06-06-2017, 10:08 AM,
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sexstories
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RE: चूतो का समुंदर
आंटी- ओह्ह...मैं आई...ओह यस...तेज और तेज...आअहह...यस...यस...येस्स...
अंकल- उउंम्म..सस्स्रररुउप्प्प...सस्स्ररुउउप्प..उउम्म्म्मम...
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यहाँ रूबी के घर मे ...मैं 4 पेग लगा चुका था...तभी रूबी और रक्षा मेरे पास आकर सामने खड़ी हो गई....
मैं- हो गई पढ़ाई...??
रक्षा- जी भैया...अब प्यार करे...
मैं- ह्म्म...तुम लोगो को नीद नही आ रही..??
रक्षा- नही....पहले प्यार तो कर ले...वरना नीद नही आयगी....
मैं- और रूबी तुम क्या कहती हो...???
रूबी- मुझे भी...प्यार करने के बाद नीद अच्छी आती है...
रक्षा- तो भैया...अब प्यार करो ना...
मैं- ह्म्म..आओ यहाँ...
और मैने पेग साइड मे रख कर दोनो को खीच कर अपनी जाँघो पर बैठा लिया...
मैं- ह्म्म..अब प्यार करो...किस बात का इंतज़ार है....
रक्षा- ह्म्म..रूबी...शुरू हो जा...
और फिर रक्षा ने मेरे होंठो को अपने होंठो की गिरफ़्त मे ले लिया और रूबी ने डाइरेक्ट मेरे लंड को टारगेट किया...उसने अपना हाथ मेरे लंड पर फिराना चालू कर दिया....
रक्षा पूरे जोश मे मेरे होंठो को चूसे जा रही थी...तभी मैने अपना हाथ रूबी के बूब्स पर कस लिया और उसके बूब्स को मसल्ने लगा.....
थोड़ी देर बाद रूबी ने रक्षा को साइड किया और मेरे होंठो को चूसने लगी...तभी रक्षा ने भी हम दोनो के होंठो के साथ अपने होंठ मिला दिए और हम तीनो साथ मे किस्सिंग करने लगे...
जब दोनो ने मेरे होंठो को अच्छे से चूस लिया तो दोनो अलग हो गई...और रक्षा ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और रूबी ने मेरा पेंट निकाल दिया....
अब मैं दोनो के सामने नंगा बैठा हुआ था...
फिर दोनो मेरे सामने खड़ी हुई और एक-दूसरे को स्माइल करते हुए एक ही झटके मे अपनी-अपनी नाइटी निकाल दी...
दोनो की मदमस्त जवानी देख कर मेरा लंड हार्ड हो गया...जो पहले से आधा खड़ा हुआ था...
फिर दोनो मेरे सामने बैठ गई और मेरे लंड को दोनो ने अपने होंठो के बीच फसा लिया....
ये तो रात की शुरुआत थी...अभी तो रात बाकी है...पता नही ये रात कहाँ- कहाँ कितने गुल खिलायगी....
यहाँ मैं दो जवान लड़कियो के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते हुए मस्ती मे खोया हुआ था...और साथ मे पेग पी रहा था.....
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दूसरी तरफ सहर से बाहर आउटर मे बने एक आलीशान घर के सामने कार रुकी और कार मे बैठा हुआ शक्स जल्दी से घर मे चला गया और थोड़ी देर मे उस घर के किसी कमरे मे 2 लोग बैठे हुए बाते कर रहे थे....
(यहाँ मैं उन्हे एल1 और एल2 लिखुगा...)
एल1- (पेग बनाते हुए)- तो समझ गई ना...तुम्हे आगे क्या करना है...
एल2- ह्म्म..पर अचानक मेरी याद कैसे आ गई ...तुम्हारा काम तो ठीक चल रहा था ना...
एल1- हाँ ..पर अब मुझे अपने लोगो मे से कुछ पर डाउट है...इसलिए तुम्हारा काम है उन पर नज़र रखना...
एल2- पर वो लोग तो एक दूसरे पर नज़र रखते ही है ना...
एल1- हाँ ...पर वो एक दूसरे को जानते भी है और उनको सबके राज पता है...तुम्हारे बारे मे कोई कुछ नही जानता और तुम उनकी नज़र मे सीधी-सादी हो...तुम्हे सिर्फ़ मैं जानता हूँ...
एल2- तुम क्या जानते हो....??
एल1- वो राज ..जिसने तुम्हे अकेले रहने पर मजबूर किया...और तुम्हे प्यार भी ना मिल सका...
एल2- ह्म्म...तो ये भी जानते होगे कि उसकी वजह क्या है...
एल1- जानता हूँ...इसलिए तुम्हे बुलाया...तुम सब पर नज़र रखो...और पता करो कि दीपा की मौत के पीछे वजह क्या है...ये सुसाइड है या मर्डर...
एल2- मानो कि कर लिया...पर मेरा फ़ायदा क्या...???
एल1- क्या चाहिए तुम्हे....
एल2- जब मेरे बारे मे इतना जानते हो तो ये भी जानते होगे कि मुझे किस चीज़ से सुकून मिलेगा...
एल1- ह्म्म...पर उसके लिए वेट करना होगा....
एल2- वेट तो कब से कर रही हूँ....थोड़ा और सही...पर एक बात बताओ...तुम ये सब क्यो कर रहे हो...क्या मक़सद है तुम्हारा और क्यो...???
एल1- तुम्हे ये जानना ज़रूरी नही...काम पूरा करो और तुम्हे वो मिल जाएगा जो तुम्हे चाहिए....समझी...
एल2- ओके...मैं चलती हूँ...वैसे फिर कब मिलेगे हम...???
एल1- बहुत जल्द...जब तुम दीपा की इन्फर्मेशन ले आओ तब...
एल2- ओके..बाइ..
एल1-बाइ...
वो तो निकल गई और एल1 किसी का वेट करने लगा....थोड़ी देर मे वहाँ एक आदमी और एक लेडी आ गई....
एल1- अच्छा हुआ आप आ गये...काम हो गया...अब मैं चलता हूँ...कुछ काम आ गया...
आदमी- ह्म्म...गुड जॉब ...तुम जा सकते हो...
एल1- ओके..बाइ...गुड नाइट...
एल1 भी निकल गया और पीछे जो रह गया...उसने एक पेग बनाया और बोला...
आदमी- बाइ(और पेग को एक ही बार मे ख़त्म कर के हँसने लगता है)...हाहाहा...दा गेम बिगिन........हाहहाा
,,,,,,,,,,,,,,
संजू के घर मे आंटी के रूम मे आंटी नंगी बैठी हुई अपनी चूत से पानी बहा रही थी...जो अभी -अभी अंकल ने चूस कर निकाला था....
तभी गेट पर नॉक हुई....
आंटी- वो आ गया...जाओ गेट खोलो...
जैसे ही अंकल ने गेट खोला तो सामने खड़े शक्स को देख कर आंटी ने मुस्की मार दी और बोली...
आंटी- अब चुदाई का मज़ा आएगा...तू जो आ गया.......ये है असली मर्द...आ जा मेरी जान....
मर्द- क्यो नही मेरी जान...कितने दिन से तेरी चूत नही मिली...आज तसल्ली से पूरी रात तेरी चूत और गान्ड का मज़ा लुगा...
आंटी- क्यो नही...मैं भी तो यही चाहती हूँ....इस गान्डु (अंकल) से कुछ नही होता...अंकित ना होता तो तड़प के मर जाती...
मर्द- अंकित की बड़ी याद आ रही है...मुझे भूल ही गई थी...
आंटी- अरे नही...अंकित की बात अलग है...कुछ टाइम बाद सिर्फ़ तुम्ही तुम होगे....हहहे...
मर्द- ह्म्म...छोड़ो ये सब ...ये बताओ कि तेरे पति का क्या करना है...
आंटी- बेचारे को यही रहने दो...अपनी बीवी की चूत और गान्ड की धज्जियाँ उड़ते हुए देखेगा और थोड़ा मज़ा भी कर लेगा...
मर्द- इसे तो तुमने कुत्ता बना दिया...
आंटी- हाँ...काश ऐसी कोई कमज़ोरी अंकित की होती तो उसे भी कुत्ता बना लेती...खैर अब बाते छोड़ो और सुरू हो जाओ...
मर्द- अरे पहले गला तो गीला कराओ...
आंटी- अरे मेरे प्यारे पातिदेव...ज़रा मेरे यार के लिए पेग तो बनाओ...ताकि ये तुम्हारी बीवी की चूत फाडे जल्दी....
आंटी का ऑर्डर मिलते ही अंकल किसी गुलाम की तरह जल्दी से पेग बनाने लगे और फिर दोनो को पेग पकड़ा दिए....
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