10-11-2021, 11:26 AM,
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deeppreeti
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 137
ऋतु आँसू पोंछते हुए बोली- "हाँ, मैंने ही तो गलती की है। मुझे इसकी सजा तो मिलनी ही है..."
मुझे अब बात समझ में आ गई की उसको सिर्फ अ से प्राब्लम है। मैंने उसको कहा- "ऋतु तुम मुझे समझ पाई हो या नहीं? मैं नहीं जानता पर इतना जरूर कहूगा की जो मेरे मन में होता है वही मेरी जुबान पर। मैं दोहरा जीवन नहीं जीता। और अगर फिर भी तुमको यही लगता है तो, मैं तुम्हें और ज्यादा कबिन्स नहीं कर सकता.." कहकर मैं अपनी चेयर पर जाकर बैठ गया।
ऋतु बहुत देर मह को झकाए बैठी रही फिर कहने लगी- "अच्छा... मैं आपकी बात समझ गई पर अब आप अनु से नहीं मिलोगे..."
में उसके मुँह से दीदी की जगह अनु सुनकर थोड़ा सा चौका। पर मैंने कुछ कहा नहीं। मैंने कहा- "तुम ऐसा क्यों कह रही हो?"
ऋतु बोली- "मुझे नहीं पता। पर अब अगर आप अनु से मिले तो..... और उसने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
मैं समझ गया वो मुझे अब एमोशनल बलेकमेल कर रही है। पर मैं उसको कुछ नहीं कहने चाहता था। मैंने उसको कहा- "ऋतु देखो, तुम मेरे ऊपर अपनी मर्जी थोप नहीं सकती। लेकिन मैं तुमसे ये वादा करता हूँ की जब तक अनु यहां है, वो मुझे अगर खुद मिलने आई तो मैं उसको जरूर मिलूंगा । पर यहां से जाने के बाद मैं उसको कभी मिलने नहीं जाऊँगा, ना ही मैं उसको फोन करूँगा ..."
मेरी बात सुनकर ऋतु को कुछ राहत मिली, फिर बोली- "अच्छा आप उसको नहीं कहोगे की वो आपको मिले, और आपको मुझे ये प्रामिस करना होगा की यहां से जाने के बाद अनु आपकी लाइफ से बाहर हो जाएगी..."
मैंने कहा- "आई प्रामिस."
फिर ऋतु कहने लगी- "वैसे भी जीजा अब उसको यहां भेजेंगे नहीं "
मैंने कहा- ऐसा क्यों?
ऋतु बोली- "वो में आपको नहीं बताऊँगी.."
मैंने कहा- "मुझं तुमने जो कहा, मैंने माना और तुम मुझसे छुपा रही हो..."
ऋतु बोली- "आप समझ नहीं रहे हो? वो उनका पर्सनल मामला है..."
मैंने कहा- "फिर भी क्या बात है पता तो चले?"
ऋतु ने कहा- "आप मेरे जीजा से कभी नहीं मिले। अगर मिल लेतें तो आप खुद समझ जाते..."
मैंने कहा- "मुझे डीटेल में बताओ माजरा क्या है?"
ऋतु बोली- "अनु की शादी जब हई थी, तब जीजु की जाब टेम्परारी थी, और उनका अपना घर भी नहीं था। पर हम लोगों से उन्होंने ये बात छुपाई थी.."
मैंने ऋतु की बात काटते हुए कहा- "पहले अनु के पति का नाम बताओ?"
ऋतु ने कहा- "सुमित .."
मैंने कहा- "हाँ अब बताओं सुमित के बारे में?"
ऋतु बोली- "फिर जब हम लोगों ने रिश्ता पक्का कर दिया, तो वो जल्दी शादी की जिद करने लगे। हमने जैसे तैसे इंतजाम किया..."
मैंने कहा- "हाँ, वो बात तो मुझे पता ही है."
ऋतु बोली- "शादी के बाद जब हमें जाब वाली बात पता चली तो पापा को बड़ा गुस्सा आया..."
जारी रहेगी
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10-12-2021, 09:33 AM,
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deeppreeti
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 138
मैंने कहा- "सही बात है। कोई भी होता तो उसका गुस्सा आता..."
तब जीज ने कहा- "अपनी लड़की को ले जाओ, जब मेरी जाब पक्की हो जाएगी मेरे पास छोड़ जाना..."
अत- "अब लड़की को घर में कैसे बैठा लेते। हम कुछ कर नहीं सकते थे। मजबूरी में हमें अडजस्ट करना पड़ा."
मैंने कहा- "अब उनका अपना घर है या अब भी...."
ऋतु बोली- "नहीं अभी तक वा रेंट पर ही रहते हैं.."
मैंने कहा- "और जाब?"
ऋतु बोली. "वही तो है सारे फसाद की जड़."
मैंने कहा- "क्या मतलब वो कहीं और जाब कर रहा है?"
ऋतु बोली- "हाँ, 5-6 महीने से वो कहीं और जाब कर रहे हैं। अनु भी बीच में उनकी हेल्प के लिए घर पर बच्चों को पढ़ाती थी। पर बेंबी होने की बजह से उनको अब ट्यशन छोड़नी पड़ी..."
मैंने कहा- फिर?
ऋतु बोली- "अब जीजू जहां जाब करते हैं, वहां उनकी सेलरी ₹9000 है। पहले तो जैसे-तैसे घर चल रहा था पर अब बेबी हो गया है। अब मुश्किल हो रही है..."
मैंने कहा- "तुमने जो भी बात बताई है, उसका इस बात से क्या मतलब है की वो यहां नहीं आएगी? ये बात मुझे समझ में नहीं आई की वो यहां क्यों नहीं भेजेंगा?"
ऋतु बोली- "बता तो रही हूँ। अब जीजू ने ये कहा है की अनु भी जाब करेंगी, तब घर चलेगा.."
मैंने कहा- "हम्म्म्म .. इसलिए वो यहां नहीं आएगी। चलो अच्छा है उसका मन जाब में लग जाएगा, तो वैसे भी मुझे कहां याद रखेंगी?"
ऋतु बोली- "आप अनु को नहीं जानते, वो जाब नहीं करेंगी.."
मैंने कहा- "उसको क्या प्राब्लम है जाब करने में? सुमित की हेल्प ही तो करेगी वो जाब करके। सुमित सही तो कह रहा है। अनु पढ़ी लिखी है अगर जाब करेंगी तो उसकी हेल्प हो जाएगी..."
ऋतु बोली- "अनु भी मान गई है। पर जब तक बेबी छोटा है वो कैसे करें?"
मैंने पूछा- "सुमित के पैरेंट्स उसके साथ रहते हैं या अलग?"
ऋतु ने कहा- "उनके पैरेंट्स नहीं हैं..."
मैंने कहा- "फिर किसी ई-बोडिंग में बेबी को छोड़कर दोनों पति पत्नी जाब कर सकते हैं...
ऋतु बोली- "यही बात तो अनु नहीं मान रही। इसीलिए जीजू अनु को यहां छोड़कर गये थे की उसको हम सब समझाएं की वो जाब कर ले..."
मैंने कहा- फिर अनु मान गई?
ऋतु ने कहा- "हाँ, वो मन तो गई पर जीजू जहां उसका जाब के लिए कह रहे हैं, वो वहां नहीं करना चाहती..."
मैंने कहा- वहां कोई प्राब्लम है तो ना करे, कहीं और कर ले।
ऋतु बोली- यही तो है सारे प्राब्लम की जड़। जीजू उसको वहीं जाब करने के लिए जोर दे रहे हैं।
मैंने कहा- सुमित ने उसकी कोई वजह तो बताई होगी?
जारी रहेगी
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11-10-2021, 11:18 PM,
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deeppreeti
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 139
ऋतु ने कहा- "वो तो यही कह रहे थे की मैं जहां जाब लगवा रहा हूँ वहां सैलरी ज्यादा मिलेगी और जगह से।
मैंने कहा- फिर अनु को ये बात समझ में नहीं आ रही या कोई और बात है उसके मन में?
ऋतु बोली- "असल में जिस जगह जीजू कह रहे हैं, एक तो वो उनके घर में 15-20 किलोमीटर दूर है, दूसरा वो फैक्टरी बिल्कुल सूनसान जंगल में है, और अनु कह रही थी......"
मैंने कहा- "क्या कहा अनु ने?"
ऋतु बोली- "अनु ने बताया है की उस फैक्टरी में लेडीस का बड़ा बुरा हाल है। मतलब आप समझ सकते हो."
मैंने होंठों को गोल करके सीटी बजाई, और कहा- "सुमित को कोई शौक तो नहीं? जैसे शराब, जुआ या कोई और?"
ऋतु बोली- "शराब का तो पता नहीं, पर वो मैच पर पैसे लगाते हैं। पता नहीं क्या होता है?"
मैंने कहा- "बॅटिंग करता है इसका मतलब? पर ये बताओं उसके पास पैसा कहां से आता है इसके लिए?"
ऋतु बोली- "दीदी का सारा जेंवर उन्होंने बेच दिया इसी काम में..."
मैंने कहा- "इस काम को करने वाला तो......."
ऋतु बोली- "आपकी बात मैं समझ गई."
मैंने ऋतु में कहा- "तुम अनु से कुछ मत कहना की तुमने मुझे ये सब बता दिया है। वरना उसको बुरा लगेगा..."
ऋतु बोली- "नहीं मैंने तो आपकी जिद्द की वजह से आपको बताया है। वरना में आपको बताती भी नहीं.."
मैंने उसको कहा- "अब तुम जरा आफिस का काम देखो। दो दिन में क्या हुआ पता नहीं। में भी देखता हैं, और शाम को जब मेरे पास आना तो मूड ठीक करके आना..."
ऋतु मुश्कुराकर बोली- "आपसे ज्यादा देर तक कोई भी नाराज नहीं रह सकता.."
मैंने कहा- "मजाक बना रही हो?"
ऋतु बोली- नहीं कसम से।
ऋतु के जाने के बाद मैं अनु के बारे में सोचने लगा। सच बात तो ये थी की मैं मन ही मन अनु को प्यार कर बैठा था। मुझे उसकी में तकलीफ अपनी लगने लगी। पर मैं उसकी तब तक कोई हेल्प नहीं कर सकता था जब तक वो मुझसे कुछ ना कहे। क्योंकी वो शादीशुदा है। अगर मैं उसको कोई हेल्प करता तो, हो सकता है इ उसके पति के मन में कोई गलत बात आती। मैं यही सब सोचता रहा। फिर मैंने अनु को फोन मिला दिया।
अनु ने हेलो कहा।
मैंने कहा- पहचाना?
अनु बोली- "आपको भल सकती है क्या? और आपका टाइम मिल गया?"
कहा- "ये बात तो मुझे तुमसे पूऊजी है?"
अनु बोली- “जब से आई हूँ आराम कर रही ह.."
मैंने कहा- "और आज बोर तो नहीं हो रही?"
अनु बोली- "आपके साथ तो नहीं हुई थी। पर अब होने लगी है.."
मैंने कहा- वापिस कब जाना है?
अनु बोली- अभी कुछ नहीं पता।
मैंने कहा- "मैं तुमसे मिल सकता हूँ?"
अनु बोली- कब?
मैंने कहा- "आज। अभी...
अनु ने कहा- कहा?
मैंने कहा- मेरे घर पर।
अनु बोली- मैं वहां किसके साथ आऊँगी, और मम्मी को क्या कहेंगी? ऋतु का भी मूड खराब है कल से।
मैंने कहा- ऋतु का मूड अब सही है, मैंने उसको समझा दिया है। तुम आने की चिंता नहीं करो। कार भेजता हूँ।
अनु बोली- पर मम्मी ?
मैंने कहा- उनसे कोई बहाना बना दो की किसी दोस्त से मिलने जा रही हैं।
अनु बोली- नहीं-नहीं, मैं यहां किसी को जानती ही नहीं। मैं क्या कहूँगी?
मैंने कहा- "चलो मैं तुमको एक आइडिया देता हैं। अगर फिट हो जाए तो मुझे बता देना.. अनु को मैंने
आइडिया बता दिया। मेरा आइडिया फिट बैठ गया।
अनु का फोन आया, "बताइए में कहां आऊँ?"
उसके घर के पास एक बाजार है, उसको वहां बुला लिया। मैंने कहा- "तुम वहां पहुँचो में आ रहा हैं."
मैं आफिस से ये कहकर निकला की मुझे कोई काम है, और मैं सीधा अनु के पास गया। अनु ने मुझे देख लिया। मैंने उसको अपनी कार में बैठाया और घर आ गया। मैंने अनु को अपने रूम में लेजाकर उसको अपनी बाहों में भर लिया और चूमते हुए कहा- "तुमसे दूर एक दिन भी नहीं रहा गया.."
जारी रहेगी
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11-10-2021, 11:56 PM,
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deeppreeti
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 140
अनु बोली- "बाब, मैं भी आपसे मिलने को तड़प रही हैं पर क्या करती?"
मैंने कहा- "तुम मुझे फोन तो कर देती.."
अनु बोली- "कल से ऋतु मुझे उल्टा सीधा बोल रही है। मैं कल जब से आई हूँ वो मुझे अकेला छोड़ ही नहीं रही थी। आपका फोन कैसे करती?"
मैंने कहा- कोई बात नहीं।
अनु ने कहा- "ऋतु आफिस में है?"
मैंने कहा- हाँ पर उसको पता नहीं की मैं यहां तुम्हारे पास हूँ
अनु मुश्कुराकर बोली- "आप बड़े चंट हो.."
मैंने कहा- "तुम्हारे लिए बनना पड़ा। तुम कल मेरे गम में जो देख रही थी वो में तुमको दिखा?"
-
अनु झेंप गई।
मैंने कहा- "आओ मैं दिखता है.." कहकर मैं उसको दूसरे रूम में ले गया। वहां मैंने मेरी पत्नी सोनम की फोटो अनु को दिखाई।
अनु पिक देखकर देखती रही फिर बोली- "आपकी वाइफ तो बड़ी सुंदर है मेरे से भी कहीं ज्यादा..."
मैंने कहा- "हो... सुंदरता दो तरह की होती है- तन की, और मन की। दोनों सबके पास नहीं होती.."
अनु बोली- "इसका मतलब?"
मैंने कहा- "तुम्हें टाइम आने पर समझ में आ जाएगा। अब चलो मेरे राम में बैठकर बातें करते हैं.."
मैंने अनु से पूछा- "सुमित का फोन तो नहीं आया था?"
अनु मेरे मुँह में अपने पति का नाम सुनकर चौंक गई।
मैंने कहा- "मुझे उसका नाम ऋतु ने बताया है.."
अनु ने मुझे देखा और कहा- "ऋतु में और क्या बताया है?"
मैंने कहा- कुछ नहीं।
अनु ने कहा- बाब, आप मेरे से झठ मत बोलो।
मैंने कहा- सच में।
अनु बोली- आपको झठ बोलना नहीं आता। आपके चेहरा से पता लग रहा है।
मैंने कहा- हौं ऋतु ने थोड़ा बहुत बताया था, पर जाने दो। ये बताओ क्या लोगी चाय या काफी?
अनु बोली- पहले आप बताओ आपको क्या कहा ऋतु ने?
मैंने अनु को सब बता दिया क्योंकी अब उसको पता चल हो चुका था। मैंने अनु से कहा- "मुझे ये सब सुनकर बड़ी तकलीफ हुई है। तुम जो चाहो तो मैं तुम्हारी हेल्प करने को तैयार हैं। बोलो जितना कहो उतना"
अनु मेरे सीने से लगकर बोली- "बाबू आपने मेरे दर्द को समझा। मेरे लिए वही बहुत है। मुझे कुछ नहीं लेना.."
मैंने कहा- तुमको दुखी देखकर मुझे चैन नहीं आएगा।
अनु ने कहा- "दुख तो मेरी किश्मत में लिखा है आप चाहकर भी उसको बदल नहीं सकते...' कहते हुए अनु की आँखों से मोती बहने लगे।
मैंने अनु के आँसू पोछते हुए कहा- "अनु अगर तुम ऐसे रोने लगी तो तुम जिंदगी की जंग को बिना लड़े ही हार जाओगी..' कहकर अनु को मैंने अपने गले से लगा लिया।
अनु अब मेरे सीने पर अपना मुँह रखकर सिसक रही थी।
मैंने अनु को पानी दिया और कहा- "पानी पियो.."
-
अनु ने दो घूँट पिए।
फिर मैंने कहा- "मुझ पर विश्वास है?"
अनु ने कहा- "खुद से भी ज्यादा..." और मेरे से चिपक गईं।
मैंने कहा- फिर तुम वैसा ही करो जैसा मैं कहूँ।
अनु मुझं लाल-लाल आँखों से देखती हुई बोली- "बताइए?"
मैंने कहा- "सबसे पहले तो अपना मूड ठीक करो। लाइफ में दुख तो सबको आता है पर जो लोग उसका सामना करने से डरते हैं, वो अक्सर हार जाते हैं.."
अनु मुझे एकटक देखती ही रह गई।
फिर मैंने कहा- "तुम पहले ये बताओ जाब करोगी या नहीं?"
अनु ने कहा- " करूँगी पर....."
मैंने कहा- क्या पर?
अनु ने कहा- मैं कम से कम 3 महीने बाद जाब करूँगी, और वहां किसी भी कीमत पर नहीं करूँगी।
मैंने अनु को कहा- "तुम्हें 3 महीने तक जाब करने के लिए कोई नहीं कहेगा। ये मेरी गारंटी है."
अनु मुझं हैरान होकर देखने लगी, और बोली- "आप क्या करोगे?"
मैंने कहा- "ये सब मुझ पर छोड़ दो। काई तुम्हें मजबूर नहीं करेगा.." फिर पूछा- "जहा सुमित जाब के लिए कह रहा है, वहां जो प्राब्लम है मुझे बताओ.."
अनु बोली- "क्या बताऊँ? बस इतना समझ लीजिए की वहां जाने के बाद......"
मैंने कहा- वहां ऐसा क्या है बताओ ना?
अनु ने कहा- मेरे घर के पास मेरी एक दोस्त है। उसने मुझे बताया था वहां के बारे में।
मैंने कहा- क्या बताया था?
अनु बोली- "उसने कहा था की वहां जो भी लड़की जाती है, सिर्फ रंडी बनकर बाहर निकलती है."
मैंने कहा- "हम्म्म्म... लेकिन जो बात तुमको पता है वो सुमित को पता ना हो ऐसा तो हो नहीं सकता."
जारी रहेगी
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11-11-2021, 12:11 AM,
(This post was last modified: 11-11-2021, 12:12 AM by deeppreeti.
Edit Reason: cprrection in update no.
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 140
अनु मुझे देखकर रवांसी आवाज में बोली- "उसको सब पता है."
मैंने कहा- "ये बात जानते हए भी वो ऐसा कर रहा है।"
अनु ने कहा- "वो तो मुझे कब से इस्तेमाल करने की सोच रहा है। मेरी किश्मत ही अच्छी है जो मैं अभी तक..."
मैंने कहा- "मतलब इससे पहले भी उसने कोई हरकत करी थी?"
अनु ने कहा- "शादी के 4-5 महीने बाद सुमित ने मेरे को कहा की उसकी जाब टेम्पोरेरी है। उसकी जाब पर्मानेंट हो जाएगी अगर मैं उसकी हेल्प करुँगी तो.."
मैंने कहा- इसमें क्या सोचना है? आप जो कहोगे करने को मैं कर दूँगी..."
तब सुमित ने कहा- "तुम्हें मेरे बास को खुश करना पड़ेगा। बस एक रात की बात है। तुम उसको खुश कर दो मेरा प्रमोशन भी हो जाएगा..."
तब मैंने कहा- "तुम जैसा घटिया इंसान मैंने कभी नहीं देखा। वो सच में बड़ा कमीना है..."
मैंने कहा- ये बात तुमने अपनी मम्मी को बताई थी?
अनु की सनी आँखों में फिर से आँस आ गये। अनु बाली- "मैंने कहा था, पर मम्मी उनसे भी ज्यादा महान हैं..."
मैंने कहा- क्या मतलब?
अनु ने कहा- "मम्मी बोली की अगर उसकी मज़ीं है तो तुझे क्या फर्क पड़ रहा है। मान जा। एक रात में तेरा क्या बिगड़ जाएगा?"
मैंने अनु को अपने गले से लगाकर कहा- "फिर तुमने क्या किया?"
अनु ने कहा- मैंने उसको साफ-साफ बोल दिया की अगर तुमने मेरे साथ जबरदस्ती की तो मैं जहर खा लेंगी। इस बात से वो डर गया। उसने मुझे कुछ नहीं कहा। पर उसके मन में आज तक मेरे लिए प्यार नहीं देखा मैंनें।
मैंने कहा- तुमने बिल्कुल ठीक किया। ऐसे आदमी की कोई बात मत मानना।
अनु ने कहा- मैं आपको कैसे बताऊँ वो कितना जालिम है। मेरे साथ जानवरों जैसे बिहेंब करता है।
मैंने अनु को देखा तो अनु की आँखें फिर से भर आई। फिर बोली- "वो मुझे जानवरों की तरह मारता है। मेरे बाल पकड़कर मुझे घसीटता है, गालियां देता है, मेरे जिश्म को सूजा देता है मार-मार कर..." बोलते-बोलते अनु फिर से रोने लगी।
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मैंने उसको चुप कराया और कहा- "अनु प्लीज... बस करो। मैं और एक शब्द भी नहीं सुन सकता। तुम्हारी बात सुनकर मेरा खून खोलने लगा है...
अनु बोली- "अभी एक बात तो और है जो मैंने आज तक किसी को नहीं बातयी। पर आपको बता रही है..."
मैंने कहा- क्या?
अनु बोली- जब में प्रेग्नेंट थी तब उसने मुझसे कहा था की शिल्पा को बुलवा लो कुछ दिन के लिए।
मैंने कहा- वो यहां पर क्या करेंगी?
तब उसने कहा था- "जब तक तू मेरे साथ सोने के लायक नहीं है वो सोएगी..."
अनु बोली- "छी... कितना जलील है वो इंसान?"
मैंने कहा- फिर?
अनु ने कहा- उसके मन में शिल्पा के लिए शुरू से ही गंदगी भरी है। मैं जानती हूँ ।
मैंने कहा- तुम्हारे घर शिल्पा कभी गई है रहने?
अनु बोली- "अभी जब गई थी तब भी उसने कोशिश तो करी पर, मैंने उसका कुछ करने नहीं दिया। इस बात के लिए उसने मुझे इतना मारा था की में पूरा दिन बेंड से उठ नहीं सकी। वो अब उसी बात का बदला ले रहा है,
मुझे वहां जाब करने के लिए मजबूर करके..."
मैने अनु की बंद पलकों पर किस करा और कहा- "अब तुम बिल्कुल फिकर मत करो। मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं तुमको अब दुखी नहीं होने दूंगा.."
अनु बोली- "आपके साथ वहां मैं अपने सब गम भूल गई थी। मुझे वहां लग ही नहीं रहा था की मेरे को कोई गम हैं। पर यहां आते ही वही सब याद आ गया."
मैंने कहा- "मैं हूँ ना... चिता मत करो." फिर मैंने अनु से कहा- "अब कुछ मन हल्का हुआ?"
अनु ने कहा- "ही... आपसे बात करके अब अच्छा लग रहा है.."
मैंने कहा- "चला अब तुमको छोड़ आता हूँ। मुझे भी आफिस जाना है.."
अनु ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे बैंड पर अपने साथ बैठा लिया। फिर उसने मेरे चेहरा को अपने हाथों से पकड़कर मेरे होठ चूस लिए और बोली- "बाबू मेरा मन कर रहा है की आज आपको प्यार करने का .."
मैंने कहा- सच में?
अनु ने मेरी आँखों में अपनी आँखें डाली और कहा- "सच में..."
मुझे उसकी बात सच लगी। क्योंकी उसकी आँखों में अपने लिए मुझे प्यार नजर आने लगा था। पर एक औरत के दिल को कोई नहीं समझ सकता। मैंने अनु को अपनी बाहों में ले लिया और उसको चूमते हुए कहा- "अनु आज मेरा मूड बन नहीं रहा तुम बना सकती हो तो?"
अनु ने मुश्कुराकर कहा- "बस इतनी सी बात?" और अनु ने अपने सब कपड़े उतार दिए और मेरे भी उत्तर दिए । अब हम दोनों बेड पर नंगे थे। अनु ने मेरे सीने पर से चमना शुरू किया और मेरे लण्ड के पास तक चूमती रही। फिर अनु ने मेरे लौड़े को अपने मुह में ले लिया और अपनें होंठों में कसकर दबा दिया।
अनु के मुंह में जाते ही मेरे लौड़े को मजा आने लगा। अनु में मेरे लौड़े को अपनी जीभ से सहलाया फिर उसने मेरे लौड़े को अपने मुंह से बाहर निकालकर अपने हाथ में ले लिया और फिर उसने मेरे टटे को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और हाथ से लण्ड को हिलाने लगी। फिर अनु ने मेरे लौड़े को अपनी जीभ से ऐसे चाटा जैसे कोई आइसक्रीम को चाट रहा हो।
मेरे मुँह से- "उफफ्फ़." की आवाज निकली। अनु ने फिर से मेरी गोलियों को चूसना शुरु कर दिया। मैं मस्ती में भर कर- "आअहह... अनु मेरी जान..." करने लगा।
अनु ने फिर मेरे लण्ड पर अपना मैं रख दिया और अपने होंठों को मेरे लण्ड की जड़ पर लेजाकर रख दिया।
उसकी इस हरकत से मरे पर जिएम में बिजली दौड़ गई। मैं मस्ती की आहे भरने लगा। मैंने कहा- "अनु मेरी जान..."
अनु ने मेरे लण्ड को अपने मुँह से बाहर निकाला और लंबी साँस लेकर कहा. "बाबू मजा आया?"
मैंने कहा- जान ही आअहह... आज क्या कर रही हो... आज तो पागल बना दोगी आअहह.."
अनु ने एक बार फिर से वैसा ही किया। वो मेरे लौड़े को अपने गले तक ले गई। फिर मैंह में लेकर चूसने लगी।
मैं बोला- "अनु मेरी जान ... लगता है आज चूत का नम्बर नहीं आने दागी मुँह से ही झाड़ कर मानोगी."
मुश्कुराकर अनु ने कहा- "झड़ने दो.." अनु ने फिर मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और उसको लोलीपाप की तरह चूसने और चाटने लगी। मेरे लौड़े पर इतना प्यार बरसा रही थी अनु की मेरे लण्ड के भी आँस निकल पड़े।
मैंने कहा- अनु मेरी जान मेरे लौड़े को मैंह से कस-कस कर चसा मैं झड़ने वाला हैं।
अनु ने मेरे लौड़े को मुँह में अच्छे से जकड़ लिया और लण्ड को झड़ा दिया। मेरे माल से अनु का मुँह भर गया। पर अनु ने उसको बाहर नहीं आने दिया सब पी गई।
मैने अनु से कहा- "आहह... मजा आ गया..."
अनु बोली- "आपको मजा आ गया, इसका मतलब मैंने सही किया है."
मैंने उसकी चूची को पकड़कर कहा "ही मेरी जान..." और पूछा- "उस दिन का टेस्ट अच्छा था या आज का?"
अनु ने नजरें झुका कर कहा- "आज का.."
जारी रहेगी
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03-13-2022, 06:23 PM,
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aamirhydkhan
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RE: Kamukta kahani कीमत वसूल
कीमत वसूल
UPDATE 141
मैंने फिर अनु को उसके घर के पास छोड़ दिया और मैं आफिस चला गया।
आफिस में गया तो ऋतु मरे केबिन में बैठी थी। मुझे देखकर बोली- "आपका कब से इंतजार कर रही
हैं."
मैंने कहा- "सारी... मैं किसी काम में फंस गया था.."
ऋतु बोली- "मुझे क्या आपका ही काम था? मैं तो आपके लिए ही इंतेजार कर रही थी, आप
इतनी देर से आए हो मैं तो अब जा रही हैं.."
मैंने उसको ज्यादा कुछ नहीं कहा, मैंने कहा- "ओके कल देखते हैं. मेरा भी मन तो था नहीं,
क्योंकी अनु ने पानी निकाल दिया था। इसलिए अब उसको रोक कर क्या करना था।
अगले दिन मैंने शोभा को फोन किया और कहा- "मुझे तुमसे कुछ काम हैं कहां मिलोगी?"
शोभा ने कहा- जहाँ आप कहो।
मैंने उसको कहा- "मेरे घर आ जाओ.."
शोभा बोली- "कोई खास काम तो नहीं?" क्योंकी वो चुदाई की बात समझ रही थी।
मैंने कहा- "नहीं वो कुछ अलग काम है.."
शोभा शाम को मेरे घर आ गई। मैंने उसको समझते हुए कहा- "शोभा ये लो 250000.."
शोभा पैसे देखकर चौंक गई, और बोली- "ये किसलिए दे रहे हो?"
मैंने कहा- "ये तुम रख लो। जब सुमित अनु को लेने आए तब सुमित को में पैसे दे देना और इस तरह
से समझा देना की अनु को अभी तीन-चार महीने जाब के लिए मजबूर नहीं करे..."
शोभा मेरे मैंह को ताकने लगी। उसकी समझ में नहीं आ रहा था की मैं अनु के पति को अनु के
लिए क्यों पैसे दे रहा हैं? ये तो शोभा को समझ में आ चुका था की मैंने अनु को भोग लिया है
पर बात यहां तक आ जाएगी, बो नहीं सोच सकती थी।
मैंने उसको कहा- "ये बात उसको अचछे से समझाकर पैसे देना.."
शोभा बोली- "हाँ जी, मैं उससे पहले सब बात करेंगी..."
मैंने कहा- "अनु कहीं भी जाब करेंगी तो भी इतनी सलरी नहीं मिलेंगा उसको। जितना मैं दे
रहा है..."
शोभा ने ही में सर हिला दिया।
मैंने कहा- "और एक बात, तुम कल अनु को लेकर मेरे घर आ जाना। मुझे उससे कुछ काम है.."
शोभा बोली- "किस टाइम तक आ जाऊँ उसे लेकर?"
मैंने कहा- "दो बजे के बाद आ जाना..." और शोभा को विदा कर दिया।
अगले दिन में आफिस गया तो लंच से पहले मैंने अपने सब काम निपटा लिए और घर चला गया। मैं
अब अनु का इंतजार कर रहा था। मैंने अनु को फोन किया और पूछा- "कहां हो?"
अनु ने कहा- "मम्मी के साथ आ रही हूँ.."
मैंने कहा- "आ जाओ..."
थोड़ी देर बाद अनु और शोभा आ गई। मैंने पहले उन लोगों को ड्राइंग रूम में ही बिठा दिया।
चाय पीने के बाद मैंने शोभा से कहा- "तुम यही बैठो मैं अनु से अकेले में कुछ बात करेंगा."
शोभा में कोई ना-नकर नहीं किया। पर अनु शर्मा गई। मैं उसको अपने रूम में ले गया।
अनु बोली- "आपने मम्मी के सामने मुझे यहां आने को कहा। वो क्या सोच रही होंगी?"
मैंने उसको कहा- "तुम अपनी माँ को इतना सीधा मत समझो। उसको सब पता चल गया है."
अनु का चेहरा लाल हो गया, बोली- "हे राम..."
फिर मैंने उसको कहा- "अनु मैंने तुम्हारा काम कर दिया है। अब कोई तुम्हें जाब के लिए तंग
नहीं करेंगा."
अनु मुझे हैरान नजर से देखने लगी।
मैंने कहा- "सच में... मैंने वो काम कर दिया है.... फिर मैंने अनु को बता दिया की मैंने क्या
किया है।
अनु मेरे से चिपट गई, बोली- "बाब, आप मेरे लिए ये सब क्यों कर रहें हो?"
मैंने कहा- "कुछ भी समझा लो। ऐसे समझ लो की कोई दोस्त तुम्हारी हेल्प कर रहा है..."
अनु ने मुझे देख कर अपनी आँखों में प्यार भरते हुए कहा- "आप मेरे लिए क्या हो, मैं बता नहीं
सकती..."
मैंने कहा- क्या हूँ?
अनु शर्मा गईं।
मैंने कहा- मैं क्या हूँ बताओं ना?
अनु बोली- नहीं शर्म आती है।
मैंने उसको बाहों में भरा और कहा- "मेरे कान में बता दी। हम आपके है कौन?"
अनु ने मेरे कान में हल्के से कहा- "मेरे पिया, मेरा बाबू, मेरी जान, मेरा देवता..."
मैंने अनु को कहा- "मैं इतना अच्छा भी नहींम जितना तुम समझती हो.."
अनु ने कहा- मेरे लिए हो।
मैंने उसको कहा- "काश तुम मेरी लाइफ में पहले से होती?" फिर मैंने कहा- "अनु तुम ये बताओं
तुमनें कब जाना है"
अनु ने कहा- समित को कल मम्मी ने फोन किया था तब उसने कहा था वो मंगलवार को आएगा।
मैंने कहा- इसका मतलब आज शनिवार है, कल सनडे। सिर्फ दो दिन हो तुम मेरे पास यहां।
अनु ने कहा- "हम्म्म्म
... पर मैं वहां जाकर भी आपका भूल नहीं पाऊँगी.."
मैंने कहा- "मैं भी तुम याद करता रहूंगा.. और मैंने अनु को उस दिन बिना चाई ही जाने
दिया। क्योंकी में अनु के साथ पूरी रात बिताना चाहता था। मैं अनु के साथ ड्राइंग रूम में आ
गया।
मैंने शोभा को अलग लेजाकर कहा- "तुम्हें मेरा एक काम करना है."
शोभा ने कहा- कौन सा काम?
मैंने कहा- "अनु को मेरे साथ एक रात के लिए तुम्हें छोड़ना होगा.."
शोभा ने कहा- "ये कैसे हो सकता है? मैं ऐसा कैसे कर सकती हर"
मैंने कहा- "ये मैं नहीं जानता। तुमको जो करना है करो। ये कल शाम को मेरे पास यहां होनी
चाहिए."
शोभा को पता है की मैं जब अपनी पर आ जाता है तब कोई मुझे नहीं समझा सकता।
मैंने कहा "तुम कल शाम को मुझे फोन कर देना में लेने आ जाऊँगा..."
अनु ने कहा- "कहां चलना है?"
मीना कहा- "तुमको यहां आना है मेरे पास। मैंने तुम्हारी मम्मी से कह दिया है.."
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अनु ने कहा- "में आ जाऊँगी...
शोभा बोली- "अगर अनु के साथ मैं भी आ जाऊँ तो कोई दिक्कत तो नहीं?"
मैंने कहा- आ जाना।
कहानी जारी रहेगी
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