये?”
मनीष को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसे जन्नत से धक्के देकर निकाल दिया हो। वो हड़हबड़ा कर कहने लगाआप नाराज मत हों, मैं अभी उतारता हूँ...” मनीष के हाथ अपनी पैंट का बेल्ट खोलते हुए थरथर काँप रहे थे।
करुणा पूरे मजे लेते हुए उसे देख रही थी। करुणा ने अचानक उठते हुए मनीष के पास जाते हुए कहा- “क्या हुआ बेल्ट नहीं खुल रही क्या?”
मनीष ने जैसे ही अपना चेहरा ऊपर किया करुणा की छोटी-छोटी चूचियां उसके चहरे के बिल्कुल सामने थी, उतने नजदीक से करुणा की चूचियों को देखकर मनीष के मुँह में पानी आ गया और उसने करुणा की चूचियों को देखते हुए कहा- “बेल्ट फँस गई है, खुल नहीं रही है...”
करुणा ने कहा- “छोड़ो, मुझे देखने दो...”
मनीष सीधा होकर बैठ गया और करुणा नीचे झुककर उसकी बेल्ट को खोलने लगी। करुणा के नीचे झुकते ही उसकी चूचियां सीधी मनीष के मुँह के पास आ गई और मनीष तेज सांसें लेता हुआ उसकी छोटी-छोटी चूचियों का क्लीवेज देखने लगा।
करुणा मनीष की साँसों को अपनी चूचियों के करीब महसूस कर रही थी। वो मनीष की बेल्ट को जानबूझ कर धीरे-धीरे खोलने लगी। मनीष की बेल्ट उतरते ही करुणा एकदम ऊपर हो गई और उसकी चूची मनीष के होंठों को रगड़ते हुए गई। मनीष अपने होंठों पर करुणा की चूचियों का स्पर्श और करुणा मनीष के होंठों का स्पर्श अपनी चूचियों पर पड़ते ही दोनों के मुँह से एक साथ “आह्ह..” निकल गई। करुणा के सीधे होते ही मनीष ने भी उठते हुए अपनी पैंट में हाथ डालकर उसे नीचे सरका दिया।
पैंट के नीचे सरकते ही मनीष के अंडरवेर का उभार करुणा के आँखों के सामने आ गया, और करुणा मनीष के अंडरवेर के उभार को देखकर समझ गई के उसका लण्ड तगड़ा है।
करुणा ने मनीष के उभार को कुछ देर तक देखने के बाद उससे पूछा- “यह आपने अंडरवेर में क्या डाल रखा है, जो आगे से इतना उभार बन गया है?”
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