01-12-2019, 01:48 PM,
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sexstories
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RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
माधवी से बात करने के बाद सोनल ने पहले उसे अपनी मासी का नंबर एसएमएस किया और फिर मासी को फोन करने की कोशिश करी पर उनका फोन ऑफ आ रहा था. बाद में करने का सोच वो हॉल में बैठी टीवी के चॅनेल्स सर्फ करने लगी. उसे कोई भी प्रोग्राम अच्छा नही लग रहा था.
ऐसे ही एक चॅनेल पे कोई इंग्लीश फिल्म आ रही थी तो वो उसे देखने लगी. पर फिल्म उसे कुछ अच्छी ना लगी तो टीवी ऑफ कर दिया. और वहीं आँखें बंद कर आराम से अढलेटी पोज़िशन में आ गयी.
आँखें बंद करने के बाद वो यूँ ही अपनी जिंदगी के बारे में सोचने लगी – किस तरहा लड़के उसके पीछे पागल थे कितनो ने प्रपोज़ करने की कोशिश करी थी. माधवी की बातें उसके दिमाग़ में घूमने लगी और वो सोचने लगी कि कोई भी लड़का तो आँखें बंद करने के बाद उसे नज़र नही आता..
यूँ ही थोड़ा और वक़्त गुजर गया और सुनील उठ के फ्रेश हो कर अपने कमरे से बाहर आ गया.
उसने सोनल को हॉल में आराम करते देखा तो उसे उठाने की कोशिश नही करी खुद ही किचन में जा कर अपने लिए चाइ बनाने लग गया.
बर्तनो की खड़खड़ाहट से सोनल की आँख खुल गयी और उसे समझते देर ना लगी कि सुनील कुछ कर रहा होगा किचन में. वो किचन में चली गयी तो सुनील को गॅस पे चाइ रखते हुए देखा.
‘मुझे क्यूँ नही उठाया भाई – तू चल बैठ मैं चाइ बना के लाती हूँ’
‘अरे दी तुम आराम कर रही थी तो कैसे उठाता’
‘बुद्धू ये भी कोई वक़्त है आराम करने का मैं तो वैसे ही आँखें बंद किए पड़ी थी टीवी में भी कुछ अच्छा नही आ रहा था. अच्छा ये बता नाश्ता भी ले आउ या फिर सीधा लंच ही करेगा 12 तो बज ही चुके हैं.’
‘दी अभी तो चाइ पिलाओ’ कह कर सुनील हॉल में जा के बैठ गया और टीवी ऑन कर लिया.
सोनल दो कप चाइ ले कर हॉल में आ गयी और सेंटर टेबल पे कप रख दिए. सुनील एक कप उठा कर चाइ पीते हुए टीवी देखने लगा. सोनल बिल्कुल उसके सामने बैठ गयी और अपना कप उठा लिया. लेकिन चाइ पीना भूल वो सुनील को देखने लगी. सुनील उसका हीरो जो था आज वो उसे बिल्कुल किसी फिल्मी हीरो की तरहा लग रहा था. सोनल प्यार भरी नज़रों से उसे देख रही थी.
तभी सुनील की नज़र सोनल पे पड़ी.
‘आईई दी क्या देख रही हो चाइ ठंडी हो रही है’
सोनल शरमा गयी और हड़बड़ाहट में चाइ का कप मुँह को लगा लिया.
सुनील फिर टीवी में मस्त हो गया और सोनल फिर उसके चेहरे में खो गयी. चाइ का कप यूँ ही मुँह को लगा रहा.
सुनील कुछ देर बाद उठा तो देखा कि सोनल की नज़रें उसपे टिकी हुई हैं और चाइ का कप यूँ ही होंठों से लगा हुआ है.
‘अरे दी क्या हो गया है आज आपको – कहाँ खो गयी हो’
सोनल ने चाइ का कप नीचे रख दिया ‘ कहीं नही बस अपने हीरो को देख रही थी’
‘ ओह दी प्लीज़ डॉन’टी एंबॅरस मी – ये क्या हीरो हीरो लगा रखा है’
‘मेरा तो तू ही हीरो है ना – तू ना होता तो……’ सोनल की आवाज़ भर्रा गयी.
सुनील उसके पास आके बैठ गया और उसके चेहरे को अपने हाथों में ले उसकी आँखों में झाँकने लगा’
‘दी इन आँखों में कभी आँसू ना देखूं – मैं हूँ ना – तुम्हारी हर तकलीफ़ को दूर करने के लिए – नाउ स्माइल’
सुनील के प्यार ने सोनल के चेहरे पे हसी बिखेर दी.
‘दट’स लाइक माइ दी’ और सोनल के माथे को चूम के उठ गया.
इतने में सुमन और सागर भी आ गये और सारा परिवार बातों में मशगूल हो गया.
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रूबी के बर्ताव से रमण समझ गया था कि रूबी बहुत नाराज़ है और होगी भी क्यूँ नही उसने रूबी के विश्वास को जो चोट पहुँचाई थी. जो वादे रूबी से किए थे वो वादे रूबी को टूटते हुए नज़र आए थे. इससे पहले कि रमण रूबी को समझाने की कोशिश करता दोनो के माँ बाप घर आ चुके थे और उनके सामने रमण रूबी से इस मामले में कोई बात नही कर सकता था.
उसने अगले दिन पे ये मसला टाल दिया. क्यूंकी सविता और समर दोनो के माता पिता अगले दिन एक हफ्ते के लिए अपनी वार्षिक छुट्टी पे जा रहे थे.
ये लोग साल में दो छुट्टियाँ बिताते थे एक में केवल माँ बाप जाते थे और एक में सारा परिवार.
कोई नही जानता था कि जो छुट्टी सविता और समर अकेले मनाते थे वो असल में इनका प्रोग्राम होता था सुमन और सागर से मिलने का. पहले तो सुमन इस बार का ये मिलन सुनील की वजह से कॅन्सल करने वाली थी पर जब देखा वो बिल्कुल ठीक हो गया है और अपने कॉलेज का बॅकलॉग तक पूरा कर चुका है तो मान गयी.
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