Indian Sex Story परिवार हो तो ऐसा
09-20-2018, 02:07 PM,
#71
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"हां नेहा मैं सच कह रही हूँ... तुम नही जानती ये सोच कर ही की मेरी अपनी सहेली मेरी देवरानी अपने ही भतीजे से चुडवाएगी मुझे कुछ होने लगता है... और अगर मौका लगा तो साथ मे चुदवा कर कितना मज़ा आएगा.. है ना?" वासू ने जवाब दिया..


"एक बात कहूँ अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो.. अगर तुम इतनी बड़ी छिनाल हो सकती हो कि अपने ही बेटे से चुदवा लो तो में भी कम छीनाल नही हू.... अपने ही भतीजे का लंड अपनी चूत मे लेने के

ख़याल से ही कुछ होता है.. और अगर उसका लंड मेरी चूत मे और तुम्हारी बिना बालों की चूत मेरे मुँह पर तो मज़ा और बढ़ जाएगा है ना?" नेहा ने कहा. "पर तुम ये सब करोगी कैसे?" "वो क्या है ना नेहा.. राज ये नही जानता कि गीली चूत कौन है.. इसलिए में उससे पूछूंगी कि क्या वो दो औरतों की चूत एक साथ मे मारना चाहेगा... और में जहाँ समझती हूँ वो मना नही करेगा...

क्यों कि वो यही समझेगा कि वो दूसरी औरत मेरी सहेली है जिससने उसे मूठ मारते देखा था" वासू ने जवाब दिया..


"मुझे तो विश्वास नही हो रहा कि तुम ये सब कर पावगी?" नेहा ने खुश होते हुए कहा.


"वो तो मैं सब कुछ संभाल लूँगी लेकिन एक ही अड़चन है....." वासू ने अपनी बात बीच मे ही छोड़ दी.. "और वो अड़चन क्या है?" नेहा ने अपनी जेठानी से पूछा. "वो क्या है ना चुदाई के मामले मे राज थोड़ा अलग है...जैसे उसे बिना बालों की चूत बहोत अछी लगती है.. और उसे गंद मारने मे बहोत मज़ा आता है... इसलिए मेने उसे पहले ही बता दिया था कि तुम्हारी चूत पर बाल का नामो निशान नही है और तुम्हे भी अपनी गंद मे लंड लेने मे बहोत मज़ा आता है... वैसे तो उसने आज तक

सिर्फ़ मेरी ही गंद मे अपना लंड घुसाया है लेकिन वो एक नई गंद मे अपना लंड घुसाने के लिए बेकरार है" वासू ने कहा.

"वो सब तो ठीक है लेकिन में उसका इतना मोटा और लंबा लंड अपनी गंद मे कैसे ले पाउन्गि.. कितना मोटा है मेरी तो गंद ही फॅट जाएगी... और दूसरी बात मेने आज तक अपनी चूत की झांते सॉफ नही की है.. में मोहन से क्या कहूँगी.. उसने कई बार मुझे चूत के बाल सॉफ करने को कहा लेकिन मेने हर बार मना कर दिया... और अब में अपनी झांते सॉफ करूँगी तो उसे शक़ हो सकता है" नेहा ने

कहा..


"अरे इस बात को लेकर तुम चिंता मत करो.. तुम मर्दों की फ़ितरत को नही जानती.. जब वो तुम्हारी बिना बालों की चूत देखा तो तुम्हे पूछेगा भी नही की तुम्हारा इरादा कैसे बदल गया.. वो तुम्हारी

चूत चूसने मे लगा रहेगा... और जहाँ तक गंद मे लंड लेने का सवाल है.. तुम एक काम करो मोहन से रोज़ गंद मराओ जिससे तुम्हारी गंद थोड़ी फैल जाए... फिर तुम्हे कोई तकलीएफ नही होगी" वासू ने जवाब दिया...


"ठीक है फिर एक काम करते है.. तुम मेरी चूत के बाल सॉफ कर दो और में मोहन का लंड अपनी गंद मे लेकर अपनी गंद को राज के लंड के लिए तय्यार करती हूँ" नेहा ने कहा..


"ठीक है" वासू ने कहा "क्या में तुम्हारी चूत के बाल अभी सॉफ कर दूं?" वासू ने पूछा..


"हां और क्या? शुभ काम मे देरी क्यों" नेहा ने हंसते हुए कहा...दोनो सहेलियाँ खड़ी हुई और बाथरूम की ओर बढ़ गयी... 

बाथरूम मे पहुँच कर वासू ने पहले तो सभी समान इकट्ठा किया जो झांते सॉफ करने के काम मे आता है और फिर एक टवल बिछा कर अपनी देवरानी को उसपर लेट जाने को कहा. नेहा अपने कपड़े उतार कर टॉवेरल पर लेट गयी... वासू उस के सामने खड़ी हो गयी और उसके नंगे बदन को निहारने लगी... फिर उसके पास झुकते हुए उसने नेहा के होठों पर एक चुंबन जड़ दिया... और दूसरे हाथ से उसकी चुचीय को मसल्ते हुए उसकी निपल को चिकोटी काट दी..

क्रमशः.......
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09-20-2018, 02:08 PM,
#72
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--21

गतान्क से आगे........

फिर वासू ने कैची लेकर उसकी चूत की झांते अछी तरह से तराश कर छोटी कर दी... फिर उस पर शेविंग क्रीम लगा दी...इस बात से दोनो अंजान थी कि दोनो के बेटियाँ यही काम इसी बाथरूम मे ठीक

उन्ही की तरह कुछ दिन पहले कर चुकी है.. वासू फिर रेज़र उठा कर उसकी झान्टे सॉफ करने लगी.. वो गरम पानी मे रेज़र को डुबाती और फिर उसकी मुलायम त्वचा पर रेज़र घुमा देती...आख़िर मे नेहा की चूत पर बॉल का एक रेशा भी नही बचा था... फिर वासू ने गरम पानी से उसकी चूत और बगल के हिस्से को अछी तरह पौंछ दिया...


नेहा अब उठ कर अपनी बिना बालों की चूत को शीशे के आगे निहारने लगी.. "अछा लगा?" वासू ने पूछा.. "कुछ कह नही सकती क्यों कि मेने पहली बार अपने बाल सॉफ किए है" नेहा ने जवाब दिया..


"वो तुम्हे अभी समझ मे नही आएगा.. एक काम करो बेडरूम मे चलते है.. और जब मेरी जीब तुम्हारी चूत पर कथक करेगी तो तुझे बिना बालों की चूत का फ़ायदा समझ मे आएगा" वासू ने हंसते हुए कहा..


थोड़ी ही देर के बाद वासू ने अपनी देवरानी को पलंग पर लीटा दिया था और उसकी टाँगो को फैला उसकी टाँगो के बीच बैठी थी... फिर अपना चेहरा झुकाते हुए उसने अपनी जीब उसकी चूत पर रख दी.....

अपनी जीब को उसकी चूत को चारों और फिराने के बाद वो अपनी जीब से उसकी चूत को चाटने लगी.. नेहा की चूत मे सनसनी मचने लगी.....


"ऑश वासू ओह सही मे बहुत अछा लग रहा है... ऑश हाां ऐसे ही जीब को फिराव...ऑश हाआँ चॅटो मेरी चूत को" नेहा सिसक पड़ी..


नेहा तो जैसे उत्तेजना मे पागल हो गयी थी.. वो अपनी दोनो चुचियों को अपने ही हाथों से मसल्ने लगी... उसकी चूत मे और जोरोन्‍न से खुजली शुरू हो गयी थी... वो अपनी कमर को उठा और ज़्यादा वासू के

मुँह मे अपनी चूत को देने लगी. .


वासू भी ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लगी और जब उसकी चूत ने पानी छोड़ा था उसने अपना मुँह खोलते हुए उसका पानी पीने लगी... "सच वासू बहोत अछा लगा.. थॅंक्स" नेहा ने अपनी जेठानी से कहा.. वासू नेहा के बदन से अलग हुई की उसकी साइड टेबल पर पड़ी घड़ी पर पड़ी.. "नेहा अब मुझे जाना होगा.. घर पर सब मेरा इंतेज़ार कर रहे होंगे"


"थॅंक्स वासू"


"अरे थॅंक्स कोई बात नही.. में सब कुछ फिक्स कर तुम्हे बता दूँगी कि तुम मेरे बेटे और अपने भतीजे के लंड का मज़ा कब ले सकोगी" वासू ने कहा..


प्रीति आज कॉलेज से जल्दी घर आ गयी थी और बोर भी हो रही

थी.. घर पर कोई नही था... इसलिए उसने सोचा की क्यों ना मम्मी के

खिलोनो का कलेक्षन देखा जाए... घर पर कोई ना होने वाने की

वजह से उसने सोचा कि आज क्यों ना मम्मी के खिलोनो का दिल खोल कर मज़ा

लिया जाए...
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09-20-2018, 02:08 PM,
#73
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
उसने डिब्बे मे से एक मीडियम साइज़ का डिल्डो निकाला जो वाइब्रटर भी

था... और बाकी के खिलोनो को उसने वापस डिब्बे मे रख वापस उसी

जगह उस डिब्बे को रख दिया.. वाइब्रटर चला कर देखा कि उसकी

बॅटरी तो सही है ना.... डिल्डो सही काम कर रहा था..


प्रीति के क्या दिल मे आया कि वहीं अपने मम्मी के पलंग पर लेट

गयी.. उसने अपनी स्कर्ट उठाते हुए अपनी पॅंटी उतार दी... इतने

खिलोनो को देख उसने सोच लिया था कि आज वो हर खिलोने को ट्राइ कर

हर एक का मज़ा लेगी... उसने अलमारी से उस डब्बे को फिर से निकाल अपने

पास पलंग पर ही रख लिया...


फिर हाथ मे पकड़े नीले रंग के वाइब्रटर को उसने धीरे से अपनी

चूत पर लगाया और उसका ऑन का बटन दबा दिया.. वाइब्रटर के ऑन

होते हुए उसकी चूत मे हलचल मचने लगी.. उसे लगा की जैसे कोई

उसकी चूत को हल्के हल्के कुरेद रहा है... वो वाइब्रटर को अपनी

चूत के चारों और घूमाने लगी.. जब उसे लगा कि उसकी चूत अछी

तरह से गीली हो गयी तो उसने दूसरे हाथ से अपनी चूत को फैलाया

और उस डिल्डो को अपनी चूत मे घुसा दिया... वाइब्रटर की थरथराहट

ने तो तूफान मचा दिया उसकी चूत मे ..उसने उस वाइब्रटर को पूरी

तरह अपनी चूत्के अंदर तक घुसा दिया... वो उसे अंदर बाहर करते

हुए मज़ा लेने लगी और साथ ही दूसरे हाथ से अपनी चूत को मसल्ने

लगी..


तभी उसकी निगाह डिब्बे मे रखे एक लाल रंग के डिल्डो पर पड़ी.. जो

थोड़ा पहले वाले से मोटा भी था और लंबा भी... उसने नीले वाले को

अपनी चूत से बाहर निकाला और और उसे मुँह मे ले अपनी ही चूत के

रस का स्वाद लेने लगी... फिर उस लाल रंग के वाइब्रटर को उसने अपनी

चूत मे घुसा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया..


प्रीति ने महसूस किया कि चमड़ी के लंड से इस प्लास्टिक की त्वचा काफ़ी

कड़क है... नकली लंड का अपना ही मज़ा है.. जब सच का लंड ना

मिले तो ये नकली लंड बुरे नही है.. उसने भी एक दो खरीद कर

अपने रूम मे छुपा कर रखने की सोच ली... जब लाल रंग का डिल्डो

उसकी चूत मे पूरी तरह घुस गया तो उसने वो नीले रंग का डिल्डो

फिर से उठा लिया और उसे फिर से अपने मुँह मे ले चूसने लगी..


उसने नीले वाले नकली लंड को वापस डिब्बे मे रखा और इस बार दूसरा

नकली लंड उठा लिए.. ये वाला थोड़ा लचीला था और उसका आकार भी

ठीक लंड के रूप का बना हुआ था.. उस पर नसे भी बनी हुई थी...

पहेल वाले से काफ़ी लंबा भी था ठीक राज के लंड की तरह... राज

का ख्याल आते ही उसने उस लचीले लंड को अपने मुँह मे ले दन्तो से

भींच लिया जैसे की सही मे राज के लंड को उसने मुँह मे ले रखा

हो...


राज के ख़याल ने उसे और उत्तेजित कर दिया... उसने लाल वाले लंड को

अपनी चूत से बाहर निकाला और इस लचीले लंड को अंदर घुसा अंदर

बाहर करने लगी... इस लंबे लंड से उसकी चूत पूरी तरह से भर

गयी..


प्रीति उस लचीले लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करने लगी.

चूत से रस बह कर उसकी गंद के छेद तक आने लगा... उसे याद आया

कि किस तरह राज ने अपनी उंगली उसकी गंद के अंदर घुसा दी थी....

उसने पलट कर फिर उस नीले छोटे वाइब्रटर को देखा और सोचने लगी

कि क्यों ना इस नीले वाइब्रटर को अपनी गंद मे घुसा दो नकली लंड का

मज़ा साथ साथ अपने दोनो छेदों मे लूँ...
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09-20-2018, 02:08 PM,
#74
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
प्रीति ने अपनी स्कर्ट को पूरी तरह से उपर उठा दी जिससे वो उस

लचीले लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर होते देख सके....

विबारटोर की थरथराहट उसकी चूत के अंदर हलचल मचाए हुए

थी.. वो उसे और अंदर तक घुसा मज़ा ले रही थी..


प्रीति ने उस लचीले लंड को अपनी चूत से बाहर निकाला और पलंग

पर कुतिया बन गयी.... और अपने सिर को पलंग से टीका दिया.. उसकी

गंद हवा मे उठ गयी थी... उसने डिब्बे से एक काले रंग के बहोत ही

लंबे डिल्डो को उठाया और अपनी गीली चूत के अंदर घुसा दिया...

फिर उस छोटे नीले रंग के वाइब्रटर को उठा अपनी गंद के छेद से

लगा दिया...अपनी गंद को थोड़ा हिला उसने उसे अपने छेद पर अड्जस्ट

किया और फिर धीरे धीरे उसे अपनी गंद के अंदर घुसाने लगी...

दोनो लंड उसके दोनो छेदों की दीवारों को चीरते हुए अंदर घुस

गये..


* * * * * * * * * *


बलदेव ने अपनी गाड़ी मकान के बाहर रोकी... आज उसकी किसी पार्टी के

साथ सहन के बाहर मीटिंग थी जो जल्दी ख़तम हो गयी थी...

इसलिए उसने सोचा कि इस मौका का क्यों ना फ़ायदा उठाए जाए और घर

जाकर आज कंप्यूटर पर पॉर्न तस्वीरें देखी जाए... उसने सोचा की

आज घर पर कोई नही होगा इसलिए वो आराम से पॉर्न तस्वीरे देखते

हुए अपना लंड को मूठ भी मार सकता है..


उसने अपनी चाबी से घर का दवज़ा खोला और अंदर आकर दरवाज़ा

वापस बंद कर दिया....वो अपने बेडरूम की तरफ बढ़ गया... जहाँ

उसका कंप्यूटर था और जिस पर आज वो कमसिन और छोटी लड़कियाँ की

नंगी तस्वीरें देखना चाहता था.. उसे अपनी बेटी के उम्र की

लड़कियों की नंगी तस्वीरे बहोत ही अच्छी लगती थी.. और जब से उसकी

बेटी प्रीति ने उसे चिढ़ाना शुरू किया था उसकी ये आदात और बढ़

गयी थी...

लेकिन तभी कमरे से आती घर घराहट की आवाज़ ने उसे चौंका

दिया... शायद वसुंधरा होगी और वो भी यही कर रही होगी.. उसने

सोचा..


उसने सोचा कि क्यों ना आज मिया बीवी साथ मे पॉर्न देखे और बहोत

दीनो बाद दिन मे चुदाई करने का मौका मिला है.. वो अपनी बीवी के

सामने अचानक जा उसे चौंका देना चाहता था इसलिए उसने कमरे के

बाहर ही अपने कपड़े उतार दिए... बीवी की चूत के ख़याल से ही उसका

लंड तन कर खड़ा हो गया था...वो सोचने लगा कि उसकी बीवी ने आज

अपने किस खिलोने को अपनी चूत मे डाल रखा होगा...


देव ने पहले दरवाज़े की झिरी से अंदर झाँक कर देखा ..उसने देखा

की एक गंद उसकी तरफ उठी हुई है.. और एक वाइब्रटर उस गंद के

अंदर बाहर हो रहा है और दूसरा खिलोना नीचे बिना बालों की

चूत के अंदर बाहर हो रहा था... ये द्रिश्य देख उसका लंड मचल

उठा... उसने थोड़ी देर इस खेल को देखने की सोची और वैसे ही

खड़े खड़े अपने लंड को मसल्ने लगा...


लेकिन देव अपने आप पर ज़्यादा देर काबू नही रख पाया.. उसे चूत की

ज़रूरत थी उसने कमरे मे अंदर आते हुए कहा...


"अरे दोनो छेद मे अपने ही हाथ से घुसओगि.. कहो तो में तुम्हारी

मदद करूँ?"


प्रीति अपने पिताजी की आवाज़ सुनकर डर कर चौंक गयी.. उसने उनके घर

के अंदर आने की आवाज़ भी नही सुनी थी और अब वो खुद अपनी ही

चूत और गंद से खेलते पकड़ी गयी थी....अपनी मम्मी के ही खिलोने

से वो उन्ही के पलंग उपर खुद चुदाई कर रही थी...


उसने पलट कर देखा जहाँ दरवाज़े से उसके पिताजी अपने हाथ मे

खड़ा लंड मसल्ते हुए कमरे के अंदर आ रहे थे....जहाँ चेहरे

पर उत्तेजना थी लेकिन प्रीति को देख वो उत्तेजना हैरानी मे बदल

गयी...


"तुम यहाँ क्या कर रही हो?" देव ने अपनी बेटी से जोरों से पूछा..

जब उसे ये एहसास हुआ कि कमरे मे उसकी बीवी नही उसकी सग़ी बेटी अपनी

चूत और गंद से खेल रही है....


प्रीति की समझ मे नही आया कि वो क्या जवाब दिया.. कई दीनो से

उसकी तमन्ना थी कि वो अपने बाप के खड़े लंड को देखे और किस्मत

ने उसे मौका दे दिया था.. लेकिन वो अपने ही पिताजी के कमरे मे उन्ही

के पलंग पर उसी की मम्मी के खिलोनो से चुदाई करती पकड़ी भी गयी

थी.... लेकिन जिस्म की गर्मी दिल के डर पर हावी हो गयी..


"बस पापा चूत और गंद मे उठ रही खुजली शांत नही हो रही थी

इसलिए उसे शांत कर रही थी" प्रीति ने शैतानी मुस्कुराहट से

कहा..


"मेरा पूछने का मतलब ये नही था में ये जानना चाहता हूँ कि तुम

मेरे कमरे मे अपनी ही मम्मी के खिलोनो के साथ क्यों हो? देव ने

पूछा.. उसकी निगाह अभी भी अपनी बेटी की चूत और गंद पर टिकी हुई

थी....


"वो क्या है ना पापा मेरे पास ऐसे खिलोने थे नही और आज चूत की

खुजली शांत नही हो रही थी तब मेने सोचा कि क्यों ना मम्मी के

खिलोने इस्तेमाल कर लूँ बस उत्तेजना मे होश ही नही रहा और में

यहीं आपके कमरे मे अपनी चूत की गर्मी शांत करने लगी... "

प्रीति ने ज़मीन पर बैठते हुए अपनी गंद और चूत से उन खिलोनो

को बाहर निकाला.... उसकी टाँगे फैली हुई थी और उसकी बिना बालों की

चूत ठीक उसके पिताजी के चेहरे के सामने थी जिसपर उनकी नज़रे

टीकी हुई थी..


"अब आप मेरी गर्मी शांत करने मे मेरी मदद करेंगे?"


"क्या कहा तुमने?" देव ने जोरों से पूछा.. उसे प्रीति से ऐसी उम्मीद

नही थी...


"पापा आप ही ने तो मदद करने के लिए कहा था... अब आप यहाँ है

और नंगे भी और शायद आप भी मेरी तरह काफ़ी उत्तेजित है तो

मेने सोचा कि शायद आप मेरी मदद करेंगे" प्रीति ने भोली बनते

हुए कहा.

क्रमशः.......
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09-20-2018, 02:08 PM,
#75
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--22


गतान्क से आगे........

"प्रीति में तुम्हारा बाप हूँ और में सपने मे भी ये सब नही

सोच सकता.. इसलिए मेहरबानी करके अब जाओ यहाँ से" देव ने प्रीति

से कहा.. दिल मे कहीं वो जानता था कि उसने आज एक अछा मौका खो

दिया था लेकिन वो उसका बाप था और ये सब पाप है है वो अपनी ही

बेटी की काम अग्नि शांत नही कर सकता था.. ये सब उसकी नज़रों मे

ग़लत था...


प्रीति ने उन दोनो खिलोनो को उठा लिया और कमरे से जाने लगी..


"मुझे लगता है कि तुम इन्हे यहीं छोड़ दो.. " देव ने अपनी बेटी से

कहा.. लेकिन उसने ऐसा क्यों कहा ये वो भी नही जानता था..


"पापा आप इतने बेरहम होंगे मुझे नही मालूम था. ठीक है में

इन्हे यहीं छोड़ देती हूँ लेकिन ये में आपको बता दूं कि में यहाँ

से किचन मे जाउन्गि और वहाँ से कुछ लेकर अपनी चूत की गर्मी

शांत करूँगी... और जब आपको कुछ सिसकियों की या कराह की आवाज़

सुनाई दे तो समझ लेना कि मेरी चूत झाड़ रही है... " प्रीति

कहते हुए अपने बाप के बगल से निकल गयी.. उसने अपनी पॅंटी भी

नही उठाई..


देव वैसे ही नंगा खड़ा कमरे की बिखरी हालत देखता रहा... इधर

उधर उसकी बीवी के खिलोने बिखरे पड़े थे... और प्रीति की पॅंटी

ज़मीन पर पड़ी थी... उसका दीमाग काम नही कर रहा था...


देव सोचते हुए पलंग पर बैठ गया.. थोड़ी देर बाद उसने वो डिल्डो

उठा लिए जो थोड़ी देर प्रीति की चूत मे घुसा हुआ था... वो

वसुंधरा के आने से पहले कमरे को ठीक कर देना चाहता था..

उसने प्रीति की ज़मीन पर पड़ी पॅंटी भी उठा ली.... उसने देखा की

उसकी पॅंटी सॅटिन की थी और नीले रंग की थी... उसे सॅटिन बहोत

पसंद था... पता नही उसे क्या हुआ उसने उस पॅंटी को अपनी नाक के

पास किया और उसे सूंघने लगा.... फिर उसने उस डिल्डो को भी अपनी नाक

पर लगा सूँघा.. प्रीति की चूत की महक दोनो मे बसी हुई थी...

उसका लंड एक बार फिर मचल उठा..


देव को अपने आप झल्लाहट हो रही थी.. क्यों तो वो घर जल्दी आया

और अब वो इस स्तिति मे फँस गया.. वो अपनी जवान बेटी को गुस्सा भी

नही कर सकता था.. उसे पता था कि प्रीति काफ़ी सेक्सी लड़की थी..

इसलिए तो वो हरदम उसे अपने बदन की झलक दीखा चिढ़ाती रहती

थी.. लेकिन वो अपनी मर्यादा मे रहना चाहता था.... उसने उस खिलोने

को वापस डिब्बे मे रख दिया...


देव प्रीति की पॅंटी को अपने हाथों मे ले पलंग पर बैठा था..

उसके जहाँ मे बार बार अपनी बेटी का नंगा बदन घूम जाता.. उसकी

भारी भारी चुचियाँ उसकी आँखों के आगे आ जाती.. लंड फिर

मचलने लगा था.. उसके क्या दिल मे आया की उसने अपनी बेटी की पॅंटी

को एक बार फिर अपनी नाक लगा सूँघा और फिर अपने लंड को उस पॅंटी के

बीच फँसा मूठ मारने लगा...
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09-20-2018, 02:08 PM,
#76
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
देव अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा... सॅटिन मे लिपटा लंड उसे

अछा लग रहा था.... उसके दीमाग मे प्रीति का नंगा बदन ही घूम

रहा था... और बार बार वो द्रिश्य आ जाता जहाँ उसके दोनो छेदों वो

खिलोने घुसे हुए थे.. बस उसने लंड ने पानी छोड़ना शुरू कर

दिया...


प्रीति ने जैसा कहा था वैसा ही किया.. अपने पापा के रूम से निकल

वो सीधे वो किचन मे गयी और वहाँ से दो लंबी गाजर उठा अपने

कमरे मे आ गयी और पलंग पर लेट अपनी स्कर्ट उठा उस गाजर को अपनी

चूत के अंदर बाहर करने लगी...


अपनी टाँगो को फैलाए वो उस खुरदूरी गाजर को अपनी चूत को अंदर

बाहर कर रही थी लेकिन उसके जहाँ मे अपने बाप का मोटा लंबा लंड

बसा हुआ था..


जब वो गाजर उसकी चूत से रस से गीला हो गया तो उसने उस गाजर को

अपनी चूत से निकाला और उसे अपनी गंद के छेद मे घुसाने लगी..

खुरदूरी गाजर से उसे हल्का दर्द तो हुआ लेकिन वो उसे अंदर घुसाने

मे सफल हो गयी.. फिर उसने दूसरी वाली गाजर अपनी चूत मे डाल ली..

अब वो दोनो गाजर को अपनी चूत और गंद के अंदर बाहर कर रही

थी... थोड़ी ही देर मे उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया...


प्रीति अपनी उखड़ी हुई सांसो को संभाल ही रही थी कि उसे घर के

बाहर गाड़ी रुकने की आवाज़ सुनाई पड़ी... उसने झट दोनो गाजर को उठा

कर डस्ट बिन मे फैंक दिया... और अपने कपड़े ठीक कर लिए...


* * * * * * * *


नेहा ने अपने पति मोहन का दरवाज़े पर ही स्वागत किया... आज

शमा और स्वीटी अपने दोस्तों के साथ बाहर गये थे...... आज उसने

अपने पति को रिझाने का फ़ैसला कर लिया था... उसने उसके हाथ से

उसकी ऑफीस का ब्रीफकेस्लिया और वहीं पर ज़मीन पर रख मोहन को

अपनी बाहों मे भर उसके होठों को चूम लिया...


"क्या बात है आज तो कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा है" मोहन ने अपनी

बीवी से कहा.


"वो क्या है ना.. दोनो बच्चे घर पर थे नही तो मेने सोचा क्यों ना

आज थोड़ी शरारत की जाए.. इसलिए मेने सोचा कि पहले तो तुम्हे

प्यार से खाना खिलवँगी फिर आज तुम्हारे लंड का सारा पानी निचोड़

लूँगी... " नेहा ने हंसते हुए जवाब दिया..


"इसका मतलब आज तुमने मेरा और मेरे लंड का कबाड़ा करने की ठान ही

ली है" मोहन भी हंसते हुए बोला... आज रात की मस्त चुदाई ने

उसके लंड को खड़ा कर दिया था...


"क्या तुम्हारा मेरा ख्याल अछा नही लगा... तुम बैठ कर सुस्ताओ में

तुम्हारे लिए बीअर लेकर आती हूँ" मोहन अपनी बीवी के पीछे हॉल मे

आ गया और सोफे पर बैठ गया वहीं नेहा किचन से बियर लाने

चली गयी.. थोड़ी देर मे नेहा उसकी मन पसंद बियर हेवर्ड्स 5000

लेकर लौटी और उसके लिए टीवी ऑन कर दिया..


मोहन अपनी मॅन पसंद ठंडी बियर का धीरे धीरे सीप लेने लगा और

नेहा उसके बगल मे बैठ उसकी पॅंट के उपर से उसके लंड को सहलाने

लगी... फिर वो थोड़ा खिसक कर उसकी पॅंट की बेल्ट खोलने लगी..

मोहन ने थोड़ा हिल कर उसकी इस काम मे मदद की...... नेहा ने बेल्ट

निकाल उसकी पॅंट की ज़िप खोल कर उसे उतार दी...
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09-20-2018, 02:08 PM,
#77
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
"मेरी तो समझ मे नही आ रहा कि आज अचानक तुम्हे हो क्या गया

है? फिर भी मुझे बहोत अछा लग रहा है" मोहन ने नेहा से कहा जो

उसके सामने अब घुटनो के बल बैठ गयी थी.. और उसके आज़ाद खड़े

लंड को अपने हाथों मे पकड़े हुए थी... उसने उसके लंड को पीछे की

ओर उसके पेट से सटाया और नीचे अंडकोःशों के पास से उसे उपर तक

चाटने लगी... फिर वो कभी उसके लंड के सूपदे को मुँह मे ले चूस्स

लेती तो फिर उसे बाहर निकाल ऐसे ही चाट्ती....


मोहन बियर की सीप भरते हुए अपनी बीवी की कला देख रहा था.. आज

उसे बहोत मज़ा आ रहा था.. कई दीनो के बाद उसकी बीवी इस तरह

उसका लंड चूस रही थी.... नेहा उसके लंड को अपने गरम मुँह मे

भींच अपने गले तक लेती और जब उसे लगता की अब वो और अंदर तक नही

ले पाएगी तो उसके लंड को अपनी जीब और तालू से भींच चूस्ति...


तभी नेहा ने अपने पति के हाथों से बियर का मग लिया और उसमे से एक

लंबा घूँट भर वापस उसके लंड को अपने मुँह मे लिया... मोहन का

लंड बियर की घूँट से भरे मुँह मे जाते ही उसकी ठंडक से

झंझणा उठा...


नेहा ने तो इस बार हद ही कर दी उसने एक बार फिर उसके हाथों से मग

को लिया और इस बार उसके लंड को पूरी तरह ठंडी बियर मे डूबा दिया

और फिर उसके लंड को चूसने लगी.. मोहन उसी बियर का सीप लेने

लगा.. आज ये अनोखी बियर उसे बहोत मज़ा दे रही थी..


उसके लंड को और थोड़ी देर चूसने के बाद वो खड़ी हुई और अपने

पति से बोली कि वो किचेन मे जाकर खाने की तय्यरी करती है...

मोहन वहीं सोफे पर बैठा टीवी देखते रहा.... आज कई सालों के बाद

उसकी बीवी इतनी उत्तेजित लग रही थी... वो सोचने लगा कि क्या उसकी

भतीजी प्रीति भी इसी तरह एक दिन हॉल मे बैठी टीवी के सामने उसके

लंड को चूसेगी... प्रीति के ख़यालों मे डूबा वो अपने लंड को

मसल्ने लगा..


थोड़ी देर बाद जब नेहा ने उसे आवाज़ दी कि खाना तय्यार है तो वो

अपनी पॅंट को वापस पहन किचन मे आ डाइनिंग टेबल पर बैठ

गया... दोनो साथ मिलकर खाना खाने लगे...


जब दोनो खाना ख़तम कर चुके तो नेहा ने अपने पति का हाथ पकड़ा

और उसे खींच कर बेडरूम मे ले आई...


"मुझे लगता है कि अब तुम्हे सारे कपड़े उतार देने चाहिए" नेहा ने

उसकी शर्ट के बटन खोलते हुए कहा...


"और मुझे लगता है कि यही काम तुम्हे खुद के साथ भी करना

चाहिए" मोहन ने उसके ब्लाउस के बटन खोलते हुए कहा... दोनो एक

दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.... फिर मोहन

ने उसकी स्कर्ट खोल उतार दी और तभी उसकी निगाह उसकी लाल रंग की

पॅंटी पर पड़ी..


"क्या बात है इस नयी पॅंटी मे आज बहोत सेक्सी लग रही हो" मोहन ने

उसकी पॅंटी के उपर से उसकी चूत को सहलाते हुए कहा...
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09-20-2018, 02:08 PM,
#78
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
फिर नेहा ने उसे पलंग पर धकेल दिया और उसकी पॅंट को खींच

पैरों से निकाल उतार दिया... जब वो पूरी तरह नंगा हो गया तो वो

उसपर चढ़ उसके होठों को चूसने लगी... अपनी पॅंटी मे ढाकी चूत

को वो उसके खड़े लंड पर रगड़ने लगी... अपनी चुचियो को उसकी

छाती पर रगड़ते हुए उसने अपनी ब्रा का हुक खोल उसे निकाल दिया..


मोहन ने अपनी बीवी की एक चुचि को एक हाथ से पकड़ा और उसे मुँह मे

ले चूसने लगा....नेहा सिसक कर अपनी चूत को और जोरों से उसके

लंड पर रगड़ने लगी.. मोहन ने अपनी उंगली उसकी पॅंटी के एलास्टिक मे

फँसाई और नीचे खिसकाने लगा...

पर नेहा ने उसके हाथ को झटक खुद नीचे खिसक गयी और एक बार

फिर उसके लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी..


नेहा ज़ोर ज़ोर से मोहन के लंड को चूसने लगी... मोहन सिसक पड़ा...


'"ऑश हाआँ नेहा चूसो और जीब से भींच भींच कर चूसो ऑश

नेहा रुक जाओ नही तो लंड पानी छोड़ देगा.. ओ रूको...."


लेकिन नेहा ने उसकी बात को अनसुना कर दिया... वो यही तो चाहती

थी.. आज वो अपने पति के लंड के पानी का स्वाद चखना चाहती थी वो

और ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को भींच चूसने लगी.... तभी मोहन का

लंड आकड़ा और पानी छोड़ने लगा... नेहा उसके लंड को जोरों से भींच

उससे छूटी हर बूँद को पीने लगी... आख़िर उसने हर बूँद को

निचोड़ निचोड़ कर गटक लिया...


"एम्म्म शुरुआत अछी थी" नेहा ने अपने होठों पर लगे उसके वीर्य को

अपनी जीब से चाटते हुए कहा..


"क्या मतलब.. तुम्हारा दिल नही भरा इससे?" मोहन ने चौंकते हुए

पूछा..


"अरे डरो मत... आज की रात मेने तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल सोच

रहा है जिससे तुम्हारा लंड कुछ मिनिट मे ही फिर हिचकोले खाने

लगेगा... " नेहा ने कहा. "अब ऐसा करो कि बिस्तर पर लेट जाओ"


मोहन पालग पर लेट अपने सिर को तकिये से टीका दिया.. नेहा उसकी

छाती के अगल बगल पावं रख उसके सामने खड़ी हो गयी.. फिर अपनी

पॅंटी को बगल से हटा अपनी बिना बालों की चूत की झलक दे उसे

चिढ़ाने लगी.. मोहन की समझ मे नही आया कि आज उसकी बीवी क्या

चाहती थी.. नेहा फिर पलटी और अपनी कुल्हों को उसकी आँखों के सामने

कर मटकाने लगी.. जैसे की कोई रंडी अपने ग्राहक को रिझा रही

हो... फिर उसने पीछे से अपनी पॅंटी को नीचे खिसका दिया जिससे उसकी

भर और गोल गंद नंगी हो गयी... वो फिर घूमी और इस बार उसने

सामने से भी अपनी पॅंटी को नीचे खिसका दिया.. उसकी बिना बालों की

चूत लाइट मे चमकने लगी...


"ये क्या आज तुमने अपनी झांते सॉफ की है" मोहन ने खुशी मे

कहा... "में इतने सालों से तुम्हे कहता रहा आख़िर तुमने मेरी बात

मान ही ली.. क्यों ऐसा कैसे हो गया.. " मोहन उसकी चूत के अगल

बगल अपनी उंगलियों को फिराते हुए बोला.


"बस आज में और वासू दीदी बात कर रहे थे.. और बातों के दौरान

टॉपिक चुचियों से चूत तक पहुँच गया और तब उसने बताया कि वो

बरसों से अपनी चूत के बाल साफ करती है... तब मेने उससे

बताया कि डर की वजह से आज तक मेने अपनी झांते सॉफ नही की है

तब उसने मुझसे कहा कि मुझे ऐसा कर तुम्हे चौंका देना चाहिए...

और तब मेने उसकी मदद से अपनी चूत के बाल सॉफ किए" नेहा ने

जवाब दिया..


"अब ज़रा इस प्यारी और मोहक चूत को नीचे झूकाओ जिससे में इसे

चूस सकूँ और साथ ही तुम्हारी जेठानी और मेरी भाभी को मन ही

मन शुक्रिया कह सकूँ"

क्रमशः.......
Reply
09-20-2018, 02:09 PM,
#79
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
परिवार हो तो ऐसा - पार्ट--23


गतान्क से आगे........

नेहा ने अपनी पॅंटी पैरों से निकाल दिया और अपने पति के चेहरे पर

अपनी चूत को रख बैठ गयी.. उसकी चूत मोहन के मुँह मे धँस सी

गयी थी... मोहन ने अपनी जीब बाहर निकाली और उसकी चूत को चारों

और से चाटने लगा... बिना बालों की त्वचा आज उसे बहोत अछी लग

रही थी.. उसने दोनो हाथों से नेहा की चुचियों को पकड़ा और अपने

मुँह को और उसकी चूत मे घुसा दिया...


मोहन ने उसकी चुचियों को सहलाते हुए अपना हाथ उसकी पीठ पर रख

सहलाने लगा और फिर हाथों को नीचे कर उसकी दोनो कुल्हों को पकड़

और अपने नज़दीक कर लिया जिससे उसकी जीब उसकी चूत की गहराइयों

तक चली गयी.. नेहा ने भी अपनी चूत को और दबा दिया और सिसक

पड़ी...


"ऑश माआअ बहोइत अछा लग रहा है.. ऑश हाआँ चूसो ओ हां

चूसो और ज़ोर ज़ोर से चूसो ऑश अपनी जीब को और अंदर तक घुसा

दो... "


मोहन और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को अपना पूरा मुँह खोल चूसने

लगा.. कभी जीब को अंदर घुसा गोल गोल घुमाता तो कभी उसे बाहर

निकाल उपर से नीचे चाटता थोड़ी ही देर मे नेहा की चूत पानी

छोड़ने लगी...


"क्या तुम अपने लंड का भी इतना ही सही तरह इस्तेमाल करते हो जितनी

अछी तरह अपनी जीब का करते हो?" नेहा ने उसे चिढ़ाते और उकसाते

हुए पूछा...


"क्यों इतने सालों मे तुम्हे अभी तक यकीन नही हुआ?" मोहन ने भी

उसे चिढ़ाया और अपने लंड को सहलाने लगा जो एक बार फिर तन कर

खड़ा हो चुका था..


"तो फिर सोच क्या रहे हो अब उठो और मेरी चूत की जम कर चुदाई

करो.. बड़ी खुजली मच रही है." नेहा ने कहा.


मोहन उठा और नेहा की टाँगो के बीच आ आगेया फिर अपने लंड को अपनी

बीवी की तरो ताज़ा सॉफ हुई चूत के मुँह पर रखा और एक ज़ोर का

धक्का मारा घाप से उसका लंड नेहा की चूत मे घुस गया..


"ओ मार गयी.. ज़रा धीरे धीरे प्यार से करो" नेहा इस अचानक के

हमले से कराह उठी..


मोहन ने अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचा और इस बार ज़रा प्यार से

धीरे धीरे पूरा अंदर घुसा दिया.. फिर उसकी टाँगो को पकड़ वो

धक्के लगाने लगा.. अब उसका लंड किसी पिस्टन की तरह नेहा की चूत

के अंदर बाहर हो रहा था.. नेहा भी अपनी कमर को उठा उससे ताल से

ताल मिला उसके लंड को अपनी चूत की गहराइयों तक लेने लगी और

बड़बड़ा उठी...


"हाआँ ऐसे चोदो मेरे चोदु राजा.. हां ऐसे प्यार से अंदर तक

घुसा घुसा कर चोदो ऑश हां अब ज़ोर ज़ोर से चोदो ऑश मज़ा आ

गया.. "


मोहन ने उसकी टाँगो को उठा अपने कंधों पर रख दिया और अब उसकी

जांघों को पकड़ कस कस के धक्के मार उसे चोदने लगा.. उसके लंड

मे फिर से उबाल आने लगा था... वो और ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा

था और नेहा थी की सिसक रही थी..


"हां....ओह हाां ओह ओह अयाया और कस के"


मोहन की नसे तनी और उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी ठीक नेहा की

बच्चे दानी पर छोड़ दी...
Reply
09-20-2018, 02:09 PM,
#80
RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
जब उसके लंड से एक एक बूँद वीर्य की चूत गयी तो वो अपनी बीवी के

पसीने से भरे बदन पर ले गया और उसकी होठों को चूमने

लगा... नेहा प्यार से अपने पति के बालों मे उंगली फिराने लगी...


नेहा ने उसको धीरे से धकेल अपने बगल मे किया और अपनी उंगली को

उसकी छाती के बालों मे फिराते हुए बोली.. "मोहन औरत के जिस्म मे

तीन छेद होते है और तुम मेरे जिस्म के दो छेद मे अपने लंड का

झंडा गाढ चुके हो अब सिर्फ़ एक बाकी है और अगर उसमे भी हो जाए

तो कैसा रहेगा... ?" नेहा ने पूछा..


"क्या कहा तुमने?" मोहन चौंकते हुए अपनी बीवी को देखने लगा..


"और नही तो क्या.. तुम मेरे मुँह और चूत को अपने वीर्य से भर

चुके हो तो तुम्हे नही लगता कि मेरी गंद को प्यासा क्यों रखा जाए?"


"मेरी समझ मे नही आ रहा कि आख़िर आज तुम्हे हुआ क्या है.. लेकिन

अगर तुम मेरे लंड को फिर से खड़ा कर सको तो में खुशी खुशी

तुम्हारी गंद को भी भर दूँगा" मोहन ने कहा.


"अरे तुम अभी मेरी कला को नही जानते.. में तो नमर्दों के लंड को

भी खड़ा कर दूं फिर तुम तो आछे ख़ासे मर्द हो" नेहा ने मोहन के

मुरझाए लंड को अपने हाथों मे ले सहलाते हुए बोली...


"पता नही में कर पाउन्गा की नही.. फिर भी देखते है तुम क्या

करती हो? मोहन ने कहा.


नेहा ने मोहन के लंड को एक बार फिर अपने मुँह मे लिया और ज़ोर ज़ोर से

चूसने लगी.. साथ ही वो उसके अंडकोषों को अपनी मुट्ठी मे दबा

सहलाने लगी.. नेहा के मुँह की गर्मी ने जैसे किसी मुर्दे के शरीर

मे जान डाल दी हो उसी तरह मोहन का मुरझाया लंड झंझणा कर

खड़ा होने लगा....


अपने पति के लंड को अपने मुँह मे फड़फदते देख नेहा और जोश मे आ

गयी और ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को अपने गले तक लेकर चूसने लगी...

थोड़ी ही देर मे उसका लंड और ज़्यादा तन कर खड़ा हो गया.. नेहा पर

तो जैसे मस्ती छा गयी उसके दीमाग मे तो राज का लंड बसा हुआ

था.. वो राज के लंड को अपनी गंद और चूत मे लेना चाहती थी और

इसीलिए वो आज अपने पति से गंद मरवा कर राज के लंड के लिए

तय्यार कर रही थी.....


"कहो अब क्या कहते हो?" नेहा ने अपनी पति की लंड को मुँह से बाहर

निकाल कर कहा...मोहन अपने तने हुए लंड को देख रहा था...


नेहा पलंग पर हथेली और घुटनो के बल एक कुतिया बन गयी और

साइड टेबल पर पड़ी क्रीम की शीशी उठा कर अपने पति को पकड़ा

दी...


"मोहन इस क्रीम से पहले अपने लंड को अछी तरह चिकना कर लो और

फिर थोड़ी क्रीम मेरी गंद मे भी लगा देना.. जिससे लंड आसानी से

गंद मे घुस जाए.." कहकर नेहा ने अपना सिर अपने हाथों पर टीका

दिया.. उसकी गंद और हवा मे उठ गयी...


मोहन तो जैसे तय्यार बैठा था.. आज कई सालों बाद उसे नेहा की

गंद मे लंड घुसाने का मौका मिल रहा था वो अपनी पत्नी के पीछे

आया और थोड़ी क्रीम अपने हाथों पर ले अपने लंड पर अच्छी तरह

लगाने लगा.... फिर थोड़ी क्रीम उसने अपनी उंगलियों पर ली और अपनी

उंगली उसकी गंद के छेद मे घुसा गोल गोल घुमा क्रीम अंदर लगा

दी... फिर किसी कुत्ते की तरह वो चढ़ गया और अपने लंड को ठीक

उसकी गंद के छेद पर रखा धीरे धीरे अंदर घुसाने लगा.... जब

करीब आधा लंड अंदर घुस गया तो अंदर बाहर करते वो अपने लंड

को और अंदर जड़ तक घुसाने लगा... नेहा सिसक पड़ी...


"हाआँ मोहन घुसा दो अपना लंड मेरी गंद के अंदर तक आज फट जाने

दो मेरी गंद को ऊहह हाआँ और अंदर तक घुसा ज़ोर ज़ोर के धक्के

मारो..मुझे तुम्हारा लंड मेरी गंद मे चाहिए...." नेहा ज़ोर जरो से

सिसक अपनी गंद को आगे पीछे करने लगी..


नेहा की सिसकियों ने तो मोहन मे और जोश भर दिया.. वो और ज़ोर ज़ोर

से धक्के लगाने लगा अओर आख़िर उसका पूरा लंड नेहा की गंद मे

घुस गया.. वो थोड़ी देर वैसे ही रुक अपने लंड को उसकी गंद मे

हिलाने लगा फिर वापस तेज और जोर्के के धक्के मारने लगा... आज उसे

भी नेहा की कसी गंद मे मारने बड़ा मज़ा आ रहा था...


"ऑश मोहन मज़ा आ गया आहह ऑश हां ऐसे लग रहा है कि जैसे

तुम्हारा लंड मेरी गंद के रास्ते घुस मेरी चूत से बाहर आ जाएगा..

ऑश बड़ा अछा लग रहा.. हां आशीए ही मारो मेरी गंद.."


जोरों से सिसकते हुए नेहा अब अपने हाथों से अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से

मसल्ने लगी.. फिर अपनी चूत मे उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी..

उसकी चूत मे जोरो से खुजली मची हुई थी...


मोहन तो उसके दोनो कुल्हों को पकड़ लिया और अपनी टाँगे अगल बगल

कर ठीक किसी कुत्ते की तरह उछल उछल कर उसकी गंद मारने

लगा... साथ ही उसने नेहा की उंगलियों के साथ अपनी उंगली भी उसकी

गंद मे घुसा दी.. और अंदर बाहर करने लगा.. और तभी नेहा की

चूत ने पानी छोड़ दिया...


मोहन की उंगलियों ने नेहा को झाड़ते महसूस किया तो हुचक हुचक कर

धक्के लगाने लगा और थोड़ी ही देर मे उसका लंड अपनी पत्नी की गंद

को अपने मदन रस से भरने लगा..... दोनो मिया बीवी थक कर पस्त

हो गये थे और एक दूसरे को अपनी बाहों मे भींच सो गये...


* * * * * * * *


कई दीनो बाद की बात है.. आज प्रीति और स्वीटी अपनी सहेलियों के

साथ घर के बाहर थे.. और आज प्रीति ने रात स्वीटी के घर यानी

अपने चाचा चाची के पास गुज़ारने की सोची थी...
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