Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:04 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
घर आकर खाना खाया और बेड पर लेट का 2 बजे का वेट करने लगा….नाज़िया का नंबर तो पहले ही सेव था….एक-2 पल एक-2 सेकेंड सदियों जैसा लंबा लगने लगा था… आख़िर कार जैसे ही 2 बजे मैं अपना मोबाइल निकाल कर बैठ गया…..और नाज़िया के कॉल का वेट करने लगा….2:10 बजे नाज़िया की कॉल आई…..

नाज़िया: हेलो….

मैं: हेलो हाँ जी बोलिए…

नाज़िया: आप कॉन बोल रहे है…..

मैं: आपको किससे बात करनी है….

नाज़िया: आप कॉन बोल रहे है….

मैं: मैं फ़ारूक़ बोल रहा हूँ….आप को किससे बात करनी है….

नाज़िया: मैं नाज़िया बोल रही हूँ…पहचाना….

मैं: हां -2 पहचानूँगा कैसे नही….दिल थाम कर आपके ही फोन का वेट कर रहे थे हम तो….

नाज़िया: हाहाहा दिल थाम कर या कुछ और थाम कर….

मैं: जी क्या कहा आपने….?

नाज़िया: हहा कुछ नही…और सूनाओ जी क्या कर रहे हो….?

मैं: कुछ नही अभी खाना खा कर फारिघ् हुआ हूँ…..

नाज़िया: इस वक़्त कोई आस पास तो नही है ना….?

मैं: नही…

नाज़िया: चेक कर लो…कोई घर वाला आसपास ना हो…

मैं: घर मैं कोई होगा तो, चेक करूँगा ना….

नाज़िया: क्यों कहाँ है आपके घर वाले….

मैं: कुछ नही..किसे रिश्तेदार के घर गये हुए है कुछ दिनो के लिए…

नाज़िया: अच्छा जी तो जनाब घर पर अकेले है….

मैं: हां अकेला हूँ….तुम आ जाओ ना…

नाज़िया: मैं …?

मैं: हां क्यों क्या हुआ तुम आ नही सकती….?

नाज़िया: मैं कैसे आउन्गि….

मैं: वैसे तुम्हारी मर्ज़ी है…पैदल चल कर आना है या घोड़ी पर चढ़ कर….

नाज़िया: हाहाहा….मेरा मतलब वो नही था….

मैं: तो फिर क्या मतलब था तुम्हारा…

नाज़िया: कुछ नही छोड़ो वो सब….अच्छा ये बताओ…..तुम्हारी एज कितनी है….

मैं: जी 18 क्यों कोई प्राब्लम है क्या….

नाज़िया: नही प्राब्लम मुझे नही तुम्हे होने चाहिए थी….

मैं: क्यों…
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03-08-2019, 02:04 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
नाज़िया: फ़ारूक़ आख़िर तुमने मुझ मे ऐसा क्या देख लिया जो तुम मेरे पीछे अपनी लाइफ बर्बाद करना चाहते हो….

मैं: देखा तो कुछ नही…पर देखना चाहता हूँ….’’

नाज़िया: (सरगोशी से भरी आवाज़ मैं…) क्या देखना चाहते है जनाब…

मैं: सब कुछ….

नाज़िया: (काँपती हुई आवाज़ में…) क्या सब कुछ….

मैं: बता दूं….

नाज़िया: हां बता दो…

मैं: तुम्हारे दोनो मम्मे…..और तुम्हारी फुद्दि और तुम्हारी बुन्द सब कुछ देखना चाहता हूँ….

नाज़िया: छि कितने बेशर्म हो तुम….तुम्हे शरम नही आती ऐसी बातें करते हुए…

मैं: अच्छा ठीक है….तुम भी हिसाब बराबर कर लेना….

नाज़िया: वो कैसे….

मैं: अपनी बुन्द फुद्दि और मम्मे दिखा के हाहाहा….

नाज़िया: हाहः बड़े चालाक हो तुम….

मैं: अच्छा अब क्या कर रही हो तुम….?

नाज़िया: कुछ नही बाथरूम मे हूँ….

मैं: बाथरूम में फुद्दि मे उंगली तो नही ले रही….हहा….?

नाज़िया: हाहः बेशरम सच मे बड़े गंदे हो तुम….सब के सामने ऐसी बात नही कर सकती थी….इसलिए बाथरूम मे आई हूँ…

मैं: ओह्ह्ह अच्छा मैं तो सोच रहा था….

नाज़िया: हां-2 मुझे पता है जनाब हर वक़्त क्या सोचते है…..

मैं: तो फिर क्या इरादा है….

नाज़िया: किस बारे मैने……

मैं: सब कुछ दिखाने के बारे मैं….

नाज़िया : पता नही फ़ारूक़ मुझे बहुत घबराहट होती है….

मैं: किस लिए…..

नाज़िया: यही कि अगर किसी को हमारे बारे मे पता चल गया तो, और अगर हम दोनो को किसी ने देख लिया तो…..

मैं: कुछ नही होता तुम खमखाँ ही घबरा रही हो…बोलो ना कब मिलोगी,….

नाज़िया: फ़ारूक़ बात टाइम की नही है….बात जगह की है…मेरी नज़र मे कोई ऐसी सेफ जगह नही जहाँ किसी के नज़र हम पर ना पड़े…..

मैं: मेरे पास है एक जगह….

नाज़िया: कहाँ पर….नही रहने दो…मुझे तो सोच कर भी डर लगता है….

मैं: क्या यार तुम मेरे लिए थोड़ा सा टाइम भी नही निकाल सकती…अपने घर वालो से एक दिन का बहाना बना लो….

नाज़िया: बात वो नही है….मेरे शोहार तो, 1 मंथ की ट्रनिंग के लिए लाहोर गये हुए है….

मैं: वाउ तो फिर किस बात का डर है….अच्छा ये बताओ कि तुम्हारे बच्चे है….

नाज़िया: हां है क्यों,….

मैं: क्या करते है….

नाज़िया: एक बेटी है 10थ क्लास मे पढ़ती है….और एक सौतेला बेटा है…वो कॉलेज जाता है…फर्स्ट एअर मे है….

मैं: फिर किसी दिन लीव ले लो….मैं तुम्हारे घर पर आ जाउन्गा….
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03-08-2019, 02:04 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैं: फिर किसी दिन लीव ले लो….मैं तुम्हारे घर पर आ जाउन्गा….

नाज़िया: नही नही….ये गाओं है फ़ारूक़ है सिटी नही कि, किसी को पता नही होता कि किस के घर पर कॉन आया है कॉन नही…..

मैं: तो फिर मेरे पास जगह है वहाँ आ जाओ….

नाज़िया: नही फ़ारूक़ मुझे डर लगता है….मैं बॅंक से लीव भी नही ले सकती… बॅंक की लॅंडलाइन पर रोज मेरे शोहार फोन करते है….उनको क्या जवाब दूँगी के लीव क्यों ली और कहाँ पर हूँ….

मैं: अच्छा देखो मेरे पास एक प्लान है….अगर कहो तो बताऊ….

नाज़िया: हां बताओ….

मैं: हां बताओ….वैसे भी तुमने कॉन सा मानना है….

नाज़िया: फ़ारूक़ प्लीज़ समझा करो..हम औरतों के लिए सब तुम लड़को जैसा आसान नही होता कि, कही भी मुँह उठा कर चल पड़ें….सब कुछ देखना सोचना पड़ता है… अच्छा खैर बताओ तो सही फिर देखते है क्या करना है….

मैं: अच्छा ये बताओ कि तुम बॅंक से कब फारिघ् होती हो….

नाज़िया: 6 बज जाते है बॅंक में….

मैं: अच्छा सुन जिस दिन का भी प्रोग्राम बनाना हो…उस दिन बॅंक से 4 बजे छुट्टी ले लेना…कोई भी बहाना बना देना…

नाज़िया: अच्छा ठीक है फिर….

मैं: फिर बॅंक से निकल कर बस स्टॅंड पर आ जाना….नक़ाब कर लेना….मैं वहाँ से तुम्हे कार मे पिक कर लूँगा….और तुम्हे वहाँ से उसी जगह मैं ले चलूँगा….

नाज़िया: लेकिन वो जगह है कहाँ पर….और किसे ने देख लिया तो, अगर ज़्यादा देर हो गयी तो, मेरा सौतेला बेटा उसको क्या जवाब दूँगी….

मैं: कुछ नही होता…तुम्हारे गाँव के रोड के ठीक सामने जो रोड जाती है…. 

नाज़िया: हां वो जो **** गाओं की तरफ जाती है…

मैं: हां वही उसी रोड पर थोड़ा आगे जाकर राइट साइड को एक कच्चा रास्ता जाता है…. वहाँ कोई आता जाता नही है….वहाँ पर एक मकान है….वो खाली रहता है…हम वही जाएँगे….

नाज़िया: पर फ़ारूक़ मुझे पता नही क्यों डर लग रहा है….

मैं: देखो नाज़िया अब इतना तो रिस्क लेना ही पड़ेगा…आगे तुम्हारी मर्ज़ी… मैं अपना और ज़्यादा टाइम बर्बाद नही कर सकता…

नाज़िया: अच्छा जी तो तुम्हे लगता है कि, अगर मैं तुम्हे वो सब ना दूं जो तुम चाहते हो तो तुम्हारा टाइम बर्बाद हो रहा है….

मैं:हां हो ही रहा है…

नाज़िया: तो इसलिए तुम मेरे करीब आए थे…दिखा दिया ना तुमने कि सब मर्द एक जैसे होते है….

मैं: अच्छा तो क्या मैने तुम्हारे साथ कोई ज़बरदस्ती की थी….

नाज़िया: ओह्ह अब समझी तुम्हे मुझसे प्यार नही तुम तो जिन्सी हवस के शिकार हो….

मैं: हां हूँ मैं जिन्सी हवस का शिकार तुम नही हो….और तुमने क्या प्यार -2 लगा रखा है…..एक बात बताओ….चलो एक बार मान भी लेता हूँ कि, मैं तुमसे प्यार करता हूँ तो क्या तुम सब कुछ छोड़ कर मेरे पास आ जाओगी….. नही ना…क्योंकि तुम्हे तुम्हारी बदनामी का डर है….और तुम ही बताओ तुममे और मुझमे और क्या रिस्ता हो सकता है….बताओ…देखो नाज़िया प्यार के मायने अलग -2 होते है…अगर मुझे तुम्हारी ज़रूरत है….तो इसका मतलब ये नही कि तुम्हे मेरी नही है….तुम भी वही चाहती हो जो मैं चाहता हूँ….आगे तुम्हारी मरज़ी है….
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैने कॉल कट कर दी…..दरअसल मैं नाज़िया को उकसाना चाहता था कि, वो किसी तरह मेरे साथ उस मकान मे चलने को तैयार हो जाए…जिसमे मैने सबा को चोदा था…कॉल कट करके मैं लेटा ही था कि, फिर से मोबाइल बजने लगा…मैने देखा तो नाज़िया की कॉल थी….

नाज़िया: हेलो कॉल क्यों काट दिया….

मैं: ऐसे ही तुमने मूड जो खराब कर दिया था….

नाज़िया: ओह्ह अच्छा तो जनाब को गुस्सा भी आता है….आइ आम सॉरी फ़ारूक़….

मैं: सॉरी वरी छोड़ो….और बाथरूम से बाहर निकलो…कही तुम्हारे बॅंक वाले ये ना सोच रहे हो कि नाज़िया बैग अंदर ही सो गयी है….

नाज़िया: हाहाहा….अच्छा जाती हूँ..पहले पैंटी तो पहन लूँ…

मैं: क्या पैंटी पहननि है….

नाज़िया: और नही तो क्या जनाब आपने ही तो ऑर्डर दिया था कि, बस मैं पैंटी ना पहन कर आया करूँ….

मैं: तो अब क्यों पहन रही हो….

नाज़िया: हाए क्या बताऊ फ़ारूक़…सुबह से फुद्दि ने पानी छोड़ छोड़ कर सलवार की मत मार दी है….इसलिए पहन रही हूँ…नही तो चेर पर भी दाग लग जाने थे हहा हहा…

मैं: अच्छा बोलो फिर क्या प्रोग्राम है….

नाज़िया: मुझे एक दो दिन का वक़्त दो…जब मुझे सही टाइम का अंदाज़ा होगा…मैं तुम्हे फोन पर बता दूँगी….

मैं: अच्छा ठीक है….

नाज़िया: अच्छा मेरे शोणे अब मुझसे नाराज़ तो नही हो ना….?

मैं: नही….

नाज़िया:उंह लव यू शोणे…

मैं: लव यू टू….

मैं बेड पर लेट गया….कल से थका हुआ था..इसलिए बेड पर लेटते ही नींद आ गयी…. जब आँख खुली तो शाम के 6 बज चुके थे…शाम को 7 बजे नाज़िया घर आ गयी…. उसने कपड़े चेंज किए और किचन में जाकर खाना बनाने लगी… हम दोनो मे वैसे भी बात चीत कम ही होती थी….इसलिए मैं खाना खा कर अपने रूम मे आकर लेट गया…और टीवी देखने लगा….रात के 9 बजे नाज़िया भी काम निपटा कर अपने रूम मे जाने लगी तो, मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया…मैं उठ कर बाहर आया और नाज़िया को आवाज़ दी….”सुनिए…”

नाज़िया: हां बोलो समीर….

मैं: वो मेरे कॉलेज मे मेरा एक दोस्त है….उसके बड़े की परसो शादी है…पिंडी मे उसने मुझे शादी मे इन्वाइट किया है….

नाज़िया: तो तुम पिंडी जाना चाहते हो…

मैं: हां…

नाज़िया: तो अपने अबू से पूछ लो….मैं इसमे तुम्हे कुछ नही कह सकती….

मैं: पूछ तो लेता….पर…

नाज़िया: पर क्या…..?

मैं: वो मुझे तुम्हारी वजह से जाने नही देंगे….

नाज़िया: मेरी वजह से वो क्यों….?

मैं: अबू कहेंगे कि घर पर तुम अकेली हो जाओगी….इसलिए नही जाने देंगे…

नाज़िया: देखो समीर…मैं तुम्हे ना तो हां कर सकती हूँ…और ना इनकार कर सकती हूँ….अगर तुम जाना चाहते हो तो जाओ….पर अगर तुम्हारे अबू को पता चला तो जवाब तुम्हे देना होगा….

मैं: ठीक है अबू को जवाब मैं दूँगा….

मैं अपने रूम मे आ गया….और अंदर से कुण्डी लगाई….और बेड पर लेट कर सोचने लगा कि, मैने नाज़िया की एक प्राब्लम का हल तो कर दिया है…अब देखता हूँ कि, नाज़िया कल क्या कहती है….अभी मैं यही सोच रहा था कि, मेरा मोबाइल बजने लगा…मैने देखा तो, नाज़िया की कॉल थी…मैने जल्दी से कॉल पिक की, कि कही नाज़िया को मेरे मोबाइल की रिंग ना सुनाई दे जाए….
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैने कॉल उठाने से पहले कॉल रेकॉर्डिंग फंक्षन ऑन कर लिया और फिर कॉल पिक की….

मैं: हां बोलो नाज़िया इस वक़्त कैसे मेरी याद आ गयी….

नाज़िया: इसी वक़्त तो ज़्यादा तर औरतों को सुना पन महसूस होता है….हहा हहा

मैं: अच्छा और सूनाओ क्या कर रही हो…..

नाज़िया: कुछ नही अभी घर के काम ख़तम करके फ्री हुई हूँ…तो तुम्हे कॉल कर ली..

मैं: घर पर कोई नही है….?

नाज़िया: नही शोहार साथ में लेटे हुए हमारी बातों का लुफ्त उठा रहे है हाहहाहा….

मैं: मेरा मतलब तुम्हारे बच्चे और तुम्हारा वो सौतेला बेटा….

नाज़िया: वो नकचढ़ु अपने रूम में है….बेटी अपने मामा के पास गयी हुई है कुछ दिन रहने के लिए….

मैं: अच्छा अच्छा बताओ कैसे फोन किया…..?

नाज़िया: क्यों बिना किसी काम के मैं तुम्हे फोन नही कर सकती क्या…?

मैं: कर सकती हो यार ऐसे ही पूछ लिया….तुम तो….

नाज़िया: अच्छा-2 सुनो…कल वो पिंडी जा रहा है…..

मैं: कॉन वो….?

नाज़िया: वही मेरा सौतेला बेटा हहहे…..

मैं: अच्छा और कितने नाम दिए है उसे तुमने…..

नाज़िया: कुछ नही यार पता नही गुस्सा तो हर वक़्त उसके सर पर बैठा रहता है… कभी सीधे मुँह बात नही करता….वैसे मूड बनाए घूमता रहता है… उसे तो मुँह लगाने को भी दिल नही करता….

मैं: अर्रे यार एक बार मुँह लगा कर तो देख….खुदा कसम तुम्हारे होंटो का रस पी कर खाली कर देगा वो…

नाज़िया: फ़ारूक़ ये क्या बकवास कर रहे हो…..भले ही वो मेरी औलाद नही है..पर है तो वो मेरे शोहार का बेटा…प्लीज़ ऐसी बाते ना करो….

मैं: अच्छा यार…वैसे तुम्हारे होंटो से याद आया कि, तुम्हारे हज़्बेंड तो, तुम्हारे होंटो को निचोड़-2 कर चूस्ता होंगे है ना….हफ्ते मे कितनी बार तुम्हारी टांगे उठाता है तुम्हारा हज़्बेंड….

नाज़िया: हाहाहा…हफ्ते के बात कर रहे हो….महीनो गुजर जाते है….

मैं: क्यों झूट बोलती हो….जिसकी बीवी इतनी खूबसूरत हो…उसका लंड तो दिन रात खड़ा रहना चाहिए…..

नाज़िया: क्यों खूबसूरत बीविया वाले मर्दो को सज़ा होती है कि सारा दिन अपना हथियार खड़ा करके रखे हाहाहा तुम भी ना….

मैं: सच कह रहा हूँ…तुम्हारी बुन्द को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है…तो तुम्हारे पति का क्यों नही होता होगा….कभी तुम्हारी गान्ड नही दबाता तुम्हार शोहार….

नाज़िया: अब तुम्हे क्या बताऊ फ़ारूक़….सच कहूँ…मेरी खूबसूरती भी मेरे किसी काम की नही….
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03-08-2019, 02:05 PM,
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मैं: क्यों क्या हुआ….तुम्हारे हज़्बेंड मे कोई कमी है…

नाज़िया: पता नही फ़ारूक़….पर मुझे इतना पता है…पिछले कुछ महीनो से हमारी बॅंक की ब्रांच मॅनेजर के साथ उनकी नज़दीकयाँ बहुत बढ़ गयी है…इसलिए वो अब मुझे इग्नोर करने लगे है….

मैं: तो क्या तुम्हारी बॅंक की मॅनेजर कोई लेडी है….

नाज़िया: हां है डाइवॉयर्सी है….अमीर खानदान से है….उसने मेरे सोहर को पैसे और प्रमोशन का लालच देकर अपने जाल मे फाँस रखा है….

मैं: क्या तुम्हारी ब्रांच मॅनेजर तुमसे भी ज़यादा खूबसूरत है…..?

नाज़िया: अब ये तो तुम मर्दो के देखने का नज़रिया होता है…..कि कॉन सी औरत कैसी है….

मैं: फिर भी अगर तुम्हारा शोहार तुम्हारे जैसी हुश्न की मालिका को छोड़ कर उसके पीछे लगा हुआ है….तो वो खूबसूरत तो ज़रूर होगी….

नाज़िया: हां है तो, पर इतनी भी नही है….कि उसके चक्कर मे अपने परिवार को भूल जाए….मुझ मे और उसमे फ़र्क सिर्फ़ इतना है…कि वो अमीर खानदान से बिलॉंग करती है….उसके वाल्दैन के और कोई औलाद नही है….एक लौति थी….कई एकड़ ज़मीन उसके नाम है….ऊपेर से ब्रांच मॅनेजर की पोस्ट पर जॉब कर रही है….पैसा ज़यादा है… इसलिए फॅशन भी ज़यादा करती है….और देखने वाले को लगता है कि, पता नही कितनी खूबसूरत है….

मैं: हो सकता है कि तुम्हारा वेहम हो….तुम्हारे शोहर ऐसे ना हो….जैसा तुम सोच रही हो….

नाज़िया: नही फ़ारूक़ ये सब मेरा वेहम नही है….ज़यादा दिनो की बात नही है… देखना जल्द ही मेरे हज़्बेंड उससे शादी करने के लिए मुझसे बात करेंगे….

मैं: तो तुम क्या मान जाओगी….

नाज़िया: हरगिज़ नही….अगर उन्होने ऐसा सोचा भी तो, उन्हे अंज़ाम भुगतना पड़ेगा…..मेरे होते हुए वो मेरी सौत को इस घर में नही ला सकते….इस घर मे या तो मैं रहूंगी और या वो……

मैं: क्या यार तुम भी….कितना नेगेटिव सोचती हो….खुदा पर भरोसा रखो…. सब ठीक हो जाएगा…

नाज़िया: फ़ारूक़ मुझे इस बात की परवाह नही है कि, मेरे हज़्बेंड क्या करते है…खुदा के फ़ज़ल से मैं अपना और अपनी बेटी का ख़याल और परवरिश कर सकती हूँ…मेरे पास भी पैसे की कमी नही….सिटी मे खुद का मकान है….मैं किसी के सहारे पर नही हूँ….

मैं: वो सब तो ठीक है….क्या तुमने कभी अपनी तरफ से अपने और अपने शोहार के बीच के रिश्तो को सुधारने की कॉसिश नही की….?

नाज़िया: बहुत की फ़ारूक़ बहुत कॉसिश करके देख चुकी हूँ….लेकिन उनकी सेहत पर कोई असर नही होता…तुम्हे क्या पता शादी के बाद भी मैं सारी रात-2 करवटें बदल कर गुज़ारती हूँ…..ऐसे ख़सम का होने का भी क्या फ़ायदा…

मैं: चलो तुम उदास ना हो….मैं हूँ ना….तुम्हारा अकेला पन डोर करने के लिए.. सिर्फ़ एक बार मिल लो…कसम से तुम्हे रात को सकून की नींद आएगी….

नाज़िया: अच्छा जी….अपने आप पर इतना कॉन्फिडेन्स है….
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैं: हां आज़मा कर देख लो….

नाज़िया: चलो वो तो वक़्त ही बताएगा….पर सच कहूँ फ़ारूक़ मुझे अभी भी डर लग रहा है….

मैं: फिर तो तुम्हारा कुछ नही हो सकता…तुम्हारी किस्मत मे ही शायद रात को करवटें बदल-2 कर जागना लिखा है हाहहाहा….

नाज़िया: फिर तुम ही बताओ क्या करूँ…..

मैं: अच्छा एक बताओ तुम्हारा वो सौतेला बेटा कैसा है….

नाज़िया: बताया ना एक दम सॅडू इंसान है….हर वक़्त मुँह बनाए घूमता रहता है….

मैं: नही मेरा मतलब देखने मे कैसा है….?

नाज़िया: ह्म्म्मल अच्छा है…..

मैं: अच्छा है मतलब….

नाज़िया: मतलब हॅंडसम है स्मार्ट है डॅशिंग है….गुड लुकिंग है… आइ आम श्योर बाहर उसकी दो तीन गर्लफ्रेंड्स तो ज़रूर होगी….अगर वो बाहर ख़ुसनूमा अंदाज मे बात करता होगा….

मैं: तो तुमने कभी उस को लाइन देने की कॉसिश नही की….

नाज़िया: फ़ारूक़ तुम फिर से शुरू हो गये….मैने तुम्हे पहले भी कहा ना कि ऐसी बातें मत किया करो….

मैं: रिलॅक्स जान….मैं तो ऐसे ही बात कर रहा हूँ…कॉन सा कुछ हो जाना है…. अच्छा बताओ अगर वो हॅंडसम है जवान है…हॉट है….तो कभी तुम्हारे दिल मे उसके लिए कुछ नही आया…सच-2 बताना….अब हम दोस्त है ना…और दोस्तो से कोई बात नही छुपाते..तुम्हे खुदा की कसम है…

नाज़िया: अब क्या बताऊ तुम्हे…दरअसल वो है ही इतना नकचढ़ा कि, उसकी तरफ देखने का दिल नही करता…

मैं: तो इसका मतलब तुमने कभी भी उसको दूसरी नज़र से नही देखा….

नाज़िया: अब तुमने कसम दी है तो, मैं तुम्हे बताती हूँ….मेरी शादी को 3 मंथ हुए थे….शादी के एक मंथ तक तो ठीक चला…मेरे शोहार हर रोज करते थे… फिर धीरे-2 चेंज होने लगे…एक मंथ के बाद ही उनका इंटेरेस्ट मुझ मे कम होने लगा था….मेरे पहले हज़्बेंड की मौत को हुए 5 साल गुजर चुके थे… इन 5 सालो मैं मैने किसी मर्द की तरफ नही देखा था….अपने आप को यही सोच कर समझा लिया था कि, शायद यही मेरी किस्मत मे है…फिर फ़ैसल से शादी हुई… बरसो की प्यास तो बुझी....पर प्यास और बढ़ गयी….शादी के 3 मंथ के बाद की बात है…. फ़ैसल के साथ सेक्स किए हुए 20 दिन गुजर गये थे….रात को मैं उनको कई बार हिंट देती कि आज मेरा मूड है….पर वो मुँह फेर कर सो जाते…
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
एक दिन सुबह सुबह की बात है….मेरी बेटी स्कूल जाने वाली थी….फ़ैसल ने उसको मेन रोड तक बाइक पर छोड़ने जाना था….जैसे ही फ़ैसल मेरी बेटी को मेन रोड तक छोड़ने के लिए गये तो, मैं समीर के लिए चाइ लेकर उसके रूम मे गयी….समीर सो रहा था….उसने अपने ऊपेर कमर तक चद्दर ले रखी थी….मैने छाई के कप को टेबल पर रखा और उसे जगाने के लिए जैसे ही उसकी कमर से चद्दर नीचे खेंची तो, मेरे हाथ पैर सुन्न हो गये…समीर सिर्फ़ अंडरवेर मे सो रहा था…और उसका अंडरवेर भी उसके रानो तक नीचे उतरा हुआ था…मैने जिंदगी मे पहली बार हक़ीक़त मे इतना बड़ा लंड देखा था…

मैं: कितना बड़ा था तुम्हारे सौतेले बेटे का लंड….

नाज़िया: नापा तो नही….पर अंदाज़न 8 इंच के करीब रहा होगा….और 4 इंच के करीब मोटा…

मैं: फिर तो तुम्हारी फुद्दि के फुदकने लगी होगी उसे देख कर….

नाज़िया: चुप बेशर्म…

मैं: प्लीज़ जान बताओ ना….तुम्हारी फुद्दि ने पानी छोड़ा….

नाज़िया: हहेः हां एक अजीब सी टीस मुझे महसूस हुई…उसके लाल सुर्ख टोपे को देख कर दिल किया अभी मुँह मे लेकर इसके चुप्पे लगा-2 कर और लाल कर दूं….

मैं: फिर ले लेती…

नाज़िया: अगर रिश्ते का लिहाज ना होता तो ज़रूर ले लेती….

मैं: तो फिर तुमने उसे फसाने की कॉसिश क्यों नही की…..तुम्हे घर के अंदर ही इतना तगड़ा लंड मिल जाता…

नाज़िया: की थी….पर वो सॅडू इंसान तुम्हे बताया तो है….वो सीधे मुँह बात नही करता….उसने मेरी आँखो के इशारो को कभी समझा नही….फिर मैने भी हार मान ली और ऊपेर से डर भी था कि, वो मेरे पति का बेटा है….

मैं: तो अब क्या हुआ….एक बार फिर से कॉसिश करके देख लो…शायद तुम्हारा काम बन जाए….

नाज़िया: अब कॉसिश करे मेरी जुत्ति….अब मुझे तुम मिल गये हो ना…..

मैं: अच्छा वैसे तुम्हने उसे कॉन से हिंट दिए थे कि, तुम उसको लाइन दे रही हो…

नाज़िया: मैने उसका ख़याल रखने के पूरी कॉसिश की….जब कभी वो मेरे ब्रेस्ट को घूर रहा होता…तो मैने कभी अपनी ब्रेस्ट को कवर करने की कॉसिश नही की, और स्माइल दी….

मैं: हो सकता है…उसने इन सब बातो को नॉर्मली लिया हो….

नाज़िया: हो सकता है…अच्छा छोड़ो ये सब….तुम बताओ क्या कर रहे हो….

मैं: तुम्हारी बाते सुन कर अपने लंड को हिला रहा हूँ….

नाज़िया: हहहहा तुम भी ना….अच्छा ये बताओ कि शेर को अच्छा पाला हुआ है ना…

मैं: तुम खुद ही देख लेना…..हाहाहा

नाज़िया: अच्छा मेरी बात सुनो…..जिस दिन का भी प्रोग्राम बनेगा…उस दिन अपने नीचे वाले बाल सॉफ ज़रूर कर लेना….

मैं: क्यों…..

नाज़िया: मुझे अच्छे नही लगते बाल वहाँ पर…..

मैं: ठीक है और तुम भी कर लेना….

नाज़िया: हहहा कर लूँगी…..अच्छा अब मैं रखती हूँ….बहुत लेट हो रहा है… सुबह उठ कर नाश्ता तैयार करना होता है और फिर बॅंक के लिए तैयार होना होता है…
मैं: अच्छा ठीक है कल सुबह बस में मिलेंगे….

नाज़िया: ओके बाइ देन….

मैं: बाइ…
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मैने कॉल कट के और बेड पर लेट गया…..उस दिन मैने पहली बार लाइफ में मूठ मारी..उस दिन से पहले मुझे कभी मूठ मारने के ज़रूरत नही पड़ी थी…करवटें-2 बदलते- 2 नींद भी आ गयी….अगली सुबह जब उठा तो 8 बज चुके थे…मैं उठ कर बाहर आया तो, देखा नाज़िया किचन मे खाना बना रही थी..मैं सीधा बाथरूम मे चला गया…..वहाँ 20 मिनिट मे फ्रेश होकर बाहर आया और किचन के डोर पर खड़ा होकर बोला….”चाइ बन गयी है….?” नाज़िया ने चोंक कर मेरी तरफ देखा और फिर झट से स्माइल होंटो पर लाते हुए बोली…”हां बन गयी है….अभी देती हूँ…” मैं डाइनिंग टेबल पर चेर पर बैठ गया…थोड़ी देर बाद नाज़िया चाइ लेकर आई और टेबल पर रख कर जाने लगी…..फिर पता नही उसके दिल में क्या आया वो रुकी और मूड कर टेबल के पास आई…

नाज़िया: तो तुम पिंडी कब जा रहे हो…..

मैं: यहाँ से तैयार होकर 11 बजे निकलुन्गा…क्यों….?

नाज़िया: ऐसे ही पूछ रही थी…

मैं: अच्छा वो घर की दूसरी चाबी तो आपके पास है ना….?

नाज़िया: हां है……तुम्हे कुछ चाहिए तो नही….

मैं: नही…(मैने सवालिया नज़रो से नाज़िया की तरफ देखते हुए कहा…)

नाज़िया: अगर पैसे चाहिए हो तो ले लो….शादी मे जा रहे हो..ज़रूरत पड़ेगी…

मैं: नही पैसे हैं मेरे पास….

उसके बाद नाज़िया फिर से किचन मे चली गयी….थोड़ी देर बाद वो नाश्ता लेकर टेबल पर आ गयी…और मेरे सामने वाली चेर पर बैठ गयी…हम दोनो नाश्ता करने लगे… हम दोनो में से कोई भी नही बोल रहा था…..नाज़िया नाश्ता करके उठी और रूम में चली गयी….मैं भी अपने रूम में आ गया….और वेट करने लगा कि, नाज़िया कब घर से निकले…9:30 बजे नाज़िया तैयार होकर मेरे रूम मे आई…..”समीर मैं जा रही हूँ…अपना ख़याल रखना….और हो सके तो, परसो शाम तक वापिस आ जाना…”

मैं: ठीक है आप भी आपना ख़याल रखना….

मेरी बात सुन कर नाज़िया के होंटो पर मुस्कान आ गयी…उसने स्माइल की और बाहर चली गयी…..जैसे ही वो बाहर गयी….मैने जल्दी से कपड़े पहने बॅग तैयार किया और घर को लॉक लगा कर मैन रोड की तरफ चल पड़ा…आख़िर आज वो दिन आ ही गया था… जिसका मुझे बड़ी बेसबरी से इंतजार था…आज जब मैं मैन रोड पर पहुचा तो, देखा कि नाज़िया के साथ चाची सुमेरा खड़ी थी….मैं थोड़ा फाँसले पर खड़ा होकर बस का वेट करने लगा…..मुझे पता था कि, सुमेरा के होते हुए मैं नाज़िया के साथ कुछ नही कर सकता..शायद सुमेरा चाची भी सिटी किसी काम से जा रही थी…बस आई तो हम बस मे चढ़े…नाज़िया बीच-2 मे मेरी तरफ देख लेती…और स्माइल पास करती… बस मे और कोई ख़ास बात ना हुई…सुमेरा चाची साथ थी….

मैं कॉलेज आने पर उतर गया….अब मुझे 2 बजने का इंतजार था…कॉलेज मे भी पढ़ाई मे मन नही लगा….अब मुझे किसी तरह कार या बाइक का इंतज़ाम करना था.. कार मुझे अच्छी तरह चलानी नही आती थी….और बाइक फ़ारूक़ की थी….पर फ़ारूक़ की बाइक को नाज़िया ने कई बार देखा हुआ था….इसलिए अपने क्लास मेट से बहाना बनाया कि अपनी गर्लफ्रेंड को घुमाने लेजाना है…इसलिए उसके बाइक चाहिए….दोस्त अच्छा था…उसने एक बार भी ना सोचा….और बाइक की चाबी हाथ मे दे दी….

मैं बाइक लेकर कॉलेज से 12 बजे निकल कर गाओं आ गया….मैने बाइक को बाहर ही खड़ा किया…और घर का लॉक खोल कर अंदर आया…मैने अपने नीचे के बाल सॉफ किए और 2 बजने का इंतजार करने लगा…रास्ते से खाना ढाबे से ले आया था…वही खा लिया.. और बेड पर लेट का नाज़िया के फोन का इंतजार करने लगा….

जैसे ही 2 बजे मेरे दिल के धड़कने तेज हो गयी…आज 2 बजते ही नाज़िया के कॉल आ गयी……”हेलो मिस्टर फ़ारूक़ जी कैसे हो….?”

मैं: ठीक हूँ….आप कैसी है….?

नाज़िया: मैं भी ठीक हूँ…..और सूनाओ….

मैं: अच्छा वो तुम्हारा सौतेला बेटा चला गया पिंडी आज…

नाज़िया: हां कह रहा था कि 11 बजे निकलेगा….

मैं: ठीक है उसे कॉल करके पूछ लो….कि वो इस वक़्त कहाँ है….

नाज़िया: क्यों….?

मैं: अर्रे पूछो तो सही….अगर वो निकल चुका है तो आज का प्रोग्राम बनाते है….

नाज़िया: आज का….?

मैं: हां….

नाज़िया: नही फ़ारूक़ आज नही…..

मैं: क्यों आज क्या प्राब्लम है…

नाज़िया: प्राब्लम तो कुछ नही…बस ऐसे ही…

मैं: यार तुम पहले पूछो तो सही…फिर आगे बताता हूँ क्या करना है….

नाज़िया: अच्छा ठीक है पूछती हूँ….
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03-08-2019, 02:05 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
नाज़िया ने कॉल कट किया और उसके फॉरन बाद ही नाज़िया की कॉल मुझे आ गयी…

मैं: हेलो….

नाज़िया: समीर….मैं नाज़िया बोल रही हूँ….

मैं: जी बोलिए….आपका नंबर सेव है….

नाज़िया: समीर तुम पिंडी के लिए निकल चुके हो क्या…?

मैं: हां रास्ते मैं हूँ….

नाज़िया: पर बस की आवाज़ तो नही आ रही…

लो जी पड़ गया पंगा…पर फिर दिमाग़ के घोड़े दौड़े…..” हम बस से नही कार से जा रहे है…दोस्त की अपनी कार है….”

नाज़िया: ओह्ह्ह अच्छा….पर मुझे ऐसा लग रहा है कि, तुम जैसे किसी बड़ी शांत सी जगह बैठे हो….

मैं: हां वो खाने के लिए ढाबे पर रुके है…?

नाज़िया: अच्छा ठीक है,….

मैं: आप बताए किस लिए फोन किया….?

नाज़िया: ऐसे ही जानने के लिए तुम पिंडी गये कि नही….

मैं: अच्छा ठीक है….

नाज़िया: ओके…..

नाज़िया ने कॉल कट किया और उसके थोड़ी देर बाद ही मुझे दूसरे नंबर पर कॉल की….

नाज़िया: हेलो…

मैं: हां कहाँ है वो….?

नाज़िया: पिंडी के रास्ते मे है ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके है….

मैं: अच्छा अब सुनो….आज शाम को ठीक 6 बजे बॅंक से निकलना…

नाज़िया: रोज 6 बजे ही तो निकलती हूँ…

मैं: हां 6 बजे अंधेरा हो जाएगा….तो किसी की नज़र हम पर नही पड़ेगी…

नाज़िया: फिर आगे क्या करना है…

मैं: मैं तुम्हे बस स्टॅंड से पिक कर लूँगा….

नाज़िया: उसके बाद….

मैं: उसके बाद हम वही जाएँगे….जिस जगह के बारे में मैने तुम्हे बताया था…

नाज़िया: देखो लो फ़ारूक़ कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए…

मैं: कुछ नही होता….नक़ाब कर लेना…किसी को क्या पता कॉन है….

नाज़िया: ठीक है….फिर….

मैं: उसके बाद वहाँ रात मे रुकेंगे…..और मैं सुबह रोशनी होने से पहले तुम्हे गाओं के बाहर छोड़ दूँगा….

नाज़िया: अगर किसी ने देख लिया तो….

मैं: कोई नही देखेगा…मैं तुम्हे उतारूँगा वही जहाँ कोई नही होगा…..उसके बाद घर चली जाना….

नाज़िया: अच्छा ठीक है….अब तुम्हे नाराज़ तो नही कर सकती….पर प्लीज़ फ़ारूक़ ये याद रखना…मेरी इज़्ज़त तुम्हारे हाथ में है…

मैं: तुम बेफिकर रहो…. मैं शाम को 6 बजे बस स्टॅंड पर मिलूँगा….

नाज़िया: ठीक है…..

उसके बाद नाज़िया ने कॉल कट की….और बाहर आकर बाइक स्टार्ट की और उसी मकान की तरफ चल पड़ा…जहाँ पर मैने सबा और रानी को चोदा था,…..वहाँ पहुँच कर मैने गेट का लॉक खोला….और फिर उस रूम मे जाकर बेड पर अच्छे से बिस्तर बिछा कर सारा अरेंज्मेंट कर दिया….ताकि रात को कोई प्राब्लम ना आए….आख़िर कार वो वक़्त आ गया था….जिसका मुझे बड़ी बेसबरी से इंतजार था…सब कुछ दिमाग़ मे प्री प्लेंड था….शाम के 5:30 बजे मैं घर से निकल कर सिटी की तरफ चल पड़ा…
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