06-05-2017, 02:39 PM,
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sexstories
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RE: चूतो का समुंदर
मैने सोनू को देखा तो वो आँखे फाडे हुए मुस्कुरा दिया...
मैं फिर सुषमा को सोफे के किनारे अपनी तरफ खीचा और उसकी गंद मे लंड सेट करके डालने लगा....
मैने लंड को सुषमा की गान्ड मे डाला और एक हाथ से उसकी चूत फैला कर मसलने लगा और धक्के मारने लगा.....
सुषमा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..यस…यस..यस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊौरर..त्त्टीज्जज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह
मैं-यस बेबी..ये ले..…ये ले
सुषमा-आअहह…उउउंम्म….ज्ज्जूौरर्र…सससी…एसस्स.ईसस्स्सयईसस्स..आअहह…आअहह....उउफ़फ्फ़...माआ
…आहह….येस्स..एस्स…ऊहह..ऊहह..ओह्ह्ह…उउंम्म…उउफफफ्फ़…ऊहह..उउउंम्म
मैं - सुषमा..तेरा बेटा भी ऐसे ही चोदेगा...क्या ख्याल है...??
सुषमा - आअहह...अब उसे भी खुश ...आअहह ....कर दूओगीइ...उउउफ़फ्फ़
मैं- तू कहे तो अभी बुला लूँ...
सोनू ये बात सुन कर तो खुश हो गया होगा...पर सुषमा ने ख़ुसी जल्दी ही छीन ली...
सुषमा- आहह...नही...नही...आअहह..
आज्ज..सिर्फ़ तुम....आअहह...माआररूव...
ऊहह..त्तेज्ज्ज...और..तीएजज्ज....आअहह...
मैं - तो आज मैं ही फाड़ता हूँ...
और मैने स्पीड तेज कर दी और सुषमा की गान्ड मारने लगा.....
सुषमा-आअहह…उउउंम्म….ज्ज्जूौरर्र…सससी…एसस्स.ईसस्स्सयईसस्स..आअहह…आअहह....उउफ़फ्फ़...माआ
…आहह….एस्स..एस्स…ऊहह..ऊहह..ऑश…उउंम्म…उउफफफ्फ़…ऊहह..उउउंम्म
मैं- यीहह...बेबी....यस...यस...येस्स
सुषमा-आअहह….दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल…द्ददी…..आआअहह…फासस्थटत्त…आअहह
..यस…यस..यस…आअहह....तीएज्ज्ज....ऊौरर..त्त्तीज्ज्ज....आहह...उउफफफ्फ़...आआहह
ऐसे ही थोड़ी देर तेज़ी से गंद मारने के बाद मैं लंड बाहर निकाल कर सोफे के पास खड़ा हो गया और सुषमा को साइड मे घुमा कर फिर उसकी गंद मे लंड डाल दिया और एक टाँग उठा कर तेज़ी से गंद मारने लगा....
गंद मरवाते हुए सुषमा ने अपनी 2 उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगी…
अब सुषमा की गंद और चूत, दोनो भरी हुई थी….सोनू को ये नज़ारा सॉफ नही दिख रहा होगा..क्योकि वो मेरे पीछे साइड था और सुषमा मेरे आगे…पर वो समझ तो रहा ही होगा…
मैं तो मज़े लेते हुए सुषमा की गंद मारने लगा……और सुषमा आवाज़े निकालने लगी…
सुषमा-आअहह…..आआअहह…उउउफ़फ्फ़…ऊहह..आअहह…ज्जूउर्र..सीए
..यस…यस..यस…आअहह....तीएजज्ज़....ऊौरर..त्त्टीज्जज....फाद्दद्ड…द्दूड़ो
मैं- ये फटी…यहह
सुषमा-आअहह…उउउंम्म….ज्ज्जूौरर्र…सससे.ए…एसस्स….फाड़ द्दूव..ऊहह…माआ……..ईसस्स्सयईसस्स..आअहह…
…आहह….येस्स..एस्स…ऊहह..ऊहह..ओह्ह्ह…उउंम्म…म्म्माआ..
थोड़ी देर बाद सुषमा झड्ने लगी और मैने भी झड्ने के करीब आ गया….
सुषमा-आअहह…आहह…हहा…ऐसे ही करो..आहह…..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जूउर्र्र..ससी..आहहह///..
फफफफात्तत्त…..प्प्पाट्त्ट…आहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..तीज़्ज़ज्ज…हहाअ…उउउफफफ्फ़
एसस्सस्स…आअहह…आअहह…ययईईसस्स….ऊऊहह…आअहह
मैं-यस बेबी यस
सुषमा- अहः..उउंम…हहूऊ…आअहह.ययईएसस…आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूौरर्र…ससीए…..एस्स्स्स्स…आअहह…फफफफफफुऊफ़ुऊूक्कककककक…म्म्मैईयायंन्णणन्,…
.कक्कूओकमम्म्मममिईीईईईन्नननज्ज्ग …आअहहहह
और सुषमा अपनी चूत मे उंगलिया भरे हुए झड्ने लगी…और मैने भी झड़ने लगा साथ मे…और सोनू भी ….
मैं-आअहह…मैं भीयाआया…आहह…ईएहह…यीहह
सुषमा-आहह…भर दो..अहहह..गान्ड…को.आहह…उउउम्म्म्म….
ऐसे ही आवाज़े करते हुए हम झड गये और सोनू बिना आवाज़ किए हुए…..आज वो माँ की चुदाई देख कर जल्दी ही झड रहा था शायद….
झड्ने के बाद मैने सुषमा की गंद से लंड निकाला और सुषमा के बाजू मे बैठ गया…और सुषमा.....वैसे ही आँखे बंद करके लेट गई….
मैने सोनू को देखा तो वो झड्ने के बाद लंड को अंदर कर रहा था पेंट के….
मैने सोनू को इशारे से कहा कि..अब जाओ..मैं कॉल करूगा….तो सोनू मुझे ओके बोल कर आराम से गेट खोल कार निकल गया और वापिस गेट को लटका दिया….
मैं(मन मे)- चलो एक काम तो हुआ कि सोनू को उसकी माँ की चुदाई दिखा दी…अब सुषमा को रात को रोकने का काम करना है…पर साली दीपा तो सो गई…मैं तो उसी की हेल्प लेने वाला था…कोई नही..जा कर जगाता हूँ…
मैं यही सोच कर बाथरूम मे गया और फ्रेश हो कर बाहर आ या और कपड़े पहन कर दीपा के पास जाने को हुआ की मेरा सेल बजने लगा…
मैं(मन मे)- अब किसका कॉल होगा…सोनू का..????...नही उसे तो मैने कहा था कि मैं करूगा…तो आंटी का होगा…शायद…पर जैसे ही मैने स्क्रीन पर नेम देखा तो मेरी आँखे चमक उठी और मुझे एक नया प्लान दिमाग़ मे आ गया….....
अब मुझे सुषमा को रोकने के लिए दीपा की हेल्प की ज़रूरत नही…बस ये मान जाय….और मैने कॉल पिक की….
( कॉल पर )
मैं-हाई जान , कैसी हो….
रिचा- बहुत गुस्सा हूँ तुमसे…
मैं-अच्छा…ऐसा क्यो…???
रिचा- क्यो , तुम नही जानते क्या…???
मैं- नही तो...मुझे कैसे पता होगा...
रिचा- अच्छा...इतने भोले मत बनो...समझे...
मैं-अरे जान …बोलो ना क्या हुआ..???
रिचा- एक तो तुमने आग भड़का दी…और अब भूल ही गये….
मैं – आग……कैसी आग..???
रिचा- अरे यार …समझो ना…
मैं- अरे जान..खुल के बताओ….कैसी आग…???
रिचा- वही आग जो तुमने मेरी चूत मे लगा दी है…
मैं- पर मैने तो चूत की आग भुझाई थी…लगाई कहाँ थी…
रिचा- तभी तो…तुमने एक बार चुदाई की तो बरसों से ठंडी पड़ी छूट की आग भड़क गई…
मैं- ओह हो…तो अब…???
रिचा- अब क्या…अब इसका कुछ करो ना..
मैं- ओह हो जान…तुम कहती तो मैं आ जाता…पर तुमने तो मुझे बताया ही नही…
रिचा- कैसे बताती…तुम मिलते कहाँ हो…पता नही कहाँ बिज़ी रहते हो…
मैं- ओके..सौररी…अब ख्याल रखुगा..ओके
रिचा- सौरी नही चाहिए…अभी आग लगी है तो कुछ करो इसका….
मैं(मन मे)- आज रिचा को ही बुला लेता हूँ…पर क्या वो सुषमा के सामने चुद पायगी…???,,,,,,,पूछ के देखता हूँ…उसकी चूत गरम है…मान ही जायगी….नही तो मैं मना लूँगा…
रिचा- कहाँ खो गये…कुछ करो ना..
मैं- अरे जान …इसमे क्या प्राब्लम है…अभी आ जाओ…आग भुझा देता हूँ…
रिचा- ओह्ह…तुम कितने अच्छे हो…मैं अभी आती हूँ…
मैं- रूको , पहले मेरी बात सुनो..
रिचा- अब क्या…???
मैं-देखो रिचा ..तुम्हारी चुदाई तो मैं कर दूँगा अभी..बट…
रिचा- बट….क्या….???
मैं- वो ऐसा है रिचा कि मेरे पास एक और चूत है…उसको भी चोद्नना है…
रिचा- अच्छा…तो फिर…लेकिन मुझे तो अभी चुदाई करनी है…
मैं- एक रास्ता है…
रिचा- क्या…???
मैं- अगर तुम्हे प्राब्लम ना हो तो मैं तुम दोनो को साथ मे चोद सकता हूँ….
रिचा-ह्म्म…मुझे कोई प्राब्लम नही …मुझे तो बस जोरदार चुदाइ करवानी है….
मैं- ओह ग्रेट….तो आओ फिर…
रिचा- वैसे…है कौन…???....रजनी या दीपा...या कोई और...
मैं- तुम आ जाओ...और खुद ही देख लेना....तुम्हे उसकी चूत भी चखने को मिल जाएगी....हाहहहा.
रिचा- ओके..अभी आई..
इसके बाद मैने कॉल कट की और सुषमा की तरफ पलटा तो वो बिल्कुल मेरे पीछे खड़ी थी और आँखे दिखा रही थी...
मैं- अब तुम्हे क्या हुआ…???
सुषमा- मैने सब सुन लिया….कौन थी ये…???
मैं – वो…रिचा थी….
सुषमा- वही रिचा….कामिनी की फरन्ड…???
मैं-हाँ..वही...
सुषमा- तुम कितनो को चोदते हो...*???
मैईन(सुषमा को बाहों मे भर कर)- अरे जान..मुझे तो चोदने को मिल जाय….चोद देता हूँ…कोई भी हो…
सुषमा- सच मे ….कमाल हो यार….तभी तो चूत खुद चलकर सामने से आती है…
मैं- ह्म्म्म…अच्छा ये बताओ…की तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही ना….
सुषमा- नही…पर वो कुछ बक तो नही देगी किसी से…
मैं- नही ..ये मेरी गारंटी है…तुम बोलो…कोई प्राब्लम…????
सुषमा- नही, कोई प्राब्लम नही…मैने तुम्हे ऐसे ही दो-दो चूत फाड़ते हुए देखा था…तभी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हुई…
मैं- हां….मैं तो भूल ही गया था….तो आज तुम्हारी और रिचा की वैसी ही चुदाई करूगा…
सुषमा- ओके…मैं तैयार हूँ…अब छोड़ो…मैं बाथरूम से आती हूँ…
मैं(सुषमा को छोड़ कर)- ओके..जाओ…जल्दी आना…मुझे भी जाना है…
सुषमा- ओके अभी आई…
इसके बाद सुषमा अपनी गान्ड मटकाते हुए बाथरूम मे चली गई और जब वो थोड़ी देर मे बाहर आई तो फ्रेश दिख रही थी…..मैं भी बाथरूम जाकर फ्रेश हो आया…और सुषमा के साथ बेड पर लेट गया ….और हम दोनो रिचा का वेट करने लगे….तभी सुषमा बोली..
सुषमा- ओह माइ गॉड….मेरे पति मेरा वेट कर रहे होगे…तुमने कहा था कि संभाल लोगे..पर कुछ भी नही किया…
मैं-ओह हाँ…रूको अभी करता हूँ …रिचा को आने दो….
सुषमा- ओके….मना लेना..मुझे आज की रात जी भर के चुदना है…
मैं-अक्चा…ठीक है…आज रात तुम्हारी और कुछ…
सुषमा- और…हाँ..वो सोनू कहाँ गया…
मैं- वो तो मज़े करके चला गया होगा…और अब उसे तुम्हारा इंतज़ार है…
सुषमा- अच्छा….पर मैने कैसे…मुझे शर्म आती है….वो क्या सोचेगा…
मैं(मन मे)- अभी जब तू उछाल-उछाल के चुद रही थी, तब वो लंड को मूठ मार रहा था…वो तो बस तुझे चोदने की फिराक़ मे है…
सुषमा- कहाँ खो गये…बोलो ना…कैसे होगा..
मैं(मुस्कुरा कर)- अरे वाह…बड़ी जल्दी है , बेटे से चुदने की…
सुषमा(शरमा गई)- तुम भी ना…मत बताओ…
मैं- अरे मेरी रानी…पहले हम घर पहुच जाए…वहाँ…प्लान करते है ओके..
सुषमा- ओके…
इतने मे रिचा रूम मे एंटर हुई और उसने सामने देखा कि सुषमा पूरी नंगी मेरे सीने पर लेटी हुई मेरे लंड को सहलाते हुए बाते कर रही है …तो रिचा बोली…
रिचा- तुम लोग थोड़ी तो शर्म करो…गेट तो बंद कर लेते…
रिचा के आने से सुषमा ने शरम के मारे चद्दर से अपने आपको छिपा लिया….और मैने रिचा से कहा…
मैं- तू चुप कर…बड़ी आई शरम वाली…तू भी तो चुदने ही आई है ना…अब गेट तो लॉक कर दे…
रिचा- अरे मैं तो भले के लिए बोल रही थी…कोई देख लेता तो क्या होता…???
मैं- होना क्या है…वो भी मेरे लंड के नीचे आ जाती…हाहहाहा
रिचा- तुम भी ना…
और रिचा गेट को लॉक कर के बेड पर आ गई और सुषमा को देख कर बोली…
रिचा- क्यो सुषमा…तू भी….इसके चक्कर मे फँस ही गई…
सुषमा ने शर्मा के नीचे मूह कर लिया…
रिचा- अब शरमाना छोड़…आज रात वैसे भी हम साथ मे इस लंड के मज़े लेने वाले है तो शर्म को दूर कर दे….हहेही
मैं- हाँ, सुषमा…अब शरम छोड़ और मज़े कर…
सुषमा- ओके..पर मेरे पति को तो....
मैं(बात काट के)- अरे हाँ…रिचा..एक काम करो पहले…
रिचा- हाँ..बोलो
मैं- तुम रिचा के सेल से इसके पति को कॉल करो और कोई काम का बहाना कर के बोल दो कि आज रात सुषमा तेरे साथ ही सो जायगी….अपने रूम मे नही आयगी….ओके
रिचा- बस इतनी सी बात ..अभी लो…सुषमा ...अपने पति को कॉल करो...
उसके बाद सुषमा ने अपने पति को कॉल किया...और रिचा ने झूठ बोल कर उसके पति को मना लिया की रात को सुषमा , रिचा के साथ ही सो जायगी....और उसका पति भी संकोच मे मना नही कर पाया....
रिचा(कॉल कट कर के)- लो हो गया काम....अब अपना प्रोग्राम सुरू करे...क्यो सुषमा...
सुषमा- हाँ..आज हम दोनो ..इसके लंड को निचोड़ देते है…
मैं- हाँ, निचोड़ देना पर, पहले पेट पूजा फिर काम दूजा….मुझे भूख लगी है…
रिचा- हाँ यार चुदाई की खुशी मे तो मैं भूल ही गई थी…कि खाना भी खाना है…
सुषमा- सही कहा…इसने अभी-अभी मुझे दम से चोदा है….इसे खाने की ज़रूरत सबसे ज़्यादा है…
मैं- तो पहले खाना खाते है फिर पूरी रात मस्ती करेगे…
रिचा- ह्म्म्म
सुषमा- तो चलो फिर …
मैं- कहाँ…???
रिचा- भूल गये , डिन्नर नीचे ही होगा…
मैं- नही , नीचे जाने के लिए रेडी होना पड़ेगा…टाइम खराब होगा…यही मग़वा ले..
रिचा- पर यहाँ कैसे…???...और मैने तो कहा है कि सुषमा मेरे रूम मे है...तो पता चल जायगा...अगर सबका खाना यहाँ मगवाया….
सुषमा- हाँ सही कहा…चलो हम नीचे ही चलते है….टाइम लगता है तो लगने दो.
मैं- अरे चुप करो तुम दोनो…मैं कुछ करता हूँ…कुछ प्राब्लम नही होगी…
सुषमा- कैसे…???
मैं- तुम बस वेट करो…
और मैं सोचने लगा कि कैसे खाना रूम मे मन्गवाऊ....और कुछ सोच कर मैने एक कॉल किया........
मैने रजनी आंटी को कॉल किया..
( कॉल पर)
मैं- हेलो आंटी…कहाँ हो..???
आंटी- मैं नीचे हूँ…कामिनी के साथ..बोलो..
मैं- आंटी , एक काम था…
आंटी- हाँ बोलो…क्या काम है…
मैं- आंटी..आप डिन्नर मेरे रूम मे भिजवा दोगि..??
आंटी- बस इतनी सी बात…अभी भिजवाती हूँ..
मैं- पर आंटी...3 लोगो का भिजवाना है...
आंटी- 3 लोग…कौन-कौन है वहाँ…???
मैं- आंटी..वो रिचा और सुषमा भी है…साथ मे ही डिन्नर करेगी..
आंटी- अच्छा…सिर्फ़ डिन्नर करेगी या..तेरा लंड भी खाएगी…???
मैं(हँसते हुए)- आंटी आप भी ना…हाँ डिन्नर के बाद स्वीट डिश तो खाते ही है ना...
आंटी- ह्म्म्म..तो आज रात को तू बिज़ी रहने वाला है…
मैं- हाँ, वो तो है..
आंटी- मतलब , मेरा चान्स नही है….
मैं- अरे…आप तो अपनी हो….कभी भी कर देगे…आपका…पर ये तो नही मिलेगी ना…
आंटी- अच्छा…ठीक है…ओह हाँ, यही न्यू माल हैं तेरे है ना..??
मैं- जी आंटी…अब बाते बाद मे करना…खाना भेजो …और हाँ..नॉनवेग हो तो वही भेजना..
आंटी- मैं जानती हूँ कि तुझे नोन-वेज ज़यादा पसंद है…चिंता मत कर ,..मैने तेरे लिए मटन बनवाया है..वही भेजती हूँ
मैं- वाउ आंटी…थक्स…..
अच्छा..मटन के साथ थोड़ी स्कॉच मिल जाय तो..??
आंटी- बेटा , अब मैं स्कोथ कहाँ से लाउ ..यहाँ सब लेडीस ही है और कोई पार्टी नही हो रही…तू ही बता कि किस से कहूँ…
मैं( कुछ सोच कर)- आंटी…डॉन’ट वोर्री..रूम मे होगी ना…
आंटी- हाँ,,,तेरे रूम मे रखवाई थी…
मैं- ओके, आंटी…आप खाना भेजो ..बाद मे बात करता हूँ..
आंटी- ठीक है..अभी भिजवाती हूँ…तू मज़े कर…
इसके बाद मैने कॅल कट की और रूम मे स्कॉच देखने लगा…पर स्कॉच तो ख़त्म हो गई थी…तब मुझे ख्याल आया कि मुझे कहाँ से स्कॉच मिल सकती है…और मैं बाथ रूम मे आया और गेट लॉक करके एक कॉल किया…..
( कॉल पर)
मैं- हेलो, सोनू..कहाँ है
सोनू- भाई…हेलो…मैं बस रूम मे ही हूँ..रेस्ट कर रहा था..
मैं- ओके…तो आज फुल मज़े किए…
सोनू- हाँ भाई…थॅंक्स…तेरी वजह से आज बहुत मज़ा आया..
मैं- अरे..मेरे साथ रहेगा तो और भी मज़े करवाउन्गा…
सोनू- भाई…मैं तुम्हारे साथ हूँ…जो कहो वो करूगा..
मैं- तो अभी एक काम कर..
सोनू- बोल भाई ..क्या करना है…
मैं- देख मुझे स्कॉच चाहिए...अभी..
सोनू- भाई ..तुमने कहा और मैं ना कर सकूँ ऐसा नही हो सकता..अभी लाता हूँ..
मैं- अबे तू मत लाना..किसी से भिजवा दे…पर जल्दी…
सोनू- हाँ भाई अभी पहुचाता हूँ...वैसे स्कॉच पी कर चुदाई करना है क्या मेरी माँ की..
मैं( हँसते हुए)- हाँ..भाई..तेरी माँ कड़क माल है...स्कॉच पी कर चोदने मे ज़्यादा मज़ा आयगा...
सोनू- भाई कैसे भी चोदो बस मुझे दिलवाना ...जल्दी..
मैं- हाँ यार..घर पहुचते ही तुझे दिलवा दूँगा..अभी मेरा काम कर, जल्दी
सोनू- भाई तू कॉल कट कर..स्कॉच 5 मिनट मे आ जायगी..
मैं-ओके, बाइ
सोनू- बाइ भाई
फिर मैं हाथ मूह धो कर फ्रेश हुआ और रूम मे आ गया…मैने रूम मे आते ही देखा कि सुषमा ने एक नाइट ड्रेस पहन ली है…और सोफे पर रिचा के साथ बैठे हुए गप्पे मार रही है…मुझे देखते ही वो बोली.....
सुषमा- किस से बात हो रही थी..???
मैं- अरे वो खाना मग़वा रहा था और पीने को भी....स्कॉच..
रिचा- तो अब कुछ कपड़े भी पहन ले..वरना हम खाना छोड़ कर ये लंड खा जायगे…क्यो सुषमा…???
सुषमा- ह्म्म..सही कहा…और दोनो हँसने लगी..
मैने फिर बॉक्सर और टी-शर्ट पहन ली और दोनो के बीच मे सोफे पर बैठ कर बाते करने लगा…
थोड़ी देर बाद रूम पर नॉक हुई ..तो मैने गेट ओपन किया…वाहा एक नौकर स्कॉच और स्नकस ले कर आया था..मैने सामान लिया और वापिस गेट बंद कर के सामान को टेबल पर रख दिया…तभी फिर से गेट पर नॉक हुई…..इस बार खाना आया था..तो रिचा ने मेरी हेल्प की और हम दोनो ने खाना टेबल पर रखा…
उसके बाद रिचा और सुषमा ने खाना टेबल पर सर्व किया और साथ मे मेरे लिए पेग भी बनाया…और मैं मटन के साथ स्कॉच का मज़ा लेने लगा, और वो दोनो खाना खाने लगी…..
हम ने आराम से खाना पूरा किया और मैं 4 पेग स्कॉच भी पी गया…जब हमारा खाना ख़त्म हुआ तो मैं एक और पेग बनाया और पी गया…
सुषमा- इतना मत पियो , अभी हमें जागना है..
मैं- डॉन’ट वॉरी…पीने के बाद मैं ज़्यादा चुदाई करता हू…क्यो रिचा…????
रिचा- हाँ..मुझे याद है…सुषमा…पीने दो…फिर तगड़ी चुदाई होगी….हहहे….चलो हम फ्रेश हो जाते है जब तक….
सुषमा और रिचा जब तक बाथरूम मे जा कर फ्रेश हुई …..तब तक मैने सेक्स पवर की एक और टॅबलेट खा ली, और अपना ड्रिंक ख़त्म कर लिया….
मैं(मन मे)- आज तो मैने काफ़ी टॅबलेट खा ली..कही कुछ गड़बड़ ना कर दे ये टॅबलेट…कुछ हो ना जाय…पर अब तो खा ही ली…अब जो होगा..वो देखेगे बाद मे…अभी तो मज़े करने का टाइम है…....
मैं सोच ही रहा था कि रिचा और सुषमा फ्रेश होकर टेबल पर आ गई और मुझे हवसी नज़रों से देखने लगी….
रिचा- अब हम तुम्हे निचोड़ने वाले है...समझे....
सुषमा- अब दिखाओ अपने लंड का दम....हमारी गर्मी के आगे टिक पायगा ...कि नही....हहहे
मैं- मुझे चॅलेज....पछताओगी ...सोच लो...
रिचा - वो तो बाद मे पता चलेगा...क्यो सुषमा...???
सुषमा- हाँ , सही कहा....आज तो तुम्हे हरा ही देगे...
मैं- ओह हो , ऐसी बात है तो मेरी रंडियों ..आओ..और ज़ोर लगाओ…देखते है कि मेरा लंड निचोड़ पाती हो..या तुम दोनो की चूतो की धज्जियाँ उड़ती है….
और इसके बाद मैने सुषमा और रिचा को गले लगा लिया …और हम ने चूमते चाट ते हुए…मस्ती सुरू कर दी...….
थोड़ी देर आपस मे किस्सिंग करने के बाद सुषमा और रिचा मुझे बेड के पास ले गई और सुषमा नीचे झुक कर मेरा बॉक्सर निकालने लगी …तब तक रिचा ने अपनी नाइटी निकाल के फेक दी और फिर ब्रा-पैंटी निकाल के नंगी हो गई…सुषमा ने भी मेरा बॉक्सर निकालने के बाद अपनी नाइटी निकाल फेकि…
अब सुषमा सिर्फ़ पैंटी मे थी और रिचा पूरी नंगी ….दोनो की दोनो रंडिया नज़र आ रही थी…और उनकी आँखो मे वासना भरी हुई थी…
मैं- वाह…..तुम दोनो तो हाउसवाइफ नही रंडिया दिख रही हो….
रिचा- हाँ…आज हम तुम्हारी रंडी ही है…
सुषमा- और हमे रंडियों की तरह ही चोदो..
और इतना कह कर...उन दोनो ने मुझे धक्का मार कर बेड पर गिरा दिया...धक्का इतना तेज था कि मैं बेड के दूसरे साइड गिरते-गिरते बचा...
मैं- पागल हो क्या...मैं गिर जाता अभी...
सुषमा और रिचा दोनो मेरी आवाज़ सुन कर सहम गई…
रिचा- ओह माइ गॉड…सौररी..सौररी
सुषमा- सौररी..हम कुछ ज़्यादा ही कर गये..
मैं(मुस्कुरा कर)- अरे गिरा तो नही ना…आज ऐसे ही वाइल्ड चुदाई करते है…अब सौररी बोलना छोड़ो और रंडी बन जाओ…आ जाओ...
मेरी बात सुनकर दोनो का डर ख़त्म हो गया और दोनो बेड पर आ गई और आते ही मेरे लंड पर किस की बौछार कर दी…
दोनो मेरे लंड के साथ-साथ मेरी जाँघो पर भी किस कर रही थी…कभी- लंड पर..कभी बॉल्स पर…और जाँघो पर भी…आहह…मज़ा आ रहा था…
मैं- आहह…तुम दोनो तो आज रंडियों को भी मात दे दोगि…
रिचा- हाँ…
सुषमा- तुम बस देखते जाओ..
उसके बाद सुषमा ने मेरे बॉल्स को एक झटके मे मूह मे भर लिया और रिचा ने मेरे लंड के टोपे को....और दोनो ने लंड को प्यार करना सुरू कर दिया...
रिचा- उम्म्म...उउम्म्म्म...उउंम..
सुषमा- उम्म्म्म...उम्म्मह..उउम्म्म्ममह...
मैं- आहह..आहह...आराम से...हाँ....करती रहो..
रिचा- हमम्म...उुउऊहमम्म्म....उउउम्म्म्म....
सुषमा- सस्रररुउउउप्प्प...सस्रररुउपप..उूउउम्म्म्म...
मैं-आहह..जूऊर से..आहह...और तेज मेरी रानियो ...और तेज..
दोनो ही मेरे लंड और बॉल्स को मूह मे भर कर तेज़ी से चूसने लगी और मैं मस्ती मे आहे भरते हुए मज़ा लेने लगा....
थोड़ी देर तक मज़े लेने के बाद मैने दोनो को रोका और हम तीनो बेड पर बैठ गये...
मैं- अब क्या लंड ही चूस्ति रहोगी…
रिचा- क्या करें..मन लग गया था…
सुषमा- हाँ…है ही इतना मस्त की मूह से निकालने का मन नही करता…
मैं- ओह हो…तो चूस्ति रहना ….पर आज हम साथ है तो क्यो ना तुम दोनो चूत चूसने का भी मज़ा ले लो…..
सुषमा- मैने आज तक किसी की चूत नही चूसी…
रिचा- तो आज चूस ले ना...
मैं- ह्म्म..अब सुरू हो जाओ....
इसके बाद रिचा बेड पर लेट गाई और सुषमा को अपने उपर 69 पोजीशन मे लिटा के उसकी चूत चाटने लगी…सुषमा भी कम नही थी…उसने भी रिचा की चूत को चाटना सुरू कर दिया….और मैं दोनो को देख कर मज़ा लेने लगा…दोनो चूत चुसाइ के साथ बातें भी करने लगी...
रिचा- सस्स्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प..
सुषमा- सस्स्रररुउउप्प…सस्स्रररुउउप्प…सस्स्ररुउउउप्प….सस्सुउउर्र्र
रिसहा- आहह..तेरी चूत तो…सस्रररुउउप्प..सस्ररुउउप्प…
सुषमा- क्या…स्रररुउउप्प…सस्र्रुरुउपप…बोलो..सस्स्ररुउउप्प
रिचा- स्रररुउपप….भोसड़ा है…सस्स्रररुउउप्प्प…हहेही….सस्स्रररुउपप…
सुषमा- आहह…और तेरी …सस्स्रररुउुउउप्प्प्प्प…..सस्स्ररुउप्प्प….भोस्डे से बड़ी…..हहेहहे
रिचा- हाँ साली..सस्स्रररुउउप्प्प…सस्स्ररुउुउउप्प्प्प….लंड खाती रहती है…..सस्स्रररुउउप्प्प..
सुशमस- सस्स्रररुउउप्प्प…और तू…सस्स्रर्रुरुउउप्प्प…..मूली से काम चलाती है क्या..सस्रररुउउप्प्प्प….
रिचा(चूत को मूह मे भर के)- -उम्म्म्मम..उउउंम्म…उउउंम्म….
सुषमा- आअहह….ये ले…..उउउंम्म..उउंम..उउउंम…
मैने दोनो घरेलू औरतों को रंडियों की तरह चूत चुसाइ करते हुए देख कर बड़ा खुश हो रहा था…और वो दोनो…चूत को मूह मे भरती, चूस्ति और दाँत गढ़ाते हुए …एक दूसरे के मज़े ले रही थी….
मैं भी अब रुक नही पाया और मैने रिचा के मूह के पास आकर उसके मूह मे लंड डाल दिया…वहाँ सुषमा रिचा की चूत चूस रही थी और रिचा मेरे लंड का सुपाड़ा….
रिचा- उम्म्म..उउउंम्म…उउंम्म…
सुषमा- सस्स्र्र्ररुउउप्प…सस्स्रररुउउप्प..उउम्म्म्मम…
मैं- आअहह….तुम दोनो तो आज से मेरी रंडी हो गई…अब तुम्हे प्यार से नही बल्कि रंडी की तरह ही चोदुगा , हमेशा…
रिचा( लंड को मूह से निकाल कर)- मैं भी ऐसे ही चुदना चाहती हूँ…पूरी रंडी बन कर..
सुषमा- सस्स्रररुउउप्प…मैं भी…उउउम्म्म्ममम
मैं- तुम दोनो को ऐसे ही मज़े करवाउन्गा…और दूसरो से भी चुदवाउंगा…साली रंडियों…
सुषमा- सस्स्रररुउउप्प…हाँ…मेरे बेटे से भी …सस्रररुउउप्प…
रिचा- क्या…साली रंडी…अपने बेटे से भी चुदेगि…
मैं- हाँ..चूड़ेगी...और तू कहे तो तुझे भी चुदवा दूं , इसके बेटे से....
सुषमा- सस्रररुउउप्प…नही , पहले मैं…बाद मे इसे…सस्स्ररूउरुउउप्प्प्प्प
रिचा- आहह…हाँ…तेरे…बेटे को भी मज़ा दे दूगी…आहह…और तेज चूस साली…
सुषमा- उउउंम्म….उउउम्म्म्म..उउउम्म्म्म…उउउंम्म..
रिचा(लंड को मूह मे भरे हुए)- उम्म्म…..उउंम्म…उउउहमम्म्म………उउउम्म्म्मम
मैं- आहह…..और तेजज्ज़ …हाँ ऐसे ही…सुषमा ..खा जा रिचा की चूत…आहह
रिचा-उउंम्म…उूउउंम्म..
सुषमा- उउउम्म्म्मम…उउम्म्म्म….उूउउम्म्म्मममह
ऐसे ही कुछ देर तक चूत और लंड चुसाइ की आवाज़ों से रूम भर गया और हमारे शरीर की गर्मी से रूम का तापमान भी बढ़ाने लगा…
यहाँ रिचा मेरा लंड चूस रही थी और सुषमा रिचा की चूत को…और सुषमा की गान्ड मेरी आँखो के सामने खुल के आ गई थी…तो मुझसे रहा नही गया..और मैने रिचा के मूह से लंड निकाला और सुषमा की गान्ड मे डाल दिया….
सुषमा- आहह…आराअंम्म..सीए…आअज्जज..हहिी…खुली है..आहह
रिचा- हहहे…फाड़ दो…इसकी …..सस्र्रुरुउप्प्प्प्प्प
और रिचा नीचे से सुषमा की चूत चाटने लगी…
रिचा- सस्रररुउउउप्प..सस्स्ररुउउप्प
सुषमा- आअहह...इस रंडी की भी फाड़ देना....सस्स्स्रररुउउप्प्प...
मैं- हा...इसकी भी फाडुन्गा....येह्ह्ह
और मैने दूसरे धक्के मे पूरा लंड सुषमा की गान्ड मे उतार दिया…इस बार उसे दर्द कम हुआ और मज़ा ज़्यादा आया…
मैं सुषमा की कमर पर हाथ रख कर उसकी गान्ड मारने लगा..और सुषमा रिचा की चूत को मूह मे भर के चूसने लगी….नीचे से रिचा भी सुषमा की चूत को चाटने लगी….और दोनो बीच-सीच मे आहे भी भरती जा रही थी…
मैं- यीह…आहह..ये…ले…
सुषमा- उम्म्म..उउउंम्म...उउउंम्म...आअहह..उउउंम्म...
रिचा- सस्स्रररुउउप्प...सस्ररुउउप्प्प...सस्ररुउउप्प्प..
मैं- ये ले सुषमा....अब तेरी गान्ड पूरी रेडी है,,,कभी भी मरवाने को...
सुषमा-उउउंम्म...आहह...हा...ज्जूउर्र..सी..आहह..उउउंम्म
रिचा—आहह...सस्स्रररुउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प...सस्रररुउउप्प...आअहह
अब रूम मे चुदाई और चुसाइ की आवाज़े कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी...
मैं- ईएह…यस..यस..टेक..इट..यस…
सुषमा-आअहह…उूउउंम्म…..उउम्म्म्म..आहह
रिचा- आअहह…खा जा साली…सस्रररुउउप्प…सस्ररुउउउप्प..अहहह
मेरी जागे भी रिचा की गान्ड पर थाप दे कर चुदाई का संगीत बढ़ाने लगी…
मैं- यीहह…ये ..ले….आहह
सुषमा-आआहहा..आईइसे हिी…जूऊर सीए…जौर्र..सी..आहहाहह
रिचा-आहः..आह..अह्ह्ह्ह…अहहह…अहहहह…यईसस्स….यईसस्स….आहह
सुषमा -आअहह…हहहहा…आईयायाईए..हहिि..अहहः
त्ततप्प्प….त्त्थ्ह्प्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः.
.त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स..उउंम्म.....सस्स्रररुउउप्प्प्प….सस्स्ररुउउप्प्प…आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…ये ले…ये ले…आहहह…उउम्म्म्म..सस्स्रररुउउउप्प्प्प….ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह
ऐसी ही आवाज़ो के साथ मैं सुषमा की गान्ड की धज्जिया उड़ाता रहा और रिचा और सुषमा दोनो चूत चाट ते हुए मस्त होती रही….
थोड़ी देर बाद मैने सुषमा की गान्ड से लंड निकाला तो सुषमा लूड़क कर बेड पर लेट गई और मैं उठ कर रिचा की चूत की तरफ पहुच गया…
मैने देर ना करते हुए रिचा की एक टाँग को उठाया और उसकी चूत मे लंड सेट करके …एक ही धक्के मे आधा डाल दिया…
रिचा- ओह्ह्ह….माआ…आअहह
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RE: चूतो का समुंदर
मैं(मन मे)- अब किसका कॉल होगा…सोनू का..????...नही उसे तो मैने कहा था कि मैं करूगा…तो आंटी का होगा…शायद…पर जैसे ही मैने स्क्रीन पर नेम देखा तो मेरी आँखे चमक उठी और मुझे एक नया प्लान दिमाग़ मे आ गया….....
अब मुझे सुषमा को रोकने के लिए दीपा की हेल्प की ज़रूरत नही…बस ये मान जाय….और मैने कॉल पिक की….
( कॉल पर )
मैं-हाई जान , कैसी हो….
रिचा- बहुत गुस्सा हूँ तुमसे…
मैं-अच्छा…ऐसा क्यो…???
रिचा- क्यो , तुम नही जानते क्या…???
मैं- नही तो...मुझे कैसे पता होगा...
रिचा- अच्छा...इतने भोले मत बनो...समझे...
मैं-अरे जान …बोलो ना क्या हुआ..???
रिचा- एक तो तुमने आग भड़का दी…और अब भूल ही गये….
मैं – आग……कैसी आग..???
रिचा- अरे यार …समझो ना…
मैं- अरे जान..खुल के बताओ….कैसी आग…???
रिचा- वही आग जो तुमने मेरी चूत मे लगा दी है…
मैं- पर मैने तो चूत की आग भुझाई थी…लगाई कहाँ थी…
रिचा- तभी तो…तुमने एक बार चुदाई की तो बरसों से ठंडी पड़ी छूट की आग भड़क गई…
मैं- ओह हो…तो अब…???
रिचा- अब क्या…अब इसका कुछ करो ना..
मैं- ओह हो जान…तुम कहती तो मैं आ जाता…पर तुमने तो मुझे बताया ही नही…
रिचा- कैसे बताती…तुम मिलते कहाँ हो…पता नही कहाँ बिज़ी रहते हो…
मैं- ओके..सौररी…अब ख्याल रखुगा..ओके
रिचा- सौरी नही चाहिए…अभी आग लगी है तो कुछ करो इसका….
मैं(मन मे)- आज रिचा को ही बुला लेता हूँ…पर क्या वो सुषमा के सामने चुद पायगी…???,,,,,,,पूछ के देखता हूँ…उसकी चूत गरम है…मान ही जायगी….नही तो मैं मना लूँगा…
रिचा- कहाँ खो गये…कुछ करो ना..
मैं- अरे जान …इसमे क्या प्राब्लम है…अभी आ जाओ…आग भुझा देता हूँ…
रिचा- ओह्ह…तुम कितने अच्छे हो…मैं अभी आती हूँ…
मैं- रूको , पहले मेरी बात सुनो..
रिचा- अब क्या…???
मैं-देखो रिचा ..तुम्हारी चुदाई तो मैं कर दूँगा अभी..बट…
रिचा- बट….क्या….???
मैं- वो ऐसा है रिचा कि मेरे पास एक और चूत है…उसको भी चोद्नना है…
रिचा- अच्छा…तो फिर…लेकिन मुझे तो अभी चुदाई करनी है…
मैं- एक रास्ता है…
रिचा- क्या…???
मैं- अगर तुम्हे प्राब्लम ना हो तो मैं तुम दोनो को साथ मे चोद सकता हूँ….
रिचा-ह्म्म…मुझे कोई प्राब्लम नही …मुझे तो बस जोरदार चुदाइ करवानी है….
मैं- ओह ग्रेट….तो आओ फिर…
रिचा- वैसे…है कौन…???....रजनी या दीपा...या कोई और...
मैं- तुम आ जाओ...और खुद ही देख लेना....तुम्हे उसकी चूत भी चखने को मिल जाएगी....हाहहहा.
रिचा- ओके..अभी आई..
इसके बाद मैने कॉल कट की और सुषमा की तरफ पलटा तो वो बिल्कुल मेरे पीछे खड़ी थी और आँखे दिखा रही थी...
मैं- अब तुम्हे क्या हुआ…???
सुषमा- मैने सब सुन लिया….कौन थी ये…???
मैं – वो…रिचा थी….
सुषमा- वही रिचा….कामिनी की फरन्ड…???
मैं-हाँ..वही...
सुषमा- तुम कितनो को चोदते हो...*???
मैईन(सुषमा को बाहों मे भर कर)- अरे जान..मुझे तो चोदने को मिल जाय….चोद देता हूँ…कोई भी हो…
सुषमा- सच मे ….कमाल हो यार….तभी तो चूत खुद चलकर सामने से आती है…
मैं- ह्म्म्मह…अच्छा ये बताओ…की तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही ना….
सुषमा- नही…पर वो कुछ बक तो नही देगी किसी से…
मैं- नही ..ये मेरी गारंटी है…तुम बोलो…कोई प्राब्लम…????
सुषमा- नही, कोई प्राब्लम नही…मैने तुम्हे ऐसे ही दो-दो चूत फाड़ते हुए देखा था…तभी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हुई…
मैं- हां….मैं तो भूल ही गया था….तो आज तुम्हारी और रिचा की वैसी ही चुदाई करूगा…
सुषमा- ओके…मैं तैयार हूँ…अब छोड़ो…मैं बाथरूम से आती हूँ…
मैं(सुषमा को छोड़ कर)- ओके..जाओ…जल्दी आना…मुझे भी जाना है…
सुषमा- ओके अभी आई…
इसके बाद सुषमा अपनी गान्ड मटकाते हुए बाथरूम मे चली गई और जब वो थोड़ी देर मे बाहर आई तो फ्रेश दिख रही थी…..मैं भी बाथरूम जाकर फ्रेश हो आया…और सुषमा के साथ बेड पर लेट गया ….और हम दोनो रिचा का वेट करने लगे….तभी सुषमा बोली..
सुषमा- ओह माइ गॉड….मेरे पति मेरा वेट कर रहे होगे…तुमने कहा था कि संभाल लोगे..पर कुछ भी नही किया…
मैं-ओह हाँ…रूको अभी करता हूँ …रिचा को आने दो….
सुषमा- ओके….मना लेना..मुझे आज की रात जी भर के चुदना है…
मैं-अक्चा…ठीक है…आज रात तुम्हारी और कुछ…
सुषमा- और…हाँ..वो सोनू कहाँ गया…
मैं- वो तो मज़े करके चला गया होगा…और अब उसे तुम्हारा इंतज़ार है…
सुषमा- अच्छा….पर मैने कैसे…मुझे शर्म आती है….वो क्या सोचेगा…
मैं(मन मे)- अभी जब तू उछाल-उछाल के चुद रही थी, तब वो लंड को मूठ मार रहा था…वो तो बस तुझे चोदने की फिराक़ मे है…
सुषमा- कहाँ खो गये…बोलो ना…कैसे होगा..
मैं(मुस्कुरा कर)- अरे वाह…बड़ी जल्दी है , बेटे से चुदने की…
सुषमा(शरमा गई)- तुम भी ना…मत बताओ…
मैं- अरे मेरी रानी…पहले हम घर पहुच जाए…वहाँ…प्लान करते है ओके..
सुषमा- ओके…
इतने मे रिचा रूम मे एंटर हुई और उसने सामने देखा कि सुषमा पूरी नंगी मेरे सीने पर लेटी हुई मेरे लंड को सहलाते हुए बाते कर रही है …तो रिचा बोली…
रिचा- तुम लोग थोड़ी तो शर्म करो…गेट तो बंद कर लेते…
रिचा के आने से सुषमा ने शरम के मारे चद्दर से अपने आपको छिपा लिया….और मैने रिचा से कहा…
मैं- तू चुप कर…बड़ी आई शरम वाली…तू भी तो चुदने ही आई है ना…अब गेट तो लॉक कर दे…
रिचा- अरे मैं तो भले के लिए बोल रही थी…कोई देख लेता तो क्या होता…???
मैं- होना क्या है…वो भी मेरे लंड के नीचे आ जाती…हाहहाहा
रिचा- तुम भी ना…
और रिचा गेट को लॉक कर के बेड पर आ गई और सुषमा को देख कर बोली…
रिचा- क्यो सुषमा…तू भी….इसके चक्कर मे फँस ही गई…
सुषमा ने शर्मा के नीचे मूह कर लिया…
रिचा- अब शरमाना छोड़…आज रात वैसे भी हम साथ मे इस लंड के मज़े लेने वाले है तो शर्म को दूर कर दे….हहेही
मैं- हाँ, सुषमा…अब शरम छोड़ और मज़े कर…
सुषमा- ओके..पर मेरे पति को तो....
मैं(बात काट के)- अरे हाँ…रिचा..एक काम करो पहले…
रिचा- हाँ..बोलो
मैं- तुम रिचा के सेल से इसके पति को कॉल करो और कोई काम का बहाना कर के बोल दो कि आज रात सुषमा तेरे साथ ही सो जायगी….अपने रूम मे नही आयगी….ओके
रिचा- बस इतनी सी बात ..अभी लो…सुषमा ...अपने पति को कॉल करो...
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RE: चूतो का समुंदर
उसके बाद सुषमा ने अपने पति को कॉल किया...और रिचा ने झूठ बोल कर उसके पति को मना लिया की रात को सुषमा , रिचा के साथ ही सो जायगी....और उसका पति भी संकोच मे मना नही कर पाया....
रिचा(कॉल कट कर के)- लो हो गया काम....अब अपना प्रोग्राम सुरू करे...क्यो सुषमा...
सुषमा- हाँ..आज हम दोनो ..इसके लंड को निचोड़ देते है…
मैं- हाँ, निचोड़ देना पर, पहले पेट पूजा फिर काम दूजा….मुझे भूख लगी है…
रिचा- हाँ यार चुदाई की खुशी मे तो मैं भूल ही गई थी…कि खाना भी खाना है…
सुषमा- सही कहा…इसने अभी-अभी मुझे दम से चोदा है….इसे खाने की ज़रूरत सबसे ज़्यादा है…
मैं- तो पहले खाना खाते है फिर पूरी रात मस्ती करेगे…
रिचा- ह्म्म्म
सुषमा- तो चलो फिर …
मैं- कहाँ…???
रिचा- भूल गये , डिन्नर नीचे ही होगा…
मैं- नही , नीचे जाने के लिए रेडी होना पड़ेगा…टाइम खराब होगा…यही मग़वा ले..
रिचा- पर यहाँ कैसे…???...और मैने तो कहा है कि सुषमा मेरे रूम मे है...तो पता चल जायगा...अगर सबका खाना यहाँ मगवाया….
सुषमा- हाँ सही कहा…चलो हम नीचे ही चलते है….टाइम लगता है तो लगने दो.
मैं- अरे चुप करो तुम दोनो…मैं कुछ करता हूँ…कुछ प्राब्लम नही होगी…
सुषमा- कैसे…???
मैं- तुम बस वेट करो…
और मैं सोचने लगा कि कैसे खाना रूम मे मन्गवाऊ....और कुछ सोच कर मैने एक कॉल किया........
मैने रजनी आंटी को कॉल किया..
( कॉल पर)
मैं- हेलो आंटी…कहाँ हो..???
आंटी- मैं नीचे हूँ…कामिनी के साथ..बोलो..
मैं- आंटी , एक काम था…
आंटी- हाँ बोलो…क्या काम है…
मैं- आंटी..आप डिन्नर मेरे रूम मे भिजवा दोगि..??
आंटी- बस इतनी सी बात…अभी भिजवाती हूँ..
मैं- पर आंटी...3 लोगो का भिजवाना है...
आंटी- 3 लोग…कौन-कौन है वहाँ…???
मैं- आंटी..वो रिचा और सुषमा भी है…साथ मे ही डिन्नर करेगी..
आंटी- अच्छा…सिर्फ़ डिन्नर करेगी या..तेरा लंड भी खाएगी…???
मैं(हँसते हुए)- आंटी आप भी ना…हाँ डिन्नर के बाद स्वीट डिश तो खाते ही है ना...
आंटी- ह्म्म्म ..तो आज रात को तू बिज़ी रहने वाला है…
मैं- हाँ, वो तो है..
आंटी- मतलब , मेरा चान्स नही है….
मैं- अरे…आप तो अपनी हो….कभी भी कर देगे…आपका…पर ये तो नही मिलेगी ना…
आंटी- अच्छा…ठीक है…ओह हाँ, यही न्यू माल हैं तेरे है ना..??
मैं- जी आंटी…अब बाते बाद मे करना…खाना भेजो …और हाँ..नॉनवेग हो तो वही भेजना..
आंटी- मैं जानती हूँ कि तुझे नोन-वेज ज़यादा पसंद है…चिंता मत कर ,..मैने तेरे लिए मटन बनवाया है..वही भेजती हूँ
मैं- वाउ आंटी…थक्स…..
अच्छा..मटन के साथ थोड़ी स्कॉच मिल जाय तो..??
आंटी- बेटा , अब मैं स्कोथ कहाँ से लाउ ..यहाँ सब लेडीस ही है और कोई पार्टी नही हो रही…तू ही बता कि किस से कहूँ…
मैं( कुछ सोच कर)- आंटी…डॉन’ट वोर्री..रूम मे होगी ना…
आंटी- हाँ,,,तेरे रूम मे रखवाई थी…
मैं- ओके, आंटी…आप खाना भेजो ..बाद मे बात करता हूँ..
आंटी- ठीक है..अभी भिजवाती हूँ…तू मज़े कर…
इसके बाद मैने कॅल कट की और रूम मे स्कॉच देखने लगा…पर स्कॉच तो ख़त्म हो गई थी…तब मुझे ख्याल आया कि मुझे कहाँ से स्कॉच मिल सकती है…और मैं बाथ रूम मे आया और गेट लॉक करके एक कॉल किया…..
( कॉल पर)
मैं- हेलो, सोनू..कहाँ है
सोनू- भाई…हेलो…मैं बस रूम मे ही हूँ..रेस्ट कर रहा था..
मैं- ओके…तो आज फुल मज़े किए…
सोनू- हाँ भाई…थॅंक्स…तेरी वजह से आज बहुत मज़ा आया..
मैं- अरे..मेरे साथ रहेगा तो और भी मज़े करवाउन्गा…
सोनू- भाई…मैं तुम्हारे साथ हूँ…जो कहो वो करूगा..
मैं- तो अभी एक काम कर..
सोनू- बोल भाई ..क्या करना है…
मैं- देख मुझे स्कॉच चाहिए...अभी..
सोनू- भाई ..तुमने कहा और मैं ना कर सकूँ ऐसा नही हो सकता..अभी लाता हूँ..
मैं- अबे तू मत लाना..किसी से भिजवा दे…पर जल्दी…
सोनू- हाँ भाई अभी पहुचाता हूँ...वैसे स्कॉच पी कर चुदाई करना है क्या मेरी माँ की..
मैं( हँसते हुए)- हाँ..भाई..तेरी माँ कड़क माल है...स्कॉच पी कर चोदने मे ज़्यादा मज़ा आयगा...
सोनू- भाई कैसे भी चोदो बस मुझे दिलवाना ...जल्दी..
मैं- हाँ यार..घर पहुचते ही तुझे दिलवा दूँगा..अभी मेरा काम कर, जल्दी
सोनू- भाई तू कॉल कट कर..स्कॉच 5 मिनट मे आ जायगी..
मैं-ओके, बाइ
सोनू- बाइ भाई
फिर मैं हाथ मूह धो कर फ्रेश हुआ और रूम मे आ गया…मैने रूम मे आते ही देखा कि सुषमा ने एक नाइट ड्रेस पहन ली है…और सोफे पर रिचा के साथ बैठे हुए गप्पे मार रही है…मुझे देखते ही वो बोली.....
सुषमा- किस से बात हो रही थी..???
मैं- अरे वो खाना मग़वा रहा था और पीने को भी....स्कॉच..
रिचा- तो अब कुछ कपड़े भी पहन ले..वरना हम खाना छोड़ कर ये लंड खा जायगे…क्यो सुषमा…???
सुषमा- ह्म्म..सही कहा…और दोनो हँसने लगी..
मैने फिर बॉक्सर और टी-शर्ट पहन ली और दोनो के बीच मे सोफे पर बैठ कर बाते करने लगा…
थोड़ी देर बाद रूम पर नॉक हुई ..तो मैने गेट ओपन किया…वाहा एक नौकर स्कॉच और स्नकस ले कर आया था..मैने सामान लिया और वापिस गेट बंद कर के सामान को टेबल पर रख दिया…तभी फिर से गेट पर नॉक हुई…..इस बार खाना आया था..तो रिचा ने मेरी हेल्प की और हम दोनो ने खाना टेबल पर रखा…
उसके बाद रिचा और सुषमा ने खाना टेबल पर सर्व किया और साथ मे मेरे लिए पेग भी बनाया…और मैं मटन के साथ स्कॉच का मज़ा लेने लगा, और वो दोनो खाना खाने लगी…..
हम ने आराम से खाना पूरा किया और मैं 4 पेग स्कॉच भी पी गया…जब हमारा खाना ख़त्म हुआ तो मैं एक और पेग बनाया और पी गया…
सुषमा- इतना मत पियो , अभी हमें जागना है..
मैं- डॉन’ट वॉरी…पीने के बाद मैं ज़्यादा चुदाई करता हू…क्यो रिचा…????
रिचा- हाँ..मुझे याद है…सुषमा…पीने दो…फिर तगड़ी चुदाई होगी….हहहे….चलो हम फ्रेश हो जाते है जब तक….
सुषमा और रिचा जब तक बाथरूम मे जा कर फ्रेश हुई …..तब तक मैने सेक्स पवर की एक और टॅबलेट खा ली, और अपना ड्रिंक ख़त्म कर लिया….
मैं(मन मे)- आज तो मैने काफ़ी टॅबलेट खा ली..कही कुछ गड़बड़ ना कर दे ये टॅबलेट…कुछ हो ना जाय…पर अब तो खा ही ली…अब जो होगा..वो देखेगे बाद मे…अभी तो मज़े करने का टाइम है…....
मैं सोच ही रहा था कि रिचा और सुषमा फ्रेश होकर टेबल पर आ गई और मुझे हवसी नज़रों से देखने लगी….
रिचा- अब हम तुम्हे निचोड़ने वाले है...समझे....
सुषमा- अब दिखाओ अपने लंड का दम....हमारी गर्मी के आगे टिक पायगा ...कि नही....हहहे
मैं- मुझे चॅलेज....पछताओगी ...सोच लो...
रिचा - वो तो बाद मे पता चलेगा...क्यो सुषमा...???
सुषमा- हाँ , सही कहा....आज तो तुम्हे हरा ही देगे...
मैं- ओह हो , ऐसी बात है तो मेरी रंडियों ..आओ..और ज़ोर लगाओ…देखते है कि मेरा लंड निचोड़ पाती हो..या तुम दोनो की चूतो की धज्जियाँ उड़ती है….
और इसके बाद मैने सुषमा और रिचा को गले लगा लिया …और हम ने चूमते चाट ते हुए…मस्ती सुरू कर दी...….
थोड़ी देर आपस मे किस्सिंग करने के बाद सुषमा और रिचा मुझे बेड के पास ले गई और सुषमा नीचे झुक कर मेरा बॉक्सर निकालने लगी …तब तक रिचा ने अपनी नाइटी निकाल के फेक दी और फिर ब्रा-पैंटी निकाल के नंगी हो गई…सुषमा ने भी मेरा बॉक्सर निकालने के बाद अपनी नाइटी निकाल फेकि…
अब सुषमा सिर्फ़ पैंटी मे थी और रिचा पूरी नंगी ….दोनो की दोनो रंडिया नज़र आ रही थी…और उनकी आँखो मे वासना भरी हुई थी…
मैं- वाह…..तुम दोनो तो हाउसवाइफ नही रंडिया दिख रही हो….
रिचा- हाँ…आज हम तुम्हारी रंडी ही है…
सुषमा- और हमे रंडियों की तरह ही चोदो..
और इतना कह कर...उन दोनो ने मुझे धक्का मार कर बेड पर गिरा दिया...धक्का इतना तेज था कि मैं बेड के दूसरे साइड गिरते-गिरते बचा...
मैं- पागल हो क्या...मैं गिर जाता अभी...
सुषमा और रिचा दोनो मेरी आवाज़ सुन कर सहम गई…
रिचा- ओह माइ गॉड…सौररी..सौररी
सुषमा- सौररी..हम कुछ ज़्यादा ही कर गये..
मैं(मुस्कुरा कर)- अरे गिरा तो नही ना…आज ऐसे ही वाइल्ड चुदाई करते है…अब सौररी बोलना छोड़ो और रंडी बन जाओ…आ जाओ...
मेरी बात सुनकर दोनो का डर ख़त्म हो गया और दोनो बेड पर आ गई और आते ही मेरे लंड पर किस की बौछार कर दी…
दोनो मेरे लंड के साथ-साथ मेरी जाँघो पर भी किस कर रही थी…कभी- लंड पर..कभी बॉल्स पर…और जाँघो पर भी…आहह…मज़ा आ रहा था…
मैं- आहह…तुम दोनो तो आज रंडियों को भी मात दे दोगि…
रिचा- हाँ…
सुषमा- तुम बस देखते जाओ..
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06-05-2017, 02:40 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
यहाँ रिचा मेरा लंड चूस रही थी और सुषमा रिचा की चूत को…और सुषमा की गान्ड मेरी आँखो के सामने खुल के आ गई थी…तो मुझसे रहा नही गया..और मैने रिचा के मूह से लंड निकाला और सुषमा की गान्ड मे डाल दिया….
सुषमा- आहह…आराअंम्म..सीए…आअज्जज..हहिी…खुली है..आहह
रिचा- हहहे…फाड़ दो…इसकी …..सस्र्रुरुउप्प्प्प्प्प
और रिचा नीचे से सुषमा की चूत चाटने लगी…
रिचा- सस्रररुउउउप्प..सस्स्ररुउउप्प
सुषमा- आअहह...इस रंडी की भी फाड़ देना....सस्स्स्रररुउउप्प्प...
मैं- हा...इसकी भी फाडुन्गा....येह्ह्ह
और मैने दूसरे धक्के मे पूरा लंड सुषमा की गान्ड मे उतार दिया…इस बार उसे दर्द कम हुआ और मज़ा ज़्यादा आया…
मैं सुषमा की कमर पर हाथ रख कर उसकी गान्ड मारने लगा..और सुषमा रिचा की चूत को मूह मे भर के चूसने लगी….नीचे से रिचा भी सुषमा की चूत को चाटने लगी….और दोनो बीच-सीच मे आहे भी भरती जा रही थी…
मैं- यीह…आहह..ये…ले…
सुषमा- उम्म्म..उउउंम्म...उउउंम्म...आअहह..उउउंम्म...
रिचा- सस्स्रररुउउप्प...सस्ररुउउप्प्प...सस्ररुउउप्प्प..
मैं- ये ले सुषमा....अब तेरी गान्ड पूरी रेडी है,,,कभी भी मरवाने को...
सुषमा-उउउंम्म...आहह...हा...ज्जूउर्र..सी..आहह..उउउंम्म
रिचा—आहह...सस्स्रररुउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प...सस्रररुउउप्प...आअहह
अब रूम मे चुदाई और चुसाइ की आवाज़े कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी...
मैं- ईएह…यस..यस..टेक..इट..यस…
सुषमा-आअहह…उूउउंम्म…..उउम्म्म्म..आहह
रिचा- आअहह…खा जा साली…सस्रररुउउप्प…सस्ररुउउउप्प..अहहह
मेरी जागे भी रिचा की गान्ड पर थाप दे कर चुदाई का संगीत बढ़ाने लगी…
मैं- यीहह…ये ..ले….आहह
सुषमा-आआहहा..आईइसे हिी…जूऊर सीए…जौर्र..सी..आहहाहह
रिचा-आहः..आह..अह्ह्ह्ह…अहहह…अहहहह…यईसस्स….यईसस्स….आहह
सुषमा -आअहह…हहहहा…आईयायाईए..हहिि..अहहः
त्ततप्प्प….त्त्थ्ह्प्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः.
.त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स..उउंम्म.....सस्स्रररुउउप्प्प्प….सस्स्ररुउउप्प्प…आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…ये ले…ये ले…आहहह…उउम्म्म्म..सस्स्रररुउउउप्प्प्प….ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह
ऐसी ही आवाज़ो के साथ मैं सुषमा की गान्ड की धज्जिया उड़ाता रहा और रिचा और सुषमा दोनो चूत चाट ते हुए मस्त होती रही….
थोड़ी देर बाद मैने सुषमा की गान्ड से लंड निकाला तो सुषमा लूड़क कर बेड पर लेट गई और मैं उठ कर रिचा की चूत की तरफ पहुच गया…
मैने देर ना करते हुए रिचा की एक टाँग को उठाया और उसकी चूत मे लंड सेट करके …एक ही धक्के मे आधा डाल दिया…
रिचा- ओह्ह्ह….माआ…आअहह
मैं- चीख मत साली…फटी तो है तेरी….
रिचा- आअहह..आराम से..आहह
सुषमा- आअहह..नही…फाड़ दो इसकी…
रिचा-आह..तू चुप कर रंडी…आहह…
मैं- चुप...आज तो तेरी फटेगी ही...ये ले...( और मैने दूसरा धक्का मार कर लंड को रिचा की चूत मे पूरा डाल दिया)
रिचा- आहह….माँ….उउफफफफ्फ़…आअहह..आहह
मैं- अब मज़ा आया...ये ले....
और मैने रिचा की टाँग पकड़ के तेज़ी से उसे चोदना चालू किया..और सुषमा हमारी चुदाई देखती हुई अपने बूब्स को सहलाने लगी...
मैं- यीहह...ईए...येस्स...यस..बेबी.....मज़े कर...
रिचा- आअहह..आह..आह.अहह..ऊहह..म्मा...उउउफ़फ्फ़..आहह
सुषमा- आहह...तेज्ज और तेज...फाड़ दो इसकी.जूऊर से...
रिचा-आहह…हाँ…फाड़..दूओ….इसकी भी…आहह..फाड़ना….आहह
मैं- यस..बेबी,…इसकी भी…ईएहह..यीहह
मैं रिचा को चोदे जा रहा था और सुषमा भी उठ कर रिचा के मूह पर चूत कर के बैठ गई…
सुषमा- ले रंडी…चूत चूस मेरी…तेरा मूह बंद हो जायगा…चूस…
रिचा- आहह..हा..रंडी…आज खा…आहह..जाउन्गी…लाअ..आहह
और रिचा ने सुषमा की चूत को चूसना सुरू कर दिया और सुषमा भी मज़े लेने लगी …और मैने रिचा को चोदना जारी रखा....
मैं- यस…यस..बेबी…यीहह….
सुषमा-आहह…और तेजज्ज़..मरो…और तेजज्ज़..
रिचा- सस्स्रररुउउप्प…उउंम्म…उउंम्म….
मैं- आहह…आज तो दोनो ही रंग मे है..मज़ा आ रहा है…ऐसे ही…लगी रहो…
सुषमा-आहह..तुम साथ हो तो…ऐसे ही..आहह…जूऊर से…
रिचा- उउंम्म…उउउंम्म….उउउम्म्म्म..उउम्म्म्मम
मैं रिचा को पूरी स्पीड से चोद रहा था और रिचा भी पूरे जोश से सुषमा की चूत चूस रही थी….रिचा की मस्ती इतनी बढ़ गई की उसने झड्ना सुरू कर दिया….
मेरी जाँघो से रिचा की मस्त गान्ड टकरा कर महॉल मे मस्ती बढ़ा रही थी…
त्ततप्प…त्तप्प..आआहहहह…उउउफफफ्फ़…आईईीीइसस्सीए…हमम्म्म…ययईएसस्स….इय्य्ाआहह…त्ततप्प…त्ततप्प…
तहतहत्ट्ट्ट्प्प्प….आअहह…उूुुउउफ़फ्फ़
ऐसे ही आवाज़े चुदाई की मस्ती को बढ़ाने लगी और रिचा झड्ने लगी….
रिचा(सुषमा की चूत से मूह हटा कर)-आहह..आहह…म्मामईयाईिन्न्न..ग्गगाइइइ..आहह..अहहह..ऊहह..म्मा….अहहह
मैं- येस्स..ईीस्स…आहह…कम..कम..बेबी..कम…
सुषमा भी रिचा के झड्ते ही साथ मे झड्ने लगी…
सुषमा-आअहह….आआईयइ…म्म्माहऐईइ…..बभीी….
आआअहह…..यस…यस..यस…आअहह….आहह…उउउंम्म….ज्ज्जूौरर्र…सससे.ए…चूज़…ले…ईसस्स्सयईसस्स..आअहह…
म्म्माभऐईिईन्न्न्न्….गग्ग्गाऐयईईई
और इसी के साथ सुषमा भी रिचा के साथ झड गई….....
रिचा की चूत रस मेरे लंड के धक्को के साथ अंदर बाहर होने लगा ओर रिचा भी सुषमा के चूत रस को चाटने लगी ऑर चुदाइ के महॉल मे आवाज़े भी बदल गई…
फ़फफूूककच…प्प्प्प्ुउउककच…..आअहह…उउउंम…आहह…सस्स्रररुउउप्प्प…सस्ररुउउप्प..उउंम्म……त्तप्प…त्तप्प..आआहहहह
…उउउफफफ्फ़…आईईीीइसस्सीए…हमम्म्म…ययईएसस्स….ईप्प्प्ुउउककच…प्प्प्उक्च्छ…..आअहह……प्प्प्प्उक्च…
उउउम्म्म्ममम…यईएसस…सस्स्ररुउउप्प…सस्रररुउपप..उउउंम्म…उउउम्म्म्म..सस्ररुउउप्प्प्प….
य्य्ाआहह…त्ततप्प…त्ततप्प…तहतहत्ट्ट्ट्प्प्प….आअहह…उूुुउउफ़फ्फ़…..इय्याअहह….आअहह…अहहह…अहहह…उूउउम्म्म्म
…म्मा…ऊहह..ऊहह….आहह
ऐसी ही आवाज़ो के साथ सुषमा ऑर रिचा झड गई..जब वो झड चुकी तो मैने रिचा की चूत से लंड निकाला ऑर लेट गया…मेरे हट ते ही सुषमा फिर से 69 पोज़ीशन मे हो गई ओर रिचा का चूत रस चाटने लगी…ऑर दोनो ने एक दूसरे की चूत को चाट कर सॉफ कर दिया और अलग हो कर लेट गई….
सुषमा और रिचा थोड़ी देर तक रेस्ट करने के बाद उठ कर बारी-बारी बाथरूम जाकर फ्रेश हो गई ओर मैने उठ कर स्कॉच का एक पेग बनाया ओर सोफे पर बैठ कर पेग पीते हुए सोचने लगा…
मैं(मन मे)- साला इतनी चुदाई के बाद भी लंड तो तना हुआ है..सच मे ये टॅबलेट तो कमाल की है….पर ज़्यादा नही उसे करना चाहिए…कल से इसका ख्याल रखना होगा..ऐसा ना हो कि बिना टॅबलेट के लंड काम का ना रहे …ह्म्म्म्म ..कल से टॅबलेट बंद…
मैं सोच ही रहा था कि सुषमा और रिचा मेरे पास आ गई…ऑर सुषमा ने अपनी पैंटी भी निकाल दी…जो नाम के लिए फसि हुई थी..चूत तो छिपी ही नही थी….
रिचा- फिर से स्कॉच…..कितनी पियोगे….
सुषमा- अरे पीने दो….जितनी पीना हो पियो…पर हमे तो हमारा रस पीना है…
मैं- हाँ मेरी रानियो…तुम्हारा प्यारा रस भी पिलाउन्गा..पर उसे निकालने के लिए दम तो लगाओ….
रिचा- अच्छा….हम तो इसी लिए है…अभी निकालते है…..
सुषमा- हाँ…हम ने हार नही मानी…
मैं- ओके तो सुरू हो जाओ....ऑर मैं खड़ा हो गया
इतना बोलते ही सुषमा और रिचा भूखी कुतियों की तरह मेरे लंड पर झपट पड़ी और फिर से लंड को चाट कर बुरा हाल करने लगी लगी….फिर से सुषमा ने मेरी बॉल्स को मूह मे भर लिया ओर रिचा ने मेरे लंड के टोपे को….
और दोनो ने मेरी बाल्स और मेरा लंड का सुपाड़ा चूसना सुरू कर दिया….दोनो नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड और बाल्स को मस्ती मे चूस कर अपनी हवस की प्यास भुजाने लगी…...
रिचा- उउउंम्म…ऊओंम्म्म…आअहह…उउउंम्म…
सुषमा- उम्म्म…ऊओंम्म..उउउंम्म…उउउम्म्म्म
मैं-आहह..तुम दोनो तो पागल कर दोगि..आहह
सुषमा- ऊमम्मह…उउउंम्म…उउउंम्म
रिचा-सस्ररुउउप्प…..उउंम्म….सस्रररुउउउप्पप्प्ससररुउउप्प्प
अब रिचा और सुषमा पूरे जोश के साथ मेरे लंड ऑर बॉल्स को चूस्ति ओर चाट ती हुई मज़े लेने लगी…और मैं भी मस्ती मे पागल हुआ जा रहा था ऑर आहे भर रहा था….
सुषमा- उउउंम्म…सस्स्रर्र्ररुउउप्प..सस्स्रररुउउप्प…उउउम्म्म्मह…उउउंम्म
रिचा- सस्स्रररुउउप्प्प…सस्रररुउउप्प..ग्ग्गहूओ….गग्ग्घहूओ….उउउंम्म….
मैं-आह…ऑर तेज…आअहह…ऐसे ही….चूस लो..आहह
थोड़ी देर तक दोनो मेरे बाल्स और लंड को चूसने के बाद खड़ी हो गई ओर मेरे सीने के एक-एक तरफ जीभ फिराते हुए मुझे चाटने लगी….ऐसा मज़ा मैने पहली बार फील किया….
मैं- आहह…..आज तो तुम दोनो पागल हो गई हो…आहह
रिचा-सस्रररुउउप्प…आहह…सस्स्ररुउउप्प..सस्शह
सुषमा- सस्स्रररुउउपपप्सससररुउउप्प्प…आअहह…सस्स्रररुउउउप्प्प,,,,,
फिर उन दोनो ने वो किया जो मैने सोचा भी नही था….सुषमा और रिचा ने मेरे सीने पर जीभ फिराने हुए मेरे एक –एक निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगी....और मैं मस्ती मे तड़प उठा….
मैं-आहह…क्या कर रही हो…आहह..छोड़ो
रिचा-उम्म्म..उउंम्म…उउउंम्म…उउउंम्म
सुषमा-उउउंम्म…उउम्मह…उउउम्म्मह…उउउम्म्मह
मैं(मन मे)- साला आज तक मैने ही लड़कियो और औरतों के निप्पल चूसे थे….ओर आज ये औरते मेरे निप्पल चूस रही है…पागल है साली….
सुषमा और रिचा अपनी ही मस्ती मे मेरे निप्पल को चूस कर लाल कर रही थी ओर मैं मस्ती और अचंभे से मज़ा ले रहा था….
सुषमा- उउंम्म..सस्र्र्ररुउउप्प...आहहह
रिचा- उउम्म्मह...उउम्म्मह....आअहह
और दोनो ने मेरे निप्पल को चूसना छोड़ा ऑर हँसने लगी....
रिचा- क्यो मज़ा आया..*???
सुषमा- पागल कर दिया ना तुम्हे भी...*???
मैं- आहह..सच मे तुम दोनो ने तो वो कर दिया जो मैने सोचा भी नही था...
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06-05-2017, 02:42 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
सुषमा-आआहओमम्म..सस्रररुउउप्प..सस्ररुउपप..उउउंम्म....आहहाहह
रिचा-आहः..आह..ह…अहहह…अहहहह…यईसस्स….यईसस्स….चूज़ ले..आहह
सुषमा -आअहह…हहहहा…उउम्म्म्म..सस्रररुउउप्प्प..सस्ररुउउप्प…उउउंम..उउंम
टत्त्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः.
.त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…येस्स..एस्स…..सस्स्रररुउउप्प्प्प….सस्स्ररुउउप्प्प…आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…ये ले…ये…उउंम..उउंम्म..सस्रररुउपप …आहहह…उउम्म्म्म..सस्स्रररुउउउप्प्प्प….ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह
ऐसी ही आवाज़ो के साथ मैं सुषमा की चूत की धज्जिया उड़ाता रहा और सुषमा , रिचा की चूत चाट ते हुए मस्त होती रही….ऑर रिचा मस्ती मे तड़प रही थी….
थोड़ी देर बाद मैने सुषमा को रोक कर उसकी चूत से लंड निकाला ऑर सोफे पर साइड मे कर दिया और फिर मैने रिचा को खींच कर कुतिया बनाया ऑर पीछे से उसकी चूत मे लंड डाल दिया……
रिचा- उूउउइ..म्माआ…पूरा…आहह
मैं- हाँ…पूरा..अब मज़े कर….
सुषमा-आहह…फाड़ दो…इसकी….अहहह
रिचा- ओह्ह्ह….फाड़ दो….
मैने एक पैर को सोफे पर रखा और रिचा को चोदने लगा…ऑर सुषमा रिचा के सामने कुतिया बन गई…ओर रिचा उसकी गंद चाटने लगी….
मैं- रिचा, चाट इसकी गान्ड…बड़ी गरम है…
सुषमा-अहहह..खा जा…आअहह…जीब डाल ना…
रिचा-सस्ररुउपप..आहह..आह…हा…उउफ्फ…
रिचा मेरी चुदाई से बहाल थी पर सुषमा की गान्ड को बराबर चाट रही थी…मस्ती मे पागल हो रही थी दोनो…वहाँ सुषमा भी अपनी गान्ड चटवा कर..मज़े मे आहें भरने लगी…
मैं- येस्स…बेबी…चाट ले…ऑर मेरा भी ले….आहह
रिचा- सस्रररुउपप,,,,,,उउंम्म..आहह..उउंम..ह
सुषमा- ओह्ह..ऊहह..म्मा..उउफ्फ….ख़ाा..जा….
रिचा-आहह…सस्ररुउउप्प्प..सस्ररुउउप्प..टीज़्जज..फादद..द्डू..जजूर्र..सी…उउंम्म
सुषमा- आहह..आह..हाँ…तू..भी….तीज्ज..तीज्ज्ज..चूत भी…आहह…
मैं- यस..एस्स..बेबी..ये ले…ये ले…ये फटी तेरी..अहहह
मैने फुल स्पीड मे रिचा को चोदना सुरू कर दिया और रिचा ने भी सुषमा की चूत को मूह मे भर लिया,,,,ऑर सुषमा की चूत भी भर गई…और मेरी जांघे अब रिचा की गान्ड पर थाप देने लगी…..
सुषमा- आहह…रिचा….चूस दे….मेरा…होने वाला ..आहह…
रिचा- सस्ररुउपप..सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प..उउम्म्मह..उउम्मह
मैं- एस्स…एस…ये ले…ओर तेज…ओर तेज..तो ये ले…ओर ली…..
सुषमा-आआहओमम्म..रचाअ…तीज्ज..ऑर तीज्ज्ज...आहहाहह
रिचा- सस्ररुउपप..सस्ररुउउप्प्प..सस्ररुउपप..उउंम्म..उउउंम..उउंम
सुषमा –आअहह…रिचा..आहह…जजूर्र..सीए
रिचा- आअहह…हहहहा…उउम्म्म्म..सस्रररुउउप्प्प..सस्ररुउउप्प…उउउंम..उउंम
टत्त्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः.
.त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स…..सस्स्रररुउउप्प्प्प….सस्स्ररुउउप्प्प…आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…ये ले…ये…उउंम..उउंम्म..सस्रररुउपप …आहहह…उउम्म्म्म..सस्स्रररुउउउप्प्प्प….ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह
ऐसी मस्त चुदाई ऑर चुसाइ से रिचा और सुषमा दोनो झड़ने लगी…
रिचा- सस्ररुउपप..आहह..म्मैअईईईईन्न्न..आईईइ...ऊहह..उउंम्म
सुषमा- आहह..रिचा...मैिईन्न..बभीी...आहह...आइईइ...म्माउ.एयेए...
मैं- यस येस्स,,,,,,कम ऑन रंडियो...
अब रिचा झड़ने लगी ओर सुषमा भी ऑर मैने रिचा को चोदना जारी रखा …ऑर मेरा लंड उसकी चूत रस से फाउउcछ की आवाज़े करने लगा….
फ़फफूूककचह..फ़फफूूक्चह्त…….टत्त्तप्प्प….त्ततप्प्प…थ्थ्ह्प्प..आहह…उउउंम..हमम्म..आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…ऊहह…ऊहह
….फ्फक्च्छ..फ़फफुक्चह…...त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स……आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह…ये ले…ये ले..…आहहह..फ़्फुूक्च..फ़्फुऊूउक्च…...ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह…आहह..आहह…अह्ह्ह्ह..अह्ह्ह्ह
और ऐसी ही मस्त आवाज़ो के साथ मैं भी झड़ने के करीब आ गया…
मैं- आहह….मैं आ रहा हूँ…कहाँ डालु ..
सुषमा- नही…मुझे चाहिए..आहह…
रिचा- मुझे भीइ..आहह,,,आहह
मैं- दोनो को दूँगा….
और मैने रिचा की चूत से लंड निकाला ऑर खड़ा हो गया….रिचा ओर सुषमा भी जल्दी से उठ कर मेरे पास नीचे बैठ गई और दोनो ने मेरे लंड को बारी बारी चूसना सुरू कर दिया…ऑर मैं थोड़ी देर मे झड़ने लगा…ऑर मेरी दोनो रंडिया मेरे लंड रस को आपस मे बाँट कर पीने लगी……
जांब मैं पूरा झड गया तो रिचा और सुषमा ने मेरे लंड को चूस कर सॉफ किया और मेरे रस का रस्पान करने लगी….
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RE: चूतो का समुंदर
जब हमारी चुदाई का संग्राम ख़त्म हुआ तो मैं जा कर बेड पर लेट गया..ऑर सुषमा और रिचा भी आ कर मेरे दोनो साइड लेट गई….
ऑर हम बातों मे मस्त हो गये…
रिचा- तो मान गये ना…लंड को निचोड़ दिया…क्यो सुषमा..???
सुषमा- ह्म्म..पर हमारे भी जोरदार बज गई…
रिचा- वो तो होना ही था...आख़िर लंड है किसका..
मैं- ह्म्म…तो हम सब जीत गये,…कोई नही हारा…क्यो…???
सुषमा- हाँ…ओर मज़ा तो इतना आया कि क्या कहूँ..
रिचा- सच मे …अब खड़े होने की भी हिम्मत नही रह गई…
मैं- सही कहा..अब रेस्ट करते है…
और मैं उठ कर बाथरूम गयी ओर फ्रेश होकर वापिस बेड पर लेट गया….
सुषमा और रिचा भी फ्रेश हो कर आई ऑर मेरे साइड मे लेट गई ऑर मैं दो मस्त नंगी औरतो के साथ लिपट कर सो गया….
हम इतना थक चुके थे कि हमे पता भी नही चला कि हम कब सो गये…..हम सब नंगे ही सो रहे थे , वो भी बेहोश होकर…
सुबह जब मेरी आँख खुली तो मेरे कानो मे किसी की आवाज़ आ रही थी….ये आवाज़ दीपा की थी….
दीपा- उठो…अब उठ भी जाओ….कब तक सोना है…दोपहर होने आई…
मैं(आँख खोल कर)- ह्म्म्म ..कौन…ओह दीपा…क्या हुआ…
दीपा- मेरे राजा..उठ जाओ…सुबह हो गई…ऑर कुछ देर मे दोपहर होने वाली है…
मैं- क्या…सच मे….और मैं उठ कर बैठ गया…
मैं अभी भी नंगा ही था, बस चद्दर से ढका हुआ….पर मेरे साथ तो दो नंगी भी थी वो कहाँ गई..
मैं-दीपा…मैं..अकेला…???
दीपा(मुस्कुरा कर)- हाँ…मेरे हीरो…वो दोनो तो सुबह ही उठ कर चली गई…काफ़ी खुश थी..हहहे
मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म्म्म ..ऑर तुम अब आई मुझे उठाने…
दीपा- नही मेरे राजा …तीसरी बार आई हूँ…दो बार तो तुम उठे ही नही…
मैं- अच्छा..ऑर आंटी कहाँ है…
दीपा- वो भी आई थी …पर उठा नही पाई…
मैं- ओह हो..अभी कहाँ है…???
दीपा- सब लोग कामिनी के मॅंगो गार्डन जाने वाले है..बस उसी की तैयारी कर रही है…
मैं- मॅंगो गार्डेन..???
दीपा- हाँ..आज रुक रहे है तो सोचा कि पिक्निक हो जाय…
मैं- ह्म्म्मा..तो कामिनी का मॅंगो गार्डेन भी है..???
दीपा- हाँ..बट वो छोटा ही है..बाकी नॉर्मल गार्डेन है…
मैं-ह्म्म, कैसा भी हो…पिक्निक मस्त होनी चाहिए…
दीपा- वो तो होगी ही..ओर चान्स मिला तो मस्ती भी..हहहे
मैं-तुम तो बस मस्ती के पीछे पड़ी रहो..
दीपा- क्यो…कल रात भी तुम भूल गये मुझे…
मैं- अच्छा..इतनी चुदाई की फिर भी …???
दीपा- पर सुषमा के साथ रिचा को बुला लिया पर मुझे क्यो नही बुलाया..???
मैं- अरे मेरी रानी, मैं गया था बट तू सो गई थी…मैने सोचा कि तुम्हे रेस्ट करने दूं बस , इसी लिए…
दीपा- ओह माइ स्वीटहार्ट....कितना ख्याल है तुम्हे मेरा..
मैं- हाँ मेरी जान …मैं हमेशा ख्याल रखुगा…
दीपा- सच…???
मैं-सच …
दीपा मेरे गले लग गई ऑर थोड़ा इमोशनल भी हो गई..थोड़ी देर गले लगने के बाद वो बोली…
दीपा- अब उठ भी जाओ…हमें निकलना है…
मैं- ओके…तुम चलो मैं रेडी हो कर आया…
दीपा –ओके..जल्दी आना..मैं नाश्ता लगवाती हूँ…
और दीपा मुझे बाइ बोल कर निकल गई..ऑर मैं बाथरूम मे घुस गया…
मैं जब नहा रहा था तो अपना लंड देखते हुए सोचने लगा…
मैं(मन मे)- साला मेरा लंड कितनी चुदाई कर रह रहा है आज कल..ऑर उपर से वो टॅबलेट भी खा गया…नही बाबा..अब मैं टॅबलेट नही खाउन्गा..चाहे जो भी हो ….मैं अपने दम पर ही चुदाई करूगा….बॅस...
ऑर मैं अपने आपको बोल कर नहाने लगा…..मैं फिर नहाने के बाद रेडी हुआ ऑर नीचे आने लगा…तभी मेरे सामने मेरी मोहब्बत फिर से आ गई…वो भी नाश्ता करने रूम से निकली थी…
मैं- हेलो मनु…
मनु(मेरी आवाज़ सुनकर रुक गई …पर पलटी नही)
मैं( मनु के सामने जा कर)- मैने कहा हेलो...अब क्या हेलो भी नही बोल सकती..
मनु-ओह..सॉरी मैने सुना नही…हेलो
मैं- मनु, जब झूट बोलना नही आता तो मत बोला करो ना..
मनु-ज्ज्ज..झूट..कैसा झूट..???
मैं- तुम्हारी आँखे बता रही है कि तुम झूठ बोल रही हो…तुमने सुन लिया था..है ना..???
मनु- वो ..नही..नही सुना…
मैं- ओके..ओके…अच्छा..बताओ…मेरी बात का क्या हुआ…
मनु- मुझे उस बारे मे कोई बात नही करनी…
मनु मेरी बात का जवाब दे रही थी पर मुझे देख नही रही थी,,,मैने नॉर्मल करने को बोला…
मैं- ओके..नही करता,,,अभी की बात करूँ...
मनु-ह्म्म्मब
मैं- तुम पिक्निक पर आ रही हो ना...*???
मनु- नही..वो मेरी तबीयत ठीक नही..
मैं- क्या ना आने की वजह मैं हू…
मनु..नही तो…तुमसे क्या…
मैं- तो साबित करो…
मनु- क्या साबित करूँ..???
मैं- पिक्निक पर आओ..तो मैं समझ लूगा कि मुझसे प्राब्लम नही..वरना…???
मनु- वरना..क्या….???
अब मनु मुझे देखने लगी…
मैं- वरना मैं भी नही जाउन्गा….
मनु- ( चुप रही )
मैं- सोच लो…बोलो आओगी कि नही….??
मनु- वो मैं…मुझे जाना है…
और इसके आगे कि मैं कुछ कहता , मनु नीचे जाने लगी…तेज़ी से…मैने पीछे से ज़ोर से बोला…
मैं- मनु....आज नही तो कल...तुम मुझे समझ जाओगी...ओर पिक्निक ज़रूर आना ..वरना मैं भी यही रुक जाउन्गा....
मनु मेरी बात सुन कर रुकी ऑर पीछे देख कर वापिस चली गई....उसकी आँखों मे आज भी कुछ छिपा था..बट मैं समझ नही पाया...
मैं भी मन मार कर नीचे आ गया..ऑर नाश्ता करने बैठ गया.....
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06-05-2017, 02:42 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
नाश्ते की टेबल पर मेरे साथ दीपा थी…ऑर हम नाश्ता कर ही रहे थे कि मेरे सामने से सोनम निकली…वो मुझे देख रही थी..पर मैं समझ नही पाया कि ये चाहती क्या है…ना ही इसने मेरे प्रपोज़ल को आक्सेप्ट किया ऑर ना ही उस दिन के बाद से मुझसे बात की….पर मैने सोच लिया था कि जाने के पहले तो इस से बात करके ही जाउन्गा…
मैं सोच ही रहा था कि तभी मेरे साइड से सोनू आ गया ऑर हमारे साथ ही बैठ गया…..
सोनू- हेलो भाई….गुड”मॉर्निंग…
मैं- मॉर्निंग भाई ..
सोनू- वैसे मॉर्निंग तो काफ़ी पहले हो चुकी है…हाहाहा
मैं(मुस्कुरा कर)- क्या करूँ यार मेरी नाइट थोड़ा लेट हो गई थी…
सोनू मेरा मतलब समझ गया था ऑर दीपा भी…
सोनू- हाँ भाई…रात को काफ़ी बिज़ी थे आप…क्यो दीपा आंटी…??
दीपा(मुस्कुरा कर)- ह्म्म…पर बिज़ी तो तुम भी थे ना…
सोनू-अरे हम तो थोड़े ही टाइम के लिए थे …पर भाई की बात कुछ और है…बहुत बिज़ी रहते है..
दीपा- हाँ सोनू , सही कहा..हहहे….और सोनू भी हँसने लगा…
मैं- अब बस भी करो यार तुम दोनो...सोनू पिक्निक पर आ रहा है ना...*???
सोनू- हाँ भाई, मैं वही पूछने आया था...तुम मेरी कार से चलो ना...
मैं- ओके , नो प्राब्लम...
दीपा- नही..तुम मेरे साथ चलोगे...
सोनू- तो आप भी साथ मे चलिए ना..मज़ा आयगा..
दीपा- पर सोनू बेटा….कार सब की ले जानी पड़ेगी….तो तुम दोनो अपनी कार ही ड्राइव करना ऑर हम सब को ले जाना..
सोनू- पर..मस्ती का क्या…???
दीपा(सोनू के गाल खीच कर)- मस्ती, हाँ..तू चल आज तेरी मस्ती निकलती हुँ…
हम बातें ही कर रहे थे कि आंटी हमारे पास आ गई…
आंटी- उठ गया बेटा…अब चलो तुम्हे कामिनी का गाँव घूमते है..
मैं- जी आंटी…चलिए..
आंटी- हम बस अभी आते है…दीपा तू चल मेरे साथ…कुछ काम है…
इसके बाद आंटी, दीपा को साथ ले कर निकल गई ओर मैं सोनू से बात करने लगा…..
सोनू- भाई रात मे क्या हुआ..???
मैं(मुस्कुरा कर)- क्या हुआ मतलब...तेरी माँ की चुदाई हुई…ऑर क्या
सोनू- अरे यार वो तो मैने देखी थी..उसके बाद...*???
मैं- उसके बाद फिर से चुदाई हुई…ऑर पूरी रात तेरी माँ, मेरा लंड खाती रही..कभी चूत मे , कभी गंद मे ओर कभी मूह मे…
सोनू- वाह भाई..मेरी माँ को एक ही रात मे रंडी बना दिया..मान गये भाई…
मैं- अरे भाई तू कहे तो तेरी बेहन को भी रंडी बना दूं…
सोनू- अरे उसे अभी छोड़ो…पहले मेरा काम कर्वाओ..
मैं- तेरा काम हो जायगा..डोंट वरी….बस तू घर पहुच…
सोनू- ओके…पर आज पिक्निक पर क्या प्रोग्राम है..
मैं- ह्म्म्मम..सोचा तो कुछ नही..वहाँ देखते है..क्या होता है…
सोनू- भाई…अगर हो सके तो मेरा कुछ करवा देना..
मैं- ओके…अगर मौका मिला तो तुझे भी खुश कर दूगा…
सोनू-थॅंक्स भाई…अब मैं चलता हूँ..थोड़ा पापा ने बुलाया था…फिर मिलते है..
मैं-ओके
इसके बाद सोनू अपने पापा के पास चला गया ओर मैने नाश्ता फिनिश किया ऑर उठ कर बाहर आ गया....
वहाँ मुझे सोनम किसी लड़की के साथ दिखाई दी…मैने थोड़ा पास पहुचा तो पता चला कि ये तो काजल है जिसने मुझे कामिनी की चुदाई करते हुए देखा था….मतलब कामिनी की बेटी…
काजल ने भी मुझे पहचान लिया ओर खा जाने वाली नज़रो से मुझे देखने लगी…दूसरी तरफ सोनम मुझे प्यार भरी नज़रो से देख रही थी…मैं दोनो की आँखो को देख कर परेशान था…
काजल की आँखे बोल रही थी कि , अकेले मे मिलो फिर तुम्हे देखती हूँ….मेरी माँ को चोद रहा था…ऑर सोनम की नज़रे कह रही थी कि, तुमने प्रपोज कर दिया ऑर फिर बात भी नही की…यहाँ तक कि पूछा भी नही दुवारा….
मैं दोनो की आँखो को देखता रहा ऑर फिर किसी ने उनको आवाज़ दी ऑर दोनो घूम कर अंदर निकल गई….
मैने सोचा कि जब तक पिक्निक पर जाने मे देरी है तो क्यो ना कॉल कर लिया जाय…
फिर मैने , डॅड, सविता, रेखा, रश्मि को काल किया..ऑर सबका हाल चाल पूछ लिया बारी-बारी…मैने सोचा कि संजीव को कॉल करू…फिर सोचा की कल मिल कर ही बात करूगा उससे…फिर मैने रेणु दी को कॉल करने का सोचा पर उसके पहले ही एक आवाज़ आई , मेरे पीछे से ऑर मैं रुक गया…
आंटी- बेटा..चलो..सब रेडी है….
मैं-ओके आंटी..चलिए..
कामिनी के बहुत से रिश्तेदार ऑर घरवाले हमारे साथ पिक्निक पर जा रहे थे…वहाँ कई कार थी ऑर सब कार्स से ही जा रहे थे…कुछ लोग निकल गये थे ऑर कुछ निकल रहे थे…
सबका तो मैं देख नही पाया ..क्योकि सब निकल गये थे , सिर्फ़ हम लेट हो गये थे…वो भी शायद मेरी वजह से…मैं लेट जगा था ना…
हमारे साथ दो कार और भी थी…एक सोनू की कार….उसमे सोनू, सोनू के पापा, काजल और सोनम थे, दूसरी कार कामिनी की थी..उसमे कामिनी, दीपा और मनु ऑर सुषमा थी, कामिनी खुद ड्राइव कर रही थी….मैं मनु को देख कर खुश हो गया कि चलो, इसने मेरी बात तो मान ली....आगे भी मान जाय बस...
ऑर मेरी कार मे…रिचा ऑर दो लड़किया थी…जो मुझे दामिनी की चुदाई के बाद मिली थी…हाँ , ये यहाँ काम करने वाली थी…पर आज इन्हे देख कर कोई नही कह सका था कि ये नौकरानी है…वो दोनो मस्त ड्रेस मे थी ओर फुल मक-अप के साथ…..
फिर हम सब कामिनी के मॅंगो फार्म के लिए निकल गये…जो गाओं से बाहर 5-6 किमी की दूरी पर था…
पूरे रास्ते मे हम बाते करते रहे…ऑर रिचा मेरे लंड को भी छेड़ देती थी…वो दोनो लड़किया पीछे की शीट पर थी …उनमे से एक तो बोल रही थी पर दूसरी चुप ही थी….और मैं मिरर मे उसे देखता तो वो शरमा जाती थी…
मैने उन दोनो का नाम पूछा तो पता चला कि उनका नाम ममता ओर पारूल है…..
रास्ते मे रिचा तो बेशरम हो कर मेरा लंड सहला रही थी और ममता ये देख कर मुस्कुरा रही थी..पर पारूल शरमा के आँखे नीचे लिए हुए चुप थी…पूरे रास्ते रिचा मस्ती करती रही और हम आख़िर कार पहच ही गये…कामिनी के मॅंगो फार्म पर…
वहाँ जा कर मैने कार पार्क की तो ममता ऑर पारूल अंदर निकल गई कामिनी के पास…और ममता मुझे देख कर स्माइल कर गई ऑर अंदर मिलने का इशारा कर दिया…
मैं और रिचा भी कामिनी ऑर आंटी लोगो के साथ अंदर जाने लगे…
मैं- वाउ कामिनी जी…मस्त फार्म है आपका…
कामिनी- आपको पसंद आया…???
मैं- बहुत ..सच मे…सहर मे ये सब कहाँ मिलता है…
कामिनी- ह्म्म्मं, ये तो है…अंदर चलिए…ऑर भी पसंद आयगा…
और हम ऐसे ही बाते करते हुए अंदर जाने लगे….
अंदर जाते हुए मैने देखा कि यहाँ भी छोटे-छोटे घर बने हुए थे...जो गिनती मे 5 थे...ऑर एक तरफ घने आम के पेड़ थे ऑर दूसरी तरफ अलग तरह के पेड़....
मैं- तो कामिनी हमारी पिक्निक कहाँ होगी...*???
कामिनी- यहाँ तो हर जगह पिक्निक हो सकती है..जहा आप चाहे….पहले वहाँ तो चलिए जहाँ बाकी के लोग है…
थोड़ा आगे जाने के बाद हमे बाकी के लोग मिल गये ….हम सब एक घर के पास थे…उनमे से कुछ लोग खाना बनाने वाले ऑर वेटर भी दिख रहे थे…शायद यहाँ भी कामिनी ने मस्त इंतज़ाम किया है…पूल पार्टी की तरह..
मैने देखा कि यहा भी सब वेस्टर्न ड्रेस मे आए हुए है…ऑर कुछ अजनबी मस्त माल भी दिखाई दिए….सच मे मस्त चान्स है यहाँ चुदाई के….
कामिनी- सुनिए..सब सुनिए….आप सब गार्डन घूमे …जहाँ भी जाना हो जाए…पर ड्रिंक ऑर खाने का इंतज़ाम वहाँ होगा…ऑर कामिनी ने इशारे से एक जगह दिखाई…
कामिनी- ऑर हाँ…जो लोग पूल का मज़ा लेना चाहे, उन्हे बता दूं कि उस घर मे ऑर उस घर मे ..अंदर पूल भी है….( ऑर कामिनी ने दो घरो को इशारे से दिखा दिया)…अब अप सब एंजाय करे…
कामिनी की बात सुन ने के बाद ..सब लोग आपस मे ग्रूप बनाते हुए गार्डन मे घूमने लगे…
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